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लीजिए - 10 हज़ार शब्दों का अपडेट!अपडेट की प्रतीक्षा में
अपडेट हाज़िर हैं - ऊपरWaiting bro. Chachi to khush ho gai. Aur bhee hogi kya. Intezar rahega.
बहुत ही जबरदस्त और विस्तृत वर्णन किया है शादी और प्रथम मिलन का । बहुत ही कामुक और मजेदार।पहला प्यार - विवाह - Update #7
उसके स्तन - हे भगवान! गैबी के स्तन 34B आकार के, बड़े प्यारे से स्तनों की जोड़ी! उसके चूचक अपने प्राकृतिक रंग से सुशोभित हो रहे थे। दोनों चूचक स्तंभित थे, और थोड़े मोटे लग रहे थे। उसके चूचक हाँलाकि आकार में छोटे थे, लेकिन उत्तेजनावश कड़े हो रखे थे और अपनी अधिकतम लंबाई को प्राप्त थे। चूचकों के बगल लगभग डेढ़ इंच का, चूचकों के ही रंग का एरोला था। मतलब, ऐसे स्तनों को कोई कैसे न पिए? उसके चूचक इतने सख्त हो गए थे कि मैं उनको अपने होंठों, और दाँतों के बीच लेने को मरा जा रहा था। गैबी के प्रत्येक स्तन पर फूल का एक बड़ा ही मोहक पैटर्न बना हुआ था - चूचक और एरोला को फूल के मध्य भाग (कोर) के रूप में ले लिया गया था और एरोला के गिर्द फूल की पंखुड़ियाँ निकल रही थीं। अच्छा किया कि उसके चूचक और एरोला के प्राकृतिक रंग को छेड़ा नहीं गया। नहीं तो उन फूलों की शोभा कम हो जाती!
गौर करने वाली बात यह है कि मेंहदी का रंग ठीक से सेट होने के लिए, मेहंदी को लगभग 12 से 16 घंटे के लिए शरीर छोड़ देना चाहिए, ताकि रंग जम जाए। सूख तो करीब एक घंटे में जाती है! लेकिन उसका रंग चढ़ने में उतना समय लग जाता है। इसका मतलब है कि, गैबी, और जिसका भी ये आईडिया हो (बहुत संभव है की माँ का ही आईडिया हो), ने बड़ी मेहनत करी है! वाह! और वो भी इस ठंड के मौसम में! अद्भुत! गैबी कुछ देर तक तो वैसे ही खड़ी रही, लेकिन जब उसने सोचा कि मैंने मन भर कर उसको देख लिया है, तो वो वापस बिस्तर पर बैठ गई। इसके बाद, उसने अब तक का सबसे कामुक काम किया - उसने एक हाथ से अपने एक स्तन को पकड़ते हुए ऊपर उठाया, जैसे कि मुझे दे रही हो, और बोली,
“कम माय लव! इसको पियो - स्चुपार मेउस पेइतोस (मेरे स्तनों को पियो)।”
पिछले दिनों काजल और मेरे बीच में जो कुछ हुआ था, वो सब बातें मेरे दिमाग में तुरंत कौंध गईं। मैंने नग्न गैबी की कुछ और तस्वीरें क्लिक कीं और फिर उसके पास बैठ गया। उसने धीरे से मेरा सर अपनी ओर लिया, और मैंने उसका एक चूचक अपने मुँह में पकड़ लिया। जब मैं चूस रहा था तो उसने अपने स्तन को धीरे से निचोड़ना शुरू कर दिया, ताकि मुझे और अधिक दूध पिलाया जा सके। लेकिन गैबी को दूध तो आता ही नहीं - तो क्या यह सहज मातृ वृत्ति है, जो सभी स्त्रियों में होती है? कह पाना मुश्किल है। फिलहाल तो मैं उसके चूचक चूसने का आनंद उठा रहा था - उनका आकार मेरे मुँह में आ कर बढ़ गया, और मैं उनकी दृढ़ता महसूस कर सकता था। मैंने उसके पूरे चूचक को अपने मुंह में ले लिया, और अपने होंठों को उसके एरोला की नरम त्वचा पर महसूस किया। मेरे ऊपर एक पागलपन सवार हो गया - मैं उसके चूचकों को चबा रहा था, उनको कुतर रहा था, और उन्हें जोर से काट रहा था। गैबी मेरी हर हरकत को बर्दाश्त कर रही थी। मैं यह सब नाटक करता, और फिर से उसके पूरे चूचक को मुंह में ले कर चूसता। और फिर से वही सारा चक्कर शुरू कर देता। न जाने क्यों दिल में यह इच्छा उठती कि काश उनमे दूध आ जाए! गैबी मेरी हरकतों से आहत हो कर, और कमावेश से वशीभूत हो कर आहें भरने, और कराहने लगी! साथ ही साथ वो अन्यमनस्क हो कर मेरे चूसने के लय में ही अपने स्तनों को निचोड़ने लगी।
गैबी के स्तनों को पीना, काजल के स्तनों को पीने के बहुत समान भी था, लेकिन उससे बहुत भिन्न भी। उसका एक स्तन पीने से जब मेरा मन भर गया, तब मैंने अपना सर उसकी छाती पर से उठा लिया; उसका चूचक मेरी लार से सन कर चमक रहे थे, और बहुत सख्त हो गए थे। फिर मैंने दूसरा स्तन पीना शुरू कर दिया। उसका दूसरा चूचक उत्तेजनापूर्वक बाहर निकला हुआ था, मानो जैसे पुझसे खुद को चूसे जाने का आग्रह कर रहा था! तो फिर मैंने उसको भी चूसना, चबाना, काटना, और फिर चूसना शुरू कर दिया। जैसा उसने पहले स्तन को किया था, मेरे चूसने के साथ गैबी फिर से ताल में अपने इस स्तन को भी निचोड़ने लगी।
“ओह हनी, बहुत अच्छा लग रहा है!” उसने कोमलता से कहा।
उसने अपना खाली हाथ मेरे सर पर रखा, और अपनी उँगलियों को धीरे से मेरे बालों में घुमाया! मुझको सहलाते सहलाते, धीरे-धीरे उसका हाथ पजामे के ऊपर मेरे लिंग तक पहुँच गया। मेरे अंडरगारमेंट के बावजूद, मेरा लिंग बाहर तक उभर कर दिख रहा था।
“ओह गॉड!” उसने कहा, “माय सिनामन इस सो बिग!” और धीरे से उसे सहलाना शुरू किया!
