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Incest मैं और मेरी प्यारी दीदी

Jacksparow

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श्वेता प्रीती दीदी और मैं हम तीनों एक ही सीट पे बैठे हुए थे श्वेता खिड़की वाली सीट पे थी प्रीती दीदी बीच में और मैं कोने पे उनके पास श्वेता ने प्रीती दीदी "अच्छा सुन
प्रीती आज मैं दिन में आउंगी तेरे घर तुझसे एक मेटर पे बात करनी है " प्रीती दीदी ने पूछा "कौनसा किस बात पे बता " श्वेता थोडा मुस्कुराते हुए बोली "यहाँ नहीं घर पे ही बताउंगी
जब आऊँगी" प्रीती दीदी बोली "ठीक है आ जाना" और श्वेता खिड़की से बाहर देखने लगी और मैं सोचने लगा की प्रीती दीदी और श्वेता आज धीरे धीरे क्या बातें कर रहे थे और श्वेता
क्यों आना चाहती है आज घर पे मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था फिर मैं सोचने लगा की प्रीती दीदी को कब और कैसे चोदा जाये मैं उन्हें अब बहुत जल्दी चोदना चाहता था वो
बहुत बार मेरा लंड चूस चुकी थी और मैं उनकी चूत चाट चुका था अब बस चुदाई ही बची थी और प्रीती दीदी भी मुझसे चुदवाने के लिए मचल रही थी लेकिन सही मौका ही नहीं
मिल रहा था मैं सब यही सोच रहा था तभी मेरी नजर नीचे की तरफ गयी प्रीती दीदी की ग्रीम स्कर्ट उनके बैठने की वजह से थोड़ी ऊपर हो गयी थी और उनका गोरा घुटना और उसके थोडा
सा ऊपर का हिस्सा दिख रहा था मैंने अपना हाथ प्रीती दीदी के घुटने पे रख दिया और उसे सहलाने लगा और उसे सहलाते हुए धीरे धीरे अपना हाथ उनकी स्कर्ट के अंदर लेके जाने लगा
तभी श्वेता ने अपनी गर्दन घुमाई और मैंने अपना हाथ जल्दी से निकाल लिया प्रीती दीदी ने धीरे से मेरे कान में कहा "पागल है क्या सोनू मत कर ऐसा कुछ भी" फिर हम दोनों
हमारा स्टॉप आने का वेट करने लगे थोड़ी देर बाद हमारा स्टॉप आ गया प्रीती खड़ी हुई और बोली "चल श्वेता बाय तू आ जाना घर पे " श्वेता बोली "हाँ प्रीती चल ओके बाय" और हम
दोनों बस से उतर गए और घर की तरफ जाने लगे रास्ते में प्रीती दीदी मुझसे बोली "सोनू तू भी ना क्या करता है कभी भी कहीं भी किसी ने कुछ देख लिया ना तो हम दोनों सोच भी
नहीं सकते की क्या होगा मैं तेरी गर्लफ्रेंड नहीं हूँ बड़ी बेहेन हूँ हमें ये सब सबसे छुपा के रखना है ध्यान रखा कर आस पास का अगर श्वेता देख लेती तो" मैंने कहा "हाँ दीदी मैं ध्यान
रखूँगा अब से" थोड़ी देर में हम घर पहुँच गए मम्मी ने गेट खोला और बोली आ गए बच्चों प्रीती दीदी बोली "हाँ यार मम्मा बहुत भूख लगी है खाना लगाओ ना" मम्मी बोली
"हाँ बेटा तुम दोनों फटाफट कपडे चेंज करलो मैं खाना लगा देती हूँ " हम दोनों ने कपडे चेंज किये प्रीती दीदी ने स्कूल यूनिफार्म चेंज करके वी नेक का रेड कलर का टॉप और ब्लू कलर की जींस
पहन ली थी उन्हें देख के मम्मी बोली "अरे प्रीती जींस टॉप क्यों पेहेन लिया कहीं जाना है क्या" प्रीती दीदी बोली "नहीं मम्मा वो श्वेता आने वाली है घर पे कह रही थी की कुछ
काम है शायद मार्किट का होगा तो मैंने पहले ही कपडे पेहेन लिए कौन चेंज करता बार बार" मम्मी बोली "अच्छा चल आजा खाना खा ले" और वो खाना खाने बैठ गए मम्मी और
प्रीती दीदी खाना खाते हुए बातें कर रही थी
लेकिन मेरे दिमाग में बस एक ही बात चल रही थी ली श्वेता आखिर क्यों आ रही है घर क्योंकि वो आज तक हमारे घर नहीं आई थी हमेशा प्रीती दीदी को अपने घर बुलाती थी मैंने सोचा देखते है
की क्यों आ रही है फिर मैंने सोचा की प्रीती दीदी को कैसे चोदा जाये और प्रीती दीदी तो वेसे ही चुदवाने को तैयार थी लेकिन जगह नहीं थी प्रीती दीदी को घर के अलावा और कहीं चोदना
पॉसिबल नहीं था हम दोनों वेसे तो अकेले सोते थे रात को एक रूम में लेकिन गेट लॉक नहीं कर सकते थे और बिना गेट लॉक किये चुदाई करने में बहुत ज्यादा रिस्क था और
वेसे भी जब किसी के आ जाने का डर हो तो चुदाई करने में इतना मजा भी नहीं आता मैं यही सब सोच रहा था थोड़ी देर में खाना खाके सब उठ गए और मैं जाके हमारे रूम में टेबल पे र
रखे हुए लैपटॉप को ओन करके बैठ गया और इंटरनेट सर्फ करने लगा तभी मुझे याद आया की मेरे पास काफी सारी इंसेस्ट स्टोरीज और इंसेस्ट क्लिप्स है एक फोल्डर में मैने सोचा
की अगर ये सब में प्रीती दीदी को दिखा दूं तो वो गरम भी हो जाएँगी और शाम को मजा भी आ जाएगा और उन्हें थोडा पता भी चल जाएगा की लंड कैसे चूसते है चुद्वाते कैसे
हैं तो मैंने एक फोल्डर बनाया "सोनू प्राइवेट" के नाम से मैंने फोल्डर को g:ड्राइव में रखा उस ड्राइव में ज्यादातर चीज़े प्रीती दीदी की थी मैंने फोल्डर का इसीलिए ऐसा नाम रखा
ताकि नाम पढ़ के प्रीती दीदी उसे खोले बिना ना रह पाए और उसमे एक इंसेस्ट मूवी डाल दी जिसमे एक भाई जब उसकी बेहेन सो रही होती है तब उसके बोबे दबाता है उसके हाथ से
अपना लंड सह्लवाता है और फिर एक दिन अपनी बेहेन की काफी में नींद की गोली मिला कर उसे चोद भी देता है ये इंसेस्ट मूवी बहुत ही सेक्सी थी और मुझे पता था की अगर प्रीती
दीदी इस मूवी को देख लेती तो वो इतनी गरम हो जाती की कहीं भी चुदवाने को तैयार हो जाती फिर मैं नेट सर्फ करने लगा तभी प्रीती दीदी आयी मेरे पास बैठ गयी और बोली
यार खाना खाने के बाद आज घर में हल्की हल्की ठंडक सी लग रही है फिर उन्होंने अलमारी खोली और उसमे से अपना एक ब्लू और पिंक कलर का पतला सा स्टाल निकाला
और उसे ओढ़ लिया और मेरे पास आके बोली "सोनू क्या कर रहा है लैपटॉप पे भाई मुझे थोड़ी देर यूज़ करने देना" मैंने कहा "ठीक है" और मैं लैपटॉप उठ गया और प्रीती दीदी की
राईट साइड वाली कुर्सी पे उनके पास बैठ गया मैंने उनके कान में कहा "दीदी बड़ी सेक्सी लग रही हो रेड वी नेक वाले टॉप में" प्रीती दीदी बोली "हाँ अब बोल दे की टॉप उतार दूं
या उसे नीचे से ऊपर कर दूं या उसका गला खींच के नीचे कर दूं है ना" मैंने हँसते हुए कहा "दीदी मैंने तो कहा नहीं ऐसा मैं तो बस आपकी तारीफ कर रहा था चलो स्टाल हटाओ ना
आपका" वो बोली "चुप कर मम्मी है" मैंने कहा "दीदी अंदर कौनसी ब्रा पेहेन रखी है" वो बोली "वहीँ है जो तूने स्कूल में देखी थी"मैंने कहा "चेंज नहीं की" वो बोली "हाँ दिन भर
बस ब्रा पेंटी चेंज करती रहूँ तेरे लिए कितनी बार चेंज करूँ तू तो हर पेंटी गन्दी कर देगा" मैंने हँसते हुए कहा "हाँ दीदी वो तो है दिखाओ ना सामने से टॉप का गला चौड़ा कर
के" उन्होंने कहा "हे भगवान मेरे सारे टॉप के गले ढीले कर देगा तू तो" और वो हंसने लगी मैंने अपनी चेयर से खड़ा हुआ और उनकी चेयर के पीछे जाके खड़ा हो गया और
उनके स्टाल पे से उनके बोबे दबाने लगा तभी घर की बेल बजी प्रीती दीदी बोली "अरे सोनू गेट खोल शायद श्वेता आई होगी" मैं गेट खोलने चला गया और श्वेता अंदर आयी
बड़ी सेक्सी लग रही थी ब्लैक और ब्लू चेक्स की शर्ट जिसका ऊपर का बटन खुला हुआ था उनकी शर्ट में से उनके बोबे थोड़े से बाहर निकले हुए थे श्वेता के बोबे प्रीती दीदी से थोड़े छोटे थे
ब्लू कलर की जींस नीचे ब्लू वाइट कलर के स्पोर्ट शूज हलके ढीले से बाल जिसे उन्होंने क्लिप से बांध रखा था गोरे चिकने चेहरे पर ब्लैक गोगल्स कान में ब्लैक कलर के टॉप्स उनका लुक काफी सेक्सी और फंकी था
मुझे देख के वो बोली "और हीरो कहाँ है तेरी दीदी" मैंने कहा "श्वेता दीदी प्रीती दीदी हमारे वाले रूम में है" वो हमारे रूम में जाने लगी और मैं पीछे से उनकी ब्लू चिपकी हुई जींस
में से उनकी बाहर निकली हुई सेक्सी गांड को देख रहा था श्वेता की गांड बड़ी सेक्सी थी शायद उनका फिगर 32-28-34 होगा मैं भी उनके पीछे पीछे हमारे रूम में चला गया
प्रीती दीदी को देख के श्वेता बोली "क्या रही है नेट पे सेक्सी आइटम कहीं वो वाली साइट्स तो नहीं देख रही अकेले अकेले" प्रीती दीदी ने उसे आँख दिखाई शायद ये बताने
के लिए की मैं उनके पीछे ही हूँ वो बोली "कम बोल और सुना क्या बात है बड़ी टशन में आई है कहीं अपने बॉयफ्रेंड के साथ जा रही है क्या" श्वेता बोली "हाय यार मेरी कहाँ एसी किस्मत
की कोई मेरा बॉयफ्रेंड बन जाये" और वो दोनों हंसने लगे प्रीती दीदी बीच वाली चेयर पे बैठ गयी वापस श्वेता ने अपना गोगल उतारा और उसे अपने शर्ट के खुले हुए बटन पर टांग लिया और
उनकी लेफ्ट साइड वाली चेयर पे और मैं प्रीती दीदी की राईट साइड वाली चेयर
पे बैठ गया प्रीती दीदी बोली "और सुना श्वेता" श्वेता बोली "और क्या कर रही थी" प्रीती दीदी बोली "कुछ नहीं तू सुना" श्वेता बोली "अरे यार तू कहाँ थी आज लास्ट वाले पीरियड में
लाइब्रेरी में तो तू थी नहीं मैंने कितना ढूंढा तुझे बट तू मिली ही नहीं" प्रीती दीदी बोली "अरे लाइब्रेरी में ही तो थी वो पीछे शेल्फ की साइड हौंगी" श्वेता बोली "ह्म्म्म अच्छा सुन
यार मुझे तुझसे कुछ नोट्स की बात करनी थी" और उन्होंने कुछ पेपर्स निकले तभी दो तीन पेपर नीचे गिर गए और श्वेता उसे उठाने के लिए नीचे झुकी और उनकी शर्ट के गले
से मुझे अंदर का नजारा दिख गया श्वेता ने अंदर ब्लैक कलर की ब्रा पेहेन रखी थी उन्होंने शर्ट का बटन खोल रखा था और उसपे अपना गोगल टांग रखा था इस कारण
झुकने से उनकी शर्ट का गला और ज्यादा लटक गया अंदर का नजारा बहुत ही सेक्सी था श्वेता के गोरे गोरे बदन और बोबो पे काली ब्रा बहुत ही सेक्सी लग रही थी जितनी
देर तक वो झुक के पेपर उठाने लगी उतनी देर तक मैं उनके बोबे निहारता रहा जब श्वेता झुकी हुई थी तो मैंने उसी समय उनके बोबे निहारते हुए प्रीती दीदी की स्टाल के
अंदर हाथ डाल दिया और तभी श्वेता ने भी पेपर उठा लिए पेपर उठाने के बाद वो दोनों बातें करने लगी लेकिन मेरा हाथ प्रीती दीदी की स्टाल के अंदर था श्वेता प्रीती दीदी की साइड वाली चेयर
पे बैठी थी तो उसे इस बात का अंदाज़ा नहीं था मेरा हाथ प्रीती दीदी की गरम गरम स्टाल के अंदर था मैंने अपना हाथ उनके रेड टॉप पे रखा और उनके बोबे धीरे धीरे अपने हाथ से
सहलाने लगा मेरा लंड खड़ा हो चुका था मैं प्रीती दीदी की स्टाल के अंदर से उनके बोबे सहला रहा था और प्रीती दीदी आराम से श्वेता से बातें कर रही थी वो भीमेरा हतः बाहर नहीं निकल सकती थी
क्योंकि श्वेता को पता चल जाता मैंने उनके टॉप पे से उनके एक बोबे को अपने हाथ में लिया और उसे दबाने लगा मैं प्रीती दीदी के बस एक बोबे को ही दबा सकता था
मैं उनके बोबे को उनके टॉप पे से दबा रहा था उनकी स्टाल के अंदर से थोड़ी देर तक उनका बोबा दबाने के बाद मैंने अपना हाथ उनके टॉप के नीचे की तरफ किया और नीचे से उनके टॉप
के अंदर हाथ डाल दिया अब मेरा हाथ प्रीती दीदी की स्टाल के अंदर से उनके रेड टॉप के अंदर था मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा हो चुका था मैंने टॉप के अंदर से उनकी ब्रा पे से
उनके बोबे दबाना चालू किया प्रीती दीदी बिना किसी रिएक्शन के श्वेता से बातें कर रही थी जबकि उसी समय मेरा हाथ उनकी ब्रा के ऊपर उनके बोबे पे था जिसे मैं दबा रहा था
थोड़ी देर तक उनकी ब्रा पे से उनके बोबे दबाने के बाद मैंने उनकी ब्रा के एक कप को नीचे कर दिया अब प्रीती दीदी का नंगा बोबा मेरे हाथ में था प्रीती दीदी का निप्पल बिलकुल टाइट खड़ा
हुआ था मैंने उनके निप्पल पे अपनी ऊँगली रखी और उनके खड़े हुए निप्पल को अपनी ऊँगली से गोल गोल घुमाने लगा फिर उनके नंगे बोबे को दबाने लगा मुझे बहुत मजा आ रहा
था कोई भी प्रीती दीदी को देख के ये नहीं कह सकता था की अभी इनके स्टाल के नीचे इनके नंगे बोबे मेरे हाथ में है मैं उनके नंगे बोबे को दबा ही रहा था की तभी मम्मी रूम में
आ गई श्वेता खड़ी हुई मम्मी से नमस्ते करने के लिए इतने में प्रीती दीदी ने मेरा हाथ अपनी स्टाल से बाहर निकाल दिया और फटाफट अपनी स्टाल के अंदर हाथ डाल
के अपनी ब्रा को ठीक किया मम्मी आके बोली "और श्वेता कैसी है कहाँ रहती है आज कल आती नहीं है" श्वेता बोली "बस आंटी ठीक हूँ वो आना नहीं होता ज्यादातर प्रीती
आ जाती है ना मेरे घर पे" थोड़ी देर तक मम्मी प्रीती दीदी और श्वेता बातें करते रहे और तभी मैंने श्वेता और प्रीती दीदी की सीक्रेट बातें सुनने के लिए लैपटॉप में वेबकैम का सॉफ्टवेर
ओन कर दिया और उसे मिनी माइज कर दिया ताकि किसी को पता ना चले थोड़ी देर बाद मम्मी चली गयी श्वेता प्रीती दीदी को कोने में लेके गयी और फिर प्रीती दीदी मेरे पास आई और बोली "सोनू तू रूम से बाहर जा थोड़ी देर हमें
कुछ बात करनी है" मैंने कहा "ठीक है दीदी" और मैं रूम के बाहर चला गया और प्रीती दीदी ने गेट बंद ढलका लिया मुझे उनकी बातों की आवाज तो आ रही थी लेकिन कुछ सुनाई
नहीं दे रहा था की वो लोग क्या बातें कर रही है मैंने सोचा रहने दो वेसे भी सब लैपटॉप में रिकॉर्ड तो हो ही जाएगा और मैं जाके सो गया शाम को मेरी नींद खुली मैंने मम्मी से
पूछा "मम्मी प्रीती दीदी कहाँ है" वो बोली "प्रीती और श्वेता मार्किट गए है" मैंने कहा "ठीक है" और फटाफट हमारे रूम में गया लैपटॉप ऑफ था मैंने सोचा की कहीं प्रीती दीदी
लैपटॉप ऑफ तो नहीं कर दिया मैंने उसकी स्क्रीन ऊपर की तो वो ओन हो गया मैंने देखा वो सॉफ्टवेर अभी तक ओन था मैंने देखा उसपे तीन घंटे की रिकॉर्डिंग हो चुकी थी
मैंने उसे पीछे किया और रिकॉर्डिंग सुनना स्टार्ट किया :
प्रीती दीदी - हाँ श्वेता क्या हुआ क्या सीक्रेट बात करनी है तुझे
श्वेता - आज सुबह तू बस में सो रही थी क्या
प्रीती दीदी - नहीं तो क्यों
श्वेता - मैंने पीछे पलट के देखा था तो तेरी आँखें बंद थी
प्रीती दीदी - अरे वो तो ऐसे ही
श्वेता - सच सच बता ना यार
प्रीती दीदी - अरे क्या बताऊँ नहीं सो रही थी
श्वेता - वो नहीं कह रही
प्रीती दीदी - तो फिर
श्वेता - एक बात पूछु सच सच बताएगी
प्रीती दीदी - हाँ पूछ
श्वेता - तेरे और सोनू के बीच कुछ है क्या
प्रीती दीदी - मतलब
श्वेता - ज्यादा भोली मत बन बता ना कुछ है क्या
प्रीती दीदी - क्या होगा तू बता कुछ नहीं है
श्वेता - मतलब वो लवर्स वाला
प्रीती दीदी - पागल है क्या भाई है वो मेरा
श्वेता - अच्छा अगर तेरा भाई है वो तो सुबह बस में उसका एक हाथ तेरी शर्ट में और दूसरा हाथ तेरी स्कर्ट में कैसे था
श्वेता - अरे यार मुझे सब पता है मैं सुबह बस में तुझसे कुछ बात करने आ रही थी लेकिन देखा तो तुम दोनों इतने मजे से सब कर रहे थे वाओ यार तेरे चेहरे से ही पता चल रहा था
की तुझे कितना मजा आ रहा है उसकी फिंगर तेरी वेजिना में थी ना
प्रीती दीदी - यार तू किसी को बताएगी तो नहीं ना मैं तुझे सब समझा दूंगी ये सब एक दिन अचानक हो गया था
श्वेता - अरे टेंशन ना ले यार मैंने तो खुद एक दिन मेरे छोटे भाई का लंड पकड़ा था खड़ा हुआ था सुबह सुबह मैंने उसके लंड को सहलाया और उस से पूछा मजा आ रहा है तो यो
स्टुपिड डर गया और बोला श्वेता दीदी ऐसा मत करो ये गन्दी जगह है उसके बाद से मैंने कुछ नहीं किया की कहीं ये डफर मेरी मम्मी को ना बोल दे कुछ
प्रीती दीदी - ह्म्म्म
श्वेता - लेकिन तू तो कितनी लकी है यार तेरा छोटा भाई तुझे कितने मजे देता सुबह तुझे मजे लेते देख के तो मेरी पेंटी गीली हो गई थी
प्रीती दीदी - ह्म्म्म
श्वेता - अरे यार क्या हुआ तुझे टेंशन मत ले यार मैं तो खुद यही सोचती हूँ की छोटा भाई हो और उसके साथ ऐसा कुछ हो तो सही रहता है घर में ही मजे करो आज कल दूसरे
लडको पे भरोसा करो और साले उलटी सीढ़ी फोटो खींच ले तो और प्रॉब्लम
प्रीती दीदी - तो तेरा तो समीर के साथ था ना क्या हुआ
श्वेता - अरे साला कमीना है वो यार एक तो हमेशा कभी प्ले ग्राउंड कभी लैब कभी क्लास एसी खाली जगहों पे ले जाके मजे लेता है उस से कोई प्रॉब्लम नहीं है बट यार वो हर बार
मोबाइल निकाल के मेरी पिक लेने की कोशिश करता है कभी ब्रा में कभी शर्ट के बटन खुले हुए मेरा झगड़ा उस से इसी बात पे होता है मैं नहीं चाहती की यो मेरी एसी पिक्स ले
लेकिन वही नाटक है ना मना करो तो झगड़ा होता है यार क्या भरोसा किसी का कल को किसी को दिखा दे या ब्लैकमेल करने लग जाए तो
प्रीती दीदी - हाँ यार वो तो है
श्वेता - तभी तो सबसे सेफ है अगर अपने ही भाई के साथ हो जाए तो मजे भी लो बिना किसी टेंशन के साला आजकल एक तो पता नहीं लडको को क्या हो गया है करंगे कम
फोटो ज्यादा खींचते है फिर इनकी कोई भी डिमांड नहीं मानो तो बस गुस्से में वही की तेरी पिक है मेरे पास साले खुद तो मजे लेते ही है साथ में अपने फ्रेंड्स को भी करवाते है
इसीलिए मेरा तो यही सोचना है की इन सब चीजों में अपना घर ही सेफ है
प्रीती दीदी - हम्म्म्म मुझे तो पता ही नहीं था तेरी एसी सोच के बारे मे
श्वेता - मुझे भी कहाँ पता था की तू अपने भाई से करवाती है
प्रीती दीदी - ओये कुछ करवाया नहीं है अभी
श्वेता - क्यों अभी तक फकिंग नहीं हुई क्या
प्रीती दीदी - नहीं
श्वेता - क्यों
प्रीती दीदी - मौका ही नहीं मिला दो बार मम्मी से बच गए
श्वेता - अच्छा एक बात बताऊँ
प्रीती दीदी - हाँ बोल
श्वेता - आज सोनू ऊपर लैब में कैसे तेरी वेजिना लिक कर रहा था यार
प्रीती दीदी - तुझे कैसे पता
श्वेता - अरे जब से मैंने तुम दोनों को देखा है सुबह से बस में तब से मैं तेरा बहुत ध्यान रख रही थी की तू कहाँ कहाँ जा रही है और तेरा पीछा करते हुए मैंने ऊपर सब कुछ देखा
यार मेरी पूरी पेंटी ऐसे गीली हो गई जैसे तो किसी ने पानी डाल दिया है
प्रीती दीदी - हाहाहाहाहाहा
श्वेता - सोनू कैसे तेरी वेजिना चाट रहा था यार और तू कैसे उसका पेनिस सक कर रही थी लिक कर रही थी यार मेरी वेजिना तो आज तक चाटी ही नहीं किसी ने
प्रीती दीदी - ह्म्म्म तो तूने चूस रखा है क्या
श्वेता - हाँ यार समीर के कारण जबरदस्ती चुस्वाया था उसने
श्वेता - प्रीती एक बात बोलू
प्रीती दीदी - हाँ बोल ना
श्वेता - तुझे पता है तान्या के साथ क्या हुआ था
प्रीती दीदी - क्या
श्वेता - अरे उसका bf उसे अपने घर लेके गया रात को और लाइट्स बंद कर दी और उन्होंने सेक्स किया लेकिन तान्या मुझसे कह रही थी की उसे ऐसा फील हुआ की उस रात
बेड पे उनके साथ कोई तीसरा भी था जिसने तान्या को फक किया था
प्रीती दीदी - क्या !!! ये कैसे हो सकता है यार
श्वेता - हाँ यार और फिर जब उसका ब्रेक उप हुआ ना तो उसके bf ने उसे कहा की तुझे तो मेरे दोस्त भी फक कर चुके है जब मैंने लाइट्स बंद की थी
प्रीती दीदी - कैसे होते है यार ये लड़के
श्वेता - मैं सोच रही थी की अगर ऐसा अपने साथ भी हो तो
प्रीती दीदी - क्या ??? क्या कह रही है तू पागल तो नहीं है
श्वेता - अरे प्रीती सुन तो यार मेरी वेजिना आज तक किसी ने लिक नहीं की और मैं वेजिना लिकिंग की बात को सोचते ही बहुत एक्साइटेड हो जाती हूँ जबसे मैंने सोनू को देखा
है तेरी चूत चाटते हुए तब से मेरी भी यही इच्छा है की सोनू मेरी भी चूत चाटे
श्वेता - अरे सॉरी यार वो गलती से वेजिना की जगह चूत निकल गया
प्रीती दीदी - कोई बात नहीं श्वेता लेकिन ये पॉसिबल नहीं होगा
श्वेता - क्यों यार
प्रीती दीदी - अरे पागल है क्या मैं सोनू से क्या बोलूंगी की मेरी फ्रेंड को सब पता है इसीलिए इसकी वेजिना लिक कर सोच तो सही
श्वेता - अरे सुन ना मेरा कहने का मतलब ये है की एक रात एक बेड पे तू , मैं और सोनू तीनो होंगे तू सोनू से कहना की आज रात को तुम लोग करोगे मेरे सो जाने के बाद
फिर तू उसके साथ करना लेकिन जब वो तेरी वेजिना लिक करे तब हम कैसे भी करके साइड बदल ले और वो मेरी वेजिना लिक करे ये सोच के की वो तेरी कर रहा है मुझे और
कुछ नहीं चाहिए मैं बस उस से अपनी चूत चटवाना चाहती हूँ और बदले में मैं तुझे जगह दूंगी उस से चुदवाने के लिए
प्रीती दीदी - यार नहीं होगा पॉसिबल श्वेता बहुत बड़ी प्रॉब्लम हो जाएगी
श्वेता - अरे होगा देख अपन तीनो एक बेड पे सोएंगे तू सोनू के साथ शुरुआत करना फिर बीच में जैसे ही वो तेरी चूत चाटने के लिए नीचे जाएगा तू उस से कहना की तुझे ऐसा लगा की
श्वेता की नींद खुली है ....


