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रात के 9.30 बज चुके थे , इस वक्त सुमन , प्रिया और राज बरामदे मैं बैठे डिनर कर रहे थे जबकि नेहा ने पहले ही खिचड़ी से अपना पेट भर लिया था....डाक्टर द्वारा दी हुई दवाई लेने के बाद नेहा उसी बिस्तर पर पसर चुकी थीं....।
उधर बरामदे मैं
सुमन - राज तेरे फोन से रोहित को फोन तो लगा एक बार , उससे पूछ तो सही की उसने नेहा के साथ ऐसा क्यों किया...?? अब नेहा तो हमे कुछ भी बताने से रही कम से कम हम रोहित से तो इस बारे में बात कर सकते है..!
राज - मां अभी सही वक्त नहीं है जो इस बारे में बात करी जा सके.....कुछ दिन रुको में खुद रोहित से बात करूंगा....वैसे भी वो इस वक्त ट्रैवल कर रहा होगा दिल्ली के लिए तो पता नहीं उसका फोन लगेगा भी या नहीं इसलिए रोहित के दिल्ली पहुंचने पर हम उसे फोन कर लेंगे...
सुमन को राज की बात पसंद आयी इसलिए उसने सहमति में अपनी गर्दन हिला दी...जबकि प्रिया राज के द्वारा कही गई बात को सिरे से नकारते हुए ये कहा...
प्रिया - मां अगर रोहित भैया ने नेहा को मारा है तो कोई ना कोई कारण तो जरूर रहा होगा ... क्या पता नेहा अपनी गलती छुपाने के लिए हमे कुछ नहीं बता रही हो....या फिर रोहित भैया की जगह किसी और ने उन्हें मारा हो....कुछ भी हो सकता है मुझे एक पर्सेंट भी नेहा पर भरोसा नहीं है ...!
प्रिया ने अपनी सारी खीज अपने शब्दों मै उतार दी थी , जब से प्रिया ने नेहा का हाथ राज के हाथों में देखा है तब से प्रिया ही नेहा को किसी ना किसी तरह से प्रताड़ित करने की कोशिश में लगी थी....
जहां सुमन प्रिया के इस बदले हुए रूप को समझ नहीं पा रही थी वहीं राज प्रिया से इस बारे में बात करने की ठान चुका था...
राज - मां आप चिंता मत करो....में रोहित से बात करूंगा...और प्रिया तू खाना खा कर मेरे साथ थोड़ी देर वॉक पे चलना ....
इतना कह राज अपनी जगह से उठ गया और वाशबेसिन पर हाथ धो कर घर से बाहर बालकनी में आ गया....
कुछ देर इंतजार करने के बाद प्रिया भी बाहर आ गई और उसके बाद राज और प्रिया बिना कुछ कहे सुने बाहर मैन रोड की तरफ बढ़ गए...
तकरीबन दस मिनट पैदल चलने के बाद प्रिया और राज एक बगीचे के पास पहुंचे जो की आम तौर पर हर बड़े चौराहे पर मौजूद होता है....
राज - प्रिया तुम्हे नेहा के प्रति इतनी दुर्भावना नहीं रखनी चाहिए....मेरे साथ जो कुछ भी हुआ उसमे नेहा का हाथ बिल्कुल भी नहीं है , में उस से प्यार करता था ना कि वो इसलिए उसके प्रति ऐसा व्यवहार तुम्हे शोभा नहीं देता .
प्रिया राज की बात सुन एक दम से बिफर पड़ी....
प्रिया - आप खुद को समझते क्या हो भैया....कोई साधु महत्मा या खुद को दानवीर कर्न समझ बैठे हो....मानती हूं कि आप नेहा से प्यार करते थे, लेकिन नेहा इतनी भी भोली नहीं है जो आपकी आंखो में खुद के लिए असीम प्रेम ना देख पाई हो....नेहा एक चालाक औरत है...आपको शायद याद नहीं होगा की जब रोहित भैया का एमबीए कंप्लीट हुआ था तब वो कैसे भैया के चारों तरफ मंडराती फिरती थी....लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था....भैया अच्छे नंबरों से एमबीए करने के बाद भी अच्छी नौकरी हासिल नहीं कर पाए और शायद इसी वजह से नेहा जरूर उन्हें किसी मै किसी तरह से टॉर्चर करती होगी....
