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Incest यह क्या हुआ

Iron Man

Try and fail. But never give up trying
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राजेश एयरपोर्ट के पास दुखी मन से विचारमग्न होकर पेड़ के नीचे बैठा था। तभी भगत एयर पोर्ट पहुंचा। वह राजेश का बाइक देखा, पर राजेश कही नजर नहीं आ रहा था। उसने राजेश को काल किया, राजेश ने काल नही उठाया।
उसे ध्यान ही नहीं रहा की मोबाइल की रिंग बज रही है। भगत ने राजेशको एयरपोर्ट केअंदर काफी ढूंढा , , राजेश नजर नहीं आया तो उसने एयर पोर्ट के आस पास ढूंढा। राजेश को उसने पेड़ के नीचे बैठा पाया।
वह राजेश के पास गया।
भगत _भाई आप यहां हैं मैने कहा कहा नही ढूंढा आपको।
राजेश गुमसुम सा बैठा था।
भगत _भाई, निशा जी से मिले,,,
राजेश _निशा जी, चली गई भगत,, दुखी मन से कहा,,,
भगत _भाई आपने रोकने की कोशिश नही की।
राजेश _मै उसकी नजरों में गिर चुका हूं भगत किस मुंह से उसे रुकने के लिए कहता।
भगत _भाई आप दुखी मत हो, निशा जी जरूर वापस आयेगी।
राजेश _नही भगत, अब वह वापस नहीं आएगी। अब मुझसे नफरत करती है। उसके दिल में मेरे लिए कोई जगह नही।
राजेश _तुम जाओ भगत मुझे अकेला छोड़ दो।
भगत _नही भाई मै, आपको अकेला नहीं छोड़ सकता। चलो आप मेरे साथ।
भगत कार में आया था जो पार्टी वालो ने उसके आने जाने के लिए दिया था।
वह राजेश को लेकर अपने निवास स्थान पर ले गया।
राजेश को अपने बेड रूम में ले गया।
राजेश बेड में लेट कर पुनः विचारो में डूब गया।
भगत _भाई सुबह से आप कुछ खाए नही होगे, मैने नाश्ता मंगाया है। चलो नाश्ता करलो।

राजेश _नही भगत, मेरा कुछ खाने का मन नही है, तुम खालों।


इधर जब काफी समय हो जाने के बाद भी राजेश घर नही लौटा तो सुनीता को चिंता होने लगी।
उसने राजेश को काल किया।

भगत _भाई मां जी का काल है।
राजेश _मां से कह दो की मै तुम्हारे साथ हूं, मै बाद में घर आऊंगा।
भगत _मां जी मै भगत बोल रहा हूं। राजेश भाई मेरे साथ है, वह बाद में घर पहुंचे गा।
सुनीता _बेटा, राजेश कहा है, वह बात क्यू नही कर रहा।
भगत को समझ नही आ रहा था क्या बोले तभी उसने बहाना बनाया,,
भगत _राजेश बाई बाथरुम में हैं मा जी।
सुनीता _ठीक है भगत, राजेश से कहना जल्दी घर आ जाए।
भगत _ठीक है मां जी।

इधर कालेज केअधिकांश छात्र छात्राओं को पता चल गया कि निशा हमेशा के लिए लंदन चली गई।
यह बात स्वीटी को उसकी सहेलियों ने फोन पर बताई।
स्वीटी को जब पता चला तो वह अपने मां की कमरे की ओर गई। सुनीता इस समय आराम कर रही थी।और सोच में डूबी हुई थी कि आखिर राजेश उदास क्यू रहता है।
स्वीटी जब सुनीता के कमरे में पहुंची।
सुनीता _बेटा , तुम मेरे कमरे मे, कुछ काम था क्या?
स्वीटी _मां, मुझे पता चल गया कि भईया आज कल उदास क्यू रहतेहै?
सुनीता _क्या, तुम्हे पता चल गया, राजेश के उदासी का कारण।
स्वीटी _हां मां।
सुनीता _बताओ, क्या बात है?
स्वीटी _निशा, हमेशा के लिए लंदन चली गई।
सहेलियों ने बताया की भईया और निशा के बिच कुछ विवाद huwa हैं।
सुनीता _क्या? हे भगवान , आखिर वही huwa जिसका मुझे डर था। मैने राजेश को मना किया था की अमीर घर की लडकियों से दूर रहें। वह माना नही। पता नही मेरे बेटे पर क्या बीत रही होगी? पिछले कुछ दिनों से मेरे बेटे ने हंसना भूल गया है।
सुनीता रोने लगी।
स्वीटी _मां भईया, कहा है मुझे उसकी चिंता हो रही है।
सुनीता _बेटा, अभी लगाया था उसको काल, भगत ने फोन उठाया था। वह बता रहा था कि राजेश उसके साथ है। सुनीता सुबकते हुए बोली।
बेटा तुम फोन लगाकर राजेश से बात करो उसे जल्दी घर आने के लिए कहो।
Switi ने राजेश को काल किया।
भगत _भाई स्वीटी का काल है।
बात करलो।
राजेश ने फोन उठाया।
स्वीटी _भईया, आप कहा है? सहेलियां बता रही थी की निशा हमेशा के लिए लंदन चली गई।
मां परेशान है, तुमको लेकर आप जल्दी घर आ जाओ।
राजेश _छोटी मै ठीक हू, मां से कहना मेरी चिंता न करे। मै घर आ जाऊंगा।
राजेश ने दुखी मन से कहा।
स्वीटी _ठीक है भैया।
इधर सुनीता बहुत चिंतित थी।
शाम हो चुका था।राजेश अभी भी घर नही पंहुचा था।
सुनीता की चिंता और बड़ गई।
उसने प्रिया को फोन किया।
प्रिया इस समय हॉस्पिटल में थी।
प्रिया _प्रमाण बुवा।
सुनीता _जीती रह बेटा।
घर मे सब कैसे है?
प्रिया _सब अच्छे है बुआ। वहा सब कैसा है?
सुनीता _अब क्या बताऊं बेटा तुम्हे? मै राजेश को लेकर चिंतित हूं। सुनीता सुबकने लगी।
प्रिया _क्या huwa राजेश को बुआ सब ठीक तो है न।
सुनीता _बेटा कुछ दिनों से राजेश उदास रहता है। गुमसुम सा रहता है। आज पता चला कि निशा और उसके बीच कुछ कहासुनी हो गई है और आज निशा हमेशा के लिए लंदन चली गई।
राजेश सुबह से अभी तक घर नहीं लौटा?
प्रिया _क्या? निशा हमेशा के लिए लंदन चली गई। ये कैसे हो सकता है? वो तो राजेश से बहुत प्यार करती थीं।
इतना कुछ हो गया और राजेश ने मुझे कुछ बताया नही।
सुनीता _वो तो हमें भी अब तक कुछ बताया नही है। स्वीटी के दोस्तो ने बताया तब पता चला।
प्रिया _हे भगवान, राजेश पर क्या गुजर रहा होगा।
सुनीता _मुझे बडी चिंता हो रही है बेटा,
सुनीता सुबकते हुई बोली।
प्रिया _बुआ तुम चिन्ता न करो मै अभी पहुंचती हूं।

