• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest मुर्दों का जजी़रा

Vik1006

Well-Known Member
3,322
12,959
158
9.....


अब से लगभग कुछ घंटों पहले.....


रोहित हमेशा कि तरह अपने ऑफिस जाने के लिए तैयार हो चुका था जबकि नेहा अपने रूम में सो रही थी....

दोनो की शादी को काफी वक्त हो चला था लेकिन उन दोनों के बीच की कड़वाहट और भी ज्यादा बढ़ चुकी थी....रोहित और नेहा साथ में जरूर रहते थे लेकिन सुहागरात वाले दिन के बाद से कभी एक दूसरे से बात नहीं करते थे.....यहां तक कि नेहा खाना भी इतना ही बनाती थी की खुद का पेट भर ले....रोहित हमेशा या तो बाहर से खा कर आता या फिर ऑनलाइन ही खाना ऑर्डर करता था....मतलब साफ था दोनो अपनी अपनी ज़िन्दगी का नरक भोग रहे थे....सुहागरात वाले दिन के बाद से ही किसी ना किसी बात पर दोनो झगड पड़ते थे....दवा के असर की वजह से रोहित की मर्दाना ताकत के साथ साथ शारीरिक शक्ति भी क्षीण हो चुकी थी....सही मायने में दिखने में तो वो मर्द था लेकिन अंदर से पूरी तरह खाली हो चुका था यानी किसी लड़की जितनी ताकत ही अब उसके अन्दर शेष बची थी....

रोहित ने नेहा के कमरे पर दस्तक दी तो नेहा ने बिस्तर से उठ कर दरवाजा खोला और प्रश्नवाचक दृष्टि से रोहित को देखने लगी....

रोहित - मुझे आठ दस दिन के लिए दिल्ली जाना है....मां से मेरी बात हो गई है तुम कुछ दिन उनके साथ रह सकती हो...।

नेहा रोहित की बात का कोई उत्तर नहीं देती है और पलट कर वापस बिस्तर पर जाने के लिए घूम जाती है...

लेकिन तभी रोहित नेहा का हाथ पकड़ लेता है और अपनी तरफ घुमाकर एक थप्पड़ उसके गाल पर धर देता है....

अपने ऊपर हुए इस अचानक हमले से नेहा संभल नहीं पाती और लड़खड़ा कर वहीं फर्श पर गिर जाती है....


"" बहन की लोड़ी एक तो मेरी ज़िन्दगी खराब कर दी ऊपर से नखरे दिखाती है....""

इतना कह रोहित नेहा के चेहरे पर घूंसे मारने शुरू कर देता है....लेकिन नेहा इस मार पिटाई की जैसे आदि हो चुकी थी....जितना जोर लगा कर रोहित नेहा के चेहरे पर घूंसे मार रहा था उतनी ही तेज़ आवाज़ में नेहा फर्श पर पड़ी अट्टहास लगा रही थी....और जब नेहा को मारते मारते रोहित थक गया तब नेहा ने एक जोरदार मुक्का रोहित की नाक पर धर दिया....

मुक्का पड़ते ही रोहित दर्द से बिलबिला उठा....और यही वह मौका था कि जब नेहा ने ना सिर्फ खुद को संभाला बल्कि फर्श से उठ कर रोहित की बेदर्दी से धुनाई भी शुरू कर दी....ये सब कुछ अब नेहा के लिए आम बात हो चुकी थी....रोहित का जिस्म भले ही नेहा से बड़ा और ताकतवर दिखता हो लेकिन नेहा से ताकत के मामले में रोहित आधा ही रह गया था....उसके सख्त हाथ नेहा को चोट तो पहुंचा सकते थे लेकिन घाव पहुंचाने के लिए जो ताकत होनी चाहिए वो रोहित के पास नहीं थी....


नेहा की आंख काली पड़नी शुरू हो चुकी थी क्योंकि रोहित ने आज सिर्फ और सिर्फ उसके चेहरे के उसी हिस्से के आस पास घूंसे बरसाए थे जबकि रोहित की नाक अब खून उगलने लगी थी....

नेहा - मुझे पता है तुझे कौनसी दिल्ली जाना है....तेरे पिछवाड़े के कीड़े कुलबुला रहे होंगे किसी से खुजली मिटवाने के लिए....एक बात कान खोल के सुन ले....यहां में रहती हूं और इसका सीधा सा मतलब है कि यहां कोई और नहीं आ सकता....तुझे जहां जाना है वहां जाकर अपनी खुजली मिटवा ले चाहे तो गली के कुत्तों से भी खुजली गांड मरा ले लेकिन इस घर में कोई गंदगी नहीं आनी चाहिए....अब चुपचाप अपना मुंह धो और निकल इधर से....तूने जो मेरे साथ किया उसकी सजा देने के लिए ही में यहां रहती हूं वरना अब मुझे तेरे साथ रहने की भी जरूरत नहीं है ।

इतना कह नेहा अपने रूम से लगे बाथरूम मै घुस गई जबकि रोहित करहाते हुए अपना चेहरा साफ कर घर से बाहर निकल जाता है....



सूबह के चार बज चुके थे....जहां सुमन स्नान आदि कर चुकी थी वहीं नेहा भी सुबह सुबह उठ कर बरामदे मैं टहल रही थी....राज और प्रिया अभी भी अपने रूम में सोए हुए थे जोकि नेहा के बिस्तर के नीचे फर्श पर गद्दा बिछा के सो रहे थे....

सुमन - बहू... बेटा जरा राज और प्रिया को उठा दे....
सुमन की आवाज सुन नेहा रूम के अंदर आई जहां कुछ देर पहले वो खुद सपनों की दुनियां से बाहर निकली थी....

राज एक तरफ करवट लेकर सोया था जबकि प्रिया का एक हाथ राज के कंधे पर था और एक पैर राज के पैरों के ऊपर...भाई बहन का ये प्रेम देख नेहा कुछ देर तक दोनो को निहारती रही और फिर आहिस्ता से प्रिया के गालों पर छाई जुल्फों की बदली को व्यवस्थित कर प्रिया के गालों पर अपना कोमल हाथ प्रेम से फेर देती है.....

अपने गालों पर किसी का स्पर्श पाकर प्रिया कुन्मुनाती हुई अपने भाई से और चिपक जाती है जिसे देख नेहा के चेहरे पर मुस्कुराहट उभर आती है....इस बार नेहा राज के सर पे अपना हाथ फेरती है और अपना हाथ राज के सर से हटा कर राज को आवाज लगाती है....

"" राज.... ओ राज....चलने का समय हो गया है अब उठ जाओ ....""

राज इतने करीब से नेहा की पुकार सुन तुरंत अपनी आंखे खोल देता है और देखता है कि नेहा ठीक उसके माथे के ऊपर झुकी हुई सिर्फ उसी की आंखो में झांक रही थी....

राज ने उठने की कोशिश करी लेकिन प्रिया के बाहुपाश में बंधे होने के कारण उठ नहीं पाया....इसलिए राज ने आहिस्ता से नेहा से कहा...

"" आप तैयार हो जाइए जब तक मैं इस प्यारे बच्चे को भी उठा देता हूं....""

