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Incest ये गालियाँ ये चौबारा

snidgha12

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अद्भुत लेखन... अगले अपडेट कि प्रतिक्षा रहेगी...
 
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vedu

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5. पहला थप्पड

अगली सुबह सोनाली किचन में काम कर रही थी कि विधि पीछे से आ कर उससे लिपट जाती है, एक हाथ से अपनी माँ के निप्पलस सहलाते हुए गले पर एक गिली सी किस करती है, सोना सिहर उठती है, क्या कर रही है विधि तेरे पापा घर पर है, प्लीज़ छोड़ ना, सोना की आवाज थर्रा रही होती है इस अचानक हुई छेड़छाड़ से. विधि एक हद दर्जे की कामुकता से भरी हुई ल़डकी थी, उसे अलग अलग तरह की किंक से भरी चीजों में बहुत मज़ा आता था, अपनी माँ पर कंट्रोल और इस तरह गुड़िया की तरह उसे नचाने में उसे एक अलग ही मज़ा आ रहा था.

नाश्ते की टेबल पर सोना के कान ने फुसफुसाते हुए विधि ने कहा, यह फाइनल वार्निंग है, सिवाय पिरीयड्स वाले दिनों के अलावा ब्रा और पैंटी जब तक नहीं बोली नहीं पहनना है, फिर क्यु बात नहीं मान रही मेरी, विधि ने सुबह सुबह लिपट कर जो अपनी माँ को रगड़ा था उसने उसने चेक कर लिया था कि सोना ने पैंटी पहनी हुई थी, पापा अखबार में डूबे हुए थे, विधि ने आखों में गुस्सा दिखाया तो सोना डर सी गई, उँगलियों से इशारा करते हुए विधि ने सोना को वही पर पैंटी उतार कर उसे देने को बोला, सोना विवश थी, किसी तरह उसने अपना गाउन उठाया और पतिदेव जो पता ना चले वेसे झट से पैंटी उतार कर विधि को दी. विधि को सोना पर अपने कंट्रोल का टेस्ट करना था जो सफल हुआ. टेबल के नीचे से विधि अपनी माँ की चुत को अब अपने पैरों के अंगूठे से सहला रही थी, सोना के लिए यह सब नया था और उसकी मादकता उफान पर थी.

अगले कुछ दिन फिर सबकुछ शांत था, विधि सब कुछ प्लान से कर रही थी, उसका शैतानी दिमाग बहुत कुछ सोच रहा था, उधर सोना फिर से परेशान थी, एक्सटेसी विधि बराबर से सोना की खुराक ने जा रही थी, पतिदेव सुस्त थे, फिर वही हुआ जो विधि चाहती थी, देर रात नोटिफिकेशन बजा
S: सो गई क्या?
V: नहीं पोर्न देख रही हूँ, बोल क्या बात है
S: तू फिर से मुझसे ढंग से बात नहीं कर रही, क्या हुआ विधि, ऐसे क्यु करती है
V: ऐसा कुछ नहीं है मम्मी, बस थोड़ा कुछ टेंशन था
S: मैं आउ तेरे पास?
V: क्यु कुछ काम है, विधि ने छेड़ते हुआ पूछा, इतनी रात हो गई है
S: नींद नहीं आ रही
V: चल आ जा (सोना को यह तू तड़ाक में बात करने में अलग ही आनंद आता था, अपने कंट्रोल का एहसास उसे किंक देता था)
S: कैसे आऊ.
V: कैसे मतलब?
S: अरे वो लास्ट टाईम तूने वो... (सोना थोड़ा शर्मा जाती है, आखिर अपनी बेटी से बात कर रही होती है)
V: वो क्या? (विधि को अब मज़ा आ रहा होता है)
S: अम्म वो कपड़े, मेरा मतलब है
V: क्या मतलब है
S: विधि प्लीज़
V: क्या प्लीज़
S: (आखिर सोना हिम्मत जुटा कर बोलती है) नंगी आउ या गाउन चलेगा
V: ओह, विधि अब खिलखिलाते हुए बोलती है, इतनी ठरक, चल आजा नंगी है के आजा मेरी जान