प्रिया हॉस्पिटल से सीधा राजेश के घर के लिए निकल गई।
घर पहुंचने के बाद।
सुनीता ने दरवाजा खोला।
सुनीता _आओ प्रिया।
सुनीता सुबकते हुवे प्रिया के गले लग गई।
स्वीटी भी वही खड़ी थी उसकी आंखो में भी आंसू थे।
प्रिया _बुआ आप लोग चिन्ता न करो सब ठीक हो जाएगा।
प्रिया ने राजेश को काल किया।
राजेश ने काल रिसीव किया।
प्रिया _कहा है re, मुझे सब पता चल गया है। तुम कहा हो। घर वाले सब परेशान हैं। हम लोग भगत के निवास स्थान पहूंच रहे हैं।
राजेश _नही दी आप लोग यहां मत आओ, मै घर आ रहा हूं।
प्रिय_ठीक है भगत को फोन दो।
भगत _हां दी बोलो।
प्रिया _देखो, राजेश की स्थिति अभी ठीक नहीं होगा। उसे अकेले घर आने मत देना। तुम राजेश को लेकर आओ।
भगत _ठीक है दी।
भगत राजेश को लेकर अपने कार में घर के लिए निकल गया। उसका बाइक अपने दोस्तो घर छोड़ने बोल दिया।
कुछ समय में ही वे घर पहुंच गए।
घर पहुंचने पर राजेश के चहरे की उदासी देखकर, सभी भावुक हो गए।
सुनीता _बेटा, मैने तुमसे कहा था न, अमीर घर की लडकियों से दूर रहने के लिए। आखिर छोड़ कर चली गई।
मेरे बेटे की मुस्कुराहट छीनकर।
सुनीता सुबकने लगी।
प्रिया _राजेश ये सब क्या हो गया? ये कैसे huwa ?
बताओ राजेश, खामोश क्यू हो बताओ,,,
भगत _दी भाई क्या बतायेगा? मै बताता हूं, ये सब किसके कारण huwa है।
राजेश ने भगत को रोक दिया, नही,,,
राजेश _ गीत गाने लगा,,,,
ये क्या huwa? कैसे huwa?

गाना खत्म होने के बाद।
प्रिया ने राजेश को समझाया की, राजेश तुम दुखी न हो मुझे पूरा यकीन है एक दिन निशा जरूर वापस आयेगी।
राजेश को प्रिया ने अपने हाथो से खाना खिलाया। राजेश कहता रहा कि मुझे भुख नही है पर उसने कहा की अगर तुम नही खाओगे तो कोई भी खाना नही खायेगा।
क्या तुम चाहते हो कि तुम्हारे कारण सभी भूखे रहे
राजेश _नही दी।
प्रिया _तो फिर, आज मै अपने भाई को अपने हाथो से खाना खिलाऊंगी।
प्रिया ने राजेश को खाना खिलाया फिर उसे उसके कमरे में आराम करने के लिए ले गया और उसे समझाया कि तुम्हे उदास देखकर तुम्हारे मां पापा और बहन पर क्या गुजरती होगी?
क्या तुम सबको दुखी देखना चाहते हो?
राजेश _नही दी, मै नही चाहता कि मेरे कारण मेरे परिवार वाले दुखी रहे।
प्रिया _फिर जो हो गया उसे भूलने की कोशिश करो और घर वालो के बारे में भी सोचो।
राजेश _ठीक है दी।
प्रिया _अच्छा भाई, मै चलता हूं। पिंकी मेरी राह देख रही होगी?
राजेश _ठीक है दी।

