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Incest "मांगलिक बहन " (Completed)

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अशोक अपने मा बाप के पीछे पीछे चला गया और उसकी हिम्मत नहीं हुई कि वो पीछे मुड़कर सौंदर्या को एक झलक और देख सके।

वहीं अजय तो अपने बेटे के साथ ये सब होते देख कर जैसे पत्थर के बुत की तरह बैठा का बैठा रह गया और उसके पैरो में खड़े होने की भी हिम्मत नहीं बची थी। कमला सौंदर्या को तसल्ली देने में लगी हुई थी

" बेटी चुप हो जाओ। वो लड़का तुम्हारे लायक नहीं था, अरे आज कल मांगलिक जैसी बातो में कोई विश्वास नहीं करता। वो अपने मा बाप का गुलाम निकला, अच्छा हुआ पहले ही पता चल गया नहीं तो तुम्हे शादी के बाद समस्या होती।

सौंदर्या अपनी मा की बातो को सुनकर थोड़ा सा सहज हुई और उसके आंसू हल्के से कम हुए और वो सुबकते बोली:"

" मम्मी मेरी ही किस्मत खराब हैं किसी को क्या दोष दू मैं। ना मैं मांगलिक होती और ना ये सब होता मेरे साथ।

कमला ने अपनी बेटी का हाथ अपने हाथ में लिया और प्यार से सहलाते हुए बोली:"

" नहीं बेटी तेरी किस्मत खराब नहीं हैं बस तेरी परीक्षा ले रही हैं, अशोक भी पुराने जमाने की सोच का ही लड़का निकला।

सौंदर्या ने अपनी दोनो आंखे खोल दी और बोली:'

" मम्मी कोई भी लड़का अपने मा बाप के खिलाफ जाकर शादी नहीं कर सकता, हम चाहे कितने भी आधुनिक क्यों ना बन जाए लेकिन अपनी रीति रिवाज और परम्परा को नहीं भूलते। क्या आप एक मांगलिक लड़की से अजय की शादी कर सकती हैं ?

सौंदर्या के सवाल को सुनते ही कमला के दिमाग में धमाका सा हुआ और उसे एक पल के लिए समझ नहीं आया कि वो क्या जवाब दे। अजय अपनी बहन की बात सुनकर जैसे नींद से जागा और बोला:"

" सौंदर्या दीदी आज मैंने आपके दुख को सही से समझा हैं और महसूस कर सकता हूं कि ये ही समस्या हर मांगलिक लड़की के साथ आती होगी। इसलिए मैं आपकी कसम खाता हूं कि अगर कोई मांगलिक लड़की मुझे पसंद अाई तो शादी जरूर करूंगा।

कमला ने एक बार अजय की तरफ देखा और खामोश हो गई वहीं सौंदर्या उठ खड़ी हुई और तेजी से उपर की तरफ चल पड़ी।

सौंदर्या तेजी से जीने की सीढ़ियां चढ़ रही थी जिससे उसकी भारी भरकम चूचियां उपर नीचे हो रही थी।

download-20210404-203332

अजय की नज़रे अपने आप ही फिर से अपनी बहन की उछलती हुई चूचियों पर चली गई। अजय को खुद पर शर्म अा रही थी कि मैं ये सब क्यों देख रहा हूं।

अजय ने अपनी मम्मी की तरफ देखा और बोला:"

" मम्मी क्या हर बार इसकी साथ ऐसा ही होता है ?

कमला:" बेटा ये बहुत कुछ झेल चुकी हैं बेचारी। हर बार जब कोई रिश्ता आता हैं तो हमेशा इसका दिल टूट जाता हैं। अब खड़े खड़े तुम मेरे क्या मुंह देख रहे हो ? जाओ और जाकर अपनी बहन को मनाओ।

अजय ऊपर की तरफ चल पड़ा और सौंदर्या के दरवाजे को नॉक किया तो पता चला कि वो अंदर से बंद था।

अजय:" दीदी क्या कर रही हो आप ? दरवाजा खोलो ना प्लीज़

सौंदर्या गुस्से में बोली:" भाई मेरा मन ठीक नहीं है। तुम जाओ मैं बाद में बात करूंगी।

अजय:" मेरी प्यारी दीदी दरवाजा खोलो ना आप। मुझे आपसे कुछ जरूरी बात करनी है।

सौंदर्या:" बाहर से ही बोल दे क्या बात है ? मैं नहीं खोलती।

अजय:" दीदी आप मुझसे क्यों गुस्सा हो ? मेरी क्या गलती हैं इसमें ? आप कहो तो अभी जाकर उस अशोक के बच्चे के हाथ पैर तोड़ दू।

