Nice update11.....
पूरे द्वीप का चक्कर लगाने के बाद हेलीकॉप्टर एक जगह स्थिर हो कर उतरने लगता है....
वैसे तो इस द्वीप पर काफी सारी जगह ऐसी थी जहां हेलीपैड बनाया जा सकता था लेकिन यहां कोई भी स्थाई हेलीपैड ना होने
की वजह सिर्फ इतनी थी कि ये एक टॉप सीक्रेट द्वीप था....
हेलीपैड या किसी भी प्रकार का निर्माण इस द्वीप को दुनिया के सामने ला सकता था जो कि गवर्मेंट कभी नहीं चाहेगी.....
एक समतल जगह पर हेलीकॉप्टर लेंड हो चुका था जिसमे से सबसे पहले प्रिया बाहर निकली...अपना सर नीचे किए प्रिया तेज़ी से हेलीकॉप्टर के पंखों की सीमा से बाहर निकल गई.... और उसकी देखा देखी सभी बारी बारी से बाहर निकल कर आ गए ....
कुछ ही क्षणों बाद पायलेट भी हेलीकॉप्टर का इंजन बंद करके राज के परिवार के साथ में ही खड़ा था....
राज - मुझे यहां कोई लेब दिखाई नहीं दे रही...?? और ना ही हमारे यहां रुकने का कोई इंतजाम...
पायलेट ने राज की तरफ मुस्कुरा कर देखा और कहा....
"" सर थोड़ा इंतजार करें , वह आता ही होगा...""
अभी राज पायलेट से "" वह "" का मतलब पूछ पाता उस से पहले ही एक भैसा गाड़ी पेड़ों के झुरमुट से बाहर आती नजर आईं....
काले रंग का विशालकाय भेंसा इस वक्त ऐसा प्रतीत हो रहा है था जैसे कोई बॉडी बिल्डर अपना वर्क आउट संपन्न कर इठला रहा हो... और भैंसे को हांकने वाला व्यक्ति भी उस भैंसे से कम प्रतीत नहीं हो रहा था.....
गाड़ी उन सब के सामने आ कर रूकी और गाड़ी हांकने वाला बंदा गाड़ी पर से उतर कर राज के सामने खड़ा था....
तकरीबन साढ़े छह फीट का वह मुसंड बिल्कुल गंजा था... कमर के नीचे उसने रिबॉक का शॉर्ट जरूर पहन रखा था लेकिन ऊपर से बिल्कुल नंगा था वह.....बलिष्ट शरीर का स्वामी वो व्यक्ति उन लोगो के सामने इस तरह से खड़ा था जैसे कि कोई पहाड़ हो....
पायलेट - सर ये हैं नोखा.....इस जजीरे पर एकमात्र ऐसा व्यक्ति जो हमारी भाषा समझता है और अच्छे से बोल भी लेता है...
पायलेट - नोखा ये राज सर और उनका परिवार है.....अब से कुछ महीने ये इस द्वीप पर ही रहेंगे .....अपने काबिले वालों से भी इनकी मुलाकात करवा देना ताकि इन्हे यहां किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो....
पायलट की बात सुन नोखा खुशी के मारे उछलने लगा और अपनी ही भाषा में कोई लोक गीत गाता हुआ वहीं सबके सामने नाचने लगा....
नोखा को इस तरह मदमस्त होकर नाचता देख सभी के चेहरों पर मुस्कान आ गई....
सुमन - वाह ....जितना सुंदर ये द्वीप उतने ही अच्छे यहां के लोग.....उधर शहर में तो किसी को किसी से कोई मतलब ही नहीं और यहां देखो हम अजनबियों के यहां रहने की खुशी में ये कैसे मतवाला हो रहा है....
सुमन की बात सुन नोखा ने कहा
""हमारे लिये यहाँ आने वाले सभी लोग वाकू ( उनके ईश्वर का नाम ) के बराबर हैं...अब देखना यहां के लोग जब आपसे मिलेंगे तो आपका स्वागत कैसे करेंगे.....""
इतना कह नोखा ने पायलेट की तरफ रुख किया और पायलट उसे कुछ समझाने लगा....
राज और उसका परिवार समंदर की आती जाती लहरों को देखने लगे थे जबकि नोखा हेलीकॉप्टर से सामान उतार कर अपनी भैंसा गाड़ी पर चढ़ाने लगता है.....
प्रिय - कितना सुकून हैं ना मां यहां....दिल करता है हमेशा के लिए यहीं बस जाए...
सुमन - तू सच कह रही है प्रिया....इतना सुकून अगर किसी इंसान को मिले तो वो ऐसी जगह से कभी कहीं नही जाए...
अभी कुछ मिनट ही बीते थे कि जंगल के अंदर से ढोल नगाड़ों की ध्वनि सुनाई देने लगी....
ढोल नगाड़ों की आती ध्वनि ने सबका ध्यान जंगल की तरफ कर दिया जबकि नोखा ओर पायलट के चेहरे पर मुस्कान उमड़ पड़ी....
राज - ये शोर कैसा है नोखा....??
राज के सवाल का उत्तर नोखा ने हंस कर दिया....
"" आप बस देखते जाइये हमारा काबिला मेहमानों का स्वागत किस तरह से करता है ..।""
इतना कह नोखा भी ढोल नगाड़ों की आती आवाज की तरफ तेज़ी से दौड़ पड़ा...राज ओर उसका परिवार और भागते हुए नोखा को बस आश्चर्य से ही देखते रह गए...
तकरीबन एक मिनट ही बीता था कि पेड़ों के झुरमुटों से सजी धजी दो भैंसा गाड़ी और निकल आई....गाड़ियों के पीछे नाचते गाते काबिले के लोग किसी उत्सव की तरह उल्लसित हो रहे थे....
जब प्रिया की नज़र उन नाचते हुए काबिले वालों पर पड़ी तो शर्म के मारे उसकी निगाहें जमीन में गड गयी....
सभी काबिले वालों ने अपना तन ढकने के लिए नीचे के हिस्से पर बस जानवरो की खाल पहन रखी थी बाकी ऊपर से पूरी तरह से नग्न....
राज - अरे बाप रे....इस सब की तो मैंने उम्मीद ही नहीं करी थी.... ये तो सारे के सारे ऐसे ही नंगे नाच रहे हैं...यहां तक कि महिलाएं भी ऊपर से पूरी तरह नंगी हैं...
