आज प्रेम अपने चरम पर पहुंच गया था तब मन में केबल प्रेम था निस्चल निर्मल प्रेम,
आज कुछ सही या गलत नही था, आज उस का धयान मार्ग पर नही था, आज तो रिया को केबल लक्छ दिख रहा था, वो बिसुद्ध प्रेमिका बन गई थी,
प्रेमी पागल होते हे सामान्य बेयक्ति किसे प्रेमी के मनो भाव को नहीं समझ सकता,
कोई जाती धर्म समाज किसी प्रेमी के मन को नहीं पढ़ सकता, उन की भाबनाओ को नही समझ सकता ,
क्युके जाती धर्म समाज नियमो की अनुसार चलते हे, उस के साथ बंधन होते हे, उन के साथ जुडी होती हे परम्परये, उन के पास नियमो की किताबे होती हे, परन्तु प्रेम तो बंधनो के टूटने के उपरांत ही जन्म लेता हे, बंधनो के साथ तो संबंध हो सकते हे, रिश्ते हो सकते हे, परन्तु प्रेम के लिए तो सब से पहले बंधन मुक्त होना पड़ता हे ,प्रेम का कोई नियम नही होता प्रेम के लिए नियमो को तोडना पड़ता हे, यदि अलौकिक प्रेम की प्राप्ति करनी हे तो परम्पराओ को भूलना पड़ता हे, प्रेम मोक्ष प्राप्ति का अंतिम पढ़ाओ होता हे, जब ब्यक्ति सारे बंधनो से मुक्त होकर अपनी सारी इक्छाओ को समाप्त कर अपने आप को प्रेम से बसीभूत होकर किसी को समर्पित कर देता हे, उस में समा जाता हे, खुद के बजूद को मिटा देता हे, प्रेमी बन जाता हे, तो उस का नाता इस जीवन मरण और दुःख सुख के संसार से छूट जाता हे, उस के लिए संसार का बजूद समाप्त हो जाता है,
उस के लिए उस का प्रेमी ही सारा संसार हो जाता है, फिर उसे अपने प्रेमी के सिबाय कुछ नहीं दिखाई पड़ता, फिर उसे अपने प्रेमी की अबाज के सिबाय कोई अबाज नहीं सुनाई पड़ती,
वो मुक्त हो जाता हे और मुक्ति ही तो अंतिम अभिलासा होती हे हर बुद्धिजीबी की,
जैसा किसी प्रेम मार्ग के बहुत पुराने रही ने अपने आप को धर्म जाती और समाज के बंधनो से से मुक्त करते हुए कहा था,
मेरा मुझ में कुछ नहीं, जो कुछ है सब तेरा
तेरा तुझको सौपदू , क्या लागे है मेरा
रिया भी प्रेम में डूब कर मुक्त हो गई थी, वो धर्म जाती समाज के नियम कायदे सब भूल गई थी,, वो सही गलत के दायरे से बहार निकल गई थी, उस ने खुद को प्रेम के समंदर में डूबा लिया था, वो प्रेमिका बन गई थी, अपने छोटे भाई राज की प्रेमिका,
आज उसने अपने आप को अपने तन मन को अपने प्रेमी को समर्पित करने का निष्चय कर लिया था,
बहुत सुहाना दिन था मम्मी पापा मामा के घर जा चुके थे रिया और राज दोनों घर में अकेले थे ,रिया मस्ती में उठी और बाथरूम जाने लगी,
ओये दीदी जरा जल्दी करना आज कल आप को बाथरूम में बहुत देर लगने लगी है, थोड़ा अपने छोटे भाई पर दया करना आज मेरा जन्मदिन है मुझे नहाकर तैयार भी होना है.मुझे टीवी चालू करने पर मजबूर न करना .
