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Erotica मेरी रूपाली दीदी और जुआरी जीजा...

babasandy

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मनीष ने जब से होश संभाला था वो जुआ खेलने में लग गया था ..उसके गाँव के दोस्तों ने उसकी जवानी के शुरू के साल जुआ सिखाने और खिलाने में ही बर्बाद कर दिए , उसका मन किसी और काम में लगता ही नहीं था ..उसके पिता के पास एक आलिशान कोठी और बहुत जमीन थी . और उसकी देखभाल और जुताई के लिए उन्होंने दुसरे लोग रखे हुए थे क्योंकि उनका खुद का बेटा तो हमेशा गलत संगत में ही रहता था और उसके जिम्मे कोई भी काम छोड़ना घाटे का सौदा था ..

मनीष के पिता की उम्र हो चुकी थी ..वो हमेशा चिंता में रहते थे की उनके बाद इतनी जमीन की देखभाल मनीष कैसे करेगा ..तभी एक दिन जैसे ऊपर वाला उनपर मेहरबान हो गया ..उनके खेत की जमीन गाँव की मेन सड़क के पास थी और वहां पर एक हाईवे प्रोजेक्ट शुरू होने की वजह से सरकार ने उनकी जमीन मुंह मांगे दाम पर खरीद ली ..तकरीबन आठ करोड़ रूपए मिले उन्हें मुवावजे के रूप में ..जो उनकी पुश्तों के लिए बहुत थे..

मनीष के पिताजी शहर जाकर बस गए और ट्रेक्टर पार्ट्स की फेक्ट्री दाल दी और आलिशान बंगले में शान से रहने लगे .

उन्होंने मनीष की शादी हमारे घर में करवा दी मेरी रूपाली दीदी के साथ.अब मनीष मेरे जीजू बन चुके थे और मेरी रूपाली दीदी उनकी पत्नी....
जैसा नाम था वैसा ही मेरी रूपाली दीदी का व्यक्तित्व...जो उसे एक बार देख ले पल्कें झपकाना भूल जाए ..जैसी फिल्मों की हीरोइन माधुरी दीक्षित की तरह मेरी रुपाली दीदी दिखती है..

शादी के बाद जीजू ने एक – दो हफ्ते तो मेरी रूपाली दीदी की अच्छे से चुदाई की ..पर जब उसने रात-२ भर घर से गायब रहना शुरू कर दिया उसे जल्दी ही पता चल गया था की उसका पति निकम्मा है ,वो तो बस सरकार से मिले रूपए थे जो उसके पिताजी एक बिज़नस चला रहे थे और उसे ये पता चलते भी देर नहीं लगी की उसे जुए की लत है ..अपने पिता से मिलने वाले पैसों को वो जुए में उड़ा देता था ...

मेरी रूपाली दीदी ने जो सपने संजोय थे अपनी शादी और अपने पति के लिए वो सब चकनाचूर हो गए थे . वो चाहती थी की उसे एक प्यार करने वाला पति मिले, जो उसकी और उसके शरीर की हर इच्छा पूरी करे, पर ऐसा होता दिख नहीं रहा था ..

और अब दो हफ्ते की चुदाई के बाद उसकी चूत को जैसे लंड खाने की भूख सी लग गयी थी ..वैसे ये सच भी है, एक बार जब चुदाई शुरू हो जाती है तो चूत कसमसाती रहती है ..पर मेरी रूपाली दीदी नसीब में जीजू की बेरुखी लिखी थी ..

