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Incest मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

aamirhydkhan

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मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ


पेशे खिदमत है वो कहानी जिसके पहले भाग को पढ़ कर मैंने लिखना शुरू किया . जिनकी ये कहानी है अगर वो कभी इसे पढ़े तो अपने कमेंट जरूर दे .

कहानी के सभी भाग कहीं नहीं मिले तो उन्हें पूरा करने का प्रयास किया है

उम्मीद है मेरा लेखन पसंद आएगा .

आमिर हैदराबाद


मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

INDEX
UPDATE 01मेरे निकाह मेरी कजिन जीनत के साथ 01
UPDATE 02मेरे निकाह मेरी कजिन जीनत के साथ 02.
UPDATE 03रुकसाना के साथ रिज़वान का निकाह.
UPDATE 04मेरा निकाह मेरी कजिन के साथ- रुकसाना के साथ रिज़वान का निकाह.
UPDATE 05मेरी बहन का निकाह मेरे कजिन के साथ और सुहागरात.
UPDATE 06मेरी बहन सलमा की चुदाई की दास्ताँ.
UPDATE 07मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ - छोटी बीवी जूनि.
UPDATE 08मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ- छोटी बीवी जूनि.
UPDATE 09मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ - सेक्सी छोटी बीवी जूनी.
UPDATE 10चुदाई किसको कहते है.
UPDATE 11छोटी बेगम जूनी. की सुहागरात.
UPDATE 12छोटी बेगम की जूनी. सुहागरात-2
UPDATE 13मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ- छोटी बेगम जूनी. की सुहागरात.
UPDATE 14छोटी बेगम जूनी. की सुहागरात की सुबह
UPDATE 15अल्हड़ छोटी बेगम जूनी. की सुहागरात की चटाकेदार सुबह.
UPDATE 16दोनों कजिन्स जूनी जीनत.चुदासी हुई.
UPDATE 17ज़ीनत आपा के साथ स्नान
UPDATE 18ज़ीनत आपा का स्तनपान
UPDATE 19में ही ऊपर से चोदूंगी फिर लंड चुसाई और चुदाई
UPDATE 20लंड चुत चुदाई और चुदाई
UPDATE 21कमसिन और अल्हड़ जूनि की चुदाई
UPDATE 22तीसरी बेगम कमसिन अर्शी
UPDATE 23तीसरी बेगम कमसिन अर्शी की चुदाई
UPDATE 24तीसरी बेगम अर्शी की चुदाई
UPDATE 25तीसरी बेगम अर्शी की तृप्ति वाली चुदाई
UPDATE 26तीन सौत कजिन जूनी जीनत अर्शी
UPDATE 27मीठा, नमकीन, खट्टा- जीनत जूनी अर्शी
UPDATE 28दुल्हन बनी चौथी कजिन रुखसार
UPDATE 29मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ चौथी दुल्हन रुखसार.
UPDATE 30मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ चौथी दुल्हन रुखसार.
UPDATE 31कुंवारी चौथी कजिन रुखसार.
UPDATE 32तीखा कजिन रुखसार
UPDATE 33लंड चुसाई
UPDATE 34बुलंद चीखे
UPDATE 35चारो बेगमो के साथ प्यार मोहब्बत- जीनत जूनी अर्शी रुखसार
UPDATE 36बेगमो के साथ प्यार मोहब्बत -जीनत जूनी अर्शी रुखसार
UPDATE 37जीनत जूनी अर्शी रुखसार बेगमो के साथ कहानी अभी बाकी है-
UPDATE 38ज़ीनत आपा की मदहोश अदा
UPDATE 39चारो बेगमो ने लंड चूसा और चाटा
UPDATE 40चलो अब एक साथ नहाते हैं
UPDATE 41नहाते हुए चुदाई
UPDATE 42खूबसूरती
UPDATE 43मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ मस्ती करने दो
 
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aamirhydkhan

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मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

खानदानी निकाह

अपडेट 115

कजिन आपा के साथ निकाह - निकाह मिस्यार

जब मैंने ऊँगली और अंदर डाली और कुछ ही समय में, आधी उंगली नफिसा आपा की योनि में थी। आपा अपनी आँखें बंद करके जोर-जोर से कराह रही थी और अपनी योनि में मेरी उंगली को और अधिक अंदर लेने के लिए अपनी योनि को हिला रही थी।

क्रीम लगाने के बहाने अब मैं उसे उंगली से चोद रहा था और आपा इसका आनंद ले रही थी। इस दौरान आपा अपना हाथ मेरे लिंग पर ले गयी थी और उसने अपनी मुट्ठी मेरे लिंग पर कस ली थी और अपने हाथ को लिंग की लम्बाई पर ऐसे घुमा रही थी जैसे किसे हस्तमैथुन कर रही हो।

आपा का शरीर किसी चीज तक पहुँचने के लिए तड़प रहा था...उसे नहीं पता था कि वह क्या चाहती है...लेकिन उसके लिए तड़प रही थी। मैंने उसके शरीर के साथ खेला, उसे अज्ञात के किनारे पर ले आया...मेरे हाथ उसके शरीर पर घूम रहे थे...छेड़ना, सहलाना, तड़पाना, यातना देना और शांत करना...।

थोड़ी देर बाद मैंने आपा से प्यार से पूछा, "नफिसा आपा, तुम्हें कैसा लग रहा है? क्या मेरी क्रीम लगाने से तुम्हें कुछ आराम मिल रहा है या नहीं?"

"ओह... भाई! यह बहुत बढ़िया है। आपके हाथ जादुई हैं। मैं नहीं बता सकती कि क्रीम लगाने से कितना आराम मिलता है। वैसे तो मेरे अंदर क्रीम लगाने से बहुत आराम मिला है, लेकिन आपकी उंगली के नाखूनों के किनारे मुझे चुभ रहे हैं और अंदर से खुजली कर रहे हैं। कृपया अपनी उंगली हटा लें क्योंकि आपके नाखून बड़े हैं जो मुझे परेशान कर रहे हैं।"

मैंने धीरे से पूछा, "आपा, क्या तुम्हें उंगली से क्रीम लगाने से अच्छा नहीं लग रहा?"

"नहीं भाई बहुत अच्छा लग रहा है, पर आपके नाखून बड़े हैं। क्या आपके पास कुछ बड़ा और लम्बा नहीं है, जो बिना नाखून के भी ज़्यादा गहराई तक पहुँच सके।"

मैं नफिसा आपा की योजना को समझ गया अब आपा गर्म थी और मुझसे कुछ बड़ा चाहती थी। इसलिए, मैंने कहा, " नफिसा आपा, मेरे पास मेरी इस उंगली से बड़ा कुछ भी नहीं है। लेकिन मेरे पास एक लंड है, जिसे आपने अपने हाथों में पकड़ा हुआ हैं। मैं उस पर क्रीम लगा आकर आपकी चूत में डाल सकता हूँ, ये बड़ा है और क्रीम को अंदर रगड़ने के लिए और गहराई में पहुँच जाएगा और इस पर कोई नाखून भी नहीं है। ये कहते हुए, मैंने उसके चेहरे पर देखा।

नफिसा आपा मुझसे चुदने के लिए तैयार थी, लेकिन मासूमियत का नाटक कर रही थी । मैं उसकी इस निर्दोष अदा और रूप पर फिदा हो गया था ।

फिर नफीसा आपा ने एक सवाल की आवाज़ में कहा, " भाई, तुम मेरे काजिन भाई हो और मेरे असली भाई की तरहही हो। अगर तुमने अपना लंड मेरी योनी में डाल दिया, तो क्या यह भाई बहन के रिश्ते में अनाचार नहीं होगा, ? अगर किसी को पता लग गया तब क्या होगा और मेरी छोटी योनि के लिए आपका इतना बड़ा लंड लेना बहुत दर्दनाक होगा।

मुझे पता था कि नफिसा आपा मेरे से चुदाई करवाना चाहती थी मेरे बड़े मोठे लंड को अपने अंदर लेने के लिए बेकरार थी, लेकिन पवित्रता का नाटक कर रही थी, इसलिए मैं उसे उसका ढोंग करना जारी रखने दिया।

नफिसा आपा के जैसे उसी तरह से अभिनय करते हुए, मैंने कहा, "आप सही हैं, नफिसा आपा, मेरी अम्मी और आपकी अम्मी (फूफी) अपने घरो में हैं और हमारे साथ आयी मेरी बहन सलमा हवेली में है और वह सोच रही है कि हम इस आंधी तूफ़ान और बारिश में फंस गए हैं, आपा आप बेफिक्र रहिये कि ये मेरी तरफ़ हमारा ये सम्बन्ध कभी भी लीक नहीं होगा। मेरे चार बीविया है और मेरे साथ निकाह से पहले सभी कुंवारिया थी और मुझे अपनी बीवियों के समेत कई लड़कियों के साथ सेक्स का अनुभव है, इसलिए मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि यह दर्दनाक नहीं होगा, बल्कि आप मेरे लंड को अपनी योनी लेना पसंद करेंगी। आपने डाक्टर को बताया था कि आपको पोर्न फ़िल्मे देखने के कारण बड़े लंड पसंद हैं और मेरा बड़ा लंड आपकी योनी को भोग कर तृप्त करेगा। आपका देखिये ये पहले से ही आपकी सुंदर और तंग योनी के अंदर जाने की प्रत्याशा में धड़क रहा है।"

यह कहते हुए, मैंने अपने लंड को नफिसा आपा के हाथ में फ्लेक्स किया और वह उसके हाथ में मेरे बड़े लंड के फ्लेक्सिंग को महसूस कर सकती थी। नफिसा आपा उसे चोदने के लिए मेरी उत्सुकता पर मुस्कुरायी और कहा, "लेकिन भाई! क्या यह अनाचार नहीं होगा, अगर आप अपना लंड मेरी योनि में डालते हैं? यह समाज और अल्लाह के खिलाफ पाप होगा? भाई मैं अनाचार करने से डरती हूँ।"

मैं एक पल के लिए रुक गया और थोड़ी देर के लिए सोचा और कहा, "नफिसा आपा, यह ठीक है कि मैं तुम्हारा काजिन हूँ और काजिन भाई असली भाई की तरह होता है, लेकिन मैं आपका वास्तविक भाई नहीं हूँ और इसके अलावा हमारे परिवार में खानदानी निकाह का एक इतिहास है और आप जानते हैं कि मेरी सभी बीविया मेरी कजिन चचेरी और मौसेरी बहने हैं और हमारी अम्मिया और अब्बू भी आपस में कजिन हैं और यदि आपने प्रेम विवाह नहीं किया होता तो आप का निकाह भी मेरे साथ ही होना था। ... इसलिए, हमारे परिवार में इस तरह के रिश्ते में सेक्स अनाचार नहीं माना जाता है?"

आपा याद कीजिये डाक्टर ने आपकी जांच कर आपकी निस्संतानता का क्या इलाज़ बताया था। आपा आप को याद होगा जब हम दिल्ली के लिए निकले थे तब मेरी फूफी ने आपका और सलमा का हाथ मेरे हाथ में दे कर कहा था सलमान मैं अपनी बेटियो को तुम्हारी देख रेख में तुम्हारे साथ दिल्ली भेज रही हूँ, इनका ठीक से इलाज़ करवाना जिससे ये जल्दी से माँ बन जाए और इसके लिए जो भी करना पड़े सब करना और ज़रूरी फैसले लेना। इसके लिए मैं आपसे अस्थायी तौर पर निकाह करने का प्रस्ताव रखता हूँ जिसे "निकाह मिस्यार" कहा जाता है।

आपा फूफी ने इस तरह से हमारे इस "निकाह मिस्यार" के रिश्ते को कबूल कर दिया है ताकि आपको अपनी औलाद मिल सके । आपने मुझे कबूल किया है और मैंने आपको कबूल किया है ।तभी अआप इस तरह से मेरी बाहो में हैं चुकी हम सेक्स निकाह के बाद कर रहे है इसलिए इसमें कोई अनाचार नहीं है।

एक आश्चर्यचकित दिखने वाले चेहरे के साथ, नफिसा आपा ने कहा, "ओह ... अल्लाह!"

मैं मुस्कुराया और पूछा, "ठीक है, नफिसा आपा! अब, आप मुझे बताओ, क्या तुम मुझे तुम्हें चोदने दोगी? आप त्यार हो?"

