अब जबकि वह नीचे उतर रही थी उसने देखा कि उसकी मां और मामी तथा नंद सुरेखा वहां पर खड़ी थी उसने एक बार सबको हाय कहा और वह आगे हाल की तरफ बढ़ी जहां अजीत उसका इंतजार बेसब्री से कर रहा था अजीत ने अनु को देखा और वह देखकर सन में रह गया उसके मन में यह विचार आया की क्या बला की सुंदरी उसके सामने आ गई है शादी के जोड़े में अनु बेहतरीन खूबसूरत लग रही थी उसने बहुत टाइट जोड़ा पहना हुआ था उस जोड़े में उसके बूब्स बहुत बड़े और बहुत कठोर दिख रहे थे जिसे देखकर अजीत के लंड में सुरसुरी हो गई वह एकदम से खड़ा हो गया और आगे बढ़कर अनु से गले मिलने के लिए दौड़ा लेकिन अनु ने उसे इशारे से रोक दिया और कहा यहां नहीं हम अंदर बेडरूम में चलते हैं ये दोनों हाथ पकड़ कर बेडरूम की ओर चले बेडरूम में एक डबल बेड था और एक सोफा और सेंटर टेबल रखी हुई थी अनु ने अजीत को बेड पर बैठने का इशारा किया और खुद सोफे पर बैठ गई बाहर तीनों देवियां प्रमिला सुरेखा और स्वाति अब बेडरूम की खिड़की की ओर चल पड़ी उन्हें पता था की दोनों इस रूम में जाएंगे बेडरूम में प्रमिला ने एक विशेष विंडो बनाई हुई थी इस विंडो में एक स्पेशल ग्लास लगा हुआ था जिसमें बाहर से अंदर देखा जा सकता था लेकिन अंदर से बाहर कुछ भी दिखाई नहीं देता था एक्चुअली यह गलती से हो गया था प्रमिला चाहती थी कि अंदर से बाहर दिखे और बाहर से अंदर कुछ ना दिखे लेकिन लगाने वाले कारीगरों की गलती की वजह से यह ग्लास उल्टा लग गया था था अब तीनों बाहर से अंदर साफ़-साफ़ देख सकती थी लेकिन अंदर से अजीत को बाहर कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था उसके हिसाब से बाहर अंधेरा था और वहां कोई नहीं था
अजीत ने अनु को देखा और बोला अरे अनु तुम कितनी खूबसूरत दिखाई दे रही हो तुम्हें देखकर ऐसा लग रहा है जैसे की मेरी दुल्हन मेरे सामने आकर बैठी है और आज मेरी सुहागरात है
अनु बोली आपने ऐसा क्यों किया आपने क्यों मुझे दुल्हन के जोड़े में बुलाया मैं यह बात समझ नहीं पा रही हूं क्या आप साधारण कपड़ों में मुझे बात नहीं कर सकते थे मैं बड़े असमंजस में हूं आखिर आपने ऐसा क्यों चाहा
अजीत बोल मैं आपको इस लिबास में देखना चाहता था क्योंकि आपकी सुहागरात पर मैं आपके सामने नहीं आऊंगा और आप कैसे दीखोगी मुझे पता नहीं होगा इसीलिए मैं चाहता था कि मैं आपको दुल्हन के कपड़ों में देखूं। जब मैंने आपको पहली बार देखा था तब मैं सोच रहा था कि आप शादी के जोड़े में कैसी लगोगी आज आप बिल्कुल वैसी लग रही हो जैसा मैंने सोचा था आप बहुत-बहुत बहुत सुंदर हो अनु और एक बात कहूंगा बुरा तो नहीं मानोगी अब क्योंकि सिर्फ हम दोनों ही हैं आपकी मामी और मेरी पत्नी दोनों बाहर गए हुए हैं इसलिए मैं आपसे खुलकर कहना चाहता हूं कि मैं आपसे प्यार करने लगा हूं जब आपको पहली बार देखा था और आपको अपने साले के लिए पसंद करने के लिए आया था तभी मुझे लगा था की इतनी सुंदर लड़की काश मेरी बीवी होती और इसीलिए मैं आपसे कहना चाहता हूं क्या इस रात के लिए आप मेरी पत्नी बनेगी मैं आपके साथ वही करूंगा जितनी आप मुझे परमिट करेंगे उससे ज्यादा में कुछ भी नहीं करूंगा