पहले तो उसका हाथ मेरे लिंग को कपड़े के ऊपर से सहला रहा था, पर फिर उसका हाथ मेरे पजामे के अंदर, सीधा उस पर आ गया और मेरे लिंग की लंबाई पर ऊपर और नीचे सरकने लगा। युवावस्था किसी मनुष्य के जीवन का एक अद्भुत समय है। आप बहुत कम समय में यौन क्रीड़ा के लिए स्तंभित हो सकते हैं। गैबी के हाथ का स्पर्श पा कर मैं आकाश में तैरने लगा - उसकी उंगलियों का स्पर्श गर्म और कोमल था! उसके चूचक मुझे आनंद देने के लिए तत्पर थे, उसकी छाती कोमल और आरामदेह थी, और वो मुझसे फुसफुसा कर बातें कर रही थी,
“तुम्हारा लण्ड तो बहुत सख्त हो गया है। बेचारा! इसे कुछ मदद की ज़रूरत है... है ना? इतना बड़ा लण्ड! इतना मर्दाना! इतने बड़े बड़े टेस्टिकुलोस (अंडकोष)!”
गैबी नटखट हो रही थी, तो मैंने भी उसी के अंदाज़ में जवाब दिया, “हाँ, मेरा लण्ड बड़ा है ... मेरे अंडकोष बड़े हैं, क्योंकि तुम एक बड़ी और नटखट लड़की हो। तुम्हारे हनी-पॉट (योनि) को भरने के लिए इनको ढेर सारे रस का उत्पादन करना होता है! मेरा लण्ड तुम्हारी चूत को खूब फैलाएगा, खूब चोदेगा, और फिर उसको अपने जूस से भर देगा... पूरा भर देगा! अब मुझे अपना दूध पीने दो!”
मैं उसके चूचक फिर से पीने लगा, उधर उसने मेरे लिंग पर अपनी पकड़ मजबूत कर दी, और शिश्नग्रच्छद को ऊपर और नीचे सरकाने लगी।
“क्या मेरे डार्लिंग को चोदने का मन है?” गैबी ने बड़ी शरारत से कहा। न जाने कैसे उसने शर्म को छोड़ कर मेरे खेल में शामिल होने का निर्णय ले लिया।
मैंने ‘हाँ’ में सर हिलाया; उसका चूचक मेरे मुँह में ही था, इसलिए सर हिलाने के साथ साथ उसका स्तन भी ऊपर - नीचे हुआ।
“क्या तुम मुझे चोदोगे?” उसने खेल को आगे बढ़ाया।
मैंने फिर ‘हाँ’ में सर हिलाया।
“आह! मेरी जान, मेरी बिकानो (योनि) को जलन हो रही है, क्योंकि तुम्हारा सारा ध्यान मेरे पेइतो (स्तन) पर है!”
उस समय मेरी उत्तेजना की स्थिति यह थी, कि मैं अपने लिंग को किसी भी योनि में डाल कर उसको भोग लूँ! इस समय मेरा लण्ड एक अच्छी, गर्म, नम, और तंग योनि में डुबकी लगाने के लिए बेताब हुआ जा रहा था। मैं इस समय प्रेम-प्रसंग (लव मेकिंग) के मूड में नहीं था; मैं इस समय शुद्ध चुदाई के मूड में था! बड़े लम्बे समय से एक दबी हुई वासना मेरे मन में उबल रही थी, इसलिए मैं उसका दबाव निकालना चाहता था। मैं बिस्तर से उठा, और अपनी बाहों का उपयोग करके गैबी को बिस्तर पर लिटा दिया। इसके बाद, मैंने बेहद जल्दबाज़ी में अपने कपड़े फ़ेंके, और खुद को गैबी की जाँघों के बीच साधा!
“ओह, भगवान,” गैबी ने बड़ी कामुकता से कहा।
सम्भोग के पूर्वानुमान में उसका सर करवट में हो गया, उसकी आँखें कस कर बंद हो गईं, और उसका चेहरा लाल हो गया। गैबी सोच रही होगी कि मेरा लिंग उसके अंदर जाते समय उसको कैसा महसूस होगा। मैं, पति पत्नी के रूप में एक होने के लिए जैसे ही उसके ऊपर झुका, उसने अपनी उंगलियों से अपनी योनि के होंठ फैला दिए, और मेरे लिंग को अपने दूसरे हाथ से पकड़ कर उसे अपनी योनि की ओर निर्देशित किया। उसकी योनि पिछले कुछ दिनों से हमारे संसर्ग की प्रत्याशा, अभी अभी हुए उसके चरमोत्कर्ष, और उसके स्तनों के चूसे जाने की उत्तेजनाओं से, भीग रही थी। तो, मैंने ज़ोर लगाया, और उसकी योनि के फाटक के दोनों पटों को धकेलते हुए भीतर तक घुस गया - जब तक उसके योनि के होंठ मेरे लिंग के आधार को चूमने नहीं लगे। शायद अतिउत्साह और उत्तेजना के कारण, उस धक्के में बल की मात्रा बहुत अधिक थी, और क्योंकि उसकी योनि इतनी अधिक चिकनी थी, पहले ही धक्के में मैं अपनी पत्नी के भीतर प्रवेश कर गया।
“आआह्ह्ह्ह! हे भगवान,” गैबी इस अचानक हुए हमले से चौंक गई। उसका चेहरा दर्द से विकृत हो गया, और पूरा शरीर दर्द से ऐंठ गया। उसने अपनी आँखें खोलीं और मेरी तरफ निरीहता से देखा,
“आह्ह! हनी, तुम सच में बहुत बड़े हो! मैं इसके लिए छोटी हूँ! थोड़ा सावधानी से!”