नफिसा आपा के पास कोई जवाब नहीं था, इसलिए वह मुस्कुराई और शर्म से कहा, ", मैं अब क्या कह सकती हूँ? अब आप मेरे शौहर हैं और आप जो चाहते हैं, कीजिये, लेकिन यह दर्दनाक नहीं होना चाहिए क्योंकि आपका इतना बड़ा हैं।" ये कहते हुए, उसने मेरा लंड हिलाया और शरारत से मुस्कुरायी और मेरे पास चली गई और मेरी गर्दन के चारों ओर अपनी बाहें डाल दी, मैंने उसकी उन विशाल आँखों में देखा और अचानक होंठ मिले, मेरी बाहें उसके चारों ओर चली गईं और हम चुंबन कर रहे थे। जल्द ही जीभ मिल गयी और प्रत्येक ने दूसरे के मुंह की धीमी, भावुक अन्वेषण शुरू कर दिया।

मैंने फिर से नफिसा आपा की चूत में ऊँगली डाल हिलानी शुरू कर दी और मेरी उंगली से होने वाले मधुर घर्षण ने उसे विद्युतीय ऊर्जा से भर दिया...उसका सिर घूम गया...उसका शरीर झुक गया और उछल पड़ी; वह इतनी कांप रही थी और अनियंत्रित रूप से गुनगुना रही थी और कराह रही थी...।

नफिसा आपा का शरीर किसी चीज तक पहुँचने के लिए तड़प रहा था...उसे नहीं पता था कि वह क्या चाहती है...लेकिन उसके लिए तड़प रही थी। मैं उसे चूमता हुआ उसके शरीर के साथ खेला, उसे अज्ञात के किनारे पर ले आया...मेरे हाथ उसके शरीर पर घूम रहे थे...।

मैंने नफिसा आपा की ओर देखा और अब आपा मेरे से विनती करने लगी। "कृपया सलमान ...प्लीज ..." मैं मुस्कुराया, यह जानते हुए कि आपा नहीं जानती कि वह मेरे से किस चीज के लिए विनती कर रही थी। मैंने पूछा कि क्या आपा....?

फिर मैंने पूछा नफिसा आपा! क्या आप अपने शब्दों के परिणामों को जानती है। आपा ने धीरे से फुसफुसाते हुए कहा, "मुझे पता है कि क्या होगा। तुम मेरा कौमार्य छीन लोगे। मैं चाहती हूँ कि तुम ... मैं नहीं चाहती कि कोई और मुझे ऐसे छूए जैसा कि तुमने किया है।"

मैंने अपना सिर हिलाया, नफिसा आपा के गाल को सहलाते हुए कहा, "अगर हमारे अब्बू अम्मी को पता चल गया..." और आपा ने तुरंत बीच में टोकते हुए कहा, "मुझे परवाह नहीं है। प्लीज सलमान, मेरा शरीर दर्द कर रहा है और मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि यह किस लिए दर्द कर रहा है... प्लीज... मुझे प्यार करो... इस दर्द को दूर करो.।.."

मैंने कराहते हुए कहा- "मैं तुम्हें कुछ भी मना नहीं कर सकता, मेरी जान!.."


जारी रहेगी
 
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aamirhydkhan

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मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

खानदानी निकाह

अपडेट 116

आपा के साथ मुख मैथुन


नफीसा आपा मेरे पास आयी और मेरी गर्दन के चारों ओर अपनी बाहें डाल दी, मैंने उसकी उन विशाल आँखों में देखा और, अचानक होंठ मिले, मेरी बाहें उसके चारों ओर चली गईं, और हम चुंबन कर रहे थे। जल्द ही जीभ मिल गयी और प्रत्येक ने दूसरे के मुंह की धीमी, भावुक अन्वेषण शुरू कर दिया।

मैंने फिर से नफीसा आपा की चूत में ऊँगली डाल हिलानी शुरू कर दी और मेरी उंगली से होने वाले मधुर घर्षण ने उसे विद्युतीय ऊर्जा से भर दिया...उसका सिर घूम गया...उसका शरीर झुक गया और उछल पड़ी ; वह इतनी कांप रही थी और अनियंत्रित रूप से गुनगुना रही थी और कराह रही थी...

नफीसा आपा का शरीर किसी चीज तक पहुंचने के लिए तड़प रहा था...उसे नहीं पता था कि वह क्या चाहती है...लेकिन उसके लिए तड़प रही थी। मैं उसे चूमता हुआ उसके शरीर के साथ खेला, उसे अज्ञात के किनारे पर ले आया...मेरे हाथ उसके शरीर पर घूम रहे थे....

मैंने आपा की ओर देखा और अब आपा मेरे से विनती करने लगी। "कृपया सलमान ..प्लीज ..." मैं मुस्कुराया , यह जानते हुए कि आपा नहीं जानती कि वो मेरे से किस चीज के लिए विनती कर रही थी। मैंने पूछा कि क्या आपा ?

फिर मैंने पूछा नफीसा आपा! क्या आप अपने शब्दों के परिणामों को जानती है ? आपा ने धीरे से फुसफुसाते हुए कहा, "मुझे पता है कि क्या होगा। तुम मेरा कौमार्य छीन लोगे। मैं चाहती हूँ कि तुम ... मैं नहीं चाहती कि कोई और मुझे ऐसे छूए जैसा कि तुमने किया है।"

मैंने अपना सिर हिलाया, नफीसा आपा के गाल को सहलाते हुए कहा, "अगर हमारे अब्बू अम्मी को पता चल गया..." और आपा ने तुरंत बीच में टोकते हुए कहा, "मुझे परवाह नहीं है। प्लीज सलमान , मेरा शरीर दर्द कर रहा है, और मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि यह किस लिए दर्द कर रहा है... प्लीज... मुझे प्यार करो... इस दर्द को दूर करो..." उसने कराहते हुए कहा,

"नफीसा आपा ! मैं तुम्हें कुछ भी मना नहीं कर सकता मेरी जान ..."

मेरी टांगो के बीच में धड़कते हुए शक्तिशाली लिंग पर ध्यान केन्द्रित करते हुए आपा ने अपनी आँखों से मेरा शरीर निहारा। आपा मेरे मोटे भूरे लिंग के बीच से धड़कती हुई काली नसें और उनके ऊपर सूजे हुए बैंगनी सिर को देखकर कराह उठी... । मैंने आपा को धीरे से बिस्तर पर लिटाया और उसके पैरों को अलग किया, और ध्यान से योनि के नरम गुलाबी होंठों का अध्ययन किया। मैंने अपना सिर झुकाया, और आपा ने मेरी सांसों की गर्मी महसूस की, जब मैंने फुसफुसाते हुए कहा, "आपा तुम सच में एक फूल हो, ।"

इस समय तक, मेरा लिंग कठोर हो चुका था। मैं नफीसा आपा को चोदना चाहता था, और हम दोनों मेरे बड़े, किंग साइज़ बिस्तर पर नग्न थे, जहाँ हमने फिर से चुंबन करना शुरू किया और फिर एक दूसरे की कोमल शारीरिक रचना का सर्वेक्षण शुरू किया।

"भाई, तुम्हारा लिंग कितना बड़ा है। यह मेरे शौहर से लगभग तीन गुना बड़ा है।"

"तुम्हें सब मिल जाएगा, नफीसा आपा। पहले, मुझे तुम्हें देखने दो," मैंने मुस्कुराते हुए कहा और उसके नग्न रूप को देखने के लिए उससे दूर हट गया।


नफीसा आपा
भी मुस्कुराई और मेरे दृश्य निरीक्षण का आनंद ले रही थी क्योंकि वह अपने शरीर को मुझे अच्छी तरह से दिखाने के लिए इधर-उधर घूम रही थी। मुझे पसंद आया कि कैसे उसके स्तन उसकी छाती पर ऊँचे उठे हुए थे, भले ही वह अपनी पीठ के बल लेटी हुई थी। उसके निप्पल बड़े और सख्त थे, जो उसके तुलनात्मक रूप से छोटे और बहुत गहरे रंग के एरोला के आधार से सीधे ऊपर की ओर चिपके हुए थे। उसकी पतली कमर और सपाट पेट एकदम सही आकार के कूल्हों और लंबी, सुंदर रूप से बनी हुई टाँगों तक ले जाता था।

मैंने नफीसा आपा के पैरों को जितना हो सके उतना फैलाया, उसके घुटनों को थोड़ा पीछे धकेला, और खुद को उनके बीच में रख दिया। उसकी चूत बहुत सुंदर थी, और वह अच्छी चुदाई के लिए गर्म थी। आगे झुकते हुए, मैंने उसके जघन टीले के ठीक ऊपर एक हल्का सा चुंबन लगाया, फिर, नीचे की ओर बढ़ते हुए, मैंने उसकी खुशी की सीट को दरकिनार कर दिया और उसकी जांघों के अंदरूनी हिस्सों को हल्के से चूमना और चाटना शुरू कर दिया, एक तरफ से दूसरी तरफ, अपनी इंद्रियों को उसकी त्वचा के रेशमी स्पर्श, उसके हल्के इत्र के स्वाद, उसकी झागदार चूत से निकलने वाली यौन उत्तेजना की गंध में नहलाते हुए।

अपने हाथों को नफीसा आपा के नितंबों के नीचे रखते हुए, मैंने धीरे से उसके नितंबों को बिस्तर से ऊपर उठाया और उन दृढ़ गोलों को चूमना शुरू कर दिया, कभी-कभी अपने दांतों से उन्हें हल्के से काटता। वह उत्तेजना से कांप रही थी और, मुझे विश्वास था, थोड़ी निराशा भी। वह चाहती थी कि उसका मुँह उसके सेक्स के केंद्र पर हो। लेकिन मैं चाहता था कि वह इसके लिए इंतज़ार करे ताकि बाद में और मज़ा ले सके और इसलिए मैंने उसे छेड़ना जारी रखा।

"चलो, भाई," नफीसा आपा ने कराहते हुए कहा, "मुझे इस तरह मत छेड़ो।"

"जैसे क्या? नफीसा आपा ? "

"तुम्हें पता है कि मैं क्या चाहती हूँ...कृपया।"

"मुझे बताओ कि तुम क्या चाहती हो। स्पष्ट कहो आपा । मैं तुम्हें यह कहते हुए सुनना चाहता हूँ।"

नफीसा जोर से साँस ले रही थी और उसके कूल्हे थोड़े से हिल रहे थे क्योंकि वह अपनी चूत को मेरे चेहरे पर दबाना चाहती थी। वह शब्द नहीं कहना चाहती थी, लेकिन मैं उसे ये शब्द कहने के लिए मजबूर करने के लिए दृढ़ था। मैंने उसके अब अतिउत्तेजित यौन मांस के चारों ओर के क्षेत्र को चूमना और काटना जारी रखा, बिना सीधे संपर्क किए।

"मुझे चाटो," नफीसा ने कराहते हुए कहा। मैंने उसकी जांघ के अंदर के हिस्से को चाटा। "नहीं... मेरी चाटो... मेरी चाटो... मेरी चाटो..."

"क्या चाटु नफीसा आपा?"

"मेरी... चूत चाटो," नफीसा आपा ने हांफते हुए कहा।

मैंने तुरंत अपना मुंह आपा की चूत पर घुमाया, जो अब लगातार रस बहा रही थी और रस उसकी चूत के नीचे से उसकी गांड की दरार से धीरे-धीरे नीचे की ओर बह रहा था, जिससे उसके पीछे के कसकर सिकुड़े हुए दरवाजे पर एक चमकदार निशान बन गया।

नफीसा आपा
की सेक्स की मजबूत, कस्तूरी जैसी खुशबू मेरे लिए एक मादक पदार्थ की तरह थी, और जिसका इन्तजार में मैं बहुत लंबे समय से कर रहा था। मैंने धीरे-धीरे, लेकिन बहुत दृढ़ता से, अपनी जीभ से उसकी प्रमुख लेबिया की मालिश करना शुरू किया, पहले एक तरफ और फिर दूसरी तरफ। नफीसा आपा को यह बहुत पसंद आया, जिसका संकेत उसने दबाव बढ़ाने के लिए अपने कूल्हों को बिस्तर से ऊपर उठाकर दिया। मैंने कुछ मिनटों तक जीभ की मालिश जारी रखी और फिर रणनीति बदली, उसकी मोटी बाहरी चूत के होंठों में से जितना संभव हो सके उतना अपने मुंह में लिया और फिर उसे चूसा। मोटी मांस, जो हाल ही में जघन बालों से रहित थी, फिर से प्रतिक्रियाशील थी, और इसे अपने होंठों के बीच लेने से मैं अपने होंठों और जीभ के साथ उसकी प्रमुख लेबिया सिलवटों की अति संवेदनशील आंतरिक सतह के संपर्क में आया, जिसे मैंने चूसते समय आगे-पीछे जोर से चलाया।


फिर नफीसा आपा को खुशी के अलावा कुछ नहीं पता था, क्योंकि मेरा मुंह चूत की रेशमी पंखुड़ियों पर नीचे चला गया...