"अच्छा मेरे बच्चे मुझे टीवी की धमकी मत दे तेरे पास टीवी हे तो मेरे पास भी इयरफोन हे में इयरफोन लगा लूगी फिर तू सुनते रहियो भजन समझा बच्चा ,एक तू ही अकल्मन्द नहीं हे,
और आज तो बच्चे का जन्मदिन है ओहो में तो भूल ही गई थी चल भाई आज तुझे में दिन भर तोहफे ही तोहफे दूगी आज का जन्मदिन तू जिंदगी भर नहीं भूलेगा, "
चल आजा भाई आज तुझ को तेरा पहला बर्थडे गिफ्ट देती हु,
अरे दीदी तू भी न पहले फ्रेस तो हो ले फिर दे देना गिफ्ट,
बच्चे मेरा पहला गिफ्ट तो यही है के आज में सबकुछ तेरे सामने ही करूगी, आज तो में सब फ्रेस भी तेरे सामने ही होउगी,चल बाथरूम में मेरे साथ, तूने मुझे कैमरे में जो करते देखा है आज वो तुझे सामने बैठा कर दिखाती हु,
अरे यार दीदी तुम भी ना सुबह से फिर शुरू हो गई, तुम भी ना अभी तक उसी बात के पीछे पड़ी हो,
मैने सॉरी बोल दिया था गलती मान ली थी छोड़ ना यार पुरानी बातो को,
मेरे बच्चे में मजाक नहीं कर रही तेरी कसम सच कह रही हु मेने तेरे लिए यही पहला गिफ्ट सोचा है के में सब कुछ तेरे सामने करू तेरे लिए करू,हा अगर तुझे मेरा गिफ्ट पसंद नहीं तो ठीक है तू यही बैठा रह में चली फ्रेस होने,
रिया के बात सुन कर राज के हालत ख़राब हो गई, अपनी बहिन को अपने सामने बैठ कर टट्टी और पिशाब करने की बात सोच कर ही उस का दिमाक घूम गया, उस के मन में आनंद के साथ वासना के फूल खिलने लगे उस की बरसो की इक्छा जाग गई उस का दबा हुआ प्रेम उबालें लेने लगा,छड़ भर में चड्डी में छुपा चूहा तन कर लण्ड बन गया उस के अंडकोस कड़क हो गये,
रुक तो दीदी में भी चल रहा हु ना, में तो मज़ाक कर रहा था,
मेरी प्यारी दीदी मुझे कुछ गिफ्ट दे और में ना लू ऐसा कभी हो सकता है क्या आप के हाथो से तो में जहर भी हस्ते हस्ते पी लूँगा,
अरे मेरा छुटकू सा बेबी मुझे मक्खन लगा रहा है, बच्चे में तेरी बड़ी बहिन हु अच्छे से जानती हु तुझे,
लेकिन तूने पहली बार में गिफ्ट लेने से मना किया तो अब तुझे यह गिफ्ट पाने के लिए मेरी एक बात माननी होगी,
हा बोलो ना दीदी आप के गिफ्ट के लिए तो में कुछ भी करने को त्यार हु,
अब तू मेरे साथ एक ही शर्त पर चल सकता है के में जो कुछ भी करू तू केबल देखेगा मुझे छूने की कोशिस नहीं
करेगा और ना है तू अपने उस को छुएगा,बोलो मंजूर है ,
हा मुझे आप की शर्त मंजूर ही दीदी मुझे मंजूर है आप के ऐसे बेमिसाल गिफ्ट के लिए तो में चाँद पर भी जाने को त्यार हु यह तो बड़ी मामूली बात है ,
देख्ते है बच्चे के यह मामूली बात तू पूरी कर पता है के नहीं चल फिर आ जा,
रिया और राज दोनों बाथरूम में आ गये,
