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Incest मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

aamirhydkhan

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मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ


पेशे खिदमत है वो कहानी जिसके पहले भाग को पढ़ कर मैंने लिखना शुरू किया . जिनकी ये कहानी है अगर वो कभी इसे पढ़े तो अपने कमेंट जरूर दे .

कहानी के सभी भाग कहीं नहीं मिले तो उन्हें पूरा करने का प्रयास किया है

उम्मीद है मेरा लेखन पसंद आएगा .

आमिर हैदराबाद


मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

INDEX
UPDATE 01मेरे निकाह मेरी कजिन जीनत के साथ 01
UPDATE 02मेरे निकाह मेरी कजिन जीनत के साथ 02.
UPDATE 03रुकसाना के साथ रिज़वान का निकाह.
UPDATE 04मेरा निकाह मेरी कजिन के साथ- रुकसाना के साथ रिज़वान का निकाह.
UPDATE 05मेरी बहन का निकाह मेरे कजिन के साथ और सुहागरात.
UPDATE 06मेरी बहन सलमा की चुदाई की दास्ताँ.
UPDATE 07मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ - छोटी बीवी जूनि.
UPDATE 08मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ- छोटी बीवी जूनि.
UPDATE 09मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ - सेक्सी छोटी बीवी जूनी.
UPDATE 10चुदाई किसको कहते है.
UPDATE 11छोटी बेगम जूनी. की सुहागरात.
UPDATE 12छोटी बेगम की जूनी. सुहागरात-2
UPDATE 13मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ- छोटी बेगम जूनी. की सुहागरात.
UPDATE 14छोटी बेगम जूनी. की सुहागरात की सुबह
UPDATE 15अल्हड़ छोटी बेगम जूनी. की सुहागरात की चटाकेदार सुबह.
UPDATE 16दोनों कजिन्स जूनी जीनत.चुदासी हुई.
UPDATE 17ज़ीनत आपा के साथ स्नान
UPDATE 18ज़ीनत आपा का स्तनपान
UPDATE 19में ही ऊपर से चोदूंगी फिर लंड चुसाई और चुदाई
UPDATE 20लंड चुत चुदाई और चुदाई
UPDATE 21कमसिन और अल्हड़ जूनि की चुदाई
UPDATE 22तीसरी बेगम कमसिन अर्शी
UPDATE 23तीसरी बेगम कमसिन अर्शी की चुदाई
UPDATE 24तीसरी बेगम अर्शी की चुदाई
UPDATE 25तीसरी बेगम अर्शी की तृप्ति वाली चुदाई
UPDATE 26तीन सौत कजिन जूनी जीनत अर्शी
UPDATE 27मीठा, नमकीन, खट्टा- जीनत जूनी अर्शी
UPDATE 28दुल्हन बनी चौथी कजिन रुखसार
UPDATE 29मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ चौथी दुल्हन रुखसार.
UPDATE 30मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ चौथी दुल्हन रुखसार.
UPDATE 31कुंवारी चौथी कजिन रुखसार.
UPDATE 32तीखा कजिन रुखसार
UPDATE 33लंड चुसाई
UPDATE 34बुलंद चीखे
UPDATE 35चारो बेगमो के साथ प्यार मोहब्बत- जीनत जूनी अर्शी रुखसार
UPDATE 36बेगमो के साथ प्यार मोहब्बत -जीनत जूनी अर्शी रुखसार
UPDATE 37जीनत जूनी अर्शी रुखसार बेगमो के साथ कहानी अभी बाकी है-
UPDATE 38ज़ीनत आपा की मदहोश अदा
UPDATE 39चारो बेगमो ने लंड चूसा और चाटा
UPDATE 40चलो अब एक साथ नहाते हैं
UPDATE 41नहाते हुए चुदाई
UPDATE 42खूबसूरती
UPDATE 43मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ मस्ती करने दो
 
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aamirhydkhan

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मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

खानदानी निकाह

अपडेट 157

प्रेम के निराले खेल

शबनम ने कहा ' फिर मीटिंग ख़त्म करने के बाद सलमान मैं वापस तुम्हारे पास चली आउंगी और हम मधुर समय साथ में बिताएँगे!

अब, शबनम एक आखिरी चुम्बन और आप नफीसा को ले जाओ और उसे बताओ कि हमने क्या तय किया है-मैं फ़लक और राफ़िया से मिलता हूँ जिससे वे मेरे साथ और सहज हो जाएँ; शबनम तुम फलक को यह भी बता दो कि कल रात उसके सेक्स जीवन की शुरआत के लिए आरक्षित रखी गयी है-जिससे वह आज रात ज़्यादा सहज रहेगी और हम उसे इस बात से उत्तेजित करने के लिए इस्तेमाल करेंगे। ! ' और होंठों से होंठ मिलाते हुए, फिर एक लंबे जोशीले चुम्बन के बाद, हम बगीचे में टहलने लगे। जैसा तय किया था जब हम लौटे तब तक लड़किया अपने कमरों में चली गयी थी।

शबनम नफीसा के कमरे की तरफ़ चली गयी।

मैं अपने कमरे में कपड़े बदलने चला गया और अपना सामान और कपड़े अलमारी में लगाने में मुझे कुछ समय लगा और फिर मैं फलक से मिलने उसके कक्ष की तरफ़ चल दिया । मुझे नफीसा ने बताया था मेरे कक्ष से अगला कक्ष शबनम का था और उसके सामने का कक्ष नफीसा का था और मेरे दायी तरफ़ का पहला कक्ष फलक का था और उसके सामने का कक्ष राफिया का था ।

मुझे मेरे दाहिने तरफ़ जाना था औअर मुझे फलक के कक्ष से खिलखिला कर हसने की आवाज़ सुनाई दी, मैं उसकी तरफ़ गया पर्दे से अंदर झाँक कर देखा की उस कमरे में नफीसा और फलक कुर्सी पर टेबल से टिक कर बैठी हुई थी । मैं वहीँ रुक कर परदे के पीछे छिप कर उन्हें देखने और उनकी बाते सुनने लगा ।

अचानक फलक उठ के खड़ी हो गयी और उसी समय नफीसा भी सीधी होने जा रही थी, परिणामवश हम दोनों भी जोरोसे टकरा गई. इस अचानक हुई टक्क्र से फलक की कोहनी नफीसा की छाती से जा टकराई।

नफीसा: उई अम्मी ... मर गई!

मै: सॉरी नफीसा बाजी ... बहोत लगा क्या?

नफीसा छाती से हाथ लगाये बैठ गई।

फलक ने उसे फिर पूछा " बहोत दर्द हो रहा है क्या?

और फलक ने उसकी छाती पर हाथ रखा, नफीसा ने पटाक से फलक का हाथ अपने सिने पर दबाते हूए लम्बी साँसे लेना शुरू किया ।

फलक nने सोचा की मालिश करने से नफीसा को कुछ राहत मिलेंगी इसलिए फलक ने धीरे से उसकी छाती को मसलना शुरू किया।

अब नफीसा ने आपनी आँखे बंद कर ली थी और उसने फलक का दूसरा हाथ पकडके अपने दुसरे स्तन पर रख दिया और फलक के हाथो से उपर से ही अपने स्तन दबाने लगी।

फलक ने भी अनजाने में उसके स्तानोका मर्दन करना शुरू किया।

नफीसा कराह रही थी ।

थोड़ी देर बाद फलक ने रुकना चाहा, तो नफीसा बोली "प्लीज फलक, रुक मत ... और जोरो से दबा ... प्लीज़!"

और नफीसा ने अपना टॉप थोडा खिसका कर फलक के हाथो को अपनी टॉप के अन्दर खीचा, अन्दर ब्रा नहीं थी, उसकी नंगी छतिया फलक के हाथो में थी ।

असमंजस में फलक थोड़ी देर रुक गई।

नफीसा फिर बोली "प्लीज़ फलक ... दबा इनको ... ज़ोर से दबा दे इनको!"

फलक फिर नफीसा के बूब्स दबाने लग गई।

अब मुझे भी ये सब देख अजीब-सा मज़ा आने लगा था।

नफीसा अपनी आखें बंद करके पूरी मस्ती में झूम रही थी,मैंने महसूस किया की नफीसा के निप्पल एकदम कड़े होने लगे, उसने आँखे खोली तो उसकी आँखे गुलाबी लगने लगी।

उसने एक झटकेसे फलक को अपनी और खीचा और उसके होंठो पर अपने होठ रख कर पागलो की तरह चूमने लगी।

फलक कसमसाई, ताकत लगाकर उसे दूर धकेला।

फलक: बाजी ये आप क्या कर रही हो?

नफीसा फिरसे फलक की आमने पास खीचते हुए बोली "मेरी जान आ जा मेरी प्यास बुझा दे, मेरे बदन में आग लगी है... आजा मेरी जान!"

मै: "ये आप क्या पागलो जैसी हरकत कर रही हो नफीसा बाजी ... छोडो मुझे..." और फलक ने उसे जबरदस्ती अपनेसे अलग किया ।

नफीसा: प्लीज फलक ... प्लीज ..फिरसे दबा दे ... देख मैं कैसी जल रही हूँ...मेरा बदन कैसे तप रहा है! "

इतना कहके उसने फलक का हाथ फिरसे अपनी टॉप के अन्दर डाल दिया।

फलक ने महसूस किया की नफीसा का बदन भट्टी की तरह तप रहा था। उसकी आँखे लाल हो गई थी ।

घबराकर फलक बोली "अरे बाजी आपका बदन तो बहोत ज़्यादा गरम लग रहा है... बुखार आया क्या?"

नफीसा: "हा मेरी जान..ये जवानी का बुखार चढ़ा है मेरे ऊपर ...जल्दी से इसे ठंडा कर दे..।."

