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अध्याय 72
मैं अभी नींद में ही था की पूर्वी ने मुझे झकझोर दिया ,
“भइया जल्दी से उठो शबनम बुला रही है “
“क्या हुआ अब उसे “
“रश्मि ने सिलेंडर कर दिया है “
मैं चौक कर उठ गया
“क्या “
मैं जल्दी के तैयार होकर नीचे आया तो शबनम मेरा इंतजार कर रही थी ,
“रश्मि ने अभी एक घंटे पहले ही सिलेंडर कर दिया है ,और वो हमसे मिलना चाहती है ,अपने वकील को भी बुलाया है ,अभी थाने में ही है “
बिना कुछ कहे ही हम दोनो उस ओर चल पड़े
*************
“फिक्र की कोई भी जरूरत नही है पुलिस अपना चार्जसीट जमा कर देगी और उनके पास आपके खिलाफ कोई ऐसा सबूत नही है की आपको दोषी माना जाय ,आप गोवा में जिस होटल में ठहरी थी उसका बिल जमा कर देंगे और कह देंगे की आपको अपने पिता की मौत का पता ही नही था क्योकि आप उसके दो दिन पहले ही गोवा के लिए निकल गई थी ,और कोई डिस्टर्ब ना करे इसलिए किसी को बतलाया नही था,और मोबाइल बंद कर दिया था ताकि काम का टेंसन ना हो और आप सकून से छुटिया माना सके ,आप अक्सर ऐसा करती है इसलिए किसी को भी शक नही हुआ की आप कहा है ,जब आप वापस आयी तो पता चला की पिता की हल्या हो गई है और आपको ही इसका दोषी माना जा रहा है ,तो अपने सिलेंडर कर दिया ...और इन्हें भी मैं सबकुछ समझा दूंगा ….बाकी कुछ भी हो जाए आप अपने बयान पर अडिग रहिएगा …”
रश्मि ने वकील की बात पर हा में सर हिलाया,साथ ही वकील ने भी हमे कुछ बाते समझा दी और चला गया …
अब कमरे में मैं रश्मि और शबनम ही बचे थे ,रश्मि मुझे देखकर मुस्कुरा रही थी ….
“निशा कहा है “
मैंने पहला प्रश्न किया
“तुम्हे बहुत याद करती है ,तुमसे बहुत प्यार जो करती है “
रश्मि ने उसी मुस्कान के साथ जवाब दिया
मैं चुप था
“लेकिन वो काजल से अब भी बहुत नाराज है क्योकि उसे लगता है की उसने अपने बदले की खातिर तुम्हारी जिंदगी को ही बर्बाद कर दिया है …”
“सही तो लगता है उसे ,मैं दोनो को ही बहुत प्यार करता हु और ये भी जानता हु की वो दोनो भी मुझे बहुत प्यार करते है लेकिन ….वक्त को शायद कुछ और ही मंजूर है जो हम साथ नही रह पा रहे है ,मेरी बहन को मुझसे ही मिलने में शर्म महसूस हो रही है और मेरी बीवी ………...पता नही काजल के दिल में मेरे लिए क्या है ,अब तो मैं समझना भी नही चाहता ..”
रश्मि के चहरे पर गंभीरता थी ..
“पहले मैं भी काजल से नाराज थी लेकिन जब से मैं निशा से मिली मुझे अपने पर ही गुस्सा आया ,मेरे पिता ने मेरी जिंदगी बर्बाद की ,पहले मेरी मा को मार दिया सिर्फ दौलत की खातिर फिर मुझे अपने दोस्त के बेटे के चंगुल में फेक दिया वो भी दौलत की खातिर ...अब मुझे किसी से कोई बदला नही लेना अब जाके मुझे सुकून मिला है ,अब शायद मैं अच्छे से बिना किसी गम के जीवन बिता पाऊंगी ...मन का बोझ क्या होता है बदले की आग क्या होती है ये तुम शायद नही समझोगे देव ,तुम सीधे साधे आदमी हो और शायद तुम्हे यही लगता होगा की काजल ने तुम्हारा यूज़ किया है जैसा की निशा को लगता है ,हा ये बात सही ही है लेकिन मैं ये भी जानती हु की बदले की बोझ में वो भी दबी जा रही है जितना जल्दी ये बोझ खत्म हो वो अपनी जीवन को आराम से जी पाएगी ,ये बात अलग है की इस बदले की कीमत उसने बहुत ज्यादा दी है ..
