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Adultery " मासूम दरिंदा "

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" मासूम दरिंदा "

दोस्तों में "सोफिया आलम नकवी" फिर हाजिर हु आप की बारगाह में एक और कहानी लेकर उम्मीद करती हू आप को पसंद आएगी.


यह कहानी भाई बहिन के रिस्तो के ऊपर आधारित हैं जिस में थोड़ा जज़्बात का तड़का और खून की खुसबू भी शामिल हैं अपनी तरफ से पूरी कोशिस की हैं कुछ नयी तरह की कहानी बन जाये बाकि अच्छी हैं बुरी हैं फैसला करना आप लोगो के हाथ में हैं.

मेरी कहानिया पढ़ कर कुछ लोगो ने चैट पर कहा के में जब प्रोन स्टोरी लिखती हू तो फालतू की सामाजिक बातें और ब्यंग क्यों करती हू सीधा सीधा प्रोन क्यों नहीं लिखती .

इस बात पर में आप सभी लोगो से कहना चाहुगी में कहानी दिल से लिखती हू दिमाक से नहीं क्या लिखना चाहिए और क्या नहीं में इस बारे में नहीं सोचती जो मेरे मन में आता जाता हैं में वो लिखती जाती हू.आप यह भी कह सकते हो प्रोन में आप के लिए लिखती हू और कहानी अपने लिए.

चलिए कहानी सुरु करते हैं .रिया और राज की कहानी ,


दीदी आप समीर से बात मत किया करो वो अच्छा लड़का नहीं है.

भाई तू मुझसे छोटा है न फिर क्यों मुझे अच्छा बुरा सिखाता है, तू बीस का है में चौबीस की में तुझसे ज्यादा जानती हु अच्छा क्या है और बुरा क्या और वो मेरा दोस्त है बस हम लोग साथ पड़ते है तो में उस से थोड़ा बहुत हसी मज़ाक कर लेती हु इस में बुरा क्या है.

दीदी जब तुम किसी लड़के से बात करती हो तो मुझे अच्छा नहीं लगता तुम मेसे सिबाय किसी और लड़के से बात मत किया करो तुम को जैसी भी बातें करना हो मेरे से किया करो.

तू पागल हो गया है तू मेरा सागा माँ जाया भाई है में तुझसे लड़को बाली बातें करू ?

तुम मुझे हमेसा केबल भाई क्यों समझती हो कभी तो मुझे भी कोई आम लड़का समझो ना वो लड़का जो तुम से दिलो जान से मुहब्बत करता है वो लड़का जो अपनी दीदी के लिए जान दे सकता है वो लड़का जिस के साथ तुम अपने दुःख सुख बांट सकती हो.

राज तू पागल हो गया है, अपनी बहिन से कोई ऐसी बातें करता है?तू मेरा सागा भाई है कोई बॉय फ्रेंड नहीं जो में तेरे से फालतू बातें करू और आज तू भी सुन ले में समीर से प्यार करती हु और जल्दी है शादी भी करने वाली हु समीर ही मेरी दुनिया है मेरी मुहब्बत है .जल्दी ही उस के मम्मी पापा हमारे घर शादी की बात करने आने बाले है.कुछ है दिनोंमें में समीर की दुल्हन बन जाउंगी.

नहीं दीदी ऐसा नहीं हो सकता मेरे जीते जी तुम किसी और की दुल्हन नहीं बन सकती तुम केबल मेरी हो मेरी मुझ से ज्यादा प्यार तुम्हे कोई नहीं कर सकता, में बचपन से तुम से बेपनाह मुहब्बत करता हु, तुम को पूजता हु , तुम केबल मेरी दुल्हन बनोगी, तुम्हारी शादी मुझ से होगी, तुम्हारी मांग में मेरा सिन्दूर होगा, तुम केबल मेरे नाम का मंगलसूत्र पहनोगी.

चुप हो जा कमीने तू मेरा भाई नहीं हो सकता, कितनी गंदगी भरी है तेरे दिमाक में, बीस सालो तक मेने तुझे अपना भाई नहीं बच्चा समझा अपनी जान से भी ज्यादा प्यार किया, और तू मेरे ऊपर ही गन्दी नजर रखता है,

यही सीखा तूने दिनभर इंटरनेट चला चला के, तू अपनी सगी बहिन के साथ शादी करेगा छी कितना नीच है तू मुझे तो सोचकर भी शर्म आती है के तू मेरा भाई है हमारे देश में हमारी संस्कृति में बहिन की इज्जत के लिए भाई अपनी जान कुर्बान कर देते है ,और एक तू है जो खुद अपनी सगी बहन की इज्जत लूटना कहता है, चला जा यह से और आज के बाद मुझसे कभी बात मत करना आज से अभी से तेरे लिए मर गई तेरी बहिन तू भाई नहीं एक दरिंदा है जो अपनी बहिन पर गन्दी नजर रखता है,

कहते हुए रिया हाफने लगी उस की आखो से आँसू बहने लगे जिस मासूम भाई को उस ने बच्चो के जैसे प्यार किया आज पता चला बो मासूम भाई तो उस के जिस्म का भूखा है, जिस भाई को उसकी रक्षा करनी चाहिये बही उस की इज्जत के लिए सब से बड़ा खतरा है, रिया बेसुध सी हो गई जब कोई अपना दिल तोड़ता है, तो इंसान को मौत से भी ज्यादा कष्ट होता है, राज की बात से राखी को बहुत बड़ा सदमा लगा वो जोर जोर से रोने लगी अपने जान से भी प्यारा भाई आज उसे एक दरिंदा लग रहा था.

