Manav ko Kamya manav banayegi aur haan Manav Kamya ko apni patni ka darja bhi dega.nice update..!!
bhai ab kamya manav ko apna pati banana chahti hai toh usse ab manav ko papa nahi kehna chahiye aur manav bhi ab beti kehna band kar de..aur dono bas enjoy kare..!! aur bhai hiresh ko abhi tak zinda kyun rakha hai..uski wajah se manav ki maa ne aatmahatya ki thi toh hiresh ko bhi marna padega..!!
हीरेष की कहानी का अंत आ गया है।बहुत ही धमाकेदार अपडेट, मानव को उसका परिवार मिल गया और मोहिनी और काम्या को जीवन साथी। हीरेश कुत्ते की पूंछ है जो कभी नही सुधर सकता तो उसे जिंदगी भी धोभी के कुत्ते की तरह मिलनी चाहिए जो ना घर का रहे ना घाट का।
nice update..!!106
काम्या ने अपनी जख्मी चूत में से बाहर बहते वीर्य की धारा को अपनी हथेली पर लिया और अपने बाबा और मां की ओर बढ़ी।
काम्या ने हीरेष की नाक दबाकर उसका मुंह खोला और उसे वह सारा वीर्य पिलाया।
काम्या, “बाबा, तुझे अपनी जिंदगी में सब कुछ मिला पर खुशी कभी नहीं मिली। क्योंकि तो पूरी दुनिया से जलता है। एक प्यार करने वाली मां गई तो दूसरी मिली पर तुझे उस से नफरत करनी थी। एक ऐसा भाई मिला जो तेरे साथ के लिए दुनिया से लड़ सकता था पर तुझे उसे मारना था। एक ऐसी बीवी मिली जिसने तेरी हर बात में साथ दी पर तुझे उस से भी ज्यादा चाहिए था। एक बेटी मिली जो तेरे सारे गुनाह जानकर भी तुझ से प्यार करती थी पर मुझे उसे हथियार बनाना था। ले आज तेरा हथियार देख क्या करता है!”
काम्या ने अपने पेट को दबाया।
काम्या दर्द से, “आह!!…”
वीर्य से काम्या की हथेली फिर से भर गई। काम्या वीर्य का अगला हिस्सा अपनी हथेली पर लिए अपनी मां की ओर बढ़ी। मोहिनी ने मना करने की कोशिश की पर काम्या ने उसे भी वह रस पिलाया।
काम्या, “मां आप को अच्छे पिता मिले जो आप की बात मानते थे, एक ऐसा दोस्त मिला जिसने आप को अपनी दोस्ती के साथ अपना विश्वास और प्यार बिना किसी कीमत दे दिया। अफसोस कि आप कभी चुनाव नही कर पाई, कभी हिम्मत नहीं कर पाई। अपनी बेटी को कातिल बनते हुए देख कर भी उसे बचा नहीं पाई। गुनहगार का साथ देनेवाला भी गुनहगार कहलाता है! अब अपनी सजा भुगतो!”
काम्या ने अपने मां बाबा की कुर्सियां बेड के पैर में लाई और फिर से मानव की ओर बढ़ी।
मानव, “काम्या बेटी, मुझे किस बात की सज़ा दे रही हो! मुझे भी तो अपना गुनाह बताओ!”
काम्या ने मानव के गाल को चूम कर, “पापा आप पक्के झूठे हो! आप ने छोटेलाल की gangwar से यूरोप में जान बचाई, उसे अपने छोटे भाई की तरह पढ़ाया, बढ़ाया पर अपना प्यार झूठे मालिक के नाम से छुपाया। साफिया को बचाया और एक बहन की तरह उसकी इज्जत की उसकी शादी करा दी पर उसे भी अपने आप को भाई कहने से रोका। यूसुफ भाई की औरतों को अच्छे रिश्ते दिए पर ऐसे की वे कभी आप को शुक्रिया नही कर पाए। सोलंकी परिवार से बदला लेने के बहाने उनके परिवार को एक किया। मां और मुझे तकलीफ देने के बहाने हमारी हिफाजत की। आप ने मां से कहा था कि जिस दिन मैं बालिक हो जाऊंगी आप मेरी इज्जत लूटोगे। पर जब आप ने अपने आप को मेरी ओर आकर्षित होते पाया तो खुद से मेरी हिफाजत करने के लिए दुनिया के दूर दराज कोनों में भटकने लगे। पापा आप झूठे हो और आप की सज़ा है कि आप सच्चाई का सामना करो!”
