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Incest "मांगलिक बहन " (Completed)

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स्टोरी तो बहुत ही बेहतरीन और प्रशंसनीय है भाई मज़ा आ गया
लेकिन अपडेट लगातार आये तो और भी मज़ा आ जायेगा
अगले धमाकेदार अपडेट की प्रतिक्षा रहेगी जल्दी से दिजियेगा
 

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कमला:" अरे बेटी एक काम कर अपने भाई के लिए थोड़ा सा दूध कर ला, शहर में कहां दूध मिलता हैं अच्छा।

अजय: अरे मम्मी अब रात हो रही है और उपर से नींद वैसे अा रही है। रहने दो ना आप मैं कल सुबह दो ग्लास पी लूंगा।

कमला:" कोई बात नही बेटा, कल सुबह भी पी लेना, और सौंदर्या तुम खड़ी खड़ी मेरा मुंह क्या देख रही हो ? जाओ जल्दी और दूध लेकर आओ इसके लिए।

सौंदर्या बिना कुछ बोले रसोई में घुस गई और दूध गर्म करने लगी।दूध गर्म करके उसने अजय को दिया और अजय ना चाहते हुए भी दूध पीने लगा।

कमला:" अरे बेटा वो तेरा एक दोस्त था ना शादाब उसका क्या हुआ ? कहां हैं आज कल वो ?

अजय:" मम्मी वो तो अमेरिका चला गया है डाक्टरी की पढ़ाई करने के लिए। उसका नंबर अा गया था पिछले साल।

कमला:" अच्छा चलो ये तो अच्छा ही हुआ, तुम्हारा भी अा जाएगा इस बार, बस मेहनत करते रहो।
अच्छा मुझे तो अब नींद आने लगी, मैं तो सो जाती हूं।

इतना बोलकर कमला वहीं गैलरी में लेट गई और एक पतली सी चादर अपने ऊपर औढ़ ली और सोने की कोशिश करने लगी। अजय ने दूध पिया और वो भी अपने कमरे में चलने लगा और सौंदर्या से बोला:

" अच्छा दीदी मैं भी सो जाता हूं, थक गया हूं और सुबह सीमा दीदी के पापा ने फिर से जल्दी बुलाया हैं मुझे।

सौंदर्या:" अच्छा ठीक हैं भाई। तुम आराम करो, मैं भी सो जाती हूं। गुड नाईट भाई।

अजय ने अपनी बहन को गुड नाईट बोला और अपने कमरे में चला गया। अजय बेड पर लेट गया और सोने की कोशिश करने लगा लेकिन पता नहीं उसे नींद क्यों नहीं अा रही थी। एक तो उसने अभी गर्म दूध पिया था और उपर से गांव में पूरी तरह से माहौल अलग था और रात को लेट सोने की आदत पड़ी हुई थी।

वहीं दूसरी तरफ सौंदर्या अपने कमरे में अा गई और अपनी साडी को उतारने लगी। सौंदर्या शीशे में खुद को देखते हुए साडी उतार रही थी और देखते ही देखते साडी उसके बदन से अलग हो गई और वो अब मात्र पेटीकोट और ब्लाउज लहंगे में खड़ी हुई थी। उसने एक बार अपने आप को शीशे में देखा तो उसे अपने रूप सौंदर्य पर अभिमान हुआ और उसके कानों में सपना और राधा की आवाज गूंजने लगी कि किस तरह वो उसके जिस्म की तारीफ कर रही थी। क्या सच में मैं इतनी सुन्दर हूं, क्या सच में मेरी छातियां और पिछ्वाड़ा इतना अच्छा हैं।

ये सब विचार मन में आते ही उसकी सांसे अपने आप बढ़ गई और उसकी आंखे अपने आप ही अपनी चूचियों पर जाकर ठहर गई। उसे सच में खुशी हुई कि उसकी चूचियां वास्तव में बेहद आकर्षक उठान लिए हुए थी। उसके हाथ अपने आप पीछे की तरफ बढ़ कर उसकी कमर पर पहुंच गए और जैसे ही उसकी उंगलियां अपने ब्लाउस के हुक से छुई तो उसका बदन कांप उठा।

उसने एक बार शीशे में अपनी खुद की आंखो में देखा जो पूरी तरह से लाल सुर्ख हो गई थी और उनमें गुलाबी डोरे तैरते हुए साफ नजर आ रहे थे। सौंदर्या ने अपनी उंगलियों का दबाव बढ़ाया और उसके हुक के बटन एक एक करके खुल गए। सौंदर्या की सांसे पूरी तरह से उखड़ गई थी और ब्लाउस के उसके बदन से अलग होते ही काले रंग की ब्रा में कैद उसकी चूचियां उपर नीचे हो रही थी जिन पर नजर पड़ते ही सौंदर्या के मुंह से एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी।

