- 888
- 4,567
- 124
अगले दिन, राजेश जब कालेज पहुंचा। भगत के साथ कैंटीन में,,
भगत _भाई 5दिन बाद कालेज में इंटर कालेज फुटबाल टूर्नामेंट शुरू हो जाएगी इस मैच की मेजबानी 2कालेज एक हमारा कालेज, आरके कालेज और दूसरा जेके कालेज करने जा रहे हैं। पिछले बार तो फाइनल मे जेके कालेज के टीम को हराकर हमारा कालेज चैंपियन बना था। सुना है इस बार वे युद्ध स्तर पर तैयारी कर रहे है। इस बार चैंपियन बनने के लिए पूरी कोशिश करेंगे। सुना है इस बार तो वहा की कालेज प्रशासन ने बाहर से एक नामी फुटबालर को बुलाया है जो अपने उनके खिलाड़ी को प्रेक्टिस करा रहा है।
इधर रोहन का ओवर कामफिडेंस कही हमारे टीम के लिए भारी न पड़ जाए।
राजेश _मैने हमारे टीम को भी प्रेक्टिस करते हुए देखा है। लड़के काफी मेहनत कर रहे है। मैदान पर अपनी पसीना बहा रहे है। मुझे भरोसा है कि हमारी टीम पिछले बार की तरह अच्छा प्रदर्शन करेगी।
भगत _भाई आप को तो एक्स्ट्रा प्लेयर के रूप मे रखा गया है। रोहन कही अपने घमंड मे आकर टीम के मुसीबत के समय भी , आपको खेलने का मौका न दिया न तो इस बार हम यह टूर्नामेंट जीत पाएंगे, इस पर मुझे शक है।
बाकी दोस्तों ने भी कहा, हां भाई इस बार तो हमे भी शक है कि हम खिताब जीत पाएंगे।
राजेश _ऐसा कुछ नहीं होगा, हमारी टीम यह खिताब तीसरी बार जरूर जीतेगी।
लंच के समय स्वीटी अपनी सहेली के साथ मैदान की ओर गए जहा रोहन और उसकी टीम प्रेक्टिस कर रहे थे।
रोहन ने जब स्वीटी को देखा तो उसके पास आया।
रोहन _हाय स्वीटी, कैसी हो?
स्वीटी _ओ, hye, मै तो अच्छी हूं। मै तो देखने आई थीं की आप लोगो की प्रैक्टिस कैसी चल रही है?
कालेज के सभी स्टूडेंट्स को तुम लोगो पर बड़ा भरोसा है कि तुम लोग टूर्नामेंट जीतकर कालेज और हम सब को गौरांवित करोगे।
रोहन _थैंक्स स्वीटी हमारी टीम पर विश्वास जताने के लिए हम तैयारी मे कोई कसर नही छोड़ेंगे।
देखना यह टूर्नामेंट हम ही जीतेंगे।
स्वीटी _अगर तुम हमारे कालेज को चैंपियन बना दिया न तो मै तुम्हारे साथ किसी होटल में डिनर करने के बारे मे तुम्हारे प्रस्ताव के बारे में सोचूंगी।
रोहन _क्या सच मे?
स्वीटी _हां, पर सिर्फ डिनर और कुछ नहीं।
रोहन _ओह थैंक यू स्वीटी।
स्वीटी के वहा से जाने के बाद रोहन के दोस्त ने कहा,
रोहन भाई, स्वीटी भी आगे बढ़ने के लिए तैयार दिख रही है।
रोहन _हमारी टीम का चैंपियन बनने के बाद देखना, सब लड़कियां मेरे आगे पीछे घूमेगी।
दोस्त _भाई मतलब आपके अच्छे दिन आने वाले है।
रोहन _आने वाले नही बे, आ गया समझो।
कालेज मे छुट्टी के समय सुजाता ने राजेश को फोन किया इस समय राजेश भी फुटबाल ग्राउंड पर बैठकर अपनेदोस्तो के साथ टीम की प्रैक्टिस देख रहा था।
राजेश ने फोन उठाया।
सुजाता_हेलो, जानू कहा हो।
राजेश _हाय मैम मै अभी कालेज में हूं।
सुजाता _आज, मुझे तुम्हारी बड़ी याद आ रही है। तुम होटल में आ जाना।
राजेश _मैम, मुझे लगता है कि होटल मे बार बार मिलना सेफ नहीं है।
सुजाता _क्यू? तुम ऐसा क्यू कह रहे? कुछ बात है क्या?
राजेश _हमे कोई दूसरी जगह देखनी पड़ेगी। वह होटल सेफ नहीं है।
सुजाता _फिर तुम मेरे घर आ जाओ।
राजेश _घर में तो निशा होगी, नौकर और आपके पति।
सुजाता _फिर क्या करे? देखो मुझे आज तुमसे मिलना है बस। देखो ऐसा करो आज घर में आ जाओ। आगे का देखेंगे करना क्या है?