मुझे खुशी थी कि लड़की अनुभवी थी; अन्यथा, मेरी अनुभवहीनता और मेरी अधीरता ने उसे बहुत नुकसान पहुँचा दिया होता। या संभव है कि नुकसान पहुँचा दिया हो, और मुझे मालूम नहीं पड़ा। मुझे सम्भोग सही तरीके से करना होगा। मैंने ‘हाँ’ में सर हिलाया और गैबी को धीरे-धीरे से भोगने लगा। उसका चेहरा अभी भी दर्द से विकृत था, लेकिन उसकी मुझे आनंद देने की इच्छा इतनी बलवती थी, कि उसने अपना हाथ नीचे बढ़ाया, और मेरे अंडकोष को छुआ।
“हनी, तुम्हारे टेस्टेस (अंडकोष) भी बड़े हैं।” उसने कहा, फिर उसने अपनी आँखें फिर से बंद कर लीं और अपनी पीठ को थोड़ा मोड़ कर मुझे और स्थान दिया - अब वो संभोग की बनती हुई लय को महसूस कर रही थी। लेकिन उसकी आँखों के कोनों से मुझे आँसू गिरते दिखे! लेकिन क्या करूँ! मेरा लिंग बड़ा है, तो है! अब इसको काट कर, या छील कर छोटा तो नहीं किया जा सकता है न! दर्द तो महसूस करना ही पड़ेगा बेचारी को।
“ओह, भगवान,” उसने अस्पष्ट सा विलाप किया, “इतना लंबा समय हो गया है! ओह! बहुत अच्छा लग रहा है! बहुत अच्छा ... करते रहो... मेरे दर्द की परवाह न करो!”
मैंने सम्भोग लय में थोड़ा मसाला डालने के लिए गैबी के स्तनों को पकड़कर, और उन्हें दबा कर अपनी ओर उभारा, और सम्भोग करते हुए उसके चूचकों को बारी बारी चूसना शुरू कर दिया। कुछ देर उसके स्तनों का आनंद लेने के बाद, मैं उस पर लगभग लेट गया और एक अच्छी, ठोस ‘चुदाई’ शुरू कर दी। जैसा मुझे उम्मीद थी, हर धक्के के साथ, गैबी का क्रंदन और विलाप निकलने लगा। उसको आनंद तो आ रहा था, लेकिन लिंग के आकार के कारन उसको असहज महसूस हो रहा था।
मुझको उत्साहित करने के लिए वो कराहते हुए, और रुक रुक कर बोली, “ओह डियर! माय लव! तुम बहुत अच्छे हो। मुझे बहुत खुशी है कि मैंने तुम्हारा इंतजार किया ... बहुत खुशी है कि मैंने इसके लिए इंतजार किया…”
अपने लिंग पर उसकी योनि की मज़बूत पकड़ मैं महसूस कर रहा था। काजल के साथ वैसा एहसास नहीं था - गैबी वाकई बहुत ही सँकरी थी। अपनी समझ से मैं तेज़ धक्के लगा रहा था, लेकिन योनि के सँकरेपन के कारण गति थोड़ी धीमी ही निकल रही थी। उसने मेरा साथ देने के लिए, मेरे ही लय में अपने कूल्हों से हल्का सा धक्का लगाया, और अपनी योनि को मेरे लिंग पर सरकने दिया। साथ ही वो मुझे प्रोत्साहन देने के लिए मेरी मर्दानगी की बढ़ाई करने लगी। लेकिन जब उससे बहुत अधिक हरक़त नहीं हो सकी, तो उसने अपनी टांगों को मेरी कमर के चारों ओर लपेट लिया, और मुझे दिल खोल कर सम्भोग करने दिया। इस प्रकार का उत्तेजन महसूस कर के, मुझे भी अपना चरमसुख आते हुए दिखने लगा। मैंने गैबी को आगाह किया मैं कुछ ही देर में स्खलित जाऊँगा। लेकिन, गैबी निश्चित रूप से बहुत अधिक उत्तेजित थी, और वो इस कार्य को रोकना नहीं चाहती थी, जिस कार्य में उसको ऐसा दर्दनाक आनंद आ रहा था!
उसने हाँफते हुए कहा, “अभी नहीं हनी, अभी नहीं। थोड़ा ब्रेक ले लो, और मुझे पोजीशन बदलने दो।”
तो मैंने उसको जो वो चाहती थी, वो करने दिया। उसने अपना दाहिना पैर ऊपर उठाया, और मुझसे अलग हो कर पेट के बल हो गई। इस पूरे समायोजन (एडजस्टमेन्ट) में एक बात यह दिलचस्प थी कि मेरा लिंग, गैबी की योनि से बाहर नहीं मिक्ला। मैं रुक गया, जब तक गैबी ठीक से एडजस्ट नहीं हो गई। अब तक मेरी साँसें थोड़ी शांत हो गईं। बढ़िया बात यह है कि मेरे लिंग ने मुझे निकट आते स्खलन का संकेत भेजना बंद कर दिया। मतलब हमारा पहला संभोग कुछ और देर चल सकता है। मैंने गैबी के कूल्हों को पकड़ लिया, और एक नए जोश के साथ धक्के लगाना शुरू कर दिया।
गैबी ने मेरी तरफ देखने की कोशिश करते हुए दर्द-भरी कामोत्तेजना से फुसफुसाया, “धीरे-धीरे, हनी... धीरे-धीरे!”
