Zabardast update bro next update jaldi se dena plz plzएक दिन हमें अपने ननिहाल में किसी काम से १५ दिन के लिए जाना था लेकिन अम्मी बीमार पड़ गई, तो मैंने अब्बा को बोला कि "आप शगुफ्ता को लेके जाओ मैं अम्मी का ख्याल रखूंगा"। मैं बहुत खुश था क्यू कि मैं अम्मी के साथ 15 दिन अकेला रहने वाला था।
मैंने सोच लिया था की इन १५ दिनों का मैं पूरा फायदा उठाने की कोशिश करूँगा और माँ के साथ अपने सम्बन्ध को कुछ आगे तक जरूर ले जाऊंगा।
मैंने अम्मी को हॉस्पिटल लेके गया, दो दिन तक मैंने कुछ नहीं किया, क्योंकि वो बीमार थी। उसकी अगली रात को जैसी ही अम्मी सो गई आधे घंटे बाद मैं अपना काम करने लगा।
मुझे पता था अम्मी टैबलेट ले रही है उसे और गहरी नींद आएगी। मैं उनकी नाइटी और साया उठा कर उनकी चूत सहलाने लगा और ब्लाउज के ऊपर से ही उनकी चूचियां दबाने लगा।
करीब 5 मिनट अम्मी की चूत सहलाने के बाद मैंने देखा की अम्मी ने अपनी टाँगे चौड़ी कर दी और उनकी चूत गीली हो गई, मुझे समझ आ गया वो गरम हो चुकी है। अब यह तो मुझे पता नहीं था की अम्मी जाग रही है या सो रही है पर मैं अपने काम में लगा रहा।
मैं उनके जोड़ी के बीच में गया अपना लोअर निकाल के (8 इंच 4.5 इंच चौड़ा) लंड हिलाने लगा और उनकी चूत सहलाने लगा। मैंने अपना लंड उनकी चूत पर रखा और रगड़ना शुरू कर दिया। दोस्तो ये कुछ अलग ही था, मुझे बहुत मजा आया। मैं ऐसी ही अम्मी की चूत के ऊपर लंड रगड़ते हुवे झड़ गया उनकी चूत पे।
मुझे अब पछतावा होने लगा कि मैंने ये क्या किया, लेकिन तब तक मुझे याद आया जब मैं चूत पे लंड रगड़ रहा था तो वो आवाज़ निकाल रही थी… मम्म्ह्ह… आआहह। मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया, अब मैं उनकी चूत साफ कर दी, अब मैं फिर से उनकी चूत सहलाने लगा, अब मैंने मेरी एक उंगली उनकी चूत में घुसा दी...आआह कितनी टाइट और गरम है।
मैं अब जोर से अपनी उंगली अंदर बाहर करने लगा...अम्मी की आवाज थोड़ी तेज हो गई, पर मैंने कोई परवा नहीं किया।
थोड़ी देर बाद मैं झुक गया और उनकी चूत चटने लगा और उंगली अंदर भर कर रहा था।
अम्मी चार्मसुख के वज़ह से अपनी जाँघें मेरे सर पे दबाने लगी फिर थोड़ी देर बाद मेरे मुँह पे झड़ गई, मैंने उनकी चूत का पानी पूरा पी लिया। फिर थोड़ी देर बाद मैं उनकी नाइटी ठीक करके सो गया।
अगली सुबह अम्मी खाना बना रही थी और वो बहुत खुश लग रही थी, क्योंकि सालो बाद उनकी चूत ने झड़ा था। हमने खाना खाया, फिर अम्मी ने जो बोला उससे मैं बहुत खुश हो गया।
अम्मी: बेटा मेरा बदन दर्द कर रहा है (मुझे पता था क्यों)।
मैं : अम्मी पेनकिलर लेलो ठीक हो जाएगी।
(लेकिन अम्मी ने मना कर दिया)।
अम्मी : मैं दवा ले रही हूं, फिर से दूसरी दवा नहीं ले सकती।
अम्मी: तू मेरा बदन क्यों नहीं दबा देता।
(मैं बहुत खुश हो गया)।
मैं : ठीक है अम्मी बेडरूम में चलते हैं?
अम्मी: तू जा मैं तेल गरम करके ला रही हूँ।
अम्मी किचन से तेल लेके मुझे दी, और उल्टी लेट गयी।
मैं : अम्मी तुम्हारी नाइटी गीली हो जायेगी।
अम्मी: अब इसमें मैं क्या कर सकती हूँ। तेल तो लगेगा ही हम कुछ नहीं कर सकते.