रिया राज की आखो में आँखे डाल कर अपने कपडे उतरने लगी, हर उतारते कपडे के साथ राज की हालत ख़राब होती जा रही थी,रिया को उस ने कैमरे के कई बार नंगा देखा था उस को बेहद कामुक हरकते करते देखा था, लेकिन आज सब उस के आखो के सामने हो रहा था, आखो के सामने घटने बाली घटना कैमरे में दिख रही घटना से हजार गुना ज्यादा प्रभाव डालती है, कैमरे में तो उसे रिया का जिस्म बस दीखता था यहाँ तो वो रिया के मादक शरीर से निकलती खुसबू भी महसूस कर रहा था, आज उसे पहली बार एक अलग तरह का अद्भुत अहसास हो रहा था,
अहसास भी अलग अलग तरह के होते है,अहसासों की भी मंजिले होती है,
कोई लड़की अपने कपडे उतार कर नग्न हो रही है, आप देख रही हो यह बात आप के अंदर एक अलग अहसास उत्पन करेगी, कोई लड़की किसे के लिए नग्न हो रही है इस बात से आप के मन में एक अलग अहसास की अनुभूति होगी, लेकिन कोई लड़की आप के लिए नग्न हो रही है यह अहसास आप को चरम पर पंहुचा देगा,
रिया अपने छोटे भाई राज के सामने केबल पेंटी में खड़ी थी वो राज की आखो में आँखे डाल अपने हाथो से अपने मखमली उरोजों के निपालो को सहला रही थी,उस के सांसे भारी होती जा रही थी,उस का मादक जिस्म राज के सामने निर्बस्त्र खड़ा था लाल रंग की पेंटी पहने अपने उरोजों को सहलाती रिया काम की देवी लग रही थी उस का कामुक रूप और परियो जैसा सौन्दर्य बेमिसाल था
राज अपनी बड़ी बहिन को अपनी सुपन सुंदरी को अपनी प्रेमिका को इस रूप में देख कर पत्थर की मूरत में बदल गया था, वो आँखे फाडे अपनी बहिन की अलौकिक सुंदरता में खो गया था,
वो भी बिसुद्ध प्रेमी बन गया था उस के लिए रिया के शिवाय सारी दुनिया का बजूद मिट चूका था,
तभी उस को झटका लगा बो सपनो की दुनिया से जागा, रिया के लाल पेंटी उस के मुँह पर लग कर निचे गिर पड़ी थी, रिया ने अपनी पेंटी उतार कर राज के मुँह पर फेक दे थी,उस ने जल्दी से अपनी दीदी की पेंटी उठा ली और किसी पबित्र चीज के तरह अपने मुँह के पास ला कर देखने लगा पेंटी पर लगे गीले पन को देख कर उस की आँखे बोझिल हो गयी, अपनी बहिन के पेशाब और काम रास की सुगंध नाक में जाते ही वो मदहोस हो गया,
तभी एक तीखी गंध ने उस के दिमाक को जजहोर दिया उस के होस बापस आ गये,
उस ने देखा के उस की बड़ी बहिन कमोड पर बैठ कर टट्टी कर रही थी और उस की टट्टी से निकलती तीखी गंध बाथरूम में फेल गयी थी, उस की सांसो में समा गई थी, वो अपनी सगी बड़ी बहिन को अपने सामने नंगी होकर टट्टी करते देख और टट्टी की तीखी गंध को सूघ कर वो पागल हो गया और अपना मुँह खोल कर जोर जोर से सांसे लेने लगा और अपनी दीदी टट्टी की तीखी गंध को अपने अंदर समेटने लगा,
