शहनाज़ की गोल गोल बड़ी बड़ी मद मस्त चूचियां जोर जोर से उछल रही थी और निप्पल मानो अजय का मुंह चिढ़ा रहे थे। अजय के हाथ अपनी चादर पर ले जाकर उसे खोल दिया और उसका नंगा लंड फिर से उछल कर शहनाज़ की नजरो के सामने अा गया तो शहनाज़ की चूत कांप उठी।
अजय के लन्ड को देखते ही शहनाज़ की चूत ने रस की कुछ बूंदे बाहर की तरफ छोड़ी जो अजय की उंगलियों पर पड़ी और अजय ने शहनाज़ की आंखो में देखते हुए उंगली को अपने मुंह में भर लिया और चूसने लगा। शहनाज़ उसकी इस अदा पर पूरी तरह से बहक गई और उसने अजय को एक सेक्सी स्माइल दी और एक करवट ली और फिर से सीधी हो गई। शहनाज़ के सीधे होने से उसकी चादर उसकी एक चूची पर से हट गई और उसकी गांड़ पूरी तरह से नंगी हो गई।
अजय ने शहनाज़ की चौड़ी और मोटी गांड़ को देखा और उसने दोनो हाथो से उसके कूल्हों को उपर की तरफ उठाया तो शहनाज़ के खुद ही अपने कूल्हे ऊपर उठा दिए और अजय ने चादर को पकड़ कर बाहर निकाल लिया और शहनाज़ के मुंह सामने बैठ गया। अजय को अपने सामने बैठते हुए देखकर शहनाज़ पागल सी हो गई और अपने जिस्म को केले के पत्ते पर रगड़ते हुए सिसकियां लेने लगी। अजय ने हाथ आगे किया और शहनाज़ की कमर को सहलाने लगा तो शहनाज़ की नजर उसकी टांगो के बीच में चली गई जहां अजय का लंड पूरी ताकत से अकड़ा हुआ था और उसका गुलाबी सुपाड़ा बाहर की तरफ निकला हुआ था जिसे देखकर शहनाज़ की आंखे चमक उठी। अजय ने थोड़ा आगे होते हुए उसकी कमर पर बढ़े हुए मंगल यंत्र को पकड़ लिया और इधर उधर हिलाते हुए शहनाज़ की कमर पर झुक गया और अपनी गर्म गर्म सांसे उसकी गांड़ पर छोड़ते हुए बोला:"
:" शहनाज़ मंगल यंत्र का एक घुंघरू कहां घुस गया?
शहनाज़ उसकी बात सुनकर पूरी तरह से चुदासी हो उठी और एक हाथ पीछे करके हुए अजय के हाथ को पकड़ कर अपनी चूत के मुंह पर रख दिया और जोर से सिसक उठी:"
" आह अजय, उफ्फ इसमें घुस गया है घुंघरू अजय।
अजय उसकी इस अदा पर बेकाबू हो गया और थोड़ा सा और आगे को होते हुए शहनाज़ के ऊपर झुका तो उसका लन्ड शहनाज़ के होंठो के सामने अा गया और शहनाज़ उसे लालची नजरो से देखने लगी। अजय ने जैसे ही शहनाज़ की चूत को अपनी हथेली में भरा तो शहनाज़ का धैर्य जवाब दे गया और उसने अपनी आंखो के सामने अकड़ रहे लंड को अपने मुंह में भर कर चूस लिया।
अजय से अब बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने शहनाज़ को पलटा और शहनाज़ के ऊपर चढ़ गया और शहनाज़ ने उसे अपनी बांहों में कस लिया और दोनो के होंठ एक दूसरे से जुड़ गए। दोनो पूरे जोश में एक दूसरे के होंठ चूस रहे थे। अजय ने अपने हाथ नीचे ले जाकर शहनाज़ की चूचियों को पकड़ लिया और जोर जोर से दबाने लगा तो शहनाज़ दर्द और मस्ती से सिसक उठी
:" आऊच अजय, मार ही डालेगा क्या मुझे? थोड़ा प्यार से कर ज़ालिम ?