पायलट - ये सब बड़े सीधे लोग हैं सर....बाहर की दुनियां से इनका कोई लेना देना नही हैं....और ना ही बाहर की दुनिया की परंपरा को ये मानते हैं.... इनके अपने नियम हैं अपना कानून है जो इस वक़्त आप लोगो पर भी लागू होगा , यही एक शर्त इनकी है कि इनके साथ कोई जबरदस्ती ना करी जाए....इन्हे अपने कानून और सभ्यता के साथ रहने दिया जाए बस यही इनकी पहली और आखिरी मांग थी इस द्वीप पर लेब बनाने को लेकर....
राज - तो क्या मुझे भी इनकी तरह नंगा घूमना होगा सर....
राज की बात सुन पायलट मुस्कुरा उठा और मुस्कुराते हुए अपनी बात कहने लगा...
पायलट - नहीं सर ऐसा कुछ भी नहीं हैं....आप यहां जैसे चाहे रह सकते हैं आप पर कोई रोक टोक नहीं होगी बस एक बार आप काबिले के पुजारी से मिल लोगे तो वह आपको यहां के कुछ सामान्य नियम बता देंगे जिन्हें निभाना किसी के लिए भी बहुत आसान होगा....
पायलट की बात सुन राज ने राहत की सांस ली....उसने अपनी मां की तरफ देखा तो पाया कि सुमन और नेहा आपस में खुसर फुसर कर रही थी जबकि प्रिया शर्माते हुए लगातार मुस्कुराए जा रही थी....
इस वक़्त काबिले के सभी लोगो ने पायलट समेत सब को घेर रखा था....काबिले की लड़कियां नजरें चुरा चुरा कर कभी राज को देखती कभी प्रिया , सुमन और नेहा के यौवन पर मोहित हो जाती....राज को देख कुछ नावयोवनाएँ अपना सीना मसलने लगती....बड़ा ही अजीब माहौल हो गया था इस वक़्त....
अभी ये शोर शराबा थमा ही था कि नोखा ने सब को भैंसा गाड़ी मैं बैठने का निमंत्रण दिया जिसे पूरे परिवार ने स्वीकार कर लिया...लेकिन गाड़ी में बैठने से पहले राज पायलट से कुछ बात करना चाहता था इस लिए वह भीड़ से अलग एक शांत जगह ले गया....
राज - सर ये बली वली तो नही चढ़ा देंगे न हमारी..... क्योंकि मुझे अब कुछ भी समझ नही आ रहा है कि मैं क्या करूँ....
पायलट - आप चिंता मत कीजिये सर आपको यहां रत्ती भर भी तक़लीफ़ नही होगी...अब आप लोग इन सब के साथ जाइये और मुझे भी अब आज्ञा दें....एक बात और में आपसे कहना चाहता हूँ....
राज - कोनसी बात सर....?
पायलट - हमारे शहर और इस द्वीप के टाइम में काफी अंतर है....यहां सूर्य सिर्फ आठ घंटे ही दिखाई देता है ऒर बाकी समय यहां रात ही रहती है....अब आप सोच रहें होंगे कि अगर सूर्य इतने कम समय के लिए यहां रहता है तो यह जगह ठंडी या बर्फ से भरी हुई क्यो नही है....तो इसका बड़ा साधारण सा सवाल है अभी जो रास्ते में हमने तूफान देखा था उसी की वजह से यहां अंधेरा जल्दी हो जाता है अब इसे कुदरत का चमत्कार कहें या विज्ञान के लिए शोध का विषय लेकिन इस द्वीप पर सूर्य होते हुए भी सूर्य दिखाई नही देता....एक तरह से आप कह सकते है जैसे कुछ घण्टो के लिए यहां एक आर्टिफिशियल रूफ का निर्माण हो जाता है जो सूर्य की रोशनी भी द्वीप पर नही पड़ने देती....इसके अलावा और कोई बात नही है जिसके बारे में आपको जानना चाहिए....
राज पायलट की बात सुनकर चकरा सा गया था....वो बस मुह फाड़े पायलट की तरफ ही देखे जा रहा था....
तभी राज के कानो में प्रिया की आवाज सुनाई दी....एक क्षण नही लगाया राज ने उस दिशा में घूमने के लिए....
प्रिया इस वक़्त एक पालकी में मौजूद थी जिसे काबिले की कुछ औरतों ने उठा रखा था जबकि नेहा और राज की मां एक अलग पालकी में थी....प्रिया राज को देख मुस्कुरा उठी ....
पायलट - जाओ सर...अपने परिवार के साथ जाओ ....
राज ने एक बार मुड़ कर पायलट की तरफ देखा और उसे यहां तक लाने के लिए शुक्रिया अदा किया...
राज अब काबिले वालों कि तरफ चलना शुरू कर चुका था जबकि पायलट अपने हेलीकाप्टर की सीट पर बैठ इंजिन स्टार्ट करने लगता है.....
हेलीकॉप्टर तेज गड़गड़ाहट के साथ स्टार्ट होता है ,और फिर से मुंबई की तरफ बढ़ जाता है , जल्दी ही राज भी उस भैंसा गाड़ी पर सवार हो जाता है और गाड़ी उसे लेकर जंगल की तरफ बढ़ जाती है
दोस्तों मेरे मोबाइल में हिंदी टाइपिंग की पता नहीं क्या हुआ मेरे इसको अभी भी मैं जो अपडेट लिखा है मैंने वॉइस इंस्ट्रक्शन देखे लिखा है इसलिए काफी सारी गलतियां होंगी और अपडेट छोटा भी है कोशिश करूंगा कि जल्दी ही मेरे मोबाइल में आई समस्या दूर हो जाए
Aarop pe aarop....Bhai meine kaunsi story beech me hi adhuri chhod di.... Inki tarah
Der hai lekin andher nahi.... Jitni kahaniya shuru ki hain meine.... Sab complete hongi... Chahe der se ho.... Lekin na adhuri chhodunga aur na hi achanak se ending.....
Nice update
Thank you so much dear for the lovely rebu..... tere is colour full rebu ke chakkar mai meri aankho ki roshni chali jaaegi....safed shbdo mai comments kar warna aankho ka ilaaj terko karwana padega meriमुर्दों का जजी़रा
By Vijay2309
So far you have left all the stories unfinished, yet I hope you will complete this story, last time I read your Jaadu Tona story, I liked it very much. I liked the way the story started.
