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Incest "मांगलिक बहन " (Completed)

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सौंदर्या अपने कमरे में बुत सी बनी खड़ी रह गई। उसे समझ में नहीं अा रहा था कि वो क्या करे। उसकी सारी इज्ज़त, मान सम्मान सब कुछ आज मिट्टी में मिल गया था इस डिल्डो के कारण।

उसकी नजर हाथ में पकड़े हुए डिल्डो पर गई और उसे ऐसा लग रहा था मानो उसने कोई काला ज़हरीला सांप पकड़ रख हैं। एक झटके के साथ उसके हाथ से डिल्डो नीचे गिर गया।

सौंदर्या ने एक बार बेड पर पड़े हुए डिल्डो को नफरत से देखा मानो अपने जानी दुश्मन को देख रही हो। तभी उसे उपर किसी के आने की आहट हुई तो उसने तेजी से फिर से ना चाहते हुए भी डिल्डो को उठा लिया और अपने तकिए के नीचे छुपा दिया।

उसकी मम्मी उपर अाई थी और उसे देखते ही थोड़ा नाराजगी से बोली:"

" क्या बेटी, अभी तक गीले कपड़े पहन रखे हैं तूने, चल जल्दी से कपड़े बदल ले नहीं तो बीमार पड़ जाएगी।

कमला बेड पर बैठी तो उसके हाथ गीली चादर पर पड़ गए और वो बोली :"

" हाय राम, ये तो चादर भी गीली हैं, इसको भी बदलना पड़ेगा। तुम जल्दी से बाथरूम जाओ तब तक मैं चादर बदल देती हूं।

अपनी मम्मी की बात सुनकर सौंदर्या को उसकी सांसे रुकती हुई सी महसूस हुई। ये भगवान मैं कैसे जाऊ, मम्मी ने चादर बदलते हुए अगर डिल्डो देख लिया तो उनकी नजरो में भी गिर जाऊंगी। डर में मारे सौंदर्या का पसीना छूट गया और बोली:"

" मम्मी आप आराम कीजिए, मैं खुद कर लूंगी।

कमला:" ज्यादा बाते मत बना तू, अगर खुद करना हो तो अब तक कर नहीं लेती। चल हट मुझे काम करने दे और जल्दी से अा।

डर के मारे उसका दिल बैठ सा गया और सौंदर्या ने अपने मम्मी के हाथ पकड़ बोली:"

" मम्मी आप रहने दीजिए। मैं कर लूगी मेरी प्यारी माता जी। आप क्यों परेशान हो रही हैं ?

माता जी शब्द सुनकर कमला को अपनी बेटी पर बहुत प्यार अाया और उसके वो उसका माथा सहलाती हुई बोली:"

" मेरी प्यारी बेटी, मैं कर दूंगी, तुम जल्दी से बाथरूम जाओ। अरे तुम्हे तो पसीना अा रहा है बहुत।

तभी सौंदर्या को जोर से छींक अाई और वो कमला के गले लग गई तो कमला बोली:"

" पागल कहीं की, तुझे पसीना भी अा गया और छींख भी अा गई, चल अब जल्दी से बाथरूम जा नहीं तो एक हफ्ते तक बेड पर पड़ी रहेगी।

सौंदर्या पूरी तरह से फंस गई थी और समझ नहीं पा रही थी कि क्या किया जाए। तभी उसे अपने भाई की याद अाई और उसने अपनी मा को तेजी से अपने बांहों में कस लिया और दूसरे हाथ से अपना फोन निकाल लिया।

कमला अपनी बेटी की इस हरकत पर आत्म विभोर हो गई और उसकी पीठ थपथपाने लगी और बोली:"

" इतनी बड़ी हो गई है लेकिन अभी तक छोटे बच्चे की तरह मा से चिपकती हैं मेरी बेटी।

सौंदर्या ने अपने मोबाइल का पैटर्न खोला और अजय को मेसेज टाइप करते हुए बोली:"

" मम्मी मैं चाहे कितनी भी बड़ी हो जाऊ आप तो मेरे लिए मेरी मम्मी ही रहेगी और बच्चे मा के सीने से हमेशा चिपकते ही है।

सौंदर्या ने अजय को मेसेज टाइप किया:"

" भाई प्लीज़ मुझे मा की नजरो में गिरने से बचा लो। मा मुझे बाथरूम जाने के लिए कह रही हैं और तकिए के नीचे दिलदो पड़ा हुआ है, मम्मी गीला चादर बदलेगी, अज्जु भाई मेरी मदद करो। बचाओ मुझे तुम्हे मेरी राखी की कसम।

अजय ने अपने कमरे ने मेसेज पढ़ा और इसके होंठो पर स्माइल अा गई। फिर अगले ही पल हो परेशान हो गया और बाहर की तरफ दौड़ पड़ा। कमरे में गया तो उसने अपनी दीदी को अपनी मा से लिपटे हुए देखा तो सारी कहानी समझ गया।

अजय:" क्या बात है बड़ा प्यार हो रहा है मा बेटी में।

कमला मुस्कुरा उठी और बोली:"

" अरे इसे बाथरूम जाकर गीले पकड़े बदलने के लिए कह रही हूं और ये मुझसे लिपटी हुई हैं। अब तू ही समझा इसे बेटा।

अजय:" क्यों मम्मी को परेशान कर रही हो आप दीदी? जाओ गीले कपड़े बदल लो ना आप।

अजय ने सौंदर्या को कुछ इशारा किया और वो अपनी मम्मी के साथ पलट गई और अब अजय की तरफ कमला की पीठ थीं। अजय ने तेजी से अपना हाथ आगे बढाया और डिल्डो को बाहर निकाल लिया। सौंदर्या ये सब देख रही थी और जैसे ही उसकी नजरे अजय से टकराई तो सौंदर्या पहले तो शर्म से लाल हो गई लेकिन अजय को स्माइल देखते हुए उसने उसे स्माइल दी और अजय ने डिल्डो अपनी जेब में डाल लिया। सौंदर्या ने राहत की सांस ली और अपनी मम्मी से बोली:"

" मम्मी जब आप इतनी जिद कर रही हो और भाई भी बोल रहा है तो मैं कपडे बदल ही लेती हूं।

इतना कहकर सौंदर्या अपनी मम्मी से अलग हुई और सेफ से अपने कपड़े निकालने लगी।

कमला ने राहत की सांस ली और बोली:" चलो किसी तरह ये बेचारी मान तो गई। अजय बेटा तेरी ही बात मान ली इसने।

अजय:" हान मम्मी। बहुत समझदार और संस्कारी हैं मेरी दीदी। फिर बात कैसे नहीं मानती।

सौंदर्या ने अपने कपड़े लिए और बाहर निकल गई। उसे समझ नहीं आया कि अजय ने इसकी तारीफ की है या उसके उपर तीखा कॉमेंट किया है। खैर वो नहाई और एक नाइटी पहनकर बाहर अा गई। उसने हल्के गीले खुले हुए बालो से पानी की बूंदे टपक रही थी और अजय को अपनी दीदी इस रूप में बहुत सुंदर लगी।

कमला:" अच्छा बेटा अजय सीमा की मम्मी बता रही थी कि अगले हफ्ते आचार्य तुलसी दास जी पास के ही गांव में अा रहे है तो मैं उनसे मिल भी लूंगी। तुम और सौंदर्या भी मेरे साथ चलना। कोई उपाय निकल ही जाएगा।

अजय:" ठीक हैं मम्मी, ये तो बहुत अच्छी बात हैं।

कमला:" अच्छा अब तुम दोनो आराम करो। रात बहुत हो गई है। मैं भी सो जाती हूं।

इतना कहकर कमला बाहर अा गई तो अजय भी उसके साथ साथ ही पीछे अा गया और अपने कमरे में चला गया। सौंदर्या चुपचाप अपने बेड पर पड़ी हुई सोच रही थी कि आज उसने अपनी ज़िन्दगी की सबसे बड़ी गलती कर दी है और ये सब इस कमीने डिल्डो के चलते हुआ है इसलिए इसे तोड़ दूंगी। इसके टुकड़े टुकड़े कर दूंगी।

सौंदर्या डिल्डो इधर उधर देखने लगी लेकिन कहीं मिला नहीं। तभी उसे याद आया कि वो तो अजय ने अपनी जेब में डाल लिया था और मैं यहां ढूंढ रही हूं। क्या करू अजय से मांग कर तोड़ दू क्या ?

उफ्फ मै ये क्या सोच रही हूं, अजय पता नहीं पहले से ही क्या क्या सोच रहा होगा, अगर मांगा तो फिर से यहीं सोचेगा कि कहीं मैं इसे अपने अंदर अंदर घुसाने के लिए तो नहीं मांग रही। ये भगवान मैं क्या क्या सोच रही हूं, कितनी बिगड़ गई हूं मैं।

सौंदर्या अपने विचारो में डूबी हुई थी और वहीं अजय सोच रहा था कि उसकी बहन कितनी चालू निकली, कहां तो अपने सीने से पल्लू तक नीचे नहीं आने देती और कहां डिल्डो इस्तेमाल करती हैं। अजय ने डिल्डो को अपनी जेब से बाहर निकाल लिया और उसे गौर से देखने लगा। देखने में तो ठीक था काफी मोटा और लंबा भी। उफ्फ जब मैं इसे सूंघ रहा था तो इसमें से कितनी अच्छी खुशबू अा रही थी। शायद मेरी दीदी की चूत की खुशबू होगी। अगर मम्मी नहीं अाई होती तो मैं सीधे ही सूंघ लेता आज। ये सब सोचते सोचते अजय उत्तेजित हो गया और उसने डिल्डो को अपनी नाक के पास रख लिया और सूंघने लगा। एक अजीब सी खुशबू उसकी नाक से होती हुई उसके दिमाग में समा गई और लंड ने फिर से हुंकार भरी और तनकर खड़ा हो गया। अजय का एक हाथ अपने आप लंड पर पहुंच गया और उसे पेंट के उपर से ही सहलाने लगा।

दूसरी तरफ सौंदर्या को समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे, कैसे अपने भाई को विश्वास दिलाए कि ये डिल्डो उसका नहीं हैं और वो ऐसी लड़की नहीं हैं।कुछ विचार मन में करके सौंदर्या खड़ी हुई और उसने धड़कते दिल के साथ अपने कमरे से बाहर निकल गई।

उसने एक पल के लिए सोचा कि क्या उसका अपने भाई के रूम में ऐसे जाना ठीक होगा ? उसका भाई उसके बारे में क्या सोचेगा ? लेकिन उसने इन सभी बातों को मन से निकाल दिया क्योंकि वो सच्ची थी और खुद को किसी भी कीमत पर अपने भाई की नजरो में सही साबित करना चाहती थी। सौंदर्या के पांव कांप रहे थे और दिल धाड धाड करके धड़क रहा था लेकिन फिर भी उसने हिम्मत नहीं हारी और जल्दी ही वो अपने भाई के कमरे के सामने पहुंच गई। अजय एक बहुत हिम्मत वाला लड़का था और उसने कभी अपने कमरे के गेट बंद किए थे और सौंदर्या जैसे ही उसके कमरे से सामने आई तो उसकी नजर अंदर पड़ी और उसका मुंह खुला का खुला रह गया।

अजय सिर्फ अंडर वियर पहने हुए था और उसकी आंखे बंद थी और वो डिल्डो को अपनी नाक के पास करके सूंघते हुए अपने लंड को सहला रहा था। उसके चेहरे पर असीम आनन्द के भाव फैले हुए थे।

सौंदर्या की सांसे बहुत तेजी से चलने लगी और उसका गीला सूखता चला गया। ये राम, ये दिन में तो ऐसे ही कर रहा और अब भी। ये क्या सूंघ रहा है इसमें से ? सौंदर्या को याद आया कि उसने पढ़ा था कि सबकी चूत से एक भीनी भीनी खुशबू निकलती हैं। उफ्फ क्या ये मेरी चूत की खुशबू समझकर इसे सूंघ रहा है!!

ये विचार मन में आते ही उसके जिस्म के रोम रोम लहरा उठा और उसने अपनी जांघो को कस लिया मानो वो डिल्डो से नहीं बल्कि उसकी जांघो के बीच से खुशबू सूंघ रहा हो।

तभी अजय ने अपने हाथ को अपनी अंडर वियर के अंदर घुसा दिया और उसे नीचे करते हुए अपने लंड को बाहर निकाल लिया

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सौंदर्या की नजरे जैसे ही अपने भाई के हाहाकारी लंड पर पड़ी तो डर के मारे उसके मुंह से एक घुटी घुटी सी चींखं निकल गई। उसने अपने मुंह पर हाथ रखा लेकिन जब तक देर हो चुकी थी। वो तेजी से चलती हुई अपने कमरे में घुस गई। अजय ने फुर्ती से अपने लंड को अंदर किया और बाहर की तरफ दौड़ा कि कोई दिक्कत तो नहीं हो गई।

बाहर आकर देखा तो उसे कुछ दिखाई नहीं दिया और उसने एक नजर अपनी बहन के कमरे में दौड़ाई तो उसे बेड पर लेटी सौंदर्या दिखाई दी। अजय को समझ नहीं आया कि आवाज कहां से अाई थी और उसकी दीदी के कमरे की लाइट अभी तक क्यों जली हुई है।

अजय फिर से अपने कमरे में अा गया और बिस्तर पर लेट गया। उसका लंड अभी तक खड़ा हुआ था और उसने फिर से डिल्डो को हाथ में पकड़ लिया। अजय ने डिल्डो को अपनी नाक के पास रखा और सूंघने लगा। तभी उसके दिमाग में दूसरा विचार अाया कि दीदी तो अभी सोई हुई है तो क्यों ना मैं सीधे ही सूंघ लू।

लंड खड़ा हो तो दिमाग काम नहीं करता और यही अजय के साथ हुआ। उसने दीदी में लिया और मात्र अंडर वियर पहने हुए अपने खड़े लंड के साथ अपनी दीदी के रूम में घुस गया।

एक बार अपनी दीदी की पक्की नींद जानने के लिए उसने अपनी दीदी के पास जाकर धीरे से आवाज लगाई:"

" दीदी सो गई क्या आप ?

