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Incest यह क्या हुआ

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
Supreme
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पिछले अपडेट में आपने पढ़ा था ,किस प्रकार राजेश अपनी मां के मुंह में ही झड़ जाता है। पूरा वीर्य लंड से बाहर निकल जाने के बाद, वह अपनी मां के मुंह से अपना लंड बाहर खींच लेता है।

सुनीता के मुंह से राजेश का लंड फच की आवाज करता हुआ बाहर निकलता है ।जैसे ही उसका लंड सुनीता के मुंह से बाहर निकलता है। सुनीता अपना मुंह बंद कर लेती है और पूरा वीर्य अपने मुंह में भर कर राजेश की ओर देखती है ।

राजेश इस समय अपनी मां को ही देख रहा था। दोनों की नजरें मिलती है सुनीता शर्म से पानी पानी हो जाती है।

वहां इस समय उसका ठहर पाना मुस्किल था। वह शर्म के मारे गड़ी जा रही थी ।एक पल भी वहां उसको ठहरना बहुत ही मुश्किल हो रहा था। वह अपने मूह में वीर्य को भरे हुए ही बाहर ,अपने कमरे की ओर भागती है ।और सीधे अपने कमरे के बाथरूम में चली जाती है। और वहां जाकर वाश बेसिन पर खो खो की आवाज आवाज करते हुए सारा वीर्य अपने मूह से उगलने लगती है।

खो-खो की आवाज सुनकर शेखर का नींद खुल जाता है ।वह सुनीता को उल्टियां करते हुए देखता है ।
वह घबराकर वागड़ सुनीता के पास जाकर उसे पूछता है ।सुनीता क्या हुआ? तबीयत ठीक नहीं है क्या ?

सुनीता घबरा जाती है ।वह बातें बनाते हुए बोलती है हां जी तबीयत कुछ ठीक नहीं लग रही है ।लगता है मैंने आज दोपहर पार्टी में कुछ उल्टा सीधा खा लिया इसलिए उल्टी आ रही है ।मैं ठीक हो जाऊंगी परेशान होने की बात नहीं नहीं है ।

और सुनीता अपने मुंह से राजेश का पूरा वीर्य बाहर निकाल लेने के बाद वह मुंह को पानी से कुल्ला कर गो़ बेड पर सोने के लिए चली जाती है
।शेखर भी उसके पीछे पीछे चला जाता है।

शेखर सुनीता से पूछता है ,सुनीता तुम सच कह रही हो ना तुम ठीक हो।

तब सुनीता शेखर से कहती है हां जी मैं ठीक हूं परेशान होने की बात नहीं है तूम सो जाओ।

शेखर सुनिता की बातो से राहत महसूस करता है ।और वह सो जाता है।

इधर सुनीता आज की घटनाओं के बारे में सोचने लगती है कि मैं कितनी गंदी हो गई हूं मैंने अपने बेटे का लंड* अपने मुंह में लेकर चूसने लगी।मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि ऐसा मै कर सकती हूं। मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई । मुझे आज अपनी पाप छुपाने के लिए शेखर से भी पहली बार झूठ बोलना पड़ा ।हे भगवान मुझे माफ कर दो पता नहीं मैं ना चाहते हुए भी कैसे राजेश के बातों में आ गई। उसका लंड चूसने लगी हे ।भगवान मुझे क्षमा कर दो।

यह सोचते सोचते उसे नींद आ गई ।इसी प्रकार 2 दिन का समय और निकल गया ।इन 2 दिनों में सुनीता ने राजेश को केवल हाथों से ही मुठ मार कर शांत किया। राजेश के बोलने पर भी उसके लंड को नहीं चूसा । राजेश अपने आपको पूर्ण रूप से स्वस्थ महसूस करने लगा ।

आज शेखर अपने बैंक से छुट्टी लेकर घर आ जाता है क्योंकि आज उसे राजेश को लेकर हॉस्पिटल जाना था। शेखर और राजेश दोनों ही तैयार होकर, हॉस्पिटल के लिए निकल जाते हैं ,जहां पर राजेश की जांच डॉक्टरों को द्वारा की जाती है ।डॉक्टर पाते हैं कि अब राजेश पूर्ण रूप से ठीक हो चुका है ।

यह बात डॉक्टरों के द्वारा, शेखर को बताया जाता है। शेखर बहुत खुश हो जाता है ।राजेश की हाथों पर लगाई गई पट्टियां भी निकाल दी गई ।डॉक्टरों के द्वारा राजेश को आवश्यक सलाह देकर हॉस्पिटल उसे छुट्टी दे दिया गया ।
दोनों ही अपने घर चले आते हैं।

राजेश ने सुनीता को फोन करके, पहले ही बता दिया था कि डॉक्टर ने कहा है कि अब राजेश बिल्कुल ठीक हो गया है ।सुनीता बहुत ही खुश हो जाती है और वह अपने बेटे का स्वागत करने के लिए थाली पर आरती सजा देती है ।जैसे ही राजेश और शेखर घर में प्रवेश करते हैं। आरती की थाली लेकर सुनीता खड़ी रहती है। और वह अपने बेटे राजेश की आरती उतारने लगती है। मेरे बेटे को किसी की नजर ना लगे और अपने बेटे को राजेश को अपने गले से लगा लेती हैऔर उसके उसके माथे पर किस कर देती है ।

राजेश भी अपनी मां को गले से लगा लेता है ।

इधर शेखर मां बेटे का प्यार देखकर भावुक हो जाता है।
रात के समय राजेश अपनी मां का आने का इंतजार कर रहा होता है ,पर उसकी मां सुनीता उसके कमरे में नहीं आती है क्योंकि उसके कमरे में जाने का कोई कारण भी नहीं था। अब राजेश पूर्ण रूप से स्वस्थ हो गया था। उसे अब हेल्प की जरूरत नहीं थी। राजेश थोड़ा निराश हो जाता है ।इससे अच्छा तो मैं ठीक नहीं हुआ था तो ही अच्छा था। राजेश रात में अपने लंड को अपने ही हाथो से मसलते सोना पड़ता है ।

राजेश सुबह 6:00 बजे उठ जाता है ,राजेश सीधा किचन की ओर चला जाता है ।सुनिता किचन में काम कर रही होती है। वह किचन में जाकर अपनी मां को पीछे से बाहों में ले लेता है और कहता हैं गुड मॉर्निंग मा।
सुनीता थोड़ी चौक से जाती है, और रिप्लाई देतीहै, गुड मॉर्निंग बेटा ।उठ गया ,मेरा बेटा ।तुम्हारी तबीयत कैसी है ।

मैं ठीक हूं मा । राजेश सुनीता से पूछता है मम्मी कल रात मेरे कमरे में क्यों नहीं आई ।

सुनीता कहती है क्याे बेटे कुछ काम था क्या ?

राजेश-नहीं मा ऐसे ही ।

सुनीता-बेटा अब तुम अपना काम स्वयं कर सकते हो इसलिए मैं तुम्हारे कमरे में नहीं आई।

राजेश- ओक मम्मी, मैं जिम के लिए जा रहा हूं ।
सुनीता कहते हैं ठीक है बेटा और राजेश जिम के लिए भी निकल जाता है ।

राजेश जिम से आने के बाद नहा कर तैयार हो जाता है और स्वीटी ,राजेश और शेखर तीनों ही डायनिंग टेबल पर नाश्ता करने के लिए बैठ जाते है आज सुनीता ने राजेश की पसंद का नास्ता बनाई थी िजसे द्खकर राजेश खुश हो जाताहै ।वह अपने मा को अपनी पसंद का नाश्ता बनाने की के लिए धन्यवाद देता है और मां की हाथों को पकड़कर किस कर देता है।

तीनों नाश्ता खत्म कर लेते हैं ,घर के सभी सदस्य बहुत खुश थे कि राजेश आज ठीक हो चुका है और आज युवा कॉलेज भी जाएगा ।

10 बजते ही स्वीटी और राजेश दोनों साथ में कॉलेज के लिए निकल जाते हैं ।कॉलेज पहुंचते ही सभी दोस्त राजेश को देखकर बहुत ही खुश हो जाते हैं कि राजेश ठीक होकर आज कॉलेज आया हुआ है। भगत दोस्तों को कैटिंन में राजेश के ठीक होने पर पार्टी दे डालता है।
राजेश कॉलेज में अपनी सभी क्लास अटेंड करता है। छुट्टी के समय राजेश और भगत दोनो क्लास से जब बाहर निकल रहे होते हैं ,ठीक उसी समय उनकी केमिस्ट्री टीचर मैडम सुमन भी अपने स्टाफ रूम से बाहर ,अपने घर जाने के लिए निकल रही होती है।

वह राजेश को देखकर आवाज लगाती है राजेश एक मिनट इधर आना ।

राजेश सुमन मैडम की आवाज सुनकर उसके पास चला जाता है।

राजेश कहताहैं मैम आपने मुझे बुलाया ,कुछ काम था क्या ?

सुमन कहती है राजेश जब मैने तुम्हारे बारे में सुना था मुझे काफी दुख हुआ । मैं तुम से संपर्क करना चाहती थी पर कर नहीं सकी।

राजेश कहता है मैं पूरी तरह से ठीक हो गया हूं मैम।

सुमन कहती है राजेश तुम्हारे पढ़ाई का काफी नुकसान हो गया ।तुम्हारी अनुपस्थिति के दौरान मैंने तीन यूनिट कंप्लीट कर दीए ।अगर तुम्हें इन यूनिटों के किसी टॉपिक पर कोई समस्या हो तो , तुम मेरे घर आ सकते हो ।मैं तुम्हें समझा दूंगी ।

राजेश ने कहा धन्यवाद मैन, मुझे कोई समस्या होगी तो मैं जरूर आपसे संपर्क करूंगा ।

सुमन ने कहा जब तुम मेरे घर आओगे तो मुझे पहले से ही फोन कर जानकारी दे देना ।

राजेश ने कहा ठीक है मैम ।

मैडम सुमन अपने घर के लिए निकल जाती है इधर राजेश भगत के पास जाता है। भगत राजेश से पूछता है मैडम क्या बोल रही थी । राजेश भगत को सारी बातें बता देता है।

भगत राजेश से कहता है यार यह तो तुम्हें बहुत ही अच्छा मौका मिला है मैडम सुमन के करीब जाने का क्या मस्त माल है ,?कॉलेज के सभी लड़के और टीचर उसके करीब आने के लिए तरसते हैं ।मगर किसी को भाव ही नहीं देती। तुम तो लकी हो यार।

राजेश कहता है अबे तुम्हें तो और कुछ सूझता नही अपनी बकवास बंद कर ।

भगत कहता है सॉरी भाई क्या करूं आदत से मजबूर जो हूं ।इधर स्वीटी राजेश के पास पहुंच जाती है भैया चलो घर चलते ।

सीटीआर राजेश दोनों बाइक से अपने घर के लिए निकल जाते है ।

रात के समय राजेश फिर से अपनी मां को मिस करने लगता है उसे याद आने लगता है कि किस प्रकार से
उसकी मा ने उसका लंड * चूसी थी । सोचते ही उसका लंड में तनाव आने लगता है ।राजेश अपने लंड को सहलाने लगता है । पर रात में सुनीता उसके पास नहीं आती वह निराश हो जाता है।

इस तरह से 5दिन और निकल जाता है ।इधर राजेश को अपने मा से मूठ मरवाये 7 दिन हो गए थे। राजेश ने अपने लंड पर मुठ न मारने के कारण उसके टट्टो पर बहुत अधिक मात्रा वीर्य में जमा हो गया था,जो लंड से बाहर आने के लिए बेताब थे।

राजेश अपने मां के हाथों मुठ मरवाकर अपना लंड को शांत करना चाहता था, पर उसकी मां , उसके कमरे में जब नहीं आती है तो व्याकुल हो जाता है क्योंकि आज वह बहुत ही अधिक उत्तेजित हो चुका था उससे रहा नहीं जा रहा था।

राजेश अपनी मां को व्हाट्सएप मैसेज करता है ।

राजेश- मां सो गई क्या?

