अम्मी ने अपने बेटे के होंठो को चूमते हुए अपनी जीभ को उसके मुँह में डाल दिया ।
मैं अपनी अम्मी की जीभ को अपने मुँह में महसूस करके उत्तेजना के मारे अपनी अम्मी की जीभ को अपने होंठ के बीच लेकर ज़ोर से चूसते हुए
उसकी चूत में अपने लंड को बुहत ज़ोर से अंदर बाहर करने लगा।
अम्मी की चूत एक बार झरने के बाद फिर से गरम होने लगी थी।
अम्मी ने अपने बेटे के मुँह से अपनी जीभ को निकालकर अपनी चुचियों को अपने बेटे के मुँह के पास लहराने लगी ।
मैं ने अपनी अम्मी की गोरी गोरी चुचियों को अपने मूह के सामने देखकर उन्हें अपने हाथों से पकडते हुए एक एक करके अपने मुँह में भरकर चूसने लगा ।
"ओहहहह बेटे बुहत मज़ा आ रहा है। ऐसे ही अपनी अम्मी की चुचियों का रस पीकर अपने लंड को मेरी चूत में अंदर बाहर करो" अम्मी अपनी चुचियों के अपने बेटे के मुँह में चूसते हुआ महसूस करके ज़ोर से सिसकते हुए बोलने लगी।
मैं ने कुछ देर तक अपनी अम्मी की चुचियों को चूसने के बाद उसे अपने ऊपर से उठाते हुए उलटा लिटा दिया और अपनी अम्मी के पीछे आते हुए अपना लंड उसकी चूत में पीछे से पेल दिया।
"आहहह सशःह्ह्ह बेटे "अम्मी अपने बेटे का लंड पीछे से अपनी चूत में एक बार में ही पूरा अंदर घूसने से ज़ोर से चिल्लाते हुए बोली ।
अहमद अपनी अम्मी के दोनों चूतडों में हाथ डालकर अपनी अम्मी की चूत में अपना लंड बुहत ज़ोर से अंदर बाहर करने लगा।
"आहहह बेटे हाँ ऐसे ही ओहहहह बुहत मज़ा आ रहा है" अम्मी भी अपने बेटे के लंड पर अपने चूतडों को पीछे धकेलते हुए उसका लंड अपनी चूत में लेते हुए सिसक कर कहने लगी।
मुझे अचानक अपनी अम्मी की गांड का भूरा छेद नज़र आ गया और मैंने अपनी अम्मी की चूत में अपना लंड अंदर बाहर करते हुए अपने हाथ को अपनी अम्मी की गांड पर रख दिया । मैंने अपनी अम्मी की गांड को अपने हाथ से मसलते हुए अपनी एक ऊँगली को उसकी गांड के छेद में रखकर टटोलने लगा।
"ओहहहह बेटे क्या कर रहे हो वहां" अम्मी अपने बेटे की ऊँगली को अपनी गांड के छेद पर महसूस करके चौकते हुए बोली । अम्मी का पूरा जिस्म अपने बेटे की ऊँगली को अपनी गांड के छेद पर महसूस करके सिहर उठा था ।
मैं अपनी अम्मी की बात पर कोई ध्यान दिए बगेर अपनी ऊँगली से अपनी अम्मी की गांड के छेद को कुरेदने लगा । अम्मी को अपने बेटे की ऊँगली अपनी गांड के छेद में कुरेदते हुए बुहत ज्यादा मज़ा दे रही थी।
इसीलिए वह ज़ोर से सिसकते हुए अपने बेटे के लंड को अपनी चूत में अंदर बाहर होता हुआ महसूस कर रही थी ।
मैं ने अचानक अपनी अम्मी की गांड के छेद को कुरेदते हुए अपनी ऊँगली को अपनी अम्मी की गांड में घुसा दिया,
"उईई बेटे यह क्या कर दिया तुमने" अपने बेटे की ऊँगली के अपनी गांड में जाते ही अम्मी ने ज़ोर से चिल्लाते हुए कहा
