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बहुत बहुत बेहतरीन अपडेट
बहुत मस्त और मस्ती भरा अपडेट
Thanks
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Awesome updateपदमा पलंग पर पेट के बल लेटी थी। वह सिर्फ पेटीकोट में थी। राजेश उसकी पीठ को चूमने सहलाने लगा। पदमा सिसकने लगी।
उसके बाद राजेश ने पदमा की पलटकर, पीठ के बल लिटा दिया। पदमा अपने दोनो हाथों से चुचियों को ढक ली।
राजेश _ताई छिपा क्यू रही हो, दिखाओ न।
पदमा _मुझे शर्म आ रही।
राजेश _शर्माओगी तो मजा कैसे लोगी? जरा मैं भी तो देखूं तुम्हारे मम्मे कैसे है? उस दिन तो देख नही पाया था।
राजेश ने पदमा की हाथो को हटाने के लिए उसके हाथो को पकड़ा। और हटाने की कोशिश किया।
पदमा ज्यादा विरोध नही की वह अपनी चूची पर से हाथ हटा कर अपने चहरे को छुपा ली।
हाथ हटते ही, उसकी मस्त चूचियां राजेश के आंखो के सामने आ गया।
राजेश _वाउ, क्या मस्त नजारे है।
राजेश ने बड़ी बड़ी मस्त सुडौल चुचियों को अपने दोनो हाथों में थाम लिया।
और मसल मसल कर चूसने लगा।
पदमा _आह उन,,,
सिसकने लगी,,,
राजेश बेड से उठा और अपने सारे कपड़े उतार दिया सिर्फ चड्डी में रह गया।
राजेश ने पदमा को दोनो हाथो से खीच कर उठाया और अपने गोद में बिठा लिया।
और बुरी तरह अपनी बाहों में जकड़ लिया। उसकी पीठ चूमने लगा।
पदमा ने भी राजेश को जकड़ लिया।
राजेश ने पदमा की चूची को मसलने लगा चूसने लगा पदमा सिसकने लगी।
राजेश ने पदमा को फिर से पीठ के बल लिटा दिया।
फिर उसकी पेटी कोट का नाडा खीच दिया।
पदमा पूरी तरह नंगी हो गई। वह अपनी बुर को अपने हाथो से छिपाने लगी।
राजेश _ताई, दिखाओ न अपनी बुर, छिपा क्यू रही हो उस दिन देख नही पाया था।
पदमा _मुझे बड़ी शर्म आ रही है।
राजेश _ताई, अब शर्माओगी तो मजा कैसे लोगी?
राजेश ने पदमा की हाथो को जोर लगा कर हटाया। पदमा अपनी हाथो से शर्म के मारे मुंह छिपाने लगी।
राजेश ने पदमा की मस्त फूली हुई चिकनी चूत को देखा।
राजेश _वाउ क्या बुर है?
एकदम चिकनी और पाव रोटी की तरह फूली हुई।
लगता है आज ही जंगल की सफाई की हो। उस दिन तो गुफा की चारो ओर घना जंगल था।
राजेश ने झुक कर पदमा की बुर को चूसना और चाटना शुरू कर दिया।
ताई _आह, बेटा क्या कर रहा है? वहा नही गंदा होता है?
पदमा की बुर पहली बार कोइ चाट रहा था उसे अजीब लगा।
पर राजेश रुका नहीं और चाटता रहा।
पदमा को बहुत मजा आने लगा उसके मुंह से मादक सिसकारी निकलने लगी।
उसकी बुर से पानी झरने की तरह बहने लगी।
आह उन, आई मां,,आ,,,
बेटा अब बस कर,, मुझसे बर्दास्त नही हो रहा, मैं मर न जाऊ,,,,
राजेश ने चूसना बंद कर दिया।
वह बेड से उठा और अपना चड्डी उतार दिया।
उसका मोटा लंबा land हवा में लहराने लगा, ठुमकने लगा।
पदमा ने जब राजेश के लंद को देखा तो दंग रह गई। वह पहली बार इतना मोटा लंबा लंद देख रही थी।
राजेश ने पदमा को खीच कर पलंग से उठा दिया।
राजेश _ताई अब देख क्या रही हो , चलो अब चूसना शुरू करो।
पदमा _बेटा, मैने अब तक कभी चूसा नही है, मुझसे नही होगा।
राजेश _ठीक है फिर मैं भी तुम्हारी chudai नही करूंगा।
पदमा _ओह बेटा तुम तो नाराज हो गए। कोशिश करती हूं।
पदमा राजेश के लंद के नीचे बैठ गई।
और उसके ठुमकते land को हाथो में लेकर सहलाने लगी
पदमा _बेटा तुम्हारा हथियार तो बहुत बड़ा है, इसी लिए उस दिन मेरा हालात खराब हो गई थी। ये तो रंडियों का भी हालात खराब कर देगा।
राजेश _ताई, अब मुंह में डाल कर चूसो।
पदमा ने लंद का टोपा मुंह में लेकर चूसने लगी।
राजेश _हूं, ये हुई न बात, थोडा अंदर लेकर चूसो।
पदमा जितना मुंह अंदर ले सकती थी अंदर लेकर चूसने लगी।
राजेश _आह ताई, बहुत जल्दी सीख गई तुम, बहुत मजा आ रहा है? हा ऐसे ही चूसती रहो।
राजेश ने पदमा की बालो को हाथ से पकड़ कर अपने लंद को उसके मुंह में ठेलने लगा।
पदमा _घो घो करने लगी।
राजेश ने पदमा को ऊपर उठाया, और पलग को पकड़ा कर झुका दिया।
पीछे जाकर उसकी टांगो के बीच आ गया उसकी बुर को फिर चूसा उसके बाद अपना लंद उसकी बुर की छेद में रख कर, गच से पेल दिया।
लंद सरासरता huwa बुर चिर कर एक ही बार में आधा से ज्यादा अंदर घुस गया।
पदमा चीख उठी।
राजेश _ताई चीखोगि तो पूर घर वाले दरवाजा के पास खड़े हो जाएंगे, अंदर क्या चल क्या रहा है पता करने।
लो मुंह में मेरा चड्डी ठूस लो।
पदमा _तुम्हारा इतना बड़ा है, एक ही बार में घुसा दिया, मार डालेगा क्या?आराम से नही नही कर सकता ।
राजेश _सारी ताई तुम्हारी मस्त बुर देख कर जोश कुछ ज्यादा बड़ गया था, अब आराम से करूंगा।
राजेश पदमा की जमकर chudai करने लगा।
वह अलग अलग आसनों में पदमा को जमकर चोदा और उसे जन्नत की सैर कराया।
क़रीब दो घण्टे तक, कामसुख प्रदान करने के बाद राजेश उसकी योनि में ही अपना सारा वीर्य छोड़ कर बेड पर लुड़क गया।
पदमा भी थक चुकी थी। उसकी बुर की सारी प्यास बुझ चुकी थी। बेड पर लेट कर सुस्ताने लगी।
क़रीब आधा घंटा बाद , पदमा जब होश में आई वह अपनी हालात देख शर्मिंदगी महसूस करने लगी। क्यू की उसकी सारी प्यास बुझ चुकी थी।
वह बेड से उठी और अपनी पेटीकोट पहनी, ब्लाउज, फिर साड़ी पहनने लगी। राजेश उसे पहनते देख रहा था। और अपना लौड़ा सहला रहा था।
जबपदमा राजेश की ओर देखी, वह शर्मा गई।
पदमा _क्यू, इतना करने के बाद तुम्हारा मन नही भरा है क्या?
राजेश _न आओ ना एक बार और करते हैं?
पदमा _न बाबा, एक ही बार में मेरी बुर, को सूजा दिया तुमने। और किया तो पता नही क्या होगा?
पदमा वहा से अपनी गाड़ मतकाते हुई चली गई।
राजेश पदमा के जाने के बाद, गहरी नींद के आगोश मे , चला गया।
अगले दिन राजेश सुबह उठा और अखाड़े पे चला गया, वहा शारीरिक अभ्यास के साथ साथ कबड्डी प्रतियोगिता की भी तैयारी किया।
जब वह घर लौटा, भुवन खेत से घर आ चुका था,।
दोनो नहाए फिर पुनम ने दोनो के लिए नाश्ता लगाया।
पदमा वहा मौजूद थी, वह राजेश से पहले जैसे बात चीत नही कर पा रही थी, उसे शर्म आ रही है।
राजेश ने तो बातो ही बातो में एक आंख ही मार दी। पदमा शर्म से पानी पानी हो गई। लेकिन यह सब उसे अच्छा लग रहा था।
राजेश ने मजा लेते हुए पूछा,,
राजेश _ताई आप लंगड़ा कर क्यू चल रही हो? कुछ huwa है क्या?
भुवन _हा मां, कुछ समस्या है क्या?
पदमा _अरे बेटा मैं सुबह, बाड़ी के तरफ गई थी वहा स्नानागार में पैर फिसल गई।
थोडा कमर पकड़ लिया है?
पुनम _मां जी मैं सरसो की तेल से आपकी कमर की अच्छे से मालिश कर दूंगी। आपका कमर दर्द ठीक हो जायेगा।
पदमा _अरे बहु, तुम क्यू तकलीफ करोगी?, दर्द इतना ज्यादा भी नहीं है, मैं ठीक हो जाऊंगी।
राजेश _ताई आप कहे तो मैं मालिश कर दूंगा।
पदमा _न बाबा, अगर मैं तुमसे मालिश कराई तो दर्द कम होने के बजाए और बड़ जायेगा।
किसी को कुछ करने की आवश्यकता नहीं, मैं ठीक हो जाऊंगी।
नाश्ता करने के बाद भुवन खेत चला गया। राजेश अपने कमरे में पढ़ाई करने लगा।
दोपहर में भगत ने राजेश को काल किया।
भगत _भाई कैसे है आप?
राजेश _मैं ठीक हूं भगत, तुम बताओ कैसे है वहा सब।
भगत_, यहां सब ठीक है भाई, बस तुम्हारी कमी खलती है।
राजेश _कहो, अचानक कैसे याद किया?
भगत _तुम्हे बधाई देने के लिए भाई, आज यूनिवर्सिटी ने रिजल्ट जारी कर दिया है भाई, आपने पूरे यूनिवर्सिटी में टॉप किया है?
राजेश _और तुम्हारा क्या huwa?
भगत _भाई मैं भी पास हो गया भाई।
राजेश _बाकी लोगो का क्या है रिजल्ट।
भगत _भाई switi भी प्रथम वर्ष की परीक्षा में मेरिट में आई है। सीमा और निशा जी द्वितीय वर्ष की परीक्षा में मेरिट में आई है।
राजेश _ओह, ये तो तुमने बहुत अच्छी खबर दी।
भगत _भाई अगर तुम यहा होते तो सेलिब्रेट करते? सभी दोस्त तुम्हे मिस कर रहे है।
राजेश _हा यार, मैं भी तुम लोगो को बहुत मिस कर रहा हूं।
और सुना तुम्हारे पार्टी का काम काज कैसा चल रहा है।
भगत _बहुत बढ़िया भाई, हर रोज नए नए लोग हमारी पार्टी से जुड़ रहे हैं।
राजेश _भगत, देखना तुम्हारी पार्टी इस बार चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन करेगी।
भगत _भाई चुनाव के समय मुझे आपकी जरूरत होगी। आपके मार्गदर्शन बिना अच्छा परिणाम मुस्किल होगा।
राजेश _अरे यार मैं हमेशा तेरे साथ हूं। तुम्हारे पार्टी का जितना राज्य के विकास के लिए जरूरी है। मुझसे जो हो सकेगा, मैं करूंगा।
भगत _धन्यवाद भाई।
उधर घर में जब स्वीटी ने अपनी मां को यूनिवर्सिटी के परीक्षा परिणाम के बारे में जानकारी दिया, और बताया की भईया ने पूरे यूनिवर्सिटी में टॉप किया है?
सुनीताकी खुशी का ठिकाना न रहा, उसका मन किया की वह राजेश को फोन कर बधाई दे।
पर उसके कहने पर ही राजेश घर छोड़कर गांव चला गया था, वह राजेश को काल न कर पाई।
जब शेखर घर आया तो साथ मिठाई का डिब्बा ले आया।
शेखर _देखा न सुनीता, मुझे मेरे बेटे पर पूरा भरोसा था, वह हमे निराश नहीं करेगा। लो मिठाई खाओ भी आज बड़ी खुशी का दिन है। बेटे ने पूरा यूनिवर्सिटी में टॉप किया है।
स्वीटी बेटा राजेश को काल तो करो, उसे बधाई दे दे।
स्वीटी _जी पापा।
स्वीटी ने राजेश को काल किया।
स्वीटी_भईया, कैसे है आप? बधाई हो आप ने पूरे यूनिवर्सिटी में टॉप किया है।
राजेश _स्वीटी, मैं भी आज बहुत खुश हु की तुम मेरिट में आई हो, तुमने मां, पापा का मान बढ़ाया।
तुमको भी बहुत बहुत बधाई।
स्वीटी _शुक्रिया भईया।
लो पापा से बात करो।
शेखर _राजेश बेटा, आज हम बहुत खुश है? आखिर तुम हमारी उमिदो पर खरा उतरे।
राजेश _शुक्रिया पापा।
आप लोग वहा ठीक तो है न।
शेखर _हम लोग यहां बिलकुल ठीक है बेटा।
हमारी चिन्ता बिलकुल मत करना।
तुम्हे वहा कोइ समस्या तो नही।
अगर कोइ समस्या हो तो तुम घर आ जाओ।
राजेश _पापा यहां कोइ समस्या नही है? मैं अपनी आईएएस की तैयारी भी अच्छे से कर पा रहा हूं।
मैं यहां बिलकुल ठीक हूं, तुम लोग अपना ख्याल रखना।
शेखर _ठीक है बेटा।
उधर लंदन में,,,
निशा और सीमा जो इस समय अपने फूफा जी के ऑफिस में थी।
सीमा और निशा अपने कैबिन में बैठी थी।
सीमा फोन पर किसी से बात कर रही थी।
निशा _सीमा, किससे बात कर रही है?
