सुबह जब सभी नाश्ता करने के लिए डाइनिंग टेबल पर बैठे थे,,
राजेश _आज तो स्पेशल दिन है, आज हमे पार्टी चाहिए। क्यू स्वीटी?
स्वीटी _हां पापा भईया, सही कह रहे हैं। आज तो पार्टी बनती है।
शेखर _तो क्या सोचा है तुम लोगो ने?
राजेश _पापा क्यू न हम शाम को कोई फिल्म देखने चले। कितने दिन हो गए हम लोगो को साथ में किसी टाकीज में फिल्म देखे। फिर वहा से हम किसी अच्छे से होटल में डिनर करेंगे।
शेखर _सुनीता तुम्हारा क्या विचार है।
सुनीता _बच्चो की खुशी में मेरी खुशी हैं जी।
शेखर _पर बेटा, कोई फिल्म भी तो अच्छी लगीं होनी चाहिए, नही तो बेकार में सर दर्द होने लगेगा।
राजेश _पापा, दोस्तो ने बताया है की अभी बहुत ही बढ़िया, कामेडी और हारर फिल्म रिलीज हुई है स्त्री२ लोग बडी तारीफ कर रहे हैं फिल्म की ,क्यू न हम वही देखने चले?
शेखर _अच्छा ठीक है।
ये बताओ मुझे कितना बजे घर पहुंचना है।
राजेश _पापा, फिल्म तो शाम 6बजे शुरू होगी। आप शाम को 5बजे के पहले घर आ जाना। आखिर तैयार होने में भी तो समय लगेगा।
शेखर _अच्छा ठीक है बाबा मै शाम को 5बजे तक घर पहुंच जाऊंगा।
राजेश _पापा आते समय, फूल चौक से,मां के लिए एक गजरा ले आना। क्यू कि आज मां दुल्हन की तरह लगना चाहिए।
सुनीता _चुप बदमाश कही का। नही जी ये गजरा वजरा लाने की कोई आवश्यकता नहीं।
शेखर _अरे बच्चे आपको दुल्हन के रूप में देखना चाहते है भई, तो उन की इच्छा तो पूरी करनी पड़ेगी।
सुनीता _आप भी न बच्चो के बातो में आ जाते हैं।
स्वीटी _मां आज मै आपको तैयार करुंगी, देखना एक दम नई नवेली दुल्हन लगेंगी।
सुनीता _चुप कर, तू भी दिन ब दिन बिगड़ती जा रही है। मां को दुल्हन की तरह सजाएगी। क्या मै तुम्हारी सहेली हूं? जो मुझे दुल्हन की तरह सजाएगी।
तभी सुनीता का मोबाइल बजने लगा।
सुनीता ने अपना मोबाइल देखा, प्रिया ने काल की थी।
प्रिया _हेलो बुवा!
सुनीता _हेलो प्रिया।
प्रिया _शादी की सालगिरह मुबारक हो, बुवा।
राजेश ने याद दिलाया था की आज आपका और फूफा जी की शादी की सालगिरह है।
सुनीता _ओह, थैंक यू। प्रिया बेटा।
प्रिया _बुआ, आज तो जरूर राजेश ने कोई प्लानिंग बनाया होगा।
सुनीता _अभी सभी नास्ता कर रहे हैं, राजेश ने अपने पापा से कहा है की आज शाम को कोई फिल्म देखने चलने फिर किसी अच्छे से होटल में डिनर करने।
प्रिया _ओह ये टू बडी अच्छी बात है। बुवा हमे नही बुलाएंगी क्या, डिनर में।
सुनीता _ओह, सुनीता बेटा, तुम लोग भी चलना साथमें दामाद जी को भी ले आना।
प्रिया _बुआ, तुम्हारे दामाद जी का तो मैं कोई गारंटी नहीं ले सकती क्यू की कब कोई सिरियस केश आ जाए, कहा नही जा सकता, पर मै और पिंकी जरूर आ जायेंगे।
कितना बजे आना है?
राजेश _मां, फ़ोन मुझे दो मैं बात करता हूं दीदी से।
सुनीता _प्रिया बेटा, राजेश तुमसे बात करना चाहता है, लो बात करो, उन्ही से पूछ लेना, कब पहुंचना है?
सुनीता ने फोन राजेश को दे दिया।
राजेश _हेलो, दी।
प्रिया _हेलो, मेरा गोलू भाई, बोलो कितना बजे आना है।
राजेश _दी आप आप 4:30 तक पहुंच जाओ। और मां के लिए एक अच्छी सी दुल्हन का ड्रेस लेती आना। और पापा के लिए दूल्हे का।
प्रिया _भाई, एक काम करना मै 4बजे तुमको काल करुंगी तुम कालेज से सीधा मॉल आ जाना दोनों मिलकर बुवा और फूफा जी के लिए ड्रेस चूज करेंगे।
राजेश _हां ये आइडिया ठीक रहेगा।
ओके दी बाई, शाम को मिलेंगे।
प्रिया _ओके बाई राजेश।
सुनीता _ये कुछ ज्यादा नही हो रहा है।
Switi _मां कुछ ज्यादा नही, भईया मै भी चलूंगी आपके साथ।
राजेश _ठीक है।
नाश्ता करने के बाद, शेखर अपना आफिस जानें के लिए तैयार huwa वह सुनीता को आवाज़ लगाया।
सुनीता कमरे में पहुंची।
शेखर ने सुनीता को बाहों मे जकड़ लिया।
सुनीता _छोड़ो न जी ये आज आपको क्या हो गया है?
