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Adultery मै बस तुम्हारी हूँ –– नहीं तुम बेवफा हो incest / adultery

Kingfisher

💞 soft hearted person 💞
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Bha bhu bha bhu vi jya jya ...and ...hilli hulleri huulla
 

SultanTipu40

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update _ 27




और फिर विक्रम की चीखे घुंज उठी उसके घर से
अब आगे


संजय कपूर राहुल का किरिया कर्म गोवा मे ही करा दिया क्यू की संजय कपूर का गोवा मे भी अपना घर था संजय अपने बंगले मे घूम रहा था ताभी उसे पुलिस की गाड़ी की हॉर्न सुनाई दिया

उस गाड़ी से एक लड़की निकली पुलिस इन्फॉर्म में जो कमाल की लग रही थी वर्दी उसके जिसम से आयेसे लिपटी थी जैसे चन्दन के पेड़ से सांप उसकी वर्दी इतनी फिटिंग थी के उसके जिस्म के कुछ हिंसा बाहर से समझे मे आ रहा थे खास कर के उसकी बूब्स जो किसी तीर की तरह चोख नज़र आ रहे थे वह गाडी से निकल कर बंगले के आंदर चली गयी

हा बताओ किसने मारा है मेरे बेटे को मिस किरन संजय कपूर गुस्से मे पूछा

किरन / सर अभी हमेह वहा कोई सबुत नही मिले है क्या आप बता सकते है आप को किसी पर सक या फिर कोई दुश्मनी हो

संजय / नही मिस किरन मेरी कोई दुश्मनी नही है किसी से तो सक किसपे हो सकता है जो भी हो उसे मे बहुत बुरा मौत मारूँगा आप बस उसका पाता कर के मुझे उसका नाम बता दीजिए

किरण / सर मै समझ सकती ह् आप पे क्या बित रही होगी मगर आप कानून को अपने हाथ में नही ले सकते है हमेह अपना काम करने दीजिये

संजय / तो मिस किरन आप अपना काम जल्दी कीजिये उसे कुत्ते को पकडकर नही तो मुझे सियाम से बात करनी होगी

किरन / सर आप किसी से भी बात करे मगर मुझे मेरा काम करने दीजिये हम उसे जल्द ही पकड़ लेंगे ठीक है सर मेरा काम हो गया अब मै चलती ह् और हा सर आप को किसी पर भी सक हो तो हमेह बता दीजिए गया और किरन चल दी वहाँ से

किरन वहा से सीधे पुलिस स्टेसन गयी और तेज़ी मेअपने केबिन मे बैठ गायी घंटी बजाई तो एक हवलदार आया जी मेडम

किरन / राम सिंह जी एक कॉफी लेकर आओ जल्दी

अभी लाया मेडम जी वह मेम आप अपना फ़ोन भूल गयी थी उसपे आप के जाने के बाद से ही बज रहा है जाते हुवे राम सिंह ने कहा

जब मिस किरन ने अपना फ़ोन देखा तो उसकी चेहरे पे मुस्कान आगयी और जल्दी से फ़ोन लगा दिया

किरन / हेल्लो मेरी छोटी राजकुमारी जी किस लिए फ़ोन किया है

आप कहा थी मै आप को कितनी बार फ़ोन किया जाईये मुझे आप से बात नही करनी है उधर से लड़की की आवाज़ आई

किरन / अच्छा बाबा सॉरी मै एक ज़रूरी काम मे फस गयी थी और फ़ोन भी थाने मे भूल गयी थी चल अब मुझे मानफ कर दो

ठीक है ये आप की पहली गल्ती है इस लिए मानफ किया उधर से फिर आवाज़ आई

किरन / अच्छा गुड़िया पूनम अभी गाओ आई है तो उससे बात करा मुझे बहुत दिन हो गया उससे मिले हुवे उसकी साधी मे भी नही आ पाई

दीदी अभी तो पुनम् दीदी गाओ में नही आई है अब रोहित भाई भी यहा नही रहते है वह अपने ससुर के यहा रहते है और सोनी भी वही रहती है मेरा भी सोनी के बिना अकेले अच्छा नही लगता है लड़की रोनी जैसी आवाज़ मे कहा

किरन / ठीक है गुड़िया मै घर आउंगी तो साथ में चलेंगे रोहित के घर गुडिया मै थोड़ी देर मे फ़ोन करती ह् फिर माँ पापा से बात करूँगी रोना नही हम पक्का चलेंगे और किरन ने फ़ोन काट दिया

कासी / तो अब क्या करने वाला है तू कुछ सोचा है

रोहित / कासी अगर राहुल की बात सच है तो आरती के साथ माँ और सोनी भी इन की जाल मे फस गयी है इतना कुछ होजाने के बाद भी आरती ने मुझे कुछ बताया क्यू नही कौन है जो इतनी बड़ी साजिश की है मुझे जल्द से जल्द पता लगाना होगा

कासी / रोहित तू फिर मत कर मै तेरे साथ ह् मै येही रहता ह् जब तक राहुल का खून की तहकीकात पूरी नही होजाती और ये मीमोरी कार्ड का कया करना है

