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अजय सीमा के घर पहुच गया और उसे देखते ही सीमा के पापा बहुत खुश हुए और उसे काम समझाने लगे।
अभी करीब 2 बजे थे और बारात आज ही शाम को सात बजे आनी थी इसलिए करने के लिए काफी काम बाकी था। अजय ने सीमा के ही परिवार और मोहल्ले के कुछ लड़के लिए और उन्हें काम के बारे में समझाने लगा। गांव के लड़के बड़े मेहनती होते हैं और अजय के दोस्त भी काफी मेहनती थे इसलिए थोड़ी देर में सारा उन्होंने सारा काम कर दिया और उसके बाद सभी लोग शहर में हॉल की तरफ जाने लगे तो सीमा के पापा बोले:"
" बेटा अजय तुम अभी रुक जाओ, घर में भी कुछ काम होंगे और अभी सारी लड़कियां घर पर ही हैं और तुम एक बहुत अच्छे लड़के हो इसलिए तुम रुक जाओ।
अजय:" जी ताऊ जी जैसे आपको ठीक लगे।
सीमा के पापा बाकी लोगों को लेकर शहर कि तरफ चल पड़े जबकि अजय अब घर में चला गया। अजय ने अभी एक जीन्स और टी शर्ट पहनी हुई थी और उसके हाथो में पड़े हुए जिम के सुंदर कट अपनी आभा दिखा रहे थे। अजय को देखते ही सपना खुश हो गई और कुछ ऐसा ही हाल राधा का भी था।
सपना:" अरे अजय बहुत लेट आए तुम, कहां रह गए थे भाई ?
अजय:" अरे मैं सौंदर्या दीदी के साथ शहर चला गया था। मुझे भी कुछ काम था और उन्हें भी कपडे लेने थे।
राधा उसके हाथो को ध्यान से देखती हुई बोली:"
" वैसे अजय तुम इन कपड़ो में काफी खूबसूरत लग रहे हो। लगता है आज रात में तुम्हारे आस पास काफी तितलियां मंडराने वाली हैं।
सपना:" हान ये बात तो हैं राधा, वैसे अजय तुम ना पूरी बांहों की शर्ट पहना करो, क्या पता किसी कि नजर तुम्हे लग जाए तो।
राधा समझ गई कि सपना उसकी ही तरफ इशारा कर रही हैं तो उसे अच्छा नहीं लगा और वो समझ गई कि सपना कुछ जरुरत से ज्यादा ही चालू बन रही हैं ताकि मुझे अजय कि नजरो में गलत साबित कर सके।
राधा आगे बढ़ी और अजय के हाथ को उसकी कोहनी के उपर से पकड़ती हुई बोली:"
" बहुत बढ़िया मेरे भाई। सच में लगता है काफी पसीना बहाया है तुमने जिम में। और हान सपना कुमारी जी बात ध्यान से समझो की भाई को बहनों की नजर नहीं लगती हैं।
अजय अब तक समझ गया था कि है दोनो मिलकर उसके उपर डोरे डालने की कोशिश कर रही हैं । अजय के साथ पहली बार ज़िन्दगी में ये सब हो रहा था और उसे कहीं ना कहीं अच्छा लग रहा था क्योंकि हर मर्द चाहता है कि औरत उसकी ताकत की तारीफ करे और अजय भी इसका अपवाद नहीं था।
तभी सीमा की मम्मी अाई और बोली:" अरे अजय बेटा मेरे साथ आओ तो जरा एक काम हैं।
अजय वही गैलरी में उनके साथ गया और सीमा की मम्मी बोली;"
" बेटा मैंने सीमा के कुछ नए कपड़े इस संदूक में रख दिए थे लेकिन अब ये मुझसे खुल नहीं रहा हैं। तुम जरा इसको खोल दो। सुबह से सबने कोशिश करी लेकिन कोई खोल नहीं पाया।
अजय ने संदूक को देखा तो उसे पाया कि उसमें जंग लगा हुआ था जिस कारण वो खुल नहीं पा रहा था। अजय ने संदूक को पकड़ लिया और उसके ढक्कन उपर करके खोलने की कोशिश करने लगा लेकिन संदूक खुल नहीं रहा था। सारी लड़कियां अजय की तरफ ही देख रही थी और अजय समझ गया कि ये सभी लड़कियां उसकी ताकत देखना चाह रही हैं।
सौंदर्या भी घर के अंदर अा गई और अपने भाई को संदूक खोलता हुआ देखा और सभी लड़कीयों में पास चली गई तो देखा कि सभी लड़कियां उसके भाई को ही देख रही थी।
सीमा की मम्मी:" बेटा इसके अंदर कपडे के साथ सीमा की कुछ ज्वेलरी भी हैं जो आज ये पहनने वाली हैं। कुछ भी करके बेटा तुम उसे खोल दो।
अजय ने एक बार फिर से संदूक के दोनो ढक्कन पकड़े और उन्हें उपर उठाने की कोशिश करने लगा। अजय ने अपने दोनो हाथो की उंगलियों को अच्छे से टाइट किया और अपने जिस्म की सारी ताकत समेटकर एक झटका दिया और उसके साथ की संदूक का ढक्कन लॉक से उखड़ गया। इस झटके के साथ ही अजय के साथ जैसे ऊपर उठे उसकी टी शर्ट भी फटती चली गई और नीचे बनियान ना होने के कारण उसकी चौड़ी छाती खुल गई जिस पर काले घने बाल उसकी शोभा बढ़ा रहे थे। सभी की नजरें अजय पर टिक गई और सपना और राधा तो उसकी छाती को घूर घूर कर देख रही थी मानो उन्होंने ऐसी मांसल और चौड़ी छाती पहली बार देखी हो। सौंदर्या भी अपने भाई की छाती और उसकी ताकत को देखकर खुश हुई। फर्क सिर्फ इतना था कि जहां दूसरी लड़कियां जलन से उसके भाई को देख रही थी वहीं सौंदर्या प्यार और खुशी से गर्व के साथ अपने भाई को निहार रही थी।
सीमा की मम्मी:" अरे जीतो रहो बेटा, लेकिन तुमने तो ढक्कन ही उखाड़ दिया इसका। चलो कोई बात नहीं लेकिन तुम्हारी टी शर्ट भी फट गई अजय बेटा।
अजय ने अपनी टी शर्ट को देखा तो उसे अपनी हालत का एहसास हुआ। उसने एक नजर उठा कर लड़कियो की तरफ देखा और उसे चार पांच लड़कियों के आगे खुद को इस हालत में देखकर शर्म महसूस हुई।
अजय को पसीना अा गया था इसलिए वो दूसरे कमरे में जाकर कूलर के आगे बैठ गया और अपनी दीदी को आवाज लगाई
" सौंदर्या दीदी, मेरे पास आना आप। मुझे कुछ बात करनी है।
सौंदर्या अपने भाई के पास अा गई और बोली:"
" हान भाई बोलो, क्या जरूरत थी तुम्हे इतनी ताकत लगाने कि अपने कपड़े ही फाड़ लिए तुमने।
अजय:" अरे दीदी आंटी बोल रही थी कि उसने सीमा दीदी के जरूरी कपडे और ज्वेलरी थी इसलिए खोल रहा था। अच्छा मेरे घर से दूसरे कपडे ले आओगी क्या आप ? मैं इस हालत में घर नहीं जा सकता ना।
सौंदर्या:" भाई मम्मी अा रही होगी। मैं उन्हें कॉल कर देती हु तो वो लेती आएगी। वैसे तुम्हारे शादी वाले कपडे तो मैं लेकर अा गई।
अजय:" ठीक है दीदी। आप कॉल कर दो मम्मी को।
सौंदर्या ने अपनी मम्मी को कॉल किया और उन्हें अजय के लिए एक नई टी शर्ट लाने के लिए बोल दिया और फिर से सीमा और सपना के पास अा गई जो कि अपनी बातो में लगी हुई थी और उसे देखते ही उससे मजाक करने लगी और सपना बोली:"
" क्यों री सौंदर्या ऐसा क्या खिला दिया तुमने अपने भाई को जो उसके मारे ताकत के उसके कपड़े फट रहे हैं।
सौंदर्या हल्की सी मुस्कान करने लगी और बोली:"
" मै क्या अलग खिलाती, बस मम्मी ने उसे दूध पिलाया हैं जब से वो शहर से आया है।
तभी राधा अपने आप ही बोल पड़ी:"
