भाग- 4
निशित अपने प्लान के हिसाब से छेदी को अपने घर बुलाता है।
अब आगे------
निशित नेहा से तेज आवाज में कहता है-
"नेहा छेदी आ गया है प्लीज वो सामान ले आओ।"
निशित छेदी से बोला-
"मैं वॉशरूम जा कर आता हूं फिर प्रोग्राम शुरू करते हैं।"
कह कर निशित ने अंगूठे से इशारा किया और आंख मार दी, देख कर छेदी मस्कुराया और हां में सर हिला दिया।
निशित बेडरूम में बने अटैच्ड वॉशरूम में चला गया। तभी नेहा ने किचन से लिविंग रूम में प्रवेश करती है। जब एक नई नवेली लड़की पहली बार उसे देखने आए ससुराल वालों के सामने आती है उसी अंदाज में आज नेहा शर्माती हुई एक बड़ी सी ट्रे,जिसमे दो बोतले,चार ग्लास,आइस-क्यूब बॉक्स और चाखने की प्लेट थी ले कर आती है। शर्मा वो इसलिय रही थी की उसका आज का सक्सी रूप छेदी पर क्या कहर ढाने वाला है उसका एहसास था उसको। जब छेदी ने नेहा को देखा तो उसकी आंखें तो एकदम से बहार को आ गई और उसका मुह खुला का खुला रह गया। ये उसका रिएक्शन था और उसे उसको दबाने की कोशिश नहीं की क्योंकि उस वक्त उसका पति भी वहां नहीं था। उसे एक जगह प्रतिक्रिया हुई जो की उसके लंड में आया था उसे भी दबने की भी कोशिश नहीं की। नेहा उसे देख कर मुस्कराई तो वो होश में आया।
छेदी- "वाह मेरी बुलबुल क्या गजब ढा रही हो आज?"
नेहा ने घबड़ा कर इधर-उधर देखा तो,
छेदी बोला- "निशित बाबू अंदर वाले वॉशरूम में है।"
कह कर उसने आंख मार दी और नेहा की ट्रे को रखने में मदद करने के लिए उसके दोनों हाथों पर अपने हाथ रख दिए। इससे नेहा के पुरे शरीर में मानो करंट दौड़ गया। ट्रे रखने के लिए नेहा जब झुकी तो उसके आधे से ज्यादा चुची बाहर की ओर निकल गये जिससे छेदी की आंखें और बहार आ गई और उसकी चुचियों को अपने हाथों से छु लिया, दुसरी बार छुने मात्र से नेहा एकदम से झनझना गयी। उसकी चुत भी गीली हो गयी।उसने तुरन्त ही छेदी के हाथ को झटक दिया।
छेदी- "बुलबुल आज जान से मरोगी क्या?"
उसकी हालत देख कर नेहा शर्मायी और शरारत से मुस्कुराई।
नेहा- "क्यों ऐसा मैंने क्या कर दिया?"
छेदी- "वाह क्या अदा है?,इसकी माँ को चोदु लंड कंट्रोल नहीं हो रहा और तु कहती है।"
नेहा ने फिर घबड़ा कर बेडरूम की तरफ देखा और ट्रे रख कर उपर उठने को हुई तो छेदी ने उसका हाथ पकड़ लिया।
नेहा घबड़ा गई-
"छोड़ो छेदी निशित आ जाएगा।"
छेदी ने एक बार में ही उसका हाथ चुम लिया और दोनो हाथ बांध कर बस उसे निहारने लगा ऊपर से नीचे तक नीचे से ऊपर तक।
छेदी इतनी जल्दी मान जाएगा ये उम्मीद नहीं थी नेहा को। पर उसे ऐसे निहारते देख कर फिर से उसका चेहरा लाल हो गया। तभी निशित लिविंग रूम में आ गया-
"अरररे वाह नेहा ले आई सारा सामान।"
छेदी- "हां निशित बाबू आपकी मेहरबानी है जो हम जैसे गरीब दुकान लगाने वाले को नेहा मैडम जैसी हसीन और खूबसूरत भाभी जी से अपनी सेवा करवाने का मौका मिल जाता है।"
निशित- "अरे ऐसी बात ना करो छेदी अमीर गरीब के फ़र्क को ना मैं मानता हूं और ना ही नेहा।"
छेदी- "वो तो मैं जनता हूँ निशित बाबू। फिर भी मैं ये बात कह सकता हूँ की अगर मौका मिले तो नेहा मैडम बॉलीवुड की फिल्मों में हेरोइन जरूर बन सकती है।"
नितिश- "अब बस भी करो छेदी लाल इतनी तरीफ भी अच्छी नहीं।"
पहली बार निशित के सामने ही नेहा के गाल लाल हो गए।
निशित- "वाह छेदी तुमने बिलकुल सही बात कही है"
नेहा आज तुम अपने हाथ से पहला पेग हम लोगो और अपने लिए बनाओ।
छेदी ने सुना तो बहुत खुश हो गया- "अपने लिए????