फिर से फलक हाथो से उसकी छतिया दबाने लगी ।

फलक: "नफीसा बाजी मैं आंटी से मांग के कुछ मेडिसिन लाती हूँ ।"

फलक ने फिरसे अपने आप को छुडाने का असफल प्रयास किया।

नफीसा ने फिर से फलक का हाथ जबरदस्ती से भिचते हूए बोली-"हाय रे मेरी भोली बहन ... मेरी मेडिसिन तो जिसके पास है वह पता नहीं मेरी ख़बर लेने कब आएगा?"

फलक "मैं समझी नहीं नफीसा बाजी ... ये आप क्या बोल रही हो?"

नफीसा: "मैं सब समझाती हूँ मेरी भोली बहन फलक ... तू बस इनको दबाती जा।"

अब फलक ने हथियार डालते हुए उसके स्तनों को दबाना शुरू किया ।

फलक को देख लग रहा था कि ये फलक के लिए भी ये नया अनुभव था । फलक को कुछ-कुछ अच्छा भी लगने लगा था।

नफीसा ने फिर से फलक को आपने पास खीचा और उसके होंठो पर चुम्बन किया ।

नफीसा: "क्या तुमने अभी तक ऐसा नहीं किया?"

फलक: "ऐसा यानी ... मैं समझी नहीं।"

नफीसा: "मेरी भोली रानी ... क्या आजतक तुमने किसी को चुम्मा नहीं दिया।"

फलक "छि ... गन्दी बात बाजी!"

नफीसा ने बड़े प्यारसे फलक की तरफ़ देखा और बोली-"आज मैं मेरी भोली बहन को ... जवानी का अद्भुत खेल समझाने वाली हूँ ।"

मैं: "जवानी का अद्भुत खेल? ये क्या है?"

उसने फिर एक बार अपने होठो से फलक के होंठ बंद किये...और फलक की उभरती हुयी छातियो को अपने हाथोसे भीचना शुरू किया।

ये नजारा देख मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मेरा लंड कड़ा हो रहा था, मुझे लगा की मेरी और शबनम की बात के बाद से हमारी योजना अनुसार नफीसा को सेक्स के लिए त्यार कर रही है।

जैसे ही नफीसा के हाथ फलक की छातियो से लगे ...फलक और मैंने एक अजीब-सा रोमांच महसूस किया ... फलक को एक नशा-सा होने लगा था ...नफीसा ने फलक के निचले होठ पर अपनी ज़ुबान फिराना शुरू किया ... उसके हाथ अब फलक की टॉप के अन्दर जाने की कोशिश कर रहे थे ...।

फलक को थोडा अजीब लगा पर उसे रोकने का कोई प्रयास नहीं किया। जल्द ही नफीसा के हाथ फलक की टॉप के अन्दर थे ।

लेकिन उन हाथो ने फलक के नग्न स्तनों को छू लिया... उफ़। आह कराह पड़ी फलक और ... मेरी तो साँस जैसे थम गई.।

एक पल के लिए फलक को लगा की ... वह हवा में है ... उड़ रही है और नफीसा ने फिर फलक को ज़मीं पर उतरने का मौका ही नहीं दिया और वह उसके स्तनों को जोरसे दबाने लगी और चूमने लगी ।

फलक का-का पहला स्तनमर्दन हो रहा था।

एक अजीब-सा ...मीठा-सा दर्द महसूस कर रही थी फलक और हलके हल्की कराह रही थी ... स्पष्ट थे उसने आज तक ऐसा कभी अनुभव ही नहीं किया था ।

नफीसा ने तो जैसे फलक को पूरी तरह से उत्तेजित कर पागल करने की ठान ली थी, उसने फलक के स्तानाग्रो और फिर चुचकोंको चुटकी में भर कर उमेठा ...।

स्स ।स्स। स्स। स्स ।स्स......... आह कर फलक कराह रही थी ।

उसकी आहे हाय-हाय सुन मेरी तो जान ही निकल गई!

फलक को देख लगा फलक चीखना चाहती थी ... मगर चीख नहीं सकती थी ... क्योंकि उसके होठ तो नफीसा ने अपने होठो से बंद किये हुए थे। पर जब नफीसा ने थड़ा कास कर मसला तब फलक का मुँह थोडा-सा खुल गया और नफीसा ने इसी मौके का फायदा लेते हूए अपनी जीभ को फलक के होठो से अन्दर की और सरका दिया ... ।अब नफीसा की जीभ फलक की जीभ से टकरा रही थी ... फलक को अजीब-सा मज़ा आ रहा था ... फलक ने अपने जीभ से नफीसा की जीभ को धकेलना चाहा...और उसकी इस कोशिश में फलक की जीभ नफीसा के मुह में चली गई ... जिससे बाद अब नफीसा फलक की जीभ को अपने मुह में लेकर चूस रही थी ..., उत्तेजना से फलक के रे निप्पल अब पूरी तरहसे कठोर हो गए थे ।

नफीसा ने फलक के बूब्स दबाना, निप्पल उमेठना और होटो को और जीभ चूसना जारी था और ये सब मिल कर फलक को पूरी तरह से पागल कर रहा था। न जाने कितनी देर तक दोनों वैसे ही रही कराह रही थी और तड़प रही थी।

मेरी महबूबाये मेरे सामने तड़प रही थी और मैं बस देख सकता था और कुछ कर नहीं सकता था ।

जारी रहेगी ।
 

Premkumar65

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मेरा निकाह मेरी कजिन के साथ

भाग 05

सलमा के साथ रिज़वान का निकाह

(मेरी चार बीविया होने के बावजूद आज रात तो सूखा ही सोना पड़ेगा. क्योंकि रुक्सर के साथ तो मेरी सुहागरात में अभी एक महीने का टाइम है. रुकसाना बोली इसीलिए तो तुम से पहले ही कहा था आराम से करना ज़ीनत आपा कहाँ भागी जा रही हैं पर तुम को सब्र कहाँ. कर दी दन दना दन अब सब्र रखोl मैं उनके हाथ जोड़ने लगा आपा कुछ करो मैं मर जाऊँगा. )

दोस्तों मैं सलमान मेरी पहली कहानी भाग १-२ में आपने मेरे ज़ीनत आपा के साथ निकाह के बाद सुहागरात की दास्तान पढ़ी,, भाग 3-4 में आपने मेरी कजिन भाई रिज़वान के निकाह के बाद मेरी बहन रुखसाना की सुहागरात की कहानी पढ़ी अब आगे

जब रिज़वान ने रुखसाना के साथ अपनी सुहागरात की कहानी ख़त्म करि तो उसे सुन मेरा ११ इंची लुंड पूरा तन गया थाl और पायजामा में टेंट बन गया था तभी रुकसाना अंदर आ गयी और पूछने लगी क्या चल रहा हैl मैंने कहा रिज़वान भाई तुम्हारे साथ अपनी सुहागरात की कहानी सुना रहे थे तो रुकसाना बोली मुझे भी सलमान तुम्हारी और ज़ीनत आपा की सुहागरात की दास्ताँ बताओ

फिर मैंने फिर कहा रुकसाना आपा कुछ कीजिये डॉक्टर ने ३ दिन ज़ीनत की चुदाई के लिए मना किया है मेरी चार बीविया होने के बावजूद आज रात तो सूखा ही सोना पड़ेगाl क्योंकि रुखसार के साथ तो मेरी सुहागरात में अभी एक महीने का टाइम हैl रुकसाना बोली इसीलिए तो तुम से पहले ही कहा था आराम से करना ज़ीनत आपा कहाँ भागी जा रही हैं पर तुम को सब्र कहाँl कर दी दे दन दना दन अब सब्र रखो मैं उनके हाथ जोड़ने लगा आपा कुछ करो मैं मर जाऊँगाl आपा को मुझ पर कुछ दया आ गयी बोली अच्छा कुछ करती हूँ लेकिन पहले तुम अपनी और ज़ीनत की सुहागरात की कहानी मुझे सुनाओl इतने में वहां रुखसार और आरसी भी आ गयी और बोली हमें भी सुहाग रात की कहानी सुननी है सलमान पूरी तफ्सील से बताना l रिज़वान भी कहने लगा हैं भाई सुनाओ न तुम्हारे कमरे से बहुत आवाज़े मुझे भी आ रही थी ज़ीनत आपा के चीखने चिल्लाने की आवाज़ों से मेरा भी जोश बढ़ गया था और मैंने भी चीखे सुन कर सलमा को बढ़ चढ़ कर कस कस कर चोदाl

मैं उन्हें संक्षेप में अपनी सुहागरात की कहानी सुनाई मैं कमरे में ले गया तो सेज़ पर ज़ीनत बैठी थी और ज़ीनत हरे रंग की बनारसी साड़ी और पूरी गहनों से लदी हुई थीl कहानी की तफ्सील भाग 1-३ में पढ़ ले l

फिर में उनके पास गया और उनका हाथ अपने हाथ में लेकर उनसे बातें करने लगा फिर मैंने धीरे से उनके होंठो को चूमा, उफ उनकी खुशबू ही क्या सेक्सी थी? और मेरे चूमते ही मेरे लंड को फौलादी बन गया था फिर मैंने धीरे से उनकी गर्दन को चूमने, चाटने लगा था और मेरे ऐसा करते ही वो सिसकारी लेती हुई मुझसे लिपटी जा रही थीl


ZEENAT1


अब में ज़ीनत आपा के ब्लाउज के ऊपर से ही उनके बूब्स को दबाने लगा थाl मैंने जोश में आकर उनका ब्लाउज फाड़ दिया और उनके सारे कपडे उतार दिए उनका सुडोल, चिकना, गोरा बदन, मेरी बाहों में नंगा था उनके बदन पर सिर्फ आभूषण थेl फिर मैंने सिर्फ़ गहनों में लदी ज़ीनत के पेट की अपनी जीभ से ही चुदाई कर डाली, और फिर अपनी जीभ उनकी चूत पर लगाकर उनकी चूत को चाटने लगाl

