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Incest मां और मैं

Sangya

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शानदार अपडेट है
आप पसंद करके हौसला अफजाई करते हैं तो बहुत अच्छा लगता है
 

aamirhydkhan

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nice
 

Sangya

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संजना के नंगे बदन को सिर्फ एक झीनी सी फ्रॉक में छिपे हुए छलकते हुए नंगे बदन को देखते और छूते हुए मेरा लिंग पूरी तरह से दुबारा तनाव में आ गया था
मैं जल्दी में संजना जैसी खूबसूरत लड़की को चोदकर घप्प से मिठाई को निगलने जैसा लालच नहीं करना चाह रहा था किंतु संजना भी बहुत गर्म हो रही थी इसलिए वह भी मेरे से चिपकती जा रही थी
भैया तुम्हारा मुसल बहुत ही दमदार है अंदर तक मेरे जाले साफ कर दिए , पर देखो ना अभी भी अंदर जाले से छुट्टी हुई मकड़िया सुरसुरा रही है जल्दी से मुसल से ठोक कर इन मकड़ियों को भी शांत कर दो
मैं बोला मेरी प्यारी बहना तेरे को मकड़िया दुखी कर रही है और मेरी जीभ पर लगा हुआ तेरा काम रस मुझे बहुत ज्यादा ललचा रहा है तू मेरे को शांत कर
संजना बोली मेरे भैया मैं सारी की सारी तुम्हारे सामने पूरी नंगी परोसती हुई हूं जिस तरह से मेरे भैया अपनी बहन को भोगेंगे भोग लें भाई खुश तो बहन भी खुश ।

मैंने संजना के होंठों को चूमा संजना ने अपनी जीभ मेरे मुंह में डाल दी और हम दोनों एक दूसरे का रस चूस रहे थे
दोनों के बीच में एक झीनी सी फ्राक थी वह भी मुझे अच्छी नहीं लग रही थी तो मैंने फ्राक का किनारा पकड़कर उठाना शुरू किया संजना भी समझ गई और तुरंत बाहें ऊपर करके थोड़ा इठलाकर संजना फ्राक के आवरण से मुक्त हो गई अब संजना पूरी तरह से अपने भाई के सामने नंगी बैठी थी।
मैंने अपने होठों से संजना बहन के मम्मे चूसने लगा अपने एक हाथ से संजना के नितंब को रगड़ने लगा और दूसरे हाथ से उसकी योनि को मसलने लगा
संजना ने भी हम दोनों के बीच में हाथ डालकर मेरे लिंग को अपनी मुट्ठी में जकड़ लिया और जोर-जोर से मुठिआने और मरोड़ने लगी
हम दोनों बहुत ज्यादा गरम हो गए थे हम दोनों के हाथ एक दूसरे के यौन अंगों को रगड़ रहे थे और होंठ जुड़े हुए थे तथा जीभ आपस में अठखेलियां कर रही थी
उसी अवस्था में मैंने धीरे-धीरे संजना को चोदने के पोज में करना शुरू किया अंजना पीठ के बल लेट और उसने अपने पैर घुटनों से मुड़कर पैर अपने नितंबों के पास रख दिए जिससे उसकी योनि फूलकर सामने आ गई
मैंने नीचे झुक कर अपना मुंह संजना की जांघों के बीच में घुसा दिया
सिसकारी लेते हुए बहन बोली, भैया!! मेरे प्यारे भैया !!!नहीं सहा जा रहा!!! मकड़ियां बहुत परेशान कर रही हैं !!अपने मूसल से इनको ठोक दो
मैं बोला , मेरी बहना!! प्यारी बहना!! मैं तेरे जाने दोबारा साफ करूंगा और मकड़ियों को मारकर तेरे कष्टों को भी दूर करूंगा तू बस भाई का मुसल अंदर लेने को तैयार हो जा।
मेरा मुसल भी लगता है फनफनाने लगा है तेरी ओखली में मुसल को डालकर तरोताजा कर लूंगा!! ले मेरी बहन!! अपने भाई का लौड़ा अपनी गुफा में डालकर तरोताजा कर दे

