एक औरत को दिन भर कितना भी काम करना पड़े.. रिश्तेदार के ताने सुनने पड़े.. लेकिन वो रात को बिस्तर में एक औरत होने की अनुभूति हुई बिना सो नहीं पाती.. चाहे औरत दिन में कितनी भी कोशिश करे मर्द से कदम से कदम मिलाकर चलने की लेकिन वो रात में यही चाहती है कि उसका मर्द उसे एक औरत बना के साथ में लेकर सोए और उसके अंदर की औरत को पूरी तरह से सिंच दे अपने पानी से....
इस लिए औरत को अपने से तगड़ा मर्द चाइए होता है.. औरत मुंह पे चाहे कितना भी बोले कि उसे प्यार से चुदाना ही लेकिन कुछ महीनो में एक दो बार तो उसे चोद चोद कर रगड़ ही देना चाहिए तभी वो पराई मर्द के प्रभाव में आके अपने पैर नही खोलेगी...
कही औरते जब तक मर्द की बाहों में नंगी नही होती तब तक ही उसे खुद के करीब आने से रोकती हैं..एक बार मर्द उसे कस के पकड़ लेता है और उसके जिस्म से खेलने लगता है वो मदहोशी में अपनी जवानी लूटा देती है...