रिया अपने भाई की हालत को देख कर उस के मज़े ले रही थी टट्टी करने के बाद उस की चूत ने पेशाब की धार छोड़ना शुरू कर दी थी, उस ने अपनी चूत से निकलते गरम पीले पेशाब को अपनी हथेली में भर कर टट्टी की तीखी गंध की माधोसी में डूबे अपने छोटे भाई के मुँह पर फेक दिया,
अपनी दीदी की टट्टी की तीखी गंध को मुँह खोले अपने में समाने की कोशिस करता राज एक दम से चौक गया, उस के मुँह पर रिया की फेखी गरम पेशाब ने उस को जैसे सोते से जगा दिया, तभी रिया ने एक बार फिर उस के मुँह पर अपनी पेशाब फेंकी जो आधी उस के खुले मुँह में जाके गिरी और आधी उस के चेहरे पर बिखर गई,
अपनी दीदी की गरम और कसैली पेशाब को अपने मुँह में पाकर राज में बदन में वासना की लहरे दौड़ने लगी उस ने मुँह में पड़ी दीदी के पेशाब को निगल लिया, और भूखी निगाहो से रिया की और देखने लगा वो हाथ में अपनी बहिन के काम रस से सनी पेंटी पकडे मानो कह रहा हो के दीदी प्लीज़ थोड़ी से पिशाब और दो ना,
लेकिन रिया की पेशाब ख़तम हो गई थी वो राज की हालत का पूरा मज़ा ले रही थी वो जानती थी राज क्या चाहता ही लेकिन वो राज को तड़पना कहती थी,
आज राज की प्रेमिकः बहुत है शरारती मूड में थी,
भाई और दू क्या
हां दीदी थोड़ा और दो ना प्लीज़
च च च लेकिन बेबी अब तो ख़तम हो गया लो तुम खुद देख लो
रिया अपनी चूत फैला के राज को दिखाती है,
पेशाब से भीगा चेहरा लिए राज अपनी दीदी की खुली चिकनी गुलाबी चूत देख कर पागल हो गया आज जो उस के साथ हो रहा था ऐसा तो कभी उस ने सपने में भी नहीं सोचा था,अपनी दीदी की वासना भरी कामुक अदाओ ने उस के अंदर वासना का तूफान भर दिया था अपनी दीदी की खुली चूत को सामने पाकर उस का हाथ अपने लण्ड पर पहुंच गया और बो अपने लण्ड को मसलने लगा,
नो भाई नो अपने उस पर से हाथ हटाओ याद ही मेने क्या सर्त रखी थी और तुम ने भी कहा था तुम अपने इस को हाथ नहीं लगाओ गे,
अरे दीदी क्या बच्चे की जान लोगी क्या इतना जुलम मत करो तुम्हारे काम देख कर तो मुर्दे भी अपने को नहीं रोक पयेगे, फिर में तो जरा सा बच्चा हु मुझे कम से कम अपने हाथ से है कुछ करने दो,
मेरी हालत ख़राब हो रही ही, प्लीज़ मुझे एक बार कर लेने दो
अरे तू तो कह रहा था यह तो बड़ी मामूली बात है, मेरी गिफ्ट के लिए तो तू चाँद पर भी चला जयेगा अब क्या हुआ, कहा गया तेरा वादा में तुझे करनी से रोकूगी नहीं लेकिन याद रखना यह तेरी वादा खिलाफी होगी,
ओफ दीदी तुम बहुत निष्ठुर हो तक ही करो आप को जो करना ही में वहां हाथ नहीं लगाउगा में अपनी प्यारी दीदी से किया हुआ वादा निबाहुगा,
मेरा तो सब काम हो गया बस साफ़ सफाई करना बाकी है,आज तू करेगा अपनी दीदी की बहा की सफाई,
हां दीदी हां में करुगा ना आप जो भी बोलो गए में करूगा,
तो आजा फिर और कर मेरी सफाई में भी तो देखु के तू किसी सफाई करता है,