This story is of Raj and the gay sex offer came at the beginning of the story. Looking at Raj, it seems that he is not happy with his life or is troubled by lack of money, is not relaxing in his life, or says fate is bad. Sometimes circumstances are such that we are unable to do anything.
Priya, what should I say now, is a good girl, she takes care of her brother and is also my favorite character in the story, Seeing the love of family members makes my heart happy, well, both love each other very much, but this love is of sibling or lover, don't know yet. Priya is jealous of Neha and The closeness between her brother and Bhabhi is piercing her. Now let's see to what extent siblings move forward.
When Das Babu talked about Blue Island, I suspected that something was wrong and Das Babu was keeping the work a secret, so there was sure to be doubt and money was getting too much. I think Raj has a treasure map and the person who sent that map died very painful. The beauty which is beautiful to see from outside, is equally dangerous from inside. Let's see what is the secret of the forest?
At first I could not understand anything about Neha but later I understood that Rohit is Madarchod and Neha is a poor innocent. According to me, Neha did a great job of feeding Rohit the medicine, and the same thing should happen to all those who do such dirty work, Neha has no fault in it and I think Neha also loves Raj. Kuchi ku will happen between Bhabhi and Devar?
So far, I have read all the updates, the story has been written such that our interest in the story has increased, the pace of posting the updates is slow, your writing is worth of appreciated. Till then waiting for the next part of the story.
Thank You...
koi galti nahihui hai badiya update hai...11.....
पूरे द्वीप का चक्कर लगाने के बाद हेलीकॉप्टर एक जगह स्थिर हो कर उतरने लगता है....
वैसे तो इस द्वीप पर काफी सारी जगह ऐसी थी जहां हेलीपैड बनाया जा सकता था लेकिन यहां कोई भी स्थाई हेलीपैड ना होने
की वजह सिर्फ इतनी थी कि ये एक टॉप सीक्रेट द्वीप था....
हेलीपैड या किसी भी प्रकार का निर्माण इस द्वीप को दुनिया के सामने ला सकता था जो कि गवर्मेंट कभी नहीं चाहेगी.....
एक समतल जगह पर हेलीकॉप्टर लेंड हो चुका था जिसमे से सबसे पहले प्रिया बाहर निकली...अपना सर नीचे किए प्रिया तेज़ी से हेलीकॉप्टर के पंखों की सीमा से बाहर निकल गई.... और उसकी देखा देखी सभी बारी बारी से बाहर निकल कर आ गए ....
कुछ ही क्षणों बाद पायलेट भी हेलीकॉप्टर का इंजन बंद करके राज के परिवार के साथ में ही खड़ा था....
राज - मुझे यहां कोई लेब दिखाई नहीं दे रही...?? और ना ही हमारे यहां रुकने का कोई इंतजाम...
पायलेट ने राज की तरफ मुस्कुरा कर देखा और कहा....
"" सर थोड़ा इंतजार करें , वह आता ही होगा...""
अभी राज पायलेट से "" वह "" का मतलब पूछ पाता उस से पहले ही एक भैसा गाड़ी पेड़ों के झुरमुट से बाहर आती नजर आईं....
काले रंग का विशालकाय भेंसा इस वक्त ऐसा प्रतीत हो रहा है था जैसे कोई बॉडी बिल्डर अपना वर्क आउट संपन्न कर इठला रहा हो... और भैंसे को हांकने वाला व्यक्ति भी उस भैंसे से कम प्रतीत नहीं हो रहा था.....
गाड़ी उन सब के सामने आ कर रूकी और गाड़ी हांकने वाला बंदा गाड़ी पर से उतर कर राज के सामने खड़ा था....
तकरीबन साढ़े छह फीट का वह मुसंड बिल्कुल गंजा था... कमर के नीचे उसने रिबॉक का शॉर्ट जरूर पहन रखा था लेकिन ऊपर से बिल्कुल नंगा था वह.....बलिष्ट शरीर का स्वामी वो व्यक्ति उन लोगो के सामने इस तरह से खड़ा था जैसे कि कोई पहाड़ हो....
पायलेट - सर ये हैं नोखा.....इस जजीरे पर एकमात्र ऐसा व्यक्ति जो हमारी भाषा समझता है और अच्छे से बोल भी लेता है...
पायलेट - नोखा ये राज सर और उनका परिवार है.....अब से कुछ महीने ये इस द्वीप पर ही रहेंगे .....अपने काबिले वालों से भी इनकी मुलाकात करवा देना ताकि इन्हे यहां किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो....
पायलट की बात सुन नोखा खुशी के मारे उछलने लगा और अपनी ही भाषा में कोई लोक गीत गाता हुआ वहीं सबके सामने नाचने लगा....
नोखा को इस तरह मदमस्त होकर नाचता देख सभी के चेहरों पर मुस्कान आ गई....
सुमन - वाह ....जितना सुंदर ये द्वीप उतने ही अच्छे यहां के लोग.....उधर शहर में तो किसी को किसी से कोई मतलब ही नहीं और यहां देखो हम अजनबियों के यहां रहने की खुशी में ये कैसे मतवाला हो रहा है....
सुमन की बात सुन नोखा ने कहा
""हमारे लिये यहाँ आने वाले सभी लोग वाकू ( उनके ईश्वर का नाम ) के बराबर हैं...अब देखना यहां के लोग जब आपसे मिलेंगे तो आपका स्वागत कैसे करेंगे.....""
इतना कह नोखा ने पायलेट की तरफ रुख किया और पायलट उसे कुछ समझाने लगा....
राज और उसका परिवार समंदर की आती जाती लहरों को देखने लगे थे जबकि नोखा हेलीकॉप्टर से सामान उतार कर अपनी भैंसा गाड़ी पर चढ़ाने लगता है.....
प्रिय - कितना सुकून हैं ना मां यहां....दिल करता है हमेशा के लिए यहीं बस जाए...
सुमन - तू सच कह रही है प्रिया....इतना सुकून अगर किसी इंसान को मिले तो वो ऐसी जगह से कभी कहीं नही जाए...
