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Incest मेरी बीवियां, परिवार..…और बहुत लोग…

insotter

👑
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9th Update: (Introduction of new Characters)

अगली सुबह दीपू भी सुस्ताते हुए उठता है और फ्रेश हो कर किचन में जाता है तो आज देखता है की दिव्या चाय बना रही है. दीपू दिव्या से पूछता है की माँ कहाँ है तो वो कहती है की आज वो जल्दी उठ गयी है तो चाय बनाने आ गयी है. दीपू दिव्या के पीछे जा कर खड़ा हो जाता है और उसे पीछे से बाहों में लेकर उसके गले को चूमते हुए उसकी मस्त चूची को दबाते हुए कहता है कल उसे केक खाने में बहुत मजा आया.

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उसकी चूची दबने से दिव्या बहक जाती है लेकिन फिर अपने आप को संभाल कर दीपू से कहती है.

दिव्या: दीपू मेरी एक बात मानेगा क्या?

दीपू: क्या मौसी?

दिव्या: येही की ये जो तू कर रहा है ना थोड़े दिन रुक जा शादी तक. शादी के बाद जितना दबाना है मैं तुझे रोकूंगी नहीं. दीपू को भी लगता है की वो थोड़ा जल्दी कर रहा है तो वो उसके कान में हाँ कह देता है और कहता है की आप सही कह रही हो. मैं भी जल्दी नहीं करना चाहता.. बस ऐसे ही मजे ले रहा था..लेकिन अब सब शादी के बाद और कहता है शादी के बाद तो रोज़ दबाएगा और उसकी लेगा तो दिव्या कहती है की मैं भी उतनी ही उतावली हूँ और हस देती है.

दीपू अपना हाथ ले जाकर उसके पेट के ऊपर रखता है तो कहता है ये ठीक नहीं है. दिव्या को समझ में नहीं आता की दीपू क्या कह रहा है तो दिव्या पलट कर दीपू को देखते हुए सवालिया नज़रों से पूछती है तो दीपू हस देता है और फिर अपने घुटनों पे आकर उसकी साडी को कमर से पकड़ कर ३ इंच नीचे सरकाता है तो उसकी साडी भी थोड़ा नीचे हो जाती है जिस वजह से उसके गहरी नाभि नज़र आती है.

उसकी नाभि को देख कर दीपू दिव्या की आँखों में देखकर कहता है बस एक बार लेकिन इसके बाद सिर्फ शादी के बाद और ऐसा कहते हुए उसपे एक गहरा किस करता है तो दिव्या की जैसे सांस रुक जाती है और मदहोशी में दीपू से कहती है की और ना कर.. वरना बहक जायेगी और वो अपना काम नहीं कर पाएगी तो दीपू हस देता है और फिर खड़ा हो जाता है.

इतने में वहां वसु आ जाती है और दोनों को देख कर कहती है की क्या हो रहा है?

दिव्या: देखो ना दीदी ये क्या कर रहा है.. वसु दिव्या से पूछती है तो दिव्या अपनी साडी पे इशारा कर के कहती है की इसने मेरी साडी नीचे खसका दी है और नाभि के नीचे बाँधने को कह रहा है.

दीपू: दोनों को देख कर.. मेरी होने वाली बीवी थोड़ी सेक्सी दिखनी चाहिए ना ख़ास कर के घर में.. इसीलिए ऐसा किया तो वो वसु को आँख मार देता है.

वसु: चुप कर.. अभी कुछ हुआ भी नहीं और तू हमें अपनी बीवी बोल रहा है.

दीपू: मुझे पता है की आप नाना नानी को मना लोगी और आखिर में जो हम सब के भाग्य में लिखा है वही होने वाला है.

वसु: हाँ बात भी सही है.

दीपू: वैसे एक बात कहूँ तुम दोनों से..

वसु; बोल ना इसमें झिजाहकने की क्या बात है..

दीपू: मैं चाहता हूँ की जब हमारी शादी हो जाए तो हम सब घर में खुल के रहे और ना ही कोई हिचखीचत हो.

वसु: मतलब?

दीपू: मतलब ये की बातें ख़ास तौर पे कमरे में खुल के हो.. नाकि झिझक के साथ खासकर के जब हम एक दुसरे के करीब आएंगे और एक होंगे जैसे हमारे गुप्तांगो के वर्णन के बारे में , इत्यादि..

दीपू जब ये बात दोनों को बोलता है तो दोनों अपना मुँह खुला का खुला रखते है और अपनी नज़रें झुका लेते है.

दीपू हस्ता है और दिव्या की गांड दबाते हुए कहता है

दीपू: मौसी अभी मैं आपको मौसी ही कहूंगा.. लेकिन शादी के बात नाम से पुकारूंगा. तो मौसी आपको पता है ना की सुहागरात में क्या होता है और दिव्या को आँख मार देता है.

दिव्या कुछ नहीं कहती तो दीपू कहता है.. मैं येही कह रहा था की शर्माना छोड़ दो तो सभी को मज़ा आएगा.

दिव्या: हाँ, समझ में आया है

दीपू: चलो अच्छी बात है. अगर पता नहीं है तो अपनी बेहन से पूछ लेना और दोनों को आँख मार के वहां से बाहर निकल जाता है.