श्वेता - अरे सॉरी यार वो गलती से वेजिना की जगह चूत निकल गया
प्रीती दीदी - कोई बात नहीं श्वेता लेकिन ये पॉसिबल नहीं होगा
श्वेता - क्यों यार
प्रीती दीदी - अरे पागल है क्या मैं सोनू से क्या बोलूंगी की मेरी फ्रेंड को सब पता है इसीलिए इसकी वेजिना लिक कर सोच तो सही
श्वेता - अरे सुन ना मेरा कहने का मतलब ये है की एक रात एक बेड पे तू , मैं और सोनू तीनो होंगे तू सोनू से कहना की आज रात को तुम लोग करोगे मेरे सो जाने के बादफिर तू उसके साथ करना लेकिन जब वो तेरी वेजिना लिक करे तब हम कैसे भी करके साइड बदल ले और वो मेरी वेजिना लिक करे ये सोच के की वो तेरी कर रहा है मुझे औरकुछ नहीं चाहिए मैं बस उस से अपनी चूत चटवाना चाहती हूँ और बदले में मैं तुझे जगह दूंगी उस से चुदवाने के लिए
प्रीती दीदी - यार नहीं होगा पॉसिबल श्वेता बहुत बड़ी प्रॉब्लम हो जाएगी
श्वेता - अरे होगा देख अपन तीनो एक बेड पे सोएंगे तू सोनू के साथ शुरुआत करना फिर बीच में जैसे ही वो तेरी चूत चाटने के लिए नीचे जाएगा तू उस से कहना की तुझे ऐसा लगा की श्वेता की नींद खुली है और तू मुझे चेक करने के बहाने मेरी तरफ आना रूम में एक दम अँधेरा होगा और जैसे ही तू मेरे पास आएगी मैं फटाफट तेरी जगह पे लेट जाउंगी
प्रीती दीदी - अच्छा ये सब इतना आसान नहीं है उसे क्या पता नहीं पड़ेगा हमारे कपड़ो से बेड पे जो हरकत होगी उस से
श्वेता - अरे यार नहीं पड़ेगा देख हम दोनों ही उस रात को कैपरी और टॉप में रहेंगे वो तेरी जगह मेरी कैप्री उतार देगा ना और मेरी चूत चाट लेगा
प्रीती दीदी - तू मरवाएगी यार
श्वेता - अरे कुछ नहीं होगा एक दम सही प्लान है देख हम तीनो रात को मेरे रूम में होंगे ओके फिर लाइट्स बिलकुल ऑफ़ होगी तू सोनू से कहना की तेरा बहुत मूड है आज और तू करना चाहती है लेकिन मेरे सोने के बाद फिर थोड़ी देर तक हम दोनों सोने का नाटक करेंगे फिर थोड़ी देर बाद तू सोनू को कहना की लगता है श्वेता सो गई है और तू उसके हाथ फेरना स्टार्ट करना फिर तू उसके ऊपर लेट जाना और उसे किस विस करना फिर जैसे वो नीचे जाने लगे और तेरी कैप्री उतारने लगे तू उस से कहना की सोनू दो मिन रुक
वापस साइड में लेट जा तुझे ऐसा लगा है की श्वेता उठी हुई है और तू उसे चेक करने जा रही है फिर हम उसी समय साइड बदल लेंगे और मैं सोनू को वापस अपने हाथ से पकड़ कर अपने ऊपर लिटा लूंगी और फिर वो नीचे जाएगी मेरी कैप्री और मेरी पेंटी उतार के मेरी वेजिना लिक करेगा


प्रीती दीदी - अच्छा और अगर उसने तुझे किस किया तेरा टॉप ऊपर करके तेरी ब्रा खोल दी और तुझे पूरी नंगी करके तुझे फक करने को रेडी हो गया तो
श्वेता - नहीं डफर मैं उसे मना कर दूंगी की बस मेरी वेजिना लिक कर पास में श्वेता है फकिंग नहीं कर सकते अपन
प्रीती दीदी - और अगर उसने तुझे अपना पेनिस सक करवाया तो
श्वेता - अरे ऐसा नहीं होगा ना यार
प्रीती दीदी - अगर हुआ तो
श्वेता - लुक यार इफ यू हवे प्रॉब्लम थेन टेल मी डायरेक्टली मुझे जरुरत है नहीं पड़ती अगर मेरा भाई रेडी हो जाता तो
प्रीती दीदी - अरे गुस्सा क्यों हो रही है यार मैंने मना तो नहीं किया ना मैं बस सिक्योर होना चाहती हूँ
श्वेता - कुछ नहीं होगा बिलीव मी ट्रस्ट मी
प्रीती दीदी - ओके और फिर तू हमारा सीन कैसे मैनेज करेगी मीन्स सोनू और मेरा
श्वेता - देख मेरे घर पे कोई होगा नहीं तभी ही मैं तुम्हे बुलाउंगी मैं किसी काम से बाहर चली जाउंगी तब तुम कर लेना अकेले
प्रीती दीदी - हम्म्म्म फिर पहली तू अपनी लिक करवाएगी या हमारा सीन रखेगी
श्वेता - जैसा तू बोले
प्रीती दीदी - कब का करना है
श्वेता - आज रात को
प्रीती दीदी - वाट !! आज कैसे
श्वेता - अरे आज मेरे पापा मम्मी बाहर जा रहे है साथ में मेरा भाई भी मैं घर में बिलकुल अकेली हूँ और मैंने मेरी मम्मी से कह भी दिया है की मैं रात को सोने प्रीती को बुला लुंगी
प्रीती दीदी - हाँ और मैडम आपको क्या लगता है की मेरी मम्मी हम दोनों को तेरे घर पे रुकने को अलाव कर देंगी
श्वेता - बिलकुल मैंने मेरी मम्मी को बोल दिया है वो तेरी मम्मी को कॉल कर देंगी
प्रीती दीदी - अरे क्या पूरी तयारी से आई है क्या तू
श्वेता - बिलकुल पूरी प्लानिंग सही है
प्रीती दीदी - ठीक है फिर
श्वेता - ह्म्म्म चल अब बता तेरे पास नोट्स है ना अरे ये क्या है तेरे ड्राइव में सोनू के नाम का फोल्डर
प्रीती दीदी - नहीं यार कहाँ दिखा हो ही नहीं सकता ये तो मेरी ड्राइव है
श्वेता - ये देख सोनू प्राइवेट के नाम से क्या है इसमें .....ओह....इसमें तो वो वाली मूवी है यार प्रीती ....
(और दोनों ने मूवी ओन की और देखने लगे मेरे प्लान के हिसाब से और दोनों कुछ बोल नहीं रही थी )


थोड़ी देर बाद ...
श्वेता - वाओ यार आई एम फीलिंग सो मच एक्साइटेड और प्रीती तू
प्रीती दीदी - हाँ यार मैं भी लेकिन ये मेरी ड्राइव में कहाँ से आई
श्वेता - सोनू ने तो नहीं डाली
प्रीती दीदी - डफर वो क्यों डालेगा हम तो कर रहे है सब वेसे ही
श्वेता - ह्म्म्मम्म चल छोड़ ना आज का प्लान फाइनल है मैं पहली तेरी मम्मी से बात करती हूँ फिर अपन मार्किट चलेंगे
(और उनकी बात खत्म हो गई )
मैंने सोचा की क्या प्रीती दीदी ने मुझे अपनी फ्रेंड के साथ शेयर करने की प्लानिंग की मतलब उन्होंने भी वही किया जो राज उनके साथ करना चाहता था उनकी बातें सुन के मेरा लंड खड़ा हो चुका था मुझे पता था की आज रात को मुझे सेक्सी श्वेता का सेक्सी जिस्म मिलने वाला था लेकिन सबसे बड़ा ट्विस्ट ये था की उन दोनों को नहीं पता था की मुझे उनकी प्लानिंग के बारे में पता है मैंने भी सोच लिया था की आज रात को मुझे क्या करना है मैं सोचने लगा की श्वेता नंगी कैसे दिखेगी उसके बोबे कैसे होंगे उसके निप्पल कैसे होंगे क्या उसकी चूत पे बाल होंगे वो कैसे पैटर्न वाली ब्रा और पेंटी पहनती होंगी यही सब सोच सोच के मेरा लंड पूरी तरह से तन चुका था मैंने लैपटॉप ऑफ़ कर दिया थोडा थोडा अँधेरा हो गया था थोड़ी देर में प्रीती दीदी और सेक्सी श्वेता मार्किट से आ गयी प्रीती दीदी ने जींस टॉप पेहेन रखा था और श्वेता ने वही जींस और चेक वाली शर्ट जिसके अंदर ब्लैक ब्रा थी जिसकी झलक मैंने देखी थी जब यो पेपर उठाने झुकी थी फिर हम तीनो रूम में बैठ गए और मम्मी चाय लेकर आई मैं बस श्वेता को ही नहरे जा रहा था आखिर


आज रात को वो नंगी होने वाली थी मैं उसकी आंखें उसकी शर्ट में से बाहर निकले उसके बोबे उसके टाइट जींस में से बाहर नीकली उसकी टाइट सेक्सी गांड उसके नरम रसीले होंठ ये सब देख रहा था श्वेता भी बीच बीच में मेरी तरफ देख रही थी तभी मम्मी ने कहा "प्रीती सोनू आज तुम दोनों को रात को श्वेता के घर रुकना है उसके घरवाले बाहर गए हुए है कल शाम तक आएँगे तो रात में तुम सब साथ ही सो जाना और ज्यादा मस्ती मत करना ओके" श्वेता बोली "हाँ आंटी ..तो प्रीती मैं तुझे लेने आऊँ रात को" प्रीती दीदी बोली "नहीं हम दोनों आ जायंगे स्कूटी से खाना खाके रात को " श्वेता बोली "अरे यार मेरे घर ही खा लेना ना नहीं तो मैं अकेली ही खाऊंगी" मम्मी बोली "हाँ चलो तुम सब साथ ही खा लेना खाना और श्वेता तू कुछ मत बनाना मैं ही भेज दूंगी इनके साथ तेरा खाना पैक करके अभी एक घंटे में दोनों आ जाएँगे खाना लेके" श्वेता "ओके आंटी चलो मैं अब चलती हु घर पे लॉक लगा है अँधेरा होने वाला है ..प्रीती तू आ जाना टाइम से "प्रीती दीदी बोली "हाँ चल बाय .." और श्वेता चली गई मैं सोचने लगा की अब क्या क्या करना है लेकिन मेरा बहुत मूड हो रहा था प्रीती दीदी हमारे रूम में थी और मम्मी किचन में मैं प्रीती दीदी के पास गया और उन्हें पीछे से पकड़ लिया और उनके टॉप पे से उनके बोबे दबाने लगा और गर्दन पे स्मूच करने लगा और बोला "दीदी बहुत सेक्सी लग रही हो" वो बोली "अरे छोड़ ना मम्मी देख लेंगी " मैंने कहा नहीं देखेंगी और मैंने पीछे से उनका टॉप ऊपर कर दिया और सामने से उनकी ब्रा पे से उनके बोबे दबाने लगा प्रीती दीदी ने लाइट पर्पल कलर की ब्रा पेहेन रखी थी मैं उनकी ब्रा पे से उनके बोबे दबाने लगा और मेरे खड़े हुए लंड को उनकी जींस पे से उनकी गांड पे दबाने लगा मुझे बहुत मजा आ रहा था मैंने ब्रा पे से उनके बोबे दबाते हुए कहा "दीदी ये नई ब्रा ली है क्या "वो बोली नई नहीं पुरानी है..छोड़ ना यार मम्मा आ जाएंगी" और उन्होंने जल्दी से मेरे दोनों हाथों को पकड़ा और उन्हें नीचे कर दिया और अपना टॉप भी नीचे कर लिया मैंने साइड से उनके कंधे पे से उनका टॉप खींच दिया और उनके गोरे चिकने कंधे पे उनकी ब्रा की स्ट्रेप नजर आई मैंने उनकी स्ट्रेप को किस किया और उनके नंगे कंधे पे किस करते हुए कहा "दीदी बत्रूम में चलो ना बहुत मूड हो रहा है मेरा" वो बोली "छोड़ ना" और उन्होंने मुझसे खुद को छुड़ाया और बोली "अभी तो कुछ नहीं हो सकता मुझे मम्मी के साथ खाना बनवाना है बट अपन आज रात को करंगे श्वेता के घर जब वो सो जाएगी तब वहां कोई डर भी नहीं रहेगा" मैंने कहा दीदी अगर श्वेता को पता चल गया तो वो बोली "कुछ पता नहीं चलेगा मैं ध्यान रखूंगी" और ये कह के वो चली किचन में थोड़ी देर बाद खाना बन चुका था और मम्मी हमारा खाना पैक कर चुकी थी मम्मी बोली "प्रीती ले खाना हो गया पैक तुम लोग निकल जाओ और सुन नाईट ड्रेस ही पेहेन जा फिर वहां कहाँ चेंज करेगी और सोनू को भी बोल दे की लोअर और टी शर्ट ही पेहेन जाएगा रात को सोना ही तो है तुम लोगो को" प्रीती दीदी बोली "हाँ मम्मी" थोड़ी देर बाद प्रीती दीदी नाईट ड्रेस पेहेन के आयी एक पतला सा लाइट ब्लू और ब्लैक कलर का टॉप और ब्लैक कलर की घुटनों से नीचे तक की कैप्री बड़ी सेक्सी लग रही थी

लेकिन मैं ये सोच रहा था की आज मेरी सेक्सी श्वेता ने क्या पहना होगा वो आयी और बोली "चल सोनू" और प्रीती दीदी ने स्कूटी स्टार्ट की और मैं टिफिन लेके पीछे बैठ गया और हम श्वेता के घर चल पड़े थोड़ी देर में हम श्वेता के घर पहुँच गए श्वेता ने गेट खोला वो भी अपनी नाईट ड्रेस में कुछ कम सेक्सी नहीं लग रही थी उसने ग्रीन कलर का पतला सा गोल चौड़े से गले का टॉप और वाइट एंड ब्लैक चेक्स वाली पतली सी कैप्री पेहेन रखी थी श्वेता का टॉप और कैप्री इतने पतले थे की मुझे उसकी ब्रा और पेंटी की आउट लाइन्स उनमे से साफ दिख रही थी उसने अपने बालों को ढीले से ऊपर की तरफ क्लिप से बांध रखा था मेरे मन में एक मिनट के लिए ख्याल आया की श्वेता मेरा लंड चूस रही है और मैंने उसका क्लिप खोल दिया तभी श्वेता बोली "क्या हुआ सोनू आजा ना अंदर" प्रीती दीदी स्कूटी पार्क कर रही थी और मैं अंदर आ चले गए श्वेता आगे आगे चल रही थी और में उसके पीछे मैं उसकी पतली कैप्री में से बाहर निकली उसकी सेक्सी गांड को मटकते हुए देख रहा था श्वेता का घर भी अच्छा था एक बड़ा सा हॉल था उसमे डाइनिंग टेबल रखी थी मैंने टिफिन टेबल पे रख दिया और हम तीनो चेयर पे बैठ गए श्वेता मुझसे बोली "फिर आंटी ने कुछ कहा तो नहीं" और ये कहते हुए उसने अपना क्लिप खोला और अपने बालों को अपने दोनों हाथों से बाँधने लगी जब श्वेता अपने दोनों हाथों को ऊपर करके अपने बालों को बाँध रही थी तो उसके बोबे उसके टॉप में से बाहर आ रहे थे तभी उसके टॉप की दोनों स्लीव्स थोड़ी ऊपर हो गयी और मुझे उसकी आर्मपिट्स नजर आई उन पर बाल नहीं थे वो बहुत चिकनी और गोरी गोरी थी मैं यही निहार रहा था तभी वो वापस बोली "बता ना" मैंने कहा "नहीं श्वेता दीदी मम्मी ने कुछ नहीं बोला" तभी प्रीती दीदी अंदर आयी और प्रीती दीदी और श्वेता दोनों किचन में चले गए खाना लगाने श्वेता इतनी सेक्सी लग रही थी की मैं उसे बस ब्रा और पेंटी में ही इमेजिन कर रहा था इसी वजह से मेरा लंड खड़ा हो चुका था इसीलिए मैं चेयर पे बैठ गया ताकि किसी को पता ना पड़े मुझे पता था की श्वेता अपनी चूत मुझसे चटवाना चाहती है लेकिन मैं उस से पहले उसे गरम करना चाहता था हमने खाना खाया फिर हम लोग सोफे पे बैठ गए और टीवी देखने लगे मैं साइड में बैठा था मेरे पास श्वेता और उनके पास प्रीती दीदी हम मूवी देख रहे थे तभी प्रीती दीदी बोला "सोनू पानी की बोतल देना " और मैं उन्हें पानी की बोतल देने के लिए झुका तो मैंने अपने दूसरे हाथ की कोहनी से श्वेता के टोपे पे से उसके बोबे को दबा दिया जान कर के श्वेता कुछ नहीं बोली वो बस मूवी देख रही थी मैंने भी ऐसे ही दिखाया जैसे कुछ ना हुआ हो फिर थोड़ी देर बाद श्वेता बोली "चलो सोनू प्रीती मेरे रूम में चलते है वहां देखेंगे टीवी बेड पे" और हम लोग श्वेता के रूम में चले गए और बेड पे बैठ गए पहले मैं बैठा था फिर प्रीती दीदी और फिर श्वेता हम ऐसे ही बैठे हुए थे ताकि किसी को नींद भी आये टीवी देखते हुए तो वो वहीँ सो जाये फिर श्वेता ने लाइट्स बंद की ऐसी ओन किया और दो कंबल लेके आयी एक खुद के लिए और एक प्रीती दीदी और मेरे लिए हम लोगो ने कंबल अपने अपने पैरों पे डाल लिए सबके कंबल उनकी झांगों तक थे हम टीवी देखने लगे दस मिनिट बाद श्वेता उठी और अपने रूम से बाहर गयी फिर उसने प्रीती दीदी को भी बाहर बुलाया ये कह के की मम्मी का फोन है कमरे की लाइट्स अभी तक बंद थी और मैं टीवी के चैनल्स चेंज कर रहा था रूम में एक तरह से अँधेरा ही था टीवी की बहुत कम रौशनी थी थोड़ी देर बाद श्वेता और प्रीती दीदी दोनों रूम में आये लेकिन इस बार श्वेता मेरे पास मेरे कंबल में आ गयी अँधेरे में और प्रीती दीदी श्वेता की जगह चली गयी कोने में मुझे कुछ समझ नहीं आया क्योंकि ये तो इन दोनों की प्लानिंग नहीं थी शायद इन्होने सोचा होगा की मुझे कुछ पता नहीं पड़ेगा लेकिन मुझे श्वेता की चेक्स वाली कैप्री से पता पड़ गया की वो मेरे पास मेरे वाले कंबल में है हम टीवी देखने लगे


मैंने कंबल के अंदर से श्वेता की केप्री पे से उसकी झांघ पे हाथ रखा और उसे सहलाने लगा और कहा "प्रीती दीदी आज श्वेता दीदी कितनी सेक्सी लग रही है यार" वो कुछ नहीं बोली और यही मेरा प्लान था श्वेता को गरम करने का की उसे पता ना चले की मैं जनता हूँ की मेरे पास कंबल में श्वेता है मैंने श्वेता की झांघ को सहलाते हुए बोला "मैंने इन्हें इतना सेक्सी तो पहले कभी नहीं देखा यार" फिर मैंने श्वेता की दोनों झांगों को अपने हाथ से चौड़ा किया और केप्री पे उसकी दोनों झांगों के बीच में हाथ फेरने लगा फिर मैं उनकी दोनों झांघो को सहलाते हुए अपना हाथ उनकी चूत तक लेके गया और श्वेता की केप्री पे से अपने हाथ से उसकी चूत को सहलाने लगा और कहा "क्या फिगर है यार श्वेता दीदी का इन्हें तो आज देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया था प्रीती दीदी देखो" और मैंने श्वेता का हाथ पकड़ा और उसे अपने लोअर पे से खड़े हुए लंड पे रख दिया पे श्वेता ने मेरा लंड अपने हाथ से पकड़ा और उसे सहलाने लगी कंबल के अंदर मैं अपने हाथ से श्वेता की चूत सहला रहा था और वो मेरा लंड सहला रही थी फिर मैंने अपना हाथ कंबल से बाहर निकाला और धीरे धीरे उसके पेट पे से अपना हाथ उसके टॉप के ऊपर उसके बोबे की तरफ लेके जाने लगा फिर मैंने अपने एक हाथ से श्वेता को बोबा पकड़ा और उसे दबाने लगा और दबाते दबाते कहा "प्रीती दीदी श्वेता दीदी के बोबे उनके टॉप में से कैसे बाहर निकल रहे थे उनकी ब्रा का साइज़ क्या होगा" श्वेता भी मेरा लंड सहला रही थी और तभी वो बोली "32 साइज़ है श्वेता का" अब मेरा हाथ श्वेता के दूसरे बोबे पे था मैंने उसके दूसरे बोबे को टॉप के ऊपर से दबाते हुए कहा "आपको केसे पता प्रीती दीदी " श्वेता बोली "वो हम दोनों ब्रा लेने साथ जाते इसलिए पता है" मैं उसकी बातों से पूरी तरह से उत्तेजित था श्वेता पूरी तरह से गरम थी मैंने कहा "प्रीती दीदी थोडा नीचे लेट जाओ ना और कंबल अपनी गर्दन तक ढक लो" और श्वेता ने वेसा ही किया फिर मैंने कंबल के अंदर श्वेता का टॉप नीचे से पकड़ा और उसे ऊपर कर दिया अब मेरे हाथ श्वेता की ब्रा पे टच हुआ मैं उसकी ब्रा पे से उसके बोबे दबाने लगा श्वेता को भी बहुत मजा आ रहा था उसकी ब्रा पे से बोबे दबाते हुए मैंने कहा "प्रीती दीदी कंबल में अपना टॉप उतार दो" और श्वेता ने मेरा लंड छोड़ा और कंबल के अंदर ही अपना टॉप उतार दिया अब श्वेता कंबल में अपनी ब्रा और केप्री में मेरे साथ लेटी हुई थी मैंने उनकी ब्रा पे से उनके बोबे दबाते हुए कहा "प्रीती दीदी श्वेता ने कौनसे कलर की ब्रा पहनी होगी" श्वेता बोली "ब्लैक कलर की" फिर मैंने श्वेता की दोनों ब्रा स्ट्रेप्स को उनके कंधों से नीचे कर दिया और उनकी ब्रा भी उनके पेट तक कर दी और उनके नंगे बोबो को दबाने लगा श्वेता के निप्पल बिलकुल टाइट खड़े थे मैंने उनके नंगे बोबे दबाते हुए कहा "प्रीती दीदी मेरा लंड तो श्वेता को चोदने के लिए कैसे मचल रहा है देखो" और मैंने अपने हाथ से श्वेता का हाथ पकड़ा और उसे अपने लोअर के अंदर अपने नंगे खड़े लंड पे रख दिया श्वेता मेरे नंगे खड़े लंड को सहलाने लगी और मैं उनके नंगे बोबो को दबाने लगा फिर मैंने अपने पैर को थोडा ऊपर किया और अपने पैर से श्वेता की केप्री के इलास्टिक को पकड़ा और उसे नीचे कर दिया

अब श्वेता कंबल में बस अपनी पेंटी में ही थी जैसे ही मैंने श्वेता की केप्री नीचे की श्वेता ने अपने हाथों से मेरा लोअर नीचे कर दिया और मेरे नंगे लंड को अपने हाथ से सहलाने लगी मैं उनके नंगे बोबे दबा रहा था फिर मैं अपना हाथ नीचे लेके गया और उनकी पेंटी पे से उनकी चूत को सहलाने लगा श्वेता मस्त हो चुकी थी जैसे मैंने अपना हाथ उसकी चूत पे रखा उसके मुंह से एक सिसकी निकली "अम्म्मम्म्म्म....." मैं अपने हाथ से श्वेता की पेंटी पे से उसकी चूत को सहलाने लगा उनकी पेंटी पूरी तरह से गीली थी यो बहुत ज्यादा उत्तेजित थी फिर उनकी चूत को सहलाते हुए मैंने कहा "प्रीती दीदी मेरा लंड चूसो ना" और श्वेता ने जल्दी से करवट ली और मेरे लंड को अपने हाथ से पकड़ के उसे मुंह में ले लिया मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था मैंने सोचा भी नहीं था की मेरे एक बार कहने से ही श्वेता जल्दी से मेरा लंड अपने मुंह मे ले लेगी वो बहुत ज्यादा गरम थी वो मेरे लंड को अपने मुंह में लेके चूसने लगी वो बड़ी अच्छी तरह से लंड चूस रही थी वो अपने मुंह में मेरे लंड को लेके उसे अपनी जीभ से भी सहला रही थी मुझे बहुत मजा आ रहा था फिर मैंने उसे रोका और उसे सीधा किया और उनकी पेंटी के अंदर हाथ डाल दिया और उनकी चूत को उनकी पेंटी के अंदर से अपने हाथ से सहलाने लगा श्वेता की चूत एक दम चिकनी थी और बहुत ज्यादा गीली थी मैंने उसकी पूरी चूत पे अपना हाथ दो तीन बार ऊपर नीचे किया और तभी श्वेता ने मुझे खींच के लिटा दिया और मेरे ऊपर चढ़ के मुझे किस करने लगी मैं भी उसे किस करने लगा और उसे किस करते हुए उसके नंगे बोबो को जोर जोर से मसल रहा था मुझे किस करते हुए श्वेता ने अपनी पेंटी खुद अपने हाथ से उतार दी और अपने पेट पे लटकी अपनी ब्रा को भी खोल के उतार दी अब श्वेता पूरी नंगी थी कंबल में और मुझ पर बैठी हुई थी उसकी नंगी चिकनी गीली चूत मेरे नंगे लंड से रगड़ खा रही थी वो मुझे किस कर रही थी उसकी उत्तेजना को देखते हुए ऐसे लग रहा था जैसे कोई लड़की सेक्स के लिए जन्म से प्यासी हो वो 5 मिनिट तक मेरे होंठो को चूसती रही कभी मेरे होंठ चूसती कभी मेरी जीभ थोड़ी देर बाद उसने मेरे होंठ छोड़े और मैंने उसे पलटा कर अपने नीच कर दिया और उसके ऊपर लेट गया और फिर अपना हाथ नीचे लेके गया और उनकी नंगी चूत को अपनी ऊँगली से रगड़ते हुए उनके कान में कहा "श्वेता दीदी कैसा लग रहा है" वो एक दम से रुक गई और उसके मुंह से निकला "सोनू.." मैंने उनकी पूरी नंगी चूत को ऊपर से नीचे तक अपनी ऊँगली से रगड़ते हुए उनके कान में कहा "आप श्वेता दीदी हो मुझे पता है आपका प्रीती दीदी का क्या प्लान था मुझे ये भी पता था आप मुझसे अपनी चूत चटवाना चाहती थी इसलिए ये प्लान बनाया था और बदले में आप प्रीती दीदी को मुझसे चुदने की जगह दोगी मतलब आपका खाली घर और मुझे शुरू से ये भी पता था की मेरे पास प्रीती दीदी नहीं आप आई थी कंबल में" फिर मैंने अपनी पूरी हथेली से उनकी चूत को ऊपर से लेके नीचे तक रगड़ते हुए कहा "लेकिन आप मेरे पास कंबल मे क्यों आई ये तो आप दोनों प्लान नहीं था" श्वेता बोली "वो प्रीती ने लास्ट मोमेंट पे बोला की मैं तेरे पास कंबल में जाऊ और तो ये सब कुछ मुझे प्रीती समझ के कर लेगा अँधेरे में सससस ....उम्म्मम्म..सोनू क्या प्रीती को ..... "


मैंने उनकी चूत रगड़ते हुए कहा "नहीं प्रीती दीदी को कुछ नहीं पता" और फिर मैंने श्वेता के होंठ अपने मुंह में लिए और उसे चूसने लगा और अपने हाथ से उसकी पूरी चूत को सहलाने लगा वो भी मेरे होंठ चूसने लगी फिर मैंने उनके होंठ छोड़े और नीचे गया और श्वेता के नंगे बोबे को अपने मुंह में लिया और उसे चूसने लगा श्वेता मेरे बालों में हाथ फेरने लगी फिर मैंने उनके दूसरे बोबे को मुंह में लिया और उसे चूसा फिर मैं उनके नंगे बदन पे अपने होंठों से स्मूच करते हुए नीचे गया और उनकी चूत पे अपना मुंह रखा और उसपे किस किया फिर उनकी चूत पे अपने होंठो से स्मूच किया फिर उनकी चूत की दोनों स्किन के बीच अपनी जीभ डाल दी और उनकी चूत को चाटने लगा श्वेता को बहुत मजा आ रहा था उसके दोनों हाथ मेरे बालों में आ गए और वो मेरे बालों में हाथ फेरने लगी फिर उनकी चूत चाटते हुए मैं अपनी जीभ नीचे लेके गया और उसकी चूत के होल को अपनी जीभ के टिप से सहलाने लगा उसकी चूत से बहुत सारा डिस्चार्ज निकल रहा था थोड़ी देर तक उनके होल को चाटने के बाद मैं अपनी जीभ ऊपर लेके गया और उनकी क्लिट को अपनी जीभ से चाटने लगा और अपनी बीच वाली ऊँगली उनकी चूत के होल में डाल दी और उसे अंदर बाहर करने लगा श्वेता लम्बी लम्बी सिसकियाँ ले रही थी "स्स्स्सस्स्स्स..आआह्ह्ह्ह...म्मम्मम्मम्म ...स्सस्सस्सस "उसे बहुत मजा आ रहा था फिर मैं जल्दी जल्दी उसकी क्लिट चाटने लगा और अपनी ऊँगली उसकी चूत के होल से जल्दी जल्दी अंदर बाहर करने लगा अब श्वेता ने मेरे बालों में से अपना हाथ निकाल लिया और दोनों हाथ से तकिये को पकड़ लिया और सिसकियाँ लेते हुए थोडा ऊपर होने लगी मुझे पता था की वो झरने वाली है फिर मैं भी जल्दी जल्दी उनकी क्लिट अपनी जीभ से चाटने लगा अपनी जीभ के टिप से उसे सहलाने लगा और अपनी ऊँगली उनकी चूत से जल्दी जल्दी अंदर बाहर करने लगा और तभी श्वेता की एक लम्बी सिसकी निकली "ऊउफ़्फ़्फ़ ...स्स्स्सस्स्स्स " और वो झर गयी उसके झरने के बाद भी मैं उसकी चूत चाटता रहा फिर उसने मुझे ऊपर खींचा और मुझे किस करने लगी फिर मुझे थोड़ी देर तक किस करने के बाद उसने मुझे पलटा के अपने नीचे कर दिया और वो मेरे ऊपर लेट गयी फिर श्वेता मेरे बदन पे अपने होंठो से स्मूच करती हुई नीचे जाने लगी फिर उसने मेरे लंड को अपने मुंह में लिया और उसे चूसने लगी मैं श्वेता के बालों को सहलाने लगा और मैंने उसका क्लिप खोल दिया और उसके बालों को अपने हाथ से पकड़ के सहलाने लगा वो मेरा लंड चूस रही थी कभी वो उसे अंदर बाहर करती कभी उसे अपने मुंह से बाहर निकाल के मेरे टोपे को चूसती कभी मेरे पूरे लंड को अपने जीभ से चाट कर फिर उसे मुंह में ले लेती और उसे चूसती मुझे बहुत मजा आ रहा था फिर मैंने श्वेता को ऊपर खींचा और उसे अपने नीचे लिटा दिया और उसके बोबे चूसने लगा फिर उसे किस करने लगा मेरा लंड उसकी चूत से रगड़ खा रहा था फिर मेरे होंठ चूसते हुए श्वेता ने अपने हाथ से मेरा लंड पकड़ा और उसे अपनी चूत के होल पे रख दिया मैंने भी उसके होंठ चूसते हुए अपने लंड को उसकी चूत में डालने के लिए धक्का दिया पहले धक्के में मेरा थोडा सा लंड श्वेता की चूत में गया और उसकी सिसकी निकली "स्स्स्सस्स्स्स" फिर मैंने वापस थोडा सा धक्का दिया और मेरा पूरा लंड श्वेता की चूत में चला गया श्वेता की चूत बहुत टाइट थी हम दोनों लगातार किस कर रहे थे और मेरा लंड श्वेता की चूत में था मैंने उसे किस करते हुए धीरे धीरे धक्के मरना शुरू किया और श्वेता को चोदना शुरू किया श्वेता ने मेरे होंठ छोड़े और मुझे बाँहों में भर लिया और सिसकियाँ लेने लगी मेरे हर धक्के पे वो सिसकी लेती "स्सस्सस्स.आह्ह्ह्ह" में श्वेता को उसी के बेड पे उसी के घर में चोद रहा था जबकि प्रीती दीदी भी उसी बेड पे लेटी हुई थी लेकिन हम दोनों को होश नहीं था उनका मैं बस श्वेता की चूत में अपने लंड से धक्के मारे जा रहा था मुझे बहुत मजा आ रहा था

अब मैंने धक्को की स्पीड बढ़ानी स्टार्ट की और थोडा तेज तेज धक्के मरने लगा श्वेता की चूत बहुत टाइट थी और उसे चोदने में मुझे बहुत मजा आ रहा था अब मैंने भी श्वेता को अपनी बाँहों में जकड लिया और जोर जोर से धक्के मारने लगा श्वेता भी जल्दी जल्दी सिसकियाँ लेने लगी और मैंने भी तेज तेज धक्के मरना जारी रखा मेरा लंड श्वेता की चूत से जल्दी जल्दी अंदर बाहर हो रहा था और थोड़ी देर में मेरा मुट निकल गया मेरा सारा मुट श्वेता की चूत में था मैं उसके ऊपर थोड़ी देर तक ऐसे ही लेटा रहा और उसने भी मुझे अपनी बाँहों में जकड़े रखा फिर हम दोनों ने एक किस किया और तभी मुझे ध्यान आया की प्रीती दीदी भी वहीँ थी मैंने कंबल से बाहर निकल के देखा तो प्रीती दीदी की आँखें बंद थी मैंने धीरे से प्रीती दीदी के कंबल में हाथ डाला तो मुझे एहसास हुआ की उनका टॉप ऊपर था ब्रा नीचे और उनके दोनों बोबे नंगे थे फिर मैंने नीचे हाथ किया तो मुझे उनकी नंगी झांघ का एहसास हुआ मैं समझ गया की वो भी उत्तेजित हो चुकी है आखिर उन्हें भी पता था की उनके पास श्वेता के साथ क्या हो रहा था और इसीलिए प्रीती दीदी ने अपनी केप्री और अपनी पेंटी दोनों नीचे कर रखी थी मतलब क्या प्रीती दीदी हम दोनों की हरकतों को महसूस करते हुए अपनी चूत अपने हाथ से सहला रही थी.