अभी कुछ मिनट ही बीते थे कि जंगल के अंदर से ढोल नगाड़ों की ध्वनि सुनाई देने लगी....
ढोल नगाड़ों की आती ध्वनि ने सबका ध्यान जंगल की तरफ कर दिया जबकि नोखा ओर पायलट के चेहरे पर मुस्कान उमड़ पड़ी....
राज - ये शोर कैसा है नोखा....??
राज के सवाल का उत्तर नोखा ने हंस कर दिया....
"" आप बस देखते जाइये हमारा काबिला मेहमानों का स्वागत किस तरह से करता है ..।""
इतना कह नोखा भी ढोल नगाड़ों की आती आवाज की तरफ तेज़ी से दौड़ पड़ा...राज ओर उसका परिवार और भागते हुए नोखा को बस आश्चर्य से ही देखते रह गए...
तकरीबन एक मिनट ही बीता था कि पेड़ों के झुरमुटों से सजी धजी दो भैंसा गाड़ी और निकल आई....गाड़ियों के पीछे नाचते गाते काबिले के लोग किसी उत्सव की तरह उल्लसित हो रहे थे....
जब प्रिया की नज़र उन नाचते हुए काबिले वालों पर पड़ी तो शर्म के मारे उसकी निगाहें जमीन में गड गयी....
सभी काबिले वालों ने अपना तन ढकने के लिए नीचे के हिस्से पर बस जानवरो की खाल पहन रखी थी बाकी ऊपर से पूरी तरह से नग्न....
राज - अरे बाप रे....इस सब की तो मैंने उम्मीद ही नहीं करी थी.... ये तो सारे के सारे ऐसे ही नंगे नाच रहे हैं...यहां तक कि महिलाएं भी ऊपर से पूरी तरह नंगी हैं...
पायलट - ये सब बड़े सीधे लोग हैं सर....बाहर की दुनियां से इनका कोई लेना देना नही हैं....और ना ही बाहर की दुनिया की परंपरा को ये मानते हैं.... इनके अपने नियम हैं अपना कानून है जो इस वक़्त आप लोगो पर भी लागू होगा , यही एक शर्त इनकी है कि इनके साथ कोई जबरदस्ती ना करी जाए....इन्हे अपने कानून और सभ्यता के साथ रहने दिया जाए बस यही इनकी पहली और आखिरी मांग थी इस द्वीप पर लेब बनाने को लेकर....
राज - तो क्या मुझे भी इनकी तरह नंगा घूमना होगा सर....
राज की बात सुन पायलट मुस्कुरा उठा और मुस्कुराते हुए अपनी बात कहने लगा...
पायलट - नहीं सर ऐसा कुछ भी नहीं हैं....आप यहां जैसे चाहे रह सकते हैं आप पर कोई रोक टोक नहीं होगी बस एक बार आप काबिले के पुजारी से मिल लोगे तो वह आपको यहां के कुछ सामान्य नियम बता देंगे जिन्हें निभाना किसी के लिए भी बहुत आसान होगा....
पायलट की बात सुन राज ने राहत की सांस ली....उसने अपनी मां की तरफ देखा तो पाया कि सुमन और नेहा आपस में खुसर फुसर कर रही थी जबकि प्रिया शर्माते हुए लगातार मुस्कुराए जा रही थी....
इस वक़्त काबिले के सभी लोगो ने पायलट समेत सब को घेर रखा था....काबिले की लड़कियां नजरें चुरा चुरा कर कभी राज को देखती कभी प्रिया , सुमन और नेहा के यौवन पर मोहित हो जाती....राज को देख कुछ नावयोवनाएँ अपना सीना मसलने लगती....बड़ा ही अजीब माहौल हो गया था इस वक़्त....
अभी ये शोर शराबा थमा ही था कि नोखा ने सब को भैंसा गाड़ी मैं बैठने का निमंत्रण दिया जिसे पूरे परिवार ने स्वीकार कर लिया...लेकिन गाड़ी में बैठने से पहले राज पायलट से कुछ बात करना चाहता था इस लिए वह भीड़ से अलग एक शांत जगह ले गया....
राज - सर ये बली वली तो नही चढ़ा देंगे न हमारी..... क्योंकि मुझे अब कुछ भी समझ नही आ रहा है कि मैं क्या करूँ....
पायलट - आप चिंता मत कीजिये सर आपको यहां रत्ती भर भी तक़लीफ़ नही होगी...अब आप लोग इन सब के साथ जाइये और मुझे भी अब आज्ञा दें....एक बात और में आपसे कहना चाहता हूँ....
राज - कोनसी बात सर....?
पायलट - हमारे शहर और इस द्वीप के टाइम में काफी अंतर है....यहां सूर्य सिर्फ आठ घंटे ही दिखाई देता है ऒर बाकी समय यहां रात ही रहती है....अब आप सोच रहें होंगे कि अगर सूर्य इतने कम समय के लिए यहां रहता है तो यह जगह ठंडी या बर्फ से भरी हुई क्यो नही है....तो इसका बड़ा साधारण सा सवाल है अभी जो रास्ते में हमने तूफान देखा था उसी की वजह से यहां अंधेरा जल्दी हो जाता है अब इसे कुदरत का चमत्कार कहें या विज्ञान के लिए शोध का विषय लेकिन इस द्वीप पर सूर्य होते हुए भी सूर्य दिखाई नही देता....एक तरह से आप कह सकते है जैसे कुछ घण्टो के लिए यहां एक आर्टिफिशियल रूफ का निर्माण हो जाता है जो सूर्य की रोशनी भी द्वीप पर नही पड़ने देती....इसके अलावा और कोई बात नही है जिसके बारे में आपको जानना चाहिए....
राज पायलट की बात सुनकर चकरा सा गया था....वो बस मुह फाड़े पायलट की तरफ ही देखे जा रहा था....
तभी राज के कानो में प्रिया की आवाज सुनाई दी....एक क्षण नही लगाया राज ने उस दिशा में घूमने के लिए....
प्रिया इस वक़्त एक पालकी में मौजूद थी जिसे काबिले की कुछ औरतों ने उठा रखा था जबकि नेहा और राज की मां एक अलग पालकी में थी....प्रिया राज को देख मुस्कुरा उठी ....
पायलट - जाओ सर...अपने परिवार के साथ जाओ ....