रिया की बात अपनी जगह 100 % सही थी उस का कहा एक एक शब्द सच था, लेकिन राज

लेकिन राज के दिल का हाल वो कहाँ जानती थी राज ने दस साल की उम्र से रिया को अपनी दीदी, अपनी माँ ,और अपनी प्रेमिका मान लिया था, उस ने रिया के साथ अपनी एक अलग दुनिया बसा ली थी, जहाँ केबल वो था और रिया थी, उस का रियाके प्रति प्रेम निश्छल था, उस के प्रेम में कोई स्वार्थ नहीं था, कोई छल कपट नहीं थी, जो जब केबल दस साल का था तब से वो रिया को ही अपना सब कुछ मानने लगा था, उस का प्यार "डिवाइन लव" था, उसे रिया से कुछ नहीं चाहिए था, वो रिया को कभी अपने प्यार के बारे में नहीं बताता, अगर उस ने रिया को समीर के साथ हॅसते हॅसते बात करते नहीं देखा होता, वो अपना प्यार दिल में छुपा सकता था, लेकिन अपने प्यार को किसी और के पास जाता नहीं देख सकता था, आज बो बीस साल का हो गया था पिछले दस सालो से उस के हर सपने में केबल और केबल रिया ही थी, उस की बनाई हर तस्वीर में रिया का ही चेहरा था, आज यह रिस्ता गलत हो सकता है, लेकिन जब उस ने रिया से प्यार किया था तब बो नहीं जनता था के समाज के नियम क्या है, जाती धर्म क्या है, उस समय उस को इन बातो की समझ नहीं थी, आज वो समझता था लेकिन दस साल का प्यार दस साल की पूजा आज दीवानगी में बदल गई, थी अब उसके दिलो दिमाक से रिया को कोई नहीं निकाल सकता था, बेसे बो कही अच्छा लड़का था पढ़ाई में होशियार था, समाज में सभी उस को एक अच्छा लड़का समझते थे, वो अंतर मुखी था अपने मन की बात किसी से कहता नहीं था ,आज अगर मज़बूरी ना होती तो सायद वो आज भी चुप रहता, लेकिन अपने प्यार को किसी और के साथ हसता खेलता देख उस को सहन ना हुआ, और उस ने आज रिया से यह सब कह दिया,.अब उस के जस्बातो की आग भड़क चुकी थी ,लेकिन वो समझ गया था रास्ता इतना आसान नहीं है, वो जनता था प्यार का रास्ता मुसीबतो से भरा होता है, लेकिन अब उस ने आगे बढ़ने का फैसला कर लिया था, अब चाहे जो भी करना पड़े वो हर कीमत पर अपने प्रेम को हासिल करके रहेगा, चाहे उसे अपने प्यार की खातिर मासूम से दरिंदा भी क्यों ना बनना पड़े वो बनेगा .अब वो दिमाक से खेल खेलेगा,

अब वो " मासूम दरिंदा " बनेगा.
 
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दीदी आप रोओ मत में आप को दुखी नहीं देखा सकता प्लीज़ आप चुप हो जाओ में मुझ से गलती हो गई मुझे माफ़ कर दो प्लीज़.
मैंने कहा ना मर गई तेरी दीदी चले जाओ यह से मुझे अकेला छोड़ दो नहीं तो में मम्मी को बतादूगी.

राज समझ गया अभी कुछ कहने से बात बड़ेगी सो वो चुप चाप वह से चला गया.

वो अपने कमरे में पंहुचा तो उस की आखे गुस्से से जल रही थी, प्यार की इंतहा अब उस को एक मासूम से दरिंदा बना रही थी, उस के नथुनों से भेड़िया जैसी गर्ग गरम सांसे निकाल रही थी, उस का प्यार अब नफरत में बदलने लगा था, अब उसे रिया से प्यार नहीं करना था, अब उसका मकसद रिया को हासिल करना था, अब वो रिया को अपनी दुल्हन नहीं अपनी रंडी बनाना चाहता था, रिया की बातो ने उस को दरिंदा बना दिया था, अब वो दरिंदा बन कर रिया की जिंदगी बर्बाद करने वाला था.,अब रिया उस को माँ बहिन दुल्हन नहीं एक बाजारू रंडी लग रही थी, प्रेम की अधिकता से नफरत का जनम हो चुका था.
 
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कुछ दिन बाद सब नार्मल हो गया राज एक अच्छे भाई की तरह बिहेब करने लगा पहले की तरह उस की नजरे रिया दीदी की छाती पर नहीं होती थी अब वो नजर झुकाये रिया दीदी के पैरो की तरफ देखता था.