प्रीती दीदी की ब्रा ऊपर थी और बोबे बाहर और पेंटी नीचे मैंने सोचा की क्या प्रीती दीदी अपनी चूत सहला रही थी श्वेता और मेरी हरकतों को महसूस कर कर के मुझे कुछ पता नहीं था लेकिन मैंने सोचा की पूछता हूँ प्रीती दीदी से लेकिन फिर मैं रुक गया क्योंकि प्रीती दीदी को ये नहीं पता था की श्वेता जानती है की मुझे सब पता है प्रीती दीदी को तो अभी भी यही लग रहा होगा की उन दोनों का प्लान काम कर गया है मैंने कंबल में देखा तो श्वेता तो नंगी ही सो गयी थी लेकिन प्रीती दीदी अभी भी प्यासी थी और वो भी अपनी चूत में लंड चाहती थी लेकिन मेरा लंड तो अभी अभी श्वेता की प्यास मिटा के शांत हुआ था मैं यही सब सोच रहा था तभी प्रीती का हाथ आया और मेरे लंड को सहलाने लगा वो मेरे लंड को सहलाते हुए मेरे कान में धीरे से बोली "सोनू तूने श्वेता को तो चोद दिया क्या मुझे नहीं चोदेगा क्या" मैं प्रीती दीदी के मुंह से ऐसी भाषा सुन के हैरान रह गया क्योंकि आज तक उन्होंने मेरे सामने ऐसी भाषा नहीं बोली थी शायद आज वो कुछ ज्यादा ही गरम थी उनका खुद पर काबू ही नहीं था और तभी उन्होंने अपने होंठ मेरे होंठो पे रख दिए और मुझे किस करने लगी और मुझे किस करते हुए मेरे लंड को अपने हाथ से सहलाने लगी मुझे भी धीरे धीरे मजा आने लगा था

प्रीती दीदी बहुत जल्दी जल्दी मेरे होंठ चूस रही थी जैसे की वो मुझे खा ही जाएंगी वो बहुत ज्यादा उत्तेजित थी मैंने भी अपने हाथ उनके बालों में रखा और उनके बालों को सहलाते हुए उनके कोमल नरम होंठ चूसने लगा तभी प्रीती दीदी ने मुझे किस करते करते मेरा लंड छोड़ा और अपने हाथ से ही अपनी कैपरी और पेंटी उतार दी और फिर मेरे ऊपर आके बैठ गई और मुझे किस करते हुए मेरी जीभ को चूसने लगी मेरा लंड अब पूरी तरह से खड़ा हो चुका था आखिर आज सब काम प्रीती दीदी खुद ही कर रही थी क्योंकि वो मुझसे चुदना चाहती थी वो मेरे ऊपर बैठी हुई थी और मेरा नंगा खड़ा हुआ लंड उनकी नंगी चिकनी गीली चूत से रगड़ खा रहा था प्रीती दीदी की चूत बिलकुल चिकनी थी लगता है उन्होंने मेरे लिए ही अपनी चूत साफ़ की थी क्योंकि उन्हें पता था की श्वेता के घर मैं उन्हें चोदूंगा हम दोनों बहुत ज्यादा गरम हो चुके थे हम दोनों की सांसें बहुत गरम थी और तेज तेज चल रही थी

प्रीती दीदी मेरे ऊपर क्रॉस बैठी हुई थी और मुझे किस कर रही थी और मेरे होंठ चूसते चूसते उन्होंने अपनी कमर आगे पीछे हिलाना शुरू कर दी इस से मुझे और ज्यादा मजा आने लगा क्योंकि उनके ऐसा करने से मेरा नंगा लंड उनकी चिकनी चूत से और ज्यादा रगड़ खाने लगा वो मेरे होंठ चूस रही थी और अपनी कमर आगे पीछे हिलाए जा रही थी फिर मैंने उन्हें किस करते हुए उनका टॉप उतार दिया अब प्रीती दीदी बस मेरे ऊपर अपनी वाइट ब्रा में बैठी हुई थी मैं उन्हें किस करते हुए उनकी ब्रा पे से उनके बोबे दबा रहा था प्रीती दीदी भी मुझे किस करते हुए जल्दी जल्दी अपनी कमर आगे पीछे हिला रही थी प्रीती दीदी के ऐसा करने से मैं बहुत ज्यादा उत्तेजित हो रहा था मैंने उनकी ब्रा के दोनों स्ट्रेप्स उनके कंधो से नीचे कर दिया और उनकी ब्रा को नीचे उनके पेट पे कर दिया और उन्हें किस करते हुए उनके नंगे बोबे दबाने लगा मैं प्रीती दीदी को किस करते हुए उनके नंगे बोबे दबा रहा था और वो जल्दी अपनी कमर को हिला कर अपनी नंगी चूत मेरे नंगे लंड पे रगड़ रही थी मैं बहुत ज्यादा उत्तेजित हो चुका था मैंने उनके होंठ छोड़े और जल्दी से पलट कर उन्हें बेड पर पटक दिया

अब मैं उनके ऊपर था और उन्हें किस करने लगा और फिर उन्हें किस करते हुए उनके दोनों बोबे दबाने लगा प्रीती दीदी के मुंह से सिसकियाँ निकल रही थी और वो मेरे बालों को सहला रही थी फिर मैं अपने होंठ उनके गर्दन पे ले गया और वहां स्मूच करने लगा और स्मूच करते हुए मैं नीचे जाने लगा और फिर नंगे बोबो पे अपने होंठो से स्मूच करने लगा उनके मोटे मोटे बोबो पे उनके छोटे छोटे निप्पल एक दम टाइट खड़े थे मैं उनके खड़े हुए निप्पल को अपनी जीभ से सहलाने लगा उन्हें चाटने लगा फिर मैंने उनका एक बोबा अपने मुंह में ले लिया और उसे चूसने लगा और उनके बोबे को चूसते हुए अपने दूसरे हाथ से उनका दूसरे बोबा दबाने लगा प्रीती दीदी सिसकियाँ ले रही थी "आह्ह्ह सोनू बहुत मजा आ रहा है मुझे ....उफफ्...सोनू चूस ना अपनी प्यारी दीदी के बूब्स चूस ना आह्ह्ह्हह्ह..."

उनके मुंह से एसी बातें सुन के मैं और ज्यादा उत्तेजित हो गया प्रीती दीदी आज बहुत अजीब ढंग से पेश आ रही थी शायद वो बहुत ज्यादा गरम थी इसीलिए या फिर शायद आज उन्हें कोई डर नहीं था किसी के आ जाने का इसलिए कारण जो भी हो लेकिन प्रीती दीदी जो भी कर रही थी उस से मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था फिर मैंने उनके दूसरे बोबे को मुंह में लिया और उसे चूसने लगा और उनके बोबे को चूसते हुए अपना हाथ धीरे धीरे नीचे लेके जाने लगा उनकी नंगी चूत की तरफ मैंने अपना हाथ प्रीती दीदी की चूत पे रखा वो बहुत ज्यादा गरम थी और बहुत ज्यादा गीली भी मैंने उनके बोबे चूसते हुए उनकी चूत को सहलाना शुरू किया प्रीती दीदी के मुंह से एक लम्बी सिसकी निकली "सस...आह्ह्ह्ह...म्मम्मम्म....सोनू ...मुझे बहुत मजा आ रहा है ...म्मम्मम ...चूस जा अच्छी तरह से आज अपनी दीदी के बूब्स को ....आह्ह्ह" प्रीती दीदी के मुंह से ये सब बातें सुन के मैं जल्दी जल्दी उनके बोबे चूसने लगा और प्रीती दीदी की चूत को सहलाने लगा फिर मैंने उनके बोबे को छोड़ा और उनके पूरे नंगे बदन पे किस करते हुए धीरे धीरे नीचे जाने लगा फिर मैंने उनकी चूत पर अपने होंठ रखे और उनकी चूत को बहुत बार किस किया उसपे स्मूच किया अपने होंठो से फिर मैंने अपनी जीभ प्रीती दीदी की चूत में डाल दी और उनकी चूत को अपने जीभ से चाटने लगा प्रीती दीदी जोर जोर से सिसकियाँ ले रही थी और उनके दोनों हाथ मेरे बालों को सहला रहे थे उन्हें बहुत मजा आ रहा था फिर मैं उनकी क्लिट को चाटने लगा उसे अपने मुंह में लेके उसे चूसने लगा

प्रीती दीदी कांपती हुई आवाज में बोली "आह्ह्ह...सोनू मुझे बहुत मजा आ रहा है चाट ना अपनी प्यारी प्रीती दीदी की चूत चाट ना ....कब से इन्तेजार था मुझे ......आह्ह्ह्हह्हह्ह्ह.....ऊम्मम्मम्मम्मम्म" मैं अपनी पूरी जीभ से प्रीती दीदी की चूत चाटने लगा उनके क्लिट से लेके उनके होल तक सब जगह अपनी जीभ से सहलाने लगा कभी मैं उनकी क्लिट अपने मुंह में लेके चूसता कभी अपनी जीभ से उनकी क्लिट को चाटता तो कभी उनकी चूत के होल को अपनी जीभ के टिप से सहलाता प्रीती दीदी को बहुत ज्यादा मजा आ रहा था अपनी चूत मुझसे चटवाते हुए फिर तभी प्रीती दीदी ने मुझे ऊपर खींचा और मुझे किस करने लगी मैं भी उन्हें किस करने लगा फिर मेरे होंठ छोड़ के वो बोली "सोनू मुझे तेरा लंड चूसना है" मैंने कहा "चूसो ना प्रीती दीदी मेरा लंड ...अपने मुंह में ले लो ना" और प्रीती दीदी ने मुझे सीधा लिटाया और मेरे लंड को पहले अपने हाथ से सहलाया फिर उसपे बहुत बार किस किया और फिर उसे अपने मुंह में ले लिया और. उसे चूसने लगी मैं उनके बालों को सहलाने लगा मुझे बहुत मजा आ रहा था फिर प्रीती ने मेरा लंड अपने मुंह से बाहर निकाला और मेरे खड़े हुए लंड को ऊपर से लेके नीचे तक अपनी जीभ से चाटने लगी उन्होंने मेरे पूरे लंड को अपनी गरम जीभ से चाटा और फिर मेरी बाल्स को चाटने लगी और उन्हें अपने मुंह में लेके चूसने लगी ऐसा उन्होंने आज पहली बार किया था मुझे बहुत अच्छा लग रहा था

फिर वो मेरे लंड के टोपे को चाटने लगी मेरे पूरे टोपे को अपने जीभ से चाटने लगी उसपे अपनी जीभ गोल गोल घुमाने लगी फिर उन्होंने मेरे लंड को वापस अपने मुंह में ले लिया और मेरा पूरा लंड अपने मुंह में लेके उसे चूसने लगी फिर उन्होंने मेरा लंड अपने मुंह से बाहर निकाला और अपने हाथ से जल्दी जल्दी उसे ऊपर नीचे करने लगी और ऊपर आके मुझे किस करने लगी फिर मैंने उनसे कहा "प्रीती दीदी आप मेरे ऊपर लेट जाओ और आपकी चूत मेरे मुंह पे रखो और मेरा लंड अपने मुंह पे रखो फिर एक साथ हम एक दूसरे के लंड चूत चूसेंगे चाटेंगे आप मेरा लंड चूसना और मैं आपकी चूत चाटूंगा" उन्होंने कहा "ठीक है" और वो मेरे ऊपर लेट गयी मेरे मुंह के सामने अपनी टांगें चौड़ी करके अब मेरे मुंह प्रीती दीदी की चूत पे था और मेरा लंड उनके मुंह पे मैंने अपनी जीभ प्रीती दीदी की चूत पे रखी और उसे चाटने लगा और प्रीती दीदी ने भी उसी समय मेरा लंड अपने मुंह में ले लिया और उसे चूसने लगी हम दोनों को बहुत मजा आ रहा था थोड़ी देर तक एसी ही हम एक दूसरे के लंड चूत चाटने लगे अब मैं पूरी तरह चरम सीमा पे था मैंने अपने हाथ से प्रीती दीदी के मुंह से अपना लंड बाहर निकाला नहीं तो मेरा मुट निकल जाता और मैं ये नहीं चाहता था क्योंकि आज मुझे प्रीती दीदी को चोदना था मैंने अपना लंड उनके मुंह से बाहर निकाला और उन्हें पलट कर अपने नीचे लिटा दिया प्रीती दीदी बोली "सोनू चोद ना मुझे जल्दी से अब और नहीं रहा जाता अपना लंड डाल ना अपनी प्यारी दीदी की चूत में और भुजा दे आज मेरी प्यास.." मैंने प्रीती दीदी की गांड के नीचे एक तकिया लगाया जिस से उनकी चूत का होल थोडा ऊपर आ गया और वो बिलकुल मेरे लंड के सामने था मैंने कहा " प्रीती दीदी तैयार हो आप दर्द होगा पहले थोडा सा चिल्लाना मत आप ज्यादा मैं धीरे धीरे करूँगा" वो बोली "हाँ सोनू धीरे धीरे डालना लंड अंदर" फिर मैंने अपने लंड का तोप उनकी चूत के होल पे रखा और धक्का दिया लंड फिसल के नीचे चला गया

मैंने फिर वापस लंड प्रीती दीदी की चूत पे रखा और धक्का दिया लंड का टोपा थोडा सा अंदर गया और प्रीती दीदी की चीख निकल गयी "आह्ह्ह...सोनू रुक..बहुत पैन हो रहा है" मैं रुक गया थोड़ी देर बाद वो नार्मल हुई और बोली "हां डाल" अब मैंने फिर वापस थोडा जोर लगाया और टोपा फिर थोडा सा अंदर गया उनकी चूत में लेकिन उन्हें बहुत पैन हो रहा था उन्होंने वापस मुझसे रुकने के लिए कहा मैं वापस रुक गया उन्होंने फिर मुझे इशारा किया इस बार मैंने झुक के प्रीती दीदी के होंठ अपने होंठो में ले लिए और थोडा जोर से धक्का दिया और मेरा पूरा लंड प्रीती दीदी की चूत में चला गया और उनकी जोर से चीख निकल गयी वो अपने हाथ पैर मरने लगी और तिलमिलाने लगी लेकिन मैंने उनके होंठ नहीं छोड़े मैं उन्हें किस करता रहा और अपना लंड अंदर ही रखा थोड़ी देर बाद उनका पैन कम हुआ और मैंने धीरे धीरे धक्के मरने शुरू किये मैंने बहुत धीरे धीरे अपना लंड उनकी चूत से अंदर बाहर कर रहा था ताकी प्रीती दीदी को ज्यादा दर्द ना हो आब मेरे धक्को के साथ प्रीती दीदी भी अपनी कमर हिलाने लगी अब उन्हें मजा आना शुरू हो गया था मैं धीरे धीरे धक्को की स्पीड तेज कर रहा था और प्रीती दीदी के मुंह से सिसकियाँ निकल रही थी तभी प्रीती दीदी बोली "आह्ह्ह्ह ...सोनू ...मुझे बहुत मजा आ रहा है आई लव यू सो मच सोनू ...आह्ह्ह कर ना सोनू आह्ह्ह चोद ना अपनी दीदी को ...म्मम्म ..स्स्स्स..आह्ह्ह्ह ...सोनू चोद ना अपनी दीदी को जल्दी जल्दी कर ना आह्ह्ह्ह ..." और मैंने धक्को की स्पीड बढ़ानी शुरू कर दी प्रीती दीदी की दोनों टांगें ऊपर थी और उन्होंने अपने हाथो से तकिये को कस के पकड़ रखा था और मैं घुटनों के बल बैठा था और मेरा लंड उनकी चूत में था उनकी आंखें बंद उन्हें बहुत मजा आ रहा था और मैं जल्दी जल्दी अपने लंड से उनकी चूत में धक्के मार रहा था

फिर मैंने प्रीती दीदी के सर के नीचे से तकिया हटाया और उन्हें सीधा लिटा दिया और मैंने उन्हें कस के अपनी बाँहों में जकड लिया और जल्दी जल्दी धक्के मरने लगा और उन्हें किस करने लगा फिर मैंने धक्के मारना जारी रखा और प्रीती दीदी ने अपने दोनों बोबे अपने हाथ से पकड़ कर उन्हें ऊपर कर दिए मैं उनकी चूत में अपने लंड से धक्के मारते हुए उनके दोनों बोबे चूसने लगा उनके दोनों निप्पलो को अपने मुंह में लेके चूसने लगा और उनके बोबे चूसते हुए उन्हें चोदता रहा प्रीती दीदी जोर जोर से सिसकियाँ ले रही थी "अह्ह्ह्ह सोनू ......म्मम्म" मैं समझ गया था की वो झरने के करीब है और मैंने धक्को की स्पीड बड़ा दी और जल्दी जल्दी उन्हें चोदने लगा मेरा लंड प्रीती दीदी की चूत से जल्दी जल्दी अंदर बाहर हो रहा था फिर प्रीती दीदी ने मुझे अपने ऊपर खींच लिया और मैंने झुक कर उन्हें कस के अपनी बाँहों में जकड लिया और जल्दी जल्दी उनकी चूत में धक्के मारने लगा प्रीती दीदी ने भी मुझे अपनी बाँहों में भर लिया मेरे धक्को के स्पीड से उनके मोटे मोटे बोबे जल्दी जल्दी ऊपर नीचे हो रहे थे मैं जल्दी जल्दी उन्हें छोड़ रहा था और वो बोली "म्मम्म सोनू और तेज ...आह्ह्ह और तेज ...आह्ह्ह्ह मुझे बहुत मजा आ रहा है सोनू अह्ह्ह्हह...स्स्स्स और तेज ....आह्ह्ह "उनकी एसी बातें सुन के मुझे और जोश चढ़ रहा था और मैं जल्दी जल्दी और तेजी से अपने लंड से उनकी चूत में धक्के मारने लगा मेरा मुंह उनके मुंह के बिलकुल पास था मैं उन्हें किस करने लगा और मैंने महसूस किया की प्रीती दीदी की सांसें बहुत तेज चल रही थी वो शायद झरने ही वाली थी और मैं लगातार उनकी चूत में अपने लंड से धक्के मार रहा था और तभी प्रीती दीदी के मुंह से एक बहुत लम्बी सिसकी निकली "स्स्सस्स्स्सस्स्स......आह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह" और उनकी चूत ने पानी छोड़ दिया था जो मुझे भी महसूस हुआ अब प्रीती दीदी झर चुकी थी और अब मेरा मुट भी निकलने ही वाला था मैं भी जल्दी जल्दी धक्के मरने लगा मेरा लंड जल्दी जल्दी प्रीती दीदी की चूत से अंदर बाहर हो रहा था और तभी मेरा मुंह से भी एक सिसकी निकली "आह्ह्हह्ह्ह्हह्हह्ह्हह्ह्ह्हह्ह" और मेरा भी मुट निकल गया मेरा सारा मुट मेरी प्यारी प्रीती दीदी की चूत में निकल गया मैं उनके ऊपर ही लेटा रहा उन्होंने मेरे मुंह को उठाया और मुझे एक लम्बा सा किस किया और वो बोली "मुझे बहुत मजा आया सोनू आई लव यू सो मच तू मुझे हमेशा ऐसे ही प्यार करेगा ना मुझे हमेशा ऐसे ही चोदेगा ना" मैंने कहा "हाँ प्रीती दीदी आई लव यू टू सो मच मैं आपको हमेशा ऐसे ही चोदूंगा दीदी" और फिर हम दोनों ने वापस एक लम्बा सा किस किया और एक ही कंबल में दोनों एक दूसरे से लिपट के सो गए........

❤️ FINALLY ek aur khani end hui , agar aap logo ko isi tarah kahaniya pasand aayengi , to mai post karunga 😘

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Lovely story 🥰...I also want this enjoyment with my sis😁
 

loxilot 55

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मैं और मेरी प्यारी दीदी 2​



दीदी वहां से उठी और जाने लगी मैं साइड पोज़ से उनके बोबे देख रहा था कितने मोटे बोबे थे दीदी के मैंने देखा उनके चेहरे पे अजीब से expressions थे शायद आज जो कुछ भी हुआ उनके साथ वो उसी के बारे मैं सोच रही थी दीदी बाथरूम मैं चली गयी मुझे पता था की दीदी बाथरूम मैं क्यों गयी है शायद ये देखने की आज उनकी चूत ने क्या गुल खिलाये है दीदी के बदन के अँधेरे मैं इतने मजे लेने के बाद मेरा भी हालत ख़राब हो चुकी थी मैं भी टॉयलेट में गया और अपना खड़ा लंड बहार निकल कर उसे सहलाने लगा आँखें बंद करके और जो कुछ भी आज हुआ उसके बारे मैं सोचने लगा की मैंने दीदी के आज कैसे मजे लिए उनके बोबे दबाये उनकी चूत मसली आज पहली बार मैंने अपनी दीदी के नाजुक जिस्म को छुहा था कितना कोमल बदन था मैं सोचने लगा की दीदी के निप्पल्स कैसे होंगे मुझे तो वो छोटे 2 से लग रहे थे जब मैं उनपे अपनी ऊँगली फेर रहा था मैं कल्पना करने लगा की दीदी के निप्पल्स कैसे होंगे

इतने में मैं झर गया टॉयलेट से बहार आके मैं वापस आया तो दिनेश अंकल वही बैठे हुए थे दीदी अभी तक नहीं आई थी मैं सोच रहा था दीदी अंदर अपने कपडे चेंज कर रही होगी आखिर मैंने आज उन्हें इतने मजे दिए थे की उनकी सलवार गीली हो गयी थी सामने से और पेंटी के तो ना जाने क्या हाल होंगे अंदर से थोड़ी देर बाद दीदी आयी उन्होंने अपने कपडे चेंज कर लिए थे शायद दीदी नहा ली थी इसलिए उन्होंने अपने सारे कपडे ही चेंज कर लिए थे दीदी ने नहा कर पिंक कलर का स्लीवलेस टॉप और जीन्स की शोर्ट कैपरी पेहेन ली थी दीदी बहुत सेक्सी लग रही थी फिर दीदी आई और जिसे ही दिनेश अंकल दीदी से कुछ बोलने वाले थे दीदी ने उनसे कहा की "अंकल आज आपने जो भी किया अच्छा नहीं किया " अंकल ने कहा "बेटी मैंने क्या किया ?" दीदी ने कहा "अंकल मुझे कुछ नहीं सुन्ना आज के बाद आप प्लीज घर मत आईएगा नहीं तो मैं पापा और मम्मी को सब कुछ बता दूंगी जो भी आपने किया " अंकल चले गए मैं अंदर से खुश हो रहा था की मजे मैंने लिए और लंका दिनेश की लग गयी रात को हम सब साथ मैं खाना खा रहे थे तभी मम्मी ने दीदी से कहा "प्रीती कल बुआ जी की लड़की की शादी का लेडीज संगीत है तो तू भी चलना मेरे साथ कल स्कूल मत जाना " दीदी ने कहा "ठीक है मम्मी लेकिन मैं कल पहनू क्या जीन्स टॉप या सूट " मम्मी ने कहा "अरे ये सब तो तू हमेशा ही पहनती है कल तू मेरी साडीयों मैं से कोई अपनी पसंद की साडी देख लेना और जिसका भी ब्लाउज तुझे फिट आ जाये वो पेहेन लेना " दीदी ने कहा " ठीक है मम्मी " अब मेरे दिमाग मैं यही बात घुमने लगी की दीदी साडी में कितनी सेक्सी लंगेगी कल तो दीदी को नंगी देखूंगा ही आज दीदी के बोबे दबा के उनकी चूत पे अपना हाथ फेर के ऊँगली करके मजा तो बहुत आया था लेकिन मैंने अभी तक दीदी को पूरी नंगी नहीं देखा था और मैं अपनी दीदी को नंगी देखने के लिए बहुत उत्साहित था जिस दीदी के पूरे बदन के मैंने मजे लिए थे वो बिना कपड़ो के दिखता केसा है ये मुझे नहीं पता था इसलिए मैंने decide की अब तो दीदी को साडी उतारते हुए ही देखूंगा रात को खाना खाके पापा सोने चले गए और मैं बेड पर बैठा 2 टीवी देख रहा था मम्मी और दीदी भी उसी बेड पर बैठे हुए थे और बातें कर रहे थे दीदी ने खाना खाना के बाद लोअर और ब्लैक कलर का स्लीवलेस टॉप पेहेन लिया था मम्मी से बातें करते हुए दीदी थोडा सा लेट गयी और मुझे उनके टॉप के गले मैं से उनकी ब्रा और बोबो की झलक मिल

कितनी सेक्सी लग रही थी दीदी और उनके मुलायम कोमल बोबे जो शाम को मेरे हाथो मैं थे ये सोचते 2 मैं चादर के अंदर से अपना लंड सहलाने लगा और चोरी 2 दीदी को इस पोजीशन मैं लेटे हुए देखता रहा दीदी को एसे लेटे हुए देखते हुए मैंने दीदी की ब्रा के कप को देखा और देखते 2 सोचने लगा की यही ब्रा के कप्स थे जिनको शाम को मैंने नीचे करके दीदी के बोबो को ऊपर से नंगा कर दिया था इतने मैं मम्मी ने मुझसे कहा "सोनू तू भी कल स्कूल मत जाना घर पे रुकना कल तू " मैंने कहा " हाँ मम्मी " और सोचने लगा की कल दीदी को साडी उतारते हुए केसे देख जाये पहले जो चोंटे मेरे साथ हुई थी मैंने उनको भी ध्यान मैं रखा की एसा कुछ प्लान बनाऊ की ये मौका हाथ से न जाने पाए फिर दीदी और मैं सोने के लिए हमारे रूम मैं आगये मैं अपने बेड पे लेट गया और दीदी अपने बीएड पे बैठी हुई थी और सोने की तैयारी कर रही थी वो अपने दोनों हाथ ऊपर करके अपने बालो को खोल रही थी इस कारण उनके छाती बहार की साइड आगयी थी और उनके मोटे मोटे बोबे भी बहार आ गये थे मेरा लंड वापस अंगडाई लेने लगा दीदी के मोटे बोबो को देख के दीदी अपने बालो के क्लिप को साइड में रख रही थी और दीदी का क्लिप नीचे गिर गया और उसे उठाने के लिए वो नीचे झुकी और वापस उनके टॉप के गले मैं से मुझे उनके बोबो की झलक दिखाई दे गयी|
दीदी के बोबे देखते हुए मैं अपने होठो पे अपनी जीभ फेरने लगा की कितने रसीले हैं दीदी के बोबे कब मुझे इन्हें चूसने को मिलेगा कब मैं अपनी जीभ दीदी के निप्पल्स पे लगा के उन्हें चुसुंगा उनके दोनों बोबो को कब चुसुंगा कब इनका रस पियूँगा तभी दीदी ने लाइट बंद कर दी और मुझे gudnight विश किया लेकिन नींद तो आँखों से बाहर थी मेरे दिमाग मैं तो बस दीदी के बोबे ही घूम रहे थे 6 सुबह बजे मैं उठा तो दीदी ने अपनी चादर हटा दी थी और दीदी को सोते हुए देख मेरा लंड खड़ा हो गया दीदी करवट लेके सो रही थी ओत उनके बोबे चिपक रहे थे ओए उनके मोटे बोबे कितना हसीं क्लीवेज बना रहे थे उनकी ब्रा की स्ट्रैप्स मुझे साफ़ 2 नजर आ रही थी उनकी ब्रा की स्ट्रेप उनके कंधे तक आगयी थी मैं धीरे से दीदी के पास गया और उनकि ब्रा की स्ट्रेप पे धीरे से किस किया फिर उनकी टॉप के गले को आगे से धीरे से खींचा तो मुझे उनकी अंदर से ब्रा के कप्स नजर आ गए थे मेरी इच्छा तो हुई की उनके ब्रा मैं हाथ डाल के उनके बोबे दबा दू लेकिन मैं ऐसा कुछ कर नहीं सकता था मैंने 1 हाथ से उनके टॉप का गला पकड़ा हुआ था और दुसरे हाथ से अपना लंड बाहर निकाला और उसे 2 जल्दी हिलाने लगा और दीदी की ब्रा और बोबो को देखते हुइ सोचना लगा की इन्हें कल मसला था मैंने अँधेरे में थोड़ी देर मे मैं झर गया मैंने दीदी के टॉप के गले को ठीक किया और वापस सो गया सुबह से दीदी और मम्मी अपनी 2 तैयारियों मैं लगे हुए थे शादी मैं जाने के लिए वो अपनी तैयारी कर रहे थे मैं अपनी तैयारी कर रहा था की दीदी को नंगी केसे देखा जाये दिन मे दीदी मम्मी के रूम मैं गई और गेट बंद कर लिया मैं रूम के दरवाजे पर कान लगा कर उनकी बातें सुनने लगा दीदी "मम्मी मुझे साडी पहननी तो आती नहीं है तो कैसे पहनुगी " मम्मी ने कहा "अरे तो यहाँ पेहेन ले न मेरे सामने " दीदी ने बोला "फिर मम्मी ब्रा पेंटी ?" मम्मी ने कहा " ओहो ! जो भी ब्रा पेंटी तुझे पहननी है वो अपने बाथरूम मैं पेहेन ले और वापस यही कपडे डाल के मेरे रूम मैं आजा फिर यहाँ साडी पेहेन ले मैं बता दूंगी केसे पहननी है " दीदी ने कहा "ठीक है मम्मी " मैंने ये बातें सुन ली थी और मुझे याद आया की मैंने दीदी के बाथरूम के दरवाजे मैं पहले छेद कर दिया था आज मेरे पास में मौका था दीदी को ब्रा पेंटी पहनते हुए देखने का दीदी बाथरूम मैं घुसी दरवाजा बंद किया और मैंने दरवाजे के छेद मे से वो पेपर का टुकड़ा निकाला और मेरे सामने मेरी दीदी पेहेन रही थी


