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भाग 01
सुधा... सुधा... करते हुए मनोहर अपनी धर्मपत्नी को आवाज दे रहे लेकिन बैंड बाजे की आवाज में उनकी आवाज जैसे दब रही रही थी... बेटा तेरी मां को बुला तो.. मनोहर अपने बेटे से बोलते है..
सूरज अपनी मां की और जा रहा था.. सामने सुधा अपनी ही धुन में मगन हुए कमर को हिला हिला के ठुमक रही थी..लाल चोली में एक 24 साल के बेटे की मां सुधा यहा सब से अधिक खूबसूरत महिला थी... गोरा रंग.. ब्लाउज को पूरी तरह भर रहे उसके स्तन.. काली आंखे.. लंबे घने बाल... बूढ़े से लेके बचे सब सुधा की कामुकता में खो गई थे..
कोई आगे उभरे हुए स्तनों को तो कोई सुडोल सुगठित नितंभ तो कोई लचक रही कमर तो कोई बैकलेस ब्लाउस में पूरी नंगी पीठ को को देख सुधा को अपनी बाहों में उठा लेने के सपने सजा रहे थे...
सुधा का बेटा उसे बुला के उसके पापा के पास ले जाता है.. मनोहर गुस्से में बोलते है... ये क्या है घर की बड़ी बहू हो तुम और इसे आवारा लड़को के बीच नाच रही हो..क्या इज्जत रह जायेगी मेरी.. कूच तोह सरम करो...एक तो पूरे कपड़े भी नही पहन के आई हो.. मनोहर सुधा की चोली देख बोले.. वैसे क्या करे सुधा चाची के चूचे आधे से ज्यादा बाहर आ रहे थे...
सूथा पति की बात को सुन के बोली.. भांजे की शादी है रोज रोज थोड़ी होगी..आप तो नचाते नही मुझे तो जाने दो...
शादी होने के बाद सब घर आते हे.. और बहु की मुंह दिखाई होती और बाद में नई जोड़े को उनके कमरे में ले जाते है..
(यहां से में यानी सुधा का बेटा ही कहानी सुनाऊंगा)
तोह मां (सुधा) और चाची सब पहले भाभी को कमरे में ले गई और थोड़ा हसी मज़ाक की... फिर वीर भाई से भी मजाक मस्ती करते हुए सब बाहर आ गई...
अब तक रात के 11 बज गई थे...सब बाहर आंगन में ही सोए थे घर में कोई नई सोया था.. क्यू की आज तो नई बहू की सिसकारियां निकलने से कोई सो ही नही पाता..और बाहर मौसम भी अच्छा था...
सब जल्दी ही सो गई तभी भाभी की आवाज आई..रोते हुए चिल्ला रही थी.. मां ने आवाज सुनी और वो घर में गई.. तो भाभी रोते हुए भईया से बोल रही थी की मुझे घर जाना है..मुझे जाने दो.. मम्मी पापा....
आगे अगले भाग में...
Bhai badhiya suruwat hभाग 01
सुधा... सुधा... करते हुए मनोहर अपनी धर्मपत्नी को आवाज दे रहे लेकिन बैंड बाजे की आवाज में उनकी आवाज जैसे दब रही रही थी... बेटा तेरी मां को बुला तो.. मनोहर अपने बेटे से बोलते है..
सूरज अपनी मां की और जा रहा था.. सामने सुधा अपनी ही धुन में मगन हुए कमर को हिला हिला के ठुमक रही थी..लाल चोली में एक 24 साल के बेटे की मां सुधा यहा सब से अधिक खूबसूरत महिला थी... गोरा रंग.. ब्लाउज को पूरी तरह भर रहे उसके स्तन.. काली आंखे.. लंबे घने बाल... बूढ़े से लेके बचे सब सुधा की कामुकता में खो गई थे..
कोई आगे उभरे हुए स्तनों को तो कोई सुडोल सुगठित नितंभ तो कोई लचक रही कमर तो कोई बैकलेस ब्लाउस में पूरी नंगी पीठ को को देख सुधा को अपनी बाहों में उठा लेने के सपने सजा रहे थे...
सुधा का बेटा उसे बुला के उसके पापा के पास ले जाता है.. मनोहर गुस्से में बोलते है... ये क्या है घर की बड़ी बहू हो तुम और इसे आवारा लड़को के बीच नाच रही हो..क्या इज्जत रह जायेगी मेरी.. कूच तोह सरम करो...एक तो पूरे कपड़े भी नही पहन के आई हो.. मनोहर सुधा की चोली देख बोले.. वैसे क्या करे सुधा चाची के चूचे आधे से ज्यादा बाहर आ रहे थे...
सूथा पति की बात को सुन के बोली.. भांजे की शादी है रोज रोज थोड़ी होगी..आप तो नचाते नही मुझे तो जाने दो...
शादी होने के बाद सब घर आते हे.. और बहु की मुंह दिखाई होती और बाद में नई जोड़े को उनके कमरे में ले जाते है..