" अरे सौंदर्या यकीन नहीं होता कि इस उम्र में भी आंटी अजय को अपना दूध पिलाती है और सबसे बड़ी कि उनके दूध में इतनी ताकत हैं।
राधा की बात सुनकर सभी लड़कियां जोर जोर से खिल खिला कर हंसने लगी और सौंदर्या को बुरा लग रहा था और वो थोड़ी नाराजगी से बोली:"
" तुम्हे बात करने की तमीज होनी चाहिए राधा। मै बोल थी मम्मी ने भाई को भैंस का दूध पिलाया हैं काफी कल से जब से वो शहर से आया है।
राधा:" ओह अच्छा बाबा सोरी। लेकिन पहले तूने भैंस का नाम नहीं लिया था ना इसलिए धोखा हो गया यार।
सपना:" राधा थोड़ा अपना भी दिमाग लगाया कर तू एक दिन में थोड़े ही कोई पहलवान बन जाता हैं लड़का।
इससे पहले कि बात आगे बढ़ती तभी अजय की मम्मी घर के अंदर दाखिल हुई और उन्हें देखते ही सबकी बकबक अपने आप बंद हो गई।
मम्मी को देखते ही सौंदर्या उनकी तरफ अाई और बोली जल्दी से बोली:"
" मम्मी आप पहले मुझे भाई की टी शर्ट दे दो। पहले वाली खराब हो गई है।
कमला ने अपने साथ लाई हुई एक टी शर्ट सौंदर्या को दी और बोली:"
" जरा मुझे भी तो बता कहां हो लाट साहब, बचपना में भी कपडे खराब करता था और अब तक उसकी ये आदत नहीं गई है।
सौंदर्या नहीं चाहती थी कि मम्मी अजय को इस हाल में देखे नहीं तो उसे डांट पड़नी तय थी। वहीं अपनी मम्मी की बात सुनकर दूसरे कमरे में बैठा अजय भी थोड़ा सा परेशान हो गया क्योंकि वो अपनी मम्मी के गुस्से को अच्छे से जानता था। सौंदर्या ने सीमा को कुछ इशारा किया और सीमा बोली:'
" आंटी मुझे आपकी कुछ मदद चाहिए। जरा आप मेरे पास आइए ना।
कमला दुल्हन को नाराज नहीं कर सकती थी इसलिए उसकी तरफ चल पड़ी। बस सौंदर्या को सुनहरा मौका मिल गया और वो तेजी से कमरे में घुस गई और कमरे में अपनी बहन को देखकर अजय ने राहत की सांस ली और उसने तेजी से फटी हुई टी शर्ट को अलग किया और उसकी छाती पूरी तरह से नंगी हो गई। सौंदर्या की आंखे अपने भाई की नंगी छाती को देखते ही चौड़ी हो गई। अजय के सीने पर काले घने घुंघराले बाल बहुत सुंदर लग रहे थे और बीच में निकले हुए गुलाबी रंग के निप्पल पर जैसे ही सौंदर्या की नजर पड़ी तो उसे दिमाग ने एक झटका सा खाया। वहीं इस सबसे बेखबर अजय अपनी टी शर्ट पहन चुका था।
सौंदर्या मदहोशी में बढ़ी और अपने भाई के कंधे और छाती पर हाथ रखते हुए बोली:"
" भाई तुम पूरे कपडे पहन कर रखा करो नहीं तो किसी दिन तुम्हे नजर लग जाएगी।
अजय अपने लिए अपनी बहन का प्यार देखकर खुश हुआ और बोला:"
" ठीक हैं दीदी, मैं आपकी बात का ध्यान रखूंगा। आपने आज फिर उन्हें मम्मी के गुस्से से बचा लिया, सच में आप बहुत अच्छी हैं दीदी।
सौंदर्या:" बड़ी बहन का फ़र्ज़ होता हैं कि वो अपने भाई को हर मुसीबत से बचाए। वैसे एक बात कहूं अजय तुम इस काली टी शर्ट में बेहद स्मार्ट लग रहे हो।
अजय:" अच्छा जी, किसी और का तो पता नहीं लेकिन आज लगता हैं मुझे मेरी दीदी की नजर जरूर लग जायेगी।
सौंदर्या प्यार से उसके पकड़कर बोली:" पागल कहीं का, बहनों को कभी भी भाई की नजर नहीं लगती है अजय दादा।
अजय:" वो तो ठीक है लेकिन तुमने अजय दादा क्यों कहा मुझे ?
सौंदर्या:" दादा तो तुम हो ही, जो गुण्डो को मार पीट सके वो दादा ही हुआ ना भाई।
अजय के होंठो पर स्माइल अा गई और बोला:" लगता हैं आप मुझे मम्मी से पिटवाकर ही दम लेगी दीदी।
सौंदर्या:" अच्छा ठीक है दादा नहीं, लेकिन अज्जू भाई तो चलेगा ना, सबके सामने भी कह सकती हूं।
अजय और उसकी बात सुनकर मुस्कुरा दिया और सौंदर्या भी हंस पड़ी और उसके बाद दोनो बाहर को तरफ अा गए। सभी लोग काम में लग गए और थोड़ी देर बाद जैसे ही चार बजे तो सभी नहा धोकर कपडे पहन कर तैयार हो गए। अजय को सीमा को ब्यूटी पार्लर लेकर जाना था इसलिए सभी लड़कियां उसके साथ ही गाड़ी में बैठ गई और अजय उन्हें लेकर चल पड़ा।
अजय ने एक नेवी ब्लू रंग का कोट पैंट पहना हुआ था उसके एक साथ एक पिंक रंग की शर्ट थी जिसमे वो काफी जंच रहा था।
वहीं दूसरी तरफ सौंदर्या ने एक काले रंग की साडी पहनी थी और बेहद खूबसूरत लग रही थी। उसके खुले हुए काले बाल उसे और सुंदर बना रहे थे। थोड़ी देर में ही वो ब्यूटी पार्लर पहुंच गए और सारी लड़कियां अंदर घुस गई जबकि अजय बाहर बैठा हुआ उनका इंतजार करता। करीब आधे घंटे के बाद सारी लड़कियां बाहर अा गई और ऐसा लग रहा था मानो राजकुमारियां बाहर अा रही हो। सभी एक से बढ़कर एक सुंदर लग रही थी लेकिन सौंदर्या की तो बात ही अलग ही थी।
हल्के काले रंग की साडी जिसमे से चमकता से उसका सुंदर पेट और गहरी नाभि, ऊपर गहरे लाल रंग का ब्लाउस, उसके खुले हुए काले बाल जो अब पहले से ज्यादा खूबसूरत लग रहे थे और उसके पैरो में ऊंची ऐड़ी की सैंडिल उसकी सुंदरता को और बढ़ा रही थी।
एक एक करके सभी लड़कियां नीचे अाई और गाड़ी में बैठ गई। अजय गाड़ी लेकर हॉल में पहुंच गया और तब तक काफी मेहमान अा चुके थे। बारात भी अा चुकी थी और सभी की नजरे दुल्हन वाली गाड़ी पर थी। एक एक करके लड़कियां गाड़ी से उतरने लगीं और सौंदर्या जैसे ही गाड़ी से उतरी सभी की नजरें उस पर ही टिक गई। हालाकि दुल्हन सीमा थी और उसका सबसे अच्छा मेकअप हुआ था लेकिन सब पर बिजलियां सौंदर्या का हुस्न, उसकी जवानी गिरा रही थी। सौंदर्या के साथ में चल रही सपना और राधा भी कहीं ना कहीं उससे जल रही थी लेकिन कुछ कर नहीं सकती थी।
वो सभी चलती हुई अंदर हॉल में अा गई और सीमा दूल्हे के पास लगी हुई कुर्सी पर बैठ गई। सौंदर्या उसके पास ही खड़ी हुई थी और सीमा मन ही मन उसे गालियां दे रही थी कि इस कमीनी की वजह से कोई मेरी तरफ नहीं देख रहा है। सौंदर्या को जैसे ही ये सब महसूस हुआ तो वो खुद ही हालत समझते हुए नीचे उतर गई। सौंदर्या जैसे ही नीचे उतरी दूल्हे के पास बैठा हुआ उसका एक दोस्त खड़ा हुआ और सौंदर्या के पीछे पीछे चल पड़ा।
सौंदर्या को इसका एहसास नहीं था और वो राधा के साथ स्टेज से नीचे अा गई और कोल्ड ड्रिंक पीने के लिए अा गई। वो लड़का भी उसके पीछे पीछे आया और साथ ही खड़ा हो गया।
लड़का:" माफ कीजिएगा मैडम, मेरा नाम अशोक कुमार हैं, क्या मैं आपका नाम जान सकता हूं ?