रिया को भी लगने लगा सायद अब बो सुधर गया अब उस का गुस्सा भी काम होने लगा दोनों में थोड़ी बहुत बातचीत भी होने लगी.

लेकिन राज क्या सच में बदल गया था? हा राज बदल गया था लेकिन अब बो एक मासूम भाई नहीं था अब बो मासूम भाई से मासून दरिंदा बन गया था.

अब उसकी जिंदगी का मकसद रिया को अपनी रंडी बनाना था.
अब वो अपनी सगी माँ जाइ बहिन को किसी बाजारू रंडी की तरह चोदना चाहता था.
वो एक नाकाम आशिक बन गया था जो अब अपनी महबूबा को बर्बाद कर देना चाहता था.
अब राज अपनी चालें चलने लगा.

रिया दीदी और समीर की शादी होने वाली थी दोनों ने फोन पर अब काफी खुल कर बात करना सुरु कर दिया था समीर रिया को सेक्स स्टोरी और प्रोन मूवी भेजने लगा, रिया को भी जवानी का अहसास होने लगा,
रिया की चूत भी मचलने लगी वो भी चूत सहलाते सहलाते सेक्स स्टोरी पड़ने लगी.

रिया कल रात को काफी देर तक समीर से बातें करती रही दोनों ने बहुत उत्तेजित फोन सेक्स किया रात को उस की कुवारी चूत ने दो बार पानी छोड़ा फोन पर चूत लण्ड की बातें का भी एक अलग मज़ा है चुदाई की बातें करते करते समय का पता ही नहीं चलता बातो बातो में चूत सहलाते सहलाते कब रात गुजर जाये कब सुबह हो जाये कुछ पता है नहीं चलता.

आज वो थोड़ा लेट उठी शरीर में रत जगे की टूटन और आखो में चुदाई की बातो की खुमारी के साथ वो बाथरूम में जाके नंगी हो गई और अपने बदन को आईने में देखने लगी. क्या कयामत जिस्म था 32 के बूब केले के पेड़ो जैसी चिकनी जाँघे बड़े बड़े गोल गोल संगमरमर जैसे सफ़ेद चूतड़ दोनों जांघो के बीच सुनहरी सुनहरी झाटो से घिरी गुलाबी चूत. रिया खुद के नंगे जिस्म को को देखा देखा कर फिर से वासना की खुमारी में खोती जा रही थी. उस के हाथ अपने बूब्स पर पहुंच गए वो अपने निप्लो को हलके हलके मसलने लगी अपनी जाँघे आपस में रगड़ने लगी.

फिर वो जाके कमोड पर बैठ गई और मोबाइल पर xforum खोल कर "komaalrani " की कहानी "सोलवां सावन" पड़ने लगी. रिया जैसे जैसे कहानी पड़ती जा रही थी उस की उतेज़ना और बढ़ती जा रही थी. उसे पता भी न चला कब उस का हाथ उस की चूत से खेलने लगा उस की जाँघे खुल गई. वो अपनी चूत को जोर से मसलने लगी वो बार बार अपने पिशाब बाले छेद को कुरेदे जा रही थी. वासना उस के पूरे वजूद पर हाबी हो गई थी काम की आग ने उस की सराफत का चोला जलादिया था. वो दीवानो की तरह अपनी चूत और दूध मसलने लगी वो खड़ी हो गई और दीवाल पर अपने नग्न शरीर को रगड़ने लगी. अपने दूधो को पकड़ के अपने निपल दीवाल से घिसने लगी अपनी चूत से दीवाल पर धक्के पे धक्के मारने लगी. वो किसी आग में जलते इंसान जैसे तड़प रही थी. उस को देख कर समझ आ रहा था के शरीर के अंदर की आग की तड़प बाहर की आग से ज्यादा भयानक होती है. अब वो बाथरूम की जमीन पर लेट गई और अपना एक हाथ जांघो के बीच में दवा के दूसरे हाथ से अपने दूध मसलने लगी. वो फर्श पर करवटें बदलने लगी उस की चूत से पिशाब की धार निकलने लगी वो जांघो से और जोर से हाथ को दबाने लगी उस ने दोनों हाथ जांघो के बीच में डाल दिए. वो खुद के पिशाब से भरे फर्श पर लोटने लगी उस का पूरा शरीर उस के बाल पिशाब से भीग गए थे. वो वासना की आज में तड़प रही थी वो पिशाब से भरे फर्श पर उलटी लेट गई और दोनों हाथ चूत में दवाये अपने पैरो को आगे पीछे करने लगी जोर जोर से झटके मारने लगी. वो खुद को चोदने लगी. उस ने अपना मुँह फर्श पर भरी पिशाब में लगा और जोर जोर सु सु की आवाजे करते करते हुए अपना पिशाब पिने लगी. अपना पूरा मुँह पिशाब में डाल कर वो जोर जोर से झटके मारने लगी अचानक उस का पूरा शरीर कांपने लगा और हाथो को जोर से चूत पर दवाये यह बहा लोटने लगी .और एक हलकी सी चीख मारके शांत पड़ गई. उस की चूत से उस की जवानी का पानी बहने लगा. वो जोर जोर से सांसे लेने लगी. उस की आँखे बंद हो गई वो काम वासना के परम सुख को महसूस करती अपनी ही पिशाब में नहाई किसी कुतिया की तरह बाथरूम के गंदे फर्स पर पड़ी थी. फिर रिया दीदी ने अपना चूत के माल से भरा हाथ अपने मुँह के पास लाया और अपने चेहरे पर मलने लगी अपने मुँह में घुसने लगी जीव निकाल कर उगलिया चाटने लगी माल चाट कर उस ने 4 -5 बार और करवट बदली अपने शरीर को फिर से अपने पिशाब से भीगा लिया. फिर वो आईने के सामने खड़ी होकर खुद को निहारने लगी. तुलना करने लगी के वो पहले ज्यादा अच्छी लग रही थी के अब .समीर उस को कोन से रूप में देखना पसंद करेगा पहले वाले या इस वाले.

