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Incest मैं और मेरा रंगीला परिवार ( incest+Adultery )

किसकी चुदाई पहले देखना पसंद करोगे आप सभी ??

  • मामी और मैं

    Votes: 13 61.9%
  • अंजलि और मैं

    Votes: 4 19.0%
  • मामी और किसी के साथ

    Votes: 2 9.5%
  • अंजलि और किसी के साथ

    Votes: 2 9.5%

  • Total voters
    21

Shetan

Well-Known Member
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259
इस कहानी की सुरुआत होती है मेरे ननिहाल से –

मेरे ननिहाल में मेरे नाना-नानी है और उनके 5 बच्चे है जिनमे मेरे दो मामा और दो मोसी और एक मेरी माँ है |

बड़े मामा की शादी हो चुकी है-

बड़े मामा – राजेश (बिज़नस मैन)

बड़ी मामी- पूजा (हाउस वाइफ )


Antara-Biswas-286
पूजा मामी

बच्चे- रवि (बड़ा भाई ) अंजलि (छोटी बहन )

riva-arora-171238788115
अंजलि

छोटे मामा- राकेश (शादी नहीं हुई है )

दो मोसी जिनकी शादी हो चुकी है( कहानी में आगे इनकी और इनके परिवार की जानकारी मिलती जाएगी )

मेरा परिवार –

पापा- किशोर (सरकारी जॉब )

माँ – शालिनी (हाउस वाइफ )

बच्चे- सौरभ (मैं, कहानी का हीरो और घर का इकलोता बेटा , collage student )


कहानी की सुरुआत होती है गर्मी की छुट्टियों से.जब मैं और मेरी माँ नानी के यहाँ अपनी छुट्टियाँ बिता रहे थे. और में भी अपने कजिन के साथ मस्ती में व्यस्त था|

वेसे तो वहा दिन केसे निकल जाता था पता ही नहीं चलता था पर इस बार जब से में यहाँ आया था तब से अंजलि का व्यवहार थोडा अजीब लग रहा था. एक दिन मैंने उससे बात करने की सोची और उससे छत में मिलने को बोल कर मई छत में आ गया .

में- ( मन में ,पता नहीं आज कल ये अंजलि को क्या हुआ है अजीब हरकते है इसकी आज तो पूछ के ही रहूगा )

अंजलि छत पर आती है और मुझे देख कर स्माइल करते हुए मेरे पास आती है और बोलती हे

अंजलि- हा भैया बताइए, क्या बात हो गयी जो आपने मुझे यहाँ बुलाया है ?

में- यार अब में क्या बताऊ , तू बता आज कल तू कहा बिजी रहती है अकेले अकेले ?

अंजलि- क्या भैया में कहा बिजी हु, आप को पता नहीं क्यों ऐसे लग रहा है .

में- हो सकता है मेरा ही वहम हो पर कुछ बात हो तो जरुर बताना मुझे , ठीक है .( में जानता तो था की अंजलि कुछ छुपा रही है और में खुद इसका पता लगाना चाह रहा था अब )

अंजलि- ठीक है भैया अब में जाती हु मुझे मेरे दोस्त के पास भी जाना है अभी .

ऐसा बोलकर अंजलि चली जाती है और मैं अपने ही सोच में डूब जाता हु | काफी दिनों से मैं ये देख रहा था की अंजलि हमेशा या तो अपने फ़ोन में बिजी रहती या फिर अपने दोस्तों के पास जाती | माफ़ कीजियेगा मैं तो आपको अंजलि के फिगर के बारे में बताना भूल ही गया – अंजलि अभी-अभी जवानी की दहलीज में कदम रखने वाली कोमल और कसिल कली है जिसका हर अंग फुर्सत में तरासा गया है ,गोरा रंग पे उसकी छाती के बड़े-बड़े ठोस और गोल उभार ऐसे है मानो कह रहे हो की आओ और मुझे चूस कर और दबा कर देखो, पतली कमर जो उसके बड़े स्तनों को उसके उन्नत और कसी हुई गांड को जोडती है| इतनी सी उम्र में ऐसा जिस्म मानो कोई अप्सरा ही हो |

