5. पहला थप्पड
अगली सुबह सोनाली किचन में काम कर रही थी कि विधि पीछे से आ कर उससे लिपट जाती है, एक हाथ से अपनी माँ के निप्पलस सहलाते हुए गले पर एक गिली सी किस करती है, सोना सिहर उठती है, क्या कर रही है विधि तेरे पापा घर पर है, प्लीज़ छोड़ ना, सोना की आवाज थर्रा रही होती है इस अचानक हुई छेड़छाड़ से. विधि एक हद दर्जे की कामुकता से भरी हुई ल़डकी थी, उसे अलग अलग तरह की किंक से भरी चीजों में बहुत मज़ा आता था, अपनी माँ पर कंट्रोल और इस तरह गुड़िया की तरह उसे नचाने में उसे एक अलग ही मज़ा आ रहा था.
नाश्ते की टेबल पर सोना के कान ने फुसफुसाते हुए विधि ने कहा, यह फाइनल वार्निंग है, सिवाय पिरीयड्स वाले दिनों के अलावा ब्रा और पैंटी जब तक नहीं बोली नहीं पहनना है, फिर क्यु बात नहीं मान रही मेरी, विधि ने सुबह सुबह लिपट कर जो अपनी माँ को रगड़ा था उसने उसने चेक कर लिया था कि सोना ने पैंटी पहनी हुई थी, पापा अखबार में डूबे हुए थे, विधि ने आखों में गुस्सा दिखाया तो सोना डर सी गई, उँगलियों से इशारा करते हुए विधि ने सोना को वही पर पैंटी उतार कर उसे देने को बोला, सोना विवश थी, किसी तरह उसने अपना गाउन उठाया और पतिदेव जो पता ना चले वेसे झट से पैंटी उतार कर विधि को दी. विधि को सोना पर अपने कंट्रोल का टेस्ट करना था जो सफल हुआ. टेबल के नीचे से विधि अपनी माँ की चुत को अब अपने पैरों के अंगूठे से सहला रही थी, सोना के लिए यह सब नया था और उसकी मादकता उफान पर थी.
अगले कुछ दिन फिर सबकुछ शांत था, विधि सब कुछ प्लान से कर रही थी, उसका शैतानी दिमाग बहुत कुछ सोच रहा था, उधर सोना फिर से परेशान थी, एक्सटेसी विधि बराबर से सोना की खुराक ने जा रही थी, पतिदेव सुस्त थे, फिर वही हुआ जो विधि चाहती थी, देर रात नोटिफिकेशन बजा
S: सो गई क्या?
V: नहीं पोर्न देख रही हूँ, बोल क्या बात है
S: तू फिर से मुझसे ढंग से बात नहीं कर रही, क्या हुआ विधि, ऐसे क्यु करती है
V: ऐसा कुछ नहीं है मम्मी, बस थोड़ा कुछ टेंशन था
S: मैं आउ तेरे पास?
V: क्यु कुछ काम है, विधि ने छेड़ते हुआ पूछा, इतनी रात हो गई है
S: नींद नहीं आ रही
V: चल आ जा (सोना को यह तू तड़ाक में बात करने में अलग ही आनंद आता था, अपने कंट्रोल का एहसास उसे किंक देता था)
S: कैसे आऊ.
V: कैसे मतलब?
S: अरे वो लास्ट टाईम तूने वो... (सोना थोड़ा शर्मा जाती है, आखिर अपनी बेटी से बात कर रही होती है)
V: वो क्या? (विधि को अब मज़ा आ रहा होता है)
S: अम्म वो कपड़े, मेरा मतलब है
V: क्या मतलब है
S: विधि प्लीज़
V: क्या प्लीज़
S: (आखिर सोना हिम्मत जुटा कर बोलती है) नंगी आउ या गाउन चलेगा
V: ओह, विधि अब खिलखिलाते हुए बोलती है, इतनी ठरक, चल आजा नंगी है के आजा मेरी जान
कुछ देर में सोना विधि के रूम के गेट पर होती है, आज विधि ने सारी लाइट्स ऑन रखी होती है, सोना की आखों में शर्म और वासना दोनों भरी हुई होती है, दूधिया रोशनी मे सोना एकदम नंगी अपनी बेटी के सामने होती है, विधि उसे अपने पास बिठाती है और फिर दोनों माँ बेटी एक दूसरे को किस करने में डूब जाते है. विधि अब लाइट्स ऑफ कर देती है, हल्के हल्के निप्पलस पर जीभ फिराते हुए विधि पूछती है, मेरी रंडी माँ को क्या चाहिए, सोना सिसक पड़ती है "लंड" चाहिए मुझे विधि. विधि ड्राअर में से एक अंडाकार वायब्रेटर निकालती है और सोना की चिकनी महकती चुत में डालकर उसको ऑन करती है, सोना फिर से सिसकती है, एक अजीब सा नया एहसास उमड पड़ता है, बिस्तर पर विधि की जीभ निप्पलस पर जादू कर रही होती है, और वायब्रेटर चुत में कयामत मचा रहा होता है. कैसा लग रहा है जानू विधि अब मस्त हो कर माँ से बाते करने लगती