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Romance रंडी से प्यार (Completed)

Chutiyadr

Well-Known Member
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अध्याय 28

मैं खुशी की लहर में सवार था ,सब कुछ ठीक ही चल रहा था,शकील मेरी बात मान रहा था,काजल का ऑपरेशन सक्सेसजफुल था और उसका पैसा भी जुगाड़ हो चुका था,थोड़ा पैसा एक मंत्री मोहोदय ने दिया था बाकी मेरे जेब से गया था,चीजे इतनी ठीक हो गई थी की मुझे कभी कभी अपने भाग्य पर भी भरोसा नही होता था…

तरुणा एक दिन मुझसे कालेज में मिली

“यार काजल वंहा होस्टल में बैठे बैठे बोर हो जाती है क्यो ना वो भी अपनी पढ़ाई पूरी कर ले “

तरुणा के बात से मैं सोच में पड़ गया

“क्या वो पढ़ी लिखी है “

“हाँ उसने 12th तक की पढ़ाई साइंस में की थी मैं सोच रही हु की उसे कालेज में दाखिला दिला दिया जाए “

“लेकिन अभी भी शकील के लड़के उसे ढूंढ ही रहे है “

“तो ढ़ंढने दो ना एक गर्ल्स कालेज में उसका दाखिला करवा देते है ,प्रिंसपल से बात मैं और भाई (अविनाश) कर लेंगे ,काजल से मैंने एक बार पूछा था की उसे क्या बनना है उसने कहा की वो वकील बन कर बेसहारा लोगो के लिए केस लड़ना चाहती है ,तो क्यो ना उसे लॉ से ही ग्रेजुएट किया जाए “

मैं अभी भी शकील के डर में था लेकिन तरुणा बहुत ही कॉन्फिडेंट दिख रही थी…..

“ठीक है जैसा आपलोगो को अच्छा लगे…”

“गुड ,और एक अच्छी खबर है अविनाश काजल से मिलने को तैयार हो गया है “

तरुणा की बात सुनकर मैं उछल पड़ा…

“क्या ये कैसे हुआ “

“बस तरुणा का जादू है ,भाई मेरी बात बहुत कम ही नही मानता ,मैं उसके पीछे पड़ी थी और वो मान गया “

मेरे दिल में ना जाने कितने सवाल घूम रहे थे,

“क्या हुआ मेरा भाई स्मार्ट है लेकिन तेरी काजल को लेकर नही उड़ जाएगा जो तू इतना सोच रहा है “

मुझे सोचता हुआ देख कर तरुणा ने कहा और मेरी तंद्रा भंग हुई

“नही नही ऐसी कोई बात नही है ……..”

मैं हँस तो रहा था लेकिन मैं उस मोमेंट को मिस नही करना चाहता था जब अविनाश और काजल एक दूसरे से मिले……

*************

आखिर वो दिन तय कर लिया गया जब अविनाश और काजल मिलने वाले थे ,अविनाश गर्ल्स होस्टल में जाकर उससे मिलने वाला था ,मुझे खास हिदायत तरुणा और काजल दोनों ने दी थी की मैं वंहा उस समय नही आ सकता,मेरे लिये ये बात और भी चुभने वाली थी की काजल भी मुझे वंहा उस समय नही चाहती थी ….

लेकिन इससे मेरी बेताबी और भी बढ़ गई थी मैं सीधे अविनाश से मिला

“भाई थैंक्स अपने मेरे लिए इतना कुछ किया ,और आप काजल से मिलने वाले भी हो “

अविनाश मुझे देखकर मुस्कुराया

“अरे छोटे इसमें थैंक्स की क्या बात है ,और मेरी बहन ने इतना जिद किया की मुझे उससे मिलने जाना ही पड़ा,मैं तो चाहता था की तू भी मेरे साथ रहे लेकिन ……..लेकिन पता नही को तरुणा मना कर रही है ,शायद वो नही चाहती की शकील को इसकी भनक लगे ..”

मैं जानता था की शकील के लोग मेरा पीछा नही कर रहे थे,मैंने ये बात तरुणा को भी बताई थी लेकिन नही ….वो अब भी चाहती थी की अविनाश काजल से अकेले में मिले…..

“ठीक है भाई अगर ऐसा है तो आप ही जाओ कब जा रहे हो ..”