अजय को वहीं बराबर के कमरे में नींद नहीं अा रही थी और वो कल शादी के बारे में सोच रहा था कि काफी सालो के बाद वो गांव में किसी शादी में शामिल होगा। अजय को पेशाब लगी और उठा और बाहर की तरफ निकल गया। उसने बाथरूम में जाकर पेशाब किया और फिर अपने कमरे की तरफ चल पड़ा कि तभी उसकी नज़र सौंदर्या के रूम में जलती हुई लाइट पर पड़ी और उसने सोचा कि दीदी अभी तक जाग रही हैं तो क्यों ना उनसे थोड़ी देर बात किया जाए।

ये सोचते हुए वो सौंदर्या के कमरे में सामने अा पहुंचा और सौंदर्या को आदत थी कि वो अपने कमरे के गेट बंद नहीं करती थी और ऐसे ही कपडे बदल लेती थी क्योंकि शर्म मर्द से होती हैं और मर्द के नाम पर उसके घर में कोई नहीं था। लेकिन आज अजय वापिस लौट आया था और सौंदर्या ये बात भूल गई थी।

अजय ने गेट को पूरी तरह से खोलता उससे पहली ही उसकी नजर अंदर सौंदर्या पर जा गिरी और उसने जो कुछ देखा उसे देखकर उसे जैसे अपनी आंखो पर यकीन ही नहीं हुआ। अंदर उसकी बहन पेटीकोट और ब्रा में खड़ी हुई खुद को शीशे में निहार रही थी। अजय को कुछ समझ में नहीं आया कि वो क्या करे और तभी सौंदर्या ने अपनी छाती को हिलाया तो ब्रा में कैद उसकी चूचियां उछल पड़ी मानो बाहर आने के लिए संघर्ष कर रही हो। अजय ये देखकर अपने होशो हवास खो बैठा और उसकी नजरे अपनी बहन के की चुचियों पर रुक सी गई।

सौंदर्या ने अपने हाथो को नीचे की तरफ लाते हुए अपने पेटीकोट पर टिका दिया और घूम घूम कर अपनी गांड़ को शीशे में देखने लगी। अजय को समझ में नहीं अा रहा था कि क्या की कहीं वो कोई सपना तो नहीं देख रहा है। तभी सौंदर्या ने अपने पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और एक झटके के साथ पेटीकोट उसकी जांघो को नंगा करते हुए उसके घुटनो से सरकता हुआ नीचे गिर गया और सौंदर्या के मुंह से एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी और एक पल के लिए उसकी आंखो मस्ती से बंद हो गई।

अजय तो जैसे सांस लेना तक भूल गया और उसका गला पूरी तरह से सूख गया। वहीं सौंदर्या ने आंखे खोल कर अपने आप को देखा और उसके होंठो पर एक कामुक स्माइल अा गई और उसने पेटीकोट को अपने पैरो से निकाल दिया और शीशे में खुद को देखने लगी। अजय अपनी बहन के इस कामुक अवतार को देखकर सब कुछ भूल गया और उसका हाथ अपने आप उसकी पैंट में बने तम्बू को सहलाने लगा।

सौंदर्या घूम घूम कर खुद को शीशे में देखने लगी जिससे उसकी चूचियां और गांड़ बारी बारी से पूरी तरह से अजय को दिख रही थी। पीछे कमर पर फैले हुए उसके काले बाल उसकी गांड़ तक अा रहे थे जिससे वो और ज्यादा कामुक लग रही थी। सौंदर्या को यकीन हो गया कि सपना सच कह रही थी कि मैं सच में बेहद सेक्सी हू।

सौंदर्या के हाथ अपनी चुचियों पर अा गए और ब्रा के उपर से ही अपनी चूचियों को हाथ में भर लिया और उसके मुंह से एक आह निकल पड़ी। इससे पहले की वो अपनी चूचियां मसलती तभी बिल्ली ने बाहर रखे हुए मिट्टी के मटके पर छलांग लगा दी और एक झटके के साथ उसके टुकड़े हो गए जिससे जोरदार आवाज हुई और अजय तेजी से अपने कमरे में घुस गया वहीं सौंदर्या तेजी से बेड पर गई और एक चादर लपेटकर चुप लेट गई मानो सो गई हो।