कुछ देर में सोना विधि के रूम के गेट पर होती है, आज विधि ने सारी लाइट्स ऑन रखी होती है, सोना की आखों में शर्म और वासना दोनों भरी हुई होती है, दूधिया रोशनी मे सोना एकदम नंगी अपनी बेटी के सामने होती है, विधि उसे अपने पास बिठाती है और फिर दोनों माँ बेटी एक दूसरे को किस करने में डूब जाते है. विधि अब लाइट्स ऑफ कर देती है, हल्के हल्के निप्पलस पर जीभ फिराते हुए विधि पूछती है, मेरी रंडी माँ को क्या चाहिए, सोना सिसक पड़ती है "लंड" चाहिए मुझे विधि. विधि ड्राअर में से एक अंडाकार वायब्रेटर निकालती है और सोना की चिकनी महकती चुत में डालकर उसको ऑन करती है, सोना फिर से सिसकती है, एक अजीब सा नया एहसास उमड पड़ता है, बिस्तर पर विधि की जीभ निप्पलस पर जादू कर रही होती है, और वायब्रेटर चुत में कयामत मचा रहा होता है. कैसा लग रहा है जानू विधि अब मस्त हो कर माँ से बाते करने लगती है, सोना सातवे आसमान पर होती है, तभी उसे दिखता है कि विधि के लैपटॉप पर सुनील नंगा बैठा हुआ अपने लंड से खेल रहा होता है, सोना हडबडा उठती है और अपने आप को छुपाने की कोशिश करती है, पर वहाँ बिस्तर पर उसे अपने आप को छुपाने को कुछ नहीं मिलता, रिलेक्स मेरी जान, मामा पूरा भूगोल देख चुके है, सोना अभी भी कुछ समझ नहीं पा रही होती है कि विधि वायब्रेटर की स्पीड थोड़ी बढ़ा देती है, उधर सुनील अपनी बहन को देख कर अपने लंड को मस्त कर रहा होता है, वो विधि को कुछ इशारा करता है और विधि मोबाइल पर फोन मिला कर सोना को देती है
Su: दीदी प्रणाम
S: (सोना की सिसकियां निकल रही होती है)
Su: दीदी मैंने कहा प्रणाम, थोड़ा पीछे हट कर बेठो और पैरों को फेलाऔ, आपकी चुत के दर्शन नहीं हो रहे है
S: (अभी भी मादकता से कराह रही होती है)
V: मामा कैसा लगा तोहफा
Su: अरे मेरी जान, यह रात यादगार रहेगी, दीदी सुन रही हो क्या
S: (अब सोना अपने आपको थोड़ा एडजस्ट करती है, विधि अपनी माँ को पैर फैलाने में मदद करती है)
Su: वाह मज़ा आ गया, क्या भोसडा है दीदी आपका
V: माँ, मामा को प्रणाम करो
S: (वायब्रेटर अब सोना को चरम सुख की तरफ खिंच रहा होता है)
Su: विधि, दीदी को घोड़ी बना, जरा गांड तो दिखा बराबर, भेण की लोडी की
V: (इशारा करती है और सोना उल्टा घूम कर घोड़ी बन जाती है और सुनील मामा को अपनी गांड के दर्शन कराती है)
अब वायब्रेटर अपनी चरम स्पीड पर होता है और सोना को एक जबरदस्त क्लाईमेक्स का अनुभव होता है और वो निढाल हो कर बिस्तर पर गिर जाती है.

अगली सुबह सोना गुस्से में होती है, जैसे ही पतिदेव ऑफिस के लिए निकलते है वो विधि को गुस्से में बोलती है, तुझे मुझे बताना चाहिए था ना, यह क्या किया तूने, वो और भी कुछ बोलना चाहती थी कि विधि का एक झन्नाटेदार थप्पड उसके गाल पर पड़ता है, सोना एकदम से सुन्न हो जाती है, यह उसने एक्स्पेक्ट नहीं किया था, वो कुछ बोले उससे पहले विधि उसी गाल पर एक और दुगनी ताकत से एक और झापड रसीद करती है, रूल नंबर एक आगे से अकेले में मुझे आप कह कर बुलाएगी समझी, रूल नंबर दो मुझे बताने की जरूरत नहीं है समझी. मादरचौद मैंने तुझे बुलाया था रूम में, नंगी आऊ क्या? मैंने बोला था, भेनचौद मुझे सिखाएगी कि क्या करना और क्या नहीं, विधि की आखें गुस्से में तमतमा रही थी
S: पर बेटा वो ना मैं थोड़ा डर गई थी एकाएक सुनील भैय्या को देखकर, मैं माफ़ी मांगती हूं
V: देटस बेटर, चल सुनील मामा को फोन लगा और स्पीकर फोन पर बात कर, ऐसे बात कर जैसे मैं घर पर नहीं हूं
S: बेटी सुन प्लीज़...
V: (इसबार दूसरे गाल पर थप्पड बजता है) माँ का भौसडा जैसा बोला वेसा करने का
S: ओके बेटी करती हूं