लेकिन कीमत तो चुकानी ही पड़ती है मैंने भी चुकाई है ,निशा ने भी चुकाई है और काजल भी चुका रही है …”
थोड़ी देर तक कमरे में शांति ही रही
“तुमने इतनी जल्दी सिलेंडर क्यो कर दिया ,पहले से बतलाया होता तो हम जमानत की कागज बनवा कर रखते “
शबनम ने कहा ,जिससे रश्मि के होठो में मुस्कान बिखर गई
“मुझे अजीम का पता चला ,और मैं उससे मिलना चाहती हु ,माना की वो कितना भी बड़ा गुनहगार हो लेकिन मैं एक औरत हु और और वो मेरा पहला प्यार था ,मेरा पति था...उसके अंत समय में मुझे उसके साथ होना चाहिए ,ऐसे जमानत मुझे आज शाम तक मिल जाएगी ,क्योकि कोई सुबूत मेरे खिलाफ है भी नही ,और मुझे अभी पुलिस कस्टडी में अजीम से मिलने की भी इजाजत मिल गई है “
रश्मि के होठो में के फीकी मुस्कान आ गई ,मैं उसके मनोदशा को देखकर सोच में पड़ गया था की आखिर एक औरत सचमे प्यार की देवी होती है ,जो अपने उस पति का भी साथ नही छोड़ना चाहती जिसने कभी उससे प्यार नही किया है ,लेकिन काजल ….???
वो मेरा साथ छोड़ कर चली गई जबकि मैंने तो उसे दिलो जान से चाहा था …
रश्मि ने जैसे मेरे दिल का हाल जान लिया था
“देव वो ही तुमसे बहुत प्यार करती है ,लेकिन अभी उसके सामने प्यार का इन्तहां देने की नौबत नही आयी है,मुझे यकीन है की जब समय पड़ेगा तो वो तुम्हारे नजरो में खरी उतरेगी …”
पता नही रश्मि की बात कितनी सच्ची थी और कितनी झूठी लेकिन ये जरूर सच था की अभी तक मैं ही प्यार का इन्तहां दे रहा हु ...उसके हर गलतियों के बावजूद उससे प्यार कर रहा हु ………….
*********************
अपने होटल में मैं और शबनम साथ साथ बैठे थे ,कोई कुछ भी नही कह पा रहा था …
“क्या तुम्हे नही लगता की हम भी गुनहगार है “
मैंने धीरे से कहा
“क्यो “
शबनम ने मुझे आश्चर्य से देखा
“क्योकी हमारे कारण भी तो कई लडकि इस धंधे में आयी है हमने भी तो कई लड़कियों को रंडी बना दिया है ,हमारे होटल में भी तो ये सब चलता है ,तो हममें और अजीम में फर्क ही क्या है “
शबनम मेरी बात को गौर से सुन रही थी और उसका चहरा थोड़ा गंभीर हो गया था ,उसने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे खिंचते हुए ले गई ,वो होटल का पीछे वाला हिस्सा था जंहा कुछ सर्विस क्वाटर बने हुए थे ,उसने उनमे से एक में दस्तक दी और दरवाजा खुला ,दो लडकिया बैठी हुई थी,एक कुछ 20 साल की लग रही थी वही दूसरी 25-30 की ..
“आज से तुम दोनो को ये काम करने की कोई जरूरत नही है तुम दूसरा काम कर सकती हो या चाहो तो जा सकती हो “
दोनो लड़कियों का चहरा जैसे पिला पड़ गया और वो दौड़ती हुई शबनम के कदमो में आकर गिर गई ..
दोनो ही रोने लगी थी,20 साल की लड़की गिड़गिड़ाने लगी
“दीदी हमसे कोई गलती हो गई है क्या ये आप क्या कह रही है हम कहा जाएंगे ,मेरी माँ का क्या होगा दीद वो बिना इलाज के मर जाएगी दीदी प्लीज् हमे यही रहने दो ….”