फिर वो मेरी जीभ की मस्त चटाई में ही झड़ गई फिर अपने मुँह में उनकी निपल्स लेते हुए अपनी एक उंगली उनकी चूत में घुसाने की कोशिश करने लगा, लेकिन उनकी टाईट चूत बहुत सख्त और तंग थी और मेरी कोशिश पर आपा चीखने लगती थी, लेकिन बड़ी मुश्किल से मेरी 1-2 उंगली उनकी चूत में अंदर जा पाईl


ZEENAT3

फिर मैंने उनको चूमते हुए और बूब्स दबाते हुए अपना लंड उनकी चूत के मुँह पर सेट किया और उनको चूमता चाटता रहाl बड़ी मुश्किल से मेरा लंड 2 इंच अंदर घुसा ही था कि जीनत की चीख निकल पड़ी, सलमान आईईईईईईईई दर्द उउउउइईईईईई हो रहा है और उनकी हथेलियों को अपनी हथेली से दबाते हुए उनकी चूत पर एक ज़ोर का शॉट मारा और मेरा लंड 2 इंच अंदर घुस गयाl फिर मैंने उसकी चीखों की परवाह किए बिना एक ज़ोर का धक्का और मारा और मेरा लंड उसकी चूत की झिल्ली को फाड़ता हुआ 5 इंच अंदर घुस गयाl


ZEENA3

अब वो अम्मी अम्मी कहकर ज़ोर से चिल्लाने लगी थी और चीखने लगी थीमें मर जाउंगी, फिट मैं कुछ देर रुका और धीरे से उन्हें सहलाने लगा और चूमने लगा और अपना लंड 2 इंच बाहर निकालकर फिर से एक ज़ोर का शॉट मारा तो मेरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ चूत की जड़ में समा गयाl फिर जो वो चीखी, तो पूरी हवेली जाग गयी होगी, लेकिन में उसे चोदता रहा, चोदता रहाl

फिर 10 मिनट की बेरहम चुदाई के बाद जब उसकी चीखे कम हुई और सिसकारी में बदलने लगी तो मैंने अपना लंड आधा बाहर कर लिया और अंदर बाहर करने लगाl फिर अचानक से आपा ने मुझे कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया और झड़ गयी फिर मैंने उसकी जमकर धुनाई करते हुई चुदाई की और उसको 3 बार और झड़ाने के बाद अपना रस उसकी चूत में ही डाल दियाl

फिर उस रात मैंने ज़ीनत को 4 बार चोदा और जब वो सुबह लंगडाते हुए चल रही थी,

फिर आपा बोली अब कल रात क्या हुआ वह भी सुनाओ क्योंकि आज सुबह तक बहुत चिल्लाने की आवाज़े आ रही थी तुम्हारे कमरे से

मैंने कहा जब अब्बू ने मुझे और रिज़वान को बुला कर कहा कल रात जो चीखने चिल्लाने की आवाज़ आयी थी वह नवाबी तेहज़ीब के मताबिक सही नहीं हैं जो भी करो नज़ाकत को देख कर करो l सारे नौकर नौकरानी सुनते है और बातें बहार जा सकती है




ZEENAT5
फिर कल रात मैं जब ज़ीनत के कमरे में गया तो मैंने देखा ज़ीनत आपा की चुत एकदम सूजी हुई थी मैंने प्यार से चुत सलवार की ऊपर से ही को सहलाया फिर अपने हाथो के उसके मोमे दबाये मैंने अपनी उंगलियों से निप्पल को खींचा को आपा कराह उठी आआह मेरे राजा धीरे बहुत दुख रहे हैंl तो मैं बोला आज इसे थोड़ा आराम देता हूँ मैंने कहा आओ आपा अपनी बांहो में सुला दो सुबह चार बजे का अलार्म लगा देते है अगर तुम्हारा मन करे तो फिर मेरे को करने देना और हम दोनों एक दुसरे को चूमते हुए लिपट कर सो गए l

मेरी नींद खुली करीब रात के तीन बजे थे ,आपा मेरे सीने से लिपटी हुई सो रही थी उनको देखते ही मेरा संयम टूट गया और दबोच कर लिप्स किस करने लगा , मैंने कहाँ आपा इसकी फ़िक्र न करे , आप सबसे सुन्दर ,गोरी और मेरे से 5 साल बड़ी होने के बावजूद मस्त माल हो l आपको देखकर तो कोई भी पागल हो जाये जैसे की मैं हूँ आपको मालूम नहीं है मेरी क्या हालत हैl मेरे मन आपको देखते हे बेकाबू हो जाता है तुम तो मेरे दिल की मल्लिक्का हो और फिर मैंने कहा आपा हमारे खानदान में गांड मरने की रिवाज़ है और आप चीखती बहुत हैं इसलिए अगर आप इज़ाज़त दे तो आपकी कलाई में रस्सी बांधकर आपको उल्टा कर आपके दोनों हाथ बीएड पोस्ट से बांध देता हूँ और आपके मुंह को कपडे से बांध कर आपकी गांड मार लेता हूँ l

आपा बोली मेरे राजा सलमान पहले मेरी चुत चोदो फिर जैसा चाहे वैसा कर लेना लेकिन धीरे से ताकि दर्द न हो l मैं उन पर चढ़ कर बेकरारी से चूमने लगा। और उनकी चुचियों को मसलने लगा, और वो मादक आवाजें निकालने लगी, आह उह आह की आवाजें पुरे कमरे में गूंज रही थी, फिर उसकी चूत पर अपना मुँह रखते ही वो जोर से चिल्ला उठी आआहह, ओमम्म्मममम, चाटो ना जोर से, सस्स्सस्स हहा और मचलने लगी और अपनी गांड को इधर उधर घुमाने लगी। अब वो सिसकारियाँ मारने लग गई थी। अब वो अहाह, आहहह, आहहह कर रही थी। मैंने अपनी पेंट खोली और आपा मेरे लंड पकड़कर सहलाने लगी

फिर मैंने उनकी गांड के नीचे एक तकिया लगाया और उसके दोनों पैरों को फैलाया और अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया। अब जब मेरे लंड का सुपड़ा ही उसकी चूत में गया था तो वो ज़ोर से चिल्लाने लगीlहाईईईईई, म्‍म्म्मम। फिर कुछ देर के बाद मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। अब वो पूरी मस्ती में थी और मस्ती में मौन कर रही थी अआह्ह्ह आाआइईई और करो, बहुत मजा आ रहा है। और ज़ोर से, उउउईईईई माँ, आहह हाँ, और फिर मैंने उसकी गांड पकड़कर अपनी स्पीड बढ़ा दी, तो वो भी कुछ देर के बाद झड़ गई।


RUKH15

फिर मैंने कहा इस बार आपा आप ऊपर आ जाओ फिर में उनके नीचे और आपा मेरे ऊपर मैंने भी अपने चूतड़ उठा कर उनका साथ दियाl मेरा लंड उनकी चूत के अंदर पूरा समां जाता था तो दोनों के आह निकलती थी l फिर मैंने ज़ीनत आपा की जम कर चुदाई की और उनको जन्नत की सैर कराइ । फिर मैंने उसको घोड़ी बना दिया। और अब मैंने उसकी चूत में पीछे से लंड को डालकर चोदना शुरूकिया और फिर में उसे लगातार धक्के देकर चोदता रहा। करीब 25 मिनट तक लगातार उसको उस पोज़िशन में चोदा उनकी हालत बुरी थी वह कई बार झड़ चुकी थी
आपा निढाल हो कर लेट गयी मैं उनको प्यार से सहलाने लगा और किस करने लगा और बोला आपा क्या आपको मजा आया दर्द तो नहीं हुआl आपा बोली बहुत मजा आयाl मे l चूत बुरी तरह से सूज चुकी थी l लेकिन मैं एक बार भी नहीं झडा था और लंड तनतनय हुआ खड़ा थाl आपा ने लंड को सहलाते हुए कहा आज क्या बात है मैंने कहा आज इसका ये गांड मारे बिना नहीं रूकेगा आपा शर्मा कर सिकुड़ गयी और मुझसे लिपट गयी


फिर रिज़वान ने मुझसे पुछा क्या तुमने फिर ज़ीनत आपा की गांड भी मारी?