मैं : तुमने साया पहचाना है ना? तुम नाइटी निकाल दो.
अम्मी: तू बहुत अश्लील बाते करने लगा है।अपनी ही माँ को नाइटी खोलने को कह रहा है. कुछ शर्म है या नहीं?
मैं : मैं आपकी मदद करना चाहता हूं बस, बाद में आपको धोना पड़ेगा।
अम्मी ने अपनी नाइटी उतार दी, उनकी ब्रा नहीं पहनी थी, उनका निपल दिखाई दे रहा था। उनके गोरे बदन को मैं निहार रहा था फिर अपने हाथ में तेल लगाया और उनके पीठ पर मलने लगा। मैंने उनकी पीठ, कंधे हर जगह को अच्छे से दबा दिया था, मैंने देखा उनका ब्लाउज गीली हो चुकी है तेल के वज़ह से।
मैं : अम्मी तुम्हारी ब्लाउज़ गीली हो चुकी है।
अम्मी: तू ब्लाउज को छोड़ मेरे जाँघे दबा दे.
मैं नीचे गया और जाँघे दबाने लगा, थोड़ी देर बाद मैंने अम्मी का साया ऊपर किया और उनके जांघों को दबाने लगा, जांघों के अंदर की तरफ मैंने बहुत देर तक दबाया, तेल भी बहुत लगा दिया था। जैसे मेरा अपना हाथ उनकी गांड तक लेके जाता था वो आआहह की आवाज निकलती थी, उनको भी मजा आने लगा था।
मैंने अम्मी का साया और ऊपर किया, उनकी चूत नहीं दिख रही थी, अब मैं उनकी चूत के नीचे, जाँघों को दबा रहा था। अम्मी कुछ नहीं बोल रही थी, इसे मुझे और हौसला मिला, अब मैंने उनकी गांड पर हाथ रखा और दबा दिया। वाह कितने नरम थे.
अम्मी: क्या कर रहा है?
मैं : तुम बोली थी ना के पूरे शरीर पर दर्द है?
अम्मी: तू मुझे वहा नहीं छू सकता। (मेरा हाथ अभी भी उनकी गांड पर था, अम्मी कभी पैंटी या ब्रा नहीं पहनती थी)।
(अम्मी ये बोलते हुवे मुस्कुरा रही थी).
मैं : अम्मी इसे तुम्हारी मदद हो जाएगी, दर्द चला जाएगा।
अम्मी: तू मेरे ऊपर हिस्से को दबा दे बस.
अम्मी पलट के अपनी पीठ के बल लेट गई। मैंने अम्मी के पेट पे तेल लगाया, उनकी जाँघों पे भी बहुत धीरे और देर तक दबाया पूरा मजा लेके। मैं उनकी चूत नहीं देख पा रहा था पर उनकी चूत की गर्मी का एहसास हो रहा था मुझे। अम्मी अपनी आँख बंद कर ली और अपने निचले होंठ को काट रही थी, वो फिर भी कभी कभी कराह रही थी जब मैं उनकी चूत के बहुत करीब चला जाता था।
मैं उनकी चूत के पास चला गया, वो मुझे रोकने के हालात में नहीं थी।
अम्मी की चूत उनके पानी से गीली हो चुकी थी, मैंने एक कदम आगे बढ़ने का सोचा और मैंने अपनी एक उंगली अम्मी की चूत में घुसा दी। वो अचानक मेरा हाथ हटा के खड़ी हो गई।
अम्मी: (गुस्सा होके) अहमद यह तू क्या कर रहा था?
मैंने तुझे कहा था न की तू अपनी अम्मी को वहा नहीं छू सकता।
(शर्म के मरे वो यह तो नहीं बोल सकती थी की तुमने मेरी चूत में ऊँगली डाल दी है.)
मैं : मुझे लगा आपकी मदद हो जायेगी।
(वो गुस्सा होके किचन में चली गई) मैं सीधे बाथरूम गया और वही हाथ से मुठ मारी जिस हाथ से मैं अम्मी की चूत में ऊँगली डाली थी नहाने के बाद मैंने फिर से अपना खड़ा लंड दिखाया अम्मी को, जैसे मैं अब तो लगभग हर रोज ही दिखाता था और अम्मी प्यार से मेरा लण्ड देखती थी । खाने के टाइम अम्मी ऐसा दिखा रही थी जैसे कुछ हुआ ही ना हो। वो मुझसे बात कर रही थी। मैंने भी बहुत हँसी मजाक और फ़्लर्ट किया उनके साथ, वो बस हस्ती और मुस्कुराती।