राजेश के गीत पर वहा पर मौजूद सभी लोगो ने जमकर ताली बजाया।
राजेश के गीत गाने के बाद,,
ठाकुर _अरे माइक वाले कहा है, कोई अच्छे से म्यूजिक लगाव, सब डांस करेंगे।
माइक वाला _जी ठाकुर साहब।
माइक वाले ने डांस म्यूजिक लगाया।
मंत्री _अरे विक्की बेटा, जाओ दिव्या बेटी के साथ डांस करो।
वहा मौजूद लोग,अपने अपने पार्टनर के साथ डांस करने लगे।
ठाकुर ने मंत्री जी की बीवी से कहा _भाभी जी, आइए न डांस करते हैं।
रागनी ने मंत्री जी की ओर देखा,
मंत्री _जाओ भाग्यवान, मेरे तरफ क्या देख रही हो,, पार्टी में, नाच गाना तो चलता ही है।
रागनी ठाकुर के साथ डांस करने लगी।
ठाकुर, रागिनी के की एक हाथ से क़मर और एक हाथ से उसकी हाथ पकड़ कर डांस करने लगा।
इधर विक्की और दिव्या भी डांस करने लगे। सभी लोग डांस करने में मस्त हो गए।
राजेश, सभी लोगो को डांस करता देख, डाइनिंग टेबल पर बैठ, निशा को याद करने लगा।
भुवन _राजेश क्या huwa, चलो हम लोग भी डांस करते हैं।
राजेश _नही भईया, मेरा मन नही आप जाओ।
डांस करते हुए, ठाकुर ने रागिनी से कहा ,,
ठाकुर _भाभी जी सच में आप कमाल की लग रही है। मंत्री जी की किस्मत पे मुझे जलन हो रही है।
रागिनी _ठाकुर साहब, आखिर मुझमें ऐसी क्या खास बात आपको नजर आया।
ठाकुर _भाभी से सर से पांव तक, आप कयामत लग रही है। एकदम गजाला।
मंत्री जी और मैं मैं एक दूसरे को तो काफी अरसे से जानते है, लेकिन आपसे पहली बार मुलाकात हो रही है। मुझे पता नही था की मंत्री जी की बीबी इतनी सुन्दर है।
रागिनी _अगर पहले ही जान जाते तो क्या करते?
ठाकुर साहब _आपसे दोस्ती कर लेता।
रागिनी _ठाकुर साहब, दोस्ती तो अब हो जाएगी। मैं तो उससे आगे की सोच रही हूं। अगर आप तैयार हो तो।
ठाकुर _अरे भाभी जी, आपके मन में क्या है मैं भी तो जानू, कहिए न।
रागिनी _ठाकुर साहब _क्यू न हम रिश्तेदार बन जाए। फिर दोस्ती हो ही जाएगी।
ठाकुर _मैं कुछ समझा नही भाभी जी, कुछ खुलकर बताइए।
रागिनी _ भाई साहब,विक्की हमारा इकलौता बेटा है। विक्की और दिव्या की शादी हो जाए तो, कैसा रहेगा? हम रिश्तेदार बन जायेंगे। कहिए आपका क्या विचार हैं?
ठाकुर _अरे भाभी जी, ये तो बड़ी खुशी की बात है? मैरी बेटी को एक अच्छा परिवार मिल जायेगा, और मुझे एक खुबसूरत समधन।
रागिनी _ठाकुर साहब आप भी ना, एकदम रंगीले है।
ठाकुर _भाभी जी, आप जैसी खुबसूरत औरत पास हो तो मन मचलेगा ही।
मैं कह रहा था की रिश्तेदार बनने से पहले क्यू ना हम एक दूसरे को अच्छी तरह से जान लें।
मंत्री जी को तो अरसे से जानते है। हम तो आपसे पहली बार मिल रहे हैं। मैं चाहता हूं की रिश्ता तय करने से पहले क्यू ना हम एकदूसरे को अच्छे से जान लें।
रागिनी _कहिए, क्या जानना चाहते हैं आप मेरे बारे में।
ठाकुर _भई ऐसे भीड़ भाड़ में तो हम एक दूसरे को जान नही पाएंगे, एक दूसरे को अच्छे से जानने के लिए, तो कुछ समय हमे अकेले में बिताना पड़ेगा।
रागिनी _भाई साहब आपके इरादे कुछ ठीक नहीं लग रहे,
रागिनी मुस्कुराते हुए बोली।
ठाकुर ने रागिनी को अपनी ओर खीच कर चिपका लिया, और डांस करने लगा।
रागिनी _भाई साहब ये आप क्या कर रहे हैं, लोगो की नजर हम पर है।
ठाकुर _हाय, मन तो कर रहा है एक चुम्मा ले लू। अगर आप इजाज़त दे।
रागिनी _अच्छा जी, इतने लोगो के बीच ऐसा कर पाएंगे आप।
ठाकुर _आप इजाज़त तो दीजिए।
रागिनी _अच्छा जी, लो आपको इजाज़त दिया, मैं भी तो देखूं आप लोगो के बीच किस कैसे करते हैं?