आज मैंने पहली बार इतने पास से और सामने से अपनी दीदी को ब्रा मैं देखा था क्या शेप बन रहा था दीदी की ब्रा को उनके मोटे बोबो के कारन फिर मैं दीदी को ब्रा पहनते हुए देखते हुए अपना लंड सहलाने लगा फिर दीदी पेंटी पहनने लगी लेकिन बाथरूम के दरवाजे का छेद छोटा था तो मुझे नीचे का कुछ नजर नहीं आया फिर दीदी बाहर निकली और मम्मी के रूम में चली गयी मैं वापस अपनी तयारी मैं लग गया थोड़ी देर बाद दीदी बहार आयी और मैंने उन्हें देखा तो देखता ही रह गया इतनी सेक्सी लग रही थी मेरी दीदी साडी मैं लम्बे खुले बाल आँखों मैं काजल कानो मैं बड़े 2 इअर रिंग्स हाथो मैं चूडिया गले मैं छोटा सा हार मैंने अपनी दीदी को इतनी सेक्सी तो कभी नहीं देखा था दीदी ने साडी उनके पेट की नाभि के नीचे बाँधी हुई थी जिस से वो और भी सेक्सी लग रही थी मैं दीदी को देखने मैं इतना खो गया की मुझे ध्यान ही नहीं रहा की दीदी मुझे आवाज दे रही है दीदी ने मुझे हिलाया और कहा "ओ बेहरे कौनसी दुनिया में है तू कब से पूछ रही हु कैसे लग रही हु मैं " मैंने मन में कहा बहुत सेक्सी और हॉट दीदी बड़ी कातिल लग रही हो आप दीदी ने फिर पुछा "अरे बता ना !" मैंने कहा "दीदी आप बहुत अच्छी लग रही हो आप बहुत सुंदर हो I Love you " दीदी ने कहा "धत पागल कही का कुछ भी बोलता रहता है " और दीदी चली गयी और मैं जाते हुए साडी में से उनकी गांड देखने लगा क्या सेक्सी गांड लग रहि थी दीदी की साडी मे अब मैंने सोच लिया था की आज तो दीदी को साडी उतारते हुए जरुर देखूंगा चाहे कुछ भी हो जाये इतने सेक्सी परी को नंगी देखने एसा मौका फिर कभी नहीं आएगा मम्मी और दीदी संगीत के लिए निकल गए और मैं घर पे अकेला था और सोच रहा था की इतनी खुबसूरत मेरी दीदी को आज साडी उतारते हुए केसे देखा जाये मैंने दीदी के बाथरूम के दरवाजे में तो पहले ही छेद कर दिया था अब मैंने सोचा की क्या पता दीदी आज वापस अपने रूम में ही अपने कपडे चेंज करने लग जाये तो मैं आज वापस कुछ नहीं देख पाऊंगा तो मैंने पेचकस लिया और दीदी के रूम के दरवाजे में भी 1 छेद कर दिया और उसमे भी पेपर का टुकड़ा फंसा दिया ताकि किसी को पता नहीं पड़े की दरवाजे मैं छेद है अब मैं बहुत खुश था क्यों की दो जगह थी जहाँ दीदी अपने कपडे चेंज करती थी और उन दोनों ही जगहों के दरवाजो मे मैंने छेद कर दिया था उन्हें नंगी देखने के लिए अब मैं मम्मी और दीदी के आने का वेट करने लगा अभी उनके आने मे टाइम था तो मैंने लैपटॉप ओन किया और दीदी का अकाउंट खोला और उनकी chats निकाली मैंने दीदी की वही chats निकाली जिसमे जीजू उनके यहाँ वहां हाथ लगा रहे थे जो क्योंकि मैं वो chat आधी ही पड़ पाया था मम्मी के आजाने के कारन मैंने उसे वही से ही पड़ना स्टार्ट किया जहाँ से मैंने छोड़ा था :-

priti - मैं श्रेया को गोद में लेके खिलाने लगी तभी जीजू ने श्रेया को मुझसे माँगा मैंने श्रेया को आगे किया जीजू की बाँहों मे देने के लिए इतने में जीजू ने अपने हाथ से मेरे बूब्स को दबा दिया श्रेया को लेने के बहाने और मुस्कुरा कर चले गए मुझे समझ नहीं आ रहा था की मैं क्या करू इन सब को कैसे रोको क्यों की जीजू बहुत ज्यादा छेड़ छाड़ कर रहे थे अगर दीदी देख लेती तो सारी बात मुझ पर आती जबकि मेरी कोई गलती ही नहीं थी
raj - फिर जान
priti - उस दिन दीदी के घर 2-3 गेस्ट्स और आगये उनका फ्लैट बहुत ही छोटा था तो दीदी ने कहा "प्रीती तू 1 काम कर तू हमारे बेडरूम मैं ही सो जाना मेरे पास और इन गेस्ट्स को तेरे रूम मैं शिफ्ट कर देते हैं " मैंने कहा " ठीक है दीदी " दीदी के कहने पे मैं अपना सारा सामान दीदी जीजू के बेडरूम में ले आयी फिर रात को सोने का टाइम हुआ ...
raj - जान तुमने उस दिन रात को पहना क्या था
priti - उम्म्म्म्म जानू याद नहीं है बट शायद क्रीम कलर का पतला सा टोपर था और कैपरी थी
raj - फिर जान आगे क्या हुआ
priti - रात को सब सोने लगे तो डबल बेड पे जीजू 1 कोने में सो गए बीच मैं दीदी और सबसे कोने पे मैं सो गयी रात के करीब 1 बजे मेरी नींद खुली थोड़ी सी आवाजो से मैंने थोडा सा चादर हटा कर देखा तो पास में दीदी जीजू के ऊपर लेटी हुई थी और दोनों किस कर रहे थे और मुझे उनके किस्सेस की हलकी 2 आवाजें भी आ रही थी तभी दीदी ने जीजू से बोला " यार तुम पागल हो क्या प्रीती भी इसी रूम में सो रही है थोडा तो सोचो अगर उसने कुछ देख लिया तो छोड़ो न मुझे प्लीज " जीजू ने कहा "अरे कोई कुछ नहीं दिखेगा उसे सो रही है वो भी " फिर दीदी जीजू वापस किस करने लगे पूरे रूम में अँधेरा था बस हलकी सी चाँद की रौशनी आ रही थी मुझे उनकी आवाजें सुन कर कुछ 2 होने लगा था
raj - वाओ !! यार तुम पास मैं लेटी हो और दीदी जीजू किस कर रहे थे सोच के ही खड़ा हो गया मेरा तो तुम भी तो गरम होने लग गयी होंगी न
priti - ह्म्म्म्म्म्म
raj - फिर क्या हुआ जान
priti - फिर जीजू ने दीदी को बेड पे लेटा दिया और किसेस करने लगे फिर जीजू ने दीदी को वापस अपने ऊपर ले लिया करवट बदलते 2 जीजू मेरे काफी पास आगये थे अब जीजू दीदी को अपने ऊपर लेके किस कर रहे थे और तभी मुझे मेरे टॉप के ऊपर कुछ महसूस हुआ वो जीजू का हाथ था मेरी चादर के अंदर वो दीदी को किस 2 करते मेरे टॉप पे से मेरे बूब्स को दबा रहे थे मुझे समझ नहीं आ रहा था की मैं क्या करू इन्हें केसे रोको साला कमीना अपनी बीवी को किस कर रहा है और मेरे बूब्स पे हाथ फेर रहा है फिर दीदी जीजू के पूरी बॉडी पे किस करते 2 चादर के अंदर नीचे चली गयी और जीजू ने 1 हाथ अपनी बीवी के सर पे रख रखा था और उनके बालो को सहला रहे थे और दुसरे हाथ से मेरे टॉप पे से मेरे बूब्स को दबा रहे थे..
raj - फिर
priti - मुझे अजीब सी फीलिंग होने लगी तभी जीजू ने अपना हाथ मेरे पेट पे रखा और मेरे नाभि में ऊँगली डाल के गोल 2 घुमाने लगे मुझे पता नहीं क्या होने लगा था मैंने दोनों हाथ से अपना तकिया पकड़ लिया मुझे अपने शरीर पे जीजू का हाथ इतना अच्छा लग रहा था तभी जीजू का हाथ मेरे पेट पे से मेरे टॉप के अंदर गया और धीरे 2 ऊपर जाने लगा उनका हाथ मेरे टॉप के अंदर मेरी ब्रा पे था वो मेरे बूब्स को मेरी ब्रा पे से दबाने लगे मुझे अजीब सा नशा छा रहा था मेरे दोनों बूब्स को मेरी ब्रा पे से दबाने के बाद जीजू का हाथ मेरी गर्दन पे आया और मेरे टॉप के गले मैं वो अपना हाथ डालने लगे
raj - फिर क्या हुआ जान और तुमने मना क्यों नहीं किया
priti - चाह के भी मैं उन्हें मना नहीं कर पा रही थी पता नहीं मुझे क्या हो रहा था फिर उन्होंने मेरे टॉप के गले में अपना हाथ डाला और मेरी ब्रा के कप के अंदर अपना हाथ डाल के मेरे 1 बूब को दबाने लगे और उसे बहार निकलने लगे उनका हाथ लगते ही मेरा निप्पल बिलकुल टाइट हो गया फिर वो मेरे टॉप के गले में से मेरा दूसरा बूब भी बहार निकलने लगे और अपने हाथ से उन्होंने मेरा दूसरा बूब भी बहार निकल लिया

फिर उन्होंने मेरे टॉप और ब्रा के स्ट्रेप्स को दोनों को मेरे कंधे से नीचे कर दिया जिस से मेरी ब्रा और टॉप दोनों अपने आप ही नीचे हो गए और मेरे दोनों बूब्स बाहर आ गये मेरे निप्पल्स जीजू का हाथ के कारन बिलकुल टाइट और खड़े हो गए थेअब वो मेरे बूब्स को दबाने लगे उन्हें सहलाने लगे मेरे मुह से भी हलकी 2 सिसकियाँ निकल रही थी मैं पता नहीं अलग ही दुनिया में थी मुझे इतना ज्यादा मजा कभी नहीं आया था मेरी पेंटी बहुत गीली हो गयी थी जीजू अपने हाथ से मेरे बूब्स को बारी 2 दबा रहे थे फिर वो अपने ऊँगली से मेरे खड़े हुए निप्पल को गोल 2 घुमाने लगे मेरे दोनों बूब्स के दोनों निप्पल्स से खेलने लगे तभी दीदी थोडा सा ऊपर आई और जीजू ने जल्दी से अपना हाथ मेरी चादर मैं से बहार निकाला तब मैं भी होश मैं आयी और फटाफट अपनी ब्रा ऊपर की टॉप ऊपर किया तभी दीदी ने जीजू से कहा "जानू जब होने वाला हो तब बता देना " मुझे इसका मतलब समझ नहीं आया की दीदी ने जीजू से एसा क्यों कहा फिर दीदी वापस वापस नीचे गयी और जीजू ने वापस मेरी चादर में हाथ डाला अब मुझे इन सब पे रोक लगानी थी तो मैं जोर से खांसी और करवट बदल के सो गयी दीदी भी फटाफट ऊपर आके मेरे पास जल्दी से लेट गयी शायद उन्हें लगा होगा की मैं उठ गयी हु |

अचानक दरवाजे की बेल बजी मैंने जल्दी से लैपटॉप बंद किया और ख़ुशी से दरवाजा खोलने गया देखा तो सामने मेरी प्यारी दीदी साडी पहेने हुए खड़ी थी वो लेडीज संगीत मे से वापस आ गयी थी मैंने कहा "दीदी मम्मी कहाँ है " दीदी ने कहा "सोनू मम्मी वही रुक गयी थोड़ी देर के लिए और मैं आगयी मम्मी भी आ जाएंगी अभी " अब मैं मन ही मन खुश हुआ की यार आज तो किस्मत भी मेरा साथ दे रही है घर पे बस हम दो जने ही है जब दीदी कपडे चेंज करेंगी तो उन्हें नंगी देखने में ना किसी का डर रहेगा ना कोई प्रॉब्लम होगा दीदी अपने आप को कांच में देख रही थी मैं जान कर के दीदी के रूम मैं बेठ गया दीदी अपनी सुन्दरता को कांच मैं निहार रही थी तभी दीदी ने मुझसे पुछा " सोनू आज मैं कैसे लग रही थी साडी में मैंने कहा "बहुत अच्छी दीदी आप बहुत ही सुंदर लग रही थी 1 परी की तरह " दीदी ने कहा हा हा चल अब बहार जा मुझे कपडे चेंज करने है मैं समझ गया की दीदी आज वापस रूम मैं ही चेंज करेंगी और मैं बहुत खुश था क्यों की उनके रूम के दरवाजे मैं मैंने छेद कर दिया था दीदी ने दरवाजा बंद किया और मैंने दरवाजे के होल मैं से देखा दीदी ने अपने कंधे पे ब्लाउज पे से अपनी साडी की पिन हटाई और टेबल पे रखी तो वो पिन नीचे गिर गयी दीदी उसको उठाने के लिए नीचे झुकी और मुझे उनके ब्लाउज के गले मैं से उनके मोटे मोटे बोबे दिखाई दिए दीदी ने पिन उठा के टेबल पे रखी फिर नीचे बेठ कर अपनी पयाल उतरने लगी जब दीदी नीचे बैठी तो उनका साडी का पल्ला नीचे गिर गया और दीदी को मैंने ब्लाउज मैं देखा क्या लग रही थी दीदी खुले बाल होठो पे लिपस्टिक गले मैं चैन बहुत ही सुंदर

फिर दीदी अपनी पायल उतार के खड़ी हुई और अपनी साडी उतरने लगी दीदी के खुले हुए बाल थे कानो में इअर रिंग्स हाथो में चूड़ियाँ दीदी अपनी साडी उतार रही थी तो उनके लम्बे घने बड़े काले बाल उनके फेस पे आगये क्या सेक्सी लग रही थी मेरी दीदी फिर दीदी ने साडी उतार दी मैं दीदी के नंगे कोमल पेट को देख रहा था उनके नाभि के छेद को देख रहा था फिर मैंने दीदी को ब्लाउज और पेटीकोट में देखा और उनको ऐसे देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया फिर दीदी ने अपने ब्लाउज के हुक खोलने चालू किये मैं अपने खड़े लंड को सहला रहा था और देख रहा था की धीरे 2 दीदी अपने ब्लाउज के सामने से हुक खोल रही थी दीदी ने अपने ब्लाउज के ऊपर के 3 हुक खोले और मुझे दीदी की ब्रा की स्ट्रैप्स और उनके मोटे बोबो का बड़ा सा क्लीवेज दिखाई दिया कितनी हॉट लग रही थी मेरी दीदी खुले बाल होठों पे लिपस्टिक आँखों मैं काजल कानो में बड़े 2 एअर रिंग्स गले मैं चैन ब्लाउज के ऊपर के 3 हुक खुले हुए थोड़ी सी ब्रा दिख रही थोड़े से बड़े बड़े बोबे दिख रहे दीदी की ब्रा के स्ट्रैप्स बहुत टाइट लग रहे थे उसी से पता चल रहा था की दीदी के बोबे कितने मोटे और टाइट हैं फिर दीदी ने अपना ब्लाउज पूरा उतार दिया अब मेरी दीदी मेरे सामने अपनी ब्रा मैं थी कितनी सेक्सी लग रही थी दीदी ब्रा मैं फिर पता नहीं उन्हें क्या हुआ वो उन्होंने वापस अपनी साडी ऐसे ही लपेट ली और अपनी ब्रा के ऊपर साडी का पल्ला डालने लगी शायद वो देखना चाहती थी की उनके बोबे कितने मोटे है और कितने बाहर आते है
ब्रा में से क्या मोटे मोटे बोबे लग रहे थे दीदी के मैं सोच रहा था की ये कब आयेंगे मेरे हाथ में फिर दीदी अपने आप को ब्रा पहने हुए कांच मैं देखने लगी और मुझे दीदी के बोबो का साइड पोज़ दिखा उनकी ब्रा में से फिर दीदी ने अपना पेटीकोट भी उतार दिया और साडी को ढंग से रखने लगी मेरी दीदी मेरे सामने अब ब्रा और पेंटी में थी दीदी साडी ढंग से रख रही थी और उनकी पीठ मेरे तरफ थी मैं दीदी को पीछे से ब्रा पेंटी मैं देख रहा था क्या टाइट और चिकनी गांड थी दीदी की तभी दीदी पलटी और मुझे मेरी दीदी को ब्रा और पेंटी मैं से सामने से देखने का मौका मिला मैं अपने लंड को हिलाने लगा कितनी सेक्सी लगती है मेरे बहिन ब्रा और पेंटी में चिकना गोरा कोमल बदन टाइट ब्रा लोवेस्ट पेंटी बिलकुल सेक्स की देवी लग रही थी मेरी दीदी मैं अपना लंड जोर 2 से हिलाने लगा उन्हें ब्रा पेंटी में सामने से देखते हुए मैं उन्हें ब्रा पेंटी में से देखते हुए लगा की कब मैं इनकी ब्रा उतार के इनके बोबे दबाऊंगा इनके निप्पल चुसुंगा इनकी चड्डी उतार के इनकी चूत पे हाथ फेरूंगा इनकी चूत चाटूंगा...दीदी मेरे सामने ब्रा पेंटी में खड़ी थी और अपनी साडी हेंगर कर रही थी वो जब भी झुकती मुझे उनकी प्यारी चिपकी हुई लो वेस्ट पेंटी में से उनकी कोमल गांड के दर्शन होते दीदी ने साडी हेंगर की और बेड पे ब्रा पेंटी में ही लेट गयी मैं उन्हें दरवाजे के छेद में से सामने से देख रहा था मैंने नीचे से ऊपर तक उन्हें लेटे हुए देखा गोरी टांगें फिर उनकी गोरी चिकनी जांघें उसपे उनकी छोटी सी पतली सी पेंटी जो सामने से उनकी चूत का शेप बना रही थी फिर उनके मोटे २ नरम 2 ब्रा में क़ैद बोबे जो बहुत अच्छा शेप बना रहे थे दीदी के हाथ उनके बालो पे थे उनके चिकने साफ़ अंडर आर्म्स मेरी दीदी कितनी सेक्सी लग रही थी उस तरह लैटे हुए तभी दीदी बैठ गयी थोडा सा मुस्कुराई और अपने पर्स में से अपना सेलफोन निकाला और फोन करने लगी मुझे दीदी की बातें साफ़ सुनाई दे रही थी दीदी अपने bf से बात कर रही दीदी ने फोन करके बोला "हेलो !! क्या कर रहे हो मैं तो आज शादी में गई थी , हा हा पता था मुझे तुम यही पूछोगे नालायक इन्सान की क्या पेहेन के गयी थी चुप हो जाओ नहीं बता रही हे देखो देखो कैसे तरस रहे हो जानने के लिए , साडी पेहेन के गयी थी सबने कहा की मैं बहुत सुंदर लग रही थी , हा बस यही पूछना तुम ब्रा पेंटी पेहेन रखी थी अंदर और क्या उम् ब्लैक कलर की पेंटी थी और ब्लैक कलर की ब्रा जानू , तुम्हे पता है की अभी मैं किस कंडीशन में हु , अगर देख लेते तो पागल हो जाते तुम , नहीं बता रही , अच्छा बाबा बताती हु वो मैं हे ना अपने कपडे चेंज कर रही थी , हा साडी भी उतार दी और ब्लाउज और पेटीकोट भी , हा बस ब्रा पेंटी में ही हू , हा हा तुम्हारा तो हमेशा ही खड़ा हो जाता है , हा बोलो ना करुँगी जो तुम बोलोगे , पागल हो क्या नहीं , यार मुझे शर्म आती है ना "

मुझे दीदी की बातें सुन कर इतना ज्यादा इरोटिक फील हो रहा था की मैं बता नहीं सकता मेरी दीदी मेरे सामने आधी नंगी होक अपने bf से फोन पे बात कर रही थी और उसे बता भी रही थी की वो इस समय ब्रा पेंटी में है दीदी की बातों से मुझे एस लगा की उनका bf उनसे कुछ करने को कह रहा है और दीदी को शर्म आ रही है तभी दीदी ने अपना हाथ अपने बोबे पे फेरा अब मुझे समझ आगया था की ये लोग फोन सेक्स कर रहे है और उनका bf उन्हें खुद को टच करने की कह रहा है मैं भुत ज्यादा excited था मैंने और ध्यान से दीदी की बातें सुनी " हा जणू कर दिया न अब मत बोलना एस कुछ भी , अरे यार किया न अभी , नहीं जणू वापस नहीं प्लीज यार समझो न मुझे शर्म आ रही है ना , जब तुम रहोगे सामने तो तुम ही कर देना , अच्छा है " और तभी दीदी ने अपने दोनों हाथ से अपने दोनों बोबो को दबाया उन्हें सहलाया फिर अपने ब्रा के कप मे हाथ दाल कर अंदर से अपने बोबो को दबाने लगी उन्हें सहलाने लगी मेरा लंड तो फटने की हालत में अगया था मेरी दीदी मेरे सामने खुद अपने हाथो से अपने बोबो को सहला रही थी उन्हें दबा रही थी , फिर दीदी ने कहा "लो दबा दिए मैंने ब्रा के ऊपर से भी और ब्रा के अंदर से भी हा अभी मेरे दोनों बूब मेरे हाथ मैं ही है ".फिर दीदी ने कहा "लो दबा दिए मैंने ब्रा के ऊपर से भी और ब्रा के अंदर से भी हा अभी मेरे दोनों बूब मेरे हाथ मैं ही है " मैंने कभी सोचा भी नहीं था की मुझे एसा नजारा भी कभी देखने को मिल सकता है और ना मैंने ये सोचा था की मेरी दीदी अपने bf को ये सब बतायेंगी की मैं आधी नंगी हु तुम खुद ही मेरी ब्रा खोल देना मेरे बोबे दबा लेना।।।दीदी को इसी हालत में देखते हुए मुझे मेरे लंड पे काबू नहीं किया जा रहा था दीदी भी अपने बोबो पे हाथ फेर रही थी ब्रा के अंदर से बहार से फिर दीदी ने बोला "हा जानू बोलो , अच्छा लग रहा है , हा ब्रा पेहेन रखी है अभी , ब्रा के ऊपर से हाथ फेर रही हु , हा नीचे गीला गीला सा लग रहा है , पेंटी मे और कहा सब जानते हो तुम जान कर के पूछते हो मुझसे , हा बहुत डिस्चार्ज हो रहा है और excited फील हो रहा है " ये सब बातें दीदी के मुह से सुन सुन के मुझे और भी मजा आ रहा था के मेरी दीदी भी गरम हो रही ही है उनके प्यारी चिकनी कोमल चूत में से पानी निकल रहा है , तभी दीदी ने अपनी ब्रा के 1 कप को नीचे कर दिया और उनका 1 बोबा बहार आ गया मैंने आज पहली बार इतना इरोटिक और सेक्सी सीन देखा था दीदी को किसी और के साथ फोन सेक्स करते हुए देखना उन्हें धीरे 2 किसी और के कहने पर अपने कपडे खोलते हुए देखना कितना मजा था इसमें ,

मैंने 1 बात नोटिस की कि दीदी अब अपने bf को किसी भी बात के लिए मना नहीं कर रही थी शायद उन्हें भी सेक्स अच्छी तरह से चढ़ चूका था दीदी ने अपनी ब्रा के कप को नीचे किया और अपने नंगे बोबे को सहलाने लगी उसे दबाने लगी दीदी के निप्पल बहुत ही प्यारे थे ब्राउन कलर के बिलकुल छोटे 2 वो कितनी excited थी इस बात का पता उनके खड़े हुए निप्पल को देख के ही पता चल रहा था उनका निप्पल बिलकुल टाइट खड़ा था , फिर दीदी ने अपनी ब्रा के दुसरे कप को भी नीचे कर दिया और अब उनके दोनों बोबे उनकी ब्रा में से बाहर आगये थे कितने प्यारे मोटे गोरे गोरे और मुलायम बोबे थे मेरी प्यारी दीदी गोरे बोबे उनके ऊपर छोटे 2 से ब्राउन निप्पल्स बहुत ही सेक्सी लग रहे थे फिर दीदी ने कहा "ह्म्म्म्म , मजा आ रहा है , हा मैंने अपनी ब्रा के दोनों कप्स नीचे कर दिए है हा जानू , मेरे निप्पल्स ब्राउन कलर के है हा खड़े हुए है , हा आओ ना चुसो ना मुझे बहुत अच्छा लग रहा है जानू , हा जानू मेरी वेजिना से काफी ज्यादा डिस्चार्ज हो रहा है मैं बहुत excited फील कर रही हु , मेरी पेंटी पूरी गीली हो गयी है " और तभी दीदी ने वो किया जिसकी मैंने कभी उम्मीद नहीं की थी दीदी ने अपना हाथ अपने बोबे को दबाते हुए अपनी पेंटी के अंदर दाल दिया अब मुझसे काबू न हुआ जिस लड़की को नंगी देखने के लिए मैंने इतने दरव्जो मे छेद किये आज वो मेरे सामने ऊपर से पूरी नंगी होके अपनी चड्डी मे हाथ डाल रही है ये सब देख कर मुझसे रहा ना गया और मैंने अपना लंड निकाला और जल्दी 2 पागलो की तरह हिलाना शुरू कर दिया अपनी दीदी को इस कंडीशन में देख के मुठ मारने मे कितना आनंद आता है मैं बयां नहीं कर सकता थोड़ी ही देर मे मैं झर गया मैंने सार मूट दीदी के रूम के दरवाजे पे ही निकाल दिया था मैं वहां से जल्दी उठा पोछा लाया मूट साफ़ किया जमीन पे से फिर वापस छेद में से देखा तो दीदी ने अपनी पेंटी में हाथ डाल रखा था अब मुझे थोड़ी जेलेसी होने लगी क्योंकि मेरा काम तो हो चूका था और कोई और लड़का मेरी दीदी के मजे ले या मेरी दीदी किसी और से मजे ले ये मुझसे सहा नहीं गया और मैंने फोन उठाया और मम्मी को फोन किया