दूसरी भी फफक पड़ी थी
“दीदी मेरी बेटी को मैं पढ़ना चाहती हु गांव में मजदूरी करती थी ,वँहा का ठेकेदार ही मुझपर नजर लगाए रखता था ,आज अपनी बेटी को अच्छे स्कूल में पढा पा रही हु ,पति तो दारू के पीछे ही दीवाना है ,मुझे निकाल दोगी तो वो मेरी बेटी को ही धंधे में बैठा देगा दीदी गलती हुई हो तो हमे मार लीजिए लेकिन यंहा से मत निकालिए “
मैं उन दोनो को बस देखता ही रह गया था ,जिस्म का धंधा करने वाली ये औरते किन मुस्किलो से गुजर रही थी इस बात को जानने की कभी मैंने कोशिस ही नही की थी ,
हम तो बस जिस्म का व्यापार करने वाली औरतों को रंडी बोल कर निकल जाते है लेकिन सोचा ही नही की ये रंडी क्यो बनी …
शबनम मेरी ओर देखने लगी
“देव मुझे बस एक चीज बताओ की इन्हें रंडी किसने बनाया है ,हम लोगो ने या उस ठेकेदार ने जो इसके जिस्म को हवस की नजर से देखता था ,या उस पति ने जो दारू के लिए अपनी बीवी और बेटी का भी सौदा कर सकता है ,या फिर उस स्कूल में जो इतना फीस लेते है की अपनी बेटी को अच्छी शिक्षा के लिए इसे अपना जिस्म बेचना पड़ रहा है ...और देव इसे किसने रंडी बनाया है हमने या उस सरकारी हॉस्पिटल ने जंहा इसकी माँ का अच्छे से इलाज नही हो पाया और उसे प्राइवेट हॉस्पिटल में दाखिला करवाना पड़ा ,और क्या उसे उस प्राइवेट हॉस्पिटल ने रंडी नही बनाया जंहा की फीस भरने के लिए ये अपने जिस्म का सौदा करने को बाध्य हो गई है ….
देव तुमने पूछा था ना की हममें और अजीम में क्या फर्क है ,फर्क बस इतना है की हम किसी को जिस्म बेचने पर मजबूर नही करते लेकिन अजीम लड़कियों को मजबूर और ब्लैकमेल करके उनसे ये धंधा करवाता था…
हा ये धंधा तो एक ही है लेकिन इसे चलाने वाले अलग अलग लोग है एक में लड़कियां अपनी मर्जी से आती है और जाती है ,लेकिन जैसा धंधा अजीम करता है वँहा लड़कियां ना तो मर्जी से आती है ना ही जा सकती है ,बस यही अंतर है ….”
मैं बस उन दोनो लड़कियों को देखता तो कभी शबनम को आज शबनम के लिए मेरा प्यार और बढ़ गया था और साथ ही इस धंधे को लेकर मेरी ग्लानि भी मिट गई थी …………….
______________________________
अध्याय 73
शबनम मेरी तपती हुई जिंदगी में एक पेड़ की छाया की तरह आयी थी ,मैं से अपने बांहो में लिए लेटा हुआ था ,उसके प्यार भरे दिल ने मुझे जो सुकून दिया था मानो जीवन उठापटक में एक गहरा चैन था ..
उसके पास होने से ही मुझे अजीब सी शांति मिलती थी ,हम दोनो ही अभी अभी प्यार के दरिया में नहा कर निकले थे ,वो अब भी सोई हुई थी और बहुत प्यारी लग रही थी ,मैं उसके चहरे को ही देखे जा रहा था …
उसके मोबाइल में एक मेसेज आया ,
स्क्रीन लॉक था लेकिन वाट्सअप का नोटिफिकेशन दिखा रहा था ,कुछ लाइने साफ दिख रही थी …
मेसेज काजल का था और बस इतना ही दिखा की ..
‘आजा तेरा भी तो दोषी है …”
मैं कुछ समझ नही पाया शायद और भी मेसेज किये होंगे जिसमे एक को मैं पड़ पा रहा था …
शबनम उठाने के बाद मेसेज को देखी और उसके चहरे का रंग बदल गया
“क्या हुआ???”
मैंने सवाल किया
“कुछ नही ..”
उसने चहरे के भाव को छुपाते हुए अपने चहरे में मुस्कान लायी …
स्वाभाविक सी बात थी की वो मुझसे कुछ छुपा रही थी मैंने भी उसे जोर नही दिया ,वो थोड़ी देर में ही तैयार होकर निकल पड़ी लेकिन साला मुझे तो पीछा करने की आदत पड़ी हुई थी ,तो मैं पीछे लग गया …
वो एक गोदाम में पहुची जो की सालो से बंद थी जरूर कुछ कांड होने वाला था ,
मैं लुक छुप कर देखना चाहता था जैसे मेरी आदत बन रही थी ,...