“कल सुबह 11 बजे के करीब “

“कहा मिलोगे”

“वही गर्ल्स होस्टल के मीटिंग रूम में जंहा लड़कियों के पेरेंट्स मिलते है “

“ओके…”

***************

मैं वंहा से निकल तो गया लेकिन मेरे दिमाग में एक आंदोलन चल रहा था ना जाने अविनाश और कजाल का ऐसा क्या रिश्ता था जो मुझे भी आने से मना किया गया था ,काजल ने मना किया था या नही ये तो मैं नही जानता लेकिन तरुणा जरूर मेरे आने के सख्त खिलाफ लग रही थी ….

मैंने निश्चय किया था की मैं ये पता लगा कर रहूंगा,और मैं दूसरे दिन 11 बजे वंहा पहुच गया

अविनाश अंदर गया मैं भी अंदर गया लेकिन दूसरे तरीके से मैं उस कमरे के पास ही खड़ा हुआ बाहर एक खिड़की से अंदर का नजारा देख पा रहा था,अविनाश बड़े ही आराम से बैठा था ,

थोड़े देर में फिर से कमरा खुला...काजल और तरुणा अंदर आयी लेकिन तरुणा तुरंत ही वापस निकल गई अभी भी दोनों ही बस एक दूसरे को देख रहे थे……

अविनाश विस्मय से अपना मुह खोले हुआ था ,वही काजल नार्मल ही लग रही थी लेकिन थोड़ी नर्भस थी ,वही तरुणा के चहरे में ना जाने क्यो बेहद ही खुशी थी ………

“प्रिया तुम ……...“

तरुणा के जाने के बाद ही अविनाश बोल उठा काजल नजर गड़ाए खड़ी थी …

“ऐसा नही हो सकता ये तुम नही हो सकती मेरी प्रिया की ये हालत नही हो सकती “

अविनाश दूर ही खड़ा था उसकी आवाज भर्रा गई थी

“वक्त का खेल है अवि ,मेरे पास आओ “

कजाल ने अपनी बांहे फैला दी ,अविनाश किसी बच्चे की तरह दौड़ता हुआ आया और उससे लिपट गया..

“प्रिया,ये क्या हो गया हे,भगवान मैंने कहा कहा नही ढूंढा तुम्हे “

दोनों के नैनो से मोती झर रहे थे ,

“इसमें तुम्हरी कोई गलती नही है अवि “

“जिसकी गलती है मैं उसे कभी नही छोडूंगा प्रिया ,उस रंडी काजल को मैं कभी माफ नही करूंगा “

काजल ने गहरी सांस ली ,उधर मेरी सांस ही रुक सी गई थी

“काजल ने जो किया उसकी सजा तो उसे कुदरत ने दे दी अवि,हमशे उसने जो धोखा किया उसकी सजा उसे वैसे ही मिली,उसने तुमसे प्यार एक झूठा नाटक किया मुझे अपनी दोस्ती के जाल में फसाया और उसे भी झूठे दोस्ती और प्यार का शिकार होना पड़ा,”

अविनाश अब काजल से दूर हट चुका था वो उसे ही देख रहा था..

“तुम्हे और कोई नाम नही मिला जो उस कमीनी का नाम रख लिया “

इस बार काजल मुस्कुराई

“ये नाम तो मुझे शकील ने दिया था ,शायद अपनी प्रेमिका की याद में जिसे उसने अपने ही हाथो से मार दिया “

अविनाश का हाथ काजल के चहरे में था,उसके चहरे का भाव अब बदलने लगा था..

“तो वो शकील था जिसने तुम्हारा ये हाल किया ,इसके लिए वो जिंदगी भर पछतायेगा “

अविनाश की आवाज में गुस्से की कम्पन साफ दिख रही थी ..

“नही अवि नही ,वो बेहद ही ताकतवर है कोई भी गतल कदम खतरनाक हो सकता है ,मैं तुम्हे फिर से नही खोना चाहती ,मैं राहुल को नही खोना चाहती “

काजल की आवाज कांप गई

“प्रिया अब मैं वो सीधा साधा लड़का नही हु जो कभी तुम्हारा दोस्त हुआ करता था “

“हा वो तो जानती हु,मेरा प्यारा अवि अब कितना खतरनाक हो चुका है,जिस दिन मुझे शकील के लोगो के बीच से उठाकर लाये थे मैं तब ही समझ गई थी की ये कोई बड़ा शातिर आदमी है लेकिन जब पता चला की ये तुम हो तो यकीन ही नही हुआ की मेरा अवि ऐसे कैसे हो गया “

“वक्त .वक्त इंसान को बदलने पर मजबूर कर देता है ,अब राहुल को ही देखो ,पहले मैं भी उसके जैसे सीधा साधा था लेकिन उस रंडी ने …”

