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Incest यह क्या हुआ

rajesh bhagat

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अगले दिन भगत ने राजेश को काल किया,,
राजेश _बोलो भगत।
भगत _भाई कई पार्टी के लोग मुझसे संपर्क कर रहे हैं। मुझे अपने पार्टी में शामिल करना चाहते है, वे बडा पद का ऑफर भी कर रहे है। क्या करना चाहिए? आपसे सलाह लेना था।
राजेश _ठीक है भगत मै तुम्हारा घर पहुंचता हूं। वही डिसाइड करेंगे। की आगे क्या करना है?
भगत _ठीक है भाई मै आपका वेट कर रहा हूं।
राजेश घर में नाश्ता करने के बाद तैयार होकर घर से निकल रहा था कि सुनीता ने राजेश को कही जाते देखा।
सुनीता _बेटा कहा जा रहा है?
राजेश _मां, मै भगत से मिलने जा रहा हूं कुछ काम है।
सुनीता _लंच बनाऊंगी कि नही।
राजेश _फोन कर बताऊंगा मां।
सुनीता _ठीक है बेटा।
राजेश अपना बाइक लेकर भगत के घर पहुंच गया, कौशल्या देवी के घर जहां भगत किराया पर रहता था।
बाहर का गेट बन्द था, तो दरवाज़े का बेल बजाया।
कौशल्या देवी दरवाजा खोली।
कौशल्या देवी _अरे राजेश तुम, कितने दिन बाद आए हो।
राजेश _मां जी, भगत से मिलने आया था।
कौशल्या देवी _सिर्फ भगत से, मुझसे नही, मुझसे नाराज़ हो क्या? तुम तो अपनी आंटी को भूल ही गए।
राजेश _नही मां जी ऐसी कोई बात नही। आपको तो मैं हमेशा याद करता हूं।
कौशल्या देवी _चल झूठा कही का।
भगत ऊपर होगा।
तभी भगत भी नीचे आ गया।
भगत _भाई, आ गए, मै आप ही का वेट कर रहा था।
राजेश _हां, चलो ऊपर चल कर बात करते हैं।
दोनो उपर कमरे मे जाने लगते हैं।
कौशल्या देवी _मै कुछ बना दू क्या?
राजेश _मां जी, मै तो अभी नाश्ता करके आ रहा हूं। काफी बना देना।
कौशल्या देवी _ठीक है।
राजेश और भगत कमरे में पहुंचे।
राजेश _काफी दिन हो गया, सिगरेट पिए, रखा है क्या बे।
भगत _है न भाई।
भगत ने राजेश को सिगरेट निकालकर दिया।
लो भाई।
राजेश ने सिगरेट मुंह में लिया, भगत ने लाइटर से सिगरेट जलाया।
राजेश सिगरेट पीने लगा।
भगत _भाई कल होली है, कल तो जम कर मस्ती करेंगे।
सुना है रिया अपने फार्म हाउस में, कल होली का प्रोग्राम बनाया है। आपको पता है कि नही।
राजेश _हूं, बुलाई तो है, पर डिसाइड नही किया है, जाना है कि नही।
भगत _भाई, मुझे किस पार्टी को ज्वाइन करना चाहिए, इसके बारे में सोचा है।
राजेश _देखो भगत, जितने भी पुरानी और बडी पार्टी है, उसमे बड़े बड़े नेता लोग जुड़े हुए हैं।
अगर इन पार्टियों को ज्वाइन करोगे, तो ये लोग सिर्फ तुम्हारा इस्तमाल करेंगे।
जब सत्ता मिल जाएगी, तब बडा पद वो खुद ले लेंगे। और तुम्हें कहेंगे की, तुम अभी पार्टी में नए हो, तुम्हारे पास अभी काफी समय है।
यह कह कर शीर्ष नेतृत्व तुम्हें एक कार्यकर्ता या छोटा मोटा पद देकर ही संतुष्ट करने का प्रयास करेंगे।
और बड़े नेता तुम्हें आगे बड़ने नही देंगे।
भगत _तो भाई, क्या करना चाहिए?
राजेश _मै तो कहता हूं कि ऐसा पार्टी ज्वाइन करो, जो यहां के लिए नई हो। जिसमे कोई बडा नेता शामिल न हो।
वह पार्टी तुम्हारे मेहनत के दम पर आगे बड़े, जिससे पार्टी में तुम्हारी ही चले।
भले ही तुम्हें कुछ सालो तक संघर्ष करना पड़े।
भगत _भाई कुछ नई पार्टियां है जो इस राज्य में अपनी जमीन तलाश रही है वे किसी दमदार चहेरे की तलाश में है जो पार्टी को आगे ले जा सके।
मुझे कौन सी पार्टी ज्वाइन करना चाहिए।
राजेश _भगत, मैंने इस बारे में काफी सोचा, और मुझे तुम्हारे लिए आम गरीबों की पार्टी एजीकेपी अच्छा लगा।
उस पार्टी में कोई बडा नेता नही है, उसे एक बडा चहेरा की तलाश है। लोगो के मन में इस पार्टी के प्रति अच्छा रिस्पॉन्स दिखाई पड़ रहा है। क्या इस पार्टी वालो ने तुमसे संपर्क किया था।
भगत _भाई, इस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने मुझे काल किया था, उसने पार्टी के युवा मोर्चा का अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव दिया है।
राजेश _ये तो अच्छी बात है, तुम उनको हा कह दो।
भगत _ठीक है भाई।
मै अभी उन्हे काल कर पार्टी में शामिल होने की बात कह देता हूं।
भगत ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को काल किया।
शीर्ष नेतृत्व _बोलो भगत, क्या सोचें हो?हमारी पार्टी में शामिल होने के बारे में।
भगत _सर मै आपके पार्टी में शामिल होने के लिए तैयार हूं।
शीर्ष नेतृत्व _ये तो हमारी पार्टी के लिए खुशी की बात है।
देखो भगत इक सप्ताह बाद,हमारी पार्टी का वहा एक बडा समारोह होने वाला है। जिसमे मै उपस्थित रहूंगा। मेरी उपस्थिती में तुम्हें हमारी पार्टी में शामिल होने, सदस्यता की सपथ दिलाया जाएगा एवम युवा मोर्चा के अध्यक्ष चुना जाएगा।
मै राज्य के पार्टी अध्यक्ष को इस बारे में जानकारी दे दूंगा। वह तुमसे संपर्क में रहेगा और आगे की रणनीति से तुम्हें अवगत कराएगा।
भगत _ठीक है सर।
भगत ने इन सारी बातों की जानकारी राजेश को दिया।
राजेश _भगत अब तुम एक काम करो,तुम्हारे सोशल मीडिया पे जितने भी दोस्त एवम फालोवर्स है उन्हे इस बात की जानकारी दो की तुम agkp पार्टी ज्वाइन करने वाले हो।
साथ हो सभी दोस्तों को इस पार्टी का सदस्य बनने एवम उस दिन सबको उपस्थित होने को कहो।
भगत _ठीक है, भाई।
तभी कौशल्या देवी काफी लेकर आई।
कौशल्या Devi ने जैसे ही काफी का ट्रे राजेश की ओर बढ़ाया।
उसकी साड़ी का पल्लू गिर गया। उसकी बडी बडी चूचियां।राजेश के आंखो के सामने आ गया।
राजेश उसकी चूची को देखने लगा।
कौशल्या _क्या देख रहा है re
लगता है काफी नही दूध पीने का मन कर रहा है तेरा।
भगत _मां जी, भाई को दूध पिए काफी समय हो गया है आपका। थोड़ा दूध पिला दो।
कैशिल्या _पहले काफी पिलो, कुछ देर बाद एक और दूध पिलाने वाली आने वाली है। फिर दोनों मिलकर तुम दोनो को दूध पिलाएंगे।
राजेश _मां जी और किसको बुला लिया , आपने।
कौशल्या _भीमा की मां मालती को, राजेश घर आए तो बताना, कितने दिन हो गए, उनसे मिले।
भगत _मतलब होली के एक दिन पहले ही भाई के पिचकारी से रंग डलवाने का सुख मिलने वाला है।
कौशल्या _अब कल का तो पता नहीं,राजेश के पास हम लोगो के लिए समय होगा कि नही। इसलिए आज ही होली मना लेते हैं।
भगत _भाई, इन लोगो के साथ होली खेलकर आज इन लोगो की मनोकामना पूर्ण करो।
कल तो हमें दोस्तों के साथ होली खेलने के कारण समय नहीं मिलने वाला, इन लोगो के साथ होली खेलने का।
मां जी कुछ खाने का भी इंतजाम कर दीजिए।
खाली पेट होली मनाने में मजा नहीं आएगा।
कौशल्या _ठीक है। बस एक घंटे में सब तैयार हो जाएगा।
तब तक थोड़ा इन्तजार करिए। तब तक मालती भी आ जाएगी।
कौशल्या नीचे किचन में जाकर व्यंजन बनाने लगीं।
इधर राजेश और भगत, पार्टी में शामिल होने के बाद की कार्य योजना बनाने लगे।
इधर कुछ देर बाद मालती 4अन्य औरतों के साथ जो भीमा के दोस्तों की मां थी को लेकर कौशल्या देवी के घर पहुंचे।
सभी व्यंजन बनाने में कौशल्या देवी की मदद करने लगें।
मालती देवी _हाय, कितने दिनों बाद आज फिर सामूहिक chudai होगी। मुझे तो बहुत मज़ा आता है। सामूहिक chudai में।
कौशल्या देवी _सभी अपनी बुर की सफाई करके आई हो की नही।
मालती _सभी बुर को तैयार करके आई है।
कशिल्या देवी हसने लगी।
मालती _दीदी , घर में गुलाल है कि नही, आज राज के साथ होली खेलने के लिए।
कौशल्या _अरे गुलाल तो मंगाई हाई नही, अभी भगत को भेजती हूं दुकान से हर्बल गुलाल लेके आ जाए।
कौशल्या देवी ने भगत को काल किया और रंग लाने को कहा।
भगत दुकान से तीन चार रंगो का हर्बल गुलाल avm बियर का बोतल ले आया।