नफीसा आपा ने अपने गले के पिछले हिस्से से लगभग दयनीय म्याऊँ जैसी आवाज़ निकालनी शुरू कर दी। मुझे लगा कि वह वहीं पर आने वाली है और मैं अभी तक उसकी भगनासा तक नहीं पहुँचा था। इस दृश्य ने मुझे उस समय की याद करा दी जब मैंने कई बार इक़रा खाला के साथ ऐसा किया था।

नफीसा आपा की आँखें कसकर बंद थीं और उसने दो मुट्ठी भर चादरें पकड़ रखी थीं। उसके कूल्हे अब लगभग निरंतर हिल रहे थे, जिससे मेरे लिए उसकी चुत के साथ रहना एक वास्तविक चुनौती बन गया। उसकी साँसें भींचे हुए दाँतों के बीच उखड़ी हुई थीं क्योंकि उसका मुख मैथुन से प्रेरित पहला संभोग निकट आ रहा था। मैं अभी भी एक-एक करके उसकी चूत के बाहरी होंठों पर काम कर रहा था, उन्हें अपने मुँह में चूस रहा था, उन्हें उसकी जांघों से दूर खींच रहा था, जिससे वह अपने कूल्हों को बिस्तर से उठाकर उसके साथ रहने के लिए मजबूर हो रही थी, अपनी जीभ से उन पर काम कर रहा था।

इस बीच, मैं अपने दाहिने हाथ की तर्जनी का उपयोग करके बहुत धीरे से नफीसा आपा के आंतरिक लेबिया के बाहरी किनारों को सहला रहा था, बहुत सावधानी से उसकी भगनासा को स्पर्श करने से बच रहा था। उसके अपने रस और मेरी लार ने मिलकर उसकी चूत को दलदल बना दिया था। उसकी गांड के नीचे बिस्तर पर एक छोटा सा पोखर बन रहा था। मैं स्त्री के मांस के स्वाद और गंध को निगल रहा था, और उसकी कराहें उसकी यौन प्यास दर्शा रही थीं।

नफीसा
अब अपनी मस्ती से कराह रही थी, उसका सिर तकिये पर एक तरफ से दूसरी तरफ हिल रहा था। चीखों कराहो के बीच में, वह बड़बड़ा रही थी कि यह कितना अच्छा लग रहा है ।

अपनी उंगली की हरकत को अपनी जीभ से बदलने के बाद, मैंने रणनीति बदली और अपनी जीभ को नफीसा आपा की चूत के अंदरूनी होंठों के चारों ओर तेज़ी से और हल्के से चलाना शुरू कर दिया, हर बार उसकी अति संवेदी भगनासा को छुए बिना, उसकी भगनासा के आसपास ब्रश किया। कभी-कभी, मैं अपनी जीभ के सपाट हिस्से का उपयोग उन अंदरूनी होंठों और मोटे बाहरी होंठों के बीच के चिकने मांस को चाटने के लिए करता था, अपनी उंगलियों का उपयोग करके उस क्षेत्र को उजागर करता था जिस पर मैं अपने मुंह से हमला कर रहा था। वह आने लगी, उसका पूरा शरीर उत्कर्ष के कगार पर पहुँच गया, क्योंकि आनंद की लहरें उसे घेर रही थीं। जैसे ही मुझे लगा कि वह आने लगी है, मैंने तुरंत अपनी जीभ की नोक से उसके बहुत ही उभरे हुए, बहुत बड़े भगशेफ के सिर को हिलाना शुरू कर दिया। नफीसा आपा चिल्लाई क्योंकि आपा आनंद से सरोबार हो गयी थी । मुझे खुशी थी कि दरवाजा बंद था वरना पूरा होटल उसकी कराहे सुन पाता।

चूत चाटने के मेरे अनुभव ने मुझे बताया कि कब थोड़ा पीछे हटना है और उसे नीचे आने देना है, और कब अपनी जीभ और होंठों के साथ संपर्क बनाए रखना है, लेकिन फिलहाल नफीसा के भगशेफ के साथ सीधे संपर्क से बचना है, यह देखते हुए कि जीभ उसकी त्वचा की परतों में वापस आ गयी , हालांकि आपा का मांस अभी भी अपने सुरक्षात्मक आवरण के नीचे दृढ़ और सीधा था। उसका शरीर अभी भी लहरा रहा था, हालांकि कुछ पल पहले की तरह नहीं था। उसके हाथ मेरे सिर को सहला रहे थे, उसकी उंगलियाँ मेरे बालों में चल रही थीं। उसने स्पष्ट रूप से सोचा कि ये समाप्त हो गया है ।

मैंने नफीसा आपा की तरफ देखा और पाया कि वह अपने ऊंचे, गर्वित स्तनों के बीच से मुझे देख रही थी, उसके चेहरे पर यौन संतुष्टि की एक स्वप्निल मुस्कान थी। "वाह, सलमान। यह मेरे द्वारा अब तक अनुभव की गई सबसे अविश्वसनीय चीज़ थी।"

"ठीक है, नफीसा आपा ! मैं थोड़ा अभ्यास से बाहर हूँ, लेकिन फिर भी धन्यवाद। अब आराम से लेट जाओ। मैंने अभी तक समाप्त नहीं किया है।"

"समाप्त नहीं हुआ ? मैं पहले ही छह बार झड़ चुकी हूँ। तुम्हारा मतलब है कि अभी और है?"

"आपा मैं वास्तव में संभोग करना पसंद करता है, खासकर एक ऐसी महिला के साथ जिसका स्वाद आपके जितना अच्छा हो।"

प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा किए बिना, मैंने एक बार फिर अपने मुँह से नफीसा की योनि के बाहरी होंठों की मालिश करना शुरू कर दिया, लेकिन इस बार, मैंने कुछ नया किया । अपने दाहिने हाथ की तर्जनी और मध्यमा का उपयोग करते हुए, मैंने उसकी योनि की गहराई को टटोला, ऊपर की ओर दबाते हुए, जो मुझे पता था कि वहाँ है, उसे खोजते हुए, और अंत में उसे पा लिया; उसकी योनि की छत के नीचे दबी मांस की छोटी गाँठ, जिसे ग्रैफ़ेनबर्ग स्पॉट (जी स्पॉट) के रूप में जाना जाता है। मुझे यकीन था कि उसे पहले कभी जी-स्पॉट ऑर्गेज्म नहीं मिला था, और मैं उसे दिखाना चाहता था कि वह अनुभव कैसा होता है ।

नफीसा आपा
का जी-स्पॉट ढूँढ़ते हुए, मैंने अपनी उँगलियों से उसे दबाना शुरू किया, मांस की गाँठ मजबूती से दबाते हुए। इस बीच, मैं अपनी जीभ का इस्तेमाल करके दृढ़ता से, फिर भी धीरे से, उसके भगशेफ के दोनों तरफ के क्षेत्र को सहला रहा था, इस तरह उसे एक साथ दो शक्तिशाली तरीकों से उत्तेजित कर रहा था।

"ओह, भाई... यह अच्छा है। तुम क्या कर रहे हो...? मैंने ऐसा कभी महसूस नहीं किया... ओह हाँ... मुझे उँगलियों से करो ! चोदो... मेरी भगशेफ को चाटो... मुझे उत्तेजित करो..." नफीसा कराहने लगी और इस तरह के शब्दों और वाक्यांशों के टुकड़े बुदबुदाने लगी क्योंकि मैंने एक बार फिर उसे चरमसुख की सीढ़ी पर धकेल दिया।

अंदर उँगलियों की हरकत जारी रखते हुए, मैंने नफीसा आपा की चूत को जितना हो सके उतना चाटना शुरू कर दिया, उसकी भगशेफ पर थोड़ा समय बिताने के लिए और उसकी योनि के ठीक ऊपर उसके छोटे से पेशाब के छेद को थोड़ा सा टटोला । कुछ ही पलों में, ऐसा लगा, हालाँकि यह कुछ मिनटों के बारे में रहा होगा, वह दिमाग को हिला देने वाले जी-स्पॉट ऑर्गेज्म के किनारे पर थी। मैंने अचानक महसूस किया कि उसकी चूत के अंदर मेरी उंगलियों पर ज़ोर से दबाव पड़ रहा था, ठीक उसी समय जब उसका पेशाब का छेद खुद को अंदर बाहर धकेलने लगा, चौड़ा होकर औरत के तरल पदार्थ की एक धार मेरे इंतज़ार कर रहे मुँह में छलकने लगी। आपा बेतहाशा चिल्ला और उछल रही थी ।

मैंने अपना मुँह नफीसा आपा के छेद पर दबा दिया और उसके जी-स्पॉट पर काम करना जारी रखा, फिर आपा चिल्लाई...उसका शरीर एक तने हुए धनुष की तरह झुक गया...मेरा लिंग धड़क रहा था ..और आपा अपने मीठे रस की बाढ़ मेरे मुँह में भर रही थी .. उसके चुतरस को दुहना चूसना मैंने जारी रखा ,और रस की एक बूँद भी मुझसे नहीं बची। उसके हाथ मेरे बालों को पकड़ रहे थे। आपा ने खुद को मेरे मुँह के खिलाफ धकेल दिया, अपने योनि को मेरे चेहरे पर रगड़ते हुए, मेरे मुंह और ठोड़ी का अपने मधुर अमृत से अभिषेक किया।

गाढ़े, अपारदर्शी तरल पदार्थ की धार मेरे होंठों से होकर बह रही थी। यह एक ऐसा स्वाद था जिसे मैं मिस कर रहा था। मैंने लालच से सब ऐसे पी लिया, जैसे कोई भूखा नवजात अपनी माँ के स्तन पर हो, मैं नफीसा आपा की चूत को तब तक सहलाता रहा जब तक कि मैंने उसे पूरी तरह से खाली नहीं कर दिया, मैंने धीरे-धीरे अपनी उंगलियाँ उसकी अभी भी कमज़ोर रूप से सिकुड़ती हुई योनि से निकाली और उसके ऊपर जमा हुए चिकनाई की मोटी परत को चाटा। उसकी चूत को एक आखिरी, लंबे समय तक चूसने वाला, चुम्बन देते हुए, मैं उसके पैरों के बीच से निकलकर बिस्तर पर उसके हाँफते हुए शरीर के बगल में लेट गया। मैंने अपना हाथ उसकी चूत पर रखा और पूरे क्षेत्र को धीरे से मालिश किया।

"आपा ! मुझे लगता है कि आपने कभी अपने जी-स्पॉट को नहीं छेड़ा ?" अभी भी अपनी सांसों को संभालते हुए, नफीसा आपा ने एक मुस्कान नफीसा के साथ कहा, "तुम ऐसा कह सकते हो। भाई, मैंने जी-स्पॉट के बारे में पढ़ा है, लेकिन पढ़ना और अनुभव करना दो अलग-अलग चीजें हैं। बस एक पल के लिए मुझे लगा कि मैं तुम्हारे मुंह में पेशाब कर रही हूँ, लेकिन मैं इतना दूर चली गयी थी कि मुझे परवाह नहीं थी। मैंने तुम पर पेशाब नहीं किया, है न?"

मैं हँसा, "नहीं, आपा! तुमने मुझ पर पेशाब नहीं किया। तुम झड़ गई। तुमने स्खलन किया। हर महिला ऐसा नहीं कर सकती। तुम अपना रस निकाले बिना जी-स्पॉट संभोग कर सकती हो, लेकिन तुम एक शूटर हो। मैं उस चीज़ से कभी तृप्त नहीं हो सकता। कैसा लगा ये आपा ?"

" मैं भाई कैसे वर्णन कर सकती हूँ कि आपने अपने मुंह से मुझे क्या आनंद दिया! अभी , जब मैं अपने गर्म शरीर पर आपकी जीभ के स्पर्श को याद करती हूँ, तो मेरा शरीर नरम और नम हो जाता है। जिस तरह से आपकी जीभ मेरे छोटे बटन के चारों ओर घूमी है...जिस तरह से यह फूले हुए होंठों के बीच में जांच कर रही थी । मुझे लगा कि मेरी इंद्रियाँ तेज़ी से हिल रही हैं...मेरे अंदर गर्मी बढ़ रही है...मेरा शरीर वासना और आनंद की ज्वाला से अभिभूत है.!.." नफीसा आपा ने कहा ।

वह मेरी ओर मुँह करके लेट गई और मेरे चेहरे से अतिरिक्त योनि रस को चाटना शुरू कर दिया, एक लंबे, गहरे चुंबन के साथ
नफीसा आपा का चाटना समाप्त हुआ।


जारी रहेगी
 
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aamirhydkhan

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आपा और मेरा मुख मैथुन


मैंने अपना मुँह नफीसा आपा की चुत के छेद पर दबा दिया और उसके जी-स्पॉट पर काम करना जारी रखा, फिर आपा चिल्लाई...उसका शरीर एक तने हुए धनुष की तरह झुक गया...मेरा लिंग धड़क रहा था ..और आपा अपने मीठे रस की बाढ़ मेरे मुँह में भर रही थी .. उसके चुतरस को दुहना चूसना मैंने जारी रखा ,और रस की एक बूँद भी मुझसे नहीं बची। उसके हाथ मेरे बालों को पकड़ रहे थे। आपा ने खुद को मेरे मुँह के खिलाफ धकेल दिया, अपने योनि को मेरे चेहरे पर रगड़ते हुए, मेरे मुंह और ठोड़ी का अपने मधुर अमृत से अभिषेक किया।

नफीसा आपा की चुत के गाढ़े, अपारदर्शी तरल पदार्थ की धार मेरे होंठों से होकर बह रही थी। यह एक ऐसा स्वाद था जिसे मैं मिस कर रहा था। मैंने लालच से सब ऐसे पी लिया, जैसे कोई भूखा नवजात अपनी माँ के स्तन पर हो, मैं नफीसा आपा की चूत को तब तक सहलाता रहा जब तक कि मैंने उसे पूरी तरह से खाली नहीं कर दिया, मैंने धीरे-धीरे अपनी उंगलियाँ उसकी अभी भी कमज़ोर रूप से सिकुड़ती हुई योनि से निकाली और उसके ऊपर जमा हुए चिकनाई की मोटी परत को चाटा। उसकी चूत को एक आखिरी, लंबे समय तक चूसने वाला, चुम्बन देते हुए, मैं उसके पैरों के बीच से निकलकर बिस्तर पर उसके हाँफते हुए शरीर के बगल में लेट गया। मैंने अपना हाथ उसकी चूत पर रखा और पूरे क्षेत्र को धीरे से मालिश किया।

"आपा ! मुझे लगता है कि आपने कभी अपने जी-स्पॉट को नहीं छेड़ा ?" अभी भी अपनी सांसों को संभालते हुए, उसने एक मुस्कान और एक टिप्पणी दोनों को संभाला, "तुम ऐसा कह सकते हो। भाई, मैंने जी-स्पॉट के बारे में पढ़ा है, लेकिन पढ़ना और अनुभव करना दो अलग-अलग चीजें हैं। बस एक पल के लिए मुझे लगा कि मैं तुम्हारे मुंह में पेशाब कर रही हूँ, लेकिन मैं इतना दूर चली गयी थी कि मुझे परवाह नहीं थी। मैंने तुम पर पेशाब नहीं किया, है न?"

