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Incest रंडियो का घर (Completed)

Chutiyadr

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अध्याय 72
मैं अभी नींद में ही था की पूर्वी ने मुझे झकझोर दिया ,

“भइया जल्दी से उठो शबनम बुला रही है “

“क्या हुआ अब उसे “

“रश्मि ने सिलेंडर कर दिया है “

मैं चौक कर उठ गया

“क्या “

मैं जल्दी के तैयार होकर नीचे आया तो शबनम मेरा इंतजार कर रही थी ,

“रश्मि ने अभी एक घंटे पहले ही सिलेंडर कर दिया है ,और वो हमसे मिलना चाहती है ,अपने वकील को भी बुलाया है ,अभी थाने में ही है “

बिना कुछ कहे ही हम दोनो उस ओर चल पड़े



*************

“फिक्र की कोई भी जरूरत नही है पुलिस अपना चार्जसीट जमा कर देगी और उनके पास आपके खिलाफ कोई ऐसा सबूत नही है की आपको दोषी माना जाय ,आप गोवा में जिस होटल में ठहरी थी उसका बिल जमा कर देंगे और कह देंगे की आपको अपने पिता की मौत का पता ही नही था क्योकि आप उसके दो दिन पहले ही गोवा के लिए निकल गई थी ,और कोई डिस्टर्ब ना करे इसलिए किसी को बतलाया नही था,और मोबाइल बंद कर दिया था ताकि काम का टेंसन ना हो और आप सकून से छुटिया माना सके ,आप अक्सर ऐसा करती है इसलिए किसी को भी शक नही हुआ की आप कहा है ,जब आप वापस आयी तो पता चला की पिता की हल्या हो गई है और आपको ही इसका दोषी माना जा रहा है ,तो अपने सिलेंडर कर दिया ...और इन्हें भी मैं सबकुछ समझा दूंगा ….बाकी कुछ भी हो जाए आप अपने बयान पर अडिग रहिएगा …”

रश्मि ने वकील की बात पर हा में सर हिलाया,साथ ही वकील ने भी हमे कुछ बाते समझा दी और चला गया …

अब कमरे में मैं रश्मि और शबनम ही बचे थे ,रश्मि मुझे देखकर मुस्कुरा रही थी ….

“निशा कहा है “

मैंने पहला प्रश्न किया

“तुम्हे बहुत याद करती है ,तुमसे बहुत प्यार जो करती है “

रश्मि ने उसी मुस्कान के साथ जवाब दिया

मैं चुप था

“लेकिन वो काजल से अब भी बहुत नाराज है क्योकि उसे लगता है की उसने अपने बदले की खातिर तुम्हारी जिंदगी को ही बर्बाद कर दिया है …”

“सही तो लगता है उसे ,मैं दोनो को ही बहुत प्यार करता हु और ये भी जानता हु की वो दोनो भी मुझे बहुत प्यार करते है लेकिन ….वक्त को शायद कुछ और ही मंजूर है जो हम साथ नही रह पा रहे है ,मेरी बहन को मुझसे ही मिलने में शर्म महसूस हो रही है और मेरी बीवी ………...पता नही काजल के दिल में मेरे लिए क्या है ,अब तो मैं समझना भी नही चाहता ..”

रश्मि के चहरे पर गंभीरता थी ..

“पहले मैं भी काजल से नाराज थी लेकिन जब से मैं निशा से मिली मुझे अपने पर ही गुस्सा आया ,मेरे पिता ने मेरी जिंदगी बर्बाद की ,पहले मेरी मा को मार दिया सिर्फ दौलत की खातिर फिर मुझे अपने दोस्त के बेटे के चंगुल में फेक दिया वो भी दौलत की खातिर ...अब मुझे किसी से कोई बदला नही लेना अब जाके मुझे सुकून मिला है ,अब शायद मैं अच्छे से बिना किसी गम के जीवन बिता पाऊंगी ...मन का बोझ क्या होता है बदले की आग क्या होती है ये तुम शायद नही समझोगे देव ,तुम सीधे साधे आदमी हो और शायद तुम्हे यही लगता होगा की काजल ने तुम्हारा यूज़ किया है जैसा की निशा को लगता है ,हा ये बात सही ही है लेकिन मैं ये भी जानती हु की बदले की बोझ में वो भी दबी जा रही है जितना जल्दी ये बोझ खत्म हो वो अपनी जीवन को आराम से जी पाएगी ,ये बात अलग है की इस बदले की कीमत उसने बहुत ज्यादा दी है ..

लेकिन कीमत तो चुकानी ही पड़ती है मैंने भी चुकाई है ,निशा ने भी चुकाई है और काजल भी चुका रही है …”

थोड़ी देर तक कमरे में शांति ही रही

“तुमने इतनी जल्दी सिलेंडर क्यो कर दिया ,पहले से बतलाया होता तो हम जमानत की कागज बनवा कर रखते “

शबनम ने कहा ,जिससे रश्मि के होठो में मुस्कान बिखर गई

“मुझे अजीम का पता चला ,और मैं उससे मिलना चाहती हु ,माना की वो कितना भी बड़ा गुनहगार हो लेकिन मैं एक औरत हु और और वो मेरा पहला प्यार था ,मेरा पति था...उसके अंत समय में मुझे उसके साथ होना चाहिए ,ऐसे जमानत मुझे आज शाम तक मिल जाएगी ,क्योकि कोई सुबूत मेरे खिलाफ है भी नही ,और मुझे अभी पुलिस कस्टडी में अजीम से मिलने की भी इजाजत मिल गई है “

रश्मि के होठो में के फीकी मुस्कान आ गई ,मैं उसके मनोदशा को देखकर सोच में पड़ गया था की आखिर एक औरत सचमे प्यार की देवी होती है ,जो अपने उस पति का भी साथ नही छोड़ना चाहती जिसने कभी उससे प्यार नही किया है ,लेकिन काजल ….???