अनु शर्माने लगी शरमाते हुए नीचे देखने लगी और धीरे-धीरे बोली अजीत जी आप ये क्या कह रहे हैं मैं आपके साले की पत्नी हूं और साले की पत्नी बहन के बराबर होती है क्या आप अपनी बहन के साथ ऐसा करना चाहेंगे
अजीत बोला मेरी आप जैसी बहन अगर होती तो भी मैं उसे एक रात के लिए अपनी पत्नी बनना चाहूंगा please
अनु मेरी यह रिक्वेस्ट स्वीकार करो और जो तुम कहोगी मैं वह करूंगा
अनु बोली मैं मैं तैयार हूं जी लेकिन आप ऐसा कुछ मत करना जिससे मेरी सुहागरात खराब हो आप सब कुछ कर सकते हैं लेकिन अपना वह मेरे अंदर डालने का प्रयास मत करना मैंने अपनी प्यारी छोटी रानी को सिर्फ और सिर्फ अपने पति राज के लिए आज तक बचा कर रखी है उस सुहागरात के बाद यदि आप कुछ भी चाहेंगे तो मैं सब कुछ आपके ऊपर निछावर कर सकती हूं लेकिन आज के लिए मुझे वहां कुछ करने के लिए बाध्य नहीं करेंगे।
अजीत यह सुनकर बहुत खुश हो गया और धीरे-धीरे चलते हुए सोफे की ओर बड़ा और अनु को सामने बैठ गया और सामने बैठकर उसने अन्नू के दोनों हाथ अपने हाथों में ले लिए और उसकी आंखों में देखा हुआ बोल अनु डार्लिंग क्या मैं सपना देख रहा हूं जिसे मैंने सच में चाहा था क्या वह आज मेरे सामने बैठी है आपने मुझ पर बहुत एहसान किया है जो आप मेरे साथ बात करने के लिए तैयार हुई और मेरे पास बैठी है वो भी दुल्हन के वेश में इससे अच्छा पल मेरी जिंदगी में कुछ नहीं हो सकता है
अनु बोली हां सच में मैं आपके सामने बैठी हूं लेकिन मैं नहीं जान पा रही हूं की आपको मुझ में क्या अच्छा लगा है और आप मुझ में क्या देख रहे हैं और क्या देख कर आपका दिल मुझ पर आ गया है मैं तो एक बहुत ही साधारण सी लड़की हूं जिसे शायद ही कोई पसंद करता होगा आप बताएं आपको मुझ में क्या अच्छा लगता है
अजीत बोल काश आप मेरी नजर से आप खुद को देख पाती मैं अगर कहूं तो बुरा तो नहीं मानेगी मैं आपसे साफ-साफ शब्दों में कहना चाहता हूं जिसे सुनकर शायद आपको कुछ गंदा लगे लेकिन मैं जिन शब्दों का प्रयोग करूंगा उन शब्दों के लिए और कोई दूसरा शब्द नहीं होते हैं आपको बुरा लगे तो मुझे माफ करना।
अनु इतराती हुई बोली अजीत जी आपको इजाजत है और एक हाथ को रानी की तरह हवा में लहराया और दूसरे हाथ से अजीत के हाथ को हल्के से दबा दिया।
अजीत बोल सबसे पहले मैं आपकी आंख के बारे में बोलना चाहता हूं आपकी आंखें इतनी सुंदर है इतनी खूबसूरत है कि इनको देखकर कोई भी अपना जीवन इन पर कुर्बान कर सकता है खुद को इन आंखों की गहराई में डुबो सकता है उसके बाद यह आपकी नाक यह बहुत ही नुकीली और बहुत ही खूबसूरत है जिसे देखकर मन मोहित हो जाता है आपके होंठ इतने रसीले हैं जिनमें मधुर स्वर्ग का रस भरा हुआ है इस रस को पीने के लिए मैं कई जिंदगियां कुर्बान कर सकता हूं इनका लाल रंग देखकर मेरे मन में पता नहीं क्या-क्या होने लगता है आपकी गर्दन इतनी खूबसूरत है कि उसे चूमने के लिए मैं पहले दिन से बेचैन हूं और आपके स्तन,,, मैं क्या कहूं जब से इनको देखा है मैं सारी सारी रात सो नहीं पा रहा हूं आपकी जवानी की ये सबसे बड़ी खूबी है आपका यह सीना हाय हाय,,, इतने बड़े-बड़े खूबसूरत स्तन मैं आज पहली बार देख रहा हूं आपकी उम्र की लड़कियों में इस तरह के पहाड़ों जैसे स्तन बिल्कुल