Thanks Bhai suggest karne ke liye nd saportingLov mis bro .....ab apne sahi kiya ...apke comment jis bhi story par karoge as a wiiter apki story ka naam jayega...main kal se apke sare update padhkar review dunga
Always bro friends always support friendsThanks Bhai suggest karne ke liye nd saporting
NiceeUpdate No.10
शुक्रवार:
मैंने रितु की तरफ देखा वो मंद मंद मुस्कुरा रही थी। मैं भी समझ रहा था की रूबी ने क्या कहा होगा और क्यों कहा होगा “।
मैंने कहा, “नहीं रितु कुछ नहीं चाहिए”। रितु वहीं खड़ी रही।
मैंने रितु से पूछा, “क्या हुआ रितु कुछ कहना है क्या ? कुछ चाहिए “?
रितु ने हां में सर हिला दिया।
मैं समझते हुए भी अनजान बन रहा था। मैंने कहा, “हां बोलो रितु “।
रितु ने अब साफ़ साफ़ कह दिया, “सर मुझे आपका लंड चूसना है और लंड का गर्म मीठा पानी अपने मुंह में छुड़वाना है, कल रात की तरह I बहुत अच्छा था। गर्म गर्म, हल्का सा नमकीन हल्का मीठा पानी- खुशबू भी आ रही थी “।
मुझे रात की रितु की गांड चुसाई भी याद आ गयी I
रितु चूसती तो बहुत ही बढ़िया थी। ना की कोइ गुंजाइश नहीं थी। मैंने कहा, “ठीक है चलो”।
हम अंदर कमरे में आ गए। रितु ने पहल की और अपने सारे कपड़े उतार दिए। दिन की रोशनी में रितु एक परी लग रही थी। इतनी खूबसूरत ? इतना कड़क जिस्म ? मेरा मन तो किया की चोद ही दूं। मगर फिर सोचा रात भी तो है। और रूबी की पीठ के पीछे मैं रितु की चुदाई नहीं करना चाहता था I मैंने सोचा जो रितु चाह रही है इसे करने दूं।
मैंने पेण्ट की ज़िप खोल कर लंड निकल लिया और उसकी तरफ देखा।
वो बोली ,”सर ऐसे नहीं, पूरे कपड़े उतारिये। आपको नंगा देख कर मुझे कुछ कुछ होता है। लंड चुसाई का पूरा मजा लेना है मुझे “।
मैंने सारे कपड़े उतार दिए और बेड पर लेट गया। रितु आयी और मेरा लंड चूसने लगी। लंड खड़ा होने लगा। रितु लंड के सुपाड़े पर जुबान फेर रही थी और सुपाड़े के छेद पर जुबान फेर रही थी। बड़ा मजा आ रहा था। चूसते चूसते रितु चूतड़ हिलने लगी। मैंने पूछा, “रितु चुदाई का मन कर रहा है क्या”?
रितु बोली सर, “मजा लेने का मन तो कर रहा है, लेकिन आज मैंने खाली चूस चूस कर आपका गरम गरम पानी अपने मुंह में लेना है। मेरा तो रात की चुदाई के समय ही आपके लंड का पानी पीने का मन था मगर आप तो मुझे और मैडम को चोदते ही जा रहे थे I इसी लिए मैं आप के लंड का गर्म पानी चाटने आधी रात को आपके कमरे में गयी थी “।
रितु फिर मेरा लंड चूसने लगी। उसके चूतड़ जोर जोर से हिलने लग गए।
रितु फिर मेरा लंड चूसने लगी। उसके चूतड़ जोर जोर से हिलने लग गए।
मैंने फिर कहा, “रितु मेरे ऊपर आ जा और अपने चूतड़ मेरे मुंह के ऊपर करदे। तुझे तेरी चूत चूस कर मजा देता हूं। तेरे दोनों काम हो जायेंगे”।
मैं बेड पर लेट गया। लंड खूंटे की तरह खड़ा था। रितु रात की ही तरह मेरे ऊपर लेट गयी। मेरा लंड उसके मुंह में और उसके चूतड़ मेरे मुंह पर। रात की ही तरह रितु ने अपने हाथों से अपने चूतड़ खोल दिए । मतलब गांड का छेद चुसवाना था।
दिन की रोशनी में गांड का छेद दिखाई दे रहा था। गुलाब की छोटी गोल पंखुड़ी जैसे रितु की गांड की छेद के किनारे कल रात की गांड चुदाई के कारण लाल हुए पड़े थे।
