hariom1936
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बहुत ही शानदार, लाजवाब और उत्तेजना से भरपूर अपडेट हैराजेश जब सुबह उठा, तब अपने को बिस्तर पर नंगा लेटा पाया, उसने याद करने की कोशिश किया की कल क्या हु़वा। उसे याद आया की कल रात पार्टी में दोस्तो ने जबरदस्ती शराब पीला दिया था और शराब के नशे में घर पहुंचा था, तब स्वीटी ने दरवाजा खोली।
उसके बाद स्वीटी ने ही सहारा देकर कमरे तक लाया था।
उसके बाद उसके बाद उसे लगने लगा की जरुर उनसे बहुत बड़ी गलती हुई है।
तभी उसकी नजर बेड पर पड़े लाल धब्बे पर पड़ा।
राजेश _ये बेड पर लाल धब्बा कैसे आया।
वह उस धब्बे को उंगली से रगड़ कर देखा।
राजेश _ये तो खून के धब्बा लग रहा है।
राजेश जब सुबह उठा, तब अपने को बिस्तर पर नंगा लेटा पाया, उसने याद करने की कोशिश किया की कल क्या हु़वा। उसे याद आया की कल रात पार्टी में दोस्तो ने जबरदस्ती शराब पीला दिया था और शराब के नशे में घर पहुंचा था, तब स्वीटी ने दरवाजा खोली।
उसके बाद स्वीटी ने ही सहारा देकर कमरे तक लाया था।
उसके बाद उसके बाद उसे लगने लगा की जरुर उनसे बहुत बड़ी गलती हुई है।
तभी उसकी नजर बेड पर पड़े लाल धब्बे पर पड़ा।
राजेश _ये बेड पर लाल धब्बा कैसे आया।
वह उस धब्बे को उंगली से रगड़ कर देखा।
राजेश _ये तो खून का धब्बा लग रहा है।
राजेश का दिल घबरा गया, कही कोई अनर्थ न हो गया हो।
वह अपना लोअर और टी शर्ट पहन कर स्वीटी के रूम की ओर गया।
वह दरवाजा खटखटाया, स्वीटी इस समय नंगी सोई हुई थी।
दरवाजा खटखटाने की आवाज़ सुन कर वह, घबरा गई कही मां तो नही आ आई है।
वह अपने सारे कपडे छुपाई और अपनी बदन पर टावेल लपेट ली।
उसकी chut सूज गया था, उसे दर्द महशूस हो रहा था।
लंगड़ाती हुई वह दरवाजा केपास पहुंचीऔर दरवाजा खोली ।
स्वीटी _भैया आप, इस समय।
राजेश _हा स्वीटी, कल रात मैं घर आया तो नशे में था। मुझे डर है कि कुछ अनर्थ न हो गया हो, मै तुमसे पूछने आया हूं।
स्वीटी _आओ भैया अंदर आओ।
स्वीटी अंदर गई तो लंगड़ाते हुवे गई।
राजेश _स्वीटी तुम लंगड़ा क्यू रही हो? कहीं चोंट लगी है क्या?
स्वीटी बेड पर जाकर बैठ गई।
स्वीटी _भैया ये दर्द आपने दिए है।
राजेश _स्वीटी ये तुम क्या कह रही हो, सच सच बताओ की कल रात क्या huwa था।
स्वीटी _भैया, कल रात वो सब हो गया जो नही होना चाहिए था।
तुमने शराब के नशे में मेरी सिल तोड़ दी।
राजेश _स्वीटी ये तुम क्या कह रही हो, कह दो की ये सब झूठ है, मै ऐसा नहीं कर सकता।
स्वीटी _मै सच कह रही हूं भैया, तुम्हें यकीन नही हो रहा है तो, अपने बेड को देखना उसमे निशान होगा।
और ये देखो मेरी बुर की आपने क्या हालात कर दी है।
स्वीटी ने टावेल हटा कर अपनी बुर दिखाया।
राजेश ने स्वीटी की बुर की ओर देखा। जो बुरी तरह सूजा huwa दिख रहा था।
राजेश ने अपना सिर पकड़ कर बेड पर बैठ गया।
राजेश _हे भगवान, ये क्या हुआ, आखिर मुझसे ये अनर्थ कैसे हो गया?
मां को पता चलेगा तो,, क्या होगा? मां मुझ पर कितना भरोसा करती है? मै उसके सामने कैसे जाऊंगा?
मां के सवालों का सामना कैसे करूंगा।
राजेश की आंखो से आंसू बहने लगा।
स्वीटी _भैया ये क्या? आप रो रहे है?
स्वीटी भैया, आप रोइए मत। इसमें गलती मेरी भी है मैंने आपको रोका नहीं।
मै भी काम वासना के वशीभूत हो गई थी।
जो हो रहा था वह हो जानें दिया, इन सबके लिए आप अकेले जिम्मेदार नहीं हैं।
राजेश _नही स्वीटी इन सब के लिए मैं ही जिम्मेदार हूं। तुम तो अभी बच्ची हो। क्या अच्छा है क्या बुरा है इसकी समझ अभी तुम्हें नही है।
गलती मेरी है मै शराब पीकर घर आया और शराब की नशे में तुम्हें एक औरत समझ कर इतना बड़ा अनर्थ कर बैठा।
स्वीटी _भईया, जो huwa उसे भूल जाओ, तुम्हें आत्मग्लानि करने की जरूरत नहीं।
रही बात मां की जानने की तो मां को पता नही चलेगा, इस बारे में आप चिंता न करे।
राजेश _पर, मां को पता चला तो,,,
स्वीटी _जब पता चलेगा, मै सम्हाल लूंगी आप टेंशन न ले।
राजेश _पर स्वीटी, मुझे आत्मग्लानि महसूस हो रही है। मै मां से आंख मिला कर बात नही कर सकूंगा। मैंने उसका भरोसा तोड़ा है।
स्वीटी _भैया मैंने कहा न आपको आत्मग्लानि महसूस करने की जरूरत नहीं है।
दुनिया में कई भाई बहन है जिनके बीच ऐसा संबंध बन जाते है। हम अकेले नही है?
स्वीटी ने राजेश के सिर के अपने सीने से लगा कर उसके बालो को प्यार से सहलाते हुवे समझाने की कोशिश करने लगी।
राजेश _बेड के चादर के ऊपर जो खून के धब्बे लगे हैं। मां की नजर उस पर पड़ी तो।
स्वीटी _वह चादर मै बदल दूंगी वैसा ही चादर मेरे रूम में भी है।
मै उसे ले आती हूं, अब चलो तुम भी अपने कमरे में, कही मां यहां आ गई तो सवाल पूछेगी?
राजेश अपने कमरे में आ गया, स्वीटी भी अपने शरीर पर नाइटी डाल लंगड़ाती हुई राजेश के कमरे में पहुंची।
राजेश _स्वीटी मां पूछेगी की तुम लंगड़ा कर क्यू चल रही हो तो क्या जवाब दोगी?
स्वीटी _मै मां से बोल दूंगी की, नहाते समय मेरा पैर साबुन पर चला गया तो मैं फिसल कर गिर गई।
कमर पर मोच आ गई है।
स्वीटी, अपने कमरे से लाई वैसे ही चादर को राजेश के बेड पर बिछा दी और राजेश की रूम का खून का धब्बा लगा चादर अपने साथ ले गई।
जाते समय,, स्वीटी बोली,,
अछा भैया अब मै अपने कमरे में चलती हूं तुम घर में बिल्कुल नार्मल व्यवहार करना जैसे कुछ हुआ ही नहीं है।
स्वीटी अपने कमरे में जाकर उस चादर को फैला कर देखने लगी और मुस्कुराने लगी।
स्वीटी उस चादर को धोने के लिए बाथरूम ले जा रही थी कि तभी वह कुछ सोंचि और रूक गई।
स्वीटी _नही मै इसे धोऊंगी नही, इसे अपने पास सम्हाल कर रखूंगी।
यह भैया और मेरी प्रथम मिलन की निशानी है, यह मुझे हमेशा याद दिलाएगी। मेरी भईया की प्यार की।
वह उस चादर को छुपा कर रख दी।
इधर राजेश आज पहले अच्छे से नहा लिया, क्यू की उसके शरीर से अभी भी शराब की बू आ रही थी।
नहाने के बाद वह जिम के लिए निकला।
जब वह जिम के लिए निकला, उसने अपनी मां सुनीता को किचन में काम करते देखा।
राजेश _गुड मॉर्निंग मां।
सुनीता _अरे उठ गया बेटा, मै तो सोच रही थीं की तुम कल देर रात में आए हो तो लेट से उठोगे।
माफ करना बेटा मै कल रात स्वीटी को चेता कर सो गई ।
राजेश _मॉम माफी तो मुझे मांगनी चाहिए, मेरे कारण आपको परेशानी होती है।
तभी सुनीता राजेश के पास आई।
सुनीता _बेटा, तु ये क्या कह रहा है, तुम्हारे कारण मुझे परेशानी।
लोग आज चारो तरफ तुम्हारी तारीफ कर रहे है मै धन्य हूं जो मेरे कोख से तू जन्म लिया।
राजेश _सच मां तुम मुझसे नाराज़ नही हो।
राजेश अपनी मां को सीने से लगा कर कहा।
सुनीता ने भी राजेश को अपने सीने से लगा लिया।
राजेश _नही बेटा मै तुमसे नाराज नहीं हूं। मुझे तुम पर गर्व है।
राजेश _ओह थैंक यू मॉ।
सुनीता _अब जाओ बेटा, तुम जिम से जल्दी आना मै तुम्हारे लिए तुम्हारे मन पसंद का नाश्ता बना रही हूं।
राजेश _ठीक है मॉ।
राजेश जानें लगा,, तभी सुनीता बोल पड़ी
मै खुश हूं की मेरा बेटा अब शरीफ हो गया है,,
राजेश जो जा रहा था वह रुक गया,,,
राजेश _मां तुमने कुछ कहा?
सुनीता _मेरा बेटा अब शरीफ हो गया है, यह बोली।
राजेश _ऐसा क्यू लगा?
सुनीता _अपनी मां के साथ बदमाशी जो नही कर रहा है।
राजेश सुनीता के पीछे गया और उसे अपनी बाहों में भर लिया।
सुनीता _अरे क्या कर रहा है छोड़ मुझे फिर से बदमाशी करने लगा।
राजेश _मेरी मां को मेरा बदमाशी करना अच्छा लगता है इसलिए।
राजेश ने सुनीता को पीछे से जकड़ कर अपना land उसकी गाड़ के दरार में घुसा दिया।
फिर उसकी गाल को चूम लिया।
सुनीता _अरे छोड़ मुझे, कही स्वीटी या तुम्हारे पापा आ गए तो क्या समझेंगे?
राजेश _कहेंगे, एक बेटा अपनी मां से प्यार कर रहा है?
सुनीता _ऐसे चिपक कर कोई प्यार करता है क्या?
राजेश _हम तो करते है अपनी मां से।
राजेश ने अपनी मां का मुंह अपनी ओर किया फिर उसकी ओंठ अपने मुंह में भर कर चूसने लगा।
सुनीता _ऊं हूं,, बेशरम छोड़ मुझे। तू बड़ा गंदा है।
राजेश _मां हमने आपका मान सम्मान बढ़ाया इसका इनाम तो हमे मिलना चाहिए न।
सुनीता _कैसा इनाम चाहिए तुम्हें?
