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Incest मासी का घर (सेक्सी मासी और मासी की बेटी)

xxxlove

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मासी के घर
अध्याय 11 - अपराध या आकर्षण

पिछले update में, मासी के साथ कुछ रोमांटिक बात चीत के बाद मैंने विशाखा के साथ थोड़ी मस्ती की। हमारे बीच जो हुआ, शायद वो कभी भुलाया नहीं जा सकता।

अब आगे; रात हो चुकी थी, dinner के बाद सभी लोग अपने अपने कमरे में चले गए थे। मैंने मासी को मेरे लिए हल्दी वाला दूध बनाने को कहा, और खुद आराम से सोफ़े पर बैठ गया। कुछ देर बाद जब मुझे किचन से एक अच्छी सुगंध आई तो मैं खुद उठ कर किचन में चला गया।

मासी के हाथों में दूध का ही ग्लास था, थोड़ी dim-lights थी और महोल moody था। एक हल्की मुस्कान के साथ मासी बोली,

मासी: “पूरा दिन घूमने के बाद थकान होगी ही।”

मैं किचन काउंटर पर बॉडी को lean करते हुए, मासी को tease करते हुए कहा,

मैं: “थकान तो होती है, लेकिन आप को देख कर निकल जाती है।”

मासी blush करती है, हम दोनों के बीच चुप्पी थी, फिर मासी अपने हाथों में पकड़े ग्लास को आगे कर देती है। मैं उस ग्लास को अपने हाथों में लेता हूँ, इसी समय हम दोनों के हाथ स्पर्श होते है। उस लम्हे में एक अलग ठहराव था, एक connection था। उस समय बस झींगुरों की चहचहाहट और हवा के आवाज अलावा कोई आवाज नहीं थी।

हम सिर्फ एक दूसरे की आँखों में देखे जा रहे थे।

फिर मासी झिझते हुए हल्की आवाज में बोली,

मासी: “तुम्हें समझना काफी मुश्किल है… तुम जानते भी हो तुम क्या कह रहे हो?”

मैं मासी के और नजदीक जाकर, मुस्कुराकर कहता हूं,

मैं: “बिल्कुल, काफी अच्छे से जानता हूं।”

मासी एक पल के लिए थम जाती है, उनका दिल इतनी तेज धड़क रहा था की मुझे सुनाई आ रहा था। वे दूसरी ओर देखने का प्रयास कर रही थी, मगर मैं हमारे eye contact को बरकरार रखता हूं। हम दोनों के हाथों ने अभी भी ग्लास को पकड़े रखा था। मैं उनके और नजदीक जाता हूं, उनके हाथ उनके पेट से लग जाते है और मैं भी उन्हे स्पर्श कर सकता था।

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मासी काफी हल्के आवाज में बोली जैसी की हमारा नजदीक आना कोई पाप हो,

मासी: “तुम्हें सिर्फ टाइमपास करना आता है।”

मैं (seriously): “अगर टाइमपास होता… तो शायद मैं यहां खामोश नहीं खड़ा होता।”

शांति, जो काफी देर तक थी। हम दोनों के बीच उस पल थोड़ा तनाव था, उस तनाव को तोड़ते हुए मासी मुझे ग्लास थमा कर किचन से जाने लगी। जाते जाते वे उन आँखों से मुझे फिर से देखती है जिसमे अपने की बहन के बेटे के प्रति ऐसी भावना रखने का अपराध और उसे दिलों जान से चाहने का आकर्षण दोनों नजर आ रहे थे।

उनके वहां से जाने के बाद, मैंने उस हल्दी वाले दूध को पिया। वो काफी अलग लग रहा था, मैंने पहले भी हल्दी वाला दूध पिया है लेकिन इसका टेस्ट काफी अलग और मजेदार था।

दूध पीने के बाद मैं अपने कमरे की ओर चला गया। देखा तो विशाखा के कमरे का दरवाजा खुला हुआ था। मैं फिर से उसके कमरे में घुस जाता हूं।

विशाखा मोबाइल देख रही थी, मुझे देख कर उसने मोबाइल रख दिया और कहा,

विशाखा: “अरे मिस्टर, आप फिर आ गए? रूम का दौरा है क्या?”

मैं वह बेड के किनारे पर बैठ गया, और मुस्कराकर कहा,

मैं: “मैडम, पूरे दिन योग और घूमने के बाद अब मोबाइल का योग चल रहा है?”

विशाखा हंसते हुए बोली,

विशाखा: “तुम्हे क्या प्रॉब्लम है? और तुम बिना किसी कारण के रूम में घुस जाते हो।”

मैं हल्की मुस्कुराहट के साथ बोला,

मैं: “कारण तो है।”

विशाखा की मुस्कान भी हल्की हो गई, उसने मेरी आंखों में देखते हुए पूछा,

विशाखा: “क्या?”

मैं: “तुम!”

