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Incest "मांगलिक बहन " (Completed)

parkas

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सभी लोग घर पहुंच गए और अभी मुश्किल से 10 ही बजे थे। सपना ने खाना बनाया और तब तक शादाब ने कमला का पैर चैक किया हड्डी नहीं टूटी थी जो एक बहुत अच्छी बात थी। कमला आराम से बेड पर लेती हुई आराम कर रही थी और सपना ने तब तक खाना टेबल पर लगा दिया तो सभी लोग खाना खाने लगे। खाना खाकर सपना अपने घर की तरफ चली गई और कमला और शादाब दोनो टीवी देखते रहे।

दोपहर होते होते उन्हें नींद अा गई और कमला जब शाम को सोकर उठी तो उसे अपने पिछवाड़े में दर्द का एहसास हुआ। शादाब भी उठ गया तो कमला बोली:"

" शादाब मुझे पीछे कूल्हे पर दर्द महसूस हो रहा है । कहीं ज्यादा चोट तो नहीं लग गई।

शादाब ने एक बार कमला के पिछवाड़े पर हाथ रखा और चैक करते हुए बोला:"

" चोट तो अंदरूनी लगी हैं और आपका हल्का सा मांस फट गया है। आपको अब गर्म पानी से सिकाई और मालिश करनी होगी।

कमला ने एक आह भरी और बोली:"

" सपना को ही बुलाना पड़ेगा फिर तो। वहीं मेरी मदद कर सकती हैं बेचारी।

शादाब खुश होते हुए:" हान बिल्कुल बुला लीजिए। उसके आने से घर के काम में भी हाथ बंट जाएगा।

कमला:" मुझसे तो इस हाल में चला नहीं जाएगा। एक काम करो, तुम ही जाकर उसे बुला लाओ, मैं उसके घर का रास्ता बता देती हूं।

कमला ने शादाब को रास्ता बता दिया और शादाब थोड़ी देर बाद ही वापिस लौट आया तो कमला बोली:"

" क्या हुआ ? सपना नहीं मिली क्या घर पर ?

अजय:" वो तो नहीं मिली। वो अपनी मा के साथ अपने मामा के यहां चली गई और और शायद कुछ दिन के बाद ही वापिस आए।

कमला के माथे पर परेशानी के भाव साफ़ छलक पड़े और बोली:"

" इस कमीनी सपना को भी आज ही जाना था और उसके साथ ही उसकी मम्मी भी चली गई।

शादाब:" हान अभी दिक्कत तो होगी। मैं एक काम करता हूं आपके लिए पानी गर्म कर देता हूं और आप अपने आप ही करने की कोशिश कीजिए।

कमला:" हान ये भी ठीक रहेगा। तुम जल्दी से पानी गर्म करके एक भिगोने में ले आओ।

शादाब किचेन में चला गया और उसने एक भिगोने में पानी गर्म किया और कमला के पास लेकर अा गया और बोला:"

" लीजिए आंटी कर लीजिए आप सिकाई। मैं बाहर बैठ जाता हूं कोई जरूरत हो तो बुला लीजिए।

कमला:" ठीक है शादाब। मैं कोशिश करती हूं।

शादाब बाहर अा गया और कमला ने अपना लहंगा निकाल दिया और नीचे से पूरी तरह से नंगी हो गई और वहीं फर्श पर एक चादर पर लेट गई और एक हाथ से गर्म पानी लेकर अपनी सिकाई करने लगी। कमला अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही थी लेकिन ठीक तरह से अपने पिछवाड़े की मालिश नहीं कर पा रही थी। उसे समझ नहीं अा रहा था कि क्या करे क्योंकि शादाब को बोलने की हिम्मत उसमे नहीं थी और ना ही शादाब ने अपनी तरफ से कमला को मालिश के लिए बोला था।

कमला ने भीगे कपडे को फिर से गर्म पानी में डुबोने के लिए हाथ आगे बढाया और दर्द के कारण उसका हाथ ठीक से संभल नहीं पाया और उसका हाथ सीधे भिगोने पर गिरा और भिगोना उल्टा हो गया जिससे सारा हल्का गर्म गर्म पानी बिखर गया और जैसे ही कमला के पैरो से टकरा गया तो कमला दर्द से कराह उठी और शादाब तेजी से अंदर की तरफ दौड़ा तो उसने पहली बार कमला की मोटी मोटी नंगी पूरी तरह से फूली हुई गांड़ देखी तो कमला ने शर्म के मारे चादर को अपने पिछवाड़े पर डाल लिया और बोली:"

" आह शादाब, पानी गिर गया बेटा गर्म गर्म।

शादाब ने वाइपर से जल्दी से पानी हटाया और बोला:

" आप ज्यादा तो नहीं जली ? आप ठीक तो हैं ना ?

कमला:" हान पानी ज्यादा गर्म नहीं था। जली तो नहीं हूं लेकिन पानी सब बिखर गया। मालिश भी नहीं हो पाई अभी तो।

शादाब:" कोई बात नहीं मैं फिर से पानी गर्म कर देता हूं।

इतना कहकर शादाब नीचे को झुका और उसने फिर से एक नजर कमला की भीगी चादर से लिपटी हुई गांड़ पर डाली और किचेन की तरफ चला गया। कमला ये सब देखकर हैरान हो गई कि शादाब उसकी गान्ड को हसरत भरी निगाहों से देख रहा था। हाय भगवान ये आज कल के लड़के भी ना बस इनकी नजर कोई मौका नहीं छोड़ती। कैसे मेरे पिछवाड़े को घूर रहा था ये, अब तो इसे मैं मालिश के लिए भी नहीं बोल सकती। क्यों नहीं बोल सकती, वो तेरे बेटे जैसा हैं, बेटा तो नहीं है लेकिन और उसका क्या पता कहीं बहक गया तो। ऐसे कैसे बहक जाएगा तो उसे बहकने मत देना।

लेकिन फिर भी क्या करू, मैं खुद तो मालिश नहीं कर सकती। अब उसके सिवा और कोई हैं भी नहीं मेरी मदद करने वाला। बोलकर देखती हूं अगर लगा कुछ गलत होगा तो खुद ही मना कर दूंगी। आखिरकार कमला ने फैसला कर ही लिया।

उधर शादाब पिछले दो दिन से परेशान था और कमला की नंगी गांड़ देखकर उसे अच्छा लगा था और पानी गर्म करते हुए भी वो कमला की गांड़ के बारे में ही सोच रहा था जिससे उसके लंड में तनाव अा गया और शादाब ने पानी गर्म किया और फिर से भिगोने में लेकर बाहर की तरफ अा गया और कमला के पास रखते हुए बोला:"

" लो आंटी, थोड़ा ज्यादा गर्म हैं पानी, इस बार ध्यान से करना सिकाई, कहीं गिर गया तो आप बुरी तरह से जक जाओगी।

इतना कहकर शादाब ने एक नजर फिर से उसकी गांड़ पर डाली और सीधा खड़ा हो गया कमला की नजर पायजामा में बने हुए तम्बू पर पड़ी और मन ही मन मुस्कुरा उठी कि कितना शैतान हैं ये लड़का। क्या ऐसे हालत में इसे सिकाई के लिए बोलना ठीक रहेगा। लेकिन पानी गर्म हैं इस बार गिर गया तो जल जाऊंगी। कमला को कुछ समझ नहीं आ रहा था और शादाब बाहर की तरफ चल पडा तो कमला ने हिम्मत करके उसे आवाज लगाई

" शादाब क्या तुम मेरी मालिश कर सकते हो ? मुझसे ठीक से हो नहीं पा रही है।

शादाब वापिस आया और बोला:"

" हान हान आंटी क्यों नहीं ? मैं कर देता हूं। ।


इतना कहकर वो वहीं उसके पैरो के पास बैठ गया। कमला की धड़कने तेज हो गई क्योंकि उसने शादाब को मालिश के लिए बोल तो दिया था लेकिन अंदर ही अंदर उसे अजीब सा एहसास हो रहा था। शादाब ने गीला कपड़ा लिया और उसे फिर से पानी में भिगोया और चादर के उपर से जैसे ही उसने कमला की गांड़ को छुआ तो कमला को एक तेज अजीब सी सनसनाहट अपने बदन में महसूस हुई और उसकी अपनी सांसे तेज होती महसूस हुई। शादाब ने कपडे को धीरे धीरे हल्के हाथ से उसकी गांड़ के दोनो हिस्सो पर फिराया तो कमला का बदन कांप उठा। शादाब ने फिर से कपड़ा पानी से भिगोया और उसने उस बार पहले के मुकाबले थोड़ा सख्त हाथ से कमला की गांड़ के उभार को कपडे से रगड़ा तो कमला को अपने पूरे बदन में चीटियां सी दौड़ती हुई महसूस हुई और उसने अपनी जांघो को कस लिया। शादाब कपडे को हाथ में लिए हुए उसकी गांड़ के दोनो उभार के बीच में जैसे ही उसकी गांड़ के छेद के आस पास कपड़ा फिराया तो कमला के मुंह से ना चाहते हुए भी आह निकल पड़ी।