मानव को मानो किसी ने थप्पड़ मार कर गहरी नींद से जगा दिया। उसे एहसास हुआ कि अपने आप को लोगों से दूर रखते हुए उसने कितने लोगों को चोट पहुंचाई है। मानव ने जवानी में पहली बार अपने अंदर देखा और उसे एहसास हुआ कि वहां कोई वहशी दानव नहीं बस एक डरा हुआ ज़ख्मी लड़का है जो चोट लगने से डरता है।
मानव मुस्कुराया और काम्या ने उसकी ओर पीठ करके अपने पैरों को उसके घुटनों के दोनों ओर रखा। काम्या चाहती थी कि मोहिनी काम्या को अपना सब कुछ मानव के नाम करता देखे। काम्या ने मानव का खून और वीर्य से सना लौड़ा अपने हाथों से पकड़ा। मानव के मोटे सुपाड़े को अपनी कसी हुई बुंड पर लगाया और मोहिनी की आंखों में देखा।
मोहिनी ने अपनी बेटी को गहरी सांस लेकर अपनी गांड़ को ढीला करते हुए देखा। वह जानती थी कि कितना भी ढीला कर के भी मानव का सुपाड़ा अन्दर आसानी से दाखिल नहीं होता। आज दो सालों से ज्यादा मानव से गांड़ मराकर भी उसे यह बात हर रात मुश्किल लगती है। काम्या तो कुंवारी थी।
काम्या ने अपनी कमर से अपनी गांड़ फाड़ते हुए अपनी हथेलियों से मानव के लौड़े को सही जगह पर रखा। काम्या दर्द से “मां!!…” चिल्लाते हुए आंसू बहाती अपनी ही गांड़ का बलात्कार करवा रही थी।
काम्या दर्द से कराह कर भी अपनी गांड़ में मानव के सुपाड़े को लेने की कोशिश कर रही थी।
काम्या, “आ!!…
आ!!…
आह!!…
ऊंह!!…
उम्म्म!!…
म्म्म!!!…
मां!!!…
आ!!…
आन्न्ह!!…”
काम्या ने अपनी गांड़ में मानव का सुपाड़ा ले लिया और उसकी गांड़ ने सुपाड़े के नीचे के संकरी हिस्से को कस कर पकड़ लिया। मोहिनी जानती थी कि अब यह लौड़ा गांड़ में से बाहर निकलना मुश्किल था। मानव भी यह बात जानता था और उसने अचानक अपनी कमर उठाई।
काम्या, “मां!!!…
आ!!…
आ!!…
आह!!!…”
काम्या के घुटने मुड़ गए और वह अचानक मानव के लौड़े पर बैठ गई। काम्या की आतों में मानव का सुपाड़ा धड़कने लगा। काम्या मानव को महसूस करती कुछ पल ऐसे ही बैठी रही। काम्या ने गहरी सांस लेकर अपनी गांड़ को ढीला करते हुए मानव के घुटने पर हल्के से मारा।
काम्या, “शैतान पापा!!… ऐसे अपनी बेटी की गांड़ मारते हैं?…”
मानव हंस पड़ा और काम्या ने धीरे धीरे अपनी कमर हिला कर अपनी गांड़ मरवाना शुरू किया। काम्या जवानी के नशे में मानव से हर मुमकिन तरह से चूधने को तयार थी। इसी वजह से मोहिनी की आंखों के सामने काम्या को अपनी गांड़ कुटाई से भी जल्द ही मज़ा आने लगा। मानव भी अब काम्या के कोमल बदन को अपना बनाने का मन बना चुका था। मानव ने काम्या की गांड़ में तेज़ चाप लगाते हुए अपनी हवस को खुला छोड़ दिया। काम्या लगभग मानव के सीने पर अपनी पीठ लगाकर अपनी गांड़ को मरवाने का मज़ा लेने लगी।
काम्या ने अपनी आंखें खोली और अपनी मां की आंखों में ईर्षा के भाव देखे। काम्या मुस्कुराई और उसने मानव के लौड़े पर बैठ कर सीधे होते हुए अपनी कमर उठाई। अपनी उंगलियों से अपनी फटी हुई वीर्य बहाती जवान चूत को खोल कर अपनी मां को दिखाया।
काम्या, “क्यों मां! मजेदार है ना? सोचो अगर आप ने 20 साल पहले थोड़ी हिम्मत कर अपने प्यार को वक्त दिया होता तो आज आप मेरी जगह होती और मैं अब भी छोटी बच्ची बन कर दूसरे कमरे में सोई हुई होती। देखो आप के प्यार आप के प्रेमी को मैने कैसे निचोड़ लिया है!”
काम्या की बात सुन मोहिनी रोते हुए समझ गई कि आज उसने न केवल मानव को पर अपनी बेटी को भी को दिया है। मोहिनी की आंखों के सामने उसकी बेटी अपनी लंबी उंगलियों से अपनी छिली हुई चूत को सहलाते हुए अपने बाप के लौड़े पर कूदती अपनी गांड़ मरवा रही थी।
काम्या की गांड़ मानव के मोटे अजगर को बेरहमी से निचोड़ रही थी पर उसकी कच्ची बुंड का बेजोड़ कसाव मानव को झड़ने से रोक रहा था। काम्या अपनी चूत सहलाकर झड़ गई पर मानव का रस उसके गोटों में उबलता रह गया। मानव ने काम्या को अपने सीने पर हाथ रख कर आगे बढ़कर सीधे रहने को कहा। जब काम्या ने मानव की बात मानी तो मानव ने अपने लौड़े को खुली छूट दे दी।
काम्या, “मां!!!…
आह!!…
पापा!!…
मेरी गांड़!!…
मारो!!!…
मारो मेरी…
गांड़!!…
मुझे अपनी…
रण्डी बना दो!!…
चोदो मुझे!!…”
मानव की तेज रफ्तार ठुकाई मोहिनी मंत्रमुग्ध हो कर देखती रही। काम्या अब अपनी चूत को छुए बगैर भी लगातार झड़ रही थी। ऐसे में अचानक काम्या को अपनी आतों में गर्मी जमा होने का एहसास होने लगा। काम्या कमसिन गांड़ में अपना वीर्य उड़ाते हुए मानव रुक गया। लेकिन काम्या को मानव का पूरा रस चाहिए था। काम्या अपनी गांड़ हिलाते हुए मानव को पूरी तरह निचोड़ने लगी।
आखिर में जब मानव के लौड़े ने काम्या की गांड़ में धड़कना रोक दिया तो काम्या ने पीछे हो कर धीरे से अपनी मां बाबा को दिखाते हुए अपनी कमर उठाई।
काम्या की गांड़ में से बाहर निकलने को तरसता वीर्य देख मोहिनी का मन ललचाया। काम्या संभलकर अपने पैरों पर खड़ी हो गई और अपनी चूत को सहलाते हुए अपनी गांड़ में से टपकते वीर्य को महसूस करने लगी।
मानव, “काम्या…”
काम्या, “नहीं!!”
मानव चौंक कर, “मैने तो कुछ कहा भी नही!!”