मैं बात मुसल की कर रहा था और संजना की चूत* में अपनी जीभ डाल रहा था ।

बढ़ रही उत्तेजना में हमने ध्यान नहीं रहा कि दूसरे कमरे में मौसी तक आवाज जा सकती है
जीभ से रगड़ कर संजना की चूत* का पियानो बजाता रहा और संजना के मुंह से संगीत की तरंगे निकलती रही
संजना बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई थी और अपनी जांघों को मेरे कानों पर दबाकर मेरे मुंह को अपनी योनि के अंदर ठेलने का प्रयास कर रही थी
मैंने भी अपनी जीभ पूरी तरह से संजना की गुफा की दही की कटोरी का मंथन जारी रखा कुछ देर में संजना की दही हांडी में से मक्खन बहने लगा और मैंने चाट चाट कर सारा रस अपने मुंह में सोख लिया
संजना का शरीर कुछ ढ़िला पड़ा था तो मैंने दुबारा जीभ से उसको गरम करता रहा थोड़ी देर बाद मैं ऊपर उचका और संजना के दोनों माम्मों को बारी-बारी से चूसने लगा
और अपने हाथों से संजना की चूत की पंखुड़ियों को गिटार की तरह बजाने लगा अपने होंठ मैंने दोबारा से संजना के होठों से जोड़ दिए मेरे मुंह से अपनी चूत रस की खुशबू पाकर संजना उसे चूसने लगी
मैं बोला बहना मेरी प्यारी बहन का काम रस है चूस के देख कैसा है
संजना बोली थैंक्यू भैया तुम्हारा दिया हुआ यह स्वाद मैं हमेशा याद रखुंगी मेरा कामरस तो मुझे पिला रहे हो अपना काम रस भी मुझे चखाओ
मैं बोला था मेरी बहना अभी तेरा अपने लोड़े के रस से भर दूंगा
तेरे मुंह में मेरा केला होगा चूस लेना बातें करते करते मैं दीदी की चूत का संगीत छेड़ने की कोशिश कर रहा था
संजना में अपनी जांघें थोड़ी सी खोली तो मैं कमर नीचे करके संजना की जांघों के बीच में घुस गया और लोड़े ने अपने आप अपनी सहेली संजना बहन की योनि की खुशबू को सुंघकर उसके मुहाने पर दस्तक दे दी और बिना इंतजार किए फटाक से अंदर प्रवेश कर गया
संजना ने जोर से आह भरी और लिंग को पूरी तरह से अपनी योनि में स्थापित कर लिया मैं इसी क्षण का इंतजार कर रहा था और मैंने दमा दम धक्के मारने शुरू कर दिए
ले ! मेरी प्यारी बहन ले अपने भाई का मुसल ले ले
भाई का गन्ना अपनी योनि में ले ले
मेरा मोटा ऊदबिलाव तेरे बिल में घुस रहा है
ले मेरी प्यारी बहना
संजना बोली मेरे भाई चढ़ाई कर कूट-कूट दे मेरी चूत
संजना मेरी बहना आज तुझे शांत कर दूंगा
मेरी प्यारी बहना अपने भाई के डंडा अंदर तक ले ले
मेरे प्यारे भाई कर दे अंदर
सारी मकड़िया मार दे इस चूत के अंदर मकड़िया मुझे बहुत गुनगुनाती है
तू मेरी चूत की सारी मकड़ियों को मार दे
कूट दे अच्छे से वैसे ही जैसे मेरे पापा तेरी मौसी की सब मकड़ियों को मार देते हैं
मैं बोला मेरी प्यारी बहना मैं तेरी सारी मकड़िया मार दूंगा और तू कहेगी तो संजय को भी सिखा दूंगा ताकि जब तुम अकेले हो तो संजय अच्छे से तेरे को पेल कर तेरी अग्नि शांत रख सके
हां मेरी बहना और घर के भाइयों से ही के बीच में ही अपनी इज्जत का पर्दा रखना
मेरी बहना प्यारी अपनी फुद्दी का रस हम दोनों भाइयों को ही पिलाना
संजना कुछ नहीं बोली आंखें बंद करके मेरे धक्कों का मजा ले रही थी
मैं थोड़ा ऊपर होकर अपनी कमर का पूरा जोर संजना की चूत* पर लगाने लगा और अपने हाथों को दोबारा से संजना के मम्मों पर रगड़ने लगा
संजना ने अपने दोनों पैर उठाकर मेरी पिंडलियों पर कैंची बनाकर रख दिए और नीचे से कमर उचका कर मेरे धक्कों का जवाब देने लगी
बहुत देर से हम चुदाई का खेल बोल बोल कर कर रहे थे और डर भी नहीं रहे थे कि आवाज बाहर जाएगी