राजेश _जन्नत की सैर करने वाला?
सुनीता _मै कुछ समझी नहीं।
राजेश ने धीरे से सुनीता के कानो में कहा,,
राजेश _मुझे आपके साथ जन्नत की सैर करनी है।
यहां तो कहीं जन्नत नही जहां तू सैर करना चाहता है।
राजेश और सुनीता दोनों उत्तेजित हो गए थे।
राजेश ने खड़े land को सुनीता के गाड़ में दबाते हुवे कहा।
राजेश ने सुनीता की कानो में धीरे से कहा,,
आप ही तो बताई थीं न ओ करने से जन्नत जैसा मज़ा आता है?
सुनीता _मैंने कब कहा? मुझे तो नही पता की क्या करने से जन्नत जैसा मज़ा आता है? कुछ ठीक से बताओ,मै भी तो जानू।
राजेश _ओ मां मैं कैसे कहूं मुझे शर्म आ रही है।
सुनीता _अच्छा, शर्मा रहा है तो जन्नत की सैर कैसे करेगा?
बोलो इनाम में क्या चाहिए, शर्म छोड़ कर खुल कर बताओ।
राजेश _कही तुम नाराज हो गई तो।
सुनीता _अच्छा बाबा नाराज नहीं होऊंगी अब बताओ क्या चाहिए तुम्हें इनाम में?
राजेश ने सुनीता की कानो में धीरे से कहा, आपकी chut,
और सुनीता की बुर को कपड़े के ऊपर से सहला दिया।
पहले तो सुनीता सिहर उठी, पर अपने को सम्हालती हुई बोली।
सुनीता _चल हट, छोड़ मुझे ,ये चीज नही मिल सकती तुम्हें इनाम में । कुछ दूसरा चाहिए तो बोलो।
राजेश _न, मुझे तो यही चाहिए, बस अब देना न देना आपकी मर्ज़ी।
सुनीता _ठीक है, आगे सोचेंगे, कभी मन किया इनाम देने की तो,,,
राजेश खुश हो गया,,
राजेश _मां सच, मुझे इंतजार रहेगा उस पल का।
अब मैं चलता हूं, बाई मां,
सुनीता _bye बेटा।
राजेश जिम चला गया और वहां 1घंटा पसीना बहाने के बाद घर आया और आते समय मेडिकल से दर्द निवारक गोली और सूजन कम करने का मलहम खरीद लिया।
राजेश जब घर आया।
सुनीता _आ गया बेटा।
राजेश _हां मां।
सुनीता _जाओ बेटा नहाकर जल्दी तैयार हो जाओ फिर मै नाश्ता लगाती हूं।
स्वीटी को भी कह देना नहाकर तैयार हो ने, वह भी अभी तक कमरे से निकली नही है।
राजेश _ठीक है मां।
राजेश स्वीटी के कमरे में गया, जो अभी भी लेटी थी।
राजेश _स्वीटी, देखो मैं क्या लाया हूं?
ये दवाई।
स्वीटी _ओह थैंक यू भईया।
राजेश _मां तुम्हें नहाकर तैयार हो ने बोली है नाश्ता के लिए।
स्वीटी _ठीक है भईया।
राजेश _स्वीटी तुम ठीक तो हो न, मुझे माफ कर दो कल की गलती के लिए।
स्वीटी _भईया मैंने कहा न इसमें मेरी भी गलती है, आपको माफी मांगने की आवश्यकता नहीं।
राजेश और स्वीटी दोनों नहाकर तैयार होकर नाश्ता के लिए डाइनिंग हॉल में पहुंचे, वहा शेखर और सुनीता पहले से मौजूद थीं।
जब सुनीता ने स्वीटी को लंगड़ाकर चलती हुई देखी,,
सुनीता _स्वीटी, तुमको क्या huwa हैं,लंगड़ाकर क्यू चल रही हो ।
स्वीटी _ओ मां क्या है न की मै बाथरूम में नहा रही थी कि मेरा पैर फिसल गया।
शेखर _ओह बेटा ज्यादा चोट तो नही आई।
Switi _ओह पापा, कमर पे थोड़ा मोच आ गया है, पर मै ठीक हू चिंता की कोई बात नही।
शेखर _बेटा अगर ज्यादा प्रॉब्लम हो तो डॉक्टर को दिखा देना।
स्वीटी _नही पापा ज्यादा चोंट नही आई है, मैंने मूव से नहाने के बाद मालिश की काफी राहत मिली है मै ठीक हो जाऊंगी।
सुनीता _स्वीटी, अगर ज्यादा प्रॉब्लम हो तो मैं तुम्हें डॉक्टर के पास ले चलूंगी।
स्वीटी _मां, कहा न ज्यादा चोट नहीं आई है मै ठीक हो जाऊंगी।
फिर सभी नाश्ता करने लगे।
अगले 3दिन स्वीटी घर में ही रही।
कालेज नही गई तीन दिन बाद उसकी chut का सूजन खत्म हो चुका था। वह अब लंगड़ाकर नही चल रही थीं।
सुनीता सुबह स्वीटी के रूम में पहुंची।
सुनीता _बेटा अब तुम्हारा कमर दर्द कैसा है?
स्वीटी _मां अब मै बिल्कुल ठीक महसूस कर रही ही।
सुनीता _बेटा, वार्षिक एग्जाम बिल्कुल पास आ गया है। कालेज मिस करना ठीक नहीं।
स्वीटी _जानती हूं मां, आज से मैं कालेज जाऊंगी।
सुनीता _गुड बेटा।
स्वीटी और राजेश दोनों बाइक से कालेज के लिए निकले रास्ते में,,
राजेश _स्वीटी तुम हमारे बीच जो huwa उसका जिक्र किसी न करना अपने सहेलियों से भी नही।
स्वीटी_ भईया मै इतनी नादान भी नहीं की ऐसी बाते किसी से शेयर करुंगी।
आज रोहन और उसके दोस्त भी लगभग ठीक होकर कालेज आ रहे थे।
राजेश और भगत, दोस्तो के साथ कैंटीन में बैठे थे तभी वहां रोहन और उसके दोस्त भी वहा पहुंचे।
राजेश _आओ रोहन बैठो,,
अब कैसी तबियत है तुम्हारी?
रोहन ने राजेश को को गले लगाया।
रोहन _ठीक हूं भाई।
सब आपकी ही मेहरबानी है जो हम आज सही सलामत है।
आप लोग कैसे है?
राजेश _हम सब तो मजे में है अब आप लोग ठीक हो कर आ गए हो तो अब मजा दोगुना हो जायेगा।
भगत ने वेटर से सबके लिए काफी मंगाया।
सभी एक दूसरे से बातचीत करते हुवे काफी का आनंद लेने लगे।
क्लास की बेल लगने पर सभी अपने अपने क्लास में चले गए।
दोपहर लंच के समय स्वीटी , रोहन से मिली,
स्वीटी _हाई रोहन कैसे हो, अब तुम्हारी तबियत कैसी है।
रोहन _मै अब बिल्कुल ठीक हूं, स्वीटी ।
चलो थोड़ा गार्डन में बैठते है।
दोनों गार्डन पे पेड़ के नीचे बैठ कर वार्तालाप करते हैं।
स्वीटी _कुछ दिनों में एक्जाम सुरू होने वाला है, अब तो पढ़ाई पर फोकस करना पड़ेगा।
रोहन _हा, वो तो है।
स्वीटी , तुम मेरे साथ डिनर पर जानें बोली थी। कब चले?
स्वीटी _हा, कहा था?
पर इसके लिए घर वालो से कोई बहाना बनाना पड़ेगा।
देखती हूं आज कोई बहाना मिला तो मैं फोन कर बताउंगी।
रोहन _ठीक है, मै इंतजार करूंगा, तुम्हारी फ़ोन का।
इधर कैंटीन में राजेश भगत, निशा और सीमा बैठ कर बाते कर रहे थे तभी रिया और उसकी सहेली वहा पहुंची।
रिया _हाई राजेश, हाई निशा, कैसे है आप लोग।
राजेश _ओह,हाई रिया हम सब अच्छे है, पर तुम यहां, पहली बार देख रहे हैं कैंटीन में।
रिया _मै आप ही लोगो से मिलने आई थी। माफी मांगने।
राजेश _उस दिन नशे में आपके साथ बदतमीजी करने लगी थी। अच्छा किया निशा जो तुमने मुझ थप्पड़ मारा।
मुझे अहसास कराई की मै गलत कर रही थीं।
लगता है निशा तुम अब भी मुझसे नाराज़ हो।
निशा _ओह माफी तो मुझे मांगनी चाहिए, मैंने कुछ ज्यादा रिएक्ट कर दिया, सबके सामने मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था।
सॉरी
रिया _निशा, कुछ समय तो मुझे बुरा लगा पर बाद में मुझे अहसास huwa की सच में मै गलत कर रही थी। इस लिए अपनी मन की बात आप लोगो से कहने आई थी।
भगत _अब जो huwa उसे भूलना ही बेहतर है। बताइए किसको किसको काफी पीना है।
रिया _आज काफी मै पिलाऊंगी,सबको।
रिया ने सबके लिए काफ़ी का आर्डर दिया।
सीमा _रिया,अगर आप को बुरा न लगे तो एक बात पूछूं।
रिया _सीमा, जो भी पूछना है बेझिझक पूछ सकती हो, मै बुरा नही मानूंगी।
सीमा _विकी और तुम तो बड़े अच्छे दोस्त थे, फिर आप दोनों का ब्रेक अप कैसे हो गया?
रिया _सीमा, विकी मुझसे शादी के लिए प्रपोज किया था,पर उसमे वो बात नही है, जो मुझे मेरे पति में देखना चाहती हूं।
मैंने शादी के लिए मना कर दिया, तो उसे बुरा लगा।
फिर उसके पास कुछ मेरी कुछ पर्सनल फोटोग्राफ्स है जिसको दिखाकर वह मुझे ब्लैक मेल करने लगा।
बाद में मुझे पता चला कि उसकी नजर मेरी दौलत पर थी। सच्चाई पता चलने पर मैंने उससे ब्रेक अप कर लिया।
आज के समय में सच्चा प्यार मिलना काफी मुस्कील होता है।
सीमा _हूं, वो तो है।
इतने में वेटर काफी लेकर आ गया।
सभी काफी पीने लगे।
रिया _आप लोगो के साथ काफ़ी पीना अच्छा लगा, सोच रही हूं, लंच के समय मै भी कैंटीन में आ जाया करू। आप लोगो के साथ काफ़ी पीने, आप लोग बुरा तो नही मानेंगे।
भगत _नही, रिया जी इसमें बुरा मानने की क्या बात है? यह कैंटीन तो सबके लिए है। और हम यहां के छात्रसंघ के अध्यक्ष है, तो हमारी जिम्मेदारी हैं, यहां के स्टूडेंट्स को कोई समस्या हो तो उसका समाधान करना। अगर विकी तुम्हें परेशान करे तो बताना हम उनसे बात करेंगे।
रिया _ओह थैंक यू भगत? सच में तुम एक दिन जरूर बड़ा नेता बनोगे। नेता बनने के सारे गुण तुम्ममे मौजूद है।
तो क्या आज से मैं आप लोगो को अपना दोस्त समझू?