नेहा- "तुम जानते हो मैं शराब नहीं पीती।"
निशित- "अरे बेबी इसलिये तो गीन लाया हुँ महिलाओं की पसंदीदा होती है।"
नेहा- "अरे लेकिन ये किसने कहा की मैं गीन पीती हूं।"
निशित- "अरे डार्लिंग मैं कह रहा हूं न कुछ नहीं होता एक पेग बनाओ तो सही हल्के-हल्के पीती रहना बस।"
"अरे साहब रहने दिजिये मैडम को हमारे साथ में बैठने में बुरा लग रहा है।"-
छेदी ने बहुत ही मासूम बनते हुये बोला।
"अरे ऐसी कोई बात नहीं है ठीक है मैं पेग बनाती हूं।" -नेहा सामने वाले सोफ़े पर बैठ गई और पेग बनाने लगी और निशित और छेदी उसके गोरे बदन को और उसकी जाघों को देख अपनी आंखें सेकने देखने लगे।
तभी सावी कमरे में आई और बोली- "मेमसाब खाना तैयार है।"
"ठीक है।"-नेहा ने पेग बनते हुए उसकी तरफ देखे बिना बोला।
निशित- "सावी तुम भी लेती हो क्या?"
सावी- "नहीं साहब मुझे कड़वा लगता है।"
निशित- "अरे ये गीन है इसका स्वाद वैसा नहीं होता और मुह से बदबु भी नहीं आती।"
"अरे पी ले ना काहे को नखरे करती है।" -छेदी ने अपने अंदाज में बोला तो सावी ने उसे गुस्से में देखा।
निशित- "बना दो नेहा एक पेग इसके लिए भी तुमको भी कंपनी मिल जाएगी।"
निशित ने फिर सावी को नेहा के बगल में बैठने के लिए कहा। सावी झिझकते हुए बैठ गई। नेहा ने सावी से सबको ग्लास देने के लिए कहा तो निशित बोला-“अरे नेहा डार्लिंग ये काम तो आज तुम्हारा ही है। सावी को भी थोड़ा आराम करने दो।"
नेहा मन ही मन मुस्कराई और सोची की 'सावी शायद सही कह रही थी, निशित का झुकाव है सावी की ओर। खैर उसने ट्रे उठाई और सबको ग्लास पकड़ाया। छेदी ने जब ग्लास उठाया तो सबकी नजरें बचा कर नेहा को आंख मार दी। सबको ग्लास देने के बाद नेहा ने भी ग्लास लिया और सब बैठा कर मैच के शुरू होने का इंतजार करने लगे। नेहा और सावी को मैच में उतना मन नहीं लग रहा था पर फिर भी वो दोनों आपस में बात करते और बीच-बीच में आने वाले विज्ञापनों से ही मन बहलाने लगे।
निशित ने देखा की नेहा का ग्लास खतम होने से पहले ही छेदी उसका ग्लास भर रहा है और अपने ग्लास में कम शराब डाल रहा है और उसके ग्लास में ज्यादा, देखकर निशित मन ही मन मुस्कुराया। उसने देखा की नेहा और सावी धीरे-धीरे सिप ले रही है और धीरे-धीरे गीन के स्वाद की आदि हो रही है। जैसे ही सावी ने ग्लास खाली किया निशित ने उसका और नेहा का गिलास फिर से भर दिया।
निशित- "यार छेदी मैच में ये लेडीज बोर हो जाएगी कुछ ऐसा करे की इन दोनो को भी मजा आये।"
छेदी- "हां बाबू मैं भी यही कहने वाला था।"
निशित- "बोलो नेहा क्या करे ऐसा?"