रितु घूमी और अपनी चूत मेरे मुंहके ऊपर ले आयी। अब मैं रितु की गांड का लाल हुआ पड़ा छेद चूस रहा थाऔर रितु मेरा लंड चूस रही थी।
मुझे कहने में कोइ हिचकिचाहट नहीं की मेरी ऐसी ज़बदस्त लंड चुसाई कभी नहीं हुई थी और ना ही मैंने रितु की फुद्दी से अच्छी फुद्दी चूसी थी। रितु की फुद्दी का पानी अजीब ही गंध का था। एक मीठी मीठी गंध और नमकीन मीठा स्वाद। मुझे तो रितु की फुद्दी का पानी चाटने और पीने में भी सी अजीब तस्सली हो रही थी।
रितु की चूत का स्वाद और खुशबू मुझे मस्त कर रहे थे।
रितु अब जोर जो से चूतड़ घुमाने लगी। जोर जोर फुद्दी मेरे मुंह पर रगड़ने लगी जोर जोर से लंड चूसने लगी। अब रितु आवाजें भी कर रही थी उन्ह….उन्ह…उन्ह।
क्या झड़ने वाली थी? मगर मैं रितु की चूत का पानी और चाटना चाहता था पीना चाहता था । रितु दो बार झड़ेगी तो दो बार पानी छोड़ेगी और मैं दो बार रितु की चूत का पानी पियूंगा।
और तभी झड़ गयी रितु। लंड मुंह में था इस लिए सिसकारियों के आवाज़ दब रही थी उउन उउन की आवाजें आ रही थी। रितु ने अपनी फुद्दी मेरी मुंह पर दबा दी। मेरा सारा मुंह पानी से भर गया। मजा आ गया। गर्म खुशबूदार पानी कुछ मीठा कुछ नमकीन।
कुछ चुसाई के बाद रितु गर्म हुई और फिर झड़ गयी, मगर इस बार मैं भी रितु के साथ झड़ गया एक लम्बी आआआह के साथ। मेरी ये आआआह रितु की चूत में दब गयी।
रितु के चूतड़ हिलने बंद हो गए थे। उसका मुंह मेरे सफ़ेद लेसदार पानी से भरा हुआ था। लंड मेरा अभी भी रितु के मुंह में था।
मेरा लंड ढीला होने लगा, बैठने लगा। रितु ने जबान हिलाई और सारा मेरा वीर्य जो उसके मुंह में था गले से नीचे उतार लिय। रितु मेरा लंड चाट चाट कर साफ़ करने लगी।
पूरी तरह लंड चूसने और चटने के बाद रितु उठी और खड़ी हो गयी। थैंक यू सर I आप के लंड में से बहुत अच्छा खुशबू वाला गरम और बहुत सारा पानी निकलता है। मेरी तसल्ली कर दी आप ने। रितु ने मेरे होंठ चूसे और बाथ रूम की और चली गयी। मैं भी बाथ रूम गया। पेशाब किया और लंड साफ़ किया और बाहर आ कर कपड़े पहन लिए।
तीन बज चुके थे। रूबी अभी भी नहीं आयी थी। “एक बार ऑफिस चले जाओ तो निकलना मुश्किल ही होता है”।
तभी फोन की घंटी बजी। रूबी का फोन था। रितु ने फोन मुझे दिया, “मैडम ने आप से बात करनी है”।
मैंने फोन लिया। रूबी बोली, “विक्की क्या कर रहा है ? रिज पर घूमने का मन है क्या ?
मैंने कहा “घूम लेते हैं। घर में भी तो बैठे ही हैं”।
रूबी बोली, “तो ठीक है मैं गाड़ी घर भेज कर रिज पर जा रही हूं। तू रिज पर आजा। थोड़ा घूम लेते हैं। मैं तुझे चर्च के साइड पर बैठी मिलूंगी “।
मैंने फोन रितु को देकर कहा, ” मैं रिज पर जा रहा हूं रितु, रूबी मुझे वहीं मिलेगी”।
“ठीक है सर”, और ये कह कर उसने मुझे होठों पर एक तगड़ा किस किया। मैंने भी उसकी चूचियां और चूतड़ दबाये और बाहर निकल गया।
रूबी मेरा इंतज़ार ही कर रही थी।
हम ऐसे ही इधर उधर रिज पर घूमते रहे। फिर नीचे मॉल रोड पर चले गए, फिर रिज पर आ गए। “शिमला में घूमे वाले यही करते हैं “।
रिज पर आ कर हम फिर बैठ गए।
रूबी ने पूछा, “विक्की क्या किया दिन भर”? मैंने लोअर बाजार और काली बाड़ी जाने से ले कर सारी बातें बताई – रितु के लंड चूसने की भी “।
मैंने रूबी से पूछा, “रूबी तुमने कहा था रितु को मेरे साथ ये सब करने को “?