राजेश _क्यू नही रिया जी, यहाँ के सभी स्टूडेंट्स को हम अपना दोस्त मानते हैं।
रिया _ओह राजेश आप लोग कितने अच्छे है।
तभी क्लास के लिए बेल बजी।
निशा _बेल लग चुकी है अब हमे क्लास के लिए निकलना चाहिए।
राजेश _ओ हा, चलो भगत हम भी निकलते हैं।
अच्छा रिया जी हम चलते हैं, फिर मिलेंगे।
रिया _ओके राजेश बाई।
उन लोगो के जानें के बाद।
रिया की सहेली, रिया से बोली,,
रिया, हमे यकीन नहीं हो रहा है कि तुम वही रिया हो, निशा ने तुम्हारा सबके सामने अपमान किया है ये तुम कैसे भुल सकती हो?
रिया _मै वह अपमान भूली नहीं हूं। आज भी जब मैं निशा को देखती हूं तो मुझे थप्पड़ की गुंज सुनाई पड़ती है। अपना बदला लेने के लिए इन लोगो से दोस्ती करना जरूरी है।
मै राजेश को निशा से छीन लूंगी। वह राजेश का शक्ल देखना भी पसंद नही करेगी।
तब मेरा बदला पुरा होगा।
शाम को 7बजे स्वीटी सुनीता से,,
स्वीटी _मां, आज मेरे कालेज की एक सहेली का जन्म दिन है तो मुझे इनवाइट की है।
नही जाऊंगी तो बुरा मान जाएगी।
सुनीता _ठीक है चली जाओ पर 9बजे तक आ जाना।
स्वीटी _थैंक यू मां।
रास्ते में स्वीटी ने रोहन को फोन किया
स्वीटी _रोहन अभी कहा हो मै रास्ते में तुम्हारा वेट कर रही हूं।
रोहन _स्वीटी मै बस पहुंचने वाला हूं।
थोड़ी देर में रोहन वहा पहुंच गया फिर दोनों फाइव स्टार होटल में गए। वहा पर रोहन ने दोनों के मन पसंद डीस का आर्डर किया,,
दोनों वार्तालाप करते हुवे डिनर करने लगे। डिनर करने के बाद जब स्वीटी जानें को हुई,,
रोहन _स्वीटी, मुझे तुमसे कुछ कहना है।
स्वीटी _बोलो रोहन, ऐसा क्या बात है जो कहना बाकी रह गया है?
रोहन _रोहन हिचकते हुए कहा,, दरसल स्वीटी पता नही तुम कैसा फिल करोगी?
स्वीटी _जो भी कहना है कह दो मैं बुरा नही मानूंगी।
रोहन _मुझे तुमसे प्यार,,,,,,,हो,,, गया,,,
स्वीटी _क्या? क्या तुम सच कह रहे हो।
रोहन _हां स्वीटी, आई लव यू सो मच।
तुम मेरे बारे में क्या सोचती हो? मै जानना चाहूंगा।
स्वीटी _रोहन, मै तुम्हें एक अच्छा दोस्त समझती हूं, इस बारे में कभी मैंने सोचा नहीं है।
रोहन _ठीक है स्वीटी मुझे कोई जल्दी नहीं है, इस बारे में सोचो फिर बाद में जवाब दे देना।
स्वीटी _ठीक है रोहन इस बारे में मै सोचूंगी।
अब चले,,
रोहन _ठीक है स्वीटी मै तुम्हारे जवाब का इंतजार करूंगा।
अगले दिन संडे होने के कारण कालेज में छुट्टी थी।
सुजाता ऑफिस से राजेश को फ़ोन की,,
राजेश इस समय घर पर पढ़ाई कर रहा था।
सुजाता _जानू क्या कर रहे हो?
राजेश _घर में पढाई कर रहा हूं, मैम एग्जाम अब पास आ गया है।
सुजाता _क्या तुम्हें मेरी याद नही सताती?
राजेश _याद तो सताती है पर क्या करु जान पढ़ाई भी तो जरूरी है।
सुजाता _मुझे आज तुम्हारी कुछ ज्यादा ही याद आ रही है। चलो न हम कहीं लॉन्ग ड्राइव पर चलते हैं। मुझे तुम्हारे साथ कुछ समय बिताना है।
प्लीज।
राजेश _ठीक है डियर।
सुजाता _एक काम करो,तुम मेरे ऑफिस ही आ जाओ, हम यहां से कहीं लॉन्ग ड्राइव पर चलेंगे।
राजेश _ठीक है, बेबी मै अभी आता हूं।
राजेश तैयार होकर घर से निकला,
सुनीता _बेटा कहा जा रहा है?
राजेश _मां ओ दोस्त के पास जा रहा हूं कुछ काम था।
सुनिता _बेटा अब घूमना फिरना बंद करो और पढ़ाई पर ध्यान दो, सामने एग्जाम है।
राजेश _जानता हूं मां, बस थोड़ा माइंड फ्रेश करने के लिए जा रहा हूं।
सुनिता _ठीक है बेटा जल्दी आ जाना।
राजेश _ठीक है मां।
राजेश अपना बाइक लेकर सुजाता की ऑफिस पहुंचा।
राजेश ने सुजाता को फ़ोन किया।
राजेश _बेबी मै ऑफिस के बाहर हूं।
सुजाता ने गेट पर बैठा गार्ड को फ़ोन किया, बाहर एक राजेश नाम का लड़का खड़ा होगा उसे मेरे केबिन में ले आओ।
गार्ड ऑफिस से बाहर निकल कर देखा , उसे एक लडका खड़ा नजर आया। वह उसके पास गया
गार्ड _क्या तुम राजेश हो?
राजेश _हा।
गार्ड _आपको मैडम ने बुलाया है।
राजेश गर्द के साथ ऑफिस के अंदर गया।
वहा के कर्मचारी लोग राजेश को देखने लगे।
गार्ड ने राजेश को सीधा सुजाता के रूम में ले गया।
गार्ड _सर आप अंदर जाइए।
राजेश अंदर गया।
सुजाता अपने चेयर पर बैठी थी।
वहा पर सीमा के पापा मौजूद थे जो सुजाता के साथ किसी विषय पर डिस्कस कर रहा था।
सुजाता राजेश को देखते ही,,
आओ राजेश बैठो, हमारे ऑफिस में आपका स्वागत है।
सुजाता ने सीमा के पापा से कहा सिन्हा जी आप राजेश को जानते हैं न।
सिन्हा _मैम ये निशा और सीमा बिटिया के कालेज में पड़ता है न । आपके शादी की सालगिरह में खूब रंग जमाया था। नौजवान ने,
हैलो राजेश कैसे हो?
राजेश _हैलो सर, मै ठीक हू।
सिन्हा जी _मै सीमा का पापा हूं, बडी तारीफ करती है सीमा तुम्हारी।
सुजाता _सिन्हा जी आप शायद नहीं जानते हमारी कंपनी को मुशीबत से इसने ही बाहर निकाला।
सिन्हा जी _ओह, थैंक यू राजेश।
सुजाता _सिन्हा जी राजेश से मुझे कुछ काम है, हम बाद में डिस्कस करेंगे ।
सिन्हा _ठीक है मैम।
सीमा के पापा अपने वहा से चला गया।
सिन्हा जी के जाते ही सुजाता अपने चेयर से उठी।
और अपने दोनों हाथ राजेश के गले में डाल दी।
आ गया मेरा हीरो,,
कैसा लगा मेरा ऑफिस?
राजेश _बहुत बढ़िया।
सुजाता _और ऑफिस की मालकिन।
राजेश _उससे भी बढ़िया।
सुजाता _चल झूठा कही का, मै तुम्हें इतनी अच्छी लगती तो दिन रात मेरे नाम का माला जपते।
मुझे भूल नहीं जाते।
राजेश _तुमको कैसे भुल सकता हूं, मेरे जानें बहार।
तुम तो मेरे दिल में बसती हो।
सुजाता _अच्छा क्या मंगा ऊ तुम्हारे लिए, चाय या काफी।
राजेश _नही मुझे चाय या कॉफी पीने का मन नहीं है।
सुजाता _तो क्या पीने का मन है?
बोलो, नही तो बाद में बोलोगे की पहली बार आफिस आया हूं कुछ पिलाया ही नहीं।
राजेश _रहने दो हमे जो पसंद है वो पिलायेंगी।
सुजाता _क्या? बोलो , क्या पीना है।
राजेश _दूध
सुजाता _तो पिलो न रोका किसने है।
सुजाता राजेश को अपने चेयर में बिठा दिया और खुद उसकी ओर मुंह कर उसकी ओंठ को मुंह में भर कर चूसना शुरू कर दी।
राजेश भी उसका साथ देने लगा।
उसके बाद सुजाता ने अपना एक चूची बाहर निकाल कर राजेश के मुंह में डाल दिया,,
लो दूध पिलो।
राजेश सुजाता की दूदू मसल मसल कर पीने लगा।
सुजाता सिसकने लगी।
कुछ देर दूदू से खेलने के बाद।
राजेश ने सुजाता को गोद से उतारा और खड़ा होकर अपने पेंट का चैन नीचे कर land बाहर निकाल लिया।
सुजाता नीचे बैठे गई और राजेश का land मुंह में भर कर चूसने लगी।
Land लोहे की रॉड की तरह सख्त हो गया।
अब राजेश ने सुजाता को मेज पर लिटा दिया।
उसकी पेंटी खींचकर निकाल दिया।
उसकी chut को चाटने चूसने लगा, जिससे सुजाता अत्यंत उत्तेजित होकर, सिसकने लगी उसकी chut से पानी झरने की तरह बहने लगी।
राजेश ने अपना land पकड़ा और सुजाता की दोनो टांग फैला कर बुर के छेद पर रख कर एक जोर का धक्का मारा।
एक ही झटके में land boor को फाड़कर सरसराता huwa आधे से ज्यादा अंदर चला गया।
सुजाता के मुंह से उई मां,, निकल गई।
राजेश सुजाता की दोनो चुचियों को मसल मसल कर अपना land सुजाता की बुर में gach gach पेलने लगा।
सुजाता के मुंह से मादक सिसकारी निकल कर कमरे में गूंजने लगा।
कुछ ही देर में land पूरा बुर में जड़ तक घुस कर अदंर बाहर होने लगा।
सुजाता स्वर्ग का सुख प्राप्त करने लगी।
राजेश इसी पोजीशन में सुजाता को कुछ समय तक दनादन चोदता रहा जब तक वह झड़ ना गई।
कुछ देर सुजाता मेज पर लेट कर सुस्ताने लगी फिर राजेश ने सुजाता की चेयर पर बैठ कर उसे अपने गोद पर बिठा कर उसकी होठ को चूसने एवम चुचियों से खेलने लगा।
सुजाता फिर गर्म हो गई तब राजेश ने सुजाता को थोड़ा उठाया और अपना land उसकी बुर में डाल दिया।
अब सुजाता राजेश के land पर उछल उछल कर चुदने लगी।
एक बार फिर से दोनों जन्नत में पहुंच गए, सुजाता की मादक सिसकारी कमरे में फिर से गूंजने लगीं।
कुछ देर में ही सुजाता फिर से झड़ने लगी।
सुजाता _राजेश अब बस करो, चलो कहीं घूमने चलते हैं बाकी वही कही करेंगे।
सुजाता और राजेश दोनों अपना कपड़ा ठीक कर आफिस से निकल गए।
राजेश और सुजाता दोनों कार से एकांत जगह की ओर जानें लगे जहां उसे देखने वाले कोई न हो।
इधर मौसम भी आज खराब था, रास्ते में बारिश शुरू हो गई। रास्ते मेंसुनसान जगह देखकर राजेश ने गाड़ी रोक दिया। दोनों एक दूसरे के आंखो में देखने लगे।
दोनों कार से बाहर निकल कर एक दूसरे की आंखो मे देखते हुए गीत गाने लगे।
आंखो से तुमने ये क्या कह दिया।
दिल ये दीवाना तड़फ ने लगा।
तन्हाई में हम मिले इस तरह बारिश में सोला भड़कने लगा ।
गाना खत्म होने के बाद दोनों कार में ही बैठ कर जी भर कर सेक्स किया।
और अंत में राजेश ने सुजाता की योनि में अपना सारा बीज छोड़ दिया।
दोनों कुछ देर सुस्ताने के बाद।
दोनों भीग चूके थे।
राजेश ने रास्ते में एक होटल देख गाड़ी रोक दिया और एक कमरा ले लिया, सुजाता कमरे में रुकी रही राजेश ने पास के शो रूम से सुजाता के लिए साड़ी ले आया और अपने लिए भी कपड़े खरीद लिए। उसे लेकर होटल में आया और राजेश और सुजाता दोनों अपने गीले कपड़े उतार दिया फिर दोनों एक दूसरे के भीगे बदन को देख कर फिर गर्म हो गए।
दोनों के बीच फिर से जमकर सेक्स हुआ।
राजेश ने खाने का आर्डर दिया। दोनों ने खाना खाया और कपड़े पहन कर वहा से चले गए।
राजेश जब घर पहुंचा काफी देर हो चुका था।
सुनिता _बेटा बडी देर कर दी आने में।
और ये किसका कपड़ा पहन आया, जाते समय तो दूसरा कपड़ा पहना था।
राजेश _हां मां, बारिश मे कपड़ा भीग गया था तो दोस्त ने अपना कपड़ा दे दिया, पहनने को।
राजेश अपने कमरे में जाकर फिर से पढ़ाई में लग गया।
अगले दीन राजेश जब सुबह उठा , वह सीधा किचन में गया।
और अपनी मां को पीछे से बाहों में भर कर बोला,,
गुड मॉर्निंग मां, शादी की सालगिरह मुबारक हो मां।
सुनिता _गुडमॉर्निंग बेटा, तुम्हें आज शालगिरह का दिन याद है।
राजेश _मां कैसे भुल सकता हूं, यह दिन।
मां आज तो पार्टी चहिए।
सुनिता _पार्टी अपने पापा से मांगना।
उनको तो समय ही नहीं मिल पाता, अपनी ड्यूटी से।
राजेश _मै आज पापा से बात करूंगा की आज जल्दी छुट्टी लेकर घर आ जाए फिर हम शाम को कही घूमने चलेंगे और किसी अच्छे से होटल में खाना खायेंगे।
पापा से कहूंगा की आज आप को नाराज नहीं करेंगे। आज रात आपकों जी भर कर प्यार भी करेंगे।
आज पापा को न मत कहना।
सुनीता शर्मा गई, चल हट बेशरम।
मां से गंदी बाते करता है।
राजेश _आज के दिन तो हर मर्द अपनी औरत को प्यार करता है न इसमें गंदा क्या है?