नेहा राज की बात सुन मुस्कुरा उठती है और प्रिया के बालों को अपने कोमल हाथो से सहलाते हुए वहां से बाहर चली जाती है....


नेहा के बाहर जाते ही राज प्रिया की तरफ पलटता है और उसके गालों पर किस्सियों की बरसात कर देता है....

अपने ऊपर हुए इस अचानक हमले से प्रिया कुनमुनाने लगती है और राज को और कस के अपनी बाहों में भर लेती है लेकिन राज तब भी नहीं रुकता...और लगातार प्रिया के गालों पर किस करता चला जाता है...

आखिरकार प्रिया अपनी आंखे खोल कर बोलती है...

"" कर दिया ना सुबह सुबह मेरा गाल गीला....देखना एक दिन मैं हर एक बात का बदला लूंगी आपसे...इसलिए अब मुझ से बच के रहना..""

.इतना कह प्रिया ने राज कंधे पर जोर से काट लिया....और राज को अपनी बाहों की कैद से आजाद करके बिस्तर से फुर्र हो गई....



5.50 हो रहे थे सुबह के....इस समय राज अपने परिवार के साथ मरीन बेस पर मौजूद था...चारो तरफ मरीन कमांडो अपने अपने कार्य मैं व्यस्त थे....कुछ कमांडो ट्रेनिंग कैंप एरिया में सुबह सुबह का वर्क आउट कर रहे थे ....सभी की हाइट 6 फीट से ज्यादा और शरीर ऐसा कसा हुआ जैसे फौलाद का कवच चढ़ा हो उनके जिस्मों पर....

"" सर...आप सब इधर मेरे साथ आइए ...""

अपने पीछे से आईं आवाज से राज चोंका और जब उसने पीछे मुड़ कर देखा तो एक हट्टा कट्टा फौजी सावधान मुद्रा में खड़ा हुआ था....


राज को अपनी तरफ घुमा देख फौजी तुरंत एक दिशा की तरफ आगे बढ़ गया....जबकि राज और उसका परिवार उस फौजी के पीछे पीछे....

कुछ दूर जाने पर उन्हें एक हेलीकॉप्टर दिखाई दिया जिसका इंजन अभी अभी स्टार्ट हुआ ही था.....

हेलीकॉप्टर के समीप पहुंच कर उस फौजी ने सबसे पहले उनका लगेज हेलीकॉप्टर के अंदर चढ़ाया एवम् फिर उन्हे अंदर बेठेने के लिए कहा....

सब लोग व्यवस्थित हेलीकॉप्टर के अंदर बैठ चुके थे....पायलेट ने उन्हें सीट बेल्ट बांधने का निर्देश दिया जिसे उन्होंने बिना किसी सवाल के मान लिया ...

बाहर खड़े उस फौजी ने हेलीकॉप्टर का दरवाजा बंद किया और थम्स अप का इशारा करके हेलीकॉप्टर उड़ाने की अनुमति दी....

ये पहला अवसर था जब राज और उसका परिवार किसी हवाई यात्रा पर जा रहा था....और कम से कम ये कल्पना तो किसने भी नहीं करी थी कि उनकी पहली हवाई यात्रा किसी मरीन हेलीकॉप्टर में होगी...


चॉपर इस वक्त आसमां मैं ऊपर उठ चुका था जहां डर के मारे प्रिया ने राज का एक हाथ पकड़ रखा था वहीं सुमन ने भी घबराहट में राज की एक बांह कस कर पकड़ रखी थी....सामने बैठी नेहा तीनो को मुस्कुराते हुए बस देखे जा रही थी....

जमीनी इलाका अब आंखो से ओझल हो चुका था अब बस कुछ दिखाई दे रहा था तो बस अथाह नीला गहरा समंदर....कहते हैं कि समंदर की गहराई आज भी कोई नाप नहीं पाया है....कितना गहरा होगा समंदर वहां क्या क्या राज दबे होंगे अनायास ही ये सवाल समंदर को देखने वाले व्यक्ति के मन में आ ही जाते है....और ऐसा ही एक सवाल प्रिया ने राज से पूछ भी लिए....

""भैया जहां हम जा रहे हैं वहां आस पास शार्क वगैरह तो नहीं है ना...??""

राज प्रिया की इस बात को जवाब से पाता उस से पहले ही सबके कानों में लगे हैडफोन पर पायलेट की आवाज गूंज उठी....

"" आपका सोचना बिल्कुल ठीक है मैडम....जहां हम जा रहे है वह जगह काफी खतरनाक है.....वैसे शार्क बीच पर तो नहीं आती लेकिन बीच से ज्यादा दूर निकलने पर ये काफी ज्यादा मात्रा में उपस्थित है....और उनकी ये उपस्तिथि ही सबसे ज्यादा भयानक है.....वैसे मुझे नहीं लगता कि आप घूमने के लिए समंदर में सफर करेंगे क्योंकि...यहां आने वाले सभी व्यक्ति कुछ ना कुछ जरूरी काम साथ लेकर ही आते है....""

पायलेट की बात सुन प्रिया ने मुंह बिचका दिया जिसे देख राज प्रिया के गाल खिचने से खुद को रोक नहीं पाया और बोल उठा....

"" ये मेरी बहन किसी जंगली शार्क से कम है क्या....ऐसी शार्कों को तो ये सुबह नाश्ते मैं खा जाती है....""

राज की बात सुन जहां सब ठहाके लगाने लगते है वहीं प्रिया राज पर अपने प्रेम से भरें मुक्को की बरसात कर देती है....आज नेहा भी ना जाने कितने दिनों बाद खुल कर हस रही थी....वो बस दोनो भाई बहन की हसी मजाक देख दिल खोल कर हस रही थी वहीं सुमन भी अपने परिवार को इस तरह खुश देख फुली नहीं समा रही थी....
Shandar Update...
 

Vijay2309

Well-Known Member
5,907
5,853
189
wonderfull update bhai sach kahun to mai tumko kewal ladaku dost ke taur par janta tha lekin tum ek achche writer ho bas story complete kar deo to ho nahi to nahi ho..update shaandaar hai priya ka chulbulapan bha raha neha ne to kamaal kar diya :vhappy: an sab shark ke sath khelengen :vhappy:
यार मैं कब लड़ाकू रहा....मै तो बेहद मासूम राइटर हूं:weep: तुम खुद ही देख लो पिछले अपडेट पर कितने कमेंट आए और मैंने फिर भी एक नया अपडेट दे दिया.....में हर रोज एक अपडेट दे सकता हूं और मैंने दिया भी है लेकिन रीडर्स को कहानी नहीं बस सेक्स चाहिए जो मेरी थ्रेड पर कम ही मिलेगा:angry:
 

Raj_Singh

Banned
709
1,655
123
यार मैं कब लड़ाकू रहा....मै तो बेहद मासूम राइटर हूं:weep: तुम खुद ही देख लो पिछले अपडेट पर कितने कमेंट आए और मैंने फिर भी एक नया अपडेट दे दिया.....में हर रोज एक अपडेट दे सकता हूं और मैंने दिया भी है लेकिन रीडर्स को कहानी नहीं बस सेक्स चाहिए जो मेरी थ्रेड पर कम ही मिलेगा:angry:

Hum sirf SEX ke liye nahi hai, 1 Acchi Story ke liye hai,

isliye Aap sirf Behtareen Update likhte rahe.
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
19,136
46,302
259
Very good update bhai. Bus ek hi sikayat hai ki update time to time de diya karo baki sab badiya hai. Story must hai
 

aman rathore

Enigma ke pankhe
4,853
20,198
158
9.....