सोना फोन लगाती है स्पीकर फोन पर
S: हैलो हैलो भैय्या, सुनील भैय्या मैं सोना दीदी बोल रही हूँ
Su: दीदी प्रणाम, कैसी है दीदी आप
S: मैं ठीक हू तुम कैसे हो भैया
Su: दीदी कल आप तो सुन ही नहीं रही थी मैंने दो तीन बार प्रणाम किया, पर आपके भौसडे का प्रणाम मिला बहुत जानदार चिकना माल है, दीदी बहुत मूठ मारी है आपके नाम की अब मौका मिलते ही चुत मारूंगा, चुदवाओगी ना दीदी अपने भैय्या से
S: म्म म्म
Su: क्या बोला कुछ सुनाई नहीं दिया दीदी, विधि कहाँ है.
S: वो कॉलेज गई है भैया
Su: अरे तो फिर क्यु शर्मा रही हो बोलो दोगी ना अपनी चुत?
S: (शर्माते हुए) हाँ
Su: हाँ क्या, खुल के बोलो दीदी, कल आपका पूरा भूगोल देख चुका हो, अब किस बात की शर्म, अब तो तुम दोनों माँ बेटी को साथ में चौदुंगा
S: जी भैया

विधि मुस्करा उठती है, सोना के गाल को सहलाती है, होठों पर एक लंबा किस लेती है, यह तो शुरुआत है मेरी जान, अभी तो बहुत मजे लेने हे.
 

vedu

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6. इटालियन ब्रेकफास्ट

सोना को कुछ सूझ नहीं रहा था, एक तरफ़ विधि के गुस्से का डर, दूसरी तरफ बढ़ती कामुकता, सब कुछ नया था, पतिदेव से कोई आशा नहीं थी ना बिस्तर में ना बिस्तर के बाहर, विधि की स्वच्छंदता उसको अब नॉर्मल लगने लगी थी, विधि का कंट्रोल, माँ होते हुए भी अब उसे स्वीकार्य हो गया था, ईन सभी ख्यालों में उलझी थी कि विधि ने हल्के से गांड पर चपत लगाते हुए बोला, चल जल्दी कर, नाश्ते की टेबल पर आज तेरे लिए सरप्राइज है, सोना समझ नहीं पाई.

ट्रे में चाय नाश्ता रख कर बाहर आई तो एकदम से सकपका गई, टेबल पर पतिदेव के साथ ममेरा भाई सुनील बेठा था, प्रणाम दीदी, क्या मम्मी मामा प्रणाम कर रहे है और आप कुछ बोल ही नहीं रही है विधि ने छेड़ते हुए बोला, क्यु क्या हुआ, भाई बहन में कोई झगड़ा हो गया है क्या, पतिदेव ने बोल पड़े. अरे नहीं जीजाजी, झगड़ा हो हमारे दुश्मनों में, दीदी ने अभी तो कल ही वीडियो कॉल पर बहुत बढ़िया प्रणाम किया था. सोना शर्म से लाल हो गई, विधि ने सोना को इशारा कर मामा के पास बैठने को बोला, सोना चाय सर्व कर रही थी तो सुनील से साड़ी के ऊपर से सोना को गांड को रगड़ा, सोना सिसक पडी, क्यू मामा ऐसा क्या खास प्रणाम किया मम्मी ने कि आपको अभी भी याद है, कुछ भी तो नहीं, सोना अब हिम्मत कर के बोली और बात काटते हुए सुनील भैय्या के पास बेठ गई.