राज ने एक बार मुड़ कर पायलट की तरफ देखा और उसे यहां तक लाने के लिए शुक्रिया अदा किया...
राज अब काबिले वालों कि तरफ चलना शुरू कर चुका था जबकि पायलट अपने हेलीकाप्टर की सीट पर बैठ इंजिन स्टार्ट करने लगता है.....
हेलीकॉप्टर तेज गड़गड़ाहट के साथ स्टार्ट होता है ,और फिर से मुंबई की तरफ बढ़ जाता है , जल्दी ही राज भी उस भैंसा गाड़ी पर सवार हो जाता है और गाड़ी उसे लेकर जंगल की तरफ बढ़ जाती है
दोस्तों मेरे मोबाइल में हिंदी टाइपिंग की पता नहीं क्या हुआ मेरे इसको अभी भी मैं जो अपडेट लिखा है मैंने वॉइस इंस्ट्रक्शन देखे लिखा है इसलिए काफी सारी गलतियां होंगी और अपडेट छोटा भी है कोशिश करूंगा कि जल्दी ही मेरे मोबाइल में आई समस्या दूर हो जाए
amazing update hai vijay bhai,11.....
पूरे द्वीप का चक्कर लगाने के बाद हेलीकॉप्टर एक जगह स्थिर हो कर उतरने लगता है....
वैसे तो इस द्वीप पर काफी सारी जगह ऐसी थी जहां हेलीपैड बनाया जा सकता था लेकिन यहां कोई भी स्थाई हेलीपैड ना होने
की वजह सिर्फ इतनी थी कि ये एक टॉप सीक्रेट द्वीप था....
हेलीपैड या किसी भी प्रकार का निर्माण इस द्वीप को दुनिया के सामने ला सकता था जो कि गवर्मेंट कभी नहीं चाहेगी.....
एक समतल जगह पर हेलीकॉप्टर लेंड हो चुका था जिसमे से सबसे पहले प्रिया बाहर निकली...अपना सर नीचे किए प्रिया तेज़ी से हेलीकॉप्टर के पंखों की सीमा से बाहर निकल गई.... और उसकी देखा देखी सभी बारी बारी से बाहर निकल कर आ गए ....
कुछ ही क्षणों बाद पायलेट भी हेलीकॉप्टर का इंजन बंद करके राज के परिवार के साथ में ही खड़ा था....
राज - मुझे यहां कोई लेब दिखाई नहीं दे रही...?? और ना ही हमारे यहां रुकने का कोई इंतजाम...
पायलेट ने राज की तरफ मुस्कुरा कर देखा और कहा....
"" सर थोड़ा इंतजार करें , वह आता ही होगा...""
अभी राज पायलेट से "" वह "" का मतलब पूछ पाता उस से पहले ही एक भैसा गाड़ी पेड़ों के झुरमुट से बाहर आती नजर आईं....
काले रंग का विशालकाय भेंसा इस वक्त ऐसा प्रतीत हो रहा है था जैसे कोई बॉडी बिल्डर अपना वर्क आउट संपन्न कर इठला रहा हो... और भैंसे को हांकने वाला व्यक्ति भी उस भैंसे से कम प्रतीत नहीं हो रहा था.....
गाड़ी उन सब के सामने आ कर रूकी और गाड़ी हांकने वाला बंदा गाड़ी पर से उतर कर राज के सामने खड़ा था....
तकरीबन साढ़े छह फीट का वह मुसंड बिल्कुल गंजा था... कमर के नीचे उसने रिबॉक का शॉर्ट जरूर पहन रखा था लेकिन ऊपर से बिल्कुल नंगा था वह.....बलिष्ट शरीर का स्वामी वो व्यक्ति उन लोगो के सामने इस तरह से खड़ा था जैसे कि कोई पहाड़ हो....
पायलेट - सर ये हैं नोखा.....इस जजीरे पर एकमात्र ऐसा व्यक्ति जो हमारी भाषा समझता है और अच्छे से बोल भी लेता है...
पायलेट - नोखा ये राज सर और उनका परिवार है.....अब से कुछ महीने ये इस द्वीप पर ही रहेंगे .....अपने काबिले वालों से भी इनकी मुलाकात करवा देना ताकि इन्हे यहां किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो....
पायलट की बात सुन नोखा खुशी के मारे उछलने लगा और अपनी ही भाषा में कोई लोक गीत गाता हुआ वहीं सबके सामने नाचने लगा....
नोखा को इस तरह मदमस्त होकर नाचता देख सभी के चेहरों पर मुस्कान आ गई....
सुमन - वाह ....जितना सुंदर ये द्वीप उतने ही अच्छे यहां के लोग.....उधर शहर में तो किसी को किसी से कोई मतलब ही नहीं और यहां देखो हम अजनबियों के यहां रहने की खुशी में ये कैसे मतवाला हो रहा है....
सुमन की बात सुन नोखा ने कहा
""हमारे लिये यहाँ आने वाले सभी लोग वाकू ( उनके ईश्वर का नाम ) के बराबर हैं...अब देखना यहां के लोग जब आपसे मिलेंगे तो आपका स्वागत कैसे करेंगे.....""
इतना कह नोखा ने पायलेट की तरफ रुख किया और पायलट उसे कुछ समझाने लगा....
राज और उसका परिवार समंदर की आती जाती लहरों को देखने लगे थे जबकि नोखा हेलीकॉप्टर से सामान उतार कर अपनी भैंसा गाड़ी पर चढ़ाने लगता है.....
प्रिय - कितना सुकून हैं ना मां यहां....दिल करता है हमेशा के लिए यहीं बस जाए...
सुमन - तू सच कह रही है प्रिया....इतना सुकून अगर किसी इंसान को मिले तो वो ऐसी जगह से कभी कहीं नही जाए...
अभी कुछ मिनट ही बीते थे कि जंगल के अंदर से ढोल नगाड़ों की ध्वनि सुनाई देने लगी....
ढोल नगाड़ों की आती ध्वनि ने सबका ध्यान जंगल की तरफ कर दिया जबकि नोखा ओर पायलट के चेहरे पर मुस्कान उमड़ पड़ी....
राज - ये शोर कैसा है नोखा....??
राज के सवाल का उत्तर नोखा ने हंस कर दिया....