प्रिया के दिल में हद्द से ज्यादा नफरत देख एक बार तो राज भी सहम गया लेकिन उल्टा प्रिया को डाटकर चुप कराने से अच्छा राज ने प्रिया को समझाना ही उचित समझा....
राज - चल में तेरी बात मान लेता हूं...तू जो नेहा के लिए कह रही है वहीं सही होगा, लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ जैसा तू कह रही है उस वक्त तू क्या करेगी पहले मुझे ये बता उसके बाद बाकी सारी बातें करेंगे....
राज ने एक यक्ष प्रश्न प्रिया के समक्ष रख दिया लेकिन प्रिया तो प्रिया थी इसलिए उसका जवाब भी निराला ही आया....
प्रिया - में जो कह रही हू वही सही है भैया ....और रही बात मेरे गलत साबित होने की तो मुझे उस से कोई फर्क नहीं पड़ता....में बस आपकी खुशी चाहती हूं और आपकी खुशी में शरीक भी होना चाहती हूं , बस मुझे हमारे दरम्यान नेहा नाम कि मन्हूसियत नहीं चाहिए....मुझे नफरत है उसके नाम से ।।
प्रिया सपाट शब्दों में अपना उत्तर दे चुकी थी अब बारी थी राज की ,जो कि इस वक्त अपनी लाडली बहन की भावनाओं को धूमिल नहीं कर सकता था !
राज - ठीक है बच्चा जैसा तू चाहे....लेकिन कुछ वक्त के लिए तुझे नेहा के प्रति अपनी नफरत भूलनी होगी....क्योंकि अभी हम सब एक साथ ही रहने वाले है इसलिए मैं नहीं चाहता कि आपस का मनमुटाव मेरे प्रोफैशन पर असर करे...और वैसे भी बात बस दस दिन कि ही तो है इसलिए मेरी प्यारी गुड़िया गुस्से को थूक दे....ले चल में तुझे आज तेरी पसंद की कसाटा आइस क्रीम खिला के लाता हूं....
आइस क्रीम का नाम सुनते ही प्रिया के मुरझाए चेहरे पर फिर से रोशनी चमक उठी उसने उछल कर राज के गाल पर किस किया और फिर राज का हाथ थाम आइस क्रीम पार्लर की तरफ दौड़ पड़ी.....
वहां से काफी दूर एक अपार्टमेंट में....
रोहित पूरी तरह से नंगा बेड के उपर पेट के बल लेटा हुआ था , नर्म तकिए में उसका मुंह पूरी तरह से घुसा हुआ था....बालों से भरी गांड के उपर वीर्य फैला फैला हुआ था ....रोहित जैसे जैसे सांस लेता उसके पिछवाड़े का छेद भी खुलकर वीर्य उगल रहा था....
तभी बाथरूम का दरवाजा खुला जिसमे से एक व्यक्ति और निकलना जो भी इस वक्त पूरी तरह नग्न अवस्था में था....
समीर - गांडू कम से कम गांड तो साफ कर ले....बहनचोद कितना मन करता है तेरा हथियार मेरी गांड का तबला बजाए लेकिन हाय मेरी किस्मत तेरा हथियार तो सिर्फ मूतने के काम का ही रह गया है ....
समीर इस वक्त रोहित के बालों में हाथ घुमाने लगा था....जिसे मेहसूस कर रोहित ने अपना सर तकिए में से बाहर निकाला...
रोहित - क्या करू यार .... ना जाने कितने डॉक्टर के पास चक्कर खाए ना जाने किन किन हकीमों के चक्कर में पड़ कर अपनी सेविंग्स तक लूटवा दी लेकिन ये मादरचोद लंड खड़ा ही नहीं होता.....अब तू ही बता यार तुझे इस पिलपिली लुल्ली से कैसे खुश करूं....
रोहित की आंखो में इस वक्त अश्रु साफ देखे जा सकते थे....और उन अश्रुओं को देख समीर ने रोहित की आंखो को चूम लिया....
समीर - ये बिमारी तुझे बचपन से है क्या....??
समीर ने रोहित से एक ऐसा सवाल पूछ लिया जिसका जवाब देने में रोहित के चेहरे की हवाइयां उड़ने लगी....
