Shetan
Well-Known Member
Amezing start. Super...इस कहानी की सुरुआत होती है मेरे ननिहाल से –
मेरे ननिहाल में मेरे नाना-नानी है और उनके 5 बच्चे है जिनमे मेरे दो मामा और दो मोसी और एक मेरी माँ है |
बड़े मामा की शादी हो चुकी है-
बड़े मामा – राजेश (बिज़नस मैन)
बड़ी मामी- पूजा (हाउस वाइफ )
पूजा मामी
बच्चे- रवि (बड़ा भाई ) अंजलि (छोटी बहन )
अंजलि
छोटे मामा- राकेश (शादी नहीं हुई है )
दो मोसी जिनकी शादी हो चुकी है( कहानी में आगे इनकी और इनके परिवार की जानकारी मिलती जाएगी )
मेरा परिवार –
पापा- किशोर (सरकारी जॉब )
माँ – शालिनी (हाउस वाइफ )
बच्चे- सौरभ (मैं, कहानी का हीरो और घर का इकलोता बेटा , collage student )
कहानी की सुरुआत होती है गर्मी की छुट्टियों से.जब मैं और मेरी माँ नानी के यहाँ अपनी छुट्टियाँ बिता रहे थे. और में भी अपने कजिन के साथ मस्ती में व्यस्त था|
वेसे तो वहा दिन केसे निकल जाता था पता ही नहीं चलता था पर इस बार जब से में यहाँ आया था तब से अंजलि का व्यवहार थोडा अजीब लग रहा था. एक दिन मैंने उससे बात करने की सोची और उससे छत में मिलने को बोल कर मई छत में आ गया .
में- ( मन में ,पता नहीं आज कल ये अंजलि को क्या हुआ है अजीब हरकते है इसकी आज तो पूछ के ही रहूगा )
अंजलि छत पर आती है और मुझे देख कर स्माइल करते हुए मेरे पास आती है और बोलती हे
अंजलि- हा भैया बताइए, क्या बात हो गयी जो आपने मुझे यहाँ बुलाया है ?
में- यार अब में क्या बताऊ , तू बता आज कल तू कहा बिजी रहती है अकेले अकेले ?
अंजलि- क्या भैया में कहा बिजी हु, आप को पता नहीं क्यों ऐसे लग रहा है .
में- हो सकता है मेरा ही वहम हो पर कुछ बात हो तो जरुर बताना मुझे , ठीक है .( में जानता तो था की अंजलि कुछ छुपा रही है और में खुद इसका पता लगाना चाह रहा था अब )
अंजलि- ठीक है भैया अब में जाती हु मुझे मेरे दोस्त के पास भी जाना है अभी .
ऐसा बोलकर अंजलि चली जाती है और मैं अपने ही सोच में डूब जाता हु | काफी दिनों से मैं ये देख रहा था की अंजलि हमेशा या तो अपने फ़ोन में बिजी रहती या फिर अपने दोस्तों के पास जाती | माफ़ कीजियेगा मैं तो आपको अंजलि के फिगर के बारे में बताना भूल ही गया – अंजलि अभी-अभी जवानी की दहलीज में कदम रखने वाली कोमल और कसिल कली है जिसका हर अंग फुर्सत में तरासा गया है ,गोरा रंग पे उसकी छाती के बड़े-बड़े ठोस और गोल उभार ऐसे है मानो कह रहे हो की आओ और मुझे चूस कर और दबा कर देखो, पतली कमर जो उसके बड़े स्तनों को उसके उन्नत और कसी हुई गांड को जोडती है| इतनी सी उम्र में ऐसा जिस्म मानो कोई अप्सरा ही हो |
खैर ये सब सोचते हुए मैं निचे आ कर बहार घुमने का सोच कर बाहर निकल जाता हु| वैसे मेरा ननिहाल ज्यादा बड़ा तो नहीं है पर यहाँ वो सारी चीजे है जो किसी भी जवान लड़के लड़कियों को चाहिए , मेरा मतलब है की यहाँ पार्क है चौपाटी है और भी बहुत सी जगह है घुमने के लिए | मैं भी आज पार्क में घुमने का सोचा जहाँ अक्सर लड़के और लड़कियां घुमने आती थी या यूँ कहो की रासलीला करने आते थे | मैं भी नयन सुख की चाह में पार्क आ गया और सोचा की अभी कही बैठ जाता हूँ फिर उसके बाद जब थोडा अँधेरा होगा तो टहलने चलूँगा ताकि किस्मत में रहा तो शायद कुछ दिख जाये | मैं बैठा ही था की तभी मेरे फ़ोन की रिंग बजने लगी , मैंने देखा तो ये मेरी मोसी की बेटी का कॉल था जिससे बात करने पर पता चला के वो लोग इस बार गर्मी की छुट्टियों में नहीं आने वाले , जिसे सुन कर मैं उदास हो गया (इसकी वजह आगे कहानी में पता चलेगी ). उससे कुछ देर बात करने के बाद मैंने सोचा की मन को ठीक करने के लिए टहल लिया जाये अब और मैं बेंच से उठकर पार्क के उस ओर चल दिया जहाँ अकसर लड़के लड़कियां मस्ती करते थे छुपकर .