सौंदर्या ने पलट कर लड़के की तरफ देखा। लड़के देखने में काफी खूबसूरत लग रहा था और उसकी बातो से काफी सभ्य मालूम पड़ रहा था। सौंदर्या उसकी तरफ देखते हुए बोली:"
" माफ कीजिए भाई साहब। आप अशोक कुमार हो या धर्मेन्द्र मुझसे इससे कोई लेना देना नहीं हैं समझे आप।
अशोक:" देखिए आप मुझे गलत समझ रही हैं। मैं आपको यहां दोस्ती या प्यार के लिए प्रपोज करने नहीं आया हूं। क्या आप मुझसे शादी करोगी ?
सौंदर्या की सांसे उसके हलक में रुक सी गई अशोक की बाते सुनकर। उसका मुंह शर्म से लाल हो गया और पूरा जिस्म कांप उठा उसे समझ नहीं अा रहा था कि क्या करे। वोह वहीं खड़ी हुई थर थर कांपने लगी।
राधा:" देखिए मिस्टर अशोक जी, हम एक अच्छे और सभ्य परिवार से हैं और हमारे यहां शादी की बात घर में बड़े बुजुर्ग करते हैं। बेहतर होगा आप कल घर अा जाएं।
सौंदर्या की मासूमियत देखकर अशोक पूरी तरह से उसका दीवाना हो गया और बोला:"
" देखिए अगर आपको कोई ऐतराज़ नहीं हो तो मैं कल आपके घर अा जाऊंगा।
सौंदर्या पत्थर की बुत बनी खड़ी रही और राधा ही बोल उठी:'
" ठीक है आप अा जाना, ये इसके घर का पता है। और हान एक बात का ध्यान रखना कि साथ में अपने मा बाप को जरूर लेकर आना आप अशोक कुमार जी।
अशोक:"जी मैडम। मेरे घर में भी रिश्ते की बात हमारे बड़े ही करते हैं। वो तो आपकी सहेली को देखकर मैं अपने होश खो बैठा और ये गलती कर बैठा। वैसे अब तो आप नाम बता ही सकती हैं।
सौंदर्या के अंदर मुंह उठाने की हिम्मत नहीं थी नाम तो बहुत दूर की बात थी। इसलिए राधा ही पहल करते हुए बोली:"
"जी इनका नाम सौंदर्या हैं। और मेरा नाम राधा हैं कैसा लगा आपको ?
अशोक:" सच में ये बिल्कुल अपने नाम की तरह सुंदर हैं। इनका इससे अच्छा नाम कुछ हो ही नहीं सकता था। आपका नाम तो बहुत प्यारा हैं राधा जी।
तभी अशोक का फोन आ गया और बात करने लगा तो सौंदर्या और राधा वहां से खिसक लिए और सौंदर्या राधा पर बरस पड़ी
" कमीनी तू क्या किसी को भी ऐसे ही मेरा नाम बता देगी क्या ? कुछ अक्ल हैं या नहीं तुझे ?
राधा:" बस कर तू। जब तो तेरे मुंह से आवाज नहीं निकल रही थी और अभी कैसे जोर जोर से बोल रही है।
सौंदर्या:" मेरा मुंह मैं चाहे बोलु या चुप रहूं तुझे क्या। लेकिन तुमने मेरा नाम क्यों बताया ?
राधा भी हल्का सा गुस्से में अा गई और बोली:"
" मुंह बंद रख अपना समझी। मैंने उसे सिर्फ तेरा नाम ही तो बताया हैं कौन सा फिगर बता दिया जो इतना गुस्सा कर रही है।
सौंदर्या:" कुछ तो शर्म कर तू जो मन में आए बोल देती हैं। किसी सुन लिया तो गजब हो जाएगा।
तभी हॉल में लगे हुए स्पीकर से आवाज उभरने लगी और म्यूजिक शुरू हो गया। एक एक करके सभी लोग दूल्हा दुल्हन के सामने लगी हुई स्टेज की तरफ चले पड़े। सभी लोग एक एक करके बैठ गए और बीच में एक डांस के लिए स्टेज लग चुकी थी।
माइक पर एक आवाज उभरी:"
" देखिए मेरी आप सबसे निवेदन है कि दूल्हा और दुल्हन पक्ष के लोग अलग अलग हो जाए और फिर आज डांस का प्रोग्राम होगा और एक पक्ष को विजेता घोषित किया जाएगा।
सौंदर्या अपने भाई अजय के साथ कुर्सी पर बैठी हुई थी और उसके ठीक सामने दूल्हा पक्ष के लोग बैठे हुए थे और अशोक बार बार हसरत भरी निगाहों से उसे निहार रहा था। सौंदर्या को कहीं ना कहीं ये सब बड़ा अजीब लग रहा था क्योंकि अशोक कि नजरो में उसके लिए प्यार के साथ इज्जत भी थी।
तभी दूल्हे पक्ष से लोग आए और नाचने लगे और उसके बाद दुल्हन की तरफ से भी डांस हुआ। एक से बढ़कर एक डांस हुआ और अभी तक सब कुछ बराबरी पर चल रहा था तभी दूल्हे पक्ष से एक बड़ी खूबसूरत सी लड़की अाई और उसने शाकि शाकि गाने पर बहुत ही जबरदस्त नाच किया और उसके नाच पर जोरदार तालियां बज उठी। दूल्हा पक्ष लगभग जीत के करीब था क्योंकि दुल्हन पक्ष से राधा सपना एक एक करके सब नाच चुकी थी।
अजय:" लगता है दीदी आज की रात तो दूल्हा पक्ष के ही नाम होने वाली हैं। अब तो बस आप ही कुछ कर सकती हो।
सौंदर्या:" भाई मैं कुछ नहीं कर सकती, इतनी भीड़ में मेरी हिम्मत नहीं होती और दूसरी बात मैं एक टीचर हूं तो कहीं ना कहीं शर्म तो आती हैं। उपर से अगर मा को पता चल गया तो मुझे जान से मार देगी।
अजय:" आपकी बात हो एकदम ठीक है दीदी, लेकिन अब बात गांव की इज्जत पर अा गई है और इसे अब आप ही बचा सकती हो।
सौंदर्या:" लेकिन भाई मैं नहीं कर सकती। मा मुझे नहीं छोड़ेगी।
अजय:" दीदी एक तरीका है जिससे काम बन सकता है।
सौंदर्या:" हो क्या बताओ मुझे भी तुम भाई ?