बाथरूम क्या जगह होती है, कहा जाये तो बाथरूम एक अलग ही दुनिया होती है जहां इंसान बिल्कुल बदल जाता है. बाथरूम वो जगह होती है जहां इंसान अकेला होता है, जहां वो जो चाहे वो कर सकता है, बाथरूम समाज जाती धर्म संस्कार मर्यादा तमीज तहजीब अपना पराया सब से दूर एक अनोखी दुनिया जहां इंसान जो चाहे वो कर सकता है, बिना नकाब के अपनी फेंटेसी पूरी कर सकता है, यहाँ आप को कोई नहीं देख सकता, जैसी रिया दीदी अपनी सराफत का चोला उतर अपनी ही पिशाब में लोट लोट कर अपनी वासना शांत कर रही थी

लेकिन क्या रिया दीदी को किसी ने नहीं देखा? या यू कहो के रिया दीदी ने बाथरूम में छुपा हुआ वीडियो रिकॉर्डिंग करता मोबाइल नहीं देखा.
 
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राज मोबाईल में रिया की बाथरूम की रिकॉर्डिंग देख़ कर सोच रहा था.


हा हा हा हा मेरी प्यारी रिया दीदी कितनी शरीफ हो तुम, वाह वाह बाथरूम में क्या क्या कारनामे करती हो, वाह दीदी वाह तुमने तो रंडियो को भी फेल कर दिया बड़ी आग लगी हे तेरे बदन में, साली मुझे शराफत का भाषण दे रही थी तू ,अब बताता हु तुझे के में क्या चीज हू, अब तुझे मेरी रंडी बनने से कोई नहीं बचा सकता बस आज जरा तेरे यार समीर का इंतजाम कर दू फिर तुझ को देखता हू,


वाह समीर भाई पापा की बुलेट लेकर आया हे क्या बात हे, आज तो लगता हे रिया भाभी के साथ कही घूमने जाना हे,

नहीं यार आज कॉलेज के बाद थोड़ा काम हे इसलिए लाया हू, रिया तो आज कॉलेज आएगी ही नहीं उस को कुछ काम हे घर पर चल क्लास में चलते हे.

समीर दोस्तों के साथ क्लास में चला गया,

कुछ ही देर बाद राज छुप छुप कर समीर की बुलेट के पास आता हे और अपनी जेब से छोटी आरी निकलता हे और आरी से बुलेट के ब्रैक बायर को 90 % काट देता हे, .

चल बैठ यार जरा घर का सामान भी लेना हे आज जल्दी निकलते हे,

ठीक हे भाई चल लेकिन बुलेट जरा आराम से चलना, तेरे हाथ में बुलेट आ जाती हे तो तू तो बुलेट को हवाईजहाज़ बना देता हे,

अबे बुलेट भी कही आराम से चलाई जारी हे चूतिये, बुलेट तो 150 पर ही भगाई जाती हे चल बैठ जल्दी,

समीर के दोनों दोस्त बुलेट पर बैठ गए और समीर ने गाड़ी आगे बड़ा दी,

जैसे ही बुलेट हाईवे पर पहुंची समीर ने फुल रफ़्तार से बुलेट दौड़ना शुरू कर दी बुलेट 150 की स्पीड से भागने लगी, तीनो लोग रफ़्तार के इस सफर का आनंद उठाने लगे, लेकिन वो नहीं जानते थे के उन के पीछे अपनी एक्टिवा से एक मासूम दरिंदा चला आ रहा था ,अपने दरिंदो भरे काम का अंजाम अपनी आखो से देखने की चाहत लिए,

अबे समीर ब्रेक लगा सामने दो ट्रक रहे हे, समीर पूरी ताकत से ब्रेक दवाता हे, लेकिन तभी कड़ाक की आवाज़ के साथ ब्रेक बायर टूट जाता हे, और वो लोग जब तक कुछ समझ सकते बुलेट 150 की रफ़्तार से अपने बिपरीत दिशा से आ रहे ट्रक में घुश जाती हे, ट्रक वाला भी जबतक ब्रेक लगता तब तक तो ट्रक बुलेट और उस पर सवार तीनो को कुचलता 100 मीटर आगे निकल चुका था, ट्रक बाले ने एक नजर पीछे देखा तो वो काँप गया वहां तो केबल खून का दरिया था किसी इंसान का वजूद तो दिख ही नहीं रहा था, वहां तो केबल टुकड़ो में बट्टी बुलेट और चीथड़ों में बिखरे इंसानी मांस के लोथड़े दिख रहे थे ,उस ने जल्दी से ट्रक भगा लिया,