कमला के मुंह से आह सुनते ही शादाब समझ गया कि उसके छूने से कमला उत्तेजित हो रही हैं तो उसने थोड़ा खुल कर उसकी गांड़ को कपडे से रगड़ना शुरू कर दिया और कमला की गांड़ पहली बार ज़िन्दगी में कोई ऐसे सहला रहा था जिससे उसे बेहद अच्छा लग रहा था।

शादाब ने फिर से कपडे को पूरी तरह से गीला किया और सीधे उसकी गांड़ के बीच में रख दिया तो हल्के गुनगुने पानी की एक धार बारीक सी चादर को पर करते हुए उसकी गांड़ के छेद को छूते हुए बह गई तो कमला ने अपनी गांड़ को कस लिया। थोड़ी देर और शादाब ने चादर के उपर से ही उसकी गांड़ की गर्म पानी से सिकाई करी और कमला को काफी सुकून मिल रहा था। कमला के जिस्म में मस्ती भरी हलचल मच गई थी जैसे उसने काफी सालों के बाद महसूस किया था।

शादाब:" आंटी सिकाई तो हो गई, अब मालिश करनी होगी ताकि आपको जल्दी आराम मिल जाए।

कमला:" अच्छा तो फिर मालिश भी तुम ही कर दो। तुम्हारे हाथ में जादू सा है शादाब। तुम एक अच्छे डॉक्टर बन जाओगे।

शादाब अपनी तारीफ सुनकर खुश हो गया वो किचेन में गया और एक कटोरी में सरसो का तेल गरम करने लगा। कमला ने मालिश के लिए बोल तो दिया था लेकिन अब वो समस्या में पड़ गई थी क्योंकि सिकाई तो चादर के उपर से हो गई थी लेकिन मालिश के लिए तो उसे चादर उतारनी ही पड़ेगी मतलब उसकी गांड़ पूरी तरह से नंगी होकर शादाब को हाथो में रहेगी। ये सब सोचते ही कमला की सांसे बहुत ज्यादा तेज हो गई और उसे अपनी चूत में आज सालो के बाद पहली बार गीलापन महसूस हुआ तो कमला को जैसे यकीन ही नहीं हुआ कि उसके जिस्म उसके काबू से बाहर जा रहा है। ये भगवान ये मुझे क्या हो रहा है, ऐसा तो आज तक कभी नहीं हुआ। मुझे खुद पर काबू क्यों नहीं हो पा रहा है, क्यों मेरा बदन अपने आप ही मचल रहा है।

कमला सोच ही रही थी कि तभी शादाब कटोरी में तेल लेकर अा गया और बोला:"

" आंटी चलिए आप मालिश के लिए तैयार हो जाइए।

कमला को कुछ समझ नहीं आया कि क्या कहे। कहीं शादाब उसे चादर उतारने में लिए तो नहीं कह रहा। अब क्या करू, अजीब मुसीबत में फंस गई। कमला की तरफ से कोई प्रतिक्रिया ना मिलती देख शादाब बोला:"

" आंटी तेल ठंडा हो गया तो फिर से गर्म करना पड़ेगा। आप कहे तो मालिश शुरू कर दू ?

कमला;" हान लेकिन क्या मालिश भी चादर के उपर से ही होगी या मैं चादर..

कमला चुप हो गई क्योंकि उसके अंदर हिम्मत नहीं बची थी कि चादर उतारने के लिए बोल सके। शादाब हालत समझते हुए बोला;"

" आंटी चादर के उपर से तो ठीक से मालिश ही नहीं हो सकती, उल्टा चादर और खराब हो जाएगी।

कमला:" लेकिन चादर उतारने से तो नीचे से मेरी गा...


उफ्फ कमला बोलते बोलते रुक गई और शर्म से लाल हो गई कि वो क्या बोलने जा रही थी। शादाब बोला:"

" तो फिर मालिश रहने दू ? आप खुद ही कर लीजिए अपने हाथ से।

कमला:" मुझसे नहीं हो पाएगी, तुम समझो मुझे शर्म आएगी बहुत ऐसे। तुम लाइट बंद कर लो पहले शादाब।

शादाब जल्दी से आगे बढ़ा और उसने लाइट को बंद कर दिया और कमरे में पूरी तरह से घुप अंधेरा हो गया। कमला की हालत खराब हो गई थी और चूत में सिरहन सी दौड़ गई थी और गांड़ की माशपेशियां अपने आप सिकुड़ रही थी। शादाब एक बार फिर से कमला की गांड़ के पास बैठ गया और उसने एक हाथ कमला की गांड़ पर टिका दिया तो कमला कांप उठी।

शादाब ने चादर को पकड़ लिया और बोला:" उतार दूं क्या चादर ?

कमला उसके हाथ अपनी गांड़ पर महसूस करते ही मदहोश सी होकर बोली;"

" उतार दो शादाब।

शादाब ने चादर के सिरे को पकड़ते हुए खींचना शुरु कर दिया और कमला की गांड़ पूरी तरह से नंगी होती चली गई। शादाब भी अब पूरी तरह से बेचैन हो गया और उसके लंड में भी तनाव अा गया और उसने अपने एक हाथ में तेल लिया और जैसे ही कमला की नंगी गांड़ को छुआ तो कमला के मुंह से आह निकल पड़ी और उसने अपनी गांड़ को जोर से कस लिया तो शादाब ने धीरे से उसकी गांड़ के उभार पर हाथ फिराया और कमला की गांड़ के दोनो उभार तेल से भीगते चले गए। शादाब ने फिर से तेल लिया और फिर से कमला की गांड़ पर पूरी तरह से चुपड़ दिया।

शादाब ने अब अपने हाथो से कमला की गांड़ को पकड़ लिया और हल्के हल्के मालिश करने लगा तो कमला ने मस्ती में आकर खुद ही अपनी टांगो को खोल दिया जिससे शादाब का हाथ अपने आप थोड़ा नीचे की तरफ बढ़ने लगा तो कमला ने डर के मारे फिर से अपनी जांघो को कस लिया।

शादाब ने फिर से तेल लिया और उस बार थोड़ा जोर से कमला की गांड़ को पकड़ लिया और जोर जोर से मालिश करने लगा। कमला की चूत में से रस की कुछ बूंदे टपक पड़ी और कमला ने अपने एक हाथ को नीचे करते हुए अपनी चूत के नीचे रख दिया जिससे उसकी चूत उसके अपने ही हाथ पर रगड़ खाने लगी। कमला पूरी तरह से बेचैन हो गई और तेजी से अपनी चूत को अपने हाथ पर रगड़ने लगी। उसकी तेज तेज सांसे कमरे में गूंज रही थी। शादाब ने मस्ती ने आकर उसकी गांड़ को अपने दोनो हाथो से दबोच लिया और मालिश के बहाने से सहलाने लगी तो कमला पूरी तरह से बहकती चली गई। शादाब के सख्त हाथो को अपनी गांड़ पर महसूस करके कमला बेताब हो रही थी और उसने अपनी गांड़ को खोल दिया। शादाब ने जैसे ही नीचे की तरफ हाथ बढ़ाया तो उसकी उंगलियां गांड़ के दोनो उभारों के बीच में घुस गई और कमला के मुंह से फिर से एक आह निकल पड़ी और उसने अपनी गांड़ को शादाब की उंगलियों सहित कस लिया। शादाब ने जैसे ही कमला की गांड़ के छेद के आस पास उंगली घुमाई तो कमला से बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने खुद ही अपनी जांघो को खोल दिया और सिसक उठी। शादाब ने अपनी उंगली को कमला की गांड़ के छेद पर घुमाया तो कमला तड़प उठी और उसने जोर से सिसकते हुई अपनी एक अंगुली को अपनी चूत में घुसा दिया। कमला की गांड़ उछल उछल पड़ रही थी और शादाब ने अपनी एक अंगुली को उसकी गांड़ के छेद पर टिका दिया और कमला की गांड़ का छेद सहलाने लगा। कमला पागल सी हो गई और जोर जोर से सिसक रही थी।

शादाब ने अंधेरे का फायदा उठाते हुए धीरे से अपने पायजामा को खोल दिया तो उसका नंगा लंड उछलते हुए बाहर अा गया और शादाब उसे अपने तेल लगे हाथ से सहलाने लगा।