खैर ये सब सोचते हुए मैं निचे आ कर बहार घुमने का सोच कर बाहर निकल जाता हु| वैसे मेरा ननिहाल ज्यादा बड़ा तो नहीं है पर यहाँ वो सारी चीजे है जो किसी भी जवान लड़के लड़कियों को चाहिए , मेरा मतलब है की यहाँ पार्क है चौपाटी है और भी बहुत सी जगह है घुमने के लिए | मैं भी आज पार्क में घुमने का सोचा जहाँ अक्सर लड़के और लड़कियां घुमने आती थी या यूँ कहो की रासलीला करने आते थे | मैं भी नयन सुख की चाह में पार्क आ गया और सोचा की अभी कही बैठ जाता हूँ फिर उसके बाद जब थोडा अँधेरा होगा तो टहलने चलूँगा ताकि किस्मत में रहा तो शायद कुछ दिख जाये | मैं बैठा ही था की तभी मेरे फ़ोन की रिंग बजने लगी , मैंने देखा तो ये मेरी मोसी की बेटी का कॉल था जिससे बात करने पर पता चला के वो लोग इस बार गर्मी की छुट्टियों में नहीं आने वाले , जिसे सुन कर मैं उदास हो गया (इसकी वजह आगे कहानी में पता चलेगी ). उससे कुछ देर बात करने के बाद मैंने सोचा की मन को ठीक करने के लिए टहल लिया जाये अब और मैं बेंच से उठकर पार्क के उस ओर चल दिया जहाँ अकसर लड़के लड़कियां मस्ती करते थे छुपकर .


dense-tropical-park-photo


शाम का समय हो चला था और सभी कपल्स अपने काम में लग चुके थे. मैंने देखा एक झाडी के पीछे एक लड़ा और लड़की आपस में चिपके हुए थे मानो कब के बिछड़े हों , उनके होंठ आपस में ऐसे जुड़े थे जैसे कोई जंग चल रही हो की कौन जीतेगा. उनको देख कर मेरा भी अब खड़ा होने लगा था पर मैं देख ही सकता था बस और फिर मैं आगे चलने लगा जहाँ एकक लड़के का हाथ लड़की के टॉप के अन्दर था और वो उसकी स्तनों की गोलाइयों का माप ले रहा था साथ ही उसे चुमते हुए दुसरे हाथ से उसके बदन को सहला रहा था. ये सब देख कर मैं और गरमा गया और असे की कई और कपल्स भी आस पास मोजूद थे और किसी को किसी से कोई परेशानी नहीं थी सब अपने में बिजी थे.

viola-bailey-001

rory-and-jess-gilmore-girls

मैं यूँ ही घूमते हुए और अन्दर की तरफ जाने लगा जहाँ कम लोग ही थे. पार्क का ये हिस्सा ज्यादा सुनसान था और झाडिया भी ज्यादा होने के कारन किसी को देख पाना आसान नहीं था. मैं यूँ ही चल रहा था और आस पास से बहुत धीमी सी कामुक आवाजें भी आ रही थी जिससे साफ़ पता चल रहा था के इधर लोग कामसूत्र में लगे हुए है मेरा मतलब है की चुदाई कर रहे है मैंने सोचा क्यों न जा कर देखा जाये आखिर क्या चल रहा है, जैसे-जैसे मई आगे जाता गया आवाज साफ़ और तेज़ सुनाई देने लगी और मुझे कुछ अजीब सा लगा क्युकी ये जो आवाजें थी मुझे कुछ जानी पहचानी सी लगी. पर मैं दावे से कुछ नहीं कह सकता था क्यों की अँधेरे की वजह से न तो कुछ दिख रहा था और न मैं इतना पास जा सका था की स्पस्ट रूप से सुन सकू .

33009092
मैं अपनी उत्सुकता में की ये आखिर कौन है आगे जाने का सोचता हु और मैं धीरे धीरे उन झाड़ियों की तरफ जाने लगता हु. पर शायद मेरी किस्मत में ये नहीं था की मैं ये जान सकूँ की ये जनि पहचानी आवाज किसकी है , मैं जैसे ही थोडा आगे गया ही था की मेरा फ़ोन बज उठा जिससे वो कपल जो झाडी के पास थे घबरा गए की कही कोई हमारी विडिओ तो नहीं निकल रहा और वो भाग ने लगे. जब वो भाग रहे थे तो दूर से मैंने उनको देखा और एक पल के लिए मुझे धक्का लगा क्युकी वो जो कपल थे उसमे वो लड़की मुझे अंजलि जैसी दिखी. मैं तो कुछ देर ये सोच कर ही हैरान था की क्या सच में वो लड़की अंजलि थी या फिर कोई और.

दोस्तों इस अपडेट में इतना ही . आगे के अपडेट में ........

वो लड़की कौन थी ?? क्या वो अंजलि थी ?? आखिर वो यहाँ किसके साथ थी?? इन सरे सवालों के जवाब आगे आने वाले भागों में पता चलेगा |
Amezing start. Super...
 

