सौंदर्या अपने घर से निकल गई और सीमा के घर की तरफ चल पड़ी। रास्ते में खड़े हुए मनचलों की नजर रोज की तरह आज भी उस पर ही टिकी हुई थी लेकिन वो हमेशा की तरह बिना किसी की परवाह किए हुए सीमा के घर पहुंच गई।
सीमा ने उसे देखते ही गले लगा लिया और बोली:"
" रात कहां रह गई थी तुम ? मैंने कितना इंतजार किया तुम्हारा।
सौंदर्या:" अरे बाबा शहर से आते हुए रात हो गई थी और फिर घर के काम में लग गई बस इसलिए आ नही पाई।
सीमा:" अब आज कोई बहाना नहीं चलेगा, तुम्हे यहीं सोना होगा आज मेरे घर ही। अब तुम मेरी शादी के बाद ही घर जाओगी।
सौंदर्या:" समझा कर सीमा, कॉलेज भी जाना होता है और घर पर मा अकेली होती हैं। अरे हां आज अजय भी घर अा रहा है।
सीमा खुशी से उछलते हुए:" क्या अजय घर अा रहा हैं। ये तो बहुत खुशी को बात है। कितने दिन हो गए उसे देखे हुए। चलो अच्छा हैं शादी से पहले एक बार और देख लूंगी अपने भाई को।
सौंदर्या:" हान अच्छा हैं। अा गया होगा घर या आने वाला होगा। अच्छा हैं अब वो तेरी शादी में भी शामिल हों जाएगा।
सीमा:" हान और क्या। अच्छा ये देख ना पूजा ने मेहंदी अच्छी लगाई हैं ना ?
इतना कहकर सीमा ने अपने मेहंदी लगे हाथ उसके आगे फैला दिए और पलट पलट कर दिखाने लगी। सौंदर्या गौर से उसकी मेहंदी देखने लगी और ये सब देखकर उसके दिल में एक दर्द भरी टीस सी उठी लेकिन अपने आपको सामान्य बनाते हुए बोली:"
" सचमुच बहुत प्यारे लग रहे हैं तुम्हारे हाथ। पूजा ने बहुत ही अच्छी मेहंदी लगाई हैं।
सीमा अपनी मेहंदी की तारीफ सुनकर खुश हो गई और तभी उसकी दूसरी सहेलियां भी अा गई और सबके बीच बाते होने लगी।
वहीं दूसरी तरफ अजय बस से नीचे उतरा और अपने गांव की जमीन पर पैर रखते ही उसका दिल खुशी से उछलने लगा। अपने गांव की मिट्टी की सौंधी खुशबू की बात ही कुछ और होती हैं और ये ही खुशबू अजय महसूस कर रहा था। उसके चेहरे पर स्माइल अा गई और उसके पैर खुद ही अपने घर की तरफ उठ गए।
अजय गांव में सभी को नमस्कार करता हुआ और उनका आशीर्वाद लेते हुए आगे बढ़ गया। वो अपने घर के अंदर घुसा और अपनी मा कमला को देखते ही स्माइल करते हुए उनके पैर छूने के लिए झुक गया।
कमला ने उसे उठाकर अपने गले लगा लिया और बोली:
" जुग जुग जियो मेरे लाल, भगवान करे तुम्हे मेरी भी उम्र लग जाए।
अजय ने भी अपनी मम्मी को अपनी बांहों में भर लिया और उनसे किसी छोटे बच्चे की तरह चिपक गया। मा अपने लाडले बेटे को दुलारती रही और फिर बोली:'
" अच्छा चलो तुम अंदर जाओ, और जल्दी से फ्रेश हो जाओ। मैं तुम्हारे लिए कुछ खाने का इंतजाम कर देती हूं।
अजय अपने मा से अलग हुआ और इधर उधर देखते हुए बोला:"
" मम्मी सौंदर्या दीदी कहां हैं, नजर नहीं आ रही है मुझे।
कमला: अरे बेटा वो सीमा की शादी हैं ना जो अपने रामू काका की बिटिया हैं। बेचारी के पति को रात में खेत में पानी चलाते हुए सांप ने काट लिया था। अब उसके देवर के साथ उसकी शादी हो रही है।
अजय:" अच्छा मम्मी। ये तो बहुत अच्छी बात हैं कि गांव की बेटी का बिखरा हुआ घर फिर से बस रहा है।