राजेश _ठीक है। मै एक घंटे में पहुंचूंगा।
सुजाता _ओके मै वेट करूंगी। बाई जानू।
इधर रीता अपने ऑफिस कैबीन मे, कल राजेश साथ बिताए पल को याद कर रही थीं। मंद ही मंद मुस्कुरा रही थी।
राजेश ने कैसे उसे कल जन्नत का सैर कराया था।
कैसे राजेश ने उसकी जमकर chudai की और उसकी chut सूजा दी। अभी भी मीठा मीठा दर्द का अहसास उसकी chut पर हो रहा था।
वह अपनी chut को अपनी साड़ी के ऊपर से ही सहला कर देखी। उसमे दर्द अभी भी था।
उसने राजेश को काल किया।
राजेश का मन नहीं था काल उठाने का।
वह काफी देर बाद काल उठाया।
रीता _ हाई, राजेश कैसे हो?
राजेश _मै ठीक हूं मैम, बोलो कैसे याद की।
रीता _राजेश, पहले ये बताओ की इतने देर से फोन क्यू उठाया? कही इग्नोर तो नही कर रहे थे।
राजेश _नही मैम, आस पास दोस्त थे न इसलिए उठाने में लेट huwa
रीता _राजेश, मुझे तुमसे ढेर सारी बाते करने ही।
राजेश _कैसी बाते मैम?
रीता _ओह राजेश तुमने मुझ पर पता नहीं कैसा जादू कर दिया है। कल से तुम्हारे बारे में ही सोच रही हूं। सच में तुम्हारी बाहों में जन्नत है।
अब समझी सुजाता तुसपे इतना मरती क्यू है?
देखो मैं तुम्हे सुजाता से मिलने से नहीं रोकूंगी पर हां, मै भी अब तुम्हारे प्यार के बिना नहीं रह सकती इसलिए तुम्हे मुझे भी उतनी ही संतुष्टि प्रदान करनी होगी जितना तुम सुजाता को संतुष्ट करते हो।
राजेश _मैम ये आप क्या कह रही है?
हमारे कल तरह बार बार मिलने से मेरे और तुम्हारे बीच का भी तो वीडियो बना सकता है।
रीता _राजेश मै सुजाता नहीं हूं, रहम दिल।
कोई ऐसा करने का हिम्मत भी किया तो वो मारा जायेगा।
राजेश _पर मैम मै आपको ज्यादा समय नहीं दे पाऊंगा। एक माह बाद परीक्षा शुरू हो जाएगी। मुझे भी अपना कैरियर देखना है।
रीता _राजेश, तुम्हे समय निकालना ही होगा। मेरे लिए। मै तो कहती हूं ये आईएएस को छोड़ो मेरे कंपनी ज्वाइन कर लो, फिर हमारे मिलने की समस्या ही नहीं रहेगी। मेरे या तुम्हारे केबिन में ही प्यार करेंगे।
बड़ा मजा आयेगा। किसी को कोई शक भी नहीं होगा ।
राजेश _अगर सुजाता मैम को हमारे संबंधों के बारे में पता चल गया तो उस पर क्या बीतेगी?
Rita गुस्से में आ गई,,
रीता _राजेश तुम तो ऐसे कह रहे हों, सुजाता के अलावा किसी का लिए ही नहीं हो, देखो मैं कह देती हूं। अगर तुम मेरा कहना नहीं माने न तो मै सुमन वाली बात सुजाता को बता दूंगी और यह बात भी बता दूंगी की उसके पेट में जो बच्चा है उसके असली बाप तुम हो ।
राजेश, मै तोतुम्हे प्यार से पाना चाहती हूं, पर तुम मुझे ब्लैक मेल करने मजबूर कर देते हो। देखो मुझे तुम्हारा प्यार चाहिए, मै न नहीं सुन सकती।
अगर मुझे तुम्हारा प्यार नहीं मिला न तुम्हे और किसी का होने नहीं दूंगी।
ऐसा बोलकर,
रीता ने फोन रख दिया।
राजेश को समझ नहीं आ रहा था की वह क्या करे? वह इस झंझट से कैसे बाहर निकले?
भगत _क्या बात है भाई कुछ टेंशन में लग रहे हो?
राजेश _हा यार प्रॉब्लम तो है, प्रॉब्लम क्या है? किसी को बता नहीं सकता।
भगत _भाई क्या मुझ पर भरोसा नहीं?