उसके जाने के बाद वसु कहती है की दीपू अब बहुत ठरकी हो गया है तो दिव्या कहती है क्यों नहीं वो तो जवान है और उबलता हुआ खून है और जब दो गदराये बदन की औरतें उसकी बीवी बनेगी तो वो ठरकी तो होगा ही.

वसु: हाँ तू सही कह रही है. वैसे तू भी कम नहीं है उसके साथ जो मजे ले रही थी मेरे आने से पहले और हस देती है.

दिव्या भी मजाक में: मेरी जगह तू होती तो शायद तू और भी कुछ ज़्यादा ही कर लेती उसके साथ और वसु की गांड में हल्का सा चपत मारती है.

वसु: आउच.. चल हट और जल्दी से चाय बना. इतने में निशा भी वहां आ जाती है और सुस्ती लेते हुए वो भी चाय मांगती है.

फिर सब लोग चाय पीकर अपने काम में लग जाते है. फिर सब कुछ २ दिन तक शांत रहता और लोग अपने काम में बिजी रहते है. २ दिन बाद वसु के पिताजी का वसु को फ़ोन आता है और वो दिव्या के बारे में चिंता जताते है.

पिताजी: बेटा , कैसी हो?

वसु: मैं ठीक हूँ पिताजी.. आप और मम्मी कैसे है? भाई कैसा है? भाभी कैसी है?

पिताजी: सब ठीक है बेटा, तुझे तो पता है मुझे और तेरी मम्मी को एक ही बात की चिंता सताये रहती है. अब हमारी उम्र भी हो गयी है. अगर उसकी की शादी हो जाए तो हम गंगा नाहा ले.

वसु कुछ सोचती है और कहती है की पिताजी मुझे इसके बारे में आप और मम्मी से बात करनी है..मैं और छोटी २ दिन में आपके पास आते है और फिर सब बातें करते है.

पिताजी: ठीक है आ जाओ. तुम सब का इंतज़ार करेंगे.



नए पात्र:

नाना: उनकी उम्र हो गयी है.. बूढ़े हो गए है और अब वो अपनी आखरी चरण में है. बस उनको दो ही चिंता है की वो जाने से पहले अपनी बेटी दिव्या की शादी हो जाए और अपने वारिस को भी देखे क्यूंकि उसके लड़के को कोई औलाद नहीं थी. लेकिन अब उनकी तबियत खराब हो रही है और उन्हें इन दोनों में से कोई भी बात जल्दी बनते नज़र नहीं आ रही थी. इसी वजह से वो हमेशा चिंता में रहते है जिसके चलते उनकी हालत रोज़ ख़राब हो रही है.

नानी: उनका भी यही हाल है.. ये भी अब बूढ़ी हो गयी है और अब वो घर में ही रहती है. इन दोनों के ४ बच्चे है.

२ को तो आपने देख ही लिया है (वसु और दिव्या)

बेटा मनोज : ३५ साल. इसकी शादी हो गयी है. वो एक केमिकल कंपनी में काम करता है. शादी होकर ५ साल हो गए है लेकिन कोई बच्चा नहीं है.

मीना: ये मनोज की पत्नी है. 26 साल फिग: ३४/३०/४० - ये भी मस्त कामुक महिला है और हमेशा गरम रहती है. उसे दुःख है की उसका पति अब उसे संतुष्ट नहीं कर पाता क्यों की उसका पति का अब खड़ा नहीं होता है. शादी के १- २ साल दोनों ने बहुत मजे किये थे और सोचा था की तीसरे साल वो बच्चा जनेगी. लेकिन एक दिन कंपनी में काम करते वक़्त उसके पति को चोट लग गयी थी. तब से उसमें दम नहीं था जो मीना चाहती थी.

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दोनों में थोड़ा उम्र में गैप था लेकिन उनकी वो दोनों एक दुसरे को (शादी से पहले) पसंद करते थे तो दोनों की शादी हो गयी.

कविता: 44 Yrs - ये मीना की माँ है. विधवा है और उसका घर मीना के घर के पास ही है.

कविता: ३४/३०/४०

उम्र 42 है लेकिन अभी भी 35 से ज़्यादा दिखती नहीं है. ये मस्त बदन की मालिक है…उठे हुए भरी चूचियां और सब से जान लेवा उसकी उभरी हुई गांड जो लोगों को उत्तेजित करने से रोकती नहीं थी. .. चाहे जवान हो या फिर बूढ़े.. सब उसको देख कर आहें भारते थे.

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उसकी शादी जल्दी हो गयी थी और उसे मीना भी जल्दी ही पैदा हो गयी थी. वो भी एकदम भरे बदन की मालकिन है. वसु की तरह अपने जवानी पे चरम पे है लेकिन इसे संतुष्ट करने वाला कोई नहीं है. उसका पति मरने से पहले कुछ पैसे रखे थे. और उसके मरने के बाद इन्शुरन्स कंपनी से भी अच्छे पैसे मिले थे. उसी से वो गुज़ारा करती है. वो भी चाहती है की वो भी जल्दी नानी बन जाए लेकिन अभी तक वो बन नहीं पायी. उसकी हमेशा से ही इच्छा थी की वो और बच्चों की माँ बने लेकिन समय से पहले ही उसका पति मर गया और वो बाहर मुँह नहीं मारना चाहती थी. ये बात मीना को भी पता था की उसकी माँ और बच्चे चाहती थी (कविता ने उसे बताया था).. लेकिन ना ही वो हो पाया और ना ही वो नानी बन पा रही है जिससे दोनों थोड़े दुखी थे.