(यहां से में यानी सुधा का बेटा ही कहानी सुनाऊंगा)
तोह मां (सुधा) और चाची सब पहले भाभी को कमरे में ले गई और थोड़ा हसी मज़ाक की... फिर वीर भाई से भी मजाक मस्ती करते हुए सब बाहर आ गई...
अब तक रात के 11 बज गई थे...सब बाहर आंगन में ही सोए थे घर में कोई नई सोया था.. क्यू की आज तो नई बहू की सिसकारियां निकलने से कोई सो ही नही पाता..और बाहर मौसम भी अच्छा था...
सब जल्दी ही सो गई तभी भाभी की आवाज आई..रोते हुए चिल्ला रही थी.. मां ने आवाज सुनी और वो घर में गई.. तो भाभी रोते हुए भईया से बोल रही थी की मुझे घर जाना है..मुझे जाने दो.. मम्मी पापा....
आगे अगले भाग में...
Nice start... Ummeed hai jald hi kahani ke agle panne khulengeभाग 01
सुधा... सुधा... करते हुए मनोहर अपनी धर्मपत्नी को आवाज दे रहे लेकिन बैंड बाजे की आवाज में उनकी आवाज जैसे दब रही रही थी... बेटा तेरी मां को बुला तो.. मनोहर अपने बेटे से बोलते है..
सूरज अपनी मां की और जा रहा था.. सामने सुधा अपनी ही धुन में मगन हुए कमर को हिला हिला के ठुमक रही थी..लाल चोली में एक 24 साल के बेटे की मां सुधा यहा सब से अधिक खूबसूरत महिला थी... गोरा रंग.. ब्लाउज को पूरी तरह भर रहे उसके स्तन.. काली आंखे.. लंबे घने बाल... बूढ़े से लेके बचे सब सुधा की कामुकता में खो गई थे..
कोई आगे उभरे हुए स्तनों को तो कोई सुडोल सुगठित नितंभ तो कोई लचक रही कमर तो कोई बैकलेस ब्लाउस में पूरी नंगी पीठ को को देख सुधा को अपनी बाहों में उठा लेने के सपने सजा रहे थे...
सुधा का बेटा उसे बुला के उसके पापा के पास ले जाता है.. मनोहर गुस्से में बोलते है... ये क्या है घर की बड़ी बहू हो तुम और इसे आवारा लड़को के बीच नाच रही हो..क्या इज्जत रह जायेगी मेरी.. कूच तोह सरम करो...एक तो पूरे कपड़े भी नही पहन के आई हो.. मनोहर सुधा की चोली देख बोले.. वैसे क्या करे सुधा चाची के चूचे आधे से ज्यादा बाहर आ रहे थे...
सूथा पति की बात को सुन के बोली.. भांजे की शादी है रोज रोज थोड़ी होगी..आप तो नचाते नही मुझे तो जाने दो...
शादी होने के बाद सब घर आते हे.. और बहु की मुंह दिखाई होती और बाद में नई जोड़े को उनके कमरे में ले जाते है..
(यहां से में यानी सुधा का बेटा ही कहानी सुनाऊंगा)
तोह मां (सुधा) और चाची सब पहले भाभी को कमरे में ले गई और थोड़ा हसी मज़ाक की... फिर वीर भाई से भी मजाक मस्ती करते हुए सब बाहर आ गई...
अब तक रात के 11 बज गई थे...सब बाहर आंगन में ही सोए थे घर में कोई नई सोया था.. क्यू की आज तो नई बहू की सिसकारियां निकलने से कोई सो ही नही पाता..और बाहर मौसम भी अच्छा था...
सब जल्दी ही सो गई तभी भाभी की आवाज आई..रोते हुए चिल्ला रही थी.. मां ने आवाज सुनी और वो घर में गई.. तो भाभी रोते हुए भईया से बोल रही थी की मुझे घर जाना है..मुझे जाने दो.. मम्मी पापा....
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Bhout badiya startभाग 01
सुधा... सुधा... करते हुए मनोहर अपनी धर्मपत्नी को आवाज दे रहे लेकिन बैंड बाजे की आवाज में उनकी आवाज जैसे दब रही रही थी... बेटा तेरी मां को बुला तो.. मनोहर अपने बेटे से बोलते है..
सूरज अपनी मां की और जा रहा था.. सामने सुधा अपनी ही धुन में मगन हुए कमर को हिला हिला के ठुमक रही थी..लाल चोली में एक 24 साल के बेटे की मां सुधा यहा सब से अधिक खूबसूरत महिला थी... गोरा रंग.. ब्लाउज को पूरी तरह भर रहे उसके स्तन.. काली आंखे.. लंबे घने बाल... बूढ़े से लेके बचे सब सुधा की कामुकता में खो गई थे..