मैं हँसा, "नहीं, नफीसा आपा, तुमने मुझ पर पेशाब नहीं किया। तुम झड़ गई। तुमने स्खलन किया। हर महिला ऐसा नहीं कर सकती। तुम अपना रस निकाले बिना जी-स्पॉट संभोग कर सकती हो, लेकिन तुम एक शूटर हो। मैं उस चीज़ से कभी तृप्त नहीं हो सकता। ये कैसा लगा अत्युमहेव आपा ?"

" भाई मैं कैसे वर्णन करु कि आपने अपने मुंह से मुझे क्या आनंद दिया? अभी , जब मैं अपने गर्म शरीर पर आपकी जीभ के स्पर्श को याद करती हूँ, तो मेरा शरीर नरम और नम हो जाता है। जिस तरह से आपकी जीभ मेरे छोटे बटन के चारों ओर घूमी है...जिस तरह से यह फूले हुए होंठों के बीच में जांच कर रही थी ... ..। मुझे लगा कि मेरी इंद्रियाँ तेज़ी से हिल रही हैं...मेरे अंदर गर्मी बढ़ रही है...मेरा शरीर वासना और आनंद की ज्वाला से अभिभूत है...।

नफीसा आपा मेरी ओर मुँह करके लेट गई और मेरे चेहरे से अतिरिक्त योनि रस को चाटना शुरू कर दिया, एक लंबे, गहरे चुंबन के साथ उसका चाटना समाप्त हुआ।

कुछ देर बाद मैंने अपनी आँखें खोली तो पाया कि नफीसा आपा मेरे बगल में बिस्तर पर लेटी हुई थी। उसने मेरे लंड को छूना शुरू कर दिया जो पहले से बड़ा लग रहा था। उसने लंड को सहलाना शुरू कर दिया। उसकी हथेली का कोमल स्पर्श पाकर, मेरे विशाल लंड ने धीरे-धीरे अपना सिर और शरीर ऊपर उठाया।

नफीसा आपा बिस्तर पर लेटी हुई थी, मैंने उसकी कमर के नीचे एक तकिया रखा ताकि उसकी योनि को बेहतर कोण पर ऊपर उठाया जा सके।

नफीसा आपा ने शर्म से अपनी आँखें बंद कर लीं और मेरी आँखों में सीधे नहीं देख पा रही थी। फिर मैं उसके चेहरे के सामने घुटनों के बल बैठ गया, और उनकी चूत को चुम कर कहा, "नफीसा आपा चूँकि तुम्हारी चूत का छेद बहुत छोटा है, इसलिए, मेरे बड़े लंड को तुम्हारी छोटी और कसी हुई योनि में आसानी से प्रवेश करने के लिए थोड़ी चिकनाई की ज़रूरत है। इसलिए, मेरे लंड को तुम्हारी लार की ज़रूरत है, बस थोड़ा सा चूसो।"

आपा तुरंत समझ गयी की मैं क्या चाहता हूँ आपा जानती थी कि उसे क्या करना चाहिए, उसने पोर्न में रोमांचक प्रलोभनों के बारे में सब कुछ पढ़ा था, उसे एक दृश्य याद आया जिसमे एक कामुक रूप से सुडौल गोरी कुंवारी लड़की की पहली चुदाई के दृश्य में उसका प्रेमी उसकी पीठ के बल लेटा हुआ था, लड़की के बड़े स्तन पिरामिड की तरह उभरे हुए थे; गोरी सुनहरे बाल वाली रुसी लड़की ने लड़के के लिंग की ओर मुड़ते हुए, उसने उसके लिंग के सिरे पर एक गर्म, गीला, चुम्बन किया फिर अपनी जीभ को चिकनी सतह पर घुमाया और टिप पर जमा हुए वीर्य की चमकदार धार को इकट्ठा किया। उसने उसके लिंग के सिरे को अपने होठों के बीच में सरकाया और अपनी जीभ को उसके लिंग के छेद में घुसाया। उसने एक हाथ से उसके लिंग के तने को पकड़ा और सहलाया, जबकि दूसरे हाथ से उसने उसके अंडकोषों को धीरे से सहलाया। फिर उस रुसी गोरी सुंदरी ने एक पल के लिए अपना मुँह अपने कौमार्य हर्ता के लिंग के सिरे से हटाकर, उसने अपनी स्थिति को इस तरह से समायोजित किया कि वह उसके पैरों के बीच घुटनों के बल बैठ गई। फिर, अपने दाहिने हाथ में उसके अंडकोषों के ठीक नीचे उसके लिंग के आधार को मजबूती से पकड़कर, उसने लिंग के तने को सीधे अपने मुँह की ओर किया और अब तक का सबसे शानदार मुखमैथुन शुरू किया। उस रुसी सुंदरी का प्रेमी८ कराह उठा था जब उसने महसूस किया कि उसका गर्म, गीला मुँह उसके लिंग के सिरे पर वापस सरक रहा है। वह एक पल के लिए वहाँ रुकी, अपनी जीभ से चिकनी सतह को रगड़ती रही, लार को जमा होने दिया जब तक कि वह उसके होठों से निकलकर उसके लिंग के तने की लंबाई तक नहीं पहुँच गई। अपने थूक को चिकनाई की तरह इस्तेमाल करते हुए, उसने उसके लिंग को अपने मुँह में लेना शुरू कर दिया, और छोटे लेकिन धीमे स्ट्रोक के साथ उसे अंदर ले गई। हवा के लिए ऊपर आने की ज़रूरत महसूस करते हुए, वह धीरे-धीरे लिंग को ऊपर की ओर सरकाती रही जब तक कि लिंग का सिर उसके मुंह से बाहर नहीं निकल गया, उसके चमकते होंठों से जुड़ी लार की एक मोटी लार की धार बाहर आ गई। उसने अपने चेहरे पर एक मुस्कान के साथ उसकी ओर देखा और उसने आत्मविश्वास से उसके लिंग के सिर को अपने मुंह में वापस ले लिया, एक लंबे, चिकने झटके में उसकी पूरी लंबाई को निगल लिया। रुसी सुंदरी ने कई बार इस तरह मुँह ऊपर नीचे कर लं चूसा और फिर उसने अचानक अपना मुंह उसके लिंग से हटा लिया, और बिस्तर पर बैठ गई, उसके हाथ अभी भी उसके लिंग को पकड़े हुए थे और उसे सहला रहे थे, जो उसके थूक से चमक रहा था।

फिर रुसी गोरी सुंदरी ने जीभ के कुछ स्ट्रोक, फिर अंदर-बाहर और फिर कैमरामैन ने उसके प्रेमी के लिंग से निकली वीर्य की एक जबरदस्त बूँद को बाहर निकालने के शॉट को अपने कैमरे में पकड़ लिया था - तरल क्रीम की चमकीली धार उस रुसी सुंदरी के गोरे शरीर पर फैल गयी थी - और फिर उसी क्रीम की कई अन्य बूँदें उसके स्तनों और गले पर बिखरी।

आपा के चेहरे ये पूरा दृश्य याद करते हुए शुद्ध परमानंद की अभिव्यक्ति थी क्योंकि उसने उस लड़के के लिंग को देख यही सोचा था की उसे भी ऐसा ही एक दिन अपने शौहर का ऐसा ही बड़ा और लम्बा लिंग चोदेगा, लेकिन फिर सुहागरात में उसे अपने शौहर का छोटा और पतला लिंग देख घोर निराशा हुई, पर अब मेरा बड़ा लिंग सामने देख उसने अपने सपने सच करने का फैसला लिया और वह हरकत में आ गई।

नफीसा आपा उठी, एक अश्लील वाक्यांश बुदबुदाते हुए, वह मेरे सामने घुटनों के बल बैठ गई और उसके लिंग को अपने हाथों में ले लिया। मेरे लिंग को पकड़ा जो वासना से बड़ा और सूजा हुआ था, और फिर उसने मेरे लिंग की खाल उतारकर उसके बड़े, भड़कते हुए सिर को उजागर किया। यह उन चुदाई मशीनों से भी अधिक भयानक लग रहा था जो उसने पोर्न वीडियो, किताबों और पत्रिकाओं में देखी थीं; सिर का आकार बैंगन जैसा था और लगभग उतना ही बैंगनी रंग का था, हालाँकि किसी भी बैंगन में कभी भी इतना मांसल या कामुक रूप नहीं था जितना कि उसे मेरा लिंग लग रहा था।

अपने रसीले मुंह में उसके गुलाबी होंठों की ओर निर्देशित किया। उसने लंड को पहले कोमलता से चूमना शुरू किया, अपने होंठों को उसकी साटन जैसी सतह पर रगड़ने दिया। यह पहली बार था जब उसने इतने बड़े मोटे विशाल लिंग को चूमा था, हालाँकि मैं यह उसके ऊर्जावान प्रदर्शन से नहीं बता सकता था। उसने लिंग चूसा, उसने इसे वास्तव में बहुत अच्छे से चूसा। उसने अपने मुँह को उस बड़े, सूजे हुए लिंग के सिर पर लाने के लिए जोर लगाया और आखिरकार सफल हुई। उसका मुँह गर्म लिंग से भरा हुआ महसूस हुआ, और वह पागलों की तरह सोच रही थी कि वह उस विशाल लिंग को अपनी योनि में कैसे ले पाएगी। फिर उसने अपने होंठों से मेरे अंडकोष को चाटने और चूसने के लिए पहुँचकर समग्र उत्तेजना को और बढ़ा दिया। अंडे, शुक्राणु से भरे हुए बड़े और पके हुए, उनके बालों वाले थैले में नीचे लटक रहे थे, और नफीसा आपा ने पाया कि उन्हें छूने से उसे गर्मी महसूस हो रही थी।


फिर आपा ने लिंग के सिर पर एक गर्म, गीला, चुम्बन किया फिर अपनी जीभ को चिकनी सतह पर घुमाया और टिप पर जमा हुए वीर्य की चमकदार धार को इकट्ठा किया। उसने उसके लिंग के सिरे को अपने होठों के बीच में सरकाया और अपनी जीभ को उसके लिंग के छेद में घुसाया। उसने एक हाथ से उसके लिंग के तने को पकड़ा और सहलाया, जबकि दूसरे हाथ से उसने मेरे अंडकोषों को धीरे से सहलाया।

एक नौसिखिए के लिए, नफीसा आपा अद्भुत कौशल के साथ चूस रही थी। लंड चुस्ते हुए आपा को वह रोमांचक अंश याद आया जिसमे आपा ने पढ़ा था की जब उनके प्रेमी उनके मुँह में अपना लिंग डालते थे, तब महिलाएँ खुशी से पागल हो जाती थीं और उसने ईमानदारी से वह सब कुछ दोहराने की कोशिश की जो उसने पढ़ा था और पोर्न में देखा था । वह चाहे जितनी भी कोशिश करे, वह अपना मुँह मेरे लंड के आधे से ज़्यादा हिस्से तक नहीं ले जा सकी। उसकी जीभ ने लंड को ऊपर-नीचे पूरी लमाबई पर चाटना शुरू कर दिया, लिंग को अपनी लार से पूरी तरह से ढक दिया ।

आपा की जीभ ने सिर और लिंग के बीच की गहरी नाली को छुआ, फिर लिंग के सिर के नीचे की तरफ मुड़ी। जब उसने अपना मुँह से लगभग पूरा लंड निकाल लिया; उसने अपनी जीभ को उसके सिरे के ऊपर की दरार में डाल दिया। मैं उत्तेजना से कराह उठा और उसके सिर को पकड़ लिया, उसके चेहरे को स्थिर रखते हुएउसके मुँह में अंदर-बाहर चुदाई करने लगा। आपा ने मेरे अंडकोष को सहलाने के लिए हाथ बढ़ाया। उसने अपनी उँगलियाँ लिंग के निचले हिस्से पर हल्के से फिराईं । आपा मुझे पूरी तरह से उत्तेजित करने में सफल रही , और कुछ ही समय में मुझे आपा के मुँह में अपना वीर्य छोड़ने से रोकना बहुत मुश्किल हो गया। अगर मुझे यह पहले पता होता, तो मैं उसे चरमोत्कर्ष तक चूसवाता । लेकिन उस समय, मैं अपना लिंग उसकी गर्म छोटी सी चूत में मजबूती से घुसाने में ज़्यादा उत्सुक था ।