आवाज सुनकर कमला की आंख खुली और उसने लाइट जलाई तो देखा कि सारा दूध बिखर गया था। कमला ने मटके के टूटे हुए टुकड़ों को एक तरफ रख दिया और पड़े हुए दूध को साफ किया और फिर आराम से लेट गई।

अजय अपने कमरे में बेड पर लेटा हुआ था और उसकी आंखो के आगे अभी तक उसकी बहन का मदहोश करने वाला जिस्म घूम रहा था। सौंदर्या की बड़ी बड़ी चूचियों के गोल गोल पुष्ट उभार, कितनी गहरी खाई थी उसकी चूचियों के बीच, बिल्कुल मछली की तरह पतली सी कमर और उसकी गांड़ का जानलेवा उभार जो इतनी बाहर की तरफ निकला हुआ था मानो गांड़ उसकी पेंटी फाड़कर बाहर आना चाहती हो।

अजय की नींद पूरी तरह से उड़ चुकी थी और वो बिस्तर पर लेटा हुआ करवटें बदल रहा था और बिल्ली को मन ही मन गालियां दे रहा था। दूसरे कमरे में लेटी सौंदर्या की सांसे अभी तक तेजी से चल रही थी और उसे खुद अपने आप पर शर्म अा रही थी कि वो कितनी बेशर्मी से खुद को शीशे में देख कर अपने कपड़े उतार रही थी। उसे याद आया कि उसकी साड़ी और पेटीकोट तो अभी तक फर्श पर पड़ा हुआ है तो उसका पूरा जिस्म डर के मारे कांप उठा और उसने भगवान को धन्यवाद दिया कि अच्छा उसकी मा अंदर नहीं अाई नहीं तो आज तो सारी इज्जत मिट्टी में मिल जाती। वो धीरे से उठी और अपने कपड़ों को उठाकर अलमारी में रख दिया और एक नाइटी पहनकर बेड पर लेट गया और सो सोने की कोशिश करने लगी।

अगले दिन सुबह अजय देर तक सोता रहा। कमला ने भैंस का दूध निकाला और उसे चारा डालने के बाद घर के काम में लग गई। वहीं सौंदर्या भी उठ गई और आज वो घर के सारे काम जल्दी ही निपटा देना चाहती थी ताकि वो शाम को होने वाली शादी में आराम से जाए। सौंदर्या ने कपड़ों की बाल्टी उठाई और धोने के लिए बैठ गई। एक एक करके उसने कपडे धोने शुरू कर दिए और उसने एक काले रंग की टी शर्ट बाहर निकाली और धोने लगी।

तभी उसे एहसास हुआ कि उसने इस टी शर्ट को कहीं देखा हैं लेकिन कहां देखा हैं उसे याद नहीं अा रहा था। सौंदर्या अपने दिमाग पर जोर डालने लगी और तभी उसे याद आया कि ये टी शर्ट तो उस लड़के ने पहनी हुई थी जिसने मुझे कल शहर में गुण्डो से बचाया था। ये शर्ट यहां कैसे अाई, है भगवान कहीं मुझे कल मेरे भाई अजय ने ही तो नहीं बचाया। तभी उसके मन में दूसरा विचार अाया कि क्या पता अजय के पास भी वैसी ही टी शर्ट हो और बचाने वाला कोई और था।

लेकिन कल ही अजय शहर से आया है और इस टी शर्ट का घर में होना इस बात को दर्शाता हैं कि अजय ने ही मुझे बचाया हैं। मुझे एक बार उससे पूछना चाहिए। सौंदर्या ने एक एक करके सारे कपड़े धो दिए और उनको तार पर फैलाने के बाद नहाने चली गई और उसने एक गुलाबी रंग का बेहद खूबसूरत सूट पहन लिया और किचेन में मम्मी के पास चली गई और बोली:"

" मम्मी ये अजय अभी तक सो ही रहा है क्या ? दिखा नहीं।

कमला:" अरे वो तो काफी देर पहले ही उठ गया था। शायद बाहर कसरत कर रहा होगा।

सौंदर्या:" अच्छा, मम्मी ये कपड़ों में काले रंग की टी शर्ट अजय की हैं ना ? बहुत सुंदर लग रही है।

कमला:" उसकी हैं ही बेटी मेरी तो होने से रही क्योंकि मैं टी शर्ट नहीं पहनती।

ये कहकर कमला हंस पड़ी तो सौंदर्या भी हंसते हुए बोली:"