नेहा ने सावी की ओर देखा- "वैसे तो तुमने मैच के लिए ही कार्यक्रम बनाया है तो देखो ना मैच।"
निशित- "अरे मैच तो अब रोज़ ही आएंगे हम चारो कहा रोज़ रोज़ ऐसे बैठेगे।"
नेहा- "तो फिर फिल्म देख सकते हैं, या फिर कोई खेल खेल सकते हैं।"
"मूवी में भी सब चुप चाप बैठे रहेगें,चलो कोई खेल खेलते हैं।" -निशित बोला।
छेदी- "अरे बाबू हम तो अंताछरी, छुप्पन छुपाई, लंगड़ी टाँग जैसे ही ख़ेल आते हैं।"
नेहा- "अरे निशित तुम फालतू में परेशान हो रहे हो मैच देखो अभी थोड़े देर में खाना हो जाएगा।"
निशित को भी कोई ऐसा खेल नहीं सूझा और फिर उसे छेदी को खास कर मैच के लिए ही बुलाया था। मैच शुरू हो चुका था दोनो मैच देखने लगे और नेहा और सावी आपस में बात करने लगे। नेहा,सावी से रुचि और जग्या के बारे में पूछने लगी। धीरे-धीरे सब पर शराब का सुरूर छाने लगा। निशित की आवाज अब लड़खड़ाने लगी थी छेदी भी अब पहले की अपेक्षा तेज स्वर में बोलने लगा था। एक चौके के बाद जब चीयर लीडर्स नाच रही थी तो निशित बोला-
"साली ये चीयर लीडर्स कितनी सेक्सी है और मस्त डांस कर रही है।"
छेदी- "हाँ निशित बाबु ये वाली तो देखो बिलकुल बुल.... भाभी जैसी लग रही है।"
"हां नेहा देखो क्या बिलकुल तुम्हारे जैसी सेक्सी है ये तो?"-निशित बोला तो
नेहा बोली- "चढ़ गई है लगता है जनाब को अब हर लड़की नेहा ही लगेगी।"
थोड़ा सुरूर तो नेहा को भी था क्योंकि ऐसे निशित को सबके सामने सेक्सी बोलने पर भी उसने ऐतराज़ नहीं किया।
इस बार छेदी ने निशित का ग्लास फिर से भर दिया और उठ कर सावी और नेहा का भी ग्लास गीन से आधा भर दिया,फिर उसने शराब वाली बोतल से उनेके आधे खाली ग्लास को भर दिया। सावी और नेहा दोनो छेदी को देख रहे थे पर उसने आंख मारी और बोला- "देखो कॉकटेल का स्वाद कैसा है?"
दोनो ने चखा तो कोई कुछ नहीं कहा। फिर से चार लगने पर चीयर लीडर नाचने लगी तो छेदी बोला-
"देखो नेहा भाभीजी का डांस।"
निशित और छेदी दो चीयर लीडर का नाम नेहा ही रख दिया था देख कर हसने लगे।
"क्या है डांस?,कोई भी कर सकता है क्यो सावी?"-नेहा ने लड़खड़ाती आवाज में कहा। सावी ने जोर सहमती में सर हिलाया
नेहा- "ये मर्द लोग तो जहाँ छोटी ड्रेस देखी फिदा हो जाते हैं।"
छेदी- "मेमसाब ऐसा डांस आप करो तो ये मर्द जमीन पर लेट जाए।"
-निशित बोला तो छेदी का बाँहे खिल गयी।
छेदी बोला- "अरे निशित बाबू नेहा भाभी कहाँ कर पायेंगी ऐसा डांस।"
छेदी की बात सुनकर नेहा को गुस्सा आ गया।
नेहा- “अरे ये भी कोई डांस है मैं शास्त्रीय नृत्य विजेता रह चुकी हूं स्कूल में और जो लोग शास्त्रीय जानते हैं वो सब कुछ कर सकते हैं।”
"मतलब वो था तई था तई तई था, वाला डांस वो लोग ये कर सकते हैं?"