संजना शायद पहली बार इतनी खुलकर चुद रही थी
ले मेरी बहना मैं बड़बढ़ाया मेरे शरीर में ऐंठन होने लगी उधर संजना का शरीर भी कांपने लगा और कुछ देर में दोनों ने बहुत ज्यादा कस कर एक दूसरे को जकड़ लिया और एक ही स्पीड से कांपने लगे
कंपकंपाते हुए मैंने अपने लिंग पर संजना की योनि को फूलते और सिकुड़ते महसूस किया मैं समझ गया कि संजना रस छोड़ने वाली है और कुछ ही देर में मेरे लिंग पर संजना के काम रस की वर्षा हो गई मैंने तुरंत ही अपना लिंग संजना की चूत से बाहर निकाला और उसके मुंह की तरफ किया संजना इशारा समझ गई और उसने अपना मुंह खोल कर लॉलीपॉप या मालपुए की तरह कामरस से निचुड़ता हुआ मेरा लोड़ा संजना के मुंह में तैरने लगा
मेरे लोड़े ने मेरी बहन की जीभ के सेक्सुअल अंदाज को प्रोत्साहित किया और तेजी से बढ़ने लगा मेरा वीर्य संजना के मुंह में भरने लगा
जीभ और तालू का उपयोग करते हुए बहन ने मेरे लोड़े से वीर्य को आखिरी बूंद तक निचोड़ दी और हम दोनों पसीना पसीना हो गए थे
मुझे दरवाजे पर कुछ मोहसिन छाया सी दिखी मेरे मुंह से निकला, " है भगवान कहीं मौसी तो नहीं उठ गई "
संजना की गांड फट गई मैंने उसको दिलासा देते हुए कहा मुझे धोखा लगा ध्यान से देखा तो कुछ नहीं वैसे ही मुझे डर लगा
संजना बोली मां मुझे खा जाएगी, भैया बचा लेना
मैंने सजना की चूत पर थपकी देकर मुंह पर पप्पी ली तथा कहा फिक्र मत कर मेरी बहना तूने मुझे चूत दी है मैं तेरी पूरी तरह से रक्षा करूंगा
मुझे ऐसे ही वहम हुआ था मौसी तो कमरे में सो रही होगी
संजना मन में डर गई थी उसने तुरंत नीचे उतर कर सलवार कमीज पहनी फ्रॉक अल्मारी में छिपा दिया और दबे पांव अपने मां के कमरे में झांक कर देखने लगी
जब उसने देखा की मां बिस्तर पर लेटी खर्राटे भर रही है तो संजना की जान में जान आई
कमरे में आई तो उसका चेहरा खुशी से दमक रहा था कि मां अभी सो रही है , पर , मैं इतनी लापरवाह कैसे हो गई कि इतना शोर मचा रही थी
मैंने भी मौका देख कर कहा यह मेरे मुसल चंद का कमाल है
मुझे पता है संजय के साथ तो तू बहुत सावधानी से चुपचाप करती है
संजना चुपचाप करने में मजा नहीं आता जब मम्मी तुम्हारे घर थी तो संजय ने मुझे खूब कस कर धोखा था पर रात में मम्मी पापा की चुदाई देखने के बाद जब कभी हम गर्म होते हैं तो बहुत चुपचाप ही एक दूसरे का रस निकाल देते हैं
संजय को मेरे पर चढ़ने में भी डर लगता है और ना ही हम पूरे कपड़े निकाल पाते हैं
मेरी बहना मैं समझता हूं भाई बहन का प्यार बहुत सुरक्षित होता है भाई बहन किसी भी हद तक प्यार करें उसमें कोई बुराई नहीं है सिर्फ जबरदस्ती नहीं होनी चाहिए
पति पत्नी के प्यार में भी थोड़ा सा लालच होता है पर भाई बहन की चुदाई** तो बिल्कुल निस्वार्थ ती है दोनों एक दूसरे को मजा ही देना चाहते हैं
मां बेटे की चुदाई भी* निश्चल होती है
संजना बोली भाई बहन की चुदाई तो ठीक है तुझे सब पता है पर बेटा कैसे मां को चुदने के लिए कैसे कह सकता है
मैं लड़की को देखकर उसके मन भावों को समझ जाता हूं
मुझे पता है कि मां मेरे बारे में क्या सोचती है मौसी तेरे और संजय को देखकर क्या समझती है और तेरे मन क्या भाव आते है और मेरी मां मुझसे क्या चाहती है।
संजना : मेरी मौसी अपनी मां को भी ठोक देगा क्या?
मैं बोलने की बात नहीं है अगर मां को मुझसे प्यार चाहिए तो मेरा मेरी ड्यूटी है कि मैं भी मां की सेवा करूं
 