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babasandy

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दिवाली आने वाली थी , ये समय ऐसा होता है जब हर जुवारी के मन में दिवाली से ज्यादा जुए की ललक होती है ..यूँ तो ऐसे लोग पूरा साल भी जुआ खेलते है, पर दिवाली तो जैसे इनके लिए कोई ओलिंपिक खेलो के आयोजन जैसा होता है, रात दिन अय्याशी चलती है ..और यही हाल मेरे जीजा का भी था , दिवाली को अभी 15 दिन बाकी थे जब वो पूरा दिन और रात घर नहीं लोटा, मेरी रूपाली दीदी ने झिझकते -२ अपने ससुर से बात की , और उन्होंने मेरी दीदी को यकीन दिलाया की जल्दी ही इसका कोई उपाय निकालेंगे .. अगले दिन जब मेरा जीजा जुए में हार कर लुटा-पिटा सा वापिस आया तो उसके पिता ने उसकी खूब खिंचाई की और उसके जिम्मे एक काम सौंप दिया .

उन्होंने उसे कहा की गाँव जाए अपने पुश्तेनी घर की साफ़ सफाई और पुताई करवा दे ..और दिवाली तक वहीँ रहे ..और मेरी रूपाली दीदी को भी साथ ले जाए ताकि वो भी उनका गाँव देख सके .

मेरे जीजा के लिए तो ये जैसे सोने पर सुहागा हो गया ..शहर में रहते हुए उसका लक साथ नहीं दे रहा था और पिछले कुछ दिनों से वो लगातार हार भी रहा था , और उसपर उधार भी काफी चढ़ चूका था , इसलिए वो खुद ही सोच रहा था कुछ दिनों के लिए कहीं गायब हो जाए ताकि उधार मांगने वालो से कुछ समय के लिए छुटकारा मिल सके ..और साथ ही उसे अपने गाँव के दोस्तों से मिलने की भी ख़ुशी थी , जिनके साथ वो बचपन से जुआ खेलता आया था ..और उनके साथ खेलते हुए वो ज्यादातर जीता ही था , इसलिए उसे ये विश्वास था की वो जीते हुए पैसो से अपना उधार भी उतार देगा ..

मकान की मरम्मत और सफाई के लिए उसने पिताजी से पांच लाख रूपए लिए और मेरी रूपाली दीदी को अपनी स्कोडा कार में लेकर वो गाँव की तरफ चल दिया ..

शहर से उनके गाँव का रास्ता करीब 6 घंटे का था ..और रास्ते में पहाड़ियां और जंगल भी थे और हलकी बारिश ने मौसम को रोमांटिक भी बना दिया था .. मेरी दीदी बहुत खुश थी , आज पहली बार वो इस तरह से अपने पति के साथ अकेले कहीं जा रही थी ..और वो भी पुरे 15 दिनों के लिए ..

उसने जींस की शर्ट और पेंट पहनी हुई थी . जिसमे वो काफी सेक्सी लग रही थी .

मेरे जीजू ने मेरे रूपाली दीदी को प्यार से देखा तो मेरी दीदी बोली : "ऐसे क्यों देख रहे हो …इरादा क्या है ..”
ये बात उसने जान बूझकर बोली थी ..क्योंकि इरादे तो उसके बेईमान हो रहे थे, इतने सेक्सी मौसम में ..

मेरे जीजू : "अभी तक तो नेक ही थे ..पर अब खतरनाक हो रहे हैं ..”
रूपाली दीदी : "आन हांन… ..दिख रहा है …सब ..कितने खतरनाक हो रहे हैं ..”
उसकी तेज निगाहों ने मेरे जीजू की पेंट में बन रहे टेंट की तरफ इशारा किया ..

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सड़क बिलकुल सुनसान थी ..हलकी बूंदा बंदी हो रही थी .. मेरे जीजू ने अपनी कार सड़क से उतार कर जंगल में डाल दी ..और घने पेड़ों के बीचो बीच पहुंचकर कार रोक दी .

आज उसका मन भी वाइल्ड तरीके से चुदाई करने का था .