काम्या, “ओह, मैं इस “काम्या” को पहचानती हूं। ये वो “काम्या” है जब आप मेरे हाथों किसी को अच्छा बनाना चाहते हैं ताकि आप बुरे बने रहें!
“काम्या… मोहन की मां बीमार है। उसे लॉटरी जीता दो!”
“काम्या… बाबूभाई की बेटी यहां तरक्की नहीं कर पाएगी। उसे कहना की मेरी नजर उसकी बेटी पर है और उसे Silky Saree में भेज दो रिज़वान को अच्छी PA की जरूरत है!”
अपने अच्छे काम खुद करना सीखो! लोग बेवकूफ नहीं! सब जानते हैं कि ऑफिस में लोगों की इतनी लॉटरी क्यों लगती है।“
मानव मुस्कुराकर, “तो काम्या तुम भी कुछ समझ लो। नफरत और बदला इंसान को अंदर से जला देता है। हीरेष को ही देख लो! मोहिनी अपने स्वभाव से मजबूर है। कम से कम उसे तो माफ कर दो!”
काम्या ने सोचा और आगे बढ़ कर मोहिनी को कुर्सी से छोड़ दिया। मोहिनी ने काम्या को गले लगाया और उस से माफी मांगी। मां बेटी ने एक दूसरे को माफ किया तो काम्या ने अपनी मां को अपने साथ मानव के बिस्तर में बुलाया। मोहिनी ने काम्या की बात मानते हुए काम्या को बेड के किनारे लिटाया और उसके पैरों को फैला कर उठाया।
मोहिनी ने अपनी बेटी की गांड़ में से बहता अपने प्रेमी का वीर्य पीते हुए अपने नए रिश्ते को स्वीकृति दी।
हीरेष ने पूरी रात अपनी बीवी और बेटी को अपने जानी दुश्मन से हर छेद में चुधवाते हुए देखा। हीरेष अपनी जिंदगी और किस्मत को कोसता रहा। Champagne में मिलाए वायग्रा की वजह से मानव का लौड़ा अगली दोपहर तक खड़ा रहा। मानव को जब रिहा किया गया तब तक मोहिनी और काम्या अपने हर छेद को मानव के आकार में सात बार ढाल कर तृप्त हो गई थी।
मानव ने दोनों को आसानी से उठाया और बाथरूम में बड़े प्यार से नहलाया। डगमगाते पैरों से मां बेटी को बाहर जाने को कहते हुए मानव ने हीरेष को कुर्सी से आज़ाद किया।
हीरेष, “मैं आज़ाद हूं! तुम मुझे यहां गुलाम की तरह नहीं रख सकते! ये दोनों रंडियां रखो अपने पास! मैं कोर्ट जाऊंगा!! मैं अपना हिस्सा ले कर रहूंगा!! तुम मुझे लूट नही सकते! तुम तो ये भी साबित नहीं कर सकते की मैने तुझे मरवाने की कोशिश की। मुझे जायदाद में मेरा हिस्सा चाहिए!”
मानव ने हीरेष को हॉल में बिठाया और अपने पूरे परिवार को देखा।
मानव, “भैय्या, मैं शायद कहीं पर अब भी उम्मीद कर रहा था कि मेरी संगत में आप मुझे पसंद करोगे। मुझे दोस्त नहीं तो एक इंसान समझोगे। पर सच्चाई तो ये है कि मैं गलत था। मैं अच्छा दोस्त हूं, अच्छा इंसान हूं, अच्छा प्रेमी हूं, अच्छा पिता हूं, अच्छा मालिक हूं और अच्छा भाई भी हूं। अफसोस कि आप इस में से कुछ भी नहीं। मैं आप को छोड़ रहा हूं। आप आज के बाद इस परिवार के किसी भी सदस्य से नहीं मिलेंगे।“
काम्या, “पापा! ये क्या कर रहे हो? ये बाहर जाते ही आप के खिलाफ कुछ न कुछ करने लगेगा!”
मोहिनी, “हीरेष की वजह से आप की मां को खुदकुशी करनी पड़ी। शायद हीरेष को पछतावा हो गया है और उसने भी वही कर लिया…”
मोहिनी को अपनी मौत को साज़िश रचते हुए देख हीरेष डर कर मानव को देखने लगा।
मानव मुस्कुराकर, “मौत बहुत आसान तरीका है जिंदगी के दर्दों से बचने का। भैय्या आप जा सकते हो! बस Dr Solanki से शुक्रिया कहना।“
हीरेष ने दरवाजा खोलते हुए, “मतलब?”