राज कांपते हाथ पैरो से रिया के पास पंहुचा और पानी का मघा उठा कर अपनी बहिन की गांड धोने लगा,
वो अपनी दीदी के टट्टी से सनी गांड हो सहलाते सहलाते पानी डाल कर धोता जारहा था, दीदी के गांड का छेद और उस की टट्टी को अपनी हथेली से मसल कर वो बहुत गरम हो रहा था, उस की नाक से निकलती गरम सांसो से रिया का चेहरा जल रहा था, वो भी मस्ती के नशे में भरी सांसे लेती अपने भाई के हाथ को अपने गांड के छेद पर महसूस कर रही थी,गांड धोने के बाद वो फुब्बारे के नीचे खड़ी हो गई और अपने कामुक नग्न बदन पर साबुन मल मल कर राज को अपनी जबानी के जलबे दिखा दिखा कर नहाने लगी,
राज के लिए आज का दिन उस की जिंदगी का सब से हसीन दिन था आज उस की महबूबा रिया ने पुरे दिन उस के साथ मस्ती की थी, बो दोनों ने मॉल में जाके मूवी देखी रेस्टोरेंट जाके खाना खाया, राज दिन भर रिया के साथ घूमता रहा, रिया भी उस के साथ उस की गर्ल फ्रेंड जैसा बिहेव कर रही थी, दोनों ने दिन भर मौज मस्ती की,
रात को राज ने केक कटा और अपने हातो से रिया को खिलाया रिया ने भी अपने हाथ से राज को केक खिलाया और उस के चेहरे पर भी मल दिया,
दीदी अब मेरा गिफ्ट तो दो तुम तो कह रही थी आज मुझे बहुत तोफे दोगी लेकिन तुम ने तो बस एक ही तोहफा दिया ,
रुक जा बच्चे अभी देते हु तुझे तेरे गिफ्ट,और रिया अपने कमरे में जाके तीन गिफ्ट बॉक्स ले आई,एक बहुत छोटा बॉक्स था दूसरा थोड़ा बड़ा था तीसरा बॉक्स बहुत बड़ा था,
बाह दीदी तीन तीन गिफ्ट, देखु तो मेरी प्यारी दीदी ने क्या गिफ्ट दिए है,
राज छोटा बॉक्स खोलता है ,
बाओ यू आर ग्रेट दीदी दो लाख रूपए की राडो की गोल्ड की घडी,ओफो इतना महगा गिफ्ट देने की क्या जरूरत थी दीदी ,
अरे यार तू मेरा एकलोता भाई है तुझे क्या में ऐसा बेसा गिफ्ट दूगी चल दूसरा बॉक्स खोल,
राज दूसरा बॉक्स खोलता है,
ओहो मेरी तोबा आप ने तो कमल कर दिया दीदी यह तो 19वीं शताब्दी की जॉनी वॉकर कंपनी की 'द जॉन वॉकर' शराब की बोतल है यह तो चार लाख की आती है,क्या कर रहे हो दीदी इतनी महगी शराब क्यों गिफ्ट की मेने तो कही शराब को हाथ भी नहीं लगाया फिर आप ने मुझे यह क्यों गिफ्ट की,
भाई मेने भी कभी किसी नशे की बस्तु को हाथ नहीं लगाया लेकिन आज हम दोनों इस को पीकर तेरी जनम दिन की पार्टी को एन्जॉय करेगे,
आज जाने तुझे क्या हो गया है दीदी इतने महज गिफ्ट दे रही हो और यह तो बहुत पड़ा बॉक्स है इस में जाने क्या होगा,राज तीसरा बड़ा बाला बॉक्स खोलता है,
उफ़ दीदी यह क्या है आप पागल तो नहीं हो गये,आप यह सब क्यों लेकर आए हो,
यह किसी दुल्हन का लाल जोड़ा यह मंगलसूत्र यह सिंदूर यह दूल्हे की शेरवानी,
यह सब किस लिए है क्या आज किसी की शादी होने वाली है?