बाहर का गेट बन्द कर दिया गया।
राजेश को नीचे बुलाया गया।
बड़े से हाल में सभी लोग बैठे थे।
राजेश जब नीचे गया।
उसने देख सभी औरते सोफे पर बैठी है। राजेश को देखकर सभी मुस्कुराने लगे।
मालती _राजेश, तुम्हारी समस्या का समाधान हो जाने के बाद तो बिलकुल हमे भूल ही गए।
पर हम औरते जो मर्द हमको भा जाय उसे ता उम्र नही भूलते।
कितने दिन बाद, हम मिल रहे है।
राजेश _माफ करना, आंटी, कालेज में एक्जाम चल रहा था न, तो पढ़ाई पर ही फोकस कर रहा था।
मालती _वैसे, अच्छे दिन आए हो कल होली है। होली की अग्रिम शुभकामनाएं । आज कई संस्थानों में होली मना रहे हैं। तो क्यू न हम भी आज ही होली मनाले।
राजेश _भई यहां तो होली मनाने की सारा इंतजाम हो गया है, लग रहा है। अब सभी लोग की यही इच्छा है तो मैं रंग में भंग कैसे डाल दूं।
भगत कोई होली की म्यूजिक लगाओ।
सब नाचेंगे होली है भई।
कौशल्या खाने पीने की चीजे ले आई।
कौशल्या _पहले कुछ खा पी लो, तब नाचने और झूमने का मन बनेगा।
कौशल्या के पति, हलवाई था दुकान में होली के लिए भांग वाली मिठाई बनाया गया था। वह मिठाई घर में भी ला रखा था ताकि दोस्त यार जब घर आए तो होली इंजॉय कर सके।
कौशल्या को पता नही था की किस मिठाई में भांग मिला है।
वह मिठाई का डिब्बा फ्रिज से निकाल कर ले आई।
कौशल्या _चलो पहले सभी कुछ खा लो।
B

भगत ने होम थियेटर पर होली गीत लगा दिया।
भगत गिलास में सबके लिए बियर डाला फिर पीने को कहा।
कौशिल्या _ न बाबा, मैंने कभी नहीं पी है। मै नही पियूंगी।
भगत _मां जी, थोड़ा पीकर तो देखो, तभी तो झूमने का मन करेगा।
वैसे भी बियर में नशा होता कहा है।
लीजिए ना सभी, रंग तो तभी जमेगा।
राजेश _इसमें ज्यादा नशा नहीं होता। डरने की कोई बात नही।
मालती _दी, पहली बार ले के देखते हैं आखिर, पता तो चले, कैसा लगता है पीने के बाद।
कौशल्या _ठीक है, लाओ दो।
सभी महिलाएं बियर की गिलास लेकर पीने लगी।
और खाने का भी मज़ा लेने लगीं।
महिलाओं को थोड़ा थोड़ा नशा चढ़ने लगा।
भगत _क्यू मां जी, कुछ लगा क्या?
कौशल्या _नही re मुझे तो कुछ असर ही नहीं हो रहा।
भगत _एक एक गिलास और बना दू।
मालती _ठीक है, बना दे।
कौशल्या _अरे तुम लोगो ने तो मिठाई खाया ही नहीं।
लो पहले मिठाई तो खा लो।
राजेश के मुंह में कौशल्या ने मिठाई ठूस दिया।
कौशल्या _कैसा है?
राजेश _बडा अच्छा स्वाद है मिठाई का।
कौशल्या _तो और खा न ले।
दो फीस और खा लिया राजेश ने।
भगत ने भी दो फीस खाया।
उन्हे पता नही था कि उसमें भांग मिला है।

सभी ने खातेखाते एक एक गिलास और बियर पी लिया।
सभी को नशा चढ़ने लगा। वे गाने पे झूमने लगे।

सबको धीरे धीरे नशा चढ़ने लगा।
वे झूमने लगीं।
भगत _कैसा लग रहा है, आंटी?
मालती _मेरा तो झूमने का मन कर रहा है।
भगत _तो नाचो न।
सभी औरते नाचने लगे।
इधर राजेश को भांग का नशा चढ़ने लगा।
उसे ऐसा लगने लगा जैसे हवा में उड़ रहा है। साला ये क्या हो रहा है?