नफीसा आपा के मुँह में मेरे लिंग का स्पर्श उसे भी उत्तेजित कर रहा था। मैंने अपना लिंग बाहर खींचा और कुछ गहरे साँस लिए और मैंने आपा की चूत को अपने पास खींचा और उसकी चूत पर मुँह लगाया खूब चूसा , उसका रस फिर से खूब पीया... अपनी उंगली को बार-बार उसकी भगनासा के छोटे से बटन पर घुमाकर उसकी उत्तेजना को बनाए रखा। जैसे-जैसे आपा का शरीर कांपता और ऐंठता रहा, मैंने अपने कूल्हे को ऊपर उठाया और अचानक अपना लिंग आपा के मुँह में गहराई तक डाल दिया।

और बिना और इंतज़ार किए, नफ़ीसा आपा ने मेरे लंड को अपने मुँह में भर लिया। वह धीरे-धीरे उसे चूसने लगी, मैंने उसकी जीभ का गर्म, मुलायम और गर्म मखमली स्पर्श महसूस किया, एक सेकंड में ही पत्थर की तरह सख्त हो गया, और नफ़ीसा आपा की लार से नहा गया।

जारी रहेगी
 

Motaland2468

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Bhai aapse ek request ki thi ki update 51 ke baad pics or gif bhi add kar dijiye agar sab main na kar sake to maa bate ke seen main to add kar dijiye plz plz plz
 

aamirhydkhan

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मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

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अपडेट 118

कजिन आपा की पहली चुदाई

आपा की जीभ ने सिर और लिंग के बीच की गहरी नाली को छुआ, फिर लिंग के सिर के नीचे की तरफ़ मुड़ी। जब उसने अपना मुँह से लगभग पूरा लंड निकाल लिया; उसने अपनी जीभ को उसके सिरे के ऊपर की दरार में डाल दिया। मैं उत्तेजना से कराह उठा और उसके सिर को पकड़ लिया, उसके चेहरे को स्थिर रखते हुएउसके मुँह में अंदर-बाहर चुदाई करने लगा। आपा ने मेरे अंडकोष को सहलाने के लिए हाथ बढ़ाया। उसने अपनी उँगलियाँ लिंग के निचले हिस्से पर हल्के से फिराईं। आपा मुझे पूरी तरह से उत्तेजित करने में सफल रही और कुछ ही समय में मुझे आपा के मुँह में अपना वीर्य छोड़ने से रोकना बहुत मुश्किल हो गया। अगर मुझे यह पहले पता होता, तो मैं उसे चरमोत्कर्ष तक चूसवाता। लेकिन उस समय, मैं अपना लिंग उसकी गर्म छोटी-सी चूत में मजबूती से घुसाने में ज़्यादा उत्सुक था।

उसके मुँह में मेरे लिंग का स्पर्श उसे भी उत्तेजित कर रहा था। मैंने अपना लिंग बाहर खींचा और कुछ गहरे साँस लिए और मैंने आपा की चूत को अपने पास खींचा और उसकी चूत पर मुँह लगाया ख़ूब चूसा, उसका रस फिर से ख़ूब पीया.. अपनी उंगली को बार-बार उसकी भगनासा के छोटे से बटन पर घुमाकर उसकी उत्तेजना को बनाए रखा। जैसे-जैसे आपा का शरीर कांपता और ऐंठता रहा, मैंने अपने कूल्हे को ऊपर उठाया और अचानक अपना लिंग आपा के मुँह में गहराई तक डाल दिया।

और बिना और इंतज़ार किए, नफ़ीसा आपा ने मेरे लंड को अपने मुँह में भर लिया। वह धीरे-धीरे उसे चूसने लगी, मैंने उसकी जीभ का गर्म, मुलायम और गर्म मखमली स्पर्श महसूस किया, एक सेकंड में ही पत्थर की तरह सख्त हो गया, और नफ़ीसा आपा की लार से नहा गया।

मेरा लंड अपने पूरे विशाल आकार में और सख्त होकर खड़ा हो रहा था और नफीसा आपा की लार से नहा रहा था। कुछ ही समय में मुझे लगा मैं अपने चरमोत्कर्ष के पास हूँ और आपा के मुँह में अपना वीर्य छोड़ने से रोकना बहुत मुश्किल हो गया लेकिन उस समय, मैं अपना लिंग उसकी गर्म छोटी-सी चूत में मजबूती से घुसाने में ज़्यादा उत्सुक था। मैंने धीरे से अपना लंड उसके मुँह से निकाला।

मैं घुमा और मैंने अपने दोनों हाथ उसके पैरों के नीचे रखे, उन्हें तब तक मोड़ा जब तक उसके घुटने उसके कंधों को छू नहीं गए और अपने मोटे लंड को बेहतर तरीके से घुसाने के लिए उसके पैरों को भी अलग कर दिया।

जब मैंने उसे बिस्तर की ओर धकेला, तो वह उत्सुकता से बिस्तर पर गिर गई और अपने पैरों को चौड़ा कर लिया। मैं उनके बीच में रेंग गया और उस दुर्लभ दृश्य की प्रशंसा करने के लिए रुक गया जो उसने उसे पेश किया। उसकी कुंवारी चूत, जो जोश से भरी हुई थी, अपने रस से भीगी हुई गर्मजोशी से चमक रही थी। जब उसने अपनी जांघें चौड़ी कीं तो बाहरी होंठ अलग हो गए थे; उत्तेजना से बड़े और सख्त अंदरूनी होंठ पके हुए, फल के टुकड़ों की तरह लटक रहे थे। उसकी उत्तेजना ख़ुद को गर्म नमी दिखा रही थी। मैं आगे झुका और अपने लिंग के सिर को उस अत्यधिक उत्तेजित मांस के संपर्क में लाया।

यह उसकी पहली चुदाई थी; वह बहुत घबरा रही थी। मैं फिर से उसकी योनि पर झुका, उसके होंठों को एक बार फिर चूमा और गहराई से पीया...और अपनी उंगली को बार-बार उसकी भगनासा पर घुमाकर उसकी उत्तेजना बढ़ायी।

जैसे-जैसे उसका शरीर कांपता और ऐंठना जारी रहा, मैंने ख़ुद को ऊपर उठाया और फिर मैंने उसकी योनि के बाहरी होंठों को अलग करते हुए, अपने लिंग की नोक को उसकी योनि के द्वार पर रखा, योनि के होंठों पर लंड जब कुछ बार रगड़ा तब आपा ने कराहते हुए ज़ोर से कांपना शुरू कर दिया जब उसने महसूस किया कि उसका लिंग उसकी योनि के होंठों से टकरा रहा है। उसकी चूत कामुकता को विकीर्ण कर रही थी और अगर वह पहले उत्तेजित थी, तो खड़े लिंग के स्पर्श से उसकी इंद्रियाँ हिल गईं।

किसी भी कुंवारी लड़की ने कभी भी अपने पहली चुदाई को, अपने कौमार्य को भांग करवाना इतनी आसानी से स्वीकार नहीं किया जितना नफीसा आपा ने किया। उसने अपने पैरों को मेरी जांघों के चारों ओर लपेटा, उन्हें जगह पर लॉक किया, फिर उसके लिंग की बेताब, भूखी इच्छा के साथ अपनी कमर को ऊपर उठाया। लंड की उभरी हुई बैंगनी नोक ने आसानी से उसके गर्म छोटे होंठों को अलग किया, जो पहले से ही उसकी योनि के तेल से पूरी तरह से चिकनी थी, उनकी टाईट चूत बहुत सख्त और तंग थी और मेरी कोशिश पर आपा चीखने लगती थी

फिर मैंने आपा से कहा कि आपा आप जानती है एक बार दर्द होगा, लेकिन आप अगर बर्दाश्त करोगी तो सारी ज़िन्दगी मस्ती ले पाओगी। फिर मैंने उनको चूमते हुए और बूब्स दबाते हुए अपना लंड उनकी चूत के मुँह पर सेट किया और उनको चूमता चाटता रहा। अब उनकी सुगंध से मेरा लंड जो कि अब 9 इंच लंबा और 3 इंच मोटा हो गया था, फंनफना कर नफीसा की-की चूत में घुसने की कोशिश करने लगा था। फिर बड़ी मुश्किल से मेरा लंड मुंड अंदर घुसा ही था कि आपा की चीख निकल पड़ी, सलमान आईईईईईईईई दर्द उउउउइईईईईई हो रहा है और उनकी चीख से में और मदहोश हो गया

लेकिन बड़ी मुश्किल से मेरा लंड का सर उनकी चूत में अंदर जा पाया और जब लंडमुंड उसकी योनि के मुँह में फिसल गया और मैंने हल्का-सा धक्का दिया। मेरा लंडमुंड उसकी गीली, फिसलन भरी योनि के होंठों को अलग करते हुए उसकी योनि में घुस गया।

आपा चिल्ला ठी सलमान आईईईईईईईई दर्द उउउउइईईईईई हो रहा है और उनकी हथेलियों को अपनी हथेली से दबाते हुए उनकी चूत पर लंड का एक ज़ोर का शॉट मारा और मेरा लंड 2 इंच अंदर घुस गया। अब दर्द से दोहरी आपा अम्म्म्मा अम्मी जान कहकर चीखने लगी और छटपटाने लगी थी।

आपा फिर से चिल्लाई क्योंकि अचानक दर्द का एक झटका उसके अंदर से गुज़रा। आपा ने संघर्ष किया, मुझे अपने ऊपर से हटाने की कोशिश की, लेकिन इससे आपा मेरे लंड को अपने अंदर और गहराई तक धकेलने में सफल रही। जब उसे एहसास हुआ की लंड अब अंदर है, तो उसने हिलना बंद कर दिया, उसके होंठ कांप रहे थे और मेरे चेहरे पर आँसू बह रहे थे। मैं चिल्लाई, " आठ सलमान! यह दर्द कर रहा है, भाई ...!

उसकी चूत सिर्फ़ उसकी अपनी उंगलियों से ही परिचित थी और आज उसका मेरी उंगलियों से परिचय ठीक से हुआ भी नहीं था और उसे मेरा बड़ा मुस्ल लण्ड देख यह संदेह था कि क्या वह इतना बड़ा लंड अंदर ले पाएगी। वह दर्द में फुसफुसाई। लेकिन इससे पहले कि वह कुछ कह पाती या मेरा लंड बाहर निकाल पाती, फिर मैंने उसकी चीखों की परवाह किए बिना एक ज़ोर का धक्का और मारा तो मेरा फनफनाता हुआ लंड उसकी चूत में तीन इंच अंदर घुस गया। मैंने एक जोरदार धक्का मारा और पूरी ताकत से उसकी चूत में घुस गया और एक ही बार में मेरा लंड उसकी चूत में घुस गया और यह उसकी चूत में उस कौमार्य के रक्षक अवरोध को छू गया और उसे लंड पर अवरोध पर स्पर्श महसूस हुआ...