कमला अपनी चूत में तेजी से उंगली अंदर बाहर कर रही थी जिससे उसकी गांड़ का छेद जोर जोर से शादाब की उंगली से टकरा रहा था और शादाब ने अपनी उंगली को तेल से पूरी तरह से भिगोया और जैसे ही कमला की गांड़ के छेद पर उंगली का दबाव बढ़ाया तो कमला को उसकी गान्ड खुलती हुई महसूस हुई और उसने जोर से अपने दांतो को भींच लिया और शादाब ने जैसे ही दबाव दिया तो एक इंच उंगली कमला की गांड़ में घुस गई और उसके मुंह से दर्द भरी आह निकल पड़ी। शादाब की उंगली कमला की गांड़ में पूरी तरह से फंस गई थी और कमला ने अपनी उंगली को चूत में जड़ तक घुसा दिया था। शादाब का दूसरा हाथ उसके लंड पर था और तेल में भीगा हुआ उसका हाथ उसके चिकने हो गए लंड पर सरपट दौड़ रहा था। शादाब ने अपनी उंगली का जोर बढ़ाया और उसकी पूरी उंगली कमला की गांड़ में घुस गई। कमला ने दर्द के मारे अपनी गांड़ को कस लिया और तड़प उठी।

शादाब ने धीरे से अपनी उंगली से उसकी गांड़ के अंदर सहलाया तो कमला को सुकून महसूस हुआ और गांड़ खुल गया तो शादाब ने थोड़ा सा उंगली को बाहर खींचा और फिर से अंदर घुसा दिया तो कमला फिर से सिसक उठी।

शादाब अब कमला की टांगो के बीच में बैठ गया तो उसका लंड कमला की जांघ से टकराया तो कमला को जैसे यकीन ही नहीं हुआ। हाय राम ये तो नंगा हो गया है पूरा। उफ्फ अब क्या होगा। इसका लंड तो बहुत मोटा है उफ्फ मेरी चूत फट जायेगी।

शादाब की उंगली अब आराम से कमला की गांड़ में अंदर बाहर हो रही थी और शादाब बोला"

" आंटी मालिश कैसी लग रही है आपको ? आराम मिल रहा है ना ?

कमला अपनी गांड़ की दीवार पर उंगली महसूस करते हुए सिसकी

" आह शादाब, अच्छा लग रहा है कुछ कुछ।

शादाब का लंड अब पूरी तरह से कमला की जांघो से टकरा रहा था और कमला की हालत खराब होती जा रही थी और उसकी गांड़ मस्ती से शादाब की उंगली पर उछल रही थी। शादाब थोड़ा सा आगे को झुका तो उसका लन्ड कमला की गांड़ के उभार से टकरा गया तो कमला बेकाबू हो गई और खुद ही अपने शरीर को पीछे सरका दिया तो लंड उसकी गांड़ में अंदर बाहर हो रही शादाब की उंगली से टकरा गया तो दोनो एक साथ सिसक उठे।

तभी शादाब का पैर फिसला और वो कमला के उपर गिर पड़ा और उंगली उसकी गांड़ से बाहर निकल गई और लंड गांड़ पर जा लगा। अपनी गांड़ पर लंड का मोटा तगड़ा सुपाड़ा महसूस करके कमला मस्ती से सिसक उठी और शादाब ने अपने सुपाड़े से उसकी गांड़ को सहलाना शुरू कर दिया और दूसरे हाथ को उसने नीचे की तरफ सरका दिया तो उसके हाथ में कमला का हाथ अा गया जिसकी एक उंगली चूत में घुसी हुई थी। शादाब ने कमला की चूत में घुसी हुई उंगली को महसूस किया तो वो पागल सा हो गया और उसकी चूत को मुट्ठी में भर लिया तो कमला से बर्दाश्त नहीं हुआ और कमला ने अपनी टांगे खोलते हुए शादाब की उंगली को अपनी चूत पर रगड़ दिया।

शादाब से अब बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने एक हाथ दो उंगली कमला की चूत में घुसाते लंड का जोरदार धक्का लगाया जिससे लंड का सुपाड़ा उसकी गांड़ को फाड़ते हुए अंदर घुस गया है कमला दर्द से कराह उठी

" आह शादाब मार डाला, उफ्फ

शादाब गांड़ में सुपाड़ा घुसते ही कमला की गांड़ की गर्मी महसूस करके जोश में अा गया और एक जोरदार धक्का उसकी गांड़ में मारा तो लंड एक ही धक्के में कमला की गांड़ में घुस गया और कमला दर्द के मारे जोर जोर से सिसक उठी, कराह उठी, मचल उठी

" आह तेरी मा की चूत, मेरी गांड़ फाड़ दी जालिम।

शादाब ने बिना देरी किए कमला की गांड़ में धक्के लगाने शुरू कर दिए तो लंड कसा कसा उसकी गांड़ में धीरे धीरे अन्दर बाहर होने लगा। कमला अभी भी दर्द से कराह रही थी और धीरे धीरे लंड आराम से अन्दर बाहर होने लगा तो कमला का दर्द कम होता चला गया और उसके मुंह से मस्ती भरी आह निकल पड़ी। शादाब अब थोड़ा जोर जोर से धक्के लगाने लगा तो कमला की सिसकियां तेज होती चली गई। कमला की गांड़ पूरी तरह से खुल गई तो लंड आराम से अन्दर बाहर होने लगा और कमला खुद ही अपनी गांड़ हिलाने लगी और सिसक उठी

" आह शादाब, कितना अच्छा हैं तू, आह मार मेरी गांड़।

शादाब तेजी से कमला की गांड़ मारने लगा और कमला हर धक्के पर सिसक रही थी और शादाब की उंगलियां पूरी तेजी से उसकी चूत में अंदर बाहर हो रही थी। तभी शादाब तेजी से धक्के मारने लगा और कमला की चूत एक झटके के साथ झड़ती चली गई और शादाब से कमला लिपटती चली गई और शादाब ने एक आखिरी धक्का उसकी गांड़ में मारा और कमला एक बार फिर से दर्द से कराह उठी। शादाब ने अपनी वीर्य की पिचकारी उसकी गांड़ में मारनी शुरू कर दी और उससे लिपट गया।
Bahut hi badhiya update diya hai bhai...
Nice and superb update...
 

Luffy

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सभी लोग घर पहुंच गए और अभी मुश्किल से 10 ही बजे थे। सपना ने खाना बनाया और तब तक शादाब ने कमला का पैर चैक किया हड्डी नहीं टूटी थी जो एक बहुत अच्छी बात थी। कमला आराम से बेड पर लेती हुई आराम कर रही थी और सपना ने तब तक खाना टेबल पर लगा दिया तो सभी लोग खाना खाने लगे। खाना खाकर सपना अपने घर की तरफ चली गई और कमला और शादाब दोनो टीवी देखते रहे।

दोपहर होते होते उन्हें नींद अा गई और कमला जब शाम को सोकर उठी तो उसे अपने पिछवाड़े में दर्द का एहसास हुआ। शादाब भी उठ गया तो कमला बोली:"

" शादाब मुझे पीछे कूल्हे पर दर्द महसूस हो रहा है । कहीं ज्यादा चोट तो नहीं लग गई।

शादाब ने एक बार कमला के पिछवाड़े पर हाथ रखा और चैक करते हुए बोला:"

" चोट तो अंदरूनी लगी हैं और आपका हल्का सा मांस फट गया है। आपको अब गर्म पानी से सिकाई और मालिश करनी होगी।

कमला ने एक आह भरी और बोली:"

" सपना को ही बुलाना पड़ेगा फिर तो। वहीं मेरी मदद कर सकती हैं बेचारी।

शादाब खुश होते हुए:" हान बिल्कुल बुला लीजिए। उसके आने से घर के काम में भी हाथ बंट जाएगा।

कमला:" मुझसे तो इस हाल में चला नहीं जाएगा। एक काम करो, तुम ही जाकर उसे बुला लाओ, मैं उसके घर का रास्ता बता देती हूं।

कमला ने शादाब को रास्ता बता दिया और शादाब थोड़ी देर बाद ही वापिस लौट आया तो कमला बोली:"

" क्या हुआ ? सपना नहीं मिली क्या घर पर ?