ठाकुर _अभी देख लो।
तभी ठाकुर ने अपने आदमी को इशारा किया।
ठाकुर का आदमी घर में लगे ट्रांसफार्मर का फ्यूज निकाल दिया। बिजली चली गईं।
बिजली के जाते ही ठाकुर ने रागिनी की ओंठ को अपने मूंह में भर कर चूसने लगा।
ठाकुर के आदमी ने एक मिनट बाद फिर फ्यूज लगा दिया।
बिजली फिर आ गई।
तब तक ठाकुर अपना काम कर चुका था।
ठाकुर _क्यू मान गए न हमें?
रागिनी _आप में तो काफी जोश भरा है।
ठाकुर _मौका तो देकर देखिए। जन्नत की सैर न करा दिया तो कहना।
रागनी _मंत्री जी, का क्या होगा?
ठाकुर _आप उसकी चिन्ता न करें। उसका भी समाधान है मेरे पास।
रागिनी _अच्छा तो ठीक है , मैं भी देखना चाहूंगी आप कहा तक ले जाते है हमें।
इधर दिव्या ने जब देखा राजेश अकेला बैठा है, वह
विक्की से बोली,,
दिव्या _एक मिनट मैं अभी आई।
विक्की _ओके।
दिव्या, राजेश के पास पहुंची, जो कोने में बैठा था।
दिव्या _राजेश, तुम यहां अकेले क्यू बैठो हो, कोइ बात है क्या?
राजेश चुप रहा,,
दिव्या _ने राजेश की मोबाइल पर निशा की फोटो देख कर बोली।
दिव्या _तुम निशा को मिस कर रहे हो।
राजेश _निशा मेरी बहुत अच्छी दोस्त थी, मैंने अपनी गलती की वजह से उसे खो दिया।
दिव्या _राजेश, अगर तुम्हारा प्यार सच्चा होगा तो वह एक दिन जरूर वापस आयेगी।
राजेश _नही, दिव्या जी, अब वह कभी वापस नहीं आएगी। मैं उसकी नजरो में गीर चुका हूं।
इधर ठाकुर ने सभी लोगो को भोजन करने के निवेदन किया।
दिव्या _राजेश, चलो कुछ खा लो।
तभी भुवन वहा पहुंचा _राजेश, दिव्या जी ठिक कह रही है, यहां बहुत सारे व्यंजन बना huwa है। चलो भोजन का आनंद लेते है।
इधर सभी लोग, डिनर का मजा लेने लगते है।
राजेश _भुवन भईया जाओ आप भोजन कर लो।
दिव्या _राजेश चलो तुम भी,,
राजेश _दिव्या जी मेरा मन नही कर रहा,,,
दिव्या ने नौकरों को बुलाया और कई प्रकार के व्यंजनों का प्लेट टेबल पर लगाने को कहा।
कुछ ही देर में
नौकरों ने कई प्रकार के व्यंजनों का प्लेट टेबल लगा दिया।
तभी वहा विक्की पहुंच गया।
विक्की _दिव्या जी, हमें तो आपने खाने के लिए पूछा ही नहीं।
दिव्या _आओ तुम भी बैठो।
विक्की _वाउ बहुत अच्छी खुशबू आ रही है, भोजन की। मेरा मन पसन्द का डिस है सारे।
विक्की खाना एक प्लेट से निकाल कर खाना शुरू कर देता है।
दिव्या _भुवन भईया, आप भी खाइए।
भुवन _जी, दिव्या जी।
दिव्या ने एक प्लेट में कुछ व्यंजन निकाला और राजेश की ओर बढ़ाया।