अब से लगभग कुछ घंटों पहले.....


रोहित हमेशा कि तरह अपने ऑफिस जाने के लिए तैयार हो चुका था जबकि नेहा अपने रूम में सो रही थी....

दोनो की शादी को काफी वक्त हो चला था लेकिन उन दोनों के बीच की कड़वाहट और भी ज्यादा बढ़ चुकी थी....रोहित और नेहा साथ में जरूर रहते थे लेकिन सुहागरात वाले दिन के बाद से कभी एक दूसरे से बात नहीं करते थे.....यहां तक कि नेहा खाना भी इतना ही बनाती थी की खुद का पेट भर ले....रोहित हमेशा या तो बाहर से खा कर आता या फिर ऑनलाइन ही खाना ऑर्डर करता था....मतलब साफ था दोनो अपनी अपनी ज़िन्दगी का नरक भोग रहे थे....सुहागरात वाले दिन के बाद से ही किसी ना किसी बात पर दोनो झगड पड़ते थे....दवा के असर की वजह से रोहित की मर्दाना ताकत के साथ साथ शारीरिक शक्ति भी क्षीण हो चुकी थी....सही मायने में दिखने में तो वो मर्द था लेकिन अंदर से पूरी तरह खाली हो चुका था यानी किसी लड़की जितनी ताकत ही अब उसके अन्दर शेष बची थी....

रोहित ने नेहा के कमरे पर दस्तक दी तो नेहा ने बिस्तर से उठ कर दरवाजा खोला और प्रश्नवाचक दृष्टि से रोहित को देखने लगी....

रोहित - मुझे आठ दस दिन के लिए दिल्ली जाना है....मां से मेरी बात हो गई है तुम कुछ दिन उनके साथ रह सकती हो...।

नेहा रोहित की बात का कोई उत्तर नहीं देती है और पलट कर वापस बिस्तर पर जाने के लिए घूम जाती है...

लेकिन तभी रोहित नेहा का हाथ पकड़ लेता है और अपनी तरफ घुमाकर एक थप्पड़ उसके गाल पर धर देता है....

अपने ऊपर हुए इस अचानक हमले से नेहा संभल नहीं पाती और लड़खड़ा कर वहीं फर्श पर गिर जाती है....


"" बहन की लोड़ी एक तो मेरी ज़िन्दगी खराब कर दी ऊपर से नखरे दिखाती है....""

इतना कह रोहित नेहा के चेहरे पर घूंसे मारने शुरू कर देता है....लेकिन नेहा इस मार पिटाई की जैसे आदि हो चुकी थी....जितना जोर लगा कर रोहित नेहा के चेहरे पर घूंसे मार रहा था उतनी ही तेज़ आवाज़ में नेहा फर्श पर पड़ी अट्टहास लगा रही थी....और जब नेहा को मारते मारते रोहित थक गया तब नेहा ने एक जोरदार मुक्का रोहित की नाक पर धर दिया....

मुक्का पड़ते ही रोहित दर्द से बिलबिला उठा....और यही वह मौका था कि जब नेहा ने ना सिर्फ खुद को संभाला बल्कि फर्श से उठ कर रोहित की बेदर्दी से धुनाई भी शुरू कर दी....ये सब कुछ अब नेहा के लिए आम बात हो चुकी थी....रोहित का जिस्म भले ही नेहा से बड़ा और ताकतवर दिखता हो लेकिन नेहा से ताकत के मामले में रोहित आधा ही रह गया था....उसके सख्त हाथ नेहा को चोट तो पहुंचा सकते थे लेकिन घाव पहुंचाने के लिए जो ताकत होनी चाहिए वो रोहित के पास नहीं थी....


नेहा की आंख काली पड़नी शुरू हो चुकी थी क्योंकि रोहित ने आज सिर्फ और सिर्फ उसके चेहरे के उसी हिस्से के आस पास घूंसे बरसाए थे जबकि रोहित की नाक अब खून उगलने लगी थी....

नेहा - मुझे पता है तुझे कौनसी दिल्ली जाना है....तेरे पिछवाड़े के कीड़े कुलबुला रहे होंगे किसी से खुजली मिटवाने के लिए....एक बात कान खोल के सुन ले....यहां में रहती हूं और इसका सीधा सा मतलब है कि यहां कोई और नहीं आ सकता....तुझे जहां जाना है वहां जाकर अपनी खुजली मिटवा ले चाहे तो गली के कुत्तों से भी खुजली गांड मरा ले लेकिन इस घर में कोई गंदगी नहीं आनी चाहिए....अब चुपचाप अपना मुंह धो और निकल इधर से....तूने जो मेरे साथ किया उसकी सजा देने के लिए ही में यहां रहती हूं वरना अब मुझे तेरे साथ रहने की भी जरूरत नहीं है ।

इतना कह नेहा अपने रूम से लगे बाथरूम मै घुस गई जबकि रोहित करहाते हुए अपना चेहरा साफ कर घर से बाहर निकल जाता है....



सूबह के चार बज चुके थे....जहां सुमन स्नान आदि कर चुकी थी वहीं नेहा भी सुबह सुबह उठ कर बरामदे मैं टहल रही थी....राज और प्रिया अभी भी अपने रूम में सोए हुए थे जोकि नेहा के बिस्तर के नीचे फर्श पर गद्दा बिछा के सो रहे थे....

सुमन - बहू... बेटा जरा राज और प्रिया को उठा दे....
सुमन की आवाज सुन नेहा रूम के अंदर आई जहां कुछ देर पहले वो खुद सपनों की दुनियां से बाहर निकली थी....

राज एक तरफ करवट लेकर सोया था जबकि प्रिया का एक हाथ राज के कंधे पर था और एक पैर राज के पैरों के ऊपर...भाई बहन का ये प्रेम देख नेहा कुछ देर तक दोनो को निहारती रही और फिर आहिस्ता से प्रिया के गालों पर छाई जुल्फों की बदली को व्यवस्थित कर प्रिया के गालों पर अपना कोमल हाथ प्रेम से फेर देती है.....

अपने गालों पर किसी का स्पर्श पाकर प्रिया कुन्मुनाती हुई अपने भाई से और चिपक जाती है जिसे देख नेहा के चेहरे पर मुस्कुराहट उभर आती है....इस बार नेहा राज के सर पे अपना हाथ फेरती है और अपना हाथ राज के सर से हटा कर राज को आवाज लगाती है....

"" राज.... ओ राज....चलने का समय हो गया है अब उठ जाओ ....""

राज इतने करीब से नेहा की पुकार सुन तुरंत अपनी आंखे खोल देता है और देखता है कि नेहा ठीक उसके माथे के ऊपर झुकी हुई सिर्फ उसी की आंखो में झांक रही थी....