मैं : - " मम्मी कहाँ हो आप मुझे भूख लगी है "
मम्मी :- " क्यों सोनू प्रीती ने तुजे खाना नहीं दिया किया "
मैंने कहा :- " नहीं दीदी तो १ घंटे से दरवाजा बंद करके बैठी है पता नहीं क्या कर रही है"
मम्मी ने कहा :- "ला बात करा मेरी उससे "
मैं ख़ुशी से फोन हाथ मे लेके दीदी के रूम के दरवाजे पे गया और जोर 2 से दरवाजा खटखटाने लगा " दीदी दीदी दरवाजा खोलो " फिर छेद में से देखा तो दीदी सकपका गयी जल्दी से पेंटी में से हाथ निकाला फोन पर्स म डाला अपने ब्रा के कप्स ऊपर किये फिर बोली "रुक सोनू मैं कपडे बदल रही हु " फिर दीदी ने फटाफट कैपरी पहनी टॉप पहना और दरवाजे की तरफ बड़ी मैं वापस सामने खड़ा हो गया दीदी ने दरवाजा खोला और बोला
दीदी :- " हा क्या हुआ कयों चिल्ला रहा है "
मैंने कहा :- "आप क्या १ घंटे से कपडे बदल रहे थे क्या कर क्या रहे थे आप अंदर "
तो दीदी ने कहा :- "तू ज्यादा दिमाग मत लगा अपना बोल क्यों चिल्ला रहा था "
मैंने कहा :- "मम्मी का फोन है "
दीदी :- "ला दे हाँ मम्मी बोलो "
मम्मी :- "तूने सोनू को खाना नहीं दिया अभी तक पागल है क्या और क्या कर रही थी १ घंटे से कमरे का दरवजा बंद करके "
दीदी :- "अरे ! मम्मी मेरे तो दिमाग से ही निकल गया रुको मैं अभी दे देती हु वो कुछ नहीं कपडे चेंज कर रही थी , हा मम्मी "
फिर दीदी ने फोन रखा मुझे खाना दिया दीदी ने भी खाना खाया फिर दीदी अपने रूम में चली गयी गयी और दरवाजा बंद कर लिया शायद दीदी नहाने गयी थी
मैंने छेद मे से देखा दीदी ने अपना टॉवल निकाला अपने कपडे निकाले और बाथरूम में घुस गयी मैं भी जाके टीवी देखने लग गया जब दीदी ने दरवाजा खोला तो दीदी नहा के आई थी उनके बाल गीले थे जो उन्होंने
clutcher से बाँध रखे थे दीदी ने मेहरून कलर का टॉप और नीचे ब्लैक कलर की पटियाला सलवार पेहेन रखी थी क्या खुशबु थी दीदी के डियो की
उनके साबुन उनके बदन की कितनी सेक्सी लग रही थी मेरी प्यारी दीदी वो मेरे पास आके बोली " क्यों माँ के लाडले ज्यादा चुगली करनी आ रही है क्या बड़ा बोल रहा था मम्मी को की दीदी तो 1
घंटे से दरवाजा बंद करके बैठी है " फिर दीदी ने मुझे गुदगुदी करना शुरू कर दिया "बोल अब करेगा चुगली " मैं हंस 2 के पागल हो गया और भागता हुआ बेड के पास आने लगा तभी दीदी ने
मुझे पीछे से पकड़ लिया और मैं दीदी की कमर पे धक्का दे रहा था खुद को छुड़ाने के लिए इसी तरह खुद को छुड़ाने के चक्कर में मैंने भी दीदी को गुदगुदी करना शुरू कर दिया
और कभी उनके पेट पे कभी उनके underarms कभी उनके बोबे के साइड वाले हिस्से पे गुदगुदी करने लगा इस सब मस्ती से मेरा लंड वापस खड़ा हो गया था

तभी दीदी ने मुझे बेड पे लिटा दिया और मेरे ऊपर बैठ गयी ताकि मैं हिल न सकू फिर बोली "अब कहाँ जायेगा बोल करेगा चुगली वापस " और मेरे गुदगुदी करने लगी मैं भी दीदी से छुटने के लिए कभी उनके कमर पे हाथ फेरने लगा कभी उनकी पीठ पे और मैंने दीदी के कमर के नीचे भी हाथ फेरा उनकी सलवार का कपडा काफी पतला था मुझे उनकी झाँगें और उनकी पेंटी की इलास्टिक साफ़ 2 महसूस हो रही थी मैंने भी थोडा दम लगाया और अब दीदी को बेड पे लेटा दिया और मैं अपने घुठ्नो के बल उनके ऊपर बैठ गया दीदी के बाल खुल गए थे और दीदी मेरे नीचे थी मेरा लंड उनके पेट पे अड़ रहा था इस भागम भाग और मस्ती की वजह से दीदी के ब्रा स्ट्रैप्स उनके टॉप के गले में से बाहर आगये थे दीदी ने वाइट कलर
की पतले स्ट्रैप्स वाली ब्रा पेहेन रखी थी अब मैंने दीदी के पेट पे गुदगुदी करना स्टार्ट किया जेसे मैं गुदगुदी करता दीदी के बोबे ऊपर की तरफ होते उनके जोर जोर से हसने के कारण उनके बोबे बहुत ज्यादा हिलते और मुझे उनके बोबे का ऊपर की तरफ से मोटा मोटा हिस्सा उनके टॉप के गले में से थोडा थोडा बाहर आता हुआ दिखता अब इतनी मस्ती मजाक कर 2 के हम दोनों थक गए मैं दीदी के बिलकुल पास आके लेट गया और दीदी और मैं 1 दुसरे को देखने लगे तभी मैंने दीदी को बोला की " दीदी आपने मुझे माँ का लाडला क्यों कहा मैं आपका लाडला नहीं हु क्या "तो दीदी मेरे पास आगयी और बोली " अरे नहीं रे इधर आ " और दीदी ने मुझे कस के गले लगा लिया वो भी क्या मोमेंट था दीदी के गीले 2 बाल उनका ठंडा 2 बदन उनके बदन की खुशबू मैंने भी दीदी को टाइट हग कर लिया और अब मैं वापस मदहोश होता जा रहा था


और दीदी ने मुझे कस के गले लगा लिया वो भी क्या मोमेंट था दीदी के गीले 2 बाल उनका ठंडा 2 बदन उनके बदन की खुशबू मैंने भी दीदी को टाइट हग कर लिया और अब मैं वापस मदहोश होता जा रहा था ........अब आगे -
दीदी के इतना पास आके मुझे कुछ २ होने लगा था दीदी के बदन की खुशबु उनके बालो की खुशबु सब मुझे मदहोश करता जा रहा था मैंने दीदी को टाइट हग कर रखा था और यही सोच रहा था की अभी कुछ देर पहले ये परी मेरे सामने नंगी होके अपनी चड्डी मे हाथ डाल के अपनी चूत को सहला रही थी तभी दीदी ने मुझे थप थपाया और मै अपनी कल्पना से बाहर आया दीदी "बोली ओये सो गया क्या " मैंने कहा " नहीं दीदी क्यों " दीदी ने कहा " नहीं तू कुछ बोल ही नहीं रहा है तो मुझे लगा की कहीं मेरा सोनू मेरी बाँहों मे सो तो नहीं गया " मैंने कहा "नहीं दीदी जगा हुआ हु " और मैंने मन में सोचा की दीदी आप जेसी परी की बाँहों में कोई अगर सो जाये तो वो कोई बेवकूफ ही होगा तभी दीदी ने मुझे अलग करने की कोशिश की लेकिन मैंने दीदी को टाइट पकड़ रखा था दीदी बोली "क्या हुआ सोनू छोड़ ना " मैंने कहा "नहीं दीदी थोड़ी देर और मुझे अच्छा लग रहा है " दीदी बोली " ठीक है सोजा ऐसे ही थोड़ी देर मैं भी सो जाती हु "

मैंने हमेशा देखा है जीवन में की जो छोटा रहता है घर मैं उसे सब छोटा ही समझते है चाहे वो कितना भी बड़ा हो जाये आज शायद ने दीदी भी मुझे इसलिए इतना पास खुद से चिपका के सुला रही थी क्योंकि उनकी नजर में तो मैं अभी भी बच्चा ही था फिर मैंने थोडा सा मुह ऊपर करके देखा तो दीदी की आँखें बंद थी मैं मन में यही सोच रहा था की अच्छा हुआ आज मम्मी नहीं आई दीदी के साथ मुझे आज इतना मजा करने को तो मिल गया और फाइनली दीदी के साथ इतना पास चिपक के सो रहा हु मेरा लंड टाइट था दीदी को सोये हुए आधा घंटा हो चूका था मैं दीदी के पास ही चिपका हुआ था मैंने धीरे से दीदी के टॉप के गले को खींचा दीदी ने वी शेप का टॉप पेहेन रखा था दीदी के टॉप के अंदर का क्या नजारा था दीदी ने आज अपने टॉप के अंदर शमीज नहीं पहनी थी बस खाली ब्रा पेहेन रखी थी और उसके ऊपर टॉप दीदी के गले में उनकी सोने की चेन का पेंडेंट दीदी की ब्रा के गैप से थोडा सा ऊपर था दीदी ने वाइट कलर की ब्रा पेहेन रखी था आज मैंने दीदी को आधी नंगी देखा तो था लेकिन दूर से देखने में इतना मजा नहीं आता जितना की पास से देखने में आता है दीदी अंदर से बहुत गोरी थी दीदी के बोबे गोरे गोरे थे उनके टॉप के अंदर से उनकी ब्रा का इतना प्यारा शेप बन रहा था की मैं बयां नहीं कर सकता

उस वक़्त मैं सोचने लगा की थोड़ी देर पहले दीदी के ये गोरे गोरे बोबे मेरे सामने नंगे थे मैंने आज पहली बार रौशनी में दीदी के टॉप के अंदर ध्यान से देखा था मैंने देखा की मेरी दीदी कप वाली ब्रा नहीं पहनती वो तो सिंपल ब्रा पहनती है मैं टॉप के अंदर देखते २ सोचने लगा की दीदी का निप्पल कहा पे होगा इस ब्रा में , मैं दीदी के इतना पास था की आज रिस्क वाली कोई बात नहीं थी बस मुझे ध्यान से रहना था और धीरे धीरे ध्यान से सब करना था मैंने सबसे पहले दीदी के पेट पे अपना हाथ रखा उनका पेट बिलकुल चिकना और ठंडा था धीरे धीरे मैं अपना हाथ ऊपर लेके जाने लगा दीदी के टॉप में मैं पूरी तरह सतर्कथा की न तो दीदी को कुछ महसूस हो और ना ही दीदी का टॉप खिचे अब मैं धीरे धीरे अपना हाथ दीदी के टॉप के अंदर और ऊपर लेके जाने लगा और मेरे हाथ ने दीदी की ब्रा का नीचे का इलास्टिक टच किया मैंने धीरे से अपना दूसरा हाथ दीदी की कमर पे रखा जहाँ उन्होंने अपनी सलवार बंद रखी थी फिर मैंने अपना हाथ दीदी के टॉप मे और ऊपर किया और मेरे हाथ ने दीदी के 1 बोबे को टच किया मैंने अपना पूरा हाथ दीदी के बोबे पे घुमाया फिर मैंने अपना हाथ दीदी के दुसरे बोबे पे घुमाया और दीदी के दोनों बोबो पे हाथ घुमाने लगा और ब्रा पे से दीदी के बोबे के दोनों निप्पलो को ढूँढने लगा

मैंने दीदी के दोनों निप्पलों को सहलाया दीदी के बोबो को धीरे धीरे दबाया उन्हें सहलाया और उनके बोबे सहलाते सहलाते मैंने दीदी के गले पे बहुत ध्यान से धीरे से किस किया फिर उनका टॉप थोडा सा हटाया और उनके नंगे कन्धों पे किस किया फिर मैंने सोचा की दीदी की ब्रा को ऊपर किया जाए मैं अपना हाथ वापस नीचे दीदी की ब्रा के इलास्टिक पे लाया और उसे ऊपर करने की कोशिश की लेकिन दीदी की ब्रा का इलास्टिक बहुत टाइट था मैंने बहुत कोशिश की पर वो ऊपर ही नहीं हुआ अगर में ज्यादा जोर लगता तो दीदी को पता चल जाता इसलिए मैंने ब्रा ऊपर न करने की सोचा और दीदी के टॉप में से हाथ वापस बाहर निकाल लिया और दीदी की झांग पे अपना हाथ फेरने लगा जेसा की मैंने बतया था की दीदी की पटियाला सलवार का कपडा बहुत पतला था इसलिए मुझे उनकी झांगें आराम से फील हो रही थी मैंने धीरे 2 अपना हाथ उनकी अंदरूनी झांग पे डाला और वहां हाथ फेरने लगा मेरा लंड टाइट खड़ा था फिर मैंने अपना हाथ दीदी की दोनों झांगो के बीच डाल दिया वहां का हिस्सा थोडा गरम था और थोडा नम भी था मैं दीदी की दोनों झांगो के बीच अपना हाथ फेरने लगा दीदी की चिकनी झांगो को सहलाने लगा और धीरे धीरे अपना हाथ ऊपर लेके जाने लगा और फिर मेरे हाथ ने दीदी की पेंटी को टच किया अब मैं खुद पे से कण्ट्रोल खोता जा रहा था मेरी दीदी मेरे पास मुझे हग करके सो रही थी और

मैं उनकी दोनों झांगो के बीच अपना हाथ फेर रहा था और फिर मेरा हाथ दीदी की चूत पे टच हुआ मैं बहुत तेज तेज सांसें ले रहा था मैंने दीदी की पेंटी पे से उनकी चूत पे अपना हाथ फेरा और मै अपने दुसरे हाथ से दीदी की सलवार पे से उनकी गांड पे हाथ फेर रहा था आज तो मेरे दोनों हाथों में जन्नत थी १ हाथ में मेरी दीदी की गांड दुसरे हाथ में मेरी दीदी की चूत मैंने अपनी हथेली को सीधा किया और पूरी हथेली को अपनी दीदी की चूत पे ऊपर नीचे फेरने लगा अब मैं धीरे २ दीदी की चूत पे अपना हाथ ऊपर नीचे फेरते हुए उनके होठों के पास जाने लगा मैं उनके होठो पर किस करना चाहता था उनकी चूत पे हाथ फेरते हुए लेकिन मैंने खुद को कंट्रोल किया और दीदी की चूत पे ध्यान से और धीरे धीरे हाथ फेरने लगा फिर मैंने अपनी १ ऊँगली दीदी की चूत की लाइन के बीच डाली लेकिन वो पूरी तरह गयी नहीं उनकी पेंटी के कारन आज मैं वो सब कर रहा था जो मैंने सपने में भी नहीं सोचा था दीदी की चूत सहलाते सहलाते अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था मैंने सोचा की 1 बार दीदी का हाथ अपने लंड पे टच करवाऊं मैंने दीदी के हाथ को उठाया और धीरे धीरे अपने लंड के पास लेके आने लगा और तभी दीदी ने करवट बदल अब मैं समझ गया की ये खतरे का संकेत है सोनू ज्यादा लालच मत कर नहीं तो जूत पड़ जायेंगे

मैंने दीदी का हाथ छोड़ा और उनकी पीठ पे से उनके टॉप को ऊपर करने लगा और उनकी पीठ पर धीरे से किस करने लगा फिर मैंने पीछे से दीदी के दोनों हाथों के नीचे से अपने हाथ डाले और पीछे से ही उनके टॉप पे से धीरे २ उनके बोबे दबाने लगा अब मेरा लंड कण्ट्रोल से बाहर हो रहा था मैं उठा और दीदी के बाथरूम में गया और वहां पर मुझे दीदी की उतरी हुई ब्रा और उतरी हुई वो पेंटी मिली जो उन्होंने पेहेन रखी थी जब वो अपने bf से फोन सेक्स कर रही थी मैंने दीदी की पेंटी को सूंघा उसमे से बड़ी ही सेक्सी खुशबु आ रही थी मैंने दीदी की पेंटी के अंदर देखा तो उसमे बहुत सार डिस्चार्ज लगा हुआ था उनकी पेंटी के डिस्चार्ज को देख के मुझे पता चला की दीदी कितनी ज्यादा excited थी उस समय मैंने दीदी की चड्डी में लगा सारा डिस्चार्ज चाट 2 के साफ़ कर दिया और पागलो की तरह उनकी पेंटी को कभी सूंघता कभी अपने मुह पे रखता और अपना लंड हिलाता तभी मुझे 1 आईडिया आया

मैंने दीदी की ब्रा और पेंटी ली और दीदी के पास जाके लेट गया दीदी की पीठ मेरी तरफ थी तो मैं दीदी की गांड के पास जाके लेट गया और उनकी गांड को धीरे धीरे किस करते हुए दीदी की पेंटी अपने लंड पे लपेटी और मूट मारने लगा वो एहसास भी क्या था पास में दीदी लेटी हुई और मैं उनके पास लेटे हुए अपना लंड बिस्तर पे निकल के उसपे दीदी की पेंटी लपेट के कभी उनकी गांड को किस कर रहा था कभी उनकी ब्रा को किस कर रहा था और मुट मार रहा था बिना किसी डर केमैं पागलो की तरह अपने लंड को हिलाने और थोड़ी ही देर मैं मैं झर गया मेरा इतना सार मुट निकला और मुझे इतना मजा आया की उस मजे के कारन मेरी आँखें ही बंद हो गयी और मैंने अपना सार मूट अपनी प्यारी दीदी की पेंटी पे निकाल दिया आज मूट मारके मुझे इतना satisfaction मिला था की मैं बयां भी नहीं कर सकता मैंने दीदी पेंटी वापस बाथरूम में रखी और आके दीदी के पास वापस लेट गया तभी किसी ने बाहर से गेट खटखटाया......(

मैं जैसे ही आके दीदी के पास लेटा किसी ने बाहर से गेट खटखटाया शायद मम्मी आ गयी थी मैंने सोचा वाह ! मम्मी भी सही टाइम पे आई है जब मेरा सारा काम हो गया है मै दीदी के पास गया और पेहले उनके कंधो पे हाथ फेरा फिर उनके होंठो पे फिर उन्हें धक्का देके जगाने लगा " दीदी उठो कोई गेट खटखटा रहा है शायद मम्मी आगयी है " दीदी उठी और गेट खोला सामने मम्मी ही थी मम्मी ने कहा "अरे दोनों भाई बेहेन क्या घोड़े बेच के सो रहे थे क्या जो सुना नहीं कितनी देर से दरवाजा पीट रही हु " दीदी बोली "हा यार मम्मी गहरी नींद में थी , अब सोने दो मुझे मैं जा रही हु अपने रूम में " ये कह के दीदी चली गयी अपने रूम में फिर मम्मी ने मुझे देखा और बोला "और राजा बेटा क्या किया आज पूरे दिन " मैंने मन में सोचा मम्मी आज मैंने २ बार मस्ती से मुट मारी और दीदी के बहुत मजे लिए आज पूरे दिन आज तो मेरी दीदी ने मुझे जन्नत की सैर करवा दी मम्मी ने फिर पूछा "अरे बता ना क्या किया होम वर्क किया या नहीं " मैंने कहा " हाँ मम्मी कर लिया होमवर्क " फिर मम्मी ने कहा " ठीक है चल अब बाहर जा मुझे कपडे चेंज करने है "

मैं बाहर आगया और खेलने चला गया शाम को घर आया तो दीदी उठ चुकी थी और तैयार थी कही जाने के लिए दीदी ने ऑरेंज कलर का चूड़ी दार सलवार सूट पेहेन रखा था मेरी दीदी सेक्सी आइटम लग रही थी उनके बदन से चिपका हुआ कुरता जिसमे से उनके बोबे बाहर की तरफ निकल रहे थे जिनको उन्होंने अपनी चुन्नी से ढक रखा था , उनके thighs और हिप्स से चिपकी हुई उनकी टाइट और चूड़ी दार सलवार जिसमे से उनकी सेक्सी पैरो और झांघो की सुन्दरता साफ़ नजर आ रही थी उनकी काजल लगी हुई आँखें नाक में छोटी सी नोज रिंग बाल ढीले clutcher से बंधे हुए बाल जिनमे से साइड से सामने के बालो की 2 लम्बी लटें जो बार 2 आकर उनके गालों पे गिरती जिन्हें दीदी बार 2 अपनी उँगलियों से अपने कान के पीछे करती कुल मिलाके बहुत ही सेक्सी और हॉट लग रही थी दीदी , जब भी दीदी बैठती मैं उनके कुर्ते के कट में से उनकी साइड की झांगो से लेके गांड तक का शेप देखता उनकी सलवार उनकी टांगो से इतनी चिपकी हुई थी की उनकी गांड तक का शेप साफ़ 2 नजर आ रहा था दीदी मुझे देख के बोली "और भंगी कहाँ से मिटटी में लोट के आ रहा है " मैंने कहा " दीदी खेलने गया था आप कहाँ जा रहे हो " दीदी बोली " अरे यार मार्केट जा रही हु 2 -3 सब्जेक्ट की रिफ्रेशर लेके आनी है एग्जाम आने वाले है ना " मैंने कहा "अकेले जा रहे हो क्या " दीदी बोली " हाँ क्यों ? "


मैंने कहा " मैं भी चलू दीदी मुझे भी अपनी ड्राइंग की बुक और कलर्स लाने है " इतने में मम्मी बोल पड़ी "हाँ प्रीती तू सोनू को भी लेजा वैसे भी शाम हो रही है आते 2 रात न हो जाये और जल्दी आ जाना " मैं खुश हो गया और मन ही मन सोचने लगा वाह मजा आ गया अब दीदी के कोमल और मुलायम मुलायम बदन को वापस छूने का उन्हें पकड़ने का मौका मिलेगा मैंने दीदी से कहा " दीदी 2 मिन रुको मैं अभी हाथ मुह धोके और जीन्स टी शर्ट पेहेन के आता हू " तो दीदी ने कहा "ओये डेट पे जा रहा है क्या जो इतना तैयार होक आ रहा है " मैंने दीदी से कहा "यही सोच लो दीदी आप जैसे सुंदर लड़की के साथ जा रहा हु तो डेट ही हुई ना हा हा हा " दीदी बोली "ओये चुप कर और जल्दी तैयार होके आ " मैं गया और तैयार होके आया दीदी बाहर स्कूटी पे ही बैठी थी मैं दीदी के पीछे बैठ गया और बोला "चलो दीदी " दीदी बोली "मुझे पकड़ ले अच्छी तरह से " मैंने मन में सोचा अरे दीदी इसलिए तो चल रहा हु आपके साथ की आपका सब कुछ पकड़ सकू लेकिन पता नहीं आप मेरा कब पकड़ोगी अपने हाथ से , मैंने अपने दोनों हाथो से दीदी के पेट वाले हिस्से को पकड़ लिया और कहा चलो दीदी

दीदी चल पड़ी और मैं दीदी के पीठ पे अपना सर लगा के उनके बदन की खुशबू सूंघ रहा था मैंने दीदी की पीठ पर उनके कुर्ते पे से उनकी ब्रा की स्ट्रेप को उनके ब्रा के हुक को महसूस करने की कोशिश की मुझे बहुत ही मजा आ रहा था कभी ,दचके में स्कूटी ऊपर नीचे होती तो मेरा हाथ भी कभी दीदी के पेट से ऊपर होता कभी नीचे उनकी सलवार के नाड़े को टच करता मैं यही सब कुछ कर रहा था इतने मे दीदी ने स्कूटी रोकी उनकी 1 फ्रेंड उनको रस्ते में मिल गयी थी वो भी मार्किट ही जा रही थी दीदी ने स्कूटी रोक के बोला "अरे श्वेता यहाँ कैसे कहाँ जा रही है ? " श्वेता ने बोला "हाय ! प्रीती अरे यार वो मार्किट जा रही हु कुछ सामान लेने " दीदी बोली "क्या लेने " श्वेता ने मुझे देखा और धीरे से दीदी को इशारा करके बोला "वो लेने " मैं समझ गया की दीदी की फ्रेंड जरुर व्हिस्पर या स्टेफ्री लेने जा रही होगी तभी मुझे देख के धीरे से इशारे में बताया उसने दीदी को दीदी बोली " अच्छा ठीक है चल आजा बैठ जा मैं भी मार्किट ही जा रही हु तूझे ड्राप कर दूंगी " अब मेरा मन ख़ुशी से पागल हो गया की अरे वाह आगे सेक्सी दीदी बीच में मैं और पीछे उनकी हॉट फ्रेंड श्वेता मजा आ गया दीदी की फ्रेंड श्वेता ने ब्लैक और ग्रीन कलर का टोपर और ब्लैक कैपरी पेहेन राखी थी बड़ी ही सेक्सी लग रही थी उसके बोबे बहुत मोटे मोटे थे जो उसके टोपर में से बाहर आ रहे थे श्वेता मेरे पीछे बैठ गयी

अब हम स्कूटी पे 3 जने थे जिस से मुझे बड़ा मजा अगया था क्योंकि मैं मेरी दीदी से और चिपक के बैठ गया था और पीछे श्वेता मुझसे चिपक के बैठी थी दीदी और उनकी फ्रेंड आपस में बात कर रहे थे और मैं मेरी दीदी के मजे ले रहा था मैं पीछे से उनके पीठ पे अपना सर लगा के बैठा था ताकि श्वेता को कुछ पता नहीं पड़े और धीरे 2 अपनी दीदी की पीठ पर अपने होंठ फेर रहा था उनके ब्रा स्ट्रैप्स को फील कर रहा था मैं थोडा सा भी साइड की तरफ मुह करता तो मेरे सामने श्वेता का मोटा बोब आ जाता मुझे बड़ा मजा आ रहा था थोड़ी देर में हम मार्किट पहुँच गए थे दीदी ने श्वेता को ड्राप किया स्कूटी पार्क की और हम बुक स्टाल की तरफ बढ गए रास्ते में सामने से 2 लड़के आ रहे थे उन्होंने मेरी दीदी के पास आके बोला " आओ सेक्सी रानी " मैंने ये सुन लिया था पता नहीं दीदी ने सुना या नहीं वो तो आगे चलती जा रही थी वो दोनों लड़के पता नहीं कहाँ से घूम के आये और वापस सामने से आ गये और इस बार दीदी के पास से धीरे 2 निकलते हुए उन्होंने बोला "आ ना मेरी जान लंड ले ले मेरा अपनी चिकनी चूत में जानेमन " मैंने वापस ये सुन लिया था लेकिन पता नहीं दीदी ने कुछ रियेक्ट क्यों नहीं किया फिर हम बुक स्टाल पे खड़े हुए और दीदी बुक्स खरीदने लगी वो दोनों लड़के भी वही आगये और खड़े हो गए और मेरी दीदी को देखने लगे दीदी के पीछे मैं खड़ा था और मेरे से थोड़ी दूर वो लड़के उनमे से 1 बोला "यार भाई क्या कातिल सामान है यार " दूसरा बोला " हाँ यार क्या कंचा है साली तू क्या बोलता है इसकी चूत पे बाल होंगे क्या " पहला वाला बोला "यार साली के कपडे पहनने के स्टाइल से तो लगता है की नहीं होंगे इसकी चूत तो चिकनी होगी ये साफ़ रखती होगी और इसके गांड को देख के लगता है की साली चुद्वाती होगी पता नहीं कितने लंड ले रखे होंगे इसने "

मुझे ये सब सुन के पता नहीं क्यों बहुत मजा आ रहा उनकी बातें सुन सुन के मेरा लंड टाइट खड़ा हो गया था और मेरी दीदी के बारे में वो गन्दी 2 बातें बोल रहे थे जिस सुनने में मुझे बहुत मजा आ रहा था तभी दूसरा वाला बोला "यार अगर इसका कोमल बदन छूने को मिल जाये तो मजा आ जाये मैं जाऊ क्या इसके पास लगता है अकेली आई है " अब मै पलटा और मैंने उन दोनों को घूर के देखा वो समझ गए की मैं दीदी के साथ हु मैंने अपना सेलफोन निकाला और झूटमूठ का फोन किया और बोला "हा आकाश भैया विजय भैया और पापा को बोलो यहाँ आ जाये नेक्स्ट शॉप है न बुक वाली वहां पे " अब उन दोनों लडको के चेहरे देखने लायक थे वो समझ गए थे की हम अकेले नहीं है हमारे साथ तो पूरी पलटन है इसलिए वो ऐसे भागे की उन्होंने मुड के भी नहीं देखा मैं तो अपनी हंसी ही नहीं रोक पाया मुझे खुद पर बहुत गर्व महसूस हो रहा था दीदी ने अपनी बुक्स ले ली थी और मेरी ड्राइंग बुक भी हम वापस स्कूटी की तरफ चल पड़े दीदी ने स्कूटी स्टार्ट की लेकिन वो स्टार्ट नहीं हुई दीदी ने काफी बार स्कूटी स्टार्ट करने की कोशिश की लेकिन वो स्टार्ट हो ही नहीं रही थी

फिर दीदी ने स्कूटी को किक मार्के स्टार्ट करने की कोशिश की जब भी दीदी किक मारती दीदी के बोबे ऊपर नीचे होते और जोर 2 से हिलते ये सीन देख 2 के मुझे बहूत मजा आ रहा था आखिर थक हार के जब स्कूटी स्टार्ट नहीं हुई तो दीदी ने मम्मी को फोन किया "हेलो मम्मी अरे यार ये खटारा स्कूटी स्टार्ट ही नहीं हो रही है क्या करूँ अब अच्छा चलो ठीक है , हाँ ठीक है " मैंने पूछा क्या हुआ दीदी अब क्या करें दीदी बोली "सोनू मम्मी ने कहा है की स्कूटी यही पार्किंग मे लगा दे पापा ठीक करा के ले आयेंगे अभी तो अपन को बस में जाना पड़ेगा " मैंने कहा " ठीक है " अँधेरा हो चूका रात के 8:15 बज रहे थे हमें बस मिली थोड़ी भीड़ तो थी दीदी को लेडीज वाली 1 सीट मिल गयी और मैं उनके पीछे वाली सीट के पास खड़ा हो गया नेक्स्ट स्टॉप पे थोड़ी भीड़ हो गयी मैं खड़ा तो दीदी के पीछे वाली सीट पे ही था तभी 2 लड़के मेरे सामने आके खड़े हो गए जिस सीट पे दीदी बैठी थी उसके पास उन्हें शायद पता नहीं था की मैं दीदी के साथ हूं , वो धीरे 2 फुसफुसा रहे थे वो जो भी बोल रहे थे मुझे सब सुनाई दे रहा था
पहले लड़का :- "यार मस्त माल बेठा ही इस सीट पे "
दुसरे लड़का :- "हा यार मस्त सेक्सी आइटम है "
पहले लड़का :- "हूर की पारी है यार क्या लग रही किसके नीचे जाएगी यार ये "
दुसरे लड़का :- "हा यार बोबे देख इसके कितने मोटे है बाहर ही निकल रहे हैं कुर्ते के कौन खुश नसीब इनका दूध पीएगा यार "
पहले लड़का :- "यार मेरा तो लंड खड़ा हो गया इसके बोबे देख के कितने मोटे है देख देख इसकी थोड़ी सी ब्रा दिख रही है साइड से "
दुसरे लड़का :- "हा यार मेरा भी खड़ा हो गया साली सफ़ेद कलर की ब्रा पेहेन की आई है "

