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Incest "मांगलिक बहन " (Completed)

Ek number

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संयम बनाए रखे। अपडेट लिख रहा हूं और करीब 11:30 से 12 के आस पास अपडेट आएगा। ये इस कहानी का सबसे महत्त्वपूर्ण अपडेट होगा क्योंकि आज दोनो भाई सारी मान मर्यादा और रिश्तों को भूल जाएंगे और एक सिर्फ ही रूप में नजर आयेंगे जहां एक जिस्म की प्यास ही सबसे बड़ी होती है।

अपडेट कुछ मिनट लेट हो सकता है लेकिन आएगा जरूर।
Ok intzaar rahega
 

Skkhan9818

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अपडेट कुछ मिनट लेट हो सकता है लेकिन आएगा जरूर।
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sam00023

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पूजा की विधि में दिखे इंद्र धनुष के प्रभाव का सौंदर्या के शरीर पर गहरा प्रभाव पड़ रहा था और आते ही गहरी नींद में चली गई। अजय ने सोती हुई सौंदर्या को अपनी गोद में उठा लिया और दूसरे कमरे में बेड पर लिटा दिया और उसका माथा चूम कर वापिस शहनाज के पास आ गया। शहनाज भी थकी हुई थी और अजय ने कमरे में आते ही गेट को ठीक से बंद किया और शहनाज के उपर से चादर को हटा दिया जो कि करवट लेकर सोई हुई थी, शहनाज पूरी तरह से नंगी हो गई। अजय शहनाज के नंगे जिस्म को देखते ही जोश में आ गया और उसने ढेर सारा थूक अपने लंड पर लपेट लिया और शहनाज की चूत से अपने लंड को अड़ा दिया और एक जोरदार धक्का शाहनाज की चूत में जड़ दिया तो अजय का लन्ड एक बार फिर से उसकी कसी हुई चूत में घुसता चला गया और गहरी नींद में सो रही शहनाज इस अचानक हुए हमले से दर्द से तड़प उठी। जब तक उसे समझ आता अजय ने उसकी चूचियों को बेरहमी से मसलते हुए उसकी चूत पर फाड़ना शुरू कर दिया तो शहनाज दर्द से कराह उठी

" आह पागल हो गया है क्या ,!! सोते सोते ही घुसा दिया आह अम्मी, बता तो देता ज़ालिम।

अजय ने शहनाज की गर्दन को चाट लिया और तगड़े तगड़े धक्के लगाते हुए बोला:"

" आह मेरी जान, अच्छा नहीं लगा क्या ऐसे घुसाना ? हाय तेरी चूत कितनी टाइट है।

शहनाज तगड़े धक्कों से आगे को खिसकती हुई बेड के किनारे तक पहुंच गई थी और एक हाथ से अजय को थामते हुए सिसक उठी"

" आह कुछ कुछ अच्छा लगा, पर थोड़ा आराम से कर ना, नहीं तो नीचे गिर जाऊंगी।

अजय ने शहनाज को पकड़ कर बेड के बीच में खींच लिया और उसकी दोनो टांगो को मोड़ कर उसकी चूचियों से टिका दिए और उसकी आंखो में देखते हुए लंड को चूत पर टिका दिया और रगड़ने लगा तो शहनाज़ फिर से तड़प उठी और अपनी चूत को लंड पर उछाल दिया तो अजय ने एक जोरदार धक्का लगाया और लंड को फिर से अंदर घुसा दिया। शहनाज फिर से मस्ती से सिसक उठी और अजय ने उसे फिर से चोदना शुरू कर दिया। शहनाज अजय के नीचे पड़ी हुई जोर जोर से सिसकते हुए चुद रही थी।



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शहनाज से लंड की मार बर्दाश्त नही हुई और उसकी चूत की दीवारों में तूफान सा उठने लगा तो शहनाज़ बावली सी हो गईं और अजय को जोर जोर से से अपने उपर खींचने लगी मानो उसे पूरी तरह से अपने अंदर घुसा लेना चाहती हो। अजय ने शहनाज की बेकरारी समझते हुए अपने लंड के धक्के पूरी बेरहमी से लगाए तो शहनाज का धैर्य जवाब दे गया और उसकी चूत और मुंह दोनो एक साथ मस्ती से खुल गए

" आह अजय, मर गई मेरी चूत, सीईई आईआईआई चोद दिया तूने शहनाज को।

इतना कहकर शहनाज़ दीवानी सी हुई उसका मुंह चूमने लगी तो अजय ने एक झटके के साथ उसे उल्टी बेड पर पटक कर उसकी चूत में फिर से अपना लंड ठोक दिया और तेजी से चोदने लगा। शहनाज इसके लिए तैयार नहीं थी इसलिए दर्द से कराहती हुई आगे को सरकी

" आह पागल है क्या, ऐसे कौन प्यार करता है, मार डालेगा क्या मुझे तू

अजय ने उसके दोनो हाथ पकड़ कर फिर से अपने लंड पर खींच लिया और जोर जोर से चोदते हुए गुर्राया

" आह प्यार नही चुदाई करता ऐसे, आह शहनाज तेरी चूत क्या मस्त हैं, लंड से आज तक कोई मरी, सिर्फ चूत मरती हैं।

इतना कहकर अजय जोर से उसकी चूत को ठोकने लगा। शहनाज का पूरा जिस्म लंड के धक्कों से हिल रहा था और उसके मुंह से निकलती दर्द और मस्ती भरी सिसकारियां अजय को और मदहोश कर रही थी।

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अजय के लंड में भी तूफान सा उमड़ रहा था और शहनाज की चूत एक बार फिर से गीली हो गई जिससे धक्कों की स्पीड बढ़ गई थी और शहनाज अजय की आंखो में देखते हुए उसे तेज तेज चोदने का इशारा कर रही थी। अजय अपने लंड को बस सुपाड़े तक अंदर रहने देता और फिर से पूरा घुसा देता। शहनाज पागल सी हुई जोर जोर से सिसक रही थी और अजय तेज धक्के लगाने के लिए उसकी पीठ पर सवार होकर एक पागल सांड की तरह कस कस कर जोर जोर से पूरी बेरहमी से चोदने लगा तो शहनाज की चूत एक बार फिर से पिघल गई और वो एक बार फिर से जोर जोर से सिसकते हुए झड़ती चली गई जिससे उसकी चूत और चिकनी हो गईं और अजय को लगा जैसे उसके लंड में तूफान सा आ गया हैं तो उसने पूरे लंड को तेजी से बाहर निकाला और एक जोरदार धक्के के लिए जड़ तक उसकी चूत में घुसा दिया तो शहनाज जोर से दर्द से कराह उठी तो अजय ने उसके मुंह को अपने हाथ से बंद कर लिया और अगले की पल जोरदार धक्कों की बारिश शहनाज की चूत में करने लगा।

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अजय ने अपनी लंड को पूरा बाहर निकाला और अगले ही पल एक धक्का पूरी ताकत से उसकी चूत में जड़ दिया और उसका लंड शाहनाज की चूत की गहराई में उतर का वीर्य की बारिश करने लगा और अजय शाहनाज की कमरे पर गिरकर उसकी गर्दन को चूमने लगा। शहनाज उसके नीचे पड़ी हुई अपने उखड़ी सांसों को काबू कर रही थी और अजय उसकी गर्दन को चूम रहा था। अजय का लंड सिकुड़ कर शहनाज की चूत से बाहर निकल गया तो शहनाज ने अपने बदन की पूरी हिम्मत समेटकर उसे अचानक से धक्का दिया तो अजय बेड पर गिर गया और शहनाज ये देखकर मुस्कुरा उठी तो अजय ने हल्की नाराजगी जताते हुए उसकी चूचियों को जोर से उमेठ दिया तो शहनाज ने उसका लंड जोर से मुट्ठी से भींच दिया तो अजय के चेहरे दर्द के भाव उभर आए तो शहनाज ने उसके लंड को ढीला छोड़ दिया और बोली:

" तुम सुधर नहीं सकते क्या ? क्यों बिल्कुल जंगली की तरह प्यार करते हो? थोड़ा सा भी रहम नहीं दिखाते।

अजय के चेहरे पर स्माइल आ गई और शहनाज के गाल चूम कर बोला:"

" क्यों तुम्हे पसंद नही आता क्या मेरा ये जंगलीपन ? मजे तो बहुत करती करते हो तुम जोर जोर से सिसकियां लेकर !!

शहनाज ने अजय की चौड़ी छाती पर हाथ फिराया और बोली:"

" हान पसंद आता है लेकिन ये सही तरीका नहीं होता चुदाई का समझे तुम।

अजय ने शहनाज की गांड़ को हाथो में भर लिया और जोर से मसलते हुए बोला:"

" हाय मेरी जान शहनाज, जब तक औरत चींखें ना मारे तो चुदाई का क्या मतलब!!