राजेश _तुम पर तो खुद से ज्यादा भरोसा है पर इस प्रॉब्लम से मुझे ही निपटना होगा।
भगत _ठीक है भाई, पर अगर मेरी जरूरत हो तो, बताना आपका यह दोस्त जान भी दे देगा आपके लिए।
राजेश _यार मामला औरतों का है, दिमाक़ से ज्यादा दिल से सोचना पड़ता है, इसलिए समस्या का समाधान करने उनकी सोच और हृदय में ही परिवर्तन लाना होगा।
अच्छा अब मै चलता हूं।
भगत _ठीक है भाई, अब हम भी निकलते हैं।
राजेश घर न जाकर सीधा निशा के घर की ओर चला गया।
जब वह निशा के घर पहुंचा। तब नौकरों से पूछने पर पता चल की सुजाता मैम तो अभी ऑफिस से घर पहुंची नहीं है।
वह सोफे पर बैठ कर हाल में इंतजार करने लगा।
तभी उसे ऊपर से पियानो की आवाज सुनाई दी।
कोई दर्द भरे मधुर धुन उसे सुनाई पड़ा।
राजेश ने नौकरों से पूछा, ये पियानो कौन बजा रहा है। ये पियानो तो निशा बिटिया बजा रहा है।
राजेश को पहले बार पता चला की निशा इतना अच्छा पियानो बजाती है।
वह सोफा से उठ कर निशा के कमरे की ओर जाने लगा।
दरवाजे के पास खडा होकर राजेश निशा को पियानो बजाते देख रहा था। निशा पियानो बजाते कही खोई हुई थीं।
तभी निशा को लगा की कोई दरवाज़े पर खडा है।
उसने मुड़ कर देखा। दरवाजे पर राजेश खडा था। वह उसको पियानो बजाते देख रहा था।
निशा _राज तुम, यहां।
राजेश _तुम इतना अच्छा पियानो बजाती हो, मुझे आज पता चला।
निशा _कभी कभी बजा लेती हूं, जब जी करता है।
वैसे तुम यहा अचानक।
राजेश _वो मैम ने कुछ काम से बुलाया था।
नीचे बैठा था कि पियानो पर मधुर सुनकर खुद को रोक नहीं पाया।
निशा आज कल कैंटीन में नहीं आती कॉफी पीने, मुझसे नाराज़ हो क्या?
निशा _नहीं राजेश ऐसी बात नहीं। ओ मेरा सिर दर्द वाला प्रॉब्लम अभी सॉल्व नहीं huwa है न इसलिए।
राजेश _किसी डॉक्टर को दिखाई की नहीं?
निशा _दिखाई न, उसने कुछ दवाइयां दी है और कहा है कि धीरे धीरे ठीक हो जायेगा।
तभी सुजाता भी ऑफिस से आ गई।
नौकर से पूछा, राज आया है क्या?
नौकर _हां, मैम साब, वो ऊपर गया है।
सुजाता ऊपर गई राजेश को इधर उधर ढूढते जाने लगी।
तभी उसे राजेश दिखाई दिया, जो निशा से बात कर रहा था ।
सुजाता _ओह राजेश तुम यहां हो। मै तुम्हे इधर उधर ढूंढ रही थीं।
राजेश_मैम आप कब आई?
सुजाता _जस्ट अभी, सॉरी तुमको वेट करना पड़ा। मै निकलने वाली ही थी कि अर्जेंट काम आ गया।
अच्छा बताओ, नास्ते में क्या लोगे?
राजेश _कुछ भी आप जो चाहे।
सुजाता _ओह, तुमको आमलेट पसंद है न मै अपने हाथों से बना कर लाऊंगी।
निशा बेटा तब तक तुम राजेश का ख्याल रखना।
निशा _जी मॉम।
राजेश निशा के कमरे में रखा पियानो चेयर पर बैठ गया।
निशा राजेश के पीछे खडी हो गई।
राजेश पियानो बजाने लगा,,,
तभी सुजाता भी नाश्ता लेकर कमरे में आ पहुंची।
सुजाता _राजेश आपको पियानों बजाना भी आता है। भई और क्या क्या खुबिया छुपाकर रखा है पता नही। तुम तो सरप्राइज़ देने में माहिर हो।
राजेश _जी मेरा बचपन से ही लगाओ संगीत में रहा है इसलिए लगभग सभी इंस्ट्रूमेंट बजा पाता हूं।
सुजाता _लो आपका पसंदीदा नाश्ता आ गया।
और कॉफी भी।
राजेश _थैंक्स मैम।
निशा तुम भी कॉफी लोगी।
निशा _नहीं मॉम।
राजेश नाश्ता करने लगा।
सुजाता _निशा बेटा तुम भी कुछ खाओ gi तो नौकरों से मंगा लो।
निशा _नहीं मॉम
जब राजेश ने नाश्ता कर लिया तब।
सुजाता _राजेश, मुझे तुमसे काम था, कंपनी से संबंधित कुछ परामर्श लेनी थी।
राजेश _बोलो मैम।
सुजाता _राजेश, ऐसा करो तुम मेरे रूम में चलो मैं वही बताती हूं।
निशा बेटा तुम नौकरों को यहां से कप और प्लेट, यहां से ले जाने बोल दो।
और हां बेटा तुम ध्यान देना कि मेरे कमरे की ओर कोई न आए, हम लोग कुछ जरूरी मुद्दों पर डिस्कस करेंगे।
निशा ने हां में सिर हिलाया।
जब सुजाता राजेश को लेकर अपने कमरे में गई । वहा से निकलकर सुजाता अपने पति के कमरे में गई और हाल चाल पूछी, फिर अपने कमरे में आकर दरवाज़ा बंद कर दी।
निशा के आंख से आंसू बहने लगे ।
वह अपनी आंखो से आंसू बहाते हुए पियानो बजाने लगी।
इधर सुजाता, राजेश से जी भर कर चुदाने लगी।
करीब एक घंटे तक समय बिताने के बाद।
राजेश _मैम मुझे लगता है अब चलना चाहिए काफी समय हो गया है हमे।
दोनों अपने कपड़े पहनने के बाद, कमरे से बाहर निकले।
सुजाता निशा के कमरे में गई जो पियानो बजाते बजाते सो गई थी।
निशा _बेटा उठो ये क्या ऐसे कोई सोता है क्या नींद लगी तो बिस्तर पर सो जाते।
निशा _सॉरी मॉम कब नींद लग गई पता ही नही चला।राज चला गया क्या?