नहीं होते इन्हें देखकर मेरी रातों की नींद खो गई है उसके बाद यह जो आपकी नाभी है इस नाभि की गहराई देखकर अच्छे-अच्छे का मन मचल जाता है मैं अपनी जीभ से पूरी गहराई तक देर तक चाटते रहना चाहता हूं इसके अंदर जो मिठास होगी इसका नशा होगा वह मैं बहुत देर तक महसूस करना चाहता हूं और उसके बाद आपकी कमर जो है बिल्कुल ही नाजुक और बहुत ही लचीली है और आपकी कमर के नीचे आपकी क्या कहूं बुरा न माने आपकी गांड जो है वह इतनी निकली हुई और बहुत ही मटकती है जब आप चलती है तो बहुत ही मटकती है ये कातिल गांड जिसे देखकर मेरा मन करता है कि इसे जोर से पकड़ कर बहुत देर तक उनकी मालिश करता रहूं इनकी मालिश करने से जो खुशी मुझे होगी वो शायद आपको बता न सकूं लेकिन आपकी नदी से भी धाराएं बहने लगेगी और आपके आगे जो नदी है उसे नदी के मुहाने को मैंने देखा तो नहीं है लेकिन मुझे लगता है किवहां नदी के आसपास जंगल बिल्कुल नहीं होगा साफ सुथरा मैदान होगा वहां पर किसी तरह की गंदगी नहीं होगी और और मुझे तो लगता है की अभी मेरी बातों से शायद उसमें कुछ उथल पुथल भी हो रही होगी शायद कुछ-कुछ रस की बारिश होने लगी होगी क्या आपकी नदी में ऐसी कोई हलचल हो रही है मुझे बताएं ताकि मैं आगे और कुछ कहूं आपसे।
अनु शर्माने लगी उसके होठों का रंग उसके गालों का रंग गुलाबी से लाल होने लगा था उसके चेहरे पर लाली उभरने लगी थी और शर्म के मारे लाल होती हुई नीचे देखने लगी उसके स्तन में हलचल होने लगी थी उठने गिरने लगे थे और अनु की सांस भी तेजी से उठने गिरने लगी थी अजीत के पूछने पर उसने धीरे से कहा की क्या आप पहली बार किसी लड़की से मिल रहे हैं क्या आपने सुरेखा जी से बात नहीं की होगी क्या आपको पता नहीं की ऐसी बात करने पर पहाड़ की तलहटी की नदी में क्या होता है वही हाल मेरी नदी का हो रहा है मुझे शर्म आ रही है और आप इस तरह की बात मुझसे ना पूछे प्लीज मुझे बहुत शर्म आ रही है।
अब अजीत की झिझक बहुत हद तक कम हो गई थी उसने अनु का हाथ पकड़ा और उसे खड़ा कर दिया और खुद भी खड़ा होकर अनु को गले से लगा लिया और अनु के कान में धीरे से बोला अनु मेरी जान तुमसे मिलकर जो खुशी मुझे मिल रही है मैं बता नहीं सकता और उसने अनु के गले में चूमना शुरू कर दिया उसके गर्दन को चूमते हुए धीरे-धीरे चूसने लगा और अपने दोनों हाथ नीचे ले जाकर अनु की गांड को दोनों हाथों से पकड़ लिया और पड़कर उनकी मालिश करने लगा हल्के-हल्के मालिश करते हुए उसने अनु को चूमना जारी रखा अब उसने धीरे से अपने होठों को उसके गाल पर रखे और गालों को हल्के हल्के चूमने लगा जिससे अनू को गर्म एहसास होने लगा और थोड़ी-थोड़ी चुदास होने लगी, अजीत ने अब बोला अनु में कितना खुश किस्मत हूं कि मुझे एक कुंवारी लड़की दुल्हन के देश में मुझे मिली है मैं तुमसे वादा करता हूं कि मैं तुमसे पति की तरह पेश आऊंगा हमेशा और तुमको अपनी दुल्हन की तरह रखूंगा आज से मैं तुम्हारा पहला पति हुआ और पहले पति होने के नाते यह मेरा फर्ज है की सारी जिंदगी में तुमको जो एक पति अपनी पत्नी को देता है वो सब तुम्हें देता रहूं लेकिन यह बात किसी को पता नहीं चलेगी यहां तक की सुरेखा को भी नहीं मैं यह वादा करता