अजय:" अगर आप मुंह पर अज्जू भाई का मास्क लगा लो तो कोई आपको पहचान नहीं पाएगा।
सौंदर्या:" बात में तो दम है अज्जू भाई, लेकिन कपडे भी तो चाहिए होंगे मुझे दूसरे।
अजय:" आप उसकी चिंता मत करो, सब मैं इंतजाम कर दूंगा क्योंकि हॉल वालो के पास सब कुछ होता है।
सौंदर्या:" ठीक है भाई, लेकिन एक बात ध्यान रखना कि ये बात सिर्फ हम दोनों के ही बीच रहेगी कि स्टेज पर मैं नाच रही हूं।
अजय:" दीदी आप मुझ पर यकीन कर सकती हैं। और ये मेरा ही तो आइडिया हैं इसलिए मैं खुद आपसे पहले फंस जाऊंगा।
सौंदर्या और अजय खड़े हुए और बाहर की तरफ चल पड़े। अजय के पूछने पर सौंदर्या ने बताया कि एक हाय गर्मी वाले गाने पर सबसे अच्छा नाच सकती हैं। अजय अंदर गया और उसके लिए गाने के हिसाब से बनाई गई ड्रेस लेकर अा गया।
सौंदर्या कपड़ों को देखते ही शर्म से लाल हो गई और बोली:"
" भाई ये कपडे तो कुछ ज्यादा ही छोटे हैं, क्या इन्हे पहन लेना ठीक होगा ? कोई दिक्कत हो गई तो ?
अजय:' कुछ नहीं होगा दीदी, देखो ना मैं आपके साथ हूं और मास्क के साथ साथ आपको ये नूरा फतोही का मास्क भी मिल रहा है देखो आप बिल्कुल उसकी तरह से ही लगोगी, अगर गलती से नूरा का मास्क हट भी गया तो अज्जु भाई का मास्क होगा आपकी पहचान छुपाने के लिए।
अजय ने जब अच्छे से समझाया तो आखिरकार सौंदर्या मान गई क्योंकि उसकी गांव की इज्जत का सवाल था और सीमा को उसके ससुराल वाले ज़िन्दगी भर ताना देते रहते।
सौंदर्या ने अंदर कमरे में जाकर अपने कपड़े बदलने शुरू कर दिए और उसकी हालत खराब होने लगी। उसकी सांसे अपने आप ही तेज रफ्तार से चलने लगी क्योंकि उसने कभी ऐसे कपडे नहीं पहने थे। एक तो कपडे छोटे थे और उपर से इतने ज्यादा टाईट कि सौंदर्या की गोल गोल ठोस चूचियां और उभरे हुए चूतड़ उनमें ठीक से समा नहीं पा रहे थे। ये सब देखकर सौंदर्या को शर्म अा रही थी। उसे समझ नहीं अा रहा रहा था कि इतने छोटे कपड़ों में अपने भाई के सामने कैसे जाए। बाहर स्टेज पर बार बार लड़की पक्ष की तरफ से डांस के लिए आवाज लगाई जा रही थी जिससे सौंदर्या को हिम्मत मिली और वो कमरे से बाहर निकल गई।
अजय को अपने सामने देखकर सौंदर्या शर्म से मरी जा रही थी। अजय अपनी बहन के इस रूप सौंदर्य और उसके शरीर के हर एक कटाव को ध्यान से देख रहा था जिससे सौंदर्या की धड़कन और तेज हो रही थी।
सौंदर्या:" भाई कोई दिक्कत तो नहीं होगी ना ?
अजय: कुछ नहीं होगा दीदी। आप आओ आराम से और पीछे की तरफ से स्टेज पर आना। ऑल द बेस्ट दीदी।
अजय बाहर हाल में अा गया और सौंदर्या पीछे की तरफ चल पड़ी। बाहर बार बार स्टेज पर लड़की की तरफ से डांस के किए आवाज लगाई जा रही थी लेकिन लड़के पक्ष की शानदार प्रदर्शन के आगे किसी को स्टेज पर जाने की हिम्मत नहीं हो रही थीं। ये सब देख देख कर बेचारी सीमा उदास होती जा रही थी वहीं दूल्हे और और उसके दोस्त मस्ती किए जा रहे थे।
एंकर:" लड़की पक्ष की तरफ से कोई नहीं अा रहा है इसलिए आज का विजेता दूल्हा...
इससे पहले कि उसकी बात पूरी होती सौंदर्या स्टेज पर अा चुकी थी और उसे देखते ही चारो तरफ सीटी गूंज उठी। सीमा के चेहरे पर एक खुशी की लहर दौड़ गई। भीड़ में ऐसा उत्साह देखकर सौंदर्या की हालत और खराब हो गई और जिससे उसकी धड़कन किसी धौंकनी की तरह चलने लगी और सफेद रंग की एक छोटी सी ब्रा में थी उसकी चूचियां ऐसे उछलने लगी मानो ब्रा को फाड़कर बाहर आना चाहती हो। ये सीन देखकर हॉल में बैठे हुए मर्दों के दिल उनके हलक में अटक गए।
तभी हाय गर्मी का गाना शुरू हो गया और सौंदर्या ने नाचना शुरु कर दिया
सौंदर्या की हर एक अदा जानलेवा साबित हो रही थी। उसकी छातियां हिलने से लोगो के लंड हिल रहे थे। नाचते हुए जैसे ही उसने टांगे चौड़ी करी तो उसकी लुंगी से उसकी काले रंग की पेंटी की नजर आ गई जिससे लोगो में हाहाकार मच गया और नशे में डूबा हुआ एक बाराती जो कि अजय के पास ही बैठा हुआ था बोल उठा:"
" हाय मेरी जान, थोड़ी और खोल दे टांगे, आह तेरी पेंटी दिख जाने दे पूरी।
अजय को बुरा तो बहुत लगा लेकिन वो चुप रहा क्योंकि ये बात उसने धीमे से बोली थी और किसी को नहीं सुनाई दी।
सौंदर्या अब पूरी तरह से अपने डांस में खो चुकी थी और वो जानती थी कि किसी को उसका पता नहीं चलने वाला हैं इसलिए वो पूरी तरह से मस्त होकर नाच रहे थी क्योंकि बजती हुई सीटियां उसका उत्साह बढ़ा रही थी। सौंदर्या ने अपनी कमर को जमीन पर टिका दिया और अपने दोनो पैर उपर हवा में उठा कर अलग अलग दिशा में फैला दिए।
उसकी दोनो टांगे चौड़ी हो गई और उसकी लुंगी हट जाने की वजह से उसकी जीन्स की कच्छी साफ नजर अाई और हॉल जैसे पूरी तरह से बेकाबू हो गया और जोर जोर से मस्ती से चिल्ला रहे थे और अजय के पास बैठा लड़का फिर से बोल उठा
" हाय तेरी चिकनी टांगें, और फैलाई तो फट जायेगी और तेरी चूत सबको दिख जाएगी। क्या कमाल हैं तू।
अजय अपनी बहन के बारे में इतनी गंदी बातें सुनकर गुस्सा होने की बजाय शांत था क्योंकि उसका खुद का लंड खड़ा हो गया था और खड़ा लंड दिमाग को खत्म कर देता हैं और कुछ ऐसा ही उसके साथ हो रहा था।
तभी सौंदर्या फर्श पर पेट के बल लेट गई और उसने अपनी गांड़ को हवा में उठा उठा कर हिलाना शुरू कर दिया।
सौंदर्या की गांड़ ऐसे मटक रही थी मानो कोई उसे पकड़ पकड़ कर हिला रहा हो और उसकी टांगे फर्श से टकरा रही थी मानो वो जमीन पर धक्के लगा रही थी। ये बस लोगो के सब्र की इंतहा थी और लोग अपनी सीटों पर खड़े हो गए और कुछ तो स्टेज पर ही चढ़ गए और नाचने लगे।
सौंदर्या की इस जानलेवा हरकत से बेकाबू अजय का हाथ कब उसके लंड पर पहुंच गया उसे पता ही नहीं चला। जैसे ही गाना खत्म हुआ तो अजय को एहसास हुआ कि वो पेंट के उपर से ही अपना लंड सहला रहा था अपनी बहन को देखकर।
उसे शर्म महसूस हुई और उसने हाथ हटा लिया और उधर स्टेज पर सौंदर्या जैसे ही खड़ी हुई तो उसका नूरा वाला मास्क नीचे गिर गया और अज्जु भाई का मास्क सामने आ गया।
सौंदर्या तो एक पल के लिए डर गई लेकिन फिर वो पीछे की तरफ़ से बाहर निकल गई लेकिन अज्जु भाई का मास्क देखते ही शादी में आए हुए मनोज के साथ बैठे हुए गुंडे की आंखे हैरत से फैलती चली गई और ये सब मनोज देख चुका था।
अभी करीब 2 बजे थे और बारात आज ही शाम को सात बजे आनी थी इसलिए करने के लिए काफी काम बाकी था। अजय ने सीमा के ही परिवार और मोहल्ले के कुछ लड़के लिए और उन्हें काम के बारे में समझाने लगा। गांव के लड़के बड़े मेहनती होते हैं और अजय के दोस्त भी काफी मेहनती थे इसलिए थोड़ी देर में सारा उन्होंने सारा काम कर दिया और उसके बाद सभी लोग शहर में हॉल की तरफ जाने लगे तो सीमा के पापा बोले:"
" बेटा अजय तुम अभी रुक जाओ, घर में भी कुछ काम होंगे और अभी सारी लड़कियां घर पर ही हैं और तुम एक बहुत अच्छे लड़के हो इसलिए तुम रुक जाओ।
अजय:" जी ताऊ जी जैसे आपको ठीक लगे।
सीमा के पापा बाकी लोगों को लेकर शहर कि तरफ चल पड़े जबकि अजय अब घर में चला गया। अजय ने अभी एक जीन्स और टी शर्ट पहनी हुई थी और उसके हाथो में पड़े हुए जिम के सुंदर कट अपनी आभा दिखा रहे थे। अजय को देखते ही सपना खुश हो गई और कुछ ऐसा ही हाल राधा का भी था।
सपना:" अरे अजय बहुत लेट आए तुम, कहां रह गए थे भाई ?