मैं अपनी ऊँगली को यों ही अपनी अम्मी की गांड में घुसाये हुए अपने लंड को उसकी चूत में अंदर बाहर करने लगा।
"ओहहहहह आह्ह्ह्ह बेटे अब तो बुहत मज़ा आ रहा है" अम्मी अपने बेटे के लंड को अपनी चूत और उसकी ऊँगली अपनी गांड में डाले हुए मज़े के मारे सिसकते हुए बोली ।
मैं कुछ देर तक यों ही अपनी अम्मी की चूत को चोदने के बाद अब अपनी ऊँगली को अपनी अम्मी की गांड में हिलाते हुए अंदर बाहर करते हुए उसकी चूत को चोदने लगा । मेरा पूरा जिस्म ऐसा करते हुए बुहत ज़ोर से कांप रहा था।
"आजहहह बेटे मैं झरने वाली हूँ ओहहहह मुझे बुहत मज़ा आ रहा है। मेरे दोनों छेदों में हरकत होने से मुझे बुहत ज्यादा मज़ा आ रहा है" अम्मी ने अपने बेटे की ऊँगली को अपनी गांड और उसके लंड को अपनी चूत में अंदर बाहर होने से बुहत ज्यादा एक्साइटेडट होते हुए कहा ।
"अम्मी मैं भी आने वाला हूँ। ओहहहह अम्मी आपने आज मुझे जन्नत का मज़ा दिया है" मैं भी अपनी अम्मी की बात सुनकर बुहत ज़ोर से सिसकते हुए बोला । मैंअपनी अम्मी की चूत में बुहत तेज़ी के साथ अपना लंड अंदर बाहर कर रहा था और साथ में अपनी ऊँगली को भी तेज़ी के साथ अपनी अम्मी की गांड में अंदर बाहर कर रहा था।
अम्मी अपने बेटे से चुदवाते हुए मज़े से हवा में उड़ रही थी, अम्मी को जो मज़ा अपना बेटा दे रहा था वह उसे आज तक किसी से नहीं मिला था । अम्मी का पूरा जिस्म उत्तेजना के मारे अकडने लगा था और वह मज़े के मारे अपने चूतडों को बुहत ज़ोर के साथ अपने बेटे के लंड पर पीछे धकेलने लगी ।
"ओहहहह अम्मी में आ रहा हूँ कहाँ झडुँ" मैं ने अचानक चिल्लाते हुए कहा।
"बेटा मेरी चूत में झरो अपनी अम्मी की प्यासी चूत को अपने वीर्य से भर दो" अम्मी ने अपने बेटे की बात सुनकर जल्दी से कहा । मैंअपनी अम्मी की बात सुनकर उसकी गांड से अपनी ऊँगली को निकालते हुए उसके चूतडों को पकडकर बुहत ज़ोर से उसकी चूत में अपना लंड अंदर बाहर करते हुए हाँफते हुए झरने लगा।
"आह्ह्ह्ह बेटे तुम्हारा वीर्य बुहत गरम है ओहहहह। मैं भी आ रही हूँ इशहहहहह बेटे" अम्मी अपने बेटे का गरम वीर्य अपनी चूत में पड़ते ही उत्तेजना के मारे ज़ोर से हाँफते हुए वह भी झरने लगी ।
अम्मी ने झरते हुए अपनी आँखें बंद कर ली और अपने चूतडों को ज़ोर से पीछे धकलते हुए अपने बेटे का लंड अपनी चूत में लेने लगी।
मेरा लंड पूरी तरह झरने के बाद अपनी अम्मी की चूत से सिकुड़ कर निकल आया और वह निढाल होकर बेड पर लेट गया । अम्मी भी अपने बेटे का लंड अपनी चूत से निकलने के बाद निढाल होकर वही ढेर हो गयी ।
इस तरह मैंने अपनी अम्मी को अपनी हवस का शिकार बना ही लिया और मेरी अम्मी मेरी मेहबूबा बन कर अपने बेटे से चुद गयी.
हम दोनों माँ बीटा अपने पहले सेक्स से बहुत थक गए थे तो काफी देर तक हम मुर्दों की तरह पड़े रहे.