राजेश भी औरतों के साथ नाचने लगा।
औरतों के बदन में गालों में गुलाल लगाने लगा।
तभी कौशल्या का मस्ती सूझी वह मालती की साड़ी को पकड़ कर खींचने लगी, मालती गोल गोल घूमने लगी। वह सिर्फ पेटीकोट में रह गई।
उसके बाद मालती ने दूसरी औरत की साड़ी खींचने लगी। इस प्रकार सभी महिलाएं। सिर्फ पेटीकोट और साड़ी में रह गई।
उनकी हिलती हुई चूची को देखकर राजेश और भगत का land तन गया।
उन दोनो के उपर भांग का नशा भी चढ़ चुका था।
कौशल्या ने राजेश का शर्ट उतार दिया। मालती ने भगत का।
अन्य औरतों ने उसके पेंट निकाल दिया।
उसके अंडर वियर में तंबू बना देख। सभी औरते जोश में आकर और झूमने लगी।
राजेश और भगत भी मस्ती में आ गया।
भगत अब होम थियेटर पर अश्लील गाना चला दिया
गाना सुनकर सभी chudai के मूड में आ गए।
राजेश ने मालती को अपने ओर आने का इशारा किया।
मालती राजेश के पास आई।
राजेश जी भर के उसकी ओंठ कोमुंह में भर कर चूसा। फिर उसकी गालों रंग मला।
राजेश आगे बडा और उसकी चोली उतार दिया। उसकी दूदू को हाथो से मसल मसल कर खूब चूसा फिर उसमें भी रंग लगाया उसकी चोली उतार दिया।
मालती अब सिर्फ पेटीकोट में थी।

उसके बाद कौशल्या देवी को पास आने का इशारा किया।उसके भी ओंठ चूसा। गालों पर रंग लगाया। फिर चोली उतार कर दूदू को खुब मसला और चूसा। कौशल्या मादक सिसकारी लेने लगीं।
उसकी दूदू में रंग मला। फिर उसकी सपाट पेट को चूमा उसमे रंग लगाया।
इस प्रकार एक एक सभी औरतों की चोली उतार दिया।
सभी अपनी चूची मसल मसल कर राजेश और भगत को गंदा गंदा इशारा करते हुवे नाचने लगी।
राजेश और भगत दोनो जोश में थे उन दोनो पर भांग का नसा भी चढ़ गया था।
राजेश ने मालती को इशारा किया मालती उसके पास आई।
राजेश ने मालती की पेटीकोट का नाड़ा खींच दिया।
मालती पूरी नंगी हो गई।
क्यू की औरते ब्रा और पैंटी पहनकर नही आईथीं।
वे घर से ही चिकनी होकर बिना ब्रा और पेंटी के आई थी।
राजेश ने उसकी चूतड पर रंग लगाया। फिर उसकी बुर में उंगली डाल कर तेजी अदंर बाहर करने लगा।
मालती सिसकने लगी,, आह उई मां आई,,
उसके बाद मालती ने राजेश का अंडर वियर निकाल दिया, राजेश का मूसल देख सभी औरते अपनी बुर खुजाने लगीं सभी बियर के नसे में झूम रहे थे।
मालती राजेशका land मुंह में भर कर चूसने लगी।
इधर भगत मालती की बुर चाटने लगा।
Land की चुसाई से land और शख्त हो गया।
अब राजेश मालती के पीछे गया और अपना land उसकी बुर के छेद में रख कर gach से पेल दिया।
Land सरसराता huwa अदंर घुस गया।
राजेश भांग के नशे मे मालती के बुर को दनादन चोदने लगा। लन्ड मालती के बच्चे दानी को ठोकने लगा। मालती के मुंह से आह उह उई मां आह निकलने लगा।
राजेश तब तक चोदता रहा जब तक मालती झड़ नही गई।
उसके बाद राजेश ने कौशिल्य देवी को इशारा कर बुलाया।
उसकी पेटीकोट का नाड़ा खींचा। उसकी चूतड पर रंग मला।
कौशल्या देवी से अपना land chusaya ,
भगत उसकी बुर चाट रहा था।
फिर राजेश ने कौशील्य देवी की बुर की धज्जियां उड़ाने लगा।
एक एक कर के सभी औरतों को घोड़ी बनाकर गाने के धुन में जम कर चोदा और सब को एक एक बार झाड़ दिया।
इधर भगत न औरतों की गाड़ मारना सुरू कर दिया।
राजेश सोफे पर बैठ गया, और मालती को अपने land पर बैठने का इशारा किया, मालती राजेश के land पर बैठ गई।
राजेश मालती की चूतड उछाल उछाल कर चोदने लगा।
फिर भगत ने मालती की गाड़ में अपना land डाल दिया।
राजेश और भगत मालती की बुर और गाड़ की एक साथ chudai करने लगें।
इधर सभी औरते गाने में झूम रही थी।
मालती के फिर से झड़ने के बाद, दूसरी औरत की बुर और गाड़ में land डालकर चोदने लगा।
इस प्रकार एक एक कर सभी औरतों की बारी बारी बुर और गाड़ दोनों की एक साथ कुटाई करने लगा।
कमरे मे गाने के साथ साथ औरतों की आह उह की आवाज़ गूंज रहा था।
Chudai का यह सिलसिला तब तक चलता रहा जब तक राजेश और भगत झड़ नही गया।
सभी औरते चार बार झड़ चुकी थी।
सभी की बुर और गाड़ को चोद चोद कर सूजा दिया गया।
करीब दो घंटे तक यह खेल चला सभी थक कर सोफे पर लुड़क गए।
नशा भी उतर गया था।
घड़ी पर समय देखा तो 4बज चूके थे।
सभी बाथरुम में जाकर नहाए फिर अपने अपने कपडे पहन ने लगे।
यह होली सबके लिए यादगार बन गया था।
कुछ देर सुस्ताने के बाद, सभी औरते अपनी सूजी हुई chut लेकर अपने अपने घर चली गई।
राजेश _, अब मुझे भी निकलना होगा।
भगत _ठीक है भाई कल मिलते हैं फिर से रंग जमाने।
आज तो मज़ा ही आ गया।
कौशल्या देवी _मै काफी बना देती हूं, पी कर जाना।
राजेश _ठीक है मां जी।
 