राज ने उठने की कोशिश करी लेकिन प्रिया के बाहुपाश में बंधे होने के कारण उठ नहीं पाया....इसलिए राज ने आहिस्ता से नेहा से कहा...

"" आप तैयार हो जाइए जब तक मैं इस प्यारे बच्चे को भी उठा देता हूं....""

नेहा राज की बात सुन मुस्कुरा उठती है और प्रिया के बालों को अपने कोमल हाथो से सहलाते हुए वहां से बाहर चली जाती है....


नेहा के बाहर जाते ही राज प्रिया की तरफ पलटता है और उसके गालों पर किस्सियों की बरसात कर देता है....

अपने ऊपर हुए इस अचानक हमले से प्रिया कुनमुनाने लगती है और राज को और कस के अपनी बाहों में भर लेती है लेकिन राज तब भी नहीं रुकता...और लगातार प्रिया के गालों पर किस करता चला जाता है...

आखिरकार प्रिया अपनी आंखे खोल कर बोलती है...

"" कर दिया ना सुबह सुबह मेरा गाल गीला....देखना एक दिन मैं हर एक बात का बदला लूंगी आपसे...इसलिए अब मुझ से बच के रहना..""

.इतना कह प्रिया ने राज कंधे पर जोर से काट लिया....और राज को अपनी बाहों की कैद से आजाद करके बिस्तर से फुर्र हो गई....



5.50 हो रहे थे सुबह के....इस समय राज अपने परिवार के साथ मरीन बेस पर मौजूद था...चारो तरफ मरीन कमांडो अपने अपने कार्य मैं व्यस्त थे....कुछ कमांडो ट्रेनिंग कैंप एरिया में सुबह सुबह का वर्क आउट कर रहे थे ....सभी की हाइट 6 फीट से ज्यादा और शरीर ऐसा कसा हुआ जैसे फौलाद का कवच चढ़ा हो उनके जिस्मों पर....

"" सर...आप सब इधर मेरे साथ आइए ...""

अपने पीछे से आईं आवाज से राज चोंका और जब उसने पीछे मुड़ कर देखा तो एक हट्टा कट्टा फौजी सावधान मुद्रा में खड़ा हुआ था....


राज को अपनी तरफ घुमा देख फौजी तुरंत एक दिशा की तरफ आगे बढ़ गया....जबकि राज और उसका परिवार उस फौजी के पीछे पीछे....

कुछ दूर जाने पर उन्हें एक हेलीकॉप्टर दिखाई दिया जिसका इंजन अभी अभी स्टार्ट हुआ ही था.....

हेलीकॉप्टर के समीप पहुंच कर उस फौजी ने सबसे पहले उनका लगेज हेलीकॉप्टर के अंदर चढ़ाया एवम् फिर उन्हे अंदर बेठेने के लिए कहा....

सब लोग व्यवस्थित हेलीकॉप्टर के अंदर बैठ चुके थे....पायलेट ने उन्हें सीट बेल्ट बांधने का निर्देश दिया जिसे उन्होंने बिना किसी सवाल के मान लिया ...

बाहर खड़े उस फौजी ने हेलीकॉप्टर का दरवाजा बंद किया और थम्स अप का इशारा करके हेलीकॉप्टर उड़ाने की अनुमति दी....

ये पहला अवसर था जब राज और उसका परिवार किसी हवाई यात्रा पर जा रहा था....और कम से कम ये कल्पना तो किसने भी नहीं करी थी कि उनकी पहली हवाई यात्रा किसी मरीन हेलीकॉप्टर में होगी...


चॉपर इस वक्त आसमां मैं ऊपर उठ चुका था जहां डर के मारे प्रिया ने राज का एक हाथ पकड़ रखा था वहीं सुमन ने भी घबराहट में राज की एक बांह कस कर पकड़ रखी थी....सामने बैठी नेहा तीनो को मुस्कुराते हुए बस देखे जा रही थी....

जमीनी इलाका अब आंखो से ओझल हो चुका था अब बस कुछ दिखाई दे रहा था तो बस अथाह नीला गहरा समंदर....कहते हैं कि समंदर की गहराई आज भी कोई नाप नहीं पाया है....कितना गहरा होगा समंदर वहां क्या क्या राज दबे होंगे अनायास ही ये सवाल समंदर को देखने वाले व्यक्ति के मन में आ ही जाते है....और ऐसा ही एक सवाल प्रिया ने राज से पूछ भी लिए....

""भैया जहां हम जा रहे हैं वहां आस पास शार्क वगैरह तो नहीं है ना...??""

राज प्रिया की इस बात को जवाब से पाता उस से पहले ही सबके कानों में लगे हैडफोन पर पायलेट की आवाज गूंज उठी....

"" आपका सोचना बिल्कुल ठीक है मैडम....जहां हम जा रहे है वह जगह काफी खतरनाक है.....वैसे शार्क बीच पर तो नहीं आती लेकिन बीच से ज्यादा दूर निकलने पर ये काफी ज्यादा मात्रा में उपस्थित है....और उनकी ये उपस्तिथि ही सबसे ज्यादा भयानक है.....वैसे मुझे नहीं लगता कि आप घूमने के लिए समंदर में सफर करेंगे क्योंकि...यहां आने वाले सभी व्यक्ति कुछ ना कुछ जरूरी काम साथ लेकर ही आते है....""

पायलेट की बात सुन प्रिया ने मुंह बिचका दिया जिसे देख राज प्रिया के गाल खिचने से खुद को रोक नहीं पाया और बोल उठा....

"" ये मेरी बहन किसी जंगली शार्क से कम है क्या....ऐसी शार्कों को तो ये सुबह नाश्ते मैं खा जाती है....""

राज की बात सुन जहां सब ठहाके लगाने लगते है वहीं प्रिया राज पर अपने प्रेम से भरें मुक्को की बरसात कर देती है....आज नेहा भी ना जाने कितने दिनों बाद खुल कर हस रही थी....वो बस दोनो भाई बहन की हसी मजाक देख दिल खोल कर हस रही थी वहीं सुमन भी अपने परिवार को इस तरह खुश देख फुली नहीं समा रही थी....
:superb: :good: :perfect: awesome update hai vijay bhai,
Behad hi shandaar lajawab aur amazing update hai bhai,
To aakhir kar raj apne pariwar ke saath island ke liye nikal hi gaya hai,
Ab dekhte hain ki aage kya hota hai,
Waiting for next update
 

Thunderstorm

Member
139
744
109
8....



तकरीबन चार महीने पहले....


आज नेहा ओर रोहित की शादी हो गई थी....सुमन और प्रिया फंक्शन की जगह से अपने घर के लिए निकल चुकी थी जबकि रोहित ने आज अपनी सुहागरात के लिए होटल का एक कमरा बुक करवाया था....

इस वक्त नेहा बिस्तर पर बैठी अपने पति रोहित का इंतजार कर रही थी , नेहा की आंखों में इंतेज़ार तो था लेकिन साथ ही साथ गुस्से ओर बदले की भावना भी भरी पड़ी थी.... नेहा आज वो करने वाली थी जिससे रोहित की ज़िन्दगी पूरी तरह से बदल जाएगी....