हा आज किसी की शादी होने बाली है,आज मेरी शादी होने बाली है, आज तुम्हारी शादी होने बाली है, आज हम दोनों की शादी होने बाली है, आज रिया और राज की शादी होने बाली है ,
उफ़ राज की हैरानी की कोई सीमा न रही, बो बुत बना रिया को देखने लगा उस की आखो से खुसी के आंसू बहने लगे ,उस के प्यार ने उस को अपना लिया था रिया ने उस के प्यार को स्वीकार कर लिया था,
उस की बचपन की मुहबब्त उस के सामने मंगलसूत्र लेकर खड़ी थी, और कह रही थी अपने नाम का मंगलसूत्र मेरे गले में पहना दो ,उस की जान से प्यारी दीदी उस के सामने खड़ी थी और कह रही थी उस की मांग में अपने नाम का सिंदूर भर दो,उस की प्रेमिका उस के लिए दूल्हे के कपडे लाई थी और कह रही थी इन को पहन लो और बन जाओ मेरे दूल्हे,
राज अपनी प्रेमिका के इस रूप को देख कर प्रेम के एक दूसरे रूप करुणा से भर गया उस की आखो से खुशियो की बारिस होने लगी उस का गाला रुंद गया वो सिसकने लगा,
रिया ने उस को अपने बहो में भर कर अपने गले से लगा लिया दोनों प्रेमी एक दूसरे को बाहों में समाये खुशियो के आंसू बहाते जा रहे थे ,
रिया का कमरा फूलो से महक रहा था,पुरे कमरे में प्रेम के प्रतीक गुलाब की कलियाँ लड़ियो में बंधी लटकी हुई थी,पूरा बेड गुलाब की पखुडियो से सजा था,दीवारों पर गुलाब के फूलो की मालाये लटक रही थी,
और बेड के बीचो बीच एक दुल्हन घुघट ओढे बैठी थी,घुघट में से केबल उस के दो सुर्ख लाल लब नजर आ रहे थे उस के हाथो में सुर्ख लाल चूड़ियाँ थी,वो दुल्हन सुहाग के लाल जोड़े में सजी सिकुड़ी सी बैठी थी,
कमरे का माहौल बेहद रूहानी लग रहा था हलकी अबाज में मुकेश का गीत,
कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है, के जैसे तुझ को बनाया गया है मेरे लिए, बज रहा था,
दूल्हा कमरे में आता है दुल्हन के शरीर में सनसनी सी फेल जाती है ,वो थोड़ा और सिकुड़ जाती है ,चूडियो के अबाज से कमरा गुज जाता है,
दूल्हा आके उस के पास में बैठ जाता है, दूल्हा बेहद प्र्यारी नजरो से अपनी दुल्हन को देकने लगता है,
वो लाल जोड़े में सजी सुहाग सेज पर बैठी अपनी अर्धांग्नी के मनमोहनी सौन्दर्य को निहारता जाता है,
दुल्हन भी अपनी सांस रोके आने वाले पलों का इंतजार करती है ,
दूल्हा जैसे ही दुलहाल का घुंघट उठता है मनो कमरे में सूरज निकल आता है,दुल्हन इतनी ज्यादा सुन्दर थी के मेनका रम्भा भी देखती तो जल जाती,दूध में एक चुटकी केसर मिले रंग जैसा रंग, बेहद हसीं चेहरा,
शर्म से थर थर्राते सुर्ख लब, सागर जैसी गहरी नीली आँखे, काजल लगी अमावस की रात जैसी काली पलके,
हीरे जड़ी लोग से सजी सुतुबा नाक,
घुंघट के उठाये जाते ही मुकेश की अबाज गूजती है,
सुहाग रात है घुंघट उठा रहा हु में ,
सिमट रही है तू शरमा के अपनी बाहों में,
राज अपनी प्रेम की देवी के इस बेमिसाल रूप को देख कर हैरान हो जाता है, उस की प्रेमिका उस की कल्पना से भी ज्यादा सुन्दर थी, वो रिया की ख़ूबसूरती पर मोहित हो जाता है ,वो रिया को अपनी बाहों में लेकर वो अपने लबो को रिया के लबो पर रख देता है,