वह घर जाने वाला था मैंने कहा खाना खा कर जाना। वह नीचे हाल में बैठा है।
तुम भी आ जाओ।
निशा _ठीक है मॉम।
इधर राजेश ने अपनी मां को इस बात की जानकारी दे दी की वह कुछ काम से निशा के घर आया huwa है और वह खाना खा कर आयेगा।
राजेश जब रात में घर पहुंचा तो10 बज चुके थे।
सुनीता ने दरवाज़ा खोला।
राजेश ने अपनी मां से बिना बोले ही अपने कमरे में जाने को huwa
सुनीता _राजेश रुको, मुझे तुमसे कुछ कहना है।
राजेश _बोलो मां क्या कहना है?
सुनीता _बेटा, तुम अपने पढ़ाई पर ध्यान दो, ये बड़े लोगो से दोस्ती मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा है।
कही तुम्हे बाद में पछताना न पड़े।
राजेश _ मां, आप चिंता न करे, ऐसा कुछ नही होगा।
सुनीता _मै मां हूं तेरी कैसी चिंता नहीं होगी?
राजेश अपनी मां को गले लगा लिया।
अच्छा आप जो बोलोगी वही करूंगा बस, सुनीता की गालों को चूम लिया।
सुनीता _तू फिर शुरू हो गया।
अब छोड़ मुझेऔर जा अपने कमरे में।
राजेश अपने कमरे में चला गया।
सुनीता भी अपने कमरे में जाकर लेट गई।
आधी रात को सुनीता ने बुरा सपना देखी कोई उसके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश कर रहा है।
वह जोर से चीखी।
शेखर का नींद खुल गया।
शेखर _सुनीता क्या huwa
सुनीता लंबी लंबी सांस ले रही थी,,,
शेखर ने सुनीता को पानी पीने को दिया,,
सुनीता गिलास से पानी पीने लगी,,
शेखर _कही तुम फिर वही सपना तो नहीं देखी,,
सुनीता _हा जी, मैने फिर वही सपना देखा।
उस घटना को घटे 20साल से अधिक हो गए, पर मुझे अब भी सपने आते है। पता नहीं कब तक मेरा पीछा नहीं छोड़ेगी।
शेखर _उस घटना के कारण ही हम गांव नहीं जा रहे ताकि उसे भूल जाओ,पर तुम्हे अब भी वह घटना सपने में आ ही जाता है। लगता है तुम उस घटना को अब भी याद करती हो।
सुनीता _क्या करू जी, उस घटना को मै चाह कर भी भूल नहीं पा रही, याद आ ही जाती है।अब सपना किसी को बता कर तो नहीं आती।
शेखर _देखो, अब बच्चे बड़े हो गए है यदि उन्हें पता चल गया तो हम गांव क्यू नहीं जाते? उस घटना के बारे में कही राजेश को पता चल गया तो उसके कैरियर पर बुरा असर पड़ सकता है।
सुनीता _आप चिंता न करे जी उन्हें पता नहीं चलेगा।
सुनीता शेखर की बाहों मे फिर से सने की कोशिश करने लगी।
शेखर उसके सिर को सहलाते हुवे सुलाने लगा।
अगले दिन राजेश को रीता ने फिर से अपने फार्म हाउस में आने को कहा, राजेश न चाहते हुए भी फार्म हाउस गया और रीता की प्यास बुझाई।
रीता 2_3दिन की आड़ में राजेश को फार्म हाउस बुलाती, राजेश के मना करने पर उसे सुजाता को सारी बाते बता देने की धमकी देती। राजेश के फार्म हाउस पहुंचने पर जम कर चुदाती, और अब तो वह गाड़ भी मरवाने लगी।
इस तरह कुछ दिन और निकल गए।
अब कल से कालेज में इंटर कालेज फुटबाल टूर्नामेंट शुरू होने वाला था। जिसकी तैयारी कालेज में जोरो से चल रही थी।
अब आगे देखेंगे क्या होता है टूर्नामेंट में