इधर निशा लंदन पहुंच चुकी थी उसे एयरपोर्ट पर लेने के लिए उसकी बुआ और फूफा जी पहुंचे थे।
निशा ने जब अपनी बुआ लक्ष्मी देवी और फूफा प्रीतम सिंह से मिली।
निशा ने और सीमा दोनो का पैर छूकर प्रणाम किया।
लक्ष्मी देवी _कैसी है मेरी बच्ची। उसने निशा को गले लगा लिया।
मुझे सुजाता ने सब बता दिया हैं। बेटा तुम दुखी मत हो सब ठीक है जायेगा।
चलो घर चलो।
चारो घर चलें गए।
घर जाने के बाद।
लक्ष्मी देवी _निशा बेटा देख लो कौन सा कमरा तुम लोगों को पसंद है नौकरों से मदद लेकर अपना अपना सामान वहा जमा दो।
निशा _बुवा हम दोनों अलग अलग कमरे मे नही रहेंगे। एक ही कमरे मे रहेंगे।
लक्ष्मी देवी _ठीक है बेटा ये तुम्हारा ही घर है जैसे रहो।
खाने के लिए जब बोली तो निशा ने कहा
निशा _बुवा आज भूख नहीं लग रही। सीमा जाओ तुम खा लो,

सीमा _नही सीमा, मै अकेली नही खाऊँगी। मुझे भी भूख नहीं।
लक्ष्मी देवी_देखो बेटा, जो हूवा उसे भूलने में समय तो लगेगा। भूखे रहने से सब ठीक तो नही हो जायेगा।
चलो थोडा खा पता नही सुबह से तुम लोग कुछ खाए भी हो की नही।
बुवा और सीमा के जिद करने पर निशा भोजन के लिए डाइनिंग टेबल पर पहुंची।
लक्ष्मी देवी _बेटा मुझे सुजाता ने सब बता दिया है कि तुमको खाने में क्या पसंद है। तुम्हारे पसन्द की सारी चीजे बनी है।
प्रीतम सिंह _निशा बेटा, तुम खाने पीने में संकोच न करो। ये घर तुम्हारा ही है।
सच तो यह है की विशाल भईया और सुजाता भाभी ने अगर हमारी बिजनेस में मदद नहीं किया होता तो मैं किसी कंपनी में नौकरी कर रहा होता जो कुछ भी है सब विशाल भईया की वजह से है यहां की सब कुछ को अपना ही समझो।
अगर किसी प्रकार की दिक्कत हो तो मुझे बताना।
निशा _ठीक है फूफा जी।
निशा थोडा सा भोजन की अपनी बुआ की बात रखने के लिए।
रात में निशा और सीमा दोनो बेड पर सोने की कोशिश करने लगे। उन्हे नींद नहीं आ रही थी।
सीमा ने निशा से कहा,,
सीमा _क्यू? नींद नहीं आ रही है? राजेश के बारे में सोच रही हो न।
निशा _नही, मै उसे क्यू याद करुंगी? रंडीबाज को।
सीमा _फिर क्या सोच रही हो?
निशा _अपनी मॉम और डैड, पता नही वे कैसे होंगे?
सीमा _तुम खुश रहोगी तो वे भी वहा अच्छे से रहेंगे।
दोनो सोने की कोशिश करने लगे पर सो नही पाए।

इधर राजेश सुबह उठने के बाद खुद को घर वालो के सामने खुश दिखाने की कोशिश करता।
जिम जाता।
और आईएएस की तैयारी करता।
शाम के समय वह नदी किनारे जाकर समय बिताता।

इधर निशा ने अपने फूफा जी से कहा,,
निशा _फूफा जी मुझे आपसे कुछ बात करनी थीं।
प्रीतम सिंह _बोलो बेटा,
निशा _अगर आपको दिक्कत न हो तो हम भी आपके ऑफिस जायेंगे। पढाई के साथ बिजनेस के बारे में भी सीखना चाहती हूं। दिन भर आखिर हम यहां करेंगे क्या?
प्रीतम _बेटा ये तो बडी अच्छी बात है। जैसे तुम लोग चाहो। चलो आज से ही मेरे साथ मेरे काम में हाथ बटाना।
निशा और सीमा दोनो ऑफिस चले गए। सब कुछ भूलने की कोशिश करने लगे।
कुछ दिन बाद रिया ने राजेश को फोन किया,,,
राजेश ने फोन नही उठाया,,
रिया राजेश का घर गई। पता चला राजेश घर पर नहीं है।
कही बाहर टहलने गया है।
दोस्तो से पता कराने पर पता चला की राजेश शाम के समय नदी की ओर टहलने जाता है।
वह नदी की ओर चली गई।
इधर उधर ढूंढने के बाद रिया को राजेश नदी किनारे बैठा मिला।
रिया _राजेश तुम यहां हो मैने तुम्हे कहा कहा नही ढूढा। तुम मेरा काल भी रिसीव नहीं करते।

राजेश _रिया तुम यहां क्या करने आई हो? जो तुम चाहती थी, वो तो हो गया। तुम अपनी चाल में कामयाब हो गई। अभी और कुछ बाकी रह गया है?
रिया, राजेश के पाव में गिर गई।
राजेश मुझे माफ कर दो।
मै नही जानती थीं की बात इतनी बिगड़ जाएगी।
मै सोंची नही थी कि निशा और तुम्हारे बीच दूरियां इतनी बड़ जाएगी।
मै निशा को सब सच बता दूंगी, कि मैने तुम्हे अपनी जाल में कैसे फसाया? मै अभी निशा के काल करती हूं।
राजेश _नही रिया, ऐसा करने की जरूरत नहीं। क्यू कि मैं निशा को धोखे में नही रख सकता। क्यू की सच तो यही है कि मेरे कई औरतों से संबंध है।
एक दिन निशा जी को यह सच्चाई पता चलना ही था।
रिया _राजेश, मुझे माफ कर दो, प्लीज।
रिया राजेश की पैर पकड़ कर माफी मांगने लगीं।
राजेश _जाओ रिया मैने तुम्हे माफ किया?
रिया _राजेश मेरे मॉम डैड ने मेरी शादी अपने दोस्त के बेटे से तय कर दी है। कल मेरी सगाई है।
राजेश अगर कल तुम मेरे सगाई पर आए तो मैं समझूंगी की तुमने मुझे माफ कर दिया है।