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Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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अगले दिन भगत ने राजेश को काल किया,,
राजेश _बोलो भगत।
भगत _भाई कई पार्टी के लोग मुझसे संपर्क कर रहे हैं। मुझे अपने पार्टी में शामिल करना चाहते है, वे बडा पद का ऑफर भी कर रहे है। क्या करना चाहिए? आपसे सलाह लेना था।
राजेश _ठीक है भगत मै तुम्हारा घर पहुंचता हूं। वही डिसाइड करेंगे। की आगे क्या करना है?
भगत _ठीक है भाई मै आपका वेट कर रहा हूं।
राजेश घर में नाश्ता करने के बाद तैयार होकर घर से निकल रहा था कि सुनीता ने राजेश को कही जाते देखा।
सुनीता _बेटा कहा जा रहा है?
राजेश _मां, मै भगत से मिलने जा रहा हूं कुछ काम है।
सुनीता _लंच बनाऊंगी कि नही।
राजेश _फोन कर बताऊंगा मां।
सुनीता _ठीक है बेटा।
राजेश अपना बाइक लेकर भगत के घर पहुंच गया, कौशल्या देवी के घर जहां भगत किराया पर रहता था।
बाहर का गेट बन्द था, तो दरवाज़े का बेल बजाया।
कौशल्या देवी दरवाजा खोली।
कौशल्या देवी _अरे राजेश तुम, कितने दिन बाद आए हो।
राजेश _मां जी, भगत से मिलने आया था।
कौशल्या देवी _सिर्फ भगत से, मुझसे नही, मुझसे नाराज़ हो क्या? तुम तो अपनी आंटी को भूल ही गए।
राजेश _नही मां जी ऐसी कोई बात नही। आपको तो मैं हमेशा याद करता हूं।
कौशल्या देवी _चल झूठा कही का।
भगत ऊपर होगा।
तभी भगत भी नीचे आ गया।
भगत _भाई, आ गए, मै आप ही का वेट कर रहा था।
राजेश _हां, चलो ऊपर चल कर बात करते हैं।
दोनो उपर कमरे मे जाने लगते हैं।
कौशल्या देवी _मै कुछ बना दू क्या?
राजेश _मां जी, मै तो अभी नाश्ता करके आ रहा हूं। काफी बना देना।
कौशल्या देवी _ठीक है।
राजेश और भगत कमरे में पहुंचे।
राजेश _काफी दिन हो गया, सिगरेट पिए, रखा है क्या बे।
भगत _है न भाई।
भगत ने राजेश को सिगरेट निकालकर दिया।
लो भाई।
राजेश ने सिगरेट मुंह में लिया, भगत ने लाइटर से सिगरेट जलाया।
राजेश सिगरेट पीने लगा।
भगत _भाई कल होली है, कल तो जम कर मस्ती करेंगे।
सुना है रिया अपने फार्म हाउस में, कल होली का प्रोग्राम बनाया है। आपको पता है कि नही।
राजेश _हूं, बुलाई तो है, पर डिसाइड नही किया है, जाना है कि नही।
भगत _भाई, मुझे किस पार्टी को ज्वाइन करना चाहिए, इसके बारे में सोचा है।
राजेश _देखो भगत, जितने भी पुरानी और बडी पार्टी है, उसमे बड़े बड़े नेता लोग जुड़े हुए हैं।
अगर इन पार्टियों को ज्वाइन करोगे, तो ये लोग सिर्फ तुम्हारा इस्तमाल करेंगे।
जब सत्ता मिल जाएगी, तब बडा पद वो खुद ले लेंगे। और तुम्हें कहेंगे की, तुम अभी पार्टी में नए हो, तुम्हारे पास अभी काफी समय है।
यह कह कर शीर्ष नेतृत्व तुम्हें एक कार्यकर्ता या छोटा मोटा पद देकर ही संतुष्ट करने का प्रयास करेंगे।
और बड़े नेता तुम्हें आगे बड़ने नही देंगे।
भगत _तो भाई, क्या करना चाहिए?
राजेश _मै तो कहता हूं कि ऐसा पार्टी ज्वाइन करो, जो यहां के लिए नई हो। जिसमे कोई बडा नेता शामिल न हो।
वह पार्टी तुम्हारे मेहनत के दम पर आगे बड़े, जिससे पार्टी में तुम्हारी ही चले।
भले ही तुम्हें कुछ सालो तक संघर्ष करना पड़े।
भगत _भाई कुछ नई पार्टियां है जो इस राज्य में अपनी जमीन तलाश रही है वे किसी दमदार चहेरे की तलाश में है जो पार्टी को आगे ले जा सके।
मुझे कौन सी पार्टी ज्वाइन करना चाहिए।
राजेश _भगत, मैंने इस बारे में काफी सोचा, और मुझे तुम्हारे लिए आम गरीबों की पार्टी एजीकेपी अच्छा लगा।
उस पार्टी में कोई बडा नेता नही है, उसे एक बडा चहेरा की तलाश है। लोगो के मन में इस पार्टी के प्रति अच्छा रिस्पॉन्स दिखाई पड़ रहा है। क्या इस पार्टी वालो ने तुमसे संपर्क किया था।
भगत _भाई, इस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने मुझे काल किया था, उसने पार्टी के युवा मोर्चा का अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव दिया है।
राजेश _ये तो अच्छी बात है, तुम उनको हा कह दो।
भगत _ठीक है भाई।
मै अभी उन्हे काल कर पार्टी में शामिल होने की बात कह देता हूं।
भगत ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को काल किया।
शीर्ष नेतृत्व _बोलो भगत, क्या सोचें हो?हमारी पार्टी में शामिल होने के बारे में।
भगत _सर मै आपके पार्टी में शामिल होने के लिए तैयार हूं।
शीर्ष नेतृत्व _ये तो हमारी पार्टी के लिए खुशी की बात है।
देखो भगत इक सप्ताह बाद,हमारी पार्टी का वहा एक बडा समारोह होने वाला है। जिसमे मै उपस्थित रहूंगा। मेरी उपस्थिती में तुम्हें हमारी पार्टी में शामिल होने, सदस्यता की सपथ दिलाया जाएगा एवम युवा मोर्चा के अध्यक्ष चुना जाएगा।
मै राज्य के पार्टी अध्यक्ष को इस बारे में जानकारी दे दूंगा। वह तुमसे संपर्क में रहेगा और आगे की रणनीति से तुम्हें अवगत कराएगा।
भगत _ठीक है सर।
भगत ने इन सारी बातों की जानकारी राजेश को दिया।
राजेश _भगत अब तुम एक काम करो,तुम्हारे सोशल मीडिया पे जितने भी दोस्त एवम फालोवर्स है उन्हे इस बात की जानकारी दो की तुम agkp पार्टी ज्वाइन करने वाले हो।
साथ हो सभी दोस्तों को इस पार्टी का सदस्य बनने एवम उस दिन सबको उपस्थित होने को कहो।
भगत _ठीक है, भाई।
तभी कौशल्या देवी काफी लेकर आई।
कौशल्या Devi ने जैसे ही काफी का ट्रे राजेश की ओर बढ़ाया।
उसकी साड़ी का पल्लू गिर गया। उसकी बडी बडी चूचियां।राजेश के आंखो के सामने आ गया।
राजेश उसकी चूची को देखने लगा।
कौशल्या _क्या देख रहा है re
लगता है काफी नही दूध पीने का मन कर रहा है तेरा।
भगत _मां जी, भाई को दूध पिए काफी समय हो गया है आपका। थोड़ा दूध पिला दो।
कैशिल्या _पहले काफी पिलो, कुछ देर बाद एक और दूध पिलाने वाली आने वाली है। फिर दोनों मिलकर तुम दोनो को दूध पिलाएंगे।
राजेश _मां जी और किसको बुला लिया , आपने।
कौशल्या _भीमा की मां मालती को, राजेश घर आए तो बताना, कितने दिन हो गए, उनसे मिले।
भगत _मतलब होली के एक दिन पहले ही भाई के पिचकारी से रंग डलवाने का सुख मिलने वाला है।
कौशल्या _अब कल का तो पता नहीं,राजेश के पास हम लोगो के लिए समय होगा कि नही। इसलिए आज ही होली मना लेते हैं।
भगत _भाई, इन लोगो के साथ होली खेलकर आज इन लोगो की मनोकामना पूर्ण करो।
कल तो हमें दोस्तों के साथ होली खेलने के कारण समय नहीं मिलने वाला, इन लोगो के साथ होली खेलने का।
मां जी कुछ खाने का भी इंतजाम कर दीजिए।
खाली पेट होली मनाने में मजा नहीं आएगा।
कौशल्या _ठीक है। बस एक घंटे में सब तैयार हो जाएगा।
तब तक थोड़ा इन्तजार करिए। तब तक मालती भी आ जाएगी।
कौशल्या नीचे किचन में जाकर व्यंजन बनाने लगीं।
इधर राजेश और भगत, पार्टी में शामिल होने के बाद की कार्य योजना बनाने लगे।
इधर कुछ देर बाद मालती 4अन्य औरतों के साथ जो भीमा के दोस्तों की मां थी को लेकर कौशल्या देवी के घर पहुंचे।
सभी व्यंजन बनाने में कौशल्या देवी की मदद करने लगें।
मालती देवी _हाय, कितने दिनों बाद आज फिर सामूहिक chudai होगी। मुझे तो बहुत मज़ा आता है। सामूहिक chudai में।
कौशल्या देवी _सभी अपनी बुर की सफाई करके आई हो की नही।
मालती _सभी बुर को तैयार करके आई है।
कशिल्या देवी हसने लगी।
मालती _दीदी , घर में गुलाल है कि नही, आज राज के साथ होली खेलने के लिए।
कौशल्या _अरे गुलाल तो मंगाई हाई नही, अभी भगत को भेजती हूं दुकान से हर्बल गुलाल लेके आ जाए।
कौशल्या देवी ने भगत को काल किया और रंग लाने को कहा।
भगत दुकान से तीन चार रंगो का हर्बल गुलाल avm बियर का बोतल ले आया।