मैं चुप चाप कोई खिड़की देखने लगा ताकि अंदर देख सकू एक छोटा सा दरवाजा मुझे दिख गया जो की पीछे की ओर खुलता था ,मैं हल्के से अंदर आया तो वँहा कबाड़ का ढेर पाया ,अंदर कुछ आवाजे आ रही थी मैं उन बड़े बड़े कबाड़ बन चुके मशीनों में छुपता हुआ आगे बढ़ रहा था …
“बैठ इसमें “
काजल की तेज आवाज ने मेरा ध्यान खिंचा ,मैं उस ओर बढ़ गया..
“ये तुम मेरे और मेरे बेटे के साथ क्यो कर रही हो काजल ..”
खान की दर्द भरी आवाज मेरे कानो के पड़ी सामने देखा तो दंग ही रह गया क्योकि सामने काजल और शबनम दोनो ही खड़े हुए थे और साथ ही खान बहुत ही गंभीर अवस्था में खड़ा हुआ था ,उसे जिस कुर्सी पर काजल बैठने को कह रही थी उसमे ना मालूम कितनी सुइयां लगी हुई थी ,खान उसे देखकर ही कांप रहा था लेकिन काजल के हाथो में पिस्तौल था ,
“बैठ जा मादरचोद “
इसबार शबनम ने कहा
“तुम लोग ये क्यो कर रहे हो ,मेरे बेटे के जाने के बाद ऐसे भी मेरा जीना व्यर्थ हो चुका है,तुम सारी दौलत ले लो लेकिन मुझे अब मेरी बाकी की जिंदगी शांति से बिताने दो “
काजल जोरो से हँस पड़ी लेकिन साथ ही उसके लाल लाल आंखों में आंसू भी छलक उठा था …
“शांति के साथ ...वाह ...तुम्हारे कारण हमारे जीवन की शांति चली गई और तुम अपनी जिंदगी शांति से बिताने की बात कर रहे हो …”
“आखिर हो कौन तुम .और क्या चाहते हो .”
खान झल्ला गया था
“वो भी पता चल जाएगा “
उसने खान को जोर का धक्का दिया और वो कुर्सी में जा बैठा ,उसके मुह से दिल दहला देने वाली चीख निकली क्योकि सारे सुइयां अब उसके पिछवाड़े में जा गड़े थे,फर्श पर खून फुट पड़ा और तुरंत ही शबनम ने रश्सी उठाकर उसे बांध दिया था ,खान मानो दर्द से मर ही जाने वाला था,
“तू जानना चाहता है ना की हम कौन है तो सुन …..”
काजल कहती चली गई और खान की आंखे बड़ी होती गई …
“तुम मुझे मार ही क्यो नही डालती “
खान रोया
“ऐसे नही तेरे दोस्त को तो बहुत आराम की मौत नसीब हो गई वो तो मेरे हाथो से बच गया लेकिन अब तुझे ही उसका कोटा भी पूरा करना होगा …”
काजल ने एक इंगजेक्शन अपने पर्स से निकाला और खान को दे दिया
“तेरा शरीर 3 दिनों में अब धीरे धीरे गलेगा ,शबनम इसे उठा कर हॉस्पिटल में डाल दो ,जंहा इसका बेटा पड़ा हुआ है ,और हा याद रखना एक घंटे से पहले मत ले जाना..”
दोनो मिलकर उसे गाड़ी में डालने लगे
“रुको ,मेरी पूरी दौलत ले लो लेकिन मुझे छोड़ दो ..”