मैंने कहा पूरी बात सुनो और आगे सुनाने लगा फिर थोड़ी देर बाद आपा ने मुझसे कहा कि तुम मेरे हाथ पैर दोनों को बांध दो और फिर मेरी जमकर मेरी गांड की चुदाई करो, में आज तुम्हे नहीं रोकूंगी। और फिर उनके हाथ बांध कर मुंह पर सलवार बांध दी और खूब देर तक उनकी पीठ पर चुम्बन करते हुए बॉडी लोशन उनकी प्यारी बिन बालों वाली गोरी गांड पर लगाया और मैंने टनटनाया हुआ 9 इंची लोडा उनकी गांड में दे डाला और पहच की आवाज़ के साथ खून के फुव्वारे छूटे और एक ही धक्के में लंड समां गया l क्योंकि उनका मुंह बंधा था बेचारी केवल पाऊँ पटक सकती थी जिन्हे मैंने अपने हांथो से जकड रखा था और में अब लगातार धक्के देकर चोदता रहा और फिर ३० मिनट उस नाज़ुक गांड की लगातार चुदाई के बाद हम दोनों झड़ गये। में धन्य हो गया l क्या गद्देदार चूतड़ थे , नरम मुलायम गोरी चमड़ी जो लाल सुर्ख हो गयी थी और सख्त टाइट मांस और बस मत पूछो यार मज़ा आ गया l आपा की आँखो से आंसू आ गये, लेकिन मुझे उनके चेहरे पर संतुष्टि साफ साफ नजर आ रही थी।

मैंने अपनी और ज़ीनत की सुहागरात की कहानी ख़त्म की तो देखा रिज़वान और रुखसाना आपा दोनों गर्म हो चुके थेl रिज़वान का लंड भी पूरा तन गया था मैंने देखा रिज़वान ने आपा का हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया था और आपा उसे धीरे धीरे सहला और दबा रही थी और दोनों लिप किश कर रहे थेl मेरा भी लंड पूरा तन गया था और मुझे लगा वह पजामा फाड् कर बाहर आ जायेगा फिर दोनों को ख्याल आया के मैं भी वही हूँ तो दोनों शर्मा गएl आपा ने मेरा तना हुआ पायजामा देखा तो बोली सलमान सब्र करो अभी तो सुबह ही हुई है देखती हूँ तुम्हार्रे लिए क्या हो सकता है मैंने कहा रिज़वान अब तुम भी सलमा के साथ अपनी सुहाग रात की कहानी सुनाओ रुखसार और आरसी भी बोली हमें भी सलमा भाभी की सुहाग रात की कहानी सुननी है रिज़वान पूरी तफ्सील से बताना जूनि चूँकि छोटी थी वह स्कूल चली गयी थी l

रुखसाना आपा बोली मुझे भी सुननी है रिज़वान प्लीज बताईये क्या हुआ l हमारे बहुत कहने पर रिज़वान शुरू हुआ l

सलमान भाई अपने खानदान के परंपरा के अनुसार मुझे पहले से ही पता था के रुकसाना सलमा और फातिमा मेरी ही होंगीl क्योंकि खानदान में तुम्हारे सिवा और कोई लड़का तो है नहीं इसलिए इन तीनो कजिन का निकाह मुझसे ही होगा और तीनो की खूबसूरती और नजाकत का मैं कायल था और मन ही मन तीनो को बहुत चाहता था फिर वह बोला मेरा बस चलता तो कब का तीनो को चोद देताl



SALMA2


रिज़वान बोला भाई निकाह के बाद दुल्हा, दुलहन दोनों को इन्तजार रहता है सुहागरात का… यह दोनों के विवाहित जीवन की पहली और सबसे ख़ास रात होती है जिसके सपने लड़का लड़की दोनों बरसों से देख रहे होते हैं! दोनों अपनी इर रात को यादगार बनाना चाहते हैं, इसके लिए उन्होंने पूरी तैयारी भी की होती है, लड़की के मन में पहले सेक्स का डर समाया होता है तो रोमांच भी होता है, वहीं लड़का भी रोमांचित होने के साथ साथ कुछ डरा हुआ होता है की उससे सब कुछ ठीक ठाक हो भी पाएगा या नहीं!

मेरे दोस्त मेरे पास बैठे गप्पे मार रहे थे पर मेरा मन सलमा के बारे में ही सोच रहा था मुझे खोया खोया देख दोस्त बोलो ये भाई तो दुल्हन के खयालो में अभी से खो गया है अब इसे और मत तडपायो और अपनी नयी दुल्हन के पास जाने दो फिर दोस्त एक एक का चले गए थोड़ी देर बाद लगभग ११ बजे और मेरी शरीके हयात रुखसाना और मेरी बहन आरसी मेरे पास आयी तो मैंने पुछा ज़ीनत आपा कहाँ है तो आरसी बोली आपाको सलमान के कमरे में छोड़ कर आये हैं और सलमा आपका आपके कमरे में इंतज़ार कर रही हैं फिर वह मुझे पकड़ कर मेरे फूलों से सजे कमरे में हमारी सुहागरात के लिए आयी मैंने देखा वहां सुहाग से सेज पर गहनों और फूलों से सजी धजी सलमा सिकुड़ और शर्मा सुहागरात की सेज पर छुईमुई सी सजी बैठीl अपने सपनों के राजकुमार का इंतजार कर रही थी।


वो आए और मेरे पास आकर मुझसे ज़माने भर की बात करने लगे। फिर आरसी मुझे छेड़ने लगी है भाई आराम से करना हमारी भाभी बहुत नाजुक हैंl आँख मारते हुए रुखसार मेरे कान में बोली मेरी बहन सलमा को मेरी तरह बेदर्दी से मत चोदना ये बहुत नाज़ुक और कमसिन है फिर दोनों दरवाजा बंद कर बहार चली गयीl मैंने दरवाजा अंदर से बंद किया ।


ओए होएl क्या बताऊँl सलमा जो की २१ साल की बला की ख़ूबसूरत हैl निकाह के समय उसे देख मेरा लंड बेकाबू हो गयाl सलमा का भी रंग दूध से भी गोरा, इतना गोरा के छूने से मैली हो जाए l बड़ी बड़ी काली मदमस्त आँखे गुलाबी होंठ हलके भूरे रंग के लम्बे बाल, बड़े बड़े गोल गोल बूब्सl नरम चूतड़, पतली कमर, सपाट पेट, पतला छरहरा बदन और फिगर ३४ २४ ३६ थाl कद ५ फुट ५ इंच था दिखने में एकदम माधुरी जैसी है और आवाज़ मीठी कोयल जैसी सुहाग की सेज सजी धजी गहनों और फूलों से लड़ी पर बैठी सलमा किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थी। सलमा ने गुलाबी रंग का लेहंगा और ब्लाउज पहना हुआ था और ऊपर लम्बी सी ओढ़नी का घूँघट किया हुआ था lइस रूप में अगर कोई 70 साल का बूढ़ा भी उसे देख लेताl तो उसका भी लंड खड़ा हो जाता। मेरा १० इंची हथियार शिकार के लिए तैयार होने लगाl मैं थोड़ा सा आगे होकर बैठ गया और उसका हाथ पर अपना हाथ रख दिया l उसका नरम मुलायम मखमल जैसा गर्म हाथ पकड़ते ही मेरा लंड फुफकारे मारने लगा और सनसनाता हुआ पूरा 8 इंची बड़ा हो गयाl


वह फिर पूनम की चांदनी रात थी और कमरा चांदनी से नहाया हुआ थाl सलमा का रंग गुलाबी कपड़ो के कारन गुलाबी लगने लगा थाl उसकी चमड़ी इतनी नरम मुलायम नाजुक और पारर्दर्शी थी के उसकी फूली हुई नसे साफ़ नज़र आ यही थी मैंने एक गुलाब उठा कर उसके हाथो को छू दिया और वह कांप कर सिमटने लगी मैंने कहा की मैं आप से बहुत प्यार करता हूँ और आप को पाना चाहता थाl lफिर मैंने अपनी जेब से निकाल कर एक नौलखा हार उनको अपनी शादीशुदा जिंदगी के पहले नज़राने के तौर पर दियाl वह बोली आप ही पहना दीजिये और उसके गहने खड़कने लगेl


मैंने उसे हार पहनाया फिर धीरे से उसका घूंघट उठा दिया दूध जैसी गोरी चिट्टी लाल गुलाबी होंठ ! नाक पर बड़ी नथ, मांग में टिका बालो में गजरा उसका चेहरा नीचे को झुका हुआ था, ढेर सारे गहनों ले लदी और फूलों से लदी अप्सरा लग रही थी इतनी सुन्दर दुल्हन देख मेरे मुँह से निकला वाह !! तुम तो बला की क़यामत हो मेरी जान l मैंने धीरे से उसके चेहरे को ऊपर किया सलमा की आँखे बंद थी l उसने आँखे खोली और हलकी से मुस्करायीl



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फिर बड़े प्यार से से पूछा, “क्या मैं तुम्हे किस कर सकता हूँ?”

मैंने उसका ओंठो पर एक नरम सा चुम्बन ले लिया और सलमा के चेहरे को अपने हाथों में लेकर गाल पर किस किया और सलमा को बताया कि इस दिन का मै जबसे सलमा जवान हुई थी तबसे इंतज़ार कर रहा था l l ये उसका पहला चुम्बन था वह फिर शर्मा कर सिमट कर मुझ से लिपट गयीl मैंने सलमा को अपने गले लगाया और पीठ पर हाथ फिरा कर पुछा उसकी पीठ बहुत नरम मुलायम और चिकनी थी उसने बैकलेस चोली पहनी हुई थी जो सिर्फ दो डोरियों से बंधी हुई थी और ब्रा नहीं पहनी हुई थी फिर मेरे फिसल हाथ सलमा की कमर तक पहुँच गए थेl


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क्या चिकनी नरम और नाजुक कमर थी फिर मैंने उसका दुपट्टा सीने से हटा दिया। और उसे घूरने लगा मेरे इस तरह घूरने से सलमा को शर्म आने लगी और वो पलट गयी और अपनी पीठ मेरी तरफ कर दी। मैं आगे बढ़ गया उसे अपनी लोहे जैसी बांहो में कस कर जकड़ लिया, मैंने अपना मुँह सलमा की गर्दन पर किया और उस पर किस करने लगा। उसके शरीर से पसीने और लेडीज परफ्यूम की महक आ रही थी जो मुझे मदहोश कर रही थी! मैंने सलमा के गले पर किस करते हुए अपना मुँह सलमा के कान के पास किया और मेरे कान में कहा- आय लव यू जान! तू बहुत अच्छी लग रही है! आज मैं तेरी सील तोड़ दूँगा!

सलमा ने कहा- "हम्म्म्म ll" फिर मैंने सलमा के होंठों पर अपने होंठों रख दिए होंठ चसते हुए मैंने अपना एक हाथ उसकी कमर में डाल दिया। उसकी कमर पर हाथ फेरा तो उसके पूरे जिश्म में कंपन होने लगी।

मेरी ऐसी बातों से सलमा पागल हो गयी , उसकी गर्म बांहों में मेरा शरीर जल रहा था!