हूं कि तुम मेरी पत्नी हो मेरी पत्नी रहोगी इतना कहकर वह ड्रेसिंग टेबल की और बढ़ा वहां पर प्रमिला की सिंदूर की डब्बी रखी हुई थी वह सिंदूर के डब्बे लेकर आया और उसने एक चुटकी सिंदूर लेकर अनु की मांग भर दी अनु स्तब्ध रह गई ये आपने क्या कर दिया अगर किसी ने देखा तो मैं उनको क्या जवाब दूंगी तब अजीत बोला कि बोल देना कि मैं देख रही थी इस डिब्बी में क्या है अचानक से डिब्बी खुल गई और मेरी मांग में रंग चला गया अनु आज मैं तुमको अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार करता हूं प्लीज इंकार मत करना अनु ने आगे बढ़कर अजीत के पैर छुए और बोली है पतिदेव अब मैं आपकी हूं लेकिन मेरी मर्यादा का मेरी इज्जत का आपको ध्यान रखना पड़ेगा मेरी इज्जत आपके हाथ में है मेरे पति के सामने या मेरे ससुराल में या और किसी के सामने आप ऐसा व्यवहार कभी मत करना कि जिससे किसी को लगे कि आपके मेरे बीच में कुछ है वरना यदि ऐसा कभी हुआ तो मैं अपनी जान दे दूंगी अजीत बोल ऐसा कभी नहीं होगा अनु मै तुमसे वादा करता हूं
अजीत में आगे बढ़कर अनु को गले लगाया और उसके दोनों स्तनों को हाथ में पड़कर तेजी से दबाने लगा अनु सी सी सी आईआईआई करके मचलने लगी अनु को पता था कि क्या होने वाला है इसलिए वह तैयार हो कर आई थी और ईससे पहले कभी उसकी जिंदगी में ऐसा नहीं हुआ था यह पहली बार हो रहा था।
सुरेखा ने भी ये बात कही थी उसने कहा था तुमको सब कुछ करने की छूट है लेकिन चूदाई नहीं करोगी यह बात उसको अच्छी तरह पता थी, अब अजीत आगे बढ़ चुका था उसने अन्नू के स्तनों का मर्दन करना शुरू किया और अनु मदहोश होने लगी अजीत ने अनु को उठाकर बिस्तर पर लेटा दिया और खुद नीचे होकर उसकी नाभि को चूमने लगा उसकी नाभि में अपनी जुबान घुस कर गोल-गोल घूमने लगा जिससे अनु को अजीब सा एहसास होने लगा अन्नू का ये सब पहली बार था इससे पहले उसे किसी ने हाथ नहीं लगाया था आज जब उसकी नाभि में जबान घुसी तो उसकी खुशी का ठिकाना ना रहा वह सर्द आहैं भरने लगी और मचलने लगी अब ह नाभी चूमते-चामते अजीत ने एक हाथ से अनु के ब्लाउज के अंदर हाथ डालकर उसकी एक निप्पल को पकड़ लिया और उसे जोरों से मसलने लगा अनु की आहै तेजी से निकलने लगी और अजीत ने नाभि को चूमना जारी रखा अजीत बहुत देर तक ऐसा करता रहा और अनु छटपटाती रही इसके बाद अजीत उठा और उसने अनु का ब्लाउज खोल दिया ब्लाउज खोलने के बाद बूब्स उभर कर बाहर दिखने लगे जो ब्रा में कैद थे उसने पीछे हाथ डालकर ब्रा को खोल दिया और ब्रा को निकाल कर अलग कर दिया अब अनु के बोबे बहुत बड़े-बड़े दिखाई पड़ रहे थे जो पहली बार खुलकर हवा में सांस ले रहे थे किसी मर्द के सामने अजीत से रहा नहीं गया और उसने दोनों हाथों से इन चूचों को पकड़ लिया उसके हाथ इन दोनों को पूरा-पूरा पकड़ने में नाकाम थे उसने फिर भी उन्हें बहुत तेजी से मसलना शुरू किया और आगे बढ़कर उसने अनु के होठों को अपने होठों में ले लिया और उनका रसपान करने लगा रसपान करते-करते बोबों को मसले जाने की वजह से अनु अपनी जवानी की आग में जलते हुए छटपटाने लगी थी वह बोली दबाते रहो दबाते रहो मुझे क्या हो रहा है अजीत मैं क्या करूं तुम क्या कर रहे हो मेरे साथ यह मेरे साथ क्या हो रहा है मेरे नीचे नदी में कुछ ना कुछ हलचल हो रही है वह बहुत तेजी से खुल रही है और बहुत तेजी से बंद हो रही है क्या ऐसा करने से क्या इन पहाड़ों को मसलने से नीचे कुछ होता है यह मैंने पहली बार जाना है अजीत बताओ मुझे क्या हर औरत के साथ हमेशा होता है या मेरे साथ हो रहा है