सौंदर्या जागी हुई थी और अभी तक लंड को देखकर डरी सहमी हुई थी और अपने भाई की आवाज सुनते ही वो पलटी और बोली:"

" नहीं भाई। नींद नहीं आ रही थी मुझे बिल्कुल भी।

अपनी दीदी को जागते हुए पाकर अजय के होश उड़ गए और समझ में नहीं आया कि क्या करे। फिर दिमाग से काम लेते हुए बोला:"

" ओह दीदी मैं समझ गया कि आपकों नींद क्यों नहीं अा रही है, देखो मैं आपके लिए आपकी पसंदीदा चीज लाया हूं !!

इतना कहकर अजय ने डिल्डो को आगे बढ़ा दिया। डिल्डो देखते ही सौंदर्या का मुंह फिर से शर्म से लाल हो गया।

अजय: दीदी के लो, शरमाओ मत नहीं तो आपकी इसके बिना नींद नहीं आएगी।

सौंदर्या अपने भाई की बात सुनकर रोने ये लिए तैयार सी हो गई। अजय ने डिल्डो उसके पास रखा और अपनी दीदी को स्माइल देते हुए बाहर की तरफ चल पड़ा।

जैसे ही वो कमरे के गेट पर अाया तो पीछे से सौंदर्या की आवाज सुनकर रुक गया

" अजय तुम मुझे गलत समझ रहे हो भाई। ये मेरा नहीं है। मेरी बात का यकीन करो तुम।

अजय:" दीदी आप शायद मुझे गलत समझ रही हैं। मैं आपके जज़्बात समझता हूं और आपकी जरूरत भी।

सौंदर्या अपने भाई की बात सुनकर खड़ी हुई और तेजी से आगे बढ़ कर उसकी कमर से चिपक गई और बोली:"

" भाई तेरी कसम, मेरा यकीन करो, ये मेरा नहीं हैं, सपना का हैं मैं तो आज ही इसे उसके घर से लाई थी।

अजय अपनी नंगी पीठ पर अपनी दीदी के चिपकने से उत्तेजना से भर उठा और बोला:"

" दीदी आपका हो या सपना दीदी का, मुझे इससे क्या? आप आराम कीजिए रात बहुत ज्यादा हो गई है। वैसे भी आपको कुछ जरूरी प्रोजेक्ट पूरा करना होगा।

सौंदर्या का मन किया कि वो रो पड़े। उसने और ज्यादा जोर से अपनी भाई की अपनी बांहों में कस लिया और बोली:"

" भाई क्या तुम्हे मेरी कसम पर भी यकीन नहीं है ? मैं सच में पहली बार आज इसे लाई थी। वो सीमा की सुहागरात की बात सुनकर मस्ती करने के लिए।

अजय को लगा कि उसकी बहन सच बोल रही है क्योंकि सच में सीमा की शादी अभी तो हुई हैं और आज वो अाई भी थी। अजय पलट गया और अपनी दीदी के सुंदर से चेहरे को अपने हाथ में भर लिया और बोला:"

" अच्छा चलो आपकी बात पर यकीन किया कि आपने सीमा की सुहागरात के किस्से सुने।

सौंदर्या समझ गई कि उसका भाई उसका यकीन कर रहा है इसलिए जल्दी से पुरा यकीन दिलाने के लिए बोली:"

"भाई नहीं सुन पाई। दिन भर काम में लगी रही और वो तीनो अंदर बाते करती रही। मैंने सब कुछ मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया। आज दिन में सपना बोल रही थी कि उसके पास डिल्डो हैं। इसलिए मैं घर जाने के बहाने उसके घर में घुस गई और घर में कोई नहीं था। इसलिए मैं ये निकाल लाई थी।


अजय समझ गया था कि उसकी बहन सच बोल रही है लेकिन उसके खड़े लंड ने कुछ और ही सोचा और अजय बोला:"

" दीदी इसका मतलब आपके पास उनकी रिकॉर्डिंग होनी चाहिए अगर आप सच बोल रही है तो।

सौंदर्या तपाक से बोली:" हान भाई मेरे फोन में होनी चाहिए। मैंने भी नहीं सुनी।

अजय:" अच्छा चलाओ तो जरा, मैं भी तो सुनो। क्या सच में ऐसा कुछ हुआ था ?

सौंदर्या अपने भाई की बात सुनते ही शर्म से पानी पानी हो गई और उसका मुंह लाल हो गया। अपने भाई के सामने मै कैसे ये सब सुन सकती हूं।

अजय:" क्या हुआ दीदी? उसका मतलब आप झूठ बोल रही थी। मेरी कसम भी आप झूठी खा रही थी।

सौंदर्या अपने भाई की बात सुनकर तड़प उठी और बोली:"

" भाई झूठ नहीं बोल रही। मेरा यकीन करो।

इतना कहकर सौंदर्या ने अपने मोबाइल का लॉक खोल दिया और कांपते हाथो से फाइल देखने लगी। उसकी सांसे तेज हो गई और उसकी चूचियां खुले लगे से अपना आकार दिखा रही थी। अजय की हालात ये सब देख कर खराब हो गई और अपना थूक गटकने लगा।

सौंदर्या ने फाइल तो खोल दी लेकिन चालू कर पाने की हिम्मत उसमे नहीं थी। उसने एक बार अपनी नजरे उपर उठाई और फोन को अपने भाई के हाथ में बढ़ा दिया और बोली:"

" भाई मुझसे नहीं हो पाएगा। तुम खुद ही सुन लो। शायद इसे सुनकर ही तुम मेरा यकीन करो।

इतना कहते हुए सौंदर्या ने मोबाइल अजय के हाथ में पकड़ा दिया और अपनी नजरे झुका ली। सारे ज़माने की हया उसकी चेहरे पर सिमट अाई थी और उसकी सांसे अब पहले से ज्यादा तेजी से चल रही थी जिससे उसकी चूचियां उछल कूद कर रही थी। उसके सारे जिस्म में अजीब सी उत्तेजना छाई हुई थी।

अजय:" दीदी आप पर मुझे पूरा यकीन है लेकिन हालात ही इस तरह एक बन गए हैं।

इतना कहते हुए अजय ने रिकॉर्डिंग को शुरू कर दिया।

मोबाइल पर सबसे पहले सपना कि आवाज अाई:"

" बोल ना सीमा क्यों शर्मा रही है, क्या हुआ तेरे साथ ? सुना ना अपनी सुहागरात की कहानी ?

राधा:" उफ्फ मेरी बन्नो, बोल भी कहीं लंड मुंह में घुसा कर तेरी आवाज तो नहीं भगा दी ?

राधा की बात सुनकर सौंदर्या शर्म से दोहरी हो गई। सौंदर्या ने शर्म के मारे अपना मुंह अपने दोनो को हाथों में छुपा लिया।

अजय ने अपनी दीदी की तरफ एक नजर देखा और फिर से मोबाइल पर ध्यान लगा दिया।

सीमा:" चुप हो जाओ तुम दोनों, मैं अपने पति का इंतजार कर रही थी और रात के करीब 11 बजे वो आए तो मेरी सांसे अपने आप तेज हो गई। उसने धीरे से कमरे को बंद किया और मेरे पूरे जिस्म में उत्तेजना दौड़ गई।

वो धीरे धीरे आगे बढ़ा और बेड पर मेरे पास बैठ गए और मेरा मुंह देखने के बाद मुझे गिफ्ट दिया और उसके बाद उसने मुझे अपनी बांहों में भर लिया। मैं भी प्यासी और मेरे जिस्म का अंग अंग सेक्स के लिए तड़प रहा था इसलिए मैं खुद ही उससे लिपट गई। उसने मुझे देखा और अपने जलते हुए होंठ मेरे होंठो पर रख दिए और हम दोनों एक दूसरे के होंठ चूसने और देखते ही देखते मेरी जीभ उसके मुंह में घुस गई।

अजय इतनी सेक्सी बाते सुनकर उत्तेजित हो गया और उसकी आंखे लाल हो गई थी। वहीं सौंदर्या तो जैसे ये सब सुनकर पूरी तरह से बेताब हो गई थी और उसके पूरे जिस्म में मस्ती छाई हुई थी। अजय के एक हाथ में डिल्डो और दूसरे में मोबाइल था।

आगे फिर सीमा की आवाज उभरी:" फिर उसने मेरी जीभ को चूसना शुरू कर दिया और उसके हाथ मेरी गांड़ पर अा गए और ज़ालिम ने पूरी ताकत से मेरी गांड़ को मसलना शुरु कर दिया। मेरे मुंह से मस्ती भरी आह निकल पड़ी और किस टूट गई। फिर उसने मेरी साड़ी को खोलकर एक तरफ कर दिया और एक के बाद एक उसने मेरे जिस्म पर से कपडे उतार दिए और मैं अब सिर्फ ब्रा पेंटी में रह गई। आने वाले हसीन पलो को सोचकर मेरी चूत पहले से ही गीली हो गई थी और उसने पेंटी के उपर से ही मेरी चूत को अपनी मुट्ठी में भर लिया तो मैं सिसकती हुई उससे लिपट गई और उसकी उंगलिया मेरे चूत से निकल रहे रस से भीग गई तो उसने उंगली को अपनी नाक के पास किया और सूंघने लगा और फिर अपने मुंह में भर लिया और चूस कर बोला वाह मेरी जान तेरी चूत की खुशबू सच में मजा आ गया। क्या टेस्ट हैं।

सौंदर्या की हालत पूरी तरह से बिगड़ गई थी और वो अपने पैर के पंजों को एक दूसरे से मसलने लगी। वहीं अजय का लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया था और उसकी अंडर वियर में एक बहुत बड़ा तम्बू बन गया था और अजय के ठीक सामने एक शीशा लगा हुआ था जहां से उसे सौंदर्या साफ दिखाई दे रही है।

भाई बहन दोनो पूरी तरह से गर्म हो गए थे और उनके अंदर जिस्म की आग पल पल बढ़ती ही जा रही थी। अजय ने रिकॉर्डिंग बंद नहीं करी और सौंदर्या तो इस कदर मदहोश हो गई थी कि कुछ बोल पाने की हिम्मत उसमे नहीं रह गई थी।

सीमा की आवाज फिर से उभरी" जैसे ही उसने अपनी उंगली को मुंह में दिया तो मेरी जांघें अपने आप कसती चली गई। उफ्फ ज़ालिम ने देखते ही देखते मेरी ब्रा को उतार दिया और मेरी गोल गोल चूचियां बाहर की तरफ छलक पड़ी। हाय उसने अगले ही पल मेरी चुचियों को अपने हाथो में भर लिया और जोर जोर से मसलने लगा तो मेरे मुंह से मस्ती भरी आह निकल पड़ी।

सौंदर्या की हालत पूरी तरह से बिगड़ गई थी और उसकी चुचियों में बहुत तेजी से कम्पन हो रहा था मानो उसकी नाईटी को फाड़कर बाहर आना चाहती हो। सौंदर्या की पेंटी में उसे कुछ गीलापन महसूस हुआ और सौंदर्या के जिस्म में तेज झनझनहट सी उठने लगी और उसने अजय की नजरो से बचते हुए अपने एक हाथ को अपनी जांघ पर रख दिया और खुद ही सहलाने लगी। अजय शीशे में ये देख कर मस्त हो गया और उसने भी अपने एक हाथ को अपने लंड के पास रख दिया और धीरे धीरे सहलाने लगी।

सीमा की फिर से आवाज अाई " जैसे ही उसने मेरी चूचियों को अपने मुंह में भरा तो मेरे जिस्म से रस टपकना शुरू हो गया और मैं उसके ऊपर गिरती चली गई।

अजय ने धीरे से अपनी बहन की तरफ देखा जिसकी आंखे अब मस्ती से बंद हो गई थी और अजय ने एक नजर उसकी चूचियों पर डाली जो उपर नीचे हो रही थी और बस निप्पल ही अंदर रह गया था। अजय को एक समय अपनी बहन सिर्फ एक काम देवी नजर आ रही थी।

सीमा की आवाज:" जैसे ही मैं उसके ऊपर गिरी तो मेरा हाथ अपने आप उसके लंड पर चला गया और मेरे मुंह से आह निकल गई। उफ्फ ये ही वो लंड था जिसके लिए मैं तड़प रही थी। उफ्फ 7 इंच। मैंने सारी शर्म हया छोड़कर उसे अपनी मुट्ठी में भर लिया।

सौंदर्या पूरी तरह से मदहोश हो गई और उसने एक नजर डिल्डो पर डाली और उसकी आंखे लाल हो गई। अपनी भाई की नजरो से बचते हुए उसने एक बार उसके लंड की तरफ देखा तो उसे एहसास हुआ कि अजय अपने लंड को अंडर वियर के उपर से ही सहला रहा था। सौंदर्या के मुंह से एक आह निकल पड़ी और उसके पैर जवाब दे गए और वो बेड पर गिरती चली गई। अजय ने अपनी बहन की तरफ देखा तो उसने देखा कि सौंदर्या की दोनो आंखे मस्ती में बंद हो गई थी और वो अपनी एक टांग को दूसरी पर रगड़ रही थी जिससे उसकी नाइटी उसकी घुटनो से उपर सरक गई थी और उसकी गोरी गोरी टांगे साफ नजर आ रही थी। सौंदर्या की आंखे मदहोशी में बंद हो गई थी और उसकी चुचियों और ज्यादा तेजी से उछल कूद कर रही थी।

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अजय समझ गया कि उसकी बहन पूरी तरह से बहक गई है तो उसने मासूम बनते हुए कहा:"

" दीदी क्या हुआ आप ठीक तो हैं ? अगर आप कहे तो मैं रिकॉर्डिंग बंद कर दू?