मैं अपनी गति पर थोड़ा विराम लगाया। गैबी ने अपना सर नीचे कर के मेरी तरफ़ हल्का सा धक्का लगाया। उसने एक मीठी आह भरी, और धीरे से कहा, “हनी, खूब आराम से करो! ये हमारा पहला मिलन है - मुझे यह देर तक चाहिए - इसलिए अपना समय लो सब करने में।”
एक सबक भी सीखने को मिला : एक अनुभवी महिला, जिसने लंबे समय तक सेक्स न किया हो, वो काफी अतृप्त हो सकती है! लेकिन ये एक अच्छी बात थी। सच में, पहला सम्भोग तो हमेशा ही यादगार होता है। इसलिए ये देर तक चलना चाहिए। मैंने धीरे-धीरे अपने लिंग को उसकी योनि से बाहर निकाला, और फिर धीरे-धीरे इसे अंदर की ओर धकेला। उसी लय में वो अपने कूल्हों को भी हिला रही थी - इसलिए योनि भेदन की गति अब अच्छी हो गई। हाँ, वाकई ये इंतजाम बहुत बेहतर था! मैं अब अपने दोनों हाथों से उसके स्तन और भगशेफ से खेल सकता था।
उसने कराहते हुए कहा, “ओह डार्लिंग! ए बिट ऑफ़ डायरेक्शन एंड यू परफ़ॉर्म ग्रेट!”
वास्तव में!
गैबी ने अब अपने कूल्हों की गति थोड़ा तेज कर दिया, और मैंने ठीक इसके विपरीत, अपनी गति धीमी कर दी। उसने इस बात को महसूस किया, मुस्कुराते हुए कहा, “अरे, तुम वाकई बड़ी तेजी से सीख गए!”
मैं हँसा, और अपनी उंगली ने उसके भगशेफ को छेड़ते हुए बोला, “हाँ, सिखाने वाली भी तो सेक्स की देवी है!”
कुछ और धक्कों के बाद, हाँफते हुए गैबी ने कहा, “हनी, अब बस, अब मैं थक गई! अब मैं ढलने के लिए बिलकुल तैयार हूँ!”
मैंने उसे चिढ़ाते हुए पूछा, “पक्का?”
वह मेरे लिंग पर अपना धक्का लगाते हुए, लगभग चिल्लाते हुए बोली, “येस!”
और फिर, उसके मुंह से रति-निष्पत्ति की चीख निकल गई; उसने अपने चेहरे को तकिए में घुसा दिया, जिससे उसकी चीख पुकार तक न जाए!
मुझे लगा कि उसकी योनि की दीवार मेरे लिंग की लम्बाई पर और भी अधिक कस गई है। अपने चरमसुख पर पहुँच कर गैबी की योनि एक अलग ही ताल पर नृत्य कर रही थी। मैं कराह उठा! उधर मेरी खुद की कामोत्तेजना ज़ोर पकड़ रही थी। मैं गैबी के साथ अपने सम्भोग के दौरान अपने आत्मविश्वास और जोश से हैरान था। वाकई, मज़ा आ गया! सच में, इतने दिनों तक इंतज़ार करने का फ़ल बड़ा ही सुखदायक रहा! मैं अपने आसन्न स्खलन के बारे में गैबी को सावधान करना चाहता था! लेकिन मैं कुछ कहता कि मेरा स्खलन शुरू हो गया - पहला वाला गोला, जैसे एक विस्फोट के रूप में मेरे लिंग से बाहर निकला, और गैबी के गर्भ में भीतर तक समां गया। अब मेरी बोली नहीं, बस सुख-कारी आहें ही निकलने वाली थीं। बोली फिर से एक धक्का लगाया, और दूसरी गोली चला दी। गैबी कराह उठी, और कांपने लगी! मानो उसे मेरे वीर्य का भार प्राप्त करने की बड़ी खुशी हुई हो! ऐसे ही कुछ और धक्कों के बाद, मेरा अंश पूरी तरह से गैबी के अंदर जमा हो गया।
जब मैंने अपना लिंग बाहर निकाला, तो यह देख कर दंग रह गया कि मेरे लिंग ने उस हालत में भी, गैबी के पेट पर एक दो और वीर्य की छोटी छोटी बूँदें गिराई! बहुत बढ़िया! जब मैं अंततः रुका, तो मैंने देखा कि मेरा वीर्य उसकी योनि से बाहर रिस रहा है...! हमारा पहला संसर्ग एक मैराथन था! अच्छा खासा समय बीत गया। थकावट और भावनाओं के रोलर-कोस्टर से उबर कर, मैं अपनी प्यारी पत्नी के ऊपर ही ढेर हो गया। हम दोनों ने अपनी साँसों को स्थिर करने में कुछ समय लिया। गैबी ने फिर अपनी योनि को छूने के लिए हाथ बढ़ाया - शायद वो पीड़ा के लक्षण महसूस कर रही थी, लेकिन हमारे सम्मिलित रसायनों ने उसकी उंगलियों को गीला कर दिया।
“हनी, क्या तुम... क्या तुम मेरे अंदर आए?” उसने पूछा।
“हाँ माय लव!”
“हे भगवान!” उसने कोमलता से कहा, “यह खतरनाक हो सकता है!”
उसके कहते ही हमारे बीच एक अजीब सी, संक्षिप्त सी खामोशी हो गई। मैं थोड़ा बुरा सा महसूस करने ही वाला था कि गैबी ने संतुष्ट हो कर कहा,
“ओह! मैं तो अब एक मैरिड वुमन हूं! और ये मेरे हस्बैंड का सीमन है! इसको तो मैं हमेशा अपने ही अंदर लेना चाहूँगी! किसी भी अन्य चीज से अधिक!”
गैबी ने यह बात बड़े आराम से कही थी। मुझे लगता है, कि क्योंकि अब हम शादीशुदा थे, तो अपने अंदर, मेरे बीज को स्वीकार करते हुए, उसे स्वाभाविक लगा होगा। उसने इस बात की पुष्टि की,
“हनी, उस बात को भूल जाओ जो मैंने पहले कही थी... मैं तुम्हारी पत्नी हूं, और मैं हमेशा, और बड़ी खुशी से अपने अंदर तुम्हारा सीमन लूंगी!”
उसने अपनी जीभ से अपनी उंगली को चाटा और कहा, “क्या तुमको मालूम है, कि तुम्हारा बड़ा बढ़िया है?”