फिर काफी देर के बाद अम्मी ने अपनी आँखें खोली और मेरी तरफ प्यार से देखा. मैंने भी अपनी अम्मी को बाँहों में ले लिया और उन्हें प्यार से होंठों पर चूमने लगा.
अम्मी ने कहा. "बेटे बहुत टाइम हो गया है. तुम्हारी बहन भी आने वाली होगी. अब मुझे उठने दो ताकि मैं घर का काम और डिनर की तयारी कर सकूँ.
मैंने प्यार से उन्हें कहा "अम्मी मुझे आपकी चुदाई में बहुत मजा आया. प्लीज मुझे एक बार और चुदाई करने दो फिर आप घर का काम कर लेना. "
पर अम्मी ने मुझे मना कर दिया क्योंकि समय बहुत हो गया था और बहन के भी आने का समय हो चूका था।
तो मैंने अपने दिल पर पत्थर रख कर माँ को जाने दिया.
अम्मी मेरी हालत समझ सकती थी. वैसे तो उनका भी मन एक बार और चुदवाने का था पर वक्त की नजाकत समझ कर वो उठ कर चली गयी.
फिर बहन आ गयी और हमे मौका नहीं मिला की एक और राउंड चोद सकते। फिर इसी तरह रात में हम सो गए.
सुबह जब मैं उठा तो काफी दिन चढ़ आया था. अम्मी किचन में नाश्ता त्यार कर रही थी. . मैं चुपचाप किचन में गया और अम्मी को पीछे से जफ्फी डाल कर अपना लण्ड उनकी गांड में रगड़ता हुआ प्यार से बोला।
मैं : सुप्रभात अम्मी.
अम्मी: गुड मॉर्निंग बेटा, बहुत खुश लग रहा है। बात क्या है?
मैं : मैं हल्का महसूस कर रहा हूं बस, इसलिए (अम्मी समझ गई)।
अम्मी ने किचन का अपना काम ख़तम कर लिया था पर मैं अपना लण्ड उनकी गांड में रगड़ ही रहा था और उन्हें छोड़ नहीं रहा था. तो अम्मी मुझे प्यार से परे करती हुई बोली.
अम्मी: मुझे छोड़ो , नहाने जाना है मुझे।
मैं :" अम्मी एक राउंड चोदने दो न. मेरा लण्ड देखो कितने जोर से खड़ा है. बहुत दुःख रहा है."
अम्मी: "नहीं बेटा अभी समय नहीं है। तुम्हारी बहन जाग गयी तो वो किचन में आ सकती है. हम तुम्हारे अब्बा और बहन के जाने के बाद कर सकते हैं. "
मैं:" अम्मी में अभी आपको एक शरत पर जाने दूंगा. आप वायदा करो की आप मुझे अपनी गांड भी मारने डौगी. मुझे आपकी गांड बहुत प्यारी लगती है. मैं आपकी गांड मारना चाहता हूँ."
अम्मी: "ठीक है बेटा , तुम मेरी गांड मार लेना पर मेरी भी एक शरत है."
यह कह कर अम्मी मेरी आँखों में देखने लगी.
अम्मी: बेटा.
मैं : हा अम्मी.
अम्मी: ये मालिश वाली बात किसी को पता नहीं चलनी चाहिए।
मैं : मुझे पता है अम्मी.
अम्मी: तेरे अब्बा या बहन को भी नहीं.
मैं : मैं समझत हू अम्मी . ये हमारा सीक्रेट है, ठीक है.
(अम्मी मुस्कुरा दी)
उन्होंने मुझे प्यार से चूमा और नहाने के लिए बाथरूम की तरफ चल दी.
मैं प्यार से अपने तने हुए लण्ड को सहलाते हुए बोला, "कोई बात नहीं मेरे प्यारे लौड़े , आज तुझे अपनी माँ की गांड मारने का पूरा मौका मिलेगा."
तो इस तरह मेरा और मेरी अम्मी का प्यार का रिश्ता शुरू हुआ जो आज तक चल रहा है. हम माँ बेटा रोज चुदाई करते हैं. और कभी चूत और कभी गांड के मजे लेते है.,
समाप्त