बाहर का गेट बन्द कर दिया गया।
राजेश को नीचे बुलाया गया।
बड़े से हाल में सभी लोग बैठे थे।
राजेश जब नीचे गया।
उसने देख सभी औरते सोफे पर बैठी है। राजेश को देखकर सभी मुस्कुराने लगे।
मालती _राजेश, तुम्हारी समस्या का समाधान हो जाने के बाद तो बिलकुल हमे भूल ही गए।
पर हम औरते जो मर्द हमको भा जाय उसे ता उम्र नही भूलते।
कितने दिन बाद, हम मिल रहे है।
राजेश _माफ करना, आंटी, कालेज में एक्जाम चल रहा था न, तो पढ़ाई पर ही फोकस कर रहा था।
मालती _वैसे, अच्छे दिन आए हो कल होली है। होली की अग्रिम शुभकामनाएं । आज कई संस्थानों में होली मना रहे हैं। तो क्यू न हम भी आज ही होली मनाले।
राजेश _भई यहां तो होली मनाने की सारा इंतजाम हो गया है, लग रहा है। अब सभी लोग की यही इच्छा है तो मैं रंग में भंग कैसे डाल दूं।
भगत कोई होली की म्यूजिक लगाओ।
सब नाचेंगे होली है भई।
कौशल्या खाने पीने की चीजे ले आई।
कौशल्या _पहले कुछ खा पी लो, तब नाचने और झूमने का मन बनेगा।
कौशल्या के पति, हलवाई था दुकान में होली के लिए भांग वाली मिठाई बनाया गया था। वह मिठाई घर में भी ला रखा था ताकि दोस्त यार जब घर आए तो होली इंजॉय कर सके।
कौशल्या को पता नही था की किस मिठाई में भांग मिला है।
वह मिठाई का डिब्बा फ्रिज से निकाल कर ले आई।
कौशल्या _चलो पहले सभी कुछ खा लो।
B

भगत ने होम थियेटर पर होली गीत लगा दिया।
भगत गिलास में सबके लिए बियर डाला फिर पीने को कहा।
कौशिल्या _ न बाबा, मैंने कभी नहीं पी है। मै नही पियूंगी।
भगत _मां जी, थोड़ा पीकर तो देखो, तभी तो झूमने का मन करेगा।
वैसे भी बियर में नशा होता कहा है।
लीजिए ना सभी, रंग तो तभी जमेगा।
राजेश _इसमें ज्यादा नशा नहीं होता। डरने की कोई बात नही।
मालती _दी, पहली बार ले के देखते हैं आखिर, पता तो चले, कैसा लगता है पीने के बाद।
कौशल्या _ठीक है, लाओ दो।
सभी महिलाएं बियर की गिलास लेकर पीने लगी।
और खाने का भी मज़ा लेने लगीं।
महिलाओं को थोड़ा थोड़ा नशा चढ़ने लगा।
भगत _क्यू मां जी, कुछ लगा क्या?
कौशल्या _नही re मुझे तो कुछ असर ही नहीं हो रहा।
भगत _एक एक गिलास और बना दू।
मालती _ठीक है, बना दे।
कौशल्या _अरे तुम लोगो ने तो मिठाई खाया ही नहीं।
लो पहले मिठाई तो खा लो।
राजेश के मुंह में कौशल्या ने मिठाई ठूस दिया।
कौशल्या _कैसा है?
राजेश _बडा अच्छा स्वाद है मिठाई का।
कौशल्या _तो और खा न ले।
दो फीस और खा लिया राजेश ने।
भगत ने भी दो फीस खाया।
उन्हे पता नही था कि उसमें भांग मिला है।

सभी ने खातेखाते एक एक गिलास और बियर पी लिया।
सभी को नशा चढ़ने लगा। वे गाने पे झूमने लगे।

सबको धीरे धीरे नशा चढ़ने लगा।
वे झूमने लगीं।
भगत _कैसा लग रहा है, आंटी?
मालती _मेरा तो झूमने का मन कर रहा है।
भगत _तो नाचो न।
सभी औरते नाचने लगे।
इधर राजेश को भांग का नशा चढ़ने लगा।
उसे ऐसा लगने लगा जैसे हवा में उड़ रहा है। साला ये क्या हो रहा है?

राजेश भी औरतों के साथ नाचने लगा।
औरतों के बदन में गालों में गुलाल लगाने लगा।
तभी कौशल्या का मस्ती सूझी वह मालती की साड़ी को पकड़ कर खींचने लगी, मालती गोल गोल घूमने लगी। वह सिर्फ पेटीकोट में रह गई।
उसके बाद मालती ने दूसरी औरत की साड़ी खींचने लगी। इस प्रकार सभी महिलाएं। सिर्फ पेटीकोट और साड़ी में रह गई।
उनकी हिलती हुई चूची को देखकर राजेश और भगत का land तन गया।
उन दोनो के उपर भांग का नशा भी चढ़ चुका था।
कौशल्या ने राजेश का शर्ट उतार दिया। मालती ने भगत का।
अन्य औरतों ने उसके पेंट निकाल दिया।
उसके अंडर वियर में तंबू बना देख। सभी औरते जोश में आकर और झूमने लगी।
राजेश और भगत भी मस्ती में आ गया।
भगत अब होम थियेटर पर अश्लील गाना चला दिया
गाना सुनकर सभी chudai के मूड में आ गए।
राजेश ने मालती को अपने ओर आने का इशारा किया।
मालती राजेश के पास आई।
राजेश जी भर के उसकी ओंठ कोमुंह में भर कर चूसा। फिर उसकी गालों रंग मला।
राजेश आगे बडा और उसकी चोली उतार दिया। उसकी दूदू को हाथो से मसल मसल कर खूब चूसा फिर उसमें भी रंग लगाया उसकी चोली उतार दिया।
मालती अब सिर्फ पेटीकोट में थी।