सौंदर्या की नेट वाली पेंटी पूरी तरह से भीग गई थी और उसकी जांघ तक चूत रस से भीगी हुई पड़ी थी।

सौंदर्या तो बेचारी कुछ कह पाने की स्थिति में नहीं थी और जैसे ही चुप लेती हुई अपनी टांगो को एक दूसरे से रगड़ती रही। अजय भी आराम से सौंदर्या के पास ही लेट गया लेकिन उससे थोड़ी दूरी पर और बोला:"

" दीदी जब भी आपको लगे कि ज्यादा हो रहा है और बंद करना हैं तो मुझे बता देना। मै बंद कर दूंगा रिकॉर्डिंग।

सौंदर्या के मुंह को छोड़कर आज उसका सारा जिस्म खुलकर बोल रहा था कि ये रिकॉर्डिंग चलने दे भाई। ऐसे ही चलने दे बस।

तभी अचानक से लाइट चली तू और कमरे में अंधेरा हो गया। उफ्फ इससे सौंदर्या को बड़ी राहत मिली क्योंकि उसे लाइट की वजह से बहुत ज्यादा शर्म महसूस हो रही थी।

सीमा की आवाज:" उफ्फ कितना मोटा और अच्छा लग रहा था उसका लंड। वो फिर से मेरी जांघो के बीच में अा गया और मेरी जांघो को चूमने लगा तो मेरी चूत से चिंगारी सी निकलने लगी।

सौंदर्या से अब बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने अंधेरे का फायदा उठाते हुए अपने एक हाथ को अपनी जांघो में घुसा दिया तो उसके मुंह से खुद ही एक आह निकल पड़ी। अजय धीरे से आगे हुआ और उसने सौंदर्या का हाथ हिलता हुआ देखा तो उसका जिस्म अपने आप थोड़ा सा आगे सरक गया और वो सौंदर्या के बिल्कुल करीब पहुंच गया।

सीमा की आवाज:" फिर से उसने मेरी चूत के आस पास सूंघना शुरू कर दिया और मेरी आंखे मस्ती से बंद हो गई। मेरी जांघें अपने आप खुलती चली गई और देखते ही देखते उसने अपनी नाक को मेरी पेंटी पर रख दिया तो मेरे मुंह से आह निकल पड़ी।

सौंदर्या की जांघें अपने आप थोड़ा सा खुली जिससे वो थोड़ा सा पीछे को सरक गई और उसकी कमर में अपने भाई का लंड टकराया तो उसके जिस्म के रोंगटे खड़े हो गए। उसे एहसास ही नहीं हुआ कि कब उसका भाई उसके पास लेट गया था।

वो एक झटके के साथ पीछे हुई और अगले ही पल उसे अफसोस हुआ। अजय की हिम्मत बढ रही थी और वो धीरे धीरे आगे होता रहा और सौंदर्या के हिलने से उसके पैर अजय के पैरो से टकरा रहे थे। अजय ने एक चाल चलने की तैयारी करी और अपने लंड को बाहर निकाल लिया और धीरे से बिल्कुल उसके करीब हो गया और कान में फुसफुसाया

:" आप सच बोल रही थी, मुझे आप पर पूरा यकीन हो गया है ये रेकॉर्डिंग सुनकर।

अजय की बात सुनकर सौंदर्या खुश हो गई और वो खुशी से पलटी और अपने भाई के सीने से लिपट गई। अजय का प्लान कामयाब रहा।

उसकी चूचियां अजय के सीने में घुस गई और लंड उसकी जांघो में घुसता चला गया। सौंदर्या को अपनी गलती का एहसास हुआ लेकिन जब तक देर हो गई थी क्योंकि अजय ने उसे पूरी तरह से अपनी मजबूत बांहों में कस लिया था और उसके पैर पर अपने पैर रगड़ रहा था।

सीमा की आवाज:" उफ्फ जैसे ही उसने मेरी पैंटी को सूंघना शुरू किया तो मेरी सांसे अटक सी गई और मेरे हाथ अपने आप उसके सिर पर पहुंच गए।


सौंदर्या की हालत बद से बदतर होती जा रही थी और उसकी पेंटी पूरी तरह से भीग गई थी। अजय ने अपनी कमर को आगे की तरफ किया जिससे उसका लंड सौंदर्या को चूत पर जा लगा तो सौंदर्या दीवानी सी होकर उससे लिपट गई ।

अजय ने अपने एक हाथ को उसके पेट पर रख दिया और हल्का सा सहलाते हुए बोला:"

" दीदी आपने दिन में जरूर ये रिकॉर्डिंग सुनी होगी।

इतना कहते हुए अजय ने अपने लंड का दबाव बढ़ाया तो सौंदर्या मचल गई और उसकी जांघ खुल गई और बोली:"

:" आह भाई, थोड़ी सी सुनी थी बस, मैं बेचैन हो गई और बंद कर दी कि रात को सुन लुगी आराम से भाई।

अजय ने अपने मुंह को सौंदर्या की गर्दन पर रखा और गर्म गर्म सांसे छोड़ते हुए बोला:"

" आह दीदी, बेचैन होकर आपने जरूर डिल्डो हाथ में लिया होगा, हैं ना मेरी प्यारी दीदी।

सौंदर्या अपनी भाई की गर्म सांसों से पिघल गई और सिसकते हुए बोली:" उफ्फ मेरे भाई, लिया था हाथ में ये मैंने।

अजय ने धीरे से अपनी जीभ को हल्का सा उसकी गर्दन पर फिरा दिया और लंड का दबाव बढ़ाते हुए बोला:"

" हाय मेरी दीदी, क्या लिया था हाथ में बेचैन होकर?

सौंदर्या ने हाथ आगे बढाया तो उसके हाथ में डिल्डो अा गया और उसने उसे उठाया और अजय के हाथ में थमा दिया तो अजय ने डिल्डो को सौंदर्या के पेट पर रगड़ दिया और बोला:"

" हाय मेरी सौंदर्या दीदी, इसे क्या बोलते हैं ?

सौंदर्या अपने भाई की इस हरकत पर तड़प उठी और हल्की सी पीछे होते हुए बोली

" हाय उफ्फ इसे डिल्डो कहते हैं। हाय राम उफ्फ मेरी मां।

सौंदर्या के पीछे हटने से अजय तड़प उठा और उसे फिर से अपनी तरफ खींचा और अपनी पूरी जीभ उसकी गर्दन पर फिरा दी और सिसका:"

" हाय दीदी सिर्फ हाथ में लिया था और वहां भी लगाया ये डिल्डो ।

इतना कहते हुए अजय ने सौंदर्या के हाथ में डिल्डो को दबा दिया और अपने दूसरे हाथ को उसकी जांघो पर टिका दिया तो सौंदर्या की उंगलियां अपने आप उस पर कस गई और सिसकी:"

" आह भाई नहीं, वहां नहीं लगाया था मैंने इसे ?

अजय:" उफ्फ फिर इसमें से इतनी अच्छी खुशबू कैसे अा सकती हैं? हाय कितना अच्छा लग रहा है इसे सूंघकर

अजय ने सौंदर्या का हाथ पकड़ा और डिल्डो सहित अपनी नाक के पास ले आया और सूंघने लगा। सौंदर्या को अपने भाई को सपना की चूत की खुशबू की तारीफ करना पसंद नहीं अाया और सौंदर्या ने अपने पैर के अंगूठे को अजय के पैर के दबा दिया और बोली:"

" उफ्फ बेशर्म, सपना ने किया होगा जरूर, उसकी ही खुशबू होगी इसमें। पता नहीं तुझे क्यों अच्छी लग रही है इतनी।



अजय:" नहीं दीदी, आपने किया होगा पक्का, यकीन नहीं आता कि उसकी खुशबू इतनी अच्छी कैसे हो सकती हैं, आप खुद ही सूंघ लिजिएं ।

रिकॉर्डिंग पर किसी का ध्यान नहीं था और सौंदर्या अपने भाई की बात सुनकर फिर से सिसकी:"

" उफ्फ भाई, मेरा नहीं हैं, आह मुझे मत सूंघा ये सब। हाय भाई

अजय ने डिल्डो को अपने और अपनी दीदी के चेहरे के बीच कर दिया और सूंघने लगा। सौंदर्या खुद एक बार सूंघना चाहती थी लेकिन बोल नहीं पाई लेकिन अजय ने खुद ही ये काम कर दिया। डिल्डो से उठ रही खुशबू सौंदर्या को महसूस हुई तो वो पागल सी हो गई और बोली:"

" आह भाई, मत कर उफ्फ, ये कैसी खुशबू अा रही है, इसमें से उफ्फ। मुझे तो इतनी ज्यादा अच्छी नहीं लगती ये। ये मेरी नहीं हो सकती है।

अजय:" दीदी आपकी ही तो खुशबू हैं , देखो ना।

इतना हुए अजय ने सौंदर्या की गांड़ को हल्का सा मसल दिया तो सौंदर्या तड़प उठी:"

" आह भाई मेरी नहीं हैं, उफ्फ मेरी तो इससे बहुत ज्यादा अच्छी होगी सच में।

नारी ईर्ष्या के कारण सौंदर्या के मुंह से जैसे ही ये निकला तो अजय तपाक से बोल पड़ा:"

" आह दीदी क्या सच में ? उफ्फ अगर ये अच्छी नहीं है तो फिर आपकी कितनी अच्छी होगी, हाय मेरी दीदी , एक बार सूंघा दो ना, सच भी पता चल जाएगा।

सौंदर्या की चूत मचल उठी और उसने अपनी जांघो को कस लिया और बोली:"

" आह नहीं, नहीं भाई। मैं कैसे सूंघा सकती हूं, हाय मुझसे नहीं ये होगा ये काम, उफ्फ भाई तुम।

अजय ने डिल्डो से अपनी दीदी के पेट पर सहलाना शुरू कर दिया और अपने लंड का दबाव बढ़ा कर बोला:"

" हाय दीदी फिर मुझे कैसे पता चलेगा कि आपकी अच्छी है या सपना की खुशबू, डिल्डो से तो बहुत अच्छी खुशबू अा रही है। उफ्फ कितना मादक लग रहा है मुझे सच में।

सौंदर्या अपने भाई की बात सुनकर तड़प उठी और अपनी जांघो को थोड़ा सा खोल दिया और उसके हाथ को पकड़ लिया जिसमें डिल्डो था। अजय ने अपनी बहन की सहमति पाकर अपनी जीभ से उसकी कान की लौ को सहलाना शुरू कर दिया और सौंदर्या के मुंह से आह निकल पड़ी और उसका पेट अन्दर की तरफ सिकुड़ा और उसने खुद ही अपने भाई के हाथ को अपनी नाइटी में घुसा दिया।
हाथ के घुसते ही अजय ने पहली बार अपने दूसरे हाथ से उसकी गांड़ को कसकर मसल दिया और सौंदर्या के मुंह से एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी। सौंदर्या का पूरा जिस्म अपने भाई की बांहों में मचल रहा था और अजय का हाथ जरूर सौंदर्या ने पकड़ा था लेकिन डिल्डो अब अजय अपनी मर्जी से सौंदर्या की जांघो पर रगड़ रहा था जिससे सौंदर्या की चूत में रस का तूफान सा अाया हुआ था। अजय ने अपने दांतो से सौंदर्या की कान की लौ को हल्का सा काटा और डिल्डो को उसकी पेंटी के साइड से अंदर घुसा दिया। सौंदर्या की चूत पर जैसे ही डिल्डो छुआ तो उसके बदन ने एक तेज झटका खाया और उसके मुंह से फिर से आह निकल पड़ी। अजय ने डिल्डो को अपनी बहन की चूत पर अच्छे से घुमाया और जैसे ही वो चूत के छेद पर पहुंचा तो सौंदर्या पागल सी हो गईं और उसकी चूचियों के निप्पल पूरी तरह से कड़क होकर अजय के सीने में चुभने लगे और सौंदर्या ने अपने जिस्म को अपने भाई की बांहों में पूरी तरह से ढीला छोड़ दिया।

अजय डिल्डो पर जैसे ही दबाव बढ़ाता तो सौंदर्या की चूत की दीवारें झनझना जाती और सौंदर्या के मुंह से आह निकल रही थी और उसने अपने भाई की पीठ को सहला शुरू कर दिया। डिल्डो पूरी तरह से चूत रस से भीग गया था और रस की बूंदे चूत पर टपक रही थी तो सौंदर्या से बर्दास्त नहीं हुआ और आंहें भरते हुए बोली:"

" आह भाई, उफ्फ पूरा डिल्डो रस से भीग गया है, हाय मत कर अब, उफ्फ निकाल ले बाहर इसे।

अजय ने सौंदर्या की कान की लौ को हल्के हल्के चबाते हुए कहा:"

" हाय मेरी दीदी, डिल्डो किसके रस से पूरा भीग गया है, हाय बताओ ना मेरी प्यारी दीदी

इतना कहते हुए अजय ने अपने दूसरे हाथ को सौंदर्या की नाइटी के अंदर घुसा दी और उसकी गांड़ को दबोच लिया तो सौंदर्या बावली सी हो गई और उसने सब शर्म लिहाज छोड़ते हुए डिल्डो को अपनी चूत पर रगड़ दिया और अपनी चूचियों को उसके सीने पर रगड़ते हुए सिसक उठी

" हाय भाई इसके रस से भीग गया है, बिल्कुल पूरा भीग गया है, देख ना कैसे रस टपक रहा है

अजय अपनी बहन के इस कामुक अंदाज पर पूरी तरह से बहक गया और अपनी उंगली को उसकी गांड़ के पर दबाते हुए डिल्डो को चूत की क्लिट पर रगड़ दिया और बोला:"

" हाय दीदी, सच में पूरा भीग गया है, उफ्फ नाम क्या है इसका दीदी?