मानव ने दरवाजे के बाहर इशारा किया और हीरेष उस नजारे को देख डर से जम गया।
nice update..!!107
दरवाजे को खोल कर एडवोकेट कमलाकर और 2 पुलिस सिपाही एक बड़े पुलिस अधिकारी के साथ अंदर आ गए।
कमलाकर के पैर छूने मानव झुका पर उन्होंने मानव को गले लगाया।
मानव, “आप ने मेरी मां से अपना वादा निभाने की बड़ी कीमत चुकाई।“
कमलाकर, “इसी लिए मुझे तुमसे मिलने आना पड़ा! ये मेरा फर्ज था जो मैना खुशी खुशी निभाया। तुम पर मेरा कोई एहसान नहीं और ना ही कोई शिकवा। अब तुम अपनी जिंदगी जिओ और मुझे मदद करना बंद करो बेटा! मैं खुश हूं और सिर्फ तुम्हें खुश देखना चाहता हूं। इसी एक बात ने मुझे 11 घंटों का सफर करने को मजबूर कर के ऑस्ट्रेलिया से यहां लाया।“
मोहिनी ने काम्या से एडवोकेट कमलाकर की पहचान कराई और पुलिस को देख कर चुप हो गई।
मानव, “मैंने आप सब से कहा था कि Dr Solanki अपने पापों का प्रायश्चित कर रहा है। अगर भैय्या कल मेरी कत्ल में उलझे नही होते तो उन्हें इस बात की अहमियत समझ आ गई होती। अपने परिवार और अपने दुश्मन से माफी मांगने के बाद अगला पड़ाव होता है कानून से इंसाफ लेकर साफ हो जाना। (हीरेष कागज जैसा सफेद पड़ गया) मैने Dr Solanki को रोका और एडवोकेट कमलाकर से बात करने को कहा। एडवोकेट कमलाकर ने जस्टिस सोनी के साथ मिलकर Dr Solanki को सरकारी गवाह बना दिया और बड़े गुनहगार को कैद करने पुलिस के साथ आए हैं।“
पुलिस अधिकारी ने इशारा किया और हीरेष को माया को नशा देना, उसका शारीरिक शोषण करना, उसे आत्महत्या के लिए उकसाना इन मामलों के साथ मानव के खिलाफ दो बार कत्ल की साजिश करना, मानव को जहर देने की कोशिश करना, मानव से धोखा कर उसके विदेशी चलन को लूटना ये मामले भी जोड़े गए। सबसे बड़ा मामला तो था Dr Solanki की बीवी की हत्या।
हीरेष रोने लगा, “मानव!! मानव मेरे भाई!! मुझे फांसी हो जायेगी!! मेरे लिए नही तो अपनी बेटी के लिए मुझे बचाओ!! परिवार की इज्जत के लिए बचाओ!!”
मानव, “हीरेष, मैं तुम्हें फांसी नही होने दूंगा। इतना ही नहीं, मैं जेल में भी तुम्हारी मौत होने नही दूंगा। तुम अपनी पूरी जिंदगी जिओगे। ये मेरा वादा रहा।“
हीरेष ने मानव के पैर पकड़ लिए और शुक्रिया कहा।
हीरेष, “मानव तुम महान हो! तुम ने मुझे माफ करके साबित किया है कि तुम इंसान नही भगवान हो!”
मानव गंदी हंसी के साथ, “इतना खुश नहीं होते हीरेष बाबू! एडवोकेट कमलाकर ने Dr Solanki के लिए की गई डील के मुताबिक तुम्हें फांसी नही पर उम्रकैद होगी। इस दौरान तुम्हें आपसी लड़ाई या खुदकुशी से मरने से रोकने के लिए जेल के सबसे बेरहम गुंडे के साथ रखा जाएगा। मुबारक हो, तुम्हारा नया पति तुम्हारा बेहतरीन खयाल रखेगा!”
हीरेष को अचानक एहसास हुआ कि अगर उसने कल रात मानव को मारने की कोशिश नहीं की होती तो मानव Dr Solanki से मुलाकात की पूरी बात बताकर उसे भागने के लिए वक्त देता। पर जायदाद के लालच ने उसे अंधा ही नहीं बेहरा भी बना दिया था। अब हीरेष समझ गया कि उसे अपनी बची हुई पूरी जिंदगी माया की तरह हर रात इज्जत लुटाते और नशे के लिए तड़पकर बितानी होगी।
हीरेष के बोल बदले और वह मौत मांगने लगा। जब पुलिस उसे खींच कर ले जा रहे थे तब वह चिल्ला कर सबको बता रहा था कि मानव एक लुटेरा है। मानव ने अपनी भाभी की इज्जत लूटी है, काम्या मानव की नाजायज औलाद है और मानव ने काम्या के साथ भी नाजायज संबंध बनाए हैं।
हीरेष की बात को पूरी building के सारे लोगों ने सुना पर उन्होंने मानव के खिलाफ इस से भी बुरा सुना था तो ये कोई बड़ा इल्जाम नही था। साथ ही जब किसी नशेड़ी को पुलिस कत्ल के इल्जाम में गिरफ्तार कर ले जा रहे हों तो उस पर यकीन करना बहुत मुश्किल होता है।
दोपहर के खाने के लिए जब मानव, मोहिनी और काम्या बैठे तो काम्या ने मानव की हथेली पर बीवी के अधिकार से हाथ रखा। काम्या की इस हिम्मत से मोहिनी चौंक गई पर मानव ने सिर्फ मुस्कुराकर उसे क्या बात है यह पूछा।
काम्या, “मैने आप को अपना पति माना है और मैं जानती हूं की हमारा रिश्ता हम किसी को बता नहीं सकते पर क्या मुझे आप एक वादा दे सकते हो?”
मानव ने काम्या का हाथ उठाकर उसे चूमते हुए वादा दिया।
काम्या, “आप ने वादा क्या है यह पूछा भी नहीं!”
मानव ने कहा कि उसे काम्या पर भरोसा है। मोहिनी को याद आया कि ऐसा ही एक वादा मानव ने उसे दिया था जो उसने ठुकराकर अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी गलती की।
काम्या, “आप मेरे जीवनसाथी हैं, मेरे होने वाले बच्चे के पिता भी और नाना भी। मैं नहीं चाहती कि कोई आप को बेवजह गलत कहे। धंधे में सबसे दोस्ती नहीं हो सकती पर ये दानव बनने की ज़िद छोड़ दो!”