सौंदर्या:" नहीं अजय। ये तुम क्या पागलों जैसी बाते कर रहे हो ? अच्छा रुको मैं दरवाजा खोलती हूं।

सौंदर्या ने आगे बढ़कर दरवाजा खोल दिया और अजय अंदर कमरे में अा गया और बोला:"

" दीदी मैं आपका दर्द समझ सकता हूं। लेकिन आप फिक्र मत करो। अपने भाई पर भरोसा करो मैं सब कुछ ठीक कर दूंगा।

सौंदर्या बिना कुछ बोले आगे बढ़ी और अजय के गले से लग गई। अजय ने भी अपनी दीदी को अपने गले लगा लिया। बाहर दरवाजे पर राधा भी अा गई थी और उसे खुशी हुई कि अब उसकी सहेली काफी हद तक सामान्य हो गई थी।


राधा अंदर घुस गई और बोली:"

" क्या बात हैं बड़ा प्यार अा रहा है अपने भाई पर सौंदर्या ?

सौंदर्या:" भाई पर तो सबको ही प्यार आता हैं राधा। क्या तू नहीं करती अपने भाई से प्यार ?

राधा:" करती हूं बाबा। अच्छा बात सुन, मैं अब घर जा रही हूं। सारा काम ऐसे ही पड़ा हुआ हैं।

कमला उपर अा गई थी और बोली:" पहले सब नीचे चलो नाश्ता तैयार हैं। उसके बाद जाना जिसे जहां जाना हैं।

सारे नीचे अा गए और नाश्ता करने लग गए। सबने पेट भर कर खाया और उसके बाद राधा अपने घर की तरफ निकल गई और अजय और सौंदर्या रात के थके होने के कारण फिर से गहरी नींद में डूब गए जबकि कमला अपने घर के काम में लग गई।

मनोज अपने अड्डे पर बैठा हुआ था और अपने गुंडों से बात कर रहा था।

गुंडा:" मैं सच कह रहा हूं भाई। रात नाचने वाली लड़की ने हो मास्क पहना था ये वही मास्क हैं जो उस दिन उस लड़के ने पहना हुआ था।

मनोज:" अगर तेरी बात सच है तो उस मास्क का जरूर मेरे गांव से कोई सम्बन्ध हैं। मुझे हर हाल में पता करना होगा कि वो लड़की कौन हैं ताकि मैं उस लड़के तक पहुंच जाऊं। अच्छा शेरा को बुला कर लाओ, पता नहीं कहां रह गया है वो ? पिंकी का भी आज मुझे काम तमाम करना ही हैं।

गुंडा:" जी साहब मैं जा रहा हूं।

इतना बोलकर वो आदमी बाहर निकल गया और मनोज अपने दिमाग के घोड़े दौड़ा रहा था लेकिन उसे समझ नहीं आ रहा था कि कैसे लड़की का पता किया जाए।

थोड़ी देर बाद ही शेरा अा गया और देखते ही देखते सारे लोग कुछ गाड़ियों में भर कर शहर की तरफ चल पड़े।

पिंकी बेचारी कल उस दिन वाले हादसे के बाद आज पहली बार घर से निकली थी और सड़क पर जा रही थी तभी पीछे से एक खुली हुई जीप अाई और देखते ही देखते गुंडों ने उसे उठाकर गाड़ी में पटक दिया और अगले ही पल उसके मुंह पर क्लोरोफॉर्म लग गई थी और पिंकी बेहोश हो गई।

मुंह पर पानी के छींटे पड़े तो पिंकी की आंखे खुली तो उसने आपको एक पुराने से कमरे में बंद पाया। सामने ही कुर्सी पर कुछ लोग बैठे हुए थे जिन्हें देखकर वो डर गई।

तभी अंदर कुछ लोग और अा गए और मनोज भी अंदर अा गया और पिंकी की तरफ देखते हुए बोला:"तो ये हैं वो पिंकी जिसने मेरी बहन को थप्पड़ मारा था।
साली की चूचियां तो कमाल की लग रही है शेरा।

मनोज की बात सुनकर पिंकी की नजर अपनी चूचियों पर गई तो उसके मुंह से एक चींखं निकल पड़ी क्योंकि वो पूरी तरह से नंगी पड़ी हुई थी। पिंकी ने अपने दोनो हाथो से अपनी चुचियों को ढक लिया और अपनी टांगो को कस लिया और बोली:"

" भगवान के लिए मुझे छोड़ दो, मैंने क्या बिगाड़ा है तुम्हारा ?