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इस कहानी की सुरुआत होती है मेरे ननिहाल से –

मेरे ननिहाल में मेरे नाना-नानी है और उनके 5 बच्चे है जिनमे मेरे दो मामा और दो मोसी और एक मेरी माँ है |

बड़े मामा की शादी हो चुकी है-

बड़े मामा – राजेश (बिज़नस मैन)

बड़ी मामी- पूजा (हाउस वाइफ )


Antara-Biswas-286
पूजा मामी

बच्चे- रवि (बड़ा भाई ) अंजलि (छोटी बहन )

riva-arora-171238788115
अंजलि

छोटे मामा- राकेश (शादी नहीं हुई है )

दो मोसी जिनकी शादी हो चुकी है( कहानी में आगे इनकी और इनके परिवार की जानकारी मिलती जाएगी )

मेरा परिवार –

पापा- किशोर (सरकारी जॉब )

माँ – शालिनी (हाउस वाइफ )

बच्चे- सौरभ (मैं, कहानी का हीरो और घर का इकलोता बेटा , collage student )


कहानी की सुरुआत होती है गर्मी की छुट्टियों से.जब मैं और मेरी माँ नानी के यहाँ अपनी छुट्टियाँ बिता रहे थे. और में भी अपने कजिन के साथ मस्ती में व्यस्त था|

वेसे तो वहा दिन केसे निकल जाता था पता ही नहीं चलता था पर इस बार जब से में यहाँ आया था तब से अंजलि का व्यवहार थोडा अजीब लग रहा था. एक दिन मैंने उससे बात करने की सोची और उससे छत में मिलने को बोल कर मई छत में आ गया .

में- ( मन में ,पता नहीं आज कल ये अंजलि को क्या हुआ है अजीब हरकते है इसकी आज तो पूछ के ही रहूगा )

अंजलि छत पर आती है और मुझे देख कर स्माइल करते हुए मेरे पास आती है और बोलती हे

अंजलि- हा भैया बताइए, क्या बात हो गयी जो आपने मुझे यहाँ बुलाया है ?

में- यार अब में क्या बताऊ , तू बता आज कल तू कहा बिजी रहती है अकेले अकेले ?

अंजलि- क्या भैया में कहा बिजी हु, आप को पता नहीं क्यों ऐसे लग रहा है .

में- हो सकता है मेरा ही वहम हो पर कुछ बात हो तो जरुर बताना मुझे , ठीक है .( में जानता तो था की अंजलि कुछ छुपा रही है और में खुद इसका पता लगाना चाह रहा था अब )

अंजलि- ठीक है भैया अब में जाती हु मुझे मेरे दोस्त के पास भी जाना है अभी .

ऐसा बोलकर अंजलि चली जाती है और मैं अपने ही सोच में डूब जाता हु | काफी दिनों से मैं ये देख रहा था की अंजलि हमेशा या तो अपने फ़ोन में बिजी रहती या फिर अपने दोस्तों के पास जाती | माफ़ कीजियेगा मैं तो आपको अंजलि के फिगर के बारे में बताना भूल ही गया – अंजलि अभी-अभी जवानी की दहलीज में कदम रखने वाली कोमल और कसिल कली है जिसका हर अंग फुर्सत में तरासा गया है ,गोरा रंग पे उसकी छाती के बड़े-बड़े ठोस और गोल उभार ऐसे है मानो कह रहे हो की आओ और मुझे चूस कर और दबा कर देखो, पतली कमर जो उसके बड़े स्तनों को उसके उन्नत और कसी हुई गांड को जोडती है| इतनी सी उम्र में ऐसा जिस्म मानो कोई अप्सरा ही हो |