अजीत बोला अब तुम्हें इसकी आदत डाल लेनी पड़ेगी क्योंकि अब तुम जवान हो चुकी हो और तुम्हारी शादी भी होने वाली है अब तुमको दो मर्द अलग-अलग टाइम पर ऐसा करते रहेंगे और इसी तरह मचलती रहोगी। ये जान लो ये दोनों पहाड़ इसीलिए बनाए गए हैं कि ईनकी मालिश की जाए और नदी से पानी निकाला जाए नदी से जब पानी निकलता है तो बहुत चिकनी हो जाती है और फिर उसमें किसी चमड़े के कठोर यंत्र को डाला जाता है ताकि उसके अंदर से और ज्यादा पानी निकला जाए उसकी और उसकी प्यास को किसी और पानी से भरकर बुझाया जाए।
अब अजीत ने अनु की साड़ी पूरी निकाल दी और उसके पेटिकोट का नाड़ा खोलकर उसे भी नीचे निकाल दिया और उसकी पेंटिंग को खींचकर अलग कर दिया अब अनु उसके सामने पूरी नंगी पड़ी हुई थी और अजीत ने सारे कपड़े उतार दिए अनु ने अजीत को देखा तो शर्म के मारे उसने आंखें बंद कर ली लेकिन अजीत उसके सामने गया और उसने उसके हाथों को हटाया और बोला देखो मेरी रानी देखो मेरी पत्नी देखो मेरी अन्नू अपने पति के रूप से देखो आज तो अपने पति के हर एक अंग को ध्यान से देखो, देखो यह कितना खड़ा हुआ है मेरा तुम्हें देखकर एक बार इसे देखो अनु ने धीरे से आंख खोली उसने देखा और देख कर बोली है ऐसा होता है क्या मैं तो पहली बार देख रही हूं आज के पहले मैंने कभी नहीं देखा किसी का भी, अजीत बोला हाथ लगा कर देखोगी क्या और उसने हाथ पकड़ कर अपने लंड पर उसका हाथ रख दिया अनु गरम गरम लवडे का एहसास किया और उसकी सिसकारी निकल गई, अजीत बिस्तर पर लेट गया और अनु के गले लगा कर उसे अपनी बाहों में भर लिया बाहों में भरकर उसे पहली बार एहसास हुआ की एक गर्म कुंवारी लड़की उसके सामने उसकी बाहों में है और उसका लनड सुरसुरने लगा उसने अन्नू को चुम्मा और देर तक उसको चूमता रहा अनु नशे में डूबकर आंखें बंद करके अजीत की बाहों में पड़ी रही अब अजीत पलंग से पीठ लगाकर बैठ गया और अनु को अपनी गोद में बिठा लिया अब उसने अपना लंड अनु की चूत फांक पर रखा और उसे उसके कूल्हों को अपनी लंड पर दबा दिया फिर अजीत ने अनु की दोनों निपल्स को अपने हाथों की उंगली में पकड़ लिया और उन्हें हल्के-हल्के दबाने लगा और नीचे अपने लंड को उसकी चूत फांक पर ऊपर नीचे रगड़ने लगा जिससे अनु को अजीब सा एहसास हो रहा था अनु को लगा जैसे किसी ने बहुत तेजी से कुछ कर दिया हो वह सिहर उठी और उसे अपने बूब्स में हलचल महसूस होने लगी नीचे उसकी चूत में जैसे किसी ने लावा भर दिया हो बहुत गर्म हो गई थी और वह भी अपनी चूत को उसके लंड पर रगड़ने लगी इस प्रकार दोनों बहुत देर तक इस कार्य को करते रहे करते-करते करते-करते अनु पहली बार अपनी जिंदगी में झड़ी वह आईआईआई करके अजीत के गले लग गई और बोलने लगी यह क्या हुआ अजीत मुझे मुझे क्या हुआ मुझे संभालो यह क्या हुआ मुझे बहुत मजा आ रहा है मुझे लग रहा है जैसे मेरे स्तनों की नसों में कुछ ऐसा एहसास हो रहा है कि जिसमें बिजलियां सी रेंग रही है मेरी चूत में जो हो रहा है उसे सोच कर मुझे लगता है कि जैसे मेरी नदी में बाढ़ आ गई है उसे बाढ़ में इतना पानी आ गया है कि जिससे सारी दुनिया डूब जाएगी अजीत मुझे छुओ और मुझे इन सब का एहसास दो मुझे , ऐसा करते रहो मुझे सहलाते रहो और मुझे इसी तरह प्यार करते रहो।
