manu@84
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क्या भाई सच में खतम हो गयी स्टोरी....??नही भाई आगे अब कुछ नही जब तक बच्चे बड़े ना हो जाएं
क्या भाई सच में खतम हो गयी स्टोरी....??नही भाई आगे अब कुछ नही जब तक बच्चे बड़े ना हो जाएं
हां भाई, बोला तो था की नेक्स्ट अपडेट लास्ट होगाक्या भाई सच में खतम हो गयी स्टोरी....??
जिंदगी में पहली बार कुछ लिखा है भाई, आगे कभी कुछ समझ आया तो कोशिश करूंगाTo nyi story lao bhai ar is bar thoda bdi story lana
बहुत खूब
पहली बार में ही इतनी विविधतापूर्ण कहानी लिखना और सुखद अन्त तक ले जाना आपकी प्रतिभा दिखाता है
लिखते रहें... फोरम पर वैसे भी कहानियों और लेखकों का अकाल है..... सिर्फ बेतुकी चुदाई, जादू और इन्टरफेथ भरा पड़ा है
Bahut hi badhiya update diya hai Riky007 bhai....
Nice and excellent update.....
Bohot Ache riky bhai,
Kahani ko achi tarah se ek sukhad ant ki or mod kar samapt karne ki badhai.
Awesome update![]()
Awesome ending Riky bhai
Umeed he aise he kai sari stories hame aapse padhne ko milegi![]()
क्या भाई - थक गए थे क्या लिखते लिखते?
सुखांत हुआ तो अच्छा हुआ। लेकिन लिखने के लिए बहुत कुछ था।
कोई नहीं - अगली कहानी का इंतजार रहेगा![]()
Awesome update
Kahani ko ek bhut hi achee aur happy ending ke sath purn kiya hai![]()
Shandar ending rahi Riky Bhai,
Ab intezar rahega aapki agli story ka
Nice
सब लिख रहे है, kahani end हो गयी.....
मुझे तो लगता है...ये जिंदगी का मोड़ है....??? रिकी ब्रो....![]()
To story ka the end hogya ya abhi age ar bhi kuch h?
आप सब का बहुत बहुत आभार जो अंत तक इस अपरिपक्व कहानी के साथ जुड़े रहे और सराहना करते रहे।very nice update
रिकी भाई सूखा धन्यवाद नही चलेगा, सभी को पार्टी देनी पड़ेगी......आप सब का बहुत बहुत आभार जो अंत तक इस अपरिपक्व कहानी के साथ जुड़े रहे और सराहना करते रहे।
और हां एक बात ये कहानी जैसा मैंने कहा था कि मेरी अपने नही है, पर चुकी ये बहुत पुरानी थी और बस अमर को टेलीफोन वाला डिवाइस मिलने तक ही पढ़ी थी, तो आज के समय के हिसाब से कुछ बदलाव किया और बाकी की कहानी खुद ही लिखी जिसमे अंत में Thakur जी की थोड़ी मदद ली थी।
कौन सी पार्टी दे दें भाई, लेफ्ट वाली या राइट वाली?रिकी भाई सूखा धन्यवाद नही चलेगा, सभी को पार्टी देनी पड़ेगी......![]()
Next story par kam chalu karo,, hum he hi idharआप सब का बहुत बहुत आभार जो अंत तक इस अपरिपक्व कहानी के साथ जुड़े रहे और सराहना करते रहे।
और हां एक बात ये कहानी जैसा मैंने कहा था कि मेरी अपने नही है, पर चुकी ये बहुत पुरानी थी और बस अमर को टेलीफोन वाला डिवाइस मिलने तक ही पढ़ी थी, तो आज के समय के हिसाब से कुछ बदलाव किया और बाकी की कहानी खुद ही लिखी जिसमे अंत में Thakur जी की थोड़ी मदद ली थी।
अभी कुछ दिन तो मुश्किल है, आगे देखते हैं।Next story par kam chalu karo,, hum he hi idhar![]()