चाय पीने के बाद भगत ने भुवन से कहा, राजेश चलो मैं तुम्हे अपने दोस्तो से मिलाता हूं।
पदमा _अरे मुआ, अभी तो आए और अभी फिर निकल रहे हो।
भुवन _मां आखिर घर में रहकर करेंगे भी क्या? राजेश का अपनें दोस्तो से परिचय करा देता हूं। राजेश भी उन लोगो से घुल मिल लेगा। नही तो अकेला बोर हो जायेगा गांव में। मै तो खेत चला जाऊंगा न काम पे तब राजेश अकेला बोर महसूस करेगा ।मेरे दोस्त यारों से घुल मिल जायेगा, तो उनसे मिलकर बोरियत दूर कर लेगा।
पदमा _बात तो तुमने सही कहा बेटा।
भुवन _अच्छा मां अब चलते है।
पदमा _पर बेटा समय पर आ जाना, तुम्हे भोजन कर खेत भी जाना है ।
भुवन _ठीक है मां।
भुवन, राजेश को लेकर अपने दोस्तो से मिलवाने ले गया।
सबसे पहले वह एक क्लिनिक पर ले गया।
भुवन का दोस्त रवि क्लिनिक चलाता हैं।
वह 12वी की पढाई करने के बाद, धरम पुर चला गया। वहा बड़े हॉस्पिटल में 4सालो तक कंपाउंडर के रूप में काम किया।
4सालो में चिकित्सा का अच्छा अनुभव हो जाने के बाद वह अपने गांव में क्लिनिक खोल लिया। उसके गांव के लोग ही नही अन्य गांव से भी ईलाज कराने उसके क्लिनिक पर आते है।
गांव में केवल एक ही क्लिनिक हैं।
रवि ने गांव के एक लड़के को ही अपना सहायक रख लिया है। जिसका नाम बबलू है।
जब भुवन, राजेश को लेकर क्लिनिक पर गया।
बबलू _अरे भुवन भईया आइए बैठिए।
भुवन _अरे बबलू रवि कह हैं?
बबलू _रवि भईया, अंदर मरीज का ईलाज कर रहे हैं।
आप लोग बैठिए न।
भुवन और राजेश क्लिनिक पे बैठकर रवि का इन्तजार करने लगे।
कुछ देर बाद रवि कमरे से बाहर निकला।
रवि _अरे, भुवन भाई तु कब आया?
भुवन _अबे,15मिनट हो गया, यहां आए। तु इतने देर तक अंदर क्या कर रहा था बे।
तभी कमरे से एक महिला निकली।
महिला _अच्छा, डाक्टर बाबू अब मै चलती हूं।
रवि _ ठीक है भौजी। जो दवाई दी है उसे समय पर लेते रहना। और कोइ समस्या हो तो क्लिनिक पे आ जाना।
महिला _ठीक है डाक्टर बाबू।
महिला के जाने के बाद,,
रवि _अरे भुवन भाई, ये कौन है?
भुवन _, अबे ये मेरा छोटा भाई, राजेश है। इनका कालेज का पढ़ाई पूरी हो गई है तो आज ही शहर से आया। तुमसे मिलवाने लाया हूं।
ये कुछ समय गांव में ही रहेगा।
अब गांव में किसी को जानता तो है नही, इस लिए बोर न हो इसलिए अपने दोस्तो से परिचय करा रहा हूं। ताकि बोरियत महसूस हों तो तुम लोगो के साथ टाइम पास कर सके।
ये तो बड़ा अच्छा किया।
रवि _अच्छा राजेश, हमें दोस्त समझो, अगर बोर लगे तो आ जाना हमारे क्लिनिक पे।
वैसे कालेज के बाद आगे का क्या सोचा है?
