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Erotica मेरी बीवी अनुश्री

आपकी पसंदीदा कौन है?

  • अनुश्री

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  • रेखा

    Votes: 44 16.4%
  • अंब्दुल

    Votes: 57 21.2%
  • मिश्रा

    Votes: 18 6.7%
  • चाटर्जी -मुख़र्जी

    Votes: 28 10.4%
  • फारुख

    Votes: 12 4.5%

  • Total voters
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306
403
64


Try this story...
Summery : yeh kahani ek bhai ki hai jo apni bhen ko chup kar nigrani karta hai ..unka picha karta hai .. kahi unki behan ka kisi ke sath chakkar toh nhi chal raha ... Or ek din wo esi chij dekhta hai apni bheno ke bare main jis se wo puri tarah change ho jata hai ....

This story is about a brother who secretly show his sister... follows them... is his sister having an affair with someone... and one day he sees the samething happening with his sisters
 

Aagasyta (Y. A.)

𝕿𝖍𝖊 𝕾𝖎𝖓 𝕺𝖋 𝕻𝖗𝖎𝖉𝖊..
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Hello everyone!
We are thrilled to present the annual story contest of XForum!
"The Ultimate Story Contest" (USC).

"Win cash prizes up to Rs 8500!"


Jaisa ki aap sabko maloom hai abhi pichhle hafte hi humne USC ki announcement ki hai or abhi kuch time pehle Rules and Queries thread bhi open kiya hai or Chit Chat thread toh pehle se hi Hindi section mein khula hai.

Well iske baare mein thoda aapko bata dun ye ek short story contest hai jisme aap kisi bhi prefix ki short story post kar sakte ho, jo minimum 700 words and maximum 8000 words ke bich honi chahiye (Story ke words count karne ke liye is tool ka use kare — Characters Tool) . Isliye main aapko invitation deta hun ki aap is contest mein apne khayaalon ko shabdon kaa roop dekar isme apni stories daalein jisko poora XForum dekhega, Ye ek bahot accha kadam hoga aapke or aapki stories ke liye kyunki USC ki stories ko poore XForum ke readers read karte hain.. Aap XForum ke sarvashreshth lekhakon mein se ek hain. aur aapki kahani bhi bahut acchi chal rahi hai. Isliye hum aapse USC ke liye ek chhoti kahani likhne ka anurodh karte hain. hum jaante hain ki aapke paas samay ki kami hai lekin iske bawajood hum ye bhi jaante hain ki aapke liye kuch bhi asambhav nahi hai.

Aur jo readers likhna nahi chahte woh bhi is contest mein participate kar sakte hain "Best Readers Award" ke liye. Aapko bas karna ye hoga ki contest mein posted stories ko read karke unke upar apne views dene honge.

Winning Writer's ko well deserved Cash Awards milenge, uske alawa aapko apna thread apne section mein sticky karne ka mouka bhi milega taaki aapka thread top par rahe uss dauraan. Isliye aapsab ke liye ye ek behtareen mouka hai XForum ke sabhi readers ke upar apni chhaap chhodne ka or apni reach badhaane kaa.. Ye aap sabhi ke liye ek bahut hi sunehra avsar hai apni kalpanao ko shabdon ka raasta dikha ke yahan pesh karne ka. Isliye aage badhe aur apni kalpanao ko shabdon mein likhkar duniya ko dikha de.

Entry thread 25th March ko open ho chuka matlab aap apni story daalna shuru kar sakte hain or woh thread 25th April 2025 tak open rahega is dauraan aap apni story post kar sakte hain. Isliye aap abhi se apni Kahaani likhna shuru kardein toh aapke liye better rahega.

Aur haan! Kahani ko sirf ek hi post mein post kiya jaana chahiye. Kyunki ye ek short story contest hai jiska matlab hai ki hum kewal chhoti kahaniyon ki ummeed kar rahe hain. Isliye apni kahani ko kayi post / bhaagon mein post karne ki anumati nahi hai. Agar koi bhi issue ho toh aap kisi bhi staff member ko Message kar sakte hain.