"" आप बस देखते जाइये हमारा काबिला मेहमानों का स्वागत किस तरह से करता है ..।""
इतना कह नोखा भी ढोल नगाड़ों की आती आवाज की तरफ तेज़ी से दौड़ पड़ा...राज ओर उसका परिवार और भागते हुए नोखा को बस आश्चर्य से ही देखते रह गए...
तकरीबन एक मिनट ही बीता था कि पेड़ों के झुरमुटों से सजी धजी दो भैंसा गाड़ी और निकल आई....गाड़ियों के पीछे नाचते गाते काबिले के लोग किसी उत्सव की तरह उल्लसित हो रहे थे....
जब प्रिया की नज़र उन नाचते हुए काबिले वालों पर पड़ी तो शर्म के मारे उसकी निगाहें जमीन में गड गयी....
सभी काबिले वालों ने अपना तन ढकने के लिए नीचे के हिस्से पर बस जानवरो की खाल पहन रखी थी बाकी ऊपर से पूरी तरह से नग्न....
राज - अरे बाप रे....इस सब की तो मैंने उम्मीद ही नहीं करी थी.... ये तो सारे के सारे ऐसे ही नंगे नाच रहे हैं...यहां तक कि महिलाएं भी ऊपर से पूरी तरह नंगी हैं...
पायलट - ये सब बड़े सीधे लोग हैं सर....बाहर की दुनियां से इनका कोई लेना देना नही हैं....और ना ही बाहर की दुनिया की परंपरा को ये मानते हैं.... इनके अपने नियम हैं अपना कानून है जो इस वक़्त आप लोगो पर भी लागू होगा , यही एक शर्त इनकी है कि इनके साथ कोई जबरदस्ती ना करी जाए....इन्हे अपने कानून और सभ्यता के साथ रहने दिया जाए बस यही इनकी पहली और आखिरी मांग थी इस द्वीप पर लेब बनाने को लेकर....
राज - तो क्या मुझे भी इनकी तरह नंगा घूमना होगा सर....
राज की बात सुन पायलट मुस्कुरा उठा और मुस्कुराते हुए अपनी बात कहने लगा...
पायलट - नहीं सर ऐसा कुछ भी नहीं हैं....आप यहां जैसे चाहे रह सकते हैं आप पर कोई रोक टोक नहीं होगी बस एक बार आप काबिले के पुजारी से मिल लोगे तो वह आपको यहां के कुछ सामान्य नियम बता देंगे जिन्हें निभाना किसी के लिए भी बहुत आसान होगा....
पायलट की बात सुन राज ने राहत की सांस ली....उसने अपनी मां की तरफ देखा तो पाया कि सुमन और नेहा आपस में खुसर फुसर कर रही थी जबकि प्रिया शर्माते हुए लगातार मुस्कुराए जा रही थी....
इस वक़्त काबिले के सभी लोगो ने पायलट समेत सब को घेर रखा था....काबिले की लड़कियां नजरें चुरा चुरा कर कभी राज को देखती कभी प्रिया , सुमन और नेहा के यौवन पर मोहित हो जाती....राज को देख कुछ नावयोवनाएँ अपना सीना मसलने लगती....बड़ा ही अजीब माहौल हो गया था इस वक़्त....
अभी ये शोर शराबा थमा ही था कि नोखा ने सब को भैंसा गाड़ी मैं बैठने का निमंत्रण दिया जिसे पूरे परिवार ने स्वीकार कर लिया...लेकिन गाड़ी में बैठने से पहले राज पायलट से कुछ बात करना चाहता था इस लिए वह भीड़ से अलग एक शांत जगह ले गया....
राज - सर ये बली वली तो नही चढ़ा देंगे न हमारी..... क्योंकि मुझे अब कुछ भी समझ नही आ रहा है कि मैं क्या करूँ....
पायलट - आप चिंता मत कीजिये सर आपको यहां रत्ती भर भी तक़लीफ़ नही होगी...अब आप लोग इन सब के साथ जाइये और मुझे भी अब आज्ञा दें....एक बात और में आपसे कहना चाहता हूँ....
राज - कोनसी बात सर....?
पायलट - हमारे शहर और इस द्वीप के टाइम में काफी अंतर है....यहां सूर्य सिर्फ आठ घंटे ही दिखाई देता है ऒर बाकी समय यहां रात ही रहती है....अब आप सोच रहें होंगे कि अगर सूर्य इतने कम समय के लिए यहां रहता है तो यह जगह ठंडी या बर्फ से भरी हुई क्यो नही है....तो इसका बड़ा साधारण सा सवाल है अभी जो रास्ते में हमने तूफान देखा था उसी की वजह से यहां अंधेरा जल्दी हो जाता है अब इसे कुदरत का चमत्कार कहें या विज्ञान के लिए शोध का विषय लेकिन इस द्वीप पर सूर्य होते हुए भी सूर्य दिखाई नही देता....एक तरह से आप कह सकते है जैसे कुछ घण्टो के लिए यहां एक आर्टिफिशियल रूफ का निर्माण हो जाता है जो सूर्य की रोशनी भी द्वीप पर नही पड़ने देती....इसके अलावा और कोई बात नही है जिसके बारे में आपको जानना चाहिए....
राज पायलट की बात सुनकर चकरा सा गया था....वो बस मुह फाड़े पायलट की तरफ ही देखे जा रहा था....
तभी राज के कानो में प्रिया की आवाज सुनाई दी....एक क्षण नही लगाया राज ने उस दिशा में घूमने के लिए....
प्रिया इस वक़्त एक पालकी में मौजूद थी जिसे काबिले की कुछ औरतों ने उठा रखा था जबकि नेहा और राज की मां एक अलग पालकी में थी....प्रिया राज को देख मुस्कुरा उठी ....
पायलट - जाओ सर...अपने परिवार के साथ जाओ ....
राज ने एक बार मुड़ कर पायलट की तरफ देखा और उसे यहां तक लाने के लिए शुक्रिया अदा किया...
राज अब काबिले वालों कि तरफ चलना शुरू कर चुका था जबकि पायलट अपने हेलीकाप्टर की सीट पर बैठ इंजिन स्टार्ट करने लगता है.....