सुनीता इस समय सोई नहीं थी।वह बेड पर लेटी जरूर थी उसकी नींद नहीं लगीथी ।, क्योंकि वह भी राजेश के साथ जो भी घटना हुई थी। याद कर रही थी। वह सोच रही थी कि वह राजेश के साथ कितना आगे बढ़ गई थी ।अगर राजेश कुछ दिन और ठीक ना हो पाता तब पता नहीं क्या हो अनर्थ हो जाता ।

जब उसे व्हाट्सएप पर मैसेज रिंग सुनाई पड़ती है तो अपने मोबाइल उठा कर देखती है कि किसका मैसेज है। और देखती है कि राजेश ने मैसेज किया है ।

वह शेखर की ओर देखती है इस समय खर्राटे लेकर सो रहा था ।सुनीता व्हाट्सएप पर रिप्लाई देती है।

सुनीता -बेटे तू अभी तक सोया नहीं।

राजेश -नहीं मां नींद नहीं आ रही है ।

सुनीता -बेटा नींद क्यों नहीं आ रही है ।कोई समस्या क्या ।

राजेश- मां मै पिछले 1 सप्ताह से ठीक से सो नहीं पाया हूं।

सुनीता- क्यों क्या हुआ बेटा ?
राजेश- मा हमारे बीच जो भी की घटनाएं घटित हुई मुझे याद आ रही है जिसके कारण मैं बहुत ही अधिक उत्तेजित हो जाता हूं। और मै 7 दिनो से ठीक से सो नहीं ना पा रहा ।मैं क्या करूं ?

सुनीता -बेटा मैं समझ सकती हूं। लेकिन अब तुम ठीक हो चुके हो । जब तुम अधिक उत्तेजित हो जाते होंगे तो अपने हाथों का इस्तेमाल कर लेना ,जिससे तुम्हें राहत मिलेगी ।

राजेश -नहीं मा मैं अपने हाथों से मूठ मारू ईसके लिए मेरा दिल गवाही नहीं देता ।

सुनीता - बेटे अगर तुम अपने हाथों से मूठ नहीं मारना चाहते तब राहत पाने का केवल एक ही तरीका है। तुम कोई गर्लफ्रेंड बना लो, जो तुम्हें उत्तेजना से राहत दे सके।

राजेश -पर मा मेरी तो कोई गर्लफ्रेंड नहीं है।

सुनीता -बेटा तुम स्मार्ट हो, टैलेंटेड हो ,तुम पर तो कई लड़कियां मरती होगी ,उसमे से तुम किसी एक को अपनी गर्लफ्रेंड बना लो ,जो तुम्हें पसंद हो।

राजेश -पर मा गर्लफ्रेंड बनाने में तो समय लगेगा। मुझे अभी बरदास्त से बाहर हो रहा है, मां मेरे लंड* में दर्द कर रहा है ।मैं बहुत ही उत्तेजित हो गया हूं ।मां तुम कुछ करो मा ।

सुनीता- बेटा अब यह सब ठीक नहीं है मैं तुम्हारी मां हूं हमें हमारे बीच एक मर्यादा है हमें उस मर्यादा को बनाकर रखना होगा। अभी तक जो भी हमारे बीच हुआ है।वह मजबूरी में हुआ ,पर अब जानबूझकर करना पाप होगा।

राजेश- पर मा मैं 7 दिनों से ठीक से सो नहीं पाया हू प्लीज मेरी हेल्प करो ना, कम से कम मेरी कोई गर्लफ्रेंड बनने तक मेरी हेल्प कर दो । मा मेरे लंडमें बहुत दर्द कर रहा है।

सुनीता राजेश की बातों को सुनकर सोचने लगती है राजेश 1 सप्ताह से ठीक से सोया नहीं है इसी तरह से अगर चलता रहा तो उसकी तबीयत फिर से खराब ना हो जाए ।मुझे कुछ करना चाहिए ,लेकिन मुझे अपने आप पर नियंत्रण रखना होगा ।मैं भी बहक जाती हूं और जो चीज ना करना चाहिए वह कर जाती हूं। सुनीता राजेश को व्हाट्सएप मैसेज करती है ।

सुनीता -ठीक है बेटा तुम्हारे रूम में मै आ रही ।एक शर्त है मैं सिर्फ मूठ मारूंगी। तुम्हारी लंड* नहीं चूसूगी ।

राजेश- ठीक है मा तुम केवल मेरा मुठ मार कर राहत दे दो ।

इधर राजेश यह जानकर कि उसकी मां उसकी कमरे में आ रही है और बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो जाता है उसके लंड तनकर और कठोर हो जाता है। इस समय राजेश अपने लंड को अपने लोवर र से बाहर निकाल लिया था । और उसे अपने हाथो से सहला रहा था। उसका लंड हवा में ठुमके लगा रहा था। यह जानकर कि उसकी मां उसी कमरे में आने वाली है ।

राजेश ने अपना कमरे का दरवाजा लॉक नहीं किया था ,। सुनीता दरवाजे को धक्के मार कर , राजेश के कमरे में प्रवेश कर गई ।कमरे में घुसते ही उसकी नजर राजेश के लंड पर जाती है ।राजेश इस समय बेड पर लेटा हुआ था ।उसका लंड खड़ा होकर ठुमके लगा रहा था ।राजेश अपने एक हाथ से लंड सहला रहा था ।सुनीता की नजर राजेश की लंड पर जाती है । सुनिता के शरीर मे सिहरन दैडने लगती है।

राजेश अपनी मां से कहता है देखो ना मा लंड अकड़ गया है। अपने हाथों से इसे हिलाकर कर शांत कर दो।

राजेश अपने बेड से उठ कर खड़ा हो जाता है सुनीता बिना कुछ बोले फर्श पर नीचे बैठ जाती है और एक हाथ से राजेश की लंड को पकड़ कर सहलाने लगती है।

वाह राजेश से कहती है बेटा जल्दी तुम कोई गर्लफ्रेंड बना लो ।अपनी मां से यह सब कराना ठीक नहीं । इससे से पाप होता है ।पहले की बात और थी।

राजेश कहता है ठीक है मा मेरी कॉलेज में जब तक कोई गर्लफ्रेंड न बन जाए ,तब तक तूम मेरी मदद कर देना ।

सुनीता अपने एक हाथ से राजेश के लंड को सहलाने * लगता है और एक हाथ से उसकी टट्टो को ।

राजेश को बहुत आनंद का अनुभव होने लगता है। आनंद के मारे अपनी आंखें बंद कर लेता है और अपनी मां के हाथों से मूठ मरवाने का मजा लेने लगता है। धीरे-धीरे राजेश की उत्तेजना और बढ़ने लगती है उसके शरीर का सारा खून उसके लंड की ओर दैडता महसूस हेनो लगता है ।

वह जोश में आने लगा और अपनी मां से कहने लगा मा बहुत ही मजा आ रहा है ।हिलाती रहो ,हिलाती रहो मा।

राजेश जोश मे आकर अपनी मा से कहता है ।मां तुम चूस्ती तो और कितना मजा आता मा।

इधर सुनीता भी गर्म होने गई थी । वह राजेश का लंड को अपने हाथों में महसूस कर उसके शरीर में भी उत्तेजना बढ़ने लगती है ।

इधर राजेश अपनी मां से कहता है आह बहुत ही मजा आ रहा है मा । थोड़ा सा मुंह में ले लो ना ।

इधर सुनीता कि सासे भी तेज होने लगती है। उसकी चूचियां फूलने और पिचकने लगती है ।उसके चूत से रस बहना शुरू हो जाता है ।

राजेश अपनी मां की आंखों में देखता हुआ कहता है मा प्लीज एक बार मह मे ले लो न बहुत मजा आता है।

राजेश के बार बार कहने पर सुनीता को पता नहीं क्या हो जाता है वह राजेश के लंड * को मुंह में भर लेती है।
और धीरे धीरे लंड को अपनी मुंह में अंदर बाहर करने करने लगती है।

राजेश आनंद के मारे पागल सा होकर आंखें बंद कर आह ,आह ,आह मां बहुत मजा आ रहा है बोलने लगता है और जोश में आकर अपने कमर को हिला कर अपनी मां के मुंह में हल्के हल्के धक्के लगाना शुरु कर देता है ।

राजेश अपनी आंखें खोलता है अपनी मा की ओर देखता है ।सुनीता इस समय लंड चूसने में व्यस्त थी राजेश की नजर उसी चूचियो पर पडता है ।

सुनीता इस समय नाइटी पहनी. हुई थी इसकी चूचियो का काफी है हिस्सा बाहर नजर आ रहा था जिस पर राजेश की नजर चला गया ।

वह अपनी मां की खूबसूरत चूचियो को देखकर और ।अधिक उत्तेजित और जोश में आ गया। उससे रहा न गया । और वह थोड़ा झुक कर अपनी मां की दोनों चूचियो को अपने हाथों से पकड़ कर मजा लेने लगा।

वह अपनी मां से बोला मा तुम्हारी चुचीया बहुत ही सुंदर है।

सुनिता इस समयअपनी आंखों को बंद कर, अपने बेटे के लंड* को चूस रही थी ।जैसी अपने स्तनों पर किसी मरदाना हाथों का एहसास हुआ ,उसकी आंखें खुल जाती है। वह लंड * चूसना बंद कर देती है। उसकी सांसे तेज हो जाती है ।

राजेश के हाथों को ,अपने हाथों से चुराते हुए कहती है। बेटा यह पाप है छोड़ो मुझे ,मेरे स्तनों को मत पकड़ो।

राजेश जोश मे था । वह नहीं मानता और उनकी चुचियों को अपने हाथों में लेकर मसलता रहता है।

