So Small ???Update 08
हम रात को ही वहा से निकल आई.. घर आते आते दोनो मां बेटी गहरी नींद में चली गई थी.. मेने पार्क की और कुछ पीछे का दरवाजा खोला और अपनी पत्नी को उठाने ही वाला था की उसके मासूमियत से भरे चहरे को देखते ही मेरा दिल नही माना उसकी नींद खराब करने का.. मेने बड़े प्यार से उसे अपनी बांहों में उठा लिया और अपने कमरे की और जाने लगा.. और रश्मि नींद में ही अंगड़ाई लेते हुए मुझे कस के पकड़ ली.. मेने उसे लेटा दिया और वापस नीचे आ गया.. सुबह के 4 बज रहे थे.. चारो और ठंडी ठंडी हवाएं चल रही थी जो मुझे बड़ा मदहोश किए जा रही थी..
मेने दरवाजा खोला और सासुमा के पास खड़ा हो गया वो बड़ी सुकून से सो रही थी.. मेने उन्हें आवाज दी लेकिन वो नहीं उठी तो मेने उनके हाथ को पकड़ के हिलाया लेकिन वो सायद काफी थक गई थी.. मेने बिना ज्यादा सोचे ही उन्हें अपनी गोद में उठा लिया और घर के अंदर ले आया.. सच में रश्मि को उठाना बड़ा आसान था लेकिन सासुमा सही मायनो में एक औरत थी और औरते इतनी भारी भरकम होती है आज समझ आया.. घर के दरवाजे तक पहुंच के ही में एक दम थक सा गया.. अब मेरे पास इतनी ताकत नहीं बची थी की सासुमा को उपर ले जाता.. में उन्हें नीचे वाले बेडरूम में ले आया..
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और लेटा के उनके खूबसूरत जिस्म को कुछ देर बड़े आराम से निहारने लगा.. सच में मेरी सास किसी काम देवी से कम नही थी.. बड़ी बड़ी चूचियां गहरी नाभि और उनके गुलाबी होठ और काले घने बाल उनकी कामुकता में और बड़ोतरी करते थे..
मेने बड़े प्यार से उनके माथे को चूम लिया और कहा "सासुमा आप ने जो मुझे खुशी दी है उसके लिए में आप का कर्जदार हो चुका हू.. I Love You Mere होने वाले बच्चे की मां.. मेरी प्यारी लता..." और जैसे ही मेरे मुंह से लता निकला सासुमा ने अपनी बड़ी बड़ी आखें खोल ली और मेरी और बड़े प्यार से देखने लगी..
में एक दम से हड़बड़ा गया और बाहर जाने लगा.. की एक बड़ी ही धीमी और शर्म से भरी आवाज आई.. "सुनिए आप मुझे अकेला छोड़ के कहा जा रहे हो" मेरे होस उड़ गई.. "सासुमा आप क्या बोल रहे हो.. आप की बेटी ने देख लिया हमे ऐसे तो" मेने अपना डर सामने रख दिया...
"में कोई पराई हु क्या आप के होने वाले बच्चे की मां हु.. अभी तो बड़े बोल रहे थे मेरी लता.." वो बड़ी नाराजगी में बोली जैसे मेरी पत्नी हो...
"सासुमा आप क्या बोल रही हो.. उसे पता चला तो पता है ना क्या होगा" मेने अपना सर पकड़ के कहा...
"ठीक है जाओ अपनी बीवी के पल्लू में चुप जाओ" सासुमा ने नाराज होके कहा..
में बाहर निकल गया और रश्मि को देखने उसके कमरे के पास चला गया खिड़की से देखा तो बड़े सुकून की नींद सो रही थी.. मेने कमरे का दरवाजा बंद और बाहर से कुंडी लगा दी..
और में नीचे आने लगा.. मेरा लिंग अपने आप तन गया था में कमरे में घुसा और सब से पहले दरवाजा बंद किया और कुंडी लगा दी और खिड़की भी बंद की.. में बड़े जॉस में आ गया था मेने फट से अपना कुर्ता उतार दिया... और अपने बनियान को भी उतार दिया.. सासुमा मुझे देखती ही रह गई.. अब उन्हें जैसे अपनी गकती का अहसास हुआ कि वो मुझे इतना क्यों सुना दी..