रूबी ने मेरे हाथ पर हाथ रख कर कहा, “विक्की तू शिमला आया है तो साथ सेक्स – चुदाई की मस्ती भी साथ ले कर आया है। कल मैंने तेरे लंड का पानी पीया था। रितु ने मुझे देखा होगा। आज सुबह जब मैं ऑफिस जाने लगी तो रितु मेरे पीछे पीछे आ गयी – अक्सर वो मेरे पीछे आती नहीं। मैं समझ गयी कुछ कहना चाहती है। मैंने उससे कहा, “रितु क्या बात है कुछ काम है क्या “। और वो चुपचाप खड़ी रही। मैंने उसके कंधे पर हाथ रख कर कहा, “रितु बता क्या बात है “?
रितु बोली, “मैडम मैंने सर के लंड का पानी पीना है”। मैंने कहा, “रितु तू विक्की से चूत भी चुदवा चुकी है, गांड भी चुदवा चुकी है, उसका लंड भी चूस चुकी है I अब उसे बोलने में क्या परेशानी है ,विक्की को बोल दे, चुसवा लेगा लंड तेरे से “?
रितु ने कहा, ” मैडम, सर आपके हैं। जो कुछ मैंने उनके साथ किया है -चूत चुदवाई है, गांड चुदवाई है या उनका लंड चूसा है वो सब आपके सामने आप की मर्ज़ी से किया है। अगर आप घर पर नहीं हैं तो मैं कैसे सर के साथ ये सब कर सकती हूं “?
शुक्रवार की मस्त रात
“रितु ने मेरा लंड मुंह में लेने के लिए भी रूबी से इजाज़त ली। वो भी तब जब कि वो रूबी कि सामने मुझसे चुद चुकी थी” I
“रितु इतनी वफादार है रूबी तेरी “? मैं तो हैरान ही हो गया, मेरे मुंह से सिर्फ यही निकला, “कमाल है “?
रूबी बोली, “ये कमाल ही है विक्की”। आज के जमाने में ऐसे भी लोग हैं।
मैंने फिर पुछा, “तो रूबी, तूने क्या कहा “?
“मैंने क्या कहना था ? मैंने कहा कि जब तू घर आये तो वो तुझ से कहे की मैंने उसे – रितु को – तेरा खास ख्याल रखने के लिए बोला है”।
बिलकुल यही रितु ने मुझ से बोला था। तो ये रूबी की मर्ज़ी से हुआ। “महान हैं ये दोनों, रूबी भी और रितु भी”।
मैंने रूबी से कहा, “कमाल के उसूल हैं तुम्हारे रूबी। तू और ये रितु, दोनों महान हो “।
रूबी ने मेरा हाथ दबाया ,” अच्छा ? क्या तू महान नहीं है ? उस दिन जब रात को रितु तेरा लंड चूस रही थी, तू चाहता तो उसे उसी दिन चोद सकता था वो मना थोड़ा करती ? मगर तूने नहीं चोदा और मुझे बताया की वो रात को तेरे कमरे में आयी थी। उन्नीस साल की खूबसूरत कड़क जवान लड़की और टाइट चूत जब सामने नंगी खड़ी हो तो अपने आप को काबू में रखना हर एक के बस में नहीं है “।
रूबी बोलती गयी,”एक तरफ रितु है बिनब्याही – कभी कभार चुदने वाली – सुन्दर कड़क शरीर, तनी हुई चूचियां, सख्त चूतड़, टाइट फुद्दी की मालकिन, जिसको चोदने में ज़्यादा मजा ही मजा है। दूसरी तरफ मैं हूं, 36 साल की शादीशुदा, एक बच्चे की मां। अब मेरी फुद्दी भी रितु जैसी टाइट नहीं है, चोदने में भी वैसा मजा नहीं देती होगी – फिर भी तू रितु से ज़्यादा मुझे चोदने में दिलचस्पी रखता है। अब बता, तू महान नहीं है “?
रूबी की शतप्रतिशत बातें सही थी। मैं उसे धोखा नहीं दे सकता। मैं उससे प्यार करता था – वो भी बचपन से। मैंने बस उसका हाथ दबा दिया। घर पर होता तो उसे चूम लेता।
मैंने रूबी से रितु की आधी रात को कमरे में आने और लंड चुसाई वाली बात बताई।
रूबी कुछ सोच कर बोली ,”विक्की, चूत की खुजली तो रबड़ के लंड दूर कर देते हैं। अब तक हमने वो लंड गांड में नही डाले थे – अब डालेंगी”।
मगर जो गर्मी मर्द के लंड में होती है। औरत के मूड के अनुसार मर्द लंड के धक्के घटाता बढ़ाता ही और अंत में जो गर्म गाढ़ा पानी लंड में से निकलता है वो सचमें बाहर खुशबू वाला होता है। कभी सूंघ कर देखना”।
“खुशबू का मुझे मालूम है “।
रूबी ने कहा , “और टेस्ट का ? ये टेस्टी भी होता है। मैं तो जब चुदवाती रहती हूं तो ये सब करती हूं, मगर रितु नहीं कर पाती”।
फिर रूबी बोली, “दूसरी बात ये है की तू देखने में सुन्दर है साफ़ सुथरा है और तेरा लंड भी बढ़िया साइज़ का है। तू चोदता भी प्यार से है। और तेरे लंड से गाढ़ा पानी भी बहुत निकलता है। इसलिए रितु तेरा लंड चूसना चाहती होगी। और सच पूछे विक्की, मैं भी ये चाहती हूं”?