“तेरे पास है ही क्या ...तेरी पूरी दौलत अब मेरे और शबनम के नाम हो चुकी है ,और जो तेरे नाम पर है भी वो बिजनेस ही पूरी तरह से डूब चुका है ,कर्ज में वो भी बिक ही जाएगा “
उसे डालने के बाद शबनम चली गई और काजल बस अकेले ही एक कोने में बैठ गई ,उसका चहरा बस शांत था कोई भी भाव उसमे दिखाई नही दे रहे थे ,इसी दिन के लिए उसने इतनी मेहनत की थी और ये इतनी जल्दी और इतने आराम से खत्म हो जाएगा उसने सोचा भी नही होगा …
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मैं अभी नींद में ही था की पूर्वी ने मुझे झकझोर दिया ,
“भइया जल्दी से उठो शबनम बुला रही है “
“क्या हुआ अब उसे “
“रश्मि ने सिलेंडर कर दिया है “
मैं चौक कर उठ गया
“क्या “
मैं जल्दी के तैयार होकर नीचे आया तो शबनम मेरा इंतजार कर रही थी ,
“रश्मि ने अभी एक घंटे पहले ही सिलेंडर कर दिया है ,और वो हमसे मिलना चाहती है ,अपने वकील को भी बुलाया है ,अभी थाने में ही है “
बिना कुछ कहे ही हम दोनो उस ओर चल पड़े
*************
“फिक्र की कोई भी जरूरत नही है पुलिस अपना चार्जसीट जमा कर देगी और उनके पास आपके खिलाफ कोई ऐसा सबूत नही है की आपको दोषी माना जाय ,आप गोवा में जिस होटल में ठहरी थी उसका बिल जमा कर देंगे और कह देंगे की आपको अपने पिता की मौत का पता ही नही था क्योकि आप उसके दो दिन पहले ही गोवा के लिए निकल गई थी ,और कोई डिस्टर्ब ना करे इसलिए किसी को बतलाया नही था,और मोबाइल बंद कर दिया था ताकि काम का टेंसन ना हो और आप सकून से छुटिया माना सके ,आप अक्सर ऐसा करती है इसलिए किसी को भी शक नही हुआ की आप कहा है ,जब आप वापस आयी तो पता चला की पिता की हल्या हो गई है और आपको ही इसका दोषी माना जा रहा है ,तो अपने सिलेंडर कर दिया ...और इन्हें भी मैं सबकुछ समझा दूंगा ….बाकी कुछ भी हो जाए आप अपने बयान पर अडिग रहिएगा …”
रश्मि ने वकील की बात पर हा में सर हिलाया,साथ ही वकील ने भी हमे कुछ बाते समझा दी और चला गया …
अब कमरे में मैं रश्मि और शबनम ही बचे थे ,रश्मि मुझे देखकर मुस्कुरा रही थी ….
“निशा कहा है “
मैंने पहला प्रश्न किया
“तुम्हे बहुत याद करती है ,तुमसे बहुत प्यार जो करती है “
रश्मि ने उसी मुस्कान के साथ जवाब दिया
मैं चुप था
“लेकिन वो काजल से अब भी बहुत नाराज है क्योकि उसे लगता है की उसने अपने बदले की खातिर तुम्हारी जिंदगी को ही बर्बाद कर दिया है …”
“सही तो लगता है उसे ,मैं दोनो को ही बहुत प्यार करता हु और ये भी जानता हु की वो दोनो भी मुझे बहुत प्यार करते है लेकिन ….वक्त को शायद कुछ और ही मंजूर है जो हम साथ नही रह पा रहे है ,मेरी बहन को मुझसे ही मिलने में शर्म महसूस हो रही है और मेरी बीवी ………...पता नही काजल के दिल में मेरे लिए क्या है ,अब तो मैं समझना भी नही चाहता ..”
रश्मि के चहरे पर गंभीरता थी ..
“पहले मैं भी काजल से नाराज थी लेकिन जब से मैं निशा से मिली मुझे अपने पर ही गुस्सा आया ,मेरे पिता ने मेरी जिंदगी बर्बाद की ,पहले मेरी मा को मार दिया सिर्फ दौलत की खातिर फिर मुझे अपने दोस्त के बेटे के चंगुल में फेक दिया वो भी दौलत की खातिर ...अब मुझे किसी से कोई बदला नही लेना अब जाके मुझे सुकून मिला है ,अब शायद मैं अच्छे से बिना किसी गम के जीवन बिता पाऊंगी ...मन का बोझ क्या होता है बदले की आग क्या होती है ये तुम शायद नही समझोगे देव ,तुम सीधे साधे आदमी हो और शायद तुम्हे यही लगता होगा की काजल ने तुम्हारा यूज़ किया है जैसा की निशा को लगता है ,हा ये बात सही ही है लेकिन मैं ये भी जानती हु की बदले की बोझ में वो भी दबी जा रही है जितना जल्दी ये बोझ खत्म हो वो अपनी जीवन को आराम से जी पाएगी ,ये बात अलग है की इस बदले की कीमत उसने बहुत ज्यादा दी है ..