इतना कहकर अजय अंदर चला गया और अपने कमरे को ध्यान से देखा तो उसे खुशी हुई क्योंकि कमरा पूरी तरह से साफ कर दिया गया था और कहीं भी धूल का नामो निशान नहीं था। अजय जानता था कि ये सब उसकी बहन सौंदर्या ने किया होगा क्योंकि वो बचपन से ही सफाई बहुत ज्यादा पसंद करती हैं।
अजय ने अपना बैग रखा और नहाने के लिए बाथरूम में घुस गया। कमला घर में बनी हुई रसोई में घुस गई और दूध गर्म करने लगी और उसने गाजर का हलवा भी गर्म कर दिया।
अजय नहाकर बाहर आ गया और अपने कपड़े बदल कर बैठ गया । तभी उसकी मम्मी कमरे में दूध लेकर अा गई और बोली:"
" लो बेटा गर्म गर्म दूध पियो। साथ में तेरी पसंद का गाजर का हलवा भी।
अजय ने अपनी मा के हाथ से दूध ले लिया और एक घूंट भर कर बोला:"
" सच में मम्मी घर के दूध के बात ही कुछ और होती हैं। वहां शहर में तो ऐसा लगता था मानों पानी में सफेद रंग घोल कर उसे दूध का नाम दिया गया और। लेकिन अपने घर के दूध की तो बात ही कुछ और हैं।
कमला:" बेटा वो इसलिए क्योंकि बाहर यानी शहर की चीज़े मिलावटी होती हैं और घर की चीज बिल्कुल शुद्ध और ताकत वाली होती हैं।
अजय हलवा खाते हुए बोला:"
" मम्मी आपने हलवा तो बहुत ज्यादा टेस्टी बनाया हैं। सच में मजा अा गया।
कमला:" अरे बेटा इस बार तेरे किए हलवा तो सौंदर्या ने बनाया हैं बहुत मेहनत से।
अजाय: अच्छा मम्मी। इसका मतलब सौंदर्या दीदी भी अच्छा खाना बनाने लगी हैं।
कमला:" हान बेटा, एक लड़की के लिए अच्छा खाना बनाना आना जरूरी होता है क्योंकि उसे अगले घर जाना होता है। और अपनी सौंदर्या को तो जानता ही हैं बेचारी 34 साल की हो गई है,उसके साथ की सभी लड़कियों के तो बच्चे भी हो गए हैं। बेचारी हमारी बेटी उसके लिए तो मांगलिक होना जैसे अभिशाप बन गया हैं।
अजय:" आप चिंता मत करो मम्मी। अब मैं अा गया हूं तो जल्दी ही उसके लिए कोई अच्छा लड़का देखकर उसकी शादी कर दूंगा मम्मी।
कमला:" हान बेटा, हमे अब उसकी शादी करनी हो पड़ेगी। बेचारी मुंह से कुछ नहीं कहती बस अंदर ही अंदर घुटती रहती हैं। जब से उसे सीमा की दुबारा शादी होने की बात पता चली हैं तब से वो बहुत उदास हैं।
अजय: मम्मी अब आप दीदी कि चिंता ना करे। मैं अा गया हूं और उसकी शादी उसका भाई आप देखना कितनी धूम धाम से करेगा।
कमला के चेहरे पर पहली बात खुशी छलक उठी और बोली:"
" हान बेटा। बस अब तुझसे ही तो उम्मीद हैं मुझे। बेटा जवान लड़की हैं अपनी सौंदर्या, शादी को उम्र निकलती जा रही हैं। मेरी कम बात को ज्यादा समझ।
अजय: मम्मी आप उसकी उसकी कोई फिक्र ना करे। अभी सौंदर्या का भाई जिंदा हैं।
इतना कहकर अजय हलवा खाने में लग गया और कमला वहीं बैठी हुई अपने बेटे को देखती रही और दोनो मा बेटे फिर गांव की बात करने लगे।
अजय: और बताओ मम्मी गांव में सब ठीक चल रहा हैं ना अपने।
कमला:" हान बेटे सब ठीक है। अच्छा मैं खाना बना देती हूं फिर रात में ठंड बहुत ज्यादा होती हैं।