विशाखा शर्म के मारे लाल हो गयी और अपने सिर को नीचे झुका लिया। हल्के से आगे बढ़कर मैंने उसके गाल पर kiss किया।

विशाखा मेरी ओर देख कर खिलखिला कर हंसने लगी।

तभी मैं उसके कमरे से निकल कर छत पर चला गया। तारों को देखते हुए मैं काफी सारे खयालों में खोया हुआ था। मेरे मन में काफी सवाल थे, जैसे की,

‘विशाखा का अतुड़ प्रेम जो मेरे ऊपर है, मासी के मन में धीरे धीरे जो ये बदलाव हो रहे है, जो उनके अंदर मेरे लिए भवनए पैदा हो रही है, इन दोनों को एक साथ कैसे संभाल जाए।’

‘एक ही छत के नीचे छुप छुप कर एक ही समय इन दोनों से प्यार करना शायद काफी मुश्किल होगा। हो भी सकता है की किसी एक को इस छुपन छुपाई के बारे में बात चल जाए और सारा खेल बिगड़ जाए।’

‘समय किसी के लिए नहीं रुकता, और मैं कोई स्पेशल थोड़ी हूं। मेरी छोटिया और गर्मियों का मौसम तेजी से खत्म हो रहा है। ये प्रेम बंधन और भी उलझ रहे है।’

मैं आकाश में लटक रहे, चमकते हुए तारों को देख ही रहा था की वहां मेरे पीछे से कोई मुझे छूता है। ये स्पर्श जाना पहचाना था।
मैंने पीछे मुड़कर देखा तो यह मासी थी, वे अब तक सोई नहीं थी। चाँद की चाँदनी में मासी का चेहरा काफी निखार कर दिख रहा था। मानो कोई हुस्न पारी सीधा स्वर्ग से उतार कर हमारी छत पर land हो गई थी।

मासी के मुंह से काफी हल्के स्वर निकले,

मासी: “तुम… तुम अब तक सोये नहीं?”

मैं मासी की नजरों से मेरा ध्यान हटाना तो नहीं चाहता था लेकिन मैंने हटाया और दूसरी ओर देखते हुए कहा,

मैं: “नहीं।”

मासी: “तुम सच में मुझे confuse कर देते हो।”

मैं पास में ही रखे bench पर बैठ जाता हूं और तारों के देखने के बाद मासी को निहारत हूं और कहता हूं,

मैं: “confuse कैसे? मैंने तो अपने दिल की बात कही थी।”

मासी के आँखों में एक प्रकार का guilt और आकर्षण दोनों था। वे थोड़ा nervous थी, वे काफी हल्की आवाज में कुछ कहती है जो शायद उनके खुद के लिए था लेकिन मैं उसे सुन लेता हूं।

मासी: “ये गलत है… पर दिल कुछ और कहता है।”

मासी मेरे पास आकर बैठ गई, हम दोनों के बीच ज्यादा अंतर नहीं था। हल्की आवाज में मैंने कहा,

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मैं: “समाज के नियम? क्या आप उस समाज से डरती है, जहां के लोग सबसे ज्यादा हरामखोर है।”

मासी सामने देखते हुए अपने पलकों को झपकती है, उनका दिल मानो किसी race के घोड़े की तरह तेज दौड़ रहा था। मैंने बड़े आराम से उनके हाथों में मेरा हाथ रख दिया।

मासी थोड़ा nervous होकर, और थोड़ा कांपते हुए बोली,

मासी: “क्या… सच में… तुम्हें मुझसे प्यार है?”

मैंने ऐसे cases के बारे में सुन था, मासी जैसों को seduce करने के लिए थोड़ा possesive और agressive भी होना पड़ता है। उन्हे दिखाना होता है की सच में हम उनसे प्यार करते है। इस लिए मैंने मासी के ऊपर थोड़ा चिल्ला कर कहा,

मैं: “हा तो क्या आप को मजाक लग रहा है?”

इस बात को सुनकर ना मासी डरी, ना ही उन्हें बुरा लगा। बल्कि उनके चेहरे से साफ बताया जा सकता था की उन्हें यह पसंद आया। उनकी उस मुस्कान को देख कर मेरा निकली गुस्सा भी चला गया।

ठंडी हवाएं चलने लगी, हम एक दूसरे की आँखों में खोए हुए थे। उस सन्नाटे में आवाज थी तो सिर्फ हवा की। एक लंबा हवा का झोंका आया, जो मासी के बालों को हल्के हल्के से उड़ा रहा था। क्या नज़ारा था वह, क्या हॉट लग रही थी मासी।

मासी के कुछ बाल चेहरे पर गिर गए, मैंने कोमलता से उन्हें पीछे किया, उनके कान के पीछे लगा दिया। मासी को ऐसा स्पर्श करना, काफी बेहतरीन एहसास था।

मासी भी इस लम्हे को एहसास के पा रही थी। उनकी आंखें बंद थी, बेशक वह अंदर से अब भी घबराई हुई थी।

मैं देख सकता था उनके मन का वह डर, उनके मन में दोषी होने की भावना, जो कि वह दोषी भी नहीं। मैंने मेरे मुंह को उनके मुंह के पास ले गया। मैं उनके शरीर से निकलने वाली गर्मी को महसूस कर पा रहा था।


जब मैं मेरे ओठों को मौसी ओंठो को लगाए ताकि उन्हें चूम सकू, तभी मासी झट से दूर होगी और नीचे चली गई। मैं सिर्फ उनके ओंठो के स्पर्श का ही आनंद ले पाया।
Sir aap weekly ek update nhi de pa rhe ho to eska matlab aap serious nhi ho aap ese close kardo....yha hazaro kahaniyo ke saath YHI seen ...mat bewkoof banao readers ko...plz
 

Toto Monkie

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Sir aap weekly ek update nhi de pa rhe ho to eska matlab aap serious nhi ho aap ese close kardo....yha hazaro kahaniyo ke saath YHI seen ...mat bewkoof banao readers ko...plz
Bhai teko nahi padhna tu mat padh. Lekin aadmi ko 100 kaam rehte hai, un sab mein Festival aaya ki aur busy ho jate hai. Pyar se wait karne ke liye keh raha hoon yaar, just majboori smjho
 
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