सौंदर्या के मुंह से मस्ती भरी आह निकल पड़ी और सिसकते हुई अपनी चूत को उपर उठाते हुए डिल्डो पर रगड़ दिया और अपने जीभ को उसके गाल पर रगड़ते हुए कानो में बहुत ही कामुक अंदाज में सिसक उठी

" आह भाई, इसके, हाय जिस पर तू डिल्डो रगड़ रहा है, हाय जिसे मैं डिल्डो पर रगड़ रही हूं। तू समझ गया ना भाई।

अजय:" हाय आह उफ्फ मैं सब समझ गया दीदी।

सौंदर्या:" भाई उफ्फ, हाय निकाल ले इसे बाहर अब, उफ्फ नहीं तो तेरी दीदी मर जाएगी।

अजय पेंटी के उपर से उसकी गांड़ के छेद को सहला कर तड़प उठा:"

" हाय मेरी दीदी, तुम तो मेरी जान हो सौंदर्या। तुम्हे कैसे मरने दे सकता हूं।


अजय ने डिल्डो को खूब अच्छे से गीला किया और बाहर निकाल लिया। सौंदर्या तड़प उठी और उसने अपनी जांघो को फिर से कस लिया। अजय ने डिल्डो को फिर से अपने और सौंदर्या के चेहरे के बीच किया और उससे उठ रही मद मस्त खुशबू उसकी नाक में समा गई। उफ्फ अजय पागल सा हो गया और सौंदर्या की जांघो को अपने दूसरे हाथ से खोलते हुए लंड को उसकी चूत पर रगड़ने लगा। अपनी चूत की खुशबू सूंघकर सौंदर्या भी पागल सी हो गई और गहरी गहरी सांस लेते हुए जोर जोर से सूंघने लगी।

अजय सिसकते बोला: हाय दीदी कितनी अच्छी खुशबू हैं आपकी, सपना तो इसके आगे बिल्कुल बेकार है। हाय मेरी दीदी कितनी अच्छी हो आप।

सौंदर्या ने राहत की सांस ली और फिर से सूंघते हुए बोली:"

" हाय भाई, सच में तुझे बहुत अच्छी लगी। उफ्फ मुझे भी अच्छी लग रही है।

अजय:" हाय दीदी सच में धन्य हो गया मैं, लेकिन इसमें से आपकी खुशबू के साथ साथ सपना की बदबू भी अा रही हैं। उफ्फ दीदी अगर सिर्फ आपकी ही खुशबू होती तो हाय मेरी प्यारी दीदी।

सौंदर्या सपना की बदबू सुनकर खुश हो गई और बोली:"

" हाय भाई, मेरी खुशबू कैसी आएगी इसमें अब ?


तभी सीमा की आवाज:" मेरे पति ने अपनी नाक को मेरी पेंटी में दबा दिया और मेरी चूत में चीटियां सी दौड़ गई। मेरा जिस्म मस्ती से भर उठा और मेरी सिसकियां कमरे में गूंज उठी।उसकी गर्म गर्म सांसे मेरी चूत पर कमाल कर रही थी हाय राधा, इतना मजा कभी नहीं आया।

अजय:" हाय दीदी उफ्फ क्या मैं भी सीमा के पति की तरह सीधे ही सूंघ लू क्या? उफ्फ मेरी दीदी आपकी खुशबू

अजय ने सौंदर्या के जिस्म की आग को इस कदर भड़का दिया था कि वो पूरी तरह से अपने भाई के काबू में थी। सौंदर्या झूठा बहाना बनाते हुए बोली:"

" उफ्फ भाई किसी को पता चल गया तो क्या होगा? हाय भाई नहीं, मैं नहीं सूंघा सकती। क्या पता तू किसी को बता दे।

अजय ने सीमा को मसलते हुए अपनी तरफ खींचा और लंड का तगड़ा धक्का उसकी चूत पर पड़ा तो वो सिसक उठी। अजय बोला:"

" हाय दीदी किसी को पता नहीं चलेगा, मैं नहीं बताऊंगा आपकी कसम दीदी, बस एक बार सूंघने दो ना, हाय मेरी दीदी। आह दीदी देखो ना, सीमा का पति भी सूंघ रहा है, उफ्फ कितना अच्छा लग रहा है सीमा को ? दीदी करने दो ना, एक बार बस, नहीं तो मैं मर जाऊंगा आह।

सौंदर्या अजय से लिपट गई और सिसक उठी:" हाय भाई तू तो मेरी जान हैं, तुझे कैसे मरने दे सकती हूं, आह भाई सूंघ ले जी भर कर।

सौंदर्या मस्ती से भर उठी और अपने भाई को बांहों में तेजी से कस लिया। अजय सब समझ गया और उसने अपनी दीदी को सीधा बेड पर लिटा दिया। वो अपनी आंखे बंद किए पड़ी थी और टांगे अपने आप खुल गई। सौंदर्या के चेहरे पर मस्ती के लहरे दौड़ गई थी और वो मचल रही थी

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अजय अपनी बहन की टांगो के बीच में अा गया और उसकी नाइटी को उपर सरका दिया जिससे उसकी जांघें पूरी तरह से नंगी हो गई और अजय ने आगे बढ़ते हुए सौंदर्या की जांघो पर अपना मुंह टिका दिया और सूघने लगा। सौंदर्या मचल उठी और बोली:"

" आह भाई, बस हट जा, उफ्फ मेरी पेंटी गीली हो गई है, आह। नहीं मान जा मेरे अच्छे भाइं।

अजय ने उसकी जांघो को खोल दिया और जांघों पर लगे चूत रस पर अपनी जीभ फिरा दी और बोला:" आह दीदी ये क्या अच्छी अच्छी खुशबू हैं उफ्फ। आपकी जांघो से भी रस निकल रहा है

सौंदर्या अपनी जांघो पर जीभ फेरते ही मचल उठी और सिसक उठी:" आह भाई, मेरी पेंटी गीली गई है पूरी तरह।

अजय:" हाय दीदी, कितनी ज्यादा गीली होती है आपकी पेंटी, हाय जांघो को भी गीला कर दिया आपकी।

सौंदर्या मस्ती से सिसक उठी और अपनी चूचियों को खुद ही मसलने लगी और बोली:"

" आह भाई बहुत ज्यादा गीली होती है, उफ्फ बिल्कुल गीली,

अजय ने अपनी बहन को अपनी चुचियों को मसलते हुए देखा तो सिसक उठा:"


आह दीदी, उफ्फ गीली हो गई है तभी तो अच्छे से खुशबू आएगी मेरी प्यारी बहना। हाय उतार दूं क्या दीदी आपकी गीली पेंटी?

सौंदर्या ने शर्म के मारे अपनी जांघो को कस लिया और सिसक उठी:" आह भाई नहीं, पेंटी मत उतार देना मेरी, आह नहीं भाई।

अजय का लंड तो फटने के लिए तैयार था और अजय ने धीरे से फिर से अपनी दीदी को जांघो को खोल दिया और उसके घुटनो के उपर अपना हल्का सा वजन टिकाते हुए अपने लंड को उसके घुटनो के बीच में सरका दिया और बोला:"

" आह दीदी नहीं उतारूंगा आपकी पेंटी।

इतना कहते हुए अजय ने अपनी नाक को पेंटी के के पास किया तो सौंदर्या उसकी गर्म गर्म सांसे महसूस करके मचल उठी और उसकी चूत अपने आप उपर की तरफ उठ गई और अजय से नाक से टकरा गई।

अजय:" हाय मेरी सौंदर्या, उफ्फ कितनी तड़प रही है तेरी पेंटी, हाय खुद ही उछल उछल उछल पड़ रही है ।

सौंदर्या अब दीदी से जान बन गई थी और उसने अपने घुटनों का दबाव लंड पर बढ़ा दिया तो अजय ने धीरे से डिल्डो को सौंदर्या की गांड़ के नीचे सरका दिया बिल्कुल उसकी गांड़ के छेद के एकदम नीचे और सौंदर्या के रहा सहा धैर्य भी जवाब दे गया और वो सिसक उठी

" आह भाई, ये क्या कर दिया, उफ्फ आज तो मेरी जान ही ले लेगा, हाय मा मैं पागल हो जाऊंगी ऐसे तो।

अजय ने अपनी नाक को सौंदर्या की पेंटी पर टिका दिया तो उसकी चूत से कुछ बूंदे और छलक उठी मानो उसकी चूत ने अजय का स्वागत किया हो। सौंदर्या की जालीदार पेंटी से रस की बूंदे अजय की नाक में समा गई और अजय ने सौंदर्या की दोनो जांघो को पकड़ कर डिल्डो पर दबा दिया और बोला:'

" हाय दीदी अच्छा ना लग रहा है तो निकाल लू क्या ?

इतना कहते हुए उसने अपने हाथ को डिल्डो की तरफ बढ़ा दिया और सिसक रही सौंदर्या ने बिना कुछ बोले उसका हाथ पकड़ लिया। अजय ने अपनी नाक को उसकी चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया और सौंदर्या का बदन झटके पर झटके खाने लगा। अजय के लंड में तनाव बढ़ता जा रहा था और सौंदर्या उसके लंड को अपने घुटनों के बीच रगड़ सा रही थी।


पागल से हो चुके लालची अजय ने अपनी नाक के साथ साथ जीभ को भी बाहर निकाल लिया और जैसे ही उसने सौंदर्या की जालीदार पेंटी पर अपनी जीभ फिराई तो सौंदर्या के मुंह से एक एक जोरदार सिसकी निकल पड़ी और उसने अपने भाई के सिर को अपनी जांघो के बीच कस लिया और उसकी चूत से निकलती हुई रस की बूंदे अजय के मुंह को भिगोती चली गई। अजय भी ये बर्दाश्त नहीं कर पाया और उसके लंड ने अपनी बारिश से अपनी बहन के घुटनो को तर कर दिया।
सौंदर्या की ज़िन्दगी का पहला स्खलन इतना जबरदस्त रहा कि मदहोशी में उसकी चूत के साथ साथ उसकी आंखो से भी खुशी के आंसू छलक उठे।तूफान गुजर जाने के बाद जैसे ही सौंदर्या को होश आया तो उसने अपनी जांघो को ढीला किया तो अजय को कुछ सुकून मिला और लाइट भी आईं मानो सौंदर्या ने लाइट को अपनी जांघो में बंद कर रखा था। लाइट में शर्म की वजह से सौंदर्या की आंखे फिर से बंद हो गई और अजय ने अपनी दीदी के खूबसूरत चेहरे को अपने हाथ में भर लिया और धीरे से बोला:"

" मेरी दीदी से अच्छी संस्कारी और सुशील लड़की दुनिया में दूसरी कोई हो ही नहीं सकती। मुझे आप पर खुद से और उस भगवान से भी ज्यादा यकीन है मेरी प्यारी दीदी।

इतना कहकर अजय ने अपनी दीदी को गले लगा लिया और सौंदर्या भी उससे लिपट गई। अपने भाई का प्यार देखकर उसकी चूत के साथ साथ अब उसकी आंखे भी भर आईं अजय ने अपनी दीदी के आंसू को अपनी जीभ से चाट लिया और सौंदर्या एक बार फिर अपने भाई का प्यार देखकर उससे लिपट पड़ी।

अपनी दीदी से अजय बिना कुछ बोले चुपचापअपने कमरे की तरफ चल पड़ा।
दोनो के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे थे लेकिन थके होने के कारण दोनो को जल्दी ही नींद आ गई
अति कामुक
 