राजेश _आई ए एस की तैयारी कर रहा हूं, भाई ।
रवि _ये तो बड़ी खुशी की बात है। वैसे तुम बड़ा स्मार्ट हो, किसी फौजी जैसा बॉडी बना रखे हो, लगता है सुबह खुब पशीना बहाते हो।
राजेश _शहर में सुबह जिम जाता था।
भुवन _अरे राजेश तुम चिन्ता मत करो, यहां भी जिम का देशी जुगाड कर देगें।
राजेश _अगर ऐसा हो जाय तो बड़ी अच्छी बात होगी भुवन भईया।
रवि _राजेश, तुम यहां के युवक अखाड़ा संगठन बनाए है जो सुबह अभ्यास करते है, तुम भी उस संगठन से जुड़ जाना।
भुवन _हां राजेश, रवि ठीक कह रहा है।
मैं उन युवकों से तुम्हे मिलवाऊंगा।
अरे यार रवि चलो थोडा बाहर टहल कर आते है।
रवि _चलो यार,,
बबलू मैं थोडा टहल कर आता हूं। कोइ क्लिनिक पर आए तो बिठा कर रखना।
बबलू _ठीक है भईया,,
भुवन, राजेश और रवि तीनो टहलने निकल जाते है रास्ते में,,
भुवन _अबे रवि ये जो महिला थी जिसका तु अन्दर इलाज कर रहा था, ये बिंदिया भौजी हैं न।
कलुवा की लुगाई।
रवि _हां, भुवन भाई,,
भुवन _लगता है बड़ा अच्छे से इलाज कर रहा है बेटा उसका
क्या समस्या है उसकी,,
रवि _अबे ऐसा कुछ नही जैसा तू समझ रहा है।
भुवन _बेटा तु मूझसे छुपाएगा।
परसो जब आया था तेरे पास तो भी ये महिला तेरे क्लीनिक पर थी,, बेटा खुब मजा ले रहा है तु,,
अब सच बता भी दो,,,
रवि ने राजेश की ओर इशारा किया,,
भुवन _अबे राजेश, मेरा छोटा भाई है, अब ये तुम्हारा भी छोटा भाई है। इससे राज छुपाने की जरूरत नही।
रवि _अरे, भुवन भाई कुछ दिन पहले आई थी क्लिनिक पर बिंदिया भौजी। उसके पेट में दर्द था, इलाज कराने।
वह किसी के यहां शादी में गई थी कुछ उल्टा सीधा खा ली थी। पेट में इफेक्सन हो गया था।
पेट में गैस भर जाने के कारण उसका पेट दर्द कर रहा था।
मैंने दवाई दी, दर्द से राहत पहुंचाने के लिए, उसे उपचार कक्ष के अन्दर ले जाकर, उसके पेट की अच्छे से मालिश की।
पेट के मालिश करने से उसे काफी राहत मिली।
उसे दुसरे दिन भी बुलाया।
उसने बताया की आज उसे काफी हद तक आराम मील चुका है। आप के मालिश से बहुत आराम मिला। आज भी अच्छे से मालिश कर दो।
उस दिन बड़ी बन ठन कर आई थी।
वह मालिश कराने उपचार टेबल पर साड़ी उतार कर लेट गई।
उसकी मादक शरीर को देखकर मैं भी गर्म हों गया।
जैसे ही मैंने उसके पेट की मालिश शुरू किया, धीरे धीरे वह भी गर्म होकर सिसकने लगी।
वह एक हाथ से मेरे land को सहलाने लगी।
उसके हाथ लगने से मेरा land और तन गया।
मैने उसकी पेट के साथ साथ उसकी बड़े बड़े सुडौल चुचियों को ब्लाउज के ऊपर से मसलने लगा।
वह और गर्म हो गईं।
उसने अपनी ब्लाउज की बटन खोलकर अपनी दूदू बाहर निकाल दी।
उसकी सुडौल बड़े बड़े स्तनों को देखकर मै भी बेकाबू हो गया।
मैंने पेट की मालिश करना छोड़ कर उसकी चूची दबाने एवम पीने लगा जिससे वह और गर्म हो गई।
जब उससे बर्दास्त नही huwa तो वह बोली,,
डाक्टर बाबू अब देर न करो, मूझे चोदकर जल्दी से मैरी प्यास बुझाओ। अब बर्दास्त करना मुस्किल है।
उसने अपनी टांगे फैला दी।
उसने चड्डी नही पहनी थी। उसकी मस्त फुली हुई बुर देखकर मेरा land झटके मारने लगा , मैंने भी देर न करते हुए अपना land पैंट का चैन खोलकर बाहर निकाला और अपना land पर थूक लगा कर उसकी बुर में गच से पेल दिया।