सुनीता एहसास होता है कि बहुत ही गलत हो रहा है।राजेश को नही रोकी तो अनर्थ हो जाएगा । वह अपने बेटे के हाथ को छुड़ाते हुए खड़ी हो जाती है और वह राजेश के कमरे से चली जाती है।

राजेश मां को आवाज देत् रह गया मां कहां जा रही हो अभी मेरा शांत हुआ नहीं है ।

सुनीता राजेश की बातों पर ध्यान नहीं देती हो तेजी से और अपने रूम में चली जाती है।

इधर राजेश को कुछ समझ नहीं आता अचानक से मां को क्या हो गया ।वह अपनी मां को व्हाट्सएप मैसेज करता है।
राजेश- मा क्या हुआ अचानक से क्यों चली गई।

सुनीता रिप्लाई देती है।

सुनीता -मां बेटे की के बीच मैं यह सब ठीक नहीं बेटे।

राजेश -मा मुझे नींद नहीं नहीं आएगी ।

सुनीता -बेटा अब मुझसे ये सब नहीं हो पाएगा तुम कोई गर्लफ्रेंड से कराना ।

राजेश को बहुत ही बुरा लगता है पर वह कर भी क्या सकता था ।वह किसी तरह सोने की कोशिश करता है पर ठीक से सो नहीं पाता ।

इधर सुनिता अपने कमरे में जाकर लेटे हुए सोचने लगती है पता नहीं मैं कैसे बहक जाती हूं और राजेश की बातों में आ जाती हूं। आज मैं राजेश के कैमरे से नहीं आती तो अनर्थ हो जाता है । वह द्रिड निश्चय कर लेती है कि आज के बाद वह राजेश के बहकावे मे कभी नहीं आएगी । वह अपने गलती पर पछताने लगती है। भगवान से क्षमा मांगने लगती है कि वह ना चाहते हुए भी फिर से गलती कर बैठी।

इधर राजेश को रात भर ठीक से नींद नहीं आता है। जैसे खडे लंड पर किसी ने धोखा दे दिया हो ।रात भर ठीक से सो नहीं पाता । वह सुबह जल्दी उठ जाता है वह रात मैं की घटनाओं को याद करत करता है किस प्रकार किया उसकी मां ने रात के समय उसे अधूरा छोड , उसकी बिना मदद किए ही चली गई हैं ।

वह सुबह 6:00 बजे जिम जाने के लिए अपने रूम से बाहर निकलता है ।राजेश को पता था कि इस समय उसकी मां कीचन मे में होगी ।वह किचन की ओर चला जाता है ।

सुनीता इस समय किचन में काम कर रही थी सुनीता इस समय साड़ी पहनी हुई थी ।राजेश किचन में जाकर अपने मां को काम करते हुए देखता हैऔर पीछे से अपने मां को जाकर जकड़ लेता है। राजेश अपना खडा लंड* को अपनी मां की गांड मैं दबाने लगता है। और अपने दोनों हाथों को सामने ले जाकर अपनी मां की चूचियों को पकड़ मसलने लगता है ।

राजेश अपनी मा से कहता है मा रात में क्यों चली आई मुझे ऐसे ही छोड़कर ,मैं रात भर सो नहीं सका ।

सुनिता राजेश के द्वारा अचानक से ऐसे जकडकर चूची मसलने से वहचौक जाती है ।राजेश को छुड़ाने लगती है ।बेटा छोड़ो कोई देख लेगा तो क्या कहेगा ।दूर हटो मुझसे।
राजेश नहीं मानता और अपनी मां के स्तनों को अपने हाथों में लेकर जोर-जोर से मसलने लगता है ।

सुनीता उसकी हाथों से छूटने के लिए कसमसाने लगती है ।वह राजेश से कहती है बेटा यह गलत है । पाप है।
राजेश नहीं मानता ,उसकी आंखों में हवस जाग चुका था ।

सुनिता किसी तरह राजेश की ओर घूम जाती है ।उसे समझाने लगती है ।बेटा यह गलत है ।

राज्श अपनी मा को सीने से लगा लेता है और उसकी ओठ को चूमने लगता है ।

सुनिता राजेश को अपनी पूरी ताकत से दूर हटा कर उसकी गाल पर जोरदार थप्पड़ लगा देती है ।राजेश अपने होश में आता है ।वह भौचक रह जाता है।

सुनिता राजेश को गुस्से मे कहती है , नालायक कहीं का तू मर्यादा भूल गया है । मैनै तुम्हें यही संस्कार दिया ।तू हवस मे आकर अपनी ही मां पर चढ़ना चाहता है।

राजेश का जोश ठंडा पड़ गया था वह एक हाथ से अपने गाल पकड़े हुए चूपचाप खडा था ।वह मां के इस रूप को देखकर हैरान था ।वह चुपचाप खड़ा होकर अपनी मां की बातों को सुनने लगा ।

सुनीता ने कहा मैं कभी सोची नहीं थी कि तू स हद तुम गिर सकता हो चले जाओ मेरी आंखों के सामने से ,चले जाओ ।

राजेश अपना मुंह लटका करके घर से निकल जा ता वह अपने बाइक लेकर सीधे जिम चला जाता है ।

वह बाइक चला रहा था पर का ध्यान नही था ।अभी जो घटनाएं घटित हुआ था उसे ही याद कर रहा था।

जीम मे वह एक ही व्यायाम को लगातार किया जा रहा था। उसका ध्यान कहीं और था उसके मन में उथल-पुथल मचा हुआ था।

इधर सुनीता भी राजेश के जाने के बाद अपने आप से कहती है यह मैंने क्या कर दिया ।मैंने अपने बेटे को थप्पड़ मारा ।आज तक कभी मैंने उस पर हाथ नहीं उठाई थी ।यह भगवान यह मुझसे क्या हो गया ।फिर वह सोचती है उसने जो किया ठीक किया उसे रोकने का यही एक तरीका था ।नहीं तो आज न जाने क्या हो जाता ।उसे रोकना बहुत जरूरी था ।

इधर राजेश काफी मंथन करने के बाद एक निर्णय पर पहुंचता है ।वह अपने मन में कहता है। मा ,दर्द तुमने दिया है तो दवा तुम्हे ही करना होगा ।अगर उस दिन तुमने मुझे कामदेवी रूप नहीं दिखाई होती तो आज मेरी यह स्थिति नहीं होती । हां मैं अपनी मर्यादा भूल गया ।तुम्हारी दी हुई संस्कारों को भूल गया हूं । मैं यह नहीं जानता कि क्या पाप क्या पुण्य है ।मैं सिर्फ इतना जानता हूं कि मैं तुम्हें पाकर ही रहूंगा ।मैं तुम्हें इतना तड़पाऊंगा कि तुम खुद ही मुझसे चुदने के लिए मेरे रूम में आओगी ।मेरे खड़े लंड पर आकर बैठो गी ।

दोस्तों राजेश किस तरह अपनी मां को तड़पाएगा और उसकी मा उससे चुदने के लिए खुद ही उसके कमरे में कैसे आएगी ।यह जानने के लिए पढ़ते रहिए
,,, यह क्या हो गया,,,
Wah bhagat bhai kya baat hai.
Kya khoobsurat or kamuk update diya hai aapne. Maja aa gaya. Ab to lagta hai rajesh sunita ko chatka kar hi chode ga.
Per kaise? Ye dekhne wali baat hai. Ho sakta hai wo us se baat karni band kar de, ya theek se baat hi nahi kare
 

Mahendra Baranwal

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पिछले अपडेट में आपने पढ़ा था ,किस प्रकार राजेश अपनी मां के मुंह में ही झड़ जाता है। पूरा वीर्य लंड से बाहर निकल जाने के बाद, वह अपनी मां के मुंह से अपना लंड बाहर खींच लेता है।

सुनीता के मुंह से राजेश का लंड फच की आवाज करता हुआ बाहर निकलता है ।जैसे ही उसका लंड सुनीता के मुंह से बाहर निकलता है। सुनीता अपना मुंह बंद कर लेती है और पूरा वीर्य अपने मुंह में भर कर राजेश की ओर देखती है ।

राजेश इस समय अपनी मां को ही देख रहा था। दोनों की नजरें मिलती है सुनीता शर्म से पानी पानी हो जाती है।

वहां इस समय उसका ठहर पाना मुस्किल था। वह शर्म के मारे गड़ी जा रही थी ।एक पल भी वहां उसको ठहरना बहुत ही मुश्किल हो रहा था। वह अपने मूह में वीर्य को भरे हुए ही बाहर ,अपने कमरे की ओर भागती है ।और सीधे अपने कमरे के बाथरूम में चली जाती है। और वहां जाकर वाश बेसिन पर खो खो की आवाज आवाज करते हुए सारा वीर्य अपने मूह से उगलने लगती है।

खो-खो की आवाज सुनकर शेखर का नींद खुल जाता है ।वह सुनीता को उल्टियां करते हुए देखता है ।
वह घबराकर वागड़ सुनीता के पास जाकर उसे पूछता है ।सुनीता क्या हुआ? तबीयत ठीक नहीं है क्या ?

सुनीता घबरा जाती है ।वह बातें बनाते हुए बोलती है हां जी तबीयत कुछ ठीक नहीं लग रही है ।लगता है मैंने आज दोपहर पार्टी में कुछ उल्टा सीधा खा लिया इसलिए उल्टी आ रही है ।मैं ठीक हो जाऊंगी परेशान होने की बात नहीं नहीं है ।

और सुनीता अपने मुंह से राजेश का पूरा वीर्य बाहर निकाल लेने के बाद वह मुंह को पानी से कुल्ला कर गो़ बेड पर सोने के लिए चली जाती है
।शेखर भी उसके पीछे पीछे चला जाता है।

शेखर सुनीता से पूछता है ,सुनीता तुम सच कह रही हो ना तुम ठीक हो।

तब सुनीता शेखर से कहती है हां जी मैं ठीक हूं परेशान होने की बात नहीं है तूम सो जाओ।

शेखर सुनिता की बातो से राहत महसूस करता है ।और वह सो जाता है।

इधर सुनीता आज की घटनाओं के बारे में सोचने लगती है कि मैं कितनी गंदी हो गई हूं मैंने अपने बेटे का लंड* अपने मुंह में लेकर चूसने लगी।मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि ऐसा मै कर सकती हूं। मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई । मुझे आज अपनी पाप छुपाने के लिए शेखर से भी पहली बार झूठ बोलना पड़ा ।हे भगवान मुझे माफ कर दो पता नहीं मैं ना चाहते हुए भी कैसे राजेश के बातों में आ गई। उसका लंड चूसने लगी हे ।भगवान मुझे क्षमा कर दो।