आपा कराह उठी ।हे अल्लाह, बहुत दर्द हो रहगा है आअह्ह्ह! यह मुझे कितना दर्द दे रहा है! "

मैंने आपा के चेहरे पर छोटे-छोटे चुंबन दिए। अब आपा मेरे ऊपर मेरे नियंत्रण पर आश्चर्यचकित थी ... मैंने ख़ुद को पूरी तरह से स्थिर रखा, हालाँकि आपा मेरी मर्दानगी को अपनी छोटी-सी दरार के अंदर धड़कता और फूलता हुआ महसूस कर सकती थी। मैंने आपा को कोमल दुलार और कोमल शब्दों से शांत किया।

धीरे-धीरे...बहुत धीरे-धीरे, मैंने अपने कूल्हों को पीछे खींचा...और मैंने महसूस किया कि मेरा लंड आपा की चूत की नरम मखमली दीवारों के खिलाफ रगड़ रहा है। आपा कराह उठी...लंड का घेरा ऐसा बड़ा था कि उसने आपा की चूत के ओंठ की मांपेशियों कसावट को फैला दिया, आपा की चूत की दीवारें मेरे लिंग के चारों ओर कसकर दब गई थीं।

उतनी ही धीरे-धीरे, मैंने लंड को फिर से आपा के अंदर समा लिया...अपनी लंबाई को नरम गीली गर्मी में दबाते हुए जिसने लंड को घेर लिया। फिर मैंने एक ज़ोर का धक्का और मारा तो मेरा फनफनाता हुआ लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ 5 इंच अंदर घुस गया।

अब वह अम्मी-अम्मी कहकर ज़ोर से चिल्लाने लगी थी और चीखने लगी थी, अम्मी मुझे मार डाला इसने, मेरा दूल्हा कसाई है, ज़ालिम है, मार डालेगा मुझे आआईईईईई रे सलमान, प्लीज़ अपनी मुझ पर रहम कर, यह लोहे की रोड घुसा दी, में मर जाउंगी, आआई रे मर गयी आईईईई। नफीसा आपा ने एक दर्दनाक चीख मारी, उसे लगा कि इससे उसकी योनि की झिल्ली टूट गई है। फिर मैंने और ज़ोर से उसके अंदर धक्का दिया और उसकी योनि की झिल्ली फट गई, मैंने उसका कौमार्य छीन लिया। अब, आधा लंड पूरी तरह से उसके अंदर था और उसकी चूत से खून बहने लगा।

फिर मैंने उसके लिप्स पर किस करते हुए उसके मुँह को बंद किया और अपने धक्के लगाता गया। अब वह झटपटा रही थी और अपने बदन को इधर से उधर करने लगी, लेकिन में नहीं माना। अब में धक्के पर धक्के लगाए जा रहा था और अब उसकी आँखों से आसूँ निकल रहे थे। एक ज़ोर का झटका लगाया, एक ही झटके में पूरा लंड उनकी चूत के अंदर चला गया, आपा की आह निकल रही थी मैंने ये हरकतें दोहराईं...मेरा लिंग गर्म जेल से बाहर निकलकर वापस आ रहा था...बार-बार।

मैंने प्यार भरे लहज़े में पूछा, "नफीसा, मेरा आधा लंड आपके अंदर है। अब तुम्हें कैसा लग रहा है? अगर तुम्हें दर्द हो रहा है तो क्या मैं इसे बाहर निकाल लूं? तुम मेरी प्यारी आपा हो और मैं तुम्हारी इच्छा के विरुद्ध या दर्द होने पर तुम्हें नहीं चोदूंगा। कृपया बताओ कि तुम्हें लंड अंदर जाने पर कैसा लग रहा है?"

वह दर्द से रोने लगी। मैंने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला और उसे दिलासा दिया कि सब ठीक है और उसकी चूत का खून साफ़ किया। वह बेचैन थी। मैंने प्यार से उसके दोनों स्तन अपने हाथों में लिए और उन्हें धीरे से दबाया, अपना मुंह उसके कोमल होंठों पर रखा और उसे जोश से चूमना शुरू कर दिया। साथ ही, मैं उसके स्तनों को दबा रहा था और निप्पलों को अपने अंगूठे और उंगलियों से रगड़ रहा था।

इससे उसे कुछ राहत मिली। कुछ पलों तक उसका दर्द कम होने के बाद, मैंने प्यार भरे लहजे में पूछा, "नफीसा आपा, बधाई हो आपा! आप अब कुंवारी नहीं रही क्योंकि तुम्हारी चूत का रास्ता अब मेरे लंड के लिए खुला है। क्या मैं अब अपना लंड तुम्हारे अंदर डाल दूँ? अगर तुम्हें अभी भी दर्द हो रहा है तो हम आज चुदाई बंद कर देंगे। हम किसी और दिन करेंगे। क्या तुम मेरी बात समझ रही हो?" उसने सहमति में अपना सिर हिलाया।

यह कहते हुए, मैंने फिर से उसके होंठों पर चूमा और अपना बड़ा लंड धीरे से उसके अंदर डाला। नफीसा आपा को थोड़ा दर्द हो रहा था, लेकिन हर बीतते सेकंड के साथ यह कम होता जा रहा था और चमत्कारिक रूप से कुछ सेकंड के बाद, उसे कोई दर्द महसूस नहीं हुआ, जबकि इस बीच मेरा विशाल लंड आधे से ज़्यादा अंदर जा चुका था। उसे मेरे बड़े लंड से बहुत मज़ा आ रहा था, इसलिए, उसने शर्म से अपना चेहरा मेरे सीने में छिपा लिया

फिर 10 मिनट की बेरहम चुदाई के बाद जब उसकी चीखे कम हुई और सिसकारी में बदलने लगी तो मैंने अपना लंड आधा बाहर कर लिया और अंदर बाहर करने लगा। फिर अचानक से आपा ने मुझे कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया और झड़ गयी और मुझे चूमने लगी।

दर्द का एहसास कम हो रहा था और लंड के हलके धक्को के साथ आपा की दर्द भरी चीखें परमानंद की चीखों में बदल गईं...मेरा शरीर हिलने लगा, मेरी हरकतों से मिलते हुए, आपा के कूल्हे मेरे साथ मिलने के लिए खिंच रहे थे क्योंकि उसने ख़ुद को मेरे शरीर में लपेट लिया था। ख़ुशी की अस्पष्ट चीखें आप्पा के मुँह से निकल रही थीं; मेरे हाथ उसकी पीठ के चारों ओर लिपटे हुए थे, उसके हाथ मेरे मज़बूत नितंबों तक चले गए और आपा ने मुझे अपनी ओर खींचा। उसी समय, आपा के पैर ऊपर उठे और मेरी कमर के चारों ओर लिपट गए।

मैंने आपा की तरफ़ देखा, उसने शर्म से अपना चेहरा मेरी छाती में छिपा लिया और फुसफुसाते हुए कहा, "हह भाई आपका लंड मेरे लिए बहुत बड़ा है। मुझे इतने बड़े लंड की आदत नहीं है। आपने मेरी चूत को उसकी सीमा तक फैला दिया है। आपका लंड मेरी चूत की अनदेखी अनजान गहराई तक पहुँच रहा है। मुझे उम्मीद नहीं थी कि मेरी चूत इतने बड़े आकार के लंड को समायोजित करने के लिए इतनी लचीली हो सकती है। कृपया इसे बाहर न निकालें, लेकिन अब आप बस कुछ समय के लिए स्थिर रहें और मेरे अंदर इतनी बड़ी चीज़ के लिए मुझे समायोजित होने का मौका दें।"

मैं मुस्कुराया और उसके स्तनों को चूमता और रगड़ता रहा, लेकिन अपना लंड नहीं हिलाया। 5 मिनट के अंदर ही नफीसा आपा को ठीक महसूस होने लगा और उन्होंने मुझे धक्के और चुदाई जारी रखने का संकेत देने के लिए अपने श्रोणि को ऊपर की ओर धकेलना शुरू कर दिया, लेकिन मुस्कुराते हुए मैंने शांत रहकर उनकी आँखों में देखा और उनसे पूछा, "नफीसा आपा, अब कैसा है? मुझे क्या करना चाहिए?"

नफीसा आपा को पता था कि मैं उसकी स्थिति जानता हूँ, लेकिन मैं उसे चिढ़ा छेड़ रहा था। इसलिए, उसने अपनी छोटी-छोटी मुट्ठियों से मेरी छाती पर मारा और फिर मुझे कसकर गले लगाया मुझे चूमा और फुसफुसायी, "भाई, अब सब ठीक है। अब तुम मुझे अपनी ताकत दिखाओ। मैं देखना चाहती हूँ कि तुम किस तरह और कैसी चुदाई कर सकते हो और क्या तुम्हारे अंदर बहुत ताकत है या तुम्हारा शरीर ही बड़ा है। भाई, कृपया मुझे अपनी पूरी ताकत से चोदो और मुझे असली मर्द के साथ चुदाई का एहसास कराओ। कृपया अभी कुछ मत बोलो, यह एक्शन का समय है। कृपया इसे जल्दी करो।"

यह मुझे उत्तेजित करने के लिए पर्याप्त से अधिक था। मैंने अपने लंड की पूरी लंबाई से उसे चोदना शुरू कर दिया। नफीसा आपा ने अपनी टाँगें मेरी कमर के चारों ओर लपेट लीं और मुझे कसकर गले लगा लिया।

आपा चिल्लाई... "और, चोदो, मुझे और दो!" मांग करते हुए अपनी एड़ी मेरी पीठ में घुसा दी...और मैं तेजी से हिलने लगा, मेरे धक्के उसके शरीर को बिस्तर में गहराई तक घुसा रहे थे। हमारे शरीर एक दूसरे से टकरा रहे थे... योनि से मीठा अमृत लिंग को भिगो रहा था, जिससे उसका मार्ग आसान हो गया। मैं महसूस कर सकता था कि आपा की चूत की दीवारें मेरे लिंग को जकड़ रही थीं...वह गुर्राने लगी ... मेरा शरीर तेजी से, कम नियंत्रित हरकतों में ज़ोर से धक्के मार रहा था।

मुझे लगा कि मेरी इंद्रियाँ फिर से घूमने लगी हैं... आनंद बढ़ता गया... लहरें और लहरें मेरे शरीर से टकराने लगीं... आपा ख़ुशी से चिल्ला उठी, क्योंकि उनका आनंद चरम पर था... चोदो सल्लू मुझे चोदो, अपनी फूफी की लड़की को चोदो और फिर मैंने उसकी जमकर धुनाई करते हुई चुदाई की । लंड बार-बार पूरा निकाल कर फिर एक लंबे झटके में पूरा लंड डाल दिया। नफीसा आपा ख़ुशी से कराह उठीं क्योंकि उन्हें लगा कि आखिरी इंच भी अंदर चला गया है। उन्होंने अपने कूल्हों को मेरे पेट पर धीरे-धीरे, कामुक घेरे में घुमाया। यार... उसकी चूत ने मेरे लंड को पकड़ते हुए बहुत अच्छा महसूस किया, अपनी अंदरूनी योनि की मांसपेशियों का इस्तेमाल करके मेरे लंड की संवेदनशील सतहों पर काम किया। आश्चर्यजनक रूप से, हालांकि यह मुझे बहुत अच्छा लगा, मुझे पता था कि मैं आज लंबे समय तक टिकने वाला हूँ, शायद उस शानदार ब्लो जॉब की बदौलत था जो मैंने अभी-अभी एन्जॉय किया था और अस्पताल में टेस्ट के दौरान मेरा लम्बा स्खलन हुआ था। मैंने एक अच्छा, धीमा स्ट्रोक लगाया और लम्बे समय तक आपा की चुदाई के लिए तैयार हो गया। नफीसा आपा के पास दूसरे विचार थे।

"चलो भाई, अब मुझे ज़ोर से चोदो। मेरी चूत पटाखे की तरह है और यह किसी भी पल फटने वाली है!" नफीसा आपा ने कहा।

उसके कूल्हों को पकड़ते हुए, मैंने अपनी गति बढ़ा दी और अपने लिंग को उसकी भीगी हुई चूत की गहराई में जितना हो सके उतना ज़ोर से घुसाना शुरू कर दिया। उसने मेरी मदद की, जितना हो सके उतना ज़ोर से पीछे धकेला, जबकि मेरा लंड उसकी मखमली चूत को गहराय में सहला रहा था। हम दोनों घुरघुराहट और फुसफुसाहट में सांस ले रहे थे, थप्पड़ों की आवाजें बेडरूम में भर गई थीं। चुदाई करते समय, मेरा लिंग उसकी कसी हुई, गर्म, चूत में अंदर-बाहर हो रहा है। जब मैं उसके अंदर पूरी तरह से घुसा हुआ था। वह हर पल का आनंद ले रही थी। उसने अपने पैरों के बीच एक हाथ रखा हुआ था और अपनी क्लिट को पूरी ताकत से सहला रही थी, कभी-कभी वह मेरे चिकने, गीले लिंग को सहलाने लगती थी, जबकि मैं उसकी गहराई में घुसना जारी रक्खे हुआ था। हम अपनी पूरी क्षमता के साथ चुदाई कर रहे थे।

फिर कुछ देर के बाद मैंने पूछा कि मज़ा आ रहा है। फिर वह बोली कि हाँ बहुत मज़ा आआआआ रहा है, इस चूत का इलाज़ सिर्फ़ तुम्हारी चुदाई है ...हाईईईईई, म्‍म्म्मम और फिर वह जोर-जोर से चिल्लाने लगी। फिर कुछ देर के बाद मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। अब वह पूरी मस्ती में थी और मस्ती में मौन कर रही थी अआह्ह्ह आाइईई और करो, बहुत मज़ा आ रहा है। अब वह इतनी मस्ती में थी कि पूरा का पूरा शब्द भी नहीं बोल पा रही थी। अब में अपनी स्पीड धीरे-धीरे बढ़ाता जा रहा था हाअ, राआआआजा, आईसीईई, चोदो और ज़ोर से चोदो। आज मेरी चूत को फाड़ दो, आज कुछ भी हो जाए लेकिन मेरी चूत फाड़े बगैर मत झड़ना, आआआआ और ज़ोर से, उउउईईईई माँ, आहह हाँ, अब ऐसे ही वह मौन कर रही थी।

फिर कुछ देर के बाद मैंने महसूस किया कि मेरा लंड पानी से भीग रहा है। अब वह भी अपना पानी छोड़ने वाली थी, अब वह नीचे से अपनी कमर उठा-उठाकर चिल्ला रही थी और बडबड़ा रही थी आहहहहहह और चोदो मेरी चूत को, आज मत छोड़ना, इसे भोसड़ा बना देना और फिर कुछ देर के बाद वह बोली हाए मेरे राजा में झड़ने वाली हूँ और फिर मैंने उसकी गांड पकड़कर अपनी स्पीड बढ़ा दी, तो वह भी कुछ देर के बाद झड़ गई।