शहनाज जोर से गांड़ दबाए जाने से फिर से दर्द से कराह उठी और बोली"

" आउच अजय, उफ्फ क्या करू तेरा, कैसे सुधारु तुझे? बस किसी तरह पूजा खत्म हो जाए तो मेरी चूत की जान बचे।

इतना बोलकर शहनाज मुस्कुरा उठी तो उसकी बात सुनकर अजय ने शहनाज के हाथो को पकड़ लिया और उसके उपर फिर से चढ़ गया और उसके माथे को चूम कर बोला:"

" आह शहनाज अब तो तू जिंदगी भर मेरा लंड तेरी चूत की पूजा करेगा।

शहनाज कुछ बोलती उससे पहले ही इतना कहकर अजय ने अपने होंठ उसके होंठों से चिपका दिए और चूसने लगा। शहनाज चाह कर कुछ नहीं बोल पाई और फिर से अजय के साथ मदहोश होती चली गई। अजय का लन्ड फिर से पूरी तरह से खड़ा होकर उसकी चूत में घुसता चला गया और बेड पर फिर से एक जंग छिड़ गई जिसमे शहनाज हार कर भी जीत रही थी। अजय ने पूरी बेदर्दी से शाहनाज को पूरी रात चोदा और शहनाज का बुरा हाल हो गया। उसकी चूत बुरी तरह से फट गई थी और शहनाज का गोरा चिट्टा जिस्म अजय के दबाए मसले जाने से जगह जगह से लाल पड़ गया था। आखिकार रात भर हुई चुदाई के बाद दोनों दो गए।

सुबह करीब आठ बजे के आस पास सौंदर्या की आंखे खुली और तैयार होकर दोनो को उठा दिया तो दोनो न चाहते हैं भी उठ गए और नाश्ता करने लगे।

अजय:" दीदी बस आज आखिरी पूजा होगी और कल से आपकी जिंदगी की एक नई सुबह शुरू हो जाएगी।

सौंदर्या के चेहरे पर स्माइल फैल गई और बोली:" भाई ये सब तो आप और शहनाज के कारण ही हो रहा है। आप नही होते तो शायद मैं कभी ठीक नहीं हो सकती।

अजय:" मेरे नही बल्कि शाहनाज के कारण कहो दीदी, इन्होंने आप पर आने वाली मुश्किल को अपने उपर झेला हैं।

सौंदर्या:हान शाहनाज ये तो बात बिलकुल सच है, ये नही होती तो पता क्या होता।

शाहनाज दोनो की बाते सुन रही थी और बोली:"

" बस बहुत हो गई तारीफ, अब आज रात होने वाली पूजा पर ध्यान दो क्योंकि उसके बाद ही तुम दोष मुक्त हो पाओगी।

सौंदर्या:" हान आपकी बात ठीक हैं, भाई किस तरह की पूजा विधि होगी आज ?

अजय:" मंगल आज आपकी कुंडली से निकल जायेगा लेकिन खुशी खुशी तभी जायेगा जब आप से खुश हो जाए। मंगल को खुश करने के लिए आपको पहले मंगल यंत्र को शुद्ध करके पहनना होगा और उसके बाद बिलकुल एक दुल्हन की तरह खुद को तैयार करना होगा ताकि मंगल आपके रूप सौंदर्य पर मोहित हो सके। बाकी तो सब पूजा की विधियां होगी जो समय आने पर मैं आपसे खुद ही करा लूंगा। एक बात और आज शाहनाज पूजा में नही होगी।

शहनाज:" कोई बात नही मैं यहीं अपने कमरे में रहूंगी, मेरी कोई भी मदद चाहिए तो मैं काम आ जाऊंगी।

सौंदर्या:" मेरा दिल तो बहुत घबरा रहा हैं, बस किसी तरह से आज को पूजा सफल हो जाए।

अजय ने सौंदर्या का हाथ पकड़ लिया और उसे तसल्ली देते हुए बोला:"

" आप चिंता मत करो दीदी, सब कुछ आराम से हो जायेगा। मेरे होते हुए आपको परेशान होने की कोई जरूरत नहीं।

शाहनाज:" और फिर मैं भी तो यहीं रहूंगी। कोई भी समय मेरी जरूरत हो तो आ जाऊंगी।


सौंदर्या के चेहरे पर स्माइल आ गई और सभी ने अपना खाना खत्म किया और उसके बाद सभी लोग रात की पूजा की तैयारी में जुट गए। शाम के करीब सात बज गए थे और सूरज ढल गया था। पूजा का मुहूर्त 10:15 मिनट था और जैसे जैसे समय करीब आता जा रहा था वैसे वैसे सौंदर्या बेचैन हो रही थी।

शहनाज ने मंगल यंत्र को गंगा जल से शुद्ध कर दिया था जो कि बेहद खूबसूरत होकर चमक रहा था। मंगल यंत्र लेकर सौंदर्या नहाने के लिए घुस गई और ही अपने बदन को पूरी तरह से शुद्ध किया और मंगल ग्रह को हाथ में लेते ही उसका बदन कांपने लगा। उसने धीरे से मंगल यंत्र को अपनी नाभि के उपर टिकाया और नीचे से अपनी जांघो के बीच से निकालते हुए अपनी पीठ पर ले गई और पीठ पर लपटेकर फिर से अपनी नाभि पर बांध दिया।


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मंगल यंत्र एक बार फिर से सौंदर्या की चिकनी चूत पर बंध गया था लेकिन इस बार पहले के मुकाबले काफी टाइट बंधा था और घुंघरू कुछ ढीले हो गए जो इधर उधर हिल रहे थे और सौंदर्या को अजीब से गुदगुदी महसूस हो रही थी। सौंदर्या ने अपने जिस्म पर एक चादर लपेट ली और बाहर निकल गई। शाहनाज को देखते ही वो हल्की सी शर्मा ने और फिर शाहनाज और सौंदर्या दोनो ने मिलकर सौंदर्या का मेकअप शुरू कर दिया। करीब 09:40 मिनट तक सौंदर्या पूरी तरह से तैयार हो गई और खुद को शीशे में देख कर शरमा गई।

शहनाज:" बहुत खूबसूरत लग रही हो सौंदर्या, जल्दी ही तुम अब दोष मुक्त होकर दुल्हन बन जाओगी और इसके बाद तुम्हारी सुहागरात होगी।

सौंदर्या शर्मा गई और तभी अजय भी अंदर आ गया और सौंदर्या के रूप सौंदर्य की तारीफ किए बिना ना रह सका। सभी ने हल्का भोजन किया और उसके बाद अजय और सौंदर्या दोनो पूजा के लिए घाट की तरफ निकल गए जबकि शहनाज़ ना चाहते हैं हुए भी अपने कमरे में आ गई और सोचने लगी कि बस आज पूजा होने के बाद कल वो वापिस अपने बेटे के पास चली जायेगी। सोचते सोचते ही दिन भर की थकी होने और रात भर हुई चुदाई के कारण उसे नींद आ गई।

अजय और सौंदर्या दोनो घाट की तरफ बढ़ते चले जा रहे थे और सौंदर्या के चलने से मंगल यंत्र के घुंघरू उसकी चूत के आस पास रगड़ रहे थे जिससे सौंदर्या बेचैनी महसूस कर रही थी।
 

sam00023

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दुनिया में अधिकतर लोग ऐसे होते हैं जो अपनी सेक्स को कुंठा को बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं। इस कहानी में 178 पेज तक कोई सेक्स नही हुआ था और उसके बाद ही सेक्स हुआ हैं। अधिकतर लोगों का एक से ज्यादा से सेक्स संबंध बनना आम बात हैं तो स्टोरी में ये सब क्यों नही हो सकता है ? किरदार तो लेखक के हाथ की कठपुतली होते हैं फिर सेक्स स्टोरी में सेक्स तो होगा ही।

औरत हो या मर्द किसी उम्र मे बहक जाए फर्क नहीं पड़ता। बस ज्यादातर लोग धर्म में अंधे होकर उड़ते तीर पकड़ रहे हैं जो कहानी के साथ साथ उनकी अपनी जिंदगी के लिए भी घातक है। ओखली और मूसल का कोई धर्म नहीं होता। अब ये कहानी खत्म होने वाली है और अगली कहानी में धर्म तो दूर की बात मैं जाति भी बीच में नही लेकर आऊंगा। सिर्फ मस्ती के लिए पढ़िए, अगर किसी को दिक्कत हैं तो आप कहानी छोड़ दीजिए।

धन्यवाद।
Congratulations for other story..lekin bhai wada karo ki update k liye itna intzar na karna pade kisi ko😁😁
 