शाम का समय हो चला था और सभी कपल्स अपने काम में लग चुके थे. मैंने देखा एक झाडी के पीछे एक लड़ा और लड़की आपस में चिपके हुए थे मानो कब के बिछड़े हों , उनके होंठ आपस में ऐसे जुड़े थे जैसे कोई जंग चल रही हो की कौन जीतेगा. उनको देख कर मेरा भी अब खड़ा होने लगा था पर मैं देख ही सकता था बस और फिर मैं आगे चलने लगा जहाँ एकक लड़के का हाथ लड़की के टॉप के अन्दर था और वो उसकी स्तनों की गोलाइयों का माप ले रहा था साथ ही उसे चुमते हुए दुसरे हाथ से उसके बदन को सहला रहा था. ये सब देख कर मैं और गरमा गया और असे की कई और कपल्स भी आस पास मोजूद थे और किसी को किसी से कोई परेशानी नहीं थी सब अपने में बिजी थे.
मैं यूँ ही घूमते हुए और अन्दर की तरफ जाने लगा जहाँ कम लोग ही थे. पार्क का ये हिस्सा ज्यादा सुनसान था और झाडिया भी ज्यादा होने के कारन किसी को देख पाना आसान नहीं था. मैं यूँ ही चल रहा था और आस पास से बहुत धीमी सी कामुक आवाजें भी आ रही थी जिससे साफ़ पता चल रहा था के इधर लोग कामसूत्र में लगे हुए है मेरा मतलब है की चुदाई कर रहे है मैंने सोचा क्यों न जा कर देखा जाये आखिर क्या चल रहा है, जैसे-जैसे मई आगे जाता गया आवाज साफ़ और तेज़ सुनाई देने लगी और मुझे कुछ अजीब सा लगा क्युकी ये जो आवाजें थी मुझे कुछ जानी पहचानी सी लगी. पर मैं दावे से कुछ नहीं कह सकता था क्यों की अँधेरे की वजह से न तो कुछ दिख रहा था और न मैं इतना पास जा सका था की स्पस्ट रूप से सुन सकू .
मैं अपनी उत्सुकता में की ये आखिर कौन है आगे जाने का सोचता हु और मैं धीरे धीरे उन झाड़ियों की तरफ जाने लगता हु. पर शायद मेरी किस्मत में ये नहीं था की मैं ये जान सकूँ की ये जनि पहचानी आवाज किसकी है , मैं जैसे ही थोडा आगे गया ही था की मेरा फ़ोन बज उठा जिससे वो कपल जो झाडी के पास थे घबरा गए की कही कोई हमारी विडिओ तो नहीं निकल रहा और वो भाग ने लगे. जब वो भाग रहे थे तो दूर से मैंने उनको देखा और एक पल के लिए मुझे धक्का लगा क्युकी वो जो कपल थे उसमे वो लड़की मुझे अंजलि जैसी दिखी. मैं तो कुछ देर ये सोच कर ही हैरान था की क्या सच में वो लड़की अंजलि थी या फिर कोई और.
दोस्तों इस अपडेट में इतना ही . आगे के अपडेट में ........
वो लड़की कौन थी ?? क्या वो अंजलि थी ?? आखिर वो यहाँ किसके साथ थी?? इन सरे सवालों के जवाब आगे आने वाले भागों में पता चलेगा |