टेबल पर केसर बादाम मिश्रित दूध पर नेहा की नजर बार बार जा रही थी ....अभी कुछ मिनट पहले ही जब रोहित नेहा को रूम में छोड़ कर बाहर गया था तभी नेहा ने अपने हेंड बैग में से एक शीशी निकाल कर पूरी की पूरी उस दूध के ग्लास में मिला दी थी , उस दूध के ग्लास के समीप एक दूध का खाली ग्लास और पड़ा था जो कि नेहा पहले ही फ्लश कर चुकी थी बाथरूम के अंदर....


अचानक दरवाजे पर हुई उस आहट ने नेहा का ध्यान दूध के ग्लास से हटा कर दरवाजे की तरफ कर दिया.....

रोहित सुन्दर सी शेरवानी पहने रूम में दाखिल होता हुआ कहता है....

रोहित - आज तुम्हे में पूरा मजा दूंगा मेरी जान.....तुम्हे पाने के लिए मैंने क्या क्या कांड नहीं किए ये तो तुम जानती ही हो...!

रोहित रूम के अन्दर आ चुका था और जल्दी ही उसने दरवाजा भी लॉक कर दिया....

रोहित - कितना तड़पाया तूने मुझे ....तेरी नंगी फोटो देख देख कर ना जाने मैंने कितनी बार खुद को शांत किया था लेकिन बस अब और नहीं, आज तुझे अपनी आंखो के सामने नंगा करके तेरे इस खूबसूरत बदन का रस निचोड़ निचोड़ कर पियूंगा ।

रोहित की बात सुनने के बाद भी नेहा अभी तक खामोशी की चादर ओढ़े हुए थी....

रोहित - क्या बात है जान अभी भी उस फोटो वाली बात पर नाराज हो क्या.....में तुम्हारे साथ ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहता था, लेकिन क्या करू दिल के आगे मजबूर हो चला था....आज नहीं तो कल तुम्हे मेरे ही घर में आना था बस फर्क इतना ही था कि उस वक्त मेरी जगह राज तुम्हारी ज़िन्दगी में होता....

रोहित ने राज का नाम लेकर नेहा के सामने जैसे बॉम्ब फोड़ दिया था.....शांत बैठी नेहा ने प्रश्नवाचक दृष्टि से रोहित को देखा....लेकिन रोहित के चेहरे पर इस वक्त सिर्फ वासना ही नजर आईं नेहा को...

रोहित - तुम्हारे साइंस ब्लॉक के सभी स्टूडेंट जानते है कि राज तुझे दिलोंजान से प्यार करता है....इसीलिए कभी किसी साइंस के स्टूडेंट ने तुम्हे प्रपोज करने की कोशिश नहीं करी लेकिन में साइंस का स्टूडेंट नहीं हूं.....कॉमर्स मैंने इसी लिए चुनी ताकि मैं राज नाम कि बिमारी से दूर रह सकूं.....हर कोई राज से बात करना चाहता है हर कोई बस उसे ही प्यार करता है ओर कोई उसे प्यार करे भी तो क्यों नहीं , आखिर राज इतना समझदार सुशील और सबका लाडला जो ठहरा....तभी तो वो आज हमारी शादी में भी नहीं आया....क्योंकि वो कैसे देख पाता अपने प्यार को इस तरह अपने भाई से लूटते हुए....में चाहता तो तुम्हे कब का भोग कर चूसे हुए आम की तरह फेंक देता लेकिन मुझे उस मादरचोद से भी तो बदला लेना था और देखो आज मैंने वो बदला ले लिया.....

नेहा की आंखो में इस वक्त आंसू जरूर थे लेकिन आज उसका भी एक इम्तिहान ही था....रोहित द्वारा ब्लैक मेल होने से काफी पहले से वह एक दवा पर काम कर रही थी जो की बलात्कारियों और लड़कियों का शोषण करने वाले मर्दों के लिए थी......और जब वो रिसर्च पूरी हुई तब तक नेहा भी इस ब्लैक मेलिंग के भंवर में फस चुकी थी....रोहित ने नेहा को काफी बार हमबिस्तर होने के लिए कहा लेकिन बस एक यही बात थी जिस पर नेहा कभी राजी नहीं हुई....कॉलेज वॉशरूम वाले हादसे के बाद से ही रोहित ने नेहा को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया था जिसका नतीजा ये हुआ कि नेहा ने कॉलेज जाना ही बंद कर दिया....उसके फोन पर रोहित के कॉल्स आने शुरू हुए शुरू शुरू में तो सिर्फ न्यूड पिक्चर्स की मांग ही रोहित की तरफ से होने लगी लेकिन जैसे जैसे समय बीतता गया रोहित ने नेहा से पैसे भी ऐंठने शुरू कर दिए ....आखिरकार नेहा ने एक सख्त फैसला लिया जो की था इस मर मर के जीने से अच्छा अपने दुश्मन का ऐसा हाल कर दो जो वो अपने पैदा होने पर भी पछताए....इसीलिए नेहा ने रोहित के साथ हमबिस्तर होने के लिए एक शर्त रखी की वह तभी उसके साथ सोएगी जब रोहित उस से शादी करेगा.....रोहित पहले से ही नेहा के हुस्न को दीवाना था और उसने नेहा की बात मान भी ली....क्योंकि नेहा से शादी करने में उसका ही फायदा था एक तो राज को सारी ज़िन्दगी का दर्द देना दूसरा नेहा के खूबसूरत जिस्म का मालिक बन जाना और तीसरा नेहा के परिवार से दहेज के नाम पर मोटा पैसा वसूल करना....यानी नेहा से शादी करने में उसका ही सबसे ज्यादा फायदा होने वाला था.....लेकिन नेहा के दिमाग में उस वक्त कुछ अलग ही था.... उसने पहले सोचा था कि कभी रोहित से मिलकर उसको ये दवा पिला दूंगी लेकिन रोहित कभी भी पब्लिक प्लेस पर नेहा से नहीं मिलता और सबसे बड़ी ये बात की रोहित अगर वो दवाई कहीं बाहर पी भी लेता तो नेहा का राज सारी दुनिया के सामने आ जाता क्योंकि उस दवा का असर तुरंत बॉडी पर होता है.....अगर किसी पब्लिक प्लेस पर ऐसा कुछ होता तो रोहित के साथ साथ नेहा की भी ज़िन्दगी तबाह हो जाती जो कि नेहा ऐसा बिल्कुल नहीं चाहती थी....


रोहित - चल अब खड़ी हो और अपने सारे कपड़े उतार.....मै भी तो देखूं तू फोटो मै जितनी सेक्सी दिखती है असल में भी है क्या....

रोहित ने अपनी बात कह नेहा को एक जोरदार लात मारी जिस से नेहा बिस्तर से नीचे गिर पड़ी....

दर्द की एक भयंकर लकीर इस वक्त नेहा के चेहरे पर उभर आईं थीं लेकिन अपने दर्द को पीते हुए वह फिर से खड़ी हुई और इतनी देर में पहली बार नेहा ने अपना मुंह खोला।

नेहा - रोहित हमारी शादी हो चुकी है....तुम चाहो तो अभी इसी वक्त मेरा रेप भी कर सकते हो और में कुछ नहीं कर पाऊंगी....लेकिन रेप की नोबत आखिर आए ही क्यों जबकि खुद तुम्हारी बीवी तुम्हारा हर बात मैं साथ देगी....सोचो इस तरह मारपीट करके या मेरा रेप करके तुम्हे वो सुख कभी भी नहीं मिलेगा जो एक पति को अपनी पत्नी से मिलता है....अगर तुम्हे मेरा रेप ही करना है तो ये लो करो....