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सौंदर्या अपने कमरे में बुत सी बनी खड़ी रह गई। उसे समझ में नहीं अा रहा था कि वो क्या करे। उसकी सारी इज्ज़त, मान सम्मान सब कुछ आज मिट्टी में मिल गया था इस डिल्डो के कारण।

उसकी नजर हाथ में पकड़े हुए डिल्डो पर गई और उसे ऐसा लग रहा था मानो उसने कोई काला ज़हरीला सांप पकड़ रख हैं। एक झटके के साथ उसके हाथ से डिल्डो नीचे गिर गया।

सौंदर्या ने एक बार बेड पर पड़े हुए डिल्डो को नफरत से देखा मानो अपने जानी दुश्मन को देख रही हो। तभी उसे उपर किसी के आने की आहट हुई तो उसने तेजी से फिर से ना चाहते हुए भी डिल्डो को उठा लिया और अपने तकिए के नीचे छुपा दिया।

उसकी मम्मी उपर अाई थी और उसे देखते ही थोड़ा नाराजगी से बोली:"

" क्या बेटी, अभी तक गीले कपड़े पहन रखे हैं तूने, चल जल्दी से कपड़े बदल ले नहीं तो बीमार पड़ जाएगी।

कमला बेड पर बैठी तो उसके हाथ गीली चादर पर पड़ गए और वो बोली :"

" हाय राम, ये तो चादर भी गीली हैं, इसको भी बदलना पड़ेगा। तुम जल्दी से बाथरूम जाओ तब तक मैं चादर बदल देती हूं।

अपनी मम्मी की बात सुनकर सौंदर्या को उसकी सांसे रुकती हुई सी महसूस हुई। ये भगवान मैं कैसे जाऊ, मम्मी ने चादर बदलते हुए अगर डिल्डो देख लिया तो उनकी नजरो में भी गिर जाऊंगी। डर में मारे सौंदर्या का पसीना छूट गया और बोली:"

" मम्मी आप आराम कीजिए, मैं खुद कर लूंगी।

कमला:" ज्यादा बाते मत बना तू, अगर खुद करना हो तो अब तक कर नहीं लेती। चल हट मुझे काम करने दे और जल्दी से अा।

डर के मारे उसका दिल बैठ सा गया और सौंदर्या ने अपने मम्मी के हाथ पकड़ बोली:"

" मम्मी आप रहने दीजिए। मैं कर लूगी मेरी प्यारी माता जी। आप क्यों परेशान हो रही हैं ?

माता जी शब्द सुनकर कमला को अपनी बेटी पर बहुत प्यार अाया और उसके वो उसका माथा सहलाती हुई बोली:"

" मेरी प्यारी बेटी, मैं कर दूंगी, तुम जल्दी से बाथरूम जाओ। अरे तुम्हे तो पसीना अा रहा है बहुत।

तभी सौंदर्या को जोर से छींक अाई और वो कमला के गले लग गई तो कमला बोली:"

" पागल कहीं की, तुझे पसीना भी अा गया और छींख भी अा गई, चल अब जल्दी से बाथरूम जा नहीं तो एक हफ्ते तक बेड पर पड़ी रहेगी।

सौंदर्या पूरी तरह से फंस गई थी और समझ नहीं पा रही थी कि क्या किया जाए। तभी उसे अपने भाई की याद अाई और उसने अपनी मा को तेजी से अपने बांहों में कस लिया और दूसरे हाथ से अपना फोन निकाल लिया।

कमला अपनी बेटी की इस हरकत पर आत्म विभोर हो गई और उसकी पीठ थपथपाने लगी और बोली:"

" इतनी बड़ी हो गई है लेकिन अभी तक छोटे बच्चे की तरह मा से चिपकती हैं मेरी बेटी।

सौंदर्या ने अपने मोबाइल का पैटर्न खोला और अजय को मेसेज टाइप करते हुए बोली:"

" मम्मी मैं चाहे कितनी भी बड़ी हो जाऊ आप तो मेरे लिए मेरी मम्मी ही रहेगी और बच्चे मा के सीने से हमेशा चिपकते ही है।

सौंदर्या ने अजय को मेसेज टाइप किया:"

" भाई प्लीज़ मुझे मा की नजरो में गिरने से बचा लो। मा मुझे बाथरूम जाने के लिए कह रही हैं और तकिए के नीचे दिलदो पड़ा हुआ है, मम्मी गीला चादर बदलेगी, अज्जु भाई मेरी मदद करो। बचाओ मुझे तुम्हे मेरी राखी की कसम।

अजय ने अपने कमरे ने मेसेज पढ़ा और इसके होंठो पर स्माइल अा गई। फिर अगले ही पल हो परेशान हो गया और बाहर की तरफ दौड़ पड़ा। कमरे में गया तो उसने अपनी दीदी को अपनी मा से लिपटे हुए देखा तो सारी कहानी समझ गया।

अजय:" क्या बात है बड़ा प्यार हो रहा है मा बेटी में।

कमला मुस्कुरा उठी और बोली:"

" अरे इसे बाथरूम जाकर गीले पकड़े बदलने के लिए कह रही हूं और ये मुझसे लिपटी हुई हैं। अब तू ही समझा इसे बेटा।

अजय:" क्यों मम्मी को परेशान कर रही हो आप दीदी? जाओ गीले कपड़े बदल लो ना आप।

अजय ने सौंदर्या को कुछ इशारा किया और वो अपनी मम्मी के साथ पलट गई और अब अजय की तरफ कमला की पीठ थीं। अजय ने तेजी से अपना हाथ आगे बढाया और डिल्डो को बाहर निकाल लिया। सौंदर्या ये सब देख रही थी और जैसे ही उसकी नजरे अजय से टकराई तो सौंदर्या पहले तो शर्म से लाल हो गई लेकिन अजय को स्माइल देखते हुए उसने उसे स्माइल दी और अजय ने डिल्डो अपनी जेब में डाल लिया। सौंदर्या ने राहत की सांस ली और अपनी मम्मी से बोली:"

" मम्मी जब आप इतनी जिद कर रही हो और भाई भी बोल रहा है तो मैं कपडे बदल ही लेती हूं।

इतना कहकर सौंदर्या अपनी मम्मी से अलग हुई और सेफ से अपने कपड़े निकालने लगी।

कमला ने राहत की सांस ली और बोली:" चलो किसी तरह ये बेचारी मान तो गई। अजय बेटा तेरी ही बात मान ली इसने।

अजय:" हान मम्मी। बहुत समझदार और संस्कारी हैं मेरी दीदी। फिर बात कैसे नहीं मानती।

सौंदर्या ने अपने कपड़े लिए और बाहर निकल गई। उसे समझ नहीं आया कि अजय ने इसकी तारीफ की है या उसके उपर तीखा कॉमेंट किया है। खैर वो नहाई और एक नाइटी पहनकर बाहर अा गई। उसने हल्के गीले खुले हुए बालो से पानी की बूंदे टपक रही थी और अजय को अपनी दीदी इस रूप में बहुत सुंदर लगी।

कमला:" अच्छा बेटा अजय सीमा की मम्मी बता रही थी कि अगले हफ्ते आचार्य तुलसी दास जी पास के ही गांव में अा रहे है तो मैं उनसे मिल भी लूंगी। तुम और सौंदर्या भी मेरे साथ चलना। कोई उपाय निकल ही जाएगा।

अजय:" ठीक हैं मम्मी, ये तो बहुत अच्छी बात हैं।

कमला:" अच्छा अब तुम दोनो आराम करो। रात बहुत हो गई है। मैं भी सो जाती हूं।

इतना कहकर कमला बाहर अा गई तो अजय भी उसके साथ साथ ही पीछे अा गया और अपने कमरे में चला गया। सौंदर्या चुपचाप अपने बेड पर पड़ी हुई सोच रही थी कि आज उसने अपनी ज़िन्दगी की सबसे बड़ी गलती कर दी है और ये सब इस कमीने डिल्डो के चलते हुआ है इसलिए इसे तोड़ दूंगी। इसके टुकड़े टुकड़े कर दूंगी।

सौंदर्या डिल्डो इधर उधर देखने लगी लेकिन कहीं मिला नहीं। तभी उसे याद आया कि वो तो अजय ने अपनी जेब में डाल लिया था और मैं यहां ढूंढ रही हूं। क्या करू अजय से मांग कर तोड़ दू क्या ?

उफ्फ मै ये क्या सोच रही हूं, अजय पता नहीं पहले से ही क्या क्या सोच रहा होगा, अगर मांगा तो फिर से यहीं सोचेगा कि कहीं मैं इसे अपने अंदर अंदर घुसाने के लिए तो नहीं मांग रही। ये भगवान मैं क्या क्या सोच रही हूं, कितनी बिगड़ गई हूं मैं।

सौंदर्या अपने विचारो में डूबी हुई थी और वहीं अजय सोच रहा था कि उसकी बहन कितनी चालू निकली, कहां तो अपने सीने से पल्लू तक नीचे नहीं आने देती और कहां डिल्डो इस्तेमाल करती हैं। अजय ने डिल्डो को अपनी जेब से बाहर निकाल लिया और उसे गौर से देखने लगा। देखने में तो ठीक था काफी मोटा और लंबा भी। उफ्फ जब मैं इसे सूंघ रहा था तो इसमें से कितनी अच्छी खुशबू अा रही थी। शायद मेरी दीदी की चूत की खुशबू होगी। अगर मम्मी नहीं अाई होती तो मैं सीधे ही सूंघ लेता आज। ये सब सोचते सोचते अजय उत्तेजित हो गया और उसने डिल्डो को अपनी नाक के पास रख लिया और सूंघने लगा। एक अजीब सी खुशबू उसकी नाक से होती हुई उसके दिमाग में समा गई और लंड ने फिर से हुंकार भरी और तनकर खड़ा हो गया। अजय का एक हाथ अपने आप लंड पर पहुंच गया और उसे पेंट के उपर से ही सहलाने लगा।

दूसरी तरफ सौंदर्या को समझ नहीं आ रहा था कि वो क्या करे, कैसे अपने भाई को विश्वास दिलाए कि ये डिल्डो उसका नहीं हैं और वो ऐसी लड़की नहीं हैं।कुछ विचार मन में करके सौंदर्या खड़ी हुई और उसने धड़कते दिल के साथ अपने कमरे से बाहर निकल गई।

उसने एक पल के लिए सोचा कि क्या उसका अपने भाई के रूम में ऐसे जाना ठीक होगा ? उसका भाई उसके बारे में क्या सोचेगा ? लेकिन उसने इन सभी बातों को मन से निकाल दिया क्योंकि वो सच्ची थी और खुद को किसी भी कीमत पर अपने भाई की नजरो में सही साबित करना चाहती थी। सौंदर्या के पांव कांप रहे थे और दिल धाड धाड करके धड़क रहा था लेकिन फिर भी उसने हिम्मत नहीं हारी और जल्दी ही वो अपने भाई के कमरे के सामने पहुंच गई। अजय एक बहुत हिम्मत वाला लड़का था और उसने कभी अपने कमरे के गेट बंद किए थे और सौंदर्या जैसे ही उसके कमरे से सामने आई तो उसकी नजर अंदर पड़ी और उसका मुंह खुला का खुला रह गया।

अजय सिर्फ अंडर वियर पहने हुए था और उसकी आंखे बंद थी और वो डिल्डो को अपनी नाक के पास करके सूंघते हुए अपने लंड को सहला रहा था। उसके चेहरे पर असीम आनन्द के भाव फैले हुए थे।

सौंदर्या की सांसे बहुत तेजी से चलने लगी और उसका गीला सूखता चला गया। ये राम, ये दिन में तो ऐसे ही कर रहा और अब भी। ये क्या सूंघ रहा है इसमें से ? सौंदर्या को याद आया कि उसने पढ़ा था कि सबकी चूत से एक भीनी भीनी खुशबू निकलती हैं। उफ्फ क्या ये मेरी चूत की खुशबू समझकर इसे सूंघ रहा है!!

ये विचार मन में आते ही उसके जिस्म के रोम रोम लहरा उठा और उसने अपनी जांघो को कस लिया मानो वो डिल्डो से नहीं बल्कि उसकी जांघो के बीच से खुशबू सूंघ रहा हो।

तभी अजय ने अपने हाथ को अपनी अंडर वियर के अंदर घुसा दिया और उसे नीचे करते हुए अपने लंड को बाहर निकाल लिया

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सौंदर्या की नजरे जैसे ही अपने भाई के हाहाकारी लंड पर पड़ी तो डर के मारे उसके मुंह से एक घुटी घुटी सी चींखं निकल गई। उसने अपने मुंह पर हाथ रखा लेकिन जब तक देर हो चुकी थी। वो तेजी से चलती हुई अपने कमरे में घुस गई। अजय ने फुर्ती से अपने लंड को अंदर किया और बाहर की तरफ दौड़ा कि कोई दिक्कत तो नहीं हो गई।

बाहर आकर देखा तो उसे कुछ दिखाई नहीं दिया और उसने एक नजर अपनी बहन के कमरे में दौड़ाई तो उसे बेड पर लेटी सौंदर्या दिखाई दी। अजय को समझ नहीं आया कि आवाज कहां से अाई थी और उसकी दीदी के कमरे की लाइट अभी तक क्यों जली हुई है।

अजय फिर से अपने कमरे में अा गया और बिस्तर पर लेट गया। उसका लंड अभी तक खड़ा हुआ था और उसने फिर से डिल्डो को हाथ में पकड़ लिया। अजय ने डिल्डो को अपनी नाक के पास रखा और सूंघने लगा। तभी उसके दिमाग में दूसरा विचार अाया कि दीदी तो अभी सोई हुई है तो क्यों ना मैं सीधे ही सूंघ लू।

लंड खड़ा हो तो दिमाग काम नहीं करता और यही अजय के साथ हुआ। उसने दीदी में लिया और मात्र अंडर वियर पहने हुए अपने खड़े लंड के साथ अपनी दीदी के रूम में घुस गया।

एक बार अपनी दीदी की पक्की नींद जानने के लिए उसने अपनी दीदी के पास जाकर धीरे से आवाज लगाई:"

" दीदी सो गई क्या आप ?