खैर ये सब सोचते हुए मैं निचे आ कर बहार घुमने का सोच कर बाहर निकल जाता हु| वैसे मेरा ननिहाल ज्यादा बड़ा तो नहीं है पर यहाँ वो सारी चीजे है जो किसी भी जवान लड़के लड़कियों को चाहिए , मेरा मतलब है की यहाँ पार्क है चौपाटी है और भी बहुत सी जगह है घुमने के लिए | मैं भी आज पार्क में घुमने का सोचा जहाँ अक्सर लड़के और लड़कियां घुमने आती थी या यूँ कहो की रासलीला करने आते थे | मैं भी नयन सुख की चाह में पार्क आ गया और सोचा की अभी कही बैठ जाता हूँ फिर उसके बाद जब थोडा अँधेरा होगा तो टहलने चलूँगा ताकि किस्मत में रहा तो शायद कुछ दिख जाये | मैं बैठा ही था की तभी मेरे फ़ोन की रिंग बजने लगी , मैंने देखा तो ये मेरी मोसी की बेटी का कॉल था जिससे बात करने पर पता चला के वो लोग इस बार गर्मी की छुट्टियों में नहीं आने वाले , जिसे सुन कर मैं उदास हो गया (इसकी वजह आगे कहानी में पता चलेगी ). उससे कुछ देर बात करने के बाद मैंने सोचा की मन को ठीक करने के लिए टहल लिया जाये अब और मैं बेंच से उठकर पार्क के उस ओर चल दिया जहाँ अकसर लड़के लड़कियां मस्ती करते थे छुपकर .


dense-tropical-park-photo


शाम का समय हो चला था और सभी कपल्स अपने काम में लग चुके थे. मैंने देखा एक झाडी के पीछे एक लड़ा और लड़की आपस में चिपके हुए थे मानो कब के बिछड़े हों , उनके होंठ आपस में ऐसे जुड़े थे जैसे कोई जंग चल रही हो की कौन जीतेगा. उनको देख कर मेरा भी अब खड़ा होने लगा था पर मैं देख ही सकता था बस और फिर मैं आगे चलने लगा जहाँ एकक लड़के का हाथ लड़की के टॉप के अन्दर था और वो उसकी स्तनों की गोलाइयों का माप ले रहा था साथ ही उसे चुमते हुए दुसरे हाथ से उसके बदन को सहला रहा था. ये सब देख कर मैं और गरमा गया और असे की कई और कपल्स भी आस पास मोजूद थे और किसी को किसी से कोई परेशानी नहीं थी सब अपने में बिजी थे.

viola-bailey-001

rory-and-jess-gilmore-girls

मैं यूँ ही घूमते हुए और अन्दर की तरफ जाने लगा जहाँ कम लोग ही थे. पार्क का ये हिस्सा ज्यादा सुनसान था और झाडिया भी ज्यादा होने के कारन किसी को देख पाना आसान नहीं था. मैं यूँ ही चल रहा था और आस पास से बहुत धीमी सी कामुक आवाजें भी आ रही थी जिससे साफ़ पता चल रहा था के इधर लोग कामसूत्र में लगे हुए है मेरा मतलब है की चुदाई कर रहे है मैंने सोचा क्यों न जा कर देखा जाये आखिर क्या चल रहा है, जैसे-जैसे मई आगे जाता गया आवाज साफ़ और तेज़ सुनाई देने लगी और मुझे कुछ अजीब सा लगा क्युकी ये जो आवाजें थी मुझे कुछ जानी पहचानी सी लगी. पर मैं दावे से कुछ नहीं कह सकता था क्यों की अँधेरे की वजह से न तो कुछ दिख रहा था और न मैं इतना पास जा सका था की स्पस्ट रूप से सुन सकू .

33009092
मैं अपनी उत्सुकता में की ये आखिर कौन है आगे जाने का सोचता हु और मैं धीरे धीरे उन झाड़ियों की तरफ जाने लगता हु. पर शायद मेरी किस्मत में ये नहीं था की मैं ये जान सकूँ की ये जनि पहचानी आवाज किसकी है , मैं जैसे ही थोडा आगे गया ही था की मेरा फ़ोन बज उठा जिससे वो कपल जो झाडी के पास थे घबरा गए की कही कोई हमारी विडिओ तो नहीं निकल रहा और वो भाग ने लगे. जब वो भाग रहे थे तो दूर से मैंने उनको देखा और एक पल के लिए मुझे धक्का लगा क्युकी वो जो कपल थे उसमे वो लड़की मुझे अंजलि जैसी दिखी. मैं तो कुछ देर ये सोच कर ही हैरान था की क्या सच में वो लड़की अंजलि थी या फिर कोई और.

दोस्तों इस अपडेट में इतना ही . आगे के अपडेट में ........

वो लड़की कौन थी ?? क्या वो अंजलि थी ?? आखिर वो यहाँ किसके साथ थी?? इन सरे सवालों के जवाब आगे आने वाले भागों में पता चलेगा |
Bhai mast update diya aapne.
 
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Rishi_J

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Update 4




लास्ट अपडेट में आपने पढ़ा की कैसे रवि टूर पर जाने वाला था और वही मुझे थोडा अकेलापन तो जरुर लगा पर फिर मैं अंजलि का सोच कर अपनी प्लानिंग करने लगा उसके फ़ोन की डिटेल्स कसे निकालू .....