इतना कहकर कमला फिर से रसोई में घुस गई और अजय ने मजे से सारा हलवा खाया और फिर अपनी मा से बोला:"
" मम्मी मैं सौंदर्या दीदी से मिलने सीमा के घर जा रहा हूं। आते हुए उन्हें वापिस भी लेते आऊंगा।
कमला: जल्दी आना बेटा। आज कल ठंड बहुत बढ़ गई है।
अजय: मम्मी आप फिक्र ना करे। मैं ज्यादा देर नहीं करूंगा।
इतना कहकर अजय बाहर की तरफ निकल गया और उसने सीमा के घर की तरफ चलना शुरू कर दिया।
वहीं दूसरी तरफ सभी सहेलियां मिलकर सीमा की टांग खींच रही थी और सीमा का मुंह शर्म से लाल हो रहा था।
राधा:" अरे सीमा मुबारक हो तुझे फिर से दुल्हन बन रही हैं। एक और बकरा हलाल कर देगी तू तो।
सीमा ने अपना नीचे झुका लिया और शरमाने लगी तो सपना उसके कंधे पर हाथ रखते हुए बोली:"
" हाय देखो तो कैसे शर्मा रही है जैसे कुछ जानती ही ना हो। सुना है तेरा देवर तेरे से 11 साल छोटा हैं और अभी 22 साल का ही हैं। किस्मत खुल गई तेरी तो। सारी रात उपर चढ़ा रहेगा तेरे।
राधा:" हाय ये नई उम्र के लड़के भी ना बस कमाल के होते हैं , जिस्म की एक एक नस खोल देते हैं ज़ालिम।
सीमा को हालत खराब हो गई और वो बोली:'
" कुछ तो शर्म करो, क्यों इतना तंग कर रही हो तुम।
सपना:" हाय इसमें तंग कैसा करना, मेरा तो मन हैं कि तेरी जगह मैं ही सुहागरात मना लू।
सौंदर्या ये सब सुनकर अपनी किस्मत को कोस रही थी लेकिन सबके बीच में वो आराम से बैठी हुई थी। राधा उससे बोली:
" ओए सौंदर्या तुम भी कुछ बोलो ना, तुम्हे क्यों सांप सूंघ गया हैं ?
सौंदर्या:" क्या बोलूं, पता नहीं तुम सब कैसी कैसी बाते कर रही हो, क्यों बेचारी सीमा को परेशान कर रही हो तुम।
सपना:" शादी शुदा लड़कियां तो ऐसी ही अश्लील बाते करते हैं। अभी तेरी शादी नहीं हुई ना इसलिए तुझे अभी क्या समझाऊं मैं मेरी प्यारी।
तभी सीमा की मा ने सौंदर्या को आवाज लगाई और वो उठकर बाहर चली गई लेकिन सपना के शब्द उसके दिल में तीर की तरह उतर हुए थे। उसका मन किया कि वो रो पड़े और अपने घर भाग जाए लेकिन वो कोई तमाशा नहीं करना चाहती थी।
सीमा की मम्मी: अरे बेटी सौंदर्या एक काम कर मुझे इस बराबर वाले कमरे में से थोड़ा गेहूं निकाल कर ला दे। एक तू ही समझदार हैं ये बाकी सारी लड़कियां तो निकम्मी हो गई है। शादी क्या हुई बिल्कुल बदल ही गई है।
सौंदर्या ने सीमा की मम्मी को एक स्माइल दी और बाल्टी लेकर कमरे में घुस गई। ये कमरा बिल्कुल सीमा के कमरे की साथ जुड़ा हुआ था। सौंदर्या टंकी से गेंहू निकालने लगी तभी इसके कानो में सीमा की आवाज पड़ी जो कि कमरे के रोशनदान से अा रही थी:"
" सपना तुम पागल तो नहीं हो गई हो जो तुम सौंदर्या से ऐसी बाते कर रही थी। तुझे कुछ एहसास हैं उसे कितना दुख हुआ होगा, अगर बेचारी मांगलिक ना होती तो सबसे पहले उसकी ही शादी हो गई होती।
सपना को जैसे सांप सूंघ गया और उसे अपनी गलती का एहसास हुआ कि मजाक मजाक में उसने सौंदर्या का दिल दुखा दिया है। उसके चेहरे को उदासी अा गई और बोली:"
" हाय भगवान मुझसे मजाक मजाक में ही ये क्या पाप हो गया। सच में मुझे अब बहुत बुरा लग रहा है ये सोचकर ही।