मेरे excitement का तो ठीकाना ही नहीं था मेरा लंड 1 दम टाइट खड़ा था और मुझे उनकी बातें सुन सुन के बहुत इरोटिक फील हो रहा था 2 अजनबी लडको को पता चल गया था की मेरे दीदी ने वाइट कलर की ब्रा पेहेन रखी है और उसे देख 2 के उनके लंड भी खड़े हो गए थे इन सब से मुझे बहुत जोश इरोटिक excitement सब कुछ फील हो रहा था मैंने फिर से उनकी बाते ध्यान से सुनने की कोशिश की
पहला लड़का :- "पता है मैंने अभी धीरे से इसके कंधे पे हाथ फेरा "
दूसरा लड़का :- "वाह यार तूने तो छू भी लिया इसे देख इसकी चुन्नी और कुर्ते के गले में से इसकी ब्रा दिख रही है थोड़ी 2 "
पहला लड़का :- " हाँ यार साली इस बस में लाइट भी तो नहीं है नहीं तो देख लेते कुछ तो "
दूसरा लड़का :- "यार इस ने चड्डी कौनसे कलर की पहनी होगी "
पहला लड़का :- "जब ब्रा सफ़ेद है तो चड्डी भी सफ़ेद ही होगी पता है मैंने अभी 2 क्या किया "
दूसरा लड़का :- "क्या किया भाई "
पहला लड़का :- "इसने जिस हाथ से सीट के हैंडल को पकड़ रखा हैं न उस हाथ पे मैंने अपना खड़ा लंड टच करवाया "
दूसरा लड़का :- "क्या बात कर रहा है भाई एसा कैसे हो सकता है कुछ कहा नहीं इसने "
पहला लड़का :- "नहीं यार साली रंडी लगती है तभी इतनी रात को अकेली बस में घूम रही है मैंने वापस अपना लंड टच करवाया इसके हाथ पे और हलके से ऊँगली भी लगाई साइड से इसके बोबे पे "
दूसरा लड़का :- "साली ये तो पक्का रांड है तभी तो तेरा लंड छू रही है और अपना बोबा छूने दे रही है और कुछ बोल भी नहीं रही साली रंडी मुझे भी मजे लेने दे ना इस सेक्सी रांड के "

मै ये सब सुन के बहुत हैरान था की ये लोग इतना सब कर रहे है और दीदी कुछ कह नहीं रही या तो उनको पता नहीं है की एसा कुछ हो रहा है या ये अपनी इज्जत के डर के कारण कुछ नहीं बोल रही है लेकिन मुझे लगा की एस तो हो नहीं सकता की दीदी को पता ना चला हो शायद वो डर के अपनी इज्जत के कारण चुप है तभी मैंने सोचा की अँधेरा भी है दीदी कुछ बोल भी नहीं रही है क्यों ना मैं ही मजे ले लू मेरी दीदी के कोई और क्यों ले मैंने फिर वही किया अपना सेलफोन निकाला और उन लडको के कान के पास जाके बोला की हा मम्मी हा बस दीदी और मैं पहुँचने वाले है ये कहते हुए मैं उन दोनों लडको को पीछे करके आगे आ गया मैंने ये धीरे से बोला ताकि दीदी को ये पता न चल जाये की अब उनके पास मैं खड़ा हूं मैं दीदी के पास खड़ा था बस में पूरा अँधेरा था हमारा स्टॉप आने मैं अभी 20 मिनिट थे मेरा लंड बिलकुल टाइट खड़ा था मैंने पहले धीरे से अपना लंड दीदी के साइड के हाथ पे कोहनी से ऊपर की तरफ लगाया फिर मैंने धीरे अपना खड़ा लंड दीदी के हाथ पे बार 2 टच करवाया दीदी का कोई रिएक्शन नहीं था फिर मैं थोडा सा आगे बड़ा और दीदी के पास आया और धीरे से अपनी 1 ऊँगली दीदी के बोबे पे साइड से लगाई मैंने अपने 4 उंगलिया जेब में डाल रखी थी और 1 ऊँगली दीदी के साइड के बोबे पे लगा रहा था मैं इस बात का पूरा धयान रख रहा था की किसी को कुछ दिखे ना पीछे वाले लडको को भी नहीं फिर मैंने धीरे 2 अपना लंड दीदी के उंगलियों पे टच कराया जिस से दीदी ने सीट पकड़ रखी थी मैंने आज पहली बार अपना लंड दीदी के हाथ पे टच करवाया था मुझे बहुत मजा आ रहा था फिर मैंने अपना हाथ अपनी जेब से निकाला और अपने हाथ से दीदी के बोबे को साइड से टच किया धीरे से दीदी ने कुछ नहीं कहा

मुझे समझ मे नहीं आ रहा था की दीदी कुछ रिएक्शन क्यों नहीं दे रही है वो चाहती तो वो हाथ हटा सकती थी हाथ झटक सकती थी घूर सकती थी लेकिन बस वो तो सामने ही देखे जा रही थी शायद उन्हें भी डर लग रहा था की क्या करे क्या नहीं स्कूल की बच्चियों में इतनी अकल कहाँ होती है अब मैंने सोचा की देखते है की दीदी रियेक्ट कब करती है मैंने वापस अपना लंड दीदी की उंगलियों पे लगाया और लगा रहने दिए वहां से हटाया नहीं फिर धीरे से अपना हाथ दीदी की बोबे की तरफ लेके गया और उनका बोबा दबा दिया दीदी ने कुछ रियेक्ट नहीं किया अब मै अपना हाथ दीदी की चुन्नी के नीचे लेके गया और दीदी के बोबे को दबाने लगा अब मुझे पता चल चूका था की दीदी रियेक्ट नहीं करेंगी मैंने अच्छी तरह से दीदी के दोनों बोबो को दबाया उन्हें सहलाया मुझे बहुत मजा आ रहा था तभी मेरे दिमाग में 1 आईडिया आया मैंने अपनी जीन्स की चैन खोली और अपना लंड बाहर निकाल लिया अब मेरा खड़ा लंड बाहर था और नंगा था

मैंने दीदी की चुन्नी के नीचे से उनके बोबे को दबाते दबाते अपना नंगा लंड दीदी के हाथ पे टच कर दिया दीदी को शायद थोडा सा करंट लगा इसलिए वो थोड़ी सी हिली फिर वापस चुपचाप बैठ गयी अब मेरा नंगा लंड दीदी की उँगलियों पर था और मेरा हाथ मेरी प्यारी दीदी की चुन्नी के नीचे से उनके कुरते के ऊपर से उनके दोनों बोबो को दबा रहा था उन्हें सहला रहा था अब मैंने अपने हाथ से दीदी का हाथ पकड़ा और अपना लंड उनके हाथ में पकड़वाया ऊपर से उनके हाथ पे अपना हाथ रखा और आगे पीछे करने लगा मैं तो हवा में था आज पहली बार मेरी प्यारी दीदी अपने हाथ से मेरा मूट मार रही थी मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था जो काम आज घर के बंद कमरे में नहीं हुआ था वो इस भरी हुई बस मे हो रहा था मैंने अपना हाथ हटा लिया मेरा हाथ हटते ही दीदी ने मेरा लंड छोड दिया मैंने वापस दीदी का हाथ पकड़ा उसमे अपना लंड पकडवाया और ऊपर नीचे करने लगा दीदी अब शायद समझ गयी थी की उन्हें क्या करना है वो अपने हाथ से मेरा लंड आगे पीछे करने लगी और मैं अपना हाथ वापस दीदी के बोबे की तरफ लेके गया और उन्हें दबाने लगा वो भी क्या पल था एसा कभी हकीकत में होगा मैंने नहीं सोचा था मेरी प्यारी दीदी मेरा लंड हिला रही थी मेरी मुट मार रही थी और मैं अपनी दीदी के बोबे दबा रहा था और आज तो दीदी को सब पता था की क्या हो रहा है आज वो नींद मे भी नहीं थी इससे मुझे और मजा आ रहा था

मैंने अपना हाथ दीदी के हाथ पे रखा और लंड हिलाने की स्पीड बड़ाई दीदी समझ गयी की उनको स्पीड बढ़ानी है वो जल्दी जल्दी मेरा लंड हिलाने लगी और मैं इतना ज्यादा excited हो गया की मैंने दीदी के कुर्ते के गले में से अपना हाथ अंदर डाल दिया और ब्रा के ऊपर से उनके बोबे दबाने लगा दीदी जल्दी जल्दी मेरा लंड हिला रही थी मुझे बहुत मजा आ रहा था मैंने दीदी की ब्रा के अंदर हाथ डाल दिया और उनके बोबे दबाने लगा उन्हें मसलने लगा दीदी के निप्पलो को गोल गोल घुमाने लगा मैंने नोटिस किया की दीदी के निप्पल खड़े थे शायद इतनी टचिंग से दीदी भी गरम हो गई थी दीदी भी जल्दी जल्दी मेरा लंड हिला रह थी और मैं उनके दोनों बोबे दबा रहा था उनके निप्पल को अपने नाखून से रगड़ रहा था इतने मैं मेरा सारा मुट दीदी के हाथ पे और उनकी सलवार पे गिर गया मैं तो दूसरी दुनिया में था मैंने दीदी को देखा दीदी अभी भी सामने ही देख रही थी दीदी ने सामने देखते हुए ही अपना हाथ अपने नेपकिन से साफ़ किया सलवार पे लगा हुआ मुट भी साफ़ किया मैंने जल्दी से अपना लंड अंदर डाला और थोडा सा पीछे हो गया हमारा स्टॉप आ गया था दीदी खड़ी हुई मैं भी दीदी के पीछे आगया हम बस से उतरे सामने पापा खड़े थे दीदी को देख के पापा ने फ़ौरन पूछ "क्या हुआ प्रीती तुझे " दीदी ने कहा की "पापा मैं अब बस मैं नहीं जाउंगी कभी भी " ये कह के दीदी पापा के गले लग गयी पापा ने "पुछा प्रीती हुआ क्या बेटा बता मुझे क्या हुआ "
 

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मैं और मेरी प्यारी दीदी 3​


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हमारा स्टॉप आ गया था दीदी खड़ी हुई मैं भी दीदी के पीछे आगया हम बस से उतरे सामने पापा खड़े थे दीदी को देख के पापा ने फ़ौरन पूछ "क्या हुआ प्रीती तुझे "
दीदी ने कहा की "पापा मैं अब बस मैं नहीं जाउंगी कभी भी " ये कह के दीदी पापा के गले लग गयी पापा ने "पुछा प्रीती हुआ क्या बेटा बता मुझे क्या हुआ "........

अब आगे - मुझे लगा की कहीं दीदी पापा को वो सब ना बता दे जो बस में हुआ था कहीं दीदी को पता तो नहीं चल गया था की बस में उनके साथ वो सब कुछ मैं ही कर रहा था मैं बहुत डर गया की कहीं
घर जाके दीदी ने अगर पापा मम्मी को ये सब बता दिया की ये सब मैंने किया है तो मेरा तो पता नहीं क्या हाल होगा मुझे बहुत ज्यदा डर लग रहा था मेरा दिल डरके मारे जोर जोर से धड़क रहा था की क्या
होगा लेकिन फिर मैंने सोचा की दीदी को ये कैसे पता चल सकता है की वो सब मैंने किया है क्योंकि बस में तो बहुत अँधेरा था और जब दुसरे लड़के दीदी से छेड़ छाड़ कर रहे थे तब दीदी को पता था की वो
लड़के कोई और है मैं तो उनके बाद गया था और दीदी पापा को ये सब कैसे बताएगी की उन्होंने किसी का लंड हिलाया अपने हाथों से और अपने बोबे दबाने दिए उन्होंने किसी को मैंने सोचा की पता नहीं क्या
होगा मुझे बहुत ज्यादा डर लग रहा था

फिर पापा ने मुझसे पुछा "सोनू क्या हुआ प्रीती को " मैंने कहा "पता नहीं पापा मुझे तो " फिर पापा ने वापस दीदी से पूछा "अरे बेटा बोल ना क्या हुआ क्यों नहीं जाना बस में अब क्या हुआ " मैंने भी दीदी से बोला "बताओ न दीदी क्या हुआ आपको " दीदी ने मुझे देखा फिर थोड़ी देर बाद दीदी बोली "पापा बस में कितनी ज्यादा भीड़ रहती है ....." अब मेरी हालत ख़राब हो गयी मैंने सोचा अरे यार लगता है ये दीदी तो आज सब कुछ बताने वाली है पापा को लगता है इन्हें शक हो गया है या शायद पता है इन्हें की मैंने ही सब किया था मेरा दिल जोर जोर से धड़क रहा था दीदी ने अपनी बात पूरी की " पापा बस में कितनी ज्यादा भीड़ रहती है मेरी तो हालत ख़राब हो गयी ना ढंग से बैठने की जगह मिलती है ना खड़े होने की कितनी बदबू आती है मेरी तो हालत ख़राब हो गयी चक्कर आने लग गए सर दुःख रहा है और वोमिटिंग जैसा हो रहा है अब तो मैं कभी कदम ही नहीं रखूँ बस में " दीदी की पूरी बात सुन के मेरी जान में जान आई मैंने कहाँ बच गए भाई आज तो , ये मन भी साला कमीना होता है अभी अभी जब मुझे डर लग रहा था तब सोच रहा था की भगवान् इस बार बचाले आगे से कभी ज़िन्दगी में एसा कुछ नहीं करूँगा और जैसे ही दीदी की बात खत्म हुई सब ठीक हुआ वैसे ही वापस मेरा ध्यान दीदी की गांड पे चला गया दीदी पापा के साथ जा रही थी और मैं पीछे से उनकी सेक्सी गांड को देख रहा था और सोच रहा था की अभी मेरी इस कमसिन दीदी के बोबे मेरे हाथ में थे और मेरा लंड उनके हाथ में

आज मैंने जो कुछ भी किया था उसपे मैं बहुत गर्व महसूस कर रहा था की आज दीदी ने खुद ने अपने हाथ से मेरा लंड हिलाया और उन्हें पता था की कोई उनके बोबो से खेल रहा है और उन्होंने वो सब कुछ करने दिया अब मेरे मन में यही चल रहा था की अगर मेरी जगह कोई और होता तो वो भी मजे ले लेता दीदी के आखिर दीदी ने मना क्यों नहीं किया या तो दीदी डर गयी थी लेकिन तभी मेरे दूसरे मन ने कहा की कहीं दीदी को भी मजा तो नहीं आ रहा था क्या पता दीदी भी मजे लेना चाहती हो इसलिए सब करने दे रही हो क्योंकि जेसे मेरा मन होता है वैसे ही दीदी का भी तो होता होगा सेक्स करने का और वेसे भी दीदी फोन सेक्स तो करती ही थी अपने bf से तो कहीं दीदी को भी मजा तो नहीं आ रहा था जब मैं उनके बोबे दबा रहा था बस में तभी मेरे मन ने वापस कहा की नहीं यार दीदी बस मजे के लिए इतना रिस्क नहीं ले सकती वो डर ही गयी होगी मैं इन्ही खयालों में था इतने में दीदी ने आवाज दी " चल ना सोनू घर नहीं चलना क्या वहां क्या खड़ा है " मैं अपने खयालो से बाहर आया और बोला "हाँ दीदी चलो "

हम दोनों पापा के साथ घर आ गये घर आके दीदी बेड पे बैठ गयी दीदी आलथी पालथी मार के बैठी थी मैं जाके उनके सामने बैठ गया और फिर लेट गया मेरा सर दीदी की गोद में था मैंने धीरे से अपने दोनों हाथ पीछे किये और अपने सर के नीचे रखे और तभी मुझे दीदी के सलवार के सामने की तरफ थोडा गीला गीला सा महसूस हुआ मेरे दिमाग में तुरंत आया की कहीं ये दीदी की चूत का डिस्चार्ज तो नहीं क्या दीदी बस में गरम थी तभी दीदी ने मुझसे कहा "ले सोनू हट मुझे कपडे चेंज करने दे " मैं हट गया दीदी जाने लगी और मम्मी से बोला "मम्मी में नहा के कपडे चेंज करके आती हु आप सब्जी बना लो रोटी मैं सेक दूँगी , नहाने से कम से कम मूड तो फ्रेश हो जायेगा " मम्मी ने कहा " ठीक है नहा ले " और फिर दीदी अपने रूम में गयी अपने घर के कपडे निकाले टॉवल लिया और नहाने चली गयी मैंने पापा मम्मी से नजरे बचा के दीदी जे रूम में गया और दीदी के बाथरूम के दरवाजे में जो छेद मैंने किया था उसमे से पेपर का टुकड़ा निकाला और बाथरूम के अंदर देखने लगा वेसे मुझे दीदी को वापस नंगी देखने की इच्छा नहीं थी क्योंकि अभी अभी मेरा मुट दीदी ने निकाला था मैं तो बस अपने 1 सवाल का जवाब ढूँढने के लिए बाथरूम में देख रहा था और वो सवाल था ' क्या बस में दीदी गरम थी ? ' जो भी मैंने दीदी के साथ किया उस से दीदी को केसा लगा मैं बस ये जानना चाहता था

मैंने देखा बाथरूम में दीदी ने पहले अपने बालो का जूडा बनाया फिर अपने कुर्ते पे से अपने कन्धों पे से चुन्नी पे लगी दोनों पिने हटाई फिर अपनी चुन्नी उतार के रखी फिर दीदी ने अपना कुरता उतारा अब दीदी मेरे सामने अपनी ब्रा में आगयी थी दीदी ने वाइट कलर की ब्रा पेहेन रखी थी मेरा लंड धीरे धीरे खड़ा होने लगा दीदी की ब्रा और उसके स्ट्रैप्स पूरी तरह से टेड़े मेढे और मुड़े हुए थे दीदी की ब्रा की ऐसी हालत देख के मुझे बस का पूरा सीन याद आ गया की मैंने किस तरह से दीदी के कुर्ते में हाथ डाल के दीदी के बोबो को मसला था ये मुड़ी हुई ब्रा उसी की गवाही दे रही थी फिर दीदी ने अपनी सलवार उतारी अब मेरी दीदी मेरे सामने ब्रा पेंटी में खड़ी थी दीदी ने नेवी ब्लू कलर की पेंटी पेहेन रखी थी मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया था अब दीदी अपने दोनों हाथ पीछे लेके गयी और अपनी ब्रा का हुक खोल दिया और अपनी ब्रा भी उतार दी दीदी के गोरे गोरे मुलायम मुलायम बोबे नंगे होगये थे कितनी सेक्सी लग रही थी मेरी दीदी आधी नंगी अपनी पेंटी में मेरे सामने खड़ी हुई दीदी के मोटे मोटे बोबे जिन पे बहुत छोटे छोटे ब्राउन कलर के निप्पल थे मेरे सामने थे मैंने देखा की दीदी के बोबे थोड़े लाल हो गए थे शायद मैंने बहुत ही ज्यादा मसल दिए थे फिर दीदी अपनी पेंटी उतारने लगी अब मुझे मेरे सवाल का जवाब मिलने वाला था की क्या
दीदी गरम थी

दीदी ने अपनी पेंटी उतारी और उसे उलटी करके देखने लगी मुझे समझ में आगया था की दीदी अपनी पेंटी पे लगे अपनी चूत के डिस्चार्ज को देख रही है दीदी की चूत बिलकुल चिकनी थी और दीदी की पेंटी में इतना डिस्चार्ज था की वो उनकी पूरी चूत पे लग गया था दीदी की चूत गीली होने के कारण चमक भी रही थी अब मुझे समझ में आ गया था की दीदी भी गरम थी बस में मैं जो भी कर रहा था उसमे उन्हें भी मजा आ रहा था मुझे मेरे सवाल का जवाब मिलते ही बहुत अच्छा सा लगने लगा दीदी ने अपनी ब्रा तो अपने सूट के नीचे डाल दी लेकिन पेंटी को उसी समय धोने लगी दीदी ने अपनी पेंटी धोके रखी फिर नहाने लगी दीदी ने धीरे धीरे नहाना चालू किया और मैंने धीरे धीरे वापस अपना लंड हिलाना चालू किया फिर दीदी ने मग्गे मैं पानी भरा और 2 - 3 बाद अपनी चूत के अंदर मारा और हाथ डाल के भी अपनी चूत को अंदर से साफ़ किया मैं दीदी को ऐसे ही नहाते हुए देखता रहा और अपना लंड हिलाने लगा थोड़ी ही देर में मेरा मुट निकल गया मैंने अपना लंड अंदर कियाऔर वापस छेद में से दीदी को नहाते हुए देखने लगा तभी पीछे से मम्मी की आवाज आई "सोनू !!! क्या कर रहा है तू .......

मुझे मेरे सवाल का जवाब मिलते ही बहुत अच्छा सा लगने लगा दीदी ने अपनी ब्रा तो अपने सूट के नीचे डाल दी लेकिन पेंटी को उसी समय धोने लगी दीदी ने अपनी पेंटी धोके रखी फिर नहाने लगी दीदी ने धीरे धीरे नहाना चालू किया और मैंने धीरे धीरे वापस अपना लंड हिलाना चालू किया फिर दीदी ने मग्गे मैं पानी भरा और 2 - 3 बाद अपनी चूत के अंदर मारा और हाथ डाल के भी अपनी चूत को अंदर से साफ़ किया मैं दीदी को ऐसे ही नहाते हुए देखता रहा और अपना लंड हिलाने लगा थोड़ी ही देर में मेरा मुट निकल गया मैंने अपना लंड अंदर कियाऔर वापस छेद में से दीदी को नहाते हुए देखने लगा तभी पीछे से मम्मी की आवाज आई "सोनू !!! क्या कर रहा है तू .....

अब आगे - मैं दीदी को नहाते हुए देख रहा था तभी मुझे मम्मी की आवाज आई "सोनू क्या कर रहा है तू " मेरी तो डर के मारे हालत ख़राब हो गयी मैंने सोचा बेटा सोनू आज तो पकडे गए अब तो जूत पड़ेंगे मैंने डरते डरते पीछे मुड़ के देखा तो मम्मी दीदी के रूम के दरवाजे पे खड़ी थी और पर्दा हटा के मुझे देख रही थी मम्मी मेरे पीछे की तरफ खड़ी थी मम्मी ने अंदर आते हुए फिर पूछा "क्या कर रहा है तू यहाँ पे " मेरे दिमाग में कुछ भी नहीं आ रहा था डर के मारे मेरी हालत खराब हो रही थी मैंने सोचा क्या बोलू पता नहीं मम्मी कब से खड़ी है यहाँ पे पता नहीं क्या क्या देख लिया मम्मी ने कहीं मम्मी ने मुझे बाथरूम में झांकते हुए और मुट मारते हुए तो नहीं देख लिया मैंने अपने आप को सँभालते हुए और अपने डर को छुपाते हुए मम्मी से कहा की "मम्मी दीदी ही अंदर से आवाज लगा रही थी आपको शायद कुछ कह रही है आपने सुना नहीं इसलिए मैं दरवाजे के पास खड़ा होके पूछ रहा था की क्या हुआ " मम्मी ने बोला ठीक है तू जा मैं देखती हू "

मैं वहां से जल्दी से निकल गया और सोचा चलो मम्मी ने कुछ नहीं देखा लेकिन मुझे अभी भी डर लग रहा था की कहीं दीदी ने अगर ये बोल दिया की उन्होंने उन्होंने किसी को आवाज नहीं लगायी तो भी में फंस जाऊंगा मैं परदे के पीछे खड़ा होक मम्मी की बात सुनने लगा मम्मी ने बाथरूम का दरवाजा खट खटा के कहा "क्या हुआ प्रीती क्यों आवाज लगा रही थी " दीदी ने अंदर से कहा "अरे मम्मी टंकी में पानी ख़तम हो गया है बोरिंग चालू करो " अब मेरी जान में जान आयी की चलो बच गया आज तो थोड़ी देर बाद दीदी नहा के बाहर आई बहुत सेक्सी लग रही थी उन्होंने ब्लैक कलर की नाइटी पेहेन रखी थी दीदी मम्मी के साथ खाना बनाने किचन में चली गयी और मैं बैठा बैठा जो भी मैंने अभी तक दीदी के साथ किया वो सब सोचने लगा मैं दीदी के बदन का दीवाना हो गया था मेरी हमेशा उनके बदन को छूने की इच्छा होती हमेशा उनके कपडे उतार के उन्हें नंगी देखने की इच्छा होती मैंने दीदी के पूरे बदन पे अपना हाथ फेर चूका था और आज बस में मैंने उनके बोबे भी दबाये थे और दीदी ने भी अपने हाथ से मेरा लंड हिलाया था अब मैं आगे बड़ना चाहता था उन्हें अपने हाथों से पूरी नंगी करके उनके बोबे चुसना चाहता था उनकी चूत चाटना चाहता था उन्हें अपना लंड चुस्वाना चाहता था उन्हें चोदना चाहता था

लेकिन मुझे पता था की एसा हो नहीं सकता क्यों की 1 भाई बेहेन के बीच में ये चीज़ इतनी जल्दी और इतनी आसानी से नहीं हो सकती मैं यही सब सोच रहा था की इतने में दीदी आगयी और मेरे पास बैठ गयी और बोली "ओये क्या सोच रहा है इतना ध्यान से किस लड़की के बारे में सोच रहा है " मैंने बोला "कुछ नहीं दीदी " दीदी ने कहा "क्या हो गया इतना खोया सा क्यों है ला रिमोट दे टीवी का " मुझे मस्ती सूझी मैंने कहा " नहीं दे रहा " तो दीदी मुझसे रिमोट छीनने लग गयी मैंने रिमोट अपने हाथ में लेके ऊपर कर दिया दीदी उसे लेने के कोशिश करने लगी मैंने कहा "लो न दीदी मैं तो कबसे आप को देना चाहता हु लेकिन आप ले ही नहीं रहे हो " तभी दीदी 1 दम से मेरे ऊपर कूद गयी दीदी मेरे ऊपर थी मैंने अपना हाथ और पीछे की तरफ कर दिया दीदी रिमोट छीनने के लिए झुकी और मुझे दीदी की नाइटी के गले में से उनकी ब्रा दिख गयी ये ब्रा नई थी दीदी की ये ब्रा मैंने पहले कभी नहीं देखि थी ये ब्रा बिलकुल टाइट थी दीदी के बोबो पे से इस कारण बहुत ही सेक्सी शेप बन रहा था दीदी क बोबो का दीदी ने आज लाइट ब्लू कलर की ब्रा पेहेन रखी थी

मैं उनकी ब्रा और बोबे देखने में इतना खो गया की दीदी ने कब रिमोट ले लिया मुझे पता ही नहीं चला दीदी रिमोट लेके बोली "देख लिया ना मैं खुद ही अगर कुछ लेना चाहूँ ना तो अपने आप ही ले लेती हूँ " मैंने सोचा दीदी कब लोगी मेरा लंड अपने इन कोमल होंठो के अंदर इतने मम्मी आई और बोली " सोनू प्रीती चलो खाना लग गया चलो खाना खालो " हम दोनों खाने की टेबल पे बैठ गए और खाना खाने लगे इतने में मम्मी ने पापा से कहा " अरे सुनो आज मेरे भाई का फोन आया था वो कह रहा था की पिताजी की तबीयत ख़राब है तो चलो अपन समाचार लेके आ जाते है कल " मुझे फ़ौरन ख्याल आया अरे यार पूरा १ दिन और पूरी 1 रात मैं और मेरी प्यारी दीदी इस घर में अकेले रहेंगे अब मैं कुछ प्लान कर सकता हूँ इतने में पापा ने कहा "हा चलो कल मेरी छुट्टी भी है तो कल हो आते है तो परसों शाम तक वापस आ जायेंगे " मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ की अब सही वक़्त आ गया है थोड़ी देर बाद हम सब खाना खा के उठ गए मैं और दीदी अपने रूम मैं आ गये और अपने अपने बेड पे लेट गए दीदी ने अपना सेल निकाला और चैटिंग करने लगी और

मैं ये सोचने लगा की इस 1 दिन और 1 रात का कैसे अच्छी तरह से उपयोग किया जाये मेरे दिमाग में आया की दीदी को अगर पता ही नहीं चले की उनके साथ क्या हुआ है तो , मुझे मेरा रास्ता मिल गया था मैंने प्लान बनाया की 1 ऑरेंज वोडका का quater लाऊंगा और उसे ऑरेंज कोल्ड ड्रिंक में के दीदी को पिला दूंगा और उनके साथ सब कुछ कर लूँगा लेकिन फिर मेरे मन मैं १ बात आयी की यार सोनू जब दीदी बस में होश मे थी तब करने में जितना मजा आया था उतना जब दीदी सो रही थी तब नहीं आया था तो क्यों ना एसा कुछ किया जाये की दीदी के सामने सब हो मैंने वोडका को अपना प्लान B बनाया की अगर कुछ नहीं हुआ तो ये करूँगा और प्लान A के बारे मैं सोचने लगा तभी मेरे दिमाग मैं १ आईडिया आया क्यों मैं दीदी को एसा कुछ करते हुए पकड़ लूं की वो मेरे चुप रहने के लिए मुझे सब कुछ करने दे मैंने कहा यही सही है फिर मैंने सोचा आज बस की घटना से शुरआत करता हू मैंने दीदी से पूछा "दीदी आज आप बस में क्या कर रहे थे " दीदी जल्दी से उठ के अपने बेड पे बैठ गयी और मुझसे पुछा " क्या !!!!! "....