रोहित / ठीक है कासी मै चलता ह् मै वहा जाकर फ़ोन करता हु और ये मीमोरी मुझे दो कासी मै यहा से घर के लिए निकल गया
................................................................. आरती ज़रा इधर आ शाम में जब आरती से घर आकर कर अपने रूम मे जा रही थी तो पूनम ने उसे बोलाया

आरती / जी पूनम दी क्या हुवा कुछ चाहिए क्या

पूनम / आरती तेरी हाँथ में क्या हुवा पट्टी क्यू बंधी है आरती के हाँथ को उठा कर पूछा

आरती / अरे दीदी ये ऑफिस के गेट पर लग गया है उस गाड़ी का ब्रेक फेल हो गया था तो मुझे धक्का लग गया था मै ठीक ह् आप फिकर ना करे मै फ्रेस हो कर आती ह्

आरती रूम मे जाकर रोहित को फ़ोन किया मगर रोहित का फ़ोन ऑफ आ रहा था रोहित का फ़ोन क्यू नही लग रहा है उसका फ़ोन भी सुबह से ऑफ आ रहा आरती का दिल बेचैन था वह वही बेड पर बैठ गयी और रोहित को बार बार फ़ोन करने लगी
................................................................ एक होटल में राज कपूर नीलाम विक्की डॉ नीरज सभी एक साथ बैठे थे

राज कपूर / क्या रिपोर्ट है डॉ आरती की और कितने दिन में उसकी जान चली जायेगी

डॉ / सॉरी राज बाबू आरती अब बिलकुल ठीक है मुझे समझ मे नही आ रहा है आरती को अब तक मर जाना चाहिए था मगर दावा का उस पर कोई असर नहीं हुवा ये कैसे हो सकता है कही आरती को मालूम तो नही चल गया है और वह दावा खाती ही ना हो

राज कापूर / नही डॉ आरती को कुछ पता नहीं है उसे मैने कई बार दावा खाते हुवे देखा है विक्की पार्टी में तुमेह आरती ने ताप्पेड क्यू मारा था नीलाम ने मुझे बताया था

विक्की / डैड वह सोनी की वजह से आरती ने मुझे ताप्पेड मारा था मुझे आरती ने देख लिया था सोनी के साथ जबरजस्ती करते हुवे

राज कपूर / क्या मै कुछ समझा नही सोनी तो तेरे कब्जे मे थी न फिर कैसे तू उसके साथ जबरजस्ती कर रहा था मुझे पूरी बात बता

बिक्की / डैड एक दिन सोनी मुझे मिलने वाली थी फॉर्महाउस पर मै राम्या के साथ था और आरती के बारे मे राम्या को बता रहा था मगर उस दिन सोनी आई ही नहीं उसके बाद से वह मुझसे बात भी नही करती है मै पार्टी मे उससे बात करना चाहता था मगर वहा आरती आ गयी

विक्की की बात सुन कर राज कपूर उसके पास जाकर खिंच कर एक ताप्पेड मार दिया

राज कपूर / तेरी बेवकूफी वजह से आज आरती जिन्दा है अगर सोनी ने उस दिन तेरी बात सुन ली होगी तो हम्हारा सारी रचा हुवा खेल खत्म हो ज्येयाग नीरज हम हमेह आखरी गेम खेलना होगा मै तुमेह बताऊंगा कया करना है
 

Raj_Singh

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Btw aapke sawalon ka jawab dene ke liye main badhya nahi hun...
lekin yun ki aap confusion mein hai revo ko padh ke, chaliye ye confusion bhi dur kar deti hu... writer sahab aaj had se zyada dukhi ho gaye the reviews ko read karke ... isliye ek positive review deke unko khush karne ke koshish ki hai... unki nazar mein jo kirdaar sahi hai.. ushi baat pe haan mein haan milake ek sakaratmak sameeksha dene koshish ki hai.... isse atirikt aur kuch nahi...

लेखक क्यों दुखी है, मुझे पता नही, लेकिन इतना कहूंगा, मै बहुत कम कहानी पर ही रिव्यू देता हूँ,

और ये कहानी बहुत ही बेहतरीन है।

किसी कहानी मे कुछ पात्र के साथ कुछ हुआ, इसके लिए कोई गलत कॉमेंट किया तो इसके लिए लेखक को दुखी होने की जरूरत नही है,

असल जिंदगी मे भी ऐसा ही होता है कि सबकी अपनी अपनी जिंदगी मे बहुत कुछ अच्छा या बुरा चलता रहता है,
लेकिन हमे पता नही होता है इसलिए हमे फर्क नही पड़ता है,

कोई कितना जानता है कि उसकी बहन सहेली से मिलने या ट्यूशन बोलकर कहाँ जाती है या वहाँ क्या करती या करवाती है,

बहन, पत्नी, माँ या सास की सहेली कैसे बहला फुसला कर गलत रास्ते पर ले जा रही है या पानी या खाने मे कुछ मिला कर उनके साथ गलत करवा दे रही है।

क्या सभी अपनी माँ, बहन, पत्नी आदि की छोटी छोटी कुछ अप्रत्याशित बात पर जासूसी ही करने लग जाते है या भरोशा करते है कि अगर उनको कुछ गलत लग रहा है या उनके साथ कुछ गलत होगा तो वे खुद ही बता देंगे।

तो यहाँ रोहित का पात्र पूरी तरह से वास्ताविकता से जुड़ा पात्र है।
 
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