मानव ने मुस्कुराकर अपने प्यार की बात मान ली और पूरे परिवार ने मिलकर अपना पहला खाना खाया।
अगले दिन मानव और काम्या जब काम पर पहुंचे तब मानव के हाथ में (चाय की) बॉटल नही थी और ना ही वह नशे में चूर दिख रहा था। काम्या को पता चला की जाते हुए छोटेलाल और साफिया ने मानव की लोगों को की हुई मदद को सबके सामने खोल दिया था। जो बातें उन दोनों ने नही बताई वह कल के दिन लोगों ने आपस में बातें कर जान ली।
कल का पूरा दिन Diamond Market Scandal, news पर चल रहा था। पान बेचने वाले यूसुफ भाई ने मानव पर कई संगीन इल्जाम लगाए पर उसके खिलाफ सबूत ऑफिस में ही बरामत हुए। सब को समझ आ गया था की यूसुफ को सजा क्यों मिली और यूसुफ को जल्द ही भुला दिया गया। न्यूज़ में जब यूसुफ की बीवी और बेटी को ढूंढा गया तो उन दोनों ने मानव को फरिश्ता कहा और अपने पति से मिलाने के लिए मानव का एहसान माना।
मानव के बिस्तर में मरी हुई उषा एक बड़ी कंपनी में काम करती थी और अपने पति और बेटी के साथ खुश थी। उषा की मां अब भी जिंदा थी और उसका फ्रांस में अच्छा इंडियन रेस्टोरेंट था। मानव के स्कूल के साथियों ने माया शाह एजुकेशन सोसायटी की खबर बाहर निकाली।
अगर कोई यह समझ लेता की मानव शाह मर गया है तो वह गलत नही होता। मानव शाह की इतनी तारीफ हो रही थी कि वह काम में मुंह छुपाए घूम रहा था।
काम्या को बस एक बात की खुशी थी।
दानव मर चुका था।
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Awesome update107
दरवाजे को खोल कर एडवोकेट कमलाकर और 2 पुलिस सिपाही एक बड़े पुलिस अधिकारी के साथ अंदर आ गए।
कमलाकर के पैर छूने मानव झुका पर उन्होंने मानव को गले लगाया।
मानव, “आप ने मेरी मां से अपना वादा निभाने की बड़ी कीमत चुकाई।“
कमलाकर, “इसी लिए मुझे तुमसे मिलने आना पड़ा! ये मेरा फर्ज था जो मैना खुशी खुशी निभाया। तुम पर मेरा कोई एहसान नहीं और ना ही कोई शिकवा। अब तुम अपनी जिंदगी जिओ और मुझे मदद करना बंद करो बेटा! मैं खुश हूं और सिर्फ तुम्हें खुश देखना चाहता हूं। इसी एक बात ने मुझे 11 घंटों का सफर करने को मजबूर कर के ऑस्ट्रेलिया से यहां लाया।“
मोहिनी ने काम्या से एडवोकेट कमलाकर की पहचान कराई और पुलिस को देख कर चुप हो गई।
मानव, “मैंने आप सब से कहा था कि Dr Solanki अपने पापों का प्रायश्चित कर रहा है। अगर भैय्या कल मेरी कत्ल में उलझे नही होते तो उन्हें इस बात की अहमियत समझ आ गई होती। अपने परिवार और अपने दुश्मन से माफी मांगने के बाद अगला पड़ाव होता है कानून से इंसाफ लेकर साफ हो जाना। (हीरेष कागज जैसा सफेद पड़ गया) मैने Dr Solanki को रोका और एडवोकेट कमलाकर से बात करने को कहा। एडवोकेट कमलाकर ने जस्टिस सोनी के साथ मिलकर Dr Solanki को सरकारी गवाह बना दिया और बड़े गुनहगार को कैद करने पुलिस के साथ आए हैं।“
पुलिस अधिकारी ने इशारा किया और हीरेष को माया को नशा देना, उसका शारीरिक शोषण करना, उसे आत्महत्या के लिए उकसाना इन मामलों के साथ मानव के खिलाफ दो बार कत्ल की साजिश करना, मानव को जहर देने की कोशिश करना, मानव से धोखा कर उसके विदेशी चलन को लूटना ये मामले भी जोड़े गए। सबसे बड़ा मामला तो था Dr Solanki की बीवी की हत्या।
हीरेष रोने लगा, “मानव!! मानव मेरे भाई!! मुझे फांसी हो जायेगी!! मेरे लिए नही तो अपनी बेटी के लिए मुझे बचाओ!! परिवार की इज्जत के लिए बचाओ!!”
मानव, “हीरेष, मैं तुम्हें फांसी नही होने दूंगा। इतना ही नहीं, मैं जेल में भी तुम्हारी मौत होने नही दूंगा। तुम अपनी पूरी जिंदगी जिओगे। ये मेरा वादा रहा।“
हीरेष ने मानव के पैर पकड़ लिए और शुक्रिया कहा।
हीरेष, “मानव तुम महान हो! तुम ने मुझे माफ करके साबित किया है कि तुम इंसान नही भगवान हो!”
मानव गंदी हंसी के साथ, “इतना खुश नहीं होते हीरेष बाबू! एडवोकेट कमलाकर ने Dr Solanki के लिए की गई डील के मुताबिक तुम्हें फांसी नही पर उम्रकैद होगी। इस दौरान तुम्हें आपसी लड़ाई या खुदकुशी से मरने से रोकने के लिए जेल के सबसे बेरहम गुंडे के साथ रखा जाएगा। मुबारक हो, तुम्हारा नया पति तुम्हारा बेहतरीन खयाल रखेगा!”