और आखरी में सबसे छोटी लड़की जिसका नाम रानी था. जैसा उसका नाम था वो भी एकदम महारानी की तरह दिखती थी. सुन्दर हसमुख चेहरा और अपनों का ख्याल रखने वाली.वो भी एक मस्त बदन की मालिक थी. ३२/३०/४०. उसके चुके थोड़े छोटे थे लेकिन एकदम सुडोल और हमेशा तने रहते थे. उसकी गांड भी जान लेवा थी. वो अपनी बेहन दिव्या से पहले शादी नहीं करना चाहती थी लेकिन सब के कहने पे उसे शादी करनी पड़ी. वो बगल के गाँव में ही रहती है. उसकी शादी के एक साल में ही एक लड़की पैदा हुई थी लेकिन किस्मत उसे धोका दे गयी. वो लड़की पैदा होते ही कुछ complications की वजह से वो ज़्यादा दिन रह नहीं पायी और भगवन के घर चली गयी.

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रानी को इस हादसे से बहुत ज़्यादा झटका लगा और उसे इस पर से उभरने में बहुत समय लगा लेकिन समय और किस्मत के साथ उसने भी समझौता कर लिया और अपने पति के साथ ही रहती है लेकिन अभी भी वो बहुत चाहती थी की वो फिर से माँ बने. उसका पति भी चाहता था लेकिन पहले बच्चे के हादसे से वो मानसिक तौर पे बहुत घायल हो गया. रानी भी कामुक होने की वजह से वो भी दिन रात बिस्तर पे बहुत तड़पती थी. शायद ये उसके भाएगा में लिखा था.

लता: 32 Yrs.. ये दीपू की बुआ है. तलाक शुदा है और अपने भाई ( दीपू के चाचा) के साथ रहती है. चंचल है. ये भी भरे हुए बदन की मालिक है. इसकी शादी हो गयी थी लेकिन ये मस्त चुड़क्कड़ है. इसका पति शराबी था और ये लता जैसी कामुक और चुड़क्कड़ औरत को संतुष्ट नहीं कर पाता क्यूंकि वो हमेशा शराब में ही डूबा रहता था. लता से रहा नहीं गया और उसे छोड़ कर अपने भाई के पास आ गयी और वक़्त के साथ उसने उसको तलाक दे दिया और अपने कामाग्नि में जलती रहती है.

लता: ३४/३०/४०

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रामु: ये दीपू के चाचा है और दुसरे गाँव में काम करता है. अच्छे स्वाभाव का है और उसके भाई (दीपू का बाप) के मरने के बाद वो वो हमेशा वसु और बाकी सब से भी तालुकात बनाये रखा है और उनके हाल चाल की जानकारी रखता है.

राखी: ये रामु की पत्नी है. ३० साल की है और उसको एक छोटा लड़का है. उसे भी एक- दो और बच्चों की और चाहत है लेकिन रामु मना करता है. इसकी वजह से वो थोड़ा दुखी है. शादी से पहले वो थोड़ी पतली थी लेकिन बच्चा होने के बाद उसका भी बदन भर गया है. वो भी बहुत सेक्सी दिखती है. उठे हुए चूची मस्त गांड और हमेशा अच्छे से सज धज के रहने की इसकी ख्वाइश रहती है.

राखी: ३४/३०/४०

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आगे देखते है ये सब लोग कहानी में कैसे जुड़ते है... या फिर कौन और कब कोई दीपू के नीचे आता है :)
Bahut badiya update tha story me naye log fir to ab or jyada fun hoga
 

ayush01111

Well-Known Member
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9th Update: (Introduction of new Characters)

अगली सुबह दीपू भी सुस्ताते हुए उठता है और फ्रेश हो कर किचन में जाता है तो आज देखता है की दिव्या चाय बना रही है. दीपू दिव्या से पूछता है की माँ कहाँ है तो वो कहती है की आज वो जल्दी उठ गयी है तो चाय बनाने आ गयी है. दीपू दिव्या के पीछे जा कर खड़ा हो जाता है और उसे पीछे से बाहों में लेकर उसके गले को चूमते हुए उसकी मस्त चूची को दबाते हुए कहता है कल उसे केक खाने में बहुत मजा आया.

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उसकी चूची दबने से दिव्या बहक जाती है लेकिन फिर अपने आप को संभाल कर दीपू से कहती है.

दिव्या: दीपू मेरी एक बात मानेगा क्या?

दीपू: क्या मौसी?

दिव्या: येही की ये जो तू कर रहा है ना थोड़े दिन रुक जा शादी तक. शादी के बाद जितना दबाना है मैं तुझे रोकूंगी नहीं. दीपू को भी लगता है की वो थोड़ा जल्दी कर रहा है तो वो उसके कान में हाँ कह देता है और कहता है की आप सही कह रही हो. मैं भी जल्दी नहीं करना चाहता.. बस ऐसे ही मजे ले रहा था..लेकिन अब सब शादी के बाद और कहता है शादी के बाद तो रोज़ दबाएगा और उसकी लेगा तो दिव्या कहती है की मैं भी उतनी ही उतावली हूँ और हस देती है.