उसके बाद कौशल्या देवी को पास आने का इशारा किया।उसके भी ओंठ चूसा। गालों पर रंग लगाया। फिर चोली उतार कर दूदू को खुब मसला और चूसा। कौशल्या मादक सिसकारी लेने लगीं।
उसकी दूदू में रंग मला। फिर उसकी सपाट पेट को चूमा उसमे रंग लगाया।
इस प्रकार एक एक सभी औरतों की चोली उतार दिया।
सभी अपनी चूची मसल मसल कर राजेश और भगत को गंदा गंदा इशारा करते हुवे नाचने लगी।
राजेश और भगत दोनो जोश में थे उन दोनो पर भांग का नसा भी चढ़ गया था।
राजेश ने मालती को इशारा किया मालती उसके पास आई।
राजेश ने मालती की पेटीकोट का नाड़ा खींच दिया।
मालती पूरी नंगी हो गई।
क्यू की औरते ब्रा और पैंटी पहनकर नही आईथीं।
वे घर से ही चिकनी होकर बिना ब्रा और पेंटी के आई थी।
राजेश ने उसकी चूतड पर रंग लगाया। फिर उसकी बुर में उंगली डाल कर तेजी अदंर बाहर करने लगा।
मालती सिसकने लगी,, आह उई मां आई,,
उसके बाद मालती ने राजेश का अंडर वियर निकाल दिया, राजेश का मूसल देख सभी औरते अपनी बुर खुजाने लगीं सभी बियर के नसे में झूम रहे थे।
मालती राजेशका land मुंह में भर कर चूसने लगी।
इधर भगत मालती की बुर चाटने लगा।
Land की चुसाई से land और शख्त हो गया।
अब राजेश मालती के पीछे गया और अपना land उसकी बुर के छेद में रख कर gach से पेल दिया।
Land सरसराता huwa अदंर घुस गया।
राजेश भांग के नशे मे मालती के बुर को दनादन चोदने लगा। लन्ड मालती के बच्चे दानी को ठोकने लगा। मालती के मुंह से आह उह उई मां आह निकलने लगा।
राजेश तब तक चोदता रहा जब तक मालती झड़ नही गई।
उसके बाद राजेश ने कौशिल्य देवी को इशारा कर बुलाया।
उसकी पेटीकोट का नाड़ा खींचा। उसकी चूतड पर रंग मला।
कौशल्या देवी से अपना land chusaya ,
भगत उसकी बुर चाट रहा था।
फिर राजेश ने कौशील्य देवी की बुर की धज्जियां उड़ाने लगा।
एक एक कर के सभी औरतों को घोड़ी बनाकर गाने के धुन में जम कर चोदा और सब को एक एक बार झाड़ दिया।
इधर भगत न औरतों की गाड़ मारना सुरू कर दिया।
राजेश सोफे पर बैठ गया, और मालती को अपने land पर बैठने का इशारा किया, मालती राजेश के land पर बैठ गई।
राजेश मालती की चूतड उछाल उछाल कर चोदने लगा।
फिर भगत ने मालती की गाड़ में अपना land डाल दिया।
राजेश और भगत मालती की बुर और गाड़ की एक साथ chudai करने लगें।
इधर सभी औरते गाने में झूम रही थी।
मालती के फिर से झड़ने के बाद, दूसरी औरत की बुर और गाड़ में land डालकर चोदने लगा।
इस प्रकार एक एक कर सभी औरतों की बारी बारी बुर और गाड़ दोनों की एक साथ कुटाई करने लगा।
कमरे मे गाने के साथ साथ औरतों की आह उह की आवाज़ गूंज रहा था।
Chudai का यह सिलसिला तब तक चलता रहा जब तक राजेश और भगत झड़ नही गया।
सभी औरते चार बार झड़ चुकी थी।
सभी की बुर और गाड़ को चोद चोद कर सूजा दिया गया।
करीब दो घंटे तक यह खेल चला सभी थक कर सोफे पर लुड़क गए।
नशा भी उतर गया था।
घड़ी पर समय देखा तो 4बज चूके थे।
सभी बाथरुम में जाकर नहाए फिर अपने अपने कपडे पहन ने लगे।
यह होली सबके लिए यादगार बन गया था।
कुछ देर सुस्ताने के बाद, सभी औरते अपनी सूजी हुई chut लेकर अपने अपने घर चली गई।
राजेश _, अब मुझे भी निकलना होगा।
भगत _ठीक है भाई कल मिलते हैं फिर से रंग जमाने।
आज तो मज़ा ही आ गया।
कौशल्या देवी _मै काफी बना देती हूं, पी कर जाना।
राजेश _ठीक है मां जी।
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Dono yar khoob dhmal machha diya 😃 😃
 

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अगले दिन भगत ने राजेश को काल किया,,
राजेश _बोलो भगत।
भगत _भाई कई पार्टी के लोग मुझसे संपर्क कर रहे हैं। मुझे अपने पार्टी में शामिल करना चाहते है, वे बडा पद का ऑफर भी कर रहे है। क्या करना चाहिए? आपसे सलाह लेना था।
राजेश _ठीक है भगत मै तुम्हारा घर पहुंचता हूं। वही डिसाइड करेंगे। की आगे क्या करना है?
भगत _ठीक है भाई मै आपका वेट कर रहा हूं।
राजेश घर में नाश्ता करने के बाद तैयार होकर घर से निकल रहा था कि सुनीता ने राजेश को कही जाते देखा।
सुनीता _बेटा कहा जा रहा है?
राजेश _मां, मै भगत से मिलने जा रहा हूं कुछ काम है।
सुनीता _लंच बनाऊंगी कि नही।
राजेश _फोन कर बताऊंगा मां।
सुनीता _ठीक है बेटा।
राजेश अपना बाइक लेकर भगत के घर पहुंच गया, कौशल्या देवी के घर जहां भगत किराया पर रहता था।
बाहर का गेट बन्द था, तो दरवाज़े का बेल बजाया।
कौशल्या देवी दरवाजा खोली।
कौशल्या देवी _अरे राजेश तुम, कितने दिन बाद आए हो।
राजेश _मां जी, भगत से मिलने आया था।
कौशल्या देवी _सिर्फ भगत से, मुझसे नही, मुझसे नाराज़ हो क्या? तुम तो अपनी आंटी को भूल ही गए।
राजेश _नही मां जी ऐसी कोई बात नही। आपको तो मैं हमेशा याद करता हूं।
कौशल्या देवी _चल झूठा कही का।
भगत ऊपर होगा।
तभी भगत भी नीचे आ गया।
भगत _भाई, आ गए, मै आप ही का वेट कर रहा था।
राजेश _हां, चलो ऊपर चल कर बात करते हैं।
दोनो उपर कमरे मे जाने लगते हैं।
कौशल्या देवी _मै कुछ बना दू क्या?
राजेश _मां जी, मै तो अभी नाश्ता करके आ रहा हूं। काफी बना देना।
कौशल्या देवी _ठीक है।
राजेश और भगत कमरे में पहुंचे।
राजेश _काफी दिन हो गया, सिगरेट पिए, रखा है क्या बे।
भगत _है न भाई।
भगत ने राजेश को सिगरेट निकालकर दिया।
लो भाई।
राजेश ने सिगरेट मुंह में लिया, भगत ने लाइटर से सिगरेट जलाया।
राजेश सिगरेट पीने लगा।
भगत _भाई कल होली है, कल तो जम कर मस्ती करेंगे।
सुना है रिया अपने फार्म हाउस में, कल होली का प्रोग्राम बनाया है। आपको पता है कि नही।
राजेश _हूं, बुलाई तो है, पर डिसाइड नही किया है, जाना है कि नही।
भगत _भाई, मुझे किस पार्टी को ज्वाइन करना चाहिए, इसके बारे में सोचा है।
राजेश _देखो भगत, जितने भी पुरानी और बडी पार्टी है, उसमे बड़े बड़े नेता लोग जुड़े हुए हैं।
अगर इन पार्टियों को ज्वाइन करोगे, तो ये लोग सिर्फ तुम्हारा इस्तमाल करेंगे।
जब सत्ता मिल जाएगी, तब बडा पद वो खुद ले लेंगे। और तुम्हें कहेंगे की, तुम अभी पार्टी में नए हो, तुम्हारे पास अभी काफी समय है।
यह कह कर शीर्ष नेतृत्व तुम्हें एक कार्यकर्ता या छोटा मोटा पद देकर ही संतुष्ट करने का प्रयास करेंगे।
और बड़े नेता तुम्हें आगे बड़ने नही देंगे।
भगत _तो भाई, क्या करना चाहिए?
राजेश _मै तो कहता हूं कि ऐसा पार्टी ज्वाइन करो, जो यहां के लिए नई हो। जिसमे कोई बडा नेता शामिल न हो।
वह पार्टी तुम्हारे मेहनत के दम पर आगे बड़े, जिससे पार्टी में तुम्हारी ही चले।
भले ही तुम्हें कुछ सालो तक संघर्ष करना पड़े।
भगत _भाई कुछ नई पार्टियां है जो इस राज्य में अपनी जमीन तलाश रही है वे किसी दमदार चहेरे की तलाश में है जो पार्टी को आगे ले जा सके।
मुझे कौन सी पार्टी ज्वाइन करना चाहिए।
राजेश _भगत, मैंने इस बारे में काफी सोचा, और मुझे तुम्हारे लिए आम गरीबों की पार्टी एजीकेपी अच्छा लगा।
उस पार्टी में कोई बडा नेता नही है, उसे एक बडा चहेरा की तलाश है। लोगो के मन में इस पार्टी के प्रति अच्छा रिस्पॉन्स दिखाई पड़ रहा है। क्या इस पार्टी वालो ने तुमसे संपर्क किया था।
भगत _भाई, इस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने मुझे काल किया था, उसने पार्टी के युवा मोर्चा का अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव दिया है।
राजेश _ये तो अच्छी बात है, तुम उनको हा कह दो।
भगत _ठीक है भाई।
मै अभी उन्हे काल कर पार्टी में शामिल होने की बात कह देता हूं।
भगत ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को काल किया।
शीर्ष नेतृत्व _बोलो भगत, क्या सोचें हो?हमारी पार्टी में शामिल होने के बारे में।
भगत _सर मै आपके पार्टी में शामिल होने के लिए तैयार हूं।
शीर्ष नेतृत्व _ये तो हमारी पार्टी के लिए खुशी की बात है।
देखो भगत इक सप्ताह बाद,हमारी पार्टी का वहा एक बडा समारोह होने वाला है। जिसमे मै उपस्थित रहूंगा। मेरी उपस्थिती में तुम्हें हमारी पार्टी में शामिल होने, सदस्यता की सपथ दिलाया जाएगा एवम युवा मोर्चा के अध्यक्ष चुना जाएगा।
मै राज्य के पार्टी अध्यक्ष को इस बारे में जानकारी दे दूंगा। वह तुमसे संपर्क में रहेगा और आगे की रणनीति से तुम्हें अवगत कराएगा।
भगत _ठीक है सर।
भगत ने इन सारी बातों की जानकारी राजेश को दिया।
राजेश _भगत अब तुम एक काम करो,तुम्हारे सोशल मीडिया पे जितने भी दोस्त एवम फालोवर्स है उन्हे इस बात की जानकारी दो की तुम agkp पार्टी ज्वाइन करने वाले हो।
साथ हो सभी दोस्तों को इस पार्टी का सदस्य बनने एवम उस दिन सबको उपस्थित होने को कहो।
भगत _ठीक है, भाई।
तभी कौशल्या देवी काफी लेकर आई।
कौशल्या Devi ने जैसे ही काफी का ट्रे राजेश की ओर बढ़ाया।
उसकी साड़ी का पल्लू गिर गया। उसकी बडी बडी चूचियां।राजेश के आंखो के सामने आ गया।
राजेश उसकी चूची को देखने लगा।
कौशल्या _क्या देख रहा है re
लगता है काफी नही दूध पीने का मन कर रहा है तेरा।
भगत _मां जी, भाई को दूध पिए काफी समय हो गया है आपका। थोड़ा दूध पिला दो।
कैशिल्या _पहले काफी पिलो, कुछ देर बाद एक और दूध पिलाने वाली आने वाली है। फिर दोनों मिलकर तुम दोनो को दूध पिलाएंगे।
राजेश _मां जी और किसको बुला लिया , आपने।
कौशल्या _भीमा की मां मालती को, राजेश घर आए तो बताना, कितने दिन हो गए, उनसे मिले।
भगत _मतलब होली के एक दिन पहले ही भाई के पिचकारी से रंग डलवाने का सुख मिलने वाला है।
कौशल्या _अब कल का तो पता नहीं,राजेश के पास हम लोगो के लिए समय होगा कि नही। इसलिए आज ही होली मना लेते हैं।
भगत _भाई, इन लोगो के साथ होली खेलकर आज इन लोगो की मनोकामना पूर्ण करो।
कल तो हमें दोस्तों के साथ होली खेलने के कारण समय नहीं मिलने वाला, इन लोगो के साथ होली खेलने का।
मां जी कुछ खाने का भी इंतजाम कर दीजिए।
खाली पेट होली मनाने में मजा नहीं आएगा।
कौशल्या _ठीक है। बस एक घंटे में सब तैयार हो जाएगा।
तब तक थोड़ा इन्तजार करिए। तब तक मालती भी आ जाएगी।
कौशल्या नीचे किचन में जाकर व्यंजन बनाने लगीं।
इधर राजेश और भगत, पार्टी में शामिल होने के बाद की कार्य योजना बनाने लगे।
इधर कुछ देर बाद मालती 4अन्य औरतों के साथ जो भीमा के दोस्तों की मां थी को लेकर कौशल्या देवी के घर पहुंचे।
सभी व्यंजन बनाने में कौशल्या देवी की मदद करने लगें।
मालती देवी _हाय, कितने दिनों बाद आज फिर सामूहिक chudai होगी। मुझे तो बहुत मज़ा आता है। सामूहिक chudai में।
कौशल्या देवी _सभी अपनी बुर की सफाई करके आई हो की नही।
मालती _सभी बुर को तैयार करके आई है।
कशिल्या देवी हसने लगी।
मालती _दीदी , घर में गुलाल है कि नही, आज राज के साथ होली खेलने के लिए।
कौशल्या _अरे गुलाल तो मंगाई हाई नही, अभी भगत को भेजती हूं दुकान से हर्बल गुलाल लेके आ जाए।
कौशल्या देवी ने भगत को काल किया और रंग लाने को कहा।
भगत दुकान से तीन चार रंगो का हर्बल गुलाल avm बियर का बोतल ले आया।