भगत _भाई 5दिन बाद कालेज में इंटर कालेज फुटबाल टूर्नामेंट शुरू हो जाएगी इस मैच की मेजबानी 2कालेज एक हमारा कालेज, आरके कालेज और दूसरा जेके कालेज करने जा रहे हैं। पिछले बार तो फाइनल मे जेके कालेज के टीम को हराकर हमारा कालेज चैंपियन बना था। सुना है इस बार वे युद्ध स्तर पर तैयारी कर रहे है। इस बार चैंपियन बनने के लिए पूरी कोशिश करेंगे। सुना है इस बार तो वहा की कालेज प्रशासन ने बाहर से एक नामी फुटबालर को बुलाया है जो अपने उनके खिलाड़ी को प्रेक्टिस करा रहा है।
इधर रोहन का ओवर कामफिडेंस कही हमारे टीम के लिए भारी न पड़ जाए।
राजेश _मैने हमारे टीम को भी प्रेक्टिस करते हुए देखा है। लड़के काफी मेहनत कर रहे है। मैदान पर अपनी पसीना बहा रहे है। मुझे भरोसा है कि हमारी टीम पिछले बार की तरह अच्छा प्रदर्शन करेगी।
भगत _भाई आप को तो एक्स्ट्रा प्लेयर के रूप मे रखा गया है। रोहन कही अपने घमंड मे आकर टीम के मुसीबत के समय भी , आपको खेलने का मौका न दिया न तो इस बार हम यह टूर्नामेंट जीत पाएंगे, इस पर मुझे शक है।
बाकी दोस्तों ने भी कहा, हां भाई इस बार तो हमे भी शक है कि हम खिताब जीत पाएंगे।
राजेश _ऐसा कुछ नहीं होगा, हमारी टीम यह खिताब तीसरी बार जरूर जीतेगी।
लंच के समय स्वीटी अपनी सहेली के साथ मैदान की ओर गए जहा रोहन और उसकी टीम प्रेक्टिस कर रहे थे।
रोहन ने जब स्वीटी को देखा तो उसके पास आया।
रोहन _हाय स्वीटी, कैसी हो?
स्वीटी _ओ, hye, मै तो अच्छी हूं। मै तो देखने आई थीं की आप लोगो की प्रैक्टिस कैसी चल रही है?
कालेज के सभी स्टूडेंट्स को तुम लोगो पर बड़ा भरोसा है कि तुम लोग टूर्नामेंट जीतकर कालेज और हम सब को गौरांवित करोगे।
रोहन _थैंक्स स्वीटी हमारी टीम पर विश्वास जताने के लिए हम तैयारी मे कोई कसर नही छोड़ेंगे।
देखना यह टूर्नामेंट हम ही जीतेंगे।
स्वीटी _अगर तुम हमारे कालेज को चैंपियन बना दिया न तो मै तुम्हारे साथ किसी होटल में डिनर करने के बारे मे तुम्हारे प्रस्ताव के बारे में सोचूंगी।
रोहन _क्या सच मे?
स्वीटी _हां, पर सिर्फ डिनर और कुछ नहीं।
रोहन _ओह थैंक यू स्वीटी।
स्वीटी के वहा से जाने के बाद रोहन के दोस्त ने कहा,
रोहन भाई, स्वीटी भी आगे बढ़ने के लिए तैयार दिख रही है।
रोहन _हमारी टीम का चैंपियन बनने के बाद देखना, सब लड़कियां मेरे आगे पीछे घूमेगी।
दोस्त _भाई मतलब आपके अच्छे दिन आने वाले है।
रोहन _आने वाले नही बे, आ गया समझो।
कालेज मे छुट्टी के समय सुजाता ने राजेश को फोन किया इस समय राजेश भी फुटबाल ग्राउंड पर बैठकर अपनेदोस्तो के साथ टीम की प्रैक्टिस देख रहा था।
राजेश ने फोन उठाया।
सुजाता_हेलो, जानू कहा हो।
राजेश _हाय मैम मै अभी कालेज में हूं।
सुजाता _आज, मुझे तुम्हारी बड़ी याद आ रही है। तुम होटल में आ जाना।
राजेश _मैम, मुझे लगता है कि होटल मे बार बार मिलना सेफ नहीं है।
सुजाता _क्यू? तुम ऐसा क्यू कह रहे? कुछ बात है क्या?
राजेश _हमे कोई दूसरी जगह देखनी पड़ेगी। वह होटल सेफ नहीं है।
सुजाता _फिर तुम मेरे घर आ जाओ।
राजेश _घर में तो निशा होगी, नौकर और आपके पति।
सुजाता _फिर क्या करे? देखो मुझे आज तुमसे मिलना है बस। देखो ऐसा करो आज घर में आ जाओ। आगे का देखेंगे करना क्या है?