है, सोना सातवे आसमान पर होती है, तभी उसे दिखता है कि विधि के लैपटॉप पर सुनील नंगा बैठा हुआ अपने लंड से खेल रहा होता है, सोना हडबडा उठती है और अपने आप को छुपाने की कोशिश करती है, पर वहाँ बिस्तर पर उसे अपने आप को छुपाने को कुछ नहीं मिलता, रिलेक्स मेरी जान, मामा पूरा भूगोल देख चुके है, सोना अभी भी कुछ समझ नहीं पा रही होती है कि विधि वायब्रेटर की स्पीड थोड़ी बढ़ा देती है, उधर सुनील अपनी बहन को देख कर अपने लंड को मस्त कर रहा होता है, वो विधि को कुछ इशारा करता है और विधि मोबाइल पर फोन मिला कर सोना को देती है
Su: दीदी प्रणाम
S: (सोना की सिसकियां निकल रही होती है)
Su: दीदी मैंने कहा प्रणाम, थोड़ा पीछे हट कर बेठो और पैरों को फेलाऔ, आपकी चुत के दर्शन नहीं हो रहे है
S: (अभी भी मादकता से कराह रही होती है)
V: मामा कैसा लगा तोहफा
Su: अरे मेरी जान, यह रात यादगार रहेगी, दीदी सुन रही हो क्या
S: (अब सोना अपने आपको थोड़ा एडजस्ट करती है, विधि अपनी माँ को पैर फैलाने में मदद करती है)
Su: वाह मज़ा आ गया, क्या भोसडा है दीदी आपका
V: माँ, मामा को प्रणाम करो
S: (वायब्रेटर अब सोना को चरम सुख की तरफ खिंच रहा होता है)
Su: विधि, दीदी को घोड़ी बना, जरा गांड तो दिखा बराबर, भेण की लोडी की
V: (इशारा करती है और सोना उल्टा घूम कर घोड़ी बन जाती है और सुनील मामा को अपनी गांड के दर्शन कराती है)
अब वायब्रेटर अपनी चरम स्पीड पर होता है और सोना को एक जबरदस्त क्लाईमेक्स का अनुभव होता है और वो निढाल हो कर बिस्तर पर गिर जाती है.
अगली सुबह सोना गुस्से में होती है, जैसे ही पतिदेव ऑफिस के लिए निकलते है वो विधि को गुस्से में बोलती है, तुझे मुझे बताना चाहिए था ना, यह क्या किया तूने, वो और भी कुछ बोलना चाहती थी कि विधि का एक झन्नाटेदार थप्पड उसके गाल पर पड़ता है, सोना एकदम से सुन्न हो जाती है, यह उसने एक्स्पेक्ट नहीं किया था, वो कुछ बोले उससे पहले विधि उसी गाल पर एक और दुगनी ताकत से एक और झापड रसीद करती है, रूल नंबर एक आगे से अकेले में मुझे आप कह कर बुलाएगी समझी, रूल नंबर दो मुझे बताने की जरूरत नहीं है समझी. मादरचौद मैंने तुझे बुलाया था रूम में, नंगी आऊ क्या? मैंने बोला था, भेनचौद मुझे सिखाएगी कि क्या करना और क्या नहीं, विधि की आखें गुस्से में तमतमा रही थी
S: पर बेटा वो ना मैं थोड़ा डर गई थी एकाएक सुनील भैय्या को देखकर, मैं माफ़ी मांगती हूं
V: देटस बेटर, चल सुनील मामा को फोन लगा और स्पीकर फोन पर बात कर, ऐसे बात कर जैसे मैं घर पर नहीं हूं
S: बेटी सुन प्लीज़...
V: (इसबार दूसरे गाल पर थप्पड बजता है) माँ का भौसडा जैसा बोला वेसा करने का
S: ओके बेटी करती हूं
सोना फोन लगाती है स्पीकर फोन पर
S: हैलो हैलो भैय्या, सुनील भैय्या मैं सोना दीदी बोल रही हूँ
Su: दीदी प्रणाम, कैसी है दीदी आप
S: मैं ठीक हू तुम कैसे हो भैया
Su: दीदी कल आप तो सुन ही नहीं रही थी मैंने दो तीन बार प्रणाम किया, पर आपके भौसडे का प्रणाम मिला बहुत जानदार चिकना माल है, दीदी बहुत मूठ मारी है आपके नाम की अब मौका मिलते ही चुत मारूंगा, चुदवाओगी ना दीदी अपने भैय्या से
S: म्म म्म
Su: क्या बोला कुछ सुनाई नहीं दिया दीदी, विधि कहाँ है.
S: वो कॉलेज गई है भैया
Su: अरे तो फिर क्यु शर्मा रही हो बोलो दोगी ना अपनी चुत?
S: (शर्माते हुए) हाँ
Su: हाँ क्या, खुल के बोलो दीदी, कल आपका पूरा भूगोल देख चुका हो, अब किस बात की शर्म, अब तो तुम दोनों माँ बेटी को साथ में चौदुंगा
S: जी भैया
विधि मुस्करा उठती है, सोना के गाल को सहलाती है, होठों पर एक लंबा किस लेती है, यह तो शुरुआत है मेरी जान, अभी तो बहुत मजे लेने हे.