और रुपाली दीदी की तो ये एक फेंतासी थी ..खुले आसमान के नीचे नंगे होकर चुदाई करवाना ..और आज उसका ये सपना सच होता दिख रहा था ..इसलिए जैसे ही मेरे जीजू ने कार रोकी, वो उछलकर उसकी गोद में चढ़ गयी और बुरी तरह से उसके होंठों को चूसने लगी . आनन् फानन में ही मेरी रुपाली दीदी की शर्ट और ब्रा निकाल फेंकी मेरे जीजू ने और उसके स्वर्ण कलश जैसे मुम्मों पर अपने दांतों की तेज धार से टेटू बनाने लगा ..

उसके गोरे जिस्म पर दांतों के लाल निशान चमकने लगे ..और वो जोर-२ से सिस्कारियां लेकर मेरे जीजू के सर को अपनी छाती पर दबाने लगी ..

”उम्म्म्म्म्म्म्म येस्स्स्स ….काटो …..खा जाओ …..मुझे ….ये ब्रैस्ट …तुम्हारे लिए ही हैं …खाओ ..इन्हें ..काटो ….और तेज ….उम्म्म्म …..अह्ह्ह्ह्ह ……नाआअन्न्न्न ……यहाँ ….नहीं ……..” मेरी रूपाली दीदी सिसक सिसक के बोल रही थी... काम अग्नि में जल रही थी...


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आवेश में आकर मेरे जीजू ने उसके निप्पल को अपने दांतों के बीच फंसा कर इतनी जोर से बाहर की तरफ खींचा जैसे वो उन्हें छाती से निकाल ही लेना चाहता हो .. मेरी रूपाली दीदी दर्द से बिलबिला उठी ..

”ऐसे भी कोई करता है क्या ..जानवर बन जाते हो तुम तो कभी – २ ….” उसकी आँखों से आंसू बह रहे थे ..निप्पल सूजकर कुप्पा हो गया था .

मेरे जीजू कुछ कहने ही वाला था की पीछे से पुलिस सायरन की आवाज सुनाई दी और उनकी कार के पीछे एक जीप आकर रुक गयी ..और पलक झपकते ही उसमे से एक इंस्पेक्टर निकल कर उनकी खिड़की के बाहर खड़ा था ..

दोनों ने मन ही मन सोचा की ये कौनसी मुसीबत आ गयी है अब ..सारा मजा खराब कर के रख दिया ..

मेरी रूपाली दीदी व्को अपनी छातियाँ छुपाने का भी मौका नहीं मिल पाया था जिसकी वजह से बाहर खड़े इन्स्पेक्टर की आँखे बाहर निकलने जैसी हो गयी थी ..उसने शायद इतनी गोरी और भरी हुई लड़की आज तक नहीं देखि थी ..
 

babasandy

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मेरी रूपाली दीदी खींसे निपोरते हुए मेरे जीजू से कहा : "चलो जी …निकलो बाहर …”

दीदी ने जल्दी से साईड में पड़ी हुई शर्ट को उठाया और उससे अपनी छाती ढक ली ..ब्रा और शर्ट को प्रोपर तरीके से पहनने का समय नहीं था ..

मेरे जीजू ने गाडी का शीशा नीचे किया और इन्स्पेक्टर से बोला : "क्या बात है सर …हम पति-पत्नी है .बस जाते-२ रुक गए थे ..”

इन्स्पेक्टर की आवाज में अचानक कठोरता आ गयी : "साले …चुतिया समझे है के मन्ने …निकल बाहर …”

मेरे जीजू ने बहस करनी उचित नहीं समझी और बाहर आ गया ..जीप में से निकल कर एक हवालदार भी वहां पहुँच गया ..