" आप भी पहन सकती हो मम्मी, शहरों में आपकी उम्र की औरतें काफी पहनती हैं। वैसे आप पर टी शर्ट काफी अच्छी लगेगी।

कमला के होंठो पर स्माइल अा गई और बोली:"

" रहने दे, फालतू बात ना कर मुझसे, जाकर अपना काम कर ले , खुद को कभी टी शर्ट पहनी नहीं आज तक और मुझे पहनाने की बात कर रही है।

इससे पहले कि सौंदर्या आगे कुछ बोलती उसे अजय अंदर आता दिखाई दिया और बोला:"

" आप दोनो आराम आराम से क्या बाते कर रही हैं जरा मुझे भी तो बताओ कुछ।

सौंदर्या ने पलट कर अपने भाई की तरफ देखा और उसे एहसास हुआ कि अजय ने उपर बनियान पहना हुआ था और उसका पूरा जिस्म पसीने से लथपथ था और उसकी छाती पर खड़े हुए काले घने बाल पसीने में भीग कर स्याह काले लग रहे थे। उसने जल्दी से अपनी नजर हटाई और बोली:"

" भाई कुछ नहीं, तेरी टी शर्ट देखी काले रंग की बड़ी खूबसूरत लग रही थी बस वही बता रही थी मम्मी को मै।

अपनी बहन के मुंह से काले रंग की टी शर्ट के बारे में सुनकर अजय एक पल के लिए कांप उठा क्योंकि उसे एहसास हो गया था कि उसने कितनी बड़ी गलती कर दी है और अगर सौंदर्या ने उसे पहचान लिया और मा को बता दिया कि मैं अभी भी फाइट करता हूं तो मा मुझे कभी माफ नहीं करेगी।

अजय: अच्छा, हान वो मेरी नई टी शर्ट हैं जो मैंने अभी कुछ दिन पहले ली थी। एक कंपनी ने नया काम शुरू किया हैं तो शुरू में डिस्काउंट पर दी थी लोगो को, बस मैंने भी ले लिया था।

अजय ने बड़ी मुश्किल से बहाना बनाते हुए ये बात कही। सौंदर्या दिमाग की बहुत ज्यादा तेज थी और उसे समझते देर नहीं लगी कि कल उसे बचाने वाला कोई और नहीं बल्कि उसका भाई अजय ही था नहीं वो उसे सफाई देने की जरूरत नहीं पड़ती कि ये टी शर्ट और भी काफी लोगो ने खरीदी हैं।

कमला:" अरे छोड़ो टी शर्ट को, सौंदर्या नाश्ता तैयार हो गया है और तुम जल्दी से टेबल पर लगाओ, मेरे बेटे को भूख लगी होगी।

अजय को मौंका मिल गया और तेजी से वहां से निकला और बाथरूम में घुस गया। उसने चैन की सांस ली कि उसकी जान बच गई है। वहीं दूसरी तरफ सौंदर्या सब समझ गई थी और उसने सोच लिया था कि वो खुद अजय के साथ मुंह से कुबूल कराके ही मानेगी कि मैंने ही कल तुम्हे बचाया था।

सौंदर्या के होंठो पर स्माइल अा गई और उसने नजर उठाकर सामने रखी भगवान की मूर्ति की तरफ देखा और और प्रार्थना करने लगी कि उसे हर जन्म में भगवान ऐसा ही भाई दे।

अजय नहाकर बाहर आ गया और टेबल पर बैठ गया और उसने पहली बार अपने अपनी बहन को ध्यान से देखा जो किचेन के बाहर खड़ी हुई थी और खाने का सामान ला रही थी।

गुलाबी रंग के सूट में वो सचमुच बहुत खूबसूरत लग रही थी और उसके बूब्स एक बार फिर से कपड़ों के अंदर से ही पूरी तरह से नुमाया हो रहे थे क्योंकि ये थोड़ा पुराना सूट था और अभी उसे काफी फंसकर अा रहा था। अपनी बहन को देखकर अजय फिर से उसकी तरफ देखने लगा और उसके मन में एक ही ख्याल आया कि सचमुच भगवान ने सौंदर्या को बहुत फुरसत से बनाया है।



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सौंदर्या ने खाना और अजय की तरफ अाई और उसे अपनी तरफ ऐसे देखते हुई हल्का सा सकपका गई लेकिन अपने आपको संभालते हुए बोली:"

" क्या हुआ भाई ? ऐसे क्यों देख रहे हो ?