Important Links:
- Chit Chat Thread (For discussions)
- Review Thread (For reviews)
- Rules & Queries Thread (For contest details)
- Entry Thread (To submit your story)

Prizes
Position Rewards
Winner 3500 ₹ + image Award + 7000 Likes + 30-day Sticky Thread (Stories)
1st Runner-Up 2000 ₹ + image1 Award + 5000 Likes + 15-day Sticky Thread (Stories)
2nd Runner-Up 1000 ₹ + 3000 Likes + 7-day Sticky Thread (Stories)
3rd Runner-Up 500 ₹ + 3000 Likes
Best Supporting Reader (Top 3) 500 ₹ (Each) + image2 Award + 1000 Likes
Reporting Plagiarized Stories imag3 200 Likes per valid report


Regards, XForum Staff
 
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mastmast123

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Nice update. Anushri in a sticky situation.
 
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mastmast123

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अपडेट -3
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अरे जल्दी चढ़िए मैडम ट्रैन छूट जाएगी" पीछे से एक जोड़ी हाथो ने अनुश्री को पीछे से लगभग उसके नितम्भो को भींचते हुए आगे धक्का दे के ट्राई के D1 डब्बे मे चढ़ा दिया.
अनुश्री की बड़ी गांड को इस तरह भींचा गया था की एक बार को उसके मुँह से चीख ही निकल पड़ी.
आआहहहह......बदतमीज़ी कौन है ये?
भीड़ इतनी ज्यादा थी की अनुश्री गेट के मुहाने पे ही फस गई थी आगे से पल्लू नीचे जमीन चाट रहा था, सामने खड़े मर्दो की आंखे चोघिया गई थी,
अनुश्री गुस्से मे तमतमाती पीछे को पलटना चाहा परन्तु भीड़ की वजह से ऐसा ना कर सकी.
उसके चारो और मर्दो की भीड़ थी काले मजदूर टाइप मर्दो की भीड़.
ऐसा लगता था जैसे काले गुलाब जमुनो के बीच सफ़ेद रस से भरा रसगुल्ला रख दिया हो.
"माफ़ करना मैडम ट्रैन चल पड़ी थी आपको धक्का नहीं देता तो मेरी ट्रैन छूट जाती " पीछे से बिलकुल कान के पास एक खरखराती आवाज़ अनुश्री के कान मे पड़ी.
आवाज़ के साथ एक बदबू भी उसके नथूनो को झकझोड़ दिया.
बीड़ी और गुटके जैसी बदबू थी,
अनुश्री अभी भी पीछे देख पाने मे असमर्थ थी.
आगे से उसके स्तन लगभग खुले हुए ही थे, तभी पास खड़े किसी मर्द की जोरदार सांस उसके स्तन से टकराई.
एक गन्दी और गर्म सांस का अनुभव अनु को अपने स्तन पे होते ही उसका ध्यान आगे की तरफ गया तो उसके होश ही उस गए.
"हे भगवान ये क्या हुआ....मेरा पल्लू कब गिर गया " उसने नजरें उठाई तो सामने 2,4 काले मजदूर मर्द उसके स्तन की दरार को ही घूर रहे थे,