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मैंने सलमा को अपनी तरफ किया और अपने होंठों को सलमा के होंठ पर रख दिए और उन्हें चूसने लगा। मैं बहुत जोश में था और सलमा के होंठों पर ही टूट पड़ा। फिर मैंने सलमा को अपनी गोद में खींच लिया और उसकी चूचियों को ब्लाउज के ऊपर से ही दबाने लगा। सलमा में अपनी आँख बंद कर ली। मैंने उसके बलाउज के बटन खोल दिए। उसकी रेड ब्रा को मैंने बिना हक खोले ऊपर कर दिया। अब सलमा के दोनों कबूतर मेरे सामने नंगे थे। मैंने उसकी एक चूची को मुँह में ले लिया और दूसरी को हाथ से सहलाने लगा।

सलमा की धड़कन तेज हो गई थी। मैंने अब उसकी दूसरी चूची को मुँह में ले लिया और उसकी पहली चूची को जोर से दबाया। सलमा ने एक सिसकी सी ली। अबकी बार मैंने थोड़ा सा और जोर से दबाया। अब उसकी सिसकी में दर्द पैदा हो गया। अब मैंने ऋत को पलंग से उतार कर नीचे खड़ा होने को कहा। वो नीचे आकर खड़ी हो गई। मैंने उसके ब्लाउज को उसके जिएम से अलग कर दिया। फिर मैंने उसकी साड़ी को खोल दिया। अब त मेरे सामने सिर्फ सफेद पेटीकोट में खड़ी थी।


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मैंने उसको कहा- "अपने दोनों हाथ अपने सिर के पीछे रख लोl"

सलमा में चुपचाप रख लिए। मैंने अब उसके पेटीकोट को ऊपर उठा दिया और उसके पेटीकोट के नाड़े में उसका पेंटीकोट मोड़कर फैंसा दिया। फिर मैंने सलमा की पैटी के ऊपर से उसकी चूत को हल्का सा सहलाया। उसकी टांगों की कंपन में साफ देख रहा था। मैंने उसकी दोनों जांघों को अपने हाथ से पकड़कर घुमा दिया। अब अत की गाण्ड मेरे सामने थी। उसकी लाल रंग की कच्छी में उसके गोरे-गोरे चूतड़ बड़े प्यारे लग रहे थे। फिर मैंने उसकी कच्छी के इलास्टिक में उंगली डालकर कच्छी को आधा नीचे किया। उसके चूतड़ों की दरार में मैंने अपनी उंगली फिरानी शुरू कर दी। चिकने चूतड़ों में उंगली फिसली जा रही थी।

जारी रहेगी
mast chudai ho rahi hai.
 

Premkumar65

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मेरा निकाह मेरी कजिन के साथ

भाग 05

सलमा के साथ रिज़वान का निकाह

(मेरी चार बीविया होने के बावजूद आज रात तो सूखा ही सोना पड़ेगा. क्योंकि रुक्सर के साथ तो मेरी सुहागरात में अभी एक महीने का टाइम है. रुकसाना बोली इसीलिए तो तुम से पहले ही कहा था आराम से करना ज़ीनत आपा कहाँ भागी जा रही हैं पर तुम को सब्र कहाँ. कर दी दन दना दन अब सब्र रखोl मैं उनके हाथ जोड़ने लगा आपा कुछ करो मैं मर जाऊँगा. )

दोस्तों मैं सलमान मेरी पहली कहानी भाग १-२ में आपने मेरे ज़ीनत आपा के साथ निकाह के बाद सुहागरात की दास्तान पढ़ी,, भाग 3-4 में आपने मेरी कजिन भाई रिज़वान के निकाह के बाद मेरी बहन रुखसाना की सुहागरात की कहानी पढ़ी अब आगे

जब रिज़वान ने रुखसाना के साथ अपनी सुहागरात की कहानी ख़त्म करि तो उसे सुन मेरा ११ इंची लुंड पूरा तन गया थाl और पायजामा में टेंट बन गया था तभी रुकसाना अंदर आ गयी और पूछने लगी क्या चल रहा हैl मैंने कहा रिज़वान भाई तुम्हारे साथ अपनी सुहागरात की कहानी सुना रहे थे तो रुकसाना बोली मुझे भी सलमान तुम्हारी और ज़ीनत आपा की सुहागरात की दास्ताँ बताओ

फिर मैंने फिर कहा रुकसाना आपा कुछ कीजिये डॉक्टर ने ३ दिन ज़ीनत की चुदाई के लिए मना किया है मेरी चार बीविया होने के बावजूद आज रात तो सूखा ही सोना पड़ेगाl क्योंकि रुखसार के साथ तो मेरी सुहागरात में अभी एक महीने का टाइम हैl रुकसाना बोली इसीलिए तो तुम से पहले ही कहा था आराम से करना ज़ीनत आपा कहाँ भागी जा रही हैं पर तुम को सब्र कहाँl कर दी दे दन दना दन अब सब्र रखो मैं उनके हाथ जोड़ने लगा आपा कुछ करो मैं मर जाऊँगाl आपा को मुझ पर कुछ दया आ गयी बोली अच्छा कुछ करती हूँ लेकिन पहले तुम अपनी और ज़ीनत की सुहागरात की कहानी मुझे सुनाओl इतने में वहां रुखसार और आरसी भी आ गयी और बोली हमें भी सुहाग रात की कहानी सुननी है सलमान पूरी तफ्सील से बताना l रिज़वान भी कहने लगा हैं भाई सुनाओ न तुम्हारे कमरे से बहुत आवाज़े मुझे भी आ रही थी ज़ीनत आपा के चीखने चिल्लाने की आवाज़ों से मेरा भी जोश बढ़ गया था और मैंने भी चीखे सुन कर सलमा को बढ़ चढ़ कर कस कस कर चोदाl

मैं उन्हें संक्षेप में अपनी सुहागरात की कहानी सुनाई मैं कमरे में ले गया तो सेज़ पर ज़ीनत बैठी थी और ज़ीनत हरे रंग की बनारसी साड़ी और पूरी गहनों से लदी हुई थीl कहानी की तफ्सील भाग 1-३ में पढ़ ले l

फिर में उनके पास गया और उनका हाथ अपने हाथ में लेकर उनसे बातें करने लगा फिर मैंने धीरे से उनके होंठो को चूमा, उफ उनकी खुशबू ही क्या सेक्सी थी? और मेरे चूमते ही मेरे लंड को फौलादी बन गया था फिर मैंने धीरे से उनकी गर्दन को चूमने, चाटने लगा था और मेरे ऐसा करते ही वो सिसकारी लेती हुई मुझसे लिपटी जा रही थीl


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अब में ज़ीनत आपा के ब्लाउज के ऊपर से ही उनके बूब्स को दबाने लगा थाl मैंने जोश में आकर उनका ब्लाउज फाड़ दिया और उनके सारे कपडे उतार दिए उनका सुडोल, चिकना, गोरा बदन, मेरी बाहों में नंगा था उनके बदन पर सिर्फ आभूषण थेl फिर मैंने सिर्फ़ गहनों में लदी ज़ीनत के पेट की अपनी जीभ से ही चुदाई कर डाली, और फिर अपनी जीभ उनकी चूत पर लगाकर उनकी चूत को चाटने लगाl

फिर वो मेरी जीभ की मस्त चटाई में ही झड़ गई फिर अपने मुँह में उनकी निपल्स लेते हुए अपनी एक उंगली उनकी चूत में घुसाने की कोशिश करने लगा, लेकिन उनकी टाईट चूत बहुत सख्त और तंग थी और मेरी कोशिश पर आपा चीखने लगती थी, लेकिन बड़ी मुश्किल से मेरी 1-2 उंगली उनकी चूत में अंदर जा पाईl


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फिर मैंने उनको चूमते हुए और बूब्स दबाते हुए अपना लंड उनकी चूत के मुँह पर सेट किया और उनको चूमता चाटता रहाl बड़ी मुश्किल से मेरा लंड 2 इंच अंदर घुसा ही था कि जीनत की चीख निकल पड़ी, सलमान आईईईईईईईई दर्द उउउउइईईईईई हो रहा है और उनकी हथेलियों को अपनी हथेली से दबाते हुए उनकी चूत पर एक ज़ोर का शॉट मारा और मेरा लंड 2 इंच अंदर घुस गयाl फिर मैंने उसकी चीखों की परवाह किए बिना एक ज़ोर का धक्का और मारा और मेरा लंड उसकी चूत की झिल्ली को फाड़ता हुआ 5 इंच अंदर घुस गयाl


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अब वो अम्मी अम्मी कहकर ज़ोर से चिल्लाने लगी थी और चीखने लगी थीमें मर जाउंगी, फिट मैं कुछ देर रुका और धीरे से उन्हें सहलाने लगा और चूमने लगा और अपना लंड 2 इंच बाहर निकालकर फिर से एक ज़ोर का शॉट मारा तो मेरा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ चूत की जड़ में समा गयाl फिर जो वो चीखी, तो पूरी हवेली जाग गयी होगी, लेकिन में उसे चोदता रहा, चोदता रहाl

फिर 10 मिनट की बेरहम चुदाई के बाद जब उसकी चीखे कम हुई और सिसकारी में बदलने लगी तो मैंने अपना लंड आधा बाहर कर लिया और अंदर बाहर करने लगाl फिर अचानक से आपा ने मुझे कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया और झड़ गयी फिर मैंने उसकी जमकर धुनाई करते हुई चुदाई की और उसको 3 बार और झड़ाने के बाद अपना रस उसकी चूत में ही डाल दियाl

फिर उस रात मैंने ज़ीनत को 4 बार चोदा और जब वो सुबह लंगडाते हुए चल रही थी,

फिर आपा बोली अब कल रात क्या हुआ वह भी सुनाओ क्योंकि आज सुबह तक बहुत चिल्लाने की आवाज़े आ रही थी तुम्हारे कमरे से