छेदी नेहा को और गुस्सा दिलाता हुआ बोला।
एक और चौका लगा और फिर डाँस करती हुई उस चीयर लीडर को देखता हुआ छेदी बोला"आप देखो इसे ये वाला डांस।"
"अरे हां बाबा यही वाला।"- नेहा झल्लाकर बोली और एक ही सांस में अपना पुरा ग्लास खाली कर लिया। छेदी मुस्कराया क्योंकी उसमें गीन से ज्यादा शराब थी। निशित ने जल्दी से अपना साउण्ड सेट कर दिया और बोला-
"अब जब भी चौका लगेगा तो संगीत शुरू कर दूंगा तुम डांस करना।"
चौका अगली गेंद पर ही लग गया, निशित ने म्यूजिक बजाया और नेहा चीयर लीडर्स की तरह डांस करने लगी। उसके सेक्सी डाँस करने की कोशिश की पर वो उस चीयर लीडर का मुकाबला नहीं कर सकी क्योंकि उसको चिंता हो रही थी की ज्यादा तेजी से घूमने से कहीं उसकी पैंटी ना दिख जाए।
"देखा मैडम ने कितना अच्छे से किया।"-सावी नेहा के सपोर्ट में बोली तो
छेदी बोला- "चुप कर भाभीजी की चमची उन्होने बिलकुल भी अच्छा नहीं किया।"
नेहा भी ये जान गयी थी,बोली-“अरे इतने साल के बाद किया है इसलिय अभ्यास छुट गई आपकी बार देखना।"
निशित- “देखो बेबी छेदी ठीक कह रहा है ये अब तुमसे ना हो पायेगा।तुम अपनी ड्रेस को नीचे करने में ही लगी रहती हो।लो लग गया एक और चौका। कह कर निशित ने म्यूजिक स्टार्ट कर दिया। नेहा इस बार अधिक जोर से नाची हैं और लास्ट में ऐसी घूमी की उसके गोरे बदन पर काली पैंटी की झलक भी सबने देख ली। इधर मौका देख कर छेदी ने एक बार फिर सबके ग्लास भर दिए।
छेदी- "भाभी इस बार तो आपने वाकई कमाल कर दिया बहुत अच्छा नाची आप।"
"थैंक यू" नेहा एक बच्चे की तरह खुश हो गई और अपने आप ही उसे अपना ग्लास उठा लिया और सावी को भी दिया।
"नहीं भाभी मेरा हो गया चढ़ गई तो मैं घर कैसे जाऊंगी?"- सावी ने चिंता की तो निशित बोला- “अरे रात को यही रुक जाओ नेहा के साथ। अब कहीं नहीं जाना।"
निशित ने उठने की कोशिश की तो चक्कर सा आया वो वापस सोफे पर बैठा गया।
छेदी ने पूछा- "क्या हुआ साब?"
निशित- "वॉशरूम जाना था।"
"सावी साबह को वॉशरूम ले कर जा" -छेदी ने ऐसे ऑर्डर किया जैसे वो घर का मालिक हो। सावी तुरंत उठ खड़ी हुई हाँलाकी वो खुद नशे में थी। निशित उठा और उसे सावी की कमर में हाथ डाल दिया और दोनो बेडरूम वाले वॉशरूम की तरफ चल पड़े।
चलते-चलते सावी ने नेहा को आंख मार दी। रूम का माहौल बहुत सेक्सी हो गया था।
छेदी ने बाथरूम की ओर जाते हुए निशित से पूछा- "निशित बाबू क्या मैं सिगरेट पी सकता हूं?"
निशित- "अरे छेदी भाई इसे अपना ही घर समझो।"
निशित और सावी के जाने के बाद छेदी नेहा की ओर देख कर मुस्काराया और एक सिगरेट जला दी।
अपना घर ही समझता हूं मैं।-छेदी अपने मन में बड़बड़ाया।
अरे बुलबुल देख चौका लग गया चल नाच कह कर छेदी ने संगीत बजा दिया और इस बार नेहा ने उठ का ऐसा जबरजस्त डाँस किया कि उसकी जाँघो से लेकर उसकी पैंटी के अन्दर उसकी गीली चुत का पानी तक सब छेदी ने देख लिया। उसका लंड एकदम से झटका खाने लगा। नेहा के उछलती चुची, मटकती गाण और फिर बार-बार दिखती हुई पैंटी और चुत की दरार को देख के छेदी बेशरमो की तरह अपने लंड को मसलने लगा। गाना बन्द होने के बाद छेदी बोला-"मेरी जान क्या नाचती है तू देख क्या हाल कर दिया है मेरा?"