सीमा _कालेज की सहेली का काल था, बता रही थी की आज यूनिवर्सिटी का रिजल्ट जारी हो गया है।
हम दोनों मेरिट में आए है।
निशा _ये तो बड़ी खुशी की बात है। और बांकी दोस्तो का क्या रिपोर्ट है?
सीमा _पहले की तरह इस बार भी,राजेश ने स्नातक की अंतिम वर्ष की परीक्षा में पूरे यूनिवर्सिटी में टॉप किया है।
निशा, यह सुनकर किसी विचार में खो गई।
सीमा _निशा, कहा खो गई।
निशा _कुछ नही,,,
अब रिजल्ट तो जारी हो गया है। अब हमे यहां के किसी अच्छे से कालेज में दाखिला लेना होगा, ताकि आगे की पढ़ाई पूरी कर सके।
सीमा _हां यार।
कल चलते है कालेज, प्रवेश फार्म लाने।
ठीक है।
सीमा _निशा, सहेली बता रही थी की अगले सोमवार को आरके कालेज में एक सम्मान समारोह का आयोजन रखा गया है, जिसमे इस साल के अच्छे प्रदर्शन करने वाले को सम्मानित किया जाएगा, और स्टूडेंट ऑफ द इयर की घोषणा भी।
जाना है क्या? समारोह में।
निशा, सोचने लगी।
सीमा _ यार तुम कुछ बोलती क्यू नही?क्या सोचने लगी?
निशा _कुछ नही।
सीमा तुम जाना चाहती हो तो चले जाओ। मैं नही जाऊंगी।
सीमा _यार, ये क्या बोल रही हो? मैं तुम्हारे बिना कैसे जाउंगी।
निशा _सारी सीमा मेरे कारण तुमको अपनी अपनी अरमानों का त्याग करना पड़ रहा है।
सीमा _निसा ये तुम कैसी बाते कर हो? मैं तुम्हे अपनी सहेली नही, अपनी बहन मानती हूं।
तुम जहां रहोगी? मैं तुम्हारी साया बनकर रहूंगी हमेशा।
निशा ने सीमा को गले लगाकर भावुक हो गईं।
इधर गांव में रात में भोजन करते समय,,,
पदमा _बेटा कल गांव में काम काज बंद रखा गया है।
कल मंदिर का स्थापना दिवस है न। मंदिर में पूजा पाठ रखा गया है। सभी लोगो को वही जाना है।
तुम लोगो को तो पता ही है कल तुम्हारे दादा जी का पुण्य तिथि भी है।
भुवन _हां मां।
पदमा _गांव वाले उस दिन तुम्हारे दादा जी को याद कर उसकी फोटो पर श्रद्धा के फूल चढ़ाते हैं।
हम सबको कल मन्दिर चलना है।
राजेश _ठीक है ताई।
इधर रात में निशा और सीमा अपने कमरे में सोई थी।
सीमा का नींद रात में अचानक से खुल गया।
उसने निशा की ओर देखा, वह करवट लेकर लेटी थी।
मोबाइल पर कुछ देख रही थी।
सीमा ने चुपके से देखा कि इतनी रात को निशा मोबाइल पर क्या देख रही है?
निशा, मोबाइल पर राजेश का फोटो देख रही थी।
सीमा, फिर से लेट गई, और निशा से बोली ।
सीमा _निशा, तुम अभी तक जग रही हो। सोई नहीं।
निशा हड़बड़ा कर मोबाइल बंद कर दी।
निशा _आज नींद नहीं आ रही थी।
सीमा _किसी को मिस कर रही हो क्या?
निशा _नही तो, मैं भला किसे मिस करुंगी?
सीमा _राज को।
निशा _सीमा तुम मेरे सामने उस आवारा का नाम मत लिया करो? मैं भुल चुकी हूं।
सीमा _सॉरी यार, मुझे लगा कि तुम राज को मिस कर रही हो। शायद तुम अपने मॉम डैड को मिस कर रही थी।
निशा _हां, मैं अपने मॉम डैड को मिस कर रही थी।
सीमा_अच्छा, ठीक है, अब मुझसे नाराज मत हो, रात बहुत हो चुकी है, अब सो जाओ।
सीमा, अपने मन में बोली।
सीमा _पगली, अपने सहेली से छिपा रही हैं, सच बात तो ये है कि तुम राज को भूली नही हो। राज तुम्हारे अंदर अभी भी रचा बसा है।
हे भगवान, तु चाहे जितना भी इम्तिहान ले ले पर अन्त में इसे इसके प्यार से मिला देना।
अगले दिन गांव में मंदिर का स्थापना दिवस था। गांव में काम काज बंद रखा गया था।
मंदिर का संचालक समिति ने सारी तैयारियां की थी। सुबह पूजा पाठ, फिर गांव के भजन मंडली द्वारा भजन, फिर दोपहर में भंडारा।
सुबह होते ही, गांव के लोग नहा धोकर तैयार होकर मंदिर की ओर जाने लगे।
महिलाए सुंदर वस्त्र धारण कर हाथो में पूजा की थाली लेकर मंदिर की ओर जा रहे थे।
इधर पदमा भी तैयार होकर पुनम और आरती को लेकर मंदिर की ओर निकल पड़े।
आज खेत को राम भरोसा छोड़ दिया गया था। केशव, राजेश और भुवन भी मंदिर की ओर चल पड़े।
रास्ते में,,
राजेश _अरे चाचा जी आप नही जा रहे क्या मंदिर?
माधव _अरे राजेश बेटा तुम्हारी चाची तैयार हो रही है? तुम लोग चलो हम लोग अभी पहुंच रहे हैं।
राजेश _ठीक है चाचा जी।
कुछ देर में ही वे मंदिर पहुंच गए।
आज मंदिर को बहुत अच्छे ढंग से सजाया गया था।
मंदिर के गर्भ गृह के दरवाज़े के बाजू, चेयर में ठाकुर महेंद्र सिंह और मानव प्रसाद का फोटो रखा गया था।
भगवान शिव की पूजा करने के बाद, लोग दोनो के फोटो पर माला पहना रहे थे।
पूजा पाठ करने के बाद लोग गर्भ गृह के सामने।
बैठ रहे थे सामने भजन कीर्तन करने वाले बैठे थे।
राजेश भी भगवान शिव के दर्शन करने के बाद ठाकुर महेंद्र सिंह और मानव प्रसाद के फोटो पर माला पहना कर प्रणाम किया।
भजन कीर्तन करने के लिए सामने बैठे, भजन मंडली ने राजेश और भुवन को अपने साथ बैठने के लिए बुलाया।
राजेश और भुवन दोनो भजन मंडली के साथ बैठ गए।
पदमा, आरती और पुनम तीनो गांव के अन्य महिलाओं के साथ बैठ गई।
कुछ देर बाद गांव की सरपंच और उसके पति माधव प्रसाद, पहुंचे।
उसने भी शिव जी का पूजन किया, ठाकुर महेंद्र सिंह, और मानव प्रसाद के फोटो पर माल्यार्पण करके प्रणाम कर निर्धारित स्थान पर बैठ गए।
उसके बाद हवेली की ठकुराइन अपने दोनो बेटियो गीता और दिव्या के साथ पहुंची।
सभी का ध्यान दिव्या और गीता की सुंदरता की ओर गया।
ठकुराइन प्रति वर्ष मंदिर स्थापना के दिन मंदिर आती है आज अपने दोनो बेटियो के साथ मंदिर पहुंची।
तीनो ने शिव जी का पूजा अर्चना किया फिर ठाकुर महेंद्र सिंह और मानव प्रसाद के फोटो पर माल्यार्पण कर। महिलाओं के के कतार में सामने बैठ गए।
उसके बाद पुजारी द्वारा हवन का कार्यक्रम सम्पन्न कराया। फिर शिव जी का आरती किया गया।
पूजा पाठ समाप्त होने के बाद।
भजन मंडली द्वारा भजन गाने लगे। सभी लोग अपनी जगह पर बैठ कर भजन मंडली का साथ देने लगे।
भुवन _राजेश तुम तो बहुत अच्छा गाते हो, आज तुम भी कोइ भजन सुनाओ।
दिव्या _हा राजेश, तुम भी कोइ भजन सुनाओ।
पुनम _दिव्या की सुंदरता और राजेश से भजन के लिए निवेदन करते हुए देख, महसूस कर रही थी की, दिव्या राजेश से कितनी शालीनता से बात कर रही है। कितनी सुंदर है दिव्या?
गांव की सरपंच सविता जी ने भी राजेश से कहा, भजन सुनाने के लिए।
सभी के निवेदन पर भजन गाना शुरू किया ,,
भजन सुनकर लोग मंत्र मुग्ध हो गए।
भजन कीर्तन के बाद दोपहर में भंडारा कार्यक्रम रखा गया था।
सबसे पहले महिलाओं को भोजन परोसा गया।
राजेश, भुवन और उसके दोस्त, अखाड़ा दल वाले भी भोजन बाटने के कार्य में लगे थे।
गीता दिव्या और ठकुराइन तो शिव जी का प्रसाद लेकर ही घर जा रहे थे पर राजेश के निवेदन पर वे भी अन्य महिलाओं के साथ बैठकर भोजन किया।
भोजन करने के बाद।
दिव्या _अच्छा राजेश अब हम जा रहे हैं।
राजेश _ठीक है दिव्या जी।
रत्नावती _राजेश बेटा, कभी हवेली भी आया करो,।
राजेश _अब बिना कोइ काम के हवेली जाना अच्छा नही लगता मां जी।
कोइ काम आए तो जरूर आऊंगा मां जी।
रत्नावति _ठीक है बेटा।
गीता _राजेश सच में तुम और लड़को से हट के हो।
तुमने बहुत अच्छा भजन सुनाया।
राजेश _शुक्रिया गीता दी।
ठकुराइन अपने बेटियो को लेकर घर चली गईं।
महिलाओं के जाने के बाद सभी पुरुषो को भोजन कराया गया।
और अन्त में राजेश और उसके दोस्तो ने भोजन किया।
मंदिर का सारा काम निपटाते, शाम ढल गया।
राजेश और उसके दोस्त भी अपने अपने घर के लिए निकल गए।
जब राजेश भुवन घर पहुंचे।
पुनम ने दोनो के लिए चाय लाई।
दोनो चाय पी कर आंगन में ही खाट लगाकर आराम करने लगे।
और आज दिन भर हुवे, घटना क्रम के बारे में बातचीत करने लगे।
पुनम, भोजन तैयार कर लेने के बाद दोनो के लिए थाली लगाई।
भोजन करने के बाद भुवन खेत चला गया।
रात में पुनम दूध लेकर राजेश के कमरे में आई।
पुनम _लो राजेश दूध पी लो। इस समय राजेश पढ़ाई कर रहा था।
राजेश ने पुनम की हाथो से गिलास लेकर दूध पिया और धन्यवाद, भाभी कहा।
पुनम _राजेश, सच में तुम बहुत अच्छा गाते हो, गांव के सभी लोग तुम्हारी बड़ी तारीफ कर रहे थे।
राजेश _ये सब आप लोगो का प्यार है भौजी।
पुनम _राजेश, ठाकुर की बेटी दिव्या सच में बहुत सुंदर है।
गांव की महिलाओ की नजर तुम पर टिकी थी तो पुरुषो की नजर दिव्या और गीता पर।
राजेश _पर मेरी नजर तो आप पर टिका था भाभी।
पुनम _चल झूठा कहीं का, एक बार भी मेरे तरफ नही देखा। और कह रहा है की मेरी नजर तो तुम पर ही टिका था।
राजेश _भौजी सच कह रहा हूं आज तुम नई साड़ी में कमाल की लग रही थी।
पुनम _बस बस, इतना भी मत फेको की मैं शर्म से मर जाऊ।
पुनम _राजेश तुमसे एक बात बोलूं।
राजेश _बोलो भौजी।
पुनम _ये दिव्या तुम्हारी ओर बार बार देख रही थी।
राजेश _भौजी अभी तो कह रही थी की गांव की सभी महिलाए मेरे तरफ देख रही थी। तो दिव्या जी भी देख रही थी, इसमें अलग क्या है?
पुनम _अरे नही re, तु नही समझेगा।
वो ऐसे नजरो से तुम्हे देख रही थी जब लडकी को किसी से प्यार हो जाता है, तब अपने यार को प्यार भरी नजरो से देखती है।
राजेश _अरे भौजी, तुम्हे धोखा huwa है? ऐसा कुछ नही है। दिव्या जी मुझे सम्मान देती है, मैने उसकी इज्जत बचाया है न इसलिए। तुम्हे गलत फहमी हुई है।
वैसे उसे पता है की मैं निशा से प्यार करता हूं।
पुनम _क्या उसे पता है की तुम निशा से प्यार करते हो। फिर उसे यह भी पता होगा की निशा तुम्हे छोड़ कर जा चुकी है।
राजेश _हा, तो।
पुनम _बुद्ध, कभी कभी न चाहते हुवे भी प्यार हो जाता है।
राजेश _भौजी ऐसा कुछ नहीं है? तुम्हे गलतफहमी huwa है।
वैसे हम तो निशा के बाद आपसे प्यार करते हैं। पुनम को अपने हाथो के घेरे में लेते हुए कहा।
पुनम _चल झूठा कहीं का , तुम्हे बेवकूफ बनाने के लिए मैं ही मिली हु।
अब छोड़ मुझे जाने दे।
राजेश _भौजी तुम तो उस दिन मुझे ताजा दूध पिलाने वाली थी, आज पिला दो।
पुनम _उस दिन तो बड़ा भाव खा रहा था, कह रहा था कि मैं अपना हद भुल गया था। फिर आज क्या हो गया?