इन्स्पेक्टर : "और अपनी छमिया को भी बोल बाहर निकले ..
मेरे जीजू : "सर .. "सर …मैंने कहा न वो मेरी पत्नी है …”
इन्स्पेक्टर : ”पत्नी है तो घर में बैठ कर चूस न इसके मुम्मे …साले जंगल में मंगल क्यों कर रहा है ..सब समझता हु मैं तुम शहर वालों को ..दुसरे की बीबी के साथ मस्ती करने का अच्छा धंधा चल रहा है आजकल ..गाडी में बिठाकर शहर से बाहर ले आओ ..और ऐसे जंगल में आकर चोदो ..और शाम तक वापिस ..कोई देखेगा भी नहीं, कोई खर्चा भी नहीं ..और मस्ती की मस्ती …”

जीजू कुछ बोलने ही वाला था की रूपाली दीदी बाहर निकल आई, वो गुस्से में थी : "इन्स्पेक्टर साब, मैं इनकी पत्नी हु ..आप कैसी बातें कर रहे हैं ..हमारी अभी कुछ महीने पहले ही शादी हुई है ..हम लोग तो बस आगे इनके गाँव जा रहे थे ..”

वो गुस्से में बाहर तो निकल आई थी पर शर्ट पहनना भूल गयी थी ..वो उसने अभी तक अपने हाथों से पकड़ कर अपने आगे लगायी हुई थी .

इन्स्पेक्टर बड़े गौर से उसके चारों तरफ घूमता हुआ बोला : "अच्छा …चलो मान लेता हु ..की तुम इसकी पत्नी हो ..कोई सुबूत है तुम्हारे पास …”


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ये सुनकर दोनों एक दुसरे को देखने लगे …अब इस बात का क्या सबूत दिखाए उसे .. रूपाली दीदी के पास एक वोटर कार्ड तो था पर उसमे उसका सरनेम शादी से पहले वाला था ..जिसे देखकर इन्स्पेक्टर कभी भरोसा नहीं करता …

आखिर मेरे जीजा ने कहा : "आप चाहते क्या है …जल्दी बताइए ..हमें आगे भी जाना है ..” ये सुनते ही इन्स्पेक्टर के चेहरे पर हंसी आ गयी : "देखा …मैं न कहता था की तू इसका पति है ही नहीं …चल अब तूने मान ही लिया है तो निकाल एक लाख रूपए …”

मेरे जीजा और मेरी रूपाली दीदी हेरानी से एक दुसरे का चेहरा देखने लगे …

मेरे जीजा : "एक लाख …इतने पैसे …वो किसलिए ..”

इन्स्पेक्टर : "अब वो भी मैं ही बताऊँ के …तुम्हारे घर वालों को तुम दोनों के बारे में पता ना चले ..इसलिए ..चलो निकालो …”

उसने सख्त आवाज में कहा ..

मेरे जीजा ने मन ही मन सोचा ‘पता नहीं ये मुसीबत कहाँ से आ गयी है ..’

मेरे जीजा: "पर सर …इतने पैसे मेरे पास नहीं है …”

इन्स्पेक्टर : "बीस लाख की गाडी लेकर और करोड़ रूपए का पटाखा लेकर घूम रहा है और एक लाख नहीं है तेरी जेब में …”

उसने हवालदार की तरफ देखा और बोला : "चल रे घनशाम …तलाशी ले गाडी की ..और इनके सामान की ..अभी पता चल जाएगा की कितना सच बोल रा है ये ..”

ये सब बोलते हुए उसकी नजरें अभी तक मेरी रूपाली दीदी की नंगी पीठ को ही घूर रही थी ..

इन्स्पेक्टर की बात सुनते ही मेरे जीजा की सिट्टी पिट्टी गम हो गयी ..क्योंकि डिक्की में पांच लाख रूपए केश पड़े थे ..

मेरे जीजा : "ये …ये आप नहीं कर सकते ..मैंने कहा न …हमारे पास इतने पैसे नहीं है ..ये ..ये आप इतना रखिये ..”

उसने अपनी पर्स में रखे हुए लगभग तीन हजार रूपए निकाल कर उसके हाथ में रख दिए ..

पर इन्स्पेक्टर तो जैसे जिद्द पर अटक गया था .."देखो भाई …हम लोगों को तुम जैसे बहुत से लोग मिलते हैं ..अब इतने से तो हमारा कुछ न हौन वाला ..पर अगर ….”