अब आगे.......

अलगी सुबह घर में रवि के जाने की तैयारी की जा रही थी और आज मुझे कल की तरह आज अंजलि के दर्शन नहीं हुए क्यूंकि आज मुझे माँ ने उठाया था. मैं उठ कर फ्रेश हो गया और निचे आया तो वहा सभी हॉल में ही थे .....

मामी- जल्दी कर रवि नहीं तो तुझे ही लेट होगा.

रवि- हाँ माँ कर ही तो रहा हूँ , बस हो ही गया

मामी- ठीक है मैं तेरे पापा को बोल के तुझे तेरे दोस्त के घर छोरने बोल देती हूँ

रवि- ठीक है माँ आप पापा को बोल दो

वही अंजलि भी हॉल में रवि के पैकिंग में हेल्प कर रही थी या यूँ कहूँ की बस हेल्प की एक्टिंग कर रही थी क्यूंकि उसका पूरा ध्यान तो अपने फ़ोन में था, वो किसी के साथ चैट में लगी हुई थी, तभी मामी की बात को सुनकर वो बोलती है

अंजलि- माँ मैं भी जाउंगी रवि को छोड़ने पापा के साथ

मामी- ठीक है चली जाना पर अभी जल्दी से मेरे रूम में जा और ड्रावर में मैंने कुछ पैसे रखे है उनको ला के रवि को दे दे

अंजलि- ठीक है माँ

ऐसा बोल कर अंजलि मामी के रूम की ओर चल देती है और कुछ ही देर में पैसे ला कर रवि को दे देती है. अब सब रेडी हो गये थे रवि भी रेडी हो गया था जाने के लिए, मामा कार निकालने चले गये फिर मैं और रवि ने मिल कर उसका सामान कार में रख दिया और अंजलि मामा के बाजु वाली सीट में जा कर बैठ गयी और रवि पीछे बैठ गया और वो लोग निकल गये.

वैसे तो वो लोग कार से गये थे पर रास्ते और दुरी की वजह से उनको लगभग एक घंटा तो लग जाता जाने आने में. उनके जाने के बाद मैं अन्दर चला आया और हॉल में बैठ गया. माँ और मामी अपना काम करने रसोई में चली गयी और मैं टीवी चालू कर लिया. कुछ खास प्रोग्राम तो आ नहीं रहा था और मैं बोर हो रहा था और सोचा रूम में जा कर आराम ही कर लू. पर जैसे ही मैं रूम में जाने को उठा मेरी नजर पास में रखे टेबल पर गयी जिसमे एक फ़ोन रखा था , मुझे लगा कही रवि तो अपना फ़ोन नहीं भूल गया और मैंने फ़ोन उठा कर देखा तो ये रवि का नहीं अंजलि का फ़ोन था. मेरी तो मानो किस्मत ही खुल गयी क्यूंकि मैं कल से उसके फ़ोन को लेना चाह रहा था और यहाँ तो बिना कुछ किये ही वो मुझे मिल गया. लगता है रवि के साथ जाने की जल्दी में अंजलि यहीं अपना फ़ोन भूल गयी. पर अब मुझे क्या करना था मुझे मालूम है...


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मैंने जल्दी से उसका फ़ोन चेक किया तो वो ओपन था , मैंने पहले उसके सोशल मीडिया अकाउंट चेक किये पर उसमे मुझे कुछ नहीं मिला जिससे कुछ पता चले न ही कॉल डिटेल्स से कुछ पता चला. फिर मैंने प्लान के हिसाब से फ़ोन में स्पाई वेयर इनस्टॉल कर दिया और अपने फ़ोन से कनेक्ट कर दिया उसके फ़ोन को. अब मेरा काम अभी के लये हो गया और मैंने उसका फ़ोन वही टेबल पर रख दिया और अपने कमरे में चला आया. वही रसोई में माँ और मामी खाने की तैयारी में लगी थी ..

मामी- दीदी ( मेरी माँ ) तो आपने क्या सोचा है उस बारे में??

माँ- पता नहीं पूजा मेरा जाना सही रहेगा या नहीं .

मामी- अरे दीदी ऐसा क्यूँ बोल रही हो आप वहां सब पहचान की ही तो होंगी, और घर में रह कर बोर नहीं होती आप?