हेलीकॉप्टर तेज गड़गड़ाहट के साथ स्टार्ट होता है ,और फिर से मुंबई की तरफ बढ़ जाता है , जल्दी ही राज भी उस भैंसा गाड़ी पर सवार हो जाता है और गाड़ी उसे लेकर जंगल की तरफ बढ़ जाती है
दोस्तों मेरे मोबाइल में हिंदी टाइपिंग की पता नहीं क्या हुआ मेरे इसको अभी भी मैं जो अपडेट लिखा है मैंने वॉइस इंस्ट्रक्शन देखे लिखा है इसलिए काफी सारी गलतियां होंगी और अपडेट छोटा भी है कोशिश करूंगा कि जल्दी ही मेरे मोबाइल में आई समस्या दूर हो जाए
11.....
पूरे द्वीप का चक्कर लगाने के बाद हेलीकॉप्टर एक जगह स्थिर हो कर उतरने लगता है....
वैसे तो इस द्वीप पर काफी सारी जगह ऐसी थी जहां हेलीपैड बनाया जा सकता था लेकिन यहां कोई भी स्थाई हेलीपैड ना होने
की वजह सिर्फ इतनी थी कि ये एक टॉप सीक्रेट द्वीप था....
हेलीपैड या किसी भी प्रकार का निर्माण इस द्वीप को दुनिया के सामने ला सकता था जो कि गवर्मेंट कभी नहीं चाहेगी.....
एक समतल जगह पर हेलीकॉप्टर लेंड हो चुका था जिसमे से सबसे पहले प्रिया बाहर निकली...अपना सर नीचे किए प्रिया तेज़ी से हेलीकॉप्टर के पंखों की सीमा से बाहर निकल गई.... और उसकी देखा देखी सभी बारी बारी से बाहर निकल कर आ गए ....
कुछ ही क्षणों बाद पायलेट भी हेलीकॉप्टर का इंजन बंद करके राज के परिवार के साथ में ही खड़ा था....
राज - मुझे यहां कोई लेब दिखाई नहीं दे रही...?? और ना ही हमारे यहां रुकने का कोई इंतजाम...
पायलेट ने राज की तरफ मुस्कुरा कर देखा और कहा....
"" सर थोड़ा इंतजार करें , वह आता ही होगा...""
अभी राज पायलेट से "" वह "" का मतलब पूछ पाता उस से पहले ही एक भैसा गाड़ी पेड़ों के झुरमुट से बाहर आती नजर आईं....
काले रंग का विशालकाय भेंसा इस वक्त ऐसा प्रतीत हो रहा है था जैसे कोई बॉडी बिल्डर अपना वर्क आउट संपन्न कर इठला रहा हो... और भैंसे को हांकने वाला व्यक्ति भी उस भैंसे से कम प्रतीत नहीं हो रहा था.....
गाड़ी उन सब के सामने आ कर रूकी और गाड़ी हांकने वाला बंदा गाड़ी पर से उतर कर राज के सामने खड़ा था....
तकरीबन साढ़े छह फीट का वह मुसंड बिल्कुल गंजा था... कमर के नीचे उसने रिबॉक का शॉर्ट जरूर पहन रखा था लेकिन ऊपर से बिल्कुल नंगा था वह.....बलिष्ट शरीर का स्वामी वो व्यक्ति उन लोगो के सामने इस तरह से खड़ा था जैसे कि कोई पहाड़ हो....
पायलेट - सर ये हैं नोखा.....इस जजीरे पर एकमात्र ऐसा व्यक्ति जो हमारी भाषा समझता है और अच्छे से बोल भी लेता है...
पायलेट - नोखा ये राज सर और उनका परिवार है.....अब से कुछ महीने ये इस द्वीप पर ही रहेंगे .....अपने काबिले वालों से भी इनकी मुलाकात करवा देना ताकि इन्हे यहां किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो....
पायलट की बात सुन नोखा खुशी के मारे उछलने लगा और अपनी ही भाषा में कोई लोक गीत गाता हुआ वहीं सबके सामने नाचने लगा....
नोखा को इस तरह मदमस्त होकर नाचता देख सभी के चेहरों पर मुस्कान आ गई....
सुमन - वाह ....जितना सुंदर ये द्वीप उतने ही अच्छे यहां के लोग.....उधर शहर में तो किसी को किसी से कोई मतलब ही नहीं और यहां देखो हम अजनबियों के यहां रहने की खुशी में ये कैसे मतवाला हो रहा है....
सुमन की बात सुन नोखा ने कहा
""हमारे लिये यहाँ आने वाले सभी लोग वाकू ( उनके ईश्वर का नाम ) के बराबर हैं...अब देखना यहां के लोग जब आपसे मिलेंगे तो आपका स्वागत कैसे करेंगे.....""
इतना कह नोखा ने पायलेट की तरफ रुख किया और पायलट उसे कुछ समझाने लगा....
राज और उसका परिवार समंदर की आती जाती लहरों को देखने लगे थे जबकि नोखा हेलीकॉप्टर से सामान उतार कर अपनी भैंसा गाड़ी पर चढ़ाने लगता है.....
प्रिय - कितना सुकून हैं ना मां यहां....दिल करता है हमेशा के लिए यहीं बस जाए...
सुमन - तू सच कह रही है प्रिया....इतना सुकून अगर किसी इंसान को मिले तो वो ऐसी जगह से कभी कहीं नही जाए...
अभी कुछ मिनट ही बीते थे कि जंगल के अंदर से ढोल नगाड़ों की ध्वनि सुनाई देने लगी....
ढोल नगाड़ों की आती ध्वनि ने सबका ध्यान जंगल की तरफ कर दिया जबकि नोखा ओर पायलट के चेहरे पर मुस्कान उमड़ पड़ी....
राज - ये शोर कैसा है नोखा....??
राज के सवाल का उत्तर नोखा ने हंस कर दिया....
"" आप बस देखते जाइये हमारा काबिला मेहमानों का स्वागत किस तरह से करता है ..।""
इतना कह नोखा भी ढोल नगाड़ों की आती आवाज की तरफ तेज़ी से दौड़ पड़ा...राज ओर उसका परिवार और भागते हुए नोखा को बस आश्चर्य से ही देखते रह गए...
तकरीबन एक मिनट ही बीता था कि पेड़ों के झुरमुटों से सजी धजी दो भैंसा गाड़ी और निकल आई....गाड़ियों के पीछे नाचते गाते काबिले के लोग किसी उत्सव की तरह उल्लसित हो रहे थे....