सुनीता _गंदा वो नही, गंदा ये है की तू अपनी मां से ये सब बोल रहा है।
सुनीता ने राजेश की कान खींचते हुए कहा,,
राजेश _मां छोड़ो न दर्द होता है।
अब नहीं बोलूंगा बस।
अब आया न लाइन पे,,
अच्छा मां मैं चलता हूं जिम के लिए,,
सुनीता _हू,, वैसे मुझे नही लगता की तुम्हारे पापा मुझे खुश कर पाएंगे,,
राजेश _मां आपने कुछ कहा,,
सुनीता _नही तो,,,
फिर राजेश सुनीता के पास जाकर उसके कानो पर कहा,,
मां, अगर पापा आपको खुश न कर पाए तो आप निराश न होना आपका बेटा है न आपको खुश करने के लिए,
सुनीता ने बेलन उठा कर राजेश को मारने लगीं,,
चल हट बदमाश,,
राजेश वहा से भाग गया।
राजेश को कंधे का सहारा देकर, स्वीटी राजेश को उसके कमरे मे लायी। कमरे में पहुंचते ही राजेश बेड पर सो गया, वह नशे में था।
Switi _लो भैया आपतो आते ही, बिना जूता और कपड़ा निकाले ही सो गए। ओ जो मुझे ही निकालना होगा।
स्वीटी राजेश का जूता निकाल दी। फिर उसके शर्ट का बटन खोल कर उसे पेट के बल लिटाया और उसका शर्ट भी निकाल दी।
राजेश नशे की हालत में लड़खड़ाते जुबान से बोला ,,
Switi रहने दे, क्या कर रही है, जाओ तुम भी सो जाओ।
स्वीटी _भैया, अपने कपड़े तो निकाल लो, कही मां आ गई तो उन्हे पता चल जाएगा की आप शराब पीकर आए हो और बिना कपड़ा निकाले सो गए।
राजेश नशे में बोला,,
अरे स्वीटी, तू तो बड़ी समझदार हैं, निकाल दे मेरा पेंट भी,,
स्वीटी ने राजेश के जींस का बटन खोल कर जैसे ही पैर से नीचे की ओर खींचा,
स्वीटी की नजर राजेश के अंडर वियर पर गई।
अंडर वियर पर एक बड़ा सा उभार से साफ पता चल रहा था की राजेश का land अंडर वियर के अन्दर खड़ा हुआ है।
स्वीटी ने जींस को पैरो से खींचकर अलग कर देने के बाद, वह उस उभार को ही देखने लगी। स्वीटी की का मन राजेश के land Ko पकड़ने का होने लगा।
उसकी शरीर में रक्त संचार बड़ गई।
जींस के उतरते ही राजेश का land को थोड़ा आजादी मिलने से वह और फूल गया।
स्वीटी के अंदर अजीब सी बेचैनी पैदा होने लगी। उसका मन राजेश का land को देखने, पकड़ने का होने लगा, उसकी chut फूलने पिचकने लगी।
स्वीटी _भैया आपको बाथरूम वगेरा तो नही जाना है न। कही ऐसे हालत में बाथरूम गए तो आप गिर सकते हैं,आपको चोट लग सकती हैं।
मै तो कहती हूं चलो मैं आपको बाथरूम ले चलती हूं।
राजेश _स्वीटी पेशाब तो लगी है पर तू रहने दे तू जा अपने कमरे में जाकर सो जा, राजेश लड़खड़ाते हुवे जुबान में कहा।
Switi _भैया मैंने पहले भी तो पेशाब करने में तुम्हारी मदद की है चलो, आप पेशाब कर लो, कही प्रेसर ज्यादा बढ़ गया तो, दिक्कत हो जायेगी।
स्वीटी ने राजेश का हाथ पकड़ कर खींचा,,
और बेड से उठाकर अपने कंधे से सहारा दिया,,
राजेश _switi रहने दे तू क्यू तकलीफ उठा रही है, तू बड़ी जिद्दी है,, नशे में लड़खड़ाते जुबान से कहा,,
स्वीटी _भैया, मै तुम्हारी बहन हूं तुम्हारी इतनी मदद नहीं कर सकती।
राजेश को कंधे से सहारा देकर स्वीटी राजेश को बाथरूम ले गई।
स्वीटी_ लो भईया, आप पेशाब कर लो।
रुको मैं आपका अंडर वियर थोड़ा नीचे कर दू।
स्वीटी ने राजेश का अंडर वियर को कमर से नीचे जांघो तक खीच दिया।
राजेश का land हवा में आजाद हो चुका था।
राजेश का खड़ा land देखकर स्वीटी की boor में पानी भर गया।
उसकी सांस तेज हो गई।
उसकी दिल की धड़कन बड़ चुकी थी।
स्वीटी _भैया अब पेशाब करो।
राजेश ने दबाव डाला,land से मूत की धार निकली जो इधर उधर बाथरूम की दीवारों पे जाने लगी।
स्वीटी _ओ हो भईया, पेशाब तो इधर उधर जा रहा है। पकड़ कर करो ना,,
राजेश तो नशे में था, वह एक हाथ से पकड़ कर पेशाब करने लगा पर वह बाथरूम की दीवारों पर ही मूतने लगा।
स्वीटी _ओहो भैया, स्वीटी ने राजेश के land को अपने हाथों से पकड़ लिया।
लो भैया अब करो।
राजेश ने प्रेसर डाला, अब पेशाब सही जगह पर गिरने लगा।
राजेश का land खड़ा होने के कारण पेशाब रूक रूक कर निकलने लगा।
जब पेशाब निकलना बंद huwa तब
Switi _भैया हो गया क्या?