मैंने उसका हाथ उसकी योनि पर जाते देखा; उसने अपनी उंगलियों पर मेरे रिसते हुए वीर्य को पोंछा, और फिर से उसको चाट लिया!
“बहुत बढ़िया!” उसने दोहराया।
***
zabardast update..!!पहला प्यार - विवाह - Update #7
उसके स्तन - हे भगवान! गैबी के स्तन 34B आकार के, बड़े प्यारे से स्तनों की जोड़ी! उसके चूचक अपने प्राकृतिक रंग से सुशोभित हो रहे थे। दोनों चूचक स्तंभित थे, और थोड़े मोटे लग रहे थे। उसके चूचक हाँलाकि आकार में छोटे थे, लेकिन उत्तेजनावश कड़े हो रखे थे और अपनी अधिकतम लंबाई को प्राप्त थे। चूचकों के बगल लगभग डेढ़ इंच का, चूचकों के ही रंग का एरोला था। मतलब, ऐसे स्तनों को कोई कैसे न पिए? उसके चूचक इतने सख्त हो गए थे कि मैं उनको अपने होंठों, और दाँतों के बीच लेने को मरा जा रहा था। गैबी के प्रत्येक स्तन पर फूल का एक बड़ा ही मोहक पैटर्न बना हुआ था - चूचक और एरोला को फूल के मध्य भाग (कोर) के रूप में ले लिया गया था और एरोला के गिर्द फूल की पंखुड़ियाँ निकल रही थीं। अच्छा किया कि उसके चूचक और एरोला के प्राकृतिक रंग को छेड़ा नहीं गया। नहीं तो उन फूलों की शोभा कम हो जाती!
गौर करने वाली बात यह है कि मेंहदी का रंग ठीक से सेट होने के लिए, मेहंदी को लगभग 12 से 16 घंटे के लिए शरीर छोड़ देना चाहिए, ताकि रंग जम जाए। सूख तो करीब एक घंटे में जाती है! लेकिन उसका रंग चढ़ने में उतना समय लग जाता है। इसका मतलब है कि, गैबी, और जिसका भी ये आईडिया हो (बहुत संभव है की माँ का ही आईडिया हो), ने बड़ी मेहनत करी है! वाह! और वो भी इस ठंड के मौसम में! अद्भुत! गैबी कुछ देर तक तो वैसे ही खड़ी रही, लेकिन जब उसने सोचा कि मैंने मन भर कर उसको देख लिया है, तो वो वापस बिस्तर पर बैठ गई। इसके बाद, उसने अब तक का सबसे कामुक काम किया - उसने एक हाथ से अपने एक स्तन को पकड़ते हुए ऊपर उठाया, जैसे कि मुझे दे रही हो, और बोली,
“कम माय लव! इसको पियो - स्चुपार मेउस पेइतोस (मेरे स्तनों को पियो)।”
पिछले दिनों काजल और मेरे बीच में जो कुछ हुआ था, वो सब बातें मेरे दिमाग में तुरंत कौंध गईं। मैंने नग्न गैबी की कुछ और तस्वीरें क्लिक कीं और फिर उसके पास बैठ गया। उसने धीरे से मेरा सर अपनी ओर लिया, और मैंने उसका एक चूचक अपने मुँह में पकड़ लिया। जब मैं चूस रहा था तो उसने अपने स्तन को धीरे से निचोड़ना शुरू कर दिया, ताकि मुझे और अधिक दूध पिलाया जा सके। लेकिन गैबी को दूध तो आता ही नहीं - तो क्या यह सहज मातृ वृत्ति है, जो सभी स्त्रियों में होती है? कह पाना मुश्किल है। फिलहाल तो मैं उसके चूचक चूसने का आनंद उठा रहा था - उनका आकार मेरे मुँह में आ कर बढ़ गया, और मैं उनकी दृढ़ता महसूस कर सकता था। मैंने उसके पूरे चूचक को अपने मुंह में ले लिया, और अपने होंठों को उसके एरोला की नरम त्वचा पर महसूस किया। मेरे ऊपर एक पागलपन सवार हो गया - मैं उसके चूचकों को चबा रहा था, उनको कुतर रहा था, और उन्हें जोर से काट रहा था। गैबी मेरी हर हरकत को बर्दाश्त कर रही थी। मैं यह सब नाटक करता, और फिर से उसके पूरे चूचक को मुंह में ले कर चूसता। और फिर से वही सारा चक्कर शुरू कर देता। न जाने क्यों दिल में यह इच्छा उठती कि काश उनमे दूध आ जाए! गैबी मेरी हरकतों से आहत हो कर, और कमावेश से वशीभूत हो कर आहें भरने, और कराहने लगी! साथ ही साथ वो अन्यमनस्क हो कर मेरे चूसने के लय में ही अपने स्तनों को निचोड़ने लगी।
गैबी के स्तनों को पीना, काजल के स्तनों को पीने के बहुत समान भी था, लेकिन उससे बहुत भिन्न भी। उसका एक स्तन पीने से जब मेरा मन भर गया, तब मैंने अपना सर उसकी छाती पर से उठा लिया; उसका चूचक मेरी लार से सन कर चमक रहे थे, और बहुत सख्त हो गए थे। फिर मैंने दूसरा स्तन पीना शुरू कर दिया। उसका दूसरा चूचक उत्तेजनापूर्वक बाहर निकला हुआ था, मानो जैसे पुझसे खुद को चूसे जाने का आग्रह कर रहा था! तो फिर मैंने उसको भी चूसना, चबाना, काटना, और फिर चूसना शुरू कर दिया। जैसा उसने पहले स्तन को किया था, मेरे चूसने के साथ गैबी फिर से ताल में अपने इस स्तन को भी निचोड़ने लगी।
“ओह हनी, बहुत अच्छा लग रहा है!” उसने कोमलता से कहा।
उसने अपना खाली हाथ मेरे सर पर रखा, और अपनी उँगलियों को धीरे से मेरे बालों में घुमाया! मुझको सहलाते सहलाते, धीरे-धीरे उसका हाथ पजामे के ऊपर मेरे लिंग तक पहुँच गया। मेरे अंडरगारमेंट के बावजूद, मेरा लिंग बाहर तक उभर कर दिख रहा था।
“ओह गॉड!” उसने कहा, “माय सिनामन इस सो बिग!” और धीरे से उसे सहलाना शुरू किया!
