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मेरा नाम नदीम है। मैं दिल्ली के बगल की एक बांग्लादेशी बस्ती मैं रहता हूँ मेरा बचपन गरीबी मैं गुजरा। पिछले दिनों ही मैं 18- साल का हुआ।
मैं जब छोटा था तब हमारी हालत बहुत ही खराब थी। एक छोटी सी झोपड़ी मैं ही मैं अब्बू और अम्मी रहते थे।
बगल मैं नाला था। और बहुत गंदगी थी। कभी कभी रात को अब्बू रात को अनजान आदमी लेके आते थे तब अब्बू मुझे लेके बहार आ जाते और अम्मी और वो आदमी एक साथ अंदर सोते थे।
समय के साथ मुझे सच्चाई का ज्ञात हो रहा था।
जब मैं १० साल का हुआ तब अम्मी 45- साल की थी।
और अब्बू कोई 25- के थे। जब मैं अपने दोस्तों के साथ बहार खेलने जाता था तोह मेरे दोस्त कभी कभी मेरी अम्मी और अब्बू की उम्र के अंतर का मजाक
उडाया करते थे।
मैं और मेरा दोस्त जब हम 12- साल के थे तब कचड़ा बीनते हुए।
करीम : भाई नदीम तुझे क्या कबि अपनी अम्मी पर शक नहीं हुआ ??
नदीम(मैं ) : भाई क्या मतलब है तेरा ?
करीम : भाई की हर रात अलाग लोग क्यों सोते है उसके साथ।
नदीम (मैं ): भाई बचपन से ऐसा होता आ रहा है। इसमें नया क्या है। क्यों तू क्यों पंच रहा है अब ?
करीम : भाई मेरे अब्बू भी जाते है तेरी अम्मी आसिफा के पास पता है तुझे।?
नदीम (मैं ): नहीं भाई अँधेरे मैं ज्यादा कुछ दीखता नहीं।
करीम : भाई कल मेरे अब्बू और अम्मी के बीच मैं इसी बात को लेकर लड़ाई हो गयी थी।
नदीम (मैं): लड़ाई ?
करीम : हाँ भाई बाद मैं मेरी अम्मी ने बताया तेरी अम्मी धंदा करती है।
मैं : भाई कैसा धंदा ?
करीम : भाई शरीर का।
मैं अपनी अम्मी के बारे मैं ये सब जानकर आश्चर्य चकित हुआ।
ऐसे करते करते मैं अपनी अम्मी के बारे मैं और कई चीजें जानने लगा।
धीरे धीरे मेरी ठरक भड़ती गयी और मैं अपनी अम्मी की तरफ आकर्षित होने लगा।
मैं अम्मी की चड्डी को सूंघ कर अपने lund पर रगड़ता था।
मैंने कई बार उन्हें परदे के पीछे अब्बू और कई अलग अलग आदमियों से चुड़ते हुए भी देखा।
मेरा अपने आप पर कण्ट्रोल काम हो रहा था अब मैं भी उन्हें चोदना चहटा था।
मैं एक दिन अब्बू किसी काम से कलकत्ता गए थे।
मैं अम्मी के साथ सोया हुआ था। अचानक मेरे दरवाजे पर दस्तक हुई।
कोई आदमी अम्मी को पैन आया था मैं समझ गया।
मैं जब छोटा था तब हमारी हालत बहुत ही खराब थी। एक छोटी सी झोपड़ी मैं ही मैं अब्बू और अम्मी रहते थे।
बगल मैं नाला था। और बहुत गंदगी थी। कभी कभी रात को अब्बू रात को अनजान आदमी लेके आते थे तब अब्बू मुझे लेके बहार आ जाते और अम्मी और वो आदमी एक साथ अंदर सोते थे।
समय के साथ मुझे सच्चाई का ज्ञात हो रहा था।
जब मैं १० साल का हुआ तब अम्मी 45- साल की थी।
और अब्बू कोई 25- के थे। जब मैं अपने दोस्तों के साथ बहार खेलने जाता था तोह मेरे दोस्त कभी कभी मेरी अम्मी और अब्बू की उम्र के अंतर का मजाक
उडाया करते थे।
मैं और मेरा दोस्त जब हम 12- साल के थे तब कचड़ा बीनते हुए।
करीम : भाई नदीम तुझे क्या कबि अपनी अम्मी पर शक नहीं हुआ ??
नदीम(मैं ) : भाई क्या मतलब है तेरा ?
करीम : भाई की हर रात अलाग लोग क्यों सोते है उसके साथ।
नदीम (मैं ): भाई बचपन से ऐसा होता आ रहा है। इसमें नया क्या है। क्यों तू क्यों पंच रहा है अब ?
करीम : भाई मेरे अब्बू भी जाते है तेरी अम्मी आसिफा के पास पता है तुझे।?
नदीम (मैं ): नहीं भाई अँधेरे मैं ज्यादा कुछ दीखता नहीं।
करीम : भाई कल मेरे अब्बू और अम्मी के बीच मैं इसी बात को लेकर लड़ाई हो गयी थी।
नदीम (मैं): लड़ाई ?
करीम : हाँ भाई बाद मैं मेरी अम्मी ने बताया तेरी अम्मी धंदा करती है।
मैं : भाई कैसा धंदा ?
करीम : भाई शरीर का।
मैं अपनी अम्मी के बारे मैं ये सब जानकर आश्चर्य चकित हुआ।
ऐसे करते करते मैं अपनी अम्मी के बारे मैं और कई चीजें जानने लगा।
धीरे धीरे मेरी ठरक भड़ती गयी और मैं अपनी अम्मी की तरफ आकर्षित होने लगा।
मैं अम्मी की चड्डी को सूंघ कर अपने lund पर रगड़ता था।
मैंने कई बार उन्हें परदे के पीछे अब्बू और कई अलग अलग आदमियों से चुड़ते हुए भी देखा।
मेरा अपने आप पर कण्ट्रोल काम हो रहा था अब मैं भी उन्हें चोदना चहटा था।
मैं एक दिन अब्बू किसी काम से कलकत्ता गए थे।
मैं अम्मी के साथ सोया हुआ था। अचानक मेरे दरवाजे पर दस्तक हुई।
कोई आदमी अम्मी को पैन आया था मैं समझ गया।