अजय:" वो तो नहीं मिली। वो अपनी मा के साथ अपने मामा के यहां चली गई और और शायद कुछ दिन के बाद ही वापिस आए।

कमला के माथे पर परेशानी के भाव साफ़ छलक पड़े और बोली:"

" इस कमीनी सपना को भी आज ही जाना था और उसके साथ ही उसकी मम्मी भी चली गई।

शादाब:" हान अभी दिक्कत तो होगी। मैं एक काम करता हूं आपके लिए पानी गर्म कर देता हूं और आप अपने आप ही करने की कोशिश कीजिए।

कमला:" हान ये भी ठीक रहेगा। तुम जल्दी से पानी गर्म करके एक भिगोने में ले आओ।

शादाब किचेन में चला गया और उसने एक भिगोने में पानी गर्म किया और कमला के पास लेकर अा गया और बोला:"

" लीजिए आंटी कर लीजिए आप सिकाई। मैं बाहर बैठ जाता हूं कोई जरूरत हो तो बुला लीजिए।

कमला:" ठीक है शादाब। मैं कोशिश करती हूं।

शादाब बाहर अा गया और कमला ने अपना लहंगा निकाल दिया और नीचे से पूरी तरह से नंगी हो गई और वहीं फर्श पर एक चादर पर लेट गई और एक हाथ से गर्म पानी लेकर अपनी सिकाई करने लगी। कमला अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही थी लेकिन ठीक तरह से अपने पिछवाड़े की मालिश नहीं कर पा रही थी। उसे समझ नहीं अा रहा था कि क्या करे क्योंकि शादाब को बोलने की हिम्मत उसमे नहीं थी और ना ही शादाब ने अपनी तरफ से कमला को मालिश के लिए बोला था।

कमला ने भीगे कपडे को फिर से गर्म पानी में डुबोने के लिए हाथ आगे बढाया और दर्द के कारण उसका हाथ ठीक से संभल नहीं पाया और उसका हाथ सीधे भिगोने पर गिरा और भिगोना उल्टा हो गया जिससे सारा हल्का गर्म गर्म पानी बिखर गया और जैसे ही कमला के पैरो से टकरा गया तो कमला दर्द से कराह उठी और शादाब तेजी से अंदर की तरफ दौड़ा तो उसने पहली बार कमला की मोटी मोटी नंगी पूरी तरह से फूली हुई गांड़ देखी तो कमला ने शर्म के मारे चादर को अपने पिछवाड़े पर डाल लिया और बोली:"

" आह शादाब, पानी गिर गया बेटा गर्म गर्म।

शादाब ने वाइपर से जल्दी से पानी हटाया और बोला:

" आप ज्यादा तो नहीं जली ? आप ठीक तो हैं ना ?

कमला:" हान पानी ज्यादा गर्म नहीं था। जली तो नहीं हूं लेकिन पानी सब बिखर गया। मालिश भी नहीं हो पाई अभी तो।

शादाब:" कोई बात नहीं मैं फिर से पानी गर्म कर देता हूं।

इतना कहकर शादाब नीचे को झुका और उसने फिर से एक नजर कमला की भीगी चादर से लिपटी हुई गांड़ पर डाली और किचेन की तरफ चला गया। कमला ये सब देखकर हैरान हो गई कि शादाब उसकी गान्ड को हसरत भरी निगाहों से देख रहा था। हाय भगवान ये आज कल के लड़के भी ना बस इनकी नजर कोई मौका नहीं छोड़ती। कैसे मेरे पिछवाड़े को घूर रहा था ये, अब तो इसे मैं मालिश के लिए भी नहीं बोल सकती। क्यों नहीं बोल सकती, वो तेरे बेटे जैसा हैं, बेटा तो नहीं है लेकिन और उसका क्या पता कहीं बहक गया तो। ऐसे कैसे बहक जाएगा तो उसे बहकने मत देना।

लेकिन फिर भी क्या करू, मैं खुद तो मालिश नहीं कर सकती। अब उसके सिवा और कोई हैं भी नहीं मेरी मदद करने वाला। बोलकर देखती हूं अगर लगा कुछ गलत होगा तो खुद ही मना कर दूंगी। आखिरकार कमला ने फैसला कर ही लिया।

उधर शादाब पिछले दो दिन से परेशान था और कमला की नंगी गांड़ देखकर उसे अच्छा लगा था और पानी गर्म करते हुए भी वो कमला की गांड़ के बारे में ही सोच रहा था जिससे उसके लंड में तनाव अा गया और शादाब ने पानी गर्म किया और फिर से भिगोने में लेकर बाहर की तरफ अा गया और कमला के पास रखते हुए बोला:"

" लो आंटी, थोड़ा ज्यादा गर्म हैं पानी, इस बार ध्यान से करना सिकाई, कहीं गिर गया तो आप बुरी तरह से जक जाओगी।

इतना कहकर शादाब ने एक नजर फिर से उसकी गांड़ पर डाली और सीधा खड़ा हो गया कमला की नजर पायजामा में बने हुए तम्बू पर पड़ी और मन ही मन मुस्कुरा उठी कि कितना शैतान हैं ये लड़का। क्या ऐसे हालत में इसे सिकाई के लिए बोलना ठीक रहेगा। लेकिन पानी गर्म हैं इस बार गिर गया तो जल जाऊंगी। कमला को कुछ समझ नहीं आ रहा था और शादाब बाहर की तरफ चल पडा तो कमला ने हिम्मत करके उसे आवाज लगाई

" शादाब क्या तुम मेरी मालिश कर सकते हो ? मुझसे ठीक से हो नहीं पा रही है।

शादाब वापिस आया और बोला:"

" हान हान आंटी क्यों नहीं ? मैं कर देता हूं। ।


इतना कहकर वो वहीं उसके पैरो के पास बैठ गया। कमला की धड़कने तेज हो गई क्योंकि उसने शादाब को मालिश के लिए बोल तो दिया था लेकिन अंदर ही अंदर उसे अजीब सा एहसास हो रहा था। शादाब ने गीला कपड़ा लिया और उसे फिर से पानी में भिगोया और चादर के उपर से जैसे ही उसने कमला की गांड़ को छुआ तो कमला को एक तेज अजीब सी सनसनाहट अपने बदन में महसूस हुई और उसकी अपनी सांसे तेज होती महसूस हुई। शादाब ने कपडे को धीरे धीरे हल्के हाथ से उसकी गांड़ के दोनो हिस्सो पर फिराया तो कमला का बदन कांप उठा। शादाब ने फिर से कपड़ा पानी से भिगोया और उसने उस बार पहले के मुकाबले थोड़ा सख्त हाथ से कमला की गांड़ के उभार को कपडे से रगड़ा तो कमला को अपने पूरे बदन में चीटियां सी दौड़ती हुई महसूस हुई और उसने अपनी जांघो को कस लिया। शादाब कपडे को हाथ में लिए हुए उसकी गांड़ के दोनो उभार के बीच में जैसे ही उसकी गांड़ के छेद के आस पास कपड़ा फिराया तो कमला के मुंह से ना चाहते हुए भी आह निकल पड़ी।

कमला के मुंह से आह सुनते ही शादाब समझ गया कि उसके छूने से कमला उत्तेजित हो रही हैं तो उसने थोड़ा खुल कर उसकी गांड़ को कपडे से रगड़ना शुरू कर दिया और कमला की गांड़ पहली बार ज़िन्दगी में कोई ऐसे सहला रहा था जिससे उसे बेहद अच्छा लग रहा था।

शादाब ने फिर से कपडे को पूरी तरह से गीला किया और सीधे उसकी गांड़ के बीच में रख दिया तो हल्के गुनगुने पानी की एक धार बारीक सी चादर को पर करते हुए उसकी गांड़ के छेद को छूते हुए बह गई तो कमला ने अपनी गांड़ को कस लिया। थोड़ी देर और शादाब ने चादर के उपर से ही उसकी गांड़ की गर्म पानी से सिकाई करी और कमला को काफी सुकून मिल रहा था। कमला के जिस्म में मस्ती भरी हलचल मच गई थी जैसे उसने काफी सालों के बाद महसूस किया था।

शादाब:" आंटी सिकाई तो हो गई, अब मालिश करनी होगी ताकि आपको जल्दी आराम मिल जाए।

कमला:" अच्छा तो फिर मालिश भी तुम ही कर दो। तुम्हारे हाथ में जादू सा है शादाब। तुम एक अच्छे डॉक्टर बन जाओगे।

शादाब अपनी तारीफ सुनकर खुश हो गया वो किचेन में गया और एक कटोरी में सरसो का तेल गरम करने लगा। कमला ने मालिश के लिए बोल तो दिया था लेकिन अब वो समस्या में पड़ गई थी क्योंकि सिकाई तो चादर के उपर से हो गई थी लेकिन मालिश के लिए तो उसे चादर उतारनी ही पड़ेगी मतलब उसकी गांड़ पूरी तरह से नंगी होकर शादाब को हाथो में रहेगी। ये सब सोचते ही कमला की सांसे बहुत ज्यादा तेज हो गई और उसे अपनी चूत में आज सालो के बाद पहली बार गीलापन महसूस हुआ तो कमला को जैसे यकीन ही नहीं हुआ कि उसके जिस्म उसके काबू से बाहर जा रहा है। ये भगवान ये मुझे क्या हो रहा है, ऐसा तो आज तक कभी नहीं हुआ। मुझे खुद पर काबू क्यों नहीं हो पा रहा है, क्यों मेरा बदन अपने आप ही मचल रहा है।

कमला सोच ही रही थी कि तभी शादाब कटोरी में तेल लेकर अा गया और बोला:"

" आंटी चलिए आप मालिश के लिए तैयार हो जाइए।

कमला को कुछ समझ नहीं आया कि क्या कहे। कहीं शादाब उसे चादर उतारने में लिए तो नहीं कह रहा। अब क्या करू, अजीब मुसीबत में फंस गई। कमला की तरफ से कोई प्रतिक्रिया ना मिलती देख शादाब बोला:"

" आंटी तेल ठंडा हो गया तो फिर से गर्म करना पड़ेगा। आप कहे तो मालिश शुरू कर दू ?