दरिंदा भी बहा पहुंच चुका था भीड़ में खड़ा बो मोबाईल से सड़क पर बिखरे इंसानी मांस के लोथड़ो और सड़क पर खून से बने तालाब का वीडियो बना रहा था और मन ही मन अपनी करतूत पर हस रहा था.

समीर की मौत की खबर सुनकर रिया सदमे से पागल हो, गई २-३ दिन तो उस से कुछ खाया ही नहीं गया,

कहते ही वख्त बड़े से बड़े गम को भुला देता हैं 15 दिनों में रिया भी समीर को भूल कर अपनी सामान्य जिंदगी जीने लगी,
वहां राज ने भी अपना प्लान आगे बड़ा दिया था उस ने रिया के बैडरूम और बाथरूम में wifi कैमरा लगा दिया था, जिस से अब वो अपने मोबाईल पर रिया की गतिबिधिया देख़ सकता था और रिकॉर्ड कर सकता था.
उसने रिया को हासिल करने का बड़ा ही दिलचस्प प्लान बनाया था.अब उसे केबल वख्त का इंतजार था और वख्त आने ही वाला था .

रिया सुबह उठ कर बाथरूम में पहुंची काफी दिन हो गए थे समीर के गम की बजह से उस ने चूत की तरफ देखा भी नहीं था, लेकिन आज सुबह से ही उस की चूत मचल रही थी आज वासना की खुमारी फिर उसे मदहोस कर रही थी,

उस ने "xforum" खोली और "Lion000666" की कहानी "Nazbeen Behek Gayi" पड़ने लगी,
कहानी के शब्दो की गर्मी से उस के जवान जिस्म में वासना की लहरे मचलने लगी, उस का हाथ अपनी कुवारी चूत पर पहुंच गया वो कहानी पड़ते पड़ते अपनी चूत को सहलाने लगी, चूत तो कब से इसी इंतज़ार मै थी,
उसने भी हाथ पर हल्का सा काम रास छोड़ दिया रिया ने चूत रास लगा हाथ अपने मुँह में डाला और उंगलियों को चाटने लगी, अपनी चूत का माल चाट कर उस की आखे नसे में बंद हो गई और उस ने मुँह से हाथ निकाल कर अपनी चूत पर रखा और जोर जोर से अपनी चूत मसलने लगी वो खड़ी हो गई और दीवाल से चिपक गई और अपने चूतड़ जोर लगाके अपने हाथ पर दवाने लगी, वो सिसकारियां लेने लगी काम की आग पुरितः भड़क चुकी थी वो मस्ती में खोटी जा रही थी, के तभी ,

दीदी ओ दीदी क्या कर रही हो इतनी देर से जल्दी निकलो मुझे नहाना हैं,

मनो किसी ने करेंट का तार रिया के ऊपर ढाल दिया, राज की आवाज सुनकर वो हड़वड़ा गई गुस्से से उस की आँखे लाल हो गई, बस कुछ ही पालो में वो पानी छोड़ने वाली थी, राज की आवाज से उस का स्खलन होते होते रह गया, उस का चेहरा वासना की आग से लाल हो रहा था, उसे राज पर बहुत गुस्सा आया, लेकिन वो क्या कर सकती थी बाथरूम की बातें तो पति से भी सेयर नहीं की जाती, और फिर वो जो कर रही थी वो सामाजिक और परिवारी रूप से गलत भी था, और रिया दीदी भी बाथरूम के बाहर एक संस्कारी सीधी सदी शरीफ लड़की थी,

बस भाई दो मिनिट में निकलती हू कह कर वो जल्दी से फ्रेस होने लगी, और मन ही मन अपने एकलौते लाडले छोटे भाई को हजार हजार गालिया देने लगी,

वहां राज मोबाईल में रिया का हाल देख़ कर अपना पेट पकड़ कर हसीं के मरे लोट पोत हो रहा था,
उस का प्लान सफल हो रहा था, यही तो उस का प्लान था जब भी रिया का स्खलन होने वाला होगा वो उसे डिस्टर्व कर देगा वो रिया दीदी को काम की आग भड़का ने तो देगा लेकिन बुझाने नहीं देगा.
 