जब प्रिया की नज़र उन नाचते हुए काबिले वालों पर पड़ी तो शर्म के मारे उसकी निगाहें जमीन में गड गयी....
सभी काबिले वालों ने अपना तन ढकने के लिए नीचे के हिस्से पर बस जानवरो की खाल पहन रखी थी बाकी ऊपर से पूरी तरह से नग्न....
राज - अरे बाप रे....इस सब की तो मैंने उम्मीद ही नहीं करी थी.... ये तो सारे के सारे ऐसे ही नंगे नाच रहे हैं...यहां तक कि महिलाएं भी ऊपर से पूरी तरह नंगी हैं...
पायलट - ये सब बड़े सीधे लोग हैं सर....बाहर की दुनियां से इनका कोई लेना देना नही हैं....और ना ही बाहर की दुनिया की परंपरा को ये मानते हैं.... इनके अपने नियम हैं अपना कानून है जो इस वक़्त आप लोगो पर भी लागू होगा , यही एक शर्त इनकी है कि इनके साथ कोई जबरदस्ती ना करी जाए....इन्हे अपने कानून और सभ्यता के साथ रहने दिया जाए बस यही इनकी पहली और आखिरी मांग थी इस द्वीप पर लेब बनाने को लेकर....
राज - तो क्या मुझे भी इनकी तरह नंगा घूमना होगा सर....
राज की बात सुन पायलट मुस्कुरा उठा और मुस्कुराते हुए अपनी बात कहने लगा...
पायलट - नहीं सर ऐसा कुछ भी नहीं हैं....आप यहां जैसे चाहे रह सकते हैं आप पर कोई रोक टोक नहीं होगी बस एक बार आप काबिले के पुजारी से मिल लोगे तो वह आपको यहां के कुछ सामान्य नियम बता देंगे जिन्हें निभाना किसी के लिए भी बहुत आसान होगा....
पायलट की बात सुन राज ने राहत की सांस ली....उसने अपनी मां की तरफ देखा तो पाया कि सुमन और नेहा आपस में खुसर फुसर कर रही थी जबकि प्रिया शर्माते हुए लगातार मुस्कुराए जा रही थी....
इस वक़्त काबिले के सभी लोगो ने पायलट समेत सब को घेर रखा था....काबिले की लड़कियां नजरें चुरा चुरा कर कभी राज को देखती कभी प्रिया , सुमन और नेहा के यौवन पर मोहित हो जाती....राज को देख कुछ नावयोवनाएँ अपना सीना मसलने लगती....बड़ा ही अजीब माहौल हो गया था इस वक़्त....
अभी ये शोर शराबा थमा ही था कि नोखा ने सब को भैंसा गाड़ी मैं बैठने का निमंत्रण दिया जिसे पूरे परिवार ने स्वीकार कर लिया...लेकिन गाड़ी में बैठने से पहले राज पायलट से कुछ बात करना चाहता था इस लिए वह भीड़ से अलग एक शांत जगह ले गया....
राज - सर ये बली वली तो नही चढ़ा देंगे न हमारी..... क्योंकि मुझे अब कुछ भी समझ नही आ रहा है कि मैं क्या करूँ....
पायलट - आप चिंता मत कीजिये सर आपको यहां रत्ती भर भी तक़लीफ़ नही होगी...अब आप लोग इन सब के साथ जाइये और मुझे भी अब आज्ञा दें....एक बात और में आपसे कहना चाहता हूँ....
राज - कोनसी बात सर....?
पायलट - हमारे शहर और इस द्वीप के टाइम में काफी अंतर है....यहां सूर्य सिर्फ आठ घंटे ही दिखाई देता है ऒर बाकी समय यहां रात ही रहती है....अब आप सोच रहें होंगे कि अगर सूर्य इतने कम समय के लिए यहां रहता है तो यह जगह ठंडी या बर्फ से भरी हुई क्यो नही है....तो इसका बड़ा साधारण सा सवाल है अभी जो रास्ते में हमने तूफान देखा था उसी की वजह से यहां अंधेरा जल्दी हो जाता है अब इसे कुदरत का चमत्कार कहें या विज्ञान के लिए शोध का विषय लेकिन इस द्वीप पर सूर्य होते हुए भी सूर्य दिखाई नही देता....एक तरह से आप कह सकते है जैसे कुछ घण्टो के लिए यहां एक आर्टिफिशियल रूफ का निर्माण हो जाता है जो सूर्य की रोशनी भी द्वीप पर नही पड़ने देती....इसके अलावा और कोई बात नही है जिसके बारे में आपको जानना चाहिए....
राज पायलट की बात सुनकर चकरा सा गया था....वो बस मुह फाड़े पायलट की तरफ ही देखे जा रहा था....
तभी राज के कानो में प्रिया की आवाज सुनाई दी....एक क्षण नही लगाया राज ने उस दिशा में घूमने के लिए....
प्रिया इस वक़्त एक पालकी में मौजूद थी जिसे काबिले की कुछ औरतों ने उठा रखा था जबकि नेहा और राज की मां एक अलग पालकी में थी....प्रिया राज को देख मुस्कुरा उठी ....
पायलट - जाओ सर...अपने परिवार के साथ जाओ ....
राज ने एक बार मुड़ कर पायलट की तरफ देखा और उसे यहां तक लाने के लिए शुक्रिया अदा किया...
राज अब काबिले वालों कि तरफ चलना शुरू कर चुका था जबकि पायलट अपने हेलीकाप्टर की सीट पर बैठ इंजिन स्टार्ट करने लगता है.....
हेलीकॉप्टर तेज गड़गड़ाहट के साथ स्टार्ट होता है ,और फिर से मुंबई की तरफ बढ़ जाता है , जल्दी ही राज भी उस भैंसा गाड़ी पर सवार हो जाता है और गाड़ी उसे लेकर जंगल की तरफ बढ़ जाती है
दोस्तों मेरे मोबाइल में हिंदी टाइपिंग की पता नहीं क्या हुआ मेरे इसको अभी भी मैं जो अपडेट लिखा है मैंने वॉइस इंस्ट्रक्शन देखे लिखा है इसलिए काफी सारी गलतियां होंगी और अपडेट छोटा भी है कोशिश करूंगा कि जल्दी ही मेरे मोबाइल में आई समस्या दूर हो जाए