वो मेरा साथ छोड़ कर चली गई जबकि मैंने तो उसे दिलो जान से चाहा था …

रश्मि ने जैसे मेरे दिल का हाल जान लिया था

“देव वो ही तुमसे बहुत प्यार करती है ,लेकिन अभी उसके सामने प्यार का इन्तहां देने की नौबत नही आयी है,मुझे यकीन है की जब समय पड़ेगा तो वो तुम्हारे नजरो में खरी उतरेगी …”

पता नही रश्मि की बात कितनी सच्ची थी और कितनी झूठी लेकिन ये जरूर सच था की अभी तक मैं ही प्यार का इन्तहां दे रहा हु ...उसके हर गलतियों के बावजूद उससे प्यार कर रहा हु ………….

*********************

अपने होटल में मैं और शबनम साथ साथ बैठे थे ,कोई कुछ भी नही कह पा रहा था …

“क्या तुम्हे नही लगता की हम भी गुनहगार है “

मैंने धीरे से कहा

“क्यो “

शबनम ने मुझे आश्चर्य से देखा

“क्योकी हमारे कारण भी तो कई लडकि इस धंधे में आयी है हमने भी तो कई लड़कियों को रंडी बना दिया है ,हमारे होटल में भी तो ये सब चलता है ,तो हममें और अजीम में फर्क ही क्या है “

शबनम मेरी बात को गौर से सुन रही थी और उसका चहरा थोड़ा गंभीर हो गया था ,उसने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे खिंचते हुए ले गई ,वो होटल का पीछे वाला हिस्सा था जंहा कुछ सर्विस क्वाटर बने हुए थे ,उसने उनमे से एक में दस्तक दी और दरवाजा खुला ,दो लडकिया बैठी हुई थी,एक कुछ 20 साल की लग रही थी वही दूसरी 25-30 की ..

“आज से तुम दोनो को ये काम करने की कोई जरूरत नही है तुम दूसरा काम कर सकती हो या चाहो तो जा सकती हो “

दोनो लड़कियों का चहरा जैसे पिला पड़ गया और वो दौड़ती हुई शबनम के कदमो में आकर गिर गई ..

दोनो ही रोने लगी थी,20 साल की लड़की गिड़गिड़ाने लगी

“दीदी हमसे कोई गलती हो गई है क्या ये आप क्या कह रही है हम कहा जाएंगे ,मेरी माँ का क्या होगा दीद वो बिना इलाज के मर जाएगी दीदी प्लीज् हमे यही रहने दो ….”

दूसरी भी फफक पड़ी थी

“दीदी मेरी बेटी को मैं पढ़ना चाहती हु गांव में मजदूरी करती थी ,वँहा का ठेकेदार ही मुझपर नजर लगाए रखता था ,आज अपनी बेटी को अच्छे स्कूल में पढा पा रही हु ,पति तो दारू के पीछे ही दीवाना है ,मुझे निकाल दोगी तो वो मेरी बेटी को ही धंधे में बैठा देगा दीदी गलती हुई हो तो हमे मार लीजिए लेकिन यंहा से मत निकालिए “

मैं उन दोनो को बस देखता ही रह गया था ,जिस्म का धंधा करने वाली ये औरते किन मुस्किलो से गुजर रही थी इस बात को जानने की कभी मैंने कोशिस ही नही की थी ,

हम तो बस जिस्म का व्यापार करने वाली औरतों को रंडी बोल कर निकल जाते है लेकिन सोचा ही नही की ये रंडी क्यो बनी …

शबनम मेरी ओर देखने लगी

“देव मुझे बस एक चीज बताओ की इन्हें रंडी किसने बनाया है ,हम लोगो ने या उस ठेकेदार ने जो इसके जिस्म को हवस की नजर से देखता था ,या उस पति ने जो दारू के लिए अपनी बीवी और बेटी का भी सौदा कर सकता है ,या फिर उस स्कूल में जो इतना फीस लेते है की अपनी बेटी को अच्छी शिक्षा के लिए इसे अपना जिस्म बेचना पड़ रहा है ...और देव इसे किसने रंडी बनाया है हमने या उस सरकारी हॉस्पिटल ने जंहा इसकी माँ का अच्छे से इलाज नही हो पाया और उसे प्राइवेट हॉस्पिटल में दाखिला करवाना पड़ा ,और क्या उसे उस प्राइवेट हॉस्पिटल ने रंडी नही बनाया जंहा की फीस भरने के लिए ये अपने जिस्म का सौदा करने को बाध्य हो गई है ….