सीमा:" चल कोई बात नहीं, आगे से ध्यान रखना वैसे भी सौंदर्या इतनी अच्छी हैं जो किसी बात का बुरा नहीं मानती।
राधा:" हान ये बात तो हैं सीमा, सच में बहुत अच्छी हैं अपनी सौंदर्या, जितनी सुशील और समझदार हैं उससे कहीं ज्यादा सुंदर भी हैं।
सौंदर्या आराम से बैठी हुई उनकी बाते सुन रही थी। पहले जहां उसे बुरा लग रहा था वहीं अब अपनी तारीफ सुनकर खुद को काफी हल्का महसूस कर रही थी। टंकी से अनाज धीरे धीरे निकल रहा था इसलिए वो वहीं बैठी हुई थी।
सपना:" हान ये बात तो हैं राधा सच में सौंदर्या हम सबसे बहुत ज्यादा सुंदर हैं। उसकी खूबसूरती के चर्चे तो पूरे गांव में हैं।
सीमा:" ये बात तो तुमने ठीक कही सपना। सच में जितना सुंदर उसका मुखड़ा हैं उससे कहीं ज्यादा सुंदर उसका शरीर हैं।
सपना:' सच में मुझे तो कभी कभी सौंदर्या से जलन होती हैं कि भगवान ने ऐसा जिस्म, ऐसी कामुक जवानी मुझे क्यों नहीं दी।
राधा:" ये बात तो तेरी सौलाह आने सच है सपना। तुझे ही क्या गांव की हर एक लड़की को उससे जलन होती हैं। उफ्फ कैसे नागिन की तरह लहराते हुए चलती हैं। सारे गांव के नजर उसके मटकते हुए पिछवाड़े पर ही होती हैं।
सौंदर्या को जैसे यकीन ही नहीं हो रहा था कि ये सब बाते उसकी सहेली उसके बारे में कर रही है। क्या मेरी चाल सच में इतनी ज्यादा कामुक हैं। ये सब सोचते सोचते ही उसकी आंखे लाल होने लगी और उसका दिल तेजी से धड़कने लगा।
सीमा:" सच कहा तूने, उफ्फ ये सौंदर्या लड़की नहीं जीती जागती क़यामत हैं, ऐसे कामुक, ठोस उभरे हुए चूतड़ मेरे क्यों नहीं हैं।
सपना ने धीरे से एक हाथ आगे बढ़ा कर सीमा के पिछवाड़े पर रख दिया और दबाते हुए बोली:"
" हाय सीमा, देख ना तेरे चूतड़ मस्त तो हैं लेकिन सच में सौंदर्या की गांड़ की बात ही कुछ और हैं।
सीमा ऐसे अपने चूतड़ दबाए जाने से सिसक उठी और बोली:"
" उफ्फ कमीनी कया करती हैं, अगर निशान पड़ गए तो। सौंदर्या के चूतड़ों के नशे में मेरा क्यों नाश कर रही है तू।
राधा की हंसी छूट गई और बोली:" हान री सपना, इस बेचारी के चूतड़ अभी से लाल मत कर, वैसे भी आज इसके चूतड़ तो इसका दीवार मसल मसल कर लाल कर देगा।
इसके बाद तीनो की हंसी गूंज उठी और सौंदर्या के होंठो पर भी स्माइल अा गई। उसकी आंखे अब पूरी तरह से लाल हो गई थी और चूचियां उपर नीचे हो रही थी। उसके तन बदन में एक चिंगारी सी उठ गई थी और ना चाहते हुए उसका एक हाथ अपने आप अपनी गांड़ पर चला गया। जैसे ही उसने अपनी गांड़ को छुआ उसके मुंह से एक मस्ती भरी आह निकल पड़ी और उसकी आंखे बंद हो गई।
तभी उसके कानों में फिर से सीमा की आवाज गूंज उठी
" हाय ये सब इस कमीनी सौंदर्या की गांड़ के चक्कर में तुमने मेरी गांड़ मसल दी। कसम से इसकी जवानी कहर ढा रही है।
राधा:" हाय मेरी बन्नो, उसकी सिर्फ गांड़ ही नहीं वो तो सारी लाजवाब हैं। मुझे तो उसकी चूचियां बहुत पसंद हैं।
सपना:" उफ्फ क्यों आग लगा रही है तू, कभी देखी हैं क्या उसकी चूचियां तूने ?