यह सोचते सोचते उसे नींद आ गई ।इसी प्रकार 2 दिन का समय और निकल गया ।इन 2 दिनों में सुनीता ने राजेश को केवल हाथों से ही मुठ मार कर शांत किया। राजेश के बोलने पर भी उसके लंड को नहीं चूसा । राजेश अपने आपको पूर्ण रूप से स्वस्थ महसूस करने लगा ।

आज शेखर अपने बैंक से छुट्टी लेकर घर आ जाता है क्योंकि आज उसे राजेश को लेकर हॉस्पिटल जाना था। शेखर और राजेश दोनों ही तैयार होकर, हॉस्पिटल के लिए निकल जाते हैं ,जहां पर राजेश की जांच डॉक्टरों को द्वारा की जाती है ।डॉक्टर पाते हैं कि अब राजेश पूर्ण रूप से ठीक हो चुका है ।

यह बात डॉक्टरों के द्वारा, शेखर को बताया जाता है। शेखर बहुत खुश हो जाता है ।राजेश की हाथों पर लगाई गई पट्टियां भी निकाल दी गई ।डॉक्टरों के द्वारा राजेश को आवश्यक सलाह देकर हॉस्पिटल उसे छुट्टी दे दिया गया ।
दोनों ही अपने घर चले आते हैं।

राजेश ने सुनीता को फोन करके, पहले ही बता दिया था कि डॉक्टर ने कहा है कि अब राजेश बिल्कुल ठीक हो गया है ।सुनीता बहुत ही खुश हो जाती है और वह अपने बेटे का स्वागत करने के लिए थाली पर आरती सजा देती है ।जैसे ही राजेश और शेखर घर में प्रवेश करते हैं। आरती की थाली लेकर सुनीता खड़ी रहती है। और वह अपने बेटे राजेश की आरती उतारने लगती है। मेरे बेटे को किसी की नजर ना लगे और अपने बेटे को राजेश को अपने गले से लगा लेती हैऔर उसके उसके माथे पर किस कर देती है ।

राजेश भी अपनी मां को गले से लगा लेता है ।

इधर शेखर मां बेटे का प्यार देखकर भावुक हो जाता है।
रात के समय राजेश अपनी मां का आने का इंतजार कर रहा होता है ,पर उसकी मां सुनीता उसके कमरे में नहीं आती है क्योंकि उसके कमरे में जाने का कोई कारण भी नहीं था। अब राजेश पूर्ण रूप से स्वस्थ हो गया था। उसे अब हेल्प की जरूरत नहीं थी। राजेश थोड़ा निराश हो जाता है ।इससे अच्छा तो मैं ठीक नहीं हुआ था तो ही अच्छा था। राजेश रात में अपने लंड को अपने ही हाथो से मसलते सोना पड़ता है ।

राजेश सुबह 6:00 बजे उठ जाता है ,राजेश सीधा किचन की ओर चला जाता है ।सुनिता किचन में काम कर रही होती है। वह किचन में जाकर अपनी मां को पीछे से बाहों में ले लेता है और कहता हैं गुड मॉर्निंग मा।
सुनीता थोड़ी चौक से जाती है, और रिप्लाई देतीहै, गुड मॉर्निंग बेटा ।उठ गया ,मेरा बेटा ।तुम्हारी तबीयत कैसी है ।

मैं ठीक हूं मा । राजेश सुनीता से पूछता है मम्मी कल रात मेरे कमरे में क्यों नहीं आई ।

सुनीता कहती है क्याे बेटे कुछ काम था क्या ?

राजेश-नहीं मा ऐसे ही ।

सुनीता-बेटा अब तुम अपना काम स्वयं कर सकते हो इसलिए मैं तुम्हारे कमरे में नहीं आई।

राजेश- ओक मम्मी, मैं जिम के लिए जा रहा हूं ।
सुनीता कहते हैं ठीक है बेटा और राजेश जिम के लिए भी निकल जाता है ।

राजेश जिम से आने के बाद नहा कर तैयार हो जाता है और स्वीटी ,राजेश और शेखर तीनों ही डायनिंग टेबल पर नाश्ता करने के लिए बैठ जाते है आज सुनीता ने राजेश की पसंद का नास्ता बनाई थी िजसे द्खकर राजेश खुश हो जाताहै ।वह अपने मा को अपनी पसंद का नाश्ता बनाने की के लिए धन्यवाद देता है और मां की हाथों को पकड़कर किस कर देता है।

तीनों नाश्ता खत्म कर लेते हैं ,घर के सभी सदस्य बहुत खुश थे कि राजेश आज ठीक हो चुका है और आज युवा कॉलेज भी जाएगा ।

10 बजते ही स्वीटी और राजेश दोनों साथ में कॉलेज के लिए निकल जाते हैं ।कॉलेज पहुंचते ही सभी दोस्त राजेश को देखकर बहुत ही खुश हो जाते हैं कि राजेश ठीक होकर आज कॉलेज आया हुआ है। भगत दोस्तों को कैटिंन में राजेश के ठीक होने पर पार्टी दे डालता है।
राजेश कॉलेज में अपनी सभी क्लास अटेंड करता है। छुट्टी के समय राजेश और भगत दोनो क्लास से जब बाहर निकल रहे होते हैं ,ठीक उसी समय उनकी केमिस्ट्री टीचर मैडम सुमन भी अपने स्टाफ रूम से बाहर ,अपने घर जाने के लिए निकल रही होती है।

वह राजेश को देखकर आवाज लगाती है राजेश एक मिनट इधर आना ।

राजेश सुमन मैडम की आवाज सुनकर उसके पास चला जाता है।

राजेश कहताहैं मैम आपने मुझे बुलाया ,कुछ काम था क्या ?

सुमन कहती है राजेश जब मैने तुम्हारे बारे में सुना था मुझे काफी दुख हुआ । मैं तुम से संपर्क करना चाहती थी पर कर नहीं सकी।

राजेश कहता है मैं पूरी तरह से ठीक हो गया हूं मैम।

सुमन कहती है राजेश तुम्हारे पढ़ाई का काफी नुकसान हो गया ।तुम्हारी अनुपस्थिति के दौरान मैंने तीन यूनिट कंप्लीट कर दीए ।अगर तुम्हें इन यूनिटों के किसी टॉपिक पर कोई समस्या हो तो , तुम मेरे घर आ सकते हो ।मैं तुम्हें समझा दूंगी ।

राजेश ने कहा धन्यवाद मैन, मुझे कोई समस्या होगी तो मैं जरूर आपसे संपर्क करूंगा ।

सुमन ने कहा जब तुम मेरे घर आओगे तो मुझे पहले से ही फोन कर जानकारी दे देना ।

राजेश ने कहा ठीक है मैम ।

मैडम सुमन अपने घर के लिए निकल जाती है इधर राजेश भगत के पास जाता है। भगत राजेश से पूछता है मैडम क्या बोल रही थी । राजेश भगत को सारी बातें बता देता है।

भगत राजेश से कहता है यार यह तो तुम्हें बहुत ही अच्छा मौका मिला है मैडम सुमन के करीब जाने का क्या मस्त माल है ,?कॉलेज के सभी लड़के और टीचर उसके करीब आने के लिए तरसते हैं ।मगर किसी को भाव ही नहीं देती। तुम तो लकी हो यार।

राजेश कहता है अबे तुम्हें तो और कुछ सूझता नही अपनी बकवास बंद कर ।

भगत कहता है सॉरी भाई क्या करूं आदत से मजबूर जो हूं ।इधर स्वीटी राजेश के पास पहुंच जाती है भैया चलो घर चलते ।

सीटीआर राजेश दोनों बाइक से अपने घर के लिए निकल जाते है ।

रात के समय राजेश फिर से अपनी मां को मिस करने लगता है उसे याद आने लगता है कि किस प्रकार से
उसकी मा ने उसका लंड * चूसी थी । सोचते ही उसका लंड में तनाव आने लगता है ।राजेश अपने लंड को सहलाने लगता है । पर रात में सुनीता उसके पास नहीं आती वह निराश हो जाता है।

इस तरह से 5दिन और निकल जाता है ।इधर राजेश को अपने मा से मूठ मरवाये 7 दिन हो गए थे। राजेश ने अपने लंड पर मुठ न मारने के कारण उसके टट्टो पर बहुत अधिक मात्रा वीर्य में जमा हो गया था,जो लंड से बाहर आने के लिए बेताब थे।

राजेश अपने मां के हाथों मुठ मरवाकर अपना लंड को शांत करना चाहता था, पर उसकी मां , उसके कमरे में जब नहीं आती है तो व्याकुल हो जाता है क्योंकि आज वह बहुत ही अधिक उत्तेजित हो चुका था उससे रहा नहीं जा रहा था।

राजेश अपनी मां को व्हाट्सएप मैसेज करता है ।

राजेश- मां सो गई क्या?

सुनीता इस समय सोई नहीं थी।वह बेड पर लेटी जरूर थी उसकी नींद नहीं लगीथी ।, क्योंकि वह भी राजेश के साथ जो भी घटना हुई थी। याद कर रही थी। वह सोच रही थी कि वह राजेश के साथ कितना आगे बढ़ गई थी ।अगर राजेश कुछ दिन और ठीक ना हो पाता तब पता नहीं क्या हो अनर्थ हो जाता ।

जब उसे व्हाट्सएप पर मैसेज रिंग सुनाई पड़ती है तो अपने मोबाइल उठा कर देखती है कि किसका मैसेज है। और देखती है कि राजेश ने मैसेज किया है ।

वह शेखर की ओर देखती है इस समय खर्राटे लेकर सो रहा था ।सुनीता व्हाट्सएप पर रिप्लाई देती है।

सुनीता -बेटे तू अभी तक सोया नहीं।

राजेश -नहीं मां नींद नहीं आ रही है ।

सुनीता -बेटा नींद क्यों नहीं आ रही है ।कोई समस्या क्या ।

राजेश- मां मै पिछले 1 सप्ताह से ठीक से सो नहीं पाया हूं।

सुनीता- क्यों क्या हुआ बेटा ?
राजेश- मा हमारे बीच जो भी की घटनाएं घटित हुई मुझे याद आ रही है जिसके कारण मैं बहुत ही अधिक उत्तेजित हो जाता हूं। और मै 7 दिनो से ठीक से सो नहीं ना पा रहा ।मैं क्या करूं ?