कोई आगे उभरे हुए स्तनों को तो कोई सुडोल सुगठित नितंभ तो कोई लचक रही कमर तो कोई बैकलेस ब्लाउस में पूरी नंगी पीठ को को देख सुधा को अपनी बाहों में उठा लेने के सपने सजा रहे थे...
सुधा का बेटा उसे बुला के उसके पापा के पास ले जाता है.. मनोहर गुस्से में बोलते है... ये क्या है घर की बड़ी बहू हो तुम और इसे आवारा लड़को के बीच नाच रही हो..क्या इज्जत रह जायेगी मेरी.. कूच तोह सरम करो...एक तो पूरे कपड़े भी नही पहन के आई हो.. मनोहर सुधा की चोली देख बोले.. वैसे क्या करे सुधा चाची के चूचे आधे से ज्यादा बाहर आ रहे थे...
सूथा पति की बात को सुन के बोली.. भांजे की शादी है रोज रोज थोड़ी होगी..आप तो नचाते नही मुझे तो जाने दो...
शादी होने के बाद सब घर आते हे.. और बहु की मुंह दिखाई होती और बाद में नई जोड़े को उनके कमरे में ले जाते है..
(यहां से में यानी सुधा का बेटा ही कहानी सुनाऊंगा)
तोह मां (सुधा) और चाची सब पहले भाभी को कमरे में ले गई और थोड़ा हसी मज़ाक की... फिर वीर भाई से भी मजाक मस्ती करते हुए सब बाहर आ गई...
अब तक रात के 11 बज गई थे...सब बाहर आंगन में ही सोए थे घर में कोई नई सोया था.. क्यू की आज तो नई बहू की सिसकारियां निकलने से कोई सो ही नही पाता..और बाहर मौसम भी अच्छा था...
सब जल्दी ही सो गई तभी भाभी की आवाज आई..रोते हुए चिल्ला रही थी.. मां ने आवाज सुनी और वो घर में गई.. तो भाभी रोते हुए भईया से बोल रही थी की मुझे घर जाना है..मुझे जाने दो.. मम्मी पापा....
आगे अगले भाग में...
Nice startभाग 01
सुधा... सुधा... करते हुए मनोहर अपनी धर्मपत्नी को आवाज दे रहे लेकिन बैंड बाजे की आवाज में उनकी आवाज जैसे दब रही रही थी... बेटा तेरी मां को बुला तो.. मनोहर अपने बेटे से बोलते है..
सूरज अपनी मां की और जा रहा था.. सामने सुधा अपनी ही धुन में मगन हुए कमर को हिला हिला के ठुमक रही थी..लाल चोली में एक 24 साल के बेटे की मां सुधा यहा सब से अधिक खूबसूरत महिला थी... गोरा रंग.. ब्लाउज को पूरी तरह भर रहे उसके स्तन.. काली आंखे.. लंबे घने बाल... बूढ़े से लेके बचे सब सुधा की कामुकता में खो गई थे..
कोई आगे उभरे हुए स्तनों को तो कोई सुडोल सुगठित नितंभ तो कोई लचक रही कमर तो कोई बैकलेस ब्लाउस में पूरी नंगी पीठ को को देख सुधा को अपनी बाहों में उठा लेने के सपने सजा रहे थे...
सुधा का बेटा उसे बुला के उसके पापा के पास ले जाता है.. मनोहर गुस्से में बोलते है... ये क्या है घर की बड़ी बहू हो तुम और इसे आवारा लड़को के बीच नाच रही हो..क्या इज्जत रह जायेगी मेरी.. कूच तोह सरम करो...एक तो पूरे कपड़े भी नही पहन के आई हो.. मनोहर सुधा की चोली देख बोले.. वैसे क्या करे सुधा चाची के चूचे आधे से ज्यादा बाहर आ रहे थे...
सूथा पति की बात को सुन के बोली.. भांजे की शादी है रोज रोज थोड़ी होगी..आप तो नचाते नही मुझे तो जाने दो...
शादी होने के बाद सब घर आते हे.. और बहु की मुंह दिखाई होती और बाद में नई जोड़े को उनके कमरे में ले जाते है..
(यहां से में यानी सुधा का बेटा ही कहानी सुनाऊंगा)
तोह मां (सुधा) और चाची सब पहले भाभी को कमरे में ले गई और थोड़ा हसी मज़ाक की... फिर वीर भाई से भी मजाक मस्ती करते हुए सब बाहर आ गई...
अब तक रात के 11 बज गई थे...सब बाहर आंगन में ही सोए थे घर में कोई नई सोया था.. क्यू की आज तो नई बहू की सिसकारियां निकलने से कोई सो ही नही पाता..और बाहर मौसम भी अच्छा था...
सब जल्दी ही सो गई तभी भाभी की आवाज आई..रोते हुए चिल्ला रही थी.. मां ने आवाज सुनी और वो घर में गई.. तो भाभी रोते हुए भईया से बोल रही थी की मुझे घर जाना है..मुझे जाने दो.. मम्मी पापा....
आगे अगले भाग में...