Rajesh _स्वीटी और तो लगी है पर पेशाब बाहर नहीं आ रही। नशे में कहा,
स्वीटी ने राजेश के लेंड को आगे पीछे हिलाई, उसे मूठ मारी, जिससे से राजेश का पेशाब रूक रूक कर बाहर निकलने लगा।
लेकिन switi की मुलायम हाथों से रगड़ खाने से राजेश के land और तन कर सख्त हो गया।
वैसे भी सुजाता और रीता की जबरदस्त chudai करने के बाद भी राजेश अभी तक झड़ा नहीं था, जिसके कारण उसका land में तनाव बना huwa था जब स्वीटी ने मूठ मारा तो land पूरी तरह अपनी
अपनी औकात में आ गया।
अब राजेश को स्वीटी का मूठ मारना बहुत अच्छा लग रहा था।
इधर स्वीटी की boor से भी पानी छुटने लगा था।
स्वीटी _भईया आपका तो एकदम सख्त हो गया हैअब लगता इससे मूत नही, दूसरा पानी बाहर आना चाहता है, क्या मै आपका दूसरा पानी निकालने में मदद कर दू।
राजेश _switi कही मां आ गई तो,
स्वीटी _भईया, मै जल्दी से कर देती हूं चलो बेड में चलते हैं, आप ठीक से खड़े नही हो पा रहे।
स्वीटी ने राजेश को सहारा देकर बेड पे ले जाकर लिटा दिया, और उसका अंडर वियर निकाल दिया।
फिर उसने अपनी नाइटी निकाल दिया।
वह सिर्फ पेंटी और ब्रा में थी। उसकी चूची ब्रा से बाहर आने बेताब थे।
राजेश नशे में था, जब राजेश ने switi को देख तो वह उसे कामुक औरत नजर आने लगा।
स्वीटी ने बेड पर बैठ गई और राजेश के land को मुंह में भर कर चूसने लगी।
राजेश के land पर रीता की boor का पानी सुख कर जम गया था।
जब स्वीटी ने land मुंह में भर कर चूसने लगी तो उसे land का सी नमकीन लगा।
Switi _भैया, तुम्हारे land का स्वाद नमकीन लग रहा है कही तुमने किसी की boor तो नही मारी।
राजेश _अरे, हा स्वीटी दो औरतों की boor चोदा लेकिन झड़ा नहीं हूं।
स्वीटी _भैया, तभी जब तुम यहां आए तनी से आपका land तना हुआ है।
स्वीटी ने राजेश का land मुंह में भर कर सका सक चूसना शुरु कर दी।
राजेश को बहुत अच्छा लग रहा था, वह स्वीटी की सिर का बाल पकड़ लिया।
कुछ देर चूसने के बाद switi ने अपनी ब्रा और पैंटी भी उतार दी, और पुरी नंगी हो गई।
राजेश नसे में था, उसे switi किसी कामुक स्त्री नजर आने लगा।
वैसे भी switi बहुत खुबसूरत थी उसका पुरा बदन एकदम तराशा huwa था, उसकी चूची बड़ी बड़ी सुडौल हो चुकी थी,boor एकदम मस्त फूली हुई चिकनी, जिसे देखकर राजेश का land और शख्त हो गया।
स्वीटी _भईया, आप मेरी चूची चूसो ना, मुझे भी अछा लगेगा।
स्वीटी ने अपना एक चूची राजेश के मुंह में डाल दिया।
राजेश को नशे में स्वीटी एक बच्ची नहीं बल्कि एक कामुक औरत नजर आ रहा था।
वह देती की चूची को मुंह में भर कर चूसने लगा।
स्वीटी _सिसकने लगी।
राजेश स्वीटी के दोनों चुचियों को मसल मसल कर पीने लगा।
स्वीटी बहुत अधिक उत्तेजित हो गई।
उसकी boor से पानी झरने की तरह बहने लगा।
स्वीटी_भैया आप मेरे ऊपर आकार चूसो।
Switi बेड पर लेट गई और राजेश को अपने ऊपर खींच लिया।
इधर राजेश को भी चोदने का बड़ा मन हो रहा था, वह दो औरतों को जबरदस्त चोदने के बाद भी झड़ा नहीं था, उसका land फिर से boor खोज रहा था।
नशे में राजेश को switi एक बच्ची नहीं बल्कि एक कामुक और प्यासी औरत नजर आ रहा था।
वह स्वीटी के ऊपर आ गया और उसकी चूची को मसल मसल कर पीने लगा।
स्वीटी बहुत अधिक chudas हों गई,
राजेश उसकी नाभी को चूमते हुए नीचे गया और मस्त फूली हुई chut को मुंह में भर कर चूसने लगा।
राजेश की इस हरकत से switi आनंद के मारे सिसकने एवम चीखने लगी।
Switi _भैया मुझे बर्दास्त नही हो रहा चोदो मुझे नही तो मर जाऊंगी। आह मां,, चोदो मुझे दिखाओ अपनी मर्दानगी,,switi चिल्लाई।
राजेश भी नशे में था, वह भूल गया की उसकी मां ने switi se दूर रहने कहा है।
उसे भी boor चोदकर झड़ने की प्रबल इच्छा हो रही थी।
राजेश switi की टांगो को फैला कर इसके बीच में आ गया।
राजेश ने अपना land switi की boor के फांकों के बीच रखा।
Switi _डाल दो भैया, बना दो मुझे कली से फूल।
राजेश ने एक हल्का सा दक्का मारा पर land boor में नही गया, फिसल गया।
Switi ने अपने मुंह में अपनी ब्रा डाल ली।
राजेश का land अपने हाथों से पकड़ कर अपने boor के छेद पर रखा और बोला।
Switi _भैया, अब मारो।
राजेश ने एक जोर के धक्का मारा।land boor की झिल्ली को फाड़कर अंदर घुस गया।
स्वीटी दर्द से चीखना चाही पर घू घु करते रह गई।
उसकी boor का सिल टूट चुका था, खून बहने लगा।
राजेश को भी चोदने का बड़ा मन हो रहा था वह नशे मे था, वह land को थोड़ा बाहर खींचा और फिर से गछ से पेल दिया।land इस बार सरसरता huwa आधा अन्दर घुस गया।
स्वीटी के तेज दर्द huwa, उसकी आंखों में आंसू आ गया।
वह चीखना चाही पर मुंह में कपड़ा होने के कारण चीख न पाई।
इधर राजेश जोश में था वह झड़ना चाहता था।
वह रुका नही और land को boor से बाहर खींच कर घच घच्च चोदना शुरू कर दिया।
Boor से खून निकल कर बेड सीट परटपक रहा था।
इधर राजेश ने chudai बंद नहीं किया gach gach चोदना जारी रखा।
और land धीरे धीरे boor को खोलने लगा अपनी जगह बनाने लगा।
स्वीटी को दर्द हो रहा था।
पर वह राजेश को रोकी नही सारा दर्द सह ली, क्योंकि ये मौका वह खोना नही चाहती थी।
धीरे धीरे switi का दर्द कम होने लगा और मजा मिलना अब सुरू होने लगा।
राजेश स्वीटी की चूची को मसल मसल कर gach gach चोदना जारी रखा,। अब boor से खून निकलना बंद हो गया और फिर पानी छूटना सुरू हो गया।
Switi को अब chudai में मजा आना शुरू हो गया वह राजेश की कमर को कस लिया।
इधर राजेश का land switi के boor में एकदम कसा कसा हुआ अंदर बाहर हो रहा था।
राजेश को बहुत मजा आ रहा था।
राजेश झड़ना चाहता था इसलिए बिना रुके gach gach boor चोदे रहा था।land को boor ने पुरी निगल लिया था।
इधर स्वीटी को दर्द के साथ मजा आना शुरू हो गया था।
उसके मुंह से सिसकारी निकल कमरे में गूंज रहा थी।
इधर राजेश पूरे जोश में आकर switi की boor खोदने में लगा हुआ था।
स्वीटी की boor से पानी झड़ना सुरु हो गया।
स्वीटी को भी अब बहुत मजा आने लगा।
वह जन्नत में पहुंच गई। जिस चीज को पाने वह कितने दिनों से तड़फ में थी आखिर आज उसे मिल ही गई।
स्वीटी भी कमर उछाल उछाल कर राजेश का साथ देने लगी।
इधर राजेश पूरे जोश में land को बुर में पेले जा रहा था। लन्ड गपा गप अंदर बाहर हो रहा था।
स्वीटी तो स्वर्ग की सैर कर रही थी। वह ख़ुद को रोक न सकी और आह मां मर गई आह मैं,,, गई,,,
वह झड़ने लगी,,
इधर राजेश रुका नही और लागतार दनादन चोदता रहा और वह भी,,, आह मां आह करके कराहते हुवे स्वीटी की बुर में ही लंबी लंबी पिचकारी मारते हुवे झड़ने लगा।
फिर स्वीटी को जब राजेश का वीर्य योनि में जाते हुवे महसूस की तो वह उस परम आनद को फिर से प्राप्त कर फिर से झड़ने लगी।
राजेश बेड पर ही एक और लुड़क गया।
स्वीटी कुछ देर राजेश से चिपकी रही।
फिर वह जब बेड से उठी तो उसे अपनी बुर में तेज जलन और दर्द महशूष की। वह ठीक से चल नही पा रही थी।
वह किसी तरह बाथरूम गई और पानी से नहाने लगी बुर से वीर्य अभी भी निकाल रहा था।
उसे अपनी बुर की हालात देख मुस्कुराने लगी।
वह अपनी कपड़ा उठाई और अपने कमरे में जाकर ऐसे ही नंगी सो गई।
राजेश जब सुबह उठा, तब अपने को बिस्तर पर नंगा लेटा पाया, उसने याद करने की कोशिश किया की कल क्या हु़वा। उसे याद आया की कल रात पार्टी में दोस्तो ने जबरदस्ती शराब पीला दिया था और शराब के नशे में घर पहुंचा था, तब स्वीटी ने दरवाजा खोली।
उसके बाद स्वीटी ने ही सहारा देकर कमरे तक लाया था।
उसके बाद उसके बाद उसे लगने लगा की जरुर उनसे बहुत बड़ी गलती हुई है।
तभी उसकी नजर बेड पर पड़े लाल धब्बे पर पड़ा।
राजेश _ये बेड पर लाल धब्बा कैसे आया।
वह उस धब्बे को उंगली से रगड़ कर देखा।
राजेश _ये तो खून के धब्बा लग रहा है।
राजेश जब सुबह उठा, तब अपने को बिस्तर पर नंगा लेटा पाया, उसने याद करने की कोशिश किया की कल क्या हु़वा। उसे याद आया की कल रात पार्टी में दोस्तो ने जबरदस्ती शराब पीला दिया था और शराब के नशे में घर पहुंचा था, तब स्वीटी ने दरवाजा खोली।
उसके बाद स्वीटी ने ही सहारा देकर कमरे तक लाया था।
उसके बाद उसके बाद उसे लगने लगा की जरुर उनसे बहुत बड़ी गलती हुई है।
तभी उसकी नजर बेड पर पड़े लाल धब्बे पर पड़ा।
राजेश _ये बेड पर लाल धब्बा कैसे आया।
वह उस धब्बे को उंगली से रगड़ कर देखा।
राजेश _ये तो खून का धब्बा लग रहा है।
राजेश का दिल घबरा गया, कही कोई अनर्थ न हो गया हो।
वह अपना लोअर और टी शर्ट पहन कर स्वीटी के रूम की ओर गया।
वह दरवाजा खटखटाया, स्वीटी इस समय नंगी सोई हुई थी।
दरवाजा खटखटाने की आवाज़ सुन कर वह, घबरा गई कही मां तो नही आ आई है।
वह अपने सारे कपडे छुपाई और अपनी बदन पर टावेल लपेट ली।
उसकी chut सूज गया था, उसे दर्द महशूस हो रहा था।
लंगड़ाती हुई वह दरवाजा केपास पहुंचीऔर दरवाजा खोली ।
स्वीटी _भैया आप, इस समय।
राजेश _हा स्वीटी, कल रात मैं घर आया तो नशे में था। मुझे डर है कि कुछ अनर्थ न हो गया हो, मै तुमसे पूछने आया हूं।
स्वीटी _आओ भैया अंदर आओ।
स्वीटी अंदर गई तो लंगड़ाते हुवे गई।
राजेश _स्वीटी तुम लंगड़ा क्यू रही हो? कहीं चोंट लगी है क्या?
स्वीटी बेड पर जाकर बैठ गई।
स्वीटी _भैया ये दर्द आपने दिए है।
राजेश _स्वीटी ये तुम क्या कह रही हो, सच सच बताओ की कल रात क्या huwa था।
स्वीटी _भैया, कल रात वो सब हो गया जो नही होना चाहिए था।
तुमने शराब के नशे में मेरी सिल तोड़ दी।
राजेश _स्वीटी ये तुम क्या कह रही हो, कह दो की ये सब झूठ है, मै ऐसा नहीं कर सकता।
स्वीटी _मै सच कह रही हूं भैया, तुम्हें यकीन नही हो रहा है तो, अपने बेड को देखना उसमे निशान होगा।
और ये देखो मेरी बुर की आपने क्या हालात कर दी है।
स्वीटी ने टावेल हटा कर अपनी बुर दिखाया।
राजेश ने स्वीटी की बुर की ओर देखा। जो बुरी तरह सूजा huwa दिख रहा था।
राजेश ने अपना सिर पकड़ कर बेड पर बैठ गया।
राजेश _हे भगवान, ये क्या हुआ, आखिर मुझसे ये अनर्थ कैसे हो गया?
मां को पता चलेगा तो,, क्या होगा? मां मुझ पर कितना भरोसा करती है? मै उसके सामने कैसे जाऊंगा?