सौंदर्या जागी हुई थी और अभी तक लंड को देखकर डरी सहमी हुई थी और अपने भाई की आवाज सुनते ही वो पलटी और बोली:"

" नहीं भाई। नींद नहीं आ रही थी मुझे बिल्कुल भी।

अपनी दीदी को जागते हुए पाकर अजय के होश उड़ गए और समझ में नहीं आया कि क्या करे। फिर दिमाग से काम लेते हुए बोला:"

" ओह दीदी मैं समझ गया कि आपकों नींद क्यों नहीं अा रही है, देखो मैं आपके लिए आपकी पसंदीदा चीज लाया हूं !!

इतना कहकर अजय ने डिल्डो को आगे बढ़ा दिया। डिल्डो देखते ही सौंदर्या का मुंह फिर से शर्म से लाल हो गया।

अजय: दीदी के लो, शरमाओ मत नहीं तो आपकी इसके बिना नींद नहीं आएगी।

सौंदर्या अपने भाई की बात सुनकर रोने ये लिए तैयार सी हो गई। अजय ने डिल्डो उसके पास रखा और अपनी दीदी को स्माइल देते हुए बाहर की तरफ चल पड़ा।

जैसे ही वो कमरे के गेट पर अाया तो पीछे से सौंदर्या की आवाज सुनकर रुक गया

" अजय तुम मुझे गलत समझ रहे हो भाई। ये मेरा नहीं है। मेरी बात का यकीन करो तुम।

अजय:" दीदी आप शायद मुझे गलत समझ रही हैं। मैं आपके जज़्बात समझता हूं और आपकी जरूरत भी।

सौंदर्या अपने भाई की बात सुनकर खड़ी हुई और तेजी से आगे बढ़ कर उसकी कमर से चिपक गई और बोली:"

" भाई तेरी कसम, मेरा यकीन करो, ये मेरा नहीं हैं, सपना का हैं मैं तो आज ही इसे उसके घर से लाई थी।

अजय अपनी नंगी पीठ पर अपनी दीदी के चिपकने से उत्तेजना से भर उठा और बोला:"

" दीदी आपका हो या सपना दीदी का, मुझे इससे क्या? आप आराम कीजिए रात बहुत ज्यादा हो गई है। वैसे भी आपको कुछ जरूरी प्रोजेक्ट पूरा करना होगा।

सौंदर्या का मन किया कि वो रो पड़े। उसने और ज्यादा जोर से अपनी भाई की अपनी बांहों में कस लिया और बोली:"

" भाई क्या तुम्हे मेरी कसम पर भी यकीन नहीं है ? मैं सच में पहली बार आज इसे लाई थी। वो सीमा की सुहागरात की बात सुनकर मस्ती करने के लिए।

अजय को लगा कि उसकी बहन सच बोल रही है क्योंकि सच में सीमा की शादी अभी तो हुई हैं और आज वो अाई भी थी। अजय पलट गया और अपनी दीदी के सुंदर से चेहरे को अपने हाथ में भर लिया और बोला:"

" अच्छा चलो आपकी बात पर यकीन किया कि आपने सीमा की सुहागरात के किस्से सुने।

सौंदर्या समझ गई कि उसका भाई उसका यकीन कर रहा है इसलिए जल्दी से पुरा यकीन दिलाने के लिए बोली:"

"भाई नहीं सुन पाई। दिन भर काम में लगी रही और वो तीनो अंदर बाते करती रही। मैंने सब कुछ मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया। आज दिन में सपना बोल रही थी कि उसके पास डिल्डो हैं। इसलिए मैं घर जाने के बहाने उसके घर में घुस गई और घर में कोई नहीं था। इसलिए मैं ये निकाल लाई थी।


अजय समझ गया था कि उसकी बहन सच बोल रही है लेकिन उसके खड़े लंड ने कुछ और ही सोचा और अजय बोला:"

" दीदी इसका मतलब आपके पास उनकी रिकॉर्डिंग होनी चाहिए अगर आप सच बोल रही है तो।

सौंदर्या तपाक से बोली:" हान भाई मेरे फोन में होनी चाहिए। मैंने भी नहीं सुनी।

अजय:" अच्छा चलाओ तो जरा, मैं भी तो सुनो। क्या सच में ऐसा कुछ हुआ था ?

सौंदर्या अपने भाई की बात सुनते ही शर्म से पानी पानी हो गई और उसका मुंह लाल हो गया। अपने भाई के सामने मै कैसे ये सब सुन सकती हूं।

अजय:" क्या हुआ दीदी? उसका मतलब आप झूठ बोल रही थी। मेरी कसम भी आप झूठी खा रही थी।

सौंदर्या अपने भाई की बात सुनकर तड़प उठी और बोली:"

" भाई झूठ नहीं बोल रही। मेरा यकीन करो।

इतना कहकर सौंदर्या ने अपने मोबाइल का लॉक खोल दिया और कांपते हाथो से फाइल देखने लगी। उसकी सांसे तेज हो गई और उसकी चूचियां खुले लगे से अपना आकार दिखा रही थी। अजय की हालात ये सब देख कर खराब हो गई और अपना थूक गटकने लगा।

सौंदर्या ने फाइल तो खोल दी लेकिन चालू कर पाने की हिम्मत उसमे नहीं थी। उसने एक बार अपनी नजरे उपर उठाई और फोन को अपने भाई के हाथ में बढ़ा दिया और बोली:"

" भाई मुझसे नहीं हो पाएगा। तुम खुद ही सुन लो। शायद इसे सुनकर ही तुम मेरा यकीन करो।

इतना कहते हुए सौंदर्या ने मोबाइल अजय के हाथ में पकड़ा दिया और अपनी नजरे झुका ली। सारे ज़माने की हया उसकी चेहरे पर सिमट अाई थी और उसकी सांसे अब पहले से ज्यादा तेजी से चल रही थी जिससे उसकी चूचियां उछल कूद कर रही थी। उसके सारे जिस्म में अजीब सी उत्तेजना छाई हुई थी।

अजय:" दीदी आप पर मुझे पूरा यकीन है लेकिन हालात ही इस तरह एक बन गए हैं।

इतना कहते हुए अजय ने रिकॉर्डिंग को शुरू कर दिया।

मोबाइल पर सबसे पहले सपना कि आवाज अाई:"

" बोल ना सीमा क्यों शर्मा रही है, क्या हुआ तेरे साथ ? सुना ना अपनी सुहागरात की कहानी ?

राधा:" उफ्फ मेरी बन्नो, बोल भी कहीं लंड मुंह में घुसा कर तेरी आवाज तो नहीं भगा दी ?

राधा की बात सुनकर सौंदर्या शर्म से दोहरी हो गई। सौंदर्या ने शर्म के मारे अपना मुंह अपने दोनो को हाथों में छुपा लिया।

अजय ने अपनी दीदी की तरफ एक नजर देखा और फिर से मोबाइल पर ध्यान लगा दिया।

सीमा:" चुप हो जाओ तुम दोनों, मैं अपने पति का इंतजार कर रही थी और रात के करीब 11 बजे वो आए तो मेरी सांसे अपने आप तेज हो गई। उसने धीरे से कमरे को बंद किया और मेरे पूरे जिस्म में उत्तेजना दौड़ गई।

वो धीरे धीरे आगे बढ़ा और बेड पर मेरे पास बैठ गए और मेरा मुंह देखने के बाद मुझे गिफ्ट दिया और उसके बाद उसने मुझे अपनी बांहों में भर लिया। मैं भी प्यासी और मेरे जिस्म का अंग अंग सेक्स के लिए तड़प रहा था इसलिए मैं खुद ही उससे लिपट गई। उसने मुझे देखा और अपने जलते हुए होंठ मेरे होंठो पर रख दिए और हम दोनों एक दूसरे के होंठ चूसने और देखते ही देखते मेरी जीभ उसके मुंह में घुस गई।

अजय इतनी सेक्सी बाते सुनकर उत्तेजित हो गया और उसकी आंखे लाल हो गई थी। वहीं सौंदर्या तो जैसे ये सब सुनकर पूरी तरह से बेताब हो गई थी और उसके पूरे जिस्म में मस्ती छाई हुई थी। अजय के एक हाथ में डिल्डो और दूसरे में मोबाइल था।

आगे फिर सीमा की आवाज उभरी:" फिर उसने मेरी जीभ को चूसना शुरू कर दिया और उसके हाथ मेरी गांड़ पर अा गए और ज़ालिम ने पूरी ताकत से मेरी गांड़ को मसलना शुरु कर दिया। मेरे मुंह से मस्ती भरी आह निकल पड़ी और किस टूट गई। फिर उसने मेरी साड़ी को खोलकर एक तरफ कर दिया और एक के बाद एक उसने मेरे जिस्म पर से कपडे उतार दिए और मैं अब सिर्फ ब्रा पेंटी में रह गई। आने वाले हसीन पलो को सोचकर मेरी चूत पहले से ही गीली हो गई थी और उसने पेंटी के उपर से ही मेरी चूत को अपनी मुट्ठी में भर लिया तो मैं सिसकती हुई उससे लिपट गई और उसकी उंगलिया मेरे चूत से निकल रहे रस से भीग गई तो उसने उंगली को अपनी नाक के पास किया और सूंघने लगा और फिर अपने मुंह में भर लिया और चूस कर बोला वाह मेरी जान तेरी चूत की खुशबू सच में मजा आ गया। क्या टेस्ट हैं।

सौंदर्या की हालत पूरी तरह से बिगड़ गई थी और वो अपने पैर के पंजों को एक दूसरे से मसलने लगी। वहीं अजय का लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया था और उसकी अंडर वियर में एक बहुत बड़ा तम्बू बन गया था और अजय के ठीक सामने एक शीशा लगा हुआ था जहां से उसे सौंदर्या साफ दिखाई दे रही है।

भाई बहन दोनो पूरी तरह से गर्म हो गए थे और उनके अंदर जिस्म की आग पल पल बढ़ती ही जा रही थी। अजय ने रिकॉर्डिंग बंद नहीं करी और सौंदर्या तो इस कदर मदहोश हो गई थी कि कुछ बोल पाने की हिम्मत उसमे नहीं रह गई थी।

सीमा की आवाज फिर से उभरी" जैसे ही उसने अपनी उंगली को मुंह में दिया तो मेरी जांघें अपने आप कसती चली गई। उफ्फ ज़ालिम ने देखते ही देखते मेरी ब्रा को उतार दिया और मेरी गोल गोल चूचियां बाहर की तरफ छलक पड़ी। हाय उसने अगले ही पल मेरी चुचियों को अपने हाथो में भर लिया और जोर जोर से मसलने लगा तो मेरे मुंह से मस्ती भरी आह निकल पड़ी।

सौंदर्या की हालत पूरी तरह से बिगड़ गई थी और उसकी चुचियों में बहुत तेजी से कम्पन हो रहा था मानो उसकी नाईटी को फाड़कर बाहर आना चाहती हो। सौंदर्या की पेंटी में उसे कुछ गीलापन महसूस हुआ और सौंदर्या के जिस्म में तेज झनझनहट सी उठने लगी और उसने अजय की नजरो से बचते हुए अपने एक हाथ को अपनी जांघ पर रख दिया और खुद ही सहलाने लगी। अजय शीशे में ये देख कर मस्त हो गया और उसने भी अपने एक हाथ को अपने लंड के पास रख दिया और धीरे धीरे सहलाने लगी।

सीमा की फिर से आवाज अाई " जैसे ही उसने मेरी चूचियों को अपने मुंह में भरा तो मेरे जिस्म से रस टपकना शुरू हो गया और मैं उसके ऊपर गिरती चली गई।

अजय ने धीरे से अपनी बहन की तरफ देखा जिसकी आंखे अब मस्ती से बंद हो गई थी और अजय ने एक नजर उसकी चूचियों पर डाली जो उपर नीचे हो रही थी और बस निप्पल ही अंदर रह गया था। अजय को एक समय अपनी बहन सिर्फ एक काम देवी नजर आ रही थी।

सीमा की आवाज:" जैसे ही मैं उसके ऊपर गिरी तो मेरा हाथ अपने आप उसके लंड पर चला गया और मेरे मुंह से आह निकल गई। उफ्फ ये ही वो लंड था जिसके लिए मैं तड़प रही थी। उफ्फ 7 इंच। मैंने सारी शर्म हया छोड़कर उसे अपनी मुट्ठी में भर लिया।

सौंदर्या पूरी तरह से मदहोश हो गई और उसने एक नजर डिल्डो पर डाली और उसकी आंखे लाल हो गई। अपनी भाई की नजरो से बचते हुए उसने एक बार उसके लंड की तरफ देखा तो उसे एहसास हुआ कि अजय अपने लंड को अंडर वियर के उपर से ही सहला रहा था। सौंदर्या के मुंह से एक आह निकल पड़ी और उसके पैर जवाब दे गए और वो बेड पर गिरती चली गई। अजय ने अपनी बहन की तरफ देखा तो उसने देखा कि सौंदर्या की दोनो आंखे मस्ती में बंद हो गई थी और वो अपनी एक टांग को दूसरी पर रगड़ रही थी जिससे उसकी नाइटी उसकी घुटनो से उपर सरक गई थी और उसकी गोरी गोरी टांगे साफ नजर आ रही थी। सौंदर्या की आंखे मदहोशी में बंद हो गई थी और उसकी चुचियों और ज्यादा तेजी से उछल कूद कर रही थी।

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अजय समझ गया कि उसकी बहन पूरी तरह से बहक गई है तो उसने मासूम बनते हुए कहा:"

" दीदी क्या हुआ आप ठीक तो हैं ? अगर आप कहे तो मैं रिकॉर्डिंग बंद कर दू?