सुनीता -बेटा मैं समझ सकती हूं। लेकिन अब तुम ठीक हो चुके हो । जब तुम अधिक उत्तेजित हो जाते होंगे तो अपने हाथों का इस्तेमाल कर लेना ,जिससे तुम्हें राहत मिलेगी ।

राजेश -नहीं मा मैं अपने हाथों से मूठ मारू ईसके लिए मेरा दिल गवाही नहीं देता ।

सुनीता - बेटे अगर तुम अपने हाथों से मूठ नहीं मारना चाहते तब राहत पाने का केवल एक ही तरीका है। तुम कोई गर्लफ्रेंड बना लो, जो तुम्हें उत्तेजना से राहत दे सके।

राजेश -पर मा मेरी तो कोई गर्लफ्रेंड नहीं है।

सुनीता -बेटा तुम स्मार्ट हो, टैलेंटेड हो ,तुम पर तो कई लड़कियां मरती होगी ,उसमे से तुम किसी एक को अपनी गर्लफ्रेंड बना लो ,जो तुम्हें पसंद हो।

राजेश -पर मा गर्लफ्रेंड बनाने में तो समय लगेगा। मुझे अभी बरदास्त से बाहर हो रहा है, मां मेरे लंड* में दर्द कर रहा है ।मैं बहुत ही उत्तेजित हो गया हूं ।मां तुम कुछ करो मा ।

सुनीता- बेटा अब यह सब ठीक नहीं है मैं तुम्हारी मां हूं हमें हमारे बीच एक मर्यादा है हमें उस मर्यादा को बनाकर रखना होगा। अभी तक जो भी हमारे बीच हुआ है।वह मजबूरी में हुआ ,पर अब जानबूझकर करना पाप होगा।

राजेश- पर मा मैं 7 दिनों से ठीक से सो नहीं पाया हू प्लीज मेरी हेल्प करो ना, कम से कम मेरी कोई गर्लफ्रेंड बनने तक मेरी हेल्प कर दो । मा मेरे लंडमें बहुत दर्द कर रहा है।

सुनीता राजेश की बातों को सुनकर सोचने लगती है राजेश 1 सप्ताह से ठीक से सोया नहीं है इसी तरह से अगर चलता रहा तो उसकी तबीयत फिर से खराब ना हो जाए ।मुझे कुछ करना चाहिए ,लेकिन मुझे अपने आप पर नियंत्रण रखना होगा ।मैं भी बहक जाती हूं और जो चीज ना करना चाहिए वह कर जाती हूं। सुनीता राजेश को व्हाट्सएप मैसेज करती है ।

सुनीता -ठीक है बेटा तुम्हारे रूम में मै आ रही ।एक शर्त है मैं सिर्फ मूठ मारूंगी। तुम्हारी लंड* नहीं चूसूगी ।

राजेश- ठीक है मा तुम केवल मेरा मुठ मार कर राहत दे दो ।

इधर राजेश यह जानकर कि उसकी मां उसकी कमरे में आ रही है और बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो जाता है उसके लंड तनकर और कठोर हो जाता है। इस समय राजेश अपने लंड को अपने लोवर र से बाहर निकाल लिया था । और उसे अपने हाथो से सहला रहा था। उसका लंड हवा में ठुमके लगा रहा था। यह जानकर कि उसकी मां उसी कमरे में आने वाली है ।

राजेश ने अपना कमरे का दरवाजा लॉक नहीं किया था ,। सुनीता दरवाजे को धक्के मार कर , राजेश के कमरे में प्रवेश कर गई ।कमरे में घुसते ही उसकी नजर राजेश के लंड पर जाती है ।राजेश इस समय बेड पर लेटा हुआ था ।उसका लंड खड़ा होकर ठुमके लगा रहा था ।राजेश अपने एक हाथ से लंड सहला रहा था ।सुनीता की नजर राजेश की लंड पर जाती है । सुनिता के शरीर मे सिहरन दैडने लगती है।

राजेश अपनी मां से कहता है देखो ना मा लंड अकड़ गया है। अपने हाथों से इसे हिलाकर कर शांत कर दो।

राजेश अपने बेड से उठ कर खड़ा हो जाता है सुनीता बिना कुछ बोले फर्श पर नीचे बैठ जाती है और एक हाथ से राजेश की लंड को पकड़ कर सहलाने लगती है।

वाह राजेश से कहती है बेटा जल्दी तुम कोई गर्लफ्रेंड बना लो ।अपनी मां से यह सब कराना ठीक नहीं । इससे से पाप होता है ।पहले की बात और थी।

राजेश कहता है ठीक है मा मेरी कॉलेज में जब तक कोई गर्लफ्रेंड न बन जाए ,तब तक तूम मेरी मदद कर देना ।

सुनीता अपने एक हाथ से राजेश के लंड को सहलाने * लगता है और एक हाथ से उसकी टट्टो को ।

राजेश को बहुत आनंद का अनुभव होने लगता है। आनंद के मारे अपनी आंखें बंद कर लेता है और अपनी मां के हाथों से मूठ मरवाने का मजा लेने लगता है। धीरे-धीरे राजेश की उत्तेजना और बढ़ने लगती है उसके शरीर का सारा खून उसके लंड की ओर दैडता महसूस हेनो लगता है ।

वह जोश में आने लगा और अपनी मां से कहने लगा मा बहुत ही मजा आ रहा है ।हिलाती रहो ,हिलाती रहो मा।

राजेश जोश मे आकर अपनी मा से कहता है ।मां तुम चूस्ती तो और कितना मजा आता मा।

इधर सुनीता भी गर्म होने गई थी । वह राजेश का लंड को अपने हाथों में महसूस कर उसके शरीर में भी उत्तेजना बढ़ने लगती है ।

इधर राजेश अपनी मां से कहता है आह बहुत ही मजा आ रहा है मा । थोड़ा सा मुंह में ले लो ना ।

इधर सुनीता कि सासे भी तेज होने लगती है। उसकी चूचियां फूलने और पिचकने लगती है ।उसके चूत से रस बहना शुरू हो जाता है ।

राजेश अपनी मां की आंखों में देखता हुआ कहता है मा प्लीज एक बार मह मे ले लो न बहुत मजा आता है।

राजेश के बार बार कहने पर सुनीता को पता नहीं क्या हो जाता है वह राजेश के लंड * को मुंह में भर लेती है।
और धीरे धीरे लंड को अपनी मुंह में अंदर बाहर करने करने लगती है।

राजेश आनंद के मारे पागल सा होकर आंखें बंद कर आह ,आह ,आह मां बहुत मजा आ रहा है बोलने लगता है और जोश में आकर अपने कमर को हिला कर अपनी मां के मुंह में हल्के हल्के धक्के लगाना शुरु कर देता है ।

राजेश अपनी आंखें खोलता है अपनी मा की ओर देखता है ।सुनीता इस समय लंड चूसने में व्यस्त थी राजेश की नजर उसी चूचियो पर पडता है ।

सुनीता इस समय नाइटी पहनी. हुई थी इसकी चूचियो का काफी है हिस्सा बाहर नजर आ रहा था जिस पर राजेश की नजर चला गया ।

वह अपनी मां की खूबसूरत चूचियो को देखकर और ।अधिक उत्तेजित और जोश में आ गया। उससे रहा न गया । और वह थोड़ा झुक कर अपनी मां की दोनों चूचियो को अपने हाथों से पकड़ कर मजा लेने लगा।

वह अपनी मां से बोला मा तुम्हारी चुचीया बहुत ही सुंदर है।

सुनिता इस समयअपनी आंखों को बंद कर, अपने बेटे के लंड* को चूस रही थी ।जैसी अपने स्तनों पर किसी मरदाना हाथों का एहसास हुआ ,उसकी आंखें खुल जाती है। वह लंड * चूसना बंद कर देती है। उसकी सांसे तेज हो जाती है ।

राजेश के हाथों को ,अपने हाथों से चुराते हुए कहती है। बेटा यह पाप है छोड़ो मुझे ,मेरे स्तनों को मत पकड़ो।

राजेश जोश मे था । वह नहीं मानता और उनकी चुचियों को अपने हाथों में लेकर मसलता रहता है।

सुनीता एहसास होता है कि बहुत ही गलत हो रहा है।राजेश को नही रोकी तो अनर्थ हो जाएगा । वह अपने बेटे के हाथ को छुड़ाते हुए खड़ी हो जाती है और वह राजेश के कमरे से चली जाती है।

राजेश मां को आवाज देत् रह गया मां कहां जा रही हो अभी मेरा शांत हुआ नहीं है ।

सुनीता राजेश की बातों पर ध्यान नहीं देती हो तेजी से और अपने रूम में चली जाती है।

इधर राजेश को कुछ समझ नहीं आता अचानक से मां को क्या हो गया ।वह अपनी मां को व्हाट्सएप मैसेज करता है।
राजेश- मा क्या हुआ अचानक से क्यों चली गई।

सुनीता रिप्लाई देती है।

सुनीता -मां बेटे की के बीच मैं यह सब ठीक नहीं बेटे।

राजेश -मा मुझे नींद नहीं नहीं आएगी ।

सुनीता -बेटा अब मुझसे ये सब नहीं हो पाएगा तुम कोई गर्लफ्रेंड से कराना ।

राजेश को बहुत ही बुरा लगता है पर वह कर भी क्या सकता था ।वह किसी तरह सोने की कोशिश करता है पर ठीक से सो नहीं पाता ।

इधर सुनिता अपने कमरे में जाकर लेटे हुए सोचने लगती है पता नहीं मैं कैसे बहक जाती हूं और राजेश की बातों में आ जाती हूं। आज मैं राजेश के कैमरे से नहीं आती तो अनर्थ हो जाता है । वह द्रिड निश्चय कर लेती है कि आज के बाद वह राजेश के बहकावे मे कभी नहीं आएगी । वह अपने गलती पर पछताने लगती है। भगवान से क्षमा मांगने लगती है कि वह ना चाहते हुए भी फिर से गलती कर बैठी।

इधर राजेश को रात भर ठीक से नींद नहीं आता है। जैसे खडे लंड पर किसी ने धोखा दे दिया हो ।रात भर ठीक से सो नहीं पाता । वह सुबह जल्दी उठ जाता है वह रात मैं की घटनाओं को याद करत करता है किस प्रकार किया उसकी मां ने रात के समय उसे अधूरा छोड , उसकी बिना मदद किए ही चली गई हैं ।

वह सुबह 6:00 बजे जिम जाने के लिए अपने रूम से बाहर निकलता है ।राजेश को पता था कि इस समय उसकी मां कीचन मे में होगी ।वह किचन की ओर चला जाता है ।

सुनीता इस समय किचन में काम कर रही थी सुनीता इस समय साड़ी पहनी हुई थी ।राजेश किचन में जाकर अपने मां को काम करते हुए देखता हैऔर पीछे से अपने मां को जाकर जकड़ लेता है। राजेश अपना खडा लंड* को अपनी मां की गांड मैं दबाने लगता है। और अपने दोनों हाथों को सामने ले जाकर अपनी मां की चूचियों को पकड़ मसलने लगता है ।

राजेश अपनी मा से कहता है मा रात में क्यों चली आई मुझे ऐसे ही छोड़कर ,मैं रात भर सो नहीं सका ।

सुनिता राजेश के द्वारा अचानक से ऐसे जकडकर चूची मसलने से वहचौक जाती है ।राजेश को छुड़ाने लगती है ।बेटा छोड़ो कोई देख लेगा तो क्या कहेगा ।दूर हटो मुझसे।
राजेश नहीं मानता और अपनी मां के स्तनों को अपने हाथों में लेकर जोर-जोर से मसलने लगता है ।