एक आदमी हाईट मे कुछ छोटा सा था लगभग 5फ़ीट का ही था उसका मुँह ठीक अनुश्री के स्तन के सामने ही थी वो एड्मिज दुनिया का सबसे खुशकिस्मत इंसान था जो की साफ अपनी आँखों के सामने इतने अनमोल खूबसूरत खजाने का दीदार कर रहा था.
उस आदमी की गर्म सांस ही अनुश्री को अपने स्तन पे महसूस हुई थी.,अनु जल्दी से आपने पल्लू को समेटने की कोशिश करती है.
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" अरे ये कहाँ फस गई मै? ये पल्लू ऊपर क्यों नहीं आ रहा?"
"भाईसाहब जरा पीछे हटेंगे?"
छोटा आदमी :- जी...जी....क्या मै?
"हाँ आप ही मेरी साड़ी नीचे दबी हुई है" अनुश्री बेहद घबराइए हुई थी क्यूंकि आस पास के सभी मर्दो की नजर ही उसपे थी ऊपर से उसकी अधखुली चूची सबके आकर्षन का केंद्र थी.
वो छोटा आदमी जैसे होश मे आया वो हल्का सा पीछे को हाथ की फटाक से अनुश्री ने साड़ी का पल्लू खिंच उसे अपने कंधे पे डाल लिया.
शो ख़त्म,पर्दा गिर गया था सब्जी मुँह उतर गए
फिर भी सभी मर्दो की नजर वही टिकी थी ऐसी खूबसूरती शहरी औरत हमेशा थोड़ी ना देखने को मिलती है.
"टर्रर्रर्र....टर्रर्रर्र....."अनुश्री के मोबाइल की घंटी बजने लगी.
हेलो अनु बैठ गई ना डब्बे मे? अनु के पति मंगेश का फ़ोन था.
जैसे तैसे कर के अनुश्री ने पर्स से मोबाइल निकाल के कान पे लगाया था,
अनुश्री अभी भी गुस्से मे भरी हुई थी "तुम तो कुछ बोलो ही मत,कहाँ फसा दिया तुमने, मैंने पहले ही कहाँ था की घर चलते है,यहाँ बैठे की जगह भी नहीं है, तुम कभी मेरी बात नहीं सुनते.
अनुश्री गुस्से मे बड़बड़ाए जा रही थी, की तभी पीछे से फिर एक धक्का लगा अनुश्री आगे खड़े छोटे कद के आदमी से जा टकराई, साड़ी के ऊपर से ही उसके स्तन उस आदमी के मुँह पे दब गए.
अनुश्री का चेहरा शर्म से लाल हो गया उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था
"भाईसाहब ठीक से खड़े रहिये ना " अनु ने पीछे खड़े आदमी को गुस्से से कहाँ.
आदमी :- जी मैडम जी वो भीड़ ज्यादा है पीछे से धक्का आ रहा है मै क्या करू?वही खर खराती बदबू दार आवाज़ कान मे पड़ी.
अनुश्री ने इग्नोर करना ही ठीक समझा
फ़ोन पे :- तुम चिंता मत करो अगले स्टेशन पे उतर के पीछे आ जाना.
अनुश्री चिंता घबराता और मारे लज्जा के दोहरी हो रही थी,मोबाइल वापस जैसे तैसे अपने पर्स मे डाल लेती है
छोटा आदमी :- अरे अब्दुल पीछे से धक्का क्यों दे रहा है? अभी मैडम मेरे ऊपर गिर जाती तो
सामने खड़ा छोटे कद का आदमी अनुश्री के पीछे खड़े शख्स को सम्बोधित करते हुए बोला.
और अनुश्री की तरफ देख अपने गंदे पिले दांतो को निपोर दिया.
पीछे वाला शख्स :- साले मदरचोद मिश्रा मै कहाँ धक्का दे रहा हूँ भीड़ ही इतनी है तो क्या करू?
सीधा सीधा गाली सुन के तो अनुश्री के रोंगटे ही खड़े हो गए हालांकि उसने रास्ते चलते काफ़ी लोगो को गाली के साथ बात करते सुना था परन्तु ये अलग अनुभव था