बाहर प्रमिला ने जब पहली बार अनू को झड़ते हुए देखा तो उसने स्वाति और सुरेखा दोनों को गले से लगाया और गले से लगाकर बोली कि आज तुम दोनों की वजह से मेरी बेटी को ये सुख मिल पा रहा है आज तुम दोनों ने जो किया है में ये एहसान कभी नहीं भूल पाऊंगी मेरी बेटी को कभी यह सुख नहीं मिल सकता था मेरी बेटी कितनी प्यासी है इसका तुम दोनों का एहसास हुआ और तुम दोनों ने यह उसके लिए काम किया और यह बोलते बोलते वह दोनों को चूमने लगी और चूमते चूमते उसकी आंखों से दो-दो आंसू की बूंद टपक गई खुशी के मारे । स्वाती ने प्रमिला से कहा दीदी आप ऐसा ना सोचे क्या अनु हमारी बेटी नहीं है वह तो हमारी भी बेटी है और उसकी सुख देना हमारा भी फर्ज है किसी भी औरत के लिए उसकी चूत का सुख सबसे बड़ा सुख है उसकी जिंदगी का। यह बात आदमी लोग नहीं समझते हैं आदमी जब इस बारे में सुनते हैं या देखते हैं तो उनको लगता है कि वह औरत तो एक रंडी है या बहुत गिरी हुई बदचलन औरत है उनको अपने लंड की प्यास बुझाने की बहुत पड़ी रहती है लेकिन औरत जब इस तरह का करना चाहे तो वह उसे बहुत गिरी हुई गंदी और बदनाम औरत समझते हैं। क्यों ? क्या औरत की अपनी कोई इच्छा नहीं हो सकती है क्या औरत अपनी इच्छा पूरी नहीं कर सकती है यही सोच कर हमने अनु के लिए यह सब किया है मैं उन सब आदमियों के लिए बहुत दुखी हूं जो यह समझते हैं की औरत की अपनी कोई इच्छा नहीं होती या औरत अपनी इच्छा को पूरी नहीं कर सकती या उसे अपनी इच्छा को दबा कर रखना चाहिए और उसे कभी भी जाहिर नहीं करना चाहिए उसे अपनी मर्यादा में रहना चाहिए उसे चुदाना नहीं चाहिए अगर चुदाना है तो सिर्फ अपने पति से चुदाना चाहिए और इसके अलावा किसी और के सामने उसे नहीं जाना चाहिए लेकिन आदमी चाहे कितनी भी चोदे उसे कभी अपने पर शर्म नहीं आती,उसे सब छूट होती है मुझे इस दोगली मानसिकता से बहुत-बहुत नफरत है। फिर सुरेखा बोली प्रमिला आपने जो कहा है उसके लिए मैं आपको धन्यवाद देती हूं क्योंकि आपने मुझे अपना समझा और अपना समझ कर मुझे अपने साथ शामिल किया आज तक मुझे किसी ने अपना नहीं समझा और नहीं किसी ने मेरा ध्यान दिया मेरी प्यास पर किसी ने ध्यान दिया है तो वो आप पहली औरत हो जिसने मेरी प्यास को देखा समझा और अपना बेटा मुझे सौंपने जा रही हो मैं आपकी बहुत-बहुत आभारी हूं मैं आपसे वादा करती हूं कि आपकी बेटी अनु को उसके ससुराल में कभी कोई तकलीफ नहीं होगी उसे किसी भी प्रकार की बदनामी नहीं सहन करनी पड़ेगी उसके ऊपर कोई उंगली नहीं उठा सकेगा मैं उसका पूरा-पूरा ध्यान रखूंगी और यह बोलकर सुरेखा प्रमिला के गले लग गई और उसे चूमने लगी चूमते-चामते उसने प्रमिला के होंठ अपने होठों में भर लिया और उन्हें तेजी से चूसने लगी आज पहली बार सुरेखा प्रमिला को चूम रही थी