हीरेष को अचानक एहसास हुआ कि अगर उसने कल रात मानव को मारने की कोशिश नहीं की होती तो मानव Dr Solanki से मुलाकात की पूरी बात बताकर उसे भागने के लिए वक्त देता। पर जायदाद के लालच ने उसे अंधा ही नहीं बेहरा भी बना दिया था। अब हीरेष समझ गया कि उसे अपनी बची हुई पूरी जिंदगी माया की तरह हर रात इज्जत लुटाते और नशे के लिए तड़पकर बितानी होगी।
हीरेष के बोल बदले और वह मौत मांगने लगा। जब पुलिस उसे खींच कर ले जा रहे थे तब वह चिल्ला कर सबको बता रहा था कि मानव एक लुटेरा है। मानव ने अपनी भाभी की इज्जत लूटी है, काम्या मानव की नाजायज औलाद है और मानव ने काम्या के साथ भी नाजायज संबंध बनाए हैं।
हीरेष की बात को पूरी building के सारे लोगों ने सुना पर उन्होंने मानव के खिलाफ इस से भी बुरा सुना था तो ये कोई बड़ा इल्जाम नही था। साथ ही जब किसी नशेड़ी को पुलिस कत्ल के इल्जाम में गिरफ्तार कर ले जा रहे हों तो उस पर यकीन करना बहुत मुश्किल होता है।
दोपहर के खाने के लिए जब मानव, मोहिनी और काम्या बैठे तो काम्या ने मानव की हथेली पर बीवी के अधिकार से हाथ रखा। काम्या की इस हिम्मत से मोहिनी चौंक गई पर मानव ने सिर्फ मुस्कुराकर उसे क्या बात है यह पूछा।
काम्या, “मैने आप को अपना पति माना है और मैं जानती हूं की हमारा रिश्ता हम किसी को बता नहीं सकते पर क्या मुझे आप एक वादा दे सकते हो?”
मानव ने काम्या का हाथ उठाकर उसे चूमते हुए वादा दिया।
काम्या, “आप ने वादा क्या है यह पूछा भी नहीं!”
मानव ने कहा कि उसे काम्या पर भरोसा है। मोहिनी को याद आया कि ऐसा ही एक वादा मानव ने उसे दिया था जो उसने ठुकराकर अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी गलती की।
काम्या, “आप मेरे जीवनसाथी हैं, मेरे होने वाले बच्चे के पिता भी और नाना भी। मैं नहीं चाहती कि कोई आप को बेवजह गलत कहे। धंधे में सबसे दोस्ती नहीं हो सकती पर ये दानव बनने की ज़िद छोड़ दो!”
मानव ने मुस्कुराकर अपने प्यार की बात मान ली और पूरे परिवार ने मिलकर अपना पहला खाना खाया।
अगले दिन मानव और काम्या जब काम पर पहुंचे तब मानव के हाथ में (चाय की) बॉटल नही थी और ना ही वह नशे में चूर दिख रहा था। काम्या को पता चला की जाते हुए छोटेलाल और साफिया ने मानव की लोगों को की हुई मदद को सबके सामने खोल दिया था। जो बातें उन दोनों ने नही बताई वह कल के दिन लोगों ने आपस में बातें कर जान ली।
कल का पूरा दिन Diamond Market Scandal, news पर चल रहा था। पान बेचने वाले यूसुफ भाई ने मानव पर कई संगीन इल्जाम लगाए पर उसके खिलाफ सबूत ऑफिस में ही बरामत हुए। सब को समझ आ गया था की यूसुफ को सजा क्यों मिली और यूसुफ को जल्द ही भुला दिया गया। न्यूज़ में जब यूसुफ की बीवी और बेटी को ढूंढा गया तो उन दोनों ने मानव को फरिश्ता कहा और अपने पति से मिलाने के लिए मानव का एहसान माना।
मानव के बिस्तर में मरी हुई उषा एक बड़ी कंपनी में काम करती थी और अपने पति और बेटी के साथ खुश थी। उषा की मां अब भी जिंदा थी और उसका फ्रांस में अच्छा इंडियन रेस्टोरेंट था। मानव के स्कूल के साथियों ने माया शाह एजुकेशन सोसायटी की खबर बाहर निकाली।
अगर कोई यह समझ लेता की मानव शाह मर गया है तो वह गलत नही होता। मानव शाह की इतनी तारीफ हो रही थी कि वह काम में मुंह छुपाए घूम रहा था।
काम्या को बस एक बात की खुशी थी।
दानव मर चुका था।
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Superb update105
काम्या ने मानव के ऊपर खड़े हो कर अपना लहंगा चोली उतार दी। मानव का लौड़ा इस मस्ताने रूप को देख कर झूमने लगा।
मानव ने अपने धैर्य का आखरी धागा पकड़ कर काम्या को रोकने की कोशिश की।
मानव, “बेटी, तुम पेट से हो सकती हो! अभी तुम्हें बहुत कुछ देखना है, सीखना है और करना है!”
काम्या, “तो अपनी बेटी को भरकर अपने बच्चे के नाना बन जाओ! (हंसकर) मैं अपने पापा के बच्चे की मां बनने वाली हूं पर कुछ सालों बाद। फिलहाल मजे करने के लिए मैने गर्भ निरोधक गोलियां खाना शुरू कर दिया है।“
काम्या की बात सुनकर मानव के लौड़े से precum का फव्वारा उड़ गया और मानव काम्या को रोकने के लिए छटपटाने लगा। काम्या मानव के मन और तन के बीच चल रही जंग को देख हंस पड़ी।
काम्या ने मानव के घुटनों पर अपनी नंगी गांड़ को रखा और मानव के लौड़े को उसके precum से चमकाने लगी। मानव का लाल सुपाड़ा धड़कते हुए काम्या के हाथों में मुश्किल से समा रहा था। काम्या ने मानव की आंखों में देखते हुए उसके सुपाड़े को चूमना शुरू किया और मानव ने आह भरते हुए काम्या का नाम लिया।
काम्या मानव के महाकाय लौड़े को जड़ से सिरे तक अपनी जीभ से चाटने लगी। मानव का लौड़ा गिला और चमकीला करते हुए काम्या बड़े चाव से मानव के precum को चाटकर पी गई। मानव को विश्वास नहीं हो रहा था पर आज वह अपने ही खून के हाथों स्खलन होने की कगार पर था।
मानव ने आज तक कई औरतों को इस्तमाल किया था पर मानव हमेशा पहले औरत को झड़ाता और फिर अपना सुख लेने बढ़ता। आज उसकी अपनी बेटी उसके नियम को उसके खिलाफ इस्तमाल कर उसे बेबस कर रही थी।
मानव का वीर्य काम्या के छेड़ने से फटने को था जब काम्या ने मानव के लौड़े के नीचे की मोटी नब्ज़ को दबाकर मानव को अधर में लटका दिया।
काम्या, “क्या पापा अपनी बेटी के हाथों झड़ना चाहते हैं?”