Unique star

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अजय और सौंदर्या दोनो घाट की तरफ धीरे धीरे बढ़ रहे थे और आसमान में अभी चांद अपने पूरे शबाब पर था जिससे चारो और मनमोहक चांदनी फैली हुई थी। आसमान में बीच बीच में काले बादल उमड़ रहे थे जिनके सामने आ जाने से अंधेरा हो जाता और फिर उनके हटते ही पूरा घाट चांदनी से नहा पड़ता। दोनो के बीच अभी तक कोई बात नही हुई थी और अजय के मुकबले सौंदर्या थोड़ा धीमे चल रही थी क्योंकि उसके पेट पर बंधे हुए मंगल यंत्र के घुंघरू उसकी चूत के आस पास छू कर उसे ना चाहते हुए उत्तेजित कर रहे थे। सौंदर्या जानती थी कि आज उसकी जिंदगी हमेशा के लिए बदलने वाली हैं क्योंकि आज पूजा का आखिरी दिन था और आज उसे इस मांगलिक दोष से हमेशा के लिए मुक्ति मिलने वाली थी।

दोनो भाई बहन घाट पर पहुंच गए और अजय के बताए अनुसार इस समय सौंदर्या के जिस्म पर सिर्फ एक लाल सुर्ख पवित्र साडी थी। सौंदर्या का पेट खुलकर अपनी छटा बिखेर रहा था और गहरी नाभि अपनी खूबसूरती दर्शा रही थी। सिर्फ पतली सी साड़ी में होने के कारण उसकी गोल गोल चुचियों का आकार साफ साफ महसूस हो रहा था और साडी के उपर से ही उसकी चूचियों का हल्का सा उभार भी साफ नजर आ रहा था।



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अजय और सौंदर्या दोनो घाट पर ही बैठ गए और अजय उसे पूजा के बारे में समझाने लगा।

अजय:" दीदी आज की पूजा काफी महत्त्वपूर्ण हैं क्योंकि आज मंगल का सीधा सीधा प्रभाव आपके शरीर पर ही पड़ेगा क्योंकि नियमों के मुताबिक आज शाहनाज पूजा में शामिल नही हो सकती। इसलिए आपको ज्यादा सावधानी बरतनी पड़ेगी।

सौंदर्या के चेहरे पर चिंता की लकीरें थोड़ी देर के लिए उभरी लेकिन फिर वो सामान्य हो गई और अजय ने उसे आगे बताना शुरू किया

"मेरे उपर राहु का प्रभाव और सिर्फ राहु ही मंगल के प्रभाव को कम कर सकता है इसलिए सभी विधियों के दौरान आपको मेरी गोद में बैठना होगा ताकि मंगल आपके उपर ज्यादा प्रभाव ना डाल सके। उसके साथ ही आपको मेरे द्वारा बनाई गई सभी विधियां ध्यानपूर्वक करनी होगी। कुछ विधियां मैं आपको पूजा के दौरान ही बता दूंगा। सबसे पहले आप गंगा को जल अर्पित कीजिए और मंगल का ध्यान कीजिए।

सौंदर्या ने हां में सिर हिलाया और उठकर गंगा में की तरफ बढ़ गई। सौंदर्या के चलने से उसके कंधे पर से साडी सरक और सौंदर्या की पीठ पीछे से पूरी नंगी हो गई।

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चांद की रोशनी में सौंदर्या की पीठ बेहद खूबसूरत लग रही थी और अजय उसे बिना पलके झुकाए देखता रहा। सौंदर्या ने बिना पीछे की तरफ देखे ही हाथ से अपनी साड़ी के पल्लू को उठाया और फिर से अपनी पीठ को ढकते हुए आगे बढ़ गई। अजय को अपनी बहन की नंगी पीठ की झलक मिलते ही अपने शरीर के अंदर उत्तेजना महसूस हुई और उसके दिमाग में सबसे पहले एक ही सवाल आया कि आगे से उसकी बहन की चूचियां पूरी नंगी हो गई होगी। काश इस समय उसकी बहन की पीठ नही बल्कि चेहरा उसकी तरफ होता तो कयामत ही आ जाती। सौंदर्या धीरे से गंगा के घाट पर गई और दोनो हाथो से जल अर्पित किया और उसके बाद मंगल का ध्यान करने लगी। सौंदर्या के जिस्म में अजीब का रोमाच उठ रहा था और फिर वो पलटी और वापिस अपने भाई की तरफ चल पड़ी।

जल्दबाजी में सौंदर्या से साडी का पल्लू पहले के मुकाबले थोड़ा सा नीचे बंध गया था जिस पर उसका ध्यान ही नही था और उसकी चूचियां के बीच की गहरी रेखा साफ नजर आ रही थी। अजय ने अपनी बहन की चुचियों के उभार को देखा आज फिर सामने की एक हवन कुंड जला दिया।

हवन कुंड के जलते ही सौंदर्या थोड़ी सी बेचैन नजर आई क्योंकि वो जानती थी अब जल्दी ही विधियां शुरू हो जाएगी और उसे अपने भाई की गोद में बैठना पड़ेगा। सौंदर्या की आंखों के आगे वो दृश्य तैर गया जब वो अपने भाई की गोद में ट्रैक्टर पर बैठी हुई थी और कैसे उसके भाई का लंड उसकी जांघो के बीच में घुसा हुआ था। ये सब सोचते ही सौंदर्या की सांसे तेज हो गई कि ये भगवान अब क्या होगा ? कहीं विधियां करते करते उसके भाई का लंड फिर से खड़ा हो जाता तो क्या होगा क्योंकि वो पूजा खत्म होने तक चाह कर भी उसकी गोद से नही उतर सकती थी।

अजय ने देसी घी के साथ कुछ और सामग्री को कुंड में डाल दिया और देखते ही देखते कुंड में तेजी से आग जलने लगी।


अजय:" दीदी कुंड में अब सारी सामग्री आपके हाथ से डाली जायेगी और रात के करीब एक बजे तक पूजा चलेगी। बस अगले तीन घंटे आपकी आने वाली जिंदगी के लिए बेहद महत्तवूर्ण साबित होंगे। अब शुभ मुहूर्त निकल रहा रहा है इसलिए आप देरी ना करे।

इतना कहकर अजय ने उसे अपनी गोद में बैठने का इशारा किया तो सौंदर्या का मुंह शर्म से लाल हो गया और वो धीरे धीरे आगे बढ़ी और अपने भाई की गोद में बैठ गई। उसकी पीठ अजय की छाती से मिल गई और अजय ने धीरे धीरे मंत्र पढ़ना शुरू किया और सौंदर्या धीरे धीरे उसके पीछे ही मंत्र दोहरा रही थी। अजय ने सामग्री को उसके हाथ में दिया और और सौंदर्या ने थोड़ा सा आगे झुकते हुए कुंड में सामग्री को डाल दिया और फिर से पीछे होती हुई अपने भाई की गोद में बैठ गई। लेकिन उसके पीछे हटने से उसकी साड़ी हल्की सी ढीली हुई और पल्लू उसके गोरे चिकने कंधे पर अटक गया जिससे उसके कंधे आधे से ज्यादा नंगे हो गए और अजय की नजरे अपने बहन के कंधो और गर्दन पर टिक गई। अजय उसके कंधो को देखते हुए मंत्र पढ़ने लगा और उस बार उसने फिर से सौंदर्या के हाथो में सामग्री देते हुए उसके हाथो को अपने हाथो मे लिया और बोला:"