मेरे पास इसके जवाब में बोलने को कुछ नहीं था।
फिर मैंने रूबी से पूछा,”अच्छा आज का क्या प्रोग्राम है ?
रूबी ने कुछ देर सोचा,”ह्म्मम् ….आज सीधी सादी चुदाई करेंगे। पति पत्नी वाली। लड़की नीचे, गांड के नीचे तकिया चूत को ऊपर उठाने के लिए और लंड ऊपर से जाएगा चूत के अंदर”।
मैं हंसा ” बढ़िया बढ़िया”।
फिर रूबी हंस कर बोली, ” क्यों क्या बीवी की चुदाई याद आ गयी “?
मैने भी कहा, “क्यों क्या तू मेरी बीवी जैसी नहीं “?
रूबी बड़े ही प्यार से बोली, “विक्की ,मैं तेरी बीवी जैसी नहीं तेरी बीवी ही हूं, क्या हुआ अगर शादी नहीं हो सकी “।
मुझसे अब कंट्रोल नहीं हो रहा था। मैंने कहा,”रूबी घर चलते है “।
वो भी बोली ,”चलो, मेरा मन अंदर लेने का हो रहा है “। रूबी ने हल्के से मेरे लंड को छू कर कहा I
घर पहुंच कर फ्रेश हुए और बजाए बार के बालकनी में बैठ गए। रितु वहीं हमारे ड्रिंक बना कर ले आयी और साथ कुछ ड्राई फ्रूट भी ले आयी। बातें करते करते हमने दो पेग खत्म कर लिए।
रूबी बोली, “चलो विक्की “।
मतलब चुदाई के लिए चलो। कमरे में आ कर रूबी ने कपड़े उतार दिए और बेड पर सीधी लेट गयी। मैंने रूबी की कमर के नीचे तकिया रख कर उसके चूतड़ उठा दिए। रूबी की फुद्दी उठ कर उभर गयी। रूबी ने टांगें उठा कर चौड़ी कर दी। मैंने चूत को वो तरफ से खोला I फुद्दी के अंदर के गुलाबी नजारे ने मस्त कर दिया। मैंने अपनी जुबान चूत के दाने पर फेरनी शुरू कर दी।
रूबी को तैयार होने में ज्यादा वक़्त नहीं लगा। चूत तो उसकी रिज पर घूमते घूमते ही गर्म हो चुकी थी। जल्दी ही रूबी की चूत पानी से भर गयी। रूबी की चूत का पानी रितु की फुद्दी के पानी से ज्यादा नमकीन था। रूबी चूतड़ हिलने लगी।
मैं उठा और अपना लंड रूबी की चूत पर एक धक्का लगाया और फच्च की आवाज के साथ लंड पूरा फुद्दी के अंदर बैठ गया। मैंने रूबी की कमर के नीचे बाहें डाल कर रूबी को भींच लिया और धक्के लगाने शुरू कर दिए। रूबी की चूचियां मेरे सीने में दब रहीं थी।
रूबी नीचे से पूरा साथ दे रही थी। रूबी ऐसे चूतड़ घुमा रही थी, ऊपर नीचे कर रही थी की अगर मैं धक्के ना भी लगाता तो भी मेरा लंड रूबी की चूत के अंदर बाहर होता रहता।
पिछले दिनों की तरह आज रूबी जल्दी नहीं झड़ रही थी।
“अच्छा था – दोनों इक्क्ठे झड़ेंगे”।
और आधे घंटे की धुआंधार चुदाई के बाद झड़ने का टाइम आ गया। दोनों के मुंह में से सिसकारियां निकल रहीं थीं …..आआआह…..उईई….आआह। और एक लम्बी और ऊंची सिसकारी के बाद दोनों झड़ गए – निकल गया पानी दोनों का। भर गयी फुद्दी रूबी की। रूबी बोली, ” विक्की, भर दी तूने मेरी फुद्दी”।
थोड़ी देर मैं ऐसे ही लेटा रहा, फिर उठ कर सोफे पर बैठ गया। रूबी ऐसे ही लेटी रही – निढाल। जब रूबी में थोड़ी चुस्ती आयी तो उसने रितु को आवाज लगाई।
रितु आयी तो रूबी बोली, “आजा रितु, चाट मेरी फुद्दी में से अपने सर की सफ़ेद मलाई। रितु ने एकदम रूबी की चूत पर अपना मुंह लगाए दिया और सपड़ सपड़ करके सारा वीर्य चाट गयी। फिर वो उठी और मेरे सामने बैठ कर मेरा लंड चूस चूस कर चाट चाट कर साफ़ करने लगी।
बहुत सुंदर। लगता है लाइव देख रहे होUpdate No.6
“बात रूबी की तर्कसंगत थी – बिलकुल कामयाब वकील कि तरह”। अब मुझे भी लग रहा था कि अब इंकार कि कोइ गुंजाइश नहीं थी।