शेखर _मेरी जान आज हमारी शादी की सालगिरह है, आज प्यार तो बनता ही है।
सुनीता _अभी छोड़ो, रात में करना जो भी करना है।
सुनीता का दिल धड़कने लगा ।
शेखर, सुनीता को जकड़ कर एक हाथ से उसकी चूची मसलने लगा और उसकी गालों को चूमने लगा।
सुनीता सिसकने लगी।
सुनीता _अजी छोड़ो ना जो भी करना है, रात में करना।
कुछ देर मसलने के बाद शेखर ने सुनीता को छोड़ दिया ।
शेखर _अच्छा बताओ जान, आज तुम्हें कुछ चाहिए क्या?
सुनीता _मुझे कुछ नही चाहिए जी, बस आप समय पर घर आ जाना ।
शेखर _ठीक है जानेमन।
शेखर ने सुनीता की गालों पर एक और किस लिया और अपना आफिस चला गया।
इधर राजेश और स्वीटी भी समय पर कालेज के लिए अपने घर से बाहर निकले।
तभी राजेश _अरे स्वीटी मै मां से पूछना तो भूल ही गया की आज कोई सामान लेते हुए आना है क्या?
मै अभी पूछ कर आता हूं।
स्वीटी _ओ हो भैया, समय हो गया है, जल्दी करना।
राजेश _, बस अभी आया।
राजेश अपने मां के रूम में गया।
सुनीता इस समय गुनगुनाते हुए,कपड़े जमा रही थी।
राजेश _मां
सुनीता चौंकी।
सुनीता _अरे बेटा तुम लोग अब तक कालेज के लिए निकले नही।
राजेश _मां वो मै पूछने आया था कि आज कोई सामान की आवश्यकता तो नही है मैंकालेज से आते समयले आता।
सुनीता _नही बेटा। ऐसे तो किसी चीज की आवश्यकता नहीं है।
राजेश _ओह ठीक है।
राजेश ने सुनीता को पीछे से अपनी बाहों में ले लिया।
सुनीता _अरे ये क्या कर रहा है छोड़ मुझे।
राजेश _क्या बात है मॉम आज बडी खुश लग रही हो?
कितने सालों बाद आपको कुछ गुनगुनाते हुए सुना। आखिर मै भी तो जानू,,
सुनीता _नही तो ऐसी कोई बात तो नही।
अकेली होने पर गुनगुना लेती हूं, अब तुम अचानक से आ गए तो तुमको कुछ अलग लगा,,
राजेश _सच में ऐसा है,,,
मै तो कुछ और ही समझ बैठा था।
सुनीता _अच्छा, मै भी तो सुनु की तुम्हें क्या लगा?
राजेश _मुझे तो लगा की आज आप और पापा फिर दूल्हा दुल्हन बनोगी फिर पापा रात में आपका घूंघट उठा कर,,,,,,,,,,, वो करेंगे,,, इस लिए आप खुश है
सुनीता _वो क्या? मै कुछ समझी नहीं,,
राजेश _वही जो दूल्हा और दुल्हन सुहाग रात को करते है?
सुनीता _क्या करते है?
राजेश _
मां आप भी ना जान बूझ कर बडी भोली बनती हैं।
सुनीता _अरे सच बाबा मुझे नही मालूम,,
सुहागरात के दीन दूल्हा दुल्हन क्या करते है?
थोड़ा खुलकर बताओ।
राजेश का land खड़ा हो गया था, वह अपना land Ko सुनीता की गाड़ में दबाते हुए बोला,,
रहने दो आप बुरा मान जाएंगी ,,
इधर सुनीता भी पहले अपने पति फिर अपने बेटे की हरकतों से बहुत गर्म हो चुकी थीं। उसकी boor से पानी बहने लगा था।
सुनीता को भी बड़ा अच्छा लग रहा था,,
सुनीता _अरे बुरा नही मानूंगा,, सुहाग रात के दिन दूल्हा और दुल्हन क्या करते हैं?