"हे भगवान ये किन जाहिलों के बीच फसा दिया मुझे? अगला स्टेशन कब आएगा?
ये लास्ट की लाइन जरा जोर से निकल गई उसके मुँह से जिसे सामने खड़े मिश्रा ने सुना.
मिश्रा :- आपको अगले स्टेशन ही उतरना है क्या मैडम?
वही बीड़ी गुटके से भरी सांस अनुश्री के नाथूने से टकरा गई.
हमेशा इत्र लगाए रखने वाली लड़कियों को ये स्मेल बर्दाश्त नहीं हो रही थी.
"तुमसे मतलब " नाक भौ सिकुड़ती हुई बोली.
मिश्रा :- वो..वो...मै तो ऐसे ही मिश्रा सीधा सा जवाब ला के ठगा सा रह गया.उसे लगा था बात करने मे क्या हर्ज़ है.
"और थोड़ा दूर खड़े रहो " अनुश्री जैसे तैसे हिम्मत कर के खुद को सुरक्षित रखने की भरपूर कोशिश कर रही थी.
तभी पीछे से अब्दुल :- मैडम यहाँ जगह कहाँ है? इतनी ही तकलीफ है तो AC कोच मे जाइये ना

अनुश्री करकश आवाज़ मे ऐसा उत्तर पा के सन्न रह गई जो भी हिम्मत जुटाई तहज एक पल मे फुस्स हो गई.
क्या जवाब देती की क्यों नहीं गई AC कोच मे.
उसका मन अपने पति के प्रति गुस्से से भर उठा जो की उसके चेहरे पे भी दिख रहा था.
लेकिन उसके गुस्से की यहाँ किसे परवाह थी.
मिश्रा :- अबे अब्दुल पानी लाया क्या? उतरा तो था ना तू पिछले स्टेशन पे
अब्दुल :- हाँ लाया हूँ लेकिन थोड़ा ही भर पाया ट्रैन चल पड़ी थी, ये ले....
कहते हुए अब्दुल ने पानी से भरी बोत्तल आगे बड़ाई लेकिन बीच मे अनुश्री खड़ी थी, पीछे से ठन्डे पानी की बोत्तल उसकी नंगी कमर पे टच हो गई....इस भरी भीड़ की गर्मी मे वो ठंडक राहत पहुंचाने वाली थी.
आअह्ह्ह....ना चाहते हुए भी सुकून की सांस ली अनुश्री ने.
मिश्रा :- दे ना बे भौसड़ीके गला सुख रहा है गर्मी मे और गर्मी बढ़ गई है ऐसा उसने अनुश्री के दोनों स्तनों को ताड़ते हुए कहा.
अनुश्री इतनी भी भोली नहीं थी की उसकी नजर नहीं पहचानती उसका इस कदर दो मर्दो के बीच फसे रहना अच्छा नहीं लग रहा था लेकिन क्या कर सकते है साइड मे कोच की दिवार थी दूसरी तरफ कुछ आदमी और उनके सामानो का झुण्ड पडा हुआ था और आगे पीछे मिश्रा और अब्दुल. गाली गलौज और गर्मी की वजह आवाज उसके बदन का तापमान बढ़ गया था, उसे बगलो मे पसीना आना शुरू होंग्या था जो की एक अलग ही मादक खशबू फैला रहे थे कोच मे.
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अनुश्री किसी सैंडविच की तरह बीच मे खड़ी थी अब मज़बूरी थी सफर तो काटना ही था.
"ऊपर से ये गर्मी.....उफफ़फ़फ़...." अनुश्री अपने पल्लू से अपने खूबसूरत चेहरे पे हवा करने लगी.
अब्दुल :- गर्मी लग रही है मैडम जी तो ये लीजिये पानी पी लीजिये ठंडा.
"कोई जरुरत नहीं " अनुश्री तमक के बोली हालांकि पानी की ठंडक वो अपनी कमर पे महसूस कर रही थी एक मन तो कह रहा था की पी ले लेकिन कैसे? वो तो पढ़ी लिखी संस्कारी खानदान से ताल्लुक रखती थी उसका पति जो की बड़ा बिज़नेसमेन था.
उसने आज तक ऐसी परिस्थिति का सामना नहीं किया था वो सब इंसान को अच्छा ही मानती थी लेकिन यहाँ उसे कुछ अच्छा नहीं लग रहा था.
अब्दुल :- नहीं पीना तो आगे मिश्रा को ही दे दो वो तो प्यासा है ना.
प्यासा शब्द पे अब्दुल कुछ ज्यादा ही दबाव डाल के बोला.
अनुश्री हक्कीकत बक्की थी की ये आदमी क्यों जबरजस्ती बात करना चाह रहा है,
अब्दुल :- अब आप बीच मे खड़ी है तो क्या करे मैडम? अब्दुल उसकी मन भावना समझ के बोला.
अनुश्री अभी भी गुस्से मे ही थी "खुद ही दे दो "
इस से अच्छा मौका और क्या मिलता अब्दुल को "ले रे मिश्रा बुझा ले अपनी प्यास "
ऐसा बोल के अब्दुल ने ठन्डे पानी की बोतल अनुश्री की कांख के बीच घुसा दी.
स्लीवलेस ब्लाउज पहनी अनुश्री की बगल पसीने से भीगी हुई थी,अब्दुल ने जान बुझ के बोत्तल को उसके स्तन और हाथ के बीच डाल के आगे बड़ा दिया.
आअह्ह्ह......ठंडक मिलते ही अनुश्री के मुँह से राहत भरी सिसकारी फिर से फुट पड़ी.
जिसे अब्दुल और मिश्रा ने बखूबी सुना था.
लेकिन फिर भी लज्जा और गुस्से मे "ये क्या बदतमीज़ी है बोत्तल ऊपर से भी दे सकते ही ना