राजेश _ठीक है। मै एक घंटे में पहुंचूंगा।
सुजाता _ओके मै वेट करूंगी। बाई जानू।
इधर रीता अपने ऑफिस कैबीन मे, कल राजेश साथ बिताए पल को याद कर रही थीं। मंद ही मंद मुस्कुरा रही थी।
राजेश ने कैसे उसे कल जन्नत का सैर कराया था।
कैसे राजेश ने उसकी जमकर chudai की और उसकी chut सूजा दी। अभी भी मीठा मीठा दर्द का अहसास उसकी chut पर हो रहा था।
वह अपनी chut को अपनी साड़ी के ऊपर से ही सहला कर देखी। उसमे दर्द अभी भी था।
उसने राजेश को काल किया।
राजेश का मन नहीं था काल उठाने का।
वह काफी देर बाद काल उठाया।
रीता _ हाई, राजेश कैसे हो?
राजेश _मै ठीक हूं मैम, बोलो कैसे याद की।
रीता _राजेश, पहले ये बताओ की इतने देर से फोन क्यू उठाया? कही इग्नोर तो नही कर रहे थे।
राजेश _नही मैम, आस पास दोस्त थे न इसलिए उठाने में लेट huwa
रीता _राजेश, मुझे तुमसे ढेर सारी बाते करने ही।
राजेश _कैसी बाते मैम?
रीता _ओह राजेश तुमने मुझ पर पता नहीं कैसा जादू कर दिया है। कल से तुम्हारे बारे में ही सोच रही हूं। सच में तुम्हारी बाहों में जन्नत है।
अब समझी सुजाता तुसपे इतना मरती क्यू है?
देखो मैं तुम्हे सुजाता से मिलने से नहीं रोकूंगी पर हां, मै भी अब तुम्हारे प्यार के बिना नहीं रह सकती इसलिए तुम्हे मुझे भी उतनी ही संतुष्टि प्रदान करनी होगी जितना तुम सुजाता को संतुष्ट करते हो।
राजेश _मैम ये आप क्या कह रही है?
हमारे कल तरह बार बार मिलने से मेरे और तुम्हारे बीच का भी तो वीडियो बना सकता है।
रीता _राजेश मै सुजाता नहीं हूं, रहम दिल।
कोई ऐसा करने का हिम्मत भी किया तो वो मारा जायेगा।
राजेश _पर मैम मै आपको ज्यादा समय नहीं दे पाऊंगा। एक माह बाद परीक्षा शुरू हो जाएगी। मुझे भी अपना कैरियर देखना है।
रीता _राजेश, तुम्हे समय निकालना ही होगा। मेरे लिए। मै तो कहती हूं ये आईएएस को छोड़ो मेरे कंपनी ज्वाइन कर लो, फिर हमारे मिलने की समस्या ही नहीं रहेगी। मेरे या तुम्हारे केबिन में ही प्यार करेंगे।
बड़ा मजा आयेगा। किसी को कोई शक भी नहीं होगा ।
राजेश _अगर सुजाता मैम को हमारे संबंधों के बारे में पता चल गया तो उस पर क्या बीतेगी?
Rita गुस्से में आ गई,,
रीता _राजेश तुम तो ऐसे कह रहे हों, सुजाता के अलावा किसी का लिए ही नहीं हो, देखो मैं कह देती हूं। अगर तुम मेरा कहना नहीं माने न तो मै सुमन वाली बात सुजाता को बता दूंगी और यह बात भी बता दूंगी की उसके पेट में जो बच्चा है उसके असली बाप तुम हो ।
राजेश, मै तोतुम्हे प्यार से पाना चाहती हूं, पर तुम मुझे ब्लैक मेल करने मजबूर कर देते हो। देखो मुझे तुम्हारा प्यार चाहिए, मै न नहीं सुन सकती।
अगर मुझे तुम्हारा प्यार नहीं मिला न तुम्हे और किसी का होने नहीं दूंगी।
ऐसा बोलकर,
रीता ने फोन रख दिया।
राजेश को समझ नहीं आ रहा था की वह क्या करे? वह इस झंझट से कैसे बाहर निकले?
भगत _क्या बात है भाई कुछ टेंशन में लग रहे हो?
राजेश _हा यार प्रॉब्लम तो है, प्रॉब्लम क्या है? किसी को बता नहीं सकता।
भगत _भाई क्या मुझ पर भरोसा नहीं?