लेकिन कीमत तो चुकानी ही पड़ती है मैंने भी चुकाई है ,निशा ने भी चुकाई है और काजल भी चुका रही है …”
थोड़ी देर तक कमरे में शांति ही रही
“तुमने इतनी जल्दी सिलेंडर क्यो कर दिया ,पहले से बतलाया होता तो हम जमानत की कागज बनवा कर रखते “
शबनम ने कहा ,जिससे रश्मि के होठो में मुस्कान बिखर गई
“मुझे अजीम का पता चला ,और मैं उससे मिलना चाहती हु ,माना की वो कितना भी बड़ा गुनहगार हो लेकिन मैं एक औरत हु और और वो मेरा पहला प्यार था ,मेरा पति था...उसके अंत समय में मुझे उसके साथ होना चाहिए ,ऐसे जमानत मुझे आज शाम तक मिल जाएगी ,क्योकि कोई सुबूत मेरे खिलाफ है भी नही ,और मुझे अभी पुलिस कस्टडी में अजीम से मिलने की भी इजाजत मिल गई है “
रश्मि के होठो में के फीकी मुस्कान आ गई ,मैं उसके मनोदशा को देखकर सोच में पड़ गया था की आखिर एक औरत सचमे प्यार की देवी होती है ,जो अपने उस पति का भी साथ नही छोड़ना चाहती जिसने कभी उससे प्यार नही किया है ,लेकिन काजल ….???
वो मेरा साथ छोड़ कर चली गई जबकि मैंने तो उसे दिलो जान से चाहा था …
रश्मि ने जैसे मेरे दिल का हाल जान लिया था
“देव वो ही तुमसे बहुत प्यार करती है ,लेकिन अभी उसके सामने प्यार का इन्तहां देने की नौबत नही आयी है,मुझे यकीन है की जब समय पड़ेगा तो वो तुम्हारे नजरो में खरी उतरेगी …”
पता नही रश्मि की बात कितनी सच्ची थी और कितनी झूठी लेकिन ये जरूर सच था की अभी तक मैं ही प्यार का इन्तहां दे रहा हु ...उसके हर गलतियों के बावजूद उससे प्यार कर रहा हु ………….
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अपने होटल में मैं और शबनम साथ साथ बैठे थे ,कोई कुछ भी नही कह पा रहा था …
“क्या तुम्हे नही लगता की हम भी गुनहगार है “
मैंने धीरे से कहा
“क्यो “
शबनम ने मुझे आश्चर्य से देखा
“क्योकी हमारे कारण भी तो कई लडकि इस धंधे में आयी है हमने भी तो कई लड़कियों को रंडी बना दिया है ,हमारे होटल में भी तो ये सब चलता है ,तो हममें और अजीम में फर्क ही क्या है “
शबनम मेरी बात को गौर से सुन रही थी और उसका चहरा थोड़ा गंभीर हो गया था ,उसने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे खिंचते हुए ले गई ,वो होटल का पीछे वाला हिस्सा था जंहा कुछ सर्विस क्वाटर बने हुए थे ,उसने उनमे से एक में दस्तक दी और दरवाजा खुला ,दो लडकिया बैठी हुई थी,एक कुछ 20 साल की लग रही थी वही दूसरी 25-30 की ..
“आज से तुम दोनो को ये काम करने की कोई जरूरत नही है तुम दूसरा काम कर सकती हो या चाहो तो जा सकती हो “
दोनो लड़कियों का चहरा जैसे पिला पड़ गया और वो दौड़ती हुई शबनम के कदमो में आकर गिर गई ..
दोनो ही रोने लगी थी,20 साल की लड़की गिड़गिड़ाने लगी
“दीदी हमसे कोई गलती हो गई है क्या ये आप क्या कह रही है हम कहा जाएंगे ,मेरी माँ का क्या होगा दीद वो बिना इलाज के मर जाएगी दीदी प्लीज् हमे यही रहने दो ….”