मां के सवालों का सामना कैसे करूंगा।
राजेश की आंखो से आंसू बहने लगा।
स्वीटी _भैया ये क्या? आप रो रहे है?
स्वीटी भैया, आप रोइए मत। इसमें गलती मेरी भी है मैंने आपको रोका नहीं।
मै भी काम वासना के वशीभूत हो गई थी।
जो हो रहा था वह हो जानें दिया, इन सबके लिए आप अकेले जिम्मेदार नहीं हैं।
राजेश _नही स्वीटी इन सब के लिए मैं ही जिम्मेदार हूं। तुम तो अभी बच्ची हो। क्या अच्छा है क्या बुरा है इसकी समझ अभी तुम्हें नही है।
गलती मेरी है मै शराब पीकर घर आया और शराब की नशे में तुम्हें एक औरत समझ कर इतना बड़ा अनर्थ कर बैठा।
स्वीटी _भईया, जो huwa उसे भूल जाओ, तुम्हें आत्मग्लानि करने की जरूरत नहीं।
रही बात मां की जानने की तो मां को पता नही चलेगा, इस बारे में आप चिंता न करे।
राजेश _पर, मां को पता चला तो,,,
स्वीटी _जब पता चलेगा, मै सम्हाल लूंगी आप टेंशन न ले।
राजेश _पर स्वीटी, मुझे आत्मग्लानि महसूस हो रही है। मै मां से आंख मिला कर बात नही कर सकूंगा। मैंने उसका भरोसा तोड़ा है।
स्वीटी _भैया मैंने कहा न आपको आत्मग्लानि महसूस करने की जरूरत नहीं है।
दुनिया में कई भाई बहन है जिनके बीच ऐसा संबंध बन जाते है। हम अकेले नही है?
स्वीटी ने राजेश के सिर के अपने सीने से लगा कर उसके बालो को प्यार से सहलाते हुवे समझाने की कोशिश करने लगी।
राजेश _बेड के चादर के ऊपर जो खून के धब्बे लगे हैं। मां की नजर उस पर पड़ी तो।
स्वीटी _वह चादर मै बदल दूंगी वैसा ही चादर मेरे रूम में भी है।
मै उसे ले आती हूं, अब चलो तुम भी अपने कमरे में, कही मां यहां आ गई तो सवाल पूछेगी?
राजेश अपने कमरे में आ गया, स्वीटी भी अपने शरीर पर नाइटी डाल लंगड़ाती हुई राजेश के कमरे में पहुंची।
राजेश _स्वीटी मां पूछेगी की तुम लंगड़ा कर क्यू चल रही हो तो क्या जवाब दोगी?
स्वीटी _मै मां से बोल दूंगी की, नहाते समय मेरा पैर साबुन पर चला गया तो मैं फिसल कर गिर गई।
कमर पर मोच आ गई है।
स्वीटी, अपने कमरे से लाई वैसे ही चादर को राजेश के बेड पर बिछा दी और राजेश की रूम का खून का धब्बा लगा चादर अपने साथ ले गई।
जाते समय,, स्वीटी बोली,,
अछा भैया अब मै अपने कमरे में चलती हूं तुम घर में बिल्कुल नार्मल व्यवहार करना जैसे कुछ हुआ ही नहीं है।
स्वीटी अपने कमरे में जाकर उस चादर को फैला कर देखने लगी और मुस्कुराने लगी।
स्वीटी उस चादर को धोने के लिए बाथरूम ले जा रही थी कि तभी वह कुछ सोंचि और रूक गई।
स्वीटी _नही मै इसे धोऊंगी नही, इसे अपने पास सम्हाल कर रखूंगी।
यह भैया और मेरी प्रथम मिलन की निशानी है, यह मुझे हमेशा याद दिलाएगी। मेरी भईया की प्यार की।
वह उस चादर को छुपा कर रख दी।
इधर राजेश आज पहले अच्छे से नहा लिया, क्यू की उसके शरीर से अभी भी शराब की बू आ रही थी।
नहाने के बाद वह जिम के लिए निकला।
जब वह जिम के लिए निकला, उसने अपनी मां सुनीता को किचन में काम करते देखा।
राजेश _गुड मॉर्निंग मां।
सुनीता _अरे उठ गया बेटा, मै तो सोच रही थीं की तुम कल देर रात में आए हो तो लेट से उठोगे।
माफ करना बेटा मै कल रात स्वीटी को चेता कर सो गई ।
राजेश _मॉम माफी तो मुझे मांगनी चाहिए, मेरे कारण आपको परेशानी होती है।
तभी सुनीता राजेश के पास आई।
सुनीता _बेटा, तु ये क्या कह रहा है, तुम्हारे कारण मुझे परेशानी।
लोग आज चारो तरफ तुम्हारी तारीफ कर रहे है मै धन्य हूं जो मेरे कोख से तू जन्म लिया।
राजेश _सच मां तुम मुझसे नाराज़ नही हो।
राजेश अपनी मां को सीने से लगा कर कहा।
सुनीता ने भी राजेश को अपने सीने से लगा लिया।
राजेश _नही बेटा मै तुमसे नाराज नहीं हूं। मुझे तुम पर गर्व है।
राजेश _ओह थैंक यू मॉ।
सुनीता _अब जाओ बेटा, तुम जिम से जल्दी आना मै तुम्हारे लिए तुम्हारे मन पसंद का नाश्ता बना रही हूं।
राजेश _ठीक है मॉ।
राजेश जानें लगा,, तभी सुनीता बोल पड़ी
मै खुश हूं की मेरा बेटा अब शरीफ हो गया है,,
राजेश जो जा रहा था वह रुक गया,,,
राजेश _मां तुमने कुछ कहा?
सुनीता _मेरा बेटा अब शरीफ हो गया है, यह बोली।
राजेश _ऐसा क्यू लगा?
सुनीता _अपनी मां के साथ बदमाशी जो नही कर रहा है।
राजेश सुनीता के पीछे गया और उसे अपनी बाहों में भर लिया।
सुनीता _अरे क्या कर रहा है छोड़ मुझे फिर से बदमाशी करने लगा।
राजेश _मेरी मां को मेरा बदमाशी करना अच्छा लगता है इसलिए।
राजेश ने सुनीता को पीछे से जकड़ कर अपना land उसकी गाड़ के दरार में घुसा दिया।
फिर उसकी गाल को चूम लिया।
सुनीता _अरे छोड़ मुझे, कही स्वीटी या तुम्हारे पापा आ गए तो क्या समझेंगे?
राजेश _कहेंगे, एक बेटा अपनी मां से प्यार कर रहा है?
सुनीता _ऐसे चिपक कर कोई प्यार करता है क्या?
राजेश _हम तो करते है अपनी मां से।
राजेश ने अपनी मां का मुंह अपनी ओर किया फिर उसकी ओंठ अपने मुंह में भर कर चूसने लगा।
सुनीता _ऊं हूं,, बेशरम छोड़ मुझे। तू बड़ा गंदा है।
राजेश _मां हमने आपका मान सम्मान बढ़ाया इसका इनाम तो हमे मिलना चाहिए न।
सुनीता _कैसा इनाम चाहिए तुम्हें?
राजेश _जन्नत की सैर करने वाला?
सुनीता _मै कुछ समझी नहीं।
राजेश ने धीरे से सुनीता के कानो में कहा,,
राजेश _मुझे आपके साथ जन्नत की सैर करनी है।
यहां तो कहीं जन्नत नही जहां तू सैर करना चाहता है।
राजेश और सुनीता दोनों उत्तेजित हो गए थे।
राजेश ने खड़े land को सुनीता के गाड़ में दबाते हुवे कहा।
राजेश ने सुनीता की कानो में धीरे से कहा,,
आप ही तो बताई थीं न ओ करने से जन्नत जैसा मज़ा आता है?
सुनीता _मैंने कब कहा? मुझे तो नही पता की क्या करने से जन्नत जैसा मज़ा आता है? कुछ ठीक से बताओ,मै भी तो जानू।
राजेश _ओ मां मैं कैसे कहूं मुझे शर्म आ रही है।
सुनीता _अच्छा, शर्मा रहा है तो जन्नत की सैर कैसे करेगा?
बोलो इनाम में क्या चाहिए, शर्म छोड़ कर खुल कर बताओ।
राजेश _कही तुम नाराज हो गई तो।
सुनीता _अच्छा बाबा नाराज नहीं होऊंगी अब बताओ क्या चाहिए तुम्हें इनाम में?
राजेश ने सुनीता की कानो में धीरे से कहा, आपकी chut,
और सुनीता की बुर को कपड़े के ऊपर से सहला दिया।
पहले तो सुनीता सिहर उठी, पर अपने को सम्हालती हुई बोली।
सुनीता _चल हट, छोड़ मुझे ,ये चीज नही मिल सकती तुम्हें इनाम में । कुछ दूसरा चाहिए तो बोलो।
राजेश _न, मुझे तो यही चाहिए, बस अब देना न देना आपकी मर्ज़ी।
सुनीता _ठीक है, आगे सोचेंगे, कभी मन किया इनाम देने की तो,,,
राजेश खुश हो गया,,
राजेश _मां सच, मुझे इंतजार रहेगा उस पल का।
अब मैं चलता हूं, बाई मां,
सुनीता _bye बेटा।
राजेश जिम चला गया और वहां 1घंटा पसीना बहाने के बाद घर आया और आते समय मेडिकल से दर्द निवारक गोली और सूजन कम करने का मलहम खरीद लिया।
राजेश जब घर आया।
सुनीता _आ गया बेटा।
राजेश _हां मां।
सुनीता _जाओ बेटा नहाकर जल्दी तैयार हो जाओ फिर मै नाश्ता लगाती हूं।
स्वीटी को भी कह देना नहाकर तैयार हो ने, वह भी अभी तक कमरे से निकली नही है।
राजेश _ठीक है मां।
राजेश स्वीटी के कमरे में गया, जो अभी भी लेटी थी।
राजेश _स्वीटी, देखो मैं क्या लाया हूं?
ये दवाई।
स्वीटी _ओह थैंक यू भईया।
राजेश _मां तुम्हें नहाकर तैयार हो ने बोली है नाश्ता के लिए।
स्वीटी _ठीक है भईया।
राजेश _स्वीटी तुम ठीक तो हो न, मुझे माफ कर दो कल की गलती के लिए।
स्वीटी _भईया मैंने कहा न इसमें मेरी भी गलती है, आपको माफी मांगने की आवश्यकता नहीं।
राजेश और स्वीटी दोनों नहाकर तैयार होकर नाश्ता के लिए डाइनिंग हॉल में पहुंचे, वहा शेखर और सुनीता पहले से मौजूद थीं।
जब सुनीता ने स्वीटी को लंगड़ाकर चलती हुई देखी,,
सुनीता _स्वीटी, तुमको क्या huwa हैं,लंगड़ाकर क्यू चल रही हो ।
स्वीटी _ओ मां क्या है न की मै बाथरूम में नहा रही थी कि मेरा पैर फिसल गया।
शेखर _ओह बेटा ज्यादा चोट तो नही आई।
Switi _ओह पापा, कमर पे थोड़ा मोच आ गया है, पर मै ठीक हू चिंता की कोई बात नही।
शेखर _बेटा अगर ज्यादा प्रॉब्लम हो तो डॉक्टर को दिखा देना।
स्वीटी _नही पापा ज्यादा चोंट नही आई है, मैंने मूव से नहाने के बाद मालिश की काफी राहत मिली है मै ठीक हो जाऊंगी।
सुनीता _स्वीटी, अगर ज्यादा प्रॉब्लम हो तो मैं तुम्हें डॉक्टर के पास ले चलूंगी।
स्वीटी _मां, कहा न ज्यादा चोट नहीं आई है मै ठीक हो जाऊंगी।
फिर सभी नाश्ता करने लगे।
अगले 3दिन स्वीटी घर में ही रही।
कालेज नही गई तीन दिन बाद उसकी chut का सूजन खत्म हो चुका था। वह अब लंगड़ाकर नही चल रही थीं।
सुनीता सुबह स्वीटी के रूम में पहुंची।
सुनीता _बेटा अब तुम्हारा कमर दर्द कैसा है?