राजेश _ठीक है थोड़ा अपना कान इधर लाना,,
सुनीता _हूं, लो अब बताओ ,,
राजेश ने सुनीता को कस कर जकड़ लिया ओर धीरे से उसकी कानो में कहा,,chudai
सुनीता का दिल जोड़ो से धड़कने लगी ,,
वह राजेश को धक्का देते हुए कहा,,
छी बेशरम,, कितनी गंदा शब्द बोलता है अपनी मां से,
तू सच में एक दम बिगड़ गया है,,
राजेश सुजाता को फिर से जकड़ लिया, और उसकी कानो में कहा,,
मैंने तो कहा था की आप बुरा मान जाएगी,, आप ने सुनने की जिद की,,
सुनीता _मुझे क्या पता था तू ये शब्द बोलेगा, अपनी मां से,
राजेश _कौन सा शब्द मां,,
सुनीता _अरे वही जो तुमने अभी बोला है।
राजेश _मां कौन सा शब्द बोला मैंने जो तुम शर्मा गई,, मै भी तो जानू।
सुनीता _अरे वही जो पति और पत्नी के बीच होता है।
राजेश _मै समझा नहीं मां खुल के बताओ,
सुनीता _अरे वही,, जो तू अभी बोला,,
राजेश_क्या मां, ठीक से बताओ क्या बोला मैं,,
सुनीता_अरे वही,, बाबा,,,,chudai,
सुनीता शर्म के मारे अपने दोनों हाथों से अपना चेहरा छिपा ली।
इधर राजेश का land और अकड़ गया।
राजेश ने सुनीता के कानो में धीरे से कहा,
मां आज रात पापा आपकी जी भर कर chudai करेंगे इसलिए आप खुश हैं। सच है न,,
सुनीता _चल हट बेशरम कही का,, चल जा अब कालेज,,
सुनीता राजेश को धकेलते हुए अपनी कमरे से बाहर निकाल दी,,
राजेश _ma एक किस तो दे दो,,
सुनीता _न, आज कुछ नही,, आज मै तुम्हारे बाप की अमानत हूं।
राजेश_ठीक है मां बाई,
जाते हुवे सुनीता को फ्लाइंग किस दे दिया।
सुनीता राजेश को मारने का इशारा की।
राजेश और स्वीटी दोनों कालेज निकल गए,
रास्ते में ,,
स्वीटी _भैया, आपने आने में इतनी देर क्यू कर दी।
राजेश _अरे स्वीटी, मां बाथरूम में थी ना इसलिए उसको बाहर आने में लेट हो गया,,
स्वीटी _अच्छा, यही बात है या कुछ और,,
राजेश _यही बात है स्वीटी, और कुछ नहीं,
स्वीटी _अच्छा, तो आपका ये क्यू खड़ा है?
स्वीटी ने राजेश के खड़े land पर हाथ फेरते हुए कहा ,, राजेश _स्वीटी ये क्या कर रही हो कोई देखेगा तो क्या कहेगा?
स्वीटी ने राजेश के land को पेंट के ऊपर से सहलाते हुए कहा,,
स्वीटी_पहले ये बताओ कि आपका खड़ा क्यू है?
कही मां की शादिकी सालगिरह तो सेलिब्रेट नही करने लग गए थे।
राजेश _स्वीटी, ये कैसी बाते कर रही हो,,
स्वीटी _भोले तो ऐसे पहले मां के साथ कभी कुछ किया ही नहीं, अब तक 4/5बार मां की ले ही चूके हो।
स्वीटी ने राजेश का land सहलाते हुए कहा,,
राजेश _स्वीटी, ये क्या कर रही हो, कोई देखेगा तो बदनामी होगी छोड़ो।
स्वीटी _और भईया, कही तुम्हारे दोस्तो और निशा ने देख लिया तुम्हारा land खड़ा है तो क्या समझेंगे आपके बारे में।
मै तो कहती हुं चलो किसी होटल में चलते हैं मै तुम्हें झाड़ दूंगी फिर कालेज निकलेंगे।
राजेश _पहले तू इसे सहलाना बंद कर, फिर ये अपने आप नार्मल हो जायेगा। तुम तो उसे और भड़का रही हो।
स्वीटी _भईया अब तो मैं भी गर्म हो गई हूं।
राजेश _स्वीटी, ये तुम क्या कह रही हो, अपने पर काबू रखना सीखो।
और छोड़ो इसे अब कालेज पहुंचने वाले है।
स्वीटी ने राजेश का land सहलाना बंद कर दिया।
दोनों कालेज पहुंचे,,
राजेश का land कुछ देर बाद नार्मल होने लगा,,
जब राजेश नार्मल huwa तब वह क्लास में गया।
छूटी के समय 4बजे प्रिया ने राजेश को काल की।
प्रिया _राजेश तुम मै x मॉल पे तुम्हारा वेट कर रही हूं।
राजेश _ओके दी मै अभी पहुंचा।
कुछ देर में राजेश स्वीटी को लेकर शॉपिंग मॉल पहुंचा, जहा प्रिया वेट कर रही थी।
शॉपिंग मॉल में स्वीटी, राजेश और प्रिया तीनो की पसन्द से शेखर और सुनीता के लिए कपडे खरीदने के बाद साथ ही प्रिया ने अपने पिंकी और राजेश और स्वीटी के लिए भी कपडे खरीद लिए।
जब वे घर पहुंचे तो पांच बज चूके थे।
राजेश _ओ हो समय काफ़ी हो चुका है, सब फटाफट तैयार हो जाओ।
प्रिया ने सुनीता और शेखर के लिए लाए कपड़ो को सुनीता को दे दिया। और तैयार होने बोल दिया।
और अपने स्वीटी और पिंकी के कपडे लेकर स्वीटी के कमरे में चली गई। फिर सभी तैयार होने लगे।