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रात के 12 बज चुके थे रिया वासना की आग में जलती करबटें बदल रही थी,
उसे समझ नहीं आ रहा था बो अपनी आग कैसे बुझये, वो एक सरीफ लड़की थी जल्दवाजी में कुछ गलत करना नहीं चाहती थी, उसे अपने परिवार की मर्यादा का पूरा ख्याल था, वो अंदर ही अंदर घुटती जा रही थी, उस के अंदर वासना की आग बढ़तीही जा रही थी,

7 -8 दिन से वो जब भी अपने हाथो से अपनी चूत को ठंडा करने की कोशिस करती किसी न किसी बहाने से राज उस को डिस्टर्व कर देता, अभी कुछ समय पहले भी वो अपनी चूत रगड़ रही थी के राज जोर जोर से खांसने लगा था, उस ने सोच लिया था के वो कल जल्दी उठेगी और बाथरूम में जाके अपनी चूत की आग तो ठंडा करेगी.

सुबह के पांच बज रहे थे रिया जल्दी से बाथरूम पहुंची और नंगी होकर मोबाईल पर xforum खोल चुकी थी और sangeetha69 की कहानी Me Mom and Brother पड़ने लगी.

जेसे जेसे वो कहानी पड़ती जा रही थी उस की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी. वो खुद को कहानी की नयका समझने लगी. उस का बदन काम की आग में जलने लगा. उस ने अपनी चूत को मुठी में जकड़ लिया और जोर जोर से मसले लगी. जेसे कपडा निचोड़ रही हो. वो अपनी चूत को निचोड़ने लगी. उसे मीठा दर्द हो रहा था लेकिन वो और दर्द महसूस करना चाहती थी.
वो खड़ी हो गई और नल के पास जाके अपनी चूत नल की टोटी पर रख दी, और नल को अपनी चूत में घुसाने लगी, उस की क्वारी चूत में नल की टोटी थोड़ा सा घुस गई वो जोर से सिसक पड़ी, वो अपने दूध दबाने लगी ,और अपनी चूत को हलके हलके नल की टोटी पर रगड़ने लगी, तभी उस नई नजर ब्रस पर पड़ी उसकी आखो में चमक दौड़ गई उस ने अपना और राज का पेस्ट करने का ब्रश उठा लिया, और दोनों को उलटी तरफ से अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगी, अब उस ने एक ब्रस मुँह से निकला और अपनी गांड के सुराख़ पर रगड़ने लगी, हलके हलके रगड़ने के साथ अब वो ब्रस को अपनी गांड में घुसाने लगी,

उफ़ क्या नजारा था राज मोबाईल में यह नजारा देख कर पागल हो गया अपनी बड़ी बहिन को नल की टोटी चूत में डाले और पेस्ट करने का एक ब्रश गांड में डाले और एक ब्रश लन्ड जेसे चूसते देख उस का लन्ड उत्तेजना से फूल गया, उफ़ ऐसा कामुक नजारा, उस ने कभी सोचा भी न था के रिया दीदी इतना कामुक और kinki है,
अब रिया दीदी एक हाथ से जोर जोर से ब्रश से अपनी खुद की गांड मारे जा रही थी. और दूसरे हाथ में पकडे ब्रश को लन्ड समझ अपने गले में उतरे जा रही थी, और अपनी चूत टोटी पर रगड़ती जा रही थी,
उस के मुँह से कुतियो जैसी लार बह रही थी, वो काम की उत्तेजना में पागल होती जा रही थी,

वहां राज अपनी बड़ी बहिन का लाइव शो देख कर रिया की ब्रा को मुँह में घुसाए और रिया की लाल पैंटी को अपने लन्ड पर बांधे जोर जोर से अपना लन्ड हिला रहा था, वो ब्रा को ऐसे चूस रहा था मनो वो रिया दीदी की ब्रा नहीं उन की दूध हो, और वो पैंटी को भी रिया दीदी की चूत समझकर अपने लन्ड से रगड़े जा रहा था, उस का लन्ड रिया दीदी को इतने भयानक तरीके से काम क्रिया देखा उत्तेजना से फूलने लगा उस की लन्ड से माल की पिचकारी रिया दीदी की लाल मखमली पेंटी को भिगोने लगी, वो अपनी बड़ी दीदी को ब्रश से खुद की गांड मारते देख सिसकारियां छोड़ता झड़ने लगा, उस की लन्ड की माल से उस की सगी बड़ी बहिन की पैंटी भर गई लाल लाल मखमली पेंटी लन्ड क़े सफ़ेद माल से सन कर और कामुक लगने लगी.

वहां रिया काम की आग में जलती एक सरीफ लड़की से, कुत्तो क़े झुंड में फसी कामुक कुतिया में बदल गई थी,

वो अपनी चूत को टोटी पर रगड़ती अपनी गांड में ब्रश पेलती जा रही थी, वो उतेज़ना क़े अंतिम सफर पर पहुंचने वाली थी वो जोर क़े झटके लेने लगी मुँह से बहती लार और तेजी से बहने लगी, तभी

तभी जोर जोर से भजनो की आवाज आने लगी किसी ने फुल साउंड पर टीवी चालू कर क़े कोई धार्मिक चैनल लगा दिया था,

कोई बहुत पहुंचे हुए कथा बाचक भजन सुना रहे थे,

रिया दीदी पर मानो किसी ने खौलता पानी ढाल दिया उस क़े हाथो से ब्रस छूट गए वो सदमे से पीछे हट कर दीवाल से टिक गयी,