बाहर का गेट बन्द कर दिया गया।
राजेश को नीचे बुलाया गया।
बड़े से हाल में सभी लोग बैठे थे।
राजेश जब नीचे गया।
उसने देख सभी औरते सोफे पर बैठी है। राजेश को देखकर सभी मुस्कुराने लगे।
मालती _राजेश, तुम्हारी समस्या का समाधान हो जाने के बाद तो बिलकुल हमे भूल ही गए।
पर हम औरते जो मर्द हमको भा जाय उसे ता उम्र नही भूलते।
कितने दिन बाद, हम मिल रहे है।
राजेश _माफ करना, आंटी, कालेज में एक्जाम चल रहा था न, तो पढ़ाई पर ही फोकस कर रहा था।
मालती _वैसे, अच्छे दिन आए हो कल होली है। होली की अग्रिम शुभकामनाएं । आज कई संस्थानों में होली मना रहे हैं। तो क्यू न हम भी आज ही होली मनाले।
राजेश _भई यहां तो होली मनाने की सारा इंतजाम हो गया है, लग रहा है। अब सभी लोग की यही इच्छा है तो मैं रंग में भंग कैसे डाल दूं।
भगत कोई होली की म्यूजिक लगाओ।
सब नाचेंगे होली है भई।
कौशल्या खाने पीने की चीजे ले आई।
कौशल्या _पहले कुछ खा पी लो, तब नाचने और झूमने का मन बनेगा।
कौशल्या के पति, हलवाई था दुकान में होली के लिए भांग वाली मिठाई बनाया गया था। वह मिठाई घर में भी ला रखा था ताकि दोस्त यार जब घर आए तो होली इंजॉय कर सके।
कौशल्या को पता नही था की किस मिठाई में भांग मिला है।
वह मिठाई का डिब्बा फ्रिज से निकाल कर ले आई।
कौशल्या _चलो पहले सभी कुछ खा लो।
B

भगत ने होम थियेटर पर होली गीत लगा दिया।
भगत गिलास में सबके लिए बियर डाला फिर पीने को कहा।
कौशिल्या _ न बाबा, मैंने कभी नहीं पी है। मै नही पियूंगी।
भगत _मां जी, थोड़ा पीकर तो देखो, तभी तो झूमने का मन करेगा।
वैसे भी बियर में नशा होता कहा है।
लीजिए ना सभी, रंग तो तभी जमेगा।
राजेश _इसमें ज्यादा नशा नहीं होता। डरने की कोई बात नही।
मालती _दी, पहली बार ले के देखते हैं आखिर, पता तो चले, कैसा लगता है पीने के बाद।
कौशल्या _ठीक है, लाओ दो।
सभी महिलाएं बियर की गिलास लेकर पीने लगी।
और खाने का भी मज़ा लेने लगीं।
महिलाओं को थोड़ा थोड़ा नशा चढ़ने लगा।
भगत _क्यू मां जी, कुछ लगा क्या?
कौशल्या _नही re मुझे तो कुछ असर ही नहीं हो रहा।
भगत _एक एक गिलास और बना दू।
मालती _ठीक है, बना दे।
कौशल्या _अरे तुम लोगो ने तो मिठाई खाया ही नहीं।
लो पहले मिठाई तो खा लो।
राजेश के मुंह में कौशल्या ने मिठाई ठूस दिया।
कौशल्या _कैसा है?
राजेश _बडा अच्छा स्वाद है मिठाई का।
कौशल्या _तो और खा न ले।
दो फीस और खा लिया राजेश ने।
भगत ने भी दो फीस खाया।
उन्हे पता नही था कि उसमें भांग मिला है।