उसको बहुत खुशी मिल रही थी और उसने दोनों हाथों से प्रमिला के बूब्स को पकड़ लिए और उन्हें तेजी से दबाने लगी प्रमिला बदले में अपने दोनों हाथ पीछे ले जाकर सुरेखा की गांड को दबाने लगी और तेजी से दबाते दबाते हैं उसके होठों को चूमने में उसका साथ देने लगी दोनों इस कदर एक दूसरे में खो गए कि उन्हें कुछ भी ख्याल नहीं रहा तब स्वाती बोली अरे आगे के लिए कुछ तो छोड़ो, अभी अंदर का देखो क्या हो रहा है तब दोनों को होश आया और दोनों अलग हुई और तीनों आपस में एक दूसरे के गले हाथ डालकर अंदर देखने लगी।
अजीत ने एक हाथ अनु के बूब्स से हटाया और पास में रखी टेबल से क्रीम के शीशे उठाकर उसे अपनी बीच वाली उंगली भर ली और अब वह अपना हाथ पीछे अनु की गांड की तरफ ले गया और उसने अपनी ऊंगली उसकी उसकी गांड के छेद पर रखी और क्रीम वाली उंगली से उसे छेद पर गोल-गोल घूमने लगा हल्के हल्के हाथ से, इधर एक हाथ से उसकी निप्पल दवाई जा रही थी और एक हाथ से उसकी गांड की मालिश की जा रही थी इन दोनों के एहसास में अनु को पहली बार पागल कर दिया वह आनंद में इस कदर खो गई उसे समझ में नहीं आ रहा था उसके साथ क्या हो रहा है ऊपर उसकी निप्पल के मसले जाने से उसके चूचों में तेज लहर उठ रही थी और पीछे गांड की छेद पर हल्के-हल्के मालिश से एक अजीब सा एहसास हो रहा था चूत पर एक लैंड ऊपर नीचे घुम रहा था और इससे उसकी चूत का जो हाल हो रहा था वह बेहाल हो रही थी और उसे समझ में नहीं आ रहा था कि उसके साथ क्या हो रहा है और वह हलके-हलके से चीख रही थी ओह ओह करती हुई क्योंकि कमरा साउंड प्रूफ था इसलिए आवाज बाहर नहीं जा रही थी लेकिन अंदर क्या हो रहा है वह सब बाहर से दिख रहा था प्रमिला स्वाति और सुरेखा तीनों अंदर देखकर समझ रही थी कि अनु की क्या हालत है और अनु की इतनी खुशी को देखकर वो बहुत मन ही मन खुश हो रही थी कि आज उन्होंने अपनी बेटी को शादी के पहले उसे दिया है जो शायद ही किसी लड़की को नसीब होता होगा क्योंकि कोई भी लड़की जब इस तरह का काम करती है तो उसके मन में डर रहता है कि क्या होगा अगर किसी को पता चला तो लेकिन अनु के मन में कोई डर नहीं था उसे पता था कि उसकी मां उसकी मामी और उसके पति की बहन तीनों उसके साथ है तो वह खुशी के साथ और खुले मन से इन सब का मजा ले रही थी पता था कि तीनों बाहर से उसे देख रही हैं इस बात की भी उसे खुशी थी और इस बात से उस खुशी और बढ़ती जा रही थी अब अजीत ने धीरे से उंगली उसकी गांड में आधा इंच अंदर सरकारी और उसे गोल-गोल घूमने लगा इस गोल-गोल घूमने से अनु को बहुत अजीब सा एहसास हो रहा था इस एहसास को सिर्फ मेरी महिला पाठक ही समझ सकती है क्योंकि जो यह हो रहा है वह एक औरत ही महसूस कर सकती है मैं एक मर्द होते हुए इस एहसास को बयां नहीं कर सकता हूं सभी औरतें जो इसको पढ़ रही है ये अहसास महसूस करें और समझे मेरे पास कुछ शब्द नहीं है जिसे मैं बयां कर सकूं। तीन तरफ के हमले से गांड पर चूत पर जो हो रहा था उसे अनु को असीम सुख प्राप्त हो रहा था अजीत ने अपने होंठ अनु के होठों पर रखे हुए थे और उन्हें वह बहुत बुरी तरह से चूम रहा था इन सब के करते हुए अनु लगातार झड़ती रही झड़ती रही झड़ती रही, अब