उसने बात अधूरी छोड़ दी ..

मेरे जीजा: "अगर क्या ???”

इन्स्पेक्टर :"अगर मेडम हमारी भी कुछ सेवा कर दे तो …इतने से ही काम चला लेंगे ..वर्ना गाड़ी को ले चालो थाणे में , पूरी तलाशी होगी ….जांच पड़ताल होगी ..तब देखेंगे ..”

मेरे जीजा तो समझ गया की वो क्या कहना चाहता है .. मेरी रूपाली दीदी नहीं समझी …और एक मिनट के बाद जब उसकी ट्यूबलाइट जली तो उसका चेहरा गुस्से से लाल हो उठा ..

”अपनी औकात में रहो इन्स्पेक्टर …तुमने मुझे समझ क्या रखा है ..मैं इनकी पत्नी हु ..कोई धंधे वाली नहीं ..”

इन्स्पेक्टर : "भाई बड़ी मिर्ची लग गयी तुझे तो छोरी …तेरे यार को तो कुछ हुआ नहीं और तू ऐसे ही मचल रही है …”

और सच में .. मेरे जीजा को उसकी बात सुनकर जैसे कुछ हुआ ही नहीं था ..वो चुपचाप सा खड़ा था ..

मेरी रूपाली दीदी ये देखकर और भी गुस्से में आ गयी : "तुम कुछ बोलते क्यों नहीं …ये मेरे बारे में क्या सोच रहा है …क्या करवाना चाहता है …कुछ बोलते क्यों नहीं तुम …”

इन्स्पेक्टर उन दोनों को लड़ता हुआ देखकर साईड में जाकर खड़ा हो गया और मेरी दीदी की नंगी पीठ और उसकी कसी हुई गांड को देखकर आहें भरने लगा ..उसका हवलदार भी अपनी तोंद के नीचे खड़े हुए लंड को अपने हाथों से मसलने लगा ..

मेरे जीजा ने धीरे से कहा : "देखो .. रूपाली ये लोग ऐसे नहीं मानेंगे ..तुम भी जानती हो की गाडी में पांच लाख रूपए पड़े हैं ..इन लोगों की नजर पड़ गयी तो सब जायेंगे …”

वो धीरे-२ बोल रहा था ताकि उनकी बातें वो दोनों ना सुन सके ..

मेरी रूपाली दीदी : "इसका क्या मतलब है …तुम्हे पैसे ज्यादा प्यारे हैं या अपनी पत्नी ..और वैसे भी ये एक लाख मांग रहा है ..उसमे से एक लाख निकाल कर इसके मुंह मारो और निकल चलो यहाँ से ..”

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पर शायद मेरा जीजा सब कुछ सोच चुका था ..उसके जुवारी दिमाग ने सब केलकुलेशन कर ली थी ..एक लाख की क्या वेल्यु थी उसके लिए वो अच्छी तरह जानता था ..और वैसे भी, अगर मेरा जीजा उन रुपयों में से एक लाख निकालता तो बाकी के पैसे कोन सा वो इन्स्पेक्टर इतनी आसानी से छोड़ देता ..ये सब जीजा ने एक मिनट के अन्दर ही अन्दर सोच लिया था ..

उसका सपाट सा चेहरा देखकर मेरी रूपाली दीदी को समझते हुए देर ना लगी की वो पत्थर के आगे बीन बजा रही है ..

"यानी …यानी तुम चाहते हो की मैं इन कुत्तों के साथ ….छि …मुझे सोच कर भी घिन्न आ रही है …”

वो गुस्से में कुछ ज्यादा जोर से बोल गयी थी ये बात जिसे इन्स्पेक्टर ने सुन लिया था ..