काजल ने तुरंत ही अवि के होठो पर अपनी उंगली रख दी

“जो हुआ उसे भूल जाओ अवि अब हमारे पास इस जीवन को फिर से शुरू करने का एक अवसर है “

“शकील को उसके किये की सजा तो मिलेगी प्रिया ,मैं उसे बर्बाद कर दूंगा ,उसने तेरे ऊपर ना जाने कितने जुल्म ढाए है इसकी सजा तो से मिलेगी “

काजल बड़े ही प्यार से उसे देख रही थी

“जरूर मिलेगी लेकिन अभी नही “

काजल के चहरे में वो खुशी देखकर मेरा भी दिल झूम गया था ऐसा लगा जैसे जाकर अभी उन लोगो के बीच में कूद जाऊ और काजल और अविनाश को गले से लगा लू लेकिन ,मैं खुद ही चोरों की तरह छिपा हुआ था…….

तभी कोई नुकीली चीज मेरे माथे में टकराई

“ख़बरदार जो हिले तो यही भेजा खोल दूंगा “

मैं जब पलटा तो वो होस्टल का चौकीदार था

“यंहा क्या कर रहे हो चलो इधर “उसकी आवाज बेहद ही कड़क थी

“छोड़ दो भैया अपनी अपनी महबूब से मिलने आया होगा “

ये तरुणा की आवाज थी जो मुझे बेहद ही नाराजगी से घूरे जा रही थी ,उसे देखकर मेरी और भी हालत खराब हो गई

“अरे बेटी ये साला खिड़की से ताका झांकी कर रहा था “

“अच्छा …”तरुणा ने मुझे घुरा

“वो मैं ..वो “

“चुप रहो,जब बोला था तुम्हे की तुम्हे नही आना है तो तुम यंहा जासूसी कर रहे थे “

तरुणा गरजी

“नही मैं वो..”

“क्या वो ..चलो अब अंदर तुम्हारी क्लास लेती हु “

मैं घबराता हुआ उसके साथ गया,वो मुझे लेकर उसी कमरे में ले गई जंहा काजल और अविनाश दोनों थे ..वी दोनों ही मुझे देखकर चौके ,

“ये देख काजल तुम्हारा आशिक तुम्हारी जासूसी कर रहा था “

“नही नही ऐसी कोई बात नही है “मैं सकपकाया

“ये गलत बात है राहुल ऐसा नही करना चाहिए तुझे अपने प्यार पे भरोसा नही है क्या ?”

इस बार अविनाश ने कहा

“मैंने ये कब कहा “अब मैं सच में परेशान हो गया था क्योकि काजल कोई भी रिएक्शन नही दे रही थी और ये लोग बात को कहा से कहा ले जा रहे थे ,

“सच में राहुल तू चूतिया तो था लेकिन अब शक्की भी होई गया है “

काजल के होठो में एक व्यंगात्मक सी मुस्कान थी

“अरे ऐसा कुछ भी नही है,मैं भी अविनाश सर के साथ आना चाहता था लेकिन मुझे मना कर दिया गया,अब शकील भी केशरगढ़ से है और अविनाश भी,और शकील का चहरा भी अविनाश को देखकर उतर गया था तो .. तो मैं इतने दिन से जानने को बेताब था की अविनाश सर, काजल और शकील के बीच आखिर संबंध क्या है ,बस इसीलिए “

सभी ने अपना चहरा बनावटी रूप से सोचने वाला किया

“गलत बात गलत बात “तरुणा ने सर हिलाया और सभी जोरो से हँस पड़े

“अब तो तुम सब जान गए होंगे “

काजल मुस्कुरा रही थी

“हा और अविनाश सर आप अभी शकील को कुछ भी नही करेंगे ,मेरे पास प्लान है “

“ओहो तेरा मजनू तो प्लान की खान ही है,हर चीज के लिए इसके पास प्लान पहले से तैयार रहता है “तरुणा की बात से काजल थोड़ा शर्मा सी गई ………...
 

Sabhi91

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Nice update sir jee, aapki lekhni lawajab hai, apki story ka kuch update padh k hi mai aapka bahut bada fan ho gaya aisa lagta hi nhi hai ki story padh raha hu film ki trah sare scene apne aap hi dimag mai aane lagta hai,

Lawajab sir jeerr
 

brego4

Well-Known Member
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Great twist n turn in story dactar sahib

kajal/priya aur avinash ka rishta akhir hai kya dpst ya premi ka ? tum koi bhi kahani seedhi nahi likh sakte ?
 
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