दिव्या _लो राजेश इसे टेस्ट करो।
राजेश _दिव्या जी आप लीजिए, आप भी लीजिए।
दिव्या _मैं बाद में लूंगी।
राजेश _थोडा सा तो लीजिए, हमारे साथ।
विक्की _हा दिव्या जी आप भी लीजिए।
दिव्या ने भी थोडा भोजन अपने लिए निकाला।
चारो भोजन करने लगे।
विक्की को राजेश और भुवन के साथ दिव्या का इस तरह भोजन करना अच्छा तो नही लग रहा था, पर उसे एक संस्कारी लडका की तरह वर्ताव करना था।
इस लिए वह किसी प्रकार का टिप्पणी नहीं किया।
सभी मेहमान भोजन कर लेने के बाद, ठाकुर से इजाज़त लेकर घर जाने लगे।
राजेश _दिव्या जी, आपके पार्टी में आकार हमें बहुत अच्छा लगा, अब हम भी घर के लिए निकलते है रात काफी हो चुकी है।
दिव्या _ठीक है राजेश।
और पार्टी में आने के लिए शुक्रिया।
राजेश _धन्यवाद तो हमें कहना चाहिए दिव्या जी हमें पार्टी में बुलाया। इतने बड़े बड़े लोगो के बीच।
इतना सम्मान दिया।
दिव्या _ये सब खुशियां तो तुम्हारे वजह से ही है राजेश, अगर तुम ट्रैन में मेरे साथ नही होते तो, पता नहीं क्या होता?
तभी वहा गीता पहुंची,,
गीता _दिव्या, तु यहां है? उधर मां तुम्हे ढूंढ रही हैं, चलो।
दिव्या _जी दी।
राजेश _अच्छा दिव्या जी हम चलते हैं।
दिव्या _ठीक राजेश।
राजेश _गीता दी हम निकल रहे है।
हाथ जोड़ कर राजेश ने कहा।
गीता _ठिक है राजेश। वैसे तुम बहुत अच्छा गाते हो।
राजेश _शुक्रिया दी।
राजेश और भुवन दोनो अपने बाइक से घर के लिए निकल पड़े, रात काफी हो चुकी थी।
दोनो घर पहुंच कर दरवाजा खटखटाया।
पदमा दरवाजा खोली।
पदमा _आ गए बेटे।
भुवन _हा मां। मां आप अभी तक जग रही है।
पदमा _बेटा, मुझे तो तुम दोनो की चिन्ता थी। वहा सब ठीक होगा की नही।
राजेश _ताई, सब ठीक रहा, आप बेकार ही चिन्ता कर रही थी।
भुवन _हा मां राजेश ठीक कह रहा है।
पदमा _बेटा तुम लोग खाना तो खाए हो न।
भुवन _मां वहा तो बहुत सारा व्यंजन बनाया गया था, बड़े बड़े लोग आए थे। मुझे तो बहुत अच्छा लगा वहा। ऐसा भोजन तो मैने पहली बार करने को मिला। मजा आ गया।
पदमा _बस बस ज्यादा तारीफ मत करो। उन लोगों से दूर रहने में ही भलाई है। कब अपना रंग बदल दे। रात बहुत हो चुकी है, जाओ दोनो अपने कमरे में जाकर सो जाओ।
भुवन _जी मां।
राजेश और भुवान दोनो अपने कमरे में चले गए।
जब भुवन कमरे मे पहुंचा।
पुनम _आ गए आप।
भुवन _अरे तुम अभी तक जग रही हो।
पुनम _जब पति और देवर दुश्मन के घर गया हो तो निंद किसे आयेगी। वैसे कैसा रहा पार्टी?