मनोज:" कैसे छोड़ दे तुझे भगवान के लिए जबकि तुम्हें भगवान ने ही हमारे लिए बनाया हैं। सुन जिस रोशनी को तूने थप्पड़ मारा था मैं उसका भाई हूं। सब समझ गई होगी अब तू।

पिंकी की आंखो के आगे एक के बाद एक नज़ारे घूमने लगे और उसे याद आया कि उसने अभी कुछ दिन पहले एक लड़की को थप्पड़ मार दिया था क्योंकि उसने लिफ्ट में सबके सामने उसकी चूचियां दबा दी थी।

पिंकी:" मुझे माफ़ कर दो, मैं जानती हूं मेरी गलती हैं लेकिन तुम्हारी बहन ने भी तो मेरे साथ गलत किया था।

मनोज:" गलत कुछ नहीं किया वो शर्ट हार गई थी और उसकी सहेली ने उसे करने के लिए ये ही टास्क दिया था कि लिफ्ट में जो लड़की सबसे पहले दिखे उसकी चूचियां दबानी हैं। बस ये सारी बात थी और तुम बन गई झांसी की रानी।

पिंकी समझ गई थी कि वो बुरी तरह से फंस गई है इसलिए उसने डर के मारे दोनो हाथ जोड़ दिए और बोली:"

" मैं तुम्हारे आगे हाथ जोड़ती हू मुझे माफ कर दो तुम।

एक बार फिर से उसकी चूचियां नंगी हो गई और सभी गुण्डो के मुंह से एक आह निकल पड़ी।

मनोज:" उफ्फ हाथ जोड़ने के बहाने फिर से अपनी चूचियां दिखा रही है कमीनी।

पिंकी को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसके हाथ अपने आप फिर से उसकी चूचियों पर चले गए। मनोज ने इशारा किया और दो लोग आगे बढ़े और पिंकी के दोनो हाथो को पकड़ कर पीछे फैला दिया जिससे उसकी चूचियां फिर से हवा में लहरा गई। पिंकी उनकी पकड़ में तड़प उठी और दर्द भरी आह के साथ बोली:"

" आह मुझे छोड़ दो प्लीज। मत करो मेरे साथ ऐसा।

मनोज ने हाथ आगे बढाया और उसकी चूचियों को अपने हाथो में भर लिया और जोर से मसल दिया तो पिंकी एक बार फिर से दर्द से कराह उठी। मनोज पूरी ताकत से उसकी चूचियों को मसलने लगा और पिंकी की दर्द भरी आह निकल रही थी। उसके बाद मनोज ने हैवानियत की सारी हदें पार कर दी और पिंकी दर्द से तड़पती रही।

अगले दिन सुबह पिंकी की लाश शहर के बाहर पड़ी हुई मिली और देखते ही देखते ये बात जंगल में आग की तरह फ़ैल गई और सौंदर्या ने जैसे ही टीवी में सुबह सुबह उस लड़की की फोटो देखी तो उसकी हालत डर के मारे खराब हो गई।
 
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अशोक अपने मा बाप के पीछे पीछे चला गया और उसकी हिम्मत नहीं हुई कि वो पीछे मुड़कर सौंदर्या को एक झलक और देख सके।

वहीं अजय तो अपने बेटे के साथ ये सब होते देख कर जैसे पत्थर के बुत की तरह बैठा का बैठा रह गया और उसके पैरो में खड़े होने की भी हिम्मत नहीं बची थी। कमला सौंदर्या को तसल्ली देने में लगी हुई थी

" बेटी चुप हो जाओ। वो लड़का तुम्हारे लायक नहीं था, अरे आज कल मांगलिक जैसी बातो में कोई विश्वास नहीं करता। वो अपने मा बाप का गुलाम निकला, अच्छा हुआ पहले ही पता चल गया नहीं तो तुम्हे शादी के बाद समस्या होती।

सौंदर्या अपनी मा की बातो को सुनकर थोड़ा सा सहज हुई और उसके आंसू हल्के से कम हुए और वो सुबकते बोली:"

" मम्मी मेरी ही किस्मत खराब हैं किसी को क्या दोष दू मैं। ना मैं मांगलिक होती और ना ये सब होता मेरे साथ।