सामने पतिदेव बैठे थे, और सुनील ने अपने पैंट की जिप खोल कर दीदी के हाथ में अपना तना हुआ लंड थमा दिया, सोना को काटो तो खून नहीं, सुनील ने एक हाथ दीदी के पीछे से लाया और सोना के बुब्स को रगड़ने लगा, विधि यह सब देख रही थी और मजे के रही थी, क्या मम्मी आप कैला तो खा ही नहीं रही, विधि ने सोना को इशारा किया, पतिदेव अखबार में मस्त थे, सोना थोड़ा झुकी और सुनील का लंड चूसने लगी, रुक रुक के फिर से सीधी हो जाती, एक बहुत की कामुक कर देने वाला सीन चल रहा था, एकाएक पतिदेव का फोन बज उठता है वो फोन के कर बाहर गैलरी में चले जाते है.

विधि को कुछ सूझता है, वो एक कैची ले कर आती है, लो मामा, अपनी बहन को जरा ठीक से रगडो, इतना कह कर वो सोना के पास बैठती है और उसके ब्लाऊज के निप्पलस के ठीक ऊपर कैची से काट कर सिर्फ निप्पल झांके वैसा होल कर देती है, अब सोना की दोनों निप्पलस आजाद थी, लो दीदी अब ढंग से चूसो, सुनील ने कुर्सी जरा पीछे लेते हुए बोला, विधि पीछे से अपनी माँ के निप्पलस सहला रही थी.

गैलरी से कुछ हलचल हुई तो सब अपनी अपनी जगह पर आ गए, सोना के होठों पर भैय्या का वीर्य टपक रहा था, जीजाजी अब आज्ञा लूँगा, सुनील बोलते हुए उठा, पतिदेव नहाने के लिए रूम में चले गए, बंगले के बाहर सुनील, विधि और सोना खड़े थे, क्या मामा दीदी मिल गई तो भांजी को भूल रहे हो, विधि ने छेड़ते हुए पूछा, अरे नहीं मेरी जान सुनील ने, सलवार के ऊपर से विधि की चुत रगड़ते हुए बोला, ओ तेरी क्या बात है एकाएक सुनील बोल पड़ा, तू तो हर वक़्त तैयार रहती है, विधि की सलवार ठीक चुत वाली जगह पर सिलाई उधडी थी, सुनील ने अपनी खुरदरी उंगली से विधि को फिंगरींग करना शुरू किया, दीदी थोड़ा इधर खिसको आगे की तरफ़, सुनील ने सोना को बोला ताकि बाहर रोड साइड किसी को पता नहीं चले कि क्या हो रहा है, क्या मामा डर रहे हो, बंद दरवाजे में तो सब चौदते है मज़ा तो खुले में है, मामा उंगली दो करो विधि अब मस्त हो रही थी, एक पांव पास पड़े स्टूल पर रखा और अब रिदमीकली मामा अपनी भांजी की फिंगरींग करने लगा, विधि सिसक रही थी, इशारे से उसने माँ को अपनी निप्पलस रगड़ने को बोला, सोना एक आज्ञाकारी माँ की तरह दोनो तनी हुई निप्पलस रगड़ने लगी, आह आह आह, विधि एकदम खुले में कामुक रंडी की तरह चहक रही थी, आह मामा मज़ा आ गया. सुनील की उंगलिया विधि के रस में तरबतर थी, विधि ने आंख मारकर एक इशारा किया और मामा ने उंगलिया सोना के होंठो की तरफ़ बढ़ा दी, सोना समझ गई और उसने झट से अपनी बेटी के रस भरी उंगलिया अपने मुँह में ले कर चूसने लगी. मामा ने विदा ली, अंदर आते हुए विधि ने सोना की गांड रगड़ते हुए बोला, कैसा लगा इटालियन ब्रेकफास्ट, सोना मुस्कुरा दी, कितना शैतान हो गई है तू.
 
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Pk8566

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Dear writer bas 2 ya 3 hi writer hai jo xfrom pr dimag laga kr likh rahe hai komalrani ,qunikstar , vedu, or 2 baki sab copy pest hai
 
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