दूसरी भी फफक पड़ी थी
“दीदी मेरी बेटी को मैं पढ़ना चाहती हु गांव में मजदूरी करती थी ,वँहा का ठेकेदार ही मुझपर नजर लगाए रखता था ,आज अपनी बेटी को अच्छे स्कूल में पढा पा रही हु ,पति तो दारू के पीछे ही दीवाना है ,मुझे निकाल दोगी तो वो मेरी बेटी को ही धंधे में बैठा देगा दीदी गलती हुई हो तो हमे मार लीजिए लेकिन यंहा से मत निकालिए “
मैं उन दोनो को बस देखता ही रह गया था ,जिस्म का धंधा करने वाली ये औरते किन मुस्किलो से गुजर रही थी इस बात को जानने की कभी मैंने कोशिस ही नही की थी ,
हम तो बस जिस्म का व्यापार करने वाली औरतों को रंडी बोल कर निकल जाते है लेकिन सोचा ही नही की ये रंडी क्यो बनी …
शबनम मेरी ओर देखने लगी
“देव मुझे बस एक चीज बताओ की इन्हें रंडी किसने बनाया है ,हम लोगो ने या उस ठेकेदार ने जो इसके जिस्म को हवस की नजर से देखता था ,या उस पति ने जो दारू के लिए अपनी बीवी और बेटी का भी सौदा कर सकता है ,या फिर उस स्कूल में जो इतना फीस लेते है की अपनी बेटी को अच्छी शिक्षा के लिए इसे अपना जिस्म बेचना पड़ रहा है ...और देव इसे किसने रंडी बनाया है हमने या उस सरकारी हॉस्पिटल ने जंहा इसकी माँ का अच्छे से इलाज नही हो पाया और उसे प्राइवेट हॉस्पिटल में दाखिला करवाना पड़ा ,और क्या उसे उस प्राइवेट हॉस्पिटल ने रंडी नही बनाया जंहा की फीस भरने के लिए ये अपने जिस्म का सौदा करने को बाध्य हो गई है ….
देव तुमने पूछा था ना की हममें और अजीम में क्या फर्क है ,फर्क बस इतना है की हम किसी को जिस्म बेचने पर मजबूर नही करते लेकिन अजीम लड़कियों को मजबूर और ब्लैकमेल करके उनसे ये धंधा करवाता था…
हा ये धंधा तो एक ही है लेकिन इसे चलाने वाले अलग अलग लोग है एक में लड़कियां अपनी मर्जी से आती है और जाती है ,लेकिन जैसा धंधा अजीम करता है वँहा लड़कियां ना तो मर्जी से आती है ना ही जा सकती है ,बस यही अंतर है ….”
मैं बस उन दोनो लड़कियों को देखता तो कभी शबनम को आज शबनम के लिए मेरा प्यार और बढ़ गया था और साथ ही इस धंधे को लेकर मेरी ग्लानि भी मिट गई थी …………….
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अध्याय 73
शबनम मेरी तपती हुई जिंदगी में एक पेड़ की छाया की तरह आयी थी ,मैं से अपने बांहो में लिए लेटा हुआ था ,उसके प्यार भरे दिल ने मुझे जो सुकून दिया था मानो जीवन उठापटक में एक गहरा चैन था ..
उसके पास होने से ही मुझे अजीब सी शांति मिलती थी ,हम दोनो ही अभी अभी प्यार के दरिया में नहा कर निकले थे ,वो अब भी सोई हुई थी और बहुत प्यारी लग रही थी ,मैं उसके चहरे को ही देखे जा रहा था …
उसके मोबाइल में एक मेसेज आया ,
स्क्रीन लॉक था लेकिन वाट्सअप का नोटिफिकेशन दिखा रहा था ,कुछ लाइने साफ दिख रही थी …
मेसेज काजल का था और बस इतना ही दिखा की ..
‘आजा तेरा भी तो दोषी है …”
मैं कुछ समझ नही पाया शायद और भी मेसेज किये होंगे जिसमे एक को मैं पड़ पा रहा था …
शबनम उठाने के बाद मेसेज को देखी और उसके चहरे का रंग बदल गया
“क्या हुआ???”
मैंने सवाल किया
“कुछ नही ..”
उसने चहरे के भाव को छुपाते हुए अपने चहरे में मुस्कान लायी …
स्वाभाविक सी बात थी की वो मुझसे कुछ छुपा रही थी मैंने भी उसे जोर नही दिया ,वो थोड़ी देर में ही तैयार होकर निकल पड़ी लेकिन साला मुझे तो पीछा करने की आदत पड़ी हुई थी ,तो मैं पीछे लग गया …
वो एक गोदाम में पहुची जो की सालो से बंद थी जरूर कुछ कांड होने वाला था ,
मैं लुक छुप कर देखना चाहता था जैसे मेरी आदत बन रही थी ,...
