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Romance मोहब्बत का सफ़र [Completed]

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avsji

कुछ लिख लेता हूँ
Supreme
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प्रकरण (Chapter)अनुभाग (Section)अद्यतन (Update)
1. नींव1.1. शुरुवाती दौरUpdate #1, Update #2
1.2. पहली लड़कीUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9, Update #10, Update #11, Update #12, Update #13, Update #14, Update #15, Update #16, Update #17, Update #18, Update #19
2. आत्मनिर्भर2.1. नए अनुभवUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9
3. पहला प्यार3.1. पहला प्यारUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9
3.2. विवाह प्रस्तावUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9
3.2. विवाह Update #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9, Update #10, Update #11, Update #12, Update #13, Update #14, Update #15, Update #16, Update #17, Update #18, Update #19, Update #20, Update #21
3.3. पल दो पल का साथUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6
4. नया सफ़र 4.1. लकी इन लव Update #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9, Update #10, Update #11, Update #12, Update #13, Update #14, Update #15
4.2. विवाह Update #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9, Update #10, Update #11, Update #12, Update #13, Update #14, Update #15, Update #16, Update #17, Update #18
4.3. अनमोल तोहफ़ाUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6
5. अंतराल5.1. त्रिशूल Update #1
5.2. स्नेहलेपUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9, Update #10
5.3. पहला प्यारUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9, Update #10, Update #11, Update #12, Update #13, Update #14, Update #15, Update #16, Update #17, Update #18, Update #19, Update #20, Update #21, Update #22, Update #23, Update #24
5.4. विपर्ययUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9, Update #10, Update #11, Update #12, Update #13, Update #14, Update #15, Update #16, Update #17, Update #18
5.5. समृद्धि Update #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9, Update #10, Update #11, Update #12, Update #13, Update #14, Update #15, Update #16, Update #17, Update #18, Update #19, Update #20
6. अचिन्त्यUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5, Update #6, Update #7, Update #8, Update #9, Update #10, Update #11, Update #12, Update #13, Update #14, Update #15, Update #16, Update #17, Update #18, Update #19, Update #20, Update #21, Update #22, Update #23, Update #24, Update #25, Update #26, Update #27, Update #28
7. नव-जीवनUpdate #1, Update #2, Update #3, Update #4, Update #5
 
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avsji

कुछ लिख लेता हूँ
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बहुत सुंदर लेखन है। आपकी "My Experience with love" पढ़ी। यह कथा उसी का देवनागरी अवतार है। आशा है कि इसमे कई सारे प्रसंग होंगे जो उसमे नहीं थे।

बहुत बहुत धन्यवाद मित्र! 🙏
जी, ये उसी कहानी का अवतार है, लेकिन अनुवाद नहीं।
इसमें बहुत सी नई बातें और नए किस्से हैं। timeline भी इस कहानी में अधिक दुरुस्त हैं। उम्मीद है कि ये कहानी पढ़ कर आपको अधिक आनंद आएगा 😊
 
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avsji

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Fir se regula interval pe maa papa
Ka sex dekho bhai
करते हैं कुछ प्रबंध 😅😅😁
 

avsji

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ye to bomb phod diye, ajeeb laga ki devyani ko koi apat'ti ni hui is se

अरे भाई, बम नहीं फोड़ा - मुत्ती हुई है।
आपके नाम में 'kinky' है, लेकिन थोड़ा भी kink आते ही आप scandalize हो जाते हैं
:rofl: :rofl:
 

Rubi kaur

Punjabi jatti
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Super hot
 
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dumbledoreyy

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बहुत बहुत धन्यवाद मित्र!! बस और क्या चाहिए फिर 😊😊
एक सबसे बड़ा डर जो सभी पाठकों को था वो यह था कि देवयानी सभी के दिलों में गैबी के जैसी ही जगह बना पाएगी या नहीं।
आप बताएं, क्या verdict है?
Avsji, देवयानी ने आसानी से जग बना ली है। क्युकी आखिराकर है तो भारतीय नारी ही। भले कितनी ही सुंदर विदेशी महिला हो पर मेरा ये मानता हू की जो बात भारतीय महिला में है वो किसी और में नहीं।
 
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avsji

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Avsji, देवयानी ने आसानी से जग बना ली है। क्युकी आखिराकर है तो भारतीय नारी ही। भले कितनी ही सुंदर विदेशी महिला हो पर मेरा ये मानता हू की जो बात भारतीय महिला में है वो किसी और में नहीं।

ह्म्म्म! ऐसा सौतेला व्यवहार 😅😅
 
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Jingling

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Sar ji jab etna kuch khulam khula ho gaya h fir maa aur bete ke chudai bhi kara do


:hukka::nicethread:
 

Jassybabra

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Nice update
 
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A.A.G.