दीपू अपना हाथ ले जाकर उसके पेट के ऊपर रखता है तो कहता है ये ठीक नहीं है. दिव्या को समझ में नहीं आता की दीपू क्या कह रहा है तो दिव्या पलट कर दीपू को देखते हुए सवालिया नज़रों से पूछती है तो दीपू हस देता है और फिर अपने घुटनों पे आकर उसकी साडी को कमर से पकड़ कर ३ इंच नीचे सरकाता है तो उसकी साडी भी थोड़ा नीचे हो जाती है जिस वजह से उसके गहरी नाभि नज़र आती है.

उसकी नाभि को देख कर दीपू दिव्या की आँखों में देखकर कहता है बस एक बार लेकिन इसके बाद सिर्फ शादी के बाद और ऐसा कहते हुए उसपे एक गहरा किस करता है तो दिव्या की जैसे सांस रुक जाती है और मदहोशी में दीपू से कहती है की और ना कर.. वरना बहक जायेगी और वो अपना काम नहीं कर पाएगी तो दीपू हस देता है और फिर खड़ा हो जाता है.

इतने में वहां वसु आ जाती है और दोनों को देख कर कहती है की क्या हो रहा है?

दिव्या: देखो ना दीदी ये क्या कर रहा है.. वसु दिव्या से पूछती है तो दिव्या अपनी साडी पे इशारा कर के कहती है की इसने मेरी साडी नीचे खसका दी है और नाभि के नीचे बाँधने को कह रहा है.

दीपू: दोनों को देख कर.. मेरी होने वाली बीवी थोड़ी सेक्सी दिखनी चाहिए ना ख़ास कर के घर में.. इसीलिए ऐसा किया तो वो वसु को आँख मार देता है.

वसु: चुप कर.. अभी कुछ हुआ भी नहीं और तू हमें अपनी बीवी बोल रहा है.

दीपू: मुझे पता है की आप नाना नानी को मना लोगी और आखिर में जो हम सब के भाग्य में लिखा है वही होने वाला है.

वसु: हाँ बात भी सही है.

दीपू: वैसे एक बात कहूँ तुम दोनों से..

वसु; बोल ना इसमें झिजाहकने की क्या बात है..

दीपू: मैं चाहता हूँ की जब हमारी शादी हो जाए तो हम सब घर में खुल के रहे और ना ही कोई हिचखीचत हो.

वसु: मतलब?

दीपू: मतलब ये की बातें ख़ास तौर पे कमरे में खुल के हो.. नाकि झिझक के साथ खासकर के जब हम एक दुसरे के करीब आएंगे और एक होंगे जैसे हमारे गुप्तांगो के वर्णन के बारे में , इत्यादि..

दीपू जब ये बात दोनों को बोलता है तो दोनों अपना मुँह खुला का खुला रखते है और अपनी नज़रें झुका लेते है.

दीपू हस्ता है और दिव्या की गांड दबाते हुए कहता है

दीपू: मौसी अभी मैं आपको मौसी ही कहूंगा.. लेकिन शादी के बात नाम से पुकारूंगा. तो मौसी आपको पता है ना की सुहागरात में क्या होता है और दिव्या को आँख मार देता है.

दिव्या कुछ नहीं कहती तो दीपू कहता है.. मैं येही कह रहा था की शर्माना छोड़ दो तो सभी को मज़ा आएगा.

दिव्या: हाँ, समझ में आया है

दीपू: चलो अच्छी बात है. अगर पता नहीं है तो अपनी बेहन से पूछ लेना और दोनों को आँख मार के वहां से बाहर निकल जाता है.

उसके जाने के बाद वसु कहती है की दीपू अब बहुत ठरकी हो गया है तो दिव्या कहती है क्यों नहीं वो तो जवान है और उबलता हुआ खून है और जब दो गदराये बदन की औरतें उसकी बीवी बनेगी तो वो ठरकी तो होगा ही.

वसु: हाँ तू सही कह रही है. वैसे तू भी कम नहीं है उसके साथ जो मजे ले रही थी मेरे आने से पहले और हस देती है.

दिव्या भी मजाक में: मेरी जगह तू होती तो शायद तू और भी कुछ ज़्यादा ही कर लेती उसके साथ और वसु की गांड में हल्का सा चपत मारती है.

वसु: आउच.. चल हट और जल्दी से चाय बना. इतने में निशा भी वहां आ जाती है और सुस्ती लेते हुए वो भी चाय मांगती है.

फिर सब लोग चाय पीकर अपने काम में लग जाते है. फिर सब कुछ २ दिन तक शांत रहता और लोग अपने काम में बिजी रहते है. २ दिन बाद वसु के पिताजी का वसु को फ़ोन आता है और वो दिव्या के बारे में चिंता जताते है.

पिताजी: बेटा , कैसी हो?

वसु: मैं ठीक हूँ पिताजी.. आप और मम्मी कैसे है? भाई कैसा है? भाभी कैसी है?

पिताजी: सब ठीक है बेटा, तुझे तो पता है मुझे और तेरी मम्मी को एक ही बात की चिंता सताये रहती है. अब हमारी उम्र भी हो गयी है. अगर उसकी की शादी हो जाए तो हम गंगा नाहा ले.

वसु कुछ सोचती है और कहती है की पिताजी मुझे इसके बारे में आप और मम्मी से बात करनी है..मैं और छोटी २ दिन में आपके पास आते है और फिर सब बातें करते है.

पिताजी: ठीक है आ जाओ. तुम सब का इंतज़ार करेंगे.