मैंने कहा ,”रूबी अब दुबारा अपने आप को अधेड़ मत बोलना। मेरे लिए तू अभी भी सोलहं सत्रह साल वाली रूबी है जिसको घर्मपुर छोड़ कर मुझे बैंगलोर जाना पड़ा था।
रितु खाना बना चुकी थी। आज तंदूरी चिकन बाहर से मंगवा लिया था। मैं और रूबी बार में बैठे अपने अपने ड्रिंक्स के मजे ले रहे थे।
दो दो ड्रिंक्स के बाद मन चंचल होने लगा। ज़रा जरा सी बात पर रूबी मुझे छू रही थी। मेरा लंड कुलबुलाने लगा था। रूबी बार बार अपनी चूत पर हाथ लगा रही थी
रितू आई और बोली, “मैडम डिनर तो तैयार हो गया है”।
रूबी बोली, “ठीक है जा तू बाथ रूम जा कर फ्रेश हो जा, बड़ी देर से किचन में काम कर रही है, कपड़ों में से किचन के मसालों की गंध आ रही होगी “। रितू जाने लगी तो रूबी ने दुबारा आवाज दी, “और सुन, नीचे के बालों का भी ध्यान कर लेना “। रितू शर्माती हुई चली गयी।
“मैंने सोचा कितनी छोटी छोटी बातों का ध्यान रखती है ये रूबी। तभी एक इतनी कामयाब वकील है – वो भी फौजदारी की, जहां एक छोटी गलती की भी गुंजाइश नहीं होती – एक छोटी गलती भी मुवक्किल पर भारी पड़ सकती है “।
आधे घंटे के बाद रितू आयी, नहा धोकर। हमारे पास आयी और पूछा, “मैडम कुछ चाहिए आपको ” ?
रितू में से बढ़िया शैम्पू की खुशबू आ रही थी। “चूत के बार भी साफ़ कर लिए होंगे तभी आधा घंटा लग गया”।
हम तीसरा पैग खत्म कर चुके थे। रितु के पूछने पर रूबी बोली, “नहीं रितु कुछ नहीं चाहिए” I रूबी ने चौथा पैग गिलास में डाला “, फिर मेरा हाथ पकड़ कर बोली, चल विक्की “। रितू जो वहीं खड़ी थी, उसे भी रूबी ने कहा, “चल रितू तू भी चल Iऔर वो वाइब्रेटर भी ले आना “।
“वाइब्रेटर “? क्या करने वाली है ये रूबी ? रितू आ गयी, हाथ में दो प्लास्टिक के बॉक्स थे। “जरूर एक में लंड होगा दुसरे में वाइब्रेटर”।
रूबी ने रितु से कहा ,”चल रितु विक्की के कपडे उतारने में उसकी मदद कर “। रूबी ने एक बड़ा ही तगड़ा चुंबन लिया मेरे होठों का, “मेरा विक्की “।
रितु खड़ी रही आगे नहीं बढ़ी। रूबी ने कहा, “अरे रितु शर्मा क्या रही है जा ना, जा कर कपड़े उतरने में विक्की की मदद कर। ये शर्माता बहुत है, अपने आप नहीं उतारेगा “।
रितु मेरी और बढ़ने ही लगी की मैंने उसे रोक दिया,”नहीं नहीं मैं उतार लूंगा “। रूबी जोर से हंसी और अपने कपड़े उतार दिए और सोफे पर बैठ गयी।
रूबी ने रितु से कहा, “चल रितु विक्की का लंड चूसले, रात को तो नहीं चूस पायी थी”।
मैं अपने कपड़े उतार चुका था। रितु फर्श पर बैठ कर मेरे लंड को मुंह में लेने लगी तो मैंने उसे कंधों से पकड़ कर उठाया और बेड के किनारे पर बिठा कर अपना लंड उसके मुंह के आगे कर दिया।
रितु ने रूबी की तरफ देखा, मगर कहा कुछ नहीं। रूबी ही बोली, “क्या हुआ रितु, बहुत बड़ा है क्या ? मजा लेगी तू पूरा आज “।
रितु ने मेरा लंड मुंह में ले लिया और चूसने लगी। बहुत जोर लगा लगा कर चूस रही थी जैसे अंदर का सारा कुछ जो भी लंड के अंदर है खींच लेना चाहती हो।
बहुत ही अच्छी चुसाई कर रही थी। लंड तन चुका था। रितु भी लगता है गरम हो चुकी थी। अब वो बेड पर बैठी अपनी चूतड़ हिला रही थी।
रूबी समझ गयी की लड़की लंड मांग रही है। रूबी ने रितु को बेड से खड़ा किया और उसके कपड़े उतार दिए। उन्नीस साल की रितु का नंगा जिस्म देख कर मेरे रोंगटे खड़े हो गए ,”इतना सुन्दर कड़क जिस्म” ?