देव तुमने पूछा था ना की हममें और अजीम में क्या फर्क है ,फर्क बस इतना है की हम किसी को जिस्म बेचने पर मजबूर नही करते लेकिन अजीम लड़कियों को मजबूर और ब्लैकमेल करके उनसे ये धंधा करवाता था…

हा ये धंधा तो एक ही है लेकिन इसे चलाने वाले अलग अलग लोग है एक में लड़कियां अपनी मर्जी से आती है और जाती है ,लेकिन जैसा धंधा अजीम करता है वँहा लड़कियां ना तो मर्जी से आती है ना ही जा सकती है ,बस यही अंतर है ….”

मैं बस उन दोनो लड़कियों को देखता तो कभी शबनम को आज शबनम के लिए मेरा प्यार और बढ़ गया था और साथ ही इस धंधे को लेकर मेरी ग्लानि भी मिट गई थी …………….

______________________________





अध्याय 73
शबनम मेरी तपती हुई जिंदगी में एक पेड़ की छाया की तरह आयी थी ,मैं से अपने बांहो में लिए लेटा हुआ था ,उसके प्यार भरे दिल ने मुझे जो सुकून दिया था मानो जीवन उठापटक में एक गहरा चैन था ..

उसके पास होने से ही मुझे अजीब सी शांति मिलती थी ,हम दोनो ही अभी अभी प्यार के दरिया में नहा कर निकले थे ,वो अब भी सोई हुई थी और बहुत प्यारी लग रही थी ,मैं उसके चहरे को ही देखे जा रहा था …

उसके मोबाइल में एक मेसेज आया ,

स्क्रीन लॉक था लेकिन वाट्सअप का नोटिफिकेशन दिखा रहा था ,कुछ लाइने साफ दिख रही थी …

मेसेज काजल का था और बस इतना ही दिखा की ..

‘आजा तेरा भी तो दोषी है …”

मैं कुछ समझ नही पाया शायद और भी मेसेज किये होंगे जिसमे एक को मैं पड़ पा रहा था …

शबनम उठाने के बाद मेसेज को देखी और उसके चहरे का रंग बदल गया

“क्या हुआ???”

मैंने सवाल किया

“कुछ नही ..”

उसने चहरे के भाव को छुपाते हुए अपने चहरे में मुस्कान लायी …

स्वाभाविक सी बात थी की वो मुझसे कुछ छुपा रही थी मैंने भी उसे जोर नही दिया ,वो थोड़ी देर में ही तैयार होकर निकल पड़ी लेकिन साला मुझे तो पीछा करने की आदत पड़ी हुई थी ,तो मैं पीछे लग गया …

वो एक गोदाम में पहुची जो की सालो से बंद थी जरूर कुछ कांड होने वाला था ,

मैं लुक छुप कर देखना चाहता था जैसे मेरी आदत बन रही थी ,...

मैं चुप चाप कोई खिड़की देखने लगा ताकि अंदर देख सकू एक छोटा सा दरवाजा मुझे दिख गया जो की पीछे की ओर खुलता था ,मैं हल्के से अंदर आया तो वँहा कबाड़ का ढेर पाया ,अंदर कुछ आवाजे आ रही थी मैं उन बड़े बड़े कबाड़ बन चुके मशीनों में छुपता हुआ आगे बढ़ रहा था …

“बैठ इसमें “

काजल की तेज आवाज ने मेरा ध्यान खिंचा ,मैं उस ओर बढ़ गया..

“ये तुम मेरे और मेरे बेटे के साथ क्यो कर रही हो काजल ..”

खान की दर्द भरी आवाज मेरे कानो के पड़ी सामने देखा तो दंग ही रह गया क्योकि सामने काजल और शबनम दोनो ही खड़े हुए थे और साथ ही खान बहुत ही गंभीर अवस्था में खड़ा हुआ था ,उसे जिस कुर्सी पर काजल बैठने को कह रही थी उसमे ना मालूम कितनी सुइयां लगी हुई थी ,खान उसे देखकर ही कांप रहा था लेकिन काजल के हाथो में पिस्तौल था ,

“बैठ जा मादरचोद “

इसबार शबनम ने कहा

“तुम लोग ये क्यो कर रहे हो ,मेरे बेटे के जाने के बाद ऐसे भी मेरा जीना व्यर्थ हो चुका है,तुम सारी दौलत ले लो लेकिन मुझे अब मेरी बाकी की जिंदगी शांति से बिताने दो “

काजल जोरो से हँस पड़ी लेकिन साथ ही उसके लाल लाल आंखों में आंसू भी छलक उठा था …

“शांति के साथ ...वाह ...तुम्हारे कारण हमारे जीवन की शांति चली गई और तुम अपनी जिंदगी शांति से बिताने की बात कर रहे हो …”

“आखिर हो कौन तुम .और क्या चाहते हो .”

खान झल्ला गया था

“वो भी पता चल जाएगा “

उसने खान को जोर का धक्का दिया और वो कुर्सी में जा बैठा ,उसके मुह से दिल दहला देने वाली चीख निकली क्योकि सारे सुइयां अब उसके पिछवाड़े में जा गड़े थे,फर्श पर खून फुट पड़ा और तुरंत ही शबनम ने रश्सी उठाकर उसे बांध दिया था ,खान मानो दर्द से मर ही जाने वाला था,

“तू जानना चाहता है ना की हम कौन है तो सुन …..”