अजय:" अरे मैं सौंदर्या दीदी के साथ शहर चला गया था। मुझे भी कुछ काम था और उन्हें भी कपडे लेने थे।
राधा उसके हाथो को ध्यान से देखती हुई बोली:"
" वैसे अजय तुम इन कपड़ो में काफी खूबसूरत लग रहे हो। लगता है आज रात में तुम्हारे आस पास काफी तितलियां मंडराने वाली हैं।
सपना:" हान ये बात तो हैं राधा, वैसे अजय तुम ना पूरी बांहों की शर्ट पहना करो, क्या पता किसी कि नजर तुम्हे लग जाए तो।
राधा समझ गई कि सपना उसकी ही तरफ इशारा कर रही हैं तो उसे अच्छा नहीं लगा और वो समझ गई कि सपना कुछ जरुरत से ज्यादा ही चालू बन रही हैं ताकि मुझे अजय कि नजरो में गलत साबित कर सके।
राधा आगे बढ़ी और अजय के हाथ को उसकी कोहनी के उपर से पकड़ती हुई बोली:"
" बहुत बढ़िया मेरे भाई। सच में लगता है काफी पसीना बहाया है तुमने जिम में। और हान सपना कुमारी जी बात ध्यान से समझो की भाई को बहनों की नजर नहीं लगती हैं।
अजय अब तक समझ गया था कि है दोनो मिलकर उसके उपर डोरे डालने की कोशिश कर रही हैं । अजय के साथ पहली बार ज़िन्दगी में ये सब हो रहा था और उसे कहीं ना कहीं अच्छा लग रहा था क्योंकि हर मर्द चाहता है कि औरत उसकी ताकत की तारीफ करे और अजय भी इसका अपवाद नहीं था।
तभी सीमा की मम्मी अाई और बोली:" अरे अजय बेटा मेरे साथ आओ तो जरा एक काम हैं।
अजय वही गैलरी में उनके साथ गया और सीमा की मम्मी बोली;"
" बेटा मैंने सीमा के कुछ नए कपड़े इस संदूक में रख दिए थे लेकिन अब ये मुझसे खुल नहीं रहा हैं। तुम जरा इसको खोल दो। सुबह से सबने कोशिश करी लेकिन कोई खोल नहीं पाया।
अजय ने संदूक को देखा तो उसे पाया कि उसमें जंग लगा हुआ था जिस कारण वो खुल नहीं पा रहा था। अजय ने संदूक को पकड़ लिया और उसके ढक्कन उपर करके खोलने की कोशिश करने लगा लेकिन संदूक खुल नहीं रहा था। सारी लड़कियां अजय की तरफ ही देख रही थी और अजय समझ गया कि ये सभी लड़कियां उसकी ताकत देखना चाह रही हैं।
सौंदर्या भी घर के अंदर अा गई और अपने भाई को संदूक खोलता हुआ देखा और सभी लड़कीयों में पास चली गई तो देखा कि सभी लड़कियां उसके भाई को ही देख रही थी।
सीमा की मम्मी:" बेटा इसके अंदर कपडे के साथ सीमा की कुछ ज्वेलरी भी हैं जो आज ये पहनने वाली हैं। कुछ भी करके बेटा तुम उसे खोल दो।
अजय ने एक बार फिर से संदूक के दोनो ढक्कन पकड़े और उन्हें उपर उठाने की कोशिश करने लगा। अजय ने अपने दोनो हाथो की उंगलियों को अच्छे से टाइट किया और अपने जिस्म की सारी ताकत समेटकर एक झटका दिया और उसके साथ की संदूक का ढक्कन लॉक से उखड़ गया। इस झटके के साथ ही अजय के साथ जैसे ऊपर उठे उसकी टी शर्ट भी फटती चली गई और नीचे बनियान ना होने के कारण उसकी चौड़ी छाती खुल गई जिस पर काले घने बाल उसकी शोभा बढ़ा रहे थे। सभी की नजरें अजय पर टिक गई और सपना और राधा तो उसकी छाती को घूर घूर कर देख रही थी मानो उन्होंने ऐसी मांसल और चौड़ी छाती पहली बार देखी हो। सौंदर्या भी अपने भाई की छाती और उसकी ताकत को देखकर खुश हुई। फर्क सिर्फ इतना था कि जहां दूसरी लड़कियां जलन से उसके भाई को देख रही थी वहीं सौंदर्या प्यार और खुशी से गर्व के साथ अपने भाई को निहार रही थी।
सीमा की मम्मी:" अरे जीतो रहो बेटा, लेकिन तुमने तो ढक्कन ही उखाड़ दिया इसका। चलो कोई बात नहीं लेकिन तुम्हारी टी शर्ट भी फट गई अजय बेटा।
अजय ने अपनी टी शर्ट को देखा तो उसे अपनी हालत का एहसास हुआ। उसने एक नजर उठा कर लड़कियो की तरफ देखा और उसे चार पांच लड़कियों के आगे खुद को इस हालत में देखकर शर्म महसूस हुई।
अजय को पसीना अा गया था इसलिए वो दूसरे कमरे में जाकर कूलर के आगे बैठ गया और अपनी दीदी को आवाज लगाई
" सौंदर्या दीदी, मेरे पास आना आप। मुझे कुछ बात करनी है।
सौंदर्या अपने भाई के पास अा गई और बोली:"
" हान भाई बोलो, क्या जरूरत थी तुम्हे इतनी ताकत लगाने कि अपने कपड़े ही फाड़ लिए तुमने।
अजय:" अरे दीदी आंटी बोल रही थी कि उसने सीमा दीदी के जरूरी कपडे और ज्वेलरी थी इसलिए खोल रहा था। अच्छा मेरे घर से दूसरे कपडे ले आओगी क्या आप ? मैं इस हालत में घर नहीं जा सकता ना।
सौंदर्या:" भाई मम्मी अा रही होगी। मैं उन्हें कॉल कर देती हु तो वो लेती आएगी। वैसे तुम्हारे शादी वाले कपडे तो मैं लेकर अा गई।
अजय:" ठीक है दीदी। आप कॉल कर दो मम्मी को।
सौंदर्या ने अपनी मम्मी को कॉल किया और उन्हें अजय के लिए एक नई टी शर्ट लाने के लिए बोल दिया और फिर से सीमा और सपना के पास अा गई जो कि अपनी बातो में लगी हुई थी और उसे देखते ही उससे मजाक करने लगी और सपना बोली:"
" क्यों री सौंदर्या ऐसा क्या खिला दिया तुमने अपने भाई को जो उसके मारे ताकत के उसके कपड़े फट रहे हैं।
सौंदर्या हल्की सी मुस्कान करने लगी और बोली:"
" मै क्या अलग खिलाती, बस मम्मी ने उसे दूध पिलाया हैं जब से वो शहर से आया है।
तभी राधा अपने आप ही बोल पड़ी:"
" अरे सौंदर्या यकीन नहीं होता कि इस उम्र में भी आंटी अजय को अपना दूध पिलाती है और सबसे बड़ी कि उनके दूध में इतनी ताकत हैं।
राधा की बात सुनकर सभी लड़कियां जोर जोर से खिल खिला कर हंसने लगी और सौंदर्या को बुरा लग रहा था और वो थोड़ी नाराजगी से बोली:"
" तुम्हे बात करने की तमीज होनी चाहिए राधा। मै बोल थी मम्मी ने भाई को भैंस का दूध पिलाया हैं काफी कल से जब से वो शहर से आया है।
राधा:" ओह अच्छा बाबा सोरी। लेकिन पहले तूने भैंस का नाम नहीं लिया था ना इसलिए धोखा हो गया यार।