कमला ने अपनी बेटी का हाथ अपने हाथ में लिया और प्यार से सहलाते हुए बोली:"

" नहीं बेटी तेरी किस्मत खराब नहीं हैं बस तेरी परीक्षा ले रही हैं, अशोक भी पुराने जमाने की सोच का ही लड़का निकला।

सौंदर्या ने अपनी दोनो आंखे खोल दी और बोली:'

" मम्मी कोई भी लड़का अपने मा बाप के खिलाफ जाकर शादी नहीं कर सकता, हम चाहे कितने भी आधुनिक क्यों ना बन जाए लेकिन अपनी रीति रिवाज और परम्परा को नहीं भूलते। क्या आप एक मांगलिक लड़की से अजय की शादी कर सकती हैं ?

सौंदर्या के सवाल को सुनते ही कमला के दिमाग में धमाका सा हुआ और उसे एक पल के लिए समझ नहीं आया कि वो क्या जवाब दे। अजय अपनी बहन की बात सुनकर जैसे नींद से जागा और बोला:"

" सौंदर्या दीदी आज मैंने आपके दुख को सही से समझा हैं और महसूस कर सकता हूं कि ये ही समस्या हर मांगलिक लड़की के साथ आती होगी। इसलिए मैं आपकी कसम खाता हूं कि अगर कोई मांगलिक लड़की मुझे पसंद अाई तो शादी जरूर करूंगा।

कमला ने एक बार अजय की तरफ देखा और खामोश हो गई वहीं सौंदर्या उठ खड़ी हुई और तेजी से उपर की तरफ चल पड़ी।

सौंदर्या तेजी से जीने की सीढ़ियां चढ़ रही थी जिससे उसकी भारी भरकम चूचियां उपर नीचे हो रही थी।

download-20210404-203332

अजय की नज़रे अपने आप ही फिर से अपनी बहन की उछलती हुई चूचियों पर चली गई। अजय को खुद पर शर्म अा रही थी कि मैं ये सब क्यों देख रहा हूं।

अजय ने अपनी मम्मी की तरफ देखा और बोला:"

" मम्मी क्या हर बार इसकी साथ ऐसा ही होता है ?

कमला:" बेटा ये बहुत कुछ झेल चुकी हैं बेचारी। हर बार जब कोई रिश्ता आता हैं तो हमेशा इसका दिल टूट जाता हैं। अब खड़े खड़े तुम मेरे क्या मुंह देख रहे हो ? जाओ और जाकर अपनी बहन को मनाओ।

अजय ऊपर की तरफ चल पड़ा और सौंदर्या के दरवाजे को नॉक किया तो पता चला कि वो अंदर से बंद था।

अजय:" दीदी क्या कर रही हो आप ? दरवाजा खोलो ना प्लीज़

सौंदर्या गुस्से में बोली:" भाई मेरा मन ठीक नहीं है। तुम जाओ मैं बाद में बात करूंगी।

अजय:" मेरी प्यारी दीदी दरवाजा खोलो ना आप। मुझे आपसे कुछ जरूरी बात करनी है।

सौंदर्या:" बाहर से ही बोल दे क्या बात है ? मैं नहीं खोलती।

अजय:" दीदी आप मुझसे क्यों गुस्सा हो ? मेरी क्या गलती हैं इसमें ? आप कहो तो अभी जाकर उस अशोक के बच्चे के हाथ पैर तोड़ दू।

सौंदर्या:" नहीं अजय। ये तुम क्या पागलों जैसी बाते कर रहे हो ? अच्छा रुको मैं दरवाजा खोलती हूं।

सौंदर्या ने आगे बढ़कर दरवाजा खोल दिया और अजय अंदर कमरे में अा गया और बोला:"

" दीदी मैं आपका दर्द समझ सकता हूं। लेकिन आप फिक्र मत करो। अपने भाई पर भरोसा करो मैं सब कुछ ठीक कर दूंगा।

सौंदर्या बिना कुछ बोले आगे बढ़ी और अजय के गले से लग गई। अजय ने भी अपनी दीदी को अपने गले लगा लिया। बाहर दरवाजे पर राधा भी अा गई थी और उसे खुशी हुई कि अब उसकी सहेली काफी हद तक सामान्य हो गई थी।


राधा अंदर घुस गई और बोली:"

" क्या बात हैं बड़ा प्यार अा रहा है अपने भाई पर सौंदर्या ?