राजेश _क्यू की आज तुम बहुत प्यारी लग रही हो।
पुनम _अच्छा जी, अगर दूध न पिलाई तो,,
राजेश _अब कर भी क्या सकते हैं? जोर जबरदस्ती तो नही कर सकते न।
पुनम _मुझे पता है न पिलाई तो फिर से नाराज हो जायेगा। और तु नाराज रहता है तो मुझे अच्छा नही लगता।
लो पी लो अपनी भौजी की दूध।
पुनम ने अपनी साड़ी का पल्लू हटा दिया, और अपनी ब्लाउज का बटन खोल दिया।
उसकी मस्त बड़ी बड़ी सुडौल चुचिया जो दूध से भरा था, राजेश के आंखो के सामने आ गया।
राजेश ने पहले उनके उरोजो को प्यार से सहलाया और फिर चूस चूस कर दूध पीना शुरू कर दिया।
पुनम राजेश को दूध पीता huwa देख प्यार से उसके बालो को सहलाने लगी।
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राजेश _वाउ, क्या मस्त नजारे है।
राजेश ने बड़ी बड़ी मस्त सुडौल चुचियों को अपने दोनो हाथों में थाम लिया।
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राजेश ने पदमा को दोनो हाथो से खीच कर उठाया और अपने गोद में बिठा लिया।
और बुरी तरह अपनी बाहों में जकड़ लिया। उसकी पीठ चूमने लगा।
पदमा ने भी राजेश को जकड़ लिया।
राजेश ने पदमा की चूची को मसलने लगा चूसने लगा पदमा सिसकने लगी।
राजेश ने पदमा को फिर से पीठ के बल लिटा दिया।
फिर उसकी पेटी कोट का नाडा खीच दिया।
पदमा पूरी तरह नंगी हो गई। वह अपनी बुर को अपने हाथो से छिपाने लगी।
राजेश _ताई, दिखाओ न अपनी बुर, छिपा क्यू रही हो उस दिन देख नही पाया था।
पदमा _मुझे बड़ी शर्म आ रही है।
राजेश _ताई, अब शर्माओगी तो मजा कैसे लोगी?
राजेश ने पदमा की हाथो को जोर लगा कर हटाया। पदमा अपनी हाथो से शर्म के मारे मुंह छिपाने लगी।
राजेश ने पदमा की मस्त फूली हुई चिकनी चूत को देखा।
राजेश _वाउ क्या बुर है?
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लगता है आज ही जंगल की सफाई की हो। उस दिन तो गुफा की चारो ओर घना जंगल था।
राजेश ने झुक कर पदमा की बुर को चूसना और चाटना शुरू कर दिया।
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पदमा की बुर पहली बार कोइ चाट रहा था उसे अजीब लगा।
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उसका मोटा लंबा land हवा में लहराने लगा, ठुमकने लगा।
पदमा ने जब राजेश के लंद को देखा तो दंग रह गई। वह पहली बार इतना मोटा लंबा लंद देख रही थी।
राजेश ने पदमा को खीच कर पलंग से उठा दिया।
राजेश _ताई अब देख क्या रही हो , चलो अब चूसना शुरू करो।
पदमा _बेटा, मैने अब तक कभी चूसा नही है, मुझसे नही होगा।
राजेश _ठीक है फिर मैं भी तुम्हारी chudai नही करूंगा।
पदमा _ओह बेटा तुम तो नाराज हो गए। कोशिश करती हूं।
पदमा राजेश के लंद के नीचे बैठ गई।
और उसके ठुमकते land को हाथो में लेकर सहलाने लगी
पदमा _बेटा तुम्हारा हथियार तो बहुत बड़ा है, इसी लिए उस दिन मेरा हालात खराब हो गई थी। ये तो रंडियों का भी हालात खराब कर देगा।
राजेश _ताई, अब मुंह में डाल कर चूसो।
पदमा ने लंद का टोपा मुंह में लेकर चूसने लगी।
राजेश _हूं, ये हुई न बात, थोडा अंदर लेकर चूसो।
पदमा जितना मुंह अंदर ले सकती थी अंदर लेकर चूसने लगी।
राजेश _आह ताई, बहुत जल्दी सीख गई तुम, बहुत मजा आ रहा है? हा ऐसे ही चूसती रहो।
राजेश ने पदमा की बालो को हाथ से पकड़ कर अपने लंद को उसके मुंह में ठेलने लगा।
पदमा _घो घो करने लगी।
राजेश ने पदमा को ऊपर उठाया, और पलग को पकड़ा कर झुका दिया।
पीछे जाकर उसकी टांगो के बीच आ गया उसकी बुर को फिर चूसा उसके बाद अपना लंद उसकी बुर की छेद में रख कर, गच से पेल दिया।
लंद सरासरता huwa बुर चिर कर एक ही बार में आधा से ज्यादा अंदर घुस गया।
पदमा चीख उठी।
राजेश _ताई चीखोगि तो पूर घर वाले दरवाजा के पास खड़े हो जाएंगे, अंदर क्या चल क्या रहा है पता करने।
लो मुंह में मेरा चड्डी ठूस लो।
पदमा _तुम्हारा इतना बड़ा है, एक ही बार में घुसा दिया, मार डालेगा क्या?आराम से नही नही कर सकता ।
राजेश _सारी ताई तुम्हारी मस्त बुर देख कर जोश कुछ ज्यादा बड़ गया था, अब आराम से करूंगा।
राजेश पदमा की जमकर chudai करने लगा।
वह अलग अलग आसनों में पदमा को जमकर चोदा और उसे जन्नत की सैर कराया।
क़रीब दो घण्टे तक, कामसुख प्रदान करने के बाद राजेश उसकी योनि में ही अपना सारा वीर्य छोड़ कर बेड पर लुड़क गया।
पदमा भी थक चुकी थी। उसकी बुर की सारी प्यास बुझ चुकी थी। बेड पर लेट कर सुस्ताने लगी।
क़रीब आधा घंटा बाद , पदमा जब होश में आई वह अपनी हालात देख शर्मिंदगी महसूस करने लगी। क्यू की उसकी सारी प्यास बुझ चुकी थी।
वह बेड से उठी और अपनी पेटीकोट पहनी, ब्लाउज, फिर साड़ी पहनने लगी। राजेश उसे पहनते देख रहा था। और अपना लौड़ा सहला रहा था।
जबपदमा राजेश की ओर देखी, वह शर्मा गई।
पदमा _क्यू, इतना करने के बाद तुम्हारा मन नही भरा है क्या?
राजेश _न आओ ना एक बार और करते हैं?
पदमा _न बाबा, एक ही बार में मेरी बुर, को सूजा दिया तुमने। और किया तो पता नही क्या होगा?
पदमा वहा से अपनी गाड़ मतकाते हुई चली गई।
राजेश पदमा के जाने के बाद, गहरी नींद के आगोश मे , चला गया।
अगले दिन राजेश सुबह उठा और अखाड़े पे चला गया, वहा शारीरिक अभ्यास के साथ साथ कबड्डी प्रतियोगिता की भी तैयारी किया।
जब वह घर लौटा, भुवन खेत से घर आ चुका था,।
दोनो नहाए फिर पुनम ने दोनो के लिए नाश्ता लगाया।
पदमा वहा मौजूद थी, वह राजेश से पहले जैसे बात चीत नही कर पा रही थी, उसे शर्म आ रही है।
राजेश ने तो बातो ही बातो में एक आंख ही मार दी। पदमा शर्म से पानी पानी हो गई। लेकिन यह सब उसे अच्छा लग रहा था।
राजेश ने मजा लेते हुए पूछा,,
राजेश _ताई आप लंगड़ा कर क्यू चल रही हो? कुछ huwa है क्या?
भुवन _हा मां, कुछ समस्या है क्या?
पदमा _अरे बेटा मैं सुबह, बाड़ी के तरफ गई थी वहा स्नानागार में पैर फिसल गई।
थोडा कमर पकड़ लिया है?
पुनम _मां जी मैं सरसो की तेल से आपकी कमर की अच्छे से मालिश कर दूंगी। आपका कमर दर्द ठीक हो जायेगा।
पदमा _अरे बहु, तुम क्यू तकलीफ करोगी?, दर्द इतना ज्यादा भी नहीं है, मैं ठीक हो जाऊंगी।
राजेश _ताई आप कहे तो मैं मालिश कर दूंगा।
पदमा _न बाबा, अगर मैं तुमसे मालिश कराई तो दर्द कम होने के बजाए और बड़ जायेगा।
किसी को कुछ करने की आवश्यकता नहीं, मैं ठीक हो जाऊंगी।
नाश्ता करने के बाद भुवन खेत चला गया। राजेश अपने कमरे में पढ़ाई करने लगा।
दोपहर में भगत ने राजेश को काल किया।
भगत _भाई कैसे है आप?
राजेश _मैं ठीक हूं भगत, तुम बताओ कैसे है वहा सब।
भगत_, यहां सब ठीक है भाई, बस तुम्हारी कमी खलती है।
राजेश _कहो, अचानक कैसे याद किया?
भगत _तुम्हे बधाई देने के लिए भाई, आज यूनिवर्सिटी ने रिजल्ट जारी कर दिया है भाई, आपने पूरे यूनिवर्सिटी में टॉप किया है?
राजेश _और तुम्हारा क्या huwa?
भगत _भाई मैं भी पास हो गया भाई।
राजेश _बाकी लोगो का क्या है रिजल्ट।
भगत _भाई switi भी प्रथम वर्ष की परीक्षा में मेरिट में आई है। सीमा और निशा जी द्वितीय वर्ष की परीक्षा में मेरिट में आई है।
राजेश _ओह, ये तो तुमने बहुत अच्छी खबर दी।
भगत _भाई अगर तुम यहा होते तो सेलिब्रेट करते? सभी दोस्त तुम्हे मिस कर रहे है।
राजेश _हा यार, मैं भी तुम लोगो को बहुत मिस कर रहा हूं।
और सुना तुम्हारे पार्टी का काम काज कैसा चल रहा है।
भगत _बहुत बढ़िया भाई, हर रोज नए नए लोग हमारी पार्टी से जुड़ रहे हैं।
राजेश _भगत, देखना तुम्हारी पार्टी इस बार चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन करेगी।
भगत _भाई चुनाव के समय मुझे आपकी जरूरत होगी। आपके मार्गदर्शन बिना अच्छा परिणाम मुस्किल होगा।
राजेश _अरे यार मैं हमेशा तेरे साथ हूं। तुम्हारे पार्टी का जितना राज्य के विकास के लिए जरूरी है। मुझसे जो हो सकेगा, मैं करूंगा।
भगत _धन्यवाद भाई।
उधर घर में जब स्वीटी ने अपनी मां को यूनिवर्सिटी के परीक्षा परिणाम के बारे में जानकारी दिया, और बताया की भईया ने पूरे यूनिवर्सिटी में टॉप किया है?
सुनीताकी खुशी का ठिकाना न रहा, उसका मन किया की वह राजेश को फोन कर बधाई दे।
पर उसके कहने पर ही राजेश घर छोड़कर गांव चला गया था, वह राजेश को काल न कर पाई।
जब शेखर घर आया तो साथ मिठाई का डिब्बा ले आया।
शेखर _देखा न सुनीता, मुझे मेरे बेटे पर पूरा भरोसा था, वह हमे निराश नहीं करेगा। लो मिठाई खाओ भी आज बड़ी खुशी का दिन है। बेटे ने पूरा यूनिवर्सिटी में टॉप किया है।
स्वीटी बेटा राजेश को काल तो करो, उसे बधाई दे दे।
स्वीटी _जी पापा।
स्वीटी ने राजेश को काल किया।
स्वीटी_भईया, कैसे है आप? बधाई हो आप ने पूरे यूनिवर्सिटी में टॉप किया है।
राजेश _स्वीटी, मैं भी आज बहुत खुश हु की तुम मेरिट में आई हो, तुमने मां, पापा का मान बढ़ाया।
तुमको भी बहुत बहुत बधाई।
स्वीटी _शुक्रिया भईया।
लो पापा से बात करो।
शेखर _राजेश बेटा, आज हम बहुत खुश है? आखिर तुम हमारी उमिदो पर खरा उतरे।
राजेश _शुक्रिया पापा।
आप लोग वहा ठीक तो है न।
शेखर _हम लोग यहां बिलकुल ठीक है बेटा।
हमारी चिन्ता बिलकुल मत करना।
तुम्हे वहा कोइ समस्या तो नही।
अगर कोइ समस्या हो तो तुम घर आ जाओ।
राजेश _पापा यहां कोइ समस्या नही है? मैं अपनी आईएएस की तैयारी भी अच्छे से कर पा रहा हूं।
मैं यहां बिलकुल ठीक हूं, तुम लोग अपना ख्याल रखना।
शेखर _ठीक है बेटा।
उधर लंदन में,,,
निशा और सीमा जो इस समय अपने फूफा जी के ऑफिस में थी।
सीमा और निशा अपने कैबिन में बैठी थी।
सीमा फोन पर किसी से बात कर रही थी।
निशा _सीमा, किससे बात कर रही है?
सीमा _कालेज की सहेली का काल था, बता रही थी की आज यूनिवर्सिटी का रिजल्ट जारी हो गया है।
हम दोनों मेरिट में आए है।
निशा _ये तो बड़ी खुशी की बात है। और बांकी दोस्तो का क्या रिपोर्ट है?
सीमा _पहले की तरह इस बार भी,राजेश ने स्नातक की अंतिम वर्ष की परीक्षा में पूरे यूनिवर्सिटी में टॉप किया है।
निशा, यह सुनकर किसी विचार में खो गई।
सीमा _निशा, कहा खो गई।
निशा _कुछ नही,,,
अब रिजल्ट तो जारी हो गया है। अब हमे यहां के किसी अच्छे से कालेज में दाखिला लेना होगा, ताकि आगे की पढ़ाई पूरी कर सके।
सीमा _हां यार।
कल चलते है कालेज, प्रवेश फार्म लाने।
ठीक है।
सीमा _निशा, सहेली बता रही थी की अगले सोमवार को आरके कालेज में एक सम्मान समारोह का आयोजन रखा गया है, जिसमे इस साल के अच्छे प्रदर्शन करने वाले को सम्मानित किया जाएगा, और स्टूडेंट ऑफ द इयर की घोषणा भी।
जाना है क्या? समारोह में।
निशा, सोचने लगी।
सीमा _ यार तुम कुछ बोलती क्यू नही?क्या सोचने लगी?