सौंदर्या की नेट वाली पेंटी पूरी तरह से भीग गई थी और उसकी जांघ तक चूत रस से भीगी हुई पड़ी थी।

सौंदर्या तो बेचारी कुछ कह पाने की स्थिति में नहीं थी और जैसे ही चुप लेती हुई अपनी टांगो को एक दूसरे से रगड़ती रही। अजय भी आराम से सौंदर्या के पास ही लेट गया लेकिन उससे थोड़ी दूरी पर और बोला:"

" दीदी जब भी आपको लगे कि ज्यादा हो रहा है और बंद करना हैं तो मुझे बता देना। मै बंद कर दूंगा रिकॉर्डिंग।

सौंदर्या के मुंह को छोड़कर आज उसका सारा जिस्म खुलकर बोल रहा था कि ये रिकॉर्डिंग चलने दे भाई। ऐसे ही चलने दे बस।

तभी अचानक से लाइट चली तू और कमरे में अंधेरा हो गया। उफ्फ इससे सौंदर्या को बड़ी राहत मिली क्योंकि उसे लाइट की वजह से बहुत ज्यादा शर्म महसूस हो रही थी।

सीमा की आवाज:" उफ्फ कितना मोटा और अच्छा लग रहा था उसका लंड। वो फिर से मेरी जांघो के बीच में अा गया और मेरी जांघो को चूमने लगा तो मेरी चूत से चिंगारी सी निकलने लगी।

सौंदर्या से अब बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने अंधेरे का फायदा उठाते हुए अपने एक हाथ को अपनी जांघो में घुसा दिया तो उसके मुंह से खुद ही एक आह निकल पड़ी। अजय धीरे से आगे हुआ और उसने सौंदर्या का हाथ हिलता हुआ देखा तो उसका जिस्म अपने आप थोड़ा सा आगे सरक गया और वो सौंदर्या के बिल्कुल करीब पहुंच गया।

सीमा की आवाज:" फिर से उसने मेरी चूत के आस पास सूंघना शुरू कर दिया और मेरी आंखे मस्ती से बंद हो गई। मेरी जांघें अपने आप खुलती चली गई और देखते ही देखते उसने अपनी नाक को मेरी पेंटी पर रख दिया तो मेरे मुंह से आह निकल पड़ी।

सौंदर्या की जांघें अपने आप थोड़ा सा खुली जिससे वो थोड़ा सा पीछे को सरक गई और उसकी कमर में अपने भाई का लंड टकराया तो उसके जिस्म के रोंगटे खड़े हो गए। उसे एहसास ही नहीं हुआ कि कब उसका भाई उसके पास लेट गया था।

वो एक झटके के साथ पीछे हुई और अगले ही पल उसे अफसोस हुआ। अजय की हिम्मत बढ रही थी और वो धीरे धीरे आगे होता रहा और सौंदर्या के हिलने से उसके पैर अजय के पैरो से टकरा रहे थे। अजय ने एक चाल चलने की तैयारी करी और अपने लंड को बाहर निकाल लिया और धीरे से बिल्कुल उसके करीब हो गया और कान में फुसफुसाया

:" आप सच बोल रही थी, मुझे आप पर पूरा यकीन हो गया है ये रेकॉर्डिंग सुनकर।

अजय की बात सुनकर सौंदर्या खुश हो गई और वो खुशी से पलटी और अपने भाई के सीने से लिपट गई। अजय का प्लान कामयाब रहा।

उसकी चूचियां अजय के सीने में घुस गई और लंड उसकी जांघो में घुसता चला गया। सौंदर्या को अपनी गलती का एहसास हुआ लेकिन जब तक देर हो गई थी क्योंकि अजय ने उसे पूरी तरह से अपनी मजबूत बांहों में कस लिया था और उसके पैर पर अपने पैर रगड़ रहा था।

सीमा की आवाज:" उफ्फ जैसे ही उसने मेरी पैंटी को सूंघना शुरू किया तो मेरी सांसे अटक सी गई और मेरे हाथ अपने आप उसके सिर पर पहुंच गए।


सौंदर्या की हालत बद से बदतर होती जा रही थी और उसकी पेंटी पूरी तरह से भीग गई थी। अजय ने अपनी कमर को आगे की तरफ किया जिससे उसका लंड सौंदर्या को चूत पर जा लगा तो सौंदर्या दीवानी सी होकर उससे लिपट गई ।

अजय ने अपने एक हाथ को उसके पेट पर रख दिया और हल्का सा सहलाते हुए बोला:"

" दीदी आपने दिन में जरूर ये रिकॉर्डिंग सुनी होगी।

इतना कहते हुए अजय ने अपने लंड का दबाव बढ़ाया तो सौंदर्या मचल गई और उसकी जांघ खुल गई और बोली:"

:" आह भाई, थोड़ी सी सुनी थी बस, मैं बेचैन हो गई और बंद कर दी कि रात को सुन लुगी आराम से भाई।

अजय ने अपने मुंह को सौंदर्या की गर्दन पर रखा और गर्म गर्म सांसे छोड़ते हुए बोला:"

" आह दीदी, बेचैन होकर आपने जरूर डिल्डो हाथ में लिया होगा, हैं ना मेरी प्यारी दीदी।

सौंदर्या अपनी भाई की गर्म सांसों से पिघल गई और सिसकते हुए बोली:" उफ्फ मेरे भाई, लिया था हाथ में ये मैंने।

अजय ने धीरे से अपनी जीभ को हल्का सा उसकी गर्दन पर फिरा दिया और लंड का दबाव बढ़ाते हुए बोला:"

" हाय मेरी दीदी, क्या लिया था हाथ में बेचैन होकर?

सौंदर्या ने हाथ आगे बढाया तो उसके हाथ में डिल्डो अा गया और उसने उसे उठाया और अजय के हाथ में थमा दिया तो अजय ने डिल्डो को सौंदर्या के पेट पर रगड़ दिया और बोला:"

" हाय मेरी सौंदर्या दीदी, इसे क्या बोलते हैं ?

सौंदर्या अपने भाई की इस हरकत पर तड़प उठी और हल्की सी पीछे होते हुए बोली

" हाय उफ्फ इसे डिल्डो कहते हैं। हाय राम उफ्फ मेरी मां।

सौंदर्या के पीछे हटने से अजय तड़प उठा और उसे फिर से अपनी तरफ खींचा और अपनी पूरी जीभ उसकी गर्दन पर फिरा दी और सिसका:"

" हाय दीदी सिर्फ हाथ में लिया था और वहां भी लगाया ये डिल्डो ।

इतना कहते हुए अजय ने सौंदर्या के हाथ में डिल्डो को दबा दिया और अपने दूसरे हाथ को उसकी जांघो पर टिका दिया तो सौंदर्या की उंगलियां अपने आप उस पर कस गई और सिसकी:"

" आह भाई नहीं, वहां नहीं लगाया था मैंने इसे ?

अजय:" उफ्फ फिर इसमें से इतनी अच्छी खुशबू कैसे अा सकती हैं? हाय कितना अच्छा लग रहा है इसे सूंघकर

अजय ने सौंदर्या का हाथ पकड़ा और डिल्डो सहित अपनी नाक के पास ले आया और सूंघने लगा। सौंदर्या को अपने भाई को सपना की चूत की खुशबू की तारीफ करना पसंद नहीं अाया और सौंदर्या ने अपने पैर के अंगूठे को अजय के पैर के दबा दिया और बोली:"

" उफ्फ बेशर्म, सपना ने किया होगा जरूर, उसकी ही खुशबू होगी इसमें। पता नहीं तुझे क्यों अच्छी लग रही है इतनी।



अजय:" नहीं दीदी, आपने किया होगा पक्का, यकीन नहीं आता कि उसकी खुशबू इतनी अच्छी कैसे हो सकती हैं, आप खुद ही सूंघ लिजिएं ।

रिकॉर्डिंग पर किसी का ध्यान नहीं था और सौंदर्या अपने भाई की बात सुनकर फिर से सिसकी:"

" उफ्फ भाई, मेरा नहीं हैं, आह मुझे मत सूंघा ये सब। हाय भाई

अजय ने डिल्डो को अपने और अपनी दीदी के चेहरे के बीच कर दिया और सूंघने लगा। सौंदर्या खुद एक बार सूंघना चाहती थी लेकिन बोल नहीं पाई लेकिन अजय ने खुद ही ये काम कर दिया। डिल्डो से उठ रही खुशबू सौंदर्या को महसूस हुई तो वो पागल सी हो गई और बोली:"

" आह भाई, मत कर उफ्फ, ये कैसी खुशबू अा रही है, इसमें से उफ्फ। मुझे तो इतनी ज्यादा अच्छी नहीं लगती ये। ये मेरी नहीं हो सकती है।

अजय:" दीदी आपकी ही तो खुशबू हैं , देखो ना।

इतना हुए अजय ने सौंदर्या की गांड़ को हल्का सा मसल दिया तो सौंदर्या तड़प उठी:"

" आह भाई मेरी नहीं हैं, उफ्फ मेरी तो इससे बहुत ज्यादा अच्छी होगी सच में।

नारी ईर्ष्या के कारण सौंदर्या के मुंह से जैसे ही ये निकला तो अजय तपाक से बोल पड़ा:"

" आह दीदी क्या सच में ? उफ्फ अगर ये अच्छी नहीं है तो फिर आपकी कितनी अच्छी होगी, हाय मेरी दीदी , एक बार सूंघा दो ना, सच भी पता चल जाएगा।

सौंदर्या की चूत मचल उठी और उसने अपनी जांघो को कस लिया और बोली:"

" आह नहीं, नहीं भाई। मैं कैसे सूंघा सकती हूं, हाय मुझसे नहीं ये होगा ये काम, उफ्फ भाई तुम।

अजय ने डिल्डो से अपनी दीदी के पेट पर सहलाना शुरू कर दिया और अपने लंड का दबाव बढ़ा कर बोला:"

" हाय दीदी फिर मुझे कैसे पता चलेगा कि आपकी अच्छी है या सपना की खुशबू, डिल्डो से तो बहुत अच्छी खुशबू अा रही है। उफ्फ कितना मादक लग रहा है मुझे सच में।

सौंदर्या अपने भाई की बात सुनकर तड़प उठी और अपनी जांघो को थोड़ा सा खोल दिया और उसके हाथ को पकड़ लिया जिसमें डिल्डो था। अजय ने अपनी बहन की सहमति पाकर अपनी जीभ से उसकी कान की लौ को सहलाना शुरू कर दिया और सौंदर्या के मुंह से आह निकल पड़ी और उसका पेट अन्दर की तरफ सिकुड़ा और उसने खुद ही अपने भाई के हाथ को अपनी नाइटी में घुसा दिया।
हाथ के घुसते ही अजय ने पहली बार अपने दूसरे हाथ से उसकी गांड़ को कसकर मसल दिया और सौंदर्या के मुंह से एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी। सौंदर्या का पूरा जिस्म अपने भाई की बांहों में मचल रहा था और अजय का हाथ जरूर सौंदर्या ने पकड़ा था लेकिन डिल्डो अब अजय अपनी मर्जी से सौंदर्या की जांघो पर रगड़ रहा था जिससे सौंदर्या की चूत में रस का तूफान सा अाया हुआ था। अजय ने अपने दांतो से सौंदर्या की कान की लौ को हल्का सा काटा और डिल्डो को उसकी पेंटी के साइड से अंदर घुसा दिया। सौंदर्या की चूत पर जैसे ही डिल्डो छुआ तो उसके बदन ने एक तेज झटका खाया और उसके मुंह से फिर से आह निकल पड़ी। अजय ने डिल्डो को अपनी बहन की चूत पर अच्छे से घुमाया और जैसे ही वो चूत के छेद पर पहुंचा तो सौंदर्या पागल सी हो गईं और उसकी चूचियों के निप्पल पूरी तरह से कड़क होकर अजय के सीने में चुभने लगे और सौंदर्या ने अपने जिस्म को अपने भाई की बांहों में पूरी तरह से ढीला छोड़ दिया।

अजय डिल्डो पर जैसे ही दबाव बढ़ाता तो सौंदर्या की चूत की दीवारें झनझना जाती और सौंदर्या के मुंह से आह निकल रही थी और उसने अपने भाई की पीठ को सहला शुरू कर दिया। डिल्डो पूरी तरह से चूत रस से भीग गया था और रस की बूंदे चूत पर टपक रही थी तो सौंदर्या से बर्दास्त नहीं हुआ और आंहें भरते हुए बोली:"

" आह भाई, उफ्फ पूरा डिल्डो रस से भीग गया है, हाय मत कर अब, उफ्फ निकाल ले बाहर इसे।

अजय ने सौंदर्या की कान की लौ को हल्के हल्के चबाते हुए कहा:"

" हाय मेरी दीदी, डिल्डो किसके रस से पूरा भीग गया है, हाय बताओ ना मेरी प्यारी दीदी

इतना कहते हुए अजय ने अपने दूसरे हाथ को सौंदर्या की नाइटी के अंदर घुसा दी और उसकी गांड़ को दबोच लिया तो सौंदर्या बावली सी हो गई और उसने सब शर्म लिहाज छोड़ते हुए डिल्डो को अपनी चूत पर रगड़ दिया और अपनी चूचियों को उसके सीने पर रगड़ते हुए सिसक उठी

" हाय भाई इसके रस से भीग गया है, बिल्कुल पूरा भीग गया है, देख ना कैसे रस टपक रहा है

अजय अपनी बहन के इस कामुक अंदाज पर पूरी तरह से बहक गया और अपनी उंगली को उसकी गांड़ के पर दबाते हुए डिल्डो को चूत की क्लिट पर रगड़ दिया और बोला:"

" हाय दीदी, सच में पूरा भीग गया है, उफ्फ नाम क्या है इसका दीदी?