सौंदर्या:" भाई पर तो सबको ही प्यार आता हैं राधा। क्या तू नहीं करती अपने भाई से प्यार ?

राधा:" करती हूं बाबा। अच्छा बात सुन, मैं अब घर जा रही हूं। सारा काम ऐसे ही पड़ा हुआ हैं।

कमला उपर अा गई थी और बोली:" पहले सब नीचे चलो नाश्ता तैयार हैं। उसके बाद जाना जिसे जहां जाना हैं।

सारे नीचे अा गए और नाश्ता करने लग गए। सबने पेट भर कर खाया और उसके बाद राधा अपने घर की तरफ निकल गई और अजय और सौंदर्या रात के थके होने के कारण फिर से गहरी नींद में डूब गए जबकि कमला अपने घर के काम में लग गई।

मनोज अपने अड्डे पर बैठा हुआ था और अपने गुंडों से बात कर रहा था।

गुंडा:" मैं सच कह रहा हूं भाई। रात नाचने वाली लड़की ने हो मास्क पहना था ये वही मास्क हैं जो उस दिन उस लड़के ने पहना हुआ था।

मनोज:" अगर तेरी बात सच है तो उस मास्क का जरूर मेरे गांव से कोई सम्बन्ध हैं। मुझे हर हाल में पता करना होगा कि वो लड़की कौन हैं ताकि मैं उस लड़के तक पहुंच जाऊं। अच्छा शेरा को बुला कर लाओ, पता नहीं कहां रह गया है वो ? पिंकी का भी आज मुझे काम तमाम करना ही हैं।

गुंडा:" जी साहब मैं जा रहा हूं।

इतना बोलकर वो आदमी बाहर निकल गया और मनोज अपने दिमाग के घोड़े दौड़ा रहा था लेकिन उसे समझ नहीं आ रहा था कि कैसे लड़की का पता किया जाए।

थोड़ी देर बाद ही शेरा अा गया और देखते ही देखते सारे लोग कुछ गाड़ियों में भर कर शहर की तरफ चल पड़े।

पिंकी बेचारी कल उस दिन वाले हादसे के बाद आज पहली बार घर से निकली थी और सड़क पर जा रही थी तभी पीछे से एक खुली हुई जीप अाई और देखते ही देखते गुंडों ने उसे उठाकर गाड़ी में पटक दिया और अगले ही पल उसके मुंह पर क्लोरोफॉर्म लग गई थी और पिंकी बेहोश हो गई।

मुंह पर पानी के छींटे पड़े तो पिंकी की आंखे खुली तो उसने आपको एक पुराने से कमरे में बंद पाया। सामने ही कुर्सी पर कुछ लोग बैठे हुए थे जिन्हें देखकर वो डर गई।

तभी अंदर कुछ लोग और अा गए और मनोज भी अंदर अा गया और पिंकी की तरफ देखते हुए बोला:"तो ये हैं वो पिंकी जिसने मेरी बहन को थप्पड़ मारा था।
साली की चूचियां तो कमाल की लग रही है शेरा।

मनोज की बात सुनकर पिंकी की नजर अपनी चूचियों पर गई तो उसके मुंह से एक चींखं निकल पड़ी क्योंकि वो पूरी तरह से नंगी पड़ी हुई थी। पिंकी ने अपने दोनो हाथो से अपनी चुचियों को ढक लिया और अपनी टांगो को कस लिया और बोली:"

" भगवान के लिए मुझे छोड़ दो, मैंने क्या बिगाड़ा है तुम्हारा ?

मनोज:" कैसे छोड़ दे तुझे भगवान के लिए जबकि तुम्हें भगवान ने ही हमारे लिए बनाया हैं। सुन जिस रोशनी को तूने थप्पड़ मारा था मैं उसका भाई हूं। सब समझ गई होगी अब तू।

पिंकी की आंखो के आगे एक के बाद एक नज़ारे घूमने लगे और उसे याद आया कि उसने अभी कुछ दिन पहले एक लड़की को थप्पड़ मार दिया था क्योंकि उसने लिफ्ट में सबके सामने उसकी चूचियां दबा दी थी।

पिंकी:" मुझे माफ़ कर दो, मैं जानती हूं मेरी गलती हैं लेकिन तुम्हारी बहन ने भी तो मेरे साथ गलत किया था।

मनोज:" गलत कुछ नहीं किया वो शर्ट हार गई थी और उसकी सहेली ने उसे करने के लिए ये ही टास्क दिया था कि लिफ्ट में जो लड़की सबसे पहले दिखे उसकी चूचियां दबानी हैं। बस ये सारी बात थी और तुम बन गई झांसी की रानी।