निशा _कुछ नही।
सीमा तुम जाना चाहती हो तो चले जाओ। मैं नही जाऊंगी।
सीमा _यार, ये क्या बोल रही हो? मैं तुम्हारे बिना कैसे जाउंगी।
निशा _सारी सीमा मेरे कारण तुमको अपनी अपनी अरमानों का त्याग करना पड़ रहा है।
सीमा _निसा ये तुम कैसी बाते कर हो? मैं तुम्हे अपनी सहेली नही, अपनी बहन मानती हूं।
तुम जहां रहोगी? मैं तुम्हारी साया बनकर रहूंगी हमेशा।
निशा ने सीमा को गले लगाकर भावुक हो गईं।
इधर गांव में रात में भोजन करते समय,,,
पदमा _बेटा कल गांव में काम काज बंद रखा गया है।
कल मंदिर का स्थापना दिवस है न। मंदिर में पूजा पाठ रखा गया है। सभी लोगो को वही जाना है।
तुम लोगो को तो पता ही है कल तुम्हारे दादा जी का पुण्य तिथि भी है।
भुवन _हां मां।
पदमा _गांव वाले उस दिन तुम्हारे दादा जी को याद कर उसकी फोटो पर श्रद्धा के फूल चढ़ाते हैं।
हम सबको कल मन्दिर चलना है।
राजेश _ठीक है ताई।
इधर रात में निशा और सीमा अपने कमरे में सोई थी।
सीमा का नींद रात में अचानक से खुल गया।
उसने निशा की ओर देखा, वह करवट लेकर लेटी थी।
मोबाइल पर कुछ देख रही थी।
सीमा ने चुपके से देखा कि इतनी रात को निशा मोबाइल पर क्या देख रही है?
निशा, मोबाइल पर राजेश का फोटो देख रही थी।
सीमा, फिर से लेट गई, और निशा से बोली ।
सीमा _निशा, तुम अभी तक जग रही हो। सोई नहीं।
निशा हड़बड़ा कर मोबाइल बंद कर दी।
निशा _आज नींद नहीं आ रही थी।
सीमा _किसी को मिस कर रही हो क्या?
निशा _नही तो, मैं भला किसे मिस करुंगी?
सीमा _राज को।
निशा _सीमा तुम मेरे सामने उस आवारा का नाम मत लिया करो? मैं भुल चुकी हूं।
सीमा _सॉरी यार, मुझे लगा कि तुम राज को मिस कर रही हो। शायद तुम अपने मॉम डैड को मिस कर रही थी।
निशा _हां, मैं अपने मॉम डैड को मिस कर रही थी।
सीमा_अच्छा, ठीक है, अब मुझसे नाराज मत हो, रात बहुत हो चुकी है, अब सो जाओ।
सीमा, अपने मन में बोली।
सीमा _पगली, अपने सहेली से छिपा रही हैं, सच बात तो ये है कि तुम राज को भूली नही हो। राज तुम्हारे अंदर अभी भी रचा बसा है।
हे भगवान, तु चाहे जितना भी इम्तिहान ले ले पर अन्त में इसे इसके प्यार से मिला देना।
अगले दिन गांव में मंदिर का स्थापना दिवस था। गांव में काम काज बंद रखा गया था।
मंदिर का संचालक समिति ने सारी तैयारियां की थी। सुबह पूजा पाठ, फिर गांव के भजन मंडली द्वारा भजन, फिर दोपहर में भंडारा।
सुबह होते ही, गांव के लोग नहा धोकर तैयार होकर मंदिर की ओर जाने लगे।
महिलाए सुंदर वस्त्र धारण कर हाथो में पूजा की थाली लेकर मंदिर की ओर जा रहे थे।
इधर पदमा भी तैयार होकर पुनम और आरती को लेकर मंदिर की ओर निकल पड़े।
आज खेत को राम भरोसा छोड़ दिया गया था। केशव, राजेश और भुवन भी मंदिर की ओर चल पड़े।
रास्ते में,,
राजेश _अरे चाचा जी आप नही जा रहे क्या मंदिर?
माधव _अरे राजेश बेटा तुम्हारी चाची तैयार हो रही है? तुम लोग चलो हम लोग अभी पहुंच रहे हैं।
राजेश _ठीक है चाचा जी।
कुछ देर में ही वे मंदिर पहुंच गए।
आज मंदिर को बहुत अच्छे ढंग से सजाया गया था।
मंदिर के गर्भ गृह के दरवाज़े के बाजू, चेयर में ठाकुर महेंद्र सिंह और मानव प्रसाद का फोटो रखा गया था।
भगवान शिव की पूजा करने के बाद, लोग दोनो के फोटो पर माला पहना रहे थे।
पूजा पाठ करने के बाद लोग गर्भ गृह के सामने।
बैठ रहे थे सामने भजन कीर्तन करने वाले बैठे थे।
राजेश भी भगवान शिव के दर्शन करने के बाद ठाकुर महेंद्र सिंह और मानव प्रसाद के फोटो पर माला पहना कर प्रणाम किया।
भजन कीर्तन करने के लिए सामने बैठे, भजन मंडली ने राजेश और भुवन को अपने साथ बैठने के लिए बुलाया।
राजेश और भुवन दोनो भजन मंडली के साथ बैठ गए।
पदमा, आरती और पुनम तीनो गांव के अन्य महिलाओं के साथ बैठ गई।
कुछ देर बाद गांव की सरपंच और उसके पति माधव प्रसाद, पहुंचे।
उसने भी शिव जी का पूजन किया, ठाकुर महेंद्र सिंह, और मानव प्रसाद के फोटो पर माल्यार्पण करके प्रणाम कर निर्धारित स्थान पर बैठ गए।
उसके बाद हवेली की ठकुराइन अपने दोनो बेटियो गीता और दिव्या के साथ पहुंची।
सभी का ध्यान दिव्या और गीता की सुंदरता की ओर गया।
ठकुराइन प्रति वर्ष मंदिर स्थापना के दिन मंदिर आती है आज अपने दोनो बेटियो के साथ मंदिर पहुंची।
तीनो ने शिव जी का पूजा अर्चना किया फिर ठाकुर महेंद्र सिंह और मानव प्रसाद के फोटो पर माल्यार्पण कर। महिलाओं के के कतार में सामने बैठ गए।
उसके बाद पुजारी द्वारा हवन का कार्यक्रम सम्पन्न कराया। फिर शिव जी का आरती किया गया।
पूजा पाठ समाप्त होने के बाद।
भजन मंडली द्वारा भजन गाने लगे। सभी लोग अपनी जगह पर बैठ कर भजन मंडली का साथ देने लगे।
भुवन _राजेश तुम तो बहुत अच्छा गाते हो, आज तुम भी कोइ भजन सुनाओ।
दिव्या _हा राजेश, तुम भी कोइ भजन सुनाओ।
पुनम _दिव्या की सुंदरता और राजेश से भजन के लिए निवेदन करते हुए देख, महसूस कर रही थी की, दिव्या राजेश से कितनी शालीनता से बात कर रही है। कितनी सुंदर है दिव्या?
गांव की सरपंच सविता जी ने भी राजेश से कहा, भजन सुनाने के लिए।
सभी के निवेदन पर भजन गाना शुरू किया ,,
भजन सुनकर लोग मंत्र मुग्ध हो गए।
भजन कीर्तन के बाद दोपहर में भंडारा कार्यक्रम रखा गया था।
सबसे पहले महिलाओं को भोजन परोसा गया।
राजेश, भुवन और उसके दोस्त, अखाड़ा दल वाले भी भोजन बाटने के कार्य में लगे थे।
गीता दिव्या और ठकुराइन तो शिव जी का प्रसाद लेकर ही घर जा रहे थे पर राजेश के निवेदन पर वे भी अन्य महिलाओं के साथ बैठकर भोजन किया।
भोजन करने के बाद।
दिव्या _अच्छा राजेश अब हम जा रहे हैं।
राजेश _ठीक है दिव्या जी।
रत्नावती _राजेश बेटा, कभी हवेली भी आया करो,।
राजेश _अब बिना कोइ काम के हवेली जाना अच्छा नही लगता मां जी।
कोइ काम आए तो जरूर आऊंगा मां जी।
रत्नावति _ठीक है बेटा।
गीता _राजेश सच में तुम और लड़को से हट के हो।
तुमने बहुत अच्छा भजन सुनाया।
राजेश _शुक्रिया गीता दी।
ठकुराइन अपने बेटियो को लेकर घर चली गईं।
महिलाओं के जाने के बाद सभी पुरुषो को भोजन कराया गया।
और अन्त में राजेश और उसके दोस्तो ने भोजन किया।
मंदिर का सारा काम निपटाते, शाम ढल गया।
राजेश और उसके दोस्त भी अपने अपने घर के लिए निकल गए।
जब राजेश भुवन घर पहुंचे।
पुनम ने दोनो के लिए चाय लाई।
दोनो चाय पी कर आंगन में ही खाट लगाकर आराम करने लगे।
और आज दिन भर हुवे, घटना क्रम के बारे में बातचीत करने लगे।
पुनम, भोजन तैयार कर लेने के बाद दोनो के लिए थाली लगाई।
भोजन करने के बाद भुवन खेत चला गया।
रात में पुनम दूध लेकर राजेश के कमरे में आई।
पुनम _लो राजेश दूध पी लो। इस समय राजेश पढ़ाई कर रहा था।
राजेश ने पुनम की हाथो से गिलास लेकर दूध पिया और धन्यवाद, भाभी कहा।
पुनम _राजेश, सच में तुम बहुत अच्छा गाते हो, गांव के सभी लोग तुम्हारी बड़ी तारीफ कर रहे थे।
राजेश _ये सब आप लोगो का प्यार है भौजी।
पुनम _राजेश, ठाकुर की बेटी दिव्या सच में बहुत सुंदर है।
गांव की महिलाओ की नजर तुम पर टिकी थी तो पुरुषो की नजर दिव्या और गीता पर।
राजेश _पर मेरी नजर तो आप पर टिका था भाभी।
पुनम _चल झूठा कहीं का, एक बार भी मेरे तरफ नही देखा। और कह रहा है की मेरी नजर तो तुम पर ही टिका था।
राजेश _भौजी सच कह रहा हूं आज तुम नई साड़ी में कमाल की लग रही थी।
पुनम _बस बस, इतना भी मत फेको की मैं शर्म से मर जाऊ।
पुनम _राजेश तुमसे एक बात बोलूं।
राजेश _बोलो भौजी।
पुनम _ये दिव्या तुम्हारी ओर बार बार देख रही थी।
राजेश _भौजी अभी तो कह रही थी की गांव की सभी महिलाए मेरे तरफ देख रही थी। तो दिव्या जी भी देख रही थी, इसमें अलग क्या है?
पुनम _अरे नही re, तु नही समझेगा।
वो ऐसे नजरो से तुम्हे देख रही थी जब लडकी को किसी से प्यार हो जाता है, तब अपने यार को प्यार भरी नजरो से देखती है।
राजेश _अरे भौजी, तुम्हे धोखा huwa है? ऐसा कुछ नही है। दिव्या जी मुझे सम्मान देती है, मैने उसकी इज्जत बचाया है न इसलिए। तुम्हे गलत फहमी हुई है।
वैसे उसे पता है की मैं निशा से प्यार करता हूं।
पुनम _क्या उसे पता है की तुम निशा से प्यार करते हो। फिर उसे यह भी पता होगा की निशा तुम्हे छोड़ कर जा चुकी है।
राजेश _हा, तो।
पुनम _बुद्ध, कभी कभी न चाहते हुवे भी प्यार हो जाता है।
राजेश _भौजी ऐसा कुछ नहीं है? तुम्हे गलतफहमी huwa है।
वैसे हम तो निशा के बाद आपसे प्यार करते हैं। पुनम को अपने हाथो के घेरे में लेते हुए कहा।
पुनम _चल झूठा कहीं का , तुम्हे बेवकूफ बनाने के लिए मैं ही मिली हु।
अब छोड़ मुझे जाने दे।
राजेश _भौजी तुम तो उस दिन मुझे ताजा दूध पिलाने वाली थी, आज पिला दो।
पुनम _उस दिन तो बड़ा भाव खा रहा था, कह रहा था कि मैं अपना हद भुल गया था। फिर आज क्या हो गया?
राजेश _क्यू की आज तुम बहुत प्यारी लग रही हो।
पुनम _अच्छा जी, अगर दूध न पिलाई तो,,
राजेश _अब कर भी क्या सकते हैं? जोर जबरदस्ती तो नही कर सकते न।
पुनम _मुझे पता है न पिलाई तो फिर से नाराज हो जायेगा। और तु नाराज रहता है तो मुझे अच्छा नही लगता।
लो पी लो अपनी भौजी की दूध।
पुनम ने अपनी साड़ी का पल्लू हटा दिया, और अपनी ब्लाउज का बटन खोल दिया।
उसकी मस्त बड़ी बड़ी सुडौल चुचिया जो दूध से भरा था, राजेश के आंखो के सामने आ गया।
राजेश ने पहले उनके उरोजो को प्यार से सहलाया और फिर चूस चूस कर दूध पीना शुरू कर दिया।
पुनम राजेश को दूध पीता huwa देख प्यार से उसके बालो को सहलाने लगी।
Awesome update bhaiपदमा पलंग पर पेट के बल लेटी थी। वह सिर्फ पेटीकोट में थी। राजेश उसकी पीठ को चूमने सहलाने लगा। पदमा सिसकने लगी।
उसके बाद राजेश ने पदमा की पलटकर, पीठ के बल लिटा दिया। पदमा अपने दोनो हाथों से चुचियों को ढक ली।
राजेश _ताई छिपा क्यू रही हो, दिखाओ न।
पदमा _मुझे शर्म आ रही।
राजेश _शर्माओगी तो मजा कैसे लोगी? जरा मैं भी तो देखूं तुम्हारे मम्मे कैसे है? उस दिन तो देख नही पाया था।
राजेश ने पदमा की हाथो को हटाने के लिए उसके हाथो को पकड़ा। और हटाने की कोशिश किया।
पदमा ज्यादा विरोध नही की वह अपनी चूची पर से हाथ हटा कर अपने चहरे को छुपा ली।
हाथ हटते ही, उसकी मस्त चूचियां राजेश के आंखो के सामने आ गया।
राजेश _वाउ, क्या मस्त नजारे है।
राजेश ने बड़ी बड़ी मस्त सुडौल चुचियों को अपने दोनो हाथों में थाम लिया।
और मसल मसल कर चूसने लगा।
पदमा _आह उन,,,
सिसकने लगी,,,
राजेश बेड से उठा और अपने सारे कपड़े उतार दिया सिर्फ चड्डी में रह गया।
राजेश ने पदमा को दोनो हाथो से खीच कर उठाया और अपने गोद में बिठा लिया।
और बुरी तरह अपनी बाहों में जकड़ लिया। उसकी पीठ चूमने लगा।
पदमा ने भी राजेश को जकड़ लिया।
राजेश ने पदमा की चूची को मसलने लगा चूसने लगा पदमा सिसकने लगी।
राजेश ने पदमा को फिर से पीठ के बल लिटा दिया।
फिर उसकी पेटी कोट का नाडा खीच दिया।
पदमा पूरी तरह नंगी हो गई। वह अपनी बुर को अपने हाथो से छिपाने लगी।
राजेश _ताई, दिखाओ न अपनी बुर, छिपा क्यू रही हो उस दिन देख नही पाया था।
पदमा _मुझे बड़ी शर्म आ रही है।
राजेश _ताई, अब शर्माओगी तो मजा कैसे लोगी?