मैंने कहा जब अब्बू ने मुझे और रिज़वान को बुला कर कहा कल रात जो चीखने चिल्लाने की आवाज़ आयी थी वह नवाबी तेहज़ीब के मताबिक सही नहीं हैं जो भी करो नज़ाकत को देख कर करो l सारे नौकर नौकरानी सुनते है और बातें बहार जा सकती है




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फिर कल रात मैं जब ज़ीनत के कमरे में गया तो मैंने देखा ज़ीनत आपा की चुत एकदम सूजी हुई थी मैंने प्यार से चुत सलवार की ऊपर से ही को सहलाया फिर अपने हाथो के उसके मोमे दबाये मैंने अपनी उंगलियों से निप्पल को खींचा को आपा कराह उठी आआह मेरे राजा धीरे बहुत दुख रहे हैंl तो मैं बोला आज इसे थोड़ा आराम देता हूँ मैंने कहा आओ आपा अपनी बांहो में सुला दो सुबह चार बजे का अलार्म लगा देते है अगर तुम्हारा मन करे तो फिर मेरे को करने देना और हम दोनों एक दुसरे को चूमते हुए लिपट कर सो गए l

मेरी नींद खुली करीब रात के तीन बजे थे ,आपा मेरे सीने से लिपटी हुई सो रही थी उनको देखते ही मेरा संयम टूट गया और दबोच कर लिप्स किस करने लगा , मैंने कहाँ आपा इसकी फ़िक्र न करे , आप सबसे सुन्दर ,गोरी और मेरे से 5 साल बड़ी होने के बावजूद मस्त माल हो l आपको देखकर तो कोई भी पागल हो जाये जैसे की मैं हूँ आपको मालूम नहीं है मेरी क्या हालत हैl मेरे मन आपको देखते हे बेकाबू हो जाता है तुम तो मेरे दिल की मल्लिक्का हो और फिर मैंने कहा आपा हमारे खानदान में गांड मरने की रिवाज़ है और आप चीखती बहुत हैं इसलिए अगर आप इज़ाज़त दे तो आपकी कलाई में रस्सी बांधकर आपको उल्टा कर आपके दोनों हाथ बीएड पोस्ट से बांध देता हूँ और आपके मुंह को कपडे से बांध कर आपकी गांड मार लेता हूँ l

आपा बोली मेरे राजा सलमान पहले मेरी चुत चोदो फिर जैसा चाहे वैसा कर लेना लेकिन धीरे से ताकि दर्द न हो l मैं उन पर चढ़ कर बेकरारी से चूमने लगा। और उनकी चुचियों को मसलने लगा, और वो मादक आवाजें निकालने लगी, आह उह आह की आवाजें पुरे कमरे में गूंज रही थी, फिर उसकी चूत पर अपना मुँह रखते ही वो जोर से चिल्ला उठी आआहह, ओमम्म्मममम, चाटो ना जोर से, सस्स्सस्स हहा और मचलने लगी और अपनी गांड को इधर उधर घुमाने लगी। अब वो सिसकारियाँ मारने लग गई थी। अब वो अहाह, आहहह, आहहह कर रही थी। मैंने अपनी पेंट खोली और आपा मेरे लंड पकड़कर सहलाने लगी

फिर मैंने उनकी गांड के नीचे एक तकिया लगाया और उसके दोनों पैरों को फैलाया और अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया। अब जब मेरे लंड का सुपड़ा ही उसकी चूत में गया था तो वो ज़ोर से चिल्लाने लगीlहाईईईईई, म्‍म्म्मम। फिर कुछ देर के बाद मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। अब वो पूरी मस्ती में थी और मस्ती में मौन कर रही थी अआह्ह्ह आाआइईई और करो, बहुत मजा आ रहा है। और ज़ोर से, उउउईईईई माँ, आहह हाँ, और फिर मैंने उसकी गांड पकड़कर अपनी स्पीड बढ़ा दी, तो वो भी कुछ देर के बाद झड़ गई।


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फिर मैंने कहा इस बार आपा आप ऊपर आ जाओ फिर में उनके नीचे और आपा मेरे ऊपर मैंने भी अपने चूतड़ उठा कर उनका साथ दियाl मेरा लंड उनकी चूत के अंदर पूरा समां जाता था तो दोनों के आह निकलती थी l फिर मैंने ज़ीनत आपा की जम कर चुदाई की और उनको जन्नत की सैर कराइ । फिर मैंने उसको घोड़ी बना दिया। और अब मैंने उसकी चूत में पीछे से लंड को डालकर चोदना शुरूकिया और फिर में उसे लगातार धक्के देकर चोदता रहा। करीब 25 मिनट तक लगातार उसको उस पोज़िशन में चोदा उनकी हालत बुरी थी वह कई बार झड़ चुकी थी
आपा निढाल हो कर लेट गयी मैं उनको प्यार से सहलाने लगा और किस करने लगा और बोला आपा क्या आपको मजा आया दर्द तो नहीं हुआl आपा बोली बहुत मजा आयाl मे l चूत बुरी तरह से सूज चुकी थी l लेकिन मैं एक बार भी नहीं झडा था और लंड तनतनय हुआ खड़ा थाl आपा ने लंड को सहलाते हुए कहा आज क्या बात है मैंने कहा आज इसका ये गांड मारे बिना नहीं रूकेगा आपा शर्मा कर सिकुड़ गयी और मुझसे लिपट गयी


फिर रिज़वान ने मुझसे पुछा क्या तुमने फिर ज़ीनत आपा की गांड भी मारी?

मैंने कहा पूरी बात सुनो और आगे सुनाने लगा फिर थोड़ी देर बाद आपा ने मुझसे कहा कि तुम मेरे हाथ पैर दोनों को बांध दो और फिर मेरी जमकर मेरी गांड की चुदाई करो, में आज तुम्हे नहीं रोकूंगी। और फिर उनके हाथ बांध कर मुंह पर सलवार बांध दी और खूब देर तक उनकी पीठ पर चुम्बन करते हुए बॉडी लोशन उनकी प्यारी बिन बालों वाली गोरी गांड पर लगाया और मैंने टनटनाया हुआ 9 इंची लोडा उनकी गांड में दे डाला और पहच की आवाज़ के साथ खून के फुव्वारे छूटे और एक ही धक्के में लंड समां गया l क्योंकि उनका मुंह बंधा था बेचारी केवल पाऊँ पटक सकती थी जिन्हे मैंने अपने हांथो से जकड रखा था और में अब लगातार धक्के देकर चोदता रहा और फिर ३० मिनट उस नाज़ुक गांड की लगातार चुदाई के बाद हम दोनों झड़ गये। में धन्य हो गया l क्या गद्देदार चूतड़ थे , नरम मुलायम गोरी चमड़ी जो लाल सुर्ख हो गयी थी और सख्त टाइट मांस और बस मत पूछो यार मज़ा आ गया l आपा की आँखो से आंसू आ गये, लेकिन मुझे उनके चेहरे पर संतुष्टि साफ साफ नजर आ रही थी।

मैंने अपनी और ज़ीनत की सुहागरात की कहानी ख़त्म की तो देखा रिज़वान और रुखसाना आपा दोनों गर्म हो चुके थेl रिज़वान का लंड भी पूरा तन गया था मैंने देखा रिज़वान ने आपा का हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया था और आपा उसे धीरे धीरे सहला और दबा रही थी और दोनों लिप किश कर रहे थेl मेरा भी लंड पूरा तन गया था और मुझे लगा वह पजामा फाड् कर बाहर आ जायेगा फिर दोनों को ख्याल आया के मैं भी वही हूँ तो दोनों शर्मा गएl आपा ने मेरा तना हुआ पायजामा देखा तो बोली सलमान सब्र करो अभी तो सुबह ही हुई है देखती हूँ तुम्हार्रे लिए क्या हो सकता है मैंने कहा रिज़वान अब तुम भी सलमा के साथ अपनी सुहाग रात की कहानी सुनाओ रुखसार और आरसी भी बोली हमें भी सलमा भाभी की सुहाग रात की कहानी सुननी है रिज़वान पूरी तफ्सील से बताना जूनि चूँकि छोटी थी वह स्कूल चली गयी थी l

रुखसाना आपा बोली मुझे भी सुननी है रिज़वान प्लीज बताईये क्या हुआ l हमारे बहुत कहने पर रिज़वान शुरू हुआ l

सलमान भाई अपने खानदान के परंपरा के अनुसार मुझे पहले से ही पता था के रुकसाना सलमा और फातिमा मेरी ही होंगीl क्योंकि खानदान में तुम्हारे सिवा और कोई लड़का तो है नहीं इसलिए इन तीनो कजिन का निकाह मुझसे ही होगा और तीनो की खूबसूरती और नजाकत का मैं कायल था और मन ही मन तीनो को बहुत चाहता था फिर वह बोला मेरा बस चलता तो कब का तीनो को चोद देताl



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रिज़वान बोला भाई निकाह के बाद दुल्हा, दुलहन दोनों को इन्तजार रहता है सुहागरात का… यह दोनों के विवाहित जीवन की पहली और सबसे ख़ास रात होती है जिसके सपने लड़का लड़की दोनों बरसों से देख रहे होते हैं! दोनों अपनी इर रात को यादगार बनाना चाहते हैं, इसके लिए उन्होंने पूरी तैयारी भी की होती है, लड़की के मन में पहले सेक्स का डर समाया होता है तो रोमांच भी होता है, वहीं लड़का भी रोमांचित होने के साथ साथ कुछ डरा हुआ होता है की उससे सब कुछ ठीक ठाक हो भी पाएगा या नहीं!