सुनीता उसकी हाथों से छूटने के लिए कसमसाने लगती है ।वह राजेश से कहती है बेटा यह गलत है । पाप है।
राजेश नहीं मानता ,उसकी आंखों में हवस जाग चुका था ।

सुनिता किसी तरह राजेश की ओर घूम जाती है ।उसे समझाने लगती है ।बेटा यह गलत है ।

राज्श अपनी मा को सीने से लगा लेता है और उसकी ओठ को चूमने लगता है ।

सुनिता राजेश को अपनी पूरी ताकत से दूर हटा कर उसकी गाल पर जोरदार थप्पड़ लगा देती है ।राजेश अपने होश में आता है ।वह भौचक रह जाता है।

सुनिता राजेश को गुस्से मे कहती है , नालायक कहीं का तू मर्यादा भूल गया है । मैनै तुम्हें यही संस्कार दिया ।तू हवस मे आकर अपनी ही मां पर चढ़ना चाहता है।

राजेश का जोश ठंडा पड़ गया था वह एक हाथ से अपने गाल पकड़े हुए चूपचाप खडा था ।वह मां के इस रूप को देखकर हैरान था ।वह चुपचाप खड़ा होकर अपनी मां की बातों को सुनने लगा ।

सुनीता ने कहा मैं कभी सोची नहीं थी कि तू स हद तुम गिर सकता हो चले जाओ मेरी आंखों के सामने से ,चले जाओ ।

राजेश अपना मुंह लटका करके घर से निकल जा ता वह अपने बाइक लेकर सीधे जिम चला जाता है ।

वह बाइक चला रहा था पर का ध्यान नही था ।अभी जो घटनाएं घटित हुआ था उसे ही याद कर रहा था।

जीम मे वह एक ही व्यायाम को लगातार किया जा रहा था। उसका ध्यान कहीं और था उसके मन में उथल-पुथल मचा हुआ था।

इधर सुनीता भी राजेश के जाने के बाद अपने आप से कहती है यह मैंने क्या कर दिया ।मैंने अपने बेटे को थप्पड़ मारा ।आज तक कभी मैंने उस पर हाथ नहीं उठाई थी ।यह भगवान यह मुझसे क्या हो गया ।फिर वह सोचती है उसने जो किया ठीक किया उसे रोकने का यही एक तरीका था ।नहीं तो आज न जाने क्या हो जाता ।उसे रोकना बहुत जरूरी था ।

इधर राजेश काफी मंथन करने के बाद एक निर्णय पर पहुंचता है ।वह अपने मन में कहता है। मा ,दर्द तुमने दिया है तो दवा तुम्हे ही करना होगा ।अगर उस दिन तुमने मुझे कामदेवी रूप नहीं दिखाई होती तो आज मेरी यह स्थिति नहीं होती । हां मैं अपनी मर्यादा भूल गया ।तुम्हारी दी हुई संस्कारों को भूल गया हूं । मैं यह नहीं जानता कि क्या पाप क्या पुण्य है ।मैं सिर्फ इतना जानता हूं कि मैं तुम्हें पाकर ही रहूंगा ।मैं तुम्हें इतना तड़पाऊंगा कि तुम खुद ही मुझसे चुदने के लिए मेरे रूम में आओगी ।मेरे खड़े लंड पर आकर बैठो गी ।

दोस्तों राजेश किस तरह अपनी मां को तड़पाएगा और उसकी मा उससे चुदने के लिए खुद ही उसके कमरे में कैसे आएगी ।यह जानने के लिए पढ़ते रहिए
,,, यह क्या हो गया,,,
Fabulous update
 

shameless26

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sunoanuj

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Bahut hi jabardast updates….
 

Ek number

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पिछले अपडेट में आपने पढ़ा था ,किस प्रकार राजेश अपनी मां के मुंह में ही झड़ जाता है। पूरा वीर्य लंड से बाहर निकल जाने के बाद, वह अपनी मां के मुंह से अपना लंड बाहर खींच लेता है।

सुनीता के मुंह से राजेश का लंड फच की आवाज करता हुआ बाहर निकलता है ।जैसे ही उसका लंड सुनीता के मुंह से बाहर निकलता है। सुनीता अपना मुंह बंद कर लेती है और पूरा वीर्य अपने मुंह में भर कर राजेश की ओर देखती है ।

राजेश इस समय अपनी मां को ही देख रहा था। दोनों की नजरें मिलती है सुनीता शर्म से पानी पानी हो जाती है।

वहां इस समय उसका ठहर पाना मुस्किल था। वह शर्म के मारे गड़ी जा रही थी ।एक पल भी वहां उसको ठहरना बहुत ही मुश्किल हो रहा था। वह अपने मूह में वीर्य को भरे हुए ही बाहर ,अपने कमरे की ओर भागती है ।और सीधे अपने कमरे के बाथरूम में चली जाती है। और वहां जाकर वाश बेसिन पर खो खो की आवाज आवाज करते हुए सारा वीर्य अपने मूह से उगलने लगती है।

खो-खो की आवाज सुनकर शेखर का नींद खुल जाता है ।वह सुनीता को उल्टियां करते हुए देखता है ।
वह घबराकर वागड़ सुनीता के पास जाकर उसे पूछता है ।सुनीता क्या हुआ? तबीयत ठीक नहीं है क्या ?

सुनीता घबरा जाती है ।वह बातें बनाते हुए बोलती है हां जी तबीयत कुछ ठीक नहीं लग रही है ।लगता है मैंने आज दोपहर पार्टी में कुछ उल्टा सीधा खा लिया इसलिए उल्टी आ रही है ।मैं ठीक हो जाऊंगी परेशान होने की बात नहीं नहीं है ।

और सुनीता अपने मुंह से राजेश का पूरा वीर्य बाहर निकाल लेने के बाद वह मुंह को पानी से कुल्ला कर गो़ बेड पर सोने के लिए चली जाती है
।शेखर भी उसके पीछे पीछे चला जाता है।

शेखर सुनीता से पूछता है ,सुनीता तुम सच कह रही हो ना तुम ठीक हो।

तब सुनीता शेखर से कहती है हां जी मैं ठीक हूं परेशान होने की बात नहीं है तूम सो जाओ।

शेखर सुनिता की बातो से राहत महसूस करता है ।और वह सो जाता है।

इधर सुनीता आज की घटनाओं के बारे में सोचने लगती है कि मैं कितनी गंदी हो गई हूं मैंने अपने बेटे का लंड* अपने मुंह में लेकर चूसने लगी।मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि ऐसा मै कर सकती हूं। मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई । मुझे आज अपनी पाप छुपाने के लिए शेखर से भी पहली बार झूठ बोलना पड़ा ।हे भगवान मुझे माफ कर दो पता नहीं मैं ना चाहते हुए भी कैसे राजेश के बातों में आ गई। उसका लंड चूसने लगी हे ।भगवान मुझे क्षमा कर दो।

यह सोचते सोचते उसे नींद आ गई ।इसी प्रकार 2 दिन का समय और निकल गया ।इन 2 दिनों में सुनीता ने राजेश को केवल हाथों से ही मुठ मार कर शांत किया। राजेश के बोलने पर भी उसके लंड को नहीं चूसा । राजेश अपने आपको पूर्ण रूप से स्वस्थ महसूस करने लगा ।

आज शेखर अपने बैंक से छुट्टी लेकर घर आ जाता है क्योंकि आज उसे राजेश को लेकर हॉस्पिटल जाना था। शेखर और राजेश दोनों ही तैयार होकर, हॉस्पिटल के लिए निकल जाते हैं ,जहां पर राजेश की जांच डॉक्टरों को द्वारा की जाती है ।डॉक्टर पाते हैं कि अब राजेश पूर्ण रूप से ठीक हो चुका है ।

यह बात डॉक्टरों के द्वारा, शेखर को बताया जाता है। शेखर बहुत खुश हो जाता है ।राजेश की हाथों पर लगाई गई पट्टियां भी निकाल दी गई ।डॉक्टरों के द्वारा राजेश को आवश्यक सलाह देकर हॉस्पिटल उसे छुट्टी दे दिया गया ।
दोनों ही अपने घर चले आते हैं।

राजेश ने सुनीता को फोन करके, पहले ही बता दिया था कि डॉक्टर ने कहा है कि अब राजेश बिल्कुल ठीक हो गया है ।सुनीता बहुत ही खुश हो जाती है और वह अपने बेटे का स्वागत करने के लिए थाली पर आरती सजा देती है ।जैसे ही राजेश और शेखर घर में प्रवेश करते हैं। आरती की थाली लेकर सुनीता खड़ी रहती है। और वह अपने बेटे राजेश की आरती उतारने लगती है। मेरे बेटे को किसी की नजर ना लगे और अपने बेटे को राजेश को अपने गले से लगा लेती हैऔर उसके उसके माथे पर किस कर देती है ।

राजेश भी अपनी मां को गले से लगा लेता है ।

इधर शेखर मां बेटे का प्यार देखकर भावुक हो जाता है।
रात के समय राजेश अपनी मां का आने का इंतजार कर रहा होता है ,पर उसकी मां सुनीता उसके कमरे में नहीं आती है क्योंकि उसके कमरे में जाने का कोई कारण भी नहीं था। अब राजेश पूर्ण रूप से स्वस्थ हो गया था। उसे अब हेल्प की जरूरत नहीं थी। राजेश थोड़ा निराश हो जाता है ।इससे अच्छा तो मैं ठीक नहीं हुआ था तो ही अच्छा था। राजेश रात में अपने लंड को अपने ही हाथो से मसलते सोना पड़ता है ।

राजेश सुबह 6:00 बजे उठ जाता है ,राजेश सीधा किचन की ओर चला जाता है ।सुनिता किचन में काम कर रही होती है। वह किचन में जाकर अपनी मां को पीछे से बाहों में ले लेता है और कहता हैं गुड मॉर्निंग मा।
सुनीता थोड़ी चौक से जाती है, और रिप्लाई देतीहै, गुड मॉर्निंग बेटा ।उठ गया ,मेरा बेटा ।तुम्हारी तबीयत कैसी है ।

मैं ठीक हूं मा । राजेश सुनीता से पूछता है मम्मी कल रात मेरे कमरे में क्यों नहीं आई ।

सुनीता कहती है क्याे बेटे कुछ काम था क्या ?