कमला;" हान लेकिन क्या मालिश भी चादर के उपर से ही होगी या मैं चादर..

कमला चुप हो गई क्योंकि उसके अंदर हिम्मत नहीं बची थी कि चादर उतारने के लिए बोल सके। शादाब हालत समझते हुए बोला;"

" आंटी चादर के उपर से तो ठीक से मालिश ही नहीं हो सकती, उल्टा चादर और खराब हो जाएगी।

कमला:" लेकिन चादर उतारने से तो नीचे से मेरी गा...


उफ्फ कमला बोलते बोलते रुक गई और शर्म से लाल हो गई कि वो क्या बोलने जा रही थी। शादाब बोला:"

" तो फिर मालिश रहने दू ? आप खुद ही कर लीजिए अपने हाथ से।

कमला:" मुझसे नहीं हो पाएगी, तुम समझो मुझे शर्म आएगी बहुत ऐसे। तुम लाइट बंद कर लो पहले शादाब।

शादाब जल्दी से आगे बढ़ा और उसने लाइट को बंद कर दिया और कमरे में पूरी तरह से घुप अंधेरा हो गया। कमला की हालत खराब हो गई थी और चूत में सिरहन सी दौड़ गई थी और गांड़ की माशपेशियां अपने आप सिकुड़ रही थी। शादाब एक बार फिर से कमला की गांड़ के पास बैठ गया और उसने एक हाथ कमला की गांड़ पर टिका दिया तो कमला कांप उठी।

शादाब ने चादर को पकड़ लिया और बोला:" उतार दूं क्या चादर ?

कमला उसके हाथ अपनी गांड़ पर महसूस करते ही मदहोश सी होकर बोली;"

" उतार दो शादाब।

शादाब ने चादर के सिरे को पकड़ते हुए खींचना शुरु कर दिया और कमला की गांड़ पूरी तरह से नंगी होती चली गई। शादाब भी अब पूरी तरह से बेचैन हो गया और उसके लंड में भी तनाव अा गया और उसने अपने एक हाथ में तेल लिया और जैसे ही कमला की नंगी गांड़ को छुआ तो कमला के मुंह से आह निकल पड़ी और उसने अपनी गांड़ को जोर से कस लिया तो शादाब ने धीरे से उसकी गांड़ के उभार पर हाथ फिराया और कमला की गांड़ के दोनो उभार तेल से भीगते चले गए। शादाब ने फिर से तेल लिया और फिर से कमला की गांड़ पर पूरी तरह से चुपड़ दिया।

शादाब ने अब अपने हाथो से कमला की गांड़ को पकड़ लिया और हल्के हल्के मालिश करने लगा तो कमला ने मस्ती में आकर खुद ही अपनी टांगो को खोल दिया जिससे शादाब का हाथ अपने आप थोड़ा नीचे की तरफ बढ़ने लगा तो कमला ने डर के मारे फिर से अपनी जांघो को कस लिया।

शादाब ने फिर से तेल लिया और उस बार थोड़ा जोर से कमला की गांड़ को पकड़ लिया और जोर जोर से मालिश करने लगा। कमला की चूत में से रस की कुछ बूंदे टपक पड़ी और कमला ने अपने एक हाथ को नीचे करते हुए अपनी चूत के नीचे रख दिया जिससे उसकी चूत उसके अपने ही हाथ पर रगड़ खाने लगी। कमला पूरी तरह से बेचैन हो गई और तेजी से अपनी चूत को अपने हाथ पर रगड़ने लगी। उसकी तेज तेज सांसे कमरे में गूंज रही थी। शादाब ने मस्ती ने आकर उसकी गांड़ को अपने दोनो हाथो से दबोच लिया और मालिश के बहाने से सहलाने लगी तो कमला पूरी तरह से बहकती चली गई। शादाब के सख्त हाथो को अपनी गांड़ पर महसूस करके कमला बेताब हो रही थी और उसने अपनी गांड़ को खोल दिया। शादाब ने जैसे ही नीचे की तरफ हाथ बढ़ाया तो उसकी उंगलियां गांड़ के दोनो उभारों के बीच में घुस गई और कमला के मुंह से फिर से एक आह निकल पड़ी और उसने अपनी गांड़ को शादाब की उंगलियों सहित कस लिया। शादाब ने जैसे ही कमला की गांड़ के छेद के आस पास उंगली घुमाई तो कमला से बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने खुद ही अपनी जांघो को खोल दिया और सिसक उठी। शादाब ने अपनी उंगली को कमला की गांड़ के छेद पर घुमाया तो कमला तड़प उठी और उसने जोर से सिसकते हुई अपनी एक अंगुली को अपनी चूत में घुसा दिया। कमला की गांड़ उछल उछल पड़ रही थी और शादाब ने अपनी एक अंगुली को उसकी गांड़ के छेद पर टिका दिया और कमला की गांड़ का छेद सहलाने लगा। कमला पागल सी हो गई और जोर जोर से सिसक रही थी।

शादाब ने अंधेरे का फायदा उठाते हुए धीरे से अपने पायजामा को खोल दिया तो उसका नंगा लंड उछलते हुए बाहर अा गया और शादाब उसे अपने तेल लगे हाथ से सहलाने लगा।

कमला अपनी चूत में तेजी से उंगली अंदर बाहर कर रही थी जिससे उसकी गांड़ का छेद जोर जोर से शादाब की उंगली से टकरा रहा था और शादाब ने अपनी उंगली को तेल से पूरी तरह से भिगोया और जैसे ही कमला की गांड़ के छेद पर उंगली का दबाव बढ़ाया तो कमला को उसकी गान्ड खुलती हुई महसूस हुई और उसने जोर से अपने दांतो को भींच लिया और शादाब ने जैसे ही दबाव दिया तो एक इंच उंगली कमला की गांड़ में घुस गई और उसके मुंह से दर्द भरी आह निकल पड़ी। शादाब की उंगली कमला की गांड़ में पूरी तरह से फंस गई थी और कमला ने अपनी उंगली को चूत में जड़ तक घुसा दिया था। शादाब का दूसरा हाथ उसके लंड पर था और तेल में भीगा हुआ उसका हाथ उसके चिकने हो गए लंड पर सरपट दौड़ रहा था। शादाब ने अपनी उंगली का जोर बढ़ाया और उसकी पूरी उंगली कमला की गांड़ में घुस गई। कमला ने दर्द के मारे अपनी गांड़ को कस लिया और तड़प उठी।

शादाब ने धीरे से अपनी उंगली से उसकी गांड़ के अंदर सहलाया तो कमला को सुकून महसूस हुआ और गांड़ खुल गया तो शादाब ने थोड़ा सा उंगली को बाहर खींचा और फिर से अंदर घुसा दिया तो कमला फिर से सिसक उठी।

शादाब अब कमला की टांगो के बीच में बैठ गया तो उसका लंड कमला की जांघ से टकराया तो कमला को जैसे यकीन ही नहीं हुआ। हाय राम ये तो नंगा हो गया है पूरा। उफ्फ अब क्या होगा। इसका लंड तो बहुत मोटा है उफ्फ मेरी चूत फट जायेगी।

शादाब की उंगली अब आराम से कमला की गांड़ में अंदर बाहर हो रही थी और शादाब बोला"

" आंटी मालिश कैसी लग रही है आपको ? आराम मिल रहा है ना ?