मेरे दोस्त मेरे पास बैठे गप्पे मार रहे थे पर मेरा मन सलमा के बारे में ही सोच रहा था मुझे खोया खोया देख दोस्त बोलो ये भाई तो दुल्हन के खयालो में अभी से खो गया है अब इसे और मत तडपायो और अपनी नयी दुल्हन के पास जाने दो फिर दोस्त एक एक का चले गए थोड़ी देर बाद लगभग ११ बजे और मेरी शरीके हयात रुखसाना और मेरी बहन आरसी मेरे पास आयी तो मैंने पुछा ज़ीनत आपा कहाँ है तो आरसी बोली आपाको सलमान के कमरे में छोड़ कर आये हैं और सलमा आपका आपके कमरे में इंतज़ार कर रही हैं फिर वह मुझे पकड़ कर मेरे फूलों से सजे कमरे में हमारी सुहागरात के लिए आयी मैंने देखा वहां सुहाग से सेज पर गहनों और फूलों से सजी धजी सलमा सिकुड़ और शर्मा सुहागरात की सेज पर छुईमुई सी सजी बैठीl अपने सपनों के राजकुमार का इंतजार कर रही थी।


वो आए और मेरे पास आकर मुझसे ज़माने भर की बात करने लगे। फिर आरसी मुझे छेड़ने लगी है भाई आराम से करना हमारी भाभी बहुत नाजुक हैंl आँख मारते हुए रुखसार मेरे कान में बोली मेरी बहन सलमा को मेरी तरह बेदर्दी से मत चोदना ये बहुत नाज़ुक और कमसिन है फिर दोनों दरवाजा बंद कर बहार चली गयीl मैंने दरवाजा अंदर से बंद किया ।


ओए होएl क्या बताऊँl सलमा जो की २१ साल की बला की ख़ूबसूरत हैl निकाह के समय उसे देख मेरा लंड बेकाबू हो गयाl सलमा का भी रंग दूध से भी गोरा, इतना गोरा के छूने से मैली हो जाए l बड़ी बड़ी काली मदमस्त आँखे गुलाबी होंठ हलके भूरे रंग के लम्बे बाल, बड़े बड़े गोल गोल बूब्सl नरम चूतड़, पतली कमर, सपाट पेट, पतला छरहरा बदन और फिगर ३४ २४ ३६ थाl कद ५ फुट ५ इंच था दिखने में एकदम माधुरी जैसी है और आवाज़ मीठी कोयल जैसी सुहाग की सेज सजी धजी गहनों और फूलों से लड़ी पर बैठी सलमा किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थी। सलमा ने गुलाबी रंग का लेहंगा और ब्लाउज पहना हुआ था और ऊपर लम्बी सी ओढ़नी का घूँघट किया हुआ था lइस रूप में अगर कोई 70 साल का बूढ़ा भी उसे देख लेताl तो उसका भी लंड खड़ा हो जाता। मेरा १० इंची हथियार शिकार के लिए तैयार होने लगाl मैं थोड़ा सा आगे होकर बैठ गया और उसका हाथ पर अपना हाथ रख दिया l उसका नरम मुलायम मखमल जैसा गर्म हाथ पकड़ते ही मेरा लंड फुफकारे मारने लगा और सनसनाता हुआ पूरा 8 इंची बड़ा हो गयाl


वह फिर पूनम की चांदनी रात थी और कमरा चांदनी से नहाया हुआ थाl सलमा का रंग गुलाबी कपड़ो के कारन गुलाबी लगने लगा थाl उसकी चमड़ी इतनी नरम मुलायम नाजुक और पारर्दर्शी थी के उसकी फूली हुई नसे साफ़ नज़र आ यही थी मैंने एक गुलाब उठा कर उसके हाथो को छू दिया और वह कांप कर सिमटने लगी मैंने कहा की मैं आप से बहुत प्यार करता हूँ और आप को पाना चाहता थाl lफिर मैंने अपनी जेब से निकाल कर एक नौलखा हार उनको अपनी शादीशुदा जिंदगी के पहले नज़राने के तौर पर दियाl वह बोली आप ही पहना दीजिये और उसके गहने खड़कने लगेl


मैंने उसे हार पहनाया फिर धीरे से उसका घूंघट उठा दिया दूध जैसी गोरी चिट्टी लाल गुलाबी होंठ ! नाक पर बड़ी नथ, मांग में टिका बालो में गजरा उसका चेहरा नीचे को झुका हुआ था, ढेर सारे गहनों ले लदी और फूलों से लदी अप्सरा लग रही थी इतनी सुन्दर दुल्हन देख मेरे मुँह से निकला वाह !! तुम तो बला की क़यामत हो मेरी जान l मैंने धीरे से उसके चेहरे को ऊपर किया सलमा की आँखे बंद थी l उसने आँखे खोली और हलकी से मुस्करायीl



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फिर बड़े प्यार से से पूछा, “क्या मैं तुम्हे किस कर सकता हूँ?”

मैंने उसका ओंठो पर एक नरम सा चुम्बन ले लिया और सलमा के चेहरे को अपने हाथों में लेकर गाल पर किस किया और सलमा को बताया कि इस दिन का मै जबसे सलमा जवान हुई थी तबसे इंतज़ार कर रहा था l l ये उसका पहला चुम्बन था वह फिर शर्मा कर सिमट कर मुझ से लिपट गयीl मैंने सलमा को अपने गले लगाया और पीठ पर हाथ फिरा कर पुछा उसकी पीठ बहुत नरम मुलायम और चिकनी थी उसने बैकलेस चोली पहनी हुई थी जो सिर्फ दो डोरियों से बंधी हुई थी और ब्रा नहीं पहनी हुई थी फिर मेरे फिसल हाथ सलमा की कमर तक पहुँच गए थेl


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क्या चिकनी नरम और नाजुक कमर थी फिर मैंने उसका दुपट्टा सीने से हटा दिया। और उसे घूरने लगा मेरे इस तरह घूरने से सलमा को शर्म आने लगी और वो पलट गयी और अपनी पीठ मेरी तरफ कर दी। मैं आगे बढ़ गया उसे अपनी लोहे जैसी बांहो में कस कर जकड़ लिया, मैंने अपना मुँह सलमा की गर्दन पर किया और उस पर किस करने लगा। उसके शरीर से पसीने और लेडीज परफ्यूम की महक आ रही थी जो मुझे मदहोश कर रही थी! मैंने सलमा के गले पर किस करते हुए अपना मुँह सलमा के कान के पास किया और मेरे कान में कहा- आय लव यू जान! तू बहुत अच्छी लग रही है! आज मैं तेरी सील तोड़ दूँगा!

सलमा ने कहा- "हम्म्म्म ll" फिर मैंने सलमा के होंठों पर अपने होंठों रख दिए होंठ चसते हुए मैंने अपना एक हाथ उसकी कमर में डाल दिया। उसकी कमर पर हाथ फेरा तो उसके पूरे जिश्म में कंपन होने लगी।

मेरी ऐसी बातों से सलमा पागल हो गयी , उसकी गर्म बांहों में मेरा शरीर जल रहा था!



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मैंने सलमा को अपनी तरफ किया और अपने होंठों को सलमा के होंठ पर रख दिए और उन्हें चूसने लगा। मैं बहुत जोश में था और सलमा के होंठों पर ही टूट पड़ा। फिर मैंने सलमा को अपनी गोद में खींच लिया और उसकी चूचियों को ब्लाउज के ऊपर से ही दबाने लगा। सलमा में अपनी आँख बंद कर ली। मैंने उसके बलाउज के बटन खोल दिए। उसकी रेड ब्रा को मैंने बिना हक खोले ऊपर कर दिया। अब सलमा के दोनों कबूतर मेरे सामने नंगे थे। मैंने उसकी एक चूची को मुँह में ले लिया और दूसरी को हाथ से सहलाने लगा।

सलमा की धड़कन तेज हो गई थी। मैंने अब उसकी दूसरी चूची को मुँह में ले लिया और उसकी पहली चूची को जोर से दबाया। सलमा ने एक सिसकी सी ली। अबकी बार मैंने थोड़ा सा और जोर से दबाया। अब उसकी सिसकी में दर्द पैदा हो गया। अब मैंने ऋत को पलंग से उतार कर नीचे खड़ा होने को कहा। वो नीचे आकर खड़ी हो गई। मैंने उसके ब्लाउज को उसके जिएम से अलग कर दिया। फिर मैंने उसकी साड़ी को खोल दिया। अब त मेरे सामने सिर्फ सफेद पेटीकोट में खड़ी थी।


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मैंने उसको कहा- "अपने दोनों हाथ अपने सिर के पीछे रख लोl"

सलमा में चुपचाप रख लिए। मैंने अब उसके पेटीकोट को ऊपर उठा दिया और उसके पेटीकोट के नाड़े में उसका पेंटीकोट मोड़कर फैंसा दिया। फिर मैंने सलमा की पैटी के ऊपर से उसकी चूत को हल्का सा सहलाया। उसकी टांगों की कंपन में साफ देख रहा था। मैंने उसकी दोनों जांघों को अपने हाथ से पकड़कर घुमा दिया। अब अत की गाण्ड मेरे सामने थी। उसकी लाल रंग की कच्छी में उसके गोरे-गोरे चूतड़ बड़े प्यारे लग रहे थे। फिर मैंने उसकी कच्छी के इलास्टिक में उंगली डालकर कच्छी को आधा नीचे किया। उसके चूतड़ों की दरार में मैंने अपनी उंगली फिरानी शुरू कर दी। चिकने चूतड़ों में उंगली फिसली जा रही थी।

जारी रहेगी
mast chudai ho rahi hai.
 

aamirhydkhan

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मेरे निकाह मेरी कजिन के साथ

खानदानी निकाह

अपडेट 158

जवानी के निराले खेल के नज़ारे


नफीसा ने फलक के स्तानाग्रो और फिर चुचकोंको चुटकी में भर कर उमेठा!.