उसकी बुर एकदम गीली थी।land बुर को चीरता huwa जड़ तक अंदर घुस
मैंने उसकी दोनों स्तनों को पकड़ कर मसलते हुवे दनादन chudai शुरु कर दी। कमरा बिंदिया की मादक सिसकारी से गूंज उठा।
दोनो जन्नत की सैर करने लगे।
कुछ देर इसी आसन में chudai करने के बाद मैंने उसे kutiya बना दिया, फिर कुत्ते की तरह गच, गाच चोदने लगा।
दोनो संभोग की असीम आनद को प्राप्त कर रहे थे।
मैने उसे जम कर भोगा और उसे शारीरिक सुख दिया।
वह मैरी दिवानी हो गईं।
उस दिन के बाद से जब भी उसका मन होता हैं वह पेट दर्द का बहाना कर मूझसे chudne आती है।
भुवन _बेटा मुझे तो पहले दिन जब बिंदिया भौजी को तुम्हारे क्लिनिक पर देखा तभी से सक था।
अच्छा सुन हमारा राजेश अभी chudai के मामले में कच्चा है। मैने इसे कहा तो, कहता है chudai करना नहीं चाहता।
तुम तो डाक्टर हो इसे कुछ समझाओ।
अभी मजा नही करेगा तो कब करेगा।
रवि _राजेश तुम्हारा खड़ा तो होता है न अगर खड़ा नही होता हो तो दवाई है मेरे पास।
राजेश _नही रवि भईया ऐसी कोई समस्या नही है।
रवि _अगर समस्या नही है तो chudai का मजा क्यू नही लेते, तुम मेरे क्लिनिक में आना मैं बिंदिया से बात करूंगा वह मना नही करेगी।
गजब की मॉल है शाली, एक बार उसकी बुर का स्वाद चख लिए तो बिना किए नींद नही आयेगी।
राजेश _अरे रवि भईया, आप लोग मजे लो ना, अगर कभी ईच्छा huwa तो जरूर बताऊंगा।
रवि _ठिक है भई। अब जबरदस्ती तो कर नही सकते।
भुवन _अरे रवि चलो विमल के पास चलते है, फिर वहां से नदी की ओर टहलने चलेंगे।
रवि _ठीक है यार चलो,,
विमल दर्जी है।
विमल 12 की पढाई करने के बाद शहर जाकर अपने मामा से सिलाई करना सीखा वहा से सिलाई का अनुभव प्राप्त कर गांव में टेलर का दुकान चलाता है।
सुरज पूर के साथ साथ पास वाले गांव के लोग भी कपड़े सिलाने विमल टेलर्स के पास आते हैं।
भुवन,राजेश और रवि तीनो विमल के दुकान में पहुंचते है।
दुकान में विमल नही दिखाई दिया उसका सहायक बैठा सिलाई कर रहा था।
भुवन _अरे, गुडडू विमल कहा है?
गुडडू _अरे भुवन भईया आप लोग आइए बैठिए न। उस्ताद तो अन्दर झुमरी भौजी की ब्लाउज का नाप ले रहा है।
रवि, राजेश और भुवन तीनो दुकान में बैठकर विमल का इन्तजार करने लगे।
कुछ देर बाद बिमल कमरे से बाहर निकला। उसके पीछे झुमरी भौजी भी अपनी साड़ी ठीक करते हुऐ बाहर निकली। रवि और भुवन को दुकान में बैठा देख विमल बोला,,
विमल _अरे यार तुम लोग कब आए।
भुवन _15मिनट हो गया, यहां बैठकर तुम्हरा इन्तजार करते हुए।
झुमरी _अच्छा टेलर बाबू मैं चलती हूं। समय पर ब्लाउज सी देना, मुझे शादी में जाना हैं।
विमल _भौजी तुम चिन्ता न करो तुम्हारा ब्लाउज समय पर तैयार हो जाएगा।
झुमरी _ठीक है टेलर बाबू कल आती हूं ब्लाउज लेने।
विमल _ठीक है भौजी।
झुमरी चली गईं।
रवि और भुवन घूर कर विमल को देखने लगे।
विमल _अरे यार मुझे ऐसे घूर कर क्यू देख रहे हो।
भुवन _काफी देर तक माफ लें रहा था बे झुमरी भौजी की।
सिर्फ ब्लाउज की माप लें रहा था या कुछ और का,,
विमल _अरे यार तुम लोग बेकार में ही शक कर रहे हो।
विमल _वे बंदा कौन है?