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नया सफ़र - लकी इन लव - Update #7


डेवी की सात दिनों की छुट्टियाँ कल ख़तम होने वाली थीं। कल - मतलब, रविवार! परसों से वो और मैं फिर से ऑफ़िस ज्वाइन करने वाले थे। क्रिसमस के दिन से आज तक ग्यारह दिन हो गए थे, और इस बीच मैं और डेवी एक दूसरे से बहुत करीब आ गए थे। अब हमारे बीच एक अलग ही तरह का कम्फर्ट था - जैसा कि पति पत्नी के बीच होता है। हमारे आगे आने वाले जीवन की परिकल्पना और सपने हमने इतने दिनों में साथ साथ बनाए और देखे! मैंने डेवी से कहा कि मेरे माँ बाप उससे मिलना चाहते हैं - यह बात सुन कर वो खुश भी बहुत हुई और घबरा भी बहुत गई। मेरी बात पर उसने भी मुझसे कहा, कि एक दिन मुझे भी उसके डैडी और दीदी से मिलने आना होगा - उसका हाथ माँगने को। बात तो सही थी - मेरे माँ बाप उससे मिलें, उसके पहले मुझे डेवी के परिवार वालों से मिलना होगा, और डेवी का हाथ माँगना होगा। वो एक गंभीर बात थी, और उसके लिए कुछ तैयारी की आवश्यकता थी। खैर, वो दिन जब आएगा तब आएगा! आज रविवार था तो मैं घर पर ही था। देर से सो कर उठना, और फिर बाकी की दिनचर्या - यही काम था!

बेशक इसी कारण से आज मैंने पहले नाश्ता किया, और फिर बड़े आराम से, थोड़ा देर से नहाने गया। अपना स्नान समाप्त करने के बाद, मैं अपने शरीर को पोंछ ही रहा था कि मुझे लगा कि मैंने ड्राइंग रूम में कुछ आहट सुनी। यह आहट किसी व्यक्ति की थी। मैंने आहट सुनी, और मुझे तुरंत समझ में आ गया कि मैं घर में अकेला नहीं था, और शायद घर में कोई चोर घुस आया था! उस समय घरों में चोरियाँ बहुत होती थीं। मैंने खुद को चोर से मुठभेड़ के लिए मानसिक रूप से तैयार किया और दबे पाँव बाथरूम से बाहर निकला। और कोई हथियार उपलब्ध नहीं था, इसलिए मैंने बाथरूम के दरवाज़े से सटे वाइपर को उठा लिया। किसी चोर बदमाश टाइप के व्यक्ति से निपटने के लिए खाली हाथ रहने के मुकाबले हाथ में कोई हथियार होना हमेशा ही बेहतर होता है। मुझे आहट ड्राइंग रूम से आई थी; लिहाज़ा, मैं दबे पाँव ड्राइंग रूम तक पहुँचा और सावधानी से अंदर झाँका।

देखा कि डेवी आराम से सोफ़े पर बैठी कोई मैगज़ीन पढ़ रही थी - उसको देख कर मुझे हैरानी भी हुई, और राहत भी! फिर याद आया कि डेवी के पास घर की चाबियाँ हैं; इसलिए उसका यहाँ यूँ घर चले आना, और वहाँ आराम से बैठना ऐसी कोई अनहोनी नहीं है।

“डेवी!” उसको देख कर मैं लगभग चिल्लाया, “व्हाट अ प्लीजेंट सरप्राइस!” चौंक तो मैं भी गया था - लेकिन चोर की जगह डेवी को देख कर चैन की साँस आई, “बहुत देर से बैठी हो क्या?”

डेवी ने एक ग्रे रंग की कॉरडरॉय स्कर्ट और एक सफेद शर्ट जैसा टॉप पहना हुआ था (शर्ट में बटन और पूरी आस्तीन थी)!