सपना:" राधा थोड़ा अपना भी दिमाग लगाया कर तू एक दिन में थोड़े ही कोई पहलवान बन जाता हैं लड़का।
इससे पहले कि बात आगे बढ़ती तभी अजय की मम्मी घर के अंदर दाखिल हुई और उन्हें देखते ही सबकी बकबक अपने आप बंद हो गई।
मम्मी को देखते ही सौंदर्या उनकी तरफ अाई और बोली जल्दी से बोली:"
" मम्मी आप पहले मुझे भाई की टी शर्ट दे दो। पहले वाली खराब हो गई है।
कमला ने अपने साथ लाई हुई एक टी शर्ट सौंदर्या को दी और बोली:"
" जरा मुझे भी तो बता कहां हो लाट साहब, बचपना में भी कपडे खराब करता था और अब तक उसकी ये आदत नहीं गई है।
सौंदर्या नहीं चाहती थी कि मम्मी अजय को इस हाल में देखे नहीं तो उसे डांट पड़नी तय थी। वहीं अपनी मम्मी की बात सुनकर दूसरे कमरे में बैठा अजय भी थोड़ा सा परेशान हो गया क्योंकि वो अपनी मम्मी के गुस्से को अच्छे से जानता था। सौंदर्या ने सीमा को कुछ इशारा किया और सीमा बोली:'
" आंटी मुझे आपकी कुछ मदद चाहिए। जरा आप मेरे पास आइए ना।
कमला दुल्हन को नाराज नहीं कर सकती थी इसलिए उसकी तरफ चल पड़ी। बस सौंदर्या को सुनहरा मौका मिल गया और वो तेजी से कमरे में घुस गई और कमरे में अपनी बहन को देखकर अजय ने राहत की सांस ली और उसने तेजी से फटी हुई टी शर्ट को अलग किया और उसकी छाती पूरी तरह से नंगी हो गई। सौंदर्या की आंखे अपने भाई की नंगी छाती को देखते ही चौड़ी हो गई। अजय के सीने पर काले घने घुंघराले बाल बहुत सुंदर लग रहे थे और बीच में निकले हुए गुलाबी रंग के निप्पल पर जैसे ही सौंदर्या की नजर पड़ी तो उसे दिमाग ने एक झटका सा खाया। वहीं इस सबसे बेखबर अजय अपनी टी शर्ट पहन चुका था।
सौंदर्या मदहोशी में बढ़ी और अपने भाई के कंधे और छाती पर हाथ रखते हुए बोली:"
" भाई तुम पूरे कपडे पहन कर रखा करो नहीं तो किसी दिन तुम्हे नजर लग जाएगी।
अजय अपने लिए अपनी बहन का प्यार देखकर खुश हुआ और बोला:"
" ठीक हैं दीदी, मैं आपकी बात का ध्यान रखूंगा। आपने आज फिर उन्हें मम्मी के गुस्से से बचा लिया, सच में आप बहुत अच्छी हैं दीदी।
सौंदर्या:" बड़ी बहन का फ़र्ज़ होता हैं कि वो अपने भाई को हर मुसीबत से बचाए। वैसे एक बात कहूं अजय तुम इस काली टी शर्ट में बेहद स्मार्ट लग रहे हो।
अजय:" अच्छा जी, किसी और का तो पता नहीं लेकिन आज लगता हैं मुझे मेरी दीदी की नजर जरूर लग जायेगी।
सौंदर्या प्यार से उसके पकड़कर बोली:" पागल कहीं का, बहनों को कभी भी भाई की नजर नहीं लगती है अजय दादा।
अजय:" वो तो ठीक है लेकिन तुमने अजय दादा क्यों कहा मुझे ?
सौंदर्या:" दादा तो तुम हो ही, जो गुण्डो को मार पीट सके वो दादा ही हुआ ना भाई।
अजय के होंठो पर स्माइल अा गई और बोला:" लगता हैं आप मुझे मम्मी से पिटवाकर ही दम लेगी दीदी।
सौंदर्या:" अच्छा ठीक है दादा नहीं, लेकिन अज्जू भाई तो चलेगा ना, सबके सामने भी कह सकती हूं।
अजय और उसकी बात सुनकर मुस्कुरा दिया और सौंदर्या भी हंस पड़ी और उसके बाद दोनो बाहर को तरफ अा गए। सभी लोग काम में लग गए और थोड़ी देर बाद जैसे ही चार बजे तो सभी नहा धोकर कपडे पहन कर तैयार हो गए। अजय को सीमा को ब्यूटी पार्लर लेकर जाना था इसलिए सभी लड़कियां उसके साथ ही गाड़ी में बैठ गई और अजय उन्हें लेकर चल पड़ा।
अजय ने एक नेवी ब्लू रंग का कोट पैंट पहना हुआ था उसके एक साथ एक पिंक रंग की शर्ट थी जिसमे वो काफी जंच रहा था।
वहीं दूसरी तरफ सौंदर्या ने एक काले रंग की साडी पहनी थी और बेहद खूबसूरत लग रही थी। उसके खुले हुए काले बाल उसे और सुंदर बना रहे थे। थोड़ी देर में ही वो ब्यूटी पार्लर पहुंच गए और सारी लड़कियां अंदर घुस गई जबकि अजय बाहर बैठा हुआ उनका इंतजार करता। करीब आधे घंटे के बाद सारी लड़कियां बाहर अा गई और ऐसा लग रहा था मानो राजकुमारियां बाहर अा रही हो। सभी एक से बढ़कर एक सुंदर लग रही थी लेकिन सौंदर्या की तो बात ही अलग ही थी।
हल्के काले रंग की साडी जिसमे से चमकता से उसका सुंदर पेट और गहरी नाभि, ऊपर गहरे लाल रंग का ब्लाउस, उसके खुले हुए काले बाल जो अब पहले से ज्यादा खूबसूरत लग रहे थे और उसके पैरो में ऊंची ऐड़ी की सैंडिल उसकी सुंदरता को और बढ़ा रही थी।
एक एक करके सभी लड़कियां नीचे अाई और गाड़ी में बैठ गई। अजय गाड़ी लेकर हॉल में पहुंच गया और तब तक काफी मेहमान अा चुके थे। बारात भी अा चुकी थी और सभी की नजरे दुल्हन वाली गाड़ी पर थी। एक एक करके लड़कियां गाड़ी से उतरने लगीं और सौंदर्या जैसे ही गाड़ी से उतरी सभी की नजरें उस पर ही टिक गई। हालाकि दुल्हन सीमा थी और उसका सबसे अच्छा मेकअप हुआ था लेकिन सब पर बिजलियां सौंदर्या का हुस्न, उसकी जवानी गिरा रही थी। सौंदर्या के साथ में चल रही सपना और राधा भी कहीं ना कहीं उससे जल रही थी लेकिन कुछ कर नहीं सकती थी।
वो सभी चलती हुई अंदर हॉल में अा गई और सीमा दूल्हे के पास लगी हुई कुर्सी पर बैठ गई। सौंदर्या उसके पास ही खड़ी हुई थी और सीमा मन ही मन उसे गालियां दे रही थी कि इस कमीनी की वजह से कोई मेरी तरफ नहीं देख रहा है। सौंदर्या को जैसे ही ये सब महसूस हुआ तो वो खुद ही हालत समझते हुए नीचे उतर गई। सौंदर्या जैसे ही नीचे उतरी दूल्हे के पास बैठा हुआ उसका एक दोस्त खड़ा हुआ और सौंदर्या के पीछे पीछे चल पड़ा।
सौंदर्या को इसका एहसास नहीं था और वो राधा के साथ स्टेज से नीचे अा गई और कोल्ड ड्रिंक पीने के लिए अा गई। वो लड़का भी उसके पीछे पीछे आया और साथ ही खड़ा हो गया।
लड़का:" माफ कीजिएगा मैडम, मेरा नाम अशोक कुमार हैं, क्या मैं आपका नाम जान सकता हूं ?