भुवन _मत पूछो। बहुत मजा आया।
जानती हो राजेश ने पार्टी में गीत गाया। सभी लोगो ने खुब ताली बजाई।
पुनम _अच्छा, तो देवर जी को गाना भी गाने आता है।
अच्छा उस गुलदस्ते को ठाकुर की बेटी को दिए की नही।
भुवन _हा, ठाकुर की बेटी दिव्या गुलदस्ता की बड़ी तारीफ की।
उसे बहुत पसंद आया। उसने राजेश भाई का बहुत ध्यान रखा।
पुनम _, क्या? दिव्या जी, राजेश का ध्यान रखा।
भुवन _हा।
पुनम _दिखने में कैसी है ठाकुर की बेटी। बड़ी बेटी को तो मैं देख चुकी हु। जिला पंचायत अध्यक्ष जो है।चुनाव प्रचार में जो आई थी। बड़ी सुन्दर है अपनी मां ठकुराइन की तरह। छोटी बेटी दिव्या दिखने में कैसी है।
भुवन _दिव्या जी भी बहुत सुंदर है। वह दिखने में डाक्टर नही कोइ हिरोइन लगती है।
पुनम _अच्छा।
भुवन _हां।
सब कुछ तो ठीक था पर शहर से एक लडका आया था, मंत्री जी का बेटा। मेरा जी कर रहा था की उस का मुंह तोड़ दू साले की।
पुनम _क्यू जी क्या किया उसने।
भुवन _वह राजेश को ठाकुर की बेटियो के सामने नीचा दिखाने की कोशिश कर रहा था। वह कह रहा था की निशा नाम की कोइ राजेश की गर्लफ्रेंड थी जो राजेश को छोड़ कर चली गईं। उसकी बातो से राजेश उदास हो गया। मेरा तो मन कर रहा था कि साले की थोपड़ा तोड़ दू।
पुनम _हूं, राजेश ने मुझे भी बताया था कि वह जिस लडकी को चाहता था वह उसे छोड़ कर चली गईं।
भुवन _देखो, तुम भी राजेश को समझाना जो लड़की उसे छोड़ कर चली गईं उसे लेकर वह दुखी न रहे।
यहां गांव में भी एक से बड़ कर एक लडकिया है, उनमे से किसी को पसंद करले। जो huwa है उसे भुल जाए।
पुनम _हूं, कल बात करुंगी उससे।
चलो अब सो जाओ रात काफी हो चुकी है।
भुवन _अरे मेरी रानी, कितने दिनो के बाद तो आज रात में साथ में सोने का मौका मिला है, और तुम ऐसे ही सो जाने बोल रही हो।
पुनम _नही जी आज मेरा मूड नहीं।
भुवन _अरे अभी तुम्हारा मूड बना देते है।
पुनम _तुम भी न बीना लिए मानोगे नही।
भुवन _पुनम के ऊपर आ गया, उसकी ब्लाउज खोल कर, उसकी चूचियों से खेलने लगा।
फिर वह नीचे गया और उसकी चड्डी उतार कर उसकी बुर चाटने लगा।
पुनम गर्म हो गई उसकी बुर से पानी बहने लगा।
उसके मूंह से सिसकारी निकलने लगी।
भुवन, अपना खड़ा land पुनम की मस्त फूली हुई चिकनी बुर में डाल कर चोदना शुरू कर दिया।
इधर हवेली में सारे मेहमान चले गए। मंत्री और उसका परिवार रह गया।
ठाकुर _रत्ना, आज मंत्रीजी और उसका परिवार यहीं रुकेंगे, तुम मेरे बाजू वाले कमरे में मंत्री जी की सोने की व्यवस्था करवा दो। विक्की के लिए कोइ अच्छा सा कमरा बता दो।
रत्ना _ठीक है जी।
रत्ना, रागिनी को लेकर उसे कमरे में छोड़ आई। इधर ठाकुर मंत्री को अपनें कमरे में लेकर चला गया।
ठाकुर अकेला ही सोता था।
कमरे में जाने के बाद।
ठाकुर _आइए मंत्री जी, बैठिए। काफी दिन हो गए साथ में बैठ कर पिए हुए।
ठाकुर ने अपने नौकर से अपनी खास सेविका, तारा बाई को बुलाने कहा।
कुछ देर में तारा बाई वहा पहुंची।