तक वह कम से कम सात बार झड़ चुकी थी और आखरी बार आठवीं बार झड़ी और उसकी इच्छा पूरी हो गई अब उसमें ताकत नहीं थी कि वह आगे और सहे तो उसने अजीत से कहा बस अब और नहीं बस अब और नहीं मुझे छोड़ दो अजीत ने उसे छोड़ा वह निहाल होकर बिस्तर पर गिर पड़ी अजीत ने देखा अनु की चूत बुरी तरह से बह रही है उसे रहा नहीं गया वह दोनों टांगें फैला कर नीचे बैठा और उसने अन्नू की चूत को चाटना और चूमना शुरू किया और उसके निकले हुए सारे रस को अमृत समझकर पीना शुरू कर दिया और तब तक पिता रहा जब तक उसने आखिरी बूंद तक को न पी लिया हो अब 10 मिनट बाद जब अनु को कुछ होश आया अजीत उसके पास बैठा और बोला तुम्हारा काम तो हो गया लेकिन मेरा क्या होगा उसने अपने लंड की तरफ इशारा किया क्या मैं इसी तरह तड़पता रहूंगा तब अन्नू ने कहा मैंने आपसे पहले ही कहा था कि इससे आगे आप करने के लिए मुझे बाध्य नहीं करेंगे मैं अपना शरीर आपको सौंपा आपने इसका पूरा इस्तेमाल किया और आपने मुझे बहुत सुख दिया और आपने भी बहुत सुख पाया लेकिन इससे आगे में कुछ नहीं कर पाऊंगी अजीत बोला तो क्या यह रात मेरे लिए इसी तरह तरसते तड़पते गुजारनी पड़ेगी तब अनु बोली एक काम हो सकता है मैं आपसे एक रिक्वेस्ट करना चाहती हूं आपने मेरी मामी स्वाति को देखा है आपको कैसी लगती है अजीत ने स्वाति को सोचा और उसके दिमाग में बिजली कौंध गई उसने देखा स्वाती के शरीर को खयालों में और उसके लंड में हरकत हुई उसने बोला क्या बोल रही हो स्वाति वह तो किसी अप्सरा से कम नहीं है क्या कहना चाहती हो तुम उसके बारे में अनु बोली मैं आपसे एक रिक्वेस्ट करना चाहती हूं मेरी मामि कई दिनों से यहां पर है और उनकी चूदाई नहीं हुई है वह बहुत प्यासी है क्या आप मेरी रिक्वेस्ट मानेंगे और आप मेरी मामी को चोद देंगे प्लीज प्लीज प्लीज मेरे लिए इतना कीजिए कि मेरी मामी चोद दीजिए उसकी प्यास को बुझा दीजिए अजीत बोल लेकिन यह होगा कैसे यहां तो सुरेखा भी है और उसके होते हुए मैं किसी और के साथ कैसे सो सकता हूं तब अनु बोली कि मैं उनको अपने साथ अपने कमरे में सुनाऊंगी यह बोलकर कि मुझे उनसे बात करनी है और वह मेरे साथ सारी रात सोएंगे आप यहां पर उनको लगेग अकेले सो रहे हो और मैं यहां पर स्वाती मामी को भेजूंगी फिर आप उनके प्यास को बुझा दीजिए लेकिन साथ ही अपनी प्यास भी बुझा लीजिएगा क्या अब आपकी प्यास का इंतजाम हो गया है अगर हो गया है तो क्या मैं जा सकती हूं अजीत बोला आपने जो कुछ भी कहा अगर ऐसा हो जाता है तो मेरी प्यास तो क्या मेरी जन्मों की इच्छा पूरी हो जाएगी इतनी सुंदर औरत इतनी अप्सरा की देवी जिसका शरीर सब तरह से खूबसूरत है और बहुत ही सांचे में डाला हुआ है उसको भोगकर तुम्हें इस दुनिया का सबसे किस्मत वाला इंसान बन जाऊंगा अनु मैं तुमको किस तरह से धन्यवाद दूं तुम जब मेरे पास पहली बार आओगी अपने ससुराल में देखना मैं तुमको इससे भी ज्यादा सुख दूंगा और मैं तुम्हारा वहां पर बेसब्री से इंतजार करूंगा वहां पर आकर तुम मुझे अपना सब कुछ सौंप देना मैं इंतजार करूंगा। अनु ने उनको धन्यवाद बोला गुड बाय कि दिया उसके लंड को चूस चुम्मा और थैंक्स बोलकर कपड़े पहन कर कमरे से बाहर आ गई।