तनी हुई एकदम सख्त चूचियां, छोटे छोटे से निप्पल, भरे भरे चूतड़ – गोर चिट्टे। चूत पर एक बाल नहीं – केवल एक लाइन दिखाई दे रही थी।
“इस सुन्दर जवान लड़की को चोदने वाला हूं आज मैं ? अपनी ही किस्मत से ईर्ष्या होने लगी”।
तभी रितु रूबी से बोली, “मैडम पहले आप कर लीजिये “।
रूबी ने कहा, “हम बाद में कर लेंगे रितु। कोइ फर्क नहीं पड़ता I तू जा और चुदाई के मजे ले बड़ा मस्त चोदता है मेरा विक्की “।
रितु ने मेरी और देखा जैसे पूछ रही हो, ” बताओ क्या करूं कैसे लेटूं, कैसे चोदना है “।
मैं उसकी आखों की भाषा समझ गया। मैंने उसे बेड की साइड पर ही लिटा दिया। चूतड़ों तक का आधा जिस्म बेड पर और टांगें हवा में। मैं घुटनो के बल फर्श पर बैठ गया और रितु की टांगें चौड़ी कर उस की चूत में जुबान घुसा दी। रितु की चूत का तो पानी ही बड़ा स्वाद था। मैं जोर जोर से पानी चाटने लगा और जो भी पानी निकल रहा था पीता जा रहा था ।
“कोरी फुद्दी पानी छोड़ भी बहुत रही थी”।
रितु ने चूतड़ हिलाने शुरू कर दिए – चुदाई मांग रही थी। मेरा लंड इतना कड़ा हो चुका था फटने को था। मैं खड़ा हो गया। रितु को वैसे ही रहने दिया और टांगें खोल कर अपना लंड उसकी अधखुली चूत पर रख दिया।
“इस पोज़िशन में लंड पूरा चूत की गहरायी तक जाता है “।
मैंने लंड थोड़ा अंदर की तरफ दबाया। उन्नीस – बीस साल की रितु चुदी हुई तो थी – चूत की सील फट चुकी थी, मगर फुद्दी अभी टाइट ही थी। अगर मोटा लंड एकदम से अंदर धकेला जाए तो लड़की को दर्द भी हो सकता था और थोड़ा खून भी निकल सकता था।
“ऐसी मर्दानगी दिखाने का ना मेरा कोइ इरादा था ना शौक”।
मैंने चूत के छेद पर ही लंड को कुछ देर रगड़ा। अपने हाथ के अंगूठे से रितु की छूट के दाने को सहलाया। चूत खूब लेसदार पानी छोड़ रही थी । मैंने धीरे धीरे लंड अंदर धकेलना शुरू किया। चूत सच में टाइट ही थी। आधा लंड डाल कर मैं जरा सा रुका।
रितु ने मेरी और अधखुली आँखों से देखा जैसे पूछ रही हो “क्या हुआ,रुक क्यों गए”।
मैंने रितु की टांगें घुटनों से पकड़ी और एक ही बार में सारा लंड अंदर डाल दिया। रितु के गले से एक सिसकारी निकली …..”आह”।
रितु की चूत की टाइट मांसपेशियों के कारण मेरा लंड चूत के अंदर जकड़ा पड़ा था। मैंने जब धक्के लगाने शुरू किये तो मेरे लंड का ऊपर की चमड़ी इस जकड़न में कारण आगे पीछे हो रही थी । मैंने सोचा रितु की चूत की क्या हालत होगी, उसमें भी खूब रगड़े लग रहे होंगे।
ऐसे रगड़ाई वाली चुदाई में रितु के जल्दी झड़ने का पूरा अंदेशा था। अगर मैं भी 37 साल की इस उम्र बहुत सारी चूतें ना चोद चुका होता तो मेरा भी जल्दी झड़ना पक्का था।
धक्के शुरू हो चुके थे। हर धक्के के साथ – जब लंड टट्टों तक अंदर बैठता था तो रितु सिसकारी लेती थी ……आह …..आह …..आह। निश्चय ही ये मजे की सिसकारी थी।
मैंने रूबी की तरफ देखा। उसकी नज़रें लंड को अंदर बाहर जाता देख रही थी और एक हाथ से वाइब्रेटर को चालू कर के अपनी चूत के दाने को सहला रही थी और लम्बी लम्बी सांसें ले रही थी।
मैंने धीरे धीरे धक्कों की रफ्तार बढ़ा दी। रितु नीचे से चूतड़ों को घुमा रही थी, हिला रही थी, ऊपर नीचे कर रही थी। आठ दस मिनट की चुदाई के बाद रितु के गले से सिसकारियां निकलने लगीं…..आआआह… आआह… ऊऊऊह…आआह…उह…उह…आई…आई I “क्या रितु झड़ने वाली थी” ?
