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मैंने हाथ से उसका मुँह बंद किया और कान में कहा- शोर मत करो, जो होना था हो गया. शोर मचाने पर तुम्हारा पति जान जाएगा और तुमसे नफरत करने लगेगा.. इसलिए इस बात को यहीं भूल जाओ, अगर बहुत मजा आया तो मैं फिर से चोद दूँगा.
उसने घबराई हुई आवाज में पूछा- तुम कौन हो?
मैंने कहा- तुम्हारे साथ ही सफ़र कर रहा हूँ.
वो मेरे सीने से चिपकी रही शायद उसे अच्छा लगा था इसलिए वो कुछ नहीं बोली.
अब मैं उठा और अपना लंड उसके मुँह में दे दिया. जल्दी ही मेरा लंड फ़िर खड़ा हो गया. मैंने फिर उसे चोदा. इस बार उसने खुल कर चुदाई का मजा लिया. इसके बाद हम सो गए.
सुबह सबसे पहले मैं जगा.. बाथरूम वगैरह होकर मैंने पिंकी को जगाया. वो भी बाथरूम वगैरह निपटा कर मेरे पास बैठ गई. मैंने नाश्ता निकाला और दोनों ने किया. करीब 8 बजे वो लड़का नीचे उतरा और बाथरूम गया. वहाँ से आकर उसने लड़की को जगाया. जागते ही लड़की की नजर मेरे ऊपर पड़ी, उसने मुँह फेर लिया.
मैं मुस्कराया. फिर वो बाथरूम गई साथ में वो लड़का भी गया. दोनों के जाते मैंने पिंकी को लंड पर बैठा लिया, उसके होंठ चूसने लगा और चूची मसलने लगा.
फिर मैंने पिंकी को कहा कि मैंने उस लड़की को चोदा है, तो वो हैरान रह गई.
मैंने उसे सारी कहानी बताई.. जब दोनों बाथरूम से आए तब हम लोगों ने बात करनी शुरू कर दी. वो लड़की बात करते हुए मुझसे शर्मा रही थी, पर उसके चेहरे से जाहिर था कि उसने मेरे लंड का खूब आनन्द उठाया है.
अगले स्टेशन पर गाड़ी स्टेशन पर रुकी तो उसने लड़के को कुछ स्नैक्स और बिस्किट्स लाने को कहा, साथ में पिंकी के लिए चॉकलेट भी. वो लड़का जैसे ही गया मैंने डोर लॉक किया और लड़की को खींच कर अपनी गोद में ले लिया और उसकी चुची मसलते हुए उसके होंठ चूसने लगा.
वो घबराई और बोली- पिंकी देख रही है, उसके सामने भी ये सब करते हो.
मैंने कहा- इसे भी चुदाई सिखानी है, आधी चुदाई तो रात को सिखा दी है और आधी घर पर सिखाऊँगा.
वो बोली- अभी ये छोटी है.
मैंने कहा- तुमने देखा नहीं तुम्हारा पति इसकी चूची और जांघों को ऐसे देख रहा था, जैसे चोद ही देगा तो ये छोटी कैसे हुई? वैसे भी 18 पार कर चुकी है.
उसने कहा- नहीं, मेरा पति ऐसे नहीं देख रहा था.
मैंने कहा- ठीक है मैं इसकी चूची की झलक तुम्हारे पति को दिखाऊँगा तो देखना, उसका लंड कैसे खड़ा हो जाएगा. फिर मैं इसकी स्कर्ट हटा कर पैंटी दिखाउंगा.
वो बोली- ठीक है.
मैंने पिंकी को कहा- तुम जल्दी से कोई बड़े गला वाली टॉप और स्कर्ट पहन लो.
पिंकी वहीं पर ड्रेस चेंज करने लगी. ये देख कर लड़की बोली- बहुत कुछ सिखा दिया आपने इस लड़की को.
मैंने कहा- हाँ सिखाया तो है, लेकिन अभी तक चोदा नहीं. एक बार चुद गई तो सब कुछ सीख जाएगी. लंड का स्वाद मिलते ही लड़कियाँ खिल उठती हैं. जैसे आप कई बार चुद चुकी हैं, फिर जब मेरा लंड लिया तो चुदाई का असली आनन्द मिला.
वो बोली- हाँ, हर लड़की को एक अनुभवी मर्द से एक दो बार जरूर चुदवाना चाहिए.
मैंने पिंकी को कहा कि जब वो आएगा तो मैं सोने का नाटक करूँगा, तुम झुक कर अपने बड़े गले वाले टॉप से अपनी चूची उसे दिखाना. जब ये भाभी उन्हें बोलेगी कि क्या देखते हो, तब तुम उठना और पैर फैला कर बैठ जाना ताकि वो तुम्हारी चड्डी देख सके. इसके बाद भाभी उसे तुम्हारे साथ अकेला छोड़ेगी, तुम उसे सब कुछ करने देना, लेकिन चोदने मत देना, तब तक मैं इसे चोदूँगा.
वो तैयार हो गई.
बात दो साल पहले की है, मैं अपनी बड़ी बहन रेनू के घर गया था. दिसम्बर का महीना था.. ठण्ड काफ़ी थी. वहाँ दीदी के देवर की शादी होने वाली थी. शादी 22 तारीख को थी. मैं 4 तारीख को ही वहां का इन्तजाम देखने और शादी की तैयारी करने गया था. बारह तारीख तक मैंने वहां का सारा इन्तजाम कर दिया. सारी शॉपिंग हो चुकी थी. चौदह तारीख को मैंने मेरे वापस घर जाने का एक फर्स्ट क्लास एसी का टिकट ले लिया और फिर मुझे 19 को अपनी पत्नी और बच्चों को लेकर शादी में शरीक होना था.