" अब आपके हाथ मेरे हाथो मे रहते हुए ही कुंड में सामग्री अर्पण करेंगे।

अजय उसके हाथो को पकड़े हुए थोड़ा सा आगे झुका तो चौड़ी छाती का दबाव सौंदर्या की कमर पर पड़ा और वो खुद ही आगे झुकती चली गई और अजय ने उसके कान के पास अपनी गर्म सांसे छोड़ते हुए अपने मुंह को उसके कंधे पर टिका दिया और फिर उसके हाथो से कुंड में सामग्री डाल दी। इसके बाद दोनो फिर से पीछे की तरफ हो गए लेकिन इस पर बार साडी का पल्लू पूरी तरह से उसकी कंधो से नीचे सरक गया और उसके दोनो कंधे पूरी तरह से नंगे हो गए। अजय अपनी बहन के नंगे चिकने मांसल कंधो को देखते ही मदहोश हो गया और उसका मन किया कि अपने हाथो में थाम ले लेकिन पूजा में कोई विघ्न नही चाहता था इसलिए अपने आप पर संयम बनाए रखा और फिर से मंत्र पढ़ने लगा। रेशमी साड़ी को सौंदर्या ने अपने दोनो बगलो में दबाते हुए b बड़ी मुश्किल से संभाल रखा था वरना कब की वो उसकी छातियों से सरक गई होती। लेकिन सौंदर्या समझ गई थी कि हवन कुंड में बार बार सामग्री डालने के चलते उसके हाथ खुल रहे थे और वो बहुत ज्यादा देर तक साड़ी को संभाल नही पाएगी। हाय भगवान ऐसे मेरी दोनो चूचियां नंगी हो जाएगी मेरे भाई के सामने। लेकिन उस दिन भी तू उसके सामने नंगी हुई थी जब उसके जिस्म की परछाई तुझ पर पड़ रही थी। लेकिन उस दिन मैं उसकी गोद में भी नहीं बैठी हुई थी। सौंदर्या के मन में विचारो की उथल पुथल मची हुई थी और अजय मंत्र पढ़ता जा रहा था। अजय ने मंत्र खत्म किया और फिर से कुंड में सामग्री डालने के लिए आगे को झुका और सौंदर्या भी आगे झुक गई और अपने दोनो हाथ खोलकर सामग्री डाली जिससे साड़ी उसके कंधो पर से सरक गई और उसने बड़ी मुश्किल से उसे पकड़ने की कोशिश करी लेकिन तब तक साड़ी काफी नीचे सरक गई थी जिससे उसकी आधे से ज्यादा चूचियां नंगी हो गई और सौंदर्या का पूरा बदन कांप उठा। अजय के बार बार आगे पीछे होने से उसके जिस्म पर पड़ी चादर सरक गई थी जिससे उसकी चौड़ी मजबूत छाती पूरी तरह से नंगी हो गई थी। लेकिन सौंदर्या भी बार बार सामंग्री डालने के कारण थोड़ी आगे सरक गई थी जिससे उसे अभी तक अपने भाई की नंगी छाती का एहसास नही हुआ था। अजय मंत्र पढ़ते हुए धीरे धीरे उसके हाथो को सहला रहा था और सौंदर्या की सांसे बहुत तेजी से चल रही थी क्योंकि वो जानती थी कि इस बार जैसे ही वो सामग्री डालने के लिए आगे झुकेगी तो उसकी साड़ी उसकी गोद में गिर जायेगी और उसकी दोनो चूचिया पूरी तरह से नंगी। हो जाएगी। सौंदर्या ये सब सोचते हुए उत्तेजना से भरी हुई थी और मन ही मन ईश्वर से प्रार्थना करते हुए एक बार उपर की तरफ देखा। अजय काफी देर तक मंत्र पढ़ता रहा और ऊपर आसमान में बीच चांद को काले बदलो ने घेर लिया और चारो तरफ अंधेरा छा गया। सौंदर्या ने राहत की सांस ली मानो भगवान ने उसकी प्रार्थना सुन ली थी।काफी देर से सामग्री ना डालने के कारण हवन कुंड की आग भी काफी धीमी पड़ गई थी जिससे सौंदर्या अच्छा महसूस कर रही थी।

तभी अजय ने मंत्र खत्म किए और सौंदर्य के हाथ में सामग्री देते हुए उसे कुंड में डालने का इशारा किया तो सौंदर्या जैसे ही आगे को झुकी साड़ी आजाद होकर पूरी तरह से उसकी गोद में आ गिरी और उसकी दोनो चूचिया पूरी तरह से नंगी हो गई और की चूत में हलचल सी मच गई। उत्तेजना के कारण सौंदर्या सामग्री नही डाल पा रही थी तो अजय उसकी मदद करने के लिए आगे को हुआ और उसकी नंगी छाती अपनी बहन की पीठ से मिल गई और जैसे ही दो नंगे बदन आपस में टकराए तो सौंदर्य के मुंह से आह निकल पड़ी। जैसे ही सामग्री कुंड में पड़ी तो आग तेज हो गई और चारो तरह हल्का सा प्रकाश हो गया जिससे सौंदर्या शर्म से पानी पानी हो गई। उसने पीछे हटने की कोशिश नही करी और ना ही अजय ने हटने का प्रयास किया। धीरे धीरे जैसे ही अग्नि धीमी हुई तो सौंदर्या ने राहत की सांस ली और पीछे को हुई तो उसकी चूचियां उपर को उछल पड़ी। उफ्फ उसकी नंगी चूचियां उछलने से अजय के हाथो से जा टकराई और दोनो बहन एक अनोखे अदभुत एहसास से भर उठे।

अजय ने पीछे होते हुए अपने हाथो का हल्का सा दबाव सौंदर्या पर दिया जिससे सौंदर्या ज्यादा पीछे हो गई और उसकी नंगी पीठ अभी तक अजय की छाती से चिपक हुई थी। अजय का मुंह अब सौंदर्या के कंधे पर टिका हुआ था और अजय मंत्र पढ़ते हुए हल्के से प्रकाश में अपनी बहन की गोल गोल चुचियों को हल्का हल्का देखते हुए उत्तेजित हो गया था जिससे उसके लंड में तनाव आ रहा था। सौंदर्या जानती थी कि उसका भाई उसकी चुचियों को घूर रहा होगा इसलिए उसकी चूत से रस टपकना शुरू हो गया था जिससे मंगल यंत्र के घुंघरू भीग कर इधर उधर फिसलते हुए उसकी चूत के होंठो को सहला रहे थे और सौंदर्या पूरी तरह से मदहोश होती जा रही थी। अजय ने फिर से सामग्री ली और आगे को होते हुए अपने टांगो को पूरा खोलते हुए कुंड में सामग्री डाल दी और आगे जलने से सौंदर्या फिर से पानी पानी हो गई। अजय की टांगे खुलने से सौंदर्या की रेशमी साड़ी और अजय की चादर दोनो एक साथ नीचे सरक गए। सामग्री डालने के बाद ही लालची अजय ने प्रकाश में उसकी चुचियों को देखने के लिए एक हाथ को सौंदर्या के पेट पर बांधते हुए उसे पीछे की तरफ खींच लिया और जैसे ही सौंदर्या झटके के साथ पीछे को हुई तो मंगल यंत्र का एक घुंघरू फिसल कर उसकी गीली चूत में घुस गया और सौंदर्या के मुंह से एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी। अजय ने अपने मुंह को फिर से उसके कंधे पर रख दिया और पहली बार अपनी बहन की ठोस गोल गोल उन्नत चुचियों को देखने लगा। सौंदर्या की आंखे मदहोश में बंद हो गई और अजय ने जी भरकर अपनी बहन की चुचियों का जब तक दीदार किया जब तक कुंड की अग्नि धीमी नही हो गई। अंधेरा होते ही अजय ने फिर से मंत्र पढ़ने शुरू कर दिए और इस बार उसने एक हाथ में सौंदर्या के दोनो हाथो को पकड़ रखा था। सौंदर्या की सांसे बहुत तेज गति से चल रही थी और और चूचियां तेजी से उछल रही थी।

अजय ने फिर से सामग्री ली और अंधेरे में अपने एक हाथ को ठीक सौंदर्या की छाती के सामने करते हुए आगे को झुका और जैसे ही सौंदर्या ने आगे को झुक कर सामग्री डाली तो उसकी एक चूची पूरी की पूरी उसके भाई की चौड़ी मजबूत हथेली में समा गई। सौंदर्या पूरी तरह से बेकाबू हो गई और अजय जान बूझकर सामग्री को धीरे धीरे डाल रहा था और अपने हथेली में बहुत हल्के दबाव के साथ उसकी गुदाज चूची को महसूस कर रहा था। सौंदर्या से बर्दाश्त नहीं हुआ और वो अपनी जांघो को आपस में मसलने लगी जिससे मंगल यंत्र का एक और दूसरा घुंघरू उसकी चूत में घुस गया और सौंदर्या ने पूरी तरह से मदहोश होकर सिसकी लेते हुए अपने जिस्म को ढीला छोड़ दिया तो अजय ने उसकी चूची को हल्का सा उंगलियों से मसल दिया तो सौंदर्या पागल सी हो गई, उसके जिस्म में मस्ती भरी तरंगे उठ रही थी।

अजय पीछे की तरफ हुआ तो उसके साथ ही सौंदर्या भी पीछे होती चली गई। अजय ने अपने हाथ को उसकी चूची पर ही टिकाए रखा और दूसरे हाथ से अपनी चादर और सौंदर्या की साड़ी को मंत्र पढ़ते हुए उठा लिया और सौंदर्या के कान में धीरे से बोला:"

" आप अब आपकी साड़ी और अपनी चादर को कुंड में डाल देंगी और इसके साथ ही आपका जिस्म दोषमुक्त हो जायेगा। मंगल जाते समय आपके जिस्म पर प्रभाव दिखाएगा लेकिन मैं आपको कहीं नही जाने दूंगा।

सौंदर्या उसकी बात सुनते ही खुश हुई लेकिन अगले ही पल शर्मा गई क्योंकि वो जानती थी कि कपड़े कुंड में पड़ते ही चारो तरफ पूरी रोशनी फैल जायेगी जो घंटो तक फैली रहेगी।

अजय ने मंत्र पढ़े और सौंदर्या ने साड़ी और चादर को हाथ में पकड़ लिया। अजय ने जैसे ही इशारा किया तो सौंदर्या ने कपड़ो को कुंड में फेंक दिया और अजय ने जोर से सौंदर्या को अपनी बांहों में कस लिया। मंगल के प्रभाव के चलते सौंदर्या उससे छूटने का पूरा प्रयास कर रही थी लेकिन अजय ने उसे पूरी मजबूती से थामे रखा। जैसे जैसे कपड़े कपड़े जलते जा रहे थे सौंदर्या का जिस्म उछल उछल पड़ रहा था और अजय ने पूरी ताकत से उसे थामे रखा था।