कमला अपनी गांड़ की दीवार पर उंगली महसूस करते हुए सिसकी

" आह शादाब, अच्छा लग रहा है कुछ कुछ।

शादाब का लंड अब पूरी तरह से कमला की जांघो से टकरा रहा था और कमला की हालत खराब होती जा रही थी और उसकी गांड़ मस्ती से शादाब की उंगली पर उछल रही थी। शादाब थोड़ा सा आगे को झुका तो उसका लन्ड कमला की गांड़ के उभार से टकरा गया तो कमला बेकाबू हो गई और खुद ही अपने शरीर को पीछे सरका दिया तो लंड उसकी गांड़ में अंदर बाहर हो रही शादाब की उंगली से टकरा गया तो दोनो एक साथ सिसक उठे।

तभी शादाब का पैर फिसला और वो कमला के उपर गिर पड़ा और उंगली उसकी गांड़ से बाहर निकल गई और लंड गांड़ पर जा लगा। अपनी गांड़ पर लंड का मोटा तगड़ा सुपाड़ा महसूस करके कमला मस्ती से सिसक उठी और शादाब ने अपने सुपाड़े से उसकी गांड़ को सहलाना शुरू कर दिया और दूसरे हाथ को उसने नीचे की तरफ सरका दिया तो उसके हाथ में कमला का हाथ अा गया जिसकी एक उंगली चूत में घुसी हुई थी। शादाब ने कमला की चूत में घुसी हुई उंगली को महसूस किया तो वो पागल सा हो गया और उसकी चूत को मुट्ठी में भर लिया तो कमला से बर्दाश्त नहीं हुआ और कमला ने अपनी टांगे खोलते हुए शादाब की उंगली को अपनी चूत पर रगड़ दिया।

शादाब से अब बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने एक हाथ दो उंगली कमला की चूत में घुसाते लंड का जोरदार धक्का लगाया जिससे लंड का सुपाड़ा उसकी गांड़ को फाड़ते हुए अंदर घुस गया है कमला दर्द से कराह उठी

" आह शादाब मार डाला, उफ्फ

शादाब गांड़ में सुपाड़ा घुसते ही कमला की गांड़ की गर्मी महसूस करके जोश में अा गया और एक जोरदार धक्का उसकी गांड़ में मारा तो लंड एक ही धक्के में कमला की गांड़ में घुस गया और कमला दर्द के मारे जोर जोर से सिसक उठी, कराह उठी, मचल उठी

" आह तेरी मा की चूत, मेरी गांड़ फाड़ दी जालिम।

शादाब ने बिना देरी किए कमला की गांड़ में धक्के लगाने शुरू कर दिए तो लंड कसा कसा उसकी गांड़ में धीरे धीरे अन्दर बाहर होने लगा। कमला अभी भी दर्द से कराह रही थी और धीरे धीरे लंड आराम से अन्दर बाहर होने लगा तो कमला का दर्द कम होता चला गया और उसके मुंह से मस्ती भरी आह निकल पड़ी। शादाब अब थोड़ा जोर जोर से धक्के लगाने लगा तो कमला की सिसकियां तेज होती चली गई। कमला की गांड़ पूरी तरह से खुल गई तो लंड आराम से अन्दर बाहर होने लगा और कमला खुद ही अपनी गांड़ हिलाने लगी और सिसक उठी

" आह शादाब, कितना अच्छा हैं तू, आह मार मेरी गांड़।

शादाब तेजी से कमला की गांड़ मारने लगा और कमला हर धक्के पर सिसक रही थी और शादाब की उंगलियां पूरी तेजी से उसकी चूत में अंदर बाहर हो रही थी। तभी शादाब तेजी से धक्के मारने लगा और कमला की चूत एक झटके के साथ झड़ती चली गई और शादाब से कमला लिपटती चली गई और शादाब ने एक आखिरी धक्का उसकी गांड़ में मारा और कमला एक बार फिर से दर्द से कराह उठी। शादाब ने अपनी वीर्य की पिचकारी उसकी गांड़ में मारनी शुरू कर दी और उससे लिपट गया।
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सभी लोग घर पहुंच गए और अभी मुश्किल से 10 ही बजे थे। सपना ने खाना बनाया और तब तक शादाब ने कमला का पैर चैक किया हड्डी नहीं टूटी थी जो एक बहुत अच्छी बात थी। कमला आराम से बेड पर लेती हुई आराम कर रही थी और सपना ने तब तक खाना टेबल पर लगा दिया तो सभी लोग खाना खाने लगे। खाना खाकर सपना अपने घर की तरफ चली गई और कमला और शादाब दोनो टीवी देखते रहे।

दोपहर होते होते उन्हें नींद अा गई और कमला जब शाम को सोकर उठी तो उसे अपने पिछवाड़े में दर्द का एहसास हुआ। शादाब भी उठ गया तो कमला बोली:"

" शादाब मुझे पीछे कूल्हे पर दर्द महसूस हो रहा है । कहीं ज्यादा चोट तो नहीं लग गई।

शादाब ने एक बार कमला के पिछवाड़े पर हाथ रखा और चैक करते हुए बोला:"

" चोट तो अंदरूनी लगी हैं और आपका हल्का सा मांस फट गया है। आपको अब गर्म पानी से सिकाई और मालिश करनी होगी।

कमला ने एक आह भरी और बोली:"

" सपना को ही बुलाना पड़ेगा फिर तो। वहीं मेरी मदद कर सकती हैं बेचारी।

शादाब खुश होते हुए:" हान बिल्कुल बुला लीजिए। उसके आने से घर के काम में भी हाथ बंट जाएगा।

कमला:" मुझसे तो इस हाल में चला नहीं जाएगा। एक काम करो, तुम ही जाकर उसे बुला लाओ, मैं उसके घर का रास्ता बता देती हूं।

कमला ने शादाब को रास्ता बता दिया और शादाब थोड़ी देर बाद ही वापिस लौट आया तो कमला बोली:"

" क्या हुआ ? सपना नहीं मिली क्या घर पर ?

अजय:" वो तो नहीं मिली। वो अपनी मा के साथ अपने मामा के यहां चली गई और और शायद कुछ दिन के बाद ही वापिस आए।

कमला के माथे पर परेशानी के भाव साफ़ छलक पड़े और बोली:"

" इस कमीनी सपना को भी आज ही जाना था और उसके साथ ही उसकी मम्मी भी चली गई।

शादाब:" हान अभी दिक्कत तो होगी। मैं एक काम करता हूं आपके लिए पानी गर्म कर देता हूं और आप अपने आप ही करने की कोशिश कीजिए।

कमला:" हान ये भी ठीक रहेगा। तुम जल्दी से पानी गर्म करके एक भिगोने में ले आओ।

शादाब किचेन में चला गया और उसने एक भिगोने में पानी गर्म किया और कमला के पास लेकर अा गया और बोला:"

" लीजिए आंटी कर लीजिए आप सिकाई। मैं बाहर बैठ जाता हूं कोई जरूरत हो तो बुला लीजिए।

कमला:" ठीक है शादाब। मैं कोशिश करती हूं।

शादाब बाहर अा गया और कमला ने अपना लहंगा निकाल दिया और नीचे से पूरी तरह से नंगी हो गई और वहीं फर्श पर एक चादर पर लेट गई और एक हाथ से गर्म पानी लेकर अपनी सिकाई करने लगी। कमला अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही थी लेकिन ठीक तरह से अपने पिछवाड़े की मालिश नहीं कर पा रही थी। उसे समझ नहीं अा रहा था कि क्या करे क्योंकि शादाब को बोलने की हिम्मत उसमे नहीं थी और ना ही शादाब ने अपनी तरफ से कमला को मालिश के लिए बोला था।

कमला ने भीगे कपडे को फिर से गर्म पानी में डुबोने के लिए हाथ आगे बढाया और दर्द के कारण उसका हाथ ठीक से संभल नहीं पाया और उसका हाथ सीधे भिगोने पर गिरा और भिगोना उल्टा हो गया जिससे सारा हल्का गर्म गर्म पानी बिखर गया और जैसे ही कमला के पैरो से टकरा गया तो कमला दर्द से कराह उठी और शादाब तेजी से अंदर की तरफ दौड़ा तो उसने पहली बार कमला की मोटी मोटी नंगी पूरी तरह से फूली हुई गांड़ देखी तो कमला ने शर्म के मारे चादर को अपने पिछवाड़े पर डाल लिया और बोली:"

" आह शादाब, पानी गिर गया बेटा गर्म गर्म।

शादाब ने वाइपर से जल्दी से पानी हटाया और बोला:

" आप ज्यादा तो नहीं जली ? आप ठीक तो हैं ना ?