राजेश-नहीं मा ऐसे ही ।

सुनीता-बेटा अब तुम अपना काम स्वयं कर सकते हो इसलिए मैं तुम्हारे कमरे में नहीं आई।

राजेश- ओक मम्मी, मैं जिम के लिए जा रहा हूं ।
सुनीता कहते हैं ठीक है बेटा और राजेश जिम के लिए भी निकल जाता है ।

राजेश जिम से आने के बाद नहा कर तैयार हो जाता है और स्वीटी ,राजेश और शेखर तीनों ही डायनिंग टेबल पर नाश्ता करने के लिए बैठ जाते है आज सुनीता ने राजेश की पसंद का नास्ता बनाई थी िजसे द्खकर राजेश खुश हो जाताहै ।वह अपने मा को अपनी पसंद का नाश्ता बनाने की के लिए धन्यवाद देता है और मां की हाथों को पकड़कर किस कर देता है।

तीनों नाश्ता खत्म कर लेते हैं ,घर के सभी सदस्य बहुत खुश थे कि राजेश आज ठीक हो चुका है और आज युवा कॉलेज भी जाएगा ।

10 बजते ही स्वीटी और राजेश दोनों साथ में कॉलेज के लिए निकल जाते हैं ।कॉलेज पहुंचते ही सभी दोस्त राजेश को देखकर बहुत ही खुश हो जाते हैं कि राजेश ठीक होकर आज कॉलेज आया हुआ है। भगत दोस्तों को कैटिंन में राजेश के ठीक होने पर पार्टी दे डालता है।
राजेश कॉलेज में अपनी सभी क्लास अटेंड करता है। छुट्टी के समय राजेश और भगत दोनो क्लास से जब बाहर निकल रहे होते हैं ,ठीक उसी समय उनकी केमिस्ट्री टीचर मैडम सुमन भी अपने स्टाफ रूम से बाहर ,अपने घर जाने के लिए निकल रही होती है।

वह राजेश को देखकर आवाज लगाती है राजेश एक मिनट इधर आना ।

राजेश सुमन मैडम की आवाज सुनकर उसके पास चला जाता है।

राजेश कहताहैं मैम आपने मुझे बुलाया ,कुछ काम था क्या ?

सुमन कहती है राजेश जब मैने तुम्हारे बारे में सुना था मुझे काफी दुख हुआ । मैं तुम से संपर्क करना चाहती थी पर कर नहीं सकी।

राजेश कहता है मैं पूरी तरह से ठीक हो गया हूं मैम।

सुमन कहती है राजेश तुम्हारे पढ़ाई का काफी नुकसान हो गया ।तुम्हारी अनुपस्थिति के दौरान मैंने तीन यूनिट कंप्लीट कर दीए ।अगर तुम्हें इन यूनिटों के किसी टॉपिक पर कोई समस्या हो तो , तुम मेरे घर आ सकते हो ।मैं तुम्हें समझा दूंगी ।

राजेश ने कहा धन्यवाद मैन, मुझे कोई समस्या होगी तो मैं जरूर आपसे संपर्क करूंगा ।

सुमन ने कहा जब तुम मेरे घर आओगे तो मुझे पहले से ही फोन कर जानकारी दे देना ।

राजेश ने कहा ठीक है मैम ।

मैडम सुमन अपने घर के लिए निकल जाती है इधर राजेश भगत के पास जाता है। भगत राजेश से पूछता है मैडम क्या बोल रही थी । राजेश भगत को सारी बातें बता देता है।

भगत राजेश से कहता है यार यह तो तुम्हें बहुत ही अच्छा मौका मिला है मैडम सुमन के करीब जाने का क्या मस्त माल है ,?कॉलेज के सभी लड़के और टीचर उसके करीब आने के लिए तरसते हैं ।मगर किसी को भाव ही नहीं देती। तुम तो लकी हो यार।

राजेश कहता है अबे तुम्हें तो और कुछ सूझता नही अपनी बकवास बंद कर ।

भगत कहता है सॉरी भाई क्या करूं आदत से मजबूर जो हूं ।इधर स्वीटी राजेश के पास पहुंच जाती है भैया चलो घर चलते ।

सीटीआर राजेश दोनों बाइक से अपने घर के लिए निकल जाते है ।

रात के समय राजेश फिर से अपनी मां को मिस करने लगता है उसे याद आने लगता है कि किस प्रकार से
उसकी मा ने उसका लंड * चूसी थी । सोचते ही उसका लंड में तनाव आने लगता है ।राजेश अपने लंड को सहलाने लगता है । पर रात में सुनीता उसके पास नहीं आती वह निराश हो जाता है।

इस तरह से 5दिन और निकल जाता है ।इधर राजेश को अपने मा से मूठ मरवाये 7 दिन हो गए थे। राजेश ने अपने लंड पर मुठ न मारने के कारण उसके टट्टो पर बहुत अधिक मात्रा वीर्य में जमा हो गया था,जो लंड से बाहर आने के लिए बेताब थे।

राजेश अपने मां के हाथों मुठ मरवाकर अपना लंड को शांत करना चाहता था, पर उसकी मां , उसके कमरे में जब नहीं आती है तो व्याकुल हो जाता है क्योंकि आज वह बहुत ही अधिक उत्तेजित हो चुका था उससे रहा नहीं जा रहा था।

राजेश अपनी मां को व्हाट्सएप मैसेज करता है ।

राजेश- मां सो गई क्या?

सुनीता इस समय सोई नहीं थी।वह बेड पर लेटी जरूर थी उसकी नींद नहीं लगीथी ।, क्योंकि वह भी राजेश के साथ जो भी घटना हुई थी। याद कर रही थी। वह सोच रही थी कि वह राजेश के साथ कितना आगे बढ़ गई थी ।अगर राजेश कुछ दिन और ठीक ना हो पाता तब पता नहीं क्या हो अनर्थ हो जाता ।

जब उसे व्हाट्सएप पर मैसेज रिंग सुनाई पड़ती है तो अपने मोबाइल उठा कर देखती है कि किसका मैसेज है। और देखती है कि राजेश ने मैसेज किया है ।

वह शेखर की ओर देखती है इस समय खर्राटे लेकर सो रहा था ।सुनीता व्हाट्सएप पर रिप्लाई देती है।

सुनीता -बेटे तू अभी तक सोया नहीं।

राजेश -नहीं मां नींद नहीं आ रही है ।

सुनीता -बेटा नींद क्यों नहीं आ रही है ।कोई समस्या क्या ।

राजेश- मां मै पिछले 1 सप्ताह से ठीक से सो नहीं पाया हूं।

सुनीता- क्यों क्या हुआ बेटा ?
राजेश- मा हमारे बीच जो भी की घटनाएं घटित हुई मुझे याद आ रही है जिसके कारण मैं बहुत ही अधिक उत्तेजित हो जाता हूं। और मै 7 दिनो से ठीक से सो नहीं ना पा रहा ।मैं क्या करूं ?

सुनीता -बेटा मैं समझ सकती हूं। लेकिन अब तुम ठीक हो चुके हो । जब तुम अधिक उत्तेजित हो जाते होंगे तो अपने हाथों का इस्तेमाल कर लेना ,जिससे तुम्हें राहत मिलेगी ।

राजेश -नहीं मा मैं अपने हाथों से मूठ मारू ईसके लिए मेरा दिल गवाही नहीं देता ।

सुनीता - बेटे अगर तुम अपने हाथों से मूठ नहीं मारना चाहते तब राहत पाने का केवल एक ही तरीका है। तुम कोई गर्लफ्रेंड बना लो, जो तुम्हें उत्तेजना से राहत दे सके।

राजेश -पर मा मेरी तो कोई गर्लफ्रेंड नहीं है।

सुनीता -बेटा तुम स्मार्ट हो, टैलेंटेड हो ,तुम पर तो कई लड़कियां मरती होगी ,उसमे से तुम किसी एक को अपनी गर्लफ्रेंड बना लो ,जो तुम्हें पसंद हो।

राजेश -पर मा गर्लफ्रेंड बनाने में तो समय लगेगा। मुझे अभी बरदास्त से बाहर हो रहा है, मां मेरे लंड* में दर्द कर रहा है ।मैं बहुत ही उत्तेजित हो गया हूं ।मां तुम कुछ करो मा ।

सुनीता- बेटा अब यह सब ठीक नहीं है मैं तुम्हारी मां हूं हमें हमारे बीच एक मर्यादा है हमें उस मर्यादा को बनाकर रखना होगा। अभी तक जो भी हमारे बीच हुआ है।वह मजबूरी में हुआ ,पर अब जानबूझकर करना पाप होगा।

राजेश- पर मा मैं 7 दिनों से ठीक से सो नहीं पाया हू प्लीज मेरी हेल्प करो ना, कम से कम मेरी कोई गर्लफ्रेंड बनने तक मेरी हेल्प कर दो । मा मेरे लंडमें बहुत दर्द कर रहा है।

सुनीता राजेश की बातों को सुनकर सोचने लगती है राजेश 1 सप्ताह से ठीक से सोया नहीं है इसी तरह से अगर चलता रहा तो उसकी तबीयत फिर से खराब ना हो जाए ।मुझे कुछ करना चाहिए ,लेकिन मुझे अपने आप पर नियंत्रण रखना होगा ।मैं भी बहक जाती हूं और जो चीज ना करना चाहिए वह कर जाती हूं। सुनीता राजेश को व्हाट्सएप मैसेज करती है ।

सुनीता -ठीक है बेटा तुम्हारे रूम में मै आ रही ।एक शर्त है मैं सिर्फ मूठ मारूंगी। तुम्हारी लंड* नहीं चूसूगी ।

राजेश- ठीक है मा तुम केवल मेरा मुठ मार कर राहत दे दो ।

इधर राजेश यह जानकर कि उसकी मां उसकी कमरे में आ रही है और बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो जाता है उसके लंड तनकर और कठोर हो जाता है। इस समय राजेश अपने लंड को अपने लोवर र से बाहर निकाल लिया था । और उसे अपने हाथो से सहला रहा था। उसका लंड हवा में ठुमके लगा रहा था। यह जानकर कि उसकी मां उसी कमरे में आने वाली है ।

राजेश ने अपना कमरे का दरवाजा लॉक नहीं किया था ,। सुनीता दरवाजे को धक्के मार कर , राजेश के कमरे में प्रवेश कर गई ।कमरे में घुसते ही उसकी नजर राजेश के लंड पर जाती है ।राजेश इस समय बेड पर लेटा हुआ था ।उसका लंड खड़ा होकर ठुमके लगा रहा था ।राजेश अपने एक हाथ से लंड सहला रहा था ।सुनीता की नजर राजेश की लंड पर जाती है । सुनिता के शरीर मे सिहरन दैडने लगती है।

राजेश अपनी मां से कहता है देखो ना मा लंड अकड़ गया है। अपने हाथों से इसे हिलाकर कर शांत कर दो।

राजेश अपने बेड से उठ कर खड़ा हो जाता है सुनीता बिना कुछ बोले फर्श पर नीचे बैठ जाती है और एक हाथ से राजेश की लंड को पकड़ कर सहलाने लगती है।