मानव बेबस हो कर, “हां!!…”
काम्या शैतानी मुस्कान से नब्ज को दबाए रख कर मानव के सुपाड़े को चूस कर।
काम्या, “क्या पापा अपनी काम्या बेटी को अपना गरमा गरम वीर्य पिलाना चाहते हैं?”
मानव तड़पते हुए घुटि हुई आवाज में, “हां!!…”
काम्या ने मानव का सुपाड़ा चूसते हुए नब्ज़ को दबाकर दूसरी हथेली से मानव के लंबे लौड़े को सहलाते हुए,
“क्या पापा अपनी दुलारी काम्या बेटी के कुंवारे कच्चे बदन को अपने वीर्य से भर कर अपना बनाना चाहते हैं?”
मोहिनी रो पड़ी, “नही!!…
नही!!…
नही!!!…”
मानव सर झटक कर तड़पते हुए, “हां!!!…”
काम्या ने अपना मुंह खोला और मानव का सुपाड़ा जितना मुमकिन था उतना अपने होठों से पकड़ लिया। अपनी दोनों हथेलियों से मानव के लौड़े को हिलाते हुए काम्या ने मानव के लौड़े के जड़ की नब्ज छोड़ दी।
काम्या के गले में धमाका हुआ। काम्या लगातार गटकती गई पर मानव के वीर्य से उसके गाल भर गए और होठों के कोनों में से कुछ बूंदें बाहर छलक ही गई। मोहिनी अपनी बेटी को अपने प्रेमी के संग मजे करते हुए देख रो पड़ी तो हीरेष ने आखिरकार माना की अब उसके पास मानव के खिलाफ कोई हथियार नहीं बचा।
काम्या ने मानव के वीर्य को गटक लिया और अपने होठों और उंगलियों पर से मानव का वीर्य चाट कर मानव को देखा।
काम्या, “पापा आप का रस पीकर मेरा बदन गरम हो गया है। मेरी सांसे तेज हो गई है। मेरी चूचियां कड़क हो गई हैं। मैं तयार हूं!”
मानव ने देखा कि काम्या ने उसकी कमर के दोनों तरफ पैर रखे और नीचे झुकने लगी। मानव ने काम्या को रोकने की आखरी कोशिश करते हुए अपने बंधनों से आज़ादी पाने की कोशिश की।
मानव का बेड बनाते हुए बनाने वाले ने मानव को देख कर उसकी छटपटाती शिकार को बांधे रखने के हिसाब से ही बेड बनाया था। मानव की छटपटाहट देख कर मोहिनी ने मन ही मन उसे बेकसूर माना और काम्या उसे देख हंस पड़ी।
काम्या ने अपनी हथेलियों में पकड़कर मानव के सेब जैसे सुपाड़े को अपने कोरी पंखुड़ियों के बीच रखा। मानव हिल रहा था पर उसके विशाल आकार के कारण उसका सुपाड़ा काम्या आसानी से अपनी कुंवारी चूत पर लगा कर रख पा रही थी।
काम्या हंसकर, “पापा!! मैंने सुना था की जैसी करनी वैसी भरनी। अगर आप ने कभी किसी का बलात्कार नहीं किया तो आप का बलात्कार क्यों हो रहा है?”
मानव बेबसी से गिड़गिड़ाया, “नहीं बेटा!!… एक बार सोच लो!!… तुम्हें कोई मिलेगा जिसे तुम अपना दिल देना चाहोगी। अपने जीवन साथी को अपना सच्चा प्यार, सच्चा दोस्त और हमराज़ बनाना चाहोगी। तुम्हें यह तोहफा उसे देना चाहिए ना की किसी ऐसे को जिस से तुम्हें समाज में दूरी बनानी पड़े।“
काम्या ने मानव की आंखों में आत्मविश्वास और पूरे यकीन से देखा।
काम्या, “हां पापा!… मैं यह बात जानती हूं, समझती हूं और इसी लिए अपना चुनाव करती हूं!!!…”
काम्या ने मानव के लौड़े को अपनी चूत पर पकड़ कर बैठना शुरू कर दिया। काम्या की कच्ची पंखुड़ियों ने विरोध जताते हुए मानव के सुपाड़े पर फैलना शुरू कर दिया। मानव अभी अभी झड़ चुका था और इस इकलौती बात की वजह से शीघ्रपतन से बच पाया।
काम्या की कुंवारी यौन पंखुड़ियां अपनी जोड़ में से छिल गई और उसका यौन मोती खुल कर मानव के लौड़े के ऊपरी हिस्से से घिसने लगा। काम्या दर्द भरी उत्तेजना में आह भरते हुए सिहर उठी। काम्या ने दर्द से जमा आंसुओं में से मानव को देखा और मुस्कुराई।
काम्या, “I LOVE YOU PAPA!!…”
काम्या ने अपने घुटने मोड़ दिए।
मानव के लौड़े पर काम्या की जवानी सूली चढ़ गई। काम्या छत की ओर देख कर कांप रही थी। उसका कुंवारा पूरा बदन मानव के लौड़े का सहारा लिए अकड़ते हुए इस गहरे ज़ख्म का दर्द बर्दास्त करने की कोशिश करते हुए नाकाम हो रहा था।
मोहिनी ने अपनी बेटी की नाभी के नीचे से मानव के सुपाड़े को धड़कते हुए देखा और अपना सर झुकाकर रोने लगी। काम्या की कुंवारी चूत, झिल्ली और बच्चेदानी से एक साथ खून बहने लगा जो मानव के लौड़े पर से होते हुए मानव के bed पर बहने लगा।
मानव काम्या को पुकार रहा था पर काम्या को होश में आने में वक्त लग रहा था। काम्या यौवन के पहले दर्द को मानव के अजगर से पाकर बेसुध सी हो गई थी पर उसका बदन जल्द ही होश में आ गया।