राधा:" हाय मेरी कहां ऐसी किस्मत, कमीनी साडी भी इतनी अच्छे से पहनती हैं कि चूचियों के उभार की लाइन तक नहीं दिखती।
सपना:" बाहर से देखने से तो बहुत बड़ा उठाव हैं उसकी छाती पर। सच में उसकी चूचियां बाहर की तरफ तनी हुई रहती हैं।
सीमा:" क्या करू तुम्हारा, तुम गंदी लड़की, क्यों मुझे अभी से तड़पा रही हो तुम।
सपना:" तड़प ले मेरी जान, फिर तो देखना दो दिन बाद कैसे तेरी सारी आग ठंडी हो जाएगी।
सीमा:" उफ्फ ये बात तो हैं। वैसे तुझे एक बात बताऊं क्या आज राज की मैं?
सपना और राधा दोनो जल्दी से बोली:" हान हान जल्दी बोल ना, क्या बात हैं ?
सीमा:" देख गलत मत सोचना, मैंने अपने देवर का लंड एक बार देखा हुआ है।
सपना:" उफ्फ क्या बात कर रही है तू, सिर्फ देखा ही हैं या चुद भी गई है तू उससे।
सीमा:" बस देखा था, एक बार गलती से उसके कमरे में घुस गई थी। तभी देखा था तभी मैंने सोचा था कि एक बार इससे जरूर चुदूंगी।
राधा:" हाय मेरी बन्नो, मतलब आज रात तू जिस घोड़े की सवारी करेगी उसको पहले ही देख चुकी है। वाह री तेरी किस्मत। एक बार नहीं अब तो रोज चुदना तू।
सपना:" उफ्फ क्या बात कर रही है तू सीमा, ऐसा क्या था उसके लंड में ?
सीमा:" हाय सीमा सच कहूं तो मैंने ऐसा लंड नहीं देखा था, उफ्फ मेरे पति का तो पांच इंच लम्बा और 1.5 मोटा था बस।
राधा:" उफ्फ इतना ही तो होता हैं सबका, फिर तेरे देवर का कैसा था ?
सीमा:" हाय कैसे बताऊं, उफ्फ कम से कम सात इंच लम्बा और दो इन्च मोटा था।
सपना:" हाय मेरी मईय्या, क्या तू सच बोल रही है, तू तो गई काम से सीमा।
राधा:" क्या तू सच बोल रही है सीमा ? ऐसा तगड़ा लंड तो बाहर विदेश में होता हैं।
सीमा:" सच में मम्मी कसम, अपने बेटे की कसम, मुझे खुद यकीन नहीं हुआ था देखकर।
सपना ने आगे बढ़कर उसकी एक चूची को मसल दिया और बोली:"
" हाय मेरी बन्नो, तेरी तो किस्मत खुल गई, उफ्फ लंड जितना तगड़ा हो उतना ज्यादा मजा देता है। उफ्फ
सीमा अपनी चूची दबाए जाने से मचल उठी और बोली:"
" क्या करती हैं कमीनी तू, होश में रह, मोटा लन्ड दर्द कितना करेगा ये सोचकर डर गई हूं।
राधा:" डर के आगे जीत हैं सीमा, दर्द तो बस एक बार देगा उसके बाद तो तेरे मजे ही होंगे।
सौंदर्या की तो जैसे हालत खराब हो गई थी। उसकी सांसे तेज हो गई थी और जिस्म मचल रहा रहा था। तभी उसे गेट पर सीमा की मम्मी नजर अाई और बोली:"
" क्या बेटी गेंहू निकला नहीं क्या अभी तक ?