पहले तो उसका हाथ मेरे लिंग को कपड़े के ऊपर से सहला रहा था, पर फिर उसका हाथ मेरे पजामे के अंदर, सीधा उस पर आ गया और मेरे लिंग की लंबाई पर ऊपर और नीचे सरकने लगा। युवावस्था किसी मनुष्य के जीवन का एक अद्भुत समय है। आप बहुत कम समय में यौन क्रीड़ा के लिए स्तंभित हो सकते हैं। गैबी के हाथ का स्पर्श पा कर मैं आकाश में तैरने लगा - उसकी उंगलियों का स्पर्श गर्म और कोमल था! उसके चूचक मुझे आनंद देने के लिए तत्पर थे, उसकी छाती कोमल और आरामदेह थी, और वो मुझसे फुसफुसा कर बातें कर रही थी,
“तुम्हारा लण्ड तो बहुत सख्त हो गया है। बेचारा! इसे कुछ मदद की ज़रूरत है... है ना? इतना बड़ा लण्ड! इतना मर्दाना! इतने बड़े बड़े टेस्टिकुलोस (अंडकोष)!”
गैबी नटखट हो रही थी, तो मैंने भी उसी के अंदाज़ में जवाब दिया, “हाँ, मेरा लण्ड बड़ा है ... मेरे अंडकोष बड़े हैं, क्योंकि तुम एक बड़ी और नटखट लड़की हो। तुम्हारे हनी-पॉट (योनि) को भरने के लिए इनको ढेर सारे रस का उत्पादन करना होता है! मेरा लण्ड तुम्हारी चूत को खूब फैलाएगा, खूब चोदेगा, और फिर उसको अपने जूस से भर देगा... पूरा भर देगा! अब मुझे अपना दूध पीने दो!”
मैं उसके चूचक फिर से पीने लगा, उधर उसने मेरे लिंग पर अपनी पकड़ मजबूत कर दी, और शिश्नग्रच्छद को ऊपर और नीचे सरकाने लगी।
“क्या मेरे डार्लिंग को चोदने का मन है?” गैबी ने बड़ी शरारत से कहा। न जाने कैसे उसने शर्म को छोड़ कर मेरे खेल में शामिल होने का निर्णय ले लिया।
मैंने ‘हाँ’ में सर हिलाया; उसका चूचक मेरे मुँह में ही था, इसलिए सर हिलाने के साथ साथ उसका स्तन भी ऊपर - नीचे हुआ।
“क्या तुम मुझे चोदोगे?” उसने खेल को आगे बढ़ाया।
मैंने फिर ‘हाँ’ में सर हिलाया।
“आह! मेरी जान, मेरी बिकानो (योनि) को जलन हो रही है, क्योंकि तुम्हारा सारा ध्यान मेरे पेइतो (स्तन) पर है!”
उस समय मेरी उत्तेजना की स्थिति यह थी, कि मैं अपने लिंग को किसी भी योनि में डाल कर उसको भोग लूँ! इस समय मेरा लण्ड एक अच्छी, गर्म, नम, और तंग योनि में डुबकी लगाने के लिए बेताब हुआ जा रहा था। मैं इस समय प्रेम-प्रसंग (लव मेकिंग) के मूड में नहीं था; मैं इस समय शुद्ध चुदाई के मूड में था! बड़े लम्बे समय से एक दबी हुई वासना मेरे मन में उबल रही थी, इसलिए मैं उसका दबाव निकालना चाहता था। मैं बिस्तर से उठा, और अपनी बाहों का उपयोग करके गैबी को बिस्तर पर लिटा दिया। इसके बाद, मैंने बेहद जल्दबाज़ी में अपने कपड़े फ़ेंके, और खुद को गैबी की जाँघों के बीच साधा!
“ओह, भगवान,” गैबी ने बड़ी कामुकता से कहा।
सम्भोग के पूर्वानुमान में उसका सर करवट में हो गया, उसकी आँखें कस कर बंद हो गईं, और उसका चेहरा लाल हो गया। गैबी सोच रही होगी कि मेरा लिंग उसके अंदर जाते समय उसको कैसा महसूस होगा। मैं, पति पत्नी के रूप में एक होने के लिए जैसे ही उसके ऊपर झुका, उसने अपनी उंगलियों से अपनी योनि के होंठ फैला दिए, और मेरे लिंग को अपने दूसरे हाथ से पकड़ कर उसे अपनी योनि की ओर निर्देशित किया। उसकी योनि पिछले कुछ दिनों से हमारे संसर्ग की प्रत्याशा, अभी अभी हुए उसके चरमोत्कर्ष, और उसके स्तनों के चूसे जाने की उत्तेजनाओं से, भीग रही थी। तो, मैंने ज़ोर लगाया, और उसकी योनि के फाटक के दोनों पटों को धकेलते हुए भीतर तक घुस गया - जब तक उसके योनि के होंठ मेरे लिंग के आधार को चूमने नहीं लगे। शायद अतिउत्साह और उत्तेजना के कारण, उस धक्के में बल की मात्रा बहुत अधिक थी, और क्योंकि उसकी योनि इतनी अधिक चिकनी थी, पहले ही धक्के में मैं अपनी पत्नी के भीतर प्रवेश कर गया।
“आआह्ह्ह्ह! हे भगवान,” गैबी इस अचानक हुए हमले से चौंक गई। उसका चेहरा दर्द से विकृत हो गया, और पूरा शरीर दर्द से ऐंठ गया। उसने अपनी आँखें खोलीं और मेरी तरफ निरीहता से देखा,
“आह्ह! हनी, तुम सच में बहुत बड़े हो! मैं इसके लिए छोटी हूँ! थोड़ा सावधानी से!”