मैंने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी – रितु का होने वाला था, वो झड़ने वाली थी। तभी रितु ने जोर की सिसकारियां ली…..उई मां…..ये क्या हो रहा है आआआह….ऊऊओह्ह….ऊऊओह्ह….अअअ ह….मैडम गयी मैं….आआह….ऊऊह….आआईई ….इये….इये…इये….आआह….मैडम….. मैडम…. और रितु एकदम ढीली पड़ गयी। रूबी जोर जोर से वाइब्रेटर अपनी चूत के दाने पर घुमा रही थी।
“मेरे लंड के आस पास चिकना लेसदार पानी भरा पड़ा था”।
झड़ने के दौरान रितु ने चूत को ऐसे टाइट किया की लंड हिलाना मुश्किल हो गया। नई जवान फुद्दी थी, फुद्दी की मांसपेशियों में अच्छा खासा दम था। लेकिन मेरे लंड की रितु की चूत के अंदर ऐसी जकड़न ने तबीयत खुश दी।
“मैं झड़ने के आस पास भी नहीं था”।
मगर मैंने अब रितु की चुदाई नहीं रोकी। उन्नीस बीस साल की पता नहीं कितने हफ्तों या महीनों बाद चुद रही फुद्दी के अंदर मैं अपने लंड का गरम गरम पानी ना छोडूं ? “इतनी खुदगर्ज़ भी नहीं था मैं”।
मैं जानता था की इस नई नई चुदाई करवाने लड़की की चूत अभी धक्के ना रोके गए तो ये जल्दी ही फिर से अगली चुदाई के लिए तैयार हो जाएगी। मैंने ना धक्के रोके, ना ही धीरे किये। रितु की चूत का पानी चूत से बाहर तक आ रहा था। गीली चूत पर जब लंड का आख़री हिस्सा टकराता था तो आवाज़ आती थी फच्च….तच्च । फच्च फच्च फच्च…..तच्च तच्च तच्च की आवाजों के साथ चुदाई हो रही थी।
फिर वही हुआ। रितु ने नीचे से फिर चूतड़ हिलाने शुरू कर दिए। मैंने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी, साथ ही पूरा लंड बाहर निकाल कर चूत के अंदर झटके के साथ डालने लगा।
“रितु चुदाई के लिए फिर तैयार थी, इस बार मैं भी रितु की चूत को मलाई से भरने के लिए तैयार था”।
“ऊँह..ऊँह..की आवाज़ों के साथ मैं धक्के लगा रहा था। रितु आयी…आयी..आआआह…आआह……उउउइइ…. आआह… आवाजें निकाल रही थी और जोर जोर से चूतड़ हिला रही थी। अचानक से रितु ने एक लम्बी सिसकारी लिए उउउउउइइ…. गयी मैं…. आआआह…. होगया मेरा… आए ….गयी मैं… आआआह… आआह … और उसने शरीर ढीला छोड दिया। एक लम्बी हुंकार आहःरररर के साथ मैंने भी रितु की फुद्दी अपने गरम पानी से भर दी।
“इस बार भी रितु ने मेरे लंड को अपनी चूत में कस के भींच लिया”।
कोइ एक मिनट मैं इसे ही खड़ा रहा – लंड रितु की चूत के अंदर डाले हुए। जब लंड निकलने लगा तो रूबी उठ कर आ गयी और घुटनों के बल रितु की फुद्दी के सामने बैठ गयी।
जैसे ही मैंने लंड निकला, रूबी ने रितु की फुद्दी के फांकें चौड़ी कर के फुद्दी को चाटना शुरू कर दिया सपड़..सपड़…… सपड़…सपड़…। एक एक बूंद मेरे सफ़ेद लेसदार पानी और रितु की चूत के नमकीन पानी को चाट गयी रूबी।
मैं सोफे पर बैठ गया। थक सा गया था मैं। थोड़े आराम की ज़रूरत थी, अभी तो रूबी को चोदना था। रूबी भी मेरे पास आ कर बैठ गयी और बड़े प्यार से मेरा लंड हाथ में ले लिया। पांच सात मिनट के बाद रितु ने आंखें खोली और उठी। मेरे तरफ देखा बड़ी ही मस्त नजरों से जैसे कह रही हो, “सर मेरी चूत को स्वर्ग के दर्शन करवाने के लिए थैंक यू “।
थकी हुई रितु कपड़े उठा कर बाहर की ओर लगी तो रूबी बोली, “रितु कपड़े रहने दे। पेशाब आया है क्या “?