नेहा ने एक झटके मैं अपनी साड़ी अपने गुदाज जिस्म हटा दी , लाल रंग के ब्लाउस में नेहा की जवानी इस तरह से फड़फड़ा रही थी जैसे पिंजरे में कपोत ....रोहित नेहा को इस रूप में देख हैरान रह गया.....उसका लन्ड पत्थर की मानिंद कठोर हो कर शेरवानी को अंदर से धकेलना शुरू कर चुका था जबकि नेहा का चेहरा दर्द और गुस्से से लाल पड़ चुका था....

रोहित की नजरे जब नेहा के चेहरे पर पड़ी तो उसे भी अपनी गलती का अहसास हुआ और वहीं पलंग पर बैठते हुए कहने लगा....

रोहित - सॉरी नेहा....मुझे तुम्हारे साथ ऐसा सलूक नहीं करना चाहिए था आज हमारी सुहागरात है लेकिन फिर भी मैंने तुम्हे दर्द ही दिया....

इतना कह रोहित खुद को ही थप्पड़ लगाने लगा....जिसे देख नेहा का गुस्सा थोड़ा शांत हुआ लेकिन रोहित बस नेहा को भोगना चाहता था वो भी पूरे मजे लेकर ना की जबरदस्ती एक लाश के ऊपर ....

नेहा को भी शायद ऐसी ही किसी घड़ी का इंतजार था वो तुरंत तेज़ क़दमों से चलती हुई रोहित के पास आई और रोहित के हाथो को अपनी कमर के इर्द गिर्द लपेट कर उसकी गोद में बैठ गई।

नेहा - जानू इस तरह खुद को तकलीफ मत दो....देखो मैं तुम्हारे बिल्कुल पास हूं मै पूरी की पूरी तुम्हारी हूं....लेकिन प्लीज़ मेरी वजह से खुद को तकलीफ मत दो....

इतना बोलकर नेहा ने रोहित का चेहरा अपने सीने पर दबा दिया....नेहा के कोमल स्तनों का अहसास अपने चेहरे पर होते ही रोहित की सांसे गरम हो चली जबकि नेहा के जिस्म पर रोहित की गर्म सांसे तेजाब की तरह जलन का अहसास दे रही थी ...

नेहा रोहित के सामिप्या से इतनी विचिलित हो चुकी थी वो तुरंत रोहित की गोद से उठ खड़ी हुई...


नेहा - चलो अब अपना दूध खतम करो फिर ये वाला पीने को मिलेगा...मैंने तो पहले ही अपना दूध खतम कर लिया अब आप भी इसको खतम करके बिस्तर पर आ जाओ....

अपनी बात कह नेहा किसी नागिन कि तरह बलखाती हुई बिस्तर पर चढ़ गई....जबकि रोहित बिना कुछ सोचे समझे केसर बादाम और साथ ही साथ नेहा के द्वारा मिलाई गई दवा वाला दूध एक सांस में पी जाता है....

नेहा बिस्तर पर इस तरह से पसरी हुई थी जैसे कोई शेरनी शिकार को चट करने के बाद सुस्ताती है....

"" ये...ये क्या हो रहा है मुझे ""

रोहित के पूरे जिस्म में इस वक्त चींटियां सी रेंग रही थी , इस वक्त रोहित को ऐसा लग रहा था जैसे सारी चींटियां उसके पूरे शरीर से हो कर सिर्फ लंड की तरफ ही बढ़ रही हो....दर्द बिल्कुल भी नहीं हो रहा था बस एक तेज़ झनझनाहट पूरे बदन में फैलने लगी थी रोहित के...!

रोहित को इस तरह परेशान होता देख नेहा गुर्राई...

"" कुछ ही पलों तुम्हे तुम्हारे मर्द होने का अफसोस होगा रोहित...मेरी ज़िन्दगी तो तुमने खराब कर दी लेकिन तुम्हारी ज़िन्दगी आज से नरक बन जाएगी ....जिस तरह तुम अभी तड़प रहे हो उसी तरह अब बाकी किस ज़िन्दगी भी तड़प तड़प के ही निकालोगे...""


अपनी बात कह कर नेहा ने एक जोरदार अट्टहास भरी...जिसे सुन रोहित का कलेजा भी थर्रा उठा...

"" तुम...तुमने क्या खिला दिया मुझे....मेरा सारा शरीर सुन्न क्यों पड़ने लगा है ???.... प्लीज़ नेहा मुझे बताओ मुझे क्या खिला दिया तुमने, अगर में अभी मर गया तो तुम भी बचोगी नहीं ""

अपनी बात कह रोहित धड़ाम से फर्श पर गिर पड़ा और किसी मिर्गी के रोगी कि तरह तड़पने लगा...जबकि नेहा अब बिस्तर से उठ रोहित के तड़पते हुए जिस्म के पास आकर खड़ी हो गई ...

"" तूने मुझे काफी तड़पाया रोहित अब तू तड़पेगा , तुझे पता है कि कोई साइंस स्टूडेंट मेरी तरफ क्यों नहीं देखता था उसकी वजह थी राज का मेरे प्रति प्यार सब स्टूडेंट उस प्यार उस पागलपन से डरते थे क्योंकि अगर एक साइंटिस्ट बदला लेने पर आए तो पूरी दुनिया में कोहराम मचा सकता है , लेकिन तूने गलती कर दी तूने वो कर दिया जिसका अंजाम तू अब सारी उम्र भुगतेगा.....ये कोई ज़हर नहीं है जो तू मर जाएगा....ये मेरा रिसर्च है ये मेरी मेहनत है जोकि तेरे जैसे हरामियों को सबक सिखाने के लिए मैंने बनाया ....कुछ ही मिनटों में तेरी मर्दानगी हमेशा के लिए ख़तम है जाएगी , ना सिर्फ मर्दानगी खतम होगी बल्कि ये दवा तेरे पिछवाड़े में इतनी खुजली शुरू कर देगी की तू लोगों से वो खुजली मिटवाता रहेगा ...अब तू नामर्द होने के साथ साथ एक गे की ज़िन्दगी भी जिएगा....और तेरी उस ज़िन्दगी का तमाशा देखने के लिए ये नेहा हमेशा तेरे सामने होगी ...""

अपनी बात खतम कर नेहा ने रोहित की छाती पर अपना पैर रखा और एक एक करके ब्लाउस के सारे बटन खोल दिए नेहा इस वक्त सिर्फ ब्रा और पेटीकोट में थी...अपना ब्लाउस रोहित के मुंह पर फेकते हुए नेहा कहने लगती है....