रिया वहा से चली गईं।
रात में सुजाता राजेश के कमरे में यह देखने आई की राजेश सोया है कि नही,,
सुनीता _बेटा तुम अभी तक सोए नही।
निशा को भुल जाओ बेटे। मेरे बेटे को निशा से भी अच्छी लड़की मिलेगी देखना।
राजेश _नही मां, निशा जी मेरी अच्छी दोस्त थी। जब मैं निराश होता था टू हमेशा मेरा हौसला बढ़ाती थी आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा देती थीं। वह एक सच्ची दोस्त थी मां।
सुनीता _अब बिता समय वापस तो नही आ सकता बेटा। पुरानी बातो को भुल कर हमे एक नई सिरे से सोचना चाहिए।
राजेश _हां मां मै पुरानी यादों को ही भूलने की कोशिश कर रहा हूं।
सुजाता _रात बहुंत हो गई है बेटा अब सो जाओ।
सुजाता राजेश के सिर को अपने गोद पर रख कर सुलाने की कोशिश करने लगी।
अगले दिन रिया की सगाई थी सगाई की पार्टी में उनके सारे दोस्त रिश्तेदार समय पर पहुंच चूके थे।
शहर के सारे बड़े बिजनेस मैन और उद्योग पतियों को आमंत्रित किया गया था।
रिया की सगाई में सुजाता और रीता भी आई थी।
रिया को राजेश का आने का इंतजार था।
वह बार बार दरवाज़े को ओर देख रही थीं और दोस्तो को पुछ रही थी की राजेश आया की नही।
काफी समय हो गया तब रिया को लगा की राजेश नही आयेगा। वह निराश हो गई।
अंगूठी का रस्म पूरा करने ही वाली थी की उसकी सहेलियों ने बताई की राज आ गया।
राजेश और भगत अपने दोस्तो के साथ पहुंच चुका था।
रिया बहुँत खुश हो गई।
वह राजेश की ओर देखी और आंखो हो आंखो में उसे शुक्रिया कहा।
अंगूठी की रश्म पूरा होने के बाद सभी ने रिया और उसके होने वाले पति को बधाई दिया।

सुजाता वहा मौजूद थीं। रीता ने राजेश को देखकर उसके पास गईं।
रीता _कैसे हो राज?
राजेश _ठीक हूं मैम।
रीता _निशा के बारे में सुनी बडा दुख huwa

संगीत का कार्यक्रम शुरू huwa,
रिया ने राजेश को खुशी के मौके पर गीत गाने के लिए मंच पर आमंत्रित किया।
सभी दोस्तो राज राज चिल्लाने लगे।
राजेश मंच पर गया और माइक से बोला,,,
राजेश _दोस्तो जब किसी का दिल टूटा huwa हो और उससे खुशी के मौके पर गीत गाने के लिए कहा जाए,,,
तो गीत गाने वाले की दिल का दर्द मुंह से बाहर आ ही जाता है। ऐसे खुशी के मौके पर अपने दिल की दर्द बया कर मैं आज इस खुशी की माहौल को खराब नही करना चाहता इसलिए मुझे क्षमा कीजिए।
मै गीत नही गा पाऊंगा।

सभी दोस्त उदास हो गए।
तभी रिया बोली _
राजेश तुम्हारा दिल जो कहे वो सुनाओ हम सबको अच्छा लगेगा,,,
सभी दोस्त राज राज चिल्लाना शुरू कर दिया,,,
इधर सीमा के दोस्त ने सीमा को फोन कर बता दिया की राज रिया की सगाई में आया huwa है।
उनके दोस्त गीत गाने के लिए जिद कर रहे हैं।
सीमा ने अपनी सहेली से वीडियो कालिंग कर सब दिखाने कह दी कि पार्टी में क्या हो रहा है।
वह अपनी मोबाइल से सब देखने लगी।
तभी निशा कमरे में पहुंची।
सीमा मोबाइल पर क्या देख रही है में तुम्हे कब से आवाज़ दे रही हूं?
मै भी तो देखूं?
निशा ने सीमा से मोबाइल छीनकर देखने लगी।
इधर राजेश _माइक पर बोला,
दोस्तो मेरी गलती की वजह से मेरी सच्ची दोस्त मुझसे रूठ कर दूर चली गई है। पता नही वह कभी वापस आयेगी भी की नही। लेकीन मुझे पता है मैं उसे कभी नहीं भुल पाऊंगा। मै यह गीत उसकी याद में सुनाने जा रहा हूं,,,
राजेश ने गाना शुरू किया,,,
इधर निशा की दिल की धड़कन बढ़ गई थी,,
राजेश ने गाना शुरू किया,,
ओ साथी re तेरे बिना भी क्या जीना