रितु ने हां मैं सर हिलाया। रूबी अपने कमरे के बाथ रूम की तरफ इशारा कर के बोली, ” जा वहां चली जा और आ कर यहां बैठ जा। अपनी मैडम की चुदाई नहीं देखेगी ? चुदाई देखने में भी चुदाई करवाने जैसा ही मजा आता है”।
रितु ने कपड़े रख दिए और बाथ रूम में चली गयी। पंद्रह मिनट बाद आयी। कुछ ठीक लग रहे थी। आ कर खड़ी हो गयी। रूबी बोली, इधर आ जा मेरे पास बैठ जा “।
रितु को रूबी ने मेरे और अपने बीच बिठा लिया। रूबी ने रितु के नंगी जांघों पर हाथ फेरते हुए रितु की चूत को छूटे हुए कहा कैसी चुदाई हुई रितु, अच्छी हुई “? रितु ने हां में सर हिला दिया। रूबी बोली “अरे शर्मा क्यों रही है बोल के बता ना “।
रितु बोली, “मैडम बहुत अच्छे से चोदा सर ने। स्वर्ग के दर्शन करवा दिये। ऐसी मस्त चुदाई तो कभी नहीं हुई मेरी “। और रितु ने रूबी की चूचियों पर अपना सर रख दिया – जैसे रूबी का धन्यवद कर रही हो।
रूबी ने रितु का हाथ पकड़ा और मेरे लंड को उसके हाथ में पकड़ा दिया, “रितु जरा खड़ा कर इसको, मैं भी लूं इसको अपने अंदर”।
रूबी बाथ रूम चले गयी। “वाइब्रेटर से रगड़ते रगड़ते चूत में पानी भर गया होगा, पेशाब भी आया हुआ होगा”।
पांच मिनट बाद जब रूबी आयी तो रितु फर्श पर बैठी मेरा लंड चूस रही थी। रूबी मेरे पास ही बैठ गयी और रितु की पीठ पर हाथ फेरने लगी। रितु ने बड़े ही ख़ास अंदाज़ से मेरे लंड को चूसा, जैसे पहले चूसा था। रितु की चुसाई और उसकी चुदाई का ध्यान आते ही से लंड फिर छलांगें मारने लगा।
मैंने रितु के मुंह से लंड निकला और रूबी की तरफ देख।
रूबी बोली, “बढ़िया रितु, तूने तो बिलकुल तैयार कर दिया विक्की का लंड “।
मैंने सोचा, “ये सब इस इस लड़की की मस्त चुसाई का कमाल है क्या ज़ोर लगा कर चूसती है”।
रूबी उठ गयी और बेड के किनारे पर लेट गयी। चूतड़ों तक शरीर बेड पर – जैसे रितु लेती थी। चौड़ी की हुई टांगें हवा में। “फुद्दी का छेद दिखाई दे रहा था”।
मैं लंड रूबी की चूत में डालने के लिए उठा ही था की रितु उठी और बैठ कर अपनी मैडम रूबी की चूत चाटने लगी, चूसने लगी।
पांच मिनट की चुसाई के बाद उठी और एक तरफ हो गयी, और मेरी तरफ देखा।
मतलब, “फुद्दी तैयार है सर, जाईये लंड मैडम की लंड की प्यासी फुद्दी के अंदर डालिये और चुदाई शुरू करिए “।
मैंने रूबी की टांगें थोड़ी और खोली, रूबी के चूत के छेद पर लंड रक्खा । रितु ने चूस चूस कर पानी निकाल दिया था रूबी की चूत का। मुलायम चिकनी हुई पड़ी थी। मैंने एक झटका लगाया और लंड फच्च के आवाज़ के साथ पूरा अंदर बैठ गया।
मैं ऊपर और रूबी नीचे थोड़ा सा हिले, लंड को फुद्दी में ठीक से बिठाया और मैंने धक्के लगाने शुरू कर दिये। पचीस मिनट आधा घंटा मैंने धक्के लगाए – लगातार। रूबी नीचे से चूतड़ उठा उठा कर हिल रही थी और साथ ही अपनी चूत के दाने को भी बीच बीच में रगड़ रही थी।
रितु अपनी चूत के दाने पर वाइब्रेटर चला रही थी। इस आधे घंटे की रूबी की चुदाई के दौरान रितु दो बार पेशाब करने जा चुकी थी। लग तो ऐसे रहा था जैसे पक्का ही था की दो बार पानी छोड चुकी थी।