अजय को समझ में नहीं आया कि क्या जवाब दे और उसकी नजर अपने आप हल्की सी नीचे झुक गया और फिर हिम्मत करके बोला:" देख रहा था कि मेरी प्यारी दीदी कितनी सुन्दर लगती हैं, सच में मैं बहुत किस्मत वाला हूं जो मेरी दीदी इतनी सुंदर हैं और मेरा इतना ज्यादा ख्याल रखती हैं।

सौंदर्या अपनी तारीफ सुनकर खुश हो गई और बोली:"

" बाते बनाना भी सीख गए हो भाई तुम शहर जाकर, खाना खाओ जल्दी फिर हमें सीमा के यहां भी जाना हैं।

अजय:" ठीक है दीदी, आप भी अा जाओ। मम्मी आप भी अा जाओ ना जल्दी से।

कमला अंदर से ही बोली:" बस बेटा ये आखिरी परांठा हैं बनाकर आती हूं तुम खाओ तब तक गर्म गर्म परांठे।

सौंदर्या अजय के सामने ही बैठ गया और दोनो बहन भाई खाना खाने लगे और सौंदर्या बोली:"

" वैसे भाई आपकी वो काले रंग की टी शर्ट हैं बहुत खूबसूरत। मैं ले लू क्या ?

अजय फिर से चौंक गया क्योंकि वो समझ गया था कि उसकी दीदी को उस पर शक हो गया हैं लेकिन वो बोला:"

" दीदी ले लो आप ये टी शर्ट, आपके लिए तो मैं कुछ भी कर सकता हूं फ़िर ये टी शर्ट क्या चीज हैं।

सौंदर्या;" अच्छा जी, बस मुझे तो ये टी शर्ट ही चाहिए। तुझे एक बताऊं वैसे अजय ?

अजय'" जी दीदी, बताए आप

इससे भी कि सौंदर्या कुछ बोलती अंदर से कमला अा गई और सौंदर्या ने अजय को इशारा कि वो चुप रहे और मा के सामने कुछ ना बोले तो अजय चुप हो गया लेकिन उसे समझ नहीं आ रहा था कि उसकी दीदी ऐसी क्या बात बताने वाली हैं जो मा के सामने नहीं बता सकती। खैर तीनो लोग मिलकर नाश्ता करने लगे और हल्का फुल्का हंसी मजाक चलता रहा।



मनोज एक कुर्सी पर बैठा हुआ था और उसके सामने शेरा खड़ा था जिसे देखकर लग रहा था मानो किसी ने उसके जिस्म से सारा खून निचोड़ लिया हो।

मनोज:" बोलो शेरा पिंकी का क्या हुआ ? तुम उसे क्यों नहीं ला पाए ?

शेरा:" मैं उससे लेकर अा ही रहा था और पकड़ भी लिया था तभी बीच में और लड़की अा गई और उसने सारा खेल खराब कर दिया। लेकिन मैंने उसे भी पकड़ लिया और पता नहीं कहां से एक लड़का अाया और हम सब पर भारी पड़ा।

मनोज:" सिर्फ एक लड़का और तुम आठ लोग थे शेरा, ऐसा क्या था उसमे ? कौन था वो ?

शेरा दोनो हाथ जोड़ते हुए बोला:"

" उसे पहले कभी नहीं देखा और देखा तो कल भी नहीं क्योंकि उसके मुंह पर मास्क लगा हुआ था सर, और उसके हाथ ऐसे लग रहे थे मानो हथौड़ा।

मनोज:" ओह, चेहरे पर मास्क सिर्फ वो ही लोग लगाते हैं जो अपनी पहचान छुपाना चाहते हो, इसका मतलब वो लड़का नहीं चाहता था कि कोई उसे पहचान ले समझे तुम।

शेरा:" जी बिल्कुल ऐसी ही बात हैं, लेकिन मैं पिंकी को छोड़ने वाला नहीं हूं।

मनोज:" बस मुंह बंद रखो अपना, तुमसे कुछ नहीं हो पायेगा, उस लड़की ने हमारी बहन को थप्पड मारा हैं इसलिए उसकी मौत निश्चित हैं। और पता करो कि वो लड़की कौन हैं जो बीच में घुसी थी ? हमारे गांव में आज एक शादी हैं इसलिए मुझे गांव में जाना होगा, कल हम पिंकी को ठीक करेंगे। समझे तुम।

शेरा:" जी समझ गया मैं सब कुछ। मैं गुण्डो का इंतजाम कर दूंगा कल के लिए।

मनोज ने कोई जवाब नहीं दिया और कमरे से बाहर निकल गया और उसके साथ ही साथ उसका एक सबसे खास आदमी भी चल पड़ा जबकि पीछे शेरा उदास खड़ा रह गया।

अजय ने नाश्ता किया और अपने कमरे में गया और जूते पहनकर बाहर अा गया और पीछे पीछे सौंदर्या भी अाई और बोली:"

" भाई कहां जा रहे हो तुम ?