कपड़े जल गए थे और चारो तरफ दिन की तरह उजाला हो गया। सौंदर्या भी अब ज्यादा नही उछल रही थी तो अजय ने राहत की सांस ली।

अजय:" बस सौंदर्या थोड़ी देर और फिर तुम हमेशा के लिए दोषमुक्त हो जाएगी। ये कपड़े नही जल रहे बल्कि मंगल का प्रभाव खत्म हो रहा है।

सौंदर्या काफी अच्छा महसूस कर रही थी और अजय ने फिर से मंत्र पढ़ने शुरू कर दिए और धीरे धीरे सारी सामग्री कुंड में डालने लगा। अजय के दोनो हाथ सौंदर्या की चुचियों पर बंधे हुए थे और वो धीरे धीरे आगे होने के बहाने उन्हे सहला रहा था जिससे उसका लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया था और सौंदर्या की चूत के आस पास मंगल यंत्र से टकरा रहा था जिससे घुंघरू आगे पीछे होकर सौंदर्या की चूत की दीवारों को रगड़ रहे थे। सौंदर्या मस्ती से भरी हुई मदहोश हो गई थी और अपने आपको पूरी तरह से ढीला छोड़ दिया तो अजय ने अपनी जीभ से उसकी गर्दन को चाट लिया तो सौंदर्या ने आंखे बंद किए ही मदहोश होकर अपने हाथो को अजय के दोनो हाथो पर टिका दिया तो अजय मस्त होकर उसकी गर्दन को चाटते हुए उसकी चूचियों को थोड़ा जोर से मसलने लगा तो सौंदर्या उसकी गोद में बैठी बैठी उछलने लगी और अजय का लन्ड उसकी चूत पर जा लगा तो सौंदर्या के मुंह से आह निकल पड़ी और अजय के हाथो को जोर से अपनी छाती पर दबा दिया और सिसक उठी।

अजय ने उसकी चुचियों को ताकत से मसल दिया तो सौंदर्या के मुंह से हलकी दर्द भरी मस्ती भरी आह निकल पड़ी। अजय ने सौंदर्या के कान की लौ को जीभ से सहलते हुए कहा

" आह दीदी, अब मंगल यंत्र के खुलने का समय आ गया।

इतना कहकर अजय ने मंगल यंत्र को अपने एक हाथ में पकड़ लिया और उसके घुंघरू को पकड़ने के लिए आगे को झुका तो उसके हाथ सौंदर्या की चूत से छू गए।

सौंदर्या से बर्दाश्त नहीं हुआ और सिसकते हुए बोली:" आह खोल दो मंगल यंत्र, आह नही तो ये मेरी जान ले लेगा भाई।

तो सौंदर्या से बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने पहली बार पहल करते अजय सेक्सी नजरो से अजय की आंखो में देखा। अजय के होंठ आगे बढ़े और सौंदर्य ने कांपते हुए अपनी आंखें बंद कर ली और अजय ने अपने होंठो को सौंदर्या के होंठो पर टिका दिया। दोनो भाई बहन ने एक दूसरे के होंठो को चूसना शुरू कर दिया और अजय नीचे उंगली से उसकी चूत के होंठो को सहलाने लगा।

अजय की जीभ सौंदर्या के मुंह में घुस गई और सौंदर्या ने बावली सी होकर अपनी चूत को उसकी हथेली में दबा दिया। दोनो एक दूसरे की जीभ चूस रहे थे।

एक लंबे किस के बाद दोनो के होंठ अलग हुए और अजय बोला:

" मंगल यंत्र को मुंह से ही खोलना पड़ेगा अब।


अजय ने सौंदर्या को वही घाट पर लिटा दिया और उसकी टांगो के बीच में झुक गया और दांतो से पकड़ कर मंगल यंत्र को खींचने लगा। लेकिन चूत में घुसे घुंघरू के कारण निकल नही रहा था तो अजय ने अपने होंठो को सौंदर्या की चूत पर टिका दिया और सौंदर्या जोर से सिसक उठी। जैसे ही अजय की जीभ उसकी चूत में अंदर दाखिल हुई तो सौंदर्या ने हाथ आगे बढाया और उसके लंड को थाम लिया और उसकी लंबाई मोटाई को महसूस करके कांप उठी। जैसे ही अजय ने अपनी जीभ से घुंघरू को बाहर की तरफ खींचा तो सौंदर्या की चूत की दीवारों रगड़ गई और सौंदर्या के मुंह से एक के बाद एक मस्ती भरी सिसकारियां निकल पड़ी और उसने अजय को अपने ऊपर खींच लिया। लंड सीधे जाकर मंगल यंत्र से टकराया और मंगल यंत्र टूट कर खुल गया और ने झुक कर उसकी एक चूची को मुंह में भर लिया तो सौंदर्या नीचे से अपनी चूत को लंड पर उछालने लगी और अजय ने दोनो हाथो से उसके कंधे मजबूती से पकड़ कर उसकी चूत में पूरी ताकत से तगड़ा धक्का लगाया तो पूरा लंड सौंदर्या की चूत में घुस गया। सौंदर्या दर्द के मारे तड़प उठी और अजय ने उसकी चूची को चूसते हुए लंड को बाहर की तरफ खींचा और खून सौंदर्या की चूत से बह चला लेकिन अजय ने फिर से जोरदार धक्का लगाया तो सौंदर्या के मुंह से फिर से दर्द भरी आह निकल पड़ी। सौंदर्या तड़प रही थी और अजय उसकी चूचियों को चूसते हुए धक्के पर धक्का लगाए जा रहा था। धीरे धीरे सौंदर्य की टाइट चूत हल्की से खुल गई तो लंड थोड़ा आसानी से उसकी चूत में अंदर बाहर होने लगा और सौंदर्या के मुंह से अब दर्द के साथ मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लगी और उसने अजय को अपनी ओर में कस किया और उसका हाथ चूमने लगी।

सौंदर्या को मस्ती में आते देखकर अजय को जोश आ गया और उसने तेजी से उसकी चूत को चोदना शुरू कर दिया तो सौंदर्या का मुंह मस्ती से खुल गया

" आह सीआई उफ्फ मम्मी, आह अजय हाय भाई आह दर्द होता हैं उफ्फ मम्मी।

सौंदर्या ने अजय की आंखो में देखते हुए उसके दोनो हाथो को अपनी चुचियों पर रख दिया और अजय अब पूरी ताकत से उसकी चुचियों को मसलते हुए तगड़े धक्के उसकी चूत में मारने लगा। सौंदर्या कभी सिसकती, कभी आन्हे भरती, मीठी मीठी आवाज में कोयल की तरह कूक रही थी
और अजय अपनी बहन की टाइट चूत में तेजी से लंड पेल रहा था। सौंदर्या का पूरा बदन कांपने लगा और उसने जोश में आकर अपनी गांड़ को उठाते हुए लंड को अपनी चूत में लेना शुरू कर दिया और जोर जोर से सिसक पड़ी

" आह भाई, कितना अच्छा लग रहा है, हाय मुझे क्या हो रहा हैं, उफ्फ मम्मी, हाय भाई।

अजय के धक्कों में भी तेजी आ गई और उसने पागल सा होकर तेज तेज तगड़े धक्के लगाने शुरू किए तभी सौंदर्या का जिस्म जोर जोर से कांपने लगा और उसकी चूत में तूफान सा उमड़ पड़ा और सौंदर्या ने अजय को पूरी जोर से कसते हुए ताकत से अपनी चूत को लंड पर उछाल दिया और अजय ने भी अपने लंड का एक आखिरी जोरदार धक्का अपनी बहन की चूत में जड़ दिया और इसके साथ ही उसका लंड सौंदर्या की बच्चेदानी से जा टकराया और दोनो बहन भाई के साथ सिसकते हुए झड़ते चले गए। दोनो पूरी ताकत से एक दूसरे से लिपट गए।
 
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A.A.G.