अजय ने मुंह नीचे से उसकी एक चूची को अपने मुंह में भर लिया और जोर जोर से पागलों की तरह चूसने लगा। शहनाज़ मस्ती से उछल रही थी और जोर जोर से सिसक रही थी। अजय का मोटा तगड़ा लंड उसकी चूत से बार बार टकरा रहा था और शहनाज़ की चूत तड़प रही थी।
अजय ने जोर से शहनाज़ की चूचियों को मसल दिया तो ने अपने नाखून उसकी कमर में घुसा दिए और बोली,:'
:" जंगली कहीं के, प्यार से कर ना मना थोड़े ही कर रही हूं तुझे।
अजय:' हाय शहनाज़ मेरी जान हैं तू , हाय तेरी चूचियों को खा जाऊंगा आज।
इतना कहते हुए अजय ने उसकी चूचियों में दांत गडा दिए तो शहनाज़ के मुंह से एक दर्द भरी आह निकल पड़ी और उसने अपने नाखून उसकी कमर में गडा दिए तो अजय ने उसके निप्पल को जोर से काट लिया। शहनाज़ को दर्द तो हो रहा था लेकिन अजय का जंगली पन उसे पसंद अा रहा था। शहनाज़ ने अपनी टांगो को पूरा खोल दिया और अजय ने नीचे झुकते हुए उसकी चूत को मुंह में भर लिया और चूसने लगा। शहनाज़ मस्ती से तड़प उठी और उसका जिस्म जोर जोर से उछलने लगा। अजय ने अपनी जीभ में शहनाज़ की चूत में घुसे हुए घुंघरू को भर दिया और उसकी चूत मे घुमाने लगा तो शहनाज़ खुद ही अपनी चूचियों को जोर जोर से मसलने लगी और अजय की आंखो में देखते हुए अपनी हाथ की उंगलियों को मोड़कर चूत के आकार की बनाया और उसमे दो उंगली एक साथ घुसाते हुए सिसक उठी।
अजय ने अपने लंड को उसकी चूत पर टिका दिया और शहनाज़ की आंखो में देखते हुए जोरदार धक्का लगाया तो लंड उसकी चूत में घुसता चला गया, घुसता चला गया और जड़ में जाकर रुका। शहनाज़ दर्द से कराह उठी और और उसने अजय को अपनी बांहों में कस लिया।
अजय ने बिना देर किए धक्के लगाने शुरू कर दिए और शहनाज़ के मुंह से दर्द और मस्ती भरी सिसकारियां निकलने लगी। अजय ने शहनाज़ के दोनो हाथो को पकड़ लिया और जोर जोर उसकी चूत की चुदाई करने लगा।
अजय के धक्के इतने तेज थे कि पूरा गद्दा ही हिल रहा था और शहनाज़ नीचे से अपनी गांड़ हिला हिला कर धक्के पर धक्के अपनी चूत में लगवा रही थी। अजय के जोरदार धक्के के आगे उसकी चूत टिक ना सकी शहनाज़ से बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने जोर से अजय को कस लिया और शहनाज़ के मुंह से जोरदार सिसकी निकली और उसकी चूत झड़ती चली गई।
:" आह अजय मेरी चूत चुद गई, आह चोद लिया तूने शहनाज़ अजय।
अजय पूरी ताकत से उसकी चूत में धक्के लगाने लगा और झड़ने से उसकी चूत चिकनी हो गई थी जिससे चुदाई की गति बढ़ गई थी। अजय के मजबूत लंड के जोरदार धक्कों की वजह से शहनाज़ की चूत में दर्द होने लगा और वो लेट गई तो अजय ने पीछे से उसकी चूत को ठोकना शुरू कर दिया। शहनाज़ के मुंह से अब दर्द भरी सिसकारियां निकलने लगी और अजय को अपनी मर्दानगी पर घमंड हो रहा था इसलिए और जोर जोर से चोदने लगा। शहनाज़ की चूत में जलन होने लगी और उसने दर्द से तड़पते हुए कहा;"
" आह छोड़ दे मुझे जंगली, मर जाऊंगी मैं।
इतना कहकर शहनाज़ उसकी पकड़ से छूट गई तो अजय ने उसे फिर से पकड़ कर उसकी चूत में लंड घुसा दिया और लंड घुसे घुसे ही उसकी पीठ पर सवार हो गया और शहनाज़ को पूरी तरह से अपने नीचे दबा कर जोर से चोदने लगा।
शहनाज़ पसीने पसीने हो गए थी और उसका जिस्म जोर जोर से हिल रहा था और अजय उसकी चूचियों को दबाते हुए उसे जोर जोर से चोद रहा था और शहनाज़ दर्द के मारे सिसक रही थी। अजय के धक्कों में तेजी अा गई और शहनाज़ भी जोर जोर से सिसकियां लेने लगी। तभी अजय ने एक जोरदार धक्का लगाया और शहनाज़ की चूत में जड़ तक अपना लंड घुसा दिया और उसके लंड ने वीर्य की पिचकारी उसकी चूत में मार दी। अजय ने मुंह आगे करके शहनाज के गाल को चूम लिया और दोनो ऐसे ही पड़े हुए अपनी सांसे दुरुस्त करने लगे।