पिंकी समझ गई थी कि वो बुरी तरह से फंस गई है इसलिए उसने डर के मारे दोनो हाथ जोड़ दिए और बोली:"

" मैं तुम्हारे आगे हाथ जोड़ती हू मुझे माफ कर दो तुम।

एक बार फिर से उसकी चूचियां नंगी हो गई और सभी गुण्डो के मुंह से एक आह निकल पड़ी।

मनोज:" उफ्फ हाथ जोड़ने के बहाने फिर से अपनी चूचियां दिखा रही है कमीनी।

पिंकी को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसके हाथ अपने आप फिर से उसकी चूचियों पर चले गए। मनोज ने इशारा किया और दो लोग आगे बढ़े और पिंकी के दोनो हाथो को पकड़ कर पीछे फैला दिया जिससे उसकी चूचियां फिर से हवा में लहरा गई। पिंकी उनकी पकड़ में तड़प उठी और दर्द भरी आह के साथ बोली:"

" आह मुझे छोड़ दो प्लीज। मत करो मेरे साथ ऐसा।

मनोज ने हाथ आगे बढाया और उसकी चूचियों को अपने हाथो में भर लिया और जोर से मसल दिया तो पिंकी एक बार फिर से दर्द से कराह उठी। मनोज पूरी ताकत से उसकी चूचियों को मसलने लगा और पिंकी की दर्द भरी आह निकल रही थी। उसके बाद मनोज ने हैवानियत की सारी हदें पार कर दी और पिंकी दर्द से तड़पती रही।

अगले दिन सुबह पिंकी की लाश शहर के बाहर पड़ी हुई मिली और देखते ही देखते ये बात जंगल में आग की तरह फ़ैल गई और सौंदर्या ने जैसे ही टीवी में सुबह सुबह उस लड़की की फोटो देखी तो उसकी हालत डर के मारे खराब हो गई।
Nice update bro
 

aalu

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Saundarya kee saundary bhi uske kaam na aayee, sundar hona ek larki ke liye garv kee baat hoti hai, na jaane wo kitno hi ankhen usse tareef kee najro se dekhti hogi, kuchh bhogne kee kalpana karte hue, lekin uss shab ke baad jab baar-baar koi mard aa ke usse thukra ke chala jaye, toh koi bhi insan tut jata hain.... Ek hi baat ke liye usse thukra diya jana, jaise maap-taul ke koi bole kee hame yeh saman nahi lena hai...

wo kise dosh de apne maa-baap ko, bhagwan ko, ya khud ko... pariwar waale toh usse santwana de hi dete hain, lekin kya usse uski takleef kam ho jaati hain, jab usse chhoti larkiya byah ke jaati hongi toh na jaane kya guzarti hogi....

Aaj bhi log kitne hi adhunikta ke dawe kar le, lekin shaadi ke liye pandit se kundli milan jaroor karwayenge, aare sabhi shadiya toh milan kar ke hi hoti hai,, lekin kya wo sukhi rah paati hain... khair hame bhi dukh hain,, ab wo kaun sa mard uska haath thamta hain...

Ajay toh pura lattu ho chuka hain apni behen pe,, lekin bhai abhi bhi maryada se bahar na gaye hain... aatmglani unhe ichhaye ko dabne pe majboor kar deti hai...Ab bhaisaheb ne toh mangleek larki se shaadi karne ka keh diya, ab ghar mein hi hain, kaheen udhar hi najre na pherna shuru kar dee..

Sala harami .. Manojwa toh ekdum kutta admi nikla, apni behen ke badle ke naam pe ek larki ke izzat taar-taar kar ke, usse maut ke ghat utar diya.... ab didi jee ko ghabrahat ho rahi hain, kaheen kaatil unke tak na pahunch jaye...
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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Nice update bhai lekin Itne din baad aaye ho to bada update to banta hai.
 

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सचमुच मांगलिक लड़की की ज़िन्दगी काफी कष्टपूर्ण होती हैं। आप अपनी सौंदर्या को ही देख लीजिए।
 

Sanju

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Mast update bhai ab sayad soundrya ke bahane ajoy in par tut paregi
 

Ssking

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Bhaii bahut shandar story hai par bhai thoda sa jaldi update diya karo yar itni mast story hai ki intazar nahi ho pata jyada next update ke liye
 
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