काम्या के बदन में खिंचाव और मचलना शुरू हो गया। काम्या की योनि मानव के अजगर पर कसती और छूटती उसे निचोड़ने लगी। काम्या की बच्चेदानी में भी थरथराहट हुई और मानव का सुपाड़ा चूसा जाने लगा।
मानव की काम्या के लिए पुकार जल्द ही आहों में बदल गया। काम्या के बदन ने मानव को एक अभूतपूर्व एहसास देते हुए निचोड़ दिया। मानव अपने शरीर से बेबस अपने लौड़े को काम्या की योनि से निचोड़ने को महसूस करता उसे पुकारता रहा।
काम्या के मासूम बदन को मानव के भयावह अंग से मिले यौन सुख के पहले दर्द से बाहर निकलने में थोड़ा वक्त लगा। पर उस दर्द के साथ एक नशा बनता है जो औरत को अपने पहले प्रेमी से जोड़ता है। मानव से एक धक्के में सूली चढ़ जाने से काम्या के बदन में उस नशे की बाढ़ आ गई।
काम्या से ऊंचे स्वर में चीख निकल गई और वह झड़ते हुए आगे झुककर मानव के सीने से लग गई। मानव ने काम्या को अपनी आंखे खोलते देखा। मानव के मन में कश्मकश थी की वह काम्या को रोक या रुकने से रोके।
काम्या नशीली आंखों से मानव को देख मुस्कुराकर, “पापा!!…
ओह पापा!!…”
काम्या ने आगे बोलने के बजाय अपने होठों से मानव को चुप कर दिया। काम्या ने मानव की आंखों में देखते हुए अपनी कमर को उठाया।
“पक्क!!…” की एक दबी हुई आवाज से मानव का सुपाड़ा काम्या की बच्चेदानी से बाहर निकला और काम्या की आंखों से दर्द भरे आंसू छलक पड़े। काम्या ने अपनी कमर को तब तक उठाया जब तक मानव के सुपाड़े का अगला छोर छोड़ मानव का लौड़ा पूरी तरह बाहर नहीं निकला।
काम्या ने अपने खून से लथपथ मानव के अमानुष अंग को देखा। काम्या ने मानव को अपने अंदर बनाए रखते हुए उसके लौड़े पर अपनी उंगली को घुमाते हुए उस पर लगा खून उठाया।
काम्या ने अपने बाबा हीरेष, फिर अपनी मां मोहिनी और आखिर में अपने प्यार मानव की आंखों में देखा। काम्या ने फिर अपने खून से अपनी मांग भर दी।
काम्या, “पापा मैंने अपना जीवनसाथी चुन लिया है। आप उसके खिलाफ कुछ नही कहेंगे। समझे!”
मोहिनी सिसक कर रो रही थी और मानव जिंदगी में पहली बार निशब्द था।
काम्या ने दुबारा अपने घुटनों को मोड़ दिया। काम्या की दर्द भरी आह इस बार बेहोशी में खत्म नहीं हुई। काम्या ने दर्द में बहते आंसुओं से मानव को देख मुस्कुराते हुए अपने पेट को दबाया। मानव के सुपाड़े को इस तरह सहलाए जाने की आदत नहीं थी और मानव कराह उठा।
मानव, “रुक जाओ काम्या! मैं… मैं… झड़ जाऊंगा!”
काम्या ने अपने प्रेमी की खस्ता हालत पर रहम नहीं किया और धीरे से ऊपर नीचे होते हुए उसके लौड़े से अपनी बच्चेदानी को चुधवाया। हर बार जब मानव का सुपाड़ा काम्या की नाभी के नीचे से झांकता काम्या उसे सहलाकर दबाते हुए अपनी कमर उठाती।
मानव इस मीठी यातना से हार गया और बुरी तरह अकड़ते हुए झड़ने लगा। मानव की तोप चली तो काम्या भी दंग रह गई। मानव ने झड़ते हुए एक बार में ही काम्या की बच्चेदानी को अपने शुक्राणुओं से भरे वीर्य से भर दिया।
अपनी बच्चेदानी को भर कर फूलने का एहसास काम्या को उत्तेजना की कगार से गिरा गया। काम्या ने झड़ते हुए अपने पापा को पुकारा और उसके सीने पर अपनी नुकीली चूचियों को दबा कर गिर गई।
मानव के लौड़े ने जैसे उसके गोटों को निचोड़कर उनका सारा रस काम्या की भूखी बच्चेदानी को पिला दिया था। मानव ने अपनी नई बेटी और प्रेमिका को देखा और एक गहरी सांस ली। आज पहली बार वह नहीं जानता था कि वह अब क्या कहे।
काम्या ने अपनी नशीली आंखें खोली और एक तृप्त औरत वाली मुस्कान से मानव को देख कर चूम लिया।
मानव, “बेटी, तुम मुझे मना चुकी हो। अब जब हमने शारीरिक संबंध बना लिए हैं तो मैं अब रुक नहीं सकता! अगर तुम चाहो तो हम ये संबंध बनाए रखेंगे। लेकिन मुझे खोल दो! मुझे तुम्हें छूने दो!”
काम्या शरारती मुस्कान से, “पापा!!… अभी छोड़ दिया तो मेरी गांड़ कुंवारी रह जायेगी।“
मानव ने अपनी आंखें बंद की और सोचा कि इस स्वर्ग की अप्सरा को लूटने के लिए वह नरक में जलेगा। अजीब बात तो यह थी की यह बात जानकर भी वह अब रुकने को तयार नही था।