रिया भी अपने प्रेमी के लबो के लिए अपने लब खोल देती है,
दोनों के जबान लब एक दूसरे का रास पीने लगते है,
राज रिया ले ऊपर चढ़ कर उस के लबो को बेदर्दी से चूसने लगता है रिया भी उस का पूरा साथ देती है,
राज के हाथ रिया के उरोजों पर पहुंच जाते है वो अपनी बहिन के उरोजों को मसलने लगता है, रिया के कठोर उरोज छूटे ही उस के शरीर में करंट दौड़ जाता है, उस के अंदर सुबह से दबी वासना फिर जग जाती है,वो रिया का बलाउज खोल कर उस की चूचियों को मुँह में भर कर पीने लगता है,
रिया भी अपने भाई के मुँह को अपनी कुवारी छतियो पर महसूस कर मज़े से सिसकने लगती है वो अपने भाई से सर को सहलाने लगती है,
राज अपनी बहिन की चूचियों को दबा दबा कर जोर जोर से चूस रहा था, वो काम के आज में जल रहा था वो सुहागरात के नशे का भरपूर मज़ा ले रहा था,अब राज का हाथ धीरे से सरक कर रिया की चूत पर पहुंच गया था वो अपने हाथ से साडी के ऊपर से रिया की चूत मसल ने लगा, रिया अपनी जलती चूत पर अपने भाई का हाथ पड़ते ही सिसक पड़ी उस के अंदर वासना मचल ने लगी बो सिसकारियां लेने लगी,
राज ने जल्दी से अपने कपडे उतरे और रिया के साडी निकल कर उस को भी नंगा कर दिया वो जाके रिया के पेरो के बीच बैठ गया और उस की जांघो को फैलाकर उस के कमसिन गुलाबी चूत को सहलाने लगा, बो अपनी ऊँगली से पिया की चूत के छेद को कुरेदने लगा,बो रिया के चूत को अपने हाथो से फैलाके देखने लगा उस की सुंदरता का रास पान करने लगा,
रिया अपनी कुवारी चूत पर अपने भाई का हाथ लगते ही मचत उठी वो जोर जोर से गर्म सांसे छोड़ने लगी,
उस के छातिया ऊपर नीचे होने लगी, तभी राज ने अपना मुँह उस की जलती चूत पर रख दिया अपने भाई के जीव को अपनी चूत के छेद में घुसता महसूस कर व चीख पड़ी, उस का बदन काम की आग में जलने लगा वो अपने दूधो को मसले लगी वो अपने चूतड़ झटकने लगी,
राज भी अपनी बहन की गांड के गोलाइयों को दबोचे अपने मुँह को चूत में घुसाके अपनी बरसो की प्यास बुझाने में लगा था, बो बुरीतरह से अपनी दीदी की चूत को चूसे जा रहा था,
रिया की सिसकारियां बढ़ती जा रही थी, उस की चूत आग उगल रही थी, उस ने अपनी जांघो से राज का सर अपनी चूत पर दवा लिया और दोनों हाथो से जोर जोर से अपनी चूचिया मसलने लगी वो राज के सर को अपनी चूत में दबाये निचे से चूतड़ उछलने लगी उस की उत्तेजना बढ़ती जा रही थी वो बेदर्दी से राज का मुँह चुदने लगी,
राज भी अपनी दीदी के चूत को दीवानो के तरह खाये जा रहा था वो जोर जोर से अपनी जीव को चूत के अंदर बहार कर रहा था, रिया की जाँघे उस के मुँह और नाक को अपनी चूत में घुसाए जा रही थी, वो अपने चरम पर पहुंचने वाली थी , वो बहुत जोर जोर से अपने चूतड़ उछाले जा रही थी, उस के चीखो से कमरा गुज रहा था,
वो झटके लेने लगी वो अकड़ने लगी वो उस के चूत से पानी निकल पड़ा, उस की चूत ने चूत रास को राज के मुँह में छोड़ना चालू कर दिया, वो हलके हलके झटके खाती अपने भाई के मुँह में अपनी चूत का माल छोड़ने लगी,