काजल कहती चली गई और खान की आंखे बड़ी होती गई …

“तुम मुझे मार ही क्यो नही डालती “

खान रोया

“ऐसे नही तेरे दोस्त को तो बहुत आराम की मौत नसीब हो गई वो तो मेरे हाथो से बच गया लेकिन अब तुझे ही उसका कोटा भी पूरा करना होगा …”

काजल ने एक इंगजेक्शन अपने पर्स से निकाला और खान को दे दिया

“तेरा शरीर 3 दिनों में अब धीरे धीरे गलेगा ,शबनम इसे उठा कर हॉस्पिटल में डाल दो ,जंहा इसका बेटा पड़ा हुआ है ,और हा याद रखना एक घंटे से पहले मत ले जाना..”

दोनो मिलकर उसे गाड़ी में डालने लगे

“रुको ,मेरी पूरी दौलत ले लो लेकिन मुझे छोड़ दो ..”

“तेरे पास है ही क्या ...तेरी पूरी दौलत अब मेरे और शबनम के नाम हो चुकी है ,और जो तेरे नाम पर है भी वो बिजनेस ही पूरी तरह से डूब चुका है ,कर्ज में वो भी बिक ही जाएगा “

उसे डालने के बाद शबनम चली गई और काजल बस अकेले ही एक कोने में बैठ गई ,उसका चहरा बस शांत था कोई भी भाव उसमे दिखाई नही दे रहे थे ,इसी दिन के लिए उसने इतनी मेहनत की थी और ये इतनी जल्दी और इतने आराम से खत्म हो जाएगा उसने सोचा भी नही होगा …



************

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Chutiyadr

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अध्याय 74
काजल शांत बैठी रही और मैं उसे देखता रहा ,जाने वो कौन दी दुनिया में थी और ना जाने मैं किस दुनिया में था…

मैं उसे अकेला छोड़कर जाने को मुड़ा ही था की मेरे पैरो से एक कुछ टकरा गया ,उस शांत वातावरण में वो आवज तेज हो गई थी ,

“कौन है ..”

काजल जैसे अपने विचारों के भवर से जगी होगी और तेजी से एक्टिव हो गई …

मैं भागने की कोशिस करता उससे पहले ही वो मेरे ऊपर पिस्तौल तान चुकी थी ,

“खबरदार जो एक भी कदम भी बढ़ाया तो ..”

मैं वही रुक गया ..और पीछे पलटा

मुझे देखते ही काजल ने अपने हाथ नीचे किया

“तुम यंहा पर ..”

“हम्म “

“चलो जो होना था हो चुका है ,अब जाओ यंहा से …”

काजल पीछे पटल गई थी

“काजल ,हम दोनो इसतरह दूर क्यो रह रहे है ,क्या तुम्हे पता नही की मैं तुम्हे कितना प्यार करता हु “

“जानती हु इसीलिए दूर हु ,कही तुम्हारा प्यार मेरी कमजोरी ना बन जाए…”

इतना ही बोलकर वो तेजी से वँहा से निकल गई थी …



**************

मैं होटल आया तो पूर्वी बहुत ही खुस दिख रही थी ,

“भइया जानते हो कौन आया है “

“कौन ..??”

“निशा दीदी “

वो उछली मैं भी उछल पड़ा…

मैं पूर्वी के साथ अपने कमरे में गया ,वँहा निशा डॉ चुतिया के साथ बैठी हुई थी ,और मुझे देखते ही मुझसे आकर लिपट गई …

हम दोनो ही रोने लगे थे

“कहा चली गई थी तू ,क्या तुझे मुझपर थोड़ा भी भरोसा नही था “

“जानती थी भइया की आप मुझे माफ कर दोगे लेकिन मैं डर गई थी “

मैं डॉ की ओर देखने लगा

“थैंक्स डॉ साहब इसे वापस लाने के लिए “

डॉ ने बस हा में अपना सर हिलाया

“मुझे शबनम ने बतलाया की ये गोवा में है और इसका एड्रेश दिया ,और मैं इसे समझने पहुच गया ,(ऐसे भी मेरा काम ही क्या रह गया है इस स्टोरी में )”

मैं हल्के से मुस्कुरा गया …

“काजल से भी मिलना था उसके अंतिम शिकार के लिए “

डॉ ने आराम से कहा …….



************

डॉ ने काजल और निशा की मीटिंग फिक्स की थी साथ मैं और पूर्वी थी थे ,साथ ही शबनम और डॉ भी थे लेकिन वो दोनो थोड़ी देर बाद ही चले गए ताकि हम आरम से बात कर सके …

“मैं आपसे माफी मांगना चाहती हु भाभी “

निशा का बदला हुआ रूप देखकर सभी दंग थे …

“मुझे तुमसे कोई भी गीला नही है निशा “

काजल ने भी आराम से कहा

“तो फिर हम फिर से पहले जैसे रह सकते है ,मतलब मैं आप पूर्वी और भइया एक साथ “

अचानक ही मैंने अपने बहन में एक बचपना देखा ..