तभी मेरे दिमाग मैं १ आईडिया आया क्यों मैं दीदी को एसा कुछ करते हुए पकड़ लूं की वो मेरे चुप रहने के लिए मुझे सब कुछ करने दे मैंने कहा यही सही है फिर मैंने सोचा आज बस की घटना से शुरआत करता हू मैंने दीदी से पूछा "दीदी आज आप बस में क्या कर रहे थे " दीदी जल्दी से उठ के अपने बेड पे बैठ गयी और मुझसे पुछा " क्या !!!!! "

अब आगे :- दीदी ने वापस मुझसे पूछा "क्या कहा तूने " इतने में मम्मी ने दीदी को बुलाया दीदी चली गयी फिर मैंने वापस सोचा की यार सोनू अगर तूने ऐसा कुछ किया या दीदी को ब्लैकमेल करने की कोशिश की तो इन 2 दिनों में तो हो सकता है की दीदी मुझे सब करने दे लेकिन जब पापा मम्मी आ जायेंगे तो कुछ नहीं हो पायेगा दीदी वो मस्ती मजाक भी बंद कर देंगी जिसके वजह से मैं दीदी के मजे लेता था और दीदी सतर्क भी हो जायेगी क्योंकि उनको मेरे बारे मे पता भी चल जायेगा और क्या पता जब पापा मम्मी आ जाये तो वो उन्हें बता दे इन सब में बहुत रिस्क था इसलिए मैंने दीदी को बेहोश करके ही सब कुछ करने का प्लान बनाया इतने में दीदी वापस आई और मुझसे पूछा "बता ना क्या बोल रहा था तू क्या कर रही थी मैं बस में " मैंने बात पलट दी मैंने कहा " अरे दीदी मैं पूछ रहा हु की आप बस मैं क्या कर रहे थे जब आपकी तबियत ख़राब हो रही थी "

दीदी बोली "कुछ नहीं क्या करती बैठी थी आँख बंद करके चल अब सो जा कल स्कूल जाना है " मैंने बोला " स्कूल ?? क्यों कल तो अपन को घर पर ही रुकना है ना पापा मम्मी बाहर जा रहे है " दीदी बोली "नहीं उनका प्लान केंसिल हो गया है " मेरा दिमाग ख़राब हो गया मैंने सोचा साला जब भी कुछ प्लान बनाता हूँ मेरी ही वाट लग जाती है मैं चुप चाप मन मसोस के सो गया सुबह हम दोनों भाई बेहेन स्कूल के लिए निकल गए दीदीअपनी क्लास में चली गयी और मैं अपनी क्लास में 7th पीरियड में मैं टॉयलेट करने गया हमारे स्कूल मैं टॉयलेट काफी बड़ा था और उसमे 8 टॉयलेट्स थे मैं अंदर गया तो अंदर कोई भी नहीं था मैं 1 टॉयलेट में घुस कर गेट बंद करके बैठ गया तभी किसी ने गेट खोला और अंदर आया मुझे पता नहीं था की वो कौन था फिर दूसरा इन्सान भी अंदर आया उनमे से 1 बोला यार आज कामिनी मैडम को देखा क्या सामान बन के आयी है मैं वो आवाज पहचान गया वो विवेक सर की आवाज थी जेसा की मैंने बताया था की विवेक सेर 1 नंबर का कमीना इंसान था जो स्कूल की लड़कियों को छूने के बहाने ढूढता था कभी उनके कन्धों पे हाथ फेरता था तो कभी पीठ पे उनके साथ दीपक सर भी थे मैं उनकी बातें सुनने लगा


विवेक सर - "यार कामिनी को देखा क्या कंचा लग रही थी आज लाल साड़ी खुले हुए बाल कट स्लीव का ब्लाउज चिकने हाथ क्या सेक्सी लग रही थी साली के बोबे कितने बाहर आ रहे थे ब्लाउज में से "
दीपक सर - "हां यार मेरा तो सुबह सुबह ही खड़ा हो गया था उसको देख के पता नहीं किसके नीचे जाएगी साली "
विवेक सर - "हाँ यार क्या कमसिन अदा है उसकी बार बार अपने बाल पीछे कर रही थी साली के अंडर आर्म्स भी चिकने और गोरे गोरे उसकी चूत भी उतनी ही चिकनी होगी "
दीपक सर - "और गांड देखी उसकी साड़ी में से जब चल रही थी तो कैसे ठुमक रही थी मस्त माल है और विवेक तू कब से इन मैडम को देखने लगा तेरा क्लास की लडकियों से दिल भर गया क्या "
विवेक सर - "नहीं यार लेकिन वो केस हुआ था ना 1 लड़की कुतिया ने शिकायत कर दे थी ना प्रिंसिपल से तब से चुप बेठा हूँ "


दीपक सर - "अच्छा तो आजकल किसी के हाथ नहीं फेर रहा क्या "
विवेक सर- "नहीं यार लेकिन 1 लड़की है जिसने मुझे पागल कर रखा है सेक्सी है यार बहुत क्या बदन है उसका क्या बोबे है
उसकी स्कूल की यूनिफार्म में से बाहर आते है उसकी जवानी ने मुझे पागल कर रखा है आजकल "
दीपक सर - "अच्छा कौन है "
विवेक सर - "12th A में है प्रीती सक्सेना उसने , उसकी तो मैं चुदाई करना चाहता हू अपने स्कूल की अच्छी अच्छी लडकिया तो सारी काम में आ चुकी है बस वो ही अनछुही है "
दीपक सर - "हा यार है तो सेक्सी वो मैंने तो हाथ पकड़ा था 1 बार जब बोर्ड पे सम करवा रहा था उस से बहुत ही कोमल और चिकने हाथ है पता नहीं बोबे कितने मुलायम होंगे उसके "


मैं एक दम से चौंक गया साले कुत्ते मेरी बेहेन के बारे में बात कर रहे थे मैंने सोचा की इन सब कुत्तो को बस मेरी दीदी ही दिखती है क्या जो देखो उन्ही के पीछे पड़ा हुआ है फिर मैंने सोचा की क्यों न हो मेरी दीदी है ही इतनी कातिल और सेक्सी उनका खुद का भाई यानी की मैं उनको चोदना चाहता हु तो ये तो गैर है उनकी बातें सुन सुन के मेरा लंड खड़ा होने लगा
विवेक सर - "और मैंने तो 1 बार उसकी स्कर्ट के अंदर भी हाथ डाल दिया था उसकी झांग भी छू ली " ( हमारे स्कूल की यूनिफार्म थी वाइट शर्ट और ब्लू स्कर्ट लडकियों के लिए और पेंट लडको के लिए )
दीपक सर - "क्या बात कर रहा है कब कैसे "
विवेक सर- "अभी जब स्कूल पिकनिक पे गए थे ना तब रात को आते समय अँधेरा तो था ही और बस में मेरे पास ही बैठी थी वो तब , और अब तो उसके मेरे सबजेक्ट में मार्क्स भी कम है तो उसी का फायदा उठाने की सोच रहा हू "
दीपक सर - "फिर तो आज ही चांस मारले आज प्रिंसिपल भी नहीं है और स्टाफ भी कम है प्रिंसिपल के केबिन मे बुला ले आज और हाँ ध्यान से करना सब और मुझे भी चखा देना उसकी जवानी "
विवेक सर - "हाँ यही सही अभी लास्ट पीरियड में बुलाता हूँ उसको "


इतने में बेल बज गयी 8 th पीरियड लग गया था और वो लोग बाहर चले गए मुझे उनकी प्लानिंग पता चल गयी थी मैं भी देखना चाहता था की आज केबिन में क्या होता है मैं बाहर निकला और क्लास में गया तो मैडम ने कहा की तुम्हें विवेक सर प्रिंसिपल केबिन में बुला रहे है तुम्हारी स्कूल डायरी के साथ मैंने सोचा मुझे क्यों हमारी क्लास का गेम्स पीरियड था तो पूरी क्लास बाहर थी मैं मेरी डायरी लेके केबिन में गया वहां विवेक सर और मेरी दीदी बैठे थे विवेक सर ने बोला "आओ बेटा तुम्हारी दीदी अपनी डायरी लाना भूल गयी आज तो मैं तुम्हारी डायरी में नोट डाल रहा हूँ पापा से साइन करा के लाना " मैंने डायरी दी और यस सर बोल के बाहर आ गया और छुप के देखने लगा की केबिन के अंदर क्या होता है
दीदी - " सर प्लीज नोट मत डालिए प्लीज सर "
विवेक सर - "बेटा तुम्हारे मेरे सब्जेक्ट में मार्क्स बहुत कम है और मुझे तुम्हारे बोर्ड्स के मार्क्स भी भेजने है तो तुम्हारे पापा को पता होना चाइये की तुम पढती नहीं हो इसलिए कम मार्क्स भेजे है "
दीदी - " प्लीज सर नोट मत डालिए मैं मेहनत करुँगी और अच्छे मार्क्स लाऊंगी प्लीज सर "
विवेक सर - " ठीक है मैं नोट नहीं डालता और तुम्हारे नंबर भी बड़ा सकता हूँ अगर तुम चाहो तो "
दीदी - "कैसे सर "
विवेक सर - "बस तुम्हे मेरे कुछ सवालो का जवाब देना होगा और हर सही जवाब के 2 मार्क्स दूंगा मैं तुम्हे , तुम्हारे 50 मार्क्स है 80 % मार्क्स के लिए तुम्हे 30 मार्क्स और चाइए बोलो "
दीदी - "हा सर मैं हर सवाल का सही जवाब दूँगी "
विवेक सर - "ठीक है तुम्हारे घर में कौन कौन है "
दीदी - "पापा मम्मी मेरा छोटा भाई और मैं "


विवेक सर - "लो तुम्हारी आंसर शीट में मैंने 2 मार्क्स बड़ा दिए , अच्छा अब बताओ स्कूल से घर जाके क्या करती हो "
दीदी - " घर जाके नहा के कपडे चेंज करके खाना खाती हूँ "
विवेक सर - "येलो 2 मार्क्स और , अच्छा तुम कौनसे साबुन से नहाती हो "
दीदी - "सर ये कैसा गन्दा सवाल है "
विवेक सेर - "ठीक है जाओ कल साइन करा के लाना नोट पे "
दीदी- "नहीं नहीं सर वो म म मैं पियर्स साबुन से नहाती हू "
विवेक सर - "अरे वाह तभी इतनी खुशबू आती है तुम में से येलो 2 मार्क्स और , अच्छा अब बताओ की नहा के क्या पहनती हो "
दीदी - (नीचे देखते हुए बोली )" सर कैपरी और टॉप "
विवेक सर - "अरे वाह अच्छा है अच्छा टॉप के अंदर क्या पहनती हो "
दीदी ने कुछ नहीं कहा
विवेक सर - "अरे बोलो ना क्या पहनती हो शमीज या ब्रा "
दीदी - "सर ....वो ....मैं.... सर ....वो ...."
विवेक सर -"बोलो ना क्या पहनती हो तुम नहा के अपने टॉप के नीचे "
दीदी - " सर ब्रा "
विवेक सर - "अच्छा तुम किस साइज़ की ब्रा पहनती हो "
दीदी कुछ नहीं बोली


विवेक सेर - "अरे जल्दी बोलो नहीं तो नंबर नहीं दूंगा "
दीदी - " सर वो 34 साइज़ "
विवेक सर - "और कैपरी के नीचे "
दीदी - " पेंटी "
विवेक सर - "अच्छा तुमने अभी किस कलर की ब्रा पेहेन रखी है "
दीदी - " सर वाइट कलर की "
विवेक सर - "और पेंटी ?"
दीदी - "जी वो ब्राउन कलर की है "
विवेक सर - "अच्छा तुम्हारे पीरियड्स होने लग गए क्या "
दीदी (नीचे देखते हुए )- "हा सर "
विवेक सर - "तुम पहली बार पीरियड्स में कब हुई थी "
दीदी - " 9th क्लास में "
विवेक सर - "तुम कौनसा पैड यूज़ करती हो पीरियड्स में "
दीदी - "जी व्हिस्पर चॉइस "


विवेक सर - "चलो अब मुझे तुम्हारी ब्रा दिखाओ "
दीदी - "क्या ?? नहीं नहीं सर "
विवेक सर - "अब तुमने सब कुछ तो बता दिया है तो दिखा भी दो ना "
ये सारी बातें सुन के मेरा लंड बिलकुल टाइट खड़ा था और ना चाहते हुए भी मैं देखना चाहता था की आगे क्या होता है और मैं चाहता था की आगे कुछ हो
विवेक सर दीदी के पास चले गए
दीदी - "नहीं सर प्लीज सर मुझे जाने दीजिये "
विवेक सर - "सोच लो अब जो बोलूँगा वो करोगी तो 5 नंबर दूंगा "
दीदी - "नहीं सर मुझे नंबर नहीं चाइए मुझे जाने दीजिये प्लीज "
विवेक सर - "अच्छा मुझसे जबान चलाती है अब रुक अभी तेरे 50 की जगह 20 नंबर करता हूँ और तुझे फेल करता हूँ और नोट लिख के भेजता हू तुम्हारे पापा को की आपकी बेटी बोर्ड्स नहीं दे पायेगी "
दीदी - "नहीं सर ऐसा मत कीजिये प्लीज सर मैं दिखाती हूँ सर "


दीदी ने अपनी शर्ट के बटन पे हाथ रखा फिर बोली "प्लीज सर मुझसे नहीं होगा सर "
विवेक सर दीदी के पास गए और उनकी स्कूल की शर्ट पे से उनके बोबे दबाने लगे , और बोले "अरे वाह मेरे रानी कितने नरम है तेरे बोबे तेरे निप्पल का क्या कलर है " दीदी बोली "सर ब्राउन " विवेक सर बोले "अरे वाह मेरी जान तू तो क़यामत है क्या बोबे है तेरे इतने मोटे मोटे नरम नरम इतनी सी उम्र में अभी तो तू कलि है जब फूल बनेगी तो पागल कर देगी सबको "

दीदी बोल रही थी की सर छोडिये मुझे लेकिन विवेक सर दीदी के बोबे अपने दोनों हाथों से दबा रहे थे तभी विवेक सर ने दीदी की शर्ट के ऊपर के 2 बटन खोले और अपना हाथ दीदी की शर्ट में डाल दिया और उनके बोबो पे अंदर से हाथ फेरने लगे और बोले "आज तक कितनो ने दबाये है तेरे बोबे जो इतने मोटे हो गए " फिर विवेक सर ने दीदी की शर्ट के 3 बटन खोल दिए और उनकी शर्ट थोड़ी सी पीछे कर दी अब दीदी अपनी ब्रा में विवेक सेर के सामने थी फिर विवेक सर ने 1 हाथ दीदी की ब्रा के कप में डाला और ब्रा के अंदर से उनके बोबे दबाने लगे दीदी के आँखें बंद थी सर ने कहा "साली तू भी तो गरम हो रही है तेरे निप्पल तो बिलकुल टाइट खड़े हुए है क्या माल है मेरी जान तू " ये सब मेरे सामने पहली बार हो रहा था मुझसे और रहा नहीं गया और मैंने अपना लंड निकाला और मूट मारने लगा थोड़ी देर में मेरा मुट निकल गया तब जाके मैं होश में आया अब मैंने सोच की सबसे पहले मेरी दीदी के साथ सब कुछ मैं ही करूँगा इस कमीने के चुंगल से दीदी को केसे निकाला जाये

तभी मेरे दिमाग में 1 आईडिया आया मैंने पास में रखी स्कूल की बेल जोर जोर से बजा दीदी विवेक सर की हालत ख़राब हो गयी वो फटाफट दीदी से दूर हुए दीदी ने भी जल्दी जल्दी अपने कपडे ठीक किये और दोनों बाहर आ गये दीदी को दूर से देख कर मुझे तसल्ली हुई की बच गए आगे कुछ नहीं हुआ मैंने कॉरिडोर मैं दीदी को रोक और पूछा "क्या हुआ दीदी आप यहाँ केसे किस बात का नोट था " दीदी कुछ नहीं बोली हमारे स्कूल की छुट्टी हो गयी थी हम घर पहुंचे खाना खाया और सो गए उस दिन कुछ ख़ास नहीं हुआ दीदी बहुत परेशान थी शायद आज जो भी हुआ उस वजह से रात को खाने के बाद जब हम सोने के लिए गए तो मैंने दीदी से पूछा की "क्या हुआ दीदी आज आप इतने उदास क्यों हो " दीदी ने कहा की " कुछ नहीं " मैंने कहा की दीदी "आपको मेरी कसम है बताओ " दीदी ने मुझे देखा और कहा "सोनू मुझे विवेक सर बहुत परेशान करते है आज भी केबिन में उन्होंने मेरा हाथ पकड़ने को कोशिश की और बोला की अगर मैंने कुछ बोला तो वो मुझे फेल कर देंगे और मुझे एग्जाम नहीं देने देंगे मुझे बहुत डर लग रहा है " मैंने कहा " बस दीदी इतनी सी बात अब आप कल देखना की मैं क्या करता हूँ कल से ना तो विवेक आपको कभी परेशान करेगा और आपके मार्क्स भी अच्छे भेजेगा " ...

रात को खाने के बाद जब हम सोने के लिए गए तो मैंने दीदी से पूछा की "क्या हुआ दीदी आज आप इतने उदास क्यों हो " दीदी ने कहा की " कुछ नहीं " मैंने कहा की दीदी "आपको मेरी कसम है बताओ " दीदी ने मुझे देखा और कहा "सोनू मुझे विवेक सर बहुत परेशान करते है आज भी केबिन में उन्होंने मेरा हाथ पकड़ने को कोशिश की और बोला की अगर मैंने कुछ बोला तो वो मुझे फेल कर देंगे और मुझे एग्जाम नहीं देने देंगे मुझे बहुत डर लग रहा है " मैंने कहा " बस दीदी इतनी सी बात अब आप कल देखना की मैं क्या करता हूँ कल से ना तो विवेक आपको कभी परेशान करेगा और आपके मार्क्स भी अच्छे भेजेगा "......

अब आगे - मैंने रात को सोचा की ऐसा क्या करू की विवेक सर दीदी को ना तो कभी परेशान करे और ना ही जो भी उन्होंने दीदी के साथ किया वो किसी को बतायें ऐसा करना काफी मुशकिल था क्योंकि आज विवेक सर दीदी की ब्रा के अंदर तक हाथ डाल चुके उनके बोबे दबा चुके थे और उन्हें पता चल चुका था की दीदी कुछ नहीं बोलेगी और वो कुछ भी कर सकते है और तभी मुझे 1 आईडिया आया और मुझे पता चल गया की अब क्या करना है सुबह हम दोनों भाई बेहेन स्कूल गए लंच के बाद मैं अपनी डायरी लेके स्टाफ रूम में गया वहां बस विवेक सर थे मैंने गेट के पास खड़े होके "कहा मे आई कम इन सर " सर ने बोला " हाँ आ जाओ बेटा क्या हुआ " मैंने कहा " सर वो कल आपने मेरी डायरी में नोट साइन कराने के लिए कहा था पापा से लेकिन मुझे वो नोट मिला नहीं क्या आप बता सकते है की आपने वो नोट कहाँ डाला था " सर ने कहा "नहीं बेटा मैंने नोट नहीं डाला था " मैंने कहा " ठीक है सर , सर वो मुझे आपका फोन नंबर और घर का एड्रेस चाइए था " सर ने पुछा "क्यों " मैंने कहा " पता नहीं वो दीदी और पापा कल कुछ बात कर रहे थे फिर पापा ने मुझसे कहा की कल विवेक सर का फोन नंबर और एड्रेस लेके आना उन्हें आपसे कुछ बात करनी है आपके घर पे और हाँ मुझे प्रिंसिपल मेम का नंबर दीजियेगा पापा ने उनका नंबर भी माँगा है " विवेक सर के होश उड़ गए वो पसीना पसीना हो गए उनके चेहरे से डर साफ़ झलक रहा था उन्होंने कहा " क्यों बेटा क्या हो गया मैं तुम्हे स्कूल की छुट्टी में देता हूँ अभी तुम क्लास मे जाओ और तुम्हारी दीदी को स्टाफ रूम में भेज दो कहना की मैंने बुलाया है "


मैंने कहा "ठीक है सर " मुझे पता था की उन्हें बहुत डर लग रहा है उन्होंने ये सोचा होगा की शायद दीदी ने पापा को सब कुछ बता दिया है और अब पापा उनके खिलाफ कुछ एक्शन लेने वाले है मै दीदी की क्लास में गया दीदी को बुलाया और कहा "दीदी विवेक आपको स्टाफ रूम में बुला रहा है आप डरना मत मै गेट के बार ही खड़ा रहूँगा और थोडा गुस्से में जाना और गुस्सा दिखाना " दीदी ने कहा "ठीक है सोनू " दीदी स्टाफ रूम में गयी और मैं बाहर खड़ा हो गया दीदी ने अंदर जाके गुस्से में बोला " यस सर " विव्केक सर ने बोला "बेटी मुझे माफ़ कर दो मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गयी प्लीज प्रिंसिपल से शिकायत मत करो मेरी नौकरी चली जाएगी प्लीज मुझे बचा लो अपने पापा को रोक लो मैं वादा करता हूँ की ऐसा दुबारा कभी नहीं होगा "दीदी ने गुस्से में कहा "वो तो आपको ये सब करने से पहले सोचना चाहिए था आपको शर्म नहीं आई मैं आपकी बेटी की उम्र की हूँ अब भुगतो जो किया सबको पता चलना चाहिए आपके करैक्टर के बारे में " विवेक सर बोले "नहीं नहीं बेटी मुझे माफ़ कर दो मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गयी मैं वेसे भी ये स्कूल छोड़ के जाने वाला हू अगले महीने अगर ऐसा कुछ हो गया तो मुझे किसी स्कूल में नौकरी नहीं मिलेगी मुझे माफ़ कर दो मैं किसी से कुछ नहीं कहूँगा तुम्हारे नंबर भी पूरे भेजूंगा और आगे से किसी के साथ भी ऐसा नहीं करूँगा मेरे बच्चे की कसम मुझे माफ़ कर दो " दीदी ने कहा "ठीक है सर लेकिन आगे से ऐसा किसी के साथ मत कीजियेगा "


ये कह के दीदी बाहर आ गयी दीदी के चेहरे पे काफी सुकून दीदी ने मुझे ख़ुशी से और इस तरह देखा की अगर अभी बोल दू की नंगी हो जाओ तो नंगी हो जाएँगी फिर हम दोनों अपनी अपनी क्लासों में चले गए छुट्टी के बाद घर पहुंचे जेसे ही मैंने अपने रूम में बेग रखा दीदी ने मुझे कस के गले लगा लिया मेरा चेहरा दीदी के बोबो की ठीक थोडा ऊपर था दीदी "बोली थैंक यू सो मच सोनू तूने मुझ पे बहुत बड़ा एहसान किया है " मैंने भी दीदी को कस के पकड़ लिया मुझे तो दीदी के बदन को छूने का आनंद चाहिए था कितना कोमल बदन था मेरी प्यारी दीदी का मैंने कहा "कोई बात नहीं दीदी " लेकिन दीदी ने अभी भी मुझे कस के पकड़ रखा था मैं दीदी की शर्ट के अंदर से दीदी की ब्रा देखने के कोशिश कर रहा था फिर मैंने अपना हाथ दीदी की पीठ पर फेरा और उनकी ब्रा की स्ट्रैप्स और उनके ब्रा के हुक को फील किया और धीरे धीरे अपना हाथ दीदी की स्कर्ट पे ले गया और उनकी गांड पे हलके से अपना हाथ फेरा थोड़ी देर बाद दीदी ने मुझे अलग किया और कपडे चेंज करने चली गयी लेकिन दीदी के बदन को छूने से मेरा लंड बिलकुल टाइट हो गया था मैंने सोचा दीदी के बोबे दबाये हुए बहुत दिन हो गए आज कुछ करना पड़ेगा


आज मैं बहुत ज्यादा मूड में था थोड़ी देर बाद दीदी नहा के कपडे चेंज कर के आई बड़ी ही सेक्सी लग रही थी दीदी ने नहा के सलवार सूट पहना था उन्होंने डार्क बेंगनी कलर का सूट पेहेन रखा था उनके गोरे कलर पे वो डार्क सूट बहुत ही सेक्सी लग रहा था उनका कुरता बहुत ही पतला था और उनके बदन से चिपका हुआ था जिसकी वजह से उनका फिगर बहुत ही सेक्सी लग रहा था उनके टाइट बोबे उस चिपके हुए कुर्ते में से बाहर आ रहे थे और नीचे उनके पतले पेट पर कुरता चिपका हुआ था उनके पतले कुर्ते में से मुझे उनकी पूरी ब्रा का शेप उनकी ब्रा की स्ट्रैप्स साफ़ दिख रही थी उनकी पटियाला सलवार भी उतनी ही पतली थी और दीदी की गोरी गोरी झान्गें नजर आ रही थी उनके बालो की लटे बार बार उनके चेहरे पे आ रही थी और वो अपनी उंगलियों से उन्हें अपने कान के पीछे करती उनका ये रूप देख के मैं पागल हो गया मैं उनके बाथरूम में गया और उनकी उतारी हुई ब्रा पेंटी को पागलो की तरह सूंघने लगा उनकी ब्रा पेंटी में से उनके बदन की बहुत ही कमसिन और कामुख खुशबु आ रही थी मैं यही सब कर रहा था इतने में दीदी की आवाज आई "कहाँ है सोनू खाना खा ले "


मैंने दीदी की ब्रा पेंटी रखी और बाहर आ गया हम दोनों ने खाना खाया आज तो दीदी के चेहरे पे अजीब सी ख़ुशी और चमक थी हम दोनों खाना खाने लगे थोड़ी देर में दीदी ने खाना खा लिया और वो बोतल से पानी पीने लगी थोडा सा पानी उनके मुह से गिर के उनके गले से होता हुआ उनके कुर्ते के गले के अंदर चला गया मैं सोचने लगा की काश मैं भी एसे ही अंदर जा पता वो सीन बहुत ही सेक्सी था तभी थोडा सा पानी दीदी के कुर्ते के बाहर गिर गया उनके बोबे पे और गीला होने के कारण मुझे दीदी का निप्पल का शेप दिखा आज इन सब से मैं पागल हो चुका था अब मैंने सोच लिया था की आज रात को दीदी के जिस्म को छुउंगा वापस शाम को मैं खेलने चला गया खेल के वापस आया तो देखा की दीदी नेल पोलिश लगा रही थी मैंने सोचा दीदी आज तो वेसे ही इतनी कातिल लग रही हो और जुल्म क्यों ढा रही हो मैं जाके दीदी के सामने बैठ गया फिर दीदी ने अपने पैरो के नेल्स पे नेल पोलिश लगाना शुरू की जेसी ही दीदी बार बार झुकती मुझे उनकी ब्रा में क़ैद उनके बोबो का थोडा थोडा ऊपर का हिस्सा दिखाई देता मैं आज सुबह से ही बहुत उत्तेजित था मैं रात होने का इन्तेजार करने लगा


थोड़ी देर बाद रात हो गयी हम लोग खाना खाने लगे खाना खाके दीदी और मम्मी टीवी देखने लगे लेकिन मैंने आज टीवी नहीं देखा मैं रूम मैं आके लाइट बंद करके लेट गया करीब आधे घंटे बाद दीदी अंदर आयी उन्होंने लाइट जलाई मैं सोया नहीं था सोने का नाटक करने लगा दीदी ने लाइट जला के बोला "ओये भंगी सो गया क्या " मैंने कोई जवाब नहीं दिया इतने में मम्मी आई और बोली "अरे प्रीती क्या हुआ सोनू आज इतनी जल्दी कैसे सो गया " दीदी ने कहा " थक गया हो मम्मी खेल खेल के " फिर दीदी ने कहा "अच्छा मम्मी सुनो ना यार मुझे थोड़ी खांसी हो रही है और चेस्ट में भी पेन हो रहा है थोडा थोडा " मम्मी ने कहा "और नहा ले गर्मी में आके इसलिए मना करती हू रुक दवाई लाती हु और हाँ अगर चेस्ट में पेन हो रहा है तो रात को ब्रा का हुक खोल के सो जाना या फिर ब्रा उतार देना और खाली शमीज और टॉप पेहेन लेना " दीदी ने कहा " हाँ मम्मी ब्रा उतार ही देती हूँ और खाली शमीज पेहेन लेती हूँ और ऊपर से टॉप डाल लूंगी " मम्मी ने कहा "ठीक है " मैं ये सब सुन रहा था और मैं मन ही मन बहुत ख़ुश था की चलो आज तो दीदी ब्रा उतार की सोयेंगी तो मैं उनके बोबे आराम से छू पाऊँगा


थोड़ी देर बाद दीदी ने लाइट ऑफ की और वो भी सो गयी मैं थोडा टाइम निकलने का इन्तेजार करने लगा थोड़ी देर बाद मैंने दीदी को आवाज दी दीदी ने कुछ जवाब नहीं दिया मैंने और तेज आवाज दी दीदी कुछ नहीं बोली फिर मैं उठा दीदी मेरी तरफ पीठ करके सो रही थी मैंने दीदी की गांड पे हाथ रखा और उन्हें जगाने की कोशिश की लेकिन दीदी नहीं उठी मैंने सोचा आज दीदी इतनी गहरी नींद में कैसे सो रही है फिर मुझे लगा की शायद कल विवेक सर वाली टेंशन में दीदी रात भर नहीं सो पाई होंगी इसलिए आज सो रही है ढंग से मैंने सोचा आज बहुत ही अच्छा मौका है मैं दीदी के मुह की तरफ गया और दीदी के कंधे पे हाथ रख उन्हें उठाने लगा दीदी ने अद्खुली पलकों से मुझे देख के कहा "क्या हुआ सोनू " मैंने कहा "दीदी मुझे डर लग रहा है " दीदी ने कहा " आजा यहाँ पे आजा मेरे बेड पे यहाँ सोजा मेरे पास और अब डिस्टर्ब मत करना " मैंने कहा " ठीक है दीदी " अब मैं दीदी के बेड पे उनके बिलकुल पास लेटा हुआ था दीदी मेरी तरफ मुंह करके सो रही थी मेरा लंड खड़ा था