माँ- वो बात नहीं है, मुझे ऐसी पार्टी में जाना पसंद नहीं तू ही चली जाना मैं घर में ही आराम कर लुंगी


जी हां दोस्तों मामी माँ से अपनी किटी पार्टी में जाने का पूछ रही थी. यह पार्टी उनके ग्रुप की औरते मिल कर रखती रहती थी. मैंने सुना तो बहुत था पार्टी मजेदार होती है पर कभी मोका नहीं मिला देखने को.

करीब एक घंटे के बाद मामा अंजलि को घर छोड़ कर दुकान चले गये और अंजलि घर के अन्दर आ कर अपना फ़ोन ले कर अपने रूम में चली गयी. मैं अपने रूम में लेटा हुआ फ़ोन में पोर्न देख रहा था और मेरे लंड को सहला रहा था


horny-guy-cum-03

तभी मेरे रूम के गेट पर किसी ने नॉक किया. मई हडबडा के उठा और जल्दी से गेट खोलने चला गया. गेट खोला तो सामने मामी खड़ी थी. मैंने उनको अन्दर बुलाया पर इन सब के बीच मैं ये भूल गया की मेरा लंड अभी भी खड़ा है और अन्दर आते ही मामी की नजर भी उस पर पड़ गयी मैंने जल्दी से उसे छुपाया और कुछ देर घूरने के बाद मामी मुझे बोली

19848515

मामी- तू ये रूम को लॉक रख के क्या कर रहा था (मेरे खड़े लंड को ही घूरते हुए )

मैं अब इस सवाल का क्या जवाब दे सकता था , मैं तो बस हकलाता रह गया..

मैं- वो-वो वो मा-मामी ....वो-वो म-म-मैं ..

मुझे यूँ घबराया देख मामी ने हलकी सी स्माइल दी फिर बात को यही ख़तम करते हुए कहा


मामी- अच्छा ठीक है है वो सब जाने दे. मैं तो तुझे ये बताने आई थी की मुझे आज मार्किट जाना है तो तू चल मेरे साथ. तेरे मामा को तो फुर्सत ही नहीं है घर के लिए

मैं- (खुद को सम्भालते हुए ) ठीक है मामी आप चलो मई अभी आता हूँ नीचे

मामी- ठीक है जल्दी आना तेरा वेट कर रही हूँ मैं .

इतना कह के वो एक आखिरी बार मेरे लंड पे नजर फिरा के वापस चली गयी. और मैं भी जल्दी से बाथरूम में चला गया और अपने खड़े लंड पे पानी डाल के उसको शांत किया और तैयार हो के निचे आ गया जहाँ मामी मेरा वेट कर रही फिर मेरे आते ही वो तैयार हो गयी जाने को. मैंने भी रवि के बाइक की चाबी ली और उनके पीछे बहार चला गया .

दोस्तों मैं बता दू मामी घर में ज्यादातर साड़ी पहनती है पर बाहर जाते समय सलवार सूट और कभी कभी तो जीन्स भी पहन लेती है. इस समय मामी कुर्ती और जीन्स में थी. वैसे तो मैंने कभी मामी पे उतना ध्यान नहीं दिया था पर जब से पार्क वाली घटना हुई और अंजलि पर मेरा ध्यान गया उसके बाद अब जब मैंने मामी को देखा तो पाया की मामी भी कम नहीं है आख़िर माँ भी किसकी है


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बड़े-बड़े और गोल स्तन जैसे पके हुए आम हो, दो बच्चों के बाद भी बिलकुल तने हुए गर्व से उठे हुए थे वहीँ उनकी पतली कमर किसी सुराही की तरह घुमाव लिए हुए थे जो किसी को भी दीवाना बना दे और उसके नीचे दो विशाल गुम्बदनुमा उनकी गांड बाहर की ओर निकले हुए कहर ढा रहे थे. ऊपर से ले कर नीचे तक अप्सरा की तरह लग रही थी मामी , मन कर रहा था की अगर मौका मिले तो हर कोई उन्हें अपने नीचे लाना चाहेगा. मैं उनकी हुस्न का दीदार करने में इतना खो गया की मार्किट जाने का ख्याल ही उतर गया था मेरे दिमाग से, तभी मेरे कानो में आवाज आई

मामी- कहा खो गया है तू सौरभ ?? दिन में सपने देखने लगा क्या अब ?

मैं- (वापस अपने ख्यालों से बाहर आ कर) नहीं मामी मैं तो आ ही रहा था बस आपको देखा तो. तो. तो .....