“नही निशा अभी और कुछ काम करना बाकी है “

“क्या फिर से चुदवाने जाओगी क्या किसी से “

निशा फिर से अचानक ही भड़क उठी ,उसके ऐसा कहने से सभी सकते में आ गए थे

“निशा ये क्या बोल रही हो तुम “

मैंने निशा को धमकाने के अंदाज में कहा

“क्या गलत कहा है भइया इसके बदले के चक्कर में हमारा पूरा परिवार बिखर गया ,आप को इतनी तकलीफ हुई ,पूर्वी का ….भइया इसे तो मैं जान से मार देती लेकिन क्या करू आप इससे इतना प्यार जो करते हो “

क्या गलत कहा था मेरी बहन ने ,उसकी आंखों में आंसू की बूंदे आ गई थी वही काजल भी फफक पड़ी थी ,और जाने लगी लेकिन पूर्वी ने उसे रोक लिया …

“निशा माफी मांग भाभी से ,ये क्या बतमीजी है ,जो हुआ वो हो चुका है “

पूर्वी की बात ने मानो आग में घी का काम कर दिया

“हा तू तो इस रांड का साथ देगी ही ना ,तुझे ही जो चुदने मिल रहा है मेरे भइया से ,याद रखना तुम दोनो ये मेरे है और जब तक तुम दोनो जिंदा रहोगी तब तक इन्हें खुसी नही मिलने वाली ,तुम दोनो को तो मैं मार कर ही रहूंगी “

मेरे लिए अब सहना मुश्किल था ,मैंने निशा को घुमाया और एक जोर का झापड़ उसके गाल में लगा दिया ..

जैसे एक तूफान शांत हो गया हो ……

निशा के चहरे में एक मुस्कान आ गई

“भइया आप भी इसका ही साथ दोगे,लेकिन इसके कारण ही आपकी जिंदगी बर्बाद हुई है और मैं इसे छोडूंगी नही …”

“वो पुरानी बाते है निशा बहन तुम “

“नही भइया आप इसे माफ कर सकते हो मैं नही “

निशा ने घूरकर फिर के उन दोनो को देखा और वँहा से निकल गई ,मैं उसके पीछे भागा लेकिन वो कार से दूर जा चुकी थी और नजरो से गायब ही हो गई …….
 

Chutiyadr

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259
अध्याय 75
मैं नर्वस सा बैठा था की मुझे निशा का काल आया ,

“भैया मैं आपसे मिलना चाहती हु “

“कहा है तू “मैं उठकर खड़ा हो चुका था..

उसने पता बताया साथ ही हिदायत दी की मैं किसी को भी कुछ ना कहु और अकेले ही आऊ ..

मैं बिना किसी से कुछ कहे उसके बतलाए जगह पर पहुच गया था ,वो एक होटल के कमरे में ठहरी हुई थी ,

मेरे जाते ही उसने मुझे अपने सीने से लगा लिया ..

और रोने लगी ..

“भइया अपको मेरी बात पर यकीन नही होता ना ,की काजल सच में बेवफा है अगर आपको देखना है की वो कितनी बड़ी कमीनी है तो जाओ यंहा “

उसने मेरे सामने एक पता रख दिया ,

“आपको पता लग जाएगा की वो क्या है ,काजल असल में सिर्फ और सिर्फ ठाकुर की रंडी ही है और ये सब कुछ उन दोनो ने ही प्लान करके किया है …”

उसकी बात को सुनकर मुझे विस्वास तो नही हुआ लेकिन मैं उस जगह पर जाने को राजी हो गया…

वो वही जगह थी जंहा पर खान को मारा गया था ,

पिछली बार जंहा मुझे खान की चीख सुनाई दे रही थी वही इस बार हँसी की आवाज सुनाई दी ,

मैं थोड़ा और पास पहुचा तो काजल को ठाकुर की बांहो में देखा ,ठाकुर के पास ही एक पिस्तौल पड़ी थी लेकिन काजल अभी ठाकुर के बांहो में थी ..

“तुमने तो मुझे डरा ही दिया था मुझे लगा जैसे तुम डबल गेम खेल रही हो और मुझे फसाना चाहती हो “

“इतने दिन मेरे साथ रहकर भी तुम मुझे समझ नही पाए ना “

“लेकिन तुमने हरिया को क्या मार दिया “

“ताकि हमारे खिलाफ कोई सबूत ना रह जाए ,उस चुतिये देव को कैद करने की क्या जरूरत थी उसे इसी कारण हरिया की सच्चाई भी पता लग गई ,और मुझे उसे मरना पड़ा,वरना पुलिस उसके जरिये हरिया तक पहुच जाती और फिर तुमतक और मुझतक भी ,मैंने तुमसे कहा था की तुम फिर से फार्महाउस मत जाना तुम क्यो गए “

“अरे मुझे क्या पता था की तुमने उसे मार दिया है ,चलो ठीक ही हुआ क्योकि फिर उसका इल्जाम किसके ऊपर आता,अब कम से कम लोगो को ये लगेगा की उसे भी मैंने ही मारा है और पुलिस मेरी तलास में ही लगे रहेगी और हम दोनो ...फुर्ररर “

दोनो ही जमकर हँस पड़े

“मेरा पासपोर्ट और वीसा कहा है “

काजल ने अपने पर्स से कुछ कागज निकाल कर उसे दिए …

“शेरखान वाह क्या नाम चूस किया है तुमने “

वो जोरो से हँस पड़ा ,साथ ही काजल के होठो में अपने होठ लगाने लगा काजल ने भी बिना किसी संकोच के अपने होठो को उसके होठो में लगा दिया ….

दोनो ही खिलखिला रहे थे लेकिन जैसे मेरा जिस्म आत्मा ही जल रही हो ………..मैं बौखला कर रह गया था ,मन कर रहा था की अभी उस पिस्तौल को जो की ठाकुर के बाजू में रखी हुई है उठाकर उन दोनो को ही सूट कर दु ……..