सौंदर्या ने पलट कर लड़के की तरफ देखा। लड़के देखने में काफी खूबसूरत लग रहा था और उसकी बातो से काफी सभ्य मालूम पड़ रहा था। सौंदर्या उसकी तरफ देखते हुए बोली:"
" माफ कीजिए भाई साहब। आप अशोक कुमार हो या धर्मेन्द्र मुझसे इससे कोई लेना देना नहीं हैं समझे आप।
अशोक:" देखिए आप मुझे गलत समझ रही हैं। मैं आपको यहां दोस्ती या प्यार के लिए प्रपोज करने नहीं आया हूं। क्या आप मुझसे शादी करोगी ?
सौंदर्या की सांसे उसके हलक में रुक सी गई अशोक की बाते सुनकर। उसका मुंह शर्म से लाल हो गया और पूरा जिस्म कांप उठा उसे समझ नहीं अा रहा था कि क्या करे। वोह वहीं खड़ी हुई थर थर कांपने लगी।
राधा:" देखिए मिस्टर अशोक जी, हम एक अच्छे और सभ्य परिवार से हैं और हमारे यहां शादी की बात घर में बड़े बुजुर्ग करते हैं। बेहतर होगा आप कल घर अा जाएं।
सौंदर्या की मासूमियत देखकर अशोक पूरी तरह से उसका दीवाना हो गया और बोला:"
" देखिए अगर आपको कोई ऐतराज़ नहीं हो तो मैं कल आपके घर अा जाऊंगा।
सौंदर्या पत्थर की बुत बनी खड़ी रही और राधा ही बोल उठी:'
" ठीक है आप अा जाना, ये इसके घर का पता है। और हान एक बात का ध्यान रखना कि साथ में अपने मा बाप को जरूर लेकर आना आप अशोक कुमार जी।
अशोक:"जी मैडम। मेरे घर में भी रिश्ते की बात हमारे बड़े ही करते हैं। वो तो आपकी सहेली को देखकर मैं अपने होश खो बैठा और ये गलती कर बैठा। वैसे अब तो आप नाम बता ही सकती हैं।
सौंदर्या के अंदर मुंह उठाने की हिम्मत नहीं थी नाम तो बहुत दूर की बात थी। इसलिए राधा ही पहल करते हुए बोली:"
"जी इनका नाम सौंदर्या हैं। और मेरा नाम राधा हैं कैसा लगा आपको ?
अशोक:" सच में ये बिल्कुल अपने नाम की तरह सुंदर हैं। इनका इससे अच्छा नाम कुछ हो ही नहीं सकता था। आपका नाम तो बहुत प्यारा हैं राधा जी।
तभी अशोक का फोन आ गया और बात करने लगा तो सौंदर्या और राधा वहां से खिसक लिए और सौंदर्या राधा पर बरस पड़ी
" कमीनी तू क्या किसी को भी ऐसे ही मेरा नाम बता देगी क्या ? कुछ अक्ल हैं या नहीं तुझे ?
राधा:" बस कर तू। जब तो तेरे मुंह से आवाज नहीं निकल रही थी और अभी कैसे जोर जोर से बोल रही है।
सौंदर्या:" मेरा मुंह मैं चाहे बोलु या चुप रहूं तुझे क्या। लेकिन तुमने मेरा नाम क्यों बताया ?
राधा भी हल्का सा गुस्से में अा गई और बोली:"
" मुंह बंद रख अपना समझी। मैंने उसे सिर्फ तेरा नाम ही तो बताया हैं कौन सा फिगर बता दिया जो इतना गुस्सा कर रही है।
सौंदर्या:" कुछ तो शर्म कर तू जो मन में आए बोल देती हैं। किसी सुन लिया तो गजब हो जाएगा।
तभी हॉल में लगे हुए स्पीकर से आवाज उभरने लगी और म्यूजिक शुरू हो गया। एक एक करके सभी लोग दूल्हा दुल्हन के सामने लगी हुई स्टेज की तरफ चले पड़े। सभी लोग एक एक करके बैठ गए और बीच में एक डांस के लिए स्टेज लग चुकी थी।
माइक पर एक आवाज उभरी:"
" देखिए मेरी आप सबसे निवेदन है कि दूल्हा और दुल्हन पक्ष के लोग अलग अलग हो जाए और फिर आज डांस का प्रोग्राम होगा और एक पक्ष को विजेता घोषित किया जाएगा।
सौंदर्या अपने भाई अजय के साथ कुर्सी पर बैठी हुई थी और उसके ठीक सामने दूल्हा पक्ष के लोग बैठे हुए थे और अशोक बार बार हसरत भरी निगाहों से उसे निहार रहा था। सौंदर्या को कहीं ना कहीं ये सब बड़ा अजीब लग रहा था क्योंकि अशोक कि नजरो में उसके लिए प्यार के साथ इज्जत भी थी।
तभी दूल्हे पक्ष से लोग आए और नाचने लगे और उसके बाद दुल्हन की तरफ से भी डांस हुआ। एक से बढ़कर एक डांस हुआ और अभी तक सब कुछ बराबरी पर चल रहा था तभी दूल्हे पक्ष से एक बड़ी खूबसूरत सी लड़की अाई और उसने शाकि शाकि गाने पर बहुत ही जबरदस्त नाच किया और उसके नाच पर जोरदार तालियां बज उठी। दूल्हा पक्ष लगभग जीत के करीब था क्योंकि दुल्हन पक्ष से राधा सपना एक एक करके सब नाच चुकी थी।
अजय:" लगता है दीदी आज की रात तो दूल्हा पक्ष के ही नाम होने वाली हैं। अब तो बस आप ही कुछ कर सकती हो।
सौंदर्या:" भाई मैं कुछ नहीं कर सकती, इतनी भीड़ में मेरी हिम्मत नहीं होती और दूसरी बात मैं एक टीचर हूं तो कहीं ना कहीं शर्म तो आती हैं। उपर से अगर मा को पता चल गया तो मुझे जान से मार देगी।
अजय:" आपकी बात हो एकदम ठीक है दीदी, लेकिन अब बात गांव की इज्जत पर अा गई है और इसे अब आप ही बचा सकती हो।
सौंदर्या:" लेकिन भाई मैं नहीं कर सकती। मा मुझे नहीं छोड़ेगी।
अजय:" दीदी एक तरीका है जिससे काम बन सकता है।
सौंदर्या:" हो क्या बताओ मुझे भी तुम भाई ?
अजय:" अगर आप मुंह पर अज्जू भाई का मास्क लगा लो तो कोई आपको पहचान नहीं पाएगा।
सौंदर्या:" बात में तो दम है अज्जू भाई, लेकिन कपडे भी तो चाहिए होंगे मुझे दूसरे।
अजय:" आप उसकी चिंता मत करो, सब मैं इंतजाम कर दूंगा क्योंकि हॉल वालो के पास सब कुछ होता है।
सौंदर्या:" ठीक है भाई, लेकिन एक बात ध्यान रखना कि ये बात सिर्फ हम दोनों के ही बीच रहेगी कि स्टेज पर मैं नाच रही हूं।
अजय:" दीदी आप मुझ पर यकीन कर सकती हैं। और ये मेरा ही तो आइडिया हैं इसलिए मैं खुद आपसे पहले फंस जाऊंगा।
सौंदर्या और अजय खड़े हुए और बाहर की तरफ चल पड़े। अजय के पूछने पर सौंदर्या ने बताया कि एक हाय गर्मी वाले गाने पर सबसे अच्छा नाच सकती हैं। अजय अंदर गया और उसके लिए गाने के हिसाब से बनाई गई ड्रेस लेकर अा गया।
सौंदर्या कपड़ों को देखते ही शर्म से लाल हो गई और बोली:"
" भाई ये कपडे तो कुछ ज्यादा ही छोटे हैं, क्या इन्हे पहन लेना ठीक होगा ? कोई दिक्कत हो गई तो ?