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अजय और सौंदर्या दोनो घाट की तरफ धीरे धीरे बढ़ रहे थे और आसमान में अभी चांद अपने पूरे शबाब पर था जिससे चारो और मनमोहक चांदनी फैली हुई थी। आसमान में बीच बीच में काले बादल उमड़ रहे थे जिनके सामने आ जाने से अंधेरा हो जाता और फिर उनके हटते ही पूरा घाट चांदनी से नहा पड़ता। दोनो के बीच अभी तक कोई बात नही हुई थी और अजय के मुकबले सौंदर्या थोड़ा धीमे चल रही थी क्योंकि उसके पेट पर बंधे हुए मंगल यंत्र के घुंघरू उसकी चूत के आस पास छू कर उसे ना चाहते हुए उत्तेजित कर रहे थे। सौंदर्या जानती थी कि आज उसकी जिंदगी हमेशा के लिए बदलने वाली हैं क्योंकि आज पूजा का आखिरी दिन था और आज उसे इस मांगलिक दोष से हमेशा के लिए मुक्ति मिलने वाली थी।

दोनो भाई बहन घाट पर पहुंच गए और अजय के बताए अनुसार इस समय सौंदर्या के जिस्म पर सिर्फ एक लाल सुर्ख पवित्र साडी थी। सौंदर्या का पेट खुलकर अपनी छटा बिखेर रहा था और गहरी नाभि अपनी खूबसूरती दर्शा रही थी। सिर्फ पतली सी साड़ी में होने के कारण उसकी गोल गोल चुचियों का आकार साफ साफ महसूस हो रहा था और साडी के उपर से ही उसकी चूचियों का हल्का सा उभार भी साफ नजर आ रहा था।



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अजय और सौंदर्या दोनो घाट पर ही बैठ गए और अजय उसे पूजा के बारे में समझाने लगा।

अजय:" दीदी आज की पूजा काफी महत्त्वपूर्ण हैं क्योंकि आज मंगल का सीधा सीधा प्रभाव आपके शरीर पर ही पड़ेगा क्योंकि नियमों के मुताबिक आज शाहनाज पूजा में शामिल नही हो सकती। इसलिए आपको ज्यादा सावधानी बरतनी पड़ेगी।

सौंदर्या के चेहरे पर चिंता की लकीरें थोड़ी देर के लिए उभरी लेकिन फिर वो सामान्य हो गई और अजय ने उसे आगे बताना शुरू किया

"मेरे उपर राहु का प्रभाव और सिर्फ राहु ही मंगल के प्रभाव को कम कर सकता है इसलिए सभी विधियों के दौरान आपको मेरी गोद में बैठना होगा ताकि मंगल आपके उपर ज्यादा प्रभाव ना डाल सके। उसके साथ ही आपको मेरे द्वारा बनाई गई सभी विधियां ध्यानपूर्वक करनी होगी। कुछ विधियां मैं आपको पूजा के दौरान ही बता दूंगा। सबसे पहले आप गंगा को जल अर्पित कीजिए और मंगल का ध्यान कीजिए।

सौंदर्या ने हां में सिर हिलाया और उठकर गंगा में की तरफ बढ़ गई। सौंदर्या के चलने से उसके कंधे पर से साडी सरक और सौंदर्या की पीठ पीछे से पूरी नंगी हो गई।

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चांद की रोशनी में सौंदर्या की पीठ बेहद खूबसूरत लग रही थी और अजय उसे बिना पलके झुकाए देखता रहा। सौंदर्या ने बिना पीछे की तरफ देखे ही हाथ से अपनी साड़ी के पल्लू को उठाया और फिर से अपनी पीठ को ढकते हुए आगे बढ़ गई। अजय को अपनी बहन की नंगी पीठ की झलक मिलते ही अपने शरीर के अंदर उत्तेजना महसूस हुई और उसके दिमाग में सबसे पहले एक ही सवाल आया कि आगे से उसकी बहन की चूचियां पूरी नंगी हो गई होगी। काश इस समय उसकी बहन की पीठ नही बल्कि चेहरा उसकी तरफ होता तो कयामत ही आ जाती। सौंदर्या धीरे से गंगा के घाट पर गई और दोनो हाथो से जल अर्पित किया और उसके बाद मंगल का ध्यान करने लगी। सौंदर्या के जिस्म में अजीब का रोमाच उठ रहा था और फिर वो पलटी और वापिस अपने भाई की तरफ चल पड़ी।

जल्दबाजी में सौंदर्या से साडी का पल्लू पहले के मुकाबले थोड़ा सा नीचे बंध गया था जिस पर उसका ध्यान ही नही था और उसकी चूचियां के बीच की गहरी रेखा साफ नजर आ रही थी। अजय ने अपनी बहन की चुचियों के उभार को देखा आज फिर सामने की एक हवन कुंड जला दिया।

हवन कुंड के जलते ही सौंदर्या थोड़ी सी बेचैन नजर आई क्योंकि वो जानती थी अब जल्दी ही विधियां शुरू हो जाएगी और उसे अपने भाई की गोद में बैठना पड़ेगा। सौंदर्या की आंखों के आगे वो दृश्य तैर गया जब वो अपने भाई की गोद में ट्रैक्टर पर बैठी हुई थी और कैसे उसके भाई का लंड उसकी जांघो के बीच में घुसा हुआ था। ये सब सोचते ही सौंदर्या की सांसे तेज हो गई कि ये भगवान अब क्या होगा ? कहीं विधियां करते करते उसके भाई का लंड फिर से खड़ा हो जाता तो क्या होगा क्योंकि वो पूजा खत्म होने तक चाह कर भी उसकी गोद से नही उतर सकती थी।

अजय ने देसी घी के साथ कुछ और सामग्री को कुंड में डाल दिया और देखते ही देखते कुंड में तेजी से आग जलने लगी।


अजय:" दीदी कुंड में अब सारी सामग्री आपके हाथ से डाली जायेगी और रात के करीब एक बजे तक पूजा चलेगी। बस अगले तीन घंटे आपकी आने वाली जिंदगी के लिए बेहद महत्तवूर्ण साबित होंगे। अब शुभ मुहूर्त निकल रहा रहा है इसलिए आप देरी ना करे।

इतना कहकर अजय ने उसे अपनी गोद में बैठने का इशारा किया तो सौंदर्या का मुंह शर्म से लाल हो गया और वो धीरे धीरे आगे बढ़ी और अपने भाई की गोद में बैठ गई। उसकी पीठ अजय की छाती से मिल गई और अजय ने धीरे धीरे मंत्र पढ़ना शुरू किया और सौंदर्या धीरे धीरे उसके पीछे ही मंत्र दोहरा रही थी। अजय ने सामग्री को उसके हाथ में दिया और और सौंदर्या ने थोड़ा सा आगे झुकते हुए कुंड में सामग्री को डाल दिया और फिर से पीछे होती हुई अपने भाई की गोद में बैठ गई। लेकिन उसके पीछे हटने से उसकी साड़ी हल्की सी ढीली हुई और पल्लू उसके गोरे चिकने कंधे पर अटक गया जिससे उसके कंधे आधे से ज्यादा नंगे हो गए और अजय की नजरे अपने बहन के कंधो और गर्दन पर टिक गई। अजय उसके कंधो को देखते हुए मंत्र पढ़ने लगा और उस बार उसने फिर से सौंदर्या के हाथो में सामग्री देते हुए उसके हाथो को अपने हाथो मे लिया और बोला:"

" अब आपके हाथ मेरे हाथो मे रहते हुए ही कुंड में सामग्री अर्पण करेंगे।

अजय उसके हाथो को पकड़े हुए थोड़ा सा आगे झुका तो चौड़ी छाती का दबाव सौंदर्या की कमर पर पड़ा और वो खुद ही आगे झुकती चली गई और अजय ने उसके कान के पास अपनी गर्म सांसे छोड़ते हुए अपने मुंह को उसके कंधे पर टिका दिया और फिर उसके हाथो से कुंड में सामग्री डाल दी। इसके बाद दोनो फिर से पीछे की तरफ हो गए लेकिन इस पर बार साडी का पल्लू पूरी तरह से उसकी कंधो से नीचे सरक गया और उसके दोनो कंधे पूरी तरह से नंगे हो गए। अजय अपनी बहन के नंगे चिकने मांसल कंधो को देखते ही मदहोश हो गया और उसका मन किया कि अपने हाथो में थाम ले लेकिन पूजा में कोई विघ्न नही चाहता था इसलिए अपने आप पर संयम बनाए रखा और फिर से मंत्र पढ़ने लगा। रेशमी साड़ी को सौंदर्या ने अपने दोनो बगलो में दबाते हुए b बड़ी मुश्किल से संभाल रखा था वरना कब की वो उसकी छातियों से सरक गई होती। लेकिन सौंदर्या समझ गई थी कि हवन कुंड में बार बार सामग्री डालने के चलते उसके हाथ खुल रहे थे और वो बहुत ज्यादा देर तक साड़ी को संभाल नही पाएगी। हाय भगवान ऐसे मेरी दोनो चूचियां नंगी हो जाएगी मेरे भाई के सामने। लेकिन उस दिन भी तू उसके सामने नंगी हुई थी जब उसके जिस्म की परछाई तुझ पर पड़ रही थी। लेकिन उस दिन मैं उसकी गोद में भी नहीं बैठी हुई थी। सौंदर्या के मन में विचारो की उथल पुथल मची हुई थी और अजय मंत्र पढ़ता जा रहा था। अजय ने मंत्र खत्म किया और फिर से कुंड में सामग्री डालने के लिए आगे को झुका और सौंदर्या भी आगे झुक गई और अपने दोनो हाथ खोलकर सामग्री डाली जिससे साड़ी उसके कंधो पर से सरक गई और उसने बड़ी मुश्किल से उसे पकड़ने की कोशिश करी लेकिन तब तक साड़ी काफी नीचे सरक गई थी जिससे उसकी आधे से ज्यादा चूचियां नंगी हो गई और सौंदर्या का पूरा बदन कांप उठा। अजय के बार बार आगे पीछे होने से उसके जिस्म पर पड़ी चादर सरक गई थी जिससे उसकी चौड़ी मजबूत छाती पूरी तरह से नंगी हो गई थी। लेकिन सौंदर्या भी बार बार सामंग्री डालने के कारण थोड़ी आगे सरक गई थी जिससे उसे अभी तक अपने भाई की नंगी छाती का एहसास नही हुआ था। अजय मंत्र पढ़ते हुए धीरे धीरे उसके हाथो को सहला रहा था और सौंदर्या की सांसे बहुत तेजी से चल रही थी क्योंकि वो जानती थी कि इस बार जैसे ही वो सामग्री डालने के लिए आगे झुकेगी तो उसकी साड़ी उसकी गोद में गिर जायेगी और उसकी दोनो चूचिया पूरी तरह से नंगी। हो जाएगी। सौंदर्या ये सब सोचते हुए उत्तेजना से भरी हुई थी और मन ही मन ईश्वर से प्रार्थना करते हुए एक बार उपर की तरफ देखा। अजय काफी देर तक मंत्र पढ़ता रहा और ऊपर आसमान में बीच चांद को काले बदलो ने घेर लिया और चारो तरफ अंधेरा छा गया। सौंदर्या ने राहत की सांस ली मानो भगवान ने उसकी प्रार्थना सुन ली थी।काफी देर से सामग्री ना डालने के कारण हवन कुंड की आग भी काफी धीमी पड़ गई थी जिससे सौंदर्या अच्छा महसूस कर रही थी।