राजेश ने पदमा की हाथो को जोर लगा कर हटाया। पदमा अपनी हाथो से शर्म के मारे मुंह छिपाने लगी।
राजेश ने पदमा की मस्त फूली हुई चिकनी चूत को देखा।
राजेश _वाउ क्या बुर है?
एकदम चिकनी और पाव रोटी की तरह फूली हुई।
लगता है आज ही जंगल की सफाई की हो। उस दिन तो गुफा की चारो ओर घना जंगल था।
राजेश ने झुक कर पदमा की बुर को चूसना और चाटना शुरू कर दिया।
ताई _आह, बेटा क्या कर रहा है? वहा नही गंदा होता है?
पदमा की बुर पहली बार कोइ चाट रहा था उसे अजीब लगा।
पर राजेश रुका नहीं और चाटता रहा।
पदमा को बहुत मजा आने लगा उसके मुंह से मादक सिसकारी निकलने लगी।
उसकी बुर से पानी झरने की तरह बहने लगी।
आह उन, आई मां,,आ,,,
बेटा अब बस कर,, मुझसे बर्दास्त नही हो रहा, मैं मर न जाऊ,,,,
राजेश ने चूसना बंद कर दिया।
वह बेड से उठा और अपना चड्डी उतार दिया।
उसका मोटा लंबा land हवा में लहराने लगा, ठुमकने लगा।
पदमा ने जब राजेश के लंद को देखा तो दंग रह गई। वह पहली बार इतना मोटा लंबा लंद देख रही थी।
राजेश ने पदमा को खीच कर पलंग से उठा दिया।
राजेश _ताई अब देख क्या रही हो , चलो अब चूसना शुरू करो।
पदमा _बेटा, मैने अब तक कभी चूसा नही है, मुझसे नही होगा।
राजेश _ठीक है फिर मैं भी तुम्हारी chudai नही करूंगा।
पदमा _ओह बेटा तुम तो नाराज हो गए। कोशिश करती हूं।
पदमा राजेश के लंद के नीचे बैठ गई।
और उसके ठुमकते land को हाथो में लेकर सहलाने लगी
पदमा _बेटा तुम्हारा हथियार तो बहुत बड़ा है, इसी लिए उस दिन मेरा हालात खराब हो गई थी। ये तो रंडियों का भी हालात खराब कर देगा।
राजेश _ताई, अब मुंह में डाल कर चूसो।
पदमा ने लंद का टोपा मुंह में लेकर चूसने लगी।
राजेश _हूं, ये हुई न बात, थोडा अंदर लेकर चूसो।
पदमा जितना मुंह अंदर ले सकती थी अंदर लेकर चूसने लगी।
राजेश _आह ताई, बहुत जल्दी सीख गई तुम, बहुत मजा आ रहा है? हा ऐसे ही चूसती रहो।
राजेश ने पदमा की बालो को हाथ से पकड़ कर अपने लंद को उसके मुंह में ठेलने लगा।
पदमा _घो घो करने लगी।
राजेश ने पदमा को ऊपर उठाया, और पलग को पकड़ा कर झुका दिया।
पीछे जाकर उसकी टांगो के बीच आ गया उसकी बुर को फिर चूसा उसके बाद अपना लंद उसकी बुर की छेद में रख कर, गच से पेल दिया।
लंद सरासरता huwa बुर चिर कर एक ही बार में आधा से ज्यादा अंदर घुस गया।
पदमा चीख उठी।
राजेश _ताई चीखोगि तो पूर घर वाले दरवाजा के पास खड़े हो जाएंगे, अंदर क्या चल क्या रहा है पता करने।
लो मुंह में मेरा चड्डी ठूस लो।
पदमा _तुम्हारा इतना बड़ा है, एक ही बार में घुसा दिया, मार डालेगा क्या?आराम से नही नही कर सकता ।
राजेश _सारी ताई तुम्हारी मस्त बुर देख कर जोश कुछ ज्यादा बड़ गया था, अब आराम से करूंगा।
राजेश पदमा की जमकर chudai करने लगा।
वह अलग अलग आसनों में पदमा को जमकर चोदा और उसे जन्नत की सैर कराया।
क़रीब दो घण्टे तक, कामसुख प्रदान करने के बाद राजेश उसकी योनि में ही अपना सारा वीर्य छोड़ कर बेड पर लुड़क गया।
पदमा भी थक चुकी थी। उसकी बुर की सारी प्यास बुझ चुकी थी। बेड पर लेट कर सुस्ताने लगी।
क़रीब आधा घंटा बाद , पदमा जब होश में आई वह अपनी हालात देख शर्मिंदगी महसूस करने लगी। क्यू की उसकी सारी प्यास बुझ चुकी थी।
वह बेड से उठी और अपनी पेटीकोट पहनी, ब्लाउज, फिर साड़ी पहनने लगी। राजेश उसे पहनते देख रहा था। और अपना लौड़ा सहला रहा था।
जबपदमा राजेश की ओर देखी, वह शर्मा गई।
पदमा _क्यू, इतना करने के बाद तुम्हारा मन नही भरा है क्या?
राजेश _न आओ ना एक बार और करते हैं?
पदमा _न बाबा, एक ही बार में मेरी बुर, को सूजा दिया तुमने। और किया तो पता नही क्या होगा?
पदमा वहा से अपनी गाड़ मतकाते हुई चली गई।
राजेश पदमा के जाने के बाद, गहरी नींद के आगोश मे , चला गया।
अगले दिन राजेश सुबह उठा और अखाड़े पे चला गया, वहा शारीरिक अभ्यास के साथ साथ कबड्डी प्रतियोगिता की भी तैयारी किया।
जब वह घर लौटा, भुवन खेत से घर आ चुका था,।
दोनो नहाए फिर पुनम ने दोनो के लिए नाश्ता लगाया।
पदमा वहा मौजूद थी, वह राजेश से पहले जैसे बात चीत नही कर पा रही थी, उसे शर्म आ रही है।
राजेश ने तो बातो ही बातो में एक आंख ही मार दी। पदमा शर्म से पानी पानी हो गई। लेकिन यह सब उसे अच्छा लग रहा था।
राजेश ने मजा लेते हुए पूछा,,
राजेश _ताई आप लंगड़ा कर क्यू चल रही हो? कुछ huwa है क्या?
भुवन _हा मां, कुछ समस्या है क्या?
पदमा _अरे बेटा मैं सुबह, बाड़ी के तरफ गई थी वहा स्नानागार में पैर फिसल गई।
थोडा कमर पकड़ लिया है?
पुनम _मां जी मैं सरसो की तेल से आपकी कमर की अच्छे से मालिश कर दूंगी। आपका कमर दर्द ठीक हो जायेगा।
पदमा _अरे बहु, तुम क्यू तकलीफ करोगी?, दर्द इतना ज्यादा भी नहीं है, मैं ठीक हो जाऊंगी।
राजेश _ताई आप कहे तो मैं मालिश कर दूंगा।
पदमा _न बाबा, अगर मैं तुमसे मालिश कराई तो दर्द कम होने के बजाए और बड़ जायेगा।
किसी को कुछ करने की आवश्यकता नहीं, मैं ठीक हो जाऊंगी।
नाश्ता करने के बाद भुवन खेत चला गया। राजेश अपने कमरे में पढ़ाई करने लगा।
दोपहर में भगत ने राजेश को काल किया।
भगत _भाई कैसे है आप?
राजेश _मैं ठीक हूं भगत, तुम बताओ कैसे है वहा सब।
भगत_, यहां सब ठीक है भाई, बस तुम्हारी कमी खलती है।
राजेश _कहो, अचानक कैसे याद किया?
भगत _तुम्हे बधाई देने के लिए भाई, आज यूनिवर्सिटी ने रिजल्ट जारी कर दिया है भाई, आपने पूरे यूनिवर्सिटी में टॉप किया है?
राजेश _और तुम्हारा क्या huwa?
भगत _भाई मैं भी पास हो गया भाई।
राजेश _बाकी लोगो का क्या है रिजल्ट।
भगत _भाई switi भी प्रथम वर्ष की परीक्षा में मेरिट में आई है। सीमा और निशा जी द्वितीय वर्ष की परीक्षा में मेरिट में आई है।
राजेश _ओह, ये तो तुमने बहुत अच्छी खबर दी।
भगत _भाई अगर तुम यहा होते तो सेलिब्रेट करते? सभी दोस्त तुम्हे मिस कर रहे है।
राजेश _हा यार, मैं भी तुम लोगो को बहुत मिस कर रहा हूं।
और सुना तुम्हारे पार्टी का काम काज कैसा चल रहा है।
भगत _बहुत बढ़िया भाई, हर रोज नए नए लोग हमारी पार्टी से जुड़ रहे हैं।
राजेश _भगत, देखना तुम्हारी पार्टी इस बार चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन करेगी।
भगत _भाई चुनाव के समय मुझे आपकी जरूरत होगी। आपके मार्गदर्शन बिना अच्छा परिणाम मुस्किल होगा।
राजेश _अरे यार मैं हमेशा तेरे साथ हूं। तुम्हारे पार्टी का जितना राज्य के विकास के लिए जरूरी है। मुझसे जो हो सकेगा, मैं करूंगा।
भगत _धन्यवाद भाई।
उधर घर में जब स्वीटी ने अपनी मां को यूनिवर्सिटी के परीक्षा परिणाम के बारे में जानकारी दिया, और बताया की भईया ने पूरे यूनिवर्सिटी में टॉप किया है?
सुनीताकी खुशी का ठिकाना न रहा, उसका मन किया की वह राजेश को फोन कर बधाई दे।
पर उसके कहने पर ही राजेश घर छोड़कर गांव चला गया था, वह राजेश को काल न कर पाई।
जब शेखर घर आया तो साथ मिठाई का डिब्बा ले आया।
शेखर _देखा न सुनीता, मुझे मेरे बेटे पर पूरा भरोसा था, वह हमे निराश नहीं करेगा। लो मिठाई खाओ भी आज बड़ी खुशी का दिन है। बेटे ने पूरा यूनिवर्सिटी में टॉप किया है।
स्वीटी बेटा राजेश को काल तो करो, उसे बधाई दे दे।
स्वीटी _जी पापा।
स्वीटी ने राजेश को काल किया।
स्वीटी_भईया, कैसे है आप? बधाई हो आप ने पूरे यूनिवर्सिटी में टॉप किया है।
राजेश _स्वीटी, मैं भी आज बहुत खुश हु की तुम मेरिट में आई हो, तुमने मां, पापा का मान बढ़ाया।
तुमको भी बहुत बहुत बधाई।
स्वीटी _शुक्रिया भईया।
लो पापा से बात करो।
शेखर _राजेश बेटा, आज हम बहुत खुश है? आखिर तुम हमारी उमिदो पर खरा उतरे।
राजेश _शुक्रिया पापा।
आप लोग वहा ठीक तो है न।
शेखर _हम लोग यहां बिलकुल ठीक है बेटा।
हमारी चिन्ता बिलकुल मत करना।
तुम्हे वहा कोइ समस्या तो नही।
अगर कोइ समस्या हो तो तुम घर आ जाओ।
राजेश _पापा यहां कोइ समस्या नही है? मैं अपनी आईएएस की तैयारी भी अच्छे से कर पा रहा हूं।
मैं यहां बिलकुल ठीक हूं, तुम लोग अपना ख्याल रखना।
शेखर _ठीक है बेटा।
उधर लंदन में,,,
निशा और सीमा जो इस समय अपने फूफा जी के ऑफिस में थी।
सीमा और निशा अपने कैबिन में बैठी थी।
सीमा फोन पर किसी से बात कर रही थी।
निशा _सीमा, किससे बात कर रही है?
सीमा _कालेज की सहेली का काल था, बता रही थी की आज यूनिवर्सिटी का रिजल्ट जारी हो गया है।
हम दोनों मेरिट में आए है।
निशा _ये तो बड़ी खुशी की बात है। और बांकी दोस्तो का क्या रिपोर्ट है?
सीमा _पहले की तरह इस बार भी,राजेश ने स्नातक की अंतिम वर्ष की परीक्षा में पूरे यूनिवर्सिटी में टॉप किया है।
निशा, यह सुनकर किसी विचार में खो गई।
सीमा _निशा, कहा खो गई।
निशा _कुछ नही,,,
अब रिजल्ट तो जारी हो गया है। अब हमे यहां के किसी अच्छे से कालेज में दाखिला लेना होगा, ताकि आगे की पढ़ाई पूरी कर सके।
सीमा _हां यार।
कल चलते है कालेज, प्रवेश फार्म लाने।
ठीक है।
सीमा _निशा, सहेली बता रही थी की अगले सोमवार को आरके कालेज में एक सम्मान समारोह का आयोजन रखा गया है, जिसमे इस साल के अच्छे प्रदर्शन करने वाले को सम्मानित किया जाएगा, और स्टूडेंट ऑफ द इयर की घोषणा भी।
जाना है क्या? समारोह में।
निशा, सोचने लगी।
सीमा _ यार तुम कुछ बोलती क्यू नही?क्या सोचने लगी?