फिर वह चिल्ला भी नहीं सकी, क्योंकि उसका मुँह मेरे मुँह में था और में उसको ज़ोर-ज़ोर से किस करता गया और धक्के लगाते गया। तभी वह बोली कि भाई आज फाड़ डाल मेरी चूत को, वह तुम्हारे जैसा ही लंड मांगती है। में लगातार धक्के लगा रहा था और फिर में ऐसे ही 15-20 मिनट तक उसको चोदता गया। फिर अब उसे भी मज़ा आने लग रहा था, अब वह भी अपने कूल्हे उछाल-उछालकर मुझसे चुदवा रही थी। अब मैंने उसे और ज़ोर-जोर से चोदना शुरू कर दिया था।

मेरा लंड उनकी चूत के अंदर पूरा समां जाता था तो दोनों के आह निकलती थी ।फिर मेरे हाथ उनके बूब्स को मसलने लगे फिर मैं उनकी चूचियों को खींचने लगता था तो आपा सिहर जाती थी और सिसकने लगती थी ... उसके बाद हम लिप किस करते हुए लय से चोदने में लग गए.। मैं आपा को बेकरारी से चूमने लगा और चूमते-चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी फिर मैंने आपा की जम कर चुदाई की, में आपा को लगातार धक्के देकर चोदता रहा

आपा की भीगी हुयी चूत की ऐंठन मेरे धड़कते लंड को स्वादिष्ट तरंगों में निचोड़ रही थी। मैंने दहाड़ते हुए चरम पर पहुँच गया ... और फिर आपा के शरीर में तरल गर्मी की लहर महसूस हुई... मैं चिल्लाया... "हे अल्लाह, मैं गया!" मेरा शरीर उसके शरीर से टकरा रहा था, बार-बार और मेरे लिंग ने स्पंदन किया और आपा की चूत में सफेद गर्म वीर्य की चिपचिपी धाराएँ फेंकी। आपा निढाल हो लेट गई...

जारी रहेगी
 

aamirhydkhan

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मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

खानदानी निकाह

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कजिन आपा की चुदाई

नफीसा आपा का मुँह मेरे मुँह में था और में उसको ज़ोर-ज़ोर से किस करता गया और धक्के लगाते गया। तभी वह बोली कि भाई आज फाड़ डाल मेरी चूत को, वह तुम्हारे जैसा ही लंड मांगती है। में लगातार धक्के लगा रहा था और फिर में ऐसे ही 15-20 मिनट तक उसको उसी पोज़िशन में चोदता गया। फिर अब उसे भी मज़ा आने लग रहा था, अब वह भी अपने कूल्हे उछाल-उछालकर मुझसे चुदवा रही थी। अब मैंने उसे और ज़ोर-जोर से चोदना शुरू कर दिया था।

मेरा लंड नफीसा आपा की चूत के अंदर पूरा समां जाता था तो दोनों के आह निकलती थी ।फिर मेरे हाथ उनके बूब्स को मसलने लगे फिर मैं उनकी चूचियों को खींचने लगता था तो आपा सिहर जाती थी और सिसकने लगती थी ... उसके बाद हम लिप किस करते हुए लय से चोदने में लग गए.। मैं आपा को बेकरारी से चूमने लगा और चूमते-चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी फिर मैंने आपा की जम कर चुदाई की, में आपा को लगातार धक्के देकर चोदता रहा

आपा की भीगी हुयी चूत की ऐंठन मेरे धड़कते लंड को स्वादिष्ट तरंगों में निचोड़ रही थी। मैंने दहाड़ते हुए चरम पर पहुँच गया ... और फिर आपा के शरीर में तरल गर्मी की लहर महसूस हुई... मैं ह चिल्लाया... "हे अल्लाह, मैं गया!" मेरा शरीर उसके शरीर से टकरा रहा था, बार-बार और मेरे लिंग ने स्पंदन किया और आपा की चूत में सफेद गर्म वीर्य की चिपचिपी धाराएँ फेंकी। आपा निढाल हो लेट गई... ।

मेरा लंड आपा की चूत में ही था मैंने उसे बाहर नहीं निकाला और आपा को चूमता रहा और सहलाता रहा। कुछ देर बाद मेरा लंड फिर अकड़ गया और मैंने उन्हें चूमते हुए धक्के मारने शुरू कर दिए जब आपा मेरा साथ देने लगी तब मैं उनको चूमता रहा और उनके बूब्स को सहलाता रहा फिर मैंने कहा इस बार आपा आप ऊपर आ जाओ फिर आपा को बाहो में भर पलटा और अब मैं उनके नीचे और आपा मेरे ऊपर थी। मेरे तनकर खड़े लंड पर धीरे-धीरे अपनी चूत दबाकर लंड को अंदर घुसा रही थी। में उसकी चूत की चमड़ी को अपने लंड की चमड़ी पर रगड़ते हुए देख रहा था और मुझे उस समय बहुत मज़ा आ रहा था। वह मेरे लंड पर धीरे से उठती और फिर नीचे बैठ जाती जिसकी वज़ह से लंड अंदर बाहर हो रहा था और वह ख़ुद अपनी चुदाई मेरे लंड से कर रही थी और बहुत मज़े कर रही थी। आपा अणि चुदाई करती हुई बहुत मादक लग रही थे उनके रेशमी सुनहरी बाल चारो तरफ़ फ़ैल गए थे आपा उन्हें पीछे करते हुए मेरी छाती पर अपने हाथ रख दिए।

मैंने भी अपने चूतड़ उठा कर नफीसा आपा का साथ दिया... मेरा लंड उनकी चूत के अंदर पूरा समां जाता था तो दोनों के आह निकलती थी ।फिर मेरे हाथ उनके बूब्स को मसलने लगे फिर मैं उनकी चूचियों को खींचने लगता था तो आपा सिहर जाती थी और सिसकने लगती थी। उसके बाद आपा मेरे ऊपर झुक गयी और हम लिप किस करते हुए लय से चोदने में लग गए.। । मैं आपा को बेकरारी से चूमने लगा और चूमते-चूमते हमारें मुंह खुले हुये थे जिसके कारण हम दोनों की जीभ आपस में टकरा रही थी फिर मैंने नफीसा आपा की जम कर चुदाई की।

नफीसा आपा के कूल्हों को पकड़ते हुए और कभी उसके बूब्स दबाते हुए चूसते हुए, मैंने अपनी गति बढ़ा दी और अपने लिंग को उसकी भीगी हुई चूत की गहराई में जितना हो सके उतना ज़ोर से पटकना शुरू कर दिया। उसने मेरी मदद की, जितना हो सके उतना ज़ोर से पीछे धकेलते हुए मैंने उसकी मखमली सुरंग को सहलाया। वे दोनों घुरघुराहट और फुसफुसाहट में सांस ले रहे थे, थप्पड़ों की आवाजें बेडरूम में भर गईं।

बेडरूम में सेक्स की आवाज़ें गूंज रही थीं, हमारे शरीर एक लय में एक दूसरे से टकरा रहे थे, जो मानव अस्तित्व जितनी पुरानी थी, आपसी आनंद की कराह, सांसों की कमी, क्योंकि हम एक दूसरे को परमानंद के उच्च शिखर पर ले जाने के लिए संघर्ष कर रहे थे।

अपने लंड को नफीसा आपा की कसी हुई, गर्म, चूत में अंदर-बाहर होते हुए महसूस कर सकता था। जब मैं उसके अंदर पूरी तरह से घुसा हुआ था, तो मुझे ख़ुद को सहलाना अच्छा लग रहा था। वह हर पल का आनंद ले रही थी। उसने अपने टांगो के बीच एक हाथ रखा हुआ था और अपनी चूत को पूरी ताकत से सहला रही थी, कभी-कभी वह मेरे चिकने, गीले लंड को सहलाने के लिए हाथ लंड तक ले जाती थी, जबकि मैं उसकी गहराई में गोते लगाता रहता था। वे अपने आस-पास की हर चीज़ के प्रति अंधे थे, अपने व्यक्तिगत और संयुक्त आनंद पर ध्यान केंद्रित कर रहे थे, पूरी ताकत से चुदाई कर रहे थे। नफीसा आपा लगातार आ रही थी, उसके संकुचन मेरी पिस्टनिंग कठोरता की लंबाई में ऊपर और नीचे लहरें मार रहे थे। संभोग के प्रत्येक पल ने मुझे ये एहसास दिलाया कि नफीसा आपा ऐसे शारीरिक सुख साझा करने के आनंद के लिए कितना तड़पी है।

फिर आपा ख़ुशी से चिल्लाई, "ओह्ह्ह्ह...भाई, मैं आ रही हूँ...आ रही हूँ।" फिर थोड़ी देर के बाद वह फिर झड़ गयी।

यह महसूस करते हुए कि नफीसा आपा के झड़ने से उसका चुतरस मेरे लिंग पर बह निकला था, मैंने कुछ समय के लिए गति धीमी कर दी क्योंकि मैं उसके साथ नहीं आना चाहता था। मैंने अपनी गति कुछ हद तक धीमी कर दी, जिससे हम दोनों को थोड़ी देर के लिए सांस लेने का मौका मिला।

"नफीसा आपा तुम्हारी चूत वाकई बहुत शानदार है, वैसे, मुझे यक़ीन नहीं होता कि तुम कितनी टाइट हो, मैं अपनी कुंवारी कजिन बहन को चोदने वाला दुनिया का सबसे भाग्यशाली आदमी हूँ" मैंने कहा और अपने अभी भी उग्र लिंग को उसकी पकड़ से बाहर निकाला। आपा मेरी ओर मुड़ी और हम गले मिले, एक लंबा, गहन चुंबन का आदान-प्रदान किया, उसकी चूत के रस, कुमारी के लहू और मेरे वीर्य के मिलेजुले रस से लथपथ लिंग उसके पसीने से तर पेट पर इधर-उधर फिसल रहा था।

मेरा लिंग अपनी खूबसूरत और प्यारी कजिन बहन को दूसरे स्टाइल में चोदने की प्रत्याशा में फिर से कड़ा हो रहा था। कुछ ही समय में, यह फिर से लोहे की छड़ की तरह सख्त हो गया।

मैंने बिस्तर पर तकिये लगाए और नफीसा आपा को डॉगी स्टाइल में पोज देने के लिए कहा। उसने मुस्कुराते हुए अपना सिर हिलाया और तकिये के ऊपर चार पैरों पर आ गयी, अपनी अविश्वसनीय गांड को सीधे उसकी ओर इशारा करते हुए और ख़ुद को डॉगी पोज़ में बना लिया। उसकी चूत के होंठ, उसकी वासना के सबूतों से मोटे तौर पर लिपटे हुए, लाल और सूजे हुए थे-उसकी उत्तेजना का मूक प्रमाण। बिना कुछ कहे, उसने अपना सिर और कंधे बिस्तर पर टिका दिए और दोनों हाथों से पीछे पहुँचते हुए, अपनी गांड के गालों को जितना हो सके उतना फैला दिया, जिससे उसे न केवल उसकी बहुत ही स्वादिष्ट दिखने वाली चूत, बल्कि उसकी गुदा की सिकुड़ी हुई गांड का छेद, गुलाब की कली भी साफ़ दिखाई दे रही थी, जो हाल ही में उसकी चूत से बहे चुतरस की परत से चमक रही थी।

फिर मैंने अपना मुँह नफीसा आपा की गांड के छेद पर रखा और फिर उसकी चूत पर और फिर अपनी जीभ डालकर उसकी छोटी-सी गांड के छेद को चाटना शुरू कर दिया। जैसे ही उसने अपनी गांड के छेद में मेरी जीभ महसूस की, आपा ने एक जोरदार कराह भरी। उसकी मलाशय की मांसपेशियाँ जो अब तक थोड़ी कसी हुई थीं, शिथिल हो गईं और वह अपनी गांड के छेद को पहली बार चाटने का आनंद ले रही थी।

मैंने नफीसा आपा की गांड के गालों को एक तरफ़ खींचा और अपनी जीभ उसकी छोटी-सी गांड के छेद में घुसा दी। नफीसा ने एक चीख मारी और ख़ुशी से अपने चूतड़ मेरे चेहरे पर पीछे की ओर हिलाने लगी और फिर मैंने भी उसकी चूत में वही किया

मैं उसे आराम दे रहा था और पीछे से नफीसा आपा की चूत को चिकना कर रहा था ताकि मैं इस स्थिति में उसकी चूत में इतना बड़ा और मोटा लंड डाल सकूँ। आपा ज़ोर से कराह रही थी और अपने जीवन की पहली चाट और जीभ से चुदाई का आनंद ले रही थी।

मैंने प्यार से अपना हाथ नफीसा आपा के चूतड़ों पर फिराया और उसकी छोटे छेद में अपनी उंगली रगड़ी। वह डर के मारे अपनी गांड के छेद को हिला रही थी। मैंने अपनी उंगली उसकी योनि में डाली और उसकी योनि से बहुत सारा मुलायम, मलाईदार मिश्रित रस लिया और उसके पिछले हिस्से को और चिकना करना शुरू कर दिया। जब मेरी उंगलियाँ उसके गुदा द्वार के किनारे पर घूमी और फिर धीरे से योनि के अंदर घुसी, तो वह ख़ुशी से कराह उठी। एक, फिर दो उंगलियाँ आपा की चूत में पीछे के रास्ते से गायब हो गईं, उसने आक्रमण की अपनी स्वीकृति कराहते हुए दी। मैंने धीरे-धीरे अपनी उंगलियाँ तंग छेद में अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया, वह भी अपने कूल्हों को आगे-पीछे हिलाते हुए ख़ुद को उसकी जांच करने वाली उंगलियों पर धकेल रही थी। जब मैंने आखिरकार चोकर्स और उसके मक्खन से चिकनी उंगलियाँ उसकी अब योनि के छेद से निकालीं, तो वह विरोध में कराह उठी। "चिंता मत करो नफीसा, मैं बस एक पल में अपनी उंगलियों से कहीं ज़्यादा दिलचस्प चीज़ वहाँ डालने जा रहा हूँ," मैंने कहा और अपने धड़कते हुए लंड पर अच्छी तरह से उंगलियों पर लगा मक्खन लगाना और मलना शुरू कर दिया।

"नफीसा आपा ! क्या तुम मेरे लंड के लिए तैयार हो?"