इन्स्पेक्टर : "अरे नहीं मेडम जी ..हमें कुछ ज्यादा नहीं करना है ..पुरे झंझट वाला काम नहीं करना हमें तो ..तुम जैसी के साथ करने के बाद कोई बीमारी लग गयी तो क्या होगा हमारा ..हा हा ..आप तो बस हमारा कल्याण अपने हाथों से ही कर दो बस ..ही ही ..” इतनी बेइज्जती आज तक मेरी रूपाली दीदी की कभी नहीं हुई थी ..एक तो उसका पति फट्टू निकला था और दुसरे ये पुलिस वाले उसे एक रंडी समझ रहे थे ..उसकी आँखों से आंसू बहने लगे ..और उसने गुस्से में आकर अपनी शर्ट नीचे फेंक दी और अपनी बाहें ऊपर करके चिल्लाई : "आओ फिर ..जो करना है कर लो …यु बास्टर्डस ….” इन्स्पेक्टर और हवलदार की आँखे फटी की फटी रह गयी …उनके सामने दो सफ़ेद बॉल्स लहरा रही थी ..और उनपर लगे एक सूजे हुए निप्पल को देखकर वो इन्स्पेक्टर तो जैसे पागल ही हो गया ..

इन्स्पेक्टर : "अरे देख रे घनशाम ….मेडम के दाने को तो देख …पहले कभी देखा है ऐसा पीस …”

उसने ना में सर हिला दिया ..
व्मेरी दीदी ने भी गुस्से में आकर अपनी नंगी छातियाँ उन दोनों के सामने उजागर तो कर दी थी पर उसे डर भी लग रहा था की वो पता नहीं कैसा व्यवहार करेंगे उसके साथ ..पर साथ ही थोडा सकूं भी मिला था की वो उसकी चूत नहीं मारेंगे ..

और जीजा ने तो अपने पैसे बचाने के लिए अपनी नव विवाहित पत्नी का जुआ खेल लिया था ..पैसे के बदले उसने अपनी पत्नी को उन दोनों दरिंदो के आगे परोस दिया था ..वो सोच रहा था की ज्यादा से ज्यादा वो क्या करेंगे ..कम से कम मेरे एक लाख रूपए तो बच गए न ..

इसी बीच दोनों अपनी जीभ निकाल कर कुत्ते की तरह मेरी रूपाली दीदी के सामने पहुँच गए .. और वो इन्स्पेक्टर जिसका नाम राहुल था बड़ी ललचाई हुई निगाहों से मेरी रूपाली दीदी के उभारों को देख कर अपनी जीभ को होंठों पर फेर रहा था ..और जैसे ही वो उसके सामने पहुंचा उसने बिना एक पल की देर किये अपने गीले होंठों को उसके मुम्मे पर दे मारा ..

मेरा जीजा ने जिस निप्पल को काटकर सुजा दिया था राहुल ने उसी को अपने मुंह में दबोच कर जोर से चूसा था ..वो फिर से दर्द से कराह उठी ..पर साथ ही उसकी गर्म जीभ के एहसास से उसे सकून भी पहुंचा जैसे वो अपनी गर्म जीभ से उसके सूजे हुए निप्पल की सिंकाई कर रहा हो ..

”अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह …….ओफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ …..उम्म्म्म्म्म्म्म ……”

और ना चाहते हुए भी उसे गोरे हाथ उठकर इन्स्पेक्टर राहुल के सर के पीछे पहुँच गए और उसने उन्हें जोर से अपनी छाती पर दबा लिया ..

और ये सब वो कर रही थी अपने पति के सामने ..जो बड़ी अजीब नजरों से अपनी पत्नी को किसी और मर्द के साथ देखकर अपना लंड मसल रहा था ..

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Rajesh321

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Your story telling skill is good. So continue and dont stop.
 
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please continue
 
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nasheeliaankhein

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ARE BHAI YE DIWALI KA JUA - PART 2 HAI


AASHU BHAI KI LIKHI HUYI HAI



KAM SE KAM LEKHAK KO CREDIT TO DE
 
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Ristrcted

Now I am become Death, the destroyer of worlds
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Hello everyone.