“हेल्लो!” डेवी ने कहा - शायद वो भी मेरी ऊँची आवाज़ से चौंक गई थी। उसने जो मैगज़ीन वो पढ़ रही थी, उसको अलग रखा और मेरी तरफ़ देखा। उसने आगे और कुछ नहीं कहा।

यह अनोखी बात थी - अक्सर डेवी ही देर तक मुझसे बातें करती; लेकिन इस समय वो पूरी तरह चुप बैठी थी। संभव है कि जिस तरह से मैं ड्राइंग रूम में आया था, और ऊँची आवाज़ में उसका नाम लिया था, उससे वो चौंक गई थी। लेकिन शायद एक और भी कारण था! जैसा कि मैंने आपको बहुत पहले से बता रखा है, जब बात शारीरिक फिटनेस की हो, तो मैं एक लम्बे अर्से से उस दिशा में बहुत सीरियस रहा हूँ। नियमित व्यायाम और नियंत्रित आहार के कारण मेरा शरीर मज़बूत, तराशा हुआ, और माँसल (muscular) हो गया था, और अब और भी बढ़िया और फिट दिखता था। इस समय मैंने केवल अपनी कमर पर तौलिया बाँधा हुआ था, इसलिए मेरा शरीर पूर्णरूपेण प्रदर्शित हो रहा था। और अब डेवी बस मुझे ही देख रही थी। जो तौलिया मैंने बाँधा हुआ था, वो आकार में बहुत छोटा था - कमर के गिर्द उसका केवल एक ही घेरा बन सका, और उसकी लंबाई घुटने से काफी ऊपर ही समाप्त हो गई थी! देखने में ये लड़कियों की मिनी रैप (wrap) स्कर्ट के जैसे दिख रहा था। हाँलाकि मेरा लिंग उस समय तक स्तंभित नहीं हुआ था, लेकिन उसमें इतना रक्त संचार अवश्य हो रहा था कि वो तौलिए के कपड़े को सामने की तरफ़ और उभार दे।

डेवी को मालूम था कि मेरा शरीर गठा हुआ और मजबूत है, लेकिन मुझे इस तरह से नग्न वो आज पहली बार देख रही थी! और मुझे इस तरह देख कर वो थोड़ा उद्विग्न और घबराई हुई दिख रही थी। मैंने देखा कि वो क्या देख रही थी, तो मैंने उसको थोड़ा चिढ़ाने का फैसला किया,

डू यू लाइक व्हाट यू सी?” मैंने पूछ लिया।

“हम्म मम्म…” डेवी के कहने का अंदाज़ ऐसा था कि जैसे उस पर कोई मोहिनी डाल दी गई हो, फिर वो अचानक ही अपनी तन्द्रा से निकली और घबराई हुई हँसी, “... आई ऍम सॉरी, अमर! मुझे आने से पहले फोन कर लेना चाहिए था!”

“व्हाट नॉनसेंस! ये तुम्हारा घर है, हनी! अपने घर कोई फ़ोन कर के आता है क्या? और सबसे ज़रूरी बात - तुमको किसी भी चीज़ के लिए, किसी भी बात के लिए कभी सॉरी नहीं बोलना है।”

मैंने कुछ इस तरह से अपनी बात कही, कि डेवी कुछ समय के लिए उस विचार में डूब गई।

“कम, नाउ लेट मी किस यू...” मैंने कहा, और डेवी के सामने झुक कर, उसके होठों पर एक छोटा सा चुम्बन दिया।

“... उम्म्म्म... यार ऐसे मज़ा नहीं आता! आओ, इस वाले सोफ़े पर बैठें।”