कमला:" हान पानी ज्यादा गर्म नहीं था। जली तो नहीं हूं लेकिन पानी सब बिखर गया। मालिश भी नहीं हो पाई अभी तो।

शादाब:" कोई बात नहीं मैं फिर से पानी गर्म कर देता हूं।

इतना कहकर शादाब नीचे को झुका और उसने फिर से एक नजर कमला की भीगी चादर से लिपटी हुई गांड़ पर डाली और किचेन की तरफ चला गया। कमला ये सब देखकर हैरान हो गई कि शादाब उसकी गान्ड को हसरत भरी निगाहों से देख रहा था। हाय भगवान ये आज कल के लड़के भी ना बस इनकी नजर कोई मौका नहीं छोड़ती। कैसे मेरे पिछवाड़े को घूर रहा था ये, अब तो इसे मैं मालिश के लिए भी नहीं बोल सकती। क्यों नहीं बोल सकती, वो तेरे बेटे जैसा हैं, बेटा तो नहीं है लेकिन और उसका क्या पता कहीं बहक गया तो। ऐसे कैसे बहक जाएगा तो उसे बहकने मत देना।

लेकिन फिर भी क्या करू, मैं खुद तो मालिश नहीं कर सकती। अब उसके सिवा और कोई हैं भी नहीं मेरी मदद करने वाला। बोलकर देखती हूं अगर लगा कुछ गलत होगा तो खुद ही मना कर दूंगी। आखिरकार कमला ने फैसला कर ही लिया।

उधर शादाब पिछले दो दिन से परेशान था और कमला की नंगी गांड़ देखकर उसे अच्छा लगा था और पानी गर्म करते हुए भी वो कमला की गांड़ के बारे में ही सोच रहा था जिससे उसके लंड में तनाव अा गया और शादाब ने पानी गर्म किया और फिर से भिगोने में लेकर बाहर की तरफ अा गया और कमला के पास रखते हुए बोला:"

" लो आंटी, थोड़ा ज्यादा गर्म हैं पानी, इस बार ध्यान से करना सिकाई, कहीं गिर गया तो आप बुरी तरह से जक जाओगी।

इतना कहकर शादाब ने एक नजर फिर से उसकी गांड़ पर डाली और सीधा खड़ा हो गया कमला की नजर पायजामा में बने हुए तम्बू पर पड़ी और मन ही मन मुस्कुरा उठी कि कितना शैतान हैं ये लड़का। क्या ऐसे हालत में इसे सिकाई के लिए बोलना ठीक रहेगा। लेकिन पानी गर्म हैं इस बार गिर गया तो जल जाऊंगी। कमला को कुछ समझ नहीं आ रहा था और शादाब बाहर की तरफ चल पडा तो कमला ने हिम्मत करके उसे आवाज लगाई

" शादाब क्या तुम मेरी मालिश कर सकते हो ? मुझसे ठीक से हो नहीं पा रही है।

शादाब वापिस आया और बोला:"

" हान हान आंटी क्यों नहीं ? मैं कर देता हूं। ।


इतना कहकर वो वहीं उसके पैरो के पास बैठ गया। कमला की धड़कने तेज हो गई क्योंकि उसने शादाब को मालिश के लिए बोल तो दिया था लेकिन अंदर ही अंदर उसे अजीब सा एहसास हो रहा था। शादाब ने गीला कपड़ा लिया और उसे फिर से पानी में भिगोया और चादर के उपर से जैसे ही उसने कमला की गांड़ को छुआ तो कमला को एक तेज अजीब सी सनसनाहट अपने बदन में महसूस हुई और उसकी अपनी सांसे तेज होती महसूस हुई। शादाब ने कपडे को धीरे धीरे हल्के हाथ से उसकी गांड़ के दोनो हिस्सो पर फिराया तो कमला का बदन कांप उठा। शादाब ने फिर से कपड़ा पानी से भिगोया और उसने उस बार पहले के मुकाबले थोड़ा सख्त हाथ से कमला की गांड़ के उभार को कपडे से रगड़ा तो कमला को अपने पूरे बदन में चीटियां सी दौड़ती हुई महसूस हुई और उसने अपनी जांघो को कस लिया। शादाब कपडे को हाथ में लिए हुए उसकी गांड़ के दोनो उभार के बीच में जैसे ही उसकी गांड़ के छेद के आस पास कपड़ा फिराया तो कमला के मुंह से ना चाहते हुए भी आह निकल पड़ी।

कमला के मुंह से आह सुनते ही शादाब समझ गया कि उसके छूने से कमला उत्तेजित हो रही हैं तो उसने थोड़ा खुल कर उसकी गांड़ को कपडे से रगड़ना शुरू कर दिया और कमला की गांड़ पहली बार ज़िन्दगी में कोई ऐसे सहला रहा था जिससे उसे बेहद अच्छा लग रहा था।

शादाब ने फिर से कपडे को पूरी तरह से गीला किया और सीधे उसकी गांड़ के बीच में रख दिया तो हल्के गुनगुने पानी की एक धार बारीक सी चादर को पर करते हुए उसकी गांड़ के छेद को छूते हुए बह गई तो कमला ने अपनी गांड़ को कस लिया। थोड़ी देर और शादाब ने चादर के उपर से ही उसकी गांड़ की गर्म पानी से सिकाई करी और कमला को काफी सुकून मिल रहा था। कमला के जिस्म में मस्ती भरी हलचल मच गई थी जैसे उसने काफी सालों के बाद महसूस किया था।

शादाब:" आंटी सिकाई तो हो गई, अब मालिश करनी होगी ताकि आपको जल्दी आराम मिल जाए।

कमला:" अच्छा तो फिर मालिश भी तुम ही कर दो। तुम्हारे हाथ में जादू सा है शादाब। तुम एक अच्छे डॉक्टर बन जाओगे।

शादाब अपनी तारीफ सुनकर खुश हो गया वो किचेन में गया और एक कटोरी में सरसो का तेल गरम करने लगा। कमला ने मालिश के लिए बोल तो दिया था लेकिन अब वो समस्या में पड़ गई थी क्योंकि सिकाई तो चादर के उपर से हो गई थी लेकिन मालिश के लिए तो उसे चादर उतारनी ही पड़ेगी मतलब उसकी गांड़ पूरी तरह से नंगी होकर शादाब को हाथो में रहेगी। ये सब सोचते ही कमला की सांसे बहुत ज्यादा तेज हो गई और उसे अपनी चूत में आज सालो के बाद पहली बार गीलापन महसूस हुआ तो कमला को जैसे यकीन ही नहीं हुआ कि उसके जिस्म उसके काबू से बाहर जा रहा है। ये भगवान ये मुझे क्या हो रहा है, ऐसा तो आज तक कभी नहीं हुआ। मुझे खुद पर काबू क्यों नहीं हो पा रहा है, क्यों मेरा बदन अपने आप ही मचल रहा है।

कमला सोच ही रही थी कि तभी शादाब कटोरी में तेल लेकर अा गया और बोला:"

" आंटी चलिए आप मालिश के लिए तैयार हो जाइए।

कमला को कुछ समझ नहीं आया कि क्या कहे। कहीं शादाब उसे चादर उतारने में लिए तो नहीं कह रहा। अब क्या करू, अजीब मुसीबत में फंस गई। कमला की तरफ से कोई प्रतिक्रिया ना मिलती देख शादाब बोला:"

" आंटी तेल ठंडा हो गया तो फिर से गर्म करना पड़ेगा। आप कहे तो मालिश शुरू कर दू ?

कमला;" हान लेकिन क्या मालिश भी चादर के उपर से ही होगी या मैं चादर..

कमला चुप हो गई क्योंकि उसके अंदर हिम्मत नहीं बची थी कि चादर उतारने के लिए बोल सके। शादाब हालत समझते हुए बोला;"

" आंटी चादर के उपर से तो ठीक से मालिश ही नहीं हो सकती, उल्टा चादर और खराब हो जाएगी।

कमला:" लेकिन चादर उतारने से तो नीचे से मेरी गा...


उफ्फ कमला बोलते बोलते रुक गई और शर्म से लाल हो गई कि वो क्या बोलने जा रही थी। शादाब बोला:"

" तो फिर मालिश रहने दू ? आप खुद ही कर लीजिए अपने हाथ से।

कमला:" मुझसे नहीं हो पाएगी, तुम समझो मुझे शर्म आएगी बहुत ऐसे। तुम लाइट बंद कर लो पहले शादाब।

शादाब जल्दी से आगे बढ़ा और उसने लाइट को बंद कर दिया और कमरे में पूरी तरह से घुप अंधेरा हो गया। कमला की हालत खराब हो गई थी और चूत में सिरहन सी दौड़ गई थी और गांड़ की माशपेशियां अपने आप सिकुड़ रही थी। शादाब एक बार फिर से कमला की गांड़ के पास बैठ गया और उसने एक हाथ कमला की गांड़ पर टिका दिया तो कमला कांप उठी।

शादाब ने चादर को पकड़ लिया और बोला:" उतार दूं क्या चादर ?