Shaandar jabardast Romanchak Lovely Update 🔥
 

Ajju Landwalia

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राजेश एयरपोर्ट के पास दुखी मन से विचारमग्न होकर पेड़ के नीचे बैठा था। तभी भगत एयर पोर्ट पहुंचा। वह राजेश का बाइक देखा, पर राजेश कही नजर नहीं आ रहा था। उसने राजेश को काल किया, राजेश ने काल नही उठाया।
उसे ध्यान ही नहीं रहा की मोबाइल की रिंग बज रही है। भगत ने राजेशको एयरपोर्ट केअंदर काफी ढूंढा , , राजेश नजर नहीं आया तो उसने एयर पोर्ट के आस पास ढूंढा। राजेश को उसने पेड़ के नीचे बैठा पाया।
वह राजेश के पास गया।
भगत _भाई आप यहां हैं मैने कहा कहा नही ढूंढा आपको।
राजेश गुमसुम सा बैठा था।
भगत _भाई, निशा जी से मिले,,,
राजेश _निशा जी, चली गई भगत,, दुखी मन से कहा,,,
भगत _भाई आपने रोकने की कोशिश नही की।
राजेश _मै उसकी नजरों में गिर चुका हूं भगत किस मुंह से उसे रुकने के लिए कहता।
भगत _भाई आप दुखी मत हो, निशा जी जरूर वापस आयेगी।
राजेश _नही भगत, अब वह वापस नहीं आएगी। अब मुझसे नफरत करती है। उसके दिल में मेरे लिए कोई जगह नही।
राजेश _तुम जाओ भगत मुझे अकेला छोड़ दो।
भगत _नही भाई मै, आपको अकेला नहीं छोड़ सकता। चलो आप मेरे साथ।
भगत कार में आया था जो पार्टी वालो ने उसके आने जाने के लिए दिया था।
वह राजेश को लेकर अपने निवास स्थान पर ले गया।
राजेश को अपने बेड रूम में ले गया।
राजेश बेड में लेट कर पुनः विचारो में डूब गया।
भगत _भाई सुबह से आप कुछ खाए नही होगे, मैने नाश्ता मंगाया है। चलो नाश्ता करलो।

राजेश _नही भगत, मेरा कुछ खाने का मन नही है, तुम खालों।


इधर जब काफी समय हो जाने के बाद भी राजेश घर नही लौटा तो सुनीता को चिंता होने लगी।
उसने राजेश को काल किया।

भगत _भाई मां जी का काल है।
राजेश _मां से कह दो की मै तुम्हारे साथ हूं, मै बाद में घर आऊंगा।
भगत _मां जी मै भगत बोल रहा हूं। राजेश भाई मेरे साथ है, वह बाद में घर पहुंचे गा।
सुनीता _बेटा, राजेश कहा है, वह बात क्यू नही कर रहा।
भगत को समझ नही आ रहा था क्या बोले तभी उसने बहाना बनाया,,
भगत _राजेश बाई बाथरुम में हैं मा जी।
सुनीता _ठीक है भगत, राजेश से कहना जल्दी घर आ जाए।
भगत _ठीक है मां जी।

इधर कालेज केअधिकांश छात्र छात्राओं को पता चल गया कि निशा हमेशा के लिए लंदन चली गई।
यह बात स्वीटी को उसकी सहेलियों ने फोन पर बताई।
स्वीटी को जब पता चला तो वह अपने मां की कमरे की ओर गई। सुनीता इस समय आराम कर रही थी।और सोच में डूबी हुई थी कि आखिर राजेश उदास क्यू रहता है।
स्वीटी जब सुनीता के कमरे में पहुंची।
सुनीता _बेटा , तुम मेरे कमरे मे, कुछ काम था क्या?
स्वीटी _मां, मुझे पता चल गया कि भईया आज कल उदास क्यू रहतेहै?
सुनीता _क्या, तुम्हे पता चल गया, राजेश के उदासी का कारण।
स्वीटी _हां मां।
सुनीता _बताओ, क्या बात है?
स्वीटी _निशा, हमेशा के लिए लंदन चली गई।
सहेलियों ने बताया की भईया और निशा के बिच कुछ विवाद huwa हैं।
सुनीता _क्या? हे भगवान , आखिर वही huwa जिसका मुझे डर था। मैने राजेश को मना किया था की अमीर घर की लडकियों से दूर रहें। वह माना नही। पता नही मेरे बेटे पर क्या बीत रही होगी? पिछले कुछ दिनों से मेरे बेटे ने हंसना भूल गया है।
सुनीता रोने लगी।
स्वीटी _मां भईया, कहा है मुझे उसकी चिंता हो रही है।
सुनीता _बेटा, अभी लगाया था उसको काल, भगत ने फोन उठाया था। वह बता रहा था कि राजेश उसके साथ है। सुनीता सुबकते हुए बोली।
बेटा तुम फोन लगाकर राजेश से बात करो उसे जल्दी घर आने के लिए कहो।
Switi ने राजेश को काल किया।
भगत _भाई स्वीटी का काल है।
बात करलो।
राजेश ने फोन उठाया।
स्वीटी _भईया, आप कहा है? सहेलियां बता रही थी की निशा हमेशा के लिए लंदन चली गई।
मां परेशान है, तुमको लेकर आप जल्दी घर आ जाओ।
राजेश _छोटी मै ठीक हू, मां से कहना मेरी चिंता न करे। मै घर आ जाऊंगा।
राजेश ने दुखी मन से कहा।
स्वीटी _ठीक है भैया।
इधर सुनीता बहुत चिंतित थी।
शाम हो चुका था।राजेश अभी भी घर नही पंहुचा था।
सुनीता की चिंता और बड़ गई।
उसने प्रिया को फोन किया।
प्रिया इस समय हॉस्पिटल में थी।
प्रिया _प्रमाण बुवा।
सुनीता _जीती रह बेटा।
घर मे सब कैसे है?
प्रिया _सब अच्छे है बुआ। वहा सब कैसा है?
सुनीता _अब क्या बताऊं बेटा तुम्हे? मै राजेश को लेकर चिंतित हूं। सुनीता सुबकने लगी।
प्रिया _क्या huwa राजेश को बुआ सब ठीक तो है न।
सुनीता _बेटा कुछ दिनों से राजेश उदास रहता है। गुमसुम सा रहता है। आज पता चला कि निशा और उसके बीच कुछ कहासुनी हो गई है और आज निशा हमेशा के लिए लंदन चली गई।
राजेश सुबह से अभी तक घर नहीं लौटा?
प्रिया _क्या? निशा हमेशा के लिए लंदन चली गई। ये कैसे हो सकता है? वो तो राजेश से बहुत प्यार करती थीं।
इतना कुछ हो गया और राजेश ने मुझे कुछ बताया नही।
सुनीता _वो तो हमें भी अब तक कुछ बताया नही है। स्वीटी के दोस्तो ने बताया तब पता चला।
प्रिया _हे भगवान, राजेश पर क्या गुजर रहा होगा।
सुनीता _मुझे बडी चिंता हो रही है बेटा,
सुनीता सुबकते हुई बोली।
प्रिया _बुआ तुम चिन्ता न करो मै अभी पहुंचती हूं।