रोहित - सब कुछ ठीक था समीर लेकिन जिस दिन मेरी शादी की सुहागरात थी उसी वक्त से ये परेशानी मेरे साथ है....अब प्लीज इस बारे में और कुछ मत पूछना ....तू चाहे तो मेरी एक बार फिर से ले ले लेकिन ये कौन बनेगा करोड़पति खेलना बंद कर मेरे साथ....
रोहित का इतना ही कहना था कि समीर ने रोहित को अपने आगोश में ले लिया और रोहित समीर को और अंदर और अंदर समेटने की जद्दोजहद में लग गया....
उधर नेहा अपने बिस्तर पर लेटी हुई अपनी ज़िन्दगी का सबसे बुरा सपना देख रही थी....
कॉलेज कैंटीन मैं इस वक्त नेहा अपनी सहेलियों के साथ एक टेबल पर कॉफी का लुत्फ उठा रही थी वहीं एक कोने में लगी टेबल पर राज अपने दोस्तो के साथ बैठा हुआ हसी मजाक कर रहा था....नेहा बार बार किसी ना किसी बहाने से राज की तरफ देख ही लेती लेकिन राज अपने ऊपर चल रहे नयनों के तीरों से पूरी तरह अनजान अपने दोस्तों के साथ हसी मजाक में लगा हुआ था....
नेहा अपनी सहेली से कहती है ...
नेहा - रेणु में वॉशरूम जाकर आती हूं....तुम लोग यही रुकना ...
अपनी बात कह नेहा कैंटीन से बाहर निकल गई लेकिन इस बार राज की नजरे उसका पीछा कर रही थी....राज ने किसी के सामने ये बात जाहिर नहीं होने दी की वो नेहा से बेपनाह मोहब्बत करता है, इसीलिए वो किसी के भी सामने नेहा से बात नहीं करता था ...
उधर नेहा वाश रूम के दरवाजे पर पहुंच जैसे ही उसे खोलती है तो उसके हाथो पर कुछ चिपचिपा सा लग जाता है जिसे साफ करने के लिए वो बिना सोचे समझे अपने कुर्ते के एक हिस्से पर रगड़ देती है....लेकिन जब नेहा वॉशरूम के आइने में कुर्ते पर लगे उस दाग को देखती हैं तो गुस्से से आग बबूला हो जाती है....
उसके कुर्ते पर लाल रंग का धब्बा लग गया था जो की उसके पेट के उपरी हिस्से पर साफ नजर आ रहा था....नेहा ने तुंरत अपनी चुन्नी दीवार पर मौजूद खूंटी पर लटकाई और फिर कुर्ता उतार कर कुर्ते पर लगे उस दाग को वाश बेसिन पर धोने लगी....इस वक्त नेहा सिर्फ एक फैंसी ब्लू कलर की ब्रा और चूड़ीदार पजामी में थी.....
कुर्ते में लगे दाग को धोते वक्त नेहा के उन्नत उरोज इस तरह से हिलने लगे थे कि जैसे भूकंप आने पर पहाड़ियां....पानी के कुछ छींटे दोनो उरोजो के मध्य स्थित घाटी में इस तरह प्रवेश कर रहे थे जैसे हिलोरे खाते सागर में नदी को पानी....
अपने सीने पर आए इस गीलेपन का अहसास होते ही नेहा ने जल्दी जल्दी अपना कुर्ता साफ किया और फिर वहीं खूंटी पर टंगी अपनी चुन्नी से अपने मादक उभारों को बारी बारी ब्रा से बाहर निकाल कर पोंछने लगी....
नेहा का दिमाग जहां अपने बदन को साफ करने में लगा था वहीं एक जोड़ी आंखे नेहा के वॉशरूम मै आने तक का सारा नज़ारा देख चुकी थी , उस व्यक्ति की उंगली एक कैमरे पर थी जो कि हर एक सेकेंड की फोटो लेने में व्यस्त हो रही थी....
कौन था वो व्यक्ति जो नेहा की इस तरह की आपतिजनक तस्वीरें क्लिक कर रहा था....अगर आप भी वही सोच रहें हैं तो कॉमेंट्स में जवाब जरूर दे।