Sangya

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जब मम्मी तुम्हारे घर थी तो संजय ने मुझे खूब कस कर चोदता था पर रात में मम्मी पापा की चुदाई देखने के बाद जब कभी हम गर्म होते हैं तो बहुत चुपचाप ही एक दूसरे का रस निकाल देते हैं
संजय को मेरे पर चढ़ने में भी डर लगता है और ना ही हम पूरे कपड़े निकाल पाते हैं
 
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मेरी बहना,मैं समझता हूं भाई बहन का प्यार बहुत सुरक्षित होता है भाई बहन किसी भी हद तक प्यार करें उसमें कोई बुराई नहीं है सिर्फ जबरदस्ती नहीं होनी चाहिए
पति पत्नी के प्यार में भी थोड़ा सा लालच होता है पर भाई बहन की चुदाई** तो बिल्कुल निस्वार्थ ती है दोनों एक दूसरे को मजा ही देना चाहते हैं
मां बेटे की चुदाई भी* निश्चल होती है
संजना बोली भाई बहन की चुदाई तो ठीक है तुझे सब पता है पर बेटा कैसे मां को चुदने के लिए कैसे कह सकता है
मैं लड़की को देखकर उसके मन भावों को समझ जाता हूं
मुझे पता है कि मां मेरे बारे में क्या सोचती है, मौसी तेरे और संजय को देखकर क्या समझती है और तेरे मन मेरे लिए क्या भाव आते है और मेरी मां मुझसे कब चुदना चाहती है।
संजना : मेरी मौसी यानि अपनी मां को भी ठोक देगा क्या?
मैं बोलने की बात नहीं है अगर मां को मुझसे प्यार चाहिए तो मेरा मेरी ड्यूटी है कि मैं भी मां की सेवा करूंं
मां
की सेवा करना मेरा फर्ज है और मां अपने बेटे को सब तरह से प्यार करती है इसी तरह भाई बहन एक ही योनि से निकले होते हैं बचपन से उन्होंने एक-दूसरे से खेला होता है और दोनों की भावनाएं भी एक सी ही होती है इसलिए मां बेटे और भाई बहन का प्यार बहुत ही सरल और स्वाभाविक होता है।

संजना बोली ज्ञान मत झाड़ सीधे साफ-साफ शब्दों में कह, तूने मौसी को चोदा है या नहीं ?
मैंने संजना को चूमकर कहा मेरी बहना तूने मुझे मौसी मौसा की चुदाई के बारे में, संजय भाई से अपनी चूत मरवाने के बारे में खुलकर बताया है और आज मुझे अपनी प्यारी चूत पूरे दिल से दी है तो मैं भी तेरे से कुछ छिपाऊंगा नहीं ......
मेरी मां जाई बहन तो है नहीं और भाई व पिताजी अलग शहर में रहते हैं इसलिए मेरा प्यार सिर्फ मां पर और मां का प्यार सिर्फ मुझ पर ही बरसता है
 
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मस्त अपडेट है गरमा गरम चुदाई दार
 
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