हमें अपनी वासना पर काबू पाना सीखना होगा, वासना नर्क का मार्ग होती है, अपने जीवन से वासना को निकाल दो, वासना आदमी को जानवर बनती है,
सुबह सुबह टीवी पर एक बहुत बड़े कथा बाचक अपनी कथा सुना रहे थे, लाखो लोगो की भीड़ उस को बड़े धयान से सुन रही थी,

वहां रिया दीदी की आँखे अंगारो जैसी जल रही थी गुस्से क़े मारे उस क़े नथुनो से चिंगारिया निकाल रही थी, ऐसी अबस्था में टीवी से निकलती आबज़े उस क़े कान में पिघले सीसे क़े तरह लग रही थी ,
वो जोर से चिल्लाई किस पागल ने सुबह सुबह इतनी तेज़ आबाज में टीवी चालू किया,

सॉरी दीदी गलती से हो गया अभी बंद करता हु,

मोबाईल में रिया की हालत देखता राज अपना मुँह पकडे लोटपोट हो रहा था,
गुस्से और काम अग्नि से जलती नाहा धोकर रिया बाथरूम से बहार आई और जलती नजरो से राज को देखने लगी,

और राज मासूम बच्चा मैथ की किताब पड़ रहा था,

रिया का दिन फिर से बिगड़ गया, सुबह से ही मूड ख़राब हो गया वो नास्ता कर क़े कॉलेज चली गई,

और मासूम बच्चा अपने प्लान को आगे ले जाने क़े बारे में सोचने लगा,

रिया का मन आज बहुत बेचैन था, चूत की आग उस को परेशान कर रही थी, उस का कॉलेज में भी मन नहीं लगा, उस ने सोचा चलो घर चल कर दोपहर में कोशिस करते है,
दोपहर में तो घर में शांति होती है मम्मी पापा ऑफिस चले जाते है और राज भी पड़ता रहता है,

राज ने रिया दीदी की एक्टिवा की आवाज सुनते ही अपने को प्लान क़े अगले पार्ट क़े लिए तैयार कर लिया,

रिया घर क़े अंदर आई और अपने कमरे की तरफ बढ़ने लगी वो जेसे ही अपने कमरे में गेट पर पहुंची तो बड़ी जोर से चौक गई उस क़े पैर थम गए,

राज रिया क़े बेड पर नंगा खड़ा था और बेड पर रिया की 4 -5 ब्रा और पैंटी पड़ी थी,

वो Xforum खोले honey boy की कहानी " ये गलत है (भाई-बहन का प्यार)" पड़ रहा था और अपना लन्ड हिला रहा था,

रिया यह देख कर गुस्से से आग बबूला हो गई, उस का चेहरा लाल पड़ गया, उस की आँखे जलने लगी,

वहां राज सिसकिया भर रहा था, ले मेरी रंडी दीदी अपने भाई क़े लन्ड का माल अपनी पेंटी में भर ले, मेरी रानी मेरी कुतिया आ आआ आआ आ ले रांड ले अपने भाई क़े लन्ड का माल,

रिया ने खुद पर काबू पा लिया और वो राज की हरकतों को मोबाईल से रिकॉर्ड करने लगी, आज वो राज को ऐसा सबक सीखना चाहती थी जिस को राज जिंदगी भर नहीं भूले, वो यह सब रिकॉर्ड कर क़े अपनी माँ को दिखाना चाहती थी, बो माँ को बताना चाहती थी क़े उस का भाई कितना बिगड़ गया है, उस क़े भाई को बाजारू रंडी और अपनी सगी बहिन में कोई फर्क नजर नहीं आ रहा है, उस का छोटा भाई इतना गिर गया है क़े वो अपनी बड़ी बहिन क़े कमरे में नंगा होकर गन्दी कहानिया पड़ कर बहिन की ब्रा पेंटी पर मुठ मार रहा है ,आज वो राज का घिनौना चेहरा अपनी माँ को दिखने वाली थी ,

वहां राज कहानी की खुमारी में खोया अपनी बहिन को गन्दी गन्दी गालिया देता हुआ लन्ड हिलता जा रहा था, रिया को पारिवारिक सेक्स सम्बन्धो से नफरत थी, नहीं तो उस क़े अंदर तो खुद काम की आग जल रही थी, राज उस का भाई न होता तो वो कब की राज का 7 इंच का मोटा तगड़ा लन्ड देख कर अपनी चूत खोल कर लेट जाती, वो मन ही मन राज को गालिया देती हुई वीडियो बनाती जा रही थी,

राज अब झड़ने क़े करीब आ गया था उस ने रिया की एक पेंटी अपने मुँह में भर ली, और जोर जोर से चूसने लगा और तभी उस क़े लन्ड ने माल की फुहार छोड़ना चालू कर दी, उस क़े लन्ड से उड़ता माल बेड पर डली रिया की ब्रा पेंटियो पर बरसने लगा, राज अपनी दीदी की पैंटी चूसता उस की चूत की खुसबू को महसूस करता अपनी गर्मी लन्ड क़े छेद से निकलता जा रहा था,
पूरा माल निकलने क़े बाद राज ने रिया दीदी की ब्रा पैंटी उस क़े कपड़ो की अलमारी में रख दी रिया चुप चाप बापस लोट गई ,