सौंदर्या का ध्यान गेंहू पर गया तो देखा कि बाल्टी तो कब की भर गई थी और गेंहू नीचे बिखर रहा था। सौंदर्या धीरे से बोली:"
" हो गया चाची, बस अभी लेकर अा रही हूं।
इतना कहकर उसने बाल्टी उठाई और बाहर निकल गई। ठंड के इस मौसम में भी उसके माथे पर पसीना छलक रहा था। उसने अपना पसीना साफ किया और बाल्टी का सारा गेंहू बाहर कपडे पर पलट दिया।
सीमा की मम्मी:" ठीक हैं बेटी, अब तू एक काम कर मैंने चाय बना दी। तुम अंदर ले जाओ और सबके साथ पी लो।
सौंदर्या ने चाय की ट्रे को पकड़ा और अंदर ले गई। सौंदर्या को देखते ही सीमा और सभी की मस्ती को ब्रेक सा लग गया और सभी चुप हो गई।
सौंदर्या:" लो सभी लोग चाय पियो, आंटी ने सबके लिए गर्म गर्म चाय दी हैं।
सभी ने चाय के कप लिए अपने पीने लगीं। तभी घर के अंदर अजय दाखिल हुआ और उसने सीमा की मम्मी के पैर छुए और बोला:" आंटी जी ठीक हो ?
सीमा की मम्मी:" हान बेटा, जीतो रहो तुम। सब ठीक हैं बेटा ?
अजय:" हान आंटी जी। सब ठीक है, सौंदर्या दीदी कहां हैं ?
सीमा की मम्मी ने जोर से आवाज लगाई:" अरे ओ सौंदर्या देख तू तेरा भाई अजय आ गया है।
सौंदर्या ने जैसे ही ये सुना तो वो अपनी कप टेबल पर रख कर तेजी से बाहर की तरफ भागी।अपने भाई के पास पहुंचते ही सौंदर्या रुक सी गई और एक बार स्माइल के साथ अपने भाई की तरफ देखा
सौंदर्या को ऐसे बच्चो की तरह दौड़ती हुई देखकर अजय के होंठो पर भी स्माइल आ गई और सौंदर्या एक झटके के साथ आगे बढ़ी और अजय के गले लग गई। अजय ने भी अपनी बहन को अपनी बांहों में कस लिया। सौंदर्या की सांसे पहले ही तेज गति से होने के कारण उसकी चूचियां उपर नीचे हो होकर टाइट हो गई थी और जोर से कसने के कारण उसकी चूचियां अजय के सीने में घुसी जा रही थी।
तभी तक सीमा, सपना और राधा भी बाहर अा गए और देखा कि कैसे सौंदर्या अपने छोटे भाई से बच्चे की तरह लिपटी हुई है। सभी को एहसास हो गया है सौंदर्या अपने भाई से बहुत प्यार करती है।
थोड़ी देर बाद वो दोनो भाई बहन अलग हुए और सौंदर्या बोली:"
" इतनी देर कहां लगा दी तुमने ?
अजय:" अरे मेरी प्यारी दीदी मैं लोकल बस में आया हूं तो समय तो ज्यादा लगता ही हैं।
सपना:" अरे भाई बहन का मिलाप खत्म हो तो अजय हमसे भी बात कर लो।
अजय ने सबकी तरफ देखा और नमस्ते करी और बोला:"
" कैसी हैं आप सब ?
सीमा:" ठीक हैं सभी। अजय तुम तो बहुत बड़े हो गए हो मेरे भाई।
सपना:" सच में तू तो शहर जाकर पूरा गबरू जवान बन गया हैं रै। भगवान तुझे बुरी नजर से बचाए।
सौंदर्या वहीं खड़ी हुई थी अजय के पास ही और मन ही मन में सोच रही थी कि सबसे ज्यादा बुरी तरह तो तुम्हीं की हैं।
राधा आगे अाई और अजय के पास आते हुए बोली:"
" क्या सिर्फ सौंदर्या से ही गले मिलेगा तू अजय, मैं भी तो तेरी बहन ही हूं, याद कर छोटा सा था तो कैसे मेरे साथ खेलता था। भूल गया क्या इतनी जल्दी ?