स्वीटी _मां अब मै बिल्कुल ठीक महसूस कर रही ही।
सुनीता _बेटा, वार्षिक एग्जाम बिल्कुल पास आ गया है। कालेज मिस करना ठीक नहीं।
स्वीटी _जानती हूं मां, आज से मैं कालेज जाऊंगी।
सुनीता _गुड बेटा।
स्वीटी और राजेश दोनों बाइक से कालेज के लिए निकले रास्ते में,,
राजेश _स्वीटी तुम हमारे बीच जो huwa उसका जिक्र किसी न करना अपने सहेलियों से भी नही।
स्वीटी_ भईया मै इतनी नादान भी नहीं की ऐसी बाते किसी से शेयर करुंगी।
आज रोहन और उसके दोस्त भी लगभग ठीक होकर कालेज आ रहे थे।
राजेश और भगत, दोस्तो के साथ कैंटीन में बैठे थे तभी वहां रोहन और उसके दोस्त भी वहा पहुंचे।
राजेश _आओ रोहन बैठो,,
अब कैसी तबियत है तुम्हारी?
रोहन ने राजेश को को गले लगाया।
रोहन _ठीक हूं भाई।
सब आपकी ही मेहरबानी है जो हम आज सही सलामत है।
आप लोग कैसे है?
राजेश _हम सब तो मजे में है अब आप लोग ठीक हो कर आ गए हो तो अब मजा दोगुना हो जायेगा।
भगत ने वेटर से सबके लिए काफी मंगाया।
सभी एक दूसरे से बातचीत करते हुवे काफी का आनंद लेने लगे।
क्लास की बेल लगने पर सभी अपने अपने क्लास में चले गए।
दोपहर लंच के समय स्वीटी , रोहन से मिली,
स्वीटी _हाई रोहन कैसे हो, अब तुम्हारी तबियत कैसी है।
रोहन _मै अब बिल्कुल ठीक हूं, स्वीटी ।
चलो थोड़ा गार्डन में बैठते है।
दोनों गार्डन पे पेड़ के नीचे बैठ कर वार्तालाप करते हैं।
स्वीटी _कुछ दिनों में एक्जाम सुरू होने वाला है, अब तो पढ़ाई पर फोकस करना पड़ेगा।
रोहन _हा, वो तो है।
स्वीटी , तुम मेरे साथ डिनर पर जानें बोली थी। कब चले?
स्वीटी _हा, कहा था?
पर इसके लिए घर वालो से कोई बहाना बनाना पड़ेगा।
देखती हूं आज कोई बहाना मिला तो मैं फोन कर बताउंगी।
रोहन _ठीक है, मै इंतजार करूंगा, तुम्हारी फ़ोन का।
इधर कैंटीन में राजेश भगत, निशा और सीमा बैठ कर बाते कर रहे थे तभी रिया और उसकी सहेली वहा पहुंची।
रिया _हाई राजेश, हाई निशा, कैसे है आप लोग।
राजेश _ओह,हाई रिया हम सब अच्छे है, पर तुम यहां, पहली बार देख रहे हैं कैंटीन में।
रिया _मै आप ही लोगो से मिलने आई थी। माफी मांगने।
राजेश _उस दिन नशे में आपके साथ बदतमीजी करने लगी थी। अच्छा किया निशा जो तुमने मुझ थप्पड़ मारा।
मुझे अहसास कराई की मै गलत कर रही थीं।
लगता है निशा तुम अब भी मुझसे नाराज़ हो।
निशा _ओह माफी तो मुझे मांगनी चाहिए, मैंने कुछ ज्यादा रिएक्ट कर दिया, सबके सामने मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था।
सॉरी
रिया _निशा, कुछ समय तो मुझे बुरा लगा पर बाद में मुझे अहसास huwa की सच में मै गलत कर रही थी। इस लिए अपनी मन की बात आप लोगो से कहने आई थी।
भगत _अब जो huwa उसे भूलना ही बेहतर है। बताइए किसको किसको काफी पीना है।
रिया _आज काफी मै पिलाऊंगी,सबको।
रिया ने सबके लिए काफ़ी का आर्डर दिया।
सीमा _रिया,अगर आप को बुरा न लगे तो एक बात पूछूं।
रिया _सीमा, जो भी पूछना है बेझिझक पूछ सकती हो, मै बुरा नही मानूंगी।
सीमा _विकी और तुम तो बड़े अच्छे दोस्त थे, फिर आप दोनों का ब्रेक अप कैसे हो गया?
रिया _सीमा, विकी मुझसे शादी के लिए प्रपोज किया था,पर उसमे वो बात नही है, जो मुझे मेरे पति में देखना चाहती हूं।
मैंने शादी के लिए मना कर दिया, तो उसे बुरा लगा।
फिर उसके पास कुछ मेरी कुछ पर्सनल फोटोग्राफ्स है जिसको दिखाकर वह मुझे ब्लैक मेल करने लगा।
बाद में मुझे पता चला कि उसकी नजर मेरी दौलत पर थी। सच्चाई पता चलने पर मैंने उससे ब्रेक अप कर लिया।
आज के समय में सच्चा प्यार मिलना काफी मुस्कील होता है।
सीमा _हूं, वो तो है।
इतने में वेटर काफी लेकर आ गया।
सभी काफी पीने लगे।
रिया _आप लोगो के साथ काफ़ी पीना अच्छा लगा, सोच रही हूं, लंच के समय मै भी कैंटीन में आ जाया करू। आप लोगो के साथ काफ़ी पीने, आप लोग बुरा तो नही मानेंगे।
भगत _नही, रिया जी इसमें बुरा मानने की क्या बात है? यह कैंटीन तो सबके लिए है। और हम यहां के छात्रसंघ के अध्यक्ष है, तो हमारी जिम्मेदारी हैं, यहां के स्टूडेंट्स को कोई समस्या हो तो उसका समाधान करना। अगर विकी तुम्हें परेशान करे तो बताना हम उनसे बात करेंगे।
रिया _ओह थैंक यू भगत? सच में तुम एक दिन जरूर बड़ा नेता बनोगे। नेता बनने के सारे गुण तुम्ममे मौजूद है।
तो क्या आज से मैं आप लोगो को अपना दोस्त समझू?
राजेश _क्यू नही रिया जी, यहाँ के सभी स्टूडेंट्स को हम अपना दोस्त मानते हैं।
रिया _ओह राजेश आप लोग कितने अच्छे है।
तभी क्लास के लिए बेल बजी।
निशा _बेल लग चुकी है अब हमे क्लास के लिए निकलना चाहिए।
राजेश _ओ हा, चलो भगत हम भी निकलते हैं।
अच्छा रिया जी हम चलते हैं, फिर मिलेंगे।
रिया _ओके राजेश बाई।
उन लोगो के जानें के बाद।
रिया की सहेली, रिया से बोली,,
रिया, हमे यकीन नहीं हो रहा है कि तुम वही रिया हो, निशा ने तुम्हारा सबके सामने अपमान किया है ये तुम कैसे भुल सकती हो?
रिया _मै वह अपमान भूली नहीं हूं। आज भी जब मैं निशा को देखती हूं तो मुझे थप्पड़ की गुंज सुनाई पड़ती है। अपना बदला लेने के लिए इन लोगो से दोस्ती करना जरूरी है।
मै राजेश को निशा से छीन लूंगी। वह राजेश का शक्ल देखना भी पसंद नही करेगी।
तब मेरा बदला पुरा होगा।
शाम को 7बजे स्वीटी सुनीता से,,
स्वीटी _मां, आज मेरे कालेज की एक सहेली का जन्म दिन है तो मुझे इनवाइट की है।
नही जाऊंगी तो बुरा मान जाएगी।
सुनीता _ठीक है चली जाओ पर 9बजे तक आ जाना।
स्वीटी _थैंक यू मां।
रास्ते में स्वीटी ने रोहन को फोन किया
स्वीटी _रोहन अभी कहा हो मै रास्ते में तुम्हारा वेट कर रही हूं।
रोहन _स्वीटी मै बस पहुंचने वाला हूं।
थोड़ी देर में रोहन वहा पहुंच गया फिर दोनों फाइव स्टार होटल में गए। वहा पर रोहन ने दोनों के मन पसंद डीस का आर्डर किया,,
दोनों वार्तालाप करते हुवे डिनर करने लगे। डिनर करने के बाद जब स्वीटी जानें को हुई,,
रोहन _स्वीटी, मुझे तुमसे कुछ कहना है।
स्वीटी _बोलो रोहन, ऐसा क्या बात है जो कहना बाकी रह गया है?
रोहन _रोहन हिचकते हुए कहा,, दरसल स्वीटी पता नही तुम कैसा फिल करोगी?
स्वीटी _जो भी कहना है कह दो मैं बुरा नही मानूंगी।
रोहन _मुझे तुमसे प्यार,,,,,,,हो,,, गया,,,
स्वीटी _क्या? क्या तुम सच कह रहे हो।
रोहन _हां स्वीटी, आई लव यू सो मच।
तुम मेरे बारे में क्या सोचती हो? मै जानना चाहूंगा।
स्वीटी _रोहन, मै तुम्हें एक अच्छा दोस्त समझती हूं, इस बारे में कभी मैंने सोचा नहीं है।
रोहन _ठीक है स्वीटी मुझे कोई जल्दी नहीं है, इस बारे में सोचो फिर बाद में जवाब दे देना।
स्वीटी _ठीक है रोहन इस बारे में मै सोचूंगी।
अब चले,,
रोहन _ठीक है स्वीटी मै तुम्हारे जवाब का इंतजार करूंगा।
अगले दिन संडे होने के कारण कालेज में छुट्टी थी।
सुजाता ऑफिस से राजेश को फ़ोन की,,
राजेश इस समय घर पर पढ़ाई कर रहा था।
सुजाता _जानू क्या कर रहे हो?
राजेश _घर में पढाई कर रहा हूं, मैम एग्जाम अब पास आ गया है।
सुजाता _क्या तुम्हें मेरी याद नही सताती?
राजेश _याद तो सताती है पर क्या करु जान पढ़ाई भी तो जरूरी है।
सुजाता _मुझे आज तुम्हारी कुछ ज्यादा ही याद आ रही है। चलो न हम कहीं लॉन्ग ड्राइव पर चलते हैं। मुझे तुम्हारे साथ कुछ समय बिताना है।
प्लीज।
राजेश _ठीक है डियर।
सुजाता _एक काम करो,तुम मेरे ऑफिस ही आ जाओ, हम यहां से कहीं लॉन्ग ड्राइव पर चलेंगे।
राजेश _ठीक है, बेबी मै अभी आता हूं।
राजेश तैयार होकर घर से निकला,
सुनीता _बेटा कहा जा रहा है?