मैंने धीरे धीरे अपना हाथ दीदी की झांघ पे रखा और धीरे धीरे अपना हाथ उनकी कोमल और नरम झांघ पे फेरने लगा फिर मैं अपना हाथ धीरे धीरे ऊपर की तरफ लेके जाने लगा मुझे दीदी की पेंटी की लाइन महसूस हुई मैंने अपना हाथ फेरना जारी रखा और अब मेरा हाथ दीदी की गांड तक पहुँच गया था मैं अपना हाथ दीदी की गांड पे फेरने लगा उनकी गांड को सहलाने लगा फिर मैंने अपना हाथ दीदी की गांड पे से और ऊपर उनके टॉप और उनकी शमीज के अंदर दीदी की पीठ की तरफ किया आज उनकी पीठ पूरी नंगी थी आज दीदी ने ब्रा नहीं पहनी थी मैंने थोड़ी देर दीदी की नंगी पीठ पे हाथ फेरा फिर अपना हाथ निकाला और दीदी के हाथ पर अपना हाथ रखा और धीरे से उनका हाथ अपने लोअर पे से अपने खड़े हुए लंड पर टच करवाया मुझे 1 करंट सा लगा फिर मैं अपने होंठ दीदी के होंठो की तरफ लेके गया और उन्हें धीरे से किस किया आज मैंने पहली बार अपनी दीदी को किस किया था दीदी को किस करना मेरा बहुत ही अलग अनुभव था दीदी को किस करने के बाद मैं और ज्यादा मदहोश हो गया था बहुत नरम और कोमल होंठ थे मेरी प्यारी दीदी के मैं फिर धीरे से अपना हाथ दीदी के टॉप पर लेके गया और उनके टॉप पे से उनके नरम बोबे दबाये कितने मुलायम बोबे थे दीदी के मैं थोड़ी देर तक उनके बोबे दबाता रहा फिर


मैंने दीदी के होठो पे वापस किया और उन्हें किस करते करते मैं उनके बोबे दबाने लगा अब मैंने अपना लोअर उतार दिया मेरा लंड बाहर आ गया था अब मैं नंगा दीदी के साथ उन्ही के बेड पे था मैंने दीदी का हाथ लिया और उनके हाथ मैं अपना नंगा लंड पकडाया और धीरे धीरे ऊपर नीचे करने लगा और उनके बोबे दबाना लगा फिर उन्हें किस करने लगा फिर मैंने उनके पेट पर अपना हाथ रखा और धीरे धीरे उनका टॉप और उनकी शमीज ऊपर करने लगा और दीदी के नंगे बोबे मेरे सामने थे आज मैंने बड़े ध्यान से और आराम से अपनी दीदी के प्यारे बोबो को देखा उनके बोबे गोरे गोरे और मोटे मोटे थे और उनके निप्पल ब्राउन कलर के बहुत छोटे छोटे थे मैंने पहले दीदी के नंगे बोबो पे अपना हाथ फेरा उन्हें दबाया उन्हें सहलाया फिर उन्हें किस किया और फिर उनका 1 निप्पल अपना मुह मैं ले लिया आज मैंने पहली बार अपनी दीदी का निप्पल मुह मैं लिया था मैं उनके निप्पल को चूसने लगा दीदी का निप्पल खड़ा हो चूका था मैंने दीदी के पूरे बोबे को अपने मुह में लिया और चूसने लगा दीदी के बोबे को चूसते चूसते अपने आप ही मेरा हाथ दीदी के दोनों जाँघों के बीच उनकी चूत पे चला गया मैं दीदी की कैप्री के ऊपर से उनकी पूरी चूत पे अपना हाथ फेरने लगा फिर मैंने दीदी का दूसरा बोबा चूसना चालू किया और अपना हाथ दीदी की केप्री के अंदर डाल दिया और उनकी पेंटी के ऊपर से उनकी चूत पे सामने की तरफ से ऊपर से लेके नीचे तक पूरी चूत में अपना हाथ फेरने लगा मैं तो बिलकुल ही ये भूल चूका था की मैं ये सब तब कर रहा था जब दीदी सो रही थी


फिर मैंने दीदी की केप्री उतारने की सोची लेकिन उनकी कैप्री का इलास्टिक बहुत टाइट था वो नीचे नहीं हुई अब मैंने दीदी की केप्री और चड्डी उतारने का विचार त्याग दिया और मैं वापस दीदी के बोबे चूसने लगा और उनकी केप्री के अंदर से उनकी पेंटी पे से उनकी चूत पे हाथ फेरने लगा मैं बहुत ज्यादा गरम हो चूका था मैंने अपना लोअर थोडा सा दीदी के पेरो पे डाला और थोडा सा चादर पे ताकि मुट यहाँ वहां ना गिर जाए फिर मैंने दीदी के बोबो को उनके निप्पल को चुसना चालू किया और अपने हाथ से दीदी का हाथ पकड़ा और उनके हाथ से अपना नंगा लंड पकड़वाया और उसे ऊपर नीचे करने लगा मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था दीदी के हाथों में तो जादू था मैं जल्दी जल्दी दीदी के बोबे चूसने लगा और जल्दी जल्दी उनके हाथ से अपना लंड हिलाने लगा थोड़ी देर में मेरा मुट निकल गया आज मेरा बहुत सारा मुट निकला था आज मैं बहुत संतुष्ट था थोड़ी देर बाद मैं सही हुआ मैंने अपने पास देखा मेरी आधी नंगी दीदी मेरे साथ बेड पे थी मैंने दीदी के होठो पे वापस बहुत ही गहरा और लंबा किस किया फिर उनके कपडे ठीक किये अपना लोअर हटाया उसे छुपा के नया लोअर पेहेन के दीदी के पास आके लेट गया मुझे पता नहीं कब नींद आ गयी सुबह हुई तो दीदी ने मुझे उठाया "सोनू उठ जा स्कूल जाना है " मैं उठा फिर दीदी मेरे पास आई और बोली "क्यों डर गया था कल तू क्या हुआ ".......


फिर मैंने दीदी की केप्री उतारने की सोची लेकिन उनकी कैप्री का इलास्टिक बहुत टाइट था वो नीचे नहीं हुई अब मैंने दीदी की केप्री और चड्डी उतारने का विचार त्याग दिया और मैं वापस दीदी के बोबे चूसने लगा और उनकी केप्री के अंदर से उनकी पेंटी पे से उनकी चूत पे हाथ फेरने लगा मैं बहुत ज्यादा गरम हो चूका था मैंने अपना लोअर थोडा सा दीदी के पेरो पे डाला और थोडा सा चादर पे ताकि मुट यहाँ वहां ना गिर जाए फिर मैंने दीदी के बोबो को उनके निप्पल को चुसना चालू किया और अपने हाथ से दीदी का हाथ पकड़ा और उनके हाथ से अपना नंगा लंड पकड़वाया और उसे ऊपर नीचे करने लगा मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था दीदी के हाथों में तो जादू था मैं जल्दी जल्दी दीदी के बोबे चूसने लगा और जल्दी जल्दी उनके हाथ से अपना लंड हिलाने लगा थोड़ी देर में मेरा मुट निकल गया आज मेरा बहुत सारा मुट निकला था आज मैं बहुत संतुष्ट था थोड़ी देर बाद मैं सही हुआ मैंने अपने पास देखा मेरी आधी नंगी दीदी मेरे साथ बेड पे थी मैंने दीदी के होठो पे वापस बहुत ही गहरा और लंबा किस किया फिर उनके कपडे ठीक किये अपना लोअर हटाया उसे छुपा के नया लोअर पेहेन के दीदी के पास आके लेट गया मुझे पता नहीं कब नींद आ गयी सुबह हुई तो दीदी ने मुझे उठाया "सोनू उठ जा स्कूल जाना है " मैं उठा फिर दीदी मेरे पास आई और बोली "क्यों डर गया था कल तू क्या हुआ "....
मैंने दीदी के होठो पे वापस बहुत ही गहरा और लंबा किस किया फिर उनके कपडे ठीक किये अपना लोअर हटाया उसे छुपा के नया लोअर पेहेन के दीदी के पास आके लेट गया मुझे पता नहीं कब नींद आ गयी सुबह हुई तो दीदी ने मुझे उठाया "सोनू उठ जा स्कूल जाना है " मैं उठा फिर दीदी मेरे पास आई और बोली "क्यों डर गया था कल तू क्या हुआ ".........
अब आगे - मैंने दीदी से कहा "वो दीदी मुझे बाहर से कुछ आवाजें आ रही थी इसलिए मुझे डर लग रहा था लेकिन आप कल रात को इतनी ज्यादा गहरी नींद में कैसे सो रही थी " दीदी ने बोला " अरे सोनू वो विवेक सर की टेंशन के कारण परसों नींद ही नहीं आई और कल मम्मी ने खांसी की दवाई भी दे दी थी तो उससे और ज्यादा नींद आ गयी चल अब तैयार हो जा फटाफट स्कूल के लिए " फिर हम दोनों स्कूल के लिए हमारी स्कूल बस का वेट करने लगे बस आयी तो मैंने देखा की बस का कंडेक्टर मेरी दीदी को घूर घूर के देख रहा था फिर जेसे ही दीदी बस म चडी तो कंडेक्टर ने धीरे से अपना हाथ दीदी की गांड पे फेरा उसने ऐसा इतने ध्यान से किया की किसी ने नोटिस नहीं किया लेकिन वो मैंने देख लिया था थोड़ी देर बाद हम स्कूल पहुंचे स्कूल मे कुछ ख़ास नहीं हुआ 1 बजे हम स्कूल से घर पहुंचे घर पहुँच के देखा तो डाइनिंग टेबल पे 1 लड़की बैठी हुई थी और खाना खा रही थी मैंने दीदी से पूछा " ये कौन है दीदी " दीदी ने कहा "स्टुपिड मुझे क्या पता मैं भी तो स्कूल से आई हु अभी अभी तेरे साथ " इतने में मम्मी ने बोल "अरे बच्चो आ गए तुम देखो तो कौन आया है "

उस लड़की ने पीछे मुड के देखा तो दीदी चिल्ला पड़ी " माय गॉड शिप्रा दीदी आप कब आये " और दीदी भाग के उनके गले लग गयी शिप्रा दीदी को मैं नहीं पहचान पाया क्योंकि मैं उनसे बचपन में मिला था वो मेरी मौसी की लड़की थी जो बी कॉम फाइनल इयर में थी बहुत ही सेक्सी लग रही थी वो दीदी से खूब गले मिली और बोली " ओहो मेरी प्रीती बहुत बड़ी हो गयी तू तो कौनसी क्लास में है तू " दीदी ने कहा " दीदी 12 th में हू और आप क्या कर रहे हो आजकल " तो शिप्रा दीदी ने बोला " मेरा बी कॉम का फाइनल इयर चल रहा है " फिर शिप्रा दीदी ने मेरी दीदी को साइड मे किया और मुझे देख के बोली "ओ हेल्लो मिस्टर कौनसी दुनिया में हो , तूने तो मुझे पहचाना ही नहीं होगा छोटा सा था जब मैं मिली थी तुझसे " मुझे तो शिप्रा दीदी की कोई बात सुनाई ही नहीं दीक्योंकि मैंने उन्हें देखा तो देखता ही रह गया



ब्लैक कलर का टॉप ब्लू कलर की जींस लम्बे बाल सर पे गोगल लगा हुआ होंठो पे लाइट ब्राउन कलर का लिप ग्लॉस 1 हाथ में घडी और 1 हाथ मे बेन्गल्स वो बहुत ही हॉट और सेक्सी लग रही थी वो मेरे पास आई और चुटकी बजा के बोली "ओये दीन दुनिया से बेखबर कौनसी दुनिया में है पहचाना या नहीं " मैंने ना में सर हिला दिया उन्होंने कहा "भोंदूमल मैं शिप्रा हु तेरी मौसी की लड़की अब कुछ याद आया " इतने में मम्मी बोल पड़ी " अरे शिप्रा इसे कहाँ से याद होगा ये तो बहुत ही छोटा था तब फिर तुम मिले भी तो नहीं उसके बाद " तो शिप्रा दीदी ने कहा "अरे तो अब मिल लेंगे मौसी , कौनसी क्लास मे है तू भोंदूमल " मैंने कहा "10th में " तभी दीदी ने बोल " शिप्रा दीदी आज इतने सालो बाद 1 दम से कैसे आना हुआ " तो शिप्रा दीदी ने कहा "अरे यार मेरे फाइनल इयर के एग्जाम आने वाले है तो 2 - 3 बुक्स है जो मिल नहीं रही है बस वही लेने आई थी यहाँ से परसों निकलने का प्लान है "

इसपे दीदी बोली "क्या दीदी इतने सालो बाद आये हो और बस 2 दिन में चले जाओगे थोडा तो रुको " तो शिप्रा दीदी ने कहा "अरे प्रीती अभी एग्जाम है बाद में आउंगी फिर छुट्टियों में " मैं तो छुप छुप के बस शिप्रा दीदी को ही देख रहा था वो बहुत सेक्सी थी मैं उनका दीवाना हो चूका था उन्होंने v नैक का टॉप पेहेन रखा था जिसमे से उनके कंधो पर से उनकी ब्रा की 1 स्ट्रेप दिख रही थी शिप्रा दीदी ने वाइट कलर की ब्रा पेहेन रखी थी मेरी नजरे उनके पूरे बदन पे थी उनके टॉप में से उनके बोबे बाहर आ रहे थे फिर नीचे टॉप उनके पेट से चिपका हुआ था और जीन्स में से उनकी प्यारी कोमल गांड बाहर आ रही थी मैं उनके टॉप के गले में से उनके बोबे देखने की कोशिश कर रहा था इतने में मम्मी ने कहा "अरे शिप्रा तू नहा के फ्रेश हो जा और रेस्ट कर ले थोड़ी देर " शिप्रा दीदी ने कहा "जी मौसी " और कुर्सी पे से उठते हुए अपने सेंडल उठाने लगी जैसे ही वो झुकी उनके टॉप के गले में से मुझे अंदर का नजारा देखने का मौका मिला मुझे शिप्रा दीदी की ब्रा की थोड़ी सी झलक मिली

लेकिन तभी शिप्रा दीदी ने अपना मुह ऊपर करके बोला " अरे सोनू सुन तो " और उन्होंने मुझे उनके टॉप के गले में झांकते हुए पकड़ लिया मैंने जल्दी से अपनी नजरे हटा ली लेकिन मैं जनता था की शिप्रा दीदी मुझे देख चुकी है उनके टॉप के अंदर झांकते हुए वो थोडा सा मुस्कुराई शायद वो समझ गयी थी की मैं क्या देख रहा था उन्होंने मुझसे कहा "अरे सोनू सुन मुझे 2 शेम्पू का पाउच ला के दे " मैंने कहा " हाँ दीदी " मैंने सोचा की बाल बाल बच गए आज तो फिर मैंने सोचा की शिप्रा दीदी नहाने जाने वाली है तो क्यों ना उन्हें नंगी देखा जाये मैं जल्दी से शेम्पू के पाउच लेके आया उन्हें दिए और अपने रूम में जाके बैठ गया थोड़ी देर में शिप्रा दीदी नहाने गयी उन्होंने दरवाजा बंद किया और इतने मैं मेरी दीदी रूम में आगयी और बोली "ओये तुझे मम्मी बुला रही है जा " मुझे इतना गुस्सा आया अपनी दीदी पर की यार इसे भी अभी ही आना था क्या खैर मैंने सोचा चलो रहने दो बाद में देखेंगे कभी और बहार चला गया थोड़ी देर बाद शिप्रा दीदी नहा के बाहर आयी बहुत ही सेक्सी लग रही थी

गीले गीले बाल गोरा चेहरा डार्क ब्लू कलर का स्लीवलेस टॉप चेक्स वाला पजामा चिकने चमकते हाथ वो बहुत सेक्सी लग रही थी थोड़ी देर बाद शिप्रा दीदी और मेरी दीदी दोनों बैठ कर टीवी देखने लगे मैं चुपके से बाथरूम में गया और वहा पे शिप्रा दीदी की ब्रा और पेंटी ढूँढने लगा फिर मैंने देखा की उन्होंने अपने टॉवल के नीचे अपनी ब्रा और पेंटी धोके सुखा रखी थी मैंने उनकी पेंटी उठाई और उसे सूंघने लगा और शिप्रा दीदी की ब्रा को अपने मुह पे रगड़ने लगा उनकी पेंटी में से बहुत ही कातिल और कमसिन खुशबु आ रही थी मेरा लंड खड़ा हो चुका था मैंने शिप्रा दीदी की पेंटी अपने पूरे नंगे लंड पे फेरी मैं उनकी पेंटी अपने लंड पर लपेट ही रहा था रहा था की तभी मम्मी ने मुझे आवाज लगायी मैंने जल्दी से शिप्रा दीदी की ब्रा पेंटी वापस उसी जगह रखी खुद को नार्मल किया और बाहर आया मुझे देख " मम्मी ने बोला कहाँ घूम रहा है शिप्रा दीदी बुला रही है ना कम से कम ढंग से मिल तो ले उनसे

मैंने कहा " हाँ मम्मी " मैं जाके शिप्रा दीदी के साथ बैठ गया उन्होंने मुझे देखते ही बोला "और हमारे छोटू मोटू सोनू यहाँ तो आओ " मैं उनके पास चला गया शिप्रा दीदी ने मुझे हग कर लिया और उनके बदन की इतनी कामुख खुशबु थी और उनके बोबे मेरी छाती को छू रहे थे इन सब से मेरा लंड बिलकुल टाइट खड़ा हो गया और मेरा खड़ा लंड हलके से उनके पैर पे लग गया उन्होंने मुझे अलग किया और वो फिर मुझे देख के फिर से मुस्कुराई शायद उन्हें पता चल चुका था की मेरा लंड खड़ा हुआ था हम लोगो ने थोड़ी सी बातें की फिर रात का खाना खाने बैठ गए हम खाना खा रहे थे तो पापा ने मम्मी से पुछा की "शिप्रा के सोने का एडजस्टमेंट कहा किया 1 काम करो मैं ड्राइंग रूम में सो जाता हू तुम शिप्रा के साथ सो जाना " तो मम्मी ने कहा "नहीं जी मैंने सोनू और प्रीती के जो बेड अलग अलग थे उनको मिला दिया है तो तीनो बच्चे साथ में आराम से सो जाएँगे " मैंने मन ही मन सोचा की काश शिप्रा दीदी मेरे पास सो जाये हम लोगो ने खाना खत्म किया और सोने के लिए अपने रूम में आ गये दीदी ने कहा की "शिप्रा दीदी आप हम दोनों के बीच सोना ताकि हम दोनों आपसे बात कर सके " शिप्रा दीदी ने कहा " ठीक है "

थोड़ी देर बाद हम लोग सो गए शिप्रा दीदी मेरे पास ही सो रही थी मैं सोच रहा था की क्या करू नींद में शिप्रा दीदी के बदन को हाथ लगाऊं या नहीं वो जग गई तो अगर उन्हें पता चल गया तो मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था 1 घंटे बाद मैंने अपना हाथ शिप्रा दीदी की तरफ किया मैंने अपना हाथ उनके चादर के अंदर उनके पजामे के ऊपर से उनके घुटने पे रखा उन्होंने कुछ रियेक्ट नहीं किया फिर मैं अपना हाथ धीरे धीरे ऊपर ले जाना लगा उनकी झांगो की तरफ उन्होंने कुछ रियेक्ट नहीं किया फिर मैं धीरे धीरे अपना हाथ उनकी झांगो पे फेरने लगा फिर मैं धीरे धीरे अपना हाथ उनकी दोनों झांगो के बीच डालने लगा तभी उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया मैं बुरी तरह से डर गया मैंने अपना हाथ बाहर खींच लिया तभी शिप्रा दीदी ने मेरे कान में बोला "सोनू मैं अभी सोयी नहीं हू जब सो जाऊ तब करना " मेरी तो हालत ख़राब हो गयी



उन्होंने फिर मेरे कान में बोला "क्या करना चाहता है बोल " मैं कुछ नहीं बोला मेरी डर के मारे हालत ख़राब हो गयी थी तभी शिप्रा दीदी ने अपने हाथ से मेरे खड़े हुए लंड को पकड़ लिया मेरे लोअर पे से और मेरे कान में बोली "तूने जबसे मेरे टॉप के अंदर देखा है तब से ये ऐसे ही खड़ा है ना " मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा था की ये हो क्या रहा है तभी अचानक शिप्रा दीदी ने मेरे लोअर में अपना हाथ डाल दिया और मेरे नंगे खड़े लंड को अपने हाथ से पकड़ लिया और मेरे लंड के टोपे पे अपनी उंगलिया फिराते हुई मेरे कान में बोली "अरे वाह सोनू तू तो बहुत बड़ा हो गया है " मुझे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा था शिप्रा दीदी मेरे लंड पे हाथ फेर रही थी और मुझे बहुत डर लग रहा था मैंने डरते डरते और रुआंसा होते हुए कहा "प्लीज शिप्रा दीदी मम्मी से मत कहना प्लीज " शिप्रा दीदी ने मेरे लंड पे अपना हाथ फेरते हुए मेरे कान मे बोला " अरे नहीं बोलूंगी बोलना होता तो पहले ही बोल देती जब दिन में तू मेरी ब्रा की स्ट्रेप देख रहा था मेरे टॉप में झाँक रहा था जब तू बाथरूम मैं मेरी अंडर गारमेंट्स से खेल रहा था तुझे क्या लगता है मुझे नहीं पता था क्या हम लडकियों को सब पता होता है समझा मेरे भोंदूमल , अच्छा ये बता की पहले ये सब किसी के साथ किया है "
मैंने कहा "नहीं दीदी " तो दीदी ने कहा "गुड आयी लव वर्जिन्स " तभी शिप्रा दीदी ने मेरा हाथ पकड़ा और अपनी दोनों झांगो के बीच डाल दिया और मेरे कान में बोली "बता क्या क्या देखना चाहता है कहाँ कहाँ हाथ लगाना चाहता है " अब मैं थोडा रिलैक्स था और शिप्रा दीदी अपने हाथ से लगातार मेरे लंड को सहला रही थी इसलिए मैं मदहोश भी हो चुका था मैंने कहा " शिप्रा दीदी सबसे पेहले मैं आपके बोबो पे हाथ फेरना चाहता हूँ " शिप्रा दीदी ने कहा " हाँ ले न फेर न तुझे अच्छे लगते है क्या मेरे बोबे " और वो मेरा हाथ अपने टॉप पे ले गयी अपने बोबो पे और बोली "ले तेरा हाथ मेरे बोबो पे है अब बोल क्या करना चाहता है " मैंने शिप्रा दीदी के बोबो को दबाया और शिप्रा दीदी के बोबे पे हाथ लगते ही मैं पागल हो गया मैं पलट के शिप्रा दीदी के ऊपर चढ़ गया और उन्हें होंठो पे किस करने लगा वो भी मेरे बालो में अपना हाथ फेरने लगी और मुझे किस करने लगी लेकिन तभी उन्होंने मुझे रोका और कहा " यहाँ नहीं सोनू प्रीती पास में ही सो रही है कहीं और चलते है चल छत पे चलते है "

मैंने कहा " दीदी छत पे तो आस पास सब ऊपर ही सोते है चलो जीने तक ही चलते है " और शिप्रा दीदी और मैं जीने पे चल दिए जीने पे पहुँचते ही मैंने उन्हें दीवार से सटाया और उन्हें पागलों की तरह किस करने लगा वो भी मुझे वेसे ही किस करने लगी मैं किस करते हुए उनके बोबे दबा रहा था फिर मैंने नीचे उनकी गर्दन पे स्मूच करना चालू किया शिप्रा दीदी मेरे बालो में हाथ फेर रही थी फिर मैं नीचे गया और उनका टॉप इतनी जोर से खींचा की वो थोडा सा फट गया मैंने उनका टॉप उतार के फेंक दिया अब शिप्रा दीदी मेरे सामने अपनी ब्लैक ब्रा में थी मैंने उनकी ब्रा के दोनों कप नीचे कर दिए और शिप्रा दीदी के बोबे मेरी आँखों के सामने नंगे हो गए उनके निप्पल डार्क ब्राउन कलर के थे उनके दोनों निप्पल खड़े हुए थे मैंने उनके 1 बोबे अपने मुह में लिया और चुसना चालू किया शिप्रा दीदी के मुह से सिसकियाँ निकलने लगी फिर मैं उनके दोनों बोबे चूसने लगा और वो मेरे बालो में हाथ फेर रही थी मैं और नीचे गया और उनके पेट पे स्मूच करने लगा फिर मैंने उनकी नाभि में अपनी जीभ डाल दी और उसे गोल गोल घुमाने लगा उनकी नाभि में जीभ घुमाते हुए मैं उनके बोबे भी दबा रहा था शिप्रा दीदी की सिसकियाँ बढती जा रही थी



फिर मैंने उनका पजामा उतार फेंका शिप्रा दीदी ने पिंक कलर की स्ट्राइप्स वाली लो वेस्ट पेंटी पेहेन रखी थी मैंने अपना मुह उनकी पेंटी पे से उनकी चूत पे रखा उनकी चूत बहुत ही ज्यादा गरम थी मैंने शिप्रा दीदी की पेंटी पे से उनकी चूत पे किस किया अपने होंठो से उनकी चूत पे स्मूच किया और उनके दोनों निप्पलो को अपनी उंगलियों से गोल गोल घुमाने लगा शिप्रा दीदी मेरे बालों में हाथ फेर रही थी शिप्रा दीदी की पेंटी पूरी तरह गीली हो चुकी थी फिर मैंने शिप्रा दीदी की पेंटी भी उतार दी अब शिप्रा दीदी मेरे सामने पूरी नंगी थी उनकी चूत बिलकुल चिकनी थी और बहुत ज्यादा गीली थी उनके डिस्चार्ज के कारण मैंने उनकी नंगी चूत के ऊपर की तरफ थोड़ी सी स्किन बाहर निकल रही थी उसपे अपने होंठ रखे शिप्रा दीदी सिहर उठी फिर मैंने उनकी चूत की दोनों स्किन को अलग किया और उसके अंदर अपनी जीभ डाल दी अब शिप्रा दीदी मेरे बालों को खींचने लगी कभी वो मेरे बालो को खींचती कभो मेरे सर को अपनी चूत पे धक्का देती मैं लगातार उनकी चूत चाटता रहा मेरे दोनों हाथ उनके बोबो पे थे और मेरी जीभ शिप्रा दीदी की चूत में शिप्रा दीदी बहुत तेज तेज और लम्बी लम्बी सांसें ले रही थी



फिर मैंने उनकी चूत के होल पे अपनी जीभ रखी और उसे गोल गोल घुमाने लगा अब शिप्रा दीदी बहुत ही जोर जोर से सिसकियाँ लेने लगी वो बहुत जल्दी जल्दी मेरे बालों पे अपनी उँगलियाँ चलाने लगी मैं भी शिप्रा दीदी की चूत में अपनी जीभ ऊपर नीचे घुमाने लगा और उनकी पूरी चूत को चाटने लगा और जोर जोर से उनके बोबे दबाने लगा उनके निप्पलो को गोल गोल घुमाने लगा तभी उनके मुह से आवाज निकली " आअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह सोनॊऒऒ "और उनकी चूत से बहुत सारा पानी निकल गया मैं उनकी चूत का सारा पानी चाट गया और वापस उनकी चूत चाटने लगा फिर थोड़ी देर बाद मैं अपनी ऊँगली उनकी चूत में डालने लगा तो उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली "सोनू तू मुझे बहुत जन्नत दिखा चूका अब मेरी बारी है तुझे असली जन्नत दिखाने की तूने आज तक ऐसी जन्नत नहीं देखी होगी " ये कह के शिप्रा दीदी ने मुझे खड़ा किया और मुझे जोरदार किस किया फिर मेरे गले पे किस किया एसे वो मेरे पूरे बदन को चूमते चूमते नीचे जाने लगी फिर वो घुटनों के बल बैठी मेरा लोअर उतारा और मेरा लंड उनकी आँखों के सामने आ गया उन्होंने मेरे लंड पे किस किया मेरी तो आँखें ही बंद हो गयी शिप्रा दीदी के कोमल होंठ मेरे लंड पे लगते ही



फिर उन्होंने मेरे पूरे लंड को किस करने के बाद उसे अपने मुह में ले लिया मैं तो जेसे दूसरी दुनिया में था शिप्रा दीदी अपने होंठो और जीभ से मेरे लंड को चूसने लगी चाटने लगी मुझे बहुत ही मजा आ रहा था मैं शिप्रा दीदी के बालो में अपने हाथ फेरने लगा मैंने नीचे देखा तो मेरा लंड शिप्रा दीदी के मुह में था और वो मेरी तरफ देख रही थी मेरे लंड को चूसते हुए हम दोनों की नजरे मिली फिर शिप्रा दीदी ने मेरा हाथ पकड़ के अपने बोबे पे लगाया मेरे हाथ पहले शिप्रा दीदी के बालो पे थे फिर उनके कंधे से होते हुए उनके बोबे पे चले गए शिप्रा दीदी मेरा लंड चूस रही और मैं उनके बोबे दबा रहा था फिर मैं 1 हाथ से शिप्रा दीदी का बोबा दबाने लगा और दुसरे हाथ से उनके बाल सहलाने लगा शिप्रा दीदी ने मेरा लंड जल्दी जल्दी चुसना शुरू कर दिया मैं भी जल्दी जल्दी शिप्रा दीदी का बोबा दबाने लगा मेरा मुट निकलने ही वाला था मैंने शिप्रा दीदी के दोनों बोबे अपने हाथो में पकड़ लिए और उन्हें जोर जोर से दबाने लगा शिप्रा दीदी भी जल्दी जल्दी मेरा लंड चूसने लगी और तभी मेरा मुट निकल गया मेरा सारा मुट शिप्रा दीदी के मुह मे निकल गया जिसे वो निगल गयी और मेरे लंड को साफ़ कर दिया उन्होंने मेरा लंड अपने मुह से निकाला हम दोनों की नजरे 1 दुसरे से मिली शिप्रा दीदी खड़ी हुई फिर हम दोनों ने 1 प्यारा सा लम्बा सा किस किया मैंने शिप्रा दीदी से बोला " आयी लव यू दीदी " तभी मम्मी की आवाज आयी "कौन है वहा "............
 
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