नए पात्र:

नाना: उनकी उम्र हो गयी है.. बूढ़े हो गए है और अब वो अपनी आखरी चरण में है. बस उनको दो ही चिंता है की वो जाने से पहले अपनी बेटी दिव्या की शादी हो जाए और अपने वारिस को भी देखे क्यूंकि उसके लड़के को कोई औलाद नहीं थी. लेकिन अब उनकी तबियत खराब हो रही है और उन्हें इन दोनों में से कोई भी बात जल्दी बनते नज़र नहीं आ रही थी. इसी वजह से वो हमेशा चिंता में रहते है जिसके चलते उनकी हालत रोज़ ख़राब हो रही है.

नानी: उनका भी यही हाल है.. ये भी अब बूढ़ी हो गयी है और अब वो घर में ही रहती है. इन दोनों के ४ बच्चे है.

२ को तो आपने देख ही लिया है (वसु और दिव्या)

बेटा मनोज : ३५ साल. इसकी शादी हो गयी है. वो एक केमिकल कंपनी में काम करता है. शादी होकर ५ साल हो गए है लेकिन कोई बच्चा नहीं है.

मीना: ये मनोज की पत्नी है. 26 साल फिग: ३४/३०/४० - ये भी मस्त कामुक महिला है और हमेशा गरम रहती है. उसे दुःख है की उसका पति अब उसे संतुष्ट नहीं कर पाता क्यों की उसका पति का अब खड़ा नहीं होता है. शादी के १- २ साल दोनों ने बहुत मजे किये थे और सोचा था की तीसरे साल वो बच्चा जनेगी. लेकिन एक दिन कंपनी में काम करते वक़्त उसके पति को चोट लग गयी थी. तब से उसमें दम नहीं था जो मीना चाहती थी.

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दोनों में थोड़ा उम्र में गैप था लेकिन उनकी वो दोनों एक दुसरे को (शादी से पहले) पसंद करते थे तो दोनों की शादी हो गयी.

कविता: 44 Yrs - ये मीना की माँ है. विधवा है और उसका घर मीना के घर के पास ही है.

कविता: ३४/३०/४०

उम्र 42 है लेकिन अभी भी 35 से ज़्यादा दिखती नहीं है. ये मस्त बदन की मालिक है…उठे हुए भरी चूचियां और सब से जान लेवा उसकी उभरी हुई गांड जो लोगों को उत्तेजित करने से रोकती नहीं थी. .. चाहे जवान हो या फिर बूढ़े.. सब उसको देख कर आहें भारते थे.

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उसकी शादी जल्दी हो गयी थी और उसे मीना भी जल्दी ही पैदा हो गयी थी. वो भी एकदम भरे बदन की मालकिन है. वसु की तरह अपने जवानी पे चरम पे है लेकिन इसे संतुष्ट करने वाला कोई नहीं है. उसका पति मरने से पहले कुछ पैसे रखे थे. और उसके मरने के बाद इन्शुरन्स कंपनी से भी अच्छे पैसे मिले थे. उसी से वो गुज़ारा करती है. वो भी चाहती है की वो भी जल्दी नानी बन जाए लेकिन अभी तक वो बन नहीं पायी. उसकी हमेशा से ही इच्छा थी की वो और बच्चों की माँ बने लेकिन समय से पहले ही उसका पति मर गया और वो बाहर मुँह नहीं मारना चाहती थी. ये बात मीना को भी पता था की उसकी माँ और बच्चे चाहती थी (कविता ने उसे बताया था).. लेकिन ना ही वो हो पाया और ना ही वो नानी बन पा रही है जिससे दोनों थोड़े दुखी थे.

और आखरी में सबसे छोटी लड़की जिसका नाम रानी था. जैसा उसका नाम था वो भी एकदम महारानी की तरह दिखती थी. सुन्दर हसमुख चेहरा और अपनों का ख्याल रखने वाली.वो भी एक मस्त बदन की मालिक थी. ३२/३०/४०. उसके चुके थोड़े छोटे थे लेकिन एकदम सुडोल और हमेशा तने रहते थे. उसकी गांड भी जान लेवा थी. वो अपनी बेहन दिव्या से पहले शादी नहीं करना चाहती थी लेकिन सब के कहने पे उसे शादी करनी पड़ी. वो बगल के गाँव में ही रहती है. उसकी शादी के एक साल में ही एक लड़की पैदा हुई थी लेकिन किस्मत उसे धोका दे गयी. वो लड़की पैदा होते ही कुछ complications की वजह से वो ज़्यादा दिन रह नहीं पायी और भगवन के घर चली गयी.

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रानी को इस हादसे से बहुत ज़्यादा झटका लगा और उसे इस पर से उभरने में बहुत समय लगा लेकिन समय और किस्मत के साथ उसने भी समझौता कर लिया और अपने पति के साथ ही रहती है लेकिन अभी भी वो बहुत चाहती थी की वो फिर से माँ बने. उसका पति भी चाहता था लेकिन पहले बच्चे के हादसे से वो मानसिक तौर पे बहुत घायल हो गया. रानी भी कामुक होने की वजह से वो भी दिन रात बिस्तर पे बहुत तड़पती थी. शायद ये उसके भाएगा में लिखा था.