सौंदर्या के मुंह से मस्ती भरी आह निकल पड़ी और सिसकते हुई अपनी चूत को उपर उठाते हुए डिल्डो पर रगड़ दिया और अपने जीभ को उसके गाल पर रगड़ते हुए कानो में बहुत ही कामुक अंदाज में सिसक उठी

" आह भाई, इसके, हाय जिस पर तू डिल्डो रगड़ रहा है, हाय जिसे मैं डिल्डो पर रगड़ रही हूं। तू समझ गया ना भाई।

अजय:" हाय आह उफ्फ मैं सब समझ गया दीदी।

सौंदर्या:" भाई उफ्फ, हाय निकाल ले इसे बाहर अब, उफ्फ नहीं तो तेरी दीदी मर जाएगी।

अजय पेंटी के उपर से उसकी गांड़ के छेद को सहला कर तड़प उठा:"

" हाय मेरी दीदी, तुम तो मेरी जान हो सौंदर्या। तुम्हे कैसे मरने दे सकता हूं।


अजय ने डिल्डो को खूब अच्छे से गीला किया और बाहर निकाल लिया। सौंदर्या तड़प उठी और उसने अपनी जांघो को फिर से कस लिया। अजय ने डिल्डो को फिर से अपने और सौंदर्या के चेहरे के बीच किया और उससे उठ रही मद मस्त खुशबू उसकी नाक में समा गई। उफ्फ अजय पागल सा हो गया और सौंदर्या की जांघो को अपने दूसरे हाथ से खोलते हुए लंड को उसकी चूत पर रगड़ने लगा। अपनी चूत की खुशबू सूंघकर सौंदर्या भी पागल सी हो गई और गहरी गहरी सांस लेते हुए जोर जोर से सूंघने लगी।

अजय सिसकते बोला: हाय दीदी कितनी अच्छी खुशबू हैं आपकी, सपना तो इसके आगे बिल्कुल बेकार है। हाय मेरी दीदी कितनी अच्छी हो आप।

सौंदर्या ने राहत की सांस ली और फिर से सूंघते हुए बोली:"

" हाय भाई, सच में तुझे बहुत अच्छी लगी। उफ्फ मुझे भी अच्छी लग रही है।

अजय:" हाय दीदी सच में धन्य हो गया मैं, लेकिन इसमें से आपकी खुशबू के साथ साथ सपना की बदबू भी अा रही हैं। उफ्फ दीदी अगर सिर्फ आपकी ही खुशबू होती तो हाय मेरी प्यारी दीदी।

सौंदर्या सपना की बदबू सुनकर खुश हो गई और बोली:"

" हाय भाई, मेरी खुशबू कैसी आएगी इसमें अब ?


तभी सीमा की आवाज:" मेरे पति ने अपनी नाक को मेरी पेंटी में दबा दिया और मेरी चूत में चीटियां सी दौड़ गई। मेरा जिस्म मस्ती से भर उठा और मेरी सिसकियां कमरे में गूंज उठी।उसकी गर्म गर्म सांसे मेरी चूत पर कमाल कर रही थी हाय राधा, इतना मजा कभी नहीं आया।

अजय:" हाय दीदी उफ्फ क्या मैं भी सीमा के पति की तरह सीधे ही सूंघ लू क्या? उफ्फ मेरी दीदी आपकी खुशबू

अजय ने सौंदर्या के जिस्म की आग को इस कदर भड़का दिया था कि वो पूरी तरह से अपने भाई के काबू में थी। सौंदर्या झूठा बहाना बनाते हुए बोली:"

" उफ्फ भाई किसी को पता चल गया तो क्या होगा? हाय भाई नहीं, मैं नहीं सूंघा सकती। क्या पता तू किसी को बता दे।

अजय ने सीमा को मसलते हुए अपनी तरफ खींचा और लंड का तगड़ा धक्का उसकी चूत पर पड़ा तो वो सिसक उठी। अजय बोला:"

" हाय दीदी किसी को पता नहीं चलेगा, मैं नहीं बताऊंगा आपकी कसम दीदी, बस एक बार सूंघने दो ना, हाय मेरी दीदी। आह दीदी देखो ना, सीमा का पति भी सूंघ रहा है, उफ्फ कितना अच्छा लग रहा है सीमा को ? दीदी करने दो ना, एक बार बस, नहीं तो मैं मर जाऊंगा आह।

सौंदर्या अजय से लिपट गई और सिसक उठी:" हाय भाई तू तो मेरी जान हैं, तुझे कैसे मरने दे सकती हूं, आह भाई सूंघ ले जी भर कर।

सौंदर्या मस्ती से भर उठी और अपने भाई को बांहों में तेजी से कस लिया। अजय सब समझ गया और उसने अपनी दीदी को सीधा बेड पर लिटा दिया। वो अपनी आंखे बंद किए पड़ी थी और टांगे अपने आप खुल गई। सौंदर्या के चेहरे पर मस्ती के लहरे दौड़ गई थी और वो मचल रही थी

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अजय अपनी बहन की टांगो के बीच में अा गया और उसकी नाइटी को उपर सरका दिया जिससे उसकी जांघें पूरी तरह से नंगी हो गई और अजय ने आगे बढ़ते हुए सौंदर्या की जांघो पर अपना मुंह टिका दिया और सूघने लगा। सौंदर्या मचल उठी और बोली:"

" आह भाई, बस हट जा, उफ्फ मेरी पेंटी गीली हो गई है, आह। नहीं मान जा मेरे अच्छे भाइं।

अजय ने उसकी जांघो को खोल दिया और जांघों पर लगे चूत रस पर अपनी जीभ फिरा दी और बोला:" आह दीदी ये क्या अच्छी अच्छी खुशबू हैं उफ्फ। आपकी जांघो से भी रस निकल रहा है

सौंदर्या अपनी जांघो पर जीभ फेरते ही मचल उठी और सिसक उठी:" आह भाई, मेरी पेंटी गीली गई है पूरी तरह।

अजय:" हाय दीदी, कितनी ज्यादा गीली होती है आपकी पेंटी, हाय जांघो को भी गीला कर दिया आपकी।

सौंदर्या मस्ती से सिसक उठी और अपनी चूचियों को खुद ही मसलने लगी और बोली:"

" आह भाई बहुत ज्यादा गीली होती है, उफ्फ बिल्कुल गीली,

अजय ने अपनी बहन को अपनी चुचियों को मसलते हुए देखा तो सिसक उठा:"


आह दीदी, उफ्फ गीली हो गई है तभी तो अच्छे से खुशबू आएगी मेरी प्यारी बहना। हाय उतार दूं क्या दीदी आपकी गीली पेंटी?

सौंदर्या ने शर्म के मारे अपनी जांघो को कस लिया और सिसक उठी:" आह भाई नहीं, पेंटी मत उतार देना मेरी, आह नहीं भाई।

अजय का लंड तो फटने के लिए तैयार था और अजय ने धीरे से फिर से अपनी दीदी को जांघो को खोल दिया और उसके घुटनो के उपर अपना हल्का सा वजन टिकाते हुए अपने लंड को उसके घुटनो के बीच में सरका दिया और बोला:"

" आह दीदी नहीं उतारूंगा आपकी पेंटी।

इतना कहते हुए अजय ने अपनी नाक को पेंटी के के पास किया तो सौंदर्या उसकी गर्म गर्म सांसे महसूस करके मचल उठी और उसकी चूत अपने आप उपर की तरफ उठ गई और अजय से नाक से टकरा गई।

अजय:" हाय मेरी सौंदर्या, उफ्फ कितनी तड़प रही है तेरी पेंटी, हाय खुद ही उछल उछल उछल पड़ रही है ।

सौंदर्या अब दीदी से जान बन गई थी और उसने अपने घुटनों का दबाव लंड पर बढ़ा दिया तो अजय ने धीरे से डिल्डो को सौंदर्या की गांड़ के नीचे सरका दिया बिल्कुल उसकी गांड़ के छेद के एकदम नीचे और सौंदर्या के रहा सहा धैर्य भी जवाब दे गया और वो सिसक उठी

" आह भाई, ये क्या कर दिया, उफ्फ आज तो मेरी जान ही ले लेगा, हाय मा मैं पागल हो जाऊंगी ऐसे तो।

अजय ने अपनी नाक को सौंदर्या की पेंटी पर टिका दिया तो उसकी चूत से कुछ बूंदे और छलक उठी मानो उसकी चूत ने अजय का स्वागत किया हो। सौंदर्या की जालीदार पेंटी से रस की बूंदे अजय की नाक में समा गई और अजय ने सौंदर्या की दोनो जांघो को पकड़ कर डिल्डो पर दबा दिया और बोला:'

" हाय दीदी अच्छा ना लग रहा है तो निकाल लू क्या ?

इतना कहते हुए उसने अपने हाथ को डिल्डो की तरफ बढ़ा दिया और सिसक रही सौंदर्या ने बिना कुछ बोले उसका हाथ पकड़ लिया। अजय ने अपनी नाक को उसकी चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया और सौंदर्या का बदन झटके पर झटके खाने लगा। अजय के लंड में तनाव बढ़ता जा रहा था और सौंदर्या उसके लंड को अपने घुटनों के बीच रगड़ सा रही थी।


पागल से हो चुके लालची अजय ने अपनी नाक के साथ साथ जीभ को भी बाहर निकाल लिया और जैसे ही उसने सौंदर्या की जालीदार पेंटी पर अपनी जीभ फिराई तो सौंदर्या के मुंह से एक एक जोरदार सिसकी निकल पड़ी और उसने अपने भाई के सिर को अपनी जांघो के बीच कस लिया और उसकी चूत से निकलती हुई रस की बूंदे अजय के मुंह को भिगोती चली गई। अजय भी ये बर्दाश्त नहीं कर पाया और उसके लंड ने अपनी बारिश से अपनी बहन के घुटनो को तर कर दिया।
सौंदर्या की ज़िन्दगी का पहला स्खलन इतना जबरदस्त रहा कि मदहोशी में उसकी चूत के साथ साथ उसकी आंखो से भी खुशी के आंसू छलक उठे।तूफान गुजर जाने के बाद जैसे ही सौंदर्या को होश आया तो उसने अपनी जांघो को ढीला किया तो अजय को कुछ सुकून मिला और लाइट भी आईं मानो सौंदर्या ने लाइट को अपनी जांघो में बंद कर रखा था। लाइट में शर्म की वजह से सौंदर्या की आंखे फिर से बंद हो गई और अजय ने अपनी दीदी के खूबसूरत चेहरे को अपने हाथ में भर लिया और धीरे से बोला:"

" मेरी दीदी से अच्छी संस्कारी और सुशील लड़की दुनिया में दूसरी कोई हो ही नहीं सकती। मुझे आप पर खुद से और उस भगवान से भी ज्यादा यकीन है मेरी प्यारी दीदी।

इतना कहकर अजय ने अपनी दीदी को गले लगा लिया और सौंदर्या भी उससे लिपट गई। अपने भाई का प्यार देखकर उसकी चूत के साथ साथ अब उसकी आंखे भी भर आईं अजय ने अपनी दीदी के आंसू को अपनी जीभ से चाट लिया और सौंदर्या एक बार फिर अपने भाई का प्यार देखकर उससे लिपट पड़ी।

अपनी दीदी से अजय बिना कुछ बोले चुपचापअपने कमरे की तरफ चल पड़ा।
दोनो के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे थे लेकिन थके होने के कारण दोनो को जल्दी ही नींद आ गई
अति कामुक
 
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