प्रिया हॉस्पिटल से सीधा राजेश के घर के लिए निकल गई।
घर पहुंचने के बाद।
सुनीता ने दरवाजा खोला।
सुनीता _आओ प्रिया।
सुनीता सुबकते हुवे प्रिया के गले लग गई।
स्वीटी भी वही खड़ी थी उसकी आंखो में भी आंसू थे।
प्रिया _बुआ आप लोग चिन्ता न करो सब ठीक हो जाएगा।
प्रिया ने राजेश को काल किया।
राजेश ने काल रिसीव किया।
प्रिया _कहा है re, मुझे सब पता चल गया है। तुम कहा हो। घर वाले सब परेशान हैं। हम लोग भगत के निवास स्थान पहूंच रहे हैं।
राजेश _नही दी आप लोग यहां मत आओ, मै घर आ रहा हूं।
प्रिय_ठीक है भगत को फोन दो।
भगत _हां दी बोलो।
प्रिया _देखो, राजेश की स्थिति अभी ठीक नहीं होगा। उसे अकेले घर आने मत देना। तुम राजेश को लेकर आओ।
भगत _ठीक है दी।
भगत राजेश को लेकर अपने कार में घर के लिए निकल गया। उसका बाइक अपने दोस्तो घर छोड़ने बोल दिया।
कुछ समय में ही वे घर पहुंच गए।
घर पहुंचने पर राजेश के चहरे की उदासी देखकर, सभी भावुक हो गए।
सुनीता _बेटा, मैने तुमसे कहा था न, अमीर घर की लडकियों से दूर रहने के लिए। आखिर छोड़ कर चली गई।
मेरे बेटे की मुस्कुराहट छीनकर।
सुनीता सुबकने लगी।
प्रिया _राजेश ये सब क्या हो गया? ये कैसे huwa ?
बताओ राजेश, खामोश क्यू हो बताओ,,,
भगत _दी भाई क्या बतायेगा? मै बताता हूं, ये सब किसके कारण huwa है।
राजेश ने भगत को रोक दिया, नही,,,
राजेश _ गीत गाने लगा,,,,
ये क्या huwa? कैसे huwa?

गाना खत्म होने के बाद।
प्रिया ने राजेश को समझाया की, राजेश तुम दुखी न हो मुझे पूरा यकीन है एक दिन निशा जरूर वापस आयेगी।
राजेश को प्रिया ने अपने हाथो से खाना खिलाया। राजेश कहता रहा कि मुझे भुख नही है पर उसने कहा की अगर तुम नही खाओगे तो कोई भी खाना नही खायेगा।
क्या तुम चाहते हो कि तुम्हारे कारण सभी भूखे रहे
राजेश _नही दी।
प्रिया _तो फिर, आज मै अपने भाई को अपने हाथो से खाना खिलाऊंगी।
प्रिया ने राजेश को खाना खिलाया फिर उसे उसके कमरे में आराम करने के लिए ले गया और उसे समझाया कि तुम्हे उदास देखकर तुम्हारे मां पापा और बहन पर क्या गुजरती होगी?
क्या तुम सबको दुखी देखना चाहते हो?
राजेश _नही दी, मै नही चाहता कि मेरे कारण मेरे परिवार वाले दुखी रहे।
प्रिया _फिर जो हो गया उसे भूलने की कोशिश करो और घर वालो के बारे में भी सोचो।
राजेश _ठीक है दी।
प्रिया _अच्छा भाई, मै चलता हूं। पिंकी मेरी राह देख रही होगी?
राजेश _ठीक है दी।