लता: 32 Yrs.. ये दीपू की बुआ है. तलाक शुदा है और अपने भाई ( दीपू के चाचा) के साथ रहती है. चंचल है. ये भी भरे हुए बदन की मालिक है. इसकी शादी हो गयी थी लेकिन ये मस्त चुड़क्कड़ है. इसका पति शराबी था और ये लता जैसी कामुक और चुड़क्कड़ औरत को संतुष्ट नहीं कर पाता क्यूंकि वो हमेशा शराब में ही डूबा रहता था. लता से रहा नहीं गया और उसे छोड़ कर अपने भाई के पास आ गयी और वक़्त के साथ उसने उसको तलाक दे दिया और अपने कामाग्नि में जलती रहती है.

लता: ३४/३०/४०

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रामु: ये दीपू के चाचा है और दुसरे गाँव में काम करता है. अच्छे स्वाभाव का है और उसके भाई (दीपू का बाप) के मरने के बाद वो वो हमेशा वसु और बाकी सब से भी तालुकात बनाये रखा है और उनके हाल चाल की जानकारी रखता है.

राखी: ये रामु की पत्नी है. ३० साल की है और उसको एक छोटा लड़का है. उसे भी एक- दो और बच्चों की और चाहत है लेकिन रामु मना करता है. इसकी वजह से वो थोड़ा दुखी है. शादी से पहले वो थोड़ी पतली थी लेकिन बच्चा होने के बाद उसका भी बदन भर गया है. वो भी बहुत सेक्सी दिखती है. उठे हुए चूची मस्त गांड और हमेशा अच्छे से सज धज के रहने की इसकी ख्वाइश रहती है.

राखी: ३४/३०/४०

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आगे देखते है ये सब लोग कहानी में कैसे जुड़ते है... या फिर कौन और कब कोई दीपू के नीचे आता है :)
Bhai itne sari now i am jelous 2-4 chalti hai itni sari nahi
 

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अगली सुबह दीपू भी सुस्ताते हुए उठता है और फ्रेश हो कर किचन में जाता है तो आज देखता है की दिव्या चाय बना रही है. दीपू दिव्या से पूछता है की माँ कहाँ है तो वो कहती है की आज वो जल्दी उठ गयी है तो चाय बनाने आ गयी है. दीपू दिव्या के पीछे जा कर खड़ा हो जाता है और उसे पीछे से बाहों में लेकर उसके गले को चूमते हुए उसकी मस्त चूची को दबाते हुए कहता है कल उसे केक खाने में बहुत मजा आया.

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उसकी चूची दबने से दिव्या बहक जाती है लेकिन फिर अपने आप को संभाल कर दीपू से कहती है.

दिव्या: दीपू मेरी एक बात मानेगा क्या?

दीपू: क्या मौसी?

दिव्या: येही की ये जो तू कर रहा है ना थोड़े दिन रुक जा शादी तक. शादी के बाद जितना दबाना है मैं तुझे रोकूंगी नहीं. दीपू को भी लगता है की वो थोड़ा जल्दी कर रहा है तो वो उसके कान में हाँ कह देता है और कहता है की आप सही कह रही हो. मैं भी जल्दी नहीं करना चाहता.. बस ऐसे ही मजे ले रहा था..लेकिन अब सब शादी के बाद और कहता है शादी के बाद तो रोज़ दबाएगा और उसकी लेगा तो दिव्या कहती है की मैं भी उतनी ही उतावली हूँ और हस देती है.

दीपू अपना हाथ ले जाकर उसके पेट के ऊपर रखता है तो कहता है ये ठीक नहीं है. दिव्या को समझ में नहीं आता की दीपू क्या कह रहा है तो दिव्या पलट कर दीपू को देखते हुए सवालिया नज़रों से पूछती है तो दीपू हस देता है और फिर अपने घुटनों पे आकर उसकी साडी को कमर से पकड़ कर ३ इंच नीचे सरकाता है तो उसकी साडी भी थोड़ा नीचे हो जाती है जिस वजह से उसके गहरी नाभि नज़र आती है.

उसकी नाभि को देख कर दीपू दिव्या की आँखों में देखकर कहता है बस एक बार लेकिन इसके बाद सिर्फ शादी के बाद और ऐसा कहते हुए उसपे एक गहरा किस करता है तो दिव्या की जैसे सांस रुक जाती है और मदहोशी में दीपू से कहती है की और ना कर.. वरना बहक जायेगी और वो अपना काम नहीं कर पाएगी तो दीपू हस देता है और फिर खड़ा हो जाता है.

इतने में वहां वसु आ जाती है और दोनों को देख कर कहती है की क्या हो रहा है?

दिव्या: देखो ना दीदी ये क्या कर रहा है.. वसु दिव्या से पूछती है तो दिव्या अपनी साडी पे इशारा कर के कहती है की इसने मेरी साडी नीचे खसका दी है और नाभि के नीचे बाँधने को कह रहा है.

दीपू: दोनों को देख कर.. मेरी होने वाली बीवी थोड़ी सेक्सी दिखनी चाहिए ना ख़ास कर के घर में.. इसीलिए ऐसा किया तो वो वसु को आँख मार देता है.

वसु: चुप कर.. अभी कुछ हुआ भी नहीं और तू हमें अपनी बीवी बोल रहा है.

दीपू: मुझे पता है की आप नाना नानी को मना लोगी और आखिर में जो हम सब के भाग्य में लिखा है वही होने वाला है.

वसु: हाँ बात भी सही है.