मैं नफीसा आपा के इन्तजार की पीड़ा को और लंबा नहीं करना चाहता था और निश्चित रूप से ख़ुद को उसकी पीठ से जुड़ा हुआ महसूस करना चाहता था, मैं नफीसा के करीब गया और अपने वीर्य से सने लंड के सिरे को पीछे से उसकी चूत के प्रवेश द्वार पर रख दिया। एक या दो पल के लिए मैंने आपा की चूत के-के उस पिछले मार्ग पर आक्रमण करने के लिए तैयार अपने लंड को उसकी गांड के गालो पर स्पर्श का आनंद लिया और उसकी गांड में अपने लंडमुंड से थोड़ा-सा रिम जॉब दिया... बस आने वाले समय के लिए एक छेड़खानी। अपनी गांड के प्रवेश द्वार पर अपने लिंग को महसूस करते हुए, जैसे ही आपा ने मेरे गर्म लिंग को अपनी गांड के छेद को छूते हुए महसूस किया, वह डर से काँप उठी और अपने आप ही तनाव में आ गई। मैंने अपना लिंग उसके गुदाद्वार में रखा, जबकि वह अपने दोनों हथेलियों को सिर के सामने रखकर संतुलन बना रही थी और उसके दोनों नितंब घुटनों पर संतुलित थे, पिंडलियाँ कुत्ते की तरह चौड़ी थीं।

मैंने नफीसा आपा के दोनों लटकते स्तनों को अपने हाथों में लिया और उन्हें सहलाना शुरू कर दिया और प्यार से कहा, "नफीसा, तुम मेरी प्यारी कजिन आपा हो और मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ। डरो मत, मैं नरमी से पेश आऊँगा। कृपया शांत हो जाओ और मुझे अभी लिंग का सिरा डालने दो। जब तुम आकार के हिसाब से एडजस्ट हो जाओगी और अनुमति दोगी, तभी मैं इसे अंदर डालूँगा, अन्यथा मैं अपनी आपा को कोई दर्द नहीं पहुँचाऊँगा और विश्वास रखो अभी तुम्हारी गांड में चुदाई नहीं करूँगा। कृपया, शांत हो जाओ आपा।"

इन शब्दों ने उसे सहज कर दिया और वह शांत हो गई और नफीसा ने पीछे की ओर धक्का देना शुरू कर दिया, अब आपा मेरे पुरुषत्व पर चढ़ने की कोशिश कर रही थी।

फिसलनदार लिंग को एक हाथ से मजबूती से पकड़कर, मैंने धीरे-धीरे मांसपेशियों के तंग घेरे में आगे की ओर धक्का देना शुरू कर दिया, जो नफीसा आपा की चूत के द्वार का निर्माण करता था, मैं ध्यान से देख रहा था कि यह उसे समायोजित करने के लिए कैसे फैलने लगा।

भले ही मैंने नफीसा आपा के प्रवेश द्वार को उदारतापूर्वक चिकना किया था और लिंग भी बड़ी मात्रा में फिसलन वाली चीज़ से लिपटा हुआ था और उंगलियों से उसकी चूत को टटोलने के बाद भी, इस नए प्रवेश के लिए अभी भी काफ़ी प्रतिरोध था। जैसे ही मुझे महसूस हुआ कि वह सहज है, मैंने एक बड़ा और शक्तिशाली धक्का मारा जिससे उसकी भूरी झुर्रीदार चूत का छेद खुल गया, लंडमुंड उसकी चूत के अंदर चला गया।


आपा ने एक दर्दनाक चीख मारी और रोने लगी, " ओह्ह ... मैंने आगे धक्का मारा और अब मैंने उसकी चूत में पीछे से लंड को डालकर चोदना शुरू किया मुझे लगा पीछे से लंड ज़्यादा अन्दर तक गया और पहले से ज़्यादा मज़ा आया। अगले ही पल आपा भी मस्ती में गांड आगे पीछे कर मेरा साथ देने लगी उनका चिलाना एकदम बंद हो गया और फिर में उसे लगातार धक्के देकर चोदता रहा। बीच-बीच में पीछे से उनके मोमो पकड़ कर दबाता रहा जब मैं उनके मोमे दबाता था तो वह मुँह पीछे कर मुझे किस करने को कहती थी और मैं उनके लिप्स चूसने लगता करीब 25 मिनट तक लगातार उसको उस पोज़िशन में चोदा उनकी हालत बुरी थी, उसके कूल्हों को पकड़ते हुए, मैंने अपनी गति बढ़ा दी और अपने लिंग को उसकी भीगी हुई चूत की गहराई में जितना हो सके उतना ज़ोर से घुसाना शुरू कर दिया। उसने मेरी मदद की, जितना हो सके उतना ज़ोर से पीछे धकेलते हुए मैंने उसकी मखमली सुरंग को सहलाया। वे दोनों घुरघुराहट और फुसफुसाहट में सांस ले रहे थे, थप्पड़ की आवाजें बेडरूम में भर गई थीं। वह कई बार झड़ चुकी थी।

फिर आपा मेरी ओर मुड़ी और हम गले मिले, एक लंबा, गहन चुंबन का आदान-प्रदान किया, उसकी चूत के रस से लथपथ लिंग उसके पसीने से तर पेट पर इधर-उधर फिसल रहा था।

"भाई, तुम्हारा लिंग मेरी चूत के साथ शानदार काम कर रहा है, लेकिन मैं लगातार बेतरतीब चुदाई के कारण थोड़ा थक गई हूँ," नफीसा ने कहा।

अच्छा आपा अब, आप, बिस्तर पर पीठ के बल लेट जाओ, " मैंने कहा। आप लेट गयी और मैंने उसकी दोनों टाँगें चौड़ी कीं, उसके सामने घुटनों के बल बैठा और एक बार फिर अपना विशालकाय लिंग उसकी चूत में घुसा दिया।

मैं उसे चोदने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा रहा था। मैं हर धक्के के साथ
नफीसा आपा की चूत में इतने शक्तिशाली धक्के दे रहा था कि उसका शरीर उसके सिर की तरफ़ 3 इंच ऊपर खिसक रहा था।

मैंने अपनी धक्कों की गति बढ़ा दी। अब, मेरा लिंग नफीसा आपा की चूत में बहुत तेजी से जा रहा था।

आपा जोर-जोर से कराह रही थी और चिल्ला रही थी, "ओह... ओह... ओह...हे भगवान, यह बहुत मीठा है। यह स्वर्ग है। भाई, मुझे अपनी पूरी ताकत से चोदो। आज, मुझे शादीशुदा जैसा महसूस हो रहा है। प्लीज करो।"

हम दोनों पसीने से भीगे हुए थे और जोर-जोर से हाँफ रहे थे।

हम लगभग 15 मिनट तक उसी तरह और तेजी से चुदाई करते रहे। अब, नफीसा आपा अपने सबसे बड़े संभोग के करीब पहुँच रही थी।

मैंने अपना मुँह नफीसा के कानों के पास रखा और कहा, "आपा, मैं करीब हूँ। मैं शायद ज़्यादा देर तक नहीं टिक पाऊँगा। ओह... भगवान, तुम्हारी चूत में होना कितना अच्छा है। नफीसा, मैं आ रहा हूँ... ओह मैं आ रहा हूँ।"

यह कहते हुए, मैंने नफीसा की चूत में 5-6 सबसे बड़े और सबसे शक्तिशाली धक्के लगाए और एक लंबी और तेज़ कराह के साथ उसका लंड अपनी कजिन बहन की चूत में अपना अमृत उगलने लगा।

जैसे ही नफीसा ने मेरे लंड की हरकत महसूस की, उसने अनुमान लगाया कि मैं आने वाला हूँ, इससे वह भी अपने चरम पर पहुँच गई और एक बड़ी चीख और कराह के साथ, उसने अपने नाखून उसकी पीठ में चुभो दिए और उसे उसका सबसे बड़ा और तेज़ संभोग सुख मिला।

नफीसा ने मुझे अपनी टाँगों, बाहों से जकड़ लिया और उसकी चूत से उसका चूत रस बहने लगा।

मेरा लंड नफीसा की चूत में अपना अमृत उगलता रहा और नफीसा की चूत मेरे लंड को दुहती रही।

2-3 मिनट के बाद, मेरा लिंग पूरी तरह से खाली हो गया और मैं एक मरे हुए कुत्ते की तरह नफीसा के बड़े स्तनों पर गिर पड़ा। उसके गर्भ में अब मेरे बच्चे पैदा करने वाले ढेर सारे बीज आ गए थे।

हम दोनों पूरी तरह से थक चुके थे और ताकत ख़त्म हो चुकी थी। हम 10-15 मिनट तक एक-दूसरे की बाहों में लेटे रहे और फिर मुझे कुछ ताकत मिली और मैंने अपनी आँखें खोलीं।

मैंने नफीसा के चेहरे की ओर देखा। उसकी आँखें बंद थीं और वह सो रही थी, लेकिन उसके चेहरे पर अत्यधिक संतुष्टि और आनंद की चमक थी। मैंने प्यार से उसके होंठों को चूमा और उसने अपनी आँखें खोलीं।

जब नफीसा ने मुझे अपने चेहरे की ओर देखते हुए देखा, तो वह मुस्कुरायी। फिर वह शरमा गई और अपने दोनों हाथों से मुझे कसकर गले लगा लिया और अपना चेहरा मेरे सीने में छिपा लिया।

मैंने एक उंगली नफीसा की ठोड़ी के नीचे रखी और उसका चेहरा ऊपर उठाते हुए उसके होंठों पर चूमा।

उसने नफीसा से पूछा, "आपा अब तुम कैसी हो? अनुभव कैसा रहा? तुम्हें यह पसंद आया या दर्द हुआ? क्या तुम मुझसे प्यार करती हो या नहीं? कृपया मुझे बताओ।"

आपा ने मुझे गले लगाया और फुसफुसाते हुए कहा, "ओह भाई! ये क्या था, ये जन्नत थी! यह मेरे जीवन का सबसे तीव्र संभोग था। मैंने अपने जीवन में कभी ऐसा आनंद महसूस नहीं किया। यह निश्चित रूप से मेरे जीवन का सबसे अच्छा समय था। मुझे वहाँ बहुत कसाव महसूस हुआ, लेकिन मुझे सिर्फ़ आपके लिए प्यार महसूस हुआ और ज़रा भी दर्द नहीं हुआ। दर्द भी मज़ेदार था। मुझे नहीं पता था कि सेक्स इतना आनंददायक भी हो सकता है। मुझे ऐसा लगा जैसे मैं स्वर्ग में हूँ। पहली बार, मुझे ऐसा लगा जैसे मैं किसी असली" आदमी"से चुद रही हूँ। भाई, आप एक असली पहलवान हैं, सिर्फ़ खेल में ही नहीं बल्कि बिस्तर में भी। मैं आपसे प्यार करती हूँ और मुझे बहुत ख़ुशी है कि हमने यह किया।"

यह सुनकर मैं बहुत खुश हुआ। मैंने उसके होठों को चूमा और कहा, " नफीसा, तुम मेरी कजिन मेरी बहन की तरह हो, लेकिन मुझे आप बहुत पसंद हो और आपके साथ चुदाई में बहुत मज़ा आया। यह मेरे जीवन की सबसे अच्छी चुदाई थी।

जारी रहेगी

 

aamirhydkhan

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Bhai aapse ek request ki thi ki update 51 ke baad pics or gif bhi add kar dijiye agar sab main na kar sake to maa bate ke seen main to add kar dijiye plz plz plz
Some prpblem in adding pics.. So stopped after update 51

still unable to add pic

it - the requested page could not be found..

i dont knw why...?
 
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