अब मैं बोलते बोलते रुक गया क्युकी अनजाने में ही मेरे मुह से सच्चाई निकलने ही वाली थी

मामी- क्या बोल रहा है बोल न ?? मुझे देखा तो क्या?? ठीक नहीं दिख रही क्या मैं या कहीं कुछ दिक्कत है? बता ना अब

मैं ये सुन कर समझ गया की मामी ज्यादा कुछ नहीं सोच रही है इस बारे में तो मैं बात को सम्भालते हुए बोला

मैं- नहीं मामी आप तो सुन्दर लग रही है इस ड्रेस में... आप तो बिलकुल कॉलेज की student लग रही है

मामी- चल पागल !! तू भी क्या झूटी तारीफ करने लगा (मामी खुश तो बहुत हुई मेरी तारीफ से पर झूट मूट का नाटक कर रही थी )

मैं- नहीं मामी सच्ची .. आप को तो अभी भी कोई भी देख के अपनी गर्लफ्रेंड बनाना चाहेगा

मामी- बस बस बहुत हुआ ये मस्का लगाना .. चल जल्दी मार्किट अब

फिर मैंने बाइक चालू की और मामी पीछे दोनों पैर अलग अलग करके बैठ गयी (लडको के जैसे). उनके ऐसे बैठने से मैं तो खुस हो गया क्युकी रस्ते के बारे में मुझे पता था कि कितने गड्ढे है और कितने ब्रेकर. आप लोगो को तो पता ही होगा जब बाइक में मजे लेने हो तो ऐसे रस्ते में कितना मजा आता है. मैं और मामी मार्केट के लिए निकल गये और फिर थोड़ी ही देर में ख़राब रास्ता आ गया और मई जानबुझ कर बाइक को गड्ढों में ले जाने लगा. जैसे ही बाइक गड्ढे में गयी मामी के बूब्स मेरी पीठ पे रगड़ खाने लगे, उनके ठोस बूब्स मुझे अच्छे से फील हो रहे थे. मैं अपनी मस्ती में मजे ले रहा था.

मामी- अरे आराम से चला न बाइक , कंही गिर न जाये

मैं- आप डरो मत मामी , मेरी कमर को कस के पकड़ लो बस


dhanya-ramkumar

(मामी अपने मन मे सोचती है की इसको क्या लगता है मुझे पता नहीं चल रहा की कैसे ये मेरी चुचिइयों के मजे ले रहा है , पर मुझे भी तो मजा आ ही रहा है करने देती हु इसको भी थोड़ी मस्ती, ले ले मजे ये भी अपनी जवानी के.)

ऐसा सोचते हुए मामी मेरी कमर में अपना हाथ कस देती है जिससे उनके बूब्स और ज्यादा दब गये मेरी पीठ में और मेरा मजा कई गुना बढ़ गया. कुछ देर बाद एक गड्ढे में बाइक गयी तो मामी के हाथ मेरी कमर से फिसल कर आगे मेरे खड़े लंड पर चला गया जो इतने समय से उनके बूब्स को फील करके खड़ा था. जैसे उनका हाथ लंड पर पडा मामी चोंक गयी , अभी कुछ देर पहले जिस लंड को वो घुर रही थी उसको छु कर उनको उसके कड़कपन और साइज़ का पता चल गया था.

मामी- (मन में- हे भगवान् ये क्या है? इनता बड़ा लंड और इतना टाइट. इसका तो मेरे बूब्स के टच होने से ही खड़ा हो गया है , काफी बड़ा और दमदार लग रहा है ये )

ये सब कुछ ही पल की बात थी की मामी ने अपना हाथ वापस से पीछे कर लिया और मैं भी थोडा दर गया था की मामी क्या बोलेगी अब इसलिए मैं सही से बाइक चलाने लगा और कुछ देर में हम मार्केट पहुच गये और मामी अपनी शौपिंग में लग गयी. उनको कुछ ड्रेस लेनी थी पार्टी के लिए तो हम एक लेडीस शॉप में गये जहा वो ड्रेस देखने लगी.

हम ड्रेस देख रहे थे की एक सेल्स गर्ल हमारे पास आकर बोली

गर्ल- मेम आप किस तरह की ड्रेस खोज रही है , मई आपकी हेल्प कर देती हूँ.