अजय:" मुझे शहर जाना हैं और कुछ काम हैं इसलिए दो घंटे में अा जाऊंगा।

सौंदर्या:" भाई मुझे भी ले चलो अपने साथ, कुछ सामान लेकर आना हैं मुझे, कपडे भी नहीं हैं अच्छे मेरे पास रात की शादी के लिए भाई।

अजय ने उसे अपने साथ लिया और अपनी कार लेकर शहर की तरफ चल पड़ा। अजय को मौका अच्छा लगा और बोला:"

" अच्छा अब बताओ आप तब क्या बताने वाली थी मुझे ?

सौंदर्या:" वो भाई बात ऐसी है कि कल जब मैं शहर से वापिस अा रही थी तो रास्ते में कुछ गुंडे एक लड़की के साथ छेड़छाड़ कर रहे थे और मैं उसे बचाने के लिए बीच में घुस गई और बुरी तरह फंस गई। मुझे लगा था कि लोग मदद करेंगे लेकिन कोई मदद के लिए नहीं आया।

अजय ने एक बार उसकी तरफ देखा और फिर हल्का सा परेशान नजर अाया तो सौंदर्या बोली:"

" भाई तुम परेशान मत हो, फिर एक लड़का आया बिल्कुल तुम्हारे जितनी उमर और कद काठी भी बिल्कुल तुम्हारे जैसी, उसने उन गुण्डो को उठा उठा कर पटका और फिर कहीं गायब हो गया। उसके मुंह पर मास्क था और उसने भी तुम्हारे जैसी ही टी शर्ट पहनी हुई थी। वैसे तुम भी तो कल शहर में थे ना भाई ?

अजय के माथे पर पसीना अा गया और साफ करते हुए बोला:"

" होगा कोई अच्छा इंसान, मैं भी शहर में था इसका क्या मतलब हुआ दीदी ?

सौंदर्या ने नजर उसके चेहरे पर डाली और बोली:"

" अरे तुम्हे तो सुनकर ही पसीना अा गया और समझो अगर ये बात मम्मी को पता लग गई तो ?

अजय:' मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है कि आप क्या बात कर रही हो ? गर्मी हैं ना पसीना तो आएगा ही मुझे।

सौंदर्या:" अरे भोले मत बनो तुम। गाड़ी में एसी चल रही है भाई। मैं जानती हूं कि मुझे कल तुमने बचाया था लेकिन तुम मा की वजह से डरते हो भाई।

अजय:" देखो तुम्हे जरूर कोई गलतफहमी हुई हैं। मैं तो पांच बजे के बाद शहर पहुंचा था।

सौंदर्या:" सफाई मत दो तुम मुझे। सच कहूं तो मुझे तो बहुत अच्छा लगा कि मेरे भाई के अंदर इतनी ताकत हैं कि अकेले ही आठ दस गुंडों का दिमाग ठीक कर दिया।

अजय:" दीदी, ऐसा कुछ नहीं हैं, मैं तो किसी को हाथ लगाने से भी डरता हू। तुम्हे जरूर कोई गलतफहमी हुई हैं।

सौंदर्या:" देखो अजय तुम्हारी कसम, मैं मा को कुछ नहीं बताऊंगी, मैं जानती हूं मा ने तुमसे कसम ली है कि तुम लड़ोगे नहीं लेकिन मा को क्या पता कि आजकल इंसान के रूप में जानवर घूमते हैं।

अजय को इतना एहसास तो हो गया था कि सौंदर्या सचमुच बदल गई है। पहले जहां वो जरा जरा सी बाते मा को बता देती थी आज वो मा के अा जाने से चुप हो गई थी। अजय बोला:"

" बात तो ठीक है तुम्हारी, लेकिन जब से मा ने कसम दी थी मैंने लड़ाई बंद कर दी हैं दिदी, यकीन करो एक बार भी फाइट के मैदान में नहीं उतरा और ना ही कोई कॉम्पटीशन लड़ा मैंने।