वाह राजेश से कहती है बेटा जल्दी तुम कोई गर्लफ्रेंड बना लो ।अपनी मां से यह सब कराना ठीक नहीं । इससे से पाप होता है ।पहले की बात और थी।

राजेश कहता है ठीक है मा मेरी कॉलेज में जब तक कोई गर्लफ्रेंड न बन जाए ,तब तक तूम मेरी मदद कर देना ।

सुनीता अपने एक हाथ से राजेश के लंड को सहलाने * लगता है और एक हाथ से उसकी टट्टो को ।

राजेश को बहुत आनंद का अनुभव होने लगता है। आनंद के मारे अपनी आंखें बंद कर लेता है और अपनी मां के हाथों से मूठ मरवाने का मजा लेने लगता है। धीरे-धीरे राजेश की उत्तेजना और बढ़ने लगती है उसके शरीर का सारा खून उसके लंड की ओर दैडता महसूस हेनो लगता है ।

वह जोश में आने लगा और अपनी मां से कहने लगा मा बहुत ही मजा आ रहा है ।हिलाती रहो ,हिलाती रहो मा।

राजेश जोश मे आकर अपनी मा से कहता है ।मां तुम चूस्ती तो और कितना मजा आता मा।

इधर सुनीता भी गर्म होने गई थी । वह राजेश का लंड को अपने हाथों में महसूस कर उसके शरीर में भी उत्तेजना बढ़ने लगती है ।

इधर राजेश अपनी मां से कहता है आह बहुत ही मजा आ रहा है मा । थोड़ा सा मुंह में ले लो ना ।

इधर सुनीता कि सासे भी तेज होने लगती है। उसकी चूचियां फूलने और पिचकने लगती है ।उसके चूत से रस बहना शुरू हो जाता है ।

राजेश अपनी मां की आंखों में देखता हुआ कहता है मा प्लीज एक बार मह मे ले लो न बहुत मजा आता है।

राजेश के बार बार कहने पर सुनीता को पता नहीं क्या हो जाता है वह राजेश के लंड * को मुंह में भर लेती है।
और धीरे धीरे लंड को अपनी मुंह में अंदर बाहर करने करने लगती है।

राजेश आनंद के मारे पागल सा होकर आंखें बंद कर आह ,आह ,आह मां बहुत मजा आ रहा है बोलने लगता है और जोश में आकर अपने कमर को हिला कर अपनी मां के मुंह में हल्के हल्के धक्के लगाना शुरु कर देता है ।

राजेश अपनी आंखें खोलता है अपनी मा की ओर देखता है ।सुनीता इस समय लंड चूसने में व्यस्त थी राजेश की नजर उसी चूचियो पर पडता है ।

सुनीता इस समय नाइटी पहनी. हुई थी इसकी चूचियो का काफी है हिस्सा बाहर नजर आ रहा था जिस पर राजेश की नजर चला गया ।

वह अपनी मां की खूबसूरत चूचियो को देखकर और ।अधिक उत्तेजित और जोश में आ गया। उससे रहा न गया । और वह थोड़ा झुक कर अपनी मां की दोनों चूचियो को अपने हाथों से पकड़ कर मजा लेने लगा।

वह अपनी मां से बोला मा तुम्हारी चुचीया बहुत ही सुंदर है।

सुनिता इस समयअपनी आंखों को बंद कर, अपने बेटे के लंड* को चूस रही थी ।जैसी अपने स्तनों पर किसी मरदाना हाथों का एहसास हुआ ,उसकी आंखें खुल जाती है। वह लंड * चूसना बंद कर देती है। उसकी सांसे तेज हो जाती है ।

राजेश के हाथों को ,अपने हाथों से चुराते हुए कहती है। बेटा यह पाप है छोड़ो मुझे ,मेरे स्तनों को मत पकड़ो।

राजेश जोश मे था । वह नहीं मानता और उनकी चुचियों को अपने हाथों में लेकर मसलता रहता है।

सुनीता एहसास होता है कि बहुत ही गलत हो रहा है।राजेश को नही रोकी तो अनर्थ हो जाएगा । वह अपने बेटे के हाथ को छुड़ाते हुए खड़ी हो जाती है और वह राजेश के कमरे से चली जाती है।

राजेश मां को आवाज देत् रह गया मां कहां जा रही हो अभी मेरा शांत हुआ नहीं है ।

सुनीता राजेश की बातों पर ध्यान नहीं देती हो तेजी से और अपने रूम में चली जाती है।

इधर राजेश को कुछ समझ नहीं आता अचानक से मां को क्या हो गया ।वह अपनी मां को व्हाट्सएप मैसेज करता है।
राजेश- मा क्या हुआ अचानक से क्यों चली गई।

सुनीता रिप्लाई देती है।

सुनीता -मां बेटे की के बीच मैं यह सब ठीक नहीं बेटे।

राजेश -मा मुझे नींद नहीं नहीं आएगी ।

सुनीता -बेटा अब मुझसे ये सब नहीं हो पाएगा तुम कोई गर्लफ्रेंड से कराना ।

राजेश को बहुत ही बुरा लगता है पर वह कर भी क्या सकता था ।वह किसी तरह सोने की कोशिश करता है पर ठीक से सो नहीं पाता ।

इधर सुनिता अपने कमरे में जाकर लेटे हुए सोचने लगती है पता नहीं मैं कैसे बहक जाती हूं और राजेश की बातों में आ जाती हूं। आज मैं राजेश के कैमरे से नहीं आती तो अनर्थ हो जाता है । वह द्रिड निश्चय कर लेती है कि आज के बाद वह राजेश के बहकावे मे कभी नहीं आएगी । वह अपने गलती पर पछताने लगती है। भगवान से क्षमा मांगने लगती है कि वह ना चाहते हुए भी फिर से गलती कर बैठी।

इधर राजेश को रात भर ठीक से नींद नहीं आता है। जैसे खडे लंड पर किसी ने धोखा दे दिया हो ।रात भर ठीक से सो नहीं पाता । वह सुबह जल्दी उठ जाता है वह रात मैं की घटनाओं को याद करत करता है किस प्रकार किया उसकी मां ने रात के समय उसे अधूरा छोड , उसकी बिना मदद किए ही चली गई हैं ।

वह सुबह 6:00 बजे जिम जाने के लिए अपने रूम से बाहर निकलता है ।राजेश को पता था कि इस समय उसकी मां कीचन मे में होगी ।वह किचन की ओर चला जाता है ।

सुनीता इस समय किचन में काम कर रही थी सुनीता इस समय साड़ी पहनी हुई थी ।राजेश किचन में जाकर अपने मां को काम करते हुए देखता हैऔर पीछे से अपने मां को जाकर जकड़ लेता है। राजेश अपना खडा लंड* को अपनी मां की गांड मैं दबाने लगता है। और अपने दोनों हाथों को सामने ले जाकर अपनी मां की चूचियों को पकड़ मसलने लगता है ।

राजेश अपनी मा से कहता है मा रात में क्यों चली आई मुझे ऐसे ही छोड़कर ,मैं रात भर सो नहीं सका ।

सुनिता राजेश के द्वारा अचानक से ऐसे जकडकर चूची मसलने से वहचौक जाती है ।राजेश को छुड़ाने लगती है ।बेटा छोड़ो कोई देख लेगा तो क्या कहेगा ।दूर हटो मुझसे।
राजेश नहीं मानता और अपनी मां के स्तनों को अपने हाथों में लेकर जोर-जोर से मसलने लगता है ।

सुनीता उसकी हाथों से छूटने के लिए कसमसाने लगती है ।वह राजेश से कहती है बेटा यह गलत है । पाप है।
राजेश नहीं मानता ,उसकी आंखों में हवस जाग चुका था ।

सुनिता किसी तरह राजेश की ओर घूम जाती है ।उसे समझाने लगती है ।बेटा यह गलत है ।

राज्श अपनी मा को सीने से लगा लेता है और उसकी ओठ को चूमने लगता है ।

सुनिता राजेश को अपनी पूरी ताकत से दूर हटा कर उसकी गाल पर जोरदार थप्पड़ लगा देती है ।राजेश अपने होश में आता है ।वह भौचक रह जाता है।

सुनिता राजेश को गुस्से मे कहती है , नालायक कहीं का तू मर्यादा भूल गया है । मैनै तुम्हें यही संस्कार दिया ।तू हवस मे आकर अपनी ही मां पर चढ़ना चाहता है।

राजेश का जोश ठंडा पड़ गया था वह एक हाथ से अपने गाल पकड़े हुए चूपचाप खडा था ।वह मां के इस रूप को देखकर हैरान था ।वह चुपचाप खड़ा होकर अपनी मां की बातों को सुनने लगा ।

सुनीता ने कहा मैं कभी सोची नहीं थी कि तू स हद तुम गिर सकता हो चले जाओ मेरी आंखों के सामने से ,चले जाओ ।

राजेश अपना मुंह लटका करके घर से निकल जा ता वह अपने बाइक लेकर सीधे जिम चला जाता है ।

वह बाइक चला रहा था पर का ध्यान नही था ।अभी जो घटनाएं घटित हुआ था उसे ही याद कर रहा था।

जीम मे वह एक ही व्यायाम को लगातार किया जा रहा था। उसका ध्यान कहीं और था उसके मन में उथल-पुथल मचा हुआ था।

इधर सुनीता भी राजेश के जाने के बाद अपने आप से कहती है यह मैंने क्या कर दिया ।मैंने अपने बेटे को थप्पड़ मारा ।आज तक कभी मैंने उस पर हाथ नहीं उठाई थी ।यह भगवान यह मुझसे क्या हो गया ।फिर वह सोचती है उसने जो किया ठीक किया उसे रोकने का यही एक तरीका था ।नहीं तो आज न जाने क्या हो जाता ।उसे रोकना बहुत जरूरी था ।

इधर राजेश काफी मंथन करने के बाद एक निर्णय पर पहुंचता है ।वह अपने मन में कहता है। मा ,दर्द तुमने दिया है तो दवा तुम्हे ही करना होगा ।अगर उस दिन तुमने मुझे कामदेवी रूप नहीं दिखाई होती तो आज मेरी यह स्थिति नहीं होती । हां मैं अपनी मर्यादा भूल गया ।तुम्हारी दी हुई संस्कारों को भूल गया हूं । मैं यह नहीं जानता कि क्या पाप क्या पुण्य है ।मैं सिर्फ इतना जानता हूं कि मैं तुम्हें पाकर ही रहूंगा ।मैं तुम्हें इतना तड़पाऊंगा कि तुम खुद ही मुझसे चुदने के लिए मेरे रूम में आओगी ।मेरे खड़े लंड पर आकर बैठो गी ।

दोस्तों राजेश किस तरह अपनी मां को तड़पाएगा और उसकी मा उससे चुदने के लिए खुद ही उसके कमरे में कैसे आएगी ।यह जानने के लिए पढ़ते रहिए
,,, यह क्या हो गया,,,
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