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मामी- वो मुझे पार्टी वियर चाहिए थे

गर्ल- ठीक है मैंम आइये मेरे साथ. ऐसा बोल कर वो हमे दुसरे सेक्शन की ओर ले गयी जहाँ ढेर सारे पार्टी वियर थे

वो सेल्स गर्ल मामी को एक से बढ़कर एक कपडे दिखने लगी फिर उनसे एक one piece ड्रेस दिखाई जो ज्यादा ही बोल्ड थी जिसे देख कर मामी ने मेरी तरफ देखा और तभी सेल्स गर्ल भी मेरी ओर देखकर बोली

गर्ल- सर ये ड्रेस आपकी गर्लफ्रेंड पर बहुत ही अच्छा लगेगा

ये सुन कर तो मेरे होश ही उड़ गये और यही हाल मामी का भी था क्युकी हमे नहीं पता था की वो लड़की हमें कपल समझेगी पर अब तो उसने मामी को मेरी गर्लफ्रेंड बोल दिया था. मैंने फिर उससे बोला

मैं- ठीक है तो try करके देख लेते है . ऐसा कहकर मैंने मामी की तरफ देखा तो वो बात को समझते हुए की अब हमे कपल का नाटक करना होगा वो कहतीं है

मामी- ठीक है तो मैं इसे try करके देखती हूँ

और मामी कपडे को ले कर चली जाती है चंगिंग रूम की तरफ उसी समय वो लड़की मेरे पास आ कर बोलती है

गर्ल- सर देखना इस ड्रेस में आपकी गर्लफ्रेंड बहुत हॉट लगेगी और सब उनको ही देखेगे

मैं- हां वो तो है ही इतनी सुन्दर और हॉट की कोई सी भी ड्रेस में अच्छी लगती है

गर्ल- हां सर आप बहुत किस्मत वाले है जो ऐसी गर्लफ्रेंड मिली है आपको

मैं कुछ बोलता उससे पहले ही मामी ड्रेस चेंज करके बहार और उनको देख कर तो मेरे होश ही उड़ गये. क़यामत लग रही थी मामी उस ड्रेस में. मेरे ऐसे घूरने पर उनको भी थोड़ी शर्म आ गयी और अपनी आंखे नीचे कर ली.


photo-2024-04-25-14-14-51


गर्ल- देखा सर मैंने कहा था ये ड्रेस परफेक्ट है मैम के लिए

मैं- हां सही कहा तुमने . सच में ये ड्रेस में काफी हॉट लग रही है

मामी मेरी बाते सुनकर कुछ नहीं बोली बस हलकी सी मुस्कुरा दी और फिर सेल्स गर्ल को ये ड्रेस का फाइनल बोल कर वो चेंज करने चली गयी और वो लड़की उनके पीछे गयी और वो ड्रेस को ले कर बिल बनाने चली गयी. फिर हम उस शॉप से निकले तो मामी और मैं थोडा औक्वोर्ड फील कर रहे थे फिर मामी मुझे बोली की उनको पार्लर भी जाना है तो हम उधर चले गये और काफी टाइम पार्लर में बिताने के बाद मामी जब आई तो वो और ज्यादा सेक्सी लग रही थी, मेरा तो मन किया की काश सच में ये मेरी गर्लफ्रेंड होती तो मेरे कितने मजे होते. खैर सोचने और होने में बहुत फर्क होता है. फिर मामी और मैं वापस घर के लिए निकल गये जहाँ रस्ते में मैंने थोड़ी बहुत फिर से मस्ती की और मामी के बूब्स के मजे लिए. और कुछ ही देर में हम घर आ गये. घर आ कर मामी अपने रूम में गयी और मुझे माँ को उनके रूम में भेजने को कहा (शायद अपने ड्रेस को दिखाना चाहती थी) मैं माँ को बोल देता हूँ मामी के रूम जाने का और फिर अपने रूम में आ जाता हूँ.

खास बात ये थी की घर में आने के बाद मुझे अंजलि नहीं दिखी थी अभी तक. अपने रूम में आते वक़्त भी उसके रूम के सामने रुक कर देखा तो वो वहा भी नहीं थी, इसका मतलब वो फिर से बाहर गयी थी पर इस बार मेरे पास पता करने का तरीका था की वो कहा गयी है स्पाई वियर के जरिये जीपीएस से मैं उसका लोकेशन पता कर सकता था. मैं अपने रूम में आ कर अपने फ़ोन में चेक करने लगा की अंजलि कहाँ गयी है तो मुझे एक झटका लगा. और वो इसलिए क्यूंकि उसका करंट लोकेशन उसी पार्क का दिखा रहा था.



आगे क्या होगा ?? क्या मामी के साथ कुछ हो सकता है सौरभ का? अंजलि पार्क क्यों गयी थी? किसके साथ थी अंजलि? ये सब जानने के लिए इंतजार करे अगले भाग का...
 
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