दीपू: वैसे एक बात कहूँ तुम दोनों से..

वसु; बोल ना इसमें झिजाहकने की क्या बात है..

दीपू: मैं चाहता हूँ की जब हमारी शादी हो जाए तो हम सब घर में खुल के रहे और ना ही कोई हिचखीचत हो.

वसु: मतलब?

दीपू: मतलब ये की बातें ख़ास तौर पे कमरे में खुल के हो.. नाकि झिझक के साथ खासकर के जब हम एक दुसरे के करीब आएंगे और एक होंगे जैसे हमारे गुप्तांगो के वर्णन के बारे में , इत्यादि..

दीपू जब ये बात दोनों को बोलता है तो दोनों अपना मुँह खुला का खुला रखते है और अपनी नज़रें झुका लेते है.

दीपू हस्ता है और दिव्या की गांड दबाते हुए कहता है

दीपू: मौसी अभी मैं आपको मौसी ही कहूंगा.. लेकिन शादी के बात नाम से पुकारूंगा. तो मौसी आपको पता है ना की सुहागरात में क्या होता है और दिव्या को आँख मार देता है.

दिव्या कुछ नहीं कहती तो दीपू कहता है.. मैं येही कह रहा था की शर्माना छोड़ दो तो सभी को मज़ा आएगा.

दिव्या: हाँ, समझ में आया है

दीपू: चलो अच्छी बात है. अगर पता नहीं है तो अपनी बेहन से पूछ लेना और दोनों को आँख मार के वहां से बाहर निकल जाता है.

उसके जाने के बाद वसु कहती है की दीपू अब बहुत ठरकी हो गया है तो दिव्या कहती है क्यों नहीं वो तो जवान है और उबलता हुआ खून है और जब दो गदराये बदन की औरतें उसकी बीवी बनेगी तो वो ठरकी तो होगा ही.

वसु: हाँ तू सही कह रही है. वैसे तू भी कम नहीं है उसके साथ जो मजे ले रही थी मेरे आने से पहले और हस देती है.

दिव्या भी मजाक में: मेरी जगह तू होती तो शायद तू और भी कुछ ज़्यादा ही कर लेती उसके साथ और वसु की गांड में हल्का सा चपत मारती है.

वसु: आउच.. चल हट और जल्दी से चाय बना. इतने में निशा भी वहां आ जाती है और सुस्ती लेते हुए वो भी चाय मांगती है.

फिर सब लोग चाय पीकर अपने काम में लग जाते है. फिर सब कुछ २ दिन तक शांत रहता और लोग अपने काम में बिजी रहते है. २ दिन बाद वसु के पिताजी का वसु को फ़ोन आता है और वो दिव्या के बारे में चिंता जताते है.

पिताजी: बेटा , कैसी हो?

वसु: मैं ठीक हूँ पिताजी.. आप और मम्मी कैसे है? भाई कैसा है? भाभी कैसी है?

पिताजी: सब ठीक है बेटा, तुझे तो पता है मुझे और तेरी मम्मी को एक ही बात की चिंता सताये रहती है. अब हमारी उम्र भी हो गयी है. अगर उसकी की शादी हो जाए तो हम गंगा नाहा ले.

वसु कुछ सोचती है और कहती है की पिताजी मुझे इसके बारे में आप और मम्मी से बात करनी है..मैं और छोटी २ दिन में आपके पास आते है और फिर सब बातें करते है.

पिताजी: ठीक है आ जाओ. तुम सब का इंतज़ार करेंगे.



नए पात्र:

नाना: उनकी उम्र हो गयी है.. बूढ़े हो गए है और अब वो अपनी आखरी चरण में है. बस उनको दो ही चिंता है की वो जाने से पहले अपनी बेटी दिव्या की शादी हो जाए और अपने वारिस को भी देखे क्यूंकि उसके लड़के को कोई औलाद नहीं थी. लेकिन अब उनकी तबियत खराब हो रही है और उन्हें इन दोनों में से कोई भी बात जल्दी बनते नज़र नहीं आ रही थी. इसी वजह से वो हमेशा चिंता में रहते है जिसके चलते उनकी हालत रोज़ ख़राब हो रही है.

नानी: उनका भी यही हाल है.. ये भी अब बूढ़ी हो गयी है और अब वो घर में ही रहती है. इन दोनों के ४ बच्चे है.

२ को तो आपने देख ही लिया है (वसु और दिव्या)

बेटा मनोज : ३५ साल. इसकी शादी हो गयी है. वो एक केमिकल कंपनी में काम करता है. शादी होकर ५ साल हो गए है लेकिन कोई बच्चा नहीं है.

मीना: ये मनोज की पत्नी है. 26 साल फिग: ३४/३०/४० - ये भी मस्त कामुक महिला है और हमेशा गरम रहती है. उसे दुःख है की उसका पति अब उसे संतुष्ट नहीं कर पाता क्यों की उसका पति का अब खड़ा नहीं होता है. शादी के १- २ साल दोनों ने बहुत मजे किये थे और सोचा था की तीसरे साल वो बच्चा जनेगी. लेकिन एक दिन कंपनी में काम करते वक़्त उसके पति को चोट लग गयी थी. तब से उसमें दम नहीं था जो मीना चाहती थी.

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दोनों में थोड़ा उम्र में गैप था लेकिन उनकी वो दोनों एक दुसरे को (शादी से पहले) पसंद करते थे तो दोनों की शादी हो गयी.