तारा बाई _ठाकुर साहब आपने मुझे बुलाया।
ठाकुर _आओ तारा।
मंत्री जी ये हमारी खास सेविका है तारा बाई।
मंत्री तारा बाई को गौर से देखने लगा।
तारा बाई काफी सुन्दर थी।
ठाकुर _तारा हम दोनों के लिए पैग बनाओ।
तारा बाई _जी ठाकुर साहब।
मंत्री _ठाकुर साहब मुझे आपसे कुछ बाते करनी है।
ठाकुर साहब _अरे मंत्री जी पहले एक एक पैग तो हो जाए, फिर बार करेंगे।
तारा ने दोनो के लिए पैग बनाया।
और दोनो की ओर रम का प्याला बढ़ाया।
तारा _लीजिए मंत्री जी।
मंत्री ने प्याला उठाते हुए कहा _बड़ी सुंदर हो तुम।
ठाकुर _मंत्री जी लगता है, तारा तुमको पसन्द आया।
तारा जाओ मंत्री जी के गोद में बैठ कर उसे पिलाओ।
तारा मंत्री की गोद में बैठ गया। और शराब पिलाने लगा।
मंत्री _ठाकुर साहब आप भी तो लीजिए।
ठाकुर भी एक पैग शराब पी लिया।
इधर तारा बाई ने मंत्री को अपने हाथो से शराब पिलाया।
ठाकुर _बोलो मंत्री जी आप कुछ बोलने वाले थे मुझसे।
मंत्री _ठाकुर साहब, मैं सोच रहा था कि क्यू ना हम अपनी दोस्ती को रिश्तेदारी में बदल दे। अपनी बेटी दिव्या का हाथ मेरे बेटे विक्की के हाथ में देकर। कहिए क्या ख्याल है आपका।
ठाकुर _अरे मंत्री जी, ये तो बड़ी खुशी की बात है की मेरी बेटी आपके घर बहु बनकर जाएगी।
मंत्री _तो क्या आपको ये रिश्ता मंजूर है?
ठाकुर _यार, तुमको कभी न बोला है। तुम भी तो राज घराने परिवार से हो, हमारे अच्छे दोस्त हो। दिव्या के लिए इससे अच्छा रिश्ता मिलेगा कहां।
मंत्री _यार तुमने शादी के लिए हा कह कर मेरा दिल जीत लिया।
मंत्री जी जी आज बड़ी खुशी का दिन है, जी भर कर पीजिए। तारा और पैग बनाओ मंत्री जी के लिए।
मंत्री _ठाकुर साहब आप भी तो लीजिए।
ठाकुर _हा हा मैं भी ले रहा हूं।
मंत्री को तारा बाई ने अपने हाथो से कई पैग बना कर पिलाया।
मंत्री जी नसे में वही लुड़क गए।
ठाकुर _तारा तुम मंत्री जी का ख्याल रखो, मैं उसकी बीबी का ख्याल रखने जा रहा हूं।
तारा मुस्कुराते हुए बोली,,
जी ठाकुर साहब,,
ठाकुर साहब मोंगरे की माला को सूंघते हुए रागिनी के कमरे में पहुंचा।
रागिनी एक खुबसूरत सी नाइटी पहनी हुई थी।
ठाकुर साहब आप, मंत्री जी कहा है।
ठाकुर _मंत्री जी रिश्तेदार बनने की खुशी में कुछ ज्यादा ही पी ली है वह हमारे कमरे मे आराम कर रहे हैं। अब वह सुबह ही उठ पाएंगे। हमारी खास सेविका तारा बाई उसकी देखभाल कर रही है।
मुझे लगा की नई जगह है आपको डर न लगे इसलिए आपका ख्याल रखने आया हूं।
क्यू ना हम रिश्तेदार बनने से पहले एक दूसरे को अच्छे से जान लें।
रागिनी _हूं, क्या जानना है मेरे बारे में।मुस्कुराते हुवे बोली।
ठाकुर _अरे भाभी जी आप हमें बैठने नही बोलोगी।
सच में इस नाइटी में कयामत लग रही हो।
ठाकुर ने रागिनी को पीछे से अपने बाहों भर लिया।
रागिनी _अरे ठाकुर जी बड़े उतावले लग रहे हो पहले दरवाजा तो बंद कर लेने दो।
ठाकुर _जब से आई हो तुम्हे पाने को बेचैन हूं, मेरी जान। अब रहा नही जा रहा।