रवि _ये राजेश है, भुवन भाई का छोटा भाई, आज ही शहर से आया है।
भुवन _राजेश कुछ समय गांव में ही रहेगा। अब मुझे भी खेतो में काम रहता है। राजेश अकेला गांव में बोर न हो जाए। इसलिए तुम लोगो से मिलवाने आया हू।
तुम लोगो से मेल मुलाकात होता रहेगा तो, राजेश का मन गांव में लगा रहेगा। इसे तुम अपना छोटा भाई समझना।
विमल _बिलकुल भुवन भाई तुम्हारा भाई हमारा भाई। आज से राजेश भी हमारा दोस्त, आज सै तीन नही चार दोस्त है हम।
राजेश, तुम जब भी बोरियत महसूस करो मेरे दुकान में आ जाना। यहां हसी ठिठोली करेगें।
राजेश _जी विमल भईया।
भुवन _अरे, विमल चलो नदी तरफ थोडा टहल कर आते है।
विमल _अरे गुडडू तुम दुकान सम्हालना मैं दोस्तो के साथ नदी तरफ थोडा टहल कर आता हूं।
गुडडू _ठीक है उस्ताद।
चारो दोस्त नदी की तरफ टहलने निकल जाते है।
रास्ते में,,,
भुवन _अबे विमल तु झुमरी भौजी के साथ कमरे में क्या कर रहा था, सच बता बेटा सच बताना बेटा।
विमल _अरे यार तुम लोग तो लंगोटी यार हो, तुम लोगो से क्या छिपाना।
क्या मस्त मॉल है झुमरी भौजी, मजा आज तो मजा आ गया।
भुवन _तो हमारा शक सच निकला।
अच्छा ये तो बता उसे पटाया कैसे?
विमल _अरे यार झुमरी भौजी आज ब्लाउज सिलाने दुकान में आई थी। उसने कहा टेलर बाबू ब्लाउज सी दो। परसो मुझे शादी में जाना है।
मैने कहा, भौजी इतनी जल्दी सी नही पाऊंगा। बहुत सारा काम पड़ा huwa है । कम से कम एक सप्ताह तो लगेंगे।
झुमरी _अरे टेलर बाबू अपनें भौजी के लिए इतना भी नही कर सकते।
विमल _अब क्या बताऊं भौजी सभी लोगों को कपड़े जल्दी चाहिए।
अब सबका काम जल्दी तो नही हो सकता न। देखो न कितना सारा कपड़ा पड़ा huwa है सिलाई करने।
झुमरी _टेलर बाबू, मेरे पास ढंग का ब्लाउज नही है शादी में पहनने के लिए।
मेरा ब्लाउज पहले सी दो।
विमल _अरे भौजी, आपका ब्लाउज कल देने के लिए तो मुझे रात में जाग कर काम करना पड़ेगा।
झुमरी _अरे टेलर बाबू, अपनी भौजी के लिए एक रात जाग नही सकते।
विमल _ठीक है भौजी, आप इतना कह रही हो तो एक रात जाग ही लूंगा।
नाप लाई हो।
झुमरी _लो जल्दी जल्दी में मैं तो नाप लाना ही भुल गई।
विमल _कोइ बात नही भौजी, आप चाहे तो ऐसे ही नाप दे सकती हो।
झुमरी _टेलर बाबू यहां दुकान में नाप लेते हुए कोइ आ गया तो,,
लोग क्या कहेंगे?