मुझे खुशी थी कि लड़की अनुभवी थी; अन्यथा, मेरी अनुभवहीनता और मेरी अधीरता ने उसे बहुत नुकसान पहुँचा दिया होता। या संभव है कि नुकसान पहुँचा दिया हो, और मुझे मालूम नहीं पड़ा। मुझे सम्भोग सही तरीके से करना होगा। मैंने ‘हाँ’ में सर हिलाया और गैबी को धीरे-धीरे से भोगने लगा। उसका चेहरा अभी भी दर्द से विकृत था, लेकिन उसकी मुझे आनंद देने की इच्छा इतनी बलवती थी, कि उसने अपना हाथ नीचे बढ़ाया, और मेरे अंडकोष को छुआ।
“हनी, तुम्हारे टेस्टेस (अंडकोष) भी बड़े हैं।” उसने कहा, फिर उसने अपनी आँखें फिर से बंद कर लीं और अपनी पीठ को थोड़ा मोड़ कर मुझे और स्थान दिया - अब वो संभोग की बनती हुई लय को महसूस कर रही थी। लेकिन उसकी आँखों के कोनों से मुझे आँसू गिरते दिखे! लेकिन क्या करूँ! मेरा लिंग बड़ा है, तो है! अब इसको काट कर, या छील कर छोटा तो नहीं किया जा सकता है न! दर्द तो महसूस करना ही पड़ेगा बेचारी को।
“ओह, भगवान,” उसने अस्पष्ट सा विलाप किया, “इतना लंबा समय हो गया है! ओह! बहुत अच्छा लग रहा है! बहुत अच्छा ... करते रहो... मेरे दर्द की परवाह न करो!”
मैंने सम्भोग लय में थोड़ा मसाला डालने के लिए गैबी के स्तनों को पकड़कर, और उन्हें दबा कर अपनी ओर उभारा, और सम्भोग करते हुए उसके चूचकों को बारी बारी चूसना शुरू कर दिया। कुछ देर उसके स्तनों का आनंद लेने के बाद, मैं उस पर लगभग लेट गया और एक अच्छी, ठोस ‘चुदाई’ शुरू कर दी। जैसा मुझे उम्मीद थी, हर धक्के के साथ, गैबी का क्रंदन और विलाप निकलने लगा। उसको आनंद तो आ रहा था, लेकिन लिंग के आकार के कारन उसको असहज महसूस हो रहा था।
मुझको उत्साहित करने के लिए वो कराहते हुए, और रुक रुक कर बोली, “ओह डियर! माय लव! तुम बहुत अच्छे हो। मुझे बहुत खुशी है कि मैंने तुम्हारा इंतजार किया ... बहुत खुशी है कि मैंने इसके लिए इंतजार किया…”
अपने लिंग पर उसकी योनि की मज़बूत पकड़ मैं महसूस कर रहा था। काजल के साथ वैसा एहसास नहीं था - गैबी वाकई बहुत ही सँकरी थी। अपनी समझ से मैं तेज़ धक्के लगा रहा था, लेकिन योनि के सँकरेपन के कारण गति थोड़ी धीमी ही निकल रही थी। उसने मेरा साथ देने के लिए, मेरे ही लय में अपने कूल्हों से हल्का सा धक्का लगाया, और अपनी योनि को मेरे लिंग पर सरकने दिया। साथ ही वो मुझे प्रोत्साहन देने के लिए मेरी मर्दानगी की बढ़ाई करने लगी। लेकिन जब उससे बहुत अधिक हरक़त नहीं हो सकी, तो उसने अपनी टांगों को मेरी कमर के चारों ओर लपेट लिया, और मुझे दिल खोल कर सम्भोग करने दिया। इस प्रकार का उत्तेजन महसूस कर के, मुझे भी अपना चरमसुख आते हुए दिखने लगा। मैंने गैबी को आगाह किया मैं कुछ ही देर में स्खलित जाऊँगा। लेकिन, गैबी निश्चित रूप से बहुत अधिक उत्तेजित थी, और वो इस कार्य को रोकना नहीं चाहती थी, जिस कार्य में उसको ऐसा दर्दनाक आनंद आ रहा था!
उसने हाँफते हुए कहा, “अभी नहीं हनी, अभी नहीं। थोड़ा ब्रेक ले लो, और मुझे पोजीशन बदलने दो।”
तो मैंने उसको जो वो चाहती थी, वो करने दिया। उसने अपना दाहिना पैर ऊपर उठाया, और मुझसे अलग हो कर पेट के बल हो गई। इस पूरे समायोजन (एडजस्टमेन्ट) में एक बात यह दिलचस्प थी कि मेरा लिंग, गैबी की योनि से बाहर नहीं मिक्ला। मैं रुक गया, जब तक गैबी ठीक से एडजस्ट नहीं हो गई। अब तक मेरी साँसें थोड़ी शांत हो गईं। बढ़िया बात यह है कि मेरे लिंग ने मुझे निकट आते स्खलन का संकेत भेजना बंद कर दिया। मतलब हमारा पहला संभोग कुछ और देर चल सकता है। मैंने गैबी के कूल्हों को पकड़ लिया, और एक नए जोश के साथ धक्के लगाना शुरू कर दिया।
गैबी ने मेरी तरफ देखने की कोशिश करते हुए दर्द-भरी कामोत्तेजना से फुसफुसाया, “धीरे-धीरे, हनी... धीरे-धीरे!”