इधर निशा लंदन पहुंच चुकी थी उसे एयरपोर्ट पर लेने के लिए उसकी बुआ और फूफा जी पहुंचे थे।
निशा ने जब अपनी बुआ लक्ष्मी देवी और फूफा प्रीतम सिंह से मिली।
निशा ने और सीमा दोनो का पैर छूकर प्रणाम किया।
लक्ष्मी देवी _कैसी है मेरी बच्ची। उसने निशा को गले लगा लिया।
मुझे सुजाता ने सब बता दिया हैं। बेटा तुम दुखी मत हो सब ठीक है जायेगा।
चलो घर चलो।
चारो घर चलें गए।
घर जाने के बाद।
लक्ष्मी देवी _निशा बेटा देख लो कौन सा कमरा तुम लोगों को पसंद है नौकरों से मदद लेकर अपना अपना सामान वहा जमा दो।
निशा _बुवा हम दोनों अलग अलग कमरे मे नही रहेंगे। एक ही कमरे मे रहेंगे।
लक्ष्मी देवी _ठीक है बेटा ये तुम्हारा ही घर है जैसे रहो।
खाने के लिए जब बोली तो निशा ने कहा
निशा _बुवा आज भूख नहीं लग रही। सीमा जाओ तुम खा लो,

सीमा _नही सीमा, मै अकेली नही खाऊँगी। मुझे भी भूख नहीं।
लक्ष्मी देवी_देखो बेटा, जो हूवा उसे भूलने में समय तो लगेगा। भूखे रहने से सब ठीक तो नही हो जायेगा।
चलो थोडा खा पता नही सुबह से तुम लोग कुछ खाए भी हो की नही।
बुवा और सीमा के जिद करने पर निशा भोजन के लिए डाइनिंग टेबल पर पहुंची।
लक्ष्मी देवी _बेटा मुझे सुजाता ने सब बता दिया है कि तुमको खाने में क्या पसंद है। तुम्हारे पसन्द की सारी चीजे बनी है।
प्रीतम सिंह _निशा बेटा, तुम खाने पीने में संकोच न करो। ये घर तुम्हारा ही है।
सच तो यह है की विशाल भईया और सुजाता भाभी ने अगर हमारी बिजनेस में मदद नहीं किया होता तो मैं किसी कंपनी में नौकरी कर रहा होता जो कुछ भी है सब विशाल भईया की वजह से है यहां की सब कुछ को अपना ही समझो।
अगर किसी प्रकार की दिक्कत हो तो मुझे बताना।
निशा _ठीक है फूफा जी।
निशा थोडा सा भोजन की अपनी बुआ की बात रखने के लिए।
रात में निशा और सीमा दोनो बेड पर सोने की कोशिश करने लगे। उन्हे नींद नहीं आ रही थी।
सीमा ने निशा से कहा,,
सीमा _क्यू? नींद नहीं आ रही है? राजेश के बारे में सोच रही हो न।
निशा _नही, मै उसे क्यू याद करुंगी? रंडीबाज को।
सीमा _फिर क्या सोच रही हो?
निशा _अपनी मॉम और डैड, पता नही वे कैसे होंगे?
सीमा _तुम खुश रहोगी तो वे भी वहा अच्छे से रहेंगे।
दोनो सोने की कोशिश करने लगे पर सो नही पाए।

इधर राजेश सुबह उठने के बाद खुद को घर वालो के सामने खुश दिखाने की कोशिश करता।
जिम जाता।
और आईएएस की तैयारी करता।
शाम के समय वह नदी किनारे जाकर समय बिताता।

इधर निशा ने अपने फूफा जी से कहा,,
निशा _फूफा जी मुझे आपसे कुछ बात करनी थीं।
प्रीतम सिंह _बोलो बेटा,
निशा _अगर आपको दिक्कत न हो तो हम भी आपके ऑफिस जायेंगे। पढाई के साथ बिजनेस के बारे में भी सीखना चाहती हूं। दिन भर आखिर हम यहां करेंगे क्या?
प्रीतम _बेटा ये तो बडी अच्छी बात है। जैसे तुम लोग चाहो। चलो आज से ही मेरे साथ मेरे काम में हाथ बटाना।
निशा और सीमा दोनो ऑफिस चले गए। सब कुछ भूलने की कोशिश करने लगे।
कुछ दिन बाद रिया ने राजेश को फोन किया,,,
राजेश ने फोन नही उठाया,,
रिया राजेश का घर गई। पता चला राजेश घर पर नहीं है।
कही बाहर टहलने गया है।
दोस्तो से पता कराने पर पता चला की राजेश शाम के समय नदी की ओर टहलने जाता है।
वह नदी की ओर चली गई।
इधर उधर ढूंढने के बाद रिया को राजेश नदी किनारे बैठा मिला।
रिया _राजेश तुम यहां हो मैने तुम्हे कहा कहा नही ढूढा। तुम मेरा काल भी रिसीव नहीं करते।

राजेश _रिया तुम यहां क्या करने आई हो? जो तुम चाहती थी, वो तो हो गया। तुम अपनी चाल में कामयाब हो गई। अभी और कुछ बाकी रह गया है?
रिया, राजेश के पाव में गिर गई।
राजेश मुझे माफ कर दो।
मै नही जानती थीं की बात इतनी बिगड़ जाएगी।
मै सोंची नही थी कि निशा और तुम्हारे बीच दूरियां इतनी बड़ जाएगी।
मै निशा को सब सच बता दूंगी, कि मैने तुम्हे अपनी जाल में कैसे फसाया? मै अभी निशा के काल करती हूं।
राजेश _नही रिया, ऐसा करने की जरूरत नहीं। क्यू कि मैं निशा को धोखे में नही रख सकता। क्यू की सच तो यही है कि मेरे कई औरतों से संबंध है।
एक दिन निशा जी को यह सच्चाई पता चलना ही था।
रिया _राजेश, मुझे माफ कर दो, प्लीज।
रिया राजेश की पैर पकड़ कर माफी मांगने लगीं।
राजेश _जाओ रिया मैने तुम्हे माफ किया?
रिया _राजेश मेरे मॉम डैड ने मेरी शादी अपने दोस्त के बेटे से तय कर दी है। कल मेरी सगाई है।
राजेश अगर कल तुम मेरे सगाई पर आए तो मैं समझूंगी की तुमने मुझे माफ कर दिया है।