कुछ देर में शेखर भी आ गया वह सुनीता के लिए गजरा लाया था, जो उसने सुनीता को दे दिया।
शेखर भी अपने कमरे में तैयार हो ने लगा।
राजेश और शेखर तो जल्द ही तैयार हो गए और हाल में बैठ कर महिलाओं का इंतजार करने लगे।
शेखर _चलो भई सभी जल्दी करो, हम लेट हो रहे हैं।
शेखर _बेटा, अपनी मां से जाकर बोलो थोड़ा जल्दी करे। हम लेट हो रहे हैं।
राजेश अपनी मां के कमरे में गया जो बालो पे गजरा लगा रही थी।
राजेश पीछे से देख रहा था, सुनीता को लगा की उसका पति है,,
सुनीता जब तैयार हुई, वह पीछे मुड़ी और बोली कैसी लग रही हूं जी।
राजेश _मां, सच में आप स्वर्ग की अप्सरा, मेनका लग रही है, जिसने विश्वामित्र की तपस्या भंग कर दिया था।
सुनीता _अरे बेटा तुम मै तो तुम्हें तुम्हारा पापा समझ बैठी थीं।
राजेश _मां, पापा ने ही मुझे भेजा है, आपको जल्दी तैयार होने को बोलने के लिए। सच में मां तुम इस दुल्हन की ड्रेस में बहुत ही खुबसूरत और हॉट लग रही रही हो।
सुनीता _चल हट बदमाश तू फिर से शुरू हो गया।
राजेश, सुनीता के पास गया और उसे आईने के सामने खड़ा कर पूछने लगा।
देखो, तुम्हारी खूबसूरती देखकर तो आईना भी शर्मा रहा है।
राजेश ने सुनीता को पीछे से अपनी बाहों मे भर लिया।
सुनीता _अरे छोड़ो क्या कर रहा है?
आज मैं तुम्हारे पापा की अमानत हूं। मुझसे दूर रहो।
राजेश _हाय पापा भी कितने किस्मत वाला है जो अप्सरा सी खुबसूरत बीवी मिली है।
सुनीता _अरे तू चिन्ता मत कर मै तेरे लिए भी कोई अप्सरा, सी दुल्हन ढूंढूंगी। मुझसे भी सुंदर।
राजेश _नही मां, इस दुनिया में तो आपसे सुन्दर महिला भगवान ने बनाया ही नहीं है।
सुनीता _हूं, मुझे बहकाने की कोशिश कर रहा है। आज मै तुम्हारी बातों में नही आने वाली। आज मै सिर्फ तुम्हारे पापा की हूं, समझे।
चल अब छोड़ मुझे, कही तुम्हारे पापा न आ जाए।
राजेश _गजरे की खुशबू सूंघने लगा।
हाय मां क्या खुशबू है गजरे की फूलो की? मन तो कर रहा है कि,,
सुनीता _क्या कर रहा है, तुम्हारा मन।
राजेश _अपनी गोद में बिठाकर जी भर कर प्यार करू?
सुनीता _तू आज सिर्फ सपना देख, मै आज सिर्फ अपने पति की हूं, समझे।
चल अब चलते है।
राजेश _मां थोड़ी देर और रुको न।
सुनीता _न यहां और रुकी तो, पता नही तू कोई कांड कर देगा।
अब चल,
सुनीता राजेश का कान खींचकर, कमरे से बाहर लाया।
इधर जब दोनों कमरे से हाल में आए। तो राजेश की नजर, प्रिया और स्वीटी पर पड़ी।
राजेश दोनों को देखते रह गया।
क्यू की दोनों खूबसूरती में सुनीता को टक्कर दे रही थीं।
प्रिया स्वर्ग की अप्सरा रंभा तो स्वीटी, उर्वशी से कम नहीं लग रही थी।
तीन तीन खुबसूरत और हॉट औरतों को देखकर राजेश का मुंह खुला का खुला रह गया।
स्वीटी _भैया, कहा खो गए आप।
कैसी लग रही हैं हम लोग इस ड्रेस में?
दोनों लहंगा और चोली में थी। ऊपर में चुनरी डाली थी।
चुनरी के अदंर से ही दोनों की मखमल जैसा बदन दमक रहा था।
राजेश _तुम दोनो बहुत ही खुबसूरत लग रही हो।
पिंकी _और मामू मै।
राजेश _अरे भांजी, तुम तो बिलकुल परी लग रही हो।
शेखर _अब चलो भई हम लेट हो रहे हैं।
वे सभी, सिनेमा घर पहुंचे।
राजेश ने टिकट पहले से बुक करा लिया था ।
बालकनी का टिकट बुक कराया गया था। सामने की सारी सीट भर चुकी थी। पीछे के दो पंक्ति ही खाली थी।
पीछे से दूसरी पीढ़ी पर सुनीता, शेखर, स्वीटी और पिंकी बैठ गई। और उसके जस्ट पीछे राजेश और प्रिया बैठ गए।
जब फिल्म शुरू huwa तो लाइट ऑफ कर दिया गया। जिससे बालकनी में पुरा अंधेरा छा गया। एक दूसरे को कोई देख नहीं पा रहे थे।
पीछे वाली पंक्ति में सिर्फ प्रिया और राजेश ही बैठा था।
सुनीता, स्वीटी, शेखर और पिंकी का ध्यान फिल्म देखने पर था।
इधर राजेश ने प्रिया के कानो में धीरे से कहा,,
दी आज आप सच में बहुत खुबसूरत और हॉट लग
रही हो।
प्रिया _हुं, मुझे पता है आज तुम हम तीनो को छुप छुप कर ताड़े जा रहे हो, तुम्हरा इरादा नेक नही लग रहा। प्रिया ने राजेश के कानो में धीरे से कहा,,
राजेश _दी, जब एक मर्द के सामने तीन तीन अप्सरा हो तो वह अपने में काबू कैसे रख पाएगा?