"" तुझे मुझे नंगा देखने मै मजा आता था ना....ले देख तू मुझे नंगा , तू मुझे रोज इसी तरह नंगा देखेगा लेकिन कुछ कर नहीं पाएगा.... बेबी प्लीज अपनी चूत की फोटो दो ना....ऐसे ही बोलता था ना साले कुत्ते तू....ले देख मेरी चूत क्योंकि तेरा लंड खड़ा तो होगा नहीं अब लेकिन तेरी गांड में खुजली दुगनी शुरू हो जाएगी....तुझे क्या लगा था तू मुझे बर्बाद करके छोड़ देगा और में चुप चाप तेरा हर जुल्म सह लूंगी...""

इतना कह नेहा ने एक एक करके अपने सारे कपड़े उतार फेंके और पूरी नंगी हो कर रोहित के तड़पते हुए जिस्म पर जा बैठी....

नेहा की गुलाबी चूत इस वक्त रोहित के चेहरे के बिल्कुल नजदीक थी....तभी चूत में से पिशाब की एक तेज़ धार निकल कर सीधा रोहित के चेहरे पर बिखरने लगती है....भयंकर उत्तेजना और दवा के असर की वजह से रोहित का शरीर कांपते कांपते एक दम से निश्चल पड़ गया....नेहा समझ चुकी थी कि रोहित अब बेहोश हो गया है और सुबह से पहले वो होश मैं नहीं आएगा इसलिए वो नंगी ही रोहित की छाती से उठी और वैसे ही रोहित को फर्श पर छोड़ कर खुद बिस्तर पर पसर गई....
Are gajab bhai kya hi kar diya aapne

images-23
 

Ajay

Well-Known Member
6,895
33,144
218
9.....


अब से लगभग कुछ घंटों पहले.....


रोहित हमेशा कि तरह अपने ऑफिस जाने के लिए तैयार हो चुका था जबकि नेहा अपने रूम में सो रही थी....

दोनो की शादी को काफी वक्त हो चला था लेकिन उन दोनों के बीच की कड़वाहट और भी ज्यादा बढ़ चुकी थी....रोहित और नेहा साथ में जरूर रहते थे लेकिन सुहागरात वाले दिन के बाद से कभी एक दूसरे से बात नहीं करते थे.....यहां तक कि नेहा खाना भी इतना ही बनाती थी की खुद का पेट भर ले....रोहित हमेशा या तो बाहर से खा कर आता या फिर ऑनलाइन ही खाना ऑर्डर करता था....मतलब साफ था दोनो अपनी अपनी ज़िन्दगी का नरक भोग रहे थे....सुहागरात वाले दिन के बाद से ही किसी ना किसी बात पर दोनो झगड पड़ते थे....दवा के असर की वजह से रोहित की मर्दाना ताकत के साथ साथ शारीरिक शक्ति भी क्षीण हो चुकी थी....सही मायने में दिखने में तो वो मर्द था लेकिन अंदर से पूरी तरह खाली हो चुका था यानी किसी लड़की जितनी ताकत ही अब उसके अन्दर शेष बची थी....

रोहित ने नेहा के कमरे पर दस्तक दी तो नेहा ने बिस्तर से उठ कर दरवाजा खोला और प्रश्नवाचक दृष्टि से रोहित को देखने लगी....

रोहित - मुझे आठ दस दिन के लिए दिल्ली जाना है....मां से मेरी बात हो गई है तुम कुछ दिन उनके साथ रह सकती हो...।

नेहा रोहित की बात का कोई उत्तर नहीं देती है और पलट कर वापस बिस्तर पर जाने के लिए घूम जाती है...

लेकिन तभी रोहित नेहा का हाथ पकड़ लेता है और अपनी तरफ घुमाकर एक थप्पड़ उसके गाल पर धर देता है....

अपने ऊपर हुए इस अचानक हमले से नेहा संभल नहीं पाती और लड़खड़ा कर वहीं फर्श पर गिर जाती है....


"" बहन की लोड़ी एक तो मेरी ज़िन्दगी खराब कर दी ऊपर से नखरे दिखाती है....""

इतना कह रोहित नेहा के चेहरे पर घूंसे मारने शुरू कर देता है....लेकिन नेहा इस मार पिटाई की जैसे आदि हो चुकी थी....जितना जोर लगा कर रोहित नेहा के चेहरे पर घूंसे मार रहा था उतनी ही तेज़ आवाज़ में नेहा फर्श पर पड़ी अट्टहास लगा रही थी....और जब नेहा को मारते मारते रोहित थक गया तब नेहा ने एक जोरदार मुक्का रोहित की नाक पर धर दिया....

मुक्का पड़ते ही रोहित दर्द से बिलबिला उठा....और यही वह मौका था कि जब नेहा ने ना सिर्फ खुद को संभाला बल्कि फर्श से उठ कर रोहित की बेदर्दी से धुनाई भी शुरू कर दी....ये सब कुछ अब नेहा के लिए आम बात हो चुकी थी....रोहित का जिस्म भले ही नेहा से बड़ा और ताकतवर दिखता हो लेकिन नेहा से ताकत के मामले में रोहित आधा ही रह गया था....उसके सख्त हाथ नेहा को चोट तो पहुंचा सकते थे लेकिन घाव पहुंचाने के लिए जो ताकत होनी चाहिए वो रोहित के पास नहीं थी....


नेहा की आंख काली पड़नी शुरू हो चुकी थी क्योंकि रोहित ने आज सिर्फ और सिर्फ उसके चेहरे के उसी हिस्से के आस पास घूंसे बरसाए थे जबकि रोहित की नाक अब खून उगलने लगी थी....

नेहा - मुझे पता है तुझे कौनसी दिल्ली जाना है....तेरे पिछवाड़े के कीड़े कुलबुला रहे होंगे किसी से खुजली मिटवाने के लिए....एक बात कान खोल के सुन ले....यहां में रहती हूं और इसका सीधा सा मतलब है कि यहां कोई और नहीं आ सकता....तुझे जहां जाना है वहां जाकर अपनी खुजली मिटवा ले चाहे तो गली के कुत्तों से भी खुजली गांड मरा ले लेकिन इस घर में कोई गंदगी नहीं आनी चाहिए....अब चुपचाप अपना मुंह धो और निकल इधर से....तूने जो मेरे साथ किया उसकी सजा देने के लिए ही में यहां रहती हूं वरना अब मुझे तेरे साथ रहने की भी जरूरत नहीं है ।

इतना कह नेहा अपने रूम से लगे बाथरूम मै घुस गई जबकि रोहित करहाते हुए अपना चेहरा साफ कर घर से बाहर निकल जाता है....



सूबह के चार बज चुके थे....जहां सुमन स्नान आदि कर चुकी थी वहीं नेहा भी सुबह सुबह उठ कर बरामदे मैं टहल रही थी....राज और प्रिया अभी भी अपने रूम में सोए हुए थे जोकि नेहा के बिस्तर के नीचे फर्श पर गद्दा बिछा के सो रहे थे....

सुमन - बहू... बेटा जरा राज और प्रिया को उठा दे....
सुमन की आवाज सुन नेहा रूम के अंदर आई जहां कुछ देर पहले वो खुद सपनों की दुनियां से बाहर निकली थी....