राजेश _तुम पर तो खुद से ज्यादा भरोसा है पर इस प्रॉब्लम से मुझे ही निपटना होगा।
भगत _ठीक है भाई, पर अगर मेरी जरूरत हो तो, बताना आपका यह दोस्त जान भी दे देगा आपके लिए।
राजेश _यार मामला औरतों का है, दिमाक़ से ज्यादा दिल से सोचना पड़ता है, इसलिए समस्या का समाधान करने उनकी सोच और हृदय में ही परिवर्तन लाना होगा।
अच्छा अब मै चलता हूं।
भगत _ठीक है भाई, अब हम भी निकलते हैं।
राजेश घर न जाकर सीधा निशा के घर की ओर चला गया।
जब वह निशा के घर पहुंचा। तब नौकरों से पूछने पर पता चल की सुजाता मैम तो अभी ऑफिस से घर पहुंची नहीं है।
वह सोफे पर बैठ कर हाल में इंतजार करने लगा।
तभी उसे ऊपर से पियानो की आवाज सुनाई दी।
कोई दर्द भरे मधुर धुन उसे सुनाई पड़ा।
राजेश ने नौकरों से पूछा, ये पियानो कौन बजा रहा है। ये पियानो तो निशा बिटिया बजा रहा है।
राजेश को पहले बार पता चला की निशा इतना अच्छा पियानो बजाती है।
वह सोफा से उठ कर निशा के कमरे की ओर जाने लगा।
तभी निशा को लगा की कोई दरवाज़े पर खडा है।
उसने मुड़ कर देखा। दरवाजे पर राजेश खडा था। वह उसको पियानो बजाते देख रहा था।
निशा _राज तुम, यहां।
राजेश _तुम इतना अच्छा पियानो बजाती हो, मुझे आज पता चला।
निशा _कभी कभी बजा लेती हूं, जब जी करता है।
वैसे तुम यहा अचानक।
राजेश _वो मैम ने कुछ काम से बुलाया था।
नीचे बैठा था कि पियानो पर मधुर सुनकर खुद को रोक नहीं पाया।
निशा आज कल कैंटीन में नहीं आती कॉफी पीने, मुझसे नाराज़ हो क्या?
निशा _नहीं राजेश ऐसी बात नहीं। ओ मेरा सिर दर्द वाला प्रॉब्लम अभी सॉल्व नहीं huwa है न इसलिए।
राजेश _किसी डॉक्टर को दिखाई की नहीं?
निशा _दिखाई न, उसने कुछ दवाइयां दी है और कहा है कि धीरे धीरे ठीक हो जायेगा।
तभी सुजाता भी ऑफिस से आ गई।
नौकर से पूछा, राज आया है क्या?
नौकर _हां, मैम साब, वो ऊपर गया है।
सुजाता ऊपर गई राजेश को इधर उधर ढूढते जाने लगी।
तभी उसे राजेश दिखाई दिया, जो निशा से बात कर रहा था ।
सुजाता _ओह राजेश तुम यहां हो। मै तुम्हे इधर उधर ढूंढ रही थीं।
राजेश_मैम आप कब आई?
सुजाता _जस्ट अभी, सॉरी तुमको वेट करना पड़ा। मै निकलने वाली ही थी कि अर्जेंट काम आ गया।
अच्छा बताओ, नास्ते में क्या लोगे?
राजेश _कुछ भी आप जो चाहे।
सुजाता _ओह, तुमको आमलेट पसंद है न मै अपने हाथों से बना कर लाऊंगी।
निशा बेटा तब तक तुम राजेश का ख्याल रखना।
निशा _जी मॉम।
राजेश निशा के कमरे में रखा पियानो चेयर पर बैठ गया।
निशा राजेश के पीछे खडी हो गई।
राजेश पियानो बजाने लगा,,,
तभी सुजाता भी नाश्ता लेकर कमरे में आ पहुंची।
सुजाता _राजेश आपको पियानों बजाना भी आता है। भई और क्या क्या खुबिया छुपाकर रखा है पता नही। तुम तो सरप्राइज़ देने में माहिर हो।
राजेश _जी मेरा बचपन से ही लगाओ संगीत में रहा है इसलिए लगभग सभी इंस्ट्रूमेंट बजा पाता हूं।
सुजाता _लो आपका पसंदीदा नाश्ता आ गया।
और कॉफी भी।
राजेश _थैंक्स मैम।
निशा तुम भी कॉफी लोगी।
निशा _नहीं मॉम।
राजेश नाश्ता करने लगा।
सुजाता _निशा बेटा तुम भी कुछ खाओ gi तो नौकरों से मंगा लो।
निशा _नहीं मॉम
जब राजेश ने नाश्ता कर लिया तब।
सुजाता _राजेश, मुझे तुमसे काम था, कंपनी से संबंधित कुछ परामर्श लेनी थी।
राजेश _बोलो मैम।
सुजाता _राजेश, ऐसा करो तुम मेरे रूम में चलो मैं वही बताती हूं।
निशा बेटा तुम नौकरों को यहां से कप और प्लेट, यहां से ले जाने बोल दो।
और हां बेटा तुम ध्यान देना कि मेरे कमरे की ओर कोई न आए, हम लोग कुछ जरूरी मुद्दों पर डिस्कस करेंगे।
निशा ने हां में सिर हिलाया।
जब सुजाता राजेश को लेकर अपने कमरे में गई । वहा से निकलकर सुजाता अपने पति के कमरे में गई और हाल चाल पूछी, फिर अपने कमरे में आकर दरवाज़ा बंद कर दी।
निशा के आंख से आंसू बहने लगे ।
वह अपनी आंखो से आंसू बहाते हुए पियानो बजाने लगी।
इधर सुजाता, राजेश से जी भर कर चुदाने लगी।
करीब एक घंटे तक समय बिताने के बाद।
राजेश _मैम मुझे लगता है अब चलना चाहिए काफी समय हो गया है हमे।
दोनों अपने कपड़े पहनने के बाद, कमरे से बाहर निकले।
सुजाता निशा के कमरे में गई जो पियानो बजाते बजाते सो गई थी।
निशा _बेटा उठो ये क्या ऐसे कोई सोता है क्या नींद लगी तो बिस्तर पर सो जाते।
निशा _सॉरी मॉम कब नींद लग गई पता ही नही चला।राज चला गया क्या?