अब्दुल :- मैडम आप हर बात पे बेवजह ही टुनक जा रही ही मिश्रा की हाईट छोटी है कैसे पकड़ेगा वो.
मैंने तो आपको बोला ही था की दे दो,लेकिन आप ठहरी बड़े घर की औरत हम जैसे लोगो को तो छूना भी पाप है आपके लिए.
अब्दुल के इन शब्दों ने अनुश्री के जहन मे खलबली मचा दी,
वो पढ़ी लिखी सभ्य नारी थी उसने कभी भेदभाव नहीं किया था सभी इंसान को सामान नजरों से देखती थी परन्तु गुस्से और गर्मी के कारण उसका सभ्य व्यवहार खत्म हो चला था उसे अब्दुल की बात किसी सूल की तरह चुभी थी.
उसे अपनी गलती का अहसास हो चला था.
उसे अपनी गलती सुधरने का एक ही तरीका नजर आया.
अनुश्री ने अपने सीधे हाथ को हल्का सा ऊपर उठा दिया अब्दुल ने पानी की बोत्तल आगे बढ़ा दी साथ मे अबद्दुल का हाथ भी पसीने से लथपथ कांख मे आ गया...
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अनुश्री को तुरंत अपनी गलती का अहसास हुआ उसे ध्यान आया की वो स्लीवलेस ब्लाउज पहनी हुई है,
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जैसे ही उसने अपने हाथ को समेटा तो पाया की अब्दुल का काला गन्दा हाथ उसकी बगल मे दबा हुआ है जिसे अब्दुल पीछे की और खींचने की कोशिश कर रहा है..
अब्दुल का हाथ अनुश्री के बगल से निकलते पसीने से पूरी तरह भीग गया था.
अनुश्री ने शर्म से अपना सर झुका लिया..
बने रहिये कथा जारी है.....
[/QUOTE]
अच्छा नहीं लगता ये, किसी सुंदर स्त्री को गंदे भद्दे मज़दूरों से मिलाते हुये, बहुत घिनोना है ये, इसकी जगह सभ्य सुशील सुंदर पुरुष भी हो सकते हैँ, मगर नहीं, ये घिनौनी मानसिकता, सेक्स में भी अच्छाई नहीं ला सकती, अपनी अपनी परवरिश है, शायद इन्होंनें यही देखा होगा, अपने आस पास अपनी औरतों के साथ,,,
 
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