ठाकुर ने रागिनी को अपनी बाहों में उठाकर बेड तक लाया और उसे बेड पर पटक दिया।
और उसके ऊपर आ गया।
ठाकुर ने रागिनी के ओंठो को जी भर कर चूसा।
फिर उसे अपने ऊपर ले लिया।
ठाकुर _आज तो तुम्हे मैं जन्नत की सैर कराऊंगा।
रागिनी _अच्छा देखते हैं कहा तक टिकते हो।
ठाकुर अपना पजामा ओर चड्डी उतार कर नीचे से नंगा हो गया।
ठाकुर का land खड़ा था।
ठाकुर _लो चूसो मेरी जान।
रागिनी ने ठाकुर की land की ओर देखा। उसका land मंत्री जी के land से बड़ा था।
रागिनी _वैसे तो आपका हथियार अच्छा है, देखते हैं इसमें कितना दम है।
रागिनी ने ठाकुर का land चूसना शुरू कर दिया।
ठाकुर का land एकदम कड़क हो गया।
ठाकुर _उतार दो मेरी जान अपनी सारे कपड़े।
रागिनी _एक एक कर अपनी सारे कपड़े उतार कर नंगी हो गई।
ठाकुर _वाह सच में क्या मॉल हो तुम।
ठाकुर ने रागिनी को बेड पर लिटा दिया खुद उसके ऊपर आ गया।
ठाकुर _हाय क्या मस्त चूचे है तेरी।
ठाकुर, रागनी के चूचों पर टूट पड़ा। जी भर कर मसल मसल चूसा।
फिर पूरे बदन को चाटते हुए उसकी बुर तक पहुंचा।
ठाकुर _हाय क्या मस्त चूत है तेरी,
चूत चाटने लगा। रागिनी के मुंह से मादक सिसकारी निकलने लगी।
ठाकुर की हरकतों से रागनी बहुत उत्तेजित हो गई।
रागिनी _ठाकुर साहब कब तक चांटते रहोगे, अब बर्दास्त नही हो रहा, डाल दो अंदर।
ठाकुर रागनी के दोनो टांगे फैला दिया और उसके टांगो के बीच उकड़ू बैठ गया। अपना land को रागिनी की बुर में रखकर गच से पेल दिया।land एक ही धक्के में सरसराता huwa बुर के अंदर चला गया।
उसके बाद ठाकुर रागनी की चूची पकड़ कर दनादन चोदना शुरु कर दिया।
कमरे मे रागिनी की मादक सिसकारी, फैच फच गच गच की आवाज़ गूंजने लगा।
आसन बदल बदल कर ठाकुर ने रागिनी को जमकर चोदा और उसे जन्नत की सैर कराया।
आधे घण्टे चोदने के बाद अपना पानी रागिनी की बुर में छोड़ कर उसके बाजू में लुड़क गया।
कुछ देर दोनो सुस्ताया।
रागिनी _सच में ठाकुर साहब आपमें तो अभी भी जवानों की तरह मर्दानगी है। थका दिया मुझे।
ठाकुर _अभी मेरी मर्दानगी देखि कहा है मेरी जान। अभी तो पूरी रात बाकी है।
वे एक दूसरे से बात चीत करते रहे, तारीफ करते रहे।
ठाकुर का फिर से खड़ा हो गया।
वह रागिनी को फिर से जमकर चोदा।
इस बार क़रीब घंटा भर चोदने के बाद उसका पानी गिरा।
दोनो थक गए थे। एक दूसरे के बाहों में सो गए।
रागिनी का नींद खुला तो देखा सुबह के 6बजने वाले हैं।
उसने ठाकुर को उठाया।
रागिनी _ठाकुर साहब अब आप जल्दी से जाइए यहां से कहीं मंत्री जी आ गए तो मुसीबात हो जाएगी।
ठाकुर _हाय तुमने मेरा दिल खुश कर दिया, क्या मस्त मॉल है तु, तेरी लेने में बड़ा मज़ा आया। चलो एक और करते हैं।
रागिनी _न बाबा, अभी नही कोई भी आ सकता है। वैसे भी अब हम रिश्तेदार बनने वाले हैं। अब तो कई मौके मिलेंगे हमे मिलने के।
ठाकुर _हाय तब तो जल्दी शादी करानी पड़ेगी बच्चो की, ताकि तुम्हे और भोगने का मौका मिल सके।