
मन के विकार मां के प्रति
दोस्तों अभी में इस मंच पर नया नया आया हूं मुझे इसका कोई अनुभव नहीं है इसलिए अगर कुछ लिखते समय गलती हो जाए तो आप मुझे अपने सुझाव दे दीजिए ताकि में आगे से गलतियां कम करू ।
दोस्तों में विजय एक मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखता हूं पापा मेरे गांव में ही काम किया करते हैं खेती बाड़ी का और मां भी पापा की हेल्प करती है इन कामों में और साथ साथ हमारी भी देखभाल किया करती है। बाकी पुर्ण विवरण जब में अपनी कहानी आप लोगो से साझा करूंगा तब कर दूंगा अभी हाल फिलहाल थोड़ा बहुत बता देता हूं। फिलहाल हम चार लोग रहते हैं पापा मां बहन और मैं, बहन मेरे से छोटी है।
___________________________________________
पापा: 46 के , नाम सुधीर चंद्र।
मां: 38 की , नाम उर्मिला ।
मैं: 20 का , नाम विजय ।
बहन: 18 की, नाम अनुराधा।
_______________________________________
कुछ इस तरह दिखती है उर्मिला ।।।
दोस्तों मेरे मन में कही दिनो से या कहें की जबसे मेरे दोस्त ने मुझे पोर्न फिल्म दिखाई अपने घर पर तबसे मेरे अंदर कई तरह के ख्यालात वा बदलाब आने लगे क्योंकि जितनी भी फिल्में मेने देखी सभी लगभग परिवार संबंध पर थी जैसे मां बेटा ,भाई बहन, मामा,भांजी ,चाची भतीजा वगेरह वगेरह इस तरह की फिल्मे देखने के पश्चात मेरे अंदर एक अजीब सी हलचल पैदा हो चुकी है।
क्या सच में ऐसा होता है या यह सब मनगड़त काल्पनिक चरित्र विचार है,यही मेरी समझ में नहीं आ रहा। इसी उलझन में हूं दोस्तों?
पर इन में सबसे ज्यादा रुचि मेरी ( मां बेटे के आपसी संबंध पर थी, ऐसा होता है सच में या नही पर जो भी हो मेरे अंदर अब मां के प्रति कामसुख लालसा उत्पन हो रही थी,
कई सारे प्रश्न मेरे मन में कुल्हाहट मारने लगे थे आप के साथ भी में उन्हे साझा कर रहा हूं बाकी आप सभी महानुभाव समझदार हैं मुझे बताएं की क्या सही क्या गलत है।
क्या बेटे का मां के प्रति आकर्षण सही है।
क्या मां बेटा शारीरिक संबंध बना सकते है कई इसमें कोई दिक्कत समस्या तो नही ।
इस तरह के ख्यालात मेरे मन में आते हैं दोस्तों।
कभी कभी मन करता है की मां को रगड़ रगड़ कर पूरी रात पटक पटक कर चोद दूं ।
मेरा मन करता की अपनी जन्मस्थली को अपने वीर्य से सींच दूं।
मां के स्तनों को दोनो हाथों से पकड़ कर निचोड़ने का मन भी करता है।
कभी सोचता हूं की मां की योनि में इतने तेज झटके मारूं की उसकी योनि अपना गर्म पानी उगलने लगे।
सोचता हूं की जो मां का हल्के भूरे रंग का छोटा सा छेद है उसे अपने लंड से चौड़ा कर दूं।
मां की योनि में अपना पहला विसर्जन करू जिससे वह दुबारा से ब्याता हो जाएं।
कभी सोचता हूं में अगर मां को अपना गर्म गाड़ा दूध पिलाऊं क्योंकि बचपन में उसने मुझे अपना दूध पिलाया था अब मेरा भी तो कर्तव्य है मां के लिए।
दोस्तो अगर कभी एसा संयोग बनेगा तो क्या मुझे अपनी मां की सेवा करनी चाहिए या नहीं। अभी मेने अपने लंड को नापा तो नही है पर इतना कह सकता हूं की कम से कम सात आठ तो होगा ।
आप लोगो को मेरे सुझाव केसे लगे दोस्तो मुझे बताएं और अगर किस्मत ने चाहा तो क्या पता अगली कहानी मेरी अपनी मां के साथ वाली हो।।
अभी अपनी कहानी को यही पर विराम लगाते है
धन्यवाद।।।
।।। समाप्त।।