विमल _अगर यहां नही दे सकती तो कमरे में चलकर नाप दे दो,, अब तुम्हारी मर्जी।
अच्छा कौन सा डिजाइन बनानी है। ये फोटो देखकर पसन्द करलो।
झुमरी _ऐसा डिजाइन का ब्लाउज सी दो की देखने वाले देखता रह जाए।
विमल _ये देखो लेटेस्ट डिजाइन।
यह तुम पर खुब जचेगी।
झुमरी _ठीक है यहीं डिजाइन का बना दो।
विमल _अच्छा चलो कमरे में नाप देने।
झुमरी कमरे में चली गईं।
विमल नाप लेने का टेप और डायरी लेकर अंदर गया।
अंदर जाने के बाद,,
विमल _भौजी, अपनी पल्लू तो हटाओ नाप लेनी है।
झुमरी ने अपनी साड़ी का पल्लू नीचे हटा दिया।
पल्लू के नीचे गिरते ही झुमरी के मस्त बड़े बड़े स्तन जो ब्लाउज से बाहर आने बेताब थे विमल के आंखो के सामने आ गया, जिसे देखकर, विमल के land में तनाव आने लगा।
बिमल टेप से झुमरी की ब्लाउज की नाप लेने लगा।
नाप लेते हुए विमल बोला,,
विमल _भौजी एक बात बोलूं आप बुरा तो नही मानेंगे।
झुमरी _अरे टेलर बाबू अब आपके बातो का क्या बुरा मानना?
विमल _ लल्लू भईया तो बड़े किस्मत वाले है? जो आपके जैसे लुगाई मिली है।
झुमरी _अच्छा ऐसा क्या खास है मुझमें?
विमल _, आपके साइज काफी बड़े बड़े है। मैने बहुतों का नाप लिया है, पर आपके जैसा बहुत कम लोगो का होता है।
लल्लू भैया का तो हर रात मजे होते होंगे?
झुमरी _उसके तो हर रात मजे है, पर सामने वाली को मजा देना नही जानता। झुमरी निराश होते हुवे बोली।
विमल _भौजी, मैं कुछ समझा नहीं।
क्या लल्लू भईया आपको खुश नही कर पाते?
झुमरी _अब क्या बताऊं तुम्हे, वो तो मुझे किनारे लगाने से पहले ही ख़ुद ठिकाने लग जाता है।
विमल _भौजी ये आप क्या कह रही है? दिखने में तो लल्लू भईया, काफी हट्टे कट्टे लगते है?
झुमरी _सिर्फ बाहर से ही हट्टे कट्टे है। उसका घोड़ा तो थोड़े देर दौड़ लगाने के थक जाता है।
कभी भी सामने वाली को मंजिल तक पहुंचा ही नही पाता।
विमल _ओ हो भौजी, तब तो आप रात भर करवते बदल कर गुजारती होगी।
आपको एक बात बोलूं बुरा तो नहीं मानोगी।
एक बार हमें भी मौका देकर देखो, हमारा घोड़ा तुम्हे मंजिल पर पहुंचाने के पहले हार नही मानेगा?
झुमरी _अच्छा इतना भरोसा है अपनें आप पर ,
विमल _एक बार आजमा के तो देखो।
झुमरी _अच्छा, अपना घोड़ा तो दिखाओ पहले, देखू सवारी करने लायक है की नही,,
विमल _अभी देख लो,
विमल ने अपन खड़ा land बाहर निकाल कर झुमरी को दिखाने लगा।
विमल का land देखकर झुमरी गर्म होने लगी,,
विमल _कैसा है?
झुमरी _दिखने में तो अच्छा है, सवारी करने के बाद ही पता चलेगा। कहा तक दौड़ता है?
विमल _तो सवारी करके देख लो ना।
झुमरी _कोइ आ गया तो,,
विमल _मेरे इजाज़त के बिना कमरे में कोइ नही आयेगा।
विमल ने झुमरी की ब्लाउज की बटन खोल कर उसके उरोज बाहर निकाल दिए।
विमल _हाय भाभी सच में क्या मस्त दूदू हैं तुम्हारी।
विमल झुमरी के दुद्दू को पागलों की तरह चूमने चाटने मसलने और चुसने लगा।
उसकी दूध को गटक गटक कर पीने लगा।
झुमरी _अरे टेलर बाबू जरा आराम से मैं कही भागे थोड़े ही जा रही,,,