कविता: 44 Yrs - ये मीना की माँ है. विधवा है और उसका घर मीना के घर के पास ही है.

कविता: ३४/३०/४०

उम्र 42 है लेकिन अभी भी 35 से ज़्यादा दिखती नहीं है. ये मस्त बदन की मालिक है…उठे हुए भरी चूचियां और सब से जान लेवा उसकी उभरी हुई गांड जो लोगों को उत्तेजित करने से रोकती नहीं थी. .. चाहे जवान हो या फिर बूढ़े.. सब उसको देख कर आहें भारते थे.

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उसकी शादी जल्दी हो गयी थी और उसे मीना भी जल्दी ही पैदा हो गयी थी. वो भी एकदम भरे बदन की मालकिन है. वसु की तरह अपने जवानी पे चरम पे है लेकिन इसे संतुष्ट करने वाला कोई नहीं है. उसका पति मरने से पहले कुछ पैसे रखे थे. और उसके मरने के बाद इन्शुरन्स कंपनी से भी अच्छे पैसे मिले थे. उसी से वो गुज़ारा करती है. वो भी चाहती है की वो भी जल्दी नानी बन जाए लेकिन अभी तक वो बन नहीं पायी. उसकी हमेशा से ही इच्छा थी की वो और बच्चों की माँ बने लेकिन समय से पहले ही उसका पति मर गया और वो बाहर मुँह नहीं मारना चाहती थी. ये बात मीना को भी पता था की उसकी माँ और बच्चे चाहती थी (कविता ने उसे बताया था).. लेकिन ना ही वो हो पाया और ना ही वो नानी बन पा रही है जिससे दोनों थोड़े दुखी थे.

और आखरी में सबसे छोटी लड़की जिसका नाम रानी था. जैसा उसका नाम था वो भी एकदम महारानी की तरह दिखती थी. सुन्दर हसमुख चेहरा और अपनों का ख्याल रखने वाली.वो भी एक मस्त बदन की मालिक थी. ३२/३०/४०. उसके चुके थोड़े छोटे थे लेकिन एकदम सुडोल और हमेशा तने रहते थे. उसकी गांड भी जान लेवा थी. वो अपनी बेहन दिव्या से पहले शादी नहीं करना चाहती थी लेकिन सब के कहने पे उसे शादी करनी पड़ी. वो बगल के गाँव में ही रहती है. उसकी शादी के एक साल में ही एक लड़की पैदा हुई थी लेकिन किस्मत उसे धोका दे गयी. वो लड़की पैदा होते ही कुछ complications की वजह से वो ज़्यादा दिन रह नहीं पायी और भगवन के घर चली गयी.

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रानी को इस हादसे से बहुत ज़्यादा झटका लगा और उसे इस पर से उभरने में बहुत समय लगा लेकिन समय और किस्मत के साथ उसने भी समझौता कर लिया और अपने पति के साथ ही रहती है लेकिन अभी भी वो बहुत चाहती थी की वो फिर से माँ बने. उसका पति भी चाहता था लेकिन पहले बच्चे के हादसे से वो मानसिक तौर पे बहुत घायल हो गया. रानी भी कामुक होने की वजह से वो भी दिन रात बिस्तर पे बहुत तड़पती थी. शायद ये उसके भाएगा में लिखा था.

लता: 32 Yrs.. ये दीपू की बुआ है. तलाक शुदा है और अपने भाई ( दीपू के चाचा) के साथ रहती है. चंचल है. ये भी भरे हुए बदन की मालिक है. इसकी शादी हो गयी थी लेकिन ये मस्त चुड़क्कड़ है. इसका पति शराबी था और ये लता जैसी कामुक और चुड़क्कड़ औरत को संतुष्ट नहीं कर पाता क्यूंकि वो हमेशा शराब में ही डूबा रहता था. लता से रहा नहीं गया और उसे छोड़ कर अपने भाई के पास आ गयी और वक़्त के साथ उसने उसको तलाक दे दिया और अपने कामाग्नि में जलती रहती है.

लता: ३४/३०/४०

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रामु: ये दीपू के चाचा है और दुसरे गाँव में काम करता है. अच्छे स्वाभाव का है और उसके भाई (दीपू का बाप) के मरने के बाद वो वो हमेशा वसु और बाकी सब से भी तालुकात बनाये रखा है और उनके हाल चाल की जानकारी रखता है.

राखी: ये रामु की पत्नी है. ३० साल की है और उसको एक छोटा लड़का है. उसे भी एक- दो और बच्चों की और चाहत है लेकिन रामु मना करता है. इसकी वजह से वो थोड़ा दुखी है. शादी से पहले वो थोड़ी पतली थी लेकिन बच्चा होने के बाद उसका भी बदन भर गया है. वो भी बहुत सेक्सी दिखती है. उठे हुए चूची मस्त गांड और हमेशा अच्छे से सज धज के रहने की इसकी ख्वाइश रहती है.

राखी: ३४/३०/४०

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आगे देखते है ये सब लोग कहानी में कैसे जुड़ते है... या फिर कौन और कब कोई दीपू के नीचे आता है :)
बहोत खूब और बहोत बढ़िया


welcome तो नाना नानी परिवार -------------लगता है एक नयी कहानी भिशुरु होगी..............

लिखते रहिये और मनोरंजन देते रहिये .............
 
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