We are Happy to present to you The annual story contest of XForum


"The Ultimate Story Contest" (USC).

Jaisa ki aap sabko maloom hai abhi pichhle hafte hi humne USC ki announcement ki hai or abhi kuch time pehle Rules and Queries thread bhi open kiya hai or Chit Chat thread toh pehle se hi Hind section mein khula hai.

Well iske baare mein thoda aapko bata dun ye ek short story contest hai jisme aap kisi bhi prefix ki short story post kar sakte ho, jo minimum 700 words and maximum 7000 words (Story ke words count karne ke liye is tool ka use kare — Characters Tool) . Isliye main aapko invitation deta hun ki aap is contest mein apne khayaalon ko shabdon kaa roop dekar isme apni stories daalein jisko poora XForum dekhega, Ye ek bahot accha kadam hoga aapke or aapki stories ke liye kyunki USC ki stories ko poore XForum ke readers read karte hain.. Aap XForum ke sarvashreshth lekhakon mein se ek hain. aur aapki kahani bhi bahut acchi chal rahi hai. Isliye hum aapse USC ke liye ek chhoti kahani likhne ka anurodh karte hain. hum jaante hain ki aapke paas samay ki kami hai lekin iske bawajood hum ye bhi jaante hain ki aapke liye kuch bhi asambhav nahi hai.

Aur jo readers likhna nahi chahte woh bhi is contest mein participate kar sakte hain "Best Readers Award" ke liye. Aapko bas karna ye hoga ki contest mein posted stories ko read karke unke upar apne views dene honge.

Winning Writer's ko well deserved Awards milenge, uske alawa aapko apna thread apne section mein sticky karne ka mouka bhi milega taaki aapka thread top par rahe uss dauraan. Isliye aapsab ke liye ye ek behtareen mouka hai XForum ke sabhi readers ke upar apni chhaap chhodne ka or apni reach badhaane kaa.. Ye aap sabhi ke liye ek bahut hi sunehra avsar hai apni kalpanao ko shabdon ka raasta dikha ke yahan pesh karne ka. Isliye aage badhe aur apni kalpanao ko shabdon mein likhkar duniya ko dikha de.

Entry thread 7th February ko open hoga matlab aap 7 February se story daalna shuru kar sakte hain or woh thread 25th February tak open rahega is dauraan aap apni story post kar sakte hain. Isliye aap abhi se apni Kahaani likhna shuru kardein toh aapke liye better rahega.

Aur haan! Kahani ko sirf ek hi post mein post kiya jaana chahiye. Kyunki ye ek short story contest hai jiska matlab hai ki hum kewal chhoti kahaniyon ki ummeed kar rahe hain. Isliye apni kahani ko kayi post / bhaagon mein post karne ki anumati nahi hai. Agar koi bhi issue ho toh aap kisi bhi staff member ko Message kar sakte hain.



Story se related koi doubt hai to iske liye is thread ka use kare — Chit Chat Thread

Kisi bhi story par apna review post karne ke liye is thread ka use kare — Review Thread

Rules check karne ke liye is thread ko dekho — Rules & Queries Thread

Apni story post karne ke liye is thread ka use kare — Entry Thread

Prizes
Position Benifits
Winner 1500 Rupees + Award + 30 days sticky Thread (Stories)
1st Runner-Up 500 Rupees + Award + 2500 Likes + 15 day Sticky thread (Stories)
2nd Runner-UP 5000 Likes + 7 Days Sticky Thread (Stories) + 2 Months Prime Membership
Best Supporting Reader Award + 1000 Likes+ 2 Months Prime Membership
Members reporting CnP Stories with Valid Proof 200 Likes for each report



Regards :- XForum Staff
 

malikarman

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Achhi story band ho jati hai
 
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