******************

दोनो ही के होठ एक दूजे से ऐसे चिपके हुए थे जैसे की कभी अलग ही नही होने वाले है ,वो दोनो ही थोड़ा आगे बढ़े और ठाकुर ने उसे उठा कर थोड़ी वही लिटा दिया वो जो खेल खेलने वाले थे उसमे मुझे कोई भी इंटरेस्ट नही था मुझे तो बस उन दोनो को मरना था यही मेरे सामने थी ठाकुर की बंदूख ..

मैं लपक कर आगे आया और बंदूख को अपने हाथो में थाम लिया ,

दोनो ही मेरे इस प्रयास से चौक पड़े थे ..

“देव तूम यंहा “

काजल ने मुझे आंखे फाड़ कर देखा

“हा साली रंडी मैं यंहा,सच कहती थी मेरी बहन की तू है ही रंडी तुझपर बहुत भरोसा कर लिया अब और नही “

“देव शांत हो जाओ और गन मुझे दे दो “

काजल के इतना बोलते ही मैं और भी भड़क गया और एक गोली उसके पैरो के पास चला दी ,

ठाकुर भी खोफ जदा खड़ा हुआ मुझे ही देख रहा था लेकिन वो भी मंझा हुआ खिलाड़ी था ,उसने अपनी चाल चल दी

“तू साले नपुंसक है तो तेरी बीवी क्या करेगी ,तू नामर्द है जो अपनी बीवी को दूसरे से चुदते हुए देखता है ,और हा अपनी बहनों को भी चोदता है ,साले भड़वे...तुझ जैसा पति काजल जैसी मतवली और चालाक लड़की का पति हो ही नही सकता उसे तो मेरी पत्नी होना चाहिए था…उसने ना सिर्फ दो लोगो को आसानी से मार दिया बल्कि उनकी सारी प्रॉपर्टी भी अपने नाम कर लिया ..”वो जोर से हँसने लगा ,वो बातो ही बातो में मेरे पास आ चुका था और वो घुमा और मेरे हाथो से पिस्तौल छीन ली …

इंस्पेक्टर ठाकुर के बंदूख कि नोक मेरे ही ओर थी ,

“बहुत खेल खेल लिया तुमने अब मेरी बारी है ,”

मैं बेखोफ खड़ा हुआ था,पास ही काजल स्तब्ध सी मुझे देख रही थी,

‘रुको ठाकुर ‘

वो चिल्लाई लेकिन तब तक ठाकुर की गोली चल गई ,काजल ने उसका हाथ उठा दिया था और मैं बचने के लिए थोड़ा दूर जा गिरा था,ठाकुर फिर से बौखला गया और मेरे ऊपर फिर से बंदूक तान दी इस बार उसका निशाना सही था लेकिन उसकी गोली चलती इससे पहले ही काजल बीच में आ गई ..

धाय धाय धाय

ऑटोमेटिक लोडिंग वाली बंदूक ने अपना काम कर दिया था ,लगातार तीन गोली सीधे जाकर काजल के सीने को चीरते हुए निकल गए मैं बौखला गया था ,जैसे कोई सुध ही ना बची हो ,वही ठाकुर भी स्तब्ध सा उसे देख रहा था वो तो मुझे मरना चाहता था ताकि काजल को पा सके लेकिन काजल ने ये गोलियां खाकर ये साबित कर दिया था की वो जिस्म से चाहे जिसकी भी हो लेकिन उसकी रूह सिर्फ मेरी है …..

मैं गुस्से से तिलमिलाया और पास ही पड़े एक पत्थर से ठाकुर पर वॉर कर दिया ,उसका सर जख्मी हो गया था ,मैं उसकी पत्थर से उसका सर फोड़ना शुरू कर दिया ,वो बेसुध हो गया था और मैं तो पहले से ही बेसुध था ,मैं चीख रहा था चिल्ला रहा था ,और पत्थर उसके सर पर मारे जा रहा था..

“नही देव मेरे पास आओ “काजल इस हालत में भी थोड़े होश में थी

मैं जल्दी से काजल के पास पहुचा ,मैंने उसे सीने से लपेट लिया था,मेरा पूरा कपड़ा खून के रंग से रंग चुका था ..

“आई लव यु देव ,हमेशा से तुम मेरे हीरो रहे हो हमेशा से मैंने सिर्फ और सिर्फ तुम्हे प्यार किया है “

काजल इतना ही बोलकर बेसुध हो गई ,मैं चीखा

“काजल ………..नही काजल तुम मुझे छोड़कर नही जा सकती काजल “

तभी

धाय ….

एक गोली मेरे पीठ में आकर धंस गई ,ठाकुर लेटे हुए था और उसके हाथो में बंदूक थी

मैं गुस्से से लाल हो चुका था और उसे जान से मार देना चाहता था .

मैंने पास ही पड़ा हुआ एक रॉड उठाया और उसके पैरो में घुसा दिया ,वो चीखा ही था की मैंने अपने पैरो से उसके मुह पर वॉर किया ,वो बेसुध हो गया मैं फिर से काजल के पास आया ,मैं रो रहा था मेरी काजल मुझे छोड़कर नही जा सकती थी ………

मैं होशं में आया तो मैंने अपने पास डॉ चुतिया को पाया ,

“काजल कहा है “

मेरा पहला सवाल यही था ..