उस दिन दोपहर को दो बजे की ट्रेन थी. तभी मेरी 18 साल की भांजी पिंकी ने जिद करना शुरू कर दिया कि वो भी मेरे साथ मामी को लेने जाएगी. सब लोगों ने उसे समझाया, पर वो नहीं मानी. तब मेरे जीजा ने उसे जाने की इजाजत दे दी. हमने किसी तरह टीटी को पैसे देकर अपने कम्पार्टमेंट में बर्थ का इन्तजाम किया.
ट्रेन एक घन्टे लेट आई, हम दोनों ट्रेन में बैठ गए. मेरे ही कूपे में एक नया जोड़ा भी था. जब ट्रेन चली तो पता चला कि दोनों की एक हफ्ते पहले ही शादी हुई है.
वो जोड़ा नीचे की एक बर्थ पर इकट्ठे बैठे थे और हंसी मजाक कर रहे थे. कभी कभी एक दूसरे को चूम भी ले रहे थे.
मुझे ये सब नोनवेज कारनामे देख कर मजा आ रहा था, लेकिन पिंकी की वजह से मैं उसे ठीक से नहीं देख पा रहा था. मैं पिंकी से नजरे बचा कर उन दोनों की रासलीला का मजा ले रहा था. मैंने गौर किया कि पिंकी भी छुपी नजरों से ये सब खेल देख रही थी.
करीब साढ़े सात बजे खाना आ गया. सबने खाना खाया. मैं वहीं लेट गया और पिंकी मेरे पेट के पास बैठ कर एक मैगज़ीन पढ़ने लगी. तभी उस लड़के ने अपनी पत्नी को गोद में बैठा लिया और उसके होंठ चूसने लगा. मुझे ये सब देख कर मस्ती आने लगी. पिंकी भी बुक पढ़ते हुए मुझ से नजरें बचा कर उन दोनों को देख रही थी. तभी उस लड़के ने लड़की की चूचियों को मसलना चालू कर दिया.. लड़की कसमसाने लगी.
मैंने पिंकी की तरफ देखा, वो बिना पलकें झुकाए दोनों का खेल देख रही थी. उसकी साँसें तेज चल रही थीं. मैं समझ गया कि पिंकी को जवानी के इस खेल में मजा आ रहा था और वो इस खेल को समझ रही थी. पिंकी के उभार दिखने लगे थे. उसकी छातियां तेज साँसों के साथ ऊपर नीचे हो रही थीं. मेरा भी लंड खड़ा हो चुका था. मैं पिंकी की छोटी-छोटी चूचियों को उसकी साँसों के साथ ऊपर नीचे होते देखकर भूल गया कि वो मेरी भांजी है और अभी छोटी है. भानजी की गदराई जवानी देख मेरी लार टपक गई.
जब मैंने देखा कि उस लड़के ने अपना हाथ लड़की के कुरते में डाल दिया और चूची जोर जोर से मसलने लग़ा, तब पिंकी का चेहरा तमतमा गया. मैं गौर से पिंकी के चेहरे को देखने लगा. तभी पिंकी की नजर मुझ पर पड़ी.. मैं मुस्कुरा दिया, वो झेंप गई और किताब पढ़ने लगी.
मैंने अपना एक हाथ उसकी जांघों पर रख दिया. उसने कोई रियेक्ट नहीं किया. मैंने हाथ का दबाब बढ़ाया, वो बिना मेरी तरफ देख मुस्कुरा दी. मैं समझ गया कि आज मेरी किस्मत खुलने वाली है. मैंने उसकी जांघों को सहलाना शुरू कर दिया. अब उसकी साँसों की आवाज़ आने लगी.. वो लगभग हांफ़ने लगी. इधर उस लड़के ने चादर निकाल ली और ओढ़ लिया. अब वो दोनों चादर के अन्दर थे.
इसके बाद उस लड़के ने लड़की की चूची को निकाल कर चूसना शुरू कर दिया, जो कि चादर के ऊपर से ही समझ आ रहा था. मेरी नजर फिर पिंकी की नजर से मिली. इस बार पिंकी मुस्कुरा दी. तभी उस लड़के ने उठ कर लाइट को ऑफ कर दिया, कूपे में अँधेरा हो गया. फिर कपड़ों के सरकने की आवाज होने लगी.
तभी मेरे सब्र का बांध टूट गया और मैंने पिंकी को अपनी ओर खींच लिया और उसे चूमने लगा. वो भी मेरा साथ देने लगी. मैं पागलों की तरह उसके होंठ चूस रहा था. वो अपना बदन मेरे बदन से रगड़ रही थी. मैं एक हाथ से उसकी नन्हीं चूचियों को मसलने लगा. फिर मैंने उसके कुर्ते को निकाल दिया और उसकी चूची के निप्पल को मुँह में लेकर चूसने लगा. वो हांफ रही थी.. वो मेरे ऊपर चढ़ कर बैठ गई. मैंने उसे बांहों में भींच लिया और उसकी सलवार को उतार दिया साथ ही पैंटी भी निकाल दी.
अन्धेरे में मुझे उसका बदन दिख नहीं रहा था, पर ये एहसास हो रहा था कि मेरी बांहों में एक नाजुक कोमल फूल है, जिसका मैं रस पीने वाला हूँ.
jo bhi hai bahut mast haiBohot hi kamuk story he bhai maza agaya padhke.
1 question kya ye story real se inspire he ya puri kalpnik he?