स्स ।स्स। स्स। स्स ।स्स......... आह कर फलक कराह रही थी ।

उसकी आहे हाय-हाय सुन मेरी तो जान ही निकल गई ।

फलक को देख लगा फलक चीखना चाहती थी ... मगर चीख नहीं सकती थी ... क्योंकि उसके होठ तो नफीसा ने अपने होठो से बंद किये हुए थे। पर जब नफीसा ने थड़ा कास कर मसला तब फलक का मुँह थोडा-सा खुल गया और नफीसा ने इसी मौके का फायदा लेते हूए अपनी जीभ को फलक के होठो से अन्दर की और सरका दिया ... ।अब नफीसा की जीभ फलक की जीभ से टकरा रही थी ... फलक को अजीब-सा मज़ा आ रहा था ... फलक ने अपने जीभ से नफीसा की जीभ को धकेलना चाहा...और उसकी इस कोशिश में फलक की जीभ नफीसा के मुह में चली गई ... जिससे बाद अब नफीसा फलक की जीभ को अपने मुह में लेकर चूस रही थी ..., उत्तेजना से फलक के रे निप्पल अब पूरी तरहसे कठोर हो गए थे ।

नफीसा ने फलक के बूब्स दबाना, निप्पल उमेठना और होटो को और जीभ चूसना जारी था और ये सब मिल कर फलक को पूरी तरह से पागल कर रहा था। न जाने कितनी देर तक दोनों वैसे ही रही कराह रही थी और तड़प रही थी ।

मेरी महबूबाये मेरे सामने तड़प रही थी और मैं बस देख सकता था और कुछ कर नहीं सकता था ।

अचानक नफीसा ने चुम्बन तोडा और अपने हाथ खीच कर अलग खड़ी हो गई ।

फलक को लगा जैसे उसे आसमान से उठाकर ज़मीं पर पटक दिया गया है ।

फलक नफीसा की तरफ़ असंजस भरी नजरो से देखने लगी।

नफीसा मंद मुस्कुरा रही थी । फलक की समझ में कुछ नहीं आ रहा था ।

नफीसा धीमे कदमोसे चलते हुए फलक के पास आई, उसकी पीठ सहलाते हूए उसे पलंग की ओर ले गयी और उसे बिठाया।

फलक एक नयी नवेली दुल्हन की तरह शर्म से लाल हो गई. नफीसा ने धीरे से पुछा-"फलक मेरी जान ... कैसा लगा?"

फलक शर्म से मरी जा रही थी, उसने अपना चेहरा नफीसा की छातियो में छुपाना चाहा।

उसने फिर से फलक का चेहरा हाथो में लेकर एक चुम्बन दिया और फिर पुछा-"मेरी भोली रानी ... कैसा लगा यह खेल?"

फलक ने मुस्कुराकर निचे देखा।

नफीसा: "देखो फलक, अगर तुम जवानी का यह अद्भुत खेल सीखना चाहती हो तो शर्मना छोडो और बताओ की तुम्हे ये सब कैसा लगा?"

फलक "आपा! क्या कैसा लगा?"

नफीसा: "ओह, तो तुझे अच्छा नहीं लगा ... ठीक है मैं चलती हूँ ।"

फलक घबरा गयी और फट से उसका हाथ पकड़ कर उसे जबरदस्ती निचे बैठाते बोली-"नफीसा बाजी मैंने ऐसा तो नहीं बोला ।"

उसने फिर से मेरा चेहरा पकड़कर एक जोरदार चुम्बन किया और बोली "तो जानी! तुम्हे जवानी का ये अद्भुत खेल खेलना है?"

जवाब में इसबार फलक ने ख़ुद को समर्पित करते हूए नफीसा के होंठो पर अपने होठ रख दिए ।

नफीसा ने ख़ुशी के मारे फलक को अपने सिने से लगाया और बोली "चलो मेरी जान अब इस खेल की शुरुवात करते है"

नफीसा ने बतया " देखो फलक इस खेल के कुछ नियम है उनका पालन कठोरता से करना पड़ेगा-

1 मेरी सभी बाते बिना हिचक माननी होगी,

2 कोई भी शंका अभी नहीं पूछनी। वैसे बादमे कोई भी शंका बाकि नहीं रहेगी।

फलकने कहा "मुझे तुम्हारी हर शर्त काबुल है नफीसा आपा ... लेकिन आप जल्दी शुरू करो ।"

नफीसा ने हसते हुए फलक के निप्पल को उमेठा ... स्स्स्सस्स्स्स ... हाय! ।

नफीसा ने फलक की टॉप को निचेसे पकड़ा और उसे खीचकर उसके सर से निकाल दिया।

अब नफीसा सिर्फ़ समीज पहनकर बैठी थी और उसे शर्म आ रही थी, उसने हाथोसे अपनी छातियो को ढकना चाहा पर नफीसा ने उसके हाथो को पकड़ कर मना कर दिया।

नफीसा बड़े प्यार से फलक के रूप को देख रही थी और मैं भी पर्दे की आड़ से छुपा हुआ फलक का रूप देख रहा था । ।

नफीस को ऐसे देखते हुए देख फलक ने शर्मा के नजरे नीची कर ली ।

नफीसा ने फिरसे मेरी ठोड़ी पकड़कर उसका चेहरा ऊपर किया और बोली-"मेरी जान अब शर्माना छोडो और मेरी आंखोमे आँखे डाल कर देखो!"

अब फलक ने उसके हुक्म का पालन करते हूए उसीकी आँखों में देखा। नफीसा अभी भी फलक की तरफ़ तारीफ भरी निगाह से नाजारे देख रही थी ।

अब नफीसा ने उसकी समीज को निचे से पकड़ा, उसके समीज पकड़ते ही फलक उसका इरादा भाप गयी और उसके हाथ पकड़ लिये। नफीसा ने भी ज़ोर लगा कर समीज को ऊपर की तरफ़ खीचना चालू किया और समीज को ऊपर खीचते वह बोली-"मेरी जान तुम मेरी सारी शर्ते काबुल कर चुकी हो ... अब ये शर्माना छोड़ दो"

फलक ने हार कर अपने हाथ ढीले छोड़ दिए।

नफीसा ने एक झटके में फलक की समीज को उसकी सर से निकल दिया।

अब फलक ऊपर से पूरी तरह नंगी थी।

मैंने देखा फलक के संतरे जैसे स्तन कठोर हो गए थे उसके गुलाबी निप्पल पूरी तरह फुल चुके थे। और मेरा लंड भी ये नजारा देख अकड़ गया था।

मुझे लगा मेरा माल लूटने वाला है पर फिर मुझे याद आया की नफीसा हमारे तय किये गए प्लान के अनुसार फलक को मेरे लिए त्यार कर रही है ।

इधर नफीसा अपनी आँखे बड़ी-बड़ी करके फलक के सौन्दर्य का रस पान कर रही थी।

उनकी नजरे उससे मिली तो वह दोनों प्यार से मुस्कुरा दी ।

फिर नफीसा ने एक पल में अपना भी टॉप निकल फेका।

उसने टॉप के निचे कुछ भी नहीं पहना था ।

टॉप के निकलते ही उसके दो बड़े संतरे जैसे स्तन सामने उछल पड़े।

फलक मंत्रमुग्ध नफीस के उन दो बड़े आमो को देखने लगी,

मन ही मन मैं अपने और उसके स्तन की तुलना करने लगी ।

नफीसा की रंगत दूधिया जबकि फलक गोरी जैसा दूध में हल्का केसर मिक्स करने के बाद जैसा होता है वैसा था ।

नफीसा के निप्पल भूरे थे तो फलक के गुलाबी । लेकिन उसके स्तन फलक के स्तनो से आकार में डेढ़ गुना थे। फलक को इस तरह उसे देखता पा कर नफीसा हस दी और बोली-"मेरी जान माल पसंद आया की नहीं"

फलक बस शरमाकर मुस्कुराई।

नफीसा ने फलक का हाथ पकड़कर आपने स्तनों पर रखा और बोली-"फलक रानी ये सब तुम्हारे लिये ही है चूमो"

अब फलक तो जैसे हिप्नोटाइस हो चुकी थी उसका सर अनायास ही उसकी छाती पर झुका और फलक के लरजते हुए होठो ने नफीसा के निप्पलस को छुआ और अपने हाथ से उसके स्तन को सहलाने लगी ।

नफीसा ने एक लम्बी सिसकारी भरी।

"स्स्स्सस्स्स्सSSSSS!"

और उसने मेरे सर को स्तानोके ऊपर दबाया ।

फिर फलक उसके निप्पल को बारी-बारी अपने मुह में लेकर जोरोसे चूसने लगी। जब से उसने अपनी अम्मी का दूध पीना छोड़ा था उसके बाद ये पहला मौका था जब वह किसी लड़की के स्तन चूस रही थी ।

जैसे मैं उन दो आमो को पूरी तरह से चूस-चूस कर खा जाना चाहती थी ।

बिच बिच में जब भी फलक के दात उन कोमल स्तनों को लग जाते थे और नफीसा जोरो से सिसक उठती थी ।

फलक एक स्तन को चूसती तो दुसरे स्तन को बेदर्दी से अपने हाथ से दबाती भी रहती।


नफीसा आँखे बंद करके सिसक रही थी और मेरा हाथ अपने लंड पर था और मैं उसे सहला रहा था, मेरा मन कर रहा था कि मैं भी अभी इन के साथ इस खेल में शामिल हो कर इन रसभरे बूब्स के साथ खेलूं और रसपान करूँ पर मैं अपने लिए शबनम के साथ जो प्लान निर्धारित किया था उस का ध्यान कर बस अपना लंड सहलाते हुए उन्हें देखता रहा ।

जारी रहेगी
 
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