“वो कोमा में है,गोलियां निकाल दी गई है लेकिन होश नही आया है ,खैरियत है की दिल को गोली नही लगी वरना”

मैं रोने लगा था

“ये सब मेरी ही गलती के कारण हुआ है डॉ ना मैं वो कदम उठता और ना ही ये हादसा होता “

डॉ मेरे पास आकर मेरे सर पर हाथ फेरा ..

“तुम्हारी गलती नही है देव अपने को दोष मत दो जो भी हुआ वो किस्मत का ही तो खेल था ,सब ठीक हो जाएगा “

“निशा कहा है ???”

मुझे अचानक ही निशा की याद आयी

“वो भी ठीक है और अभी जेल में है ,फिक्र मत करो वँहा हमारे लोग है उसे कोई तकलीफ नही होगी ,”

मैं थोड़ा शांत हुआ

“उसके खिलाफ कोई सबूत मिला ??”

मैंने फिर से कहा

“नही अभी तक तो नही ,सिर्फ पूर्वी की ही गवाही है उसके खिलाफ लेकिन उतना काफी नही है ,काजल के गवाही के बिना उसे जेल में ज्यादा दिनों तक नही रख पाएंगे उसके वकील भी बहुत ई स्ट्रांग है ,लेकिन अभी उसका छूटना ठीक नही होगा “

डॉ के चहरे में चिंता साफ झलक रही थी

“उसे बेल दिलवाओ डॉ वो मेरी बात सुनेगी ,मैं बहक गया था जो मैं उसकी बात नही सुना ,लेकिन इस हादसे से मुझे समझ आ चुका है की मुझे उसकी बातो को सिरियसली लेना चाहिए था “

“लेकिन उसके बाहर आने से काजल और पूर्वी दोनो के ही जान को खतरा है ??”

डॉ मेरी बातो से चकित दिख रहे थे ,

“मैं सम्हाल लूंगा ,मैं उसे अच्छे से समझता हूं आप उसे बाहर निकलवाये “

डॉ थोड़ी देर तक तो सोच में ही डूबा रहा लेकिन फिर वो बाहर चला गया ,मैं उठाकर उसके पीछे ही बाहर आया

“आप पागल हो गए हो क्या ये क्या कर रहे हो “

सामने पूर्वी और शबनम खड़ी थी

“मुझे काजल से मिलना है “

“अभी तुम आराम करो शाम को मिल लेना ,ऐसे भी उसे ज्यादा मिलने नही दिया जाता हम तम्हे स्ट्रेचर में ले जाएंगे “

शबनम की आंखों में भी पानी था और पूर्वी के भी ,मुझे शक था की कही काजल को कुछ हुआ तो नही है और ये लोग मुझसे झूट बोल रहे है ,मैंने शंका की नजर से दोनो को देखा ,

पूर्वी रोते हुए मेरे पास आयी और मुझसे लिपट गई ..

“भइया ये क्या हो गया “

“काजल ठीक तो है ना तुमलोग मुझसे कुछ छिपा तो नही रहे “

पास खड़े हुए डॉ के चहरे में मुस्कान गहरा गई

“छुपाने को बचा ही क्या है देव ,अभी आराम करो शाम को मिल लेना,फिक्र मत करो काजल हमे छोड़कर इतनी जल्दी नही जाने वाली “

डॉ के चहरे में दृढ़ता के भाव उभर गए जैसे उन्हें काजल पर बहुत ही ज्यादा यकीन हो

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Chutiyadr

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अध्याय 76
काजल मेरी काजल ,आंखे बंद किये ना जाने कीस दुनिया में खो गई थी ,उसे देखकर एक बार तो मूझे चक्कर ही आ गया,मैं वही था जो कुछ दिनों पहले उसे मारने का प्लान कर रहा था ,आज उसकी इस कुर्बानी ने मुझे फिर से याद दिलाया जो वो मुझे बोला करती थी ,

‘मैं तुम्हारी ही रहूंगी देव चाहे शरीर किसी और के पास ही क्यो ना रहे लेकिन रूह तलक बस तुम्हारी ही रहूंगी ‘

मेरी आंखे भीग गई थी और मैं सिसक रहा था ,मेरा हाथ अभी भी काजल के हाथो में था,वो ऑपरेशन थिएटर मुझे काटने को दौड़ रहा था ,

‘कितना पागल था तू देव जो अपनी जान की वफादारी पर उसके प्यार पर शक किया ‘

मैं अपनी अतीत की यादों से तब निकला जब पूर्वी ने मुझे बुलाया ,आज 3 दिनों से काजल को होशं नही आया था वो अब भी कोमा में ही थी ..

“भइया देखो तो कौन आया है “

बाहर निशा खड़ी थी वो मुझे देखते ही मेरे पास आयी और मुझे अपने गले से लगा लिया ,

“सॉरी भइया मेरे कारण भाभी की ये हालत हो गई मुझे नही पता था की भाभी का प्लान क्या है मुझे तो लगा की वो आपको धोखा देना चाहती है “

“कोई बात नही मेरी जान तू मुझसे प्यार ही इतना करती है की तू मेरे आगे कुछ सोच ही नही पाती “

वो थोड़ी देर मुझसे ऐसे ही चिपकी रही ..