सभी ने खातेखाते एक एक गिलास और बियर पी लिया।
सभी को नशा चढ़ने लगा। वे गाने पे झूमने लगे।

सबको धीरे धीरे नशा चढ़ने लगा।
वे झूमने लगीं।
भगत _कैसा लग रहा है, आंटी?
मालती _मेरा तो झूमने का मन कर रहा है।
भगत _तो नाचो न।
सभी औरते नाचने लगे।
इधर राजेश को भांग का नशा चढ़ने लगा।
उसे ऐसा लगने लगा जैसे हवा में उड़ रहा है। साला ये क्या हो रहा है?

राजेश भी औरतों के साथ नाचने लगा।
औरतों के बदन में गालों में गुलाल लगाने लगा।
तभी कौशल्या का मस्ती सूझी वह मालती की साड़ी को पकड़ कर खींचने लगी, मालती गोल गोल घूमने लगी। वह सिर्फ पेटीकोट में रह गई।
उसके बाद मालती ने दूसरी औरत की साड़ी खींचने लगी। इस प्रकार सभी महिलाएं। सिर्फ पेटीकोट और साड़ी में रह गई।
उनकी हिलती हुई चूची को देखकर राजेश और भगत का land तन गया।
उन दोनो के उपर भांग का नशा भी चढ़ चुका था।
कौशल्या ने राजेश का शर्ट उतार दिया। मालती ने भगत का।
अन्य औरतों ने उसके पेंट निकाल दिया।
उसके अंडर वियर में तंबू बना देख। सभी औरते जोश में आकर और झूमने लगी।
राजेश और भगत भी मस्ती में आ गया।
भगत अब होम थियेटर पर अश्लील गाना चला दिया
गाना सुनकर सभी chudai के मूड में आ गए।
राजेश ने मालती को अपने ओर आने का इशारा किया।
मालती राजेश के पास आई।
राजेश जी भर के उसकी ओंठ कोमुंह में भर कर चूसा। फिर उसकी गालों रंग मला।
राजेश आगे बडा और उसकी चोली उतार दिया। उसकी दूदू को हाथो से मसल मसल कर खूब चूसा फिर उसमें भी रंग लगाया उसकी चोली उतार दिया।
मालती अब सिर्फ पेटीकोट में थी।

उसके बाद कौशल्या देवी को पास आने का इशारा किया।उसके भी ओंठ चूसा। गालों पर रंग लगाया। फिर चोली उतार कर दूदू को खुब मसला और चूसा। कौशल्या मादक सिसकारी लेने लगीं।
उसकी दूदू में रंग मला। फिर उसकी सपाट पेट को चूमा उसमे रंग लगाया।
इस प्रकार एक एक सभी औरतों की चोली उतार दिया।
सभी अपनी चूची मसल मसल कर राजेश और भगत को गंदा गंदा इशारा करते हुवे नाचने लगी।
राजेश और भगत दोनो जोश में थे उन दोनो पर भांग का नसा भी चढ़ गया था।
राजेश ने मालती को इशारा किया मालती उसके पास आई।
राजेश ने मालती की पेटीकोट का नाड़ा खींच दिया।
मालती पूरी नंगी हो गई।
क्यू की औरते ब्रा और पैंटी पहनकर नही आईथीं।
वे घर से ही चिकनी होकर बिना ब्रा और पेंटी के आई थी।
राजेश ने उसकी चूतड पर रंग लगाया। फिर उसकी बुर में उंगली डाल कर तेजी अदंर बाहर करने लगा।
मालती सिसकने लगी,, आह उई मां आई,,
उसके बाद मालती ने राजेश का अंडर वियर निकाल दिया, राजेश का मूसल देख सभी औरते अपनी बुर खुजाने लगीं सभी बियर के नसे में झूम रहे थे।
मालती राजेशका land मुंह में भर कर चूसने लगी।
इधर भगत मालती की बुर चाटने लगा।
Land की चुसाई से land और शख्त हो गया।
अब राजेश मालती के पीछे गया और अपना land उसकी बुर के छेद में रख कर gach से पेल दिया।
Land सरसराता huwa अदंर घुस गया।
राजेश भांग के नशे मे मालती के बुर को दनादन चोदने लगा। लन्ड मालती के बच्चे दानी को ठोकने लगा। मालती के मुंह से आह उह उई मां आह निकलने लगा।
राजेश तब तक चोदता रहा जब तक मालती झड़ नही गई।
उसके बाद राजेश ने कौशिल्य देवी को इशारा कर बुलाया।
उसकी पेटीकोट का नाड़ा खींचा। उसकी चूतड पर रंग मला।
कौशल्या देवी से अपना land chusaya ,
भगत उसकी बुर चाट रहा था।
फिर राजेश ने कौशील्य देवी की बुर की धज्जियां उड़ाने लगा।
एक एक कर के सभी औरतों को घोड़ी बनाकर गाने के धुन में जम कर चोदा और सब को एक एक बार झाड़ दिया।
इधर भगत न औरतों की गाड़ मारना सुरू कर दिया।
राजेश सोफे पर बैठ गया, और मालती को अपने land पर बैठने का इशारा किया, मालती राजेश के land पर बैठ गई।
राजेश मालती की चूतड उछाल उछाल कर चोदने लगा।
फिर भगत ने मालती की गाड़ में अपना land डाल दिया।
राजेश और भगत मालती की बुर और गाड़ की एक साथ chudai करने लगें।
इधर सभी औरते गाने में झूम रही थी।
मालती के फिर से झड़ने के बाद, दूसरी औरत की बुर और गाड़ में land डालकर चोदने लगा।
इस प्रकार एक एक कर सभी औरतों की बारी बारी बुर और गाड़ दोनों की एक साथ कुटाई करने लगा।
कमरे मे गाने के साथ साथ औरतों की आह उह की आवाज़ गूंज रहा था।
Chudai का यह सिलसिला तब तक चलता रहा जब तक राजेश और भगत झड़ नही गया।
सभी औरते चार बार झड़ चुकी थी।
सभी की बुर और गाड़ को चोद चोद कर सूजा दिया गया।
करीब दो घंटे तक यह खेल चला सभी थक कर सोफे पर लुड़क गए।
नशा भी उतर गया था।
घड़ी पर समय देखा तो 4बज चूके थे।
सभी बाथरुम में जाकर नहाए फिर अपने अपने कपडे पहन ने लगे।
यह होली सबके लिए यादगार बन गया था।
कुछ देर सुस्ताने के बाद, सभी औरते अपनी सूजी हुई chut लेकर अपने अपने घर चली गई।
राजेश _, अब मुझे भी निकलना होगा।
भगत _ठीक है भाई कल मिलते हैं फिर से रंग जमाने।
आज तो मज़ा ही आ गया।
कौशल्या देवी _मै काफी बना देती हूं, पी कर जाना।
राजेश _ठीक है मां जी।
Shandaar update
Ab dekhte hai riya holi ke din kya साजिश karti hai .. kya rajesh usko phele hi jaan payega. ..... intzaar rehega
 
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