रिया वहा से चली गईं।
रात में सुजाता राजेश के कमरे में यह देखने आई की राजेश सोया है कि नही,,
सुनीता _बेटा तुम अभी तक सोए नही।
निशा को भुल जाओ बेटे। मेरे बेटे को निशा से भी अच्छी लड़की मिलेगी देखना।
राजेश _नही मां, निशा जी मेरी अच्छी दोस्त थी। जब मैं निराश होता था टू हमेशा मेरा हौसला बढ़ाती थी आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा देती थीं। वह एक सच्ची दोस्त थी मां।
सुनीता _अब बिता समय वापस तो नही आ सकता बेटा। पुरानी बातो को भुल कर हमे एक नई सिरे से सोचना चाहिए।
राजेश _हां मां मै पुरानी यादों को ही भूलने की कोशिश कर रहा हूं।
सुजाता _रात बहुंत हो गई है बेटा अब सो जाओ।
सुजाता राजेश के सिर को अपने गोद पर रख कर सुलाने की कोशिश करने लगी।
अगले दिन रिया की सगाई थी सगाई की पार्टी में उनके सारे दोस्त रिश्तेदार समय पर पहुंच चूके थे।
शहर के सारे बड़े बिजनेस मैन और उद्योग पतियों को आमंत्रित किया गया था।
रिया की सगाई में सुजाता और रीता भी आई थी।
रिया को राजेश का आने का इंतजार था।
वह बार बार दरवाज़े को ओर देख रही थीं और दोस्तो को पुछ रही थी की राजेश आया की नही।
काफी समय हो गया तब रिया को लगा की राजेश नही आयेगा। वह निराश हो गई।
अंगूठी का रस्म पूरा करने ही वाली थी की उसकी सहेलियों ने बताई की राज आ गया।
राजेश और भगत अपने दोस्तो के साथ पहुंच चुका था।
रिया बहुँत खुश हो गई।
वह राजेश की ओर देखी और आंखो हो आंखो में उसे शुक्रिया कहा।
अंगूठी की रश्म पूरा होने के बाद सभी ने रिया और उसके होने वाले पति को बधाई दिया।

सुजाता वहा मौजूद थीं। रीता ने राजेश को देखकर उसके पास गईं।
रीता _कैसे हो राज?
राजेश _ठीक हूं मैम।
रीता _निशा के बारे में सुनी बडा दुख huwa

संगीत का कार्यक्रम शुरू huwa,
रिया ने राजेश को खुशी के मौके पर गीत गाने के लिए मंच पर आमंत्रित किया।
सभी दोस्तो राज राज चिल्लाने लगे।
राजेश मंच पर गया और माइक से बोला,,,
राजेश _दोस्तो जब किसी का दिल टूटा huwa हो और उससे खुशी के मौके पर गीत गाने के लिए कहा जाए,,,
तो गीत गाने वाले की दिल का दर्द मुंह से बाहर आ ही जाता है। ऐसे खुशी के मौके पर अपने दिल की दर्द बया कर मैं आज इस खुशी की माहौल को खराब नही करना चाहता इसलिए मुझे क्षमा कीजिए।
मै गीत नही गा पाऊंगा।

सभी दोस्त उदास हो गए।
तभी रिया बोली _
राजेश तुम्हारा दिल जो कहे वो सुनाओ हम सबको अच्छा लगेगा,,,
सभी दोस्त राज राज चिल्लाना शुरू कर दिया,,,
इधर सीमा के दोस्त ने सीमा को फोन कर बता दिया की राज रिया की सगाई में आया huwa है।
उनके दोस्त गीत गाने के लिए जिद कर रहे हैं।
सीमा ने अपनी सहेली से वीडियो कालिंग कर सब दिखाने कह दी कि पार्टी में क्या हो रहा है।
वह अपनी मोबाइल से सब देखने लगी।
तभी निशा कमरे में पहुंची।
सीमा मोबाइल पर क्या देख रही है में तुम्हे कब से आवाज़ दे रही हूं?
मै भी तो देखूं?
निशा ने सीमा से मोबाइल छीनकर देखने लगी।
इधर राजेश _माइक पर बोला,
दोस्तो मेरी गलती की वजह से मेरी सच्ची दोस्त मुझसे रूठ कर दूर चली गई है। पता नही वह कभी वापस आयेगी भी की नही। लेकीन मुझे पता है मैं उसे कभी नहीं भुल पाऊंगा। मै यह गीत उसकी याद में सुनाने जा रहा हूं,,,
राजेश ने गाना शुरू किया,,,
इधर निशा की दिल की धड़कन बढ़ गई थी,,
राजेश ने गाना शुरू किया,,
ओ साथी re तेरे बिना भी क्या जीना


Bahut hi shandar update he rajesh bhagat Bhai,

Rajesh aur Nisha ek dusre se sachcha pyar karte he........

Tabhi to itna dur hone ke bavjud dono hi ek dusre ko bhula nahi paa rahe he...........

Keep rocking Bro
 
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