कमला उसके हाथ अपनी गांड़ पर महसूस करते ही मदहोश सी होकर बोली;"

" उतार दो शादाब।

शादाब ने चादर के सिरे को पकड़ते हुए खींचना शुरु कर दिया और कमला की गांड़ पूरी तरह से नंगी होती चली गई। शादाब भी अब पूरी तरह से बेचैन हो गया और उसके लंड में भी तनाव अा गया और उसने अपने एक हाथ में तेल लिया और जैसे ही कमला की नंगी गांड़ को छुआ तो कमला के मुंह से आह निकल पड़ी और उसने अपनी गांड़ को जोर से कस लिया तो शादाब ने धीरे से उसकी गांड़ के उभार पर हाथ फिराया और कमला की गांड़ के दोनो उभार तेल से भीगते चले गए। शादाब ने फिर से तेल लिया और फिर से कमला की गांड़ पर पूरी तरह से चुपड़ दिया।

शादाब ने अब अपने हाथो से कमला की गांड़ को पकड़ लिया और हल्के हल्के मालिश करने लगा तो कमला ने मस्ती में आकर खुद ही अपनी टांगो को खोल दिया जिससे शादाब का हाथ अपने आप थोड़ा नीचे की तरफ बढ़ने लगा तो कमला ने डर के मारे फिर से अपनी जांघो को कस लिया।

शादाब ने फिर से तेल लिया और उस बार थोड़ा जोर से कमला की गांड़ को पकड़ लिया और जोर जोर से मालिश करने लगा। कमला की चूत में से रस की कुछ बूंदे टपक पड़ी और कमला ने अपने एक हाथ को नीचे करते हुए अपनी चूत के नीचे रख दिया जिससे उसकी चूत उसके अपने ही हाथ पर रगड़ खाने लगी। कमला पूरी तरह से बेचैन हो गई और तेजी से अपनी चूत को अपने हाथ पर रगड़ने लगी। उसकी तेज तेज सांसे कमरे में गूंज रही थी। शादाब ने मस्ती ने आकर उसकी गांड़ को अपने दोनो हाथो से दबोच लिया और मालिश के बहाने से सहलाने लगी तो कमला पूरी तरह से बहकती चली गई। शादाब के सख्त हाथो को अपनी गांड़ पर महसूस करके कमला बेताब हो रही थी और उसने अपनी गांड़ को खोल दिया। शादाब ने जैसे ही नीचे की तरफ हाथ बढ़ाया तो उसकी उंगलियां गांड़ के दोनो उभारों के बीच में घुस गई और कमला के मुंह से फिर से एक आह निकल पड़ी और उसने अपनी गांड़ को शादाब की उंगलियों सहित कस लिया। शादाब ने जैसे ही कमला की गांड़ के छेद के आस पास उंगली घुमाई तो कमला से बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने खुद ही अपनी जांघो को खोल दिया और सिसक उठी। शादाब ने अपनी उंगली को कमला की गांड़ के छेद पर घुमाया तो कमला तड़प उठी और उसने जोर से सिसकते हुई अपनी एक अंगुली को अपनी चूत में घुसा दिया। कमला की गांड़ उछल उछल पड़ रही थी और शादाब ने अपनी एक अंगुली को उसकी गांड़ के छेद पर टिका दिया और कमला की गांड़ का छेद सहलाने लगा। कमला पागल सी हो गई और जोर जोर से सिसक रही थी।

शादाब ने अंधेरे का फायदा उठाते हुए धीरे से अपने पायजामा को खोल दिया तो उसका नंगा लंड उछलते हुए बाहर अा गया और शादाब उसे अपने तेल लगे हाथ से सहलाने लगा।

कमला अपनी चूत में तेजी से उंगली अंदर बाहर कर रही थी जिससे उसकी गांड़ का छेद जोर जोर से शादाब की उंगली से टकरा रहा था और शादाब ने अपनी उंगली को तेल से पूरी तरह से भिगोया और जैसे ही कमला की गांड़ के छेद पर उंगली का दबाव बढ़ाया तो कमला को उसकी गान्ड खुलती हुई महसूस हुई और उसने जोर से अपने दांतो को भींच लिया और शादाब ने जैसे ही दबाव दिया तो एक इंच उंगली कमला की गांड़ में घुस गई और उसके मुंह से दर्द भरी आह निकल पड़ी। शादाब की उंगली कमला की गांड़ में पूरी तरह से फंस गई थी और कमला ने अपनी उंगली को चूत में जड़ तक घुसा दिया था। शादाब का दूसरा हाथ उसके लंड पर था और तेल में भीगा हुआ उसका हाथ उसके चिकने हो गए लंड पर सरपट दौड़ रहा था। शादाब ने अपनी उंगली का जोर बढ़ाया और उसकी पूरी उंगली कमला की गांड़ में घुस गई। कमला ने दर्द के मारे अपनी गांड़ को कस लिया और तड़प उठी।

शादाब ने धीरे से अपनी उंगली से उसकी गांड़ के अंदर सहलाया तो कमला को सुकून महसूस हुआ और गांड़ खुल गया तो शादाब ने थोड़ा सा उंगली को बाहर खींचा और फिर से अंदर घुसा दिया तो कमला फिर से सिसक उठी।

शादाब अब कमला की टांगो के बीच में बैठ गया तो उसका लंड कमला की जांघ से टकराया तो कमला को जैसे यकीन ही नहीं हुआ। हाय राम ये तो नंगा हो गया है पूरा। उफ्फ अब क्या होगा। इसका लंड तो बहुत मोटा है उफ्फ मेरी चूत फट जायेगी।

शादाब की उंगली अब आराम से कमला की गांड़ में अंदर बाहर हो रही थी और शादाब बोला"

" आंटी मालिश कैसी लग रही है आपको ? आराम मिल रहा है ना ?

कमला अपनी गांड़ की दीवार पर उंगली महसूस करते हुए सिसकी

" आह शादाब, अच्छा लग रहा है कुछ कुछ।

शादाब का लंड अब पूरी तरह से कमला की जांघो से टकरा रहा था और कमला की हालत खराब होती जा रही थी और उसकी गांड़ मस्ती से शादाब की उंगली पर उछल रही थी। शादाब थोड़ा सा आगे को झुका तो उसका लन्ड कमला की गांड़ के उभार से टकरा गया तो कमला बेकाबू हो गई और खुद ही अपने शरीर को पीछे सरका दिया तो लंड उसकी गांड़ में अंदर बाहर हो रही शादाब की उंगली से टकरा गया तो दोनो एक साथ सिसक उठे।

तभी शादाब का पैर फिसला और वो कमला के उपर गिर पड़ा और उंगली उसकी गांड़ से बाहर निकल गई और लंड गांड़ पर जा लगा। अपनी गांड़ पर लंड का मोटा तगड़ा सुपाड़ा महसूस करके कमला मस्ती से सिसक उठी और शादाब ने अपने सुपाड़े से उसकी गांड़ को सहलाना शुरू कर दिया और दूसरे हाथ को उसने नीचे की तरफ सरका दिया तो उसके हाथ में कमला का हाथ अा गया जिसकी एक उंगली चूत में घुसी हुई थी। शादाब ने कमला की चूत में घुसी हुई उंगली को महसूस किया तो वो पागल सा हो गया और उसकी चूत को मुट्ठी में भर लिया तो कमला से बर्दाश्त नहीं हुआ और कमला ने अपनी टांगे खोलते हुए शादाब की उंगली को अपनी चूत पर रगड़ दिया।

शादाब से अब बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने एक हाथ दो उंगली कमला की चूत में घुसाते लंड का जोरदार धक्का लगाया जिससे लंड का सुपाड़ा उसकी गांड़ को फाड़ते हुए अंदर घुस गया है कमला दर्द से कराह उठी

" आह शादाब मार डाला, उफ्फ

शादाब गांड़ में सुपाड़ा घुसते ही कमला की गांड़ की गर्मी महसूस करके जोश में अा गया और एक जोरदार धक्का उसकी गांड़ में मारा तो लंड एक ही धक्के में कमला की गांड़ में घुस गया और कमला दर्द के मारे जोर जोर से सिसक उठी, कराह उठी, मचल उठी

" आह तेरी मा की चूत, मेरी गांड़ फाड़ दी जालिम।

शादाब ने बिना देरी किए कमला की गांड़ में धक्के लगाने शुरू कर दिए तो लंड कसा कसा उसकी गांड़ में धीरे धीरे अन्दर बाहर होने लगा। कमला अभी भी दर्द से कराह रही थी और धीरे धीरे लंड आराम से अन्दर बाहर होने लगा तो कमला का दर्द कम होता चला गया और उसके मुंह से मस्ती भरी आह निकल पड़ी। शादाब अब थोड़ा जोर जोर से धक्के लगाने लगा तो कमला की सिसकियां तेज होती चली गई। कमला की गांड़ पूरी तरह से खुल गई तो लंड आराम से अन्दर बाहर होने लगा और कमला खुद ही अपनी गांड़ हिलाने लगी और सिसक उठी

" आह शादाब, कितना अच्छा हैं तू, आह मार मेरी गांड़।

शादाब तेजी से कमला की गांड़ मारने लगा और कमला हर धक्के पर सिसक रही थी और शादाब की उंगलियां पूरी तेजी से उसकी चूत में अंदर बाहर हो रही थी। तभी शादाब तेजी से धक्के मारने लगा और कमला की चूत एक झटके के साथ झड़ती चली गई और शादाब से कमला लिपटती चली गई और शादाब ने एक आखिरी धक्का उसकी गांड़ में मारा और कमला एक बार फिर से दर्द से कराह उठी। शादाब ने अपनी वीर्य की पिचकारी उसकी गांड़ में मारनी शुरू कर दी और उससे लिपट गया।
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