वह घर जाने वाला था मैंने कहा खाना खा कर जाना। वह नीचे हाल में बैठा है।
तुम भी आ जाओ।
निशा _ठीक है मॉम।
इधर राजेश ने अपनी मां को इस बात की जानकारी दे दी की वह कुछ काम से निशा के घर आया huwa है और वह खाना खा कर आयेगा।
राजेश जब रात में घर पहुंचा तो10 बज चुके थे।
सुनीता ने दरवाज़ा खोला।
राजेश ने अपनी मां से बिना बोले ही अपने कमरे में जाने को huwa
सुनीता _राजेश रुको, मुझे तुमसे कुछ कहना है।
राजेश _बोलो मां क्या कहना है?
सुनीता _बेटा, तुम अपने पढ़ाई पर ध्यान दो, ये बड़े लोगो से दोस्ती मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा है।
कही तुम्हे बाद में पछताना न पड़े।
राजेश _ मां, आप चिंता न करे, ऐसा कुछ नही होगा।
सुनीता _मै मां हूं तेरी कैसी चिंता नहीं होगी?
राजेश अपनी मां को गले लगा लिया।
अच्छा आप जो बोलोगी वही करूंगा बस, सुनीता की गालों को चूम लिया।
सुनीता _तू फिर शुरू हो गया।
अब छोड़ मुझेऔर जा अपने कमरे में।
राजेश अपने कमरे में चला गया।
सुनीता भी अपने कमरे में जाकर लेट गई।
आधी रात को सुनीता ने बुरा सपना देखी कोई उसके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश कर रहा है।
वह जोर से चीखी।
शेखर का नींद खुल गया।
शेखर _सुनीता क्या huwa
सुनीता लंबी लंबी सांस ले रही थी,,,
शेखर ने सुनीता को पानी पीने को दिया,,
सुनीता गिलास से पानी पीने लगी,,
शेखर _कही तुम फिर वही सपना तो नहीं देखी,,
सुनीता _हा जी, मैने फिर वही सपना देखा।
उस घटना को घटे 20साल से अधिक हो गए, पर मुझे अब भी सपने आते है। पता नहीं कब तक मेरा पीछा नहीं छोड़ेगी।
शेखर _उस घटना के कारण ही हम गांव नहीं जा रहे ताकि उसे भूल जाओ,पर तुम्हे अब भी वह घटना सपने में आ ही जाता है। लगता है तुम उस घटना को अब भी याद करती हो।
सुनीता _क्या करू जी, उस घटना को मै चाह कर भी भूल नहीं पा रही, याद आ ही जाती है।अब सपना किसी को बता कर तो नहीं आती।
शेखर _देखो, अब बच्चे बड़े हो गए है यदि उन्हें पता चल गया तो हम गांव क्यू नहीं जाते? उस घटना के बारे में कही राजेश को पता चल गया तो उसके कैरियर पर बुरा असर पड़ सकता है।
सुनीता _आप चिंता न करे जी उन्हें पता नहीं चलेगा।
सुनीता शेखर की बाहों मे फिर से सने की कोशिश करने लगी।
शेखर उसके सिर को सहलाते हुवे सुलाने लगा।
अगले दिन राजेश को रीता ने फिर से अपने फार्म हाउस में आने को कहा, राजेश न चाहते हुए भी फार्म हाउस गया और रीता की प्यास बुझाई।
रीता 2_3दिन की आड़ में राजेश को फार्म हाउस बुलाती, राजेश के मना करने पर उसे सुजाता को सारी बाते बता देने की धमकी देती। राजेश के फार्म हाउस पहुंचने पर जम कर चुदाती, और अब तो वह गाड़ भी मरवाने लगी।
इस तरह कुछ दिन और निकल गए।
अब कल से कालेज में इंटर कालेज फुटबाल टूर्नामेंट शुरू होने वाला था। जिसकी तैयारी कालेज में जोरो से चल रही थी।
अब आगे देखेंगे क्या होता है टूर्नामेंट में
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