यह कहकर मैंने डेवी का हाथ पकड़ लिया, और उसे बड़े वाले सोफे पर बैठाने के लिए लगभग खींच लिया। अचानक से ही मेरे दिल में मुझे लगने लगा कि आज मैं डेवी के साथ संसर्ग करूँगा, और उसके साथ देर तक, भावनात्मक और आवेशपूर्ण सम्भोग करूँगा। यह ख़याल आते ही मेरा लिंग सख्त होने लगा। लेकिन फिलहाल डेवी को उस बारे में कुछ पता नहीं था। मैं उसके बगल ही बैठ गया और उसकी कमर को थाम कर मुस्कुराने लगा। डेवी कोई मूर्ख लड़की नहीं थी - उसको भी समझ में आ रहा था कि आगे क्या होने वाला है! उस विचार के आते ही उसकी साँसें तेज हो गईं। मैंने डेवी के होंठों को चूमा - पहले तो धीरे से, कोमलता से, लेकिन फिर बड़ी चुम्बनों की गहराई बढ़ने लगी, और उनका जोश, और उनकी आक्रामकता भी! और ऐसा नहीं था कि यह कोई एकतरफ़ा चुम्बन था। डेवी भी मेरे ही जैसे, ताल में ताल मिलाते हुए मेरे चुम्बनों का उत्तर दे रही थी। एक समय तो उसने मेरे होंठों को इस तरह चूसा कि मुझे डर लग गया कि कहीं होंठों से खून न निकल जाए! अचानक ही कमरे में एक कामुक माहौल बन गया। हमने किसी तरह अपना चुम्बन तोड़ा और खुद को थोड़ा संयत करने के लिए गहरी साँसें लीं। फिर मैंने कहा,

हनी, हाउ आर माय टू फेवरेट टीटीस इन द व्होल वाइड वर्ल्ड (प्रिय, पूरी दुनिया में मेरे सबसे पसंदीदा दोनों स्तन कैसे हैं)?”

“आप खुद ही क्यों नहीं देख लेते?” डेवी ने मुस्कुराते हुए कहा! लेकिन उसकी आवाज़ में कामुक कर्कशता साफ़ सुनाई दे रही थी।

कहने की क्या ज़रुरत थी - डेवी के स्तनों को प्यार करना मेरा पिछले कुछ दिनों में सबसे पसंदीदा काम हो गया था। मैंने उसकी शर्ट / ब्लाउज के बटनों को खोलना शुरू कर दिया, और उसको उसके शरीर से अलग कर दिया। किसी लड़की के कपड़े उतारने में जितना समय लगता है, उससे भी अधिक ‘मानसिक’ समय लगता है - अगर प्रेम से उतारा जाए तो! आज डेवी ने एक कैमिसोल (शमीज़) भी पहनी हुई थी - उसके दो कारण थे, एक तो यह कि ठण्डक थी, और दूसरा यह कि उसकी ब्लाउज थोड़ी पारदर्शी थी। उसने आते समय शायद जैकेट भी पहनी हुई थी, जो इस समय दिख नहीं रही थी। संभव है कि उसने उसको कोट हेंगर में डाल दिया था। कैमिसोल देख कर एक ही ख़याल आया,

‘अरे यार, एक और कपड़ा उतारना पड़ेगा!’

मैंने उसे चूमा - बस इतना ही जैसे मेरे होंठ उसके होठों पर कोमलता से स्पर्श करने लगें। मुझे अपने चेहरे पर डेवी उसकी साँस महसूस हो रही थी। मैंने जैसे ही उसकी कैमिसोल के अंदर हाथ डाल कर उसकी चिकनी, गर्म त्वचा पर, ऊपर की ओर अपना हाथ बढ़ाया, डेवी ने एक तेज़, गहरी साँस भरी - अवश्य ही मेरा हाथ उसको ठंडा लगा होगा। खैर, जब मेरा हाथ उसके ब्रा से ढँके स्तनों पर पहुँचा तो उसकी साँस भी निकल गई। मैंने उसके स्तन को अपनी हथेली में भर कर हल्का सा दबाया।

शायद डेवी भी इस परिचित हो चली क्रिया में अपना सहयोग देना चाहती थी, इसलिए उसने भी अपने हाथ ऊपर की तरफ़ सीधे उठा कर, और शरीर को हिला डुला कर अपनी शमीज़ उतरवाने में मेरी मदद करी। दरअसल, एक तरीके से अपनी शमीज़ उसी ने उतारी। अब उसके ब्रा से ढँके स्तन मेरे सामने उजागर थे। उसकी ब्रा भी बड़ी बढ़िया थी - लैवेंडर रंग की, लेस वाली ब्रा! लेस वाली तो थी, लेकिन पारदर्शी नहीं - लेस से केवल पैटर्न बने हुए थे। उसमें सामने की तरफ़ क्लास्प (हुक) लगे हुए थे। जब क्लास्प को खोलने के लिए उसने अपना हाथ अपने स्तनों के बीच लाया तो मैंने उसे रोक दिया।

“वस्त्र-हरण मुझे करने दो, जानेमन!” मैंने शरारत से कहा!