अजय:' कुछ नहीं होगा दीदी, देखो ना मैं आपके साथ हूं और मास्क के साथ साथ आपको ये नूरा फतोही का मास्क भी मिल रहा है देखो आप बिल्कुल उसकी तरह से ही लगोगी, अगर गलती से नूरा का मास्क हट भी गया तो अज्जु भाई का मास्क होगा आपकी पहचान छुपाने के लिए।
अजय ने जब अच्छे से समझाया तो आखिरकार सौंदर्या मान गई क्योंकि उसकी गांव की इज्जत का सवाल था और सीमा को उसके ससुराल वाले ज़िन्दगी भर ताना देते रहते।
सौंदर्या ने अंदर कमरे में जाकर अपने कपड़े बदलने शुरू कर दिए और उसकी हालत खराब होने लगी। उसकी सांसे अपने आप ही तेज रफ्तार से चलने लगी क्योंकि उसने कभी ऐसे कपडे नहीं पहने थे। एक तो कपडे छोटे थे और उपर से इतने ज्यादा टाईट कि सौंदर्या की गोल गोल ठोस चूचियां और उभरे हुए चूतड़ उनमें ठीक से समा नहीं पा रहे थे। ये सब देखकर सौंदर्या को शर्म अा रही थी। उसे समझ नहीं अा रहा रहा था कि इतने छोटे कपड़ों में अपने भाई के सामने कैसे जाए। बाहर स्टेज पर बार बार लड़की पक्ष की तरफ से डांस के लिए आवाज लगाई जा रही थी जिससे सौंदर्या को हिम्मत मिली और वो कमरे से बाहर निकल गई।
अजय को अपने सामने देखकर सौंदर्या शर्म से मरी जा रही थी। अजय अपनी बहन के इस रूप सौंदर्य और उसके शरीर के हर एक कटाव को ध्यान से देख रहा था जिससे सौंदर्या की धड़कन और तेज हो रही थी।
सौंदर्या:" भाई कोई दिक्कत तो नहीं होगी ना ?
अजय: कुछ नहीं होगा दीदी। आप आओ आराम से और पीछे की तरफ से स्टेज पर आना। ऑल द बेस्ट दीदी।
अजय बाहर हाल में अा गया और सौंदर्या पीछे की तरफ चल पड़ी। बाहर बार बार स्टेज पर लड़की की तरफ से डांस के किए आवाज लगाई जा रही थी लेकिन लड़के पक्ष की शानदार प्रदर्शन के आगे किसी को स्टेज पर जाने की हिम्मत नहीं हो रही थीं। ये सब देख देख कर बेचारी सीमा उदास होती जा रही थी वहीं दूल्हे और और उसके दोस्त मस्ती किए जा रहे थे।
एंकर:" लड़की पक्ष की तरफ से कोई नहीं अा रहा है इसलिए आज का विजेता दूल्हा...
इससे पहले कि उसकी बात पूरी होती सौंदर्या स्टेज पर अा चुकी थी और उसे देखते ही चारो तरफ सीटी गूंज उठी। सीमा के चेहरे पर एक खुशी की लहर दौड़ गई। भीड़ में ऐसा उत्साह देखकर सौंदर्या की हालत और खराब हो गई और जिससे उसकी धड़कन किसी धौंकनी की तरह चलने लगी और सफेद रंग की एक छोटी सी ब्रा में थी उसकी चूचियां ऐसे उछलने लगी मानो ब्रा को फाड़कर बाहर आना चाहती हो। ये सीन देखकर हॉल में बैठे हुए मर्दों के दिल उनके हलक में अटक गए।
तभी हाय गर्मी का गाना शुरू हो गया और सौंदर्या ने नाचना शुरु कर दिया
सौंदर्या की हर एक अदा जानलेवा साबित हो रही थी। उसकी छातियां हिलने से लोगो के लंड हिल रहे थे। नाचते हुए जैसे ही उसने टांगे चौड़ी करी तो उसकी लुंगी से उसकी काले रंग की पेंटी की नजर आ गई जिससे लोगो में हाहाकार मच गया और नशे में डूबा हुआ एक बाराती जो कि अजय के पास ही बैठा हुआ था बोल उठा:"
" हाय मेरी जान, थोड़ी और खोल दे टांगे, आह तेरी पेंटी दिख जाने दे पूरी।
अजय को बुरा तो बहुत लगा लेकिन वो चुप रहा क्योंकि ये बात उसने धीमे से बोली थी और किसी को नहीं सुनाई दी।
सौंदर्या अब पूरी तरह से अपने डांस में खो चुकी थी और वो जानती थी कि किसी को उसका पता नहीं चलने वाला हैं इसलिए वो पूरी तरह से मस्त होकर नाच रहे थी क्योंकि बजती हुई सीटियां उसका उत्साह बढ़ा रही थी। सौंदर्या ने अपनी कमर को जमीन पर टिका दिया और अपने दोनो पैर उपर हवा में उठा कर अलग अलग दिशा में फैला दिए।
उसकी दोनो टांगे चौड़ी हो गई और उसकी लुंगी हट जाने की वजह से उसकी जीन्स की कच्छी साफ नजर अाई और हॉल जैसे पूरी तरह से बेकाबू हो गया और जोर जोर से मस्ती से चिल्ला रहे थे और अजय के पास बैठा लड़का फिर से बोल उठा
" हाय तेरी चिकनी टांगें, और फैलाई तो फट जायेगी और तेरी चूत सबको दिख जाएगी। क्या कमाल हैं तू।
अजय अपनी बहन के बारे में इतनी गंदी बातें सुनकर गुस्सा होने की बजाय शांत था क्योंकि उसका खुद का लंड खड़ा हो गया था और खड़ा लंड दिमाग को खत्म कर देता हैं और कुछ ऐसा ही उसके साथ हो रहा था।
तभी सौंदर्या फर्श पर पेट के बल लेट गई और उसने अपनी गांड़ को हवा में उठा उठा कर हिलाना शुरू कर दिया।
सौंदर्या की गांड़ ऐसे मटक रही थी मानो कोई उसे पकड़ पकड़ कर हिला रहा हो और उसकी टांगे फर्श से टकरा रही थी मानो वो जमीन पर धक्के लगा रही थी। ये बस लोगो के सब्र की इंतहा थी और लोग अपनी सीटों पर खड़े हो गए और कुछ तो स्टेज पर ही चढ़ गए और नाचने लगे।
सौंदर्या की इस जानलेवा हरकत से बेकाबू अजय का हाथ कब उसके लंड पर पहुंच गया उसे पता ही नहीं चला। जैसे ही गाना खत्म हुआ तो अजय को एहसास हुआ कि वो पेंट के उपर से ही अपना लंड सहला रहा था अपनी बहन को देखकर।
उसे शर्म महसूस हुई और उसने हाथ हटा लिया और उधर स्टेज पर सौंदर्या जैसे ही खड़ी हुई तो उसका नूरा वाला मास्क नीचे गिर गया और अज्जु भाई का मास्क सामने आ गया।
सौंदर्या तो एक पल के लिए डर गई लेकिन फिर वो पीछे की तरफ़ से बाहर निकल गई लेकिन अज्जु भाई का मास्क देखते ही शादी में आए हुए मनोज के साथ बैठे हुए गुंडे की आंखे हैरत से फैलती चली गई और ये सब मनोज देख चुका था।
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