अजय के होंठो पर स्माइल अा गई और बोला:"
" अरे राधा दीदी मुझे सब कुछ याद हैं। आप मेरा कितना ख्याल रखती थी। अा जाओ तुम भी
इतना कहकर उसने अपने हाथ फैला दिए और राधा दौड़कर उसके गले लग गई। ये सब देखकर सीमा, उसकी मम्मी दोनो मुस्कुरा दिए और सपना को जलन सी हुई।
थोड़ी देर के बाद राधा उससे अलग हुई और सीमा बोली:"
" और बता अजय अभी भी फाइट करता हैं या नहीं भाई ?
अजय:" नहीं दीदी, आपने तो जानती ही हैं कि मम्मी ने अपनी कसम देकर सब छुड़वा दिया था। उस दिन के बाद आज तक प्रैक्टिस नहीं करी।
इससे पहले कि बात आगे कुछ और होती तभी सीमा के पिताजी अंदर अा गए और बोले :"
" अरे अजय कैसे हो बेटा ? कब आए तुम ?
अजय ने आगे बढ़कर उनके पैर छुए और बोला:"
" बस ताऊ जी थोड़ी ही देर हुई हैं आए हुए। सोचा मिलने अा जाता हूं आप सबसे।
ताऊ:" अरे बेटा बिल्कुल सही समय पर आए हो, परसो सीमा की शादी हैं। मुझे भी थोड़ा मदद मिल जाएगी तेरे आने से।
अजय:" जी बताए आप मुझे क्या करना होगा ?
ताऊ:" बेटा बाकी तैयारी तो हो गई हैं, बस लड़के वाले कह रहे हैं कि शादी शहर में हॉल में करे। उसके लिए बात करनी थी।
अजय:" कोई बात नही ताऊ जी, आप और मैं दोनो चल पड़ते हैं और बात करके अा जाते हैं। वैसे भी हमारे यहां से 15 किमी की दूरी पर ही तो हॉल हैं।
ताऊ:" अच्छा ठीक है फिर तो बेटा। चल फिर खाना आकर ही खायेंगे।
इतना कहकर ताऊ जी और अजय दोनो शहर की तरफ चल पड़े।
लड़कियां वापिस अपने कमरे में चली जाती और जाते ही फिर दे उनकी बक बक शुरू हो गई।
राधा:" कुछ भी हो सीमा लेकिन अपना अजय आज भी बिल्कुल नहीं बदला, वो ही मासूमियत, सभी इज्जत करता है।
सीमा:" हान ये बात तो हैं। भगवान करे कि वो हमेशा ऐसा ही रहे।
सपना:" अच्छा तो हैं अपना अजय लेकिन अब पूरी तरह से जवान हो गया है। देख ना कितनी अच्छी बॉडी बना ली हैं। पूरा ताकतवर मर्द बन गया है।
राधा:' हान यार, ये बात तो सच हैं, पूरे गांव में ऐसा गठीला नौजवान ना होगा।
सौंदर्या:" तुम सब अपनी बकबक बंद करों समझी, कहीं ऐसा ना हो उसे तुम्हारी नजर लग जाए।
सपना:" अच्छा बड़ी फिक्र हो रही है अपने भाई की, एक काम कर तू उसे अपने घाघरे में छुपा ले, ना किसी को दिखेगा और ना ही नजर लगेगी।
सौंदर्या का मुंह शर्म से लाल हो गया और अगले ही पल गुस्सा करते हुए बोली:"
" तमीज से बात किया करो सपना, कुछ भी बोल देती हो तुम समझी।
सीमा:" अरे अरे तुम दोनो शांत हो जाओ। अजय हम सबका भाई हैं और एक भाई को बहनों की नजर कभी नहीं लगती। तुम भी थोड़ा सा सोच समझ कर बोला करो सपना।
राधा:" हान सपना, ये गलत बात हैं, कहीं बहने भी अपने भाई को अपने घाघरे में छुपाती हैं!!
इतना कहकर उसके होंठो पर मुस्कान अा गई तो सभी जोर जोर से हंसने लगी जबकि सौंदर्या सिर्फ दिखावे के लिए ही हंस रही थी क्योंकि जो रूप उसने आज इन तीनों का थोड़ी देर पहले देखा था उससे उसे ये एहसास तो हो ही गया था कि ये इतनी शरीफ हैं नहीं जितनी दिखती हैं।