वो मुस्कुराई। मैंने काफ़ी झुकते हुए उसकी नाभि, और उसके पेट को चूमना शुरू कर दिया... डेवी की त्वचा मेरे होठों के स्पर्श पर रेशम जैसी महसूस हो रही थी! वैसे ही चूमते हुए मैंने उसकी ब्रा की तरफ़ हाथ बढ़ाया और उसका क्लास्प पकड़ा। यह एक महत्वपूर्ण समय था - मैं डेवी के स्तनों से खूब खेला था, लेकिन अभी तक उसको देखा नहीं था। एक दो बार कोशिश ज़रूर की - लेकिन डेवी की आँखों में वो कातर अनुरोध देख कर मैंने खुद को रोक लिया। लेकिन आज माहौल अलग था। वो अनकहा पर्दा जो हमारे बीच में था, अब हटने वाला था। मेरी धड़कनें तेज हो गईं... बस... मैं डेवी को देखने वाला था... पहली बार! मैं रुका, और डेवी की आँखों को देखते हुए मुस्कुराया, और उसके होठों को अपने होंठों से सहलाया। डेवी भी शरमा कर मुस्कुरा दी! ओह, मैं कैसे बताऊँ कि उसका इस तरह से मुस्कुराना कितना क्यूट था!

ब्रा का क्लास्प खुल गया और एक छोटी सी हरकत से डेवी की ब्रा उसके शरीर से अलग हो गई। मेहनत का फल देखने का समय आ गया था - मैंने नीचे की तरफ़ देखा।

‘आह भगवान्!’

अपने गौरवशाली यौवन की महिमा में शोभायमान दो उन्नत टीलों जैसे उसके स्तन! जैसी मैंने परिकल्पना की थी, ये उससे अलग, उससे कहीं अधिक सुन्दर थे। डेवी के स्तन दृढ़ और मुलायम - दोनों एक साथ थे; साथ ही साथ वे चुस्त और गोल भी थे। स्तन तो स्तन, डेवी का शरीर भी जितना मैंने सोचा था उससे कहीं अधिक सुन्दर और तराशा हुआ था। लेकिन फिलहाल मैं उसके स्तनों का महिमामंडन तो कर लूँ - ऐसा लग रहा था कि डेवी के स्तन, मैंने अपने जीवन में जितने देखे थे, उनमें से सबसे अधिक अद्भुत और सुंदर स्तन थे! उसके स्तन - अगर किसी फल से उनकी तुलना करें, तो ग्रेपफ्रूट जैसा आकार सटीक बैठेगा! उनकी त्वचा, डेवी के शरीर की बाकी त्वचा के ही सामान दोषरहित थी। नीली नसों का एक जाल सा बमुश्किल दिखाई दे रहा था! और प्रत्येक गोलार्द्ध के ऊपर स्वादिष्ट से दिखने वाले जंगली स्ट्रॉबेरी रंग के चूचक सुशोभित थे, जो कि उसी से मिलते जुलते, लेकिन थोड़े हलके रंग के कोई डेढ़ इंच के एरोला से घिरे हुए थे। सच कहूँ - एक स्वस्थ, युवा, और सुंदर भारतीय महिला के स्तन सबसे आश्चर्यजनक अंग होते हैं - कम से कम मेरे लिए तो हैं! भारतीय लड़कियों की सुंदरता का कोई सानी नहीं है! डेवी के स्तन देखने से ही बड़े कोमल, नाज़ुक और कीमती से लग रहे थे! बस, ‘हैंडल विद केयर’ वाला लेबल चस्पा करना बाकी रह गया था!

मेरा अनुमान है कि सभी पुरुषों (कम से कम इतरलिंगी) में महिलाओं के स्तनों के प्रति एक सहज आकर्षण होता है - जब भी हम उन्हें देखते हैं, तो हम तुरंत ही उन्हें अपने मुँह में लेना चाहते हैं। जैसे कि वो हमारे मुंह में ही सुरक्षित होंगे! शायद यह वृत्ति आई है हमारे मनाव शरीर से हमारी प्रथम पहचान से - कोई बच्चा सबसे पहले अपनी माँ के स्तनों से ही परिचय करता है; माँ का चेहरा बाद में समझता है, लेकिन माँ के स्तन पहले समझता है! उस समय तक मेरे जिस्म में इतना जोश चढ़ चुका था कि जैसे ही मैंने डेवी के एक चूचक को चूमा तो मैं ही काँप उठा!