मैं चुप चाप कोई खिड़की देखने लगा ताकि अंदर देख सकू एक छोटा सा दरवाजा मुझे दिख गया जो की पीछे की ओर खुलता था ,मैं हल्के से अंदर आया तो वँहा कबाड़ का ढेर पाया ,अंदर कुछ आवाजे आ रही थी मैं उन बड़े बड़े कबाड़ बन चुके मशीनों में छुपता हुआ आगे बढ़ रहा था …
“बैठ इसमें “
काजल की तेज आवाज ने मेरा ध्यान खिंचा ,मैं उस ओर बढ़ गया..
“ये तुम मेरे और मेरे बेटे के साथ क्यो कर रही हो काजल ..”
खान की दर्द भरी आवाज मेरे कानो के पड़ी सामने देखा तो दंग ही रह गया क्योकि सामने काजल और शबनम दोनो ही खड़े हुए थे और साथ ही खान बहुत ही गंभीर अवस्था में खड़ा हुआ था ,उसे जिस कुर्सी पर काजल बैठने को कह रही थी उसमे ना मालूम कितनी सुइयां लगी हुई थी ,खान उसे देखकर ही कांप रहा था लेकिन काजल के हाथो में पिस्तौल था ,
“बैठ जा मादरचोद “
इसबार शबनम ने कहा
“तुम लोग ये क्यो कर रहे हो ,मेरे बेटे के जाने के बाद ऐसे भी मेरा जीना व्यर्थ हो चुका है,तुम सारी दौलत ले लो लेकिन मुझे अब मेरी बाकी की जिंदगी शांति से बिताने दो “
काजल जोरो से हँस पड़ी लेकिन साथ ही उसके लाल लाल आंखों में आंसू भी छलक उठा था …
“शांति के साथ ...वाह ...तुम्हारे कारण हमारे जीवन की शांति चली गई और तुम अपनी जिंदगी शांति से बिताने की बात कर रहे हो …”
“आखिर हो कौन तुम .और क्या चाहते हो .”
खान झल्ला गया था
“वो भी पता चल जाएगा “
उसने खान को जोर का धक्का दिया और वो कुर्सी में जा बैठा ,उसके मुह से दिल दहला देने वाली चीख निकली क्योकि सारे सुइयां अब उसके पिछवाड़े में जा गड़े थे,फर्श पर खून फुट पड़ा और तुरंत ही शबनम ने रश्सी उठाकर उसे बांध दिया था ,खान मानो दर्द से मर ही जाने वाला था,
“तू जानना चाहता है ना की हम कौन है तो सुन …..”
काजल कहती चली गई और खान की आंखे बड़ी होती गई …
“तुम मुझे मार ही क्यो नही डालती “
खान रोया
“ऐसे नही तेरे दोस्त को तो बहुत आराम की मौत नसीब हो गई वो तो मेरे हाथो से बच गया लेकिन अब तुझे ही उसका कोटा भी पूरा करना होगा …”
काजल ने एक इंगजेक्शन अपने पर्स से निकाला और खान को दे दिया
“तेरा शरीर 3 दिनों में अब धीरे धीरे गलेगा ,शबनम इसे उठा कर हॉस्पिटल में डाल दो ,जंहा इसका बेटा पड़ा हुआ है ,और हा याद रखना एक घंटे से पहले मत ले जाना..”
दोनो मिलकर उसे गाड़ी में डालने लगे
“रुको ,मेरी पूरी दौलत ले लो लेकिन मुझे छोड़ दो ..”
“तेरे पास है ही क्या ...तेरी पूरी दौलत अब मेरे और शबनम के नाम हो चुकी है ,और जो तेरे नाम पर है भी वो बिजनेस ही पूरी तरह से डूब चुका है ,कर्ज में वो भी बिक ही जाएगा “
उसे डालने के बाद शबनम चली गई और काजल बस अकेले ही एक कोने में बैठ गई ,उसका चहरा बस शांत था कोई भी भाव उसमे दिखाई नही दे रहे थे ,इसी दिन के लिए उसने इतनी मेहनत की थी और ये इतनी जल्दी और इतने आराम से खत्म हो जाएगा उसने सोचा भी नही होगा …
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