राज पूरी लगन के साथ अपनी दीदी के चूत के माल को चाटता जा रहा था, उस की दीदी की चूत से निकलते नमकीन कसेले माल को पीने से उस की वासना दुगनी हो गई थी,
वो उठ कर अपने दीदी के सर के पास आ गया और उस ने अपने लण्ड को रिया के गाल पर रख दिया,
अपने गाल पर रखे अपने छोटे भाई के लण्ड की खुसबू पाते ही उस ने करबट बदल कर राज का लण्ड अपने मुँह में भर लिया, और हलके हलके से चूसने लगी, राज भी अपनी दीदी की चूचियों से खेलता हुआ अपनी दीदी के मुँह में लण्ड पेलता जा रहा था ,दीदी का गरम मुँह और कठोर चूचिया राज को जन्नत का मज़ा दे रही थी, कुछ देर तक लण्ड से अपने बहिन का मुँह चोदने के बाद राज रिया की कुवारी चूत के पास आ गया और अपने लण्ड को रिया की चूत के छेद पर रख कर उस की आखो में देकने लगा आखो ही आखो में अपनी दीदी से लण्ड घुसाने की आज्ञा मांगने लगा,
रिया ने भी पलके जुका कर उसे आज्ञा दे दी,राज ने एक ठोकर में अपने लण्ड को रिया के कुवारी चूत की झिल्ली तक पंहुचा दिया,उस ने रिया की जांघो को पूरा फैलाके एक जोर का जतका मारा रिया जोर से चीख पड़ी उस के चूत से खून बहने लगा राज के लण्ड की ठोकर से रिया की चूत की सील खुल गईm
क्या हुआ दीदी दर्द हो रहा है तो क्या बहार निकल लूm
नहीं रे बहार मत निकल बस थोड़ा रुक जा आ आ मेरी चूत की सील खुल गई इस लिए थोड़ा दर्द हो रहा है तू मेरी चूचिया दवाm
राज अपना आधा लण्ड रिया की चूत में डाले हलके हलके से रिया की चूचिया दबाने लगा ,
धीरे धीरे रिया का दर्द काम होने लगा था,
भाई अब थोड़ा थोड़ा कर के डाल दे,
रिया की बात सुनकर राज ने हलके हलके झटके मार कर पूरा लण्ड रिया की चूत में पेल दिया ,
उस ने अपने शरीर को रिया के शरीर से मिला दिया दोनों प्रेमियों की आत्मा के साथ सरीरो का भी मिलान हो गया,
राज अब अपनी दीदी के चूत में जोर जोर से लण्ड पेले जा रहा था रिया भी सिसकारियां भरती जोर जोर से अपने चूतड़ उछाले जा रही थी, दोनों जबान जिस्म एक दूसरे में समाते जा रहे थे, दोनों भाई बहिन आग उगलती सांसो के साथ एक दूसरे के सरीरो को भोगे जा रहे थे, दोनों के मुँह से कामुक सिसकारियां निकल रही थी,
चुदाई की थापो से पूरा कमरा गूंज रहा था बिस्तर पर पड़ी गुलाब की पंखुडिया मसलती जा रहे थी,
दोनों बदन काम की आग में जलते पसीना पसीना हो रहे थे, राज अब जोर जोर से चीखने लगा था,
वो रिया की चूचियों को मसलता हुआ जोर जोर से रिया की चूत चोदे जा रहा था,
दीदी मेरी जान आ आआ मेरा आने बाला है दीदी मेरी प्यारी दीदी,
आजा भाई आजा दीदी के अंदर आजा भर दे अपनी दीदी की कोख को, भर दे अपनी पत्नी के कोख को आ आआ
ले दीदी ले भर ले मेरे लण्ड के माल को अपनी चूत में ले मेरी बीबी बन जा मेरे बच्चे की माँ औ औ आ आ दीदी में आया,
और राज ने अपना लण्ड अपनी दीदी अपनी बीबी की बच्चे दानी पर टिका कर माल की पिचकारी छोड़ना शुरू कर दिया,
रिया भी अपने पति के साथ साथ झड़ने लगी वो अपनी बच्चे दानी को अपने पति के लण्ड रास और अपनी चूत के रास से भर ने लगी,
दोनों प्रेमी एक दूसरे को अपनी बाहों में जकड़े हुए अपना अपना काम रास छोड़ने लगे प्रेम रास में काम रस मिलने लगा,