तभी अजय ने मंत्र खत्म किए और सौंदर्य के हाथ में सामग्री देते हुए उसे कुंड में डालने का इशारा किया तो सौंदर्या जैसे ही आगे को झुकी साड़ी आजाद होकर पूरी तरह से उसकी गोद में आ गिरी और उसकी दोनो चूचिया पूरी तरह से नंगी हो गई और की चूत में हलचल सी मच गई। उत्तेजना के कारण सौंदर्या सामग्री नही डाल पा रही थी तो अजय उसकी मदद करने के लिए आगे को हुआ और उसकी नंगी छाती अपनी बहन की पीठ से मिल गई और जैसे ही दो नंगे बदन आपस में टकराए तो सौंदर्य के मुंह से आह निकल पड़ी। जैसे ही सामग्री कुंड में पड़ी तो आग तेज हो गई और चारो तरह हल्का सा प्रकाश हो गया जिससे सौंदर्या शर्म से पानी पानी हो गई। उसने पीछे हटने की कोशिश नही करी और ना ही अजय ने हटने का प्रयास किया। धीरे धीरे जैसे ही अग्नि धीमी हुई तो सौंदर्या ने राहत की सांस ली और पीछे को हुई तो उसकी चूचियां उपर को उछल पड़ी। उफ्फ उसकी नंगी चूचियां उछलने से अजय के हाथो से जा टकराई और दोनो बहन एक अनोखे अदभुत एहसास से भर उठे।

अजय ने पीछे होते हुए अपने हाथो का हल्का सा दबाव सौंदर्या पर दिया जिससे सौंदर्या ज्यादा पीछे हो गई और उसकी नंगी पीठ अभी तक अजय की छाती से चिपक हुई थी। अजय का मुंह अब सौंदर्या के कंधे पर टिका हुआ था और अजय मंत्र पढ़ते हुए हल्के से प्रकाश में अपनी बहन की गोल गोल चुचियों को हल्का हल्का देखते हुए उत्तेजित हो गया था जिससे उसके लंड में तनाव आ रहा था। सौंदर्या जानती थी कि उसका भाई उसकी चुचियों को घूर रहा होगा इसलिए उसकी चूत से रस टपकना शुरू हो गया था जिससे मंगल यंत्र के घुंघरू भीग कर इधर उधर फिसलते हुए उसकी चूत के होंठो को सहला रहे थे और सौंदर्या पूरी तरह से मदहोश होती जा रही थी। अजय ने फिर से सामग्री ली और आगे को होते हुए अपने टांगो को पूरा खोलते हुए कुंड में सामग्री डाल दी और आगे जलने से सौंदर्या फिर से पानी पानी हो गई। अजय की टांगे खुलने से सौंदर्या की रेशमी साड़ी और अजय की चादर दोनो एक साथ नीचे सरक गए। सामग्री डालने के बाद ही लालची अजय ने प्रकाश में उसकी चुचियों को देखने के लिए एक हाथ को सौंदर्या के पेट पर बांधते हुए उसे पीछे की तरफ खींच लिया और जैसे ही सौंदर्या झटके के साथ पीछे को हुई तो मंगल यंत्र का एक घुंघरू फिसल कर उसकी गीली चूत में घुस गया और सौंदर्या के मुंह से एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी। अजय ने अपने मुंह को फिर से उसके कंधे पर रख दिया और पहली बार अपनी बहन की ठोस गोल गोल उन्नत चुचियों को देखने लगा। सौंदर्या की आंखे मदहोश में बंद हो गई और अजय ने जी भरकर अपनी बहन की चुचियों का जब तक दीदार किया जब तक कुंड की अग्नि धीमी नही हो गई। अंधेरा होते ही अजय ने फिर से मंत्र पढ़ने शुरू कर दिए और इस बार उसने एक हाथ में सौंदर्या के दोनो हाथो को पकड़ रखा था। सौंदर्या की सांसे बहुत तेज गति से चल रही थी और और चूचियां तेजी से उछल रही थी।

अजय ने फिर से सामग्री ली और अंधेरे में अपने एक हाथ को ठीक सौंदर्या की छाती के सामने करते हुए आगे को झुका और जैसे ही सौंदर्या ने आगे को झुक कर सामग्री डाली तो उसकी एक चूची पूरी की पूरी उसके भाई की चौड़ी मजबूत हथेली में समा गई। सौंदर्या पूरी तरह से बेकाबू हो गई और अजय जान बूझकर सामग्री को धीरे धीरे डाल रहा था और अपने हथेली में बहुत हल्के दबाव के साथ उसकी गुदाज चूची को महसूस कर रहा था। सौंदर्या से बर्दाश्त नहीं हुआ और वो अपनी जांघो को आपस में मसलने लगी जिससे मंगल यंत्र का एक और दूसरा घुंघरू उसकी चूत में घुस गया और सौंदर्या ने पूरी तरह से मदहोश होकर सिसकी लेते हुए अपने जिस्म को ढीला छोड़ दिया तो अजय ने उसकी चूची को हल्का सा उंगलियों से मसल दिया तो सौंदर्या पागल सी हो गई, उसके जिस्म में मस्ती भरी तरंगे उठ रही थी।

अजय पीछे की तरफ हुआ तो उसके साथ ही सौंदर्या भी पीछे होती चली गई। अजय ने अपने हाथ को उसकी चूची पर ही टिकाए रखा और दूसरे हाथ से अपनी चादर और सौंदर्या की साड़ी को मंत्र पढ़ते हुए उठा लिया और सौंदर्या के कान में धीरे से बोला:"

" आप अब आपकी साड़ी और अपनी चादर को कुंड में डाल देंगी और इसके साथ ही आपका जिस्म दोषमुक्त हो जायेगा। मंगल जाते समय आपके जिस्म पर प्रभाव दिखाएगा लेकिन मैं आपको कहीं नही जाने दूंगा।

सौंदर्या उसकी बात सुनते ही खुश हुई लेकिन अगले ही पल शर्मा गई क्योंकि वो जानती थी कि कपड़े कुंड में पड़ते ही चारो तरफ पूरी रोशनी फैल जायेगी जो घंटो तक फैली रहेगी।

अजय ने मंत्र पढ़े और सौंदर्या ने साड़ी और चादर को हाथ में पकड़ लिया। अजय ने जैसे ही इशारा किया तो सौंदर्या ने कपड़ो को कुंड में फेंक दिया और अजय ने जोर से सौंदर्या को अपनी बांहों में कस लिया। मंगल के प्रभाव के चलते सौंदर्या उससे छूटने का पूरा प्रयास कर रही थी लेकिन अजय ने उसे पूरी मजबूती से थामे रखा। जैसे जैसे कपड़े कपड़े जलते जा रहे थे सौंदर्या का जिस्म उछल उछल पड़ रहा था और अजय ने पूरी ताकत से उसे थामे रखा था।