कह कर धोती साइड में करके अपना मोटा काला गधे जैसा लंड नेहा को दिखाया। जिसको देख कर नेहा मुस्करा दी। छेदी ने उसे अपने पास इसारे से बुलाया तो नेहा बिना किसी ना-नुकुर के उठ कर उसके पास आ गई, तो उसने सिगरेट का पुरा धुँआ नेहा के चेहरे पर छोड़ दिया। नेहा इधर-उधर मुह करने लगी और धुँआ उसकी सांसों में गया तो खाँसने लगी।
"क्या करते हो..."-नेहा के कुछ बोलने से पहले ही छेदी ने उठ कर उसके होठो को अपने होठो से सील कर दिया और सिगरेट का धुंआ धीरे-धीरे उसकी सांसो में घुलने लगा नेहा को पता ही नहीं चला की कब धुँआ छेदी के मुह से होता हुआ उसकी नाक से बहार जा रहा है। नेहा को ऐसा लगा की जैसे उसने ही सिगरेट पी है उसके होठो को अच्छी तरह से पीने के बाद उसने नेहा को छोड़ दिया। नेहा ने बनावटी गुस्से से देखा और अपनी जगह पर बैठ गई ग्लास उठा कर पीने लगी।
उधर सावी निशित को ले कर बाथरूम जा रही थी तब निशित का हाथ उसकी कमर से हो कर उसकी गाण पर आ गया था। वो उसकी गाण को सहलाता हुआ वॉशरूम तक गया और खुले वॉशरूम में मुतने लगा। वो नशे में धूत हो चुका था काफ़ी देर तक मुतने के बाद वो लंड को बिना अपनी पैन्ट में डाले ही घूम गया और बोला-
"सावी डार्लिंग इसको अन्दर करदो प्लीज।"
सावी मुस्करायी और आगे बढ़कर उसके लंड को पकड़ लिया और प्यार से सहलाने लगी।
सावी- "क्या निशित बाबू कितना पीते हो की अपने लण्ड को भी नहीं कर सकते?”
वो धीरे-धीरे उसके लंड को सेहला रही थी।
सावी- "अब चलो देखो कहीं छेदी ने नेहा को चोदना तो शुरू नहीं कर दिया।"
निशित ने सुना तो नशे में भी उसके रोंगटे खड़े हो गए उसका लंड एकदम से टाइट हो गया वो दोनो वही एक-दुसरे को किस करने लगे। सावी निशित के मुह में अपनी जीभ डाल दी, जिसे निशित बड़े प्यार से चुस रहा था फिर सावी ने निशित को अपने से अलग किया और दोनों लिविंग रूम की तरफ आने लगे।
इधर छेदी तीन बार और नेहा को नचा चुका था। नेहा को भी काफ़ी नशा हो चुका था, और नाचने की वजह से वो पसीना-पसीना हो गयी थी। निशित और सावी के आने की आहट सुन कर छेदी ने अपने लंड को थोड़ा सा अन्दर कर लिया।
निशित जैसे ही आकार बैठा छेदी ने एक बड़ा सा ग्लास उसकी ओर बढ़ा दिया।
निशित- "अरे छेदी तुमने तो आज मुझे बहुत पिला दिया।"
नेहा- "और देखो न निशित मुझे कितनी बार नचा दिया है, छेदी ने?"
छेदी- "अरे भाभी मैंने थोड़े नचाया वो तो जितने चौके लगे उतनी बार आपको नाचना ही था।"
नेहा- “पर अब बस मैं ठक गई हूं"।
छेदी- "कोई बात नहीं निशित बाबू आप कहे तो खाना लगवा दे।"
"हम्म लगवा दो।" झुकी झुकी आंखों से निशित किसी तरह से बोल पाया।
छेदी- "चलो भाभीजी हम लोग खाना लगाते हैं।"
सावी तु निशित बाबू का ध्यान रखना कहीं सो ना जाये। छेदी उठ कर नेहा के पास आया और निशित के सामने ही उसका हाथ पकड़ कर उठा लिया। नेहा नशे में उत्साहित थी फिर भी निशित के सामने थोड़ी झिझक थी उसे छेदी से हाथ छुड़ाने की कोशिश की पर छेदी ने ऐसा होने नहीं दिया तब तक सावी निशित के पास आ कर बैठ गयी।
अब देखिये आगे क्या होगा?
छेदी किस तरह से नेहा को चोदेगा?
छेदी और सावी मिलकर नेहा को गाँव ले जाने के लिये कैसे मनायेगें?
कहानी के अगले भाग का इन्तजार किजिये------------