सौंदर्या:" मैं जानती हूं भाई। तुम मा को बहुत मानते हो लेकिन कल जब तुमने मुझे खतरे में देखा तो मेरी जान और इज्जत बचाने के लिए तुमने अच्छा किया। अपने परिवार और गरीब लड़कियों की इज्जत बचाने के लिए तुम्हे हमेशा लड़ना चाहिए। देखो भाई क्या तुम्हे मेरी कसम पर भरोसा नहीं हैं क्या ? बताओ कम से कम मुझे तो सच बताओ।

अजय:" तुम मुझे क्यों परेशान कर रही हो सौंदर्या दीदी। शहर आने वाला हैं।

सौंदर्या:" मैं जानती हूं कि झूठ तुम बोल नहीं पाओगे और सच में बोलने की हिम्मत तुम्हारे अंदर नहीं है। लेकिन मैं अब बच्ची नहीं रही भाई जो सही गलत ना समझ सकूं। तुम मुझ पर यकीन कर सकते हो वैसे।

अजय ने अपनी बहन कि आंखो में देखा और उसे कुछ इशारा किया और सौंदर्या को उसका जवाब मिल गया और खुशी से झपट कर अपने भाई का गाल चूम लिया और बोली:"

" वाह मेरे अच्छे भाई, मेरे प्यारे भाई। मैं जानती हूं कि तुम अपनी बहन के लिए कुछ भी कर सकते हो। मैं वादा करती हूं ये बात हम दोनों के आलावा किसी और को कभी पता नहीं चलेगी।

इतना कहकर सौंदर्या ने एक बार फिर से अपने भाई के हाथो को चूम लिया और बोली:"

" भगवान इन हाथो में इतनी ताकत दे कि तुम अपनी बहन पर कभी किसी तरह की आंच ना आने दो।

अजय ने शीशे में अपना मुंह देखा और उसके होंठो पर स्माइल अा गई और मासूमियत से अपने गाल अपनी बहन को दिखाते हुए बोला:"

" देखो ना दीदी आपने ये क्या कर दिया? सच्चाई बताने की सजा मिली है क्या है मुझे ?

सौंदर्या ने देखा कि उसकी लिपस्टिक से अजय का गाल लाल हो गया था और उसकी हंसी छूट गई और बोली:"

" अरे अरे मेरे प्यारे भाई का मुंह लिपस्टिक से लाल हो गया, लाओ मैं साफ कर देती हूं।

इतना कहकर सौंदर्या थोड़ा आगे को हुई और उसके दूसरे गाल पर भी चूम लिया तो अजय ने शिकायत भरी नजरो से उसकी तरफ देखा और सौंदर्या जोर जोर से हंसने लगी और बोली:"

" माफ करना भाई, लेकिन अब ज्यादा खूबसूरत लग रहे हो तुम। अगर ये ही किस तुम्हारी गर्ल फ्रेंड ने किए होते हो कितने खुश होते तुम।

अजय: मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं हैं दीदी, मुझे पढ़ाई से फुरसत नहीं मिलती। चलो जल्दी से मेरा मुंह साफ कर दो।

सौंदर्या:" क्या बात कर रहे हो तुम? तुम्हारी गर्ल फ्रेंड नहीं होगी तो और किसकी होगी ? रहने दो ना साफ क्यों करना, ऐसे ही अच्छे लग रहे हो तुम।

अजय ने गाड़ी चलाते हुए अपने जेब से रुमाल लिया और अपना गाल साफ करने लगा लेकिन लिपिस्टिक उसके मुंह में और ज्यादा फैल गई और सौंदर्या जोर जोर से ठहाके मार मार कर हंसने लगी और अजय को बहुत ज्यादा शर्म अा रही थी। जितना ज्यादा वो रुमाल मुंह पर रगड़ता उतना ही ज्यादा उसका मुंह लाल होता जा रहा था। उसने अपनी दीदी की तरफ देखा और बोला:"

" दीदी क्यों मजे ले रही हो आप मेरे? प्लीज़ कर दो ना आप साफ मेरा मुंह।

सौंदर्या:" अच्छा बाबा लाओ, एक काम करो पहले कार को साइड में लगा लो।

अजय ने गाड़ी को साइड में किया और सौंदर्या ने अपने पर्स से रुमाल निकाला और और अपनी जीभ पर गीला किया और अजय ने बड़ी हैरानी से उसकी तरफ देखा और सौंदर्या ने अपने मुख रस से भीगे रुमाल को अजय के गाल पर रख दिया और उसके मुंह को साफ करने लगी। जैसे ही सौंदर्या की जीभ का रस उसे अपने गाल पर महसूस हुआ तो उसकी आंखे हल्की सी ज्यादा खुल गई और सौंदर्या अपनी जीभ से रुमाल को भिगो भिगो कर उसका मुंह साफ करने लगी।