कपड़े जल गए थे और चारो तरफ दिन की तरह उजाला हो गया। सौंदर्या भी अब ज्यादा नही उछल रही थी तो अजय ने राहत की सांस ली।

अजय:" बस सौंदर्या थोड़ी देर और फिर तुम हमेशा के लिए दोषमुक्त हो जाएगी। ये कपड़े नही जल रहे बल्कि मंगल का प्रभाव खत्म हो रहा है।

सौंदर्या काफी अच्छा महसूस कर रही थी और अजय ने फिर से मंत्र पढ़ने शुरू कर दिए और धीरे धीरे सारी सामग्री कुंड में डालने लगा। अजय के दोनो हाथ सौंदर्या की चुचियों पर बंधे हुए थे और वो धीरे धीरे आगे होने के बहाने उन्हे सहला रहा था जिससे उसका लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया था और सौंदर्या की चूत के आस पास मंगल यंत्र से टकरा रहा था जिससे घुंघरू आगे पीछे होकर सौंदर्या की चूत की दीवारों को रगड़ रहे थे। सौंदर्या मस्ती से भरी हुई मदहोश हो गई थी और अपने आपको पूरी तरह से ढीला छोड़ दिया तो अजय ने अपनी जीभ से उसकी गर्दन को चाट लिया तो सौंदर्या ने आंखे बंद किए ही मदहोश होकर अपने हाथो को अजय के दोनो हाथो पर टिका दिया तो अजय मस्त होकर उसकी गर्दन को चाटते हुए उसकी चूचियों को थोड़ा जोर से मसलने लगा तो सौंदर्या उसकी गोद में बैठी बैठी उछलने लगी और अजय का लन्ड उसकी चूत पर जा लगा तो सौंदर्या के मुंह से आह निकल पड़ी और अजय के हाथो को जोर से अपनी छाती पर दबा दिया और सिसक उठी।

अजय ने उसकी चुचियों को ताकत से मसल दिया तो सौंदर्या के मुंह से हलकी दर्द भरी मस्ती भरी आह निकल पड़ी। अजय ने सौंदर्या के कान की लौ को जीभ से सहलते हुए कहा

" आह दीदी, अब मंगल यंत्र के खुलने का समय आ गया।

इतना कहकर अजय ने मंगल यंत्र को अपने एक हाथ में पकड़ लिया और उसके घुंघरू को पकड़ने के लिए आगे को झुका तो उसके हाथ सौंदर्या की चूत से छू गए।

सौंदर्या से बर्दाश्त नहीं हुआ और सिसकते हुए बोली:" आह खोल दो मंगल यंत्र, आह नही तो ये मेरी जान ले लेगा भाई।

तो सौंदर्या से बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने पहली बार पहल करते अजय सेक्सी नजरो से अजय की आंखो में देखा। अजय के होंठ आगे बढ़े और सौंदर्य ने कांपते हुए अपनी आंखें बंद कर ली और अजय ने अपने होंठो को सौंदर्या के होंठो पर टिका दिया। दोनो भाई बहन ने एक दूसरे के होंठो को चूसना शुरू कर दिया और अजय नीचे उंगली से उसकी चूत के होंठो को सहलाने लगा।

अजय की जीभ सौंदर्या के मुंह में घुस गई और सौंदर्या ने बावली सी होकर अपनी चूत को उसकी हथेली में दबा दिया। दोनो एक दूसरे की जीभ चूस रहे थे।

एक लंबे किस के बाद दोनो के होंठ अलग हुए और अजय बोला:

" मंगल यंत्र को मुंह से ही खोलना पड़ेगा अब।


अजय ने सौंदर्या को वही घाट पर लिटा दिया और उसकी टांगो के बीच में झुक गया और दांतो से पकड़ कर मंगल यंत्र को खींचने लगा। लेकिन चूत में घुसे घुंघरू के कारण निकल नही रहा था तो अजय ने अपने होंठो को सौंदर्या की चूत पर टिका दिया और सौंदर्या जोर से सिसक उठी। जैसे ही अजय की जीभ उसकी चूत में अंदर दाखिल हुई तो सौंदर्या ने हाथ आगे बढाया और उसके लंड को थाम लिया और उसकी लंबाई मोटाई को महसूस करके कांप उठी। जैसे ही अजय ने अपनी जीभ से घुंघरू को बाहर की तरफ खींचा तो सौंदर्या की चूत की दीवारों रगड़ गई और सौंदर्या के मुंह से एक के बाद एक मस्ती भरी सिसकारियां निकल पड़ी और उसने अजय को अपने ऊपर खींच लिया। लंड सीधे जाकर मंगल यंत्र से टकराया और मंगल यंत्र टूट कर खुल गया और ने झुक कर उसकी एक चूची को मुंह में भर लिया तो सौंदर्या नीचे से अपनी चूत को लंड पर उछालने लगी और अजय ने दोनो हाथो से उसके कंधे मजबूती से पकड़ कर उसकी चूत में पूरी ताकत से तगड़ा धक्का लगाया तो पूरा लंड सौंदर्या की चूत में घुस गया। सौंदर्या दर्द के मारे तड़प उठी और अजय ने उसकी चूची को चूसते हुए लंड को बाहर की तरफ खींचा और खून सौंदर्या की चूत से बह चला लेकिन अजय ने फिर से जोरदार धक्का लगाया तो सौंदर्या के मुंह से फिर से दर्द भरी आह निकल पड़ी। सौंदर्या तड़प रही थी और अजय उसकी चूचियों को चूसते हुए धक्के पर धक्का लगाए जा रहा था। धीरे धीरे सौंदर्य की टाइट चूत हल्की से खुल गई तो लंड थोड़ा आसानी से उसकी चूत में अंदर बाहर होने लगा और सौंदर्या के मुंह से अब दर्द के साथ मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लगी और उसने अजय को अपनी ओर में कस किया और उसका हाथ चूमने लगी।

सौंदर्या को मस्ती में आते देखकर अजय को जोश आ गया और उसने तेजी से उसकी चूत को चोदना शुरू कर दिया तो सौंदर्या का मुंह मस्ती से खुल गया

" आह सीआई उफ्फ मम्मी, आह अजय हाय भाई आह दर्द होता हैं उफ्फ मम्मी।

सौंदर्या ने अजय की आंखो में देखते हुए उसके दोनो हाथो को अपनी चुचियों पर रख दिया और अजय अब पूरी ताकत से उसकी चुचियों को मसलते हुए तगड़े धक्के उसकी चूत में मारने लगा। सौंदर्या कभी सिसकती, कभी आन्हे भरती, मीठी मीठी आवाज में कोयल की तरह कूक रही थी
और अजय अपनी बहन की टाइट चूत में तेजी से लंड पेल रहा था। सौंदर्या का पूरा बदन कांपने लगा और उसने जोश में आकर अपनी गांड़ को उठाते हुए लंड को अपनी चूत में लेना शुरू कर दिया और जोर जोर से सिसक पड़ी

" आह भाई, कितना अच्छा लग रहा है, हाय मुझे क्या हो रहा हैं, उफ्फ मम्मी, हाय भाई।

अजय के धक्कों में भी तेजी आ गई और उसने पागल सा होकर तेज तेज तगड़े धक्के लगाने शुरू किए तभी सौंदर्या का जिस्म जोर जोर से कांपने लगा और उसकी चूत में तूफान सा उमड़ पड़ा और सौंदर्या ने अजय को पूरी जोर से कसते हुए ताकत से अपनी चूत को लंड पर उछाल दिया और अजय ने भी अपने लंड का एक आखिरी जोरदार धक्का अपनी बहन की चूत में जड़ दिया और इसके साथ ही उसका लंड सौंदर्या की बच्चेदानी से जा टकराया और दोनो बहन भाई के साथ सिसकते हुए झड़ते चले गए। दोनो पूरी ताकत से एक दूसरे से लिपट गए।
nice update..!!
ab soundarya sirf ajay ki ho gayi..ab dekhte aage yeh kaise shaadi karte hai..!!
 

chachajaani

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मस्त लिखा है। आख़िरकार सौंदर्या मंगल ग्रह के दोष से मुक्त हो ही गयी

अब इन तीनो को मिल कर रात भर इकट्ठे इस बात की ख़ुशियाँ मनानी चाहिये। सौंदर्या उपहार में अजय को अपने मांसल चूतड़ों के बीच में छुपी गाँड दे जिसमें शहनाज़ उसकी मदद करेगी और अपने हाथ से पकड़ कर अजय के लण्ड को सौंदर्य की गाँड में घुसाएगी और इस क्रिया के दौरान सौंदर्या का मुँह अपनी नंगी जाँघो के बीच में लगा के रखेगी ताक़ि उसको दर्द कम हो और उसको योनि से कामरस चाटने का ज्ञान भी प्राप्त हो जाये।

रात भर के कार्यक्रम में दोनों को दो दो बार चरम सुख का अनुभव होना चाहिये
आगे आप खुद समझदार हैं। 🔥😃
 
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