मैं अपनी गति पर थोड़ा विराम लगाया। गैबी ने अपना सर नीचे कर के मेरी तरफ़ हल्का सा धक्का लगाया। उसने एक मीठी आह भरी, और धीरे से कहा, “हनी, खूब आराम से करो! ये हमारा पहला मिलन है - मुझे यह देर तक चाहिए - इसलिए अपना समय लो सब करने में।”
एक सबक भी सीखने को मिला : एक अनुभवी महिला, जिसने लंबे समय तक सेक्स न किया हो, वो काफी अतृप्त हो सकती है! लेकिन ये एक अच्छी बात थी। सच में, पहला सम्भोग तो हमेशा ही यादगार होता है। इसलिए ये देर तक चलना चाहिए। मैंने धीरे-धीरे अपने लिंग को उसकी योनि से बाहर निकाला, और फिर धीरे-धीरे इसे अंदर की ओर धकेला। उसी लय में वो अपने कूल्हों को भी हिला रही थी - इसलिए योनि भेदन की गति अब अच्छी हो गई। हाँ, वाकई ये इंतजाम बहुत बेहतर था! मैं अब अपने दोनों हाथों से उसके स्तन और भगशेफ से खेल सकता था।
उसने कराहते हुए कहा, “ओह डार्लिंग! ए बिट ऑफ़ डायरेक्शन एंड यू परफ़ॉर्म ग्रेट!”
वास्तव में!
गैबी ने अब अपने कूल्हों की गति थोड़ा तेज कर दिया, और मैंने ठीक इसके विपरीत, अपनी गति धीमी कर दी। उसने इस बात को महसूस किया, मुस्कुराते हुए कहा, “अरे, तुम वाकई बड़ी तेजी से सीख गए!”
मैं हँसा, और अपनी उंगली ने उसके भगशेफ को छेड़ते हुए बोला, “हाँ, सिखाने वाली भी तो सेक्स की देवी है!”
कुछ और धक्कों के बाद, हाँफते हुए गैबी ने कहा, “हनी, अब बस, अब मैं थक गई! अब मैं ढलने के लिए बिलकुल तैयार हूँ!”
मैंने उसे चिढ़ाते हुए पूछा, “पक्का?”
वह मेरे लिंग पर अपना धक्का लगाते हुए, लगभग चिल्लाते हुए बोली, “येस!”
और फिर, उसके मुंह से रति-निष्पत्ति की चीख निकल गई; उसने अपने चेहरे को तकिए में घुसा दिया, जिससे उसकी चीख पुकार तक न जाए!
मुझे लगा कि उसकी योनि की दीवार मेरे लिंग की लम्बाई पर और भी अधिक कस गई है। अपने चरमसुख पर पहुँच कर गैबी की योनि एक अलग ही ताल पर नृत्य कर रही थी। मैं कराह उठा! उधर मेरी खुद की कामोत्तेजना ज़ोर पकड़ रही थी। मैं गैबी के साथ अपने सम्भोग के दौरान अपने आत्मविश्वास और जोश से हैरान था। वाकई, मज़ा आ गया! सच में, इतने दिनों तक इंतज़ार करने का फ़ल बड़ा ही सुखदायक रहा! मैं अपने आसन्न स्खलन के बारे में गैबी को सावधान करना चाहता था! लेकिन मैं कुछ कहता कि मेरा स्खलन शुरू हो गया - पहला वाला गोला, जैसे एक विस्फोट के रूप में मेरे लिंग से बाहर निकला, और गैबी के गर्भ में भीतर तक समां गया। अब मेरी बोली नहीं, बस सुख-कारी आहें ही निकलने वाली थीं। बोली फिर से एक धक्का लगाया, और दूसरी गोली चला दी। गैबी कराह उठी, और कांपने लगी! मानो उसे मेरे वीर्य का भार प्राप्त करने की बड़ी खुशी हुई हो! ऐसे ही कुछ और धक्कों के बाद, मेरा अंश पूरी तरह से गैबी के अंदर जमा हो गया।
जब मैंने अपना लिंग बाहर निकाला, तो यह देख कर दंग रह गया कि मेरे लिंग ने उस हालत में भी, गैबी के पेट पर एक दो और वीर्य की छोटी छोटी बूँदें गिराई! बहुत बढ़िया! जब मैं अंततः रुका, तो मैंने देखा कि मेरा वीर्य उसकी योनि से बाहर रिस रहा है...! हमारा पहला संसर्ग एक मैराथन था! अच्छा खासा समय बीत गया। थकावट और भावनाओं के रोलर-कोस्टर से उबर कर, मैं अपनी प्यारी पत्नी के ऊपर ही ढेर हो गया। हम दोनों ने अपनी साँसों को स्थिर करने में कुछ समय लिया। गैबी ने फिर अपनी योनि को छूने के लिए हाथ बढ़ाया - शायद वो पीड़ा के लक्षण महसूस कर रही थी, लेकिन हमारे सम्मिलित रसायनों ने उसकी उंगलियों को गीला कर दिया।
“हनी, क्या तुम... क्या तुम मेरे अंदर आए?” उसने पूछा।
“हाँ माय लव!”
“हे भगवान!” उसने कोमलता से कहा, “यह खतरनाक हो सकता है!”
उसके कहते ही हमारे बीच एक अजीब सी, संक्षिप्त सी खामोशी हो गई। मैं थोड़ा बुरा सा महसूस करने ही वाला था कि गैबी ने संतुष्ट हो कर कहा,
“ओह! मैं तो अब एक मैरिड वुमन हूं! और ये मेरे हस्बैंड का सीमन है! इसको तो मैं हमेशा अपने ही अंदर लेना चाहूँगी! किसी भी अन्य चीज से अधिक!”
गैबी ने यह बात बड़े आराम से कही थी। मुझे लगता है, कि क्योंकि अब हम शादीशुदा थे, तो अपने अंदर, मेरे बीज को स्वीकार करते हुए, उसे स्वाभाविक लगा होगा। उसने इस बात की पुष्टि की,
“हनी, उस बात को भूल जाओ जो मैंने पहले कही थी... मैं तुम्हारी पत्नी हूं, और मैं हमेशा, और बड़ी खुशी से अपने अंदर तुम्हारा सीमन लूंगी!”
उसने अपनी जीभ से अपनी उंगली को चाटा और कहा, “क्या तुमको मालूम है, कि तुम्हारा बड़ा बढ़िया है?”
मैंने उसका हाथ उसकी योनि पर जाते देखा; उसने अपनी उंगलियों पर मेरे रिसते हुए वीर्य को पोंछा, और फिर से उसको चाट लिया!
“बहुत बढ़िया!” उसने दोहराया।
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