सौंदर्या के मुख रस का हल्का गर्म सा एहसास उसे बेहद मस्त किए दिए जा रहा था और सौंदर्या अपनी पूरी जी जान से अपने भाई का मुंह साफ कर रही थी। रुमाल अजय के होंठो पर लग गया था जिससे उसके होंठ भी हल्के से लाल हो गए थे। सौंदर्या ने उसके उसके दोनो गाल साफ कर दिए और रुमाल पर्स में रखते हुए बोली:"

" देखो ना भाई, कुछ काम सिर्फ हम औरतें ही अच्छे कर सकती हैं, देख लो साफ कत दिया ना बिल्कुल तुम्हरा मुंह।

अजय ने अपना मुंह शीशे में देखा और अपने उसे होंठो पर लिपस्टिक लगी दिखाई दी लेकिन अपनी बहन से बोलने की उसकी हिम्मत नहीं हुई और उसकी तरफ मुंह करते हुए बोला:"

" हान दीदी मान गया मैं आपको। सच में आपने साफ कर दिया लेकिन लाल भी तो आपने ही किया था।

तभी सौंदर्या की नजर उसके होंठो पर पड़ी और बोली:"

" अरे रुको भाई, गाल तो साफ हो गए लेकिन आपके होंठो पर रुमाल से शायद लिपस्टिक लग गई है।

इससे पहले कि अजय कुछ बोलता वो अपना रुमाल निकाल चुकी थी और उसके होंठो पर टिका कर साफ करने लगी। अजय को काटो तो खून नहीं, उसे बिल्कुल भी एहसास नहीं था कि उसकी बहन अपने मुंह रस से भीगा हुआ रुमाल उसके होंठ पर रख सकती हैं।

सौंदर्या:" उफ्फ ये तो साफ ही नहीं हो रहा है। लेकिन मेरा नाम भी सौंदर्या हैं। हार नहीं मानने वाली मैं भीं।

सौंदर्या ने अपने रुमाल को अजय के होंठो पर से हटाया और अपने मुंह में डालकर अच्छे से गीला किया और फिर से अजय के होंठो पर टिका दिया। रुमाल पूरी तरह से भीग गया था और अजय ने होंठो पर लगते ही सौंदर्या के होंठो और जीभ का रस उसके होंठो पर फैल गया और अजय का मुंह अपने आप ही खुलता चला गया और जैसे ही उसकी बहन का रस उसके मुंह में गया तो उसकी आंखे मस्ती से बंद हो गई। अजय ने अपने होंठो को रुमाल पर फेरना शुरू कर दिया और सौंदर्या उसके होंठो को साफ करती रही। अजय के मुंह में रुमाल घुस चुका था और वो मदहोश होकर उसे ऐसे चूस रहा था मानो लिप्स चूस रहा हो।

सौंदर्या को जैसे ही इसका एहसास हुआ कि उसका भाई मस्ती से आंखे बंद करके उसके रुमाल को चूस रहा है तो उसे अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने एक झटके के साथ रुमाल को बाहर निकाला और अजय की आंखे खुल गई। दोनो ने एक बार एक दूसरे की आंखो में झांका और दोनो के मुंह शर्म से लाल होकर झुक गए।

अजय ने चुप चाप बिना कुछ बोले गाड़ी आगे बढ़ा दी और सौंदर्या तो जैसे गूंगी हो गई थीं उसकी समझ में कुछ नहीं अा रहा था इसलिए चुप ही बैठी रही। गाड़ी सड़क पर दौड़ती रही और अजय ने एक बार पता नहीं किस भावना में आकर अपनी जीभ को अपने होंठो पर फिराकर अपने मुंह में अन्दर कर लिया और सौंदर्या को ऐसा लगा जैसे उसके भाई ने उसके होंठो को चूम लिया हो, उसका पूरा बदन कांप उठा और तभी गाड़ी शहर के अंदर घुस गई।

सौंदर्या और अजय ने शादी के लिए कपडे लिए और उसके बाद दोनो घर की तरफ चल दिए। पूरे रास्ते दोनो में बहुत ज्यादा बात नहीं हुई और सौंदर्या को अब अपनी गलती का अहसास हो रहा था कि जाने अनजाने उसने क्या कर दिया है । घर जाने के बाद अजय सीमा के घर की तरफ चला गया और सौंदर्या अपनी मा के साथ शादी के लिए कुछ तैयारी करने लगी।
 
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hfmwife

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