“दीदी अब तो मुझे नही मरोगी ना “

पूर्वी ने हंसते हुए कहा

“चुप कर पगली तू मेरी प्यारी वाली बहन है,और काजल भाभी ने तो मेरे भाई के लिए खुद गोली खाई है उनका ये अहसान तो मैं जीवन भर नही भूलूंगी “

“आपका कोई भरोसा थोड़ी है भइया के बारे में थोड़ा भी कोई कुछ कहे तो आप प्यार व्यार सब भूल कर मारने को दौड़ पड़ती हो “

पूर्वी जोरो से हँस पड़ी साथ ही वँहा खड़े सभी लोग भी..

“मेरे भइया का बुरा सोचेगा उसे ये निशा कच्चा चबा जाएगी समझ लेना “

निशा ने ये बात थोड़े मजाकिया अंदाज में कहा था ..

“डॉ अब तो आपको मेरी बहन पर कोई शक नही है ना “

“हा नही तो है लेकिन जिस तरह से उस दिन इसने धमकी दी थी कोई भी डर जाए ,खैर पूर्वी की तरफ से तो केस वापस हो चुका है तो किसी तरह की कोई प्रॉब्लम अब नही होगा ..लेकिन निशा तुम्हे ये क्यो लगा की काजल देव को धोखा देने वाली है “

“क्योकि मुझे पता लगा था की काजल ने ठाकुर का जाली पासपोर्ट बनवाया है ,वो तो बाद में शबनम और पूर्वी ने मुझे बतलाए की वो सब ठाकुर को फसाने के लिए चला गया दाव था,अगर भइया वँहा नही जाते तो उसे भी वो वैसे ही मरती जैसे की खान और अजीम को मारा था लेकिन मेरी गलती की वजह से ..”

“कोई बात नही निशा शायद जो भी होता है वो अच्छे के लिए ही होता है,मुझे लगता है की ठाकुर को काजल की सच्चाई का पता चल चुका था हो सकता है की अगर देव वँहा नही होता तो ठाकुर ही काजल पर अटैक कर देता,और खान और अजीम की बात अलग थी वो दोनो ही कमजोर थे लेकिन ठाकुर मजबूत और मरने मारने वाला इंसान है ,पता नही काजल उससे अकेले निपट पाती की नही क्योकि हमे वँहा पहुचने में समय लगने वाला था …”

“जो हुआ वो हो गया अब बस काजल जल्दी से ठीक हो जाए …”

मैं गहरी सांस लेकर कहने लगा ..



****************

मलीना मेडम मेरे सर पर हाथ फेर रही थी ..

“मेरी दोनो बेटियो को बहुत प्यार देना देव ये दोनो ही अब तुम्हारे हवाले है ,इन्होंने जीवन भर बस बदले और गुलामी में निकाल दिए अब इनकी जिंदगी शुरू हो रही है ,मैं तुमपर भरोसा कर सकती हु …”

मलीना मेडम की आंखों में पानी था और साथ ही काजल और शबनम की आंखों में भी …

काजल ठीक हो चुकी थी लेकिन उसके फेफड़ो में छेद हो चुका था जो नही भर पाया था,एक महीने बीत चुके थे और आज उसे घर ले जाया जा रहा था ,यंहा सभी मौजूद थे ,डॉ,मलीना,मैं,निशा,पूर्वी ,काजल ,शबनम ,काजल के मुह बोले भाई और पिता साथ ही भाई का दोस्त सुशांत और रश्मि भी …

कुछ दिन पहले ही शबनम ने अपने पति को तलाक दिया था और वो मेरे साथ ही रहने वाली थी ,सुशांत और निशा का टाका भिड़ गया था,जिस लड़की ने उसे गोली मारी थी अब वही उसकी जीवन संगनी बनने वाली थी ,सुशांत को भी निशा का इतिहास पता था लेकिन फिर भी प्यार क्या देखता है ,??

पूर्वी अभी सिंगल थी ,मैंने सोचा था की शायद वो अजीम के भाई को डेट करेगी लेकिन उसने क्यो इंटरेस्ट नही दिखाया ..

मैंने निशा और सुशांत को होटल आदित्य को सम्हालने भेज दिया क्योकि अब वो भी हमारे नाम पर था,अजीम के भाई को जब उसके पिता और भाई की सच्चाई का पता चला वो भी खुशी खुशी होटल छोड़ने को तैयार हो गया,लेकिन उसके बदले हमने उसे एक दूसरी जगह पर होटल खोलकर दे दिया था ,

खान का होटल मैं और शबनम चलाने लगे थे,काजल को आराम की सख्त जरूरत थी ,वो बेहद ही कमजोर हो चुकी थी ,

रश्मि अपने होटल का कारोबार अच्छे से चला रही थी लेकिन अब दोनो होटल में कोई कंपीटिशन नही था बल्कि कई मामलों में एक दूसरे का सहयोग ही करते थे …

और डॉ चुतिया ..???

वो नई स्टोरी लिखने के सोच में लगा हुआ था…….



************* समाप्त *****************
 

Jason carter

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Jabardast story likhi hai bhai....!
Kal subah se rat bara baje tak khatam kar di
Maja aa gya incest and adultery and also happy ending hai bhai....!
Jo bhi story ap likhe usme happy ending hona bhai hero heroine ki....!
Dusri story start karta hu apki
Aise hi story likhte rahe....!
 
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