निशा _कुछ नही।
सीमा तुम जाना चाहती हो तो चले जाओ। मैं नही जाऊंगी।
सीमा _यार, ये क्या बोल रही हो? मैं तुम्हारे बिना कैसे जाउंगी।
निशा _सारी सीमा मेरे कारण तुमको अपनी अपनी अरमानों का त्याग करना पड़ रहा है।
सीमा _निसा ये तुम कैसी बाते कर हो? मैं तुम्हे अपनी सहेली नही, अपनी बहन मानती हूं।
तुम जहां रहोगी? मैं तुम्हारी साया बनकर रहूंगी हमेशा।
निशा ने सीमा को गले लगाकर भावुक हो गईं।
इधर गांव में रात में भोजन करते समय,,,
पदमा _बेटा कल गांव में काम काज बंद रखा गया है।
कल मंदिर का स्थापना दिवस है न। मंदिर में पूजा पाठ रखा गया है। सभी लोगो को वही जाना है।
तुम लोगो को तो पता ही है कल तुम्हारे दादा जी का पुण्य तिथि भी है।
भुवन _हां मां।
पदमा _गांव वाले उस दिन तुम्हारे दादा जी को याद कर उसकी फोटो पर श्रद्धा के फूल चढ़ाते हैं।
हम सबको कल मन्दिर चलना है।
राजेश _ठीक है ताई।
इधर रात में निशा और सीमा अपने कमरे में सोई थी।
सीमा का नींद रात में अचानक से खुल गया।
उसने निशा की ओर देखा, वह करवट लेकर लेटी थी।
मोबाइल पर कुछ देख रही थी।
सीमा ने चुपके से देखा कि इतनी रात को निशा मोबाइल पर क्या देख रही है?
निशा, मोबाइल पर राजेश का फोटो देख रही थी।
सीमा, फिर से लेट गई, और निशा से बोली ।
सीमा _निशा, तुम अभी तक जग रही हो। सोई नहीं।
निशा हड़बड़ा कर मोबाइल बंद कर दी।
निशा _आज नींद नहीं आ रही थी।
सीमा _किसी को मिस कर रही हो क्या?
निशा _नही तो, मैं भला किसे मिस करुंगी?
सीमा _राज को।
निशा _सीमा तुम मेरे सामने उस आवारा का नाम मत लिया करो? मैं भुल चुकी हूं।
सीमा _सॉरी यार, मुझे लगा कि तुम राज को मिस कर रही हो। शायद तुम अपने मॉम डैड को मिस कर रही थी।
निशा _हां, मैं अपने मॉम डैड को मिस कर रही थी।
सीमा_अच्छा, ठीक है, अब मुझसे नाराज मत हो, रात बहुत हो चुकी है, अब सो जाओ।
सीमा, अपने मन में बोली।
सीमा _पगली, अपने सहेली से छिपा रही हैं, सच बात तो ये है कि तुम राज को भूली नही हो। राज तुम्हारे अंदर अभी भी रचा बसा है।
हे भगवान, तु चाहे जितना भी इम्तिहान ले ले पर अन्त में इसे इसके प्यार से मिला देना।
अगले दिन गांव में मंदिर का स्थापना दिवस था। गांव में काम काज बंद रखा गया था।
मंदिर का संचालक समिति ने सारी तैयारियां की थी। सुबह पूजा पाठ, फिर गांव के भजन मंडली द्वारा भजन, फिर दोपहर में भंडारा।
सुबह होते ही, गांव के लोग नहा धोकर तैयार होकर मंदिर की ओर जाने लगे।
महिलाए सुंदर वस्त्र धारण कर हाथो में पूजा की थाली लेकर मंदिर की ओर जा रहे थे।
इधर पदमा भी तैयार होकर पुनम और आरती को लेकर मंदिर की ओर निकल पड़े।
आज खेत को राम भरोसा छोड़ दिया गया था। केशव, राजेश और भुवन भी मंदिर की ओर चल पड़े।
रास्ते में,,
राजेश _अरे चाचा जी आप नही जा रहे क्या मंदिर?
माधव _अरे राजेश बेटा तुम्हारी चाची तैयार हो रही है? तुम लोग चलो हम लोग अभी पहुंच रहे हैं।
राजेश _ठीक है चाचा जी।
कुछ देर में ही वे मंदिर पहुंच गए।
आज मंदिर को बहुत अच्छे ढंग से सजाया गया था।
मंदिर के गर्भ गृह के दरवाज़े के बाजू, चेयर में ठाकुर महेंद्र सिंह और मानव प्रसाद का फोटो रखा गया था।
भगवान शिव की पूजा करने के बाद, लोग दोनो के फोटो पर माला पहना रहे थे।
पूजा पाठ करने के बाद लोग गर्भ गृह के सामने।
बैठ रहे थे सामने भजन कीर्तन करने वाले बैठे थे।
राजेश भी भगवान शिव के दर्शन करने के बाद ठाकुर महेंद्र सिंह और मानव प्रसाद के फोटो पर माला पहना कर प्रणाम किया।
भजन कीर्तन करने के लिए सामने बैठे, भजन मंडली ने राजेश और भुवन को अपने साथ बैठने के लिए बुलाया।
राजेश और भुवन दोनो भजन मंडली के साथ बैठ गए।
पदमा, आरती और पुनम तीनो गांव के अन्य महिलाओं के साथ बैठ गई।
कुछ देर बाद गांव की सरपंच और उसके पति माधव प्रसाद, पहुंचे।
उसने भी शिव जी का पूजन किया, ठाकुर महेंद्र सिंह, और मानव प्रसाद के फोटो पर माल्यार्पण करके प्रणाम कर निर्धारित स्थान पर बैठ गए।
उसके बाद हवेली की ठकुराइन अपने दोनो बेटियो गीता और दिव्या के साथ पहुंची।
सभी का ध्यान दिव्या और गीता की सुंदरता की ओर गया।
ठकुराइन प्रति वर्ष मंदिर स्थापना के दिन मंदिर आती है आज अपने दोनो बेटियो के साथ मंदिर पहुंची।
तीनो ने शिव जी का पूजा अर्चना किया फिर ठाकुर महेंद्र सिंह और मानव प्रसाद के फोटो पर माल्यार्पण कर। महिलाओं के के कतार में सामने बैठ गए।
उसके बाद पुजारी द्वारा हवन का कार्यक्रम सम्पन्न कराया। फिर शिव जी का आरती किया गया।
पूजा पाठ समाप्त होने के बाद।
भजन मंडली द्वारा भजन गाने लगे। सभी लोग अपनी जगह पर बैठ कर भजन मंडली का साथ देने लगे।
भुवन _राजेश तुम तो बहुत अच्छा गाते हो, आज तुम भी कोइ भजन सुनाओ।
दिव्या _हा राजेश, तुम भी कोइ भजन सुनाओ।
पुनम _दिव्या की सुंदरता और राजेश से भजन के लिए निवेदन करते हुए देख, महसूस कर रही थी की, दिव्या राजेश से कितनी शालीनता से बात कर रही है। कितनी सुंदर है दिव्या?
गांव की सरपंच सविता जी ने भी राजेश से कहा, भजन सुनाने के लिए।
सभी के निवेदन पर भजन गाना शुरू किया ,,
भजन सुनकर लोग मंत्र मुग्ध हो गए।
भजन कीर्तन के बाद दोपहर में भंडारा कार्यक्रम रखा गया था।
सबसे पहले महिलाओं को भोजन परोसा गया।
राजेश, भुवन और उसके दोस्त, अखाड़ा दल वाले भी भोजन बाटने के कार्य में लगे थे।
गीता दिव्या और ठकुराइन तो शिव जी का प्रसाद लेकर ही घर जा रहे थे पर राजेश के निवेदन पर वे भी अन्य महिलाओं के साथ बैठकर भोजन किया।
भोजन करने के बाद।
दिव्या _अच्छा राजेश अब हम जा रहे हैं।
राजेश _ठीक है दिव्या जी।
रत्नावती _राजेश बेटा, कभी हवेली भी आया करो,।
राजेश _अब बिना कोइ काम के हवेली जाना अच्छा नही लगता मां जी।
कोइ काम आए तो जरूर आऊंगा मां जी।
रत्नावति _ठीक है बेटा।
गीता _राजेश सच में तुम और लड़को से हट के हो।
तुमने बहुत अच्छा भजन सुनाया।
राजेश _शुक्रिया गीता दी।
ठकुराइन अपने बेटियो को लेकर घर चली गईं।
महिलाओं के जाने के बाद सभी पुरुषो को भोजन कराया गया।
और अन्त में राजेश और उसके दोस्तो ने भोजन किया।
मंदिर का सारा काम निपटाते, शाम ढल गया।
राजेश और उसके दोस्त भी अपने अपने घर के लिए निकल गए।
जब राजेश भुवन घर पहुंचे।
पुनम ने दोनो के लिए चाय लाई।
दोनो चाय पी कर आंगन में ही खाट लगाकर आराम करने लगे।
और आज दिन भर हुवे, घटना क्रम के बारे में बातचीत करने लगे।
पुनम, भोजन तैयार कर लेने के बाद दोनो के लिए थाली लगाई।
भोजन करने के बाद भुवन खेत चला गया।
रात में पुनम दूध लेकर राजेश के कमरे में आई।
पुनम _लो राजेश दूध पी लो। इस समय राजेश पढ़ाई कर रहा था।
राजेश ने पुनम की हाथो से गिलास लेकर दूध पिया और धन्यवाद, भाभी कहा।
पुनम _राजेश, सच में तुम बहुत अच्छा गाते हो, गांव के सभी लोग तुम्हारी बड़ी तारीफ कर रहे थे।
राजेश _ये सब आप लोगो का प्यार है भौजी।
पुनम _राजेश, ठाकुर की बेटी दिव्या सच में बहुत सुंदर है।
गांव की महिलाओ की नजर तुम पर टिकी थी तो पुरुषो की नजर दिव्या और गीता पर।
राजेश _पर मेरी नजर तो आप पर टिका था भाभी।
पुनम _चल झूठा कहीं का, एक बार भी मेरे तरफ नही देखा। और कह रहा है की मेरी नजर तो तुम पर ही टिका था।
राजेश _भौजी सच कह रहा हूं आज तुम नई साड़ी में कमाल की लग रही थी।
पुनम _बस बस, इतना भी मत फेको की मैं शर्म से मर जाऊ।
पुनम _राजेश तुमसे एक बात बोलूं।
राजेश _बोलो भौजी।
पुनम _ये दिव्या तुम्हारी ओर बार बार देख रही थी।
राजेश _भौजी अभी तो कह रही थी की गांव की सभी महिलाए मेरे तरफ देख रही थी। तो दिव्या जी भी देख रही थी, इसमें अलग क्या है?
पुनम _अरे नही re, तु नही समझेगा।
वो ऐसे नजरो से तुम्हे देख रही थी जब लडकी को किसी से प्यार हो जाता है, तब अपने यार को प्यार भरी नजरो से देखती है।
राजेश _अरे भौजी, तुम्हे धोखा huwa है? ऐसा कुछ नही है। दिव्या जी मुझे सम्मान देती है, मैने उसकी इज्जत बचाया है न इसलिए। तुम्हे गलत फहमी हुई है।
वैसे उसे पता है की मैं निशा से प्यार करता हूं।
पुनम _क्या उसे पता है की तुम निशा से प्यार करते हो। फिर उसे यह भी पता होगा की निशा तुम्हे छोड़ कर जा चुकी है।
राजेश _हा, तो।
पुनम _बुद्ध, कभी कभी न चाहते हुवे भी प्यार हो जाता है।
राजेश _भौजी ऐसा कुछ नहीं है? तुम्हे गलतफहमी huwa है।
वैसे हम तो निशा के बाद आपसे प्यार करते हैं। पुनम को अपने हाथो के घेरे में लेते हुए कहा।
पुनम _चल झूठा कहीं का , तुम्हे बेवकूफ बनाने के लिए मैं ही मिली हु।
अब छोड़ मुझे जाने दे।
राजेश _भौजी तुम तो उस दिन मुझे ताजा दूध पिलाने वाली थी, आज पिला दो।
पुनम _उस दिन तो बड़ा भाव खा रहा था, कह रहा था कि मैं अपना हद भुल गया था। फिर आज क्या हो गया?
राजेश _क्यू की आज तुम बहुत प्यारी लग रही हो।
पुनम _अच्छा जी, अगर दूध न पिलाई तो,,
राजेश _अब कर भी क्या सकते हैं? जोर जबरदस्ती तो नही कर सकते न।
पुनम _मुझे पता है न पिलाई तो फिर से नाराज हो जायेगा। और तु नाराज रहता है तो मुझे अच्छा नही लगता।
लो पी लो अपनी भौजी की दूध।
पुनम ने अपनी साड़ी का पल्लू हटा दिया, और अपनी ब्लाउज का बटन खोल दिया।
उसकी मस्त बड़ी बड़ी सुडौल चुचिया जो दूध से भरा था, राजेश के आंखो के सामने आ गया।
राजेश ने पहले उनके उरोजो को प्यार से सहलाया और फिर चूस चूस कर दूध पीना शुरू कर दिया।
पुनम राजेश को दूध पीता huwa देख प्यार से उसके बालो को सहलाने लगी।
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पदमा पलंग पर पेट के बल लेटी थी। वह सिर्फ पेटीकोट में थी। राजेश उसकी पीठ को चूमने सहलाने लगा। पदमा सिसकने लगी।
उसके बाद राजेश ने पदमा की पलटकर, पीठ के बल लिटा दिया। पदमा अपने दोनो हाथों से चुचियों को ढक ली।
राजेश _ताई छिपा क्यू रही हो, दिखाओ न।
पदमा _मुझे शर्म आ रही।
राजेश _शर्माओगी तो मजा कैसे लोगी? जरा मैं भी तो देखूं तुम्हारे मम्मे कैसे है? उस दिन तो देख नही पाया था।
राजेश ने पदमा की हाथो को हटाने के लिए उसके हाथो को पकड़ा। और हटाने की कोशिश किया।
पदमा ज्यादा विरोध नही की वह अपनी चूची पर से हाथ हटा कर अपने चहरे को छुपा ली।
हाथ हटते ही, उसकी मस्त चूचियां राजेश के आंखो के सामने आ गया।
राजेश _वाउ, क्या मस्त नजारे है।
राजेश ने बड़ी बड़ी मस्त सुडौल चुचियों को अपने दोनो हाथों में थाम लिया।
और मसल मसल कर चूसने लगा।
पदमा _आह उन,,,
सिसकने लगी,,,
राजेश बेड से उठा और अपने सारे कपड़े उतार दिया सिर्फ चड्डी में रह गया।
राजेश ने पदमा को दोनो हाथो से खीच कर उठाया और अपने गोद में बिठा लिया।
और बुरी तरह अपनी बाहों में जकड़ लिया। उसकी पीठ चूमने लगा।
पदमा ने भी राजेश को जकड़ लिया।
राजेश ने पदमा की चूची को मसलने लगा चूसने लगा पदमा सिसकने लगी।
राजेश ने पदमा को फिर से पीठ के बल लिटा दिया।
फिर उसकी पेटी कोट का नाडा खीच दिया।
पदमा पूरी तरह नंगी हो गई। वह अपनी बुर को अपने हाथो से छिपाने लगी।
राजेश _ताई, दिखाओ न अपनी बुर, छिपा क्यू रही हो उस दिन देख नही पाया था।
पदमा _मुझे बड़ी शर्म आ रही है।
राजेश _ताई, अब शर्माओगी तो मजा कैसे लोगी?
राजेश ने पदमा की हाथो को जोर लगा कर हटाया। पदमा अपनी हाथो से शर्म के मारे मुंह छिपाने लगी।
राजेश ने पदमा की मस्त फूली हुई चिकनी चूत को देखा।
राजेश _वाउ क्या बुर है?
एकदम चिकनी और पाव रोटी की तरह फूली हुई।
लगता है आज ही जंगल की सफाई की हो। उस दिन तो गुफा की चारो ओर घना जंगल था।
राजेश ने झुक कर पदमा की बुर को चूसना और चाटना शुरू कर दिया।
ताई _आह, बेटा क्या कर रहा है? वहा नही गंदा होता है?
पदमा की बुर पहली बार कोइ चाट रहा था उसे अजीब लगा।
पर राजेश रुका नहीं और चाटता रहा।
पदमा को बहुत मजा आने लगा उसके मुंह से मादक सिसकारी निकलने लगी।
उसकी बुर से पानी झरने की तरह बहने लगी।
आह उन, आई मां,,आ,,,
बेटा अब बस कर,, मुझसे बर्दास्त नही हो रहा, मैं मर न जाऊ,,,,
राजेश ने चूसना बंद कर दिया।
वह बेड से उठा और अपना चड्डी उतार दिया।
उसका मोटा लंबा land हवा में लहराने लगा, ठुमकने लगा।
पदमा ने जब राजेश के लंद को देखा तो दंग रह गई। वह पहली बार इतना मोटा लंबा लंद देख रही थी।
राजेश ने पदमा को खीच कर पलंग से उठा दिया।
राजेश _ताई अब देख क्या रही हो , चलो अब चूसना शुरू करो।
पदमा _बेटा, मैने अब तक कभी चूसा नही है, मुझसे नही होगा।
राजेश _ठीक है फिर मैं भी तुम्हारी chudai नही करूंगा।
पदमा _ओह बेटा तुम तो नाराज हो गए। कोशिश करती हूं।
पदमा राजेश के लंद के नीचे बैठ गई।
और उसके ठुमकते land को हाथो में लेकर सहलाने लगी
पदमा _बेटा तुम्हारा हथियार तो बहुत बड़ा है, इसी लिए उस दिन मेरा हालात खराब हो गई थी। ये तो रंडियों का भी हालात खराब कर देगा।
राजेश _ताई, अब मुंह में डाल कर चूसो।
पदमा ने लंद का टोपा मुंह में लेकर चूसने लगी।
राजेश _हूं, ये हुई न बात, थोडा अंदर लेकर चूसो।
पदमा जितना मुंह अंदर ले सकती थी अंदर लेकर चूसने लगी।
राजेश _आह ताई, बहुत जल्दी सीख गई तुम, बहुत मजा आ रहा है? हा ऐसे ही चूसती रहो।
राजेश ने पदमा की बालो को हाथ से पकड़ कर अपने लंद को उसके मुंह में ठेलने लगा।
पदमा _घो घो करने लगी।
राजेश ने पदमा को ऊपर उठाया, और पलग को पकड़ा कर झुका दिया।
पीछे जाकर उसकी टांगो के बीच आ गया उसकी बुर को फिर चूसा उसके बाद अपना लंद उसकी बुर की छेद में रख कर, गच से पेल दिया।
लंद सरासरता huwa बुर चिर कर एक ही बार में आधा से ज्यादा अंदर घुस गया।
पदमा चीख उठी।
राजेश _ताई चीखोगि तो पूर घर वाले दरवाजा के पास खड़े हो जाएंगे, अंदर क्या चल क्या रहा है पता करने।
लो मुंह में मेरा चड्डी ठूस लो।
पदमा _तुम्हारा इतना बड़ा है, एक ही बार में घुसा दिया, मार डालेगा क्या?आराम से नही नही कर सकता ।
राजेश _सारी ताई तुम्हारी मस्त बुर देख कर जोश कुछ ज्यादा बड़ गया था, अब आराम से करूंगा।
राजेश पदमा की जमकर chudai करने लगा।
वह अलग अलग आसनों में पदमा को जमकर चोदा और उसे जन्नत की सैर कराया।
क़रीब दो घण्टे तक, कामसुख प्रदान करने के बाद राजेश उसकी योनि में ही अपना सारा वीर्य छोड़ कर बेड पर लुड़क गया।
पदमा भी थक चुकी थी। उसकी बुर की सारी प्यास बुझ चुकी थी। बेड पर लेट कर सुस्ताने लगी।
क़रीब आधा घंटा बाद , पदमा जब होश में आई वह अपनी हालात देख शर्मिंदगी महसूस करने लगी। क्यू की उसकी सारी प्यास बुझ चुकी थी।
वह बेड से उठी और अपनी पेटीकोट पहनी, ब्लाउज, फिर साड़ी पहनने लगी। राजेश उसे पहनते देख रहा था। और अपना लौड़ा सहला रहा था।
जबपदमा राजेश की ओर देखी, वह शर्मा गई।
पदमा _क्यू, इतना करने के बाद तुम्हारा मन नही भरा है क्या?
राजेश _न आओ ना एक बार और करते हैं?
पदमा _न बाबा, एक ही बार में मेरी बुर, को सूजा दिया तुमने। और किया तो पता नही क्या होगा?
पदमा वहा से अपनी गाड़ मतकाते हुई चली गई।
राजेश पदमा के जाने के बाद, गहरी नींद के आगोश मे , चला गया।
अगले दिन राजेश सुबह उठा और अखाड़े पे चला गया, वहा शारीरिक अभ्यास के साथ साथ कबड्डी प्रतियोगिता की भी तैयारी किया।
जब वह घर लौटा, भुवन खेत से घर आ चुका था,।
दोनो नहाए फिर पुनम ने दोनो के लिए नाश्ता लगाया।
पदमा वहा मौजूद थी, वह राजेश से पहले जैसे बात चीत नही कर पा रही थी, उसे शर्म आ रही है।
राजेश ने तो बातो ही बातो में एक आंख ही मार दी। पदमा शर्म से पानी पानी हो गई। लेकिन यह सब उसे अच्छा लग रहा था।
राजेश ने मजा लेते हुए पूछा,,
राजेश _ताई आप लंगड़ा कर क्यू चल रही हो? कुछ huwa है क्या?
भुवन _हा मां, कुछ समस्या है क्या?
पदमा _अरे बेटा मैं सुबह, बाड़ी के तरफ गई थी वहा स्नानागार में पैर फिसल गई।
थोडा कमर पकड़ लिया है?
पुनम _मां जी मैं सरसो की तेल से आपकी कमर की अच्छे से मालिश कर दूंगी। आपका कमर दर्द ठीक हो जायेगा।
पदमा _अरे बहु, तुम क्यू तकलीफ करोगी?, दर्द इतना ज्यादा भी नहीं है, मैं ठीक हो जाऊंगी।
राजेश _ताई आप कहे तो मैं मालिश कर दूंगा।
पदमा _न बाबा, अगर मैं तुमसे मालिश कराई तो दर्द कम होने के बजाए और बड़ जायेगा।
किसी को कुछ करने की आवश्यकता नहीं, मैं ठीक हो जाऊंगी।
नाश्ता करने के बाद भुवन खेत चला गया। राजेश अपने कमरे में पढ़ाई करने लगा।
दोपहर में भगत ने राजेश को काल किया।
भगत _भाई कैसे है आप?
राजेश _मैं ठीक हूं भगत, तुम बताओ कैसे है वहा सब।
भगत_, यहां सब ठीक है भाई, बस तुम्हारी कमी खलती है।
राजेश _कहो, अचानक कैसे याद किया?
भगत _तुम्हे बधाई देने के लिए भाई, आज यूनिवर्सिटी ने रिजल्ट जारी कर दिया है भाई, आपने पूरे यूनिवर्सिटी में टॉप किया है?
राजेश _और तुम्हारा क्या huwa?
भगत _भाई मैं भी पास हो गया भाई।
राजेश _बाकी लोगो का क्या है रिजल्ट।
भगत _भाई switi भी प्रथम वर्ष की परीक्षा में मेरिट में आई है। सीमा और निशा जी द्वितीय वर्ष की परीक्षा में मेरिट में आई है।
राजेश _ओह, ये तो तुमने बहुत अच्छी खबर दी।
भगत _भाई अगर तुम यहा होते तो सेलिब्रेट करते? सभी दोस्त तुम्हे मिस कर रहे है।
राजेश _हा यार, मैं भी तुम लोगो को बहुत मिस कर रहा हूं।
और सुना तुम्हारे पार्टी का काम काज कैसा चल रहा है।
भगत _बहुत बढ़िया भाई, हर रोज नए नए लोग हमारी पार्टी से जुड़ रहे हैं।
राजेश _भगत, देखना तुम्हारी पार्टी इस बार चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन करेगी।
भगत _भाई चुनाव के समय मुझे आपकी जरूरत होगी। आपके मार्गदर्शन बिना अच्छा परिणाम मुस्किल होगा।
राजेश _अरे यार मैं हमेशा तेरे साथ हूं। तुम्हारे पार्टी का जितना राज्य के विकास के लिए जरूरी है। मुझसे जो हो सकेगा, मैं करूंगा।
भगत _धन्यवाद भाई।
उधर घर में जब स्वीटी ने अपनी मां को यूनिवर्सिटी के परीक्षा परिणाम के बारे में जानकारी दिया, और बताया की भईया ने पूरे यूनिवर्सिटी में टॉप किया है?
सुनीताकी खुशी का ठिकाना न रहा, उसका मन किया की वह राजेश को फोन कर बधाई दे।
पर उसके कहने पर ही राजेश घर छोड़कर गांव चला गया था, वह राजेश को काल न कर पाई।
जब शेखर घर आया तो साथ मिठाई का डिब्बा ले आया।
शेखर _देखा न सुनीता, मुझे मेरे बेटे पर पूरा भरोसा था, वह हमे निराश नहीं करेगा। लो मिठाई खाओ भी आज बड़ी खुशी का दिन है। बेटे ने पूरा यूनिवर्सिटी में टॉप किया है।
स्वीटी बेटा राजेश को काल तो करो, उसे बधाई दे दे।
स्वीटी _जी पापा।
स्वीटी ने राजेश को काल किया।
स्वीटी_भईया, कैसे है आप? बधाई हो आप ने पूरे यूनिवर्सिटी में टॉप किया है।
राजेश _स्वीटी, मैं भी आज बहुत खुश हु की तुम मेरिट में आई हो, तुमने मां, पापा का मान बढ़ाया।
तुमको भी बहुत बहुत बधाई।
स्वीटी _शुक्रिया भईया।
लो पापा से बात करो।
शेखर _राजेश बेटा, आज हम बहुत खुश है? आखिर तुम हमारी उमिदो पर खरा उतरे।
राजेश _शुक्रिया पापा।
आप लोग वहा ठीक तो है न।
शेखर _हम लोग यहां बिलकुल ठीक है बेटा।
हमारी चिन्ता बिलकुल मत करना।
तुम्हे वहा कोइ समस्या तो नही।
अगर कोइ समस्या हो तो तुम घर आ जाओ।
राजेश _पापा यहां कोइ समस्या नही है? मैं अपनी आईएएस की तैयारी भी अच्छे से कर पा रहा हूं।
मैं यहां बिलकुल ठीक हूं, तुम लोग अपना ख्याल रखना।
शेखर _ठीक है बेटा।
उधर लंदन में,,,
निशा और सीमा जो इस समय अपने फूफा जी के ऑफिस में थी।
सीमा और निशा अपने कैबिन में बैठी थी।
सीमा फोन पर किसी से बात कर रही थी।
निशा _सीमा, किससे बात कर रही है?
सीमा _कालेज की सहेली का काल था, बता रही थी की आज यूनिवर्सिटी का रिजल्ट जारी हो गया है।
हम दोनों मेरिट में आए है।
निशा _ये तो बड़ी खुशी की बात है। और बांकी दोस्तो का क्या रिपोर्ट है?
सीमा _पहले की तरह इस बार भी,राजेश ने स्नातक की अंतिम वर्ष की परीक्षा में पूरे यूनिवर्सिटी में टॉप किया है।
निशा, यह सुनकर किसी विचार में खो गई।
सीमा _निशा, कहा खो गई।
निशा _कुछ नही,,,
अब रिजल्ट तो जारी हो गया है। अब हमे यहां के किसी अच्छे से कालेज में दाखिला लेना होगा, ताकि आगे की पढ़ाई पूरी कर सके।
सीमा _हां यार।
कल चलते है कालेज, प्रवेश फार्म लाने।
ठीक है।
सीमा _निशा, सहेली बता रही थी की अगले सोमवार को आरके कालेज में एक सम्मान समारोह का आयोजन रखा गया है, जिसमे इस साल के अच्छे प्रदर्शन करने वाले को सम्मानित किया जाएगा, और स्टूडेंट ऑफ द इयर की घोषणा भी।
जाना है क्या? समारोह में।
निशा, सोचने लगी।
सीमा _ यार तुम कुछ बोलती क्यू नही?क्या सोचने लगी?
निशा _कुछ नही।
सीमा तुम जाना चाहती हो तो चले जाओ। मैं नही जाऊंगी।
सीमा _यार, ये क्या बोल रही हो? मैं तुम्हारे बिना कैसे जाउंगी।
निशा _सारी सीमा मेरे कारण तुमको अपनी अपनी अरमानों का त्याग करना पड़ रहा है।
सीमा _निसा ये तुम कैसी बाते कर हो? मैं तुम्हे अपनी सहेली नही, अपनी बहन मानती हूं।
तुम जहां रहोगी? मैं तुम्हारी साया बनकर रहूंगी हमेशा।
निशा ने सीमा को गले लगाकर भावुक हो गईं।
इधर गांव में रात में भोजन करते समय,,,
पदमा _बेटा कल गांव में काम काज बंद रखा गया है।
कल मंदिर का स्थापना दिवस है न। मंदिर में पूजा पाठ रखा गया है। सभी लोगो को वही जाना है।
तुम लोगो को तो पता ही है कल तुम्हारे दादा जी का पुण्य तिथि भी है।
भुवन _हां मां।
पदमा _गांव वाले उस दिन तुम्हारे दादा जी को याद कर उसकी फोटो पर श्रद्धा के फूल चढ़ाते हैं।
हम सबको कल मन्दिर चलना है।
राजेश _ठीक है ताई।
इधर रात में निशा और सीमा अपने कमरे में सोई थी।
सीमा का नींद रात में अचानक से खुल गया।
उसने निशा की ओर देखा, वह करवट लेकर लेटी थी।
मोबाइल पर कुछ देख रही थी।
सीमा ने चुपके से देखा कि इतनी रात को निशा मोबाइल पर क्या देख रही है?
निशा, मोबाइल पर राजेश का फोटो देख रही थी।
सीमा, फिर से लेट गई, और निशा से बोली ।
सीमा _निशा, तुम अभी तक जग रही हो। सोई नहीं।
निशा हड़बड़ा कर मोबाइल बंद कर दी।
निशा _आज नींद नहीं आ रही थी।
सीमा _किसी को मिस कर रही हो क्या?
निशा _नही तो, मैं भला किसे मिस करुंगी?
सीमा _राज को।
निशा _सीमा तुम मेरे सामने उस आवारा का नाम मत लिया करो? मैं भुल चुकी हूं।
सीमा _सॉरी यार, मुझे लगा कि तुम राज को मिस कर रही हो। शायद तुम अपने मॉम डैड को मिस कर रही थी।
निशा _हां, मैं अपने मॉम डैड को मिस कर रही थी।
सीमा_अच्छा, ठीक है, अब मुझसे नाराज मत हो, रात बहुत हो चुकी है, अब सो जाओ।
सीमा, अपने मन में बोली।
सीमा _पगली, अपने सहेली से छिपा रही हैं, सच बात तो ये है कि तुम राज को भूली नही हो। राज तुम्हारे अंदर अभी भी रचा बसा है।
हे भगवान, तु चाहे जितना भी इम्तिहान ले ले पर अन्त में इसे इसके प्यार से मिला देना।
अगले दिन गांव में मंदिर का स्थापना दिवस था। गांव में काम काज बंद रखा गया था।
मंदिर का संचालक समिति ने सारी तैयारियां की थी। सुबह पूजा पाठ, फिर गांव के भजन मंडली द्वारा भजन, फिर दोपहर में भंडारा।
सुबह होते ही, गांव के लोग नहा धोकर तैयार होकर मंदिर की ओर जाने लगे।
महिलाए सुंदर वस्त्र धारण कर हाथो में पूजा की थाली लेकर मंदिर की ओर जा रहे थे।
इधर पदमा भी तैयार होकर पुनम और आरती को लेकर मंदिर की ओर निकल पड़े।
आज खेत को राम भरोसा छोड़ दिया गया था। केशव, राजेश और भुवन भी मंदिर की ओर चल पड़े।
रास्ते में,,
राजेश _अरे चाचा जी आप नही जा रहे क्या मंदिर?
माधव _अरे राजेश बेटा तुम्हारी चाची तैयार हो रही है? तुम लोग चलो हम लोग अभी पहुंच रहे हैं।
राजेश _ठीक है चाचा जी।
कुछ देर में ही वे मंदिर पहुंच गए।
आज मंदिर को बहुत अच्छे ढंग से सजाया गया था।
मंदिर के गर्भ गृह के दरवाज़े के बाजू, चेयर में ठाकुर महेंद्र सिंह और मानव प्रसाद का फोटो रखा गया था।
भगवान शिव की पूजा करने के बाद, लोग दोनो के फोटो पर माला पहना रहे थे।
पूजा पाठ करने के बाद लोग गर्भ गृह के सामने।
बैठ रहे थे सामने भजन कीर्तन करने वाले बैठे थे।
राजेश भी भगवान शिव के दर्शन करने के बाद ठाकुर महेंद्र सिंह और मानव प्रसाद के फोटो पर माला पहना कर प्रणाम किया।
भजन कीर्तन करने के लिए सामने बैठे, भजन मंडली ने राजेश और भुवन को अपने साथ बैठने के लिए बुलाया।
राजेश और भुवन दोनो भजन मंडली के साथ बैठ गए।
पदमा, आरती और पुनम तीनो गांव के अन्य महिलाओं के साथ बैठ गई।
कुछ देर बाद गांव की सरपंच और उसके पति माधव प्रसाद, पहुंचे।
उसने भी शिव जी का पूजन किया, ठाकुर महेंद्र सिंह, और मानव प्रसाद के फोटो पर माल्यार्पण करके प्रणाम कर निर्धारित स्थान पर बैठ गए।
उसके बाद हवेली की ठकुराइन अपने दोनो बेटियो गीता और दिव्या के साथ पहुंची।
सभी का ध्यान दिव्या और गीता की सुंदरता की ओर गया।
ठकुराइन प्रति वर्ष मंदिर स्थापना के दिन मंदिर आती है आज अपने दोनो बेटियो के साथ मंदिर पहुंची।
तीनो ने शिव जी का पूजा अर्चना किया फिर ठाकुर महेंद्र सिंह और मानव प्रसाद के फोटो पर माल्यार्पण कर। महिलाओं के के कतार में सामने बैठ गए।
उसके बाद पुजारी द्वारा हवन का कार्यक्रम सम्पन्न कराया। फिर शिव जी का आरती किया गया।
पूजा पाठ समाप्त होने के बाद।
भजन मंडली द्वारा भजन गाने लगे। सभी लोग अपनी जगह पर बैठ कर भजन मंडली का साथ देने लगे।
भुवन _राजेश तुम तो बहुत अच्छा गाते हो, आज तुम भी कोइ भजन सुनाओ।
दिव्या _हा राजेश, तुम भी कोइ भजन सुनाओ।
पुनम _दिव्या की सुंदरता और राजेश से भजन के लिए निवेदन करते हुए देख, महसूस कर रही थी की, दिव्या राजेश से कितनी शालीनता से बात कर रही है। कितनी सुंदर है दिव्या?
गांव की सरपंच सविता जी ने भी राजेश से कहा, भजन सुनाने के लिए।
सभी के निवेदन पर भजन गाना शुरू किया ,,
भजन सुनकर लोग मंत्र मुग्ध हो गए।
भजन कीर्तन के बाद दोपहर में भंडारा कार्यक्रम रखा गया था।
सबसे पहले महिलाओं को भोजन परोसा गया।
राजेश, भुवन और उसके दोस्त, अखाड़ा दल वाले भी भोजन बाटने के कार्य में लगे थे।
गीता दिव्या और ठकुराइन तो शिव जी का प्रसाद लेकर ही घर जा रहे थे पर राजेश के निवेदन पर वे भी अन्य महिलाओं के साथ बैठकर भोजन किया।
भोजन करने के बाद।
दिव्या _अच्छा राजेश अब हम जा रहे हैं।
राजेश _ठीक है दिव्या जी।
रत्नावती _राजेश बेटा, कभी हवेली भी आया करो,।
राजेश _अब बिना कोइ काम के हवेली जाना अच्छा नही लगता मां जी।
कोइ काम आए तो जरूर आऊंगा मां जी।
रत्नावति _ठीक है बेटा।
गीता _राजेश सच में तुम और लड़को से हट के हो।
तुमने बहुत अच्छा भजन सुनाया।
राजेश _शुक्रिया गीता दी।
ठकुराइन अपने बेटियो को लेकर घर चली गईं।
महिलाओं के जाने के बाद सभी पुरुषो को भोजन कराया गया।
और अन्त में राजेश और उसके दोस्तो ने भोजन किया।
मंदिर का सारा काम निपटाते, शाम ढल गया।
राजेश और उसके दोस्त भी अपने अपने घर के लिए निकल गए।
जब राजेश भुवन घर पहुंचे।
पुनम ने दोनो के लिए चाय लाई।
दोनो चाय पी कर आंगन में ही खाट लगाकर आराम करने लगे।
और आज दिन भर हुवे, घटना क्रम के बारे में बातचीत करने लगे।
पुनम, भोजन तैयार कर लेने के बाद दोनो के लिए थाली लगाई।
भोजन करने के बाद भुवन खेत चला गया।
रात में पुनम दूध लेकर राजेश के कमरे में आई।
पुनम _लो राजेश दूध पी लो। इस समय राजेश पढ़ाई कर रहा था।
राजेश ने पुनम की हाथो से गिलास लेकर दूध पिया और धन्यवाद, भाभी कहा।
पुनम _राजेश, सच में तुम बहुत अच्छा गाते हो, गांव के सभी लोग तुम्हारी बड़ी तारीफ कर रहे थे।
राजेश _ये सब आप लोगो का प्यार है भौजी।
पुनम _राजेश, ठाकुर की बेटी दिव्या सच में बहुत सुंदर है।
गांव की महिलाओ की नजर तुम पर टिकी थी तो पुरुषो की नजर दिव्या और गीता पर।
राजेश _पर मेरी नजर तो आप पर टिका था भाभी।
पुनम _चल झूठा कहीं का, एक बार भी मेरे तरफ नही देखा। और कह रहा है की मेरी नजर तो तुम पर ही टिका था।
राजेश _भौजी सच कह रहा हूं आज तुम नई साड़ी में कमाल की लग रही थी।
पुनम _बस बस, इतना भी मत फेको की मैं शर्म से मर जाऊ।
पुनम _राजेश तुमसे एक बात बोलूं।
राजेश _बोलो भौजी।
पुनम _ये दिव्या तुम्हारी ओर बार बार देख रही थी।
राजेश _भौजी अभी तो कह रही थी की गांव की सभी महिलाए मेरे तरफ देख रही थी। तो दिव्या जी भी देख रही थी, इसमें अलग क्या है?
पुनम _अरे नही re, तु नही समझेगा।
वो ऐसे नजरो से तुम्हे देख रही थी जब लडकी को किसी से प्यार हो जाता है, तब अपने यार को प्यार भरी नजरो से देखती है।
राजेश _अरे भौजी, तुम्हे धोखा huwa है? ऐसा कुछ नही है। दिव्या जी मुझे सम्मान देती है, मैने उसकी इज्जत बचाया है न इसलिए। तुम्हे गलत फहमी हुई है।
वैसे उसे पता है की मैं निशा से प्यार करता हूं।
पुनम _क्या उसे पता है की तुम निशा से प्यार करते हो। फिर उसे यह भी पता होगा की निशा तुम्हे छोड़ कर जा चुकी है।
राजेश _हा, तो।
पुनम _बुद्ध, कभी कभी न चाहते हुवे भी प्यार हो जाता है।
राजेश _भौजी ऐसा कुछ नहीं है? तुम्हे गलतफहमी huwa है।
वैसे हम तो निशा के बाद आपसे प्यार करते हैं। पुनम को अपने हाथो के घेरे में लेते हुए कहा।
पुनम _चल झूठा कहीं का , तुम्हे बेवकूफ बनाने के लिए मैं ही मिली हु।
अब छोड़ मुझे जाने दे।
राजेश _भौजी तुम तो उस दिन मुझे ताजा दूध पिलाने वाली थी, आज पिला दो।
पुनम _उस दिन तो बड़ा भाव खा रहा था, कह रहा था कि मैं अपना हद भुल गया था। फिर आज क्या हो गया?
राजेश _क्यू की आज तुम बहुत प्यारी लग रही हो।
पुनम _अच्छा जी, अगर दूध न पिलाई तो,,
राजेश _अब कर भी क्या सकते हैं? जोर जबरदस्ती तो नही कर सकते न।
पुनम _मुझे पता है न पिलाई तो फिर से नाराज हो जायेगा। और तु नाराज रहता है तो मुझे अच्छा नही लगता।
लो पी लो अपनी भौजी की दूध।
पुनम ने अपनी साड़ी का पल्लू हटा दिया, और अपनी ब्लाउज का बटन खोल दिया।
उसकी मस्त बड़ी बड़ी सुडौल चुचिया जो दूध से भरा था, राजेश के आंखो के सामने आ गया।
राजेश ने पहले उनके उरोजो को प्यार से सहलाया और फिर चूस चूस कर दूध पीना शुरू कर दिया।
पुनम राजेश को दूध पीता huwa देख प्यार से उसके बालो को सहलाने लगी।