राज एक तरफ करवट लेकर सोया था जबकि प्रिया का एक हाथ राज के कंधे पर था और एक पैर राज के पैरों के ऊपर...भाई बहन का ये प्रेम देख नेहा कुछ देर तक दोनो को निहारती रही और फिर आहिस्ता से प्रिया के गालों पर छाई जुल्फों की बदली को व्यवस्थित कर प्रिया के गालों पर अपना कोमल हाथ प्रेम से फेर देती है.....

अपने गालों पर किसी का स्पर्श पाकर प्रिया कुन्मुनाती हुई अपने भाई से और चिपक जाती है जिसे देख नेहा के चेहरे पर मुस्कुराहट उभर आती है....इस बार नेहा राज के सर पे अपना हाथ फेरती है और अपना हाथ राज के सर से हटा कर राज को आवाज लगाती है....

"" राज.... ओ राज....चलने का समय हो गया है अब उठ जाओ ....""

राज इतने करीब से नेहा की पुकार सुन तुरंत अपनी आंखे खोल देता है और देखता है कि नेहा ठीक उसके माथे के ऊपर झुकी हुई सिर्फ उसी की आंखो में झांक रही थी....

राज ने उठने की कोशिश करी लेकिन प्रिया के बाहुपाश में बंधे होने के कारण उठ नहीं पाया....इसलिए राज ने आहिस्ता से नेहा से कहा...

"" आप तैयार हो जाइए जब तक मैं इस प्यारे बच्चे को भी उठा देता हूं....""

नेहा राज की बात सुन मुस्कुरा उठती है और प्रिया के बालों को अपने कोमल हाथो से सहलाते हुए वहां से बाहर चली जाती है....


नेहा के बाहर जाते ही राज प्रिया की तरफ पलटता है और उसके गालों पर किस्सियों की बरसात कर देता है....

अपने ऊपर हुए इस अचानक हमले से प्रिया कुनमुनाने लगती है और राज को और कस के अपनी बाहों में भर लेती है लेकिन राज तब भी नहीं रुकता...और लगातार प्रिया के गालों पर किस करता चला जाता है...

आखिरकार प्रिया अपनी आंखे खोल कर बोलती है...

"" कर दिया ना सुबह सुबह मेरा गाल गीला....देखना एक दिन मैं हर एक बात का बदला लूंगी आपसे...इसलिए अब मुझ से बच के रहना..""

.इतना कह प्रिया ने राज कंधे पर जोर से काट लिया....और राज को अपनी बाहों की कैद से आजाद करके बिस्तर से फुर्र हो गई....



5.50 हो रहे थे सुबह के....इस समय राज अपने परिवार के साथ मरीन बेस पर मौजूद था...चारो तरफ मरीन कमांडो अपने अपने कार्य मैं व्यस्त थे....कुछ कमांडो ट्रेनिंग कैंप एरिया में सुबह सुबह का वर्क आउट कर रहे थे ....सभी की हाइट 6 फीट से ज्यादा और शरीर ऐसा कसा हुआ जैसे फौलाद का कवच चढ़ा हो उनके जिस्मों पर....

"" सर...आप सब इधर मेरे साथ आइए ...""

अपने पीछे से आईं आवाज से राज चोंका और जब उसने पीछे मुड़ कर देखा तो एक हट्टा कट्टा फौजी सावधान मुद्रा में खड़ा हुआ था....


राज को अपनी तरफ घुमा देख फौजी तुरंत एक दिशा की तरफ आगे बढ़ गया....जबकि राज और उसका परिवार उस फौजी के पीछे पीछे....

कुछ दूर जाने पर उन्हें एक हेलीकॉप्टर दिखाई दिया जिसका इंजन अभी अभी स्टार्ट हुआ ही था.....

हेलीकॉप्टर के समीप पहुंच कर उस फौजी ने सबसे पहले उनका लगेज हेलीकॉप्टर के अंदर चढ़ाया एवम् फिर उन्हे अंदर बेठेने के लिए कहा....

सब लोग व्यवस्थित हेलीकॉप्टर के अंदर बैठ चुके थे....पायलेट ने उन्हें सीट बेल्ट बांधने का निर्देश दिया जिसे उन्होंने बिना किसी सवाल के मान लिया ...

बाहर खड़े उस फौजी ने हेलीकॉप्टर का दरवाजा बंद किया और थम्स अप का इशारा करके हेलीकॉप्टर उड़ाने की अनुमति दी....

ये पहला अवसर था जब राज और उसका परिवार किसी हवाई यात्रा पर जा रहा था....और कम से कम ये कल्पना तो किसने भी नहीं करी थी कि उनकी पहली हवाई यात्रा किसी मरीन हेलीकॉप्टर में होगी...


चॉपर इस वक्त आसमां मैं ऊपर उठ चुका था जहां डर के मारे प्रिया ने राज का एक हाथ पकड़ रखा था वहीं सुमन ने भी घबराहट में राज की एक बांह कस कर पकड़ रखी थी....सामने बैठी नेहा तीनो को मुस्कुराते हुए बस देखे जा रही थी....

जमीनी इलाका अब आंखो से ओझल हो चुका था अब बस कुछ दिखाई दे रहा था तो बस अथाह नीला गहरा समंदर....कहते हैं कि समंदर की गहराई आज भी कोई नाप नहीं पाया है....कितना गहरा होगा समंदर वहां क्या क्या राज दबे होंगे अनायास ही ये सवाल समंदर को देखने वाले व्यक्ति के मन में आ ही जाते है....और ऐसा ही एक सवाल प्रिया ने राज से पूछ भी लिए....

""भैया जहां हम जा रहे हैं वहां आस पास शार्क वगैरह तो नहीं है ना...??""

राज प्रिया की इस बात को जवाब से पाता उस से पहले ही सबके कानों में लगे हैडफोन पर पायलेट की आवाज गूंज उठी....

"" आपका सोचना बिल्कुल ठीक है मैडम....जहां हम जा रहे है वह जगह काफी खतरनाक है.....वैसे शार्क बीच पर तो नहीं आती लेकिन बीच से ज्यादा दूर निकलने पर ये काफी ज्यादा मात्रा में उपस्थित है....और उनकी ये उपस्तिथि ही सबसे ज्यादा भयानक है.....वैसे मुझे नहीं लगता कि आप घूमने के लिए समंदर में सफर करेंगे क्योंकि...यहां आने वाले सभी व्यक्ति कुछ ना कुछ जरूरी काम साथ लेकर ही आते है....""

पायलेट की बात सुन प्रिया ने मुंह बिचका दिया जिसे देख राज प्रिया के गाल खिचने से खुद को रोक नहीं पाया और बोल उठा....

"" ये मेरी बहन किसी जंगली शार्क से कम है क्या....ऐसी शार्कों को तो ये सुबह नाश्ते मैं खा जाती है....""

राज की बात सुन जहां सब ठहाके लगाने लगते है वहीं प्रिया राज पर अपने प्रेम से भरें मुक्को की बरसात कर देती है....आज नेहा भी ना जाने कितने दिनों बाद खुल कर हस रही थी....वो बस दोनो भाई बहन की हसी मजाक देख दिल खोल कर हस रही थी वहीं सुमन भी अपने परिवार को इस तरह खुश देख फुली नहीं समा रही थी....
Nice update bhai
 
Top