राजेश _मां ओ दोस्त के पास जा रहा हूं कुछ काम था।
सुनिता _बेटा अब घूमना फिरना बंद करो और पढ़ाई पर ध्यान दो, सामने एग्जाम है।
राजेश _जानता हूं मां, बस थोड़ा माइंड फ्रेश करने के लिए जा रहा हूं।
सुनिता _ठीक है बेटा जल्दी आ जाना।
राजेश _ठीक है मां।
राजेश अपना बाइक लेकर सुजाता की ऑफिस पहुंचा।
राजेश ने सुजाता को फ़ोन किया।
राजेश _बेबी मै ऑफिस के बाहर हूं।
सुजाता ने गेट पर बैठा गार्ड को फ़ोन किया, बाहर एक राजेश नाम का लड़का खड़ा होगा उसे मेरे केबिन में ले आओ।
गार्ड ऑफिस से बाहर निकल कर देखा , उसे एक लडका खड़ा नजर आया। वह उसके पास गया
गार्ड _क्या तुम राजेश हो?
राजेश _हा।
गार्ड _आपको मैडम ने बुलाया है।
राजेश गर्द के साथ ऑफिस के अंदर गया।
वहा के कर्मचारी लोग राजेश को देखने लगे।
गार्ड ने राजेश को सीधा सुजाता के रूम में ले गया।
गार्ड _सर आप अंदर जाइए।
राजेश अंदर गया।
सुजाता अपने चेयर पर बैठी थी।
वहा पर सीमा के पापा मौजूद थे जो सुजाता के साथ किसी विषय पर डिस्कस कर रहा था।
सुजाता राजेश को देखते ही,,
आओ राजेश बैठो, हमारे ऑफिस में आपका स्वागत है।
सुजाता ने सीमा के पापा से कहा सिन्हा जी आप राजेश को जानते हैं न।
सिन्हा _मैम ये निशा और सीमा बिटिया के कालेज में पड़ता है न । आपके शादी की सालगिरह में खूब रंग जमाया था। नौजवान ने,
हैलो राजेश कैसे हो?
राजेश _हैलो सर, मै ठीक हू।
सिन्हा जी _मै सीमा का पापा हूं, बडी तारीफ करती है सीमा तुम्हारी।
सुजाता _सिन्हा जी आप शायद नहीं जानते हमारी कंपनी को मुशीबत से इसने ही बाहर निकाला।
सिन्हा जी _ओह, थैंक यू राजेश।
सुजाता _सिन्हा जी राजेश से मुझे कुछ काम है, हम बाद में डिस्कस करेंगे ।
सिन्हा _ठीक है मैम।
सीमा के पापा अपने वहा से चला गया।
सिन्हा जी के जाते ही सुजाता अपने चेयर से उठी।
और अपने दोनों हाथ राजेश के गले में डाल दी।
आ गया मेरा हीरो,,
कैसा लगा मेरा ऑफिस?
राजेश _बहुत बढ़िया।
सुजाता _और ऑफिस की मालकिन।
राजेश _उससे भी बढ़िया।
सुजाता _चल झूठा कही का, मै तुम्हें इतनी अच्छी लगती तो दिन रात मेरे नाम का माला जपते।
मुझे भूल नहीं जाते।
राजेश _तुमको कैसे भुल सकता हूं, मेरे जानें बहार।
तुम तो मेरे दिल में बसती हो।
सुजाता _अच्छा क्या मंगा ऊ तुम्हारे लिए, चाय या काफी।
राजेश _नही मुझे चाय या कॉफी पीने का मन नहीं है।
सुजाता _तो क्या पीने का मन है?
बोलो, नही तो बाद में बोलोगे की पहली बार आफिस आया हूं कुछ पिलाया ही नहीं।
राजेश _रहने दो हमे जो पसंद है वो पिलायेंगी।
सुजाता _क्या? बोलो , क्या पीना है।
राजेश _दूध
सुजाता _तो पिलो न रोका किसने है।
सुजाता राजेश को अपने चेयर में बिठा दिया और खुद उसकी ओर मुंह कर उसकी ओंठ को मुंह में भर कर चूसना शुरू कर दी।
राजेश भी उसका साथ देने लगा।
उसके बाद सुजाता ने अपना एक चूची बाहर निकाल कर राजेश के मुंह में डाल दिया,,
लो दूध पिलो।
राजेश सुजाता की दूदू मसल मसल कर पीने लगा।
सुजाता सिसकने लगी।
कुछ देर दूदू से खेलने के बाद।
राजेश ने सुजाता को गोद से उतारा और खड़ा होकर अपने पेंट का चैन नीचे कर land बाहर निकाल लिया।
सुजाता नीचे बैठे गई और राजेश का land मुंह में भर कर चूसने लगी।
Land लोहे की रॉड की तरह सख्त हो गया।
अब राजेश ने सुजाता को मेज पर लिटा दिया।
उसकी पेंटी खींचकर निकाल दिया।
उसकी chut को चाटने चूसने लगा, जिससे सुजाता अत्यंत उत्तेजित होकर, सिसकने लगी उसकी chut से पानी झरने की तरह बहने लगी।
राजेश ने अपना land पकड़ा और सुजाता की दोनो टांग फैला कर बुर के छेद पर रख कर एक जोर का धक्का मारा।
एक ही झटके में land boor को फाड़कर सरसराता huwa आधे से ज्यादा अंदर चला गया।
सुजाता के मुंह से उई मां,, निकल गई।
राजेश सुजाता की दोनो चुचियों को मसल मसल कर अपना land सुजाता की बुर में gach gach पेलने लगा।
सुजाता के मुंह से मादक सिसकारी निकल कर कमरे में गूंजने लगा।
कुछ ही देर में land पूरा बुर में जड़ तक घुस कर अदंर बाहर होने लगा।
सुजाता स्वर्ग का सुख प्राप्त करने लगी।
राजेश इसी पोजीशन में सुजाता को कुछ समय तक दनादन चोदता रहा जब तक वह झड़ ना गई।
कुछ देर सुजाता मेज पर लेट कर सुस्ताने लगी फिर राजेश ने सुजाता की चेयर पर बैठ कर उसे अपने गोद पर बिठा कर उसकी होठ को चूसने एवम चुचियों से खेलने लगा।
सुजाता फिर गर्म हो गई तब राजेश ने सुजाता को थोड़ा उठाया और अपना land उसकी बुर में डाल दिया।
अब सुजाता राजेश के land पर उछल उछल कर चुदने लगी।
एक बार फिर से दोनों जन्नत में पहुंच गए, सुजाता की मादक सिसकारी कमरे में फिर से गूंजने लगीं।
कुछ देर में ही सुजाता फिर से झड़ने लगी।
सुजाता _राजेश अब बस करो, चलो कहीं घूमने चलते हैं बाकी वही कही करेंगे।
सुजाता और राजेश दोनों अपना कपड़ा ठीक कर आफिस से निकल गए।
राजेश और सुजाता दोनों कार से एकांत जगह की ओर जानें लगे जहां उसे देखने वाले कोई न हो।
इधर मौसम भी आज खराब था, रास्ते में बारिश शुरू हो गई। रास्ते मेंसुनसान जगह देखकर राजेश ने गाड़ी रोक दिया। दोनों एक दूसरे के आंखो में देखने लगे।
दोनों कार से बाहर निकल कर एक दूसरे की आंखो मे देखते हुए गीत गाने लगे।
आंखो से तुमने ये क्या कह दिया।
दिल ये दीवाना तड़फ ने लगा।
तन्हाई में हम मिले इस तरह बारिश में सोला भड़कने लगा ।
गाना खत्म होने के बाद दोनों कार में ही बैठ कर जी भर कर सेक्स किया।
और अंत में राजेश ने सुजाता की योनि में अपना सारा बीज छोड़ दिया।
दोनों कुछ देर सुस्ताने के बाद।
दोनों भीग चूके थे।
राजेश ने रास्ते में एक होटल देख गाड़ी रोक दिया और एक कमरा ले लिया, सुजाता कमरे में रुकी रही राजेश ने पास के शो रूम से सुजाता के लिए साड़ी ले आया और अपने लिए भी कपड़े खरीद लिए। उसे लेकर होटल में आया और राजेश और सुजाता दोनों अपने गीले कपड़े उतार दिया फिर दोनों एक दूसरे के भीगे बदन को देख कर फिर गर्म हो गए।
दोनों के बीच फिर से जमकर सेक्स हुआ।
राजेश ने खाने का आर्डर दिया। दोनों ने खाना खाया और कपड़े पहन कर वहा से चले गए।
राजेश जब घर पहुंचा काफी देर हो चुका था।
सुनिता _बेटा बडी देर कर दी आने में।
और ये किसका कपड़ा पहन आया, जाते समय तो दूसरा कपड़ा पहना था।
राजेश _हां मां, बारिश मे कपड़ा भीग गया था तो दोस्त ने अपना कपड़ा दे दिया, पहनने को।
राजेश अपने कमरे में जाकर फिर से पढ़ाई में लग गया।
अगले दीन राजेश जब सुबह उठा , वह सीधा किचन में गया।
और अपनी मां को पीछे से बाहों में भर कर बोला,,
गुड मॉर्निंग मां, शादी की सालगिरह मुबारक हो मां।
सुनिता _गुडमॉर्निंग बेटा, तुम्हें आज शालगिरह का दिन याद है।
राजेश _मां कैसे भुल सकता हूं, यह दिन।
मां आज तो पार्टी चहिए।
सुनिता _पार्टी अपने पापा से मांगना।
उनको तो समय ही नहीं मिल पाता, अपनी ड्यूटी से।
राजेश _मै आज पापा से बात करूंगा की आज जल्दी छुट्टी लेकर घर आ जाए फिर हम शाम को कही घूमने चलेंगे और किसी अच्छे से होटल में खाना खायेंगे।
पापा से कहूंगा की आज आप को नाराज नहीं करेंगे। आज रात आपकों जी भर कर प्यार भी करेंगे।
आज पापा को न मत कहना।
सुनीता शर्मा गई, चल हट बेशरम।
मां से गंदी बाते करता है।
राजेश _आज के दिन तो हर मर्द अपनी औरत को प्यार करता है न इसमें गंदा क्या है?
सुनीता _गंदा वो नही, गंदा ये है की तू अपनी मां से ये सब बोल रहा है।
सुनीता ने राजेश की कान खींचते हुए कहा,,
राजेश _मां छोड़ो न दर्द होता है।
अब नहीं बोलूंगा बस।
अब आया न लाइन पे,,
अच्छा मां मैं चलता हूं जिम के लिए,,
सुनीता _हू,, वैसे मुझे नही लगता की तुम्हारे पापा मुझे खुश कर पाएंगे,,
राजेश _मां आपने कुछ कहा,,
सुनीता _नही तो,,,
फिर राजेश सुनीता के पास जाकर उसके कानो पर कहा,,
मां, अगर पापा आपको खुश न कर पाए तो आप निराश न होना आपका बेटा है न आपको खुश करने के लिए,
सुनीता ने बेलन उठा कर राजेश को मारने लगीं,,
चल हट बदमाश,,
राजेश वहा से भाग गया।
Thanksबहुत ही जबरदस्त अपडेट ! एक दम कामुक अपडेट