राज आके ड्रॉइंगरूम में बैठ गया और मासूम बन कर किताब उठा क़े पड़ने लगा,
रिया दो मिनिट बाद घर में दाखिल हुई ,और राज को पड़ता देख जलती हसी क़े साथ उस क़े पास पहुंची,

और भाई क्या हो रहा है आज कल तो बड़ी पढ़ाई चल रही है दिन भर पड़ता ही रहता है,

हा दीदी एग्जाम अपने बाले है इस लिए आज कल में दिन भर पड़ता हु,

हा सही कहा मेने देखि है तेरी पढ़ाई, इस बात तो तू पक्का कॉलेज टॉप करेगा,

बस दीदी आप का आसीर्बाद मिल जाये तो मै कॉलेज क्या स्टेट टॉप कर लू,

मिलेगा मिलेगा आज तुझे में ऐसा आसीर्बाद दूगी क़े तू जीबन भर नहीं भूलेगा, बस थोड़ा इंतजार कर माँ को ऑफिस से आजाने दे,

अरे दीदी आसीर्बाद आप को देना है, मुझे लेना है, इस में माँ का क्या काम, आप अभी दे दो में तो कब से आप का आसीर्बाद लेने क़े लिए बेकरार हु,

बेटा में तेरी इन डबल मीनिंग बाली बातो का मतलब खूब समझती हु, तुझ से दो साल बड़ी हु, में खूब समझती हु तुझे कैसा आसीर्बाद चाहिए,

अरे वाह आप तो बड़ी समझदार हो सब समझती हो, फिर देती क्यों नहीं, देखो आप का छोटा भाई आप का आसीर्बाद पाने क़े लिए कितना तड़प रहा है,

जानती हु मेरे भाई तू बहुत तड़प रहा है, चिंता मत करो आज में तेरी सारी तड़प मिटा दूगी, बस माँ को आ जाने दे फिर देख कैसे तेरी तड़प छूमंतर होती है,

दीदी आप तो सस्पेंस बड़ा रहे हो, माँ को आने में तो अभी चार घंटे है, आप को अच्छा लगेगा आप का छोटा भाई चार घंटे तक तड़पता रहे, इतना नुस्ठुर न बनो दीदी अभी दे दो न,

रिया राज की डबल मीनिंग की बातो से भड़क गई अंदर दवा गुस्सा फुट पड़ा,

चुप कमीने बंद कर अपना गन्दा मुँह, तेरे मुँह से दीदी शब्द अच्छा नहीं लगता, कमीने तू क्या जाने भाई बहिन का रिस्ता क्या होता है, कितना पवित्र होता है, तेरे जैसा कमीना भाई ऊपरवाला किसी को न दे,
मुझे पहली वार में है माँ को बता देना चाहिए था, अब तो तेरी हिम्मत इतना बड़ गई क़े तू मेरे बैडरूम में घुस कर मेरे अंडर गारमेंट क़े साथ गन्दी हरकते करने लगा, कुत्ते मेने तेरा वीडियो बना लिया है, आने दे माँ को आज माँ को तुम्हारी असलियत बताती हु, बताती हु क़े तू कोई मासूम बच्चा नहीं है बल्कि तू तो एक दरिंदा है,
जो अपनी सगी बड़ी बहन पर गन्दी नजर रखता है,

सॉरी दीदी सो सॉरी प्लीज़ मुझे माफ़ माफ़ दो, मुझ से बहुत बड़ी गलती हो गई, में आप क़े पैर पड़ता हु, प्लीज़ माँ को मत बताना, माँ मुझे जान से मार देगी, प्लीज़ दीदी में आप क़े पैर पड़ता हु,

साली रांड तू क्या सोच रही है में तेरी बात सुनकर तेरे पैरो में गिर जाउगा, तुझ से रहम की भीख मांगूगा,
साली तू मुझसे दो साल बड़ी जरूर है, लेकिन में दरिंदा हु दरिंदा, तेरे जैसी मामूली लड़की मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकती,
बड़ी आई मेरा वीडियो बनाने वाली माँ को दिखाएगी मेरा वीडियो, जा दिखा माँ को क्यों सारी दुनिया को दिखा फिर देखते है माँ और दुनिया को मेरा तेरी पैंटी क़े ऊपर लन्ड हिलाता वीडियो पसंद आता है,
क़े तेरा गांड में ब्रस ढाल क़े नल की टोटी से चूत चुदवाने बाला,

चल दोनों अपने अपने वीडियो xforum पर ढाल देते है फिर देख़ते है किस क़े वीडियो को ज्यादा कमेंट और like मिलते है चल मेरी प्यारी दीदी चल,

उफ़ राज की बात सुन कर रिया को लकवा मार गयावो जड़ हो गई ,
जिस भाई को बो मासूम बच्चा समझती थी, बो तो सच में दरिंदा निकला, उस को चक्कर आने लगे वो जमीन पर बैठ गई,
 
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