“खूबसूरत! बहुत बहुत खूबसूरत!” मैं दूसरे चूचक को चूमने से पहले बुदबुदाया, “परफेक्ट!”

मैं डेवी के स्तनों की सुंदरता में इतना डूबा हुआ था कि मुझे मालूम नहीं कि डेवी ने मेरी बात पर कैसी प्रतिक्रिया दी! मुझे मालूम था कि मेरा लिंग इतना उत्तेजित हो गया था कि अब बिना स्खलन के शांत नहीं होने वाला था!

अंततः, मैंने उसके एक शानदार स्तन को पकड़ा!

‘ओह! मुलायम, लेकिन दृढ़! और अविश्वसनीय रूप से सेक्सी!’

जहाँ मैं पकड़ता, वहाँ उसका स्तन दब जाता। सभी का होता है, लेकिन डेवी के स्तन में कोई तो ख़ास बात थी! जैसा हसीन लचीलापन था, उसको शब्दों में कह पाना कठिन है! मेरी छेड़खानी से दोनों स्तनों के चूचक खड़े हो गए थे, और मेरी हथेलियों में चुभ रहे थे। डेवी कराह उठी - कामुक कराह! उसके हाथ ने मेरे हाथ को ढँक दिया - कुछ ऐसे कि मेरी हथेली का दबाव उसके स्तन पर और बढ़ गया। एक स्तन पर तो मेरा हाथ व्यस्त था, लिहाज़ा दूसरे स्तन को मेरे मुँह के अंदर पनाह मिल गई। मैंने उसके दूसरे स्तन के चूचक को एरोला समेत अपने मुँह में भर लिया और उसके चूचक को अपनी जीभ से छेड़ा। डेवी की सिसकी मुझे साफ़ सुनाई दी। डेवी ने अपने दूसरे हाथ ने मेरे सर के पिछले हिस्से को अपने स्तन की तरफ़ दबाया और एक आरामदायक कराह छोड़ी। उसकी यह हरकत कितनी उत्तेजित करने वाली थी! स्पष्ट था कि डेवी खुद भी कामुक ढलान की दहलीज़ पर खड़ी हुई थी। एक हल्का सा धक्का, और हमारा परम आनंद के समुद्र में डूबना तय था! मेरा दिल भी लरज रहा था - यह वही परिचित भावना थी, जो मैं सम्भोग से पूर्व महसूस करता था।

एक तो डेवी के चूचक स्वयं जंगली स्ट्राबेरी वाले रंग के थे, और ऊपर से उसने फलों की महक वाली वाली बॉडी-मिस्ट लगा रखी थी, जिसकी महक से मेरी खुद की मादकता बढ़ती जा रही थी। डेवी इस समय स्वयं रति का अवतार बन गई थी। मैंने उसके चूचक को अपनी जीभ से छेड़ा, और फिर चूसा! धीरे धीरे चूसने की तीव्रता बढ़ने लगी - मैं रह रह कर उसके चूचक को अपने दाँतों से हलके हलके कुतर भी देता! सच में, अद्भुत और सुखद अनुभव! देवयानी का खुशी में किलकारी ले कर कराहना और मुझको अधिक से अधिक अपनी बाहों में समेट लेना स्पष्ट संकेत था कि मैं जो कुछ भी कर रहा था, उससे डेवी को बहुत खुशी मिल रही थी। इधर, मेरा खुद का शरीर कामोत्तेजना के मारे काँप रहा था - मेरी माँस-पेशियाँ तनी हुई थीं और मेरा स्तंभित लिंग दिल की हर धड़कन के साथ झटके ले रहा था। डेवी के लिए मेरी पाशविक इच्छा मेरे मष्तिष्क पर अब हावी हो चुकी थी। जब मैंने स्तन को पीना छोड़ कर डेवी को देखा, तो पाया कि डेवी भी मेरी आँखों में देखती हुई मुस्करा रही थी!
nice update..!!
 
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