प्रिया _मतलब तू अपने को काबू में नहीं रख पा रहा है।
राजेश _, दी मै अपने को काबू में तो रख लूं। पर ये काबू में रहे तब न।
प्रिया _मै समझी नहीं।
राजेश ने प्रिया की एक हाथ पकड़ कर अपने पेंट पर बने तंबू पर रख दिया।
राजेश _मै इसकी बात कर रहा हूं।
प्रिया _तेरा तो पुरा खड़ा है re
प्रिया राजेश की land को सहलाने लगीं।
राजेश का land एकदम सख्त हो गया।
राजेश को दर्द huwa आह
प्रिया _क्या huwa re?
राजेश _दी तुम्हारा छोटा गोलू, आजाद होने के लिए छटपटा रहा है।
प्रिया _तो कर दो ना इसे आजाद, अंधेरे में कौन देखने वाला है। राजेश के कान में धीरे से बोली।
राजेश _दी सच में।
प्रिया _हां।
राजेश ने अपने पेंट जींस का चैन खीच कर अपना land बाहर निकाल लिया।
प्रिया ने उसे अपने एक हाथ से पकड़ कर सहलाने लगी।
प्रिया _ये तो एकदम सख्त हो गया है।
प्रिया land पे मूठ मारने लगीं।
राजेश _दी बहुत अच्छा फील हो रहा है।
प्रिया राजेश के land पे मूठ मार रही थी
और राजेश प्रिया की ओंठ चूस कर उसकी चूची मसल रहा था जिससे प्रिया भी बहुत गर्म हो गई। उसकी बुर पानी छोड़ने लगा।
इधर सभी फिल्म देखने में मशगूल थे।
बीच बीच में प्रिया सुनीता से बात चीत करती थीं। ताकि किसी को पता न चले की पीछे क्या चल रहा है।
राजेश _दी थोड़ा चूसो न।
प्रिया नीचे झुक कर राजेश का land मुंह में लेकर चूसने लगी।
कुछ देर तक land चूसवाने के बाद। राजेश ने प्रिया को सीधा किया।
और उसकी कानो में कहा, दी अपनी चूची निकालो न मुझे पीना है।
प्रिया ने अपनी चोली का बटन खोल दिया और ब्रा खिसका दिया।
राजेश, चूची पर टूट पड़ा वह बारी बारी से दोनों चुचियों को चूसने एवम मसलने लगा।
जिससे प्रिया बहुत अधिक उत्तेजित हो गई।
राजेश ने प्रिया को खड़ा किया और उसे अपने गोद में बिठा दिया।
प्रिया ने राजेश से कहा,देखो राजेश मेरा चौथा माह चल रहा है, तुम्हरा बहुत लंबा है ज्यादा जोर का झटका मत मारना नही तो बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है।
राजेश ने धीरे से कहा, ओके दी।
अब प्रिया अपनी पेंटी नीचे खिसका दी और लहंगा ऊपर उठा कर राजेश के land को पकड़ कर अपनी बुर में रख कर बैठ गई।
बुर एकदम गीला हो चुका था तो land बिना किसी रुकावट के सरसराते हुवे अदंर चला गया
अब राजेश अपने दोनों हाथो से प्रिया की चूची पकड़ कर मसलना सुरू कर दिया और प्रिया राजेश के land पर धीरे धीरे उछल उछल कर चुदने लगी।
दोनों को बहुत मज़ा आ रहा था। फिल्म में क्या हो रहा है उनका ध्यान नहीं था। इधर दोनों chudai का परम सुख को प्राप्त कर रहे थे।
दोनों जन्नत की सैर कर रहे थे।
किसी को सक न हो इसलिए प्रिया, बीच बीच में सुनीता से बात चीत कर रही थीं। इधर शेखर,switi पिंकी और सुनीता पीछे की गतिविधि से अनजान फिल्म का मज़ा ले रहे थे और पीछे प्रिया और राजेश जवानी का मज़ा ले रहे थे।
प्रिया इसी पोजीशन में राजेश से चुदाती रही। राजेश भी नीचे से हल्का हल्का धक्का मार कर land को पुरा गहराई तक ले जानें की कोशिश कर रहा था । और प्रिया उछल उछल कर chud रही थीं, करीब आधा घंटा तक इसी पोजीशन पर chudai चलता रहा, प्रिया दो बार झड़ चुकी थीं।
पर राजेश कहा झड़ने वाला था, जब तक वह बुर को रगड़ रगड़ कर जोर जोर से न चोदे उसका land का पानी नहीं छूटता था।
प्रिया _राजेश, मै दो बार झड़ चुकी हू, अब और नही, वैसे अब लगता है इंटर वेल का समय हो चुका है लाइट चालू हुई तो हम पकड़े जाएंगे।
प्रिया राजेश के land से उठ गई अपने कपडे ठीक कर बैठ गई।
राजेश ने भी अपना land जींस के अदंर कर लिया।
फिर दोनों फिल्म देखने लगे, कुछ देर में ही इंटर वेल हो गया बालकनी का लाइट ऑन कर दिया गया।
राजेश _भई, किसी को कुछ खाना है क्या, मै ले आता हूं।
पिंकी _मामू मेरे लिए पॉपकॉर्न ले आना।
स्वीटी _भईया मेरे लिए भी।
राजेश पॉपकॉर्न लाने चला गया।
स्वीटी _मां मुझे बाथरूम जाना है।
सुनीता _सुनो जी आप यही बैठ कर ये पर्स वगेरा, पर सम्हाल कर रखना हम बाथरूम से आ रहे हैं।
शेखर _ठीक है, सुनीता।
सभी महिलाएं बाथरूम चली गई। वहा फ्रेस होकर सभी वापस लौटी तो राजेश पॉपकॉर्न लेकर आ चुका था।
स्वीटी _प्रिया दी, आप आगे बैठ जाइए मैं पीछे भईया के साथ बैठती हूं।
प्रिया _ठीक है, स्वीटी।
फिल्म फिर से सुरू huwa, सभी पॉपकॉर्न खाते हुवे मूवी देखने लगे।
बालकनी का लाइट ऑफ कर दिया गया।
सभी लोगो का ध्यान मूवी पर था।
इधर स्वीटी ने राजेश के कानो में धीरे से कहा,,
भईया, क्या चल रहा था पीछे,,
राजेश _स्वीटी मै कुछ समझा नही,,
स्वीटी _भैया आप नादान न बनो, मुझे पता है तुम्हारे और प्रिया दी के बीच इन्टर वेल के पहले क्या चल रहा था?
राजेश _स्वीटी , कुछ भी तो नही, लगता है तुमको कुछ वहम huwa है।
स्वीटी _मैंने प्रिया दी के मुख से हल्की हल्की सिसक सुनी, ऐसी आवाजे औरते तभी निकालती है जब वह chud रही हो।
राजेश _स्वीटी तुमको कोई गलतफहमी huwa है, ऐसा कुछ भी नहीं।
स्वीटी _अच्छा तो तुम्हारा तना huwa क्यू है, स्वीटी ने राजेश के जींस के ऊपर से land के ऊपर हाथ फेरते हुवे कहा।
राजेश _स्वीटी छोड़ो, ये क्या कर रही हो। धीरे से कानो में फुसफुसाते हुवे कहा,,
स्वीटी _वही कर रही हुं जो इंटरवेल के पहले प्रिया दी कर रही थीं।
स्वीटी राजेश के land को जींस की ऊपर से अपने हाथ से रगड़ने लगी।
राजेश का land न चाहते हुवे भी और शख्त होने लगा।
राजेश _स्वीटी, मत करो न, मां को पता चल गया तो अनर्थ हो जायेगा।
स्वीटी _मां और पापा तो मूवी का मज़ा ले रहे है। उन्हे पता नही चलेगा।
राजेश _ओ हो, क्या मुसीबत है?
स्वीटी अब राजेश के जींस का चैन खोल कर उसका land बाहर निकाल ली। हाथ से मूठ मारने लगीं।
स्वीटी, मूठ मारते हुवे,सुनीता से बात करने लगी ताकि पीछे क्या चल रहा है किसी को पता न चले,,
राजेश _switi अब बस करो, मां को पता चला गया तो अनर्थ हो जायेगा।
स्वीटी कहा रुकने वाली थी।
वह झुकी और राजेश का land अपनी मुंह में भर कर चूसने लगी।
राजेश, प्रिया की लेने के बाद भी झड़ा नहीं था इसलिए स्वीटी की हरकत से वह भी बहुत गर्म हो गया। उसका land स्वीटी के मुंह में झटके मारने लगा। लौड़ा चुस्वाने में राजेश को बहुत मज़ा आने लगा।
तो वह स्वीटी का सिर पकड़ कर अपने land Ko उसकी मुंह में और अधिक अदंर धकेलने की कोशिश करने लगा।
स्वीटी ने अपनी चोली का बटन खोल दी ब्रा ऊपर सरका कर चूची बहार निकाल दिया।
फिर राजेश के कान में धीरे से कहा,,
स्वीटी _भईया चूसो न,,
राजेश भी स्वीटी की चूची पकड़ कर मुंह में भर लिया और एक चूची मसलने तो दूसरे को चूसने लगा।
स्वीटी उत्तेजित होने लगी,, उसकी बुर में पानी भर ने लगा।
वह हल्की हल्की सिसकने लगी।
राजेश को भी चोदने का मन हो रहा था। वह झड़ना चाहता था। इसलिए वह एक हाथ से स्वीटी की बुर को लहंगा के ऊपर से रगड़ने लगा।
स्वीटी की पेंटी गीली होने लगी।
इधर बाकी लोग पीछे चल रही गतिविधियों से अनजान होकर मूवी का मज़ा ले रहे थे।
बुर रगड़ने से स्वीटी, बहुत ज्यादा गर्म हो गई।
वह अपने सीट से उठी और अपना पेंटी उतार कर अपने मुंह में ठूस ली फिर अपना लहंगा ऊपर उठा कर राजेश के land को पकड़ करअअपनी बुर की छेद पर रख, बैठने लगी।
वह बहुत धीरे धीरे बैठने लगी।
क्यू की उसकी बुर अभी राजेश की land के हिसाब से छोटी एवम टाइट थी।
इसलिए वह आहिस्ता आहिस्ता land को बुर में लेने लगीं ताकि दर्द न हो, चूंकि स्वीटीकी योनि पूरी तरह गीलीथी अतःराजेश काland Ko निगलने में ज्यादा परेशानीनहीं को । थोड़ा दर्द जरूर huwa पर वह दर्द सह गई और कुछ देर में ही समूचा land स्वीटी के बुर में समा गया।
उसके बाद स्वीटी land पर उठक बैठक लगा कर chudna सुरू कर दिया।
राजेश को भी झड़ने की इच्छा था तो वह भी स्वीटी का साथ देने लगा वह स्वीटी की चूची मसलने लगा।
स्वीटी तो जैसे जन्नत में पहुंच गई।
राजेश को भी स्वीटी की टाइट बुर चोदने में बहुत मजा आने लगा।
स्वीटी,राजेश के land पर उछल उछल कर चुदने लगी,chudai का परम सुख को प्राप्त करने लगी।
और कुछ ही देर में स्वीटी झड़ने लगी।
झड़ने के बाद वह राजेश के land पर ऐसी ही बैठी रहीं।
और सामने बैठी अपनी मां और पापा से बात करने लगी, ताकि उन्हें कुछ शक न हो।
इधर राजेश का land स्वीटी की बुर में झटके मार रहा था।राजेश स्वीटी की चूची को चूस एवम मसल रहा था, जिससे स्वीटी फिर गर्म हो गई उसकी बुर फिर पानी छोड़ने लगी
अब राजेश स्वीटी की कमर को पकड़ कर अपने land पर धीरे धीरे उपर नीचे कर चोदने लगा। जिससे स्वीटी और राजेश दोनों को बहुत मज़ा आने लगा।
राजेश स्वीटी को जोर जोर से चोद ना चाहता था ताकि वह झड़ सके पर वह ऐसा नहीं कर पा रहा था, क्यू की जोर जोर से चोदने से स्वीटी की चीख निकल सकती थीं जिससे सभी लोगो को पता चल सकता था कि पीछे क्या चल रहा है। राजेश धीरे धीरे ही स्वीटी को चोदता रहा, और स्वीटी धीरे धीरे उछल उछल कर chud रही थी।
तभी फिल्म में वह गाना आया,,
आज की रात हुस्न का मज़ा आंखो से लीजिए,,,
यह गाना सुरू होते ही साउंड का आवाज़ बड़ा दिया गया, लोगो सिटी बजाने लगे,,
राजेश को झड़ने का एक मौका मिल गया,,
वह स्वीटी कि कमर को पकड़ कर अपने land पर पटक पटक कर जोर जोर से चोदने लगा,
स्वीटी भी उछल उछल कर चुदने लगी,land गच गाच बुर को फाड़कर अंदर बाहर होने लगा।
राजेश पूरे जोश में था, वह बिना रुके भच भाच switi को चोदने लगा, गाने की शोर शराबे में chudai की आवाज़ दब गया।
स्वीटी की बुर बहुत टाइट थी तेज रगड़ के कारण राजेश शीघ्र ही झड़ने की स्थिति में पहुंच गया।
गाने के खतम होने के कुछ सेकंड पहले ही, स्वीटी को जोर जोर से चोदते हुए झड़ने लगा,
उसके land से गर्म वीर्य की लम्बी लम्बी पिचकारी छुट कर स्वीटी की बुर को भरने लगा।
गर्म वीर्य अपने योनि में जाते हुवे महसूस कर स्वीटी को एक परम आनद का अनुभव huwa और वह भी झड़ने लगी।
दोनों झड़ने के बाद, दोनों राहत का सांस लिया और कुछ देर दोनों ऐसे ही बैठे रहे।
उसके बाद switi राजेश के land से उठी और अपने सीट पर बैठ कर सुस्ताने लगी।
स्वीटी और राजेश ने अपना कपड़ा ठीक किया।
और किसी को शक न हो, दोनो अपने मां पापा और प्रिया दी से बात चित करने लगे।
कुछ देर बाद मूवी खत्म हो गया। सभी ने कहा मूवी अच्छी थीं
वहा से वे सभी होटल पहुंचे।
राजेश ने वेटर से एक केक आर्डर किया।
केक काट कर सुनीता और शेखर ने शादी की सालगिरह सेलिब्रेट किया, सभी ने उन्हें सालगिरह की बधाई दिया।
राजेश ने सभी की पसिंदीदा भोजन का लिस्ट बनाया और उसका आर्डर कर दिया।
होटल में नाचने गाने का भी व्यवस्था था।
सभी नाचने गाने लगे।
राजेश ने सुनीता को डांस के लिए प्रपोज किया।
सुनीता _न बाबा ना, मुझे शर्म आती है, मै नही नाचूंगी।
सभी के जिद करने पर सुनीता राजेश के साथ नाचने लगी।
सभी तालिया बजाने लगे।
उसके बाद शेखर और सुनीता को साथ नचाया गया। फिर सभी नाचने लगे।
सभी नृत्य का आनद उठा रहे थे की वेटर ने कहा भोजन तैयार हो गया है।
उसके बाद सभी डिनर करने लगे।
डिनर करने के बाद, सभी होटल से निकले
प्रिया ने एक बार फिर अपनी बुआ और फूफा को सादी की सालगिरह की शुभकनाए देकर, सुनीता को आंख मारी।
सुनीता शर्मा गई,,,
प्रिया और पिंकी वहा से अपने घर चली गईं।
इधर जब सभी घर पहुंचे उस समय रात के 11बज चूके थे।
घर पहुंचते ही स्वीटी, अपने कमरे में गई कपडे चेंज की और सो गई, वह थक चुकी थीं।
राजेश भी अपने कमरे में जाकर अपना शर्ट पैंट उतार, लोवर पहन कर सोने लगा।
इधर सुनीता घर का मेन दरवाजा बंद की फिर अपने कमरे में पहुंची जहा शेखर उसके आने का इंतजार कर रहा था।
जब सुनीता कमरे में पहुंची, शेखर ने सुनीता को अपनी गोद में बिठा लिया।
सुनीता _छोड़ो न जी ये क्या कर रहे हैं आप?
शेखर _आज तो हमारी शादी की सालगिरह है, आज तो प्यार बनता है। अगर आज प्यार ना किया तो तुम ही बोलोगी की आज के दिन भी ऐसे ही सो गए।
सुनीता _चलो कम से कम आज के दिन तो अपना फर्ज याद है।
शेखर सुनीता की गालों को चूमने लगा।
सुनीता शर्माने लगी,,
शेखर _हाय हाय मेरी आज भी वही लज्जा जो शादी की पहली रात थी।
सुनीता _लज्जा ही तो औरतों की सबसे बड़ा गहना है।
शेखर _सही कहा तुमने।
पर आज कल की औरतों में लज्जा कहा रहती है, मै तो खुश किस्मत हूं तुम्हारी जैसी बीवी पाकर।
उसके बाद शेखर ने सुनीता को बेड में लिटा दिया। और उसकी गालों ओंठ चूमते हुए उसकी गर्दन चूमता huwa नीचे उसकी चूची तक पहुंच गया, अपने हाथो से उसकी चोली की बटन खोल ब्रा सरका कर चूची आजाद किया और उसे मसलने लगा।
सुनीता सिसकने लगी।
शेखर नीचे आगे बड़ा और सुनीता की नाभी चूमने लगा फिर उसकी लहंगा उठा कर उसकी पेंटी खीच कर निकाल दिया।
वह अपना पजामा, निकाल कर अपना अंडर वियर नउतार कर बेड में आ गया।
वह सुनीता की टांगो को चौड़ी कर उसके बीच में आ गया।
अपना मीडियम साइज का land सुनीता की बुर में रख कर एक धक्का मारा।
सुनीता तोसुबह से ही गर्म थी, कि आज वह अपनी पति से चुदेगी।
उसकी बुर सुबह से ही पानी छोड़ रही थी।
जब शेखर ने बुर में land को डाला तो उसका land सरसरा ता huwa एक ही बार में पुरा अदंर चला गया।
सुनीता सिसक उठी।
शेखर ने land को बुर में अदंर बाहर करना शुरू किया।
करीब 5मिनट अदंर बाहर करने से ही उसका land का पानी छूट गया। और वह एक और लुड़क गया।
इधर सुनीता अब तक झड़ी नहीं थी।
कुछ देर में ही शेखर की नाक बजने लगा।
सुनीता की आंखो से नींद कोशो दूर था वह झड़ी नहीं थी ।
उसकीबुरo की खुजली और बड़ चुकी थी।
वह अपने पति से निराश हो गई, अपनी उंगली को बुर में डाल कर रगड़ने लगी, बुर की खुजली बड़ने की बजाय और बड़ने लगी।
उसे तेज chudai की बडी इच्छा होने लगीं।
उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करे?
कुछ देर बेड में लेट कर अपनी उंगली से ही खुद को शांत करने की कोशिश करने लगी। मन शांत होने के बजाय बगावत पर उतर आई, और वह बेड से उठी।
अपने कपडे ठीक की, आईने पे खुद को देखी थोड़ा मेकप की अपने